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(14-03-2022, 12:37 PM)PATRIOT Wrote: kahani ki bahut shandaar shuruaat
lagta hai kahani me age bahut maza aane waalaa hai
waiting for update
Thanks
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
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14-03-2022, 02:24 PM
(This post was last modified: 14-03-2022, 02:25 PM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
PART-3
दोपहर का खाना खाने के बाद सभी लोग अपने अपने कमरों में आराम कर रहे थे. शिवानी भी अपने पति विवेक के साथ कमरे में आराम कर रही थी. उसके मन में तरह तरह के ख़याल आ रहे थे. शादी के बाद से ही उसके देवर गौरव का उसके प्रति जो रवैया था, उसे लेकर अब वह बहुत टेंशन में आ गयी थी और जल्द ही उसका हल निकालना चाहती थी.
उसने पहले सोचा कि गौरव के बारे में अपने पति विवेक को सब कुछ बता दे लेकिन फिर उसे लगा कि कहीं बात और न बिगड़ जाए. फिर उसे अचानक ख्याल आया कि उसने कालेज में गौरव को उसके दोस्तों के सामने एक थप्पड़ जड़ दिया था और हो सकता है गौरव अपने उसी अपमान का बदला लेने के लिए उसे तंग कर रहा हो. हालांकि जब शिवानी ने थप्पड़ मारा था तो गलती गौरव की ही थी लेकिन गौरव शायद उस सार्वजानिक अपमान को अभी तक भूला नहीं है और उसका बदला ही शिवानी से ले रहा है. यही सब सोचते हुए उसने फैसला कर लिया कि वह अपने उस थप्पड़ के लिए गौरव से जाकर माफी मांग लेगी.
उसने पलटकर बिस्तर पर देखा. विवेक को नींद आ गयी थी. विवेक को बिस्तर पर सोता छोड़कर शिवानी उठकर पास वाले गौरव के कमरे में आ गयी. गौरव उस समय बिस्तर पर टी शर्ट और शार्ट पहने लेटा हुआ था और अपने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखते हुए अपने खड़े हुए लण्ड पर हाथ फिरा रहा था.
अचानक वहां पर शिवानी को देखकर वह सकपकाकर बिस्तर से उठ गया और मोबाइल को एक साइड में रखते हुए शिवानी से बोला : हाँ बोलो, मैंने तो तुम्हे नहीं बुलाया फिर यहां किसलिए आयी हो ?
शिवानी ने इस समय फ्रंट ज़िप वाला एक सफ़ेद रंग का गाउन पहना हुआ था जिसमे से उसकी खूबसूरत फिगर एकदम साफ़ नज़र आ रही थी
शिवानी : मैं आपसे माफी मांगने आयी हूँ
गौरव : कौन सी माफी
शिवानी : मैंने उस दिन कालेज में आपको आपके चार दोस्तों के सामने थप्पड़ मारा था उसके लिए माफी मांगने आयी हूँ
शिवानी की बात सुनकर गौरव का लण्ड और ज्यादा कड़क हो गया. उसे लगा कि बहुत दिनों बाद चिड़िया खुद अपना शिकार करवाने उसके पास आ गयी है
गौरव बोला : पर मैं भला तुम्हे क्यों माफ़ करूंगा ? तुमने मेरे चार दोस्तों के सामने मुझे थप्पड़ मारकर मुझे ज़लील किया और अब चुचाप अकेले में माफी मांगने चली आयी ?
शिवानी : आप मुझे जो चाहे सजा दे सकते हैं लेकिन प्लीज़ मुझे माफ़ कर दीजिये
शिवानी ने जिस तरह से गिड़गिड़ाना शुरू किया उसे देखकर गौरव का हरामीपन एकदम जाग उठा था. वह तो कब से ऐसे ही मौके की तलाश में था.
गौरव : देखो वैसे तो तुमने जो हरकत की है, वह माफी के लायक नहीं है फिर भी मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ करने के लिए तैयार हूँ
शिवानी : मुझे सभी शर्तें मंजूर हैं, बस मुझे माफ़ कर दीजिये
गौरव : आज के बाद से तुम मेरा हर हुक्म मानोगी-मैं जो भी कहूँ वह तुम करोगी और बिना किसी झिझक और हिचकिचाहट के करोगी ? बोलो यह शर्त मंजूर है ?
शिवानी कुछ सोचने के बाद बोली : पर मैं तो आपकी हर बात अभी भी मान ही रही हूँ -फिर इस शर्त की क्या जरूरत है
गौरव : शर्त की जरूरत इसलिए है ताकि मुझे बार बार तुम्हे यह याद न दिलाना पड़े कि तुम अब मेरी गुलाम हो -तुम्हारे दिमाग में यह बात हर समय रहनी चाहिए कि विवेक तुम्हारा सिर्फ पति है लेकिन तुम मेरी गुलाम हो-अंग्रेजी में कहें तो तुम अब मेरी "सेक्स स्लेव" हो. बोलो तुम मेरी सेक्स स्लेव बनने के लिए तैयार हो या नहीं ?
शिवानी : लेकिन मैंने तो आपको एक थप्पड़ एक ही बार मारा था -एक बार आप जो भी कहेंगे मैं वह कर दूंगी -आप कहकर देखिये
गौरव भी मस्ती में आ गया था : ठीक है-यह बताओ कि भैया कमरे में क्या कर रहे हैं
शिवानी : वह तो सो रहे हैं-इसलिए मैं यहां आ गयी हूँ
गौरव (शार्ट के अंदर अपने तने हुए लण्ड पर हाथ फिराते हुए) : अब तुम ऐसा करो अपना गाउन खोलकर अपना खूबसूरत बदन मुझे दिखाओ
शिवानी को गौरव से इस तरह की बात की उम्मीद नहीं थी-वह उसकी बात सुनकर एकदम स्तब्ध रह गयी और बोली : मैं तुम्हारी भाभी हूँ -तुम होश में आकर बात करो और यह सेक्स स्लेव वगैरा अपनी वाइफ को बनाना -तुम्हारी शादी की बात भी लगता है जल्दी ही करनी पड़ेगी
इससे पहले कि गौरव और कुछ बोलता, अचानक पास वाले कमरे से विवेक की आवाज़ आयी : कहाँ हो शिवानी
शायद विवेक जाग गया था. शिवानी तुरंत ही कमरे से बाहर चली गयी और गौरव दुबारा से अपने बिस्तर पर लेटकर मोबाइल में पोर्न फिल्म देखने लगा
शेष अगले भाग में
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(14-03-2022, 01:11 PM)pawanqwert Wrote: Kya Sundar update diya hai aapne
Bahut achcha update tha
Aise hee update dete raho bhai
Dhanyvaad itni achhi Sundar kahani likhne ke liye aur bahut jaldi update Dene ke liye
Agle update ki jald aasha me
Thanks
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I hope iska gangbang hoga doston ke sath
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(13-03-2022, 04:53 PM)joy2008 Wrote: Great story
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14-03-2022, 05:59 PM
(This post was last modified: 14-03-2022, 07:47 PM by Hot_Guy. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
PART-4
उस दिन के बाद से शिवानी दुबारा गौरव से अकेले में नहीं मिली थी क्योंकि उसे गौरव के गंदे इरादों के बारे में पता चल गया था की वह उसे अपनी "सेक्स स्लेव" बनाकर अपनी हवस पूरी करना चाहता है. गौरव भी उससे बदला लेने के लिए उस पर अपनी दबंगई और रौब दिखा दिखाकर उसे परेशान करता रहता था.
शिवानी और विवेक की शादी को अब लगभग 6 महीने हो चुके थे-दोनों की सेक्स लाइफ बढ़िया चल रही थी. विवेक शिवानी की खूबसूरत जवानी और उसकी सेक्सी फिगर का दीवाना था और रात के अलावा जब भी मौका लगता वह शिवानी को जी भरकर पेलता रहता था-विवेक के मम्मी पापा इस बात की उम्मीद लगाए बैठे थे की जल्द ही उनके घर में एक नए मेहमान का आगमन होगा लेकिन जब 6 महीने के बाद भी शिवानी ने कंसीव नहीं किया (गर्भ धारण नहीं किया) तो उनकी चिंता बढ़ने लगी.
उन्होंने एक दिन शिवानी से ही पूछना शुरू कर दिया : बेटा तुम लोग मुझे दादी कब बना रहे हो
उसी समय विवेक भी वहीं पर आ गया और अपनी मम्मी की बात सुनकर कहने लगा : अरे मम्मी जल्दी क्या है -बच्चे तो भगवान की देन हैं. जब भगवान की कृपा होगी तो आपको नाती भी मिल जायेगा
उसी समय विवेक के पापा दशरथ सिंह और गौरव भी वहां आ पहुंचे और कहने लगे : हमें भी तो मालूम पड़े कि तुम लोगों में क्या बातचीत चल रही है
यह सुनते ही सुनीता देवी बोलने लगीं : मैं तो इन लोगों से यही जानना चाह रही थी कि इस आंगन में नन्हा मुन्ना मेहमान कब तक आने वाला है
दशरथ सिंह भी मामले की गंभीरता को समझ रहे थे क्योंकि 6 महीने शादी को हो चुके थे और अभी तक शिवानी कंसीव भी नहीं हुई थी
दशरथ सिंह ने गौरव की तरफ देखकर कहा : तुम्हारे दोस्त की मम्मी लेडी डॉक्टर हैं -क्या नाम है उनका ?
गौरव : डॉक्टर उर्मिला देवी, मेरे दोस्त पुनीत की मम्मी हैं-आप कहें तो मैं उनसे मिलने का समय ले लेता हूँ -भैया और भाभी जाकर उनसे मिल लेंगे
दशरथ सिंह : हाँ मेरा ख्याल यही है कि लेडी डॉक्टर से चेक अप करा लिए जाए ताकि अब और देरी न हो और अगर किसी इलाज़ की जरूरत हो तो वह समय रहते कर लिया जाए
विवेक : देखो यह सब काम बाद में कर लेंगे. मुझे फिलहाल कल जरूरी काम से लखनऊ निकलना है -वहां से आने के बाद देखेंगे कि डॉक्टर से कब मिलना है
सुनीता देवी : फिलहाल ऐसा करते हैं कि बहूरानी को तो दिखा देते हैं- यह गौरव के साथ डॉक्टर साहिबा के यहां चेक अप कराने चली जाएगी
विवेक : ठीक है, तुम लोगों की जो मर्ज़ी हो सो करो -मुझे सफर की तैयारी करनी है-मैं चलता हूँ
यह कहकर विवेक वहां से चला गया
गौरव ने डॉक्टर उर्मिला से बात करके उनसे कल सुबह दस बजे का समय ले लिया था
सब लोग इस बात पर राजी हो गए थे कि अगले दिन सुबह दस बजे शिवानी अपने देवर गौरव के साथ लेडी डॉक्टर उर्मिला देवी के यहां अपना चेक अप कराने जाएगी
इस बातचीत के बाद सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त हो गए. गौरव अचानक बदले इस घटनाक्रम से बेहद उत्साहित और उत्तेजित था और थोड़ी थोड़ी देर बाद अपने लण्ड पर हाथ फिरा फिराकर आने वाले समय की कल्पनाओं में खोया हुआ था. वह इंटरनेट पर जिस तरह की फ़िल्में और कहानियां देखता-पढता रहता था, उनकी वजह से उसकी हरामी पंती बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी -शादी के बाद से ही वह शिवानी को अपने जाल में फंसाकर उसे अपने इशारों पर नचाने के सपने देख रहा था लेकिन शिवानी उसकी लाख कोशिशों के बाबजूद उसे अपने ऊपर हाथ तक नहीं रखने दे रही थी.
गौरव को अब मेडिकल चेक अप के बहाने इस बात का सुनहरा मौका मिला था कि वह अपनी सभी हसरतों को पूरा कर ले -उसने इसके लिए पक्का प्लान भी बना लिया और लेडी डॉक्टर उर्मिला देवी के बेटे पुनीत (जो कि उसका पक्का दोस्त भी था) को भी अपने प्लान में पार्टनर बना लिया.
विवेक को सुबह 6 बजे लखनऊ के लिए निकलना था इसलिए वह सफर कि तैयारी करने के बाद खाना खाकर जल्दी ही सो गया लेकिन बिस्तर पर उसके साथ लेटी हुई शिवानी अभी तक जाग रही थी और दिन भर कि बातों के बारे में सोचते हुए कल होने वाले मेडिकल चेक अप को लेकर भी चिंता में थी कि पता नहीं डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में क्या बताये
उधर गौरव भी अपने दोस्त पुनीत से फोन पर कल होने वाले मेडिकल चेक अप के बारे में लगातार बातचीत कर रहा था
रात के 10 बजे गौरव अचानक विवेक के कमरे में आया और शिवानी से बोला : भैया से कुछ जरूरी बात करनी है-उन्हें जगा दो
शिवानी ने विवेक को जगा दिया और विवेक गौरव के साथ उसके कमरे में आ गया : बताओ क्या बात है गौरव
गौरव : उर्मिला आंटी से मेरी बात हुई है-उन्होंने कहा है की एक शीशी में आपके वीर्य का सैंपल भी मैं उनके पास लेकर जाऊं ताकि वह उसे भी चेक करवा सकें -इसके बाद आपको उनके पास जाने कि जरूरत नहीं पड़ेगी
विवेक गौरव की बात समझ गया और बोला : ठीक है -मैं शीशी में वीर्य भरकर शिवानी को दे दूंगा
इसके बाद विवेक कमरे में आया और शिवानी से बोला : यह नयी मुसीबत डॉक्टर ने खड़ी कर दी है- इस समय मेरा मूड भी नहीं है और उसने मेरे वीर्य का सैंपल कल मंगवाया है -तुम ऐसा करो एक खाली शीशी लेकर आओ और मेरा मूड बनाओ
शेष अगले भाग में
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(14-03-2022, 03:09 PM)PATRIOT Wrote: Very Hot Updates
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Very Nice Update
Waiting for more such updates
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(14-03-2022, 05:59 PM)Hot_Guy Wrote: PART-4
उस दिन के बाद से शिवानी दुबारा गौरव से अकेले में नहीं मिली थी क्योंकि उसे गौरव के गंदे इरादों के बारे में पता चल गया था की वह उसे अपनी "सेक्स स्लेव" बनाकर अपनी हवस पूरी करना चाहता है. गौरव भी उससे बदला लेने के लिए उस पर अपनी दबंगई और रौब दिखा दिखाकर उसे परेशान करता रहता था.
शिवानी और विवेक की शादी को अब लगभग 6 महीने हो चुके थे-दोनों की सेक्स लाइफ बढ़िया चल रही थी. विवेक शिवानी की खूबसूरत जवानी और उसकी सेक्सी फिगर का दीवाना था और रात के अलावा जब भी मौका लगता वह शिवानी को जी भरकर पेलता रहता था-विवेक के मम्मी पापा इस बात की उम्मीद लगाए बैठे थे की जल्द ही उनके घर में एक नए मेहमान का आगमन होगा लेकिन जब 6 महीने के बाद भी शिवानी ने कंसीव नहीं किया (गर्भ धारण नहीं किया) तो उनकी चिंता बढ़ने लगी.
उन्होंने एक दिन शिवानी से ही पूछना शुरू कर दिया : बेटा तुम लोग मुझे दादी कब बना रहे हो
उसी समय विवेक भी वहीं पर आ गया और अपनी मम्मी की बात सुनकर कहने लगा : अरे मम्मी जल्दी क्या है -बच्चे तो भगवान की देन हैं. जब भगवान की कृपा होगी तो आपको नाती भी मिल जायेगा
उसी समय विवेक के पापा दशरथ सिंह और गौरव भी वहां आ पहुंचे और कहने लगे : हमें भी तो मालूम पड़े कि तुम लोगों में क्या बातचीत चल रही है
यह सुनते ही सुनीता देवी बोलने लगीं : मैं तो इन लोगों से यही जानना चाह रही थी कि इस आंगन में नन्हा मुन्ना मेहमान कब तक आने वाला है
दशरथ सिंह भी मामले की गंभीरता को समझ रहे थे क्योंकि 6 महीने शादी को हो चुके थे और अभी तक शिवानी कंसीव भी नहीं हुई थी
दशरथ सिंह ने गौरव की तरफ देखकर कहा : तुम्हारे दोस्त की मम्मी लेडी डॉक्टर हैं -क्या नाम है उनका ?
गौरव : डॉक्टर उर्मिला देवी, मेरे दोस्त पुनीत की मम्मी हैं-आप कहें तो मैं उनसे मिलने का समय ले लेता हूँ -भैया और भाभी जाकर उनसे मिल लेंगे
दशरथ सिंह : हाँ मेरा ख्याल यही है कि लेडी डॉक्टर से चेक अप करा लिए जाए ताकि अब और देरी न हो और अगर किसी इलाज़ की जरूरत हो तो वह समय रहते कर लिया जाए
विवेक : देखो यह सब काम बाद में कर लेंगे. मुझे फिलहाल कल जरूरी काम से लखनऊ निकलना है -वहां से आने के बाद देखेंगे कि डॉक्टर से कब मिलना है
सुनीता देवी : फिलहाल ऐसा करते हैं कि बहूरानी को तो दिखा देते हैं- यह गौरव के साथ डॉक्टर साहिबा के यहां चेक अप कराने चली जाएगी
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यह कहकर विवेक वहां से चला गया
गौरव ने डॉक्टर उर्मिला से बात करके उनसे कल सुबह दस बजे का समय ले लिया था
सब लोग इस बात पर राजी हो गए थे कि अगले दिन सुबह दस बजे शिवानी अपने देवर गौरव के साथ लेडी डॉक्टर उर्मिला देवी के यहां अपना चेक अप कराने जाएगी
इस बातचीत के बाद सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त हो गए. गौरव अचानक बदले इस घटनाक्रम से बेहद उत्साहित और उत्तेजित था और थोड़ी थोड़ी देर बाद अपने लण्ड पर हाथ फिरा फिराकर आने वाले समय की कल्पनाओं में खोया हुआ था. वह इंटरनेट पर जिस तरह की फ़िल्में और कहानियां देखता-पढता रहता था, उनकी वजह से उसकी हरामी पंती बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी -शादी के बाद से ही वह शिवानी को अपने जाल में फंसाकर उसे अपने इशारों पर नचाने के सपने देख रहा था लेकिन शिवानी उसकी लाख कोशिशों के बाबजूद उसे अपने ऊपर हाथ तक नहीं रखने दे रही थी.
गौरव को अब मेडिकल चेक अप के बहाने इस बात का सुनहरा मौका मिला था कि वह अपनी सभी हसरतों को पूरा कर ले -उसने इसके लिए पक्का प्लान भी बना लिया और लेडी डॉक्टर उर्मिला देवी के बेटे पुनीत (जो कि उसका पक्का दोस्त भी था) को भी अपने प्लान में पार्टनर बना लिया.
विवेक को सुबह 6 बजे लखनऊ के लिए निकलना था इसलिए वह सफर कि तैयारी करने के बाद खाना खाकर जल्दी ही सो गया लेकिन बिस्तर पर उसके साथ लेटी हुई शिवानी अभी तक जाग रही थी और दिन भर कि बातों के बारे में सोचते हुए कल होने वाले मेडिकल चेक अप को लेकर भी चिंता में थी कि पता नहीं डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में क्या बताये
उधर गौरव भी अपने दोस्त पुनीत से फोन पर कल होने वाले मेडिकल चेक अप के बारे में लगातार बातचीत कर रहा था
रात के 10 बजे गौरव अचानक विवेक के कमरे में आया और शिवानी से बोला : भैया से कुछ जरूरी बात करनी है-उन्हें जगा दो
शिवानी ने विवेक को जगा दिया और विवेक गौरव के साथ उसके कमरे में आ गया : बताओ क्या बात है गौरव
गौरव : उर्मिला आंटी से मेरी बात हुई है-उन्होंने कहा है की एक शीशी में आपके वीर्य का सैंपल भी मैं उनके पास लेकर जाऊं ताकि वह उसे भी चेक करवा सकें -इसके बाद आपको उनके पास जाने कि जरूरत नहीं पड़ेगी
विवेक गौरव की बात समझ गया और बोला : ठीक है -मैं शीशी में वीर्य भरकर शिवानी को दे दूंगा
इसके बाद विवेक कमरे में आया और शिवानी से बोला : यह नयी मुसीबत डॉक्टर ने खड़ी कर दी है- इस समय मेरा मूड भी नहीं है और उसने मेरे वीर्य का सैंपल कल मंगवाया है -तुम ऐसा करो एक खाली शीशी लेकर आओ और मेरा मूड बनाओ
शेष अगले भाग में
आज के अपडेट का बेसब्री से इंतज़ार हैं।
कितने बजे आएगा?
प्लीज़ जल्द देने की कृपा करे।[img=22x0]https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/6.6/png/unicode/64/1f64f-1f3fc.png[/img][img=22x0]https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/6.6/png/unicode/64/1f64f-1f3fd.png[/img]
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(14-03-2022, 05:59 PM)Hot_Guy Wrote: PART-4
उस दिन के बाद से शिवानी दुबारा गौरव से अकेले में नहीं मिली थी क्योंकि उसे गौरव के गंदे इरादों के बारे में पता चल गया था की वह उसे अपनी "सेक्स स्लेव" बनाकर अपनी हवस पूरी करना चाहता है. गौरव भी उससे बदला लेने के लिए उस पर अपनी दबंगई और रौब दिखा दिखाकर उसे परेशान करता रहता था.
शिवानी और विवेक की शादी को अब लगभग 6 महीने हो चुके थे-दोनों की सेक्स लाइफ बढ़िया चल रही थी. विवेक शिवानी की खूबसूरत जवानी और उसकी सेक्सी फिगर का दीवाना था और रात के अलावा जब भी मौका लगता वह शिवानी को जी भरकर पेलता रहता था-विवेक के मम्मी पापा इस बात की उम्मीद लगाए बैठे थे की जल्द ही उनके घर में एक नए मेहमान का आगमन होगा लेकिन जब 6 महीने के बाद भी शिवानी ने कंसीव नहीं किया (गर्भ धारण नहीं किया) तो उनकी चिंता बढ़ने लगी.
उन्होंने एक दिन शिवानी से ही पूछना शुरू कर दिया : बेटा तुम लोग मुझे दादी कब बना रहे हो
उसी समय विवेक भी वहीं पर आ गया और अपनी मम्मी की बात सुनकर कहने लगा : अरे मम्मी जल्दी क्या है -बच्चे तो भगवान की देन हैं. जब भगवान की कृपा होगी तो आपको नाती भी मिल जायेगा
उसी समय विवेक के पापा दशरथ सिंह और गौरव भी वहां आ पहुंचे और कहने लगे : हमें भी तो मालूम पड़े कि तुम लोगों में क्या बातचीत चल रही है
यह सुनते ही सुनीता देवी बोलने लगीं : मैं तो इन लोगों से यही जानना चाह रही थी कि इस आंगन में नन्हा मुन्ना मेहमान कब तक आने वाला है
दशरथ सिंह भी मामले की गंभीरता को समझ रहे थे क्योंकि 6 महीने शादी को हो चुके थे और अभी तक शिवानी कंसीव भी नहीं हुई थी
दशरथ सिंह ने गौरव की तरफ देखकर कहा : तुम्हारे दोस्त की मम्मी लेडी डॉक्टर हैं -क्या नाम है उनका ?
गौरव : डॉक्टर उर्मिला देवी, मेरे दोस्त पुनीत की मम्मी हैं-आप कहें तो मैं उनसे मिलने का समय ले लेता हूँ -भैया और भाभी जाकर उनसे मिल लेंगे
दशरथ सिंह : हाँ मेरा ख्याल यही है कि लेडी डॉक्टर से चेक अप करा लिए जाए ताकि अब और देरी न हो और अगर किसी इलाज़ की जरूरत हो तो वह समय रहते कर लिया जाए
विवेक : देखो यह सब काम बाद में कर लेंगे. मुझे फिलहाल कल जरूरी काम से लखनऊ निकलना है -वहां से आने के बाद देखेंगे कि डॉक्टर से कब मिलना है
सुनीता देवी : फिलहाल ऐसा करते हैं कि बहूरानी को तो दिखा देते हैं- यह गौरव के साथ डॉक्टर साहिबा के यहां चेक अप कराने चली जाएगी
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यह कहकर विवेक वहां से चला गया
गौरव ने डॉक्टर उर्मिला से बात करके उनसे कल सुबह दस बजे का समय ले लिया था
सब लोग इस बात पर राजी हो गए थे कि अगले दिन सुबह दस बजे शिवानी अपने देवर गौरव के साथ लेडी डॉक्टर उर्मिला देवी के यहां अपना चेक अप कराने जाएगी
इस बातचीत के बाद सब लोग अपने अपने काम में व्यस्त हो गए. गौरव अचानक बदले इस घटनाक्रम से बेहद उत्साहित और उत्तेजित था और थोड़ी थोड़ी देर बाद अपने लण्ड पर हाथ फिरा फिराकर आने वाले समय की कल्पनाओं में खोया हुआ था. वह इंटरनेट पर जिस तरह की फ़िल्में और कहानियां देखता-पढता रहता था, उनकी वजह से उसकी हरामी पंती बहुत ज्यादा बढ़ गयी थी -शादी के बाद से ही वह शिवानी को अपने जाल में फंसाकर उसे अपने इशारों पर नचाने के सपने देख रहा था लेकिन शिवानी उसकी लाख कोशिशों के बाबजूद उसे अपने ऊपर हाथ तक नहीं रखने दे रही थी.
गौरव को अब मेडिकल चेक अप के बहाने इस बात का सुनहरा मौका मिला था कि वह अपनी सभी हसरतों को पूरा कर ले -उसने इसके लिए पक्का प्लान भी बना लिया और लेडी डॉक्टर उर्मिला देवी के बेटे पुनीत (जो कि उसका पक्का दोस्त भी था) को भी अपने प्लान में पार्टनर बना लिया.
विवेक को सुबह 6 बजे लखनऊ के लिए निकलना था इसलिए वह सफर कि तैयारी करने के बाद खाना खाकर जल्दी ही सो गया लेकिन बिस्तर पर उसके साथ लेटी हुई शिवानी अभी तक जाग रही थी और दिन भर कि बातों के बारे में सोचते हुए कल होने वाले मेडिकल चेक अप को लेकर भी चिंता में थी कि पता नहीं डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में क्या बताये
उधर गौरव भी अपने दोस्त पुनीत से फोन पर कल होने वाले मेडिकल चेक अप के बारे में लगातार बातचीत कर रहा था
रात के 10 बजे गौरव अचानक विवेक के कमरे में आया और शिवानी से बोला : भैया से कुछ जरूरी बात करनी है-उन्हें जगा दो
शिवानी ने विवेक को जगा दिया और विवेक गौरव के साथ उसके कमरे में आ गया : बताओ क्या बात है गौरव
गौरव : उर्मिला आंटी से मेरी बात हुई है-उन्होंने कहा है की एक शीशी में आपके वीर्य का सैंपल भी मैं उनके पास लेकर जाऊं ताकि वह उसे भी चेक करवा सकें -इसके बाद आपको उनके पास जाने कि जरूरत नहीं पड़ेगी
विवेक गौरव की बात समझ गया और बोला : ठीक है -मैं शीशी में वीर्य भरकर शिवानी को दे दूंगा
इसके बाद विवेक कमरे में आया और शिवानी से बोला : यह नयी मुसीबत डॉक्टर ने खड़ी कर दी है- इस समय मेरा मूड भी नहीं है और उसने मेरे वीर्य का सैंपल कल मंगवाया है -तुम ऐसा करो एक खाली शीशी लेकर आओ और मेरा मूड बनाओ
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Maza aa gaya update padh ke
Kahani bahut jyada interesting ho gai hai
Agle update ke intezar me
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15-03-2022, 10:53 AM
(This post was last modified: 15-03-2022, 10:54 AM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
PART-5
शिवानी एक खाली शीशी लेकर आयी और विवेक को देते हुए कहने लगी : मैं आपकी बात समझी नहीं-आप कह रहे हैं कि मूड बनाओ-मूड कैसे बनाते हैं ?
विवेक : तुम तो यार शहर की पढ़ी लिखी मॉडर्न लड़की हो और इतना भी नहीं जानतीं कि पति का मूड कैसे बनाया जाता है -चलो मैं तुम्हे बताता हूँ-फटाफट अपने कपडे उतारो और मेरे सामने आकर खड़ी हो जाओ
विवेक इस समय एक बनियान और बॉक्सर अंडरवियर पहने सोफे पर अपनी टाँगे फैलाकर बैठा हुआ था
शिवानी को अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन उसने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए-उसने इस समय फ्रंट ज़िप वाला गाउन पहना हुआ था. उसने गाउन की ज़िप नीचे खिसकाई और धीरे धीरे उसे अपने बदन से अलग करके साइड में रख दिया-अब उसके बदन पर सिर्फ ब्रा और पैंटी बची थी.
विवेक ने शिवानी को देखकर अंडरवियर के अंदर अपने लण्ड पर हाथ फिराया और बोला : ब्रा और पैंटी भी उतारो-पूरी तरह नंगी हो जाओ
शिवानी थोड़ी हैरान थी क्योंकि विवेक जिस तरह से आज व्यवहार कर रहा था, वह उसने पहले कभी नहीं किया था लेकिन क्योंकि वह उसका पति था शिवानी ने बिना कुछ ज्यादा सोचे समझे अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार फेंकी और विवेक के पास जाकर खड़ी हो गयी
बिना किसी भूमिका के विवेक उससे बोला : जल्दी से नीचे घुटनों के बल बैठो और मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर उसे खड़ा करो
यह कहकर विवेक ने अपने अंडरवियर में से अपने लण्ड को बहार निकल लिया जो इस समय लगभग शिथिल अवस्था में था
शिवानी एकदम स्तब्ध थी. उसने पहले कभी किसी का लण्ड अपने मुंह में नहीं लिया था और विवेक भी आज उससे पहली बार ही उसका लण्ड मुंह में लेने के लिए कह रहा था.
शिवानी : क्या यह जरूरी है जी ? मैंने पहले कभी किसी का लण्ड अपने मुंह में नहीं लिया है -मुझे यह अच्छा भी नहीं लगता है
विवेक (कड़क आवाज़ में ) : तुम्हे क्या अच्छा लगता है क्या नहीं लगता है-उसका कोई मतलब नहीं है- अगर मैं कह रहा हूँ तो तुम्हे मेरा हुक्म मानना ही होगा. चलो अब जल्दी से अपना मुंह खोलो और जो मैं कहता हूँ वह करती जाओ
शिवानी अब बेबस थी. वह विवेक की टांगों के बीच में घुटन के बल बैठ गयी और उसके लण्ड को अपने हाथों में लेकर उस पर हाथ फिराने लगी -जैसे ही उसने विवेक के लण्ड पर अपना हाथ फिराना शुरू किया, उसका साइज बढ़ने लगा और वह कड़क भी होने लगा
विवेक : जल्दी से इसे अपने मुंह में लो और इसे अपनी जीभ और होंठों से सहलाओ
शिवानी ने उसके लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और अपनी जीभ को उसके लण्ड के इर्द गिर्द घुमाकर उसकी मालिश करने लगी
विवेक को अब मुख मैथुन का मज़ा आने लगा और उसका लण्ड भी उसके मुंह में एकदम कड़क होकर काफी लम्बा हो गया था
अपने लण्ड को उसके मुंह में अंदर बाहर करते हुए विवेक शिवानी के दोनों गालों पर बीच बीच में हल्के हल्के चपत भी मारता जा रहा था क्योंकि ऐसा करने पर उसे कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था.
जब विवेक को लगा कि उसके लण्ड की पिचकारी अब छूटने वाली है तो उसने लण्ड को उसके मुंह से बाहर निकाल लिया और अपने लण्ड की पिचकारी को खाली शीशी के अंदर छोड़ दिया. अब खाली शीशी उसके वीर्य से पूरी तरह भर गयी थी. शीशी को बंद करके उसने एक तरफ रख दिया और शिवानी से बोला : अब अपनी जीभ से मेरे लण्ड को साफ़ करो
शिवानी अपनी जीभ से सहला सहला कर उसके लण्ड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी और शिवानी की इस मालिश से विवेक का लण्ड एक बार फिर से कड़क हो गया और वह बोला : जाओ अब बिस्तर पर जाकर लेटो. तुम्हारे साथ बाकी के मज़े अब बेड पर ही लिए जाएंगे.
शिवानी बिस्तर पर जाकर सीधी लेट गयी -वह पूरी तरह निर्वस्त्र थी. विवेक बिस्तर पर आया और उसके मम्मों को दबाने-सहलाने लगा -उसके हाथ सरकते हुए उसके चिकने समतल पेट पर आये और फिर उसने शिवानी के चिकने योनि प्रदेश पर अपना हाथ फिराते हुए उससे कहा : टाँगे खोलो
शिवानी ने जैसे ही अपनी टाँगे खोलीं, विवेक ने अपने खड़े लण्ड को उसकी योनि में डाल दिया और शिवानी के खूबसूरत बदन को अपने बदन के नीचे दबाते हुए उसकी तबियत से चुदाई करने लगा.
इसी तरह मौज़ मस्ती करते करते दोनों को कब नींद आ गयी, इसका उन्हें तब पता चला, जब सुबह 4 बजे अलार्म की घंटी बजने लगी
दोनों फटाफट उठकर विवेक के लखनऊ जाने की तैयारी करने लगे क्योंकि उसे हर हाल में 5 बजे निकलना था और 6 बजे की लखनऊ की ट्रेन पकड़नी थी.
शेष अगले भाग में
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जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
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(15-03-2022, 10:53 AM)Hot_Guy Wrote: PART-5
शिवानी एक खाली शीशी लेकर आयी और विवेक को देते हुए कहने लगी : मैं आपकी बात समझी नहीं-आप कह रहे हैं कि मूड बनाओ-मूड कैसे बनाते हैं ?
विवेक : तुम तो यार शहर की पढ़ी लिखी मॉडर्न लड़की हो और इतना भी नहीं जानतीं कि पति का मूड कैसे बनाया जाता है -चलो मैं तुम्हे बताता हूँ-फटाफट अपने कपडे उतारो और मेरे सामने आकर खड़ी हो जाओ
विवेक इस समय एक बनियान और बॉक्सर अंडरवियर पहने सोफे पर अपनी टाँगे फैलाकर बैठा हुआ था
शिवानी को अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन उसने अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए-उसने इस समय फ्रंट ज़िप वाला गाउन पहना हुआ था. उसने गाउन की ज़िप नीचे खिसकाई और धीरे धीरे उसे अपने बदन से अलग करके साइड में रख दिया-अब उसके बदन पर सिर्फ ब्रा और पैंटी बची थी.
विवेक ने शिवानी को देखकर अंडरवियर के अंदर अपने लण्ड पर हाथ फिराया और बोला : ब्रा और पैंटी भी उतारो-पूरी तरह नंगी हो जाओ
शिवानी थोड़ी हैरान थी क्योंकि विवेक जिस तरह से आज व्यवहार कर रहा था, वह उसने पहले कभी नहीं किया था लेकिन क्योंकि वह उसका पति था शिवानी ने बिना कुछ ज्यादा सोचे समझे अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार फेंकी और विवेक के पास जाकर खड़ी हो गयी
बिना किसी भूमिका के विवेक उससे बोला : जल्दी से नीचे घुटनों के बल बैठो और मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर उसे खड़ा करो
यह कहकर विवेक ने अपने अंडरवियर में से अपने लण्ड को बहार निकल लिया जो इस समय लगभग शिथिल अवस्था में था
शिवानी एकदम स्तब्ध थी. उसने पहले कभी किसी का लण्ड अपने मुंह में नहीं लिया था और विवेक भी आज उससे पहली बार ही उसका लण्ड मुंह में लेने के लिए कह रहा था.
शिवानी : क्या यह जरूरी है जी ? मैंने पहले कभी किसी का लण्ड अपने मुंह में नहीं लिया है -मुझे यह अच्छा भी नहीं लगता है
विवेक (कड़क आवाज़ में ) : तुम्हे क्या अच्छा लगता है क्या नहीं लगता है-उसका कोई मतलब नहीं है- अगर मैं कह रहा हूँ तो तुम्हे मेरा हुक्म मानना ही होगा. चलो अब जल्दी से अपना मुंह खोलो और जो मैं कहता हूँ वह करती जाओ
शिवानी अब बेबस थी. वह विवेक की टांगों के बीच में घुटन के बल बैठ गयी और उसके लण्ड को अपने हाथों में लेकर उस पर हाथ फिराने लगी -जैसे ही उसने विवेक के लण्ड पर अपना हाथ फिराना शुरू किया, उसका साइज बढ़ने लगा और वह कड़क भी होने लगा
विवेक : जल्दी से इसे अपने मुंह में लो और इसे अपनी जीभ और होंठों से सहलाओ
शिवानी ने उसके लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और अपनी जीभ को उसके लण्ड के इर्द गिर्द घुमाकर उसकी मालिश करने लगी
विवेक को अब मुख मैथुन का मज़ा आने लगा और उसका लण्ड भी उसके मुंह में एकदम कड़क होकर काफी लम्बा हो गया था
अपने लण्ड को उसके मुंह में अंदर बाहर करते हुए विवेक शिवानी के दोनों गालों पर बीच बीच में हल्के हल्के चपत भी मारता जा रहा था क्योंकि ऐसा करने पर उसे कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था.
जब विवेक को लगा कि उसके लण्ड की पिचकारी अब छूटने वाली है तो उसने लण्ड को उसके मुंह से बाहर निकाल लिया और अपने लण्ड की पिचकारी को खाली शीशी के अंदर छोड़ दिया. अब खाली शीशी उसके वीर्य से पूरी तरह भर गयी थी. शीशी को बंद करके उसने एक तरफ रख दिया और शिवानी से बोला : अब अपनी जीभ से मेरे लण्ड को साफ़ करो
शिवानी अपनी जीभ से सहला सहला कर उसके लण्ड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी और शिवानी की इस मालिश से विवेक का लण्ड एक बार फिर से कड़क हो गया और वह बोला : जाओ अब बिस्तर पर जाकर लेटो. तुम्हारे साथ बाकी के मज़े अब बेड पर ही लिए जाएंगे.
शिवानी बिस्तर पर जाकर सीधी लेट गयी -वह पूरी तरह निर्वस्त्र थी. विवेक बिस्तर पर आया और उसके मम्मों को दबाने-सहलाने लगा -उसके हाथ सरकते हुए उसके चिकने समतल पेट पर आये और फिर उसने शिवानी के चिकने योनि प्रदेश पर अपना हाथ फिराते हुए उससे कहा : टाँगे खोलो
शिवानी ने जैसे ही अपनी टाँगे खोलीं, विवेक ने अपने खड़े लण्ड को उसकी योनि में डाल दिया और शिवानी के खूबसूरत बदन को अपने बदन के नीचे दबाते हुए उसकी तबियत से चुदाई करने लगा.
इसी तरह मौज़ मस्ती करते करते दोनों को कब नींद आ गयी, इसका उन्हें तब पता चला, जब सुबह 4 बजे अलार्म की घंटी बजने लगी
दोनों फटाफट उठकर विवेक के लखनऊ जाने की तैयारी करने लगे क्योंकि उसे हर हाल में 5 बजे निकलना था और 6 बजे की लखनऊ की ट्रेन पकड़नी थी.
शेष अगले भाग में
Lekhak bhai
Anand se man bhar gaya
Bahut maza aaya bahut achcha update tha
Intzaar hai agle update ka ki uska dewar kya karta hai uske saath
Clinic me kya hota hai ye jaanne ki bhi utsukta hai
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(15-03-2022, 11:43 AM)Hot_Guy Wrote: One more update will come today
Bade bhai
Kitne baje aayega ?
Intzaar rehega aapke update ka
Please jaldi Dene ka try kijiyega
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(15-03-2022, 09:11 AM)PATRIOT Wrote: Very Nice Update
Waiting for more such updates
Thanks
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15-03-2022, 02:34 PM
(This post was last modified: 15-03-2022, 02:36 PM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
PART-6
विवेक एक हफ्ते के लिए लखनऊ चला गया था
शिवानी का देवर गौरव आज सुबह से ही शिवानी के मेडिकल चेक अप के बारे में सोच सोचकर अपना लण्ड सहलाये जा रहा था
ठीक साढ़े नौ बजे गौरव शिवानी को अपनी बाइक पर बिठाकर डॉक्टर उर्मिला देवी के क्लिनिक की तरफ चल दिया. गौरव ने एक टी शर्ट और जींस पहनी हुई थी और शिवानी ने एक नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी.
बाइक चलते चलते शिवानी के मस्त मस्त नरम मुलायम मम्मे गौरव की पीठ से बार बार टकरा रहे थे. शिवानी ने अपने एक हाथ को पहले से ही गौरव की कमर में डालकर उसे कसकर पकड़ रखा था ताकि झटका वगैरा लगने पर वह बाइक से नीचे न गिर जाए
जल्द ही वे दोनों क्लिनिक पहुँच गए. क्लिनिक काफी पुराना और बड़ा था और वहां काफी कर्मचारी काम करते थे.
क्लिनिक पर गौरव का दोस्त और डॉक्टर उर्मिला का बेटा पुनीत इंतज़ार कर रहा था
शिवानी ने पुनीत को देखा तो उसे याद आया कि यह तो वही है तो कालेज में गौरव को थप्पड़ मारते समय भी मौजूद था.
पुनीत गौरव से बोला : मम्मी को विधायक जी के यहां किसी अर्जेंट काम से जाना पड़ गया है और वह शाम तक ही वापस आएंगी लेकिन तुम्हारा केस वह अपने जूनियर डॉक्टर अनुराग को ठीक से समझाकर गयी हैं -आओ मैं तुम्हे डॉक्टर अनुराग से मिलवा देता हूँ.
यह कहकर वे लोग एक केबिन में डॉक्टर अनुराग के पास आ गए
पुनीत डॉक्टर अनुराग से बोला : इनके बारे में मम्मी ने आपसे बात की थी. यह मेरा दोस्त गौरव है और यह इसकी भाभी हैं-शिवानी
यह कहकर पुनीत वहां से चला गया
अब गौरव ने सबसे पहले वीर्य से भरी शीशी डॉक्टर अनुराग को देते हुए कहा : यह भैया के वीर्य का सैंपल है
डॉक्टर अनुराग ने वीर्य का सैंपल लैब में टेस्टिंग के लिए भिजवा दिया और गौरव से बोला : अब आप अपनी समस्या बताइये
डॉक्टर गौरव लगभग तीस साल का गेहुँआँ रंग का ६ फिट लम्बा था-गेहुआं रंग का होने के बाबजूद भी वह काफी आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक लग रहा था और उसने डॉक्टरों वाला सफ़ेद कोट पैंट और अंदर एक सफ़ेद रंग की शर्ट पहनी हुई थी.
गौरव ने अब डॉक्टर अनुराग को बताना शुरू किया : दरअसल भैया भाभी की शादी को ६ महीने हो चुके हैं और मम्मी-पापा को यह चिंता है कि अभी तक भाभी के बच्चा होने का कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहा है -यह मामला सीरियस इसलिए है कि अगर यह पता चलता है कि भाभी को बच्चा नहीं हो सकता है तो हम लोगों को शायद यह शादी तोड़कर भैया की दूसरी शादी भी करनी पड़ सकती है
शिवानी गौरव की बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी और अब वह एकदम घबरा सी गयी थी क्योंकि उसे लग रहा था कि अगर उसके अंदर कोई कमी निकली कि वह बच्चा पैदा नहीं कर सकती तो उसका तलाक हो जाएगा और फिर ऐसी हालत में न तो उसका कहीं दूसरा विवाह होगा और उसकी छोटी बहन रवीना की शादी में भी अड़चन आ सकती है
अनुराग ने सारी बात सुनकर गौरव से कहा : इनके हस्बैंड यानी कि आपके बड़े भाई कहाँ हैं- उन्हें भी यहां आना चाहिए था
गौरव : उनको किसी जरूरी काम से एक हफ्ते के लिए लखनऊ जाना पड़ गया है. उर्मिला आंटी को हमने यह बता दिया था और इसीलिए हम शीशी में भैया के वीर्य का सैंपल लेकर आये हैं.
अनुराग : चलिए कोई बात नहीं. हमें इस चेक उप के लिए घर के किसी एक भरोसेमन्द आदमी की जरूरत होती है-इनके पति नहीं हैं लेकिन आप इनके देवर तो हैं ही-आपसे ही काम चला लेंगे -आइये मेडिकल चेक अप रूम में चलते हैं
शिवानी को सब कुछ बड़ा अजीब सा लग रहा था -वह तो यह सोचकर आयी थी कि चेक अप कोई लेडी डॉक्टर करेगी लेकिन यहां तो यह ३० साल का हट्टा कट्टा पुरुष डॉक्टर उसका चेक अप करने जा रहा था
(शिवानी इस बात से पूरी तरह अनजान थी कि यह सारा का सारा नाटक उसके हरामी देवर गौरव का रचा हुआ था जिसे यह पहले से ही मालूम था कि डॉक्टर उर्मिला अगले तीन दिनों के लिए गाँव से बाहर किसी जरूरी काम से गयी हुई हैं-गौरव ने पुनीत सहित अपने चारों दोस्तों के साथ मिलकर क्या साज़िश रची थी इसका खुलासा अभी इसी कहानी में हो जाएगा)
मेडिकल चेक अप रूम काफी बड़ा था- वहां एक मेडिकल बेंच, एक मेडिकल बेड, चार पांच स्टील के स्टूल और कुर्सियां पडी हुई थीं -इसके अलावा काफी मेडिकल उपकरण भी वहां रखे हुए थे.
डॉक्टर अनुराग ने कुछ पेपर्स शिवानी के आगे रखते हुए कहा : आपका मेडिकल चेक अप शुरू करने से पहले आप इन पेपर्स पर अपने साइन कर दीजिये. यह एक जरूरी फॉर्मेलिटी है-हम किसी की मर्ज़ी के खिलाफ उसका मेडिकल चेक अप नहीं कर सकते हैं
शिवानी ने उन पेपर्स पर साइन कर दिए और उन्हें डॉक्टर अनुराग ने अपने बैग में रख लिया
इसके बाद गौरव और अनुराग एक एक कुर्सी पर बैठ गए
शिवानी भी कुर्सी पर बैठने लगी तो डॉक्टर ने उसे रोक दिया : नहीं नहीं आप खड़ी रहिये-आपका तो चेक अप होना है
शिवानी को बहुत अजीब सा डर भी लग रहा था और अब उसे बहुत शर्म भी आ रही थी कि इस कमरे में गौरव और अनुराग उसके साथ क्या करने वाले हैं
अनुराग कुछ देर तक शिवानी को देखता रहा दिर अचानक बोला : अपनी साड़ी उतारो मैडम
शिवानी एकदम सकते में आ गयी थी. उसने गौरव की तरफ देखकर कहा : यह क्या बेहूदगी है ? ऐसे भी कहीं मेडिकल चेक अप होता है-मुझे नहीं कराना इस तरह का चेक अप
शिवानी इस उम्मीद में थी कि गौरव उसकी कुछ मदद करेगा लेकिन उसने देखा कि गौरव और अनुराग दोनों के लण्ड उनकी पैंट में खड़े हो गए थे और वे दोनों अपने अपने लण्ड अपने हाथ से सहलाने में लगे हुए थे
गौरव तो एकदम बदमाशी पर उतर आया था. वह शिवानी से बेहद रौबीली आवाज़ में बोला : ज्यादा नखरे मत दिखा साली -अपने सारे कपडे उतार और हाथ ऊपर करके खड़ी हो जा
डॉक्टर अनुराग : देखो अगर आप सहयोग नहीं करोगी तो यह मेडिकल चेक अप नहीं हो पायेगा -अभी तो सिर्फ शुरुआत हुई है और आप अभी से इतनी घबरा शर्मा रही हैं-अभी तो पता नहीं आगे और क्या क्या होने वाला है-इस तरह का मेडिकल चेक अप इतना आसान थोड़ी है -चलो अब गुड गर्ल बनो और एकदम नंगी होकर दिखाओ
शिवानी अभी भी खड़ी हुई थी और लगातार कह रही थी : प्लीज़ मेरे कपडे मत उतरवाओ....मुझे इस तरह ज़लील मत करो...मुझे बहुत शर्म आ रही है...मुझे छोड़ दो घर जाने दो....
अब अनुराग ने गौरव की तरफ देखकर कहा : ऐसा करो आप खुद उठकर इनके कपडे उतारने में मदद करो-पहली पहली बार किसी अजनबी के सामने कपडे उतारने में सभी को शर्म आती है-भाभी को भी आ रही है -आप तो इनके देवर हैं-आपका इन पर पूरा हक़ है-आप इनके कपडे उतारने में भी मदद करें और उसके बाद आपको इनके मेडिकल चेक अप में भी मदद करनी पड़ेगी
शेष अगले भाग में
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(15-03-2022, 09:38 AM)pawanqwert Wrote: Maza aa gaya update padh ke
Kahani bahut jyada interesting ho gai hai
Agle update ke intezar me
Thanks
Two updates already given today
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Very hoTTTTTTTTTTTTTTTTTT Update
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Tabhi Slave ka title suit karega. Hope you will Include. Thanks
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