Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मैंने ऋतु की चूत को सहला सहला कर उसे आराम दिला रहा था। ऋतु को आराम मिल रहा था। मैंने फिर से अपना लौड़ा ऋतु की चूत में घुसाने को ऋतु की चूत के छेद पर लगा दिया। ऋतु बहुत डर रही थी। उसने कहा भैया अभी फिर खून निकलेगा। अब ना डालो अंदर नहीं तो बहुत दर्द होगा। मैंने पास के कपडे से उसकी चूत पर लगा खून और अपने लौड़े पर लगा खून साफ़ किया। खून को साफ़ करते ही एक बार फिर से ऋतु की चूत निखर कर सामने आ गई। मैंने अपना लौड़ा आराम से ऋतु की चूत में घुसाने लगा। ऋतु सी..सी..सी.कर रही थी। मैंने फिर से जोर से धक्का मार कर अपने लौड़े को ऋतु की चूत में घुसा दिया।
ऋतु की चूत फिर से फट गई। ऋतु फिर से आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई..अई…अई…मम्मी….” की आवाज निकाल दी। मैंने अब धीऱे धीऱे से ऋतु को चोदना शुरू किया। ऋतु की आवाज धीऱे धीऱे कम हो गई। मैंने फिर से ऋतु को जोर जोर से चोदने लगा। ऋतु को भी अब चुदवाने में मजा आ रहा था। मैंने अपना लौड़ा जड़ तक ऋतु की चूत में पेलने लगा। ऋतु बजी अब अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी। ऋतु अब मेरा साथ देने लगी। मैंने ऋतु को उठाया। ऋतु को मैंने झुकाकर उसकी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया। ऋतु को भी अब चुदवाने का आंनद प्राप्त हो रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मैंने अपना लौड़ा ऋतु की कमर पकड़ कर चोदने लगा। ऋतु की कमर को पकड़ कर मेरे चोदने की स्पीड बढ़ गई। मैं अपना लौड़ा गपा गप पेल रहा था। मैंने ऋतु की चूत से अपना लौड़ा निकाला। मै नीचे ही लेट गया। ऋतु को मैंने अपने लंड पर बैठने को कहा। ऋतु ने ब्लू फिल्म देखी थी। उसी तरह से अपनी चूत में मेरा लौड़ा सेट करके चुदवाने लगी। ऋतु अपनी कमर को उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं भी अपना लौड़ा ऊपर उठा उठा कर चोदने लगा। मेरा पूरा लौड़ा ऋतु अपनी चूत में अंदर तक ले रही थी। मैंने ऋतु को आज सिर्फ चोदने की सोची थी।
ऋतु ने अपनी गांड को बाद में मरवाने को कहा। ऋतु और हम दोनों झड़ने वाले हो गए। मैंने झट से अपना लौड़ा ऋतु की चूत से अलग किया। मैंने अपना सारा माल ऋतु की मुह में गिरा दिया। ऋतु ने मेरा माल नाक दबाकर पी गई। मैंने भी उसकी चूत से निकला माल साफ़ कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
सगे भाई से प्रेग्नेंट हुई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
कहानी में मैं हु, मेरा भाई विनय और मेरा पति राजू, मैं अभी 24 साल की हु, मेरी शादी 21 साल में चंडीगढ़ के एक बड़े ही सम्भ्रान्त व्यापारिक परिवार में हुआ है, मेरे घर में मेरे पति के अलावा मेरे सास ससुर है, मैं थोड़ी गरीब फैमिली से हु इस वजह से मेरी शादी यहाँ हुई है क्यों की मेरा पति डिसेबल्ड (विकलांग) है. उनका दिमाग थोड़ा कम चलता है. वो सुन्न दिमाग के है, वो क्या कर रहे है कुछ भी नहीं पता, क्या बताऊँ दोस्तों ऊपर से मेरी सास बच्चा दो बच्चा दो बच्चा दो, अरे भाई मैं बच्चा कहा से दू जब तेरा बेटा मुझे चोद ही नहीं सकता.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मेरी शादी हुई, मैं जवानी से भरपूर, मेरी चूचियाँ तनी हुई, गांड का उभार का क्या बताऊँ, नैन नक्स तो ऐसे की किसी को भी घायल कर दे. जब शादी होकर आई तो सब लोग ससुराल में कहते थे की कहा बन्दर के हाथ में परी आ गई है. मुझे सेक्स बहुत पसंद है मुझे तरह तरह के पोजीशन में चुदवाना बहुत अच्छा लगता है. पर क्या करूँ ये सब तो सपना हो गया था, शादी के बाद मैं अपने पड़ोस के ही एक भैया थे विक्की खूब मजे लिए थे, वो चूत क्या गांड भी खूब मारे थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
शादी के रात को मेरा पलंग सजा हुआ था, मैं घुंघट लेके बैठी थी, पति देव आये, बैठे हकला हकला के बात करने लगे. पर मैं खुश थी चलो पति जैसा भी हो सम्पति खूब है. मैं और मेरे घरवाले सिर्फ सम्पति के लिए ही शादी किये थे, तो शुरुआत हो गई, ज़िंदगी में हम दोनों कैसे खुश रहेंगे, ज़िंदगी में क्या क्या पलानिंग होगी, ये सब बातें तो मुझे फ़िल्मी लगती थी. मुझे तो लग रहा था की बस मुझे आज रात खूब चोद दे. ये शादी के चक्कर में तिन महीने से चुदी नहीं थी. मैं खुद ही पहल किया और आँचल निचे गिर दी पलंग पर ताकि मेरी चूचियों का दीदार हो जाये हुआ भी ऐसा ही.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
पर से मेरी चूचियाँ मेरी टाइट ब्लाउज और ब्रा से बाहर निकलने को आ रही थी. पति का ध्यान गया मैंने गले लगा के उनके छाती को अपनी चूचियों से गरम कर दिया वो धीरे धीरे मेरे पीठ को सहलाते हुए चुम्मा लेने लगे. फिर मैंने ब्लाउज की ऊपर की दो हुक खोल दी अब चूचियों के बिच का दरार और गोरी गोरी चूचियाँ आधी निकल गई. पति को जोश आ गया और उन्हने मेरे चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. मैंने भी उनका साथ दिया और ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और पीछे से ब्रा का हुक भी. उहोने मेरे ब्लाउज और ब्रा को निकाल दिया अब तो उनको मजा आ गया और मेरे गोद में लेट गए और मेरी चूचियों को दबाने लगे और पिने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
निप्पल को दांत से काट रहे थे थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था. पर मजा भी बहुत आ रहा था और मैं लेट गई और वो मेरे पेटीकोट को ऊपर कर दिए और पेंटी खोल कर मेरे चूत के झांटो से खेलने लगे. वो उँगलियाँ फ़िर रहे थे मुझे गुस्सा आ रहा था फिर उन्होंने पूछा की क्या मैं चूत में ऊँगली डाल दू. अब बताओ दोस्तों मुझे कैसा लगा होगा, मुझे लगा की मादरचोद को एक लात मारू की पलंग से निचे गिरे. पर मैंने काबू रखी अपने आप पर और उन्हने मेरे चूत में उँगलियाँ डालने लगे, मेरा चूत पानी पानी होने लगा, मेरे दांत आपस में बजने लगे, मुझे लण्ड चाहिए था. मैंने उनको अपने ऊपर किया और पजामा और अंडरवियर खोल दी. लण्ड देखकर हैरान रह गई. पतला सा छोटा सा, मेरी ऊँगली की तरह, ओह्ह्ह मेरे भगवान् ये क्या किया मेरे साथ. इतना बड़ा जुर्म.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
उसके बाद वो अपना लण्ड मेरे चूत पे रखे और घुसा दिए, मैंने कहा घुसाओ ना जी चूत के अंदर वो बोले पूरा चला गया है. अब आप भी बताओ मैं क्या करती, और वो दो मिनट में बाहर निकाल कर बोले हो गया आज के लिए. मैं तो जल भून कर राख हो गई. मैंने कहा ये क्या है. मर्द हो की नहीं, उन्होंने कहा मर्द भी औरत भी हु. साला ये आदमी तो पागल निकला, अब मैं करती क्या. उनका उम्र भी थोड़ा ज्यादा हो रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मुझे सम्पति पर नजर था इस वजह से मैंने एक चाल चली, उनके साथ खूब हिल मिलकर रहने लगी. उनका खूब ख्याल रखने लगी और सास ससुर का भी. करीब १ साल बीत जाने के बाद मेरी सास ससुर और पागल पति भी कहने लगा की बच्चा क्यों ना हो रहा है. बच्चा क्यों ना हो रहा है. मेरे पति को ये एहसास था ही नहीं की वो मुझे चोद ही नहीं पा रहे है. वो सोच रहे थे की मैं खूब संतुष्ट कर पा रहा हु. और मैंने कोई शिकायत नहीं की इस वजह से सास ससुर को भी लग रहा था की मैं काफी खुश ही.
एक साल होने पर मैंने पाने भैया को बुलाई, उनकी शादी नहीं हुई थी. मुझे लगा की क्यों ना मैं इनसे सेक्स सम्बन्ध बना लु. क्यों की आज से तीन साल पहले कई बार उन्होंने मुझे चोदने की कोशिश की थी. पर मैं जाग गई थी. उन्होंने एक बार तो मुझे बोला भी था की संजना क्या तुम मुझे चोदने या गांड मारने दोगे पर मुझे अपने घर में चूत मरवाना ठीक नहीं लग रहा था आलरेडी मैं किसी और से चूद रही थी. तो मैंने उनको बुलाया और कहा की भाई मेरे साथ ये ये प्रॉब्लम है अगर मुझे बच्चा हो जाता है तो मैं इस महल की मालकिन और इतना हैं दौलत अपना हो जायेगा, ये बूढ़ा बुढ़िया तो बस पांच दस साल और मेरा पति तो पागल है, इसका क्या कहना. कब भाग जायेगा या तो कुछ हो जायेगा कुछ भी नहीं पता .
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मेरा भाई समझ गया क्यों की वो भी अब हिस्सेदार हो गया था. और शुरू हो गया हम दोनों का खेल. भाई मुझे लेकर शिमला आया और सास ससुर को कह दिया की इलाज के लिए जा रहा हु वह पर एक डॉक्टर है जो हंड्रेड पर्सेंट गारंटी देता है. बच्चा होने का, उन लोगो को बहुत अच्छा लगा की एक भाई अपने बहन के लिए कितना कर रहा है फिर क्या बताऊँ दोस्तों, शिमला में भाई प्लान बनाया की क्यों ना होटल बालों को कहने की हानीमून पे आये है.
और फिर हानीमून का पैकेज लिए जिसमे मेरे कमरे को सजाया गया, मैं भी दुल्हन बानी और फिर भाई ने मेरे एक एक कपडे उतार फेंका. और फिर मेरी चूचियों को दबाने लगा. मुझे भी काफी दिन बाद किसी मर्द का हाथ लगा था, मैं भी अंगड़ाई लेने लगी. वो मेरे बूब्स पे हाथ फेरते हुए मेरे रसीले होठ को चूसने लगा. फिर अपना जीभ निकाल कर मेरे ऊपर से लेके गर्दन होते हुए चूच पर से मेरे नाभि में घुमाया और फिर निचे गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मेरी चूत के पास जाकर रूक गया और चूत पे अपनी जीभ को घुमाने लगा, मैं पानी छोड़ दी. वो पानी को चाटने लगा. फिर वो ऊँगली कर कर के पानी निकालने लगा और फिर पिने लगा. फिर उसने मुझे उलटा लिया दिया और मेरे चूतड़ को सहलाते हुए बोला बताओ घर में इतनी खूबसूरत परी रहते हुए मैं बुढ़िया को चोद रह हु. मैंने कहा बुढ़िया? तो बोला हां अपनी माँ, मैंने कहा मादरचोद तूने तो अपने माँ को भी नहीं छोड़ा, बोला करता भी क्या तुम मुझे कुछ नहीं बोल सकती क्यों की मैं पहले तुमसे पूछा था, तुमने मना कर दिया तब मैं माँ को पटाया और आज तक…..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मैंने समझ गई ये कितना मादरचोद आदमी है. फिर मैंने कहा चल कोई बात नहीं अब बहनचोद भी बन जायेगा, फिर उसने मेरे गांड में अपनी भींगी हुई ऊँगली जो की मेरे चूत का पानी से सना था. गांड में घुसाने लगा और फिर घुसा दिया, वूू उफ्फ्फ आह क्या मजा आ रहा था. वो और फिर वो अपने जीभ से मेरे गांड को भी चाटने लगा. मैं वैचैन हो गई क्यों की मुझे लण्ड चाहिए था. मैंने कहा भैया देर मत करो, मैं तीन बार झड़ चुकी हु. मेरा भाई अपना मोटा लण्ड निकाला और मेरे चूत पे सेट किया और फिर जोर से धक्का मारा लण्ड मेरे बच्चेदानी पे जाकर टकराया और फिर मेरे चूच को मसलने लगा. मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी. दोस्तों उस रात को हम दोनों एक दूसरे का खूब साथ दिया और मन भर चुदाई की.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
शिमला में हम लोग आठ दिन रहे और दिन रात बस चुदाई ही चुदाई, वह से आने के बाद मैंने सास को बोली की मुझे काफी हार्ड हार्ड सुई लगा है, और डॉक्टर ने बोला है की तुम पांच दिन तक अपने पति के साथ रहोगी, सास का खुसी का ठिकाना ना रहा और पति का भी, रात में मुझे चोदने लगा, ये तो मेरा पति समझ रहा था की मैं चोद रहा हु. पर मुझे पता था की इस चुदाई से कुछ भी नहीं होने बाला, और फिर हुआ भी ऐसा की नेक्स्ट माहवारी नहीं आई, मैं प्रेग्नेंट हो गई, पति से नहीं बल्कि भाई से. घर में ख़ुशी का माहौल हो गया, मुझे और भी ज्यादा प्यार मिलने लगा और फिर नौ महीने बाद मैं अपने भाई के बेटे की माँ बन गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
(17-05-2022, 04:34 PM)neerathemall Wrote: विधवा बहन को चोद चोद कर खुश किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
17-05-2022, 04:39 PM
(This post was last modified: 17-05-2022, 04:41 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(17-05-2022, 04:39 PM)मैं बहुत ही सीधा और देखने में काफी स्मार्ट हूँ। मेरी उम्र लगभग 19 साल होगी। मेरी दीदी की कुछ दिन पहले शादी हुई थी। वो अपने घर चली गयी थी। लेकिन कुछ ही दिन बाद मेरे जीजा जी का एक एक एक्सीडेंट में मौत हो गई। जीजा जी मारने के बाद दीदी तो बिल्कुल टूट गई थी न जल्दी कुछ खाती थी और न ही जल्दी हंसती थी। लगभग 6 महीने बाद दीदी कुछ बदलने लगी थी। धीरे धीरे वो जीजा जी को भूलने लगी थी, जब मैं उनको देखता था तो सोचता यार इनके साथ ही ये क्यों हुआ??? फिर कुछ दिनों के बाद वो कुछ कुछ हंसने भी लगी थी। Wrote: विधवा बहन को चोद चोद कर खुश किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
जब उनको देखता था तो मुझे बहुत दुःख होता था। मेरा मन तो करता था कि दीदी की कही और फिर से शादी करवा देते है लेकिन मम्मी पापा कह रहे थे, अभी कुछ दिन रुक जाओ फिर कहीं और शादी कर देगें, कोई जल्दी थोड़ी ना है। मेरी दीदी देखने में बहुत ही गजब की है, एकदम गोरी गोरी है वो। उनके मम्मे तो बहुत ही मस्त और देखने में टाइट है। मैंने बहुत बार उनके मम्मो को मजक में छुआ है लेकिन मेरे दिमाग में कुछ ऐसी भावना नही थी मै अपनी दीदी की चुदाई के बारे में सोचूं। जब मै छोटा था तो मैं अपनी दीदी से बहुत प्यार करता था, और वो भी मुझे बहुत प्यार करती थी लेकिन जब धीरे धीरे बड़ा होने लगा तो वो भी मुझसे धीरे धीरे दूर रहने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
एक बार की बात है जब मै थोडा छोटा था, मुझे हल्का हल्का याद मै अपनी दीदी के साथ ही लेटता था। मेरी दीदी भी मेरे पास ही लेटती थी। ठंडियो का दिन था, ठंडी बहुत हो रही थी। मै रात को दीदी के साथ में लेटा था। मुझे बहुत ठंडी लग रही थी तो मै अपनी दीदी के चिपक गया और वो भी मुझसे चिपक कर लेट गयी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
तब मै बहुत भोला था मुझे इसके बारे में कुछ नही पता था। मै अपनी दीदी से चिपक कर लेटा हुआ था, कुछ देर बाद दीदी को पता नही क्या हुआ, उनका बदन गर्म होने लगा था और वो मुझसे और भी ज्यादा चिपकने लगी थी। मुझे लगा दीदी को भी ठंडी लग रहो होगी इसलिए मुझसे चिपक रही थी। लेकिन कुछ देर बाद वो अपने मम्मो को दबाने लगी। और मेरे हाथो को अपने चूचियो को मसलने लगी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,697
Threads: 947
Likes Received: 11,475 in 9,513 posts
Likes Given: 22
Joined: Dec 2018
Reputation:
119
मैंने दीदी से कहा – आप को क्या हुआ आप क्या कर रही है??? तो दीदी ने बड़े प्यार से कहा – “अरे छोटू मेरे यहाँ पर थोडा सा खुजली हो रही है क्या तुम अपने हाथो से सहला दोगे”। मुझे क्या पता था कि मै उनकी चूची को सहलाने जा रहा हूँ। मैंने उनकी चूची को सहलाना शुरु किया। कुछ देर बाद दीदी ने मेरे हाथो को पकड कर अपने मम्मो को दबाने लगी और वो खुद आहें बहरने लगी। मुझे भी मज़ा आ रहा था दीदी के गुल गुल चूची को दबाने में।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
|