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Adultery बहन चुद गई
#1
बहन चुद गई

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
अमित है और मेरी बहन का नाम पूनम है और हमारी फेमिली में मेरी माँ और मेरी बहन है। मेरे पापा की कुछ समय पहले एक बीमारी की वजह से म्रत्यु हो गयी थी। मेरी उम्र 21 साल है और में एक कॉलेज में पड़ता हूँ.. मेरी बहन की उम्र 25 साल है और वो एक प्राईमरी कॉलेज में पड़ती है। मेरी बहन पूनम बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-32-37 है.. रंग गोरा नहीं है.. लेकिन काली भी नहीं है.. वो थोड़ा साफ कलर की लड़की है जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता होगा.. उसके बाल बहुत काले है और लंबे भी है।
दोस्तों में अब स्टोरी पर आता हूँ.. पूनम का कॉलेज एक बजे ख़त्म हो जाता है। एक दिन में उसके कॉलेज के पास से गुजर रहा था तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ खड़ी थी और कुछ बातें कर रही थी। तभी थोड़ी ही देर में एक मेडम आई और पूनम को साथ लेकर चली गयी और मैंने देखा कि वो लड़का और एक दूसरा आदमी उसके पीछे चले गये.. वो दोनों लड़के शायद उसके कॉलेज के टीचर थे। फिर रास्ते में उन्होंने अपनी बाईक रोकी और एक पान की दुकान पर खड़े हो गये और एक दूसरे से बातें करने लगे। में भी उसके पास में रुक गया और उनकी बातें सुनने लगा.. वो आपस में बातें कर रहे थे कि यार अश्विन तूने तो पूनम मेडम को चोदा है ना?
अश्विन : हाँ विजय कई बार चोदा है.. पूनम बड़े मज़े करती है.. लेकिन तू क्यों पूछ रहा है? क्यों तूने भी तो रेखा मेडम को चोदा है ना?
विजय : हाँ यार.. लेकिन वो तो बड़ी औरत है। उसमे मज़े नहीं है वो 36 साल की है और पूनम मेडम तो शायद 24-25 साल की होगी।
अश्विन : हाँ यार पूनम की तो बात ही कुछ और है उसके बूब्स बड़े ही मस्त है और उसकी गांड तो जैसे कयामत है यार।
विजय : और उसकी चूत?
अश्विन : अरे यार तुझे चोदना है क्या पूनम को? साफ साफ क्यों नहीं रहा है?
विजय : तू कुछ करवा सकता है क्या? तो प्लीज़ तू रेखा को चोद सकता है।
अश्विन : चल पहले रेखा मेडम के घर देखते है कि कुछ होता है कि नहीं?
फिर वो दोनों लोग रेखा मेडम के घर पर चले गये और मैंने देखा कि मेरी बहन पूनम की स्कूटी वहां पर खड़ी थी और वो लोग अंदर चले गये.. में बाहर से देखना चाहता था कि अंदर क्या होता है? तो मैंने एक खिड़की से अंदर देखा कि क्या हो रहा है? और जैसे ही वो लोग अंदर गये।
रेखा मेडम : आइए अश्विन.. सर आप तो पहली बार हमारे घर पर आए है ना।
अश्विन : पूनम मुझे लेकर ही नहीं आती और मैंने तो उसे कई बार बोला है।
पूनम वहां पर एक तरफ खड़ी थी और दोनों के लिए पानी लेकर आई और उन्हें पानी दिया और बाद में हॉल में सब लोग बैठ गये और बातें करने लगे। तभी अश्विन बोला कि चलो कुछ करते है। बातें करते करते तो बोर हो गये है। तो पूनम यह बात सुनकर हल्की सी मुस्कुरा उठी तो रेखा मेडम ने उससे बोला कि पूनम क्या तुझे भी जल्दी है अश्विन की तरह? तो पूनम शरमा गयी और कुछ नहीं बोली सिर्फ़ एक स्माईल दे दी।
अश्विन : मुझे जल्दी नहीं है.. रेखा मेडम में तो कुछ और ही कहना चाहता था कि कुछ टीवी और खेल खेलते है.. वैसे रेखा मेडम आपका बाथरूम कहाँ पर है?
रेखा मेडम : चलो में दिखाती हूँ और यह कहकर वो और अश्विन सर अंदर चले गये और पूनम और विजय बाहर बैठे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे।
विजय : पूनम मेडम आप तो बहुत ही सुंदर हो अश्विन का तो नसीब ही खुल गया है जो आप जैसे।
पूनम : आप जैसे क्या?
विजय : मेरा मतलब है कि आप जैसे सेक्सी लड़की के साथ उसकी तो ऐश है।
पूनम : में इतनी सुंदर हूँ क्या?
विजय : मैंने आपसे अच्छी किसी लड़की को नहीं देखा.. क्या सेक्सी फिगर है आपका ?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
इतने में ही रेखा मेडम और अश्विन सर बाहर आते है और वो लोग बातें करना बंद कर देते है और अश्विन सर आते ही कहते है कि मैंने कल रात को एक इंग्लीश फिल्म देखी थी। उसमे आपस में एक बहुत ही मस्त खेल खेलते है।
रेखा मेडम : तो फिर क्यों ना हम भी खेलें? क्यों पूनम क्या ख्याल है तेरा?
पूनम : हाँ हाँ क्यों नहीं.. पहले बताओ तो सही क्या खेल है? और रूल्स क्या है?
अश्विन : में रूल्स और खेल खेलने के बाद ही बताऊंगा बोलो क्या तुम्हे मंजूर है? तो सब खेलो वरना कोई बात नहीं। फिर सब कहते है कि ठीक है खेलते है और फिर अश्विन रेखा मेडम को कार्ड लाने को कहता है। सब सोफे पर बैठे थे है और खेल शुरू करते है और 30 मिनट खेलने के बाद स्कोर होता है। रेखा मेडम 5 बार जीती और पूनम 4 बार हारी.. विजय 3 बार हरा और अश्विन सर 2 बार जीते। अब अश्विन सब को बताता है कि रूल्स क्या है उस फिल्म में जिसका सबसे ज्यादा स्कोर होता है वो किसी को भी पूरी रात अपने कमरे में ले जा सकता है और हम यहाँ पर 6 बजे तक का टाईम फिक्स करेंगे क्यों ठीक है?
रेखा मेडम : यानी किसी भी पार्ट्नर के साथ मजा और कोई भी पार्ट्नर.. यही ना।
अश्विन : हाँ ठीक है.. लेकिन बड़े स्कोर वाला पहले चुन कर सकता है।
फिर सब एक दूसरे के सामने देख रहे थे। तभी रेखा मेडम ने सबसे पूछा कि क्यों किसी को कोई समस्या नहीं है ना? अगर है तो वो बता दे हम यह खेल बंद कर सकते है। तभी विजय बोला कि कोई समस्या नहीं है.. पूनम ने भी धीरे से अपना सर हाँ में झुका दिया।
रेखा मेडम : आप सब तो जानते ही है कि मैंने और विजय सर ने तो कई बार मजा किया है तो में विजय सर का तो नहीं चुनाव करूँगी। पूनम के साथ में एंजाय कर नहीं सकती.. पूनम मुझे माफ़ करना.. लेकिन मुझे अश्विन को ही चुनना करना पड़ेगा.. तुम्हे कोई विरोध तो नहीं है ना?
पूनम : सब की मर्ज़ी है तो में कोई विरोध नहीं करूँगी।
फिर इतना कहकर रेखा मेडम अश्विन सर का हाथ पकड़कर कमरे में चलने लगी और पूनम को बोली कि अपना ख्याल रखना और तुम अपने कमरे में चले जाना.. वहां है तुम्हारा कमरा और वो लोग कमरे में चले गये। मेरी बहन और विजय सर बाहर ही थे.. तो विजय सर ने पूनम को बोला कि क्यों चलना है कमरे में या फिर यहीं पर बैठते है? तो पूनम थोड़ी देर बाद बोली कि जैसी आपकी मर्ज़ी.. आप कमरे में जाइए में अभी आती हूँ। फिर विजय सर कमरे में चले गये और पूनम किचन से पानी की बोतल लेकर अंदर कमरे में गयी। तो मैंने भी अब अपनी खिड़की बदल दी थी और दूसरी खिड़की से अंदर की तरफ देख रहा था। पूनम ने काली कलर की स्कर्ट और काले कलर का टॉप पहना हुआ था.. फिर वो कमरे में अंदर आ गयी। तो विजय सर ने बोला कि पूनम ज़रा दरवाजा बंद कर देना। तो उसने दरवाजा बंद कर दिया और दरवाजे के पास ही खड़ी रह गयी।
विजय : शरमाओ मत आ जाओ पूनम.. में तुम्हे बहुत मज़े दूंगा जो अश्विन नहीं देता होगा।
पूनम : में आपको इतनी अच्छी लगती हूँ क्या? तो यह सुनकर विजय बेड से खड़ा हुआ और पूनम के पास जाकर उसको अपनी बाहों में उठा लिया।
पूनम : छोड़िए ना क्या करते हो? क्या में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.. मुझे नीचे उतारिए ना।
विजय पूनम को बेड के ऊपर उतार देता है और उसके हाथ पकड़ कर चूमता है और बोलता है.. पूनम मेरी रानी आज मुझे करने दो.. दिल खोलकर अपने हुस्न के जलवे दिखा दो मुझे.. तुम खुश तो हो ना मेरे साथ.. तुम्हे कोई समस्या हो तो में चला जाता हूँ।
पूनम : नहीं नहीं मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है जानू और में तो बहुत खुश हूँ कि मुझे आज एक नया आनंद मिलने वाला है।
विजय : वाह मेरी रानी आजा अपने यार की बाहों में आ जा।
फिर यह कहकर विजय सर ने पूनम को अपनी बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगे.. पूनम भी विजय सर को सहलाने लगी थी और वो दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.. पूनम बोल रही थी कि आअहह विजय क्या चूमते हो तुम.. बहुत मज़ा आ रहा है और चूमो मुझे आआहह मेरे राजा आहह क्या बाहें है तुम्हारी में तो पूरी की पूरी समा गयी इसमे अह्ह्ह। तो विजय बोल रहा था.. पूनम क्या रसीले होंठ है तुम्हारे जी करता है खा जाऊँ इनको.. क्या गुलाबी होंठ है रानी तुम तो सच में सेक्स की टीचर हो.. मुझे बाकी के अंगो का भी तो दर्शन करवाओ ना मेरी जान।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#4
पूनम : थोड़ा सब्र करो मेरे राजा.. सब कुछ दिखा दूँगी यह बदन अब तुम्हारा ही है.. लेकिन पहले यह बताओ तुम्हे रंग कौन सा पसंद है मेरे राजा?
विजय : क्यों रंग का क्या करना है? वैसे मुझे काला कलर पसंद है क्यों?
पूनम : नहीं ऐसे ही अश्विन को लाल पसंद है तो में उसके लिए.. लेकिन तुम्हारी पसंद का इंतजाम हो जाएगा मेरे राजा। अब तुम मुझे चोदो और तुम भी कपड़े चेंज कर लो में अभी आती हूँ। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
तो यह कहकर पूनम बाहर चली गयी और बेग लेकर वापस आ गयी और बाथरूम में चली गयी। फिर थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई तो पूछो ही मत.. मेरा लंड भी खड़ा हो गया। क्या कयामत लग रही थी? वो खुले बाल, एक छोटी सी पारदर्शी मेक्सी उसके घुटनों के ऊपर तक.. क्या पैर थे उसके? जाँघ भी साफ साफ दिख रही थी.. एकदम चिकनी कसी हुई थी। विजय सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसका लंड साफ दिख रहा था। पूनम बेड के पास खड़ी हो गयी तो विजय ने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ पर रख दिए और चूमने लगा और साथ ही साथ उसने पूनम के बूब्स को भी दबाना शुरू कर दिया था। तो पूनम भी उसके ऊपर अपना बदन रगड़ रही थी और फिर विजय ने पूनम के पैरों के पास जाकर उसको चूमना शुरू कर दिया और मेक्सी को ऊपर उठाता गया। फिर विजय ने अब पूनम की मेक्सी को निकाल दिया.. तो पूनम अब सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी और वो काले कलर की पेंटी क्या सेक्सी लग रही थी।
विजय : पूनम मेरी रानी मेरे लिए तूने अपनी यह ब्रा और पेंटी बदल दी ना? मज़ा आ गया क्या लग रही हो जानेमन?
पूनम : तुम भी तो मुझे अपना दिखाओ ना विजय और फिर यह कहकर पूनम ने विजय की अंडरवियर पर हाथ रख दिया और ऊपर से ही सहलाने लगी और लंड को बाहर निकाल दिया।
विजय : पूनम कैसा है? क्यों अश्विन से बड़ा है या नहीं?
पूनम : हाँ थोड़ा बड़ा होगा.. लेकिन प्यारा भी है और यह कहकर उसने उसे अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगी। तो विजय बोला कि अरे अपने इन गुलाबी होंठो से उसे थोड़ा प्यार तो करो.. यह कहकर उसने अपना लंड पूनम के मुहं के पास रख दिया और उससे कहा कि पूनम लंड चूसो मेरी रानी.. यह लंड आज तुम्हारा ही है।
पूनम : बस आज ही मेरा है दोबारा इसको नहीं दोगे मुझे.. यह कहकर उसने उसे अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।
फिर मेरी बहन एक रांड की तरह बड़े अच्छे से लंड को चूस रही थी और अपने गले तक लंड को भर लेती थी। विजय ने अब पूनम की ब्रा को खोल दिया और उसके बड़े-बड़े बूब्स आज़ाद हो गये.. विजय उसे दबाने लगा और लंड पूनम को चुसवा रहा था और बोल रहा था कि क्या लंड चूसती है तू और ज़ोर से चूस रंडी.. क्यों अब तक कितने लंड चूस चुकी हो पूनम रानी?
पूनम : तुझे उससे क्या है कि कितने लंड चूस चुकी हूँ में? हाँ तुझे बता दूँ कि तेरा लंड चूसकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है राजा।
फिर विजय ने अब पूनम को बेड पर लेटा दिया और उसके एक बूब्स को चाट रहा था और एक को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बोल रहा था कि पूनम आज से तू मेरी रंडी है में जैसे चाहूँ तुझे चोद सकता हूँ और तेरे बूब्स को दबा सकता हूँ समझी मेरी रंडी। तो पूनम बोली कि हाँ रे मेरे भडवे में तेरी रंडी हूँ और ज़ोर से दबा भोसड़ी के। फिर विजय ने पूनम की पेंटी उतार फेंकी और उसकी चूत को देखकर पागल हो गया। क्या चूत है पूनम तेरी? मैंने ऐसी चूत कभी नहीं देखी है एकदम चिकनी है रूई की तरह.. मेरा तो जी करता है खा जाऊँ इसको और उसकी चूत को चाटने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#5
पूनम : खा जाना तेरी ही है यह चूत मेरे राजा खा जा या फिर फाड़ दे इस चूत को आज और थोड़ी देर तक चूत चूसने के बाद विजय अब खड़ा हो गया और बोला कि मेरी पूनम रानी तैयार हो ना अपनी चूत में मेरा लंड लेने के लिए और लंड का सुपाड़ा पूनम की चूत पर रगड़ने लगा तो पूनम बोली कि मेरे राजा अब डाल दे लंड को मेरी चूत में.. आज इसकी आग बुझा दे। आज एक नया लंड लेने के लिए मेरी चूत बहुत बेकरार हो रही है डाल दे जल्दी मेरे राजा। तो यह बात सुनते ही विजय ने एक झटका मारा और आधा लंड पूनम की चूत में डाल दिया और पूनम ने भी नीचे से अपनी गांड को उठाकर लंड का स्वागत किया। फिर एक झटके के साथ पूरा का पूरा लंड पूनम की चूत की गहराईयों में समा गया और विजय उसे चोदने लगा।
पूनम भी बड़ी मस्ती के साथ उसके हर एक धक्को का साथ देती हुई उससे चुदवा रही थी और बोल रही थी आआअहह ऊईईईईई माँ क्या लंड है तुम्हारा? विजय चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो ना विजय.. आह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरी चूत धन्य हो गयी तुम्हारे लंड से चुदवाकर.. फाड़ दो अपनी पूनम की चूत को विजय आहह मज़ा आ गया। बड़ा मस्त चोदते हो तुम.. सच में मुझे मज़ा आ गया। फिर विजय भी पूनम को ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए उसके बूब्स को दबाते हुए बोल रहा था.. हाँ पूनम अब तक तू कहाँ थी मेरी रानी पहले क्यों नहीं चुदवाया तूने मुझसे। में तो कब से तुम्हे चोदना चाहता था.. जब भी में कॉलेज में तुम्हारी गांड को मटकता हुआ देखता था तो जी करता था कि अभी तुम्हारी गांड मार दूँ। मेरी जान क्या चूत है तुम्हारी और क्या बूब्स है आज मज़ा ही आ गया रानी तुझे चोदने में और अब तू तैयार हो जा.. में तेरी गांड में भी लंड डालना चाहता हूँ.. मेरा लंड भी तो देखे कि तेरी गांड में कितना दम है।
पूनम : हाँ में गांड भी मरवा लूँगी पहले अच्छे से चोद तो सही और यह गांड भी तुम्हारी है और यह चूत भी तुम्हारी है और हाँ अब तू मुझे जब चाहे चोद सकता है मेरे राजा.. तू जब भी चोदना चाहे में यह चूत लेकर आ जाउंगी तेरा लंड लेने के लिए और चोद ज़ोर से और ज़ोर से चोद मेरे राजा।
विजय ने अब अपना लंड पूनम की चूत में से निकाल लिया और बोला कि चल खड़ी हो जा में तुझे कुतिया की तरह चोदना चाहता हूँ.. तो पूनम भी जल्दी से कुतिया की तरह अपने दोनों पैरों पर खड़ी हो गयी और बोली कि चल आ जा मेरे राजा में तैयार हूँ लंड लेने के लिए। तो विजय ने अपना लंड पूनम की चूत में डाल दिया और उसको पीछे से पकड़कर चोदने लगा और उसके बूब्स भी दबा रहा था और गांड भी सहला रहा था। पूनम अपनी गांड पीछे धकेलती हुई लंड अपनी चूत में डलवा रही थी और आआऊऊऊईईईई माँ और चोद और ज़ोर ज़ोर से चोद.. अपनी पूनम की चूत फाड़ दे आज मेरे राजा.. मार और ज़ोर से धक्के मार.. तेरा लंड मेरी चूत के अंदर तक ठोकर मार रहा है। विजय अब थक गया था तो उसने पूनम की चूत में से लंड निकाल दिया और बेड पर लेट गया और पूनम को बोला कि आ जा मेरे ऊपर और ऐसे चुदवा अपनी इस रसीली चूत को।
तो पूनम ने अपने दोनों पैर फैलाए और विजय सर का लंड अपने हाथ में लेकर उसको अपनी चूत पर रखकर अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर बैठकर उचकने लगी और विजय नीचे से उसके बूब्स को पकड़कर दबाता हुआ नीचे से लंड को पूनम की चूत में डालने लगा और वो दोनों बड़ी मस्ती से चुदाई का खेल खेल रहे थे। तभी थोड़ी देर में पूनम की सांसे तेज होने लगी और वो बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो विजय और ज़ोर से चोदो में अब झड़ने वाली हूँ.. अहह और ज़ोर से आअहह माँ में गईईईईईइ में झड़ गई विजय.. फिर पूनम की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन विजय अब भी धक्के लगाता जा रहा था और थोड़ी देर में विजय भी तेज़ी से चोदने लगा और बोल रहा था कि पूनम मेरी रानी कहाँ लेगी मेरा पानी.. बोल ना जल्दी मेरी रंडी.. कहाँ लेगी बोल।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
पूनम : मेरी चूत में ही निकाल दो.. में पहली चुदाई में पानी चूत में ही लेती हूँ.. भर दो मेरी चूत को अपने पानी से और थोड़ी ही देर में विजय के लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और पूनम की चूत में भर गया और दोनों एक दूसरे के ऊपर थोड़ी देर पड़े रहे। तभी थोड़ी देर बाद पूनम उठी और बाथरूम में चली गयी और वापस नंगी ही बाहर चली आई। फिर विजय ने अपनी बाहें फैलाई और वो उसके पास में लेट गयी और दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। तभी विजय बोला कि पूनम मेरी रानी अगली बार चुदवाओगी ना मुझसे? पूनम बोली कि हाँ ज़रूर चुदवाऊँगी तुझसे मेरे राजा.. तू तो बहुत अच्छा चोदता है। जब भी तेरा लंड मेरी चूत को बुलाएगा तो मेरी चूत पानी छोड़ते हुई आ जायेगी तेरे लंड से चुदवाने के लिये और हाँ अगली बार में तुम्हारा पानी अपने मुहं में लूँगी.. समझे मेरे गांडू राजा।
फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों हॉल में वापस आए। पूनम मेक्सी में और विजय सर सिर्फ़ अंडरवियर में और वहां पर पहले से ही अश्विन सर और रेखा मेडम बैठे थे.. वो दोनों भी यानी अश्विन सर अंडरवियर में और रेखा मेडम सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी। फिर पूनम को बाहर निकलते देख अश्विन सर ने उसे एक स्माईल दी और इशारा किया उनके पास आने का तो पूनम उनके पास चली गयी। पूनम थोड़ा शरमा रही थी और उनसे नज़रे नहीं मिला रही थी तो अश्विन सर ने पूनम का हाथ पड़ाकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया और एक किस देकर पूछा कि पूनम मज़ा नहीं आया क्या? तेरी चूत ठंडी हो गयी ना.. बोल ना कैसा था विजय का लंड?
पूनम : हाँ मेरे राजा मुझे तो विजय सर के लंड से चुदवाने में मज़ा आया.. लेकिन क्या तुझे रेखा मेडम की चूत में लंड डालकर एक नयी चूत चोदने में मज़ा आया कि नहीं?
अश्विन : हाँ.. रेखा तो बहुत चुदक्कड़ है साली.. पूरी की पूरी रंडी की तरह टाँगे उठा उठाकर चुदवाती है।
विजय : अरे यारो मुझे तो पूनम की चूत चोदने में बहुत ही मज़ा आया.. क्या चुदवाती है रंडी? क्या बूब्स है रे साली के?
रेखा मेडम : मुझे भी अश्विन के नये लंड में बहुत मज़ा आया।
दोस्तों इस तरह उन सभी की बातें चलती रही और वो थोड़ी देर बाद एक दूसरे को सहलाने लगे। करीब एक घंटे के बाद वो सभी अपने अपने कपड़े पहनने लगे और में भी मौका देखकर वहां से निकल गया.. लेकिन उसके बाद मेरी बहन ने उनसे चुदाई का सिलसिला जारी रखा और वो चुदवाती रही ।।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
great
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#8
(17-05-2022, 12:05 PM)neerathemall Wrote:
शादीशुदा चचेरी बहन की चूत चुद गई


मैं गर्मी की छुट्टियों में मुम्बई गया था। मुम्बई में मेरी चाची रहती हैं। वह वहाँ पर चेम्बुर में रहती हैं। मैं जब मुम्बई गया था तब चाची के पास मेरी चचेरी बहन भी आई हुई थी। उसका नाम रीना है। उसकी शादी हो चुकी है। उसकी उम्र चौबीस वर्ष की है। वो दिखने में बहुत ही सेक्सी है। उसके कपड़े पहनने के ढंग और रहन-सहन भी बहुत सेक्सी हैं। उसे कोई भी देखे तो उसका लण्ड खड़ा होना ही होना है।

एक दिन चाची को गाँव जाना पड़ा। वह गाँव चली गई। घर पर मैं और रीना दीदी दोनों ही थे। उस दिन शाम को मैं बोर हो गया था, इसलिए मैंने दीदी से कहा- क्यों ना फिल्म देखने चलते हैं।’
वह भी राजी हो गई, और हम फिल्म देखने चले गए। उस दिन हमने मर्डर फिल्म देखी। फिल्म में काफी गरम दृश्य थे। फिल्म देखने के बाद हम घर आए। हमने रात का खाना खाया। रात काफ़ी हो चुकी थी।
आपको तो पता ही होगा, मुम्बई में घर बहुत छोटे होते हैं। उस पर मेरी चाची एक कमरे के घर में रहती हैं। वहाँ सिर्फ एक ही बिस्तर के बाद, थोड़ी और जगह बचती थी। अब हमें सोना था। सो मैंने अपनी लुँगी ली और दीदी के सामने ही अपने कपड़े बदलने लगा।
मैंने मेरी शर्ट खोली, बाद में पैन्ट भी। मेरे सामने अब भी मर्डर फिल्म के दृश्य घूम रहे थे, इसलिए मेरे लंड खड़ा था। वो अण्डरवियर में तम्बू बना रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
मेरे पैन्ट निकालने के बाद मेरे लण्ड की तरफ़ दीदी की नज़र गई, वह यह देखकर मुस्कुराई। मैंने नीचे देखा तो मेरे अण्डरवियर में बहुत बड़ा टेन्ट बना हुआ था। मैं शरमाया और मैंने मेरा मुँह दूसरी ओर घुमा लिया, फिर लुँगी बाँध ली।

पर लुँगी के बावज़ूद मेरे लंड का आकार नज़र आ रहा था। उस हालत में मैं कुछ भी नहीं कर सकता था। फिर मैंने यह भी सोचा कि दीदी यह सब देखकर मुस्कुरा रही है, उसे शर्म नहीं आ रही है, तो फिर मैं क्यों शरमाऊँ?
मैं बिस्तर पर जाकर सो गया। फिर दीदी ने आलमारी से अपनी नाईटी निकाली और कमरे का दरवाज़ा बन्द कर लिया, उसने साड़ी उतारी। वाऊ… क्या बद़न था। वह देखकर तो मैं पागल ही हो गया और मेरा लंड उछाल मारने लगा। उसने अपनी ब्लाऊज़ निकाली और बाद में अपनी पेटीकोट भी निकाल दी। वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी।
उसे उस हालत में देखकर तो मैं पागल ही हो रहा था। लेकिन वह मेरी दीदी थी, इसलिए नियंत्रण कर रहा था। मुझे डर भी लग रहा था कि मैं कुछ कर ना बैठूँ और दीदी को गुस्सा आ गया तो मेरी तो शामत आ जाएगी। उसने नाईटी पहन ली। उसकी नाईटी पारदर्शी थी, जिसमें से उसका सारा जिस्म नज़र आ रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
वह मेरे पास आकर सो गई। हम दोनों एक ही बिस्तर पर सोए थे। लेकिन उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरे सामने उसका नंगा जिस्म घूम रहा था। और उसके मेरे पास सोने के कारण मेरा तनाव और बढ़ा हुआ था। लेकिन कुछ करने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी।

आधे घंटे तक तो मैं वैसे ही तड़पता रहा। लेकिन बाद में मैंने सोचा कि ऐसा मौक़ा बार-बार नहीं आने वाला। अगर तूने कुछ नहीं किया तो हाथ से निकल जाएगा। मैंने सोच लिया थोड़ा रिस्क लेने में क्या हर्ज़ है। और मैं थोड़ा सा दीदी की ओर सरक गया।
दीदी मेरी विपरीत दिशा में मुँह करके सोई थी। मैंने मेरा हाथ उनके बदन पर डाला। मेरा हाथ दीदी के पेट पर था। मैंने धीरे-धीरे मेरा हाथ उनके पेट पर घुमाना चालू किया। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उनकी चूचियों पर रखा। उसकी चूचियाँ काफ़ी बड़ी और नरम थीं।
मैंने उसकी चूचियाँ धीरे-धीरे दबानी चालू कीं। उसने कुछ भी नहीं कहा, ना ही कोई हरक़त की। मेरी हिम्मत काफ़ी बढ़ गई। मैंने अपने लंड को उसके चूतड़ पर दबाया और उसे अपनी ओर खींचा और फिर धीरे-धीरे मैं अपना लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच की दरार में दबाने लगा। वह मेरी ओर घूम गई। मेरी तो डर के मारे गाँड ही फट गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
लेकिन वह भी मेरी ओर सरकी, तो मेरा लंड उसकी चूत पर दब रहा था और उसकी चूचियाँ मेरी छाती पर। मैं समझ गया कि वह सो नहीं रही थी, बस सोने का नाटक कर रही थी और वह भी चुदवाना चाहती है। अब तो मेरे जोश की कोई सीमा ही नहीं थी। मैंने उसे मेरी ओर फिर से खींचा, तो वह मुझसे थोड़ा दूर सरक गई। मैं डर गया, और चुपचाप वैसे ही पड़ा रहा।

थोड़ी ही देर बाद उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और मसलने लगी। मैं बहुत खुश हुआ।
उसने अपने हाथों से मेरी लुंगी निकाल दी और अण्डरवियर भी, और मेरे लंड को मसलने लगी, फिर उसने मेरे कान में कहा- वीजू, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है। तुम्हारे जीजू का तो बहुत छोटा है।’
मैंने भी दीदी की नाईटी निकाल दी और उनको पूरा नंगा कर दिया। फिर मैं उनके ऊपर लेट कर उन्हें चूमने लगा। मैं उनके पूरे बदन को चूम रहा था। वह सिसकियाँ भर रही थी। मैं उसे चूमते-चूमते उसकी चूत तक चला गया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए। उसके मुँह से सीत्कार निकल गई। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डालनी शुरु की, वह अपने चूतड़ उठाकर मुझे प्रतिक्रिया दे रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#12
मेरा लंड अब लोहे जैसा गरम हो गया था। मैं उठा और उसकी छाती पर बैठ गया और मैंने लंड उसके मुँह में डाल दिया। वह भी मेरा लंड बड़े मज़े से चूसने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने बाद में अपना लण्ड उसकी दोनों चूचियों के बीच में डाला और उसे आगे-पीछे करने लगा। वाऊ… क्या चूचियाँ थीं उसकी, मैं तो पागल हुआ जा रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने कहा- वीजू, प्लीज़, अब रहा नहीं जाता, लंड मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोदो।
मैं उसके ऊपर फिर से लेट गया और मैंने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उसकी चूत के ऊपर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया तो मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।
मैंने दीदी से पूछा- दीदी, तुम तो कह रही थी कि जीजू का लण्ड मेरे लण्ड से काफी छोटा है, तो तुम्हारी चूत इतनी ढीली? एक ही झटके में आधा लण्ड अन्दर चला गया।’
इस पर वह मुस्कुराई और बोली- अरे वीजू, तुम्हारे जीजू का लण्ड छोटा तो है, पर मेरी चूत ने अब तक बहुत से लण्ड का पानी चखा है।’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
फिर मैंने दूसरा झटका दिया और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चला गया। फिर मैंने उसकी चुदाई शुरु कर दी।

वह भी अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दे रही थी. उसके मुँह से आवाज़ें निकल रही थीं, वह कह रही थी- वीजू… चोदोओओओ… और ज़ोर से चोदोओओओओ… अपनी दीदी की चूत आज फाआआआड़ डालो… ओह.. वीजू… डालो और ज़ोर से और अन्दर डालो… बहुत मज़ा आ रहा है।’
उसकी ये बातें सुनकर मेरा जोश और भी बढ़ जाता और मेरी रफ़्तार भी बढ़ती जा रही थी। फिर मैं झड़ गया और वैसे ही उसके बदन पर सो गया और उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा। उस रात मैंने दीदी की ख़ूब चुदाई की।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
मेरा नाम मुमताज है, मेरी बहन का नाम आमना और मेरी भाभी का नाम पूजा है। मेरी भाभी हिन्दू है। आज मैं आपको अपनी दोनों बहनो की और भाभी की चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ। ये मेरी सच्ची कहानी है। हमारे घर के ऊपर वाले फ्लोर पर भैया रहते हैं उन्होंने हम तीनो को चोदते हैं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#15
पहले मैं चुदी फिर मेरी बहन उसके बाद भाभी भैया से
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#16
मेरा नाम मुमताज है, मेरी बहन का नाम आमना और मेरी भाभी का नाम पूजा है। मेरी भाभी हिन्दू है। आज मैं आपको अपनी दोनों बहनो की और भाभी की चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ
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#17
मैं अपने परिवार के बारे में बता रही हूँ। मैं दिल्ली में किराये पर रहती हूँ ऐसे मैं बिजनौर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। मेरे घर में मैं सबसे छोटी हूँ मेरी उम्र अठारह साल है. उसके बाद आमना जो मेरे से एक साल बड़ी है और मेरी भाभी जो 24 साल की है और मेरे भैया है। मेरी भाभी एक स्पा में काम करती है। और मेरे भैया का अपना सलून है दिल्ली में।
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#18
हम चारो दिल्ली में रहते हैं जिसमे मैं और आमना दोनों दिन में रहते है और भैया और भाभी दोनों रात को ही आते हैं काम करके। मेरे ऊपर वाले फ्लोर पर एक भैया अकेले रहते हैं। उनकी पत्नी भी है पर वो गाँव गई है शादी के चार महीने ही हुए है उनके। उनकी पत्नी प्रेग्नेंट हो गई तो वो गाँव चली गई। जब उनकी पत्नी यहाँ थी तभी से हम लोग उनके यहाँ आना जाना करते थे।
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#19
जब वो चली गई तब कभी कभी जाती थी। पर एक दिन उनके यहाँ इसलिए चली गई क्यों की वो बड़ा सा टीवी लाये थे। तो वो मुझे देखने बुलाया था। उस समय आमना का तबियत ख़राब था इसलिए वो हॉस्पिटल में एक दिन के लिए थे। तो घर में अकेली ही थी। दोपहर का समय था, मैं ऊपर गई तो उन्होंने अपना टीवी दिखाया। और फिर मैं वही कुर्शी पर बैठ गई। भैया देखने में बड़े ही हॉट हैं तो मेरा मन उनपर पहले से ही फ़िदा था। मैं चाहती थी की मेरी चूत ट की सील वही तोड़े। मैं उनसे चुदना चाहती थी।
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#20
मैं उनको टकटकी लगाकर देख रही थी। तभी उनका नजर मेरे ऊपर पड़ गया वो समझ गए थे की मैं उनको ध्यान से देख रही थी। उन्होंने पूछा क्या देख रही थी तो मैंने कहा आपको देख रही थी आप बहुत ही सुन्दर है देखने में। वो बोले तुम भी तो सुन्दर हो। मैं बोली हां हु तो पर मुझे कोई देखता ही नहीं। मैं चाल चल दी। तो वो बोले मैं देख लेता हूँ। तो मैं बोली क्या क्या देखोगे। तो वो बोले तुम जो जो दिखाओगी।
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