Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 1.67 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा
तो वो बोला- 3 घण्टे !
और तब बस का ड्राइवर बोला- लाइट ऑफ कर देता हूँ, आप लोग सो जाओ, जब आपका स्टॉप आएगा तो जगा दूँगा।
और उसने लाइट ऑफ कर दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
लाइट ऑफ होते ही भैया ने मेरी गाल पे एक किस किया और मेरी कान में बोला- अब तो शुरू हो जाऊँ?

तो मैं कुछ नहीं बोली लेकिन गर्दन ऊपर-नीचे कर दी और उसको तो खुली छूट मिल गई तो उसने सीधे अपना दोनों हाथ मेरी चूचियों पर रखे और उनको कपड़े के ऊपर से ही मसलने लगा, फिर उसने मेरी ओढ़नी पूरी ही हटा दी, मेरी बदन के खुले भाग पर चुम्बन करने लगा, अपना एक हाथ मेरी चूत के पास ले गया और कपड़े के ऊपर से ही मसलने लगा।

तो मैं भाई के लंड को कपड़े के ऊपर से ही दबाने लगी, कुछ देर बाद भाई अपने दोनों हाथ मेरी कुरती के पीछे ले गया और पीछे से मेरी चेन खोल दी, मेरी कुरती को थोड़ा आगे खींच कर मेरी एक चूची को बाहर निकाल लिया, उसको चूसने लगा तो मैंने भी उसके लंड को बाहर निकाल कर हिलाने लगी।

कुछ देर ऐसा करने के बाद वो थोड़ा नीचे हुआ और मेरी पज़ामी के ऊपर से ही मेरी चूत को अपने मुँह से दबाने लगा, अपने एक हाथ से मेरी चूची दबा रहा था और एक हाथ से मेरी पेट को सहला रहा था।

फिर उसने मेरी पजामी का नाड़ा खोलने की कोशिश की तो मैंने मना कर दिया, बोली- बाद में!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
तो वो मान गया और सीट पर बैठ गया, मैं थोड़ा नीचे झुकी और उसके बाहर निकले लंड पर अपने कोमल लबों से चूमा फिर उसके लंड को चूसने लगी और वो मेरी पीठ पर चुम्बन कर रहा था।

कुछ देर में वो झर गया और सारा माल मेरे मुँह में ही छोड़ दिया और मैं सारा वीर्य पी गई।

मैं उठने ही वाली थी की बस वाला आगे से बोला- पीछे वाले भैया, आप लोगों का स्टॉप कुछ देर में आने वाला है, आप लोग उठ जाओ।
तो हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े ठीक किए और अपने स्टॉप पर उतर गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
लेकिन वहाँ कोई नहीं था तो उसने मेरे चूतड़ दबाते हुए बोला- यहीं पास में एक होटल ले लेते हैं और सुबह तक मजा करते हैं।

तो मैं बोली- नहीं, घर चलते हैं।

तो उसने एक टैक्सी को बुलाया और हम घर पहुँच गये।

मुझे वहाँ देख कर सब बहुत खुश हुए और बोले- तुम लोग थक गये होंगे, थोड़ी देर आराम कर लो, कल से बहुत काम है।

सुबह सब लोग तैयार होकर एक होटल में चले गये क्योंकि शादी होटल में ही होने वाली थी, जब सब को रूम मिल रहा था तो भैया ने मेरे रूम के बगल में अपना रूम लिया और सब लोग अपने-अपने काम में लग गये।

काम करते-करते कब शाम हो गई, पता ही नहीं चला। मैं अपने रूम में आई और अपने कपड़े बदल रही थी तो मुझे लगा पीछे कोई है, फिर सोचा रूम तो बंद है कोई कैसे होगा और कपड़े बदलने लगी।

जब सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में थी तो किसी ने मेरे चूतड़ों पर चुम्बन किया तो मैं पीछे मुड़ी और देख कर बोली- भैया आप?

तो उसने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और बोला- धीरे बोलो, कोई सुन लेगा।

तो मैंने पूछा- आप अंदर कैसे आए?

तो उसने एक दरवाजा दिखाया जो दोनों रूम को जोड़ता था, और बोला- तुम्हारे लिए ही ये दो रूम मैंने ही लिएँ है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
और मेरे चूची पर चूमते हुए अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को दबाते हुए बोला- अभी एक राउंड हो जाए?

तो मैं बोली- मुझे मामी ने नीचे बुलाया है ड्रेस चेंज करके!

तो बोला- एक राउंड होने दो ना, फिर जाना…

तो मैं बोली- रात को !

तो वो मान गया, मैं बोली- मैं कौन सी ड्रेस पहनूँ?

तो उसने मेरे बैग से एक गुलाबी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज निकाल कर दिया और बोला- इसमें आना तो आज हम सुहागरात मनाएँगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
तो मैं मुस्कुरा दी…

फिर वो बैठा रहा, मैंने लाल ब्रा और पैंटी पहनी, फिर ब्लाऊज, फिर पेटीकोट पहना और उसका नाड़ा बाँध ही रही थी कि वो बोला- थोड़ा और नीचे कर लो।

तो मैंने पटिकोट नीचे कर लिया जिससे कमर से 4 उंगली नीचे साड़ी पहन कर नीचे गई।

जब मैं नीचे का काम ख़त्म करके आई और अपना रूम लॉक करके रूम के अंदर के रास्ते से उसके रूम में गई तब मैं गुलाबी साड़ी और गुलाबी ब्लाऊज में थी और वो नंगा अपने बेड पर बैठा हुआ था, मुझे देखते ही वो उठा, मेरे पास आया, मेरे गले लग गया और मेरे कमर पर हाथ फेरने लगा, मुझे चुम्बन करने लगा।
फिर वो मेरी कमर को पकड़े हुए और चुम्बन करते हुए अपने बेड के पास लाया और ब्लाऊज के ऊपर से मेरी चूची को चूमने लगा, नीचे से हाथ से मेरी चूची को दबा रहा था।

फिर कुछ देर ऐसे करने के बाद वो मुझे किस करने लगा और उसका हाथ मेरे कमर पर ही था।

तब वो बोला- रूचि कमरे की लाइट जला दूँ?

मैं बोली- जला दो!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
उसने लाइट जला दी और आते ही अपनी एक उंगली को मेरी ब्लाऊज के नीचे से डालने की कोशिश करने लगा, फिर अपने लंड को मेरी नाभि में रगड़ने लगा, फिर मेरे चूची को थोड़ा दबाया और फिर मेरे पेट पर किस किया और अपने हाथ को मेरी दोनों टाँगों के बीच से होते हुए मेरी चूत तक पहुँच गया और मेरी चूत को ऊपर से ही हल्का दबाया, एक हाथ से मेरे बालों को हटाया और मेरी गर्दन पर किस किया, दूसरे हाथ से मेरी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा, मैं उससे पूरी चिपक गई जिससे उसका लंड ठीक मेरी चूत के सामने था और अगर बीच में साड़ी की दीवार नहीं होती तो अब तक उसका लौड़ा मेरी चूत के अंदर जा चुका होता।

वह दोनों हाथों से मुझे अपनी ओर चिपका कर चुम्बन करने लगा। फिर वो बेड पर बैठ गया जिससे उसका सर मेरी चूचियों के पास था, वो एक हाथ से मेरी कमर को और एक हाथ से मेरी चूची को दबा रहा था और दूसरी चूची को मुँह से दबा रहा था।

कुछ देर ऐसा करने के बाद वो मेरी पेट को ज़ोर ज़ोर से चाटने-काटने लगा, वो मेरे पेट को इतनी जोर से काट रहा था कि मैं आआ… आआआहह की आवाज निकाल रही थी।

फिर कुछ देर ऐसा करने के बाद वो अपनी जीभ को मेरी ब्लाऊज में डालने की कोशिश करने लगा। फिर मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर ले गया तो मैंने भी उसके लंड को पकड़ लिया। उसका लंड एकदम गरम लोहे के तरह कड़ा और गर्म था, मैं उसके लंड को अपने कोमल हाथों से सहलाने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
फिर वो मेरे साड़ी को हटाने के कोशिश करने लगा लेकिन हटा नहीं पा रहा था तब मैंने साड़ी की पिन को खोल दी, उसने मेरे पल्लू को नीचे गिरा दिया, उसने मुझे चूमते हुए घुमाया जिससे मेरी पीठ उसके सामने हो गई और वो मेरी चूचियों को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा, उसका लंड मेरे चूतड़ों से रगड़ खा रहा था, मैं अपना हाथ पीछे कर के उसके लंड को पकड़ कर मसलने लगी।

कुछ देर मेरी चूचियों को दबाने के बाद मेरी गर्दन को चूमते हुए वो अपना हाथ नीचे लाया और मेरे पेट को सहलाते हुए मेरी नाभि में अपनी उंगली डाल कर घुमाने लगा, फिर हाथ को थोड़ा और नीचे लाया और मेरी पेटीकोट के अंदर डालने के कोशिश करने लगा लेकिन नाड़ा इतना टाइट था कि हाथ जा नहीं पाया तो मैंने अपनी साड़ी खोल कर हटा दी और उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल कर मेरे पेटीकोट को नीचे कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
फिर उसने बेड पर बैठ कर मुझे अपनी जाँघों पर ऐसे बैठाया कि मेरे चूची उसके मुँह के पास थी। मैं अपने ब्लाऊज का हुक खोल रही थी और वो अंगूठे से मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा, तब तक मैं ब्लाऊज खोल चुकी थी।
उसने मेरी कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींच कर थोड़ा उठाया जिससे उसका लंड मेरी दोनों टांगों के बीच में आ गया। उसने मेरे चूतड़ों के बीच अपनी उंगली डाल कर मेरी पैंटी को गाण्ड के बीच में घुसा दिया और चूत को हल्का सा दबाया तो मैं थोड़ा पीछे हो गई और उसको बेड पर धकेल कर गिरा दिया और मैं नीचे बैठ कर उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
वो मेरी चूची को ब्रा के ऊपर से बाहर निकालने की कोशिश करने लगा लेकिन ब्रा इतनी टाइट थी कि निकाल नहीं पा रहा था तो उसने मेरी ब्रा को खोल दिया। ब्रा खुलते ही मेरी चूचियाँ आज़ाद हो गई, वो मेरी चूची को सहलाने लगा, मेरी निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच दबाने लगा, फिर वो मेरी चूची को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
फिर मैं लेट गई और वो मेरी टाँगों के बीच में आकर मेरी पैंटी को हल्का साइड कर के मेरी चूत को चाटने लगा, कुछ देर चाटने के बाद उसने मेरी पैंटी को भी उतार दिया, मैं बिल्कुल नंगी हो गई और वो मेरी चूत को चाटे जा रहा था।

उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाली तो मेरे मुँह से आआहहा आआ की आवाज निकल रही थी, मैं अपनी चूचियाँ पकड़ कर दबाने लगी और वो अपनी मस्ती में मेरी चूत में अपनी जीभ के साथ खिलवाड़ किए जा रहा था।

कुछ देर ऐसा करने के बाद वो नीचे पीठ के बल लेट गया और मैं उसके लंड के ऊपर आ कर बैठ गई और लेकिन उसका लंड फिसल कर मेरे दोनों चूतड़ों के बीच चला गया, एक दो बार ऐसा होने के बाद उसने अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिकाया और मैं उस पर बैठ गई जिससे उसका लंड मेरी चूत में चला गया, तो फिर वो मेरी कमर को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगा तो मैं भी ऊपर नीचे होने लगी। वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर मुझे चोद रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
छ देर ऐसा करने के बाद मैं पीठ के बल लेट गई और वो मेरी टाँगो के बीच में आ गया और अपने लंड को मेरी चूत में डाल कर चोदने लगा और मैं भी अपनी टाँगों से उसको लपेट कर उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा और धीरे-धीरे उसके झटके तेज होने लगे और मेरे मुंह से आआअहहा आअ आहह की आवाज आने लगी।

जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल कर मेरी चूचियों पर अपना माल गिरा दिया। तब तक मैं भी झड़ चुकी थी। वो बगल में लेट गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
cool2
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
[/url] clps [url=https://';.,;/bhai-bahan/%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a4%9a%e0%a5%8b-13/]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
15
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
गई। Namaskar Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
आईडी है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
[Image: 21744107_048_1e36.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
[Image: 21744107_013_b78c.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
[Image: 73558157_055_6aec.jpg]

[Image: 73558157_058_f2d2.jpg][Image: 73558157_051_81cf.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
[Image: 34909503_016_7b58.jpg]

[Image: 25913927_015_2326.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 4 Guest(s)