Thread Rating:
  • 6 Vote(s) - 1.67 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा
#61
(11-04-2019, 11:07 PM)neerathemall Wrote: लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अपनी कमीज़ उतारने में मेरी मदद करने लगी। अब मेरे सपनों की रानी मेरी सग़ी बहन मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और सलवार में बेड पर बैठी थी। तो में उसे किस करने लगा और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेटकर किस करने लगा। वो भी मेरा लंड मसल रही थी। फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा उतार दी और उसके बड़े बड़े बूब्स एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे को मुहं में लेकर चूसने लगा उसके निप्पल हल्के भूरे कलर के थे और वो बहुत सख्त हो चुके थे। फिर वो अपना एक हाथ मेरे बालों में घुमा रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपने बूब्स पर दबा रही थी.. वो आहह आह्ह्ह और ज़ोर से चूस अपनी बहन का दूध बोल रही थी। फिर वो बोली कि कल रात को मैंने तुझे मेरे नाम की मुठ मारते हुए देखा था। तो यह बात सुनकर में और भी गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा तो वो बोली कि थोड़ा आराम से कर दर्द होता है.. तो मैंने धीरे धीरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। तभी वो बोली कि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता जल्दी से मुझे चोद दे मेरा बहुत मन कर रहा है पिछले एक साल से तेरे जीजा ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया। तो में यह बात सुनकर खड़ा हुआ और उसकी सलवार उतारने लगा। उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और चूत बिल्कुल साफ शेव की हुई और चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#62
[Image: morning-sex-75.gif]
Like Reply
#63
(11-04-2019, 10:58 PM)neerathemall Wrote:
शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा





Heart banana Heart

(11-04-2019, 11:01 PM)neerathemall Wrote:
शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा



कैसे मैंने अपनी सगी बहन को जो कि शादीशुदा है और दो छोटे बच्चो की माँ है मैंने कैसे उसकी मर्ज़ी से मस्ती के साथ उसे चोदा.





















.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#64
(04-01-2022, 09:18 PM)rajusethzee Wrote: [Image: morning-sex-75.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#65
(27-11-2020, 06:04 PM)neerathemall Wrote: [Image: 48423329_079_2838.jpg]

(11-01-2021, 04:48 PM)neerathemall Wrote:
दीदी ने हवस की आग को शांत किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#66
(03-01-2022, 02:29 PM)neerathemall Wrote: [Image: Chubby-NRI-Girls-Leaked-Nude-Selfies-_004.jpg]

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#67
जब तक आप ट्राई ही नहीं करोगी तो कैसे पता चलेगा. अपनी चूत की खुजली को मिटाने का भी यह एक सही तरीका है, इसमें ना बाहर की बदनामी का डर, ना कुछ.. कल को कुछ बात कहीं बिगड़ती भी है तो भाई संभाल लेते हैं क्योंकि उसको भी तो इस समाज में जीना है
(03-01-2022, 05:29 PM)neerathemall Wrote:
[Image: 92700729_001_16c8.jpg]

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#68
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#69
(14-01-2022, 03:39 PM)neerathemall Wrote:

एक धर्म में तो रिश्तों में चुस्त चुदाई का खेल खुल्लम खुल्ला चलता है, तो हम में क्यों नहीं?
मेरे घर वाले पुराने ख्यालात के हैं.. बात बात में टोका टाकी, ऐसा नहीं करना, वैसा नहीं करना..
पहले मुझे सेक्स स्टोरी, ब्लू-फिल्म के बारे में नहीं पता था.. लेकिन धीरे धीरे वक्त के साथ जब मैं जवान हुई तो मेरे अन्दर कई तरह तरह की गरम गरम फीलिंग आने लगी, मैं रातों में सेक्स के लिए तड़पने लगी. मैंने सोचा क्या किया जाए, मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था. बस चूत में उंगली और मम्मे दबाने के अलावा कोई रास्ता ही नजर नहीं आ रहा था.
मेरा घर कोई ज़्यादा बड़ा नहीं है, बस नीचे और ऊपर एक एक कमरे बने हैं. नीचे वाले में मम्मी पापा और छोटा भाई सोता है और ऊपर वाले कमरे में और मेरा भाई.
मेरा भाई बहुत स्मार्ट है, उसे मॉडल बनने की बड़ी तमन्ना है, वो बहुत स्टाइलिश भी है.
मैंने कई बार अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी साईट पर भाई बहन, जीजा साली की स्टोरी पढ़ी हैं. इस तरह की हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर मेरा भी मन मचलता है कि मैं भी ऐसा करूँ. पर थोड़ा ऐसा भी लगता था कि शायद ये सब स्टोरी झूठी होती हैं. पर अखबारों में घटनाएं पढ़ कर तथा कुछ और जानकारी होने पर मुझे भी यकीन हो गया कि वाकयी ये सब सच है.
मैंने भी अपने भाई से चुदने का फ़ैसला कर लिया क्योंकि अगर भाई मान गया तो रोज रात में मस्त चुदाई होगी और नींद भी अच्छी आएगी. ये सोचकर ही मेरा तो चुत से पानी निकल गया.
लेकिन कुछ समझ नहीं आया कि भाई को कैसे पटाऊं.
मैंने कई स्टोरी पढ़ीं कि भाई को कैसे सिड्यूस किया जाए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#70
एक दिन खाली दिमाग़ में कई विचार आए. मैंने सबसे पहले ये फ़ैसला किया पहले देखूं कि मेरा भाई भी मेरे शरीर का कुछ दीवाना है या नहीं. वैसे मेरा भाई कई बार रात में सोते वक्त कामुक आवाजों में सीत्कार सी करता था, शायद वो नींद में कुछ चुदाई के सपने देखता होगा. मैंने उसकी इन आवाजों को कई बार रातों में 3-4 बजे के करीब सुना है. उस वक्त मुझे कई बार लगता भी था कि शायद ये मुठ मार रहा होगा लेकिन वो नींद में ही सिसकारियां लेता रहता था.

इसी प्लान के साथ मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया. हमारे इस कमरे में हम दोनों अकेले सोते हैं. कमरे में हमारे पास एक लैपटॉप है जिसे हम दोनों शेयर करते हैं. इसमें मेरे भाई की भी कुछ फाइल्स थीं.

मैं एक दिन उसके एक फोल्डर को चैक करने लगी. अचानक मेरी नज़र एक फोल्डर में पड़ी, मैंने उसको खोला, मैं देख के हैरान हो गई. उसमें बहुत सारी ब्लू फिल्म थीं.. जो बहुत ही अलग किस्म की चुदाई से भरपूर फ़िल्में थीं. खास बात ये वो ब्लू-फ़िल्में बहुत ही बढ़िया प्रिंट में थीं.

मैंने खुद ब्लू-फ़िल्में पहले कई बार देखी हैं लेकिन ऐसी मस्त चुदाई की फ़िल्में कभी नहीं देखी थीं. उसने भी इस फोल्डर को कोई ज्यादा छुपा कर नहीं रखा था. मैंने फिलहाल तो उस पूरे फोल्डर को अपने फोन में डाल लिया.

फिर मैंने सोचा शायद और भी कुछ मसाला मिल जाए. लेकिन इस वक्त समय नहीं था और भाई कभी भी आ सकता था तो मैंने ये सब अगले दिन पर टाल दिया.

मैंने अगले दिन देखा. वही हुआ, जो मैंने सोचा था, जिसकी मुझे उम्मीद भी थी. एक फोल्डर में मुझे भाई के पर्सनल पार्ट की फोटो ओर वीडियो मिली. इस वीडियो को देखकर मैं हैरान हो गई. भाई का बहुत ही सेक्सी लंड था. मैंने सोचा जब फोटो में लंड इतना अच्छा है तो असली में कैसा होगा.

फिर हुआ यूं कि उन दिनों जाड़े का मौसम था, रात के 2:30 बजे के करीब मेरी नींद खुली, तो मैंने सोचा क्यों ना आज भाई का लंड देखा जाए. मैंने उसकी रज़ाई में हौले से हाथ घुसेड़ा, ये सोच कर कि मान गया तो बल्ले बल्ले… नहीं तो नींद में होने का नाटक कर लूँगी ताकि उसे ये लगे कि नींद में गलती से हाथ चला गया.

लेकिन मैं 100% पक्की थी कि भाई कुछ नहीं कहेगा क्योंकि भाई कैसे भी लड़ते भिड़ते हों लेकिन एक जवान लड़की की दावत कभी नहीं छोड़ेगा, चाहे वो उसकी सग़ी बहन क्यों ना हो.

और मेरे साथ भी यही हुआ, कोई भी भाई अगर वो जवान है तो कभी मना नहीं करेगा. वैसे मैंने उसे एक बार मेरे मामा की लड़की के साथ रात में हरकत करते हुए देखा था लेकिन मैं उस टाइम कुछ नहीं बोली थी. उस वक्त मेरा दिमाग़ भी बच्चों जैसा था.

मेरा भाई रात में सोते वक्त बेल्ट नहीं पहनता और जीन्स के बटन खोल कर सोता है. बस मैंने रज़ाई में अन्दर हाथ डाला और धीरे धीरे कच्छे में हाथ घुसेड़ कर लंड मसलने लगी, सहलाने लगी.
मेरा जी तो कर रहा था कि मुँह में लेकर लंड चूस लूँ. पहले तो भाई का लंड बैठा हुआ था. करीब 5 इंच का रहा होगा. तभी भाई एकदम से हल्का सा हिला तो मैं वहीं हाथ रोक कर दम साधे लेटी रही.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#71
फिर दो पल बाद मैंने लंड हिलाया तो उसका लंड एकदम से टाइट हो गया और खड़ा होने लगा. लंड करीब 7 इंच पूरा खड़ा हो गया. मैं समझ गई कि साला सोने का नाटक कर रहा है.
क्योंकि आप सभी जानते हो कि जो लड़के होते हैं, नॉर्मली नींद में उनका लंड ढीला ही रहता है. लंड में सख्ती जब तक नहीं आती है जब तक वो खुद होश में ना हो. मतलब बिना उसकी इच्छा के लंड खड़ा नहीं होता.

मैं समझ गई कि भाई भी लंड हिलवाने के मज़े ले रहा है. अब मैं और कस कस के लंड हिलाने लगी. मेरा डर निकल गया, ग्रीन सिग्नल जो मिल गया था.
वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगा- आअहह हहा.. आहह.. ऊऊहह ह्म्म्म्म..
मुझे उसकी अकड़न से समझ में आ गया कि उसके लंड का माल निकलने वाला है. फिर उसने एकदम से पलट कर मुझे गले से लगा लिया, मुझे चिपक गया और मेरे चूचे दबाने लगा. मैं तो खुश हो गई मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा.

मैं भी उसे सहयोग करने लगी. हम दोनों ने रात में बिल्कुल भी किस नहीं की. क्योंकि रात में मुँह थोड़ी सी स्मेल जमा हो जाती है इसलिए..

उसने मुझसे अपना टॉप उतारने को कहा.
मैंने कहा- तुम ही उतारो.
उसने कहा- ठीक है तू मेरे कपड़े उतार.. मैं तेरे..

हम दोनों ने यही किया, उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.. ब्रा पैंटी भी निकाल दी, मैं मादरजात नंगी हो गई. हम दोनों रज़ाई में एक दूसरे को मसले जा रहे थे, किस किए जा रहे थे. सेक्स का पूरा बुखार चढ़ा हुआ था.

फिर वो अपना मुँह मेरी चुत की तरफ ले गया और चूत चाटने लगा. मैंने अपनी चूत के बाल पहले से ही साफ़ करके रखे हुए थे कि मौक़ा मिलते ही भाई को अर्पित कर दूंगी अपनी चिकनी चूत!
भाई मेरी चिकनी चूत चाट रहा था और मेरी तो हालत खराब हो रही थी, मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी- आआअहह ऊहमम्म्म.. आअहह.. मर गईईई.. भाईईई आआज्ज तो मसल दे भाई मसल अपनी इस प्यारी ठरकी बहन को आअहह उऊहह..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#72
सच में क्या मज़ा आ रहा था, जब वो जीभ को मेरी चूत के अन्दर डाल डाल के जीभ की नोक से चोद रहा था.
फिर मैंने भी उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और मस्ती से उसका मोटा लंड चूसने लगी.. लंड चूसते हुए मैं हिल हिल कर अपनी चूत उसके मुँह पर रगड़ने लगी. हम दोनों ने पूरी तरह से 69 की पोज़िशन ले ली और लंड चूत की चुसाई का मजा लेने लगे.

मैंने कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बस कर भाई मत तड़पा अपनी बहन को.. डाल दे अंदर जल्दी से..

वो खड़ा हुआ और उसने मुझे लेटा कर मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं. फिर अपने लंड को मेरी चूत की फांकों में हल्का सा फंसा कर जोर लगा कर अन्दर पेल दिया.
भाई का लंड क्या घुसा, मेरी तो जान ही निकल गई. मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी. बस मैं इतना ही बोल पाई- आआअहह भाईई.. मररर गईई.. आरामम्म से अभी बाहर निकालऊ.. बहुत दर्द हो रहा है..

लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं माना और लंड घुसाता हुआ चला गया, साथ ही वो झटके देने लगा. ‘खच खच पच पच..’ की आवाज़ आ रही थी. वो चोदता रहा. कुछ देर बाद मेरी चूत ने लंड से दोस्ती कर ली और चुदाई का मजा आने लगा.

करीब दस मिनट बाद वो झड़ा और उसने अपना रस मेरी चुत में ही झाड़ दिया. हम दोनों ने उस रात तो बस 2 बार ही चुदाई का खेल खेला क्योंकि मुझे दर्द बहुत हो रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#73



शादीसे पहली चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#74
(14-01-2022, 03:45 PM)neerathemall Wrote:



शादीसे पहली चुदाई

हर माँ अपनी बच्चियों के बारे अच्छा ही सोचती है और जब बात उसकी शादी की हो और ऑरेन्ज मेरिज की हो; तो वो सबसे अच्छा लड़का ढूंढ़ती है. मेरी माँ भी कुछ ऐसा ही चाहती थी; लेकिन उस विश को पूरा करने के लिए उसने मुझे ऐसा कुछ करने को कहा, जो शायद कोई-कोई माँ ही कर पाती है. मेरा नाम नीलिमा है और मेरी शादी को अब साल से ऊपर का वक़्त हो चूका है. लेकिन, जब भी मुझे शाम याद आती है और सुमित के साथ सोफे पर बिताया वो वक़्त याद आता है, तो मुझे यकीन ही नहीं होता; कि मैने सुमित को पाने के लिए वो सब किया. कैसे मैंने अपनी पहली चुदाई के लिए उसे पटाया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#75
सुमित मेरी मौसी की ननद का लड़का था और मेरी माँ उससे मेरी शादी की बात चलाना चाहती थी और सब कुछ बात हो गयी और सुमित और मैने एक दूसरे को पसंद कर भी लिया. हम दोनों ने एक दो डेट भी मार ली, लेकिन उसके बाद ना- जाने सुमित की मम्मी को क्या हुआ, कि उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया. मेरी माँ और मौसी ने काफी कोशिश की बात करने की; लेकिन वो किसी बात के लिए तैयार ही नहीं थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#76
फिर, एक दिन मेरी मुझे अपने कमरे में बुलाया और सुमित और मेरे रिलेशनशिप के बारे में पूछा. मैने उनको सच बता दिया, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ समझाते हुए कहा, कि तुम अगर सुमित से प्यार करती हो और उसको पाना चाहती हो, तो तुम्हे उसके साथ प्यार करना होगा; मै उनकी तरफ आश्चर्य से देख रही थी और समझने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने और सिंपल वे में कहा, कि मुझे सुमित के साथ सेक्स करना होगा; तभी वो तुमसे शादी करेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#77
मै बड़ी मुश्किल से अपने आप को इस सब के लिए तैयार किया और एक शाम को सुमित को खाने के लिए घर बुलाया. प्लान पहले से ही तय था, कि उस समय घर पर कोई भी नहीं होगा और सुमित के साथ मुझे अकेले रहने का मौका मिल जाएगा. सुमित आया और मै उसे चाय देखकर आने के लिए बोलकर चली गयी. सुमित ने जब चाय खत्म की, तो मुझे अपने सामने खड़े पाया और मै एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनकर उसके सामने मटक रही थी. सुमित ने मुस्कुराना शुरू कर दिया और मुझसे इन सब के बारे में पूछने लगा; वो शायद मेरा इरादा भाप गया था, मै आगे बढ़कर उसकी गोदी में बैठ गयी और उसके हाथो को अपनी जांघो पर रख दिया और मैने उसके बालो से खेलना शुरू कर दिया. सुमित थोड़ा झिझक रहा था, तो मैने उसकी शर्ट का कालर पकड़कर उसे अपने पास खीच लिया और उसकी होठो पर अपने होठो को रख दिया, मैने उसके होठो को अपने दाँतो के बीच में भींच लिया था और उसको जोर से काट लिया और उसके होठो को चूसने लगी. सुमित के मुँह से हलकी सिसकिया निकल रही थी और मै उसके खड़े होते हुए लंड का कसाव अपनी गांड पर महसूस कर सकती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#78
सुमित गरम हो चूका था और अब उसकी गरमी को आजमाने का समय था. मै अपने घुटनो पर बैठ गयी और उसकी पेंट की जीप खोलकर उसके लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से उसका मुठ मारने लगी. सुमित को मज़ा आ रहा है और वो कामुक सिसकिया भरता हुआ अहहः आवाज़े निकाल रहा था. उसे शायद ज़िप में से निकले लंड से तकलीफ हो रही थी, तो सुमित उठा और अपनी पेंट खोलकर नंगा हो गया और उसने मुझे अपनी जांघो पर बैठा लिया. उसने मेरे होठो को मस्ती में चूमते हुए, मेरा एक-एक करके कपड़ा उतारना शुरू कर दिया, वो एक कपड़ा उतारता और मेरे होठो को काटता. मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. अब हम दोनों पुरे नंगे थे और सुमित मेरे चुचो पर टुटा हुआ, अपने होठो के बीच में मेरे निप्पलो को फसाए था और उसको मस्ती में चूस रहा था. Angry मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और सुमित के लंड से भी रस निकल रहा था और मेरी गांड पर लग रहा था और मुझे गीलेपन का अहसास हो रहा था. सुमित बहुत बैचेन होकर मेरे बदन के साथ खेल रहा था और उसका लंड बार-बार मेरे गांड के छेद पर टक्कर मार रहा था. banghead
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#79
मैने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठाया और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर अपनी चूत पर रगड़ने लगी. बहुत ही गरम और कामुक था वो. हम दोनों की साँसे कंट्रोल में नहीं थी और दोनों की गरम साँसों की गर्मी से पूरा कमरा गरम हो चूका था और पुरे कमरे में हमारी आवाज़े गूंज रही थी. अहहः ऊऊओ यस बस, फक मी, फक मी. इन आवाज़ो से हम दोनों एक दूसरे अपने आप को चोदने के लिए बोल रहे थे. सुमित ने हाथ मेरी गांड पर रख लिए और मुझे अपनी ओर खीच लिया. मेरी चूत और सुमित का लंड पूरा गीला चिकना था और सुमित का लण्ड एक ही बार में मेरी चूत को फाड़ता हुआ, सनसनाता हुआ, मेरी चुत में समां गया. उसका लंड मेरी चूत में चिपक गया और मेरा शरीर हिल भी नहीं पा रहा था. ऐसा लग रहा था, कि पुरे शरीर में कोई करंट दौड़ गया और और उसने पुरे शरीर का पानी चूस लिया हो. मैने दर्द के मारे अपनी आँखे बंद कर ली और सुमित के कंधे पर सिर टिका दिया. मेरा रस सुमित के पहले धक्के के साथ निकल गया, लेकिन सुमित धक्के चालू थे और उसने मुझे तब तक नहीं छोड़ा, जब तक उसने अपना रस मेरी चूत मे नहीं टपका दिया. सुमित धक्के पर धक्के मार रहे थे और मेरी गांड पर मेरी कमर लाल पद चुकी थी और मुझे लग रहा था, कि वो सूज चुकी है. लेकिन, सुमित का प्यार पाने के खातिर मै सब सहने को तैयार थी. मै सुमित को बार-बार बोल रही थी, प्यार करो मुझे और भी ज्यादा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#80
Sleepy Shy
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 3 Guest(s)