Thread Rating:
  • 16 Vote(s) - 2.38 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery रीमा की दबी वासना
Shaandaar update
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
केबिन में मालविका की हरकते देख रीमा के होश फाख्ता हो गए | कितनी आत्विश्वास से भरी थी मालविका अपनी ख्वाइश को लेकर | उसे कोई शर्म नहीं थी झिझक नहीं थी | उसके साथ जो भी पहले हुआ अब वो उसे भूल चुकी थी | अब तो वो खुलकर अपनी जिंदगी जी रही थी, उसके जो भी अरमान थे उन्हें बिना शर्म हया के पुरे कर रही थी | उसका अपनी सेक्स जरुरतो को लेकर जो आत्मविश्वास था उसे देखर रीमा शर्म से पानी पानी हो गयी | उसे लगा उसे तो अपनी दबी कामनाओं को पूरा करने के लिए एक लम्बा सफ़र तय करना है | जो भी उसकी करने की इक्षा होती है, उसमे इतनी झिझक शर्म होती है उसके बढ़ते कदम खुद ही रुक जाते है | मालविका ना केवल हिम्मत थी बल्कि दुस्साहस से भी भरी हुई थी इसलिए उसे मोटे लंड से अपनी  गांड मरवाने में भी कोई शर्म झिझक नहीं थी, वरना बहुत सी औरते तो आत्मग्लानी से मर जाये हाय मैंने कितना गन्दा काम कर डाला | सच भी था चूत में लंड लेना औरत के आत्मविश्वास की निशानी होता है  और गाड़ में लंड लेना औरत के दुस्साहस की पहचान  | मालविका दोनों से भरपूर थी | तभी शीशे की दीवार पर दूसरी पिक्चर चलने लगी जो एक और केबिन की हवस की कहानी बयां करने जा रही थी |


जो इस  केबिन का  द्रश्य उसके सामने आया , उसमे एक महिला नजर आई | रीमा को ये महिला लान में फोटो खिचवाते मिली थी | पुरुष इसे टैटू चूत के नाम से आपस में बुलाते थे लेकिन इसका असली नाम कामिनी था | महिलाए इसे करमजली के नाम से आपस में संबोधित करती थी | कामिनी की किसी से नहीं बनती थी, शहर ही मशहूर हस्ती थी बड़ी लेखिका थी और शादी नहीं हुई थी | कामिनी को जितना लेखन से लगाव था उतना ही टैटू से | उसके पुरे शरीर पर टैटू ही टैटू थे | इसके अलावा उसका फैशन भी घरेलु औरतो में जलन का एक कारन बन जाता था | स्वाभाव की बहुत ही रुखी थी इसलिए कोई भी ज्यादा उसके आस पास फटक नहीं पाता था | ये अलग बात है उसकी सेक्सी स्टाइल पर हर आदमी अपनी फंताशी के गप्पे हांकता था | मर्दों के लिए एक पहेली थी वो, कोई नहीं जानता वो किसी मर्द के साथ कही दिखाई पड़ी हो | औरते उससे इतना जलती थी कि कुछ ने तो अफवाह उड़ा दी की वो लेस्बियन है | सबसे बड़ी बात शहर की हर बड़ी पार्टी में नजर आती थी |


[Image: D3p_YpkU4AAHTEB.jpg]

पैराडाइज में भी उसे हमेशा हमेशा उसके पसंदीदा केबिन की ही चाभी दी जाती थी | यहाँ आकर वो क्या करती थी ये सिर्फ लाउन्ज का मालिक जानता था | लाउन्ज का मालिक बहुत प्रोफेशनल था इसलिए उसने लोगों की निजी तस्वीरों या रिकॉर्डिंग का कभी कोई गलत इस्तेमाल नहीं किया | इसका दूसरा कारन ये भी था यहाँ आने वाला हर शख्स बहुत ताकतवर और रसूखदार था | अगर लाउन्ज का मालिक जरा भी ऊपर नीचे करता तो इसकी गांड फाड़ के रख दी जाती | उसे इस ख़ुफ़िया बिज़नस से बहुत कमाई भी होती थी, फिर कौन सोना देने वाली मुर्गी के उंगली करना चाहेगा | कामिनी पैराडाइज के अपने केबिन में आते ही बदन के कपड़े छिलके की तरह उतार कर फेंक देती | केबिन में खुद को देखने के लिए आदमियों से ज्यादा बड़े साइज़ के मिरर लगे हुए थे | जहाँ औरत हो या आदमी खुद को नंगा करके बदन का एक एक कोना देखता था | कामिनी कपड़े उतारते ही खुद के बदन को शीशे में निहारने लग जाती | कमरे में मादक मधुर हल्का संगीत बजा देती जो माहौल को और मादक बना देता था |

[Image: naked-sexy-tattoo-girl-1-1050x700.jpg]

कभी बेड पर लेट कर अपने चेहरे को गौर से देखती, कभी हाथ पर बने टैटू को, कभी अपनी उठी हुई छाती की दोनों उन्नत पहाड़ियों को और उनके ऊपर चिपके निप्पल को | जिस्म का इससे इससे अच्छा मुयाना वो और कही नहीं कर पाती थी | यहाँ कोई रोक टोक नहीं, कोई आने जाने वाला नहीं | सबसे बड़ी बात कोई जबरदस्ती चिपकने वाला नहीं | कमरे में बजते मधुर मादक संगीत के साथ थिरकती लगती | पढ़ना उसका पसंदीदा काम था, इसलिए मधुर संगीत के बीच उसने एक किताब निकाल ली और बेड पर उल्टा लेट कर पढने लगी | बालो का हाथ में किताब थी, चेहरे पर चस्मा था, बाल को इकठा करके अटका रखा था | कंधे से लेकर पंजो तक पुरे बदन पर बस टैटू ही टैटू था | कामिनी उल्टा लेती हुई थी और उसके पैर घुटनों से हवा में ऊपर को उठे हुए थे | उसका गोरा मांसल टैटू से भरा बदन अलग ही चमक रहा था | उसका बदन ठोस लेकिन नरम मांस से भरा पूरा था,उसके बड़े बड़े हाहाकारी दो मांसल चुतड एक दुसरे से सटे हुए ऊपर को उठे हुए मस्त लग रहे थे जो आगे की तरफ एक दम से ढलान बनाते हुए पतली कमर तक जा रहे थे | मोटी मोटी जांघे और भारी भरकम, नरम मांस से लबालब भरे हुए, ऊपर को उठे हुए चूतड़ देखकर किसी भी मर्द का लंड उठकर खड़ा हो जायेगा |

[Image: D4ei1U4VUAI_kzq.jpg]

दो पेज पढने के बाद ही उसे बोरियत होने लगी | पार्टी में किये गए डांस से भी उसे हल्की थकान भी हो रही थी इसलिए उसे खुद को फ्रेश करने की सोची | अलग अलग तरीके से अपने जिस्म और गांड को मटकाते हुए कमरे से लगे बाथरूम पंहुच गयी | बाथरूम की एक दीवार पर शीशा ही लगा था | उसने खुद को भिगोया और सेल्फी खीचने लगी | क्या गोरा गोरा बदन था | जुल्फे चेहरे पर से बिखरी हुई सीने तक लटक रही थी | सीने पर बड़े बड़े स्तन अपने ही बोझे से उसके सीने को झुकाए हुए थे, इसमें कोई दो राय नहीं उसके स्तन औसत से बड़े थे और उसकी छाती की उठान को नयी उचाईयां दे रहे थे | उसकी गोरी गोरी मांसल जांघे टैटू से भरी हुई थी यहाँ तक की उसका चूत त्रिकोण में टैटू से ढका हुआ था | बमुश्किल कोई उसकी चूत की दरार को दूर से देख सकता था | कुल मिलकर कामिनी सचमुच की कामिनी थी जिसे हर लंड चोदना चाहेगा | अब सवाल ये था कि आज तक कामिनी को किसी ने चोदा भी था या नहीं | कोई नहीं जानता था कि कामिनी अपनी सेक्स की प्यास कैसे बुझाती है | उसके आसपास के कुछ जानकर कहते थे कि कामिनी के पास रबर के लंडो का खजाना है और उसी से वो अपनी प्यास बुझाती है | उसने आज तक कभी असली लंड अपनी चूत में लिया ही नहीं | ये सब बाते सिर्फ कॉकटेल पार्टियों की गॉसिप थी, सच कोई नहीं जानता था सिवाय कामिनी के |

[Image: tattoo-hot-girls-nude-hot-boobs-2.jpg]

कामिनी बाथरूम में नहा रही थी | उसका पूरा बदन पानी से भीगा हुआ था, उसने शरीर को धोने वाला बॉडी लोशन निकाला, उसे बॉडी स्क्रबर के ऊपर उड़ेला और अपने जिस्म पर उसे घुमाने लगी | देखेते ही देखते उसके जिस्म झाग से सरोबार हो गया | कामिनी कंधे से लेकर पंजो तक शरीर के हर अंग और भाग पर स्क्रबर घुमा रही थी | पुरे जिस्म पर झाग ही झाग था | बार बार स्क्रबर को अपनी जांघो के बीच चूत त्रिकोण पर ले आती और अपनी चूत को बार बार रगड़ने लगती | इससे उसे बहुत आनंद प्राप्त हो रहा था |

[Image: 19931918.gif]

खुद को आच्छी तरह धोने के बाद, वो बात टब में जाकर बैठ गयी कुछ देर के लिए उसने आंखे बंद कर ली और अपनी चूत दाने की हलके हलके रगड़ने लगी | ठंडा ठंडा पानी उसके वासना से भरे गरम जिस्म पर बड़ा ही सुकून दे रहा था | वो बस आंख बंदकर अपनी वासनाओं की कप्लानावो में उड़ती हुई, आनंद के सागर में गोते लगा रही थी | अब उसने चूत दाने की रगड़ना छोड़, चूत के गुलाबी ओंठो पर हाथ फिसलना शुरू कर दिया | अपनी एक उंगली अपनी नाजुक चूत की गीली गुनगुनी एयर टाइट सुरंग में धंसा दी | उसके मुहँ से एक कराह निकली, उसने अपनी उंगली को अपनी गीली गरम चूत में अन्दर बाहर करने लगी | अब उससे रहा नहीं जा रहा था | उंगली चूत की दीवारों में कम्पन करा पाने में नाकाम हो रही थी, उसे कुछ बड़ा सा चाहिए था जो उसकी चूत की कसी हुई गीली गरम चिपकी दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक धंस जाये | जो उसे अन्दर तक सनसनाहट दे, उसकी चूत को अन्दर तक भर कर कुचल कर उसमे तरंग जगा दे | वो तेजी से बाथ टब से निकली और एक रबर का लंड लाकर शीशे से चिपका दिया | बिना देर किये खुद घुटनों के बल आकर घोड़ी बन गयी | फिर उसने हलके से खुद को पीछे की ओर खिसकाया | एक हाथ से आगे के जिस्म के भार को सँभालते हुए दुसरे हाथ से नीचे की तरफ लटकते रबर के लंड का सुपाडा ऊपर की ओर किया और  उसे अपने चूत के मुहाने पर सटा दिया | रबर के सुपाडे के उसकी चूत के मुहाने पर सटते ही उसने तेजी से खुद को पीछे शीशे की तरफ धकेल दिया | रबर का लंड उसकी चूत की गुलाबी सलवटी दीवारों को चीरता फैलाता हुआ उसके अन्दर जाकर धंस गया | फिर वो धीरे धीरे खुद को आगे पीछे हिलाकर, खुद को रबर के लंड से चोदने लगी | हर पीछे को जाते धक्के के साथ रबर का लंड उसकी चूत में घुस जाता और उसके मुहँ से एक मादक सी सिसकारी फुट पड़ती | खुद को पोजीशन करके खुद को ही चोदना थोड़ा ज्यादा बोरिंग होता है औरतो के लिए, लेकिन जो औरते अकेले अपने जिस्म से खलती है उन्हें इसी में मजा आता है | कामिनी खुद को रबर के लंड से चोद रही थी लेकिन उसे मजा नहीं आ रहा था | वो अपने शरीर में वो कम्पन चाहती थी वो तरंग चाहती थी जो उसे जन्नत की सैर करा दे लेकिन अभी तक इसमें वो नाकाम रही थी | आखिर कुछ देर तक रबर का लंड लेने के बाद उसे अहसास हो गया यहाँ से उसे वो नहीं मिलेगा जो वो चाहती है | उसने रबर के लंड को अपनी चूत में लेना रोक दिया | खुद को तौलिये से पोचा और कमरे में वापस आ गयी | उसने कस्टमर हेल्प को फ़ोन किया और कुछ बातचीत हुई फिर फ़ोन काट दिया |
[Image: 18729216.gif]
Like Reply
वो वासना की आग में भठ्ठी बनी हुई थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कैसे अपने बदन का वासना का बुखार उतारे, कैसे अपने जिस्म में लगी आग को शांत करे | फिर उसे ख्याल आया जैसे पहले करती आई है वैसे ही इस बार भी करे | यहाँ की सर्विस में कभी कोई प्रॉब्लम नहीं हुई | इसलिए उसने एस्कॉर्ट सर्विस लेने का मन बनाया था | उसने अपनी चॉइस का स्पेसिफिकेशन बता दिया था | उसे कैसा मेल एस्कॉर्ट चाहिए | किस्मत अच्छी थी पैराडाइज में ऐसे एस्कॉर्ट का अच्छा पूल मौजूद रहता था | पहले कामिनी के दिमाग में ये सब करने का इरादा नहीं था इसलिए उसे माइंड को समझाने में कुछ वक्त लगा, आखिर जिस्म की जरुरत का सवाल था | कामिनी बिस्तर पर आकर फिर से पसर गयी थी और फ़ोन करने के दो मिनट के अन्दर उसके दरवाजे पर नॉक हुआ | कामिनी उल्टा लेती थी उसने लेटे लेटे ही कमिंग की आवाज लगायी | गेट खोलकर एक आदमी अन्दर आया | उसने मास्क पहना हुआ था | कामिनी ने पीछे मुड़कर देखना भी जरुरी नहीं समझा | कामिनी उलटा लेटे लेटे अपने चूतड़ बारी बारी से मसलने लगी | वो मास्क पहले मेल एस्कॉर्ट आकर तय जगह पर खड़ा हो गया |
एस्कॉर्ट - क्या आर्डर है मैडम |
कामिनी - ये देख रहे हो न मेरे चूतड़, इन्हें आज अच्छा फील नहीं हो रहा, वो उत्तेजना नहीं फील हो रही है जो होनी चहिये  | इन्हें अच्छा फील करावो | चूमो चाटो मालिश करो, कुछ भी करो मुझे आचा लगना चाहिए |
[Image: 14140933.gif]

कामिनी का इतना कहना था, मेल एस्कॉर्ट ने एक आयल की बोतल से कुछ आयल निकाला और कामिनी के मांसल भारी भरकम चुताड़ो पर उड़ेल दिया | एस्कॉर्ट अपनी ड्यूटी निभाते वक्त साफ़ सफाई का बहुत ख्याल रखते थे | उसने हाथो में रबर ग्लव्स पहन रखे थे | आयल को आइस्ते से कामिनी के चुताड़ो से लेकर कमर तक फैला दिया और हलके हाथो से मालिश करने लगा | कामिनी ने खुद का सर बिस्तर में घुसा दिया | कामिनी के उठे हुए ठोस पुष्ट चूतड़ देखकर कोई भी लंड खड़ा हो जाये लेकिन मजाल है एस्कॉर्ट का बिना क्लाइंट की अनुमति के लंड सीधा हो जाये | मालिश करते करते कामिनी के चुतड एस्कॉर्ट फैलाकर चौड़े करने लगा | उसके चुताड़ो की दरार गायब हो गयी थी और जांघे फैलने से दरार के बीच का इलाका साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था | कामिनी इतनी बड़ी टैटू बाज थी उसने अपनी गांड पर भी टैटू बनवा रखा था | सिर्फ गांड ही नहीं बल्कि गांड और चूत के छेद के बीच में भी टैटू था | एस्कॉर्ट में इस टैटू को देखकर हैरान रह गया | एस्कॉर्ट अब कामिनी के चुताड़ो की दरार के निचले हिस्से में मालिश कर रहा था जहाँ उसकी गांड का गुलाबी छेद और चूत स्थित थी | उसने चुताड़ो को फैला दिया था जिससे कामिनी की गांड का छेद खुल गया | गांड का छेद देखकर लग रहा था कामिनी अपनी गांड में भी रबर के लंड घुसेड़ती रही होगी, नहीं तो इतनी आसानी से सिर्फ चूतड़ खीचने से गांड का छेद नहीं खुल जाता | नीचे उसकी चूत के ओंठ का फैलाव उसके अन्दर चूत के खुले छेद की कहानी अपने आप बयां कर रहे थे | एस्कॉर्ट कभी कामिनी के गांड के गुलाबी छल्ले पर उंगलियाँ फिराता, कभी उसकी चूत पर उंगलियाँ सहलाता कभी उसके चूत दाने को मसल देता | एस्कॉर्ट की हरकतों से कामिनी की वासना का बुखार बढ़ता ही जा रहा था लेकिन अभी तक वो उस चीज से मरहूम थी जिसकी उसे तलाश थी | वो कुछ अलग सा तेज सनसनाहट सा, कंपित तरंग जैसा अनुभव करना चाहती थी | एस्कॉर्ट अपनी पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन कामिनी के लिए नाकाफी था |


[Image: download%2B%252832%2529.jpg]

कामिनी ने आखिरकार उसे रोक दिया - स्टॉप एंड लाई डाउन ऑन बेड |

एस्कॉर्ट बिस्तर पर लेट गया | जैसा उसने माँगा था एस्कॉर्ट बिलकुल उसी साइज़ का आया था | उसने एक बड़े लंड वाले स्लिम एस्कॉर्ट की मांग की थी और उसका लंड देखकर वो संतुष्ट थी की पैराडाइज वालो ने निराश नहीं किया | एस्कॉर्ट का तगड़ा मोटा लंड था | कामिनी उसके कमर पर दोनों तरफ जांघे फैलाकर घुटनों के बल उलटा बैठ गयी | एस्कॉर्ट बिस्तर पर सीधा लेता था उसका लंड छत की तरफ को सीधा था, कामिनी की पीठ एस्कॉर्ट के सर की तरफ थी और उसकी बड़े बड़े सुडौल उरोजो से भरी उठी हुई  छाती एस्कॉर्ट के पैरो की तरफ | कामिनी आगे को थोड़ा झुकी और अपने चूतड़ थोड़ा सा ऊपर उठाये, एक हाथ से उसके मोटे तगड़े तने हुए लंड का गरम सुपाडा अपनी गरम गीली मखमली चूत के मुहाने पर लगाया और सीधी हो गयी | कामिनी के सीधे होते ही एस्कॉर्ट का मोटा लंड कामिनी की गहरी गुलाबी सुरंग की सलवटी दीवारों को चीरता हुआ अन्दर घुस गया | कामिनी के लिए मर्दों का लंड लेना कोई नहीं बात नहीं थी लेकिन वो हर बार वो अपनी सेक्स जरूरतों के लिए मर्दों का मुहँ ताकना पसंद नहीं करती थी | कभी वो डिल्डो से काम चलाती थी, कभी वाइब्रेटर से और कभी कभार किसी लड़की के साथ हमबिस्तर होने में उसे कोई हिचक नहीं थी | जहाँ तक सवाल है लंड से चुदने का तो वो काम  उसने हमेशा पैराडाइज में ही किया है | इसके बाहर वो कभी भी किसी लंड को अपने चूत में नहीं लिया है | मोटे मासंल लंड के चूत में घुसते ही उसने अपने वासना में धधकते जिस्म का जोर उसकी चूत में फंसे लंड पर डाला तो वो सरकता हुआ चूत की गहराई में पैबस्त होने लगा | चार पांच बार ऊपर नीचे कमर हिलाने पर पूरा का पूरा हाहाकारी मोटा लंड कामिनी की चूत में घुसकर गायब हो गया |
कामिनी ने एस्कॉर्ट को आदेश दिया - हार्ड फ़ास्ट एंड डीप |

एस्कॉर्ट ने अपने सख्त हाथ कामिनी की कमर पर रखे और कामिनी की लय के साथ उसके जिस्म को हिलाने लगा | कामिनी जोर जोर से हिल रही थी और उसी लय में मोटा तगड़ा लंड में कामिनी की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था | कामिनी के मुख से कामुक कराहे निकलने लगी | कामिनी का टैटू से भरा गोरा नंगा बदन तेजी से ऊपर नीचे उठ गिर रहा था और उसी स्पीड से मोटा लंड उसकी गीली चूत की गुलाबी दीवारों को चीर कर गहराई तक जा रहा था | हर झटके के साथ कामिनी का चूत दाना एस्कॉर्ट की गोटियों से रगड़ खा रहा था | कामिनी इस मोटे लंड की चुदाई से अपने जिस्म में उमड़ रहे हवस के ज्वार को शांत करने में लगी थी | लंड के तेजी से चूत में आने जाने से हो रहे कम्पन से कामिनी का पूरा जिस्म थरथरा रहा था | घुटनों पर जोर डालकर तेजी से वो अपनी कमर और जिस्म को ऊपर को उछाल रही थी और उसी लय में एस्कॉर्ट उसकी कमर में हाथ फंसाए उसे नीचे ला रहा था | एस्कॉर्ट का मोटा लंड सटासट कामिनी की चूत को चीर कर अन्दर बाहर हो रहा था | कामिनी जैसा चाहती थी वैसे चुद रही थी | एस्कॉर्ट भी कामिनी को वही चमत्कारिक कम्पन देकर वासना की तरंगो से उसके जिस्म के पोर पोर को भर देना चाहता था | कामिनी पूरी तरह वासना के बुखार में डूब चुकी थी, उसकी सांसे तेज धौकनी की तरह चल रही थी, उसका बदन पूरी तरह से गरम होकर तप रहा था और उसकी ऊँची छाती तेज धड़कते दिल के कारन धक धक कर रही थी | कामिनी काउबॉय पोजीशन में खुद को एक बड़े लंड से सटासट चोद रही थी | इतनी तेज चुदाई के एक्शन के कारन कामिनी जल्दी ही हांफने लगी | उसकी हांफने की आवाज उसकी सांसो से टकराने लगी और इसी के साथ उसके कमर का ऊपर नीचे होना भी धीमे हो गया | कामिनी रुकना नहीं चाहती थी लेकिन उसकी सांसे बेकाबू हो चुकी थी और अब बस उखड़ने की कगार पर थी | इसके बाद नही कामिनी रुकने को तैयार नहीं थी | उसने एक हाथ से अपने चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | उखड्ती सांसो के बीच बोली - फास्टर |
एस्कॉर्ट ने अब नीचे से अपनी कमर भी हिलानी शुरू कर दी | अब दोगुनी गति से एस्कॉर्ट का मोटा लंड कामिनी की चूत को चीर रहा था | कामिनी के मुहँ से चुदाई के आनंद की आवाजे भी उतनी जोर से निकलने लगी | कामिनी की मखमली चूत की गुलाबी दीवारों को जी जिस बेदर्दी से एस्कॉर्ट का मोटा लंड अब मसल और चीर रहा था, उनका कीमा बनना तय था | कामिनी का बदन तप रहा था और उसकी चूत की दीवारे धधक रही थी | जिस्मो की गर्मी पसीने के रूप में बाहर निकलने लगी थी और कामिनी ने अपने चूत दाने को बेदर्दी से रगड़ना शुरू कर दिया | एक लहर, एक तरंग उसकी आग की भट्ठी की तरह जल रही चूत से उठी और कमर पिंडलिया सबको झंकृत करती हुई चली गयी, दूसरी लहर उठी और उसकी नाभि पेट छाती से ऊपर की ओर चली गयी | एक एक कर लहरे उसकी चूत से निकल पुरे बदन में फैलने लगी | उसका शरीर कांपने लगा, उसकी कमर, पिंडलियाँ जांघे, सर सब जोर जोर से कांपने लगा और एक पल में सब शांत होगया | कामिनी के मुहँ से लंबी लम्बी सिसकारियां छुटने लगी | उसकेचूत दाने की रगड़ने की स्पीड कम होने लगी | हांफती कांपती कामिनी ठहर सी गयी और एस्कॉर्ट का लंड अपनी जड़ तक पूरा का पूरा उसकी चूत में धंसा हुआ और कामिनी आनंद में सरोबर हो अपनी सांसे काबू करने लगी |

[Image: 3753791.gif]


 जैसे ही कामिनी चरम सुख की चेतना से वापस लौटी, उसे अहसास हुआ, उसके नीचे लेटे मर्द का  एक मोटा मुसल लंड उसकी चूत में पूरी तरह से गहराई तक धंसा हुआ है | वो इस वासना के खेल को और आगे तक ले जाना चाहती थी, वो अभी इस हवस के नंगे नाच को और चुदाई के खुले खेल को अपनी अथाह वासना  के सागर में गहरे तक डूबकर और आगे तक ले जाना चाहती थी | उसने एस्कॉर्ट को बोला - डोंट स्टॉप , चोदते रहो नॉन स्टॉप |
एस्कॉर्ट नीचे से कमर हिला हिलाकर चोदने लगा लेकिन एक राउंड की घनघोर चुदाई के बाद कामिनी खुद को संभाल नहीं पायी | उसने खुद को ढीला छोड़ दिया, जिससे उसकी चूत में लंड पुरे का पूरा ठीक से घुस नहीं पा रहा था, एस्कॉर्ट अपनी कमर हिलाता रहा, लंड का अगला हिस्सा ही कामिनी की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था  | हाहाकारी चुदाई की भूखी कामिनी को  कुछ देर में अहसास हो गया कुछ तो गड़बड़ है | उसने महसूस किया एस्कॉर्ट का लंड पूरी तरह से अन्दर तक उसकी चूत को नहीं चीर रहा है | उसने एस्कॉर्ट से पुछा - क्या हो रहा है, मुझे अन्दर डीप में कुछ महसूस नहीं हो रहा है |
एस्कॉर्ट पहली बात बोला - मैडम अगर आप अपनी जांघो को मेरे लंड के स्थिर रखेगी तो मेरे लंड को पानी चूत की गहराई में महसूस कर पायेगी |
कामिनी - ओह, उसे अपनी गलती का अहसास हुआ |
कामिनी - एक काम करो, मै नीचे आ  जाती हो फिर आराम से डीप तक करो |
कामिनी पीठ के बल लेट गयी, उसने अपनी टांगे ऊपर को उठाते हुए जांघे फैला दी | एस्कॉर्ट ने अपने घुटने मोड़े, अपना लंड कामिनी की चूत पर लगाया और एक ही झटके में पूरा क अपुरा लंड कामिनी की चूत में पेल दिया | कामिनी के मुहँ से एक मादक कराह निकल गयी - आआऔऊऊच |
कामिनी - चोदो मुझे, तेज तेज, जोर जोर से डीप डीप, गहराई तक |
एस्कॉर्ट प्रोफेशनल था - यस मैडम कहकर उसने अपनी कमर हिलाने की स्पीड तेज कर दी | उसका मोटा लंड तेजी से कामिनी की चूत में अन्दर बाहर होने लगा | कामिनी अपने बड़े बड़े दूध मसलने लगी और हर धक्के के साथ चूत की गहराई में पैबस्त होते लंड की सिसकारी उसके मुहँ से निकल ही जाती | ऐसे ही तो उसका चुदने का मन था | उसे भी लगा असली लंड से चुदाई का मजा, बाकि तरीको में नहीं है लेकिन उसकी पानी प्राथमिकताये थी इसलिए लंड से चुदना उसकी पहली सेक्स चॉइस नहीं थी | जैसे हमेशा एक ही खाना नहीं खाया जा सकता वैसे ही एक तरीके से लगातार सेक्स करना भी बोरिंग होता है | ये चेंज सुखद था और कामिनी इसे एन्जॉय कर रही थी | अब वो ड्राइविंग सीट पर नहीं थी, इसलिए उसे बस एन्जॉय करना था, वो अपनी चूत में जाते मोटे लंड को चूत की दीवारों पर हो रही मालिश को गहराई तक महसूस कर रही थी | एस्कॉर्ट बिना रुके बिना थके उसे चोद रहा था, न उसका लंड नरम हुआ, न झड़ने की टेंशन | वो बस अपना काम मुस्तैदी से कर रहा था |
[Image: 20287708.gif]

एस्कॉर्ट की इस नीरस चुदाई से कामिनी बोर होने लगी | कामिनी को कुछ अलग सा किंकी सा जंगलीपन चाहिये था | उसे कुछ हटकर अलग से सेक्स की ख्वाइश थी, ऐसा नुभव जो उसने पहले कभी लिया न हो  ऐसा नहीं था एस्कॉर्ट ठीक से चुदाई नहीं कर रहा था | एस्कॉर्ट कामिनी की चूत का कोना कोना अच्छे से अपने मोटे मुसल लंड से मसल रहा था लेकिन कामिनी को ये रूटीन चुदाई पर्याप्त नहीं थी | कामिनी ने एस्कॉर्ट से रुकने को कहा | एस्कॉर्ट रुक गया | कामिनी ने पुछा - टेल में  हाउ इस माय ass |
एस्कॉर्ट - इट्स फैंटास्टिक मैम्म |
कामिनी - यू लाइक इट |
एस्कॉर्ट - यस मैम्म |
कामिनी - सो फ़क माय ass |
कामिनी पलट गयी,  उसने घुटनों के बल होकर अपनी गाड़ थोड़ी सी हवा में उठा दी | 
एस्कॉर्ट ने उसके चुताड़ो को फैलाया, उसके हलके से खुले छेद पर ढेर सारा लोशन उड़ेलने के लिए बोतल की तरह हाथ बढाया लेकिन कामिनी ने मना कर दिया |
कामिनी - ओनली माउथ लोशन |
एस्कॉर्ट ने अपने मुहँ से लार निकाली और कामिनी की गांड के संकरे छेद पर मल दी, उसने ज्यादा से ज्यादा लार निकाल कर लगाने की कोशिश करी थी लेकिन वो उसके लंड के मोटे साइज़ और कामिनी के संकरे छेद को देखते हुए नाकाफी थी | वो दुविधा में था कही मैम्म को दर्द न हो और उल्टा मेरी वाट लगा दे |
कामिनी उसको इन्तजार करता देख चिल्लाई - जस्ट फ़क इट यू सन ऑफ़ बिच, जस्ट फ़क माय ass हार्ड एंड डीप, फ़ास्ट एंड डीप | 
एस्कॉर्ट ने जल्दी से अपना लंड थामा और कमिनी की गाड़ के संकरे छेद से सटा दिया, एक हाथ से अपने लंड को सख्ती से थामे उसकी गांड के छेद पर अपने मुसल मोटे लंड के सुपाडे का जोर बढ़ाने लगा | कामिनी की संकरी गुलाबी गांड का छेद इतना भी नरम नहीं था | एस्कॉर्ट ने और ज्यादा जोर लगाया, उसका सुपाडा कामिनी के चुताड़ो के मांस में गायब होने लगा | कामिनी की गांड के छेद पर बहुत दबाव था इसलिए उसने फैलना शुर कर दिया | एस्कॉर्ट ने लंड को कामिनी की गांड पर से हटाया और ढेर सारी लार उसके छेद पर उड़ेल दी | फिर अपने लंड के फूले सुपाडे को उसी छेद पर घुमाकर  लार से गीला करने लगा | लंड का सुपाडा लार से भीग गया, उसने अपने सख्त हाथ से कामिनी का एक चुतादा थामा, तो दूसरा चूतड़ खुद कामिनी से फैला दिया जिससे उसकी गाड़ का छेद, उसकी चुताड़ो की दरार की ओट से निकालकर खुले मैदान में दिखने लगा | एस्कॉर्ट ने लंड को सख्ती से थामा और पूरा जोर लगाकर कामिनी की गांड के संकरे छेद में ठेल दिया | अपने ऊपर पड़ते भीषण दबाव से गांड के संकरे छेद की मसल्स जवाब दे गयी और उन्होंने एस्कॉर्ट के मोटे लंड को आगे का रास्ता दे दिया | एस्कॉर्ट के लंड का मोटा सुपाडा कामिनी की गुलाबी गांड में घुस गया | कामिनी के गांड के छेद के चिरने से उठी दर्द भरी तरंग उसके पैरो से लेकर सर तक दौड़ गयी | कामिनी दर्द से कराह उठी - आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ मरररररररररररररररररररररररर गाअयीईईईईईई | 
एस्कॉर्ट ने कामिनी के दर्द की परवाह किये बिना लंड को हल्का सा पीछे खीचा और फिर से पेल दिया | कामिनी के मुहँ से फिर कराह निकली - आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह ईईईईईईईईई स्सीईईईईईईईईइ, चोद मुझे और बेदर्दी से घुसेड़ मेरी गांड में, चीर डाल मेरी गांड  |
एस्कॉर्ट में फिर से एक जोरदार झटका दिया और एक तिहाई लंड कामिनी की गांड में पैबस्त कर दिया | कामिनी दर्द भरी सिसकारियां ले रही थी | उसका एक हाथ अपने चुताड़ को फुलाये था और एक हाथ से अपने शरीर के भर को रोके अपनी गांड एक अनजान एस्कॉर्ट से मरवा रही थी | वैसे तो वो अपनी गांड में रबर के लंड घुसेड़ती रही थी लेकिन इतना मोटा डालने की उसे कभी हिम्मत नहीं हुई | आज पहली बार उसने रियल का मोटा मुसल लंड पानी गांड में लिया था | ये उसके लिए एक बिलकुल ही नया दर्द भरा अद्भुद अनुभव था | 

[Image: 48162%2B%25281%2529.jpg]

एस्कॉर्ट का लंड उसकी गांड में घुस चूका था, उसकी पिछली सुरंग का दरवाजा खुल चूका था, अब तो बस एस्कॉर्ट के लंड को आगे का सफ़र तय करना था | उसने आइस्ते आइस्ते अपना पूरा लंड कामिनी की गांड में खिसका दिया | धीरे धीरे वो धक्को की स्पीड बढ़ाने लगा | कामिनी भी गांड को ऊपर उठा उठा कर उसका पूरा लंड पानी गांड में लेने लगी | कामिनी की गांड का छेद पूरी तरह खुल चूका था | अब उसमे एस्कॉर्ट मोटा मुसला लंड जड़ तक सटासट घुस रहा था | कामिनी पहली बार किसी असली लंड से अपनी गांड मरवा रहीथी और एस्कॉर्ट  का मोटा लंड बहुत से अच्छे से उसके छेद की मालिश कर रहा था | कामिनी अपनी ही उत्तेजना के भंवर में गोते लगा रही थी, हर झटके के साथ उसकी कराहे भी जोर जोर से निकल रही थी और वो उकसाने वाले शब्द भी बोल रही थी | एस्कॉर्ट काफी देर से कामिनी को चोद रहा था इसलिए उसका एनर्जी लेवल  थोड़ा स्लो हो गया था, कामिनी मादक कराहों के बीच - लंड में दम नहीं है बचा क्या जो मुर्दे की तरह लंड डाल रहा है मेरे अन्दर | मर्द की तरह चोद मुझे या तेरे लंड में वो दम नहीं बचा जो कामिनी की गांड की भूख मिटा सके हरामखोर | ढंग से चोद, जमकर चोद साले | वरना भाग जा यहाँ से मै दूसरा आर्डर करती हूँ |
[Image: Hot-tattoo-girl-brunnete-get-some-doggy-...action.gif]
कामिनी की बाते सुनकर पसीने से तर बतर, तेज सांसो से हांफता हुआ एस्कॉर्ट फिर से मशीन की तरह कामिनी की गांड मारने लगा | कामिनी की इतना मोटा लंड अपनी सख्त गांड में लेकर बहुत मजा आ रहा था | उसने कभी गांड नहीं मरवाई थी इसलिए उसे और भी ज्यादा मजा आ रहा था | उसकी गांड का सख्त घेरा इतनी चुदाई के बाद भी नरम होने का नाम नहीं ले रहा था | कामिनी की गांड मारने में एस्कॉर्ट की साँसे उखड़ गयी और कामिनी अपने गांड के दर्द भरी चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी | गाड़ पर पड़ते हर धक्के पर कराह जाती लेकिन मजाल तो एस्कॉर्ट को थमने को कहती | यही जंगलीपण तो उसे चाहिए था, जो यहाँ आने के बाद से दूंढ रही थी | ऐसी चुदाई से उठने वाला कम्पन जो उसके जिस्म की हर हड्डी को हिला दे, उसके रोम रोम को आनंदित कर दे | उसके जिस्म के कोने कोने की वासना की आग को बुझा दे, ऐसी ही भीषण चुदाई की दरकार थी उसे | थोड़ा सी रफ़ चुदाई, जहाँ दर्द भी हो वासना भी हो और जोश भी हो | ऐसी चुदाई जो शरीर थकाकर उसके हवस के बुखार को पूरी तरह उतार दे |

[Image: 122328%2B%25281%2529.jpg]

कामिनी - अब तेल से सरोबार कर मुझे, कब तक सुखी गांड मरेगा मेरी | जलन होने लगेगी नहीं तो अब तो छेद खुल गया है, अन्दर तक भर दे मेरी गांड को चिकने तेल से |  एस्कॉर्ट ने अपना लंड निकाल लिया, कामिनी की गांड पूरी तरह से खुल चुकी थी, उसका छेद पूरा खुला हुआ था और उसके अन्दर से गुलाबी सुरंग साफ़ साफ़ दिख रही थी | एस्कॉर्ट ने कामिनी को तेल से सरोबर किया और फिर से उसकी गांड में लंड पेल दिया | एस्कॉर्ट ने फिर से इंजन के पिस्टन की स्पीड से कामिनी की गांड मारनी शुरू कर दी | कामिनी भी जोर जोर सेआवाजे निकालकर उसका जोश बढ़ाने लगी | जीतनी तेज वो धक्के मारता उतना ही तेज उसे उत्तेजित करने वाली आवाज में कामिनी उकसाती | इतनी तेज धक्के लगने से कामिनी के  शरीर में जबदस्त कम्पन हुआ उर उसकी गांड में आते जाते लंड ने वो तरंग पैदा की, कामिनी का पूरा शरीर गनगना गया | ये क्या था पता नहीं लेकिन लगातार लगते धक्के से चूतड़ गांड पिंडलियाँ जांघे सब हिल चुकी थी | सब के सब पस्त हो चुके थे | इधर एस्कॉर्ट भी इंसान था आखिर चलते इंजन के पिस्टन की तरह अन्दर बाहर होते लंड से इतनी देर से चोदते चोदते उसका लंड भी जवाब दे गया | गांड का छेद टाइट होता है, गांड मारने में न केवल आदमी का दम निकल जाता है बल्कि लंड का भी दम निकल जाता है | टाइट छेद को चोदने में भीषण रगड़ होती है और लंड जल्दी झड़ने की कगार पर पहुँच जाता है | एस्कॉर्ट भी कामिनी के संकरे छेद को खोलने के चक्कर में जल्दी निपट गया, उसके लंड ने सफ़ेद लावे की पिचकारियो की बौछार शुरू कर दी | उसने कामिनी की चिकनी टैटू भरी पीठ पर अपना सारा गरम लावा उड़ेल दिया और जोर जोर से हांफने लगा |  

[Image: 287378_16big.jpg]
Like Reply
Bhut ache se dikhaya ja rha hai... Reema ko chudai...


Ye reema k next level lag rae hai
Like Reply
Bhut hard.....
Update aur pics bhi kamal ki h...
Maza aa gya
Like Reply
thanks
Like Reply
(02-05-2019, 10:11 AM)Jyoti Singh Wrote: बहुत कम बार ऐसा होता है की कोई लेखक किस स्त्री के बारे के बड़े विस्तार से वर्णन करे । ऐसे लेखक मेरे प्रिय लेखकों की सूचि में आ जाते है । कहानी की शरुवात बेहद सरल, उतनी ही बेहतरीन । बीच में प्रियम को समझने का तरीका बेहद अलग और वो लेखक की सोच को समझ सकती हूँ मगर अंतिम update से लगता है कहानी एक न्य मोड़ लेने वाली है ।


तारीफों के लिए धन्यवाद  welcome
Like Reply
(28-04-2019, 11:49 PM)Curiousbull Wrote: मैं तो आपके लिखने की शैली का कदरदान हो गया हूँ। पिक्स और लेखन का मिश्रण आप करते है उससे आपकी कहानी को चारचाँद लग गए। इतना संतुलित वर्णन पहली बार देखा है।

Thanks bro  welcome
Like Reply
Jis tarah se aap kahani ko readers ke samne ralhte ho wo lajawab hai.
I am consufed over last 2-3 updates because I can't connect them with future of Reema. I am looking forward how ypu connect the dots and solve my confusion.
Hope you'll maintain the quality of the story. All the best and give great updates.
Like Reply
great, superb
Like Reply
(17-05-2019, 01:01 AM)Silverstone93 Wrote: Jis tarah se aap kahani ko readers ke samne ralhte ho wo lajawab hai.
I am consufed over last 2-3 updates because I can't connect them with future of Reema. I am looking forward how ypu connect the dots and solve my confusion.
Hope you'll maintain the quality of the story. All the best and give great updates.

I haven't think about this much, but yes definitely every single dot related to Reema forbidden desires  Smile Smile Shy Smile
Like Reply
I always tried to do extra mile, whether it's is a pic selection or  spell of words
Like Reply
Next more
Like Reply
रीमा तो जैसे इस दुनिया में थी ही नहीं | उसकी चूत इतनी उत्तेजक द्रश्य देखकर चूत रस रिसा रही थी | उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी, अचानक कामिनी के एस्कॉर्ट को झड़ता देख तो वो वापस अपनी दुनिया में लौटी | वो खुद को सँभालने लगी , अपनी सांसे व्यवस्थित करने लगी | उसके बाद वो फिर से यहाँ देखे गए वासना के नंगे नाच को अपने दिमाग की उधेड़बुन का हिस्सा बनाने लगी | वो मालविका के बाद अब कामिनी की हवस का लाइव प्रसारण देख  देखकर सोच में पड़ गयी, कैसी औरते है ये, न कोई शर्म, न कोई लिहाज, अगर शादी नहीं हुई तो कही भी क्या मुहँ मारती फिरेंगी | किसी के साथ भी, कही भी चुदाई करने लगेगी क्या ? न सामने वाले का कोई अता न पता, इसकी तो शक्ल भी नहीं देखि कामिनी ने, जबकि वो तो कामिनी की शक्ल के साथ का उसके बदन का अंग अंग देख डाला | सिर्फ देखा ही नहीं, उसे अपने लंड से मथ भी डाला | कोई औरत किसी लंड का मुहँ देखे बिना उसे अपने अन्दर कैसे डाल सकती है | मुझे तो समझ नहीं आती कामिनी जैस औरते जिस लंड को जानती नहीं पहचानती नहीं उसे अपनी चूत में और पीछे कैसे ले सकती है | फिलहाल अब रीमा के दिलो दिमाग की सोच में लंड और चूत जैसे शब्द घर करने लगे थे, वरना वो तो अपनी सोच में भी इनका इस्तेमाल वर्जित रखती थी | वो अपनी दबी वासनाओं को दूसरो को जाहिर करने से डरती थी लेकिन पहले तो खुद से भी जाहिर करने से डरती थी अब फिलहाल रोहित ने उसके अन्दर इतनी हिम्मत भर दी थी की वो यहाँ बैठकर किसी दुसरे की खुलेआम चुदाई देख रही थी और अपने अन्दर दूसरो की वासनाओं और हवस को समझने की कोशिश कर रही थी | उसके दिमाग की उधेड़बुन में  चूत लंड जैसे शब्द आ जा रहे थे, ये एक बहुत बड़ा परिवर्तन था लेकिन अभी भी रीमा मालविका और कामिनी जैसी हवस की भूखी औरतो के चुदने के तरीको को हजम नहीं कर पा रही थी  | रीमा को लगता था कि रोहित से चुदकर, घर में नंगी रहकर, सेक्स टॉयज से खेलकर और प्रियम को सबक सिखाकर उसने बहुत बड़ा तीर मार दिया है | वो बहुत ज्यादा बोल्ड औरत हो गयी है, जो औरतो के लिए बनायीं गयी हर लक्ष्मण रेखा को तोड़कर अपनी सभी जरूरतों के हिसाब से जिंदगी में जी रही है | उसे कोई बंधन नहीं रोक सकता, न ही वो किसी खोखली नैतिकता की गुलाम है | वो अपनी कामुक वासनाए पूरी करने के लिए हर शर्म हया से परे है लेकिन यहाँ आकर उसे अपनी कामुक वासनाओं के छोटेपन का अहसास हुआ | उसे लगता था की वो अपनी वासनाओं की पूर्ति करके रेस में बाकि औरतो से सबसे आगे निकल गयी है लेकिन एक ही झटके में मालविका और कामिनी ने उसे बहुत छोटा कर दिया | उसे लगने लगा की वो उन दोनों से मीलो  पीछे है | वो किसी भी हालत में इस वहशी हवस की भूख मिटाने के मालविका कामिनी के अंदाज को स्वीकार नहीं कर पा रही थी | खुद को कामुकता, वासना और हवस को मिटाने के लिए नैतिकता के बंधन तोड़कर, समाज की सारी सीमाए लाँघ कर अपने को कामसूत्र की नायिका समझती थी सेक्स को लेकर खुद को बहुत खुले विचारो को समझने वाली रीमा को उन औरतो की इतनी ज्यादा हवस भरी कामुक स्वछंदता सही नहीं लग रही थी, वो खुद को ये समझा पाने में असफल थी की मालविका और कामिनी जो कर रही है उसमे कुछ गलत नहीं है | हर आदमी अपनी जरुरत और सोच के हिसाब से चलता है | मालविका और कामिनी भी अपनी दिमाग और सोच के हिसाब से जो भी कर रहे थे वो सही कर रहे थे | रीमा की नजरो में दोनों कुतिया और रंडी बन गयी थी | रीमा का अंतर्मन बार बार समझाने को आतुर होता कि वो भी तो अपनी जवानी की आग ही बुझा रही है इसमें गलत क्या है, लेकिन रीमा ये सब नहीं कर सकती थी किसी भी हाल में नहीं कर सकती थी किसी भी हाल में किसी अनजाने मर्द से चुदने का तो सवाल ही नहीं उठता था, पिछवाड़े में लेने और गांड मरवाने की तो वो सपने में भी कल्पना नहीं कर सकती थी | औरते अपने चरम सुख को पाने और जवान जिस्म की हवस की भूख की आग को मिटाने को अपनी गांड भी खुद की मर्जी से मरवाती है ये उसके अन्दर का स्त्रीत्व का अहंकार ये सब स्वीकार नहीं कर पा रहा था | उसे लगा रहा था कि मालविका और कामिनी ने  अपने पिछवाड़े के छेदों में लंड पेलवा कर पाप कर रही है ये घिनौना है घ्रणित है गलत है | उसे लगता था सिर्फ चूत को चुदवाने की प्यास होती है और जब चूत को लंड न मिले तो उसमे चुदने की खुजली मचती है, प्रकृति ने औरत को चूत दी है चुदवाने के लिए, अपने जिस्म की जवानी की प्यास बझाने के लिए |  फिर  किसी औरत का गांड मरवाना सहज नहीं हो सकता, ये समाज के स्थापित नियमो के खिलाफ है और प्रकृति के स्थापित नियमो के भी विरुद्ध | गांड लंड जाने के लिए नहीं बनी है जबकि चूत इसीलिए ही बनी है | कोई खुद को इतनी तकलीफ देकर अपनी गांड मरवाकर कैसे आनंद उठा सकता है | उससे निकलने वाली गन्दगी का क्या | रीमा के अंतर्मन ने ही जवाब दिया गन्दगी तो चूत में भी होती है, उसे भी तो साफ़ करके चोदते है, चूत में भी दर्द होता है, पहली बार चूत में भी तकलीफ होती है  फिर गांड क्यों नहीं चुद सकती | रीमा के मन ने ही पलटवार किया - नहीं गांड बहुत गन्दी होती है और वो इसलिए नहीं बनायीं गयी है कि उसके अन्दर कुछ जा सके, उससे शरीर की गन्दगी जरुर बाहर निकलती है | नहीं नहीं ये मै क्या सोच रही हूँ, ये सब वहशियाना है गन्दा है घिनौना है, जानवर भी ऐसा नहीं करते | रीमा के मानसिक सोच पर उसके नैतिकता के बन्धनों ने ब्रेक लगा दिया | रीमा की मानसिक सीमा यहाँ आकर ख़त्म हो गयी, रीमा की वासना की स्वछंदता की सीमा यही आकर ख़त्म हो गयी | रीमा को लगता था वो अपने जिस्म की हवस बुझाने को जो करना चाहे कर सकती है लेकिन एक झटके में उसकी कमजोरी उसी की आँखों के सामने जाहिर हो गयी | एक झटके में मालविका और कामिनी ने वासना की भूखी रीमा को उसी की नजरो में बहुत छोटा कर दिया | उसका मन निराशा से भर गया, जो कामिनी और मालविका कर रही थी वो रीमा के बस का नहीं था और ये रीमा के मन में  हमेशा के लिए एक चुनौती बनकर उसकी दबी वासनाओं को खटकता रहेगा | वो कामुकता के खेल में सबसे उत्कृष्ट नहीं है, मालविका और कामिनी उससे बहुत आगे निकल चुकी है | वहां तक वो कभी पंहुच ही नहीं सकती | उसका मन जिस उत्साह से चुदाई देखने आया था अब वो खटास से भर गया था | वो वहां से जाना चाहती थी | रोहित तीन नोड को मेंटेनेंस पूरा कर चूका था तीन का बाकि था |


रीमा ने उदास भाव से - रोहित मै बोर हो रही हूँ यहाँ, चलो न यहाँ से |

रोहित को थोड़ा हैरानी हुई - मुझे लगा तुम इसे मन लगाकर देखोगी |

रीमा - बकवास है ये सब, छी छी  छी छीछीछीछीछीछी कितने गंदे गंदे काम करती है ये औरते | चुदाई की इतनी भूखी है ये औरते की किसी भी छेद में  ले लेगी किसी का भी ले लेंगी, न नाम न पता बस अन्दर घुसा लेंगी |   

रोहित उसके मुहँ से चुदाई शब्द सुनकर हल्का सा मुस्कुराया - उनकी मर्जी, उनका शरीर, (जानबूझकर) उसकी चूत है उनकी गांड है कही भी चुदवाये, कही भी मरवाए, किसी से भी चुदवाये, किसी से भी मरवाए | हमें क्या मतलब |

रीमा - तुम्हे गन्दा नहीं लगता ये सब ?
रोहित - क्या गन्दा नहीं लगता ?

रीमा - पीछे करना |

रोहित - ओह्ह्ह्ह रीमा तुम भी न, अब जो कर रहा है उसे गन्दा नहीं लग रहा तुम क्यों परेशान हो रही हो |

रीमा - कितना गन्दा है ये सब | कितनी चुदास भरी है इन औरतो के अन्दर, कही भी डलवा लेगी |

रोहित - अब तुम सचमुच पर्सनल हो रही हो, क्या फर्क पड़ता है अगर वो गांड मरवाकर खुस है, तो उनकी मर्जी | आखिर वो खुस तो है न, वो अपनी इक्षा दबा तो नहीं रही, उनका जिस्म है उनकी हवस है चाहे जैसे अपने बदन की प्यास बुझाये , उनका मन है तो गांड मरवाए चाहे चूत चुदवाये  उनकी इक्षा है वो पूरा कर रही है |

रीमा - आग लगा दू मै ऐसी हवस को |

रोहित - देखो रीमा ये तुम्हे नहीं पसंद लेकिन वो तो इसे भरपूर एन्जॉय कर रही है | 

रीमा - पीछे करवाने में कौन सा एंजोयमेंट, फट के हाथ में आ जाती होगी |

रोहित रीमा की इस बात पर हल्का सा खुन्नस खा गया - मुझे समझ में ये नहीं आता तुम इसे इतना पर्सनल क्यों ले रही हो, ऐसा लग रहा है जैसे मालविका और कामिनी गांड अपनी मरवा रही है लेकिन फट तुमारी गांड रही है |

रीमा - तुम मुझसे ऐसे बात नहीं कर सकते |

रोहित खुद के गुस्से को काबू कर्ता हुआ - अच्छा बाबा सॉरी, लेकिन उन्हें उनके हाल पर छोड़ दो, वो गांड मरवाकर, किसी बाहरी जिगोलो से चुदवाकर खुस है तो उन्हें खुस रहने दो, कम से कम अपने अन्दर अपनी हवस दबाकर अन्दर ही अन्दर कुंठित तो नहीं हो रही है | आदमी दस जगह मुहँ मरता है जब वो गलत नहीं है तो औरते अपनी मर्जी से कही भी चुदवाये, मरवाए वो कैसे गलत है | उनकी जवानी की आग है अपने तरीके से मिटा रही है | कम से कम अपनी मर्जी का कर तो रही है, किसी मर्द को तो उन्हें पकड़कर नहीं बताना पड़ रहा है की तुम प्यासी हो तुम चुदासी हो | तुमारी चूत या गांड लंड से चुदने को बेताब है | 

रीमा - अपनी बकवास बंद करो, मै कुंठित नहीं हूँ, मै अपनी हवस दबा के नहीं रखती और बड़े आये मेरी चूत को उसकी चुदास के बारे में बताने वाले |

रोहित हल्का सा मुस्की मारता हुआ - अच्छा बाबा ठीक है लेकिन इतना ज्यादा टेंसन में क्यों हो ?

रीमा - मै टेंशन में नहीं हूँ |

रोहित के दिमाग में अचानक से कुछ क्लिक किया - एक बार पून्छु रीमा, कही तुम इन दोनों औरते से जलन तो नहीं खा रही हो | तुम्हे कही ये तो दिक्कत नहीं है की वो बिंदास अपनी हवस अपनी शर्तो पर बुझा रही है, उन्हें कोई लोकलाज नहीं है उन्हें कोई हया शर्म नहीं है  और तुमारे लिए वो सब करना वर्जित है, नामुनकिन है  | कही तुम भी तो वो सब नहीं करना चाहती | कही तुमारी भी तो दबी कामना नहीं है इस तरह से अपने जिस्म की हवस बुझाने की |

रीमा एक बरगी को खड़भड़ा गयी, उसे लगा जैसे किसी ने उसके अन्दर कही कोने में दबी चिंगारी में फूंक मार दी हो, फिर संभालती हुई अदा से बोली - इतनी कमजोर नहीं हूँ मै, तुम्ह से तो सीखा है अपने जिस्म की प्यास बुझाना | वो अलग बात है मै इतना गन्दा नहीं कर सकती |

रोहित उसकी बात पकड़ता हुआ - मतलब थोड़ा गन्दा कर सकती हो |

रीमा - जस्ट शट उप, मुझे रूम जाना है, थक गयी हूँ सोना है |

रोहित - सोना है तो यही सो जाओ, थक गयी हो तो मालिश का सारा सामान मौजूद है रही बात जाने की तो अभी मुझे तीन नोड और देखने है, उसी के बाद यहाँ से निकलूगा |

रीमा - तब तक तो रात के दो बज जायेगें |

रोहित - तो क्या हुआ, हवस का नंगा नाच देखो तब तक, हर केबिन में यही तो हो रहा है इस समय |

रीमा - मुझे नहीं देखना |

रोहित आंखे मटकाता हुआ - तो हवस का नंगा नाच करना है ??

रीमा - तुम्हें भी बस एक ही बात सूझती है हर दम |

रोहित रीमा को चिढ़ाता हुआ - सच कंहू तो हाँ , तुम्हे देखकर तो एक ही बात सूझती है, बस तुम अपनी बांहों में लिए नंगा पड़ा रहू, हौले हौले धीरे धीरे ....................................पूछो जरा अपनी मुई से ...............क्या ख्याल है|

रीमा खीझती हुई - रोहित जस्ट शट उप,  यहाँ सोचना भी मत | पता है कितना टाइम लगता है साड़ी पहनने में |

रोहित रीमा को मटकाता हुआ - मै बिलकुल नहीं सोचुगां, मै तो बस करूगां, धीरे धीरे हौले हौले .........|

रीमा - अपनी बकवास बंद करो नहीं तो मै जा रही हूँ | बाय............

रोहित - हौले हौले .............धीरे धीरे जाना |

रीमा जोर से खीझती हुई - मै कही नहीं जा रही, तुम करते रहो बकवास मै सुन भी नहीं रही |

रोहित - मुझे पता है कामिनी वाले स्टंट करने का मन है तुमारा, बस झिझक रही हो |

रीमा को रोहित की बात से झटका सा लगा, लेकिन अब वो पहले से मानसिक रूप से मजबूत थी,जल्द ही संभल गयी - मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता तुमारी बकवास से, मै पहले वाली बुद्धू रीमा नहीं हूँ | तुमारा माइंड गेम सब समझ रही हूँ |

रोहित - काफी स्मार्ट हो गयी हो |

रीमा - वो तो मै हूँ और सेक्सी भी |

रोहित - अपने मियां मिट्ठू ................................. मुझे अपना काम करने दो , नहीं तो एक भी सेटिंग्स अगर ऊपर नीचे हो गयी तो आफत हो जाएगी | एक काम करो तब तक तुम ये देखो...........औरतो की फैन्ताशी  देखकर बोर हो गयी तो तो आदमियों की देखो | कैसे ऐश करते है साले हरामोखोर और एक तुम हो जो हमेशा मुझे गलत समझती रहती हो | मै लड़की को पटा कर चोदता हूँ वो भी उसकी मर्जी से और ये देखो कैसे पानी की तरह पैसा बहा रहे है अपनी आइयास्शी पर | उसने एक और केबिन की रिकॉर्डिंग शुरू कर दी | ये लाइव नहीं था |

 रीमा बिस्तर पर जाकर लुढ़क गयी और एक एडल्ट ब्लू फिल्म की तरह दुसरे केबिन की कहानी देखने लगी |
Like Reply
Gajab
Like Reply
Bhut shi ja rhi h story
रीमा के अरमानों.. Ki toh
Maza aayega
Like Reply
अभी जो काबिन रीमा के सामने शीशे की दीवाल पर दिख रहा था उसमें मिस्टर सहाय थे जो अपनी ही पर्सनल सेक्रेटरी के साथ आये थे | पार्टी में दोनों अलग अलग आये थे, लेकिन सहाय के सभी करीबी जानते थे यहाँ पैराडाइज में मिस्टर सहाय क्यों आते है | कमरे में आते ही उनकी सेक्रेटरी कम गर्ल फ्रेंड ज्यादा ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके | उसका नाम मिली था, ये उसका शार्ट नाम था | पूरा नाम शायद ही कोई जानता हो | सभी उसे मिली ही बुलाते थे | मिस्टर सहाय के कमरे में आने से पहले ही मिली ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके | मिली अच्छी खासी कद काठी के जिस्म की मालकिन थी | उसकी लम्बाई लगभग 6 फीट के आस पास थी | उसका उठा हुआ सीना जिस पर दो बड़े बड़े सुडौल से स्तन थे कम से कम उसकी ब्रा साइज़ 36 D जरुर होगा, जितना बड़े बड़े उसके स्तन थे उतना ही पतली कमर थी, कमर २४ से ज्यादा की तो नहीं रही होगी | कमर के नीचे उसके भारी भरकम मांस से भरे पुरे, पीछे को अच्छे उठे उभरे हुए गोरे गोरे नरम नरम चूतड़ थे | अब तक मिस्टर सहाय अन्दर आ चुके थे | उन्होंने सूट पहना हुआ था | उनके अन्दर आते ही मिली कमर मटकाती चूतड़ हिलाती लटे उलझाती मिस्टर सहाय के पास आ गयी |
[Image: 03%2B%25281%2529.jpg]


  मिस्टर सहाय उससे कद में छोटे लग रहे थे | आते ही उसने मिस्टर सहाय के ओंठो पर अपने ओंठो को रख दिया और उन्हें चुम्बन करने लगी | मिस्टर सहाय भी उसके मुहँ में जीभ डाल कर उसे डीप किस करने लगे | देखते ही देखते दोनों एक दुसरे से चिपक गए | मिली सहाय को डीप किस कर रही थी और सहाय अपने दोनों हाथो से उसके भारी भरकम चुताड़ो को अपनी हथेलियों में भरकर मसल रहे थे | मिली ने सहाय के गले में हाथो की माला डाल दी | तभी उसे सहाय की पेंट में पहले से तने लंड का अहसास अपनी जांघ पर हुआ | उसके लंड की गर्माहट जैसे ही मिली की जांघ पर महसूस हुई मिली एक सी आह उसके मुहँ से निकली | उसने एक हाथ से पेंट के अन्दर ही राड की तरह सख्त हो चुके सहाय के अकड़े लंड का जायजा लेने के लिए नीचे हाथ बढाया, इतने में ही सहाय ने झटके से मिली को पलट दिया और उसके उरोजो को हाथो में भर कर मसलने लगे और उसके चौड़े चुताड़ो को अपनी लंड के सामने पेंट के ऊपर रगड़ने लगे | मिली भी कमर हिला हिलाकर अपने मांसल चौड़े चूतड़ खुद ही सहाय के लंड के ऊपर रगड़ रही थी | मिली के चुताड़ो का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था, शायद इसीलिए नंगी मिली के गोरे जवान बदन पर चूतड़ अलग ही चमक रह थे | सहाय मिली ने नाजुक कोमल बदन को सहलाते हुए उसके उरोजो की जमकर मालिश करने लगे, उसके निप्पलो को मसलने लगे | मिली उरोजो पर जोर पड़ते ही दर्द और वासना की उत्तेजना से कसमसाने लगी | सहाय ने मिली को फिर अपनी तरफ घुमा लिया और उसके ओंठो को कसकर चूमने लगे |  मिली ने भी गर्दन झुकाकर सहाय के गले में अपने कोमल हाथो का हार डाल दिया | सहाय उसकी गर्दन ठोड़ी कान चूमने लगा | उसकी हाथो की उंगलियों को एक एक कर चूसने लगा | फिर सहाय के हाथ फिर से मिली के नरम मांस से भरे ठोस सुडौल चौड़े चुताड़ो पर चले गए | वो उन्हें दोनों हाथो में भर भर कर मसलने लगा | उसे मिली के कसावट लिए हुए चुस्त नरम चूतड़ मसलने में बड़ा मजा आ रहा था | मिली मिस्टर सहाय की शर्ट के बटन खोलने लगी और उनकी गले में बंधी टाई उतारने लगी |  मिली सहाय की टाई उतारने के बाद उनकी शर्ट के बटन खोल ही रही थी, तभी सहाय ने मिली के मांसल चूतड़ मसलते मसलते उसे ऊपर उठा लिया | मिली ने भी उसकी कमर को अपने पैरो से जकड़ लिया | सहाय ने उसे एक सोफे पर पटक दिया और बेतहाशा उसके ओंठो और चेहरे को चूमने लगा | मिली भी उसका भरपूर साथ देने लगी |  मिली के उरोज काफी बड़े थे और सुडौल भी, सहाय की हथेली में बमुश्किल आ पा रहे थे | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसलना और चूमना जारी रखा | कभी उसके दाये उरोज के निप्पल को मुहँ में भरकर चूसने लगता, कभी उसके बांये उरोज के निप्पल को | मिली भी वासना में मदमस्त होने लगी थी | उसका बदन गरम होने लगा , उसकी सांसो में गर्मी बढ़ने लगी | सहाय ने अपने हाथो में मिली के हाथ थाम लिए और उसके पेट और नाभि  को चूमता, चाटता नीचे उसके गुलाबी रंगत से भरे, चिकने चूत त्रिकोण में पहुँच गया | मिली की चूत का इलाका न केवल बालो रहित था बल्कि किसी विशेष क्रीम से साफ़ किया गया था | उसके चूत त्रिकोण पर एक भी दाग धब्बा नहीं था | अपने यौवन और जवानी की रंगत का मिली अपने कैरियर के लिए भरपूर उपयोग कर रही थी | उसे पता था बॉस को खुस रखना है तो बॉस से चुदवाना पड़ेगा | जब बॉस उसको चोदेगे तो उसके जिस्म कि नुमाइश भी करेगा | इसलिए खुद को टीप टॉप, क्लीन सेव रखती थी | सहाय को मिली की चूत चूसना भी बहुत पसंद था क्योंकि वो अपनी चूत को बहुत ही ज्यादा साफ़ सुथरा रखती थी | 
[Image: 13.jpg]


इसलिए मिली को चुमते चाटते सहाय उसकी चूत के मुहाने पर पहुँच गया | उसने उसकी गोरी जांघो को चूमना शुरू किया, उन पर अपनी गीली जीभ फिराई | मिली का गोरा मांसल बदन कमरे की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था | उसके दोनों स्तन उसकी छाती पर ऊपर की सीधे तने हुए थे और उन पहाड़ियों की ऊँचाई पर घुंडी नुमा गेहुवा रंग लिए चूचिया विराजमान थी | सहाय ने मिली की जांघे चुमते चुमते, उसकी गरम चूत पर अपने ओंठ रख दिए | मिली उत्तेजना से सिसक कर रह गयी | सहाय में उसकी कमर के नीचे चुताड़ो के उपरी हिस्से को दोनों तरफ से थाम कर खुद का सर उसकी जांघो में कसकर घुसा दिया और उसकी मखमली गुलाबी सुरंग पर अपनी गीली जीभ फिराने लगा | उसने मिली के चूत दाने को मुहँ में कसकर भर लिया और किसी टॉफी की तरह चूसने लगा | मिली के मुहँ से थोक के भाव मादक आहे निकलने लगी | चूत इलाके से आ रही वासना की तरंगो के कारन उसका सीना तेजी से ऊपर नीचे उठने गिरने लगा | उसके पैर चलायमान हो गए, उसकी कमर कसमसाने लगी | सहाय ने उसको स्थिर करने के लिए उसकी जांघो के जोड़ को दोनों तरफ से कसकर अपने बाहुपाश से जकड़ लिया लेकिन फिर भी उसके पैर चलायमान रहे | उसके शरीर में बेकाबू होती उत्तेजना और उत्तेजना की तरंगो की उठती गिरती ऊँची लहरों को थाम कर रखने के लिए सहाय ने उसके दोनों हाथों को अपने दोनों हाथो के पंजो से उंगलियाँ फंसाकर जकड़ लिया | मिली सिसकारियां भरती रही और उसका बदन चूत दाने से निकलने वाली उत्तेजना में कसमसाता रहा | मिली के तेज गरम सांसो के कारन उसका सीने के बड़े बड़े सुडौल पुष्ट उरोज ऊपर नीचे उठ गिर रहे थे | उसके बदन की बढती गर्मी के साथ साथ उसके स्तन भी सख्त होने लगे | उसके निप्पल भी तनने लगे | उसके मुहँ की मादक कराहे तेज होती जा रही थी | सहाय उसकी जांघो को फैलाये, उसके चूत के गुलाबी ओंठो का रस पान कर रहा था और मिली उत्तेजना के भंवर में इधर उधर कसमसा रही थी | सहाय की गीली जीभ जब उसके लाल चूत दाने को रगड़ती तो मिली के मुहँ से  सिसकारियो की झड़ी फुट पड़ती | सहाय मिली की गुलाबी चूत और चूत दाने को बारी बारी से चूम रहा था, चूस रहा था और चाट रहा था | उसकी जीभ की कलाकारी से मिली उत्तेजना के कारन पागल हुए जा रही थी लेकिन सहाय का ये प्रिय शगल था | वो जब भी मिली को चोदता, पहले उसकी चूत को चूस चाट चूम के उसको पागल कर देता था, फिर मिली हर तरह से जमकर चुदती | उसकी चूत को अच्छे से चूसने के बाद सहाय मिली को हाहाकारी तरीके से रंडियों की तरह चोदता, इसके बाद उसे न तो मिली की ख्वाइश की परवाह रहती और न ही उसके दर्द की | मिली को भी पता था उसकी नौकरी प्रमोशन सब इसी चुदाई पर टिका है इसलिए वो भी रंडियों की तरह जमकर चुदती | सहाय ने मिली की चूत चाट चाट के उसे बेहाल कर दिया था | अगर वो सहाय को न रोकती तो उत्तेजना से पागल हो कर झड़ने के करीब पहुँच जाती | वो झट से सोफे से उतरी और सहाय के सीने से अपना सीना रगड़कर उसे चूमने लगी | सहाय अपनी शर्ट की बची खुची बटने खोलने लगा | मिली उसे चुमते चुमते  नीचे को चली गयी, और पैरो को टिका कर बैठ गयी | उसके उसके चेहरे के सामने सहाय की कमर थी, उसने तेजी से सहाय की पेंट की बटन खोली और जिप को नीचे खिसकाया | फिर चड्ढी सहित उसकी पेंट  घुटनों के नीचे खिसका दी | सहाय की पेंट के अन्दर कैद सहाय का रेड की तरह तना हुआ, फूला खड़ा लंड फुफकारता हुआ मिली की आँखों के सामने झूलने लगा | 
[Image: 05%2B%25281%2529.jpg]
मिली को तो इस लंड की आदत थी इसलिए उसका न चौकना स्वाभाविक था और न ही वो पहली बार सहाय की पतलून उतार रही थी | फिर भी चुदाई और सेक्स का हर एक अनुभव अपने आप में अलग होता है | मिली सहाय का तना लंड देख उत्तेजना और खुसी से भर गयी | उसने झट से सहाय के लंड को अपनी नाजुक हथेली से थाम लिया |   सहाय का लंड इतना मोटा था कि बमुश्किल उसकी हथेली में समां पा रहा था | उसने सहाय को लंड को पांच छह बार मुठियाया, और अपने गुलाबी रस भरे ओठो से उसका फूला सुपाडा मुहँ में जकड़ लिया | सहाय के लंड के सुपाडे से जब मिली की गीली जीभ टकराई तो उसने ने  एक लम्बी आह भरी | मिली ने अपना सर हिलाते हुए  किसी लोलीपोप की तरह लंड को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | अपने रसीले ओंठो को सख्त जकड़न से उसके लंड पर स्ट्रोक लगाने लगी | उसका एक हाथ लंड पर फिसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी गोटियों से खेल रहा था | मिली एक हाथ से सहाय के लंड को मसलते हुए अपने रसीले होंठो से चूस चूस कर उसे अपने मुहँ में ले रही थी | मिली के रस टपकाते ओंठो की लाल लिपस्टिक सहाय के लंड पर फ़ैल गयी थी | 

[Image: 21000620.jpg]

मिली सहाय के लंड पर अपने रसीले ओंठो को सरपट दौड़ा रही थी | कभी कभी बीच में उसके लंड को मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को टॉफी की तरह चूसने लगती | कभी उसके सुपाडे पर अपनी गीली जीभ गोल गोल घुमाने लगती | अपने सर को हिलाकर लंड को मुहँ में ले रही थी | जब वो लंड को अपने सख्त ओंठो की जकड़न से रगड़ते हुए मुहँ के अन्दर ले जाती, और जब वो उसी तरह से लंड को ओंठो से रगड़ते हुए बाहर की तरफ लाती, तो साथ ही साथ उसका एक हाथ भी लंड पर उसी लय में फिसलता | जब सहाय का आग में तपता जलता लंड, मिली के नाजुक रसीले ओंठो की जकड़न में रगड़ता मसलता उसके मुहँ की गीली सुरंग में जाता और वहां रस भरी जीभ उसे अपनी गीली लार से नहला देती, तो सहाय के आनंद की सीमा नहीं रहती | सहाय ने उत्तेजना और आनंद से अपनी आंखे बंद कर ली थी और वो मिली द्वारा लंड चुसे जाने से मिलने वाले परमानन्द में डूबा हुआ था | बीच बीच में मिली उसके लंड को दोनों हथेलियों में भरकर मुठीयाने लगती और सहाय के रिएक्शन के लिए उसके चेहरे की तरफ देखने लगती | मिली का चेहरा लार से सान गया था | वो सहाय के लंड को हाथ से मुठिया रही थी मुहँ में भर कर उसे चूस रही थी | 

[Image: 21051555.gif]

सहाय भी उत्तेजना से भर गया था | वो भी मिली के मुहँ से लगाते स्ट्रोक्स के साथ ही अपनी कमर हिलाने लगा | मिली उसके लंड को मुहँ से निकालकर दोनों हाथो से मुठीयाने लगी, उसके लंड का निचला हिस्सा चटाने लगी | उसकी गोलियां मुहँ से भरने लगी | उसके लंड पर उसने ढेर सारी लार उड़ेली और दोनों हाथो से उसके गरम तपते खड़े लंड पर ठंडी लार की लिसलिसी मालिश करने लगी | उसने गप्प से मुहँ में लंड लेकर फिर स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय भी कमर हिलाकर उसके मुहँ में लंड ठेलने लगा |  मिली ने लंड पर से हाथ हटा लिया और अपने ओंठ चौड़े कर दिए ताकि सहाय आराम से उसके मुहँ को चोद सके | मिली के मुहँ से लार निकल निकल कर उसकी ठोड़ी से होती हुई उसके सीने को भिगो रही थी | थोड़ी देर कमर हिलाने के बाद सहाय थम गया, मिली ने फिर से लंड को थमते हुए उस पर ढेर लार लगा दी, और उसके लंड की लार से मालिश करने लगी, फिर मुहँ में लेकर सर हिलाकर हिलाकर उस पर अपने नरम ओंठो का स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय से अब बर्दाश्त नहो हो रहा था | मिली काफी देर से उसका लंड चूस रही थी और उसका लंड भी पत्थर की तरह कठोर हो गया था | उसका बदन पूरी तरह उत्तेजना से भरा हुआ था, उसकी सांसे भी तेज थी, अब उसे चूत की दरकार होने लगी थी | 
Like Reply
उसने मिली की गर्दन थाम उसे उठाया और  उसके लार से सने ओंठो को बुरी तरह चूमने लगा | वो भी सहाय का पूरा साथ देने लगी | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसल दिया , जिससे वो चिहुंक उठी लेकिन उसकी आवाज उसके मुहँ में ही घुट गयी क्योंकि सहाय उसके ओंठो को बुरी तरह चूम रहा था | उसने एक हाथ से उसके चूत दाने को बुरी तरह से रगड़ने लगा, ताकि ठन्डे हो गए उसके शरीर में थोड़ी गर्मी आ जाये और उसकी चूत में गीली हो जाये | सहाय बिना रुके कुछ देर तक उसके चूत दाने को बेदर्दी से मसलता रहा और उसके रसीले ओंठो का रसपान करता रहा | चूत दाने पर हो रहे भीषण मर्दन से मिली फद्फड़ाने लगी | सहाय के ओंठो से अपने ओंठ अलग करते हुए - आआआह अब सर मुझसे रहा नहीं  जा रहा है, अपना मुसल लंड घुसा ही दीजिये मेरी गीली चूत में, जमकर चोद दीजिये, चूत में बहुत पनिया रही है | 

सहाय - हाँ साली रंडी की जनी, तुझे ही चोदने जा रहा हूँ, साली तूने भी तो चूस चूस के मेरी गांड फाड़ रखी थी, अब इस लंड को लोहे की राड की सख्त बना दिया है अब इसे तेरी चूत की भठ्ठी की आग  ही पिघला कर नरम करेगी | जब तक  तक ये लोगे जैसा सख्त लंड नरम नहीं होता तेरी चूत में की भट्ठी को चोद चोदकर उसमे हवा भरता रहूँगा और तेरी गुलाबी गरम चूत की भट्ठी की आग बढाता रहूँगा  | 
मिली कामवासना की उत्तेजना से बडबडाती - ओह्ह्ह्ह्ह्ह सरररर अब लंड घुस ही दो इस मुई चूत में, देखो कैसे फड़क रही है लंड लेने को |
सहाय - हाँ साली कुतिया, पता है तू बहुत गरम हो चुकी है इस वक्त, बस तेरी ही चूत फाड़ने जा रहा हूँ |
मिली - सर थोड़ा आराम से करना, आप एक बार चूत में लंड घुसाने के बाद कोई रहम नहीं दिखाते हो |

सहाय - साली चूत भी चुदवायेगी रंडियों की तरह और कहती है आराम से करना, एक बार चूत में घुसने तो दे फिर देख तेरी कैसी चीखे निकलता हूँ | साला लंड चूस चूस के मेरी गांड ही फाड़ दी | बिलकुल रंडियों की तरह चूसा है लंड तूने , तो अब रंडियों से भी बुरी तरह से चोदुंगा तुझे हरामजादी | तेरी चूत के चीथड़े न उड़ा दिए तो मै भी तेरा चूत खोर बॉस नहीं | साला कह रही है बहुत फड़क रही है, अभी फाड़ता हो तेरी फडकती चूत |
मिली - हाँ सर बहुत फड़क रही है |
सहाय - साली कुतिया, उसके चुताड़ो पर एक जोरदार चमाट मारते हुए, साली अभी देख कसी तेरी नाजुक चूत को चीर के भोसड़ा बनाता हूँ |

सहाय ने मिली को मेज पर पीठ के बल लिटा दिया, उसकी दोनों टांगे हवा में उठा दी , फिर उसे थोडा सा आगे की तरफ मेज के किनारे पर खीचकर उसकी जांघे अपने कंधो पर टिका दी | अब मिली की गुलाबी मखमली चूत बिलकुल सहाय के भूखे तड़पते, हवस की आग में भट्ठी बने लंड की सामने थी | अपने सामने गुलानी चिकनी साफ़ सुथरी चूत देख सहाय का लंड और पगला गया,उसमे खून का दौरान और तेज हो गया और वो वासना की आग में तपता जोर जोर से कांपने लगा | सहाय ने भी देर नहीं करी | उसने मिली को गोरी मांसल जांघे पकड़ कर उसे थोड़ा और अपनी तरफ खिसकाया, अब मिली के एक तिहाई चूतड़ मेज से बाहर लटक रहे थे | सहाय ने अपने लड़ का गरम सुपाडा मिली की गीली गरम चूत पर रखा और कमर में जोर लगाकर हचक के धक्का दे मारा |

सहाय का आग की तरह तपता मोटा लंड लंड मिली की भट्ठी बनी गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक जाकर धंस गया | मिली की तो चीखे उबल पड़ी |

मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मरररररररररर ररररररररररर ममामामामामामाम्मा 
 ईईईईईईईईईई गगागागाआआआआ आआआईईईईईईई  ईईईईईईईईईइ |

एक ही झटके में लंड मिली की चूत की गुलाबी सुरंग की आधी से ज्यादा दूरी तय कर चूका था | इससे पहले मिली अपनी पहली चीख ख़त्म कर पाती, सहाय ने लंड को बाहर खीचा और फिर से और जोर से कमर को झटका दिया | सहाय का मोटा लंड मिली की चूत की चिपकी गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ और अन्दर तक धंस गया | 
मिली - मरररररर रररररररररर गाआआआआआआआ ईईईईईईईईई ईईईईईईईइ मरररररररररररररररर गाआआआआआआ आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ, मार डाला बॉस आपने ने, आहआह्ह, ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊओफ़्फ़फ़्फ़, आऐईईईईई माआआआअ, मरररर गाईईईइ | ऊऊऊऊऊ आआऐईईईईईईईईईई आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ |
सहाय अभिमान से हुंकारता हुआ - साली कुतिया फट गयी न गांड |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ बाआह्ह्हूऊऊत्त्त दर्र्रर्रर्रर्ररद होहोहोहोहोहोहो र्र्रर्र्हहहहाहा है | आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ माँआआआआअईईईईईईईईई |
सहाय फिर हुंकारा - साली अम्मा याद आ गयी अब, कैसे उछल उछल कर कह रही दी चोदो मुझे |ले अभी तो पूरा लंड खाया ही कहा है तेरी चूत ने |

सहाय ने फिर से सटक से लंड बाहर खीचा और फिर से करारा झटका दिया - सहाय का आग की तरह तपता लंड मिली की हवस की आग की गुलाबी भट्ठी में, उसकी चूत की गुलाबी दीवारों की हर अड़चन को चीरता हुआ चूत के अंतिम छोर तक जाकर धंस गया | सहाय ने एक हुंकार भरी और अपनी कमर को जोरो से हिलाने लगा |
मिली की चूत की दीवारे फट के दो फाड़ हो गयी,  उसके बीच में सहाय के मोटे लंड ने अपना मुसल ठूंस दिया था , मिली की चीखे निकल आई और इस दर्द भरे झटको से भरी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर  माआआआआआआ रररररर गाआई, फट्ट्ट्ट्ट गय्य्य्य्ई्ई्ई्ई मेरी चूत, ओह्ह्ह्ह्ह्ह जालिम लाआआआआड ने , मार्रर ही डाला रेएएएएएए | आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रीईईईईए |
मिली खुद को संभाल नहीं आई इस भीषण दर्द में भी उसको ओर्गास्म हो गया | 
मिली - आअहाआअहाआह्ह सर्र्र्रर्र्र मीईईरीईइ गाआईईईईईईईइ | आः आःह हाहाह आआह | मिली कांपने लगी |

[Image: 20633727.gif]


सहाय मिली के कांपने तक थम गया, मिली का कांपना कुछ देर में ही रुक गया और सहाय ने फिर से एक भीषण ठोकर मरी और पूरा का पूरा लंड मिली की नाजुक गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ उसकी मखमली गरम चूत सुरंग में घुस गया | झाड़ने से मिली की काम वासना की उत्तेजना कम हो चुकी थी, हालाँकि उसका बदन अभी भी गरम था फिर भी  मिली दर्द से बिलबिला गयी, उसकी आँखों में आंसू छलछला आये | उसकी चूत पर हुए सहाय के लंड के इतने भीषण हमले से उसकी चूत में उठने वाला भीषण दर्द  उसकी कमर चूतड़ जांघो तक फ़ैल गया | उसने सहाय के हाथो को कसकर थाम लिया क्योंकि चूत की दीवारे चीरने के बाद अब तो वो बेतहाशा जोरदार धक्के मार मार कर उसकी कमर तोड़ देगा | मिली जानती थी सहाय कैसी चुदाई करता है और अब तो बस लंड घुसाने तक ही दर्द होता है लेकिन पहली बार जब नौकरी के तीसरे महीने उसे सात दिन की छुट्टी चाहिए थी तब वो पहली बार बॉस के आगे गिदगिड़ाई थी और सहाय ने उसे गिव नाद टेक की पालिसी समझाई थी | फिर उस रात वो सहाय के घर गयी और रात में जो भीषण तरीके से उसकी चूत को रौंदा था सहाय ने | वो रात आज तक नहीं भूली, जब सुबह उसके बदन का पुर्जा पुर्जा दर्द से चीख चीख रहा था | सहाय ने उसे उस रात तीन बार चोदा था, रात के १० बजे से रात के एक बजे तक तीन बार बीस बीस मिनट तक उसे चोदा था | वो उससे पहले ऐसे कभी नहीं चुदी थी | पहली बार उसकी चूत कमर और चूतड़ पर इतने करारे झटके पड़े थे  सहाय ने इतने करारे करारे झटके मार मार कर मिली को चोदा कि उसकी चूत, कमर, पिंडलिया, चूतड़, जांघे, पीठ, गर्दन सब सुबह बुरी तरह से दुःख रही थी | हालाँकि सुबह वो ही मिली को क्लिनिक इस डर से लेकर गया कही उसने रात में चुदाई के जोश में कही मिली को चोट तो नहीं पंहुचाइ | मिली चौड़े मजबूत जिस्म की मालकिन थी, इसलिए उसका शरीर सहाय की ठोकरों से चूत चूर तो हो गया लेकिन वो टूटी नहीं | तब से लेकर आज तक वो मिली को ऐसे ही चोदता था, उसे फर्क नहीं पड़ता था की मिली के किस अंग में दर्द है, वो कराह रही है चीख रही है | जब तक उसका लंड  मिली की चूत में रहता था उसे बस दनादन चुदाई याद रहती, जोरदार धक्के याद रहते थे, पूरी ताकत से लगाने वाले करारे धक्के, जिससे मिली का रोम रोम, पुर्जा पुर्जा हिल जाता था | मिली के बड़े बड़े चूतड़ और बड़े बड़े उरोर्जो का भी यही राज है | सहाय ने उन्हें कसकर इतना मसला है इतना मसला है की मिली के शरीर पर भी वो दोनों अलग चमकते है | उसकी उठी हुए भारी भरकम गांड और छाती के बड़े बड़े उरोज सहाय की मिली के जिस्म पर की गयी बेदर्दी भरी बेशुमार मालिश का ही नतीजा है | उसने मिली के खूब चूतड़ मसले है, खूब उरोजो को दबाया है | इसलिए आज मिली की छाती और चूतड़ दोनों कुछ ज्यादा ही उठे हुए बड़े बड़े नजर आते है | बदले में मिली ने भी सहाय से खूब पैसे कमाए है और सुविधाए ली है | मिली अपनी सैलरी से 6 गुना से ज्यादा कमा रही है, इसके अलावा सहाय से मिलने वाले गिफ्ट अलग | तो इस चुदाई के दर्द की उसने भी पूरी कीमत वसूली है |
[Image: download%2B%25287%2529.gif]


सहाय जोरदार तरीके से मिली को ठोकर मार रहा था, अचानक चूत के चिरने से उसकी कमर चुताड़ो जांघो में घर कर गया दर्द अब गायब होने लगा था | उसके जिस्म में वासना की चिंगारियां फिर भरने लगी | उसका तपता बदन फिर से वासना की आग में झुलसने लगा | किसी चलते इंजन के पिस्टन की तरह सहाय का लंड मिली की गिलबी चिकनी चूत को रम रहा था | सहाय को लगा कही इस तरह से भीषण ठोकर मारते मारते मिली की पिंडली में दर्द न हो जाये | उसने मिली की चूत में लंड डाले डाले उसे गहरे से चूमने लगा | एक हाथ में ढेर सारी लार उधेली और मिली की चूत पर लंड निकालकर मलने लगा | मिली की चूत शुरूआत में लगे लंड के  झटको के दर्द से उबर रही थी | सहाय ने इस समय धक्के रोककर उसे बड़ी राहत दी | चूत को चीरते लंड की ठोकरों से मिली के मुहँ  से बड़ी दर्द भरी चीखे ही निकल रही थी | सहाय की भीषण चुदाई से आग की तरह तपती गुलाबी चिकनी चूत पर सहाय की गीली लार बारिश जैसी फुहार की तरह लगने लगी | मिली की चीखे सिसकारियो में बदल गयी | इससे पहले मिली कुछ सोच पाती तभी  सहाय ने मिली को पलट कर उल्टा मेज पर टिका दिया,  मिली भी फुर्ती से पलट गयी | अब मिली की पीठ सहाय के सामने थी और उसके भारी भरकम मांसल चौड़े चुतड सहाय के लंड पर नरम गुदगुदी कर रहे थे | उसका भट्ठी की आग की तरह तपता लंड मिली के पसीने से नम नरम नरम चुताड़ो पर गुनगुना लग रहा था | मिली ने अपने दोनों हाथ मेज पर टिका दिए और पीछे को गर्दन घुमाकर देखने लगी | सहाय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर थोड़ी से कमर हिलाई, फिर उसके मांसल चुताड़ो को कसकर मसलने लगा, उसके चुताड़ो पर एक एक थपाक मारी और अपना लंड उसकी गरम चूत के गुलाबी मुहाने में सटा दिया और जोर से धक्का देकर सटाक से अन्दर पेल दिया | मिली की चिकनी गीली गरम आग में धधकती चूत की गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ लंड पूरी तरह से समां गया | सहाय ने जोर जोर से कमर हिलानी शुरू कर दी | मिली के लिए इसमें कुछ भी अजीब नहीं था | वही बॉस, वही उसका मोटा लम्बा लंड, वही चुदाई का वहसी भीषण अंदाज, ऐसे धक्को की तो अब मिली को आदत पड़ गयी थी | अब तो उसे हर तीसरे दिन चुदना ही था फिर क्यों न इन धक्को को बर्दास्त करना सीख ले | उसका गोरा मांसल बदन भी ऐसे धक्को का अभयस्त हो चूका था लेकिन  कमोवेश पहली चुदाई के बाद हर तीसरे दिन अपनी चूत सहाय का लंड लेकर उससे ऐसे ही बुरी तरह चुदने  के बावजूद सहाय उसकी चीखे निकाल ही देता था | अगर दो चार दिन तक उसकी चूत में सहाय का लंड न जाये तो मिली की चुदाई की भूख अपने आप ही उसके जिस्म को कचोटने लगाती | उसके लिए खुद की चुदाई की ललक को छिपाना मुश्किल हो जाता | वो अलग बात है सहाय ने ऐसे मौके बहुत कम ही आने दिए | दो ही बार ऐसा हुआ जब सहाय ने मिली को हफ्ते भर तक ना चोदा हो | एक जब वो विदेश गया था और दूसरा जब वो हॉस्पिटल में एडमिट हो गया था | बाकि उसकी मिली की चुदाई की कहानी हर बार सेम रहती जब भी वो मिली की गुलाबी चूत में पहली बार लंड पेलता, मिली की चीखे उबल पड़ती थी, जबकि सहाय ने उसकी चूत को चोद चोदकर चुदाई के लिए मजबूत बना दिया था    सोचो अगर मिली की जगह किसी घरेलु औरत की चूत होती तो सहाय तो उसकी चीखे निकाल निकाल कर उसे बेहोश कर देता | मिली को करारे झटके लग रहे थे | मिली की चूत में सटासट एक बार में लंड पूरा सफ़र तय करके अपने अंतिम स्टेशन पहुँच जा रहा था और बिना रुके फिर वापस लौट लेता | ये सिलसिला इतनी तेज हो रहा था की लग था जैसे इंजन के बोर में पिस्टन आ जा रहा हो | मिली दनादन धक्को के बीच में ही अपना काबू खो बैठी, भीषण झटको से हिलती उसकी कमर में कम्पन होने लगा, जांघे कांपने लगी, उसके हाथो पर से उसका नियंत्रण छुटने लगा | उसके दिलो दिमाग में थरथराहट होने लगी, उसके अन्दर उमड़ रहा वासना का तूफ़ान उसे अपने साथ उड़ा कर ले जाने लगा  | वो फिर से कांपने लगी, वो फिर से झड़ने लगी लेकिन इस बार सहाय न रुका न थमा | उसके धक्के बदस्तूर जारी रहे | इतना तेज घर्षण, इतना घनघोर चूत की मखमली दीवारों का मर्दन, इतनी तेज मिली के चुताड़ो पर थप थप कर लगते झटके, उसका पूरा शरीर उन झटको से हिल रहा था और उसके बड़े बड़े सुडौल गोरे उरोज तो जैसे किसी मेले में झुला झूलने आये हो | हर धक्के के साथ उनका झूलना बदस्तूर जारी था | मिली कांप कर थम गयी और उसके चुताड़ो  पर सहाय के धक्के बदस्तूर जारी रहे, सहाय उसे अपनी ही स्पेद्द से चोदता रहा | मिली के आह आह की कराहे और सहाय के मिली के चुताड़ो पर टकराती टांगो की थप थप की आवाजे कमरे में गूज रही थी | सहाय के धक्को से मिली का पूरा शरीर हिल रह रहा था | पंजो से लेकर सर तक कुछ भी स्थिर नहीं था |उसके चूतड़ सहाय की जांघो से चोट खाकर थलर थलर कर रहे थे | उसके स्तन, उसके बदन की तरह  आगे पीछे झूला झूल रहे थे | वो बार बार अपनी रेशमी जुल्फे सँभालने की कोशिश करती लेकिन जब वो खुद ही अपने काबू में नहीं थी तो भला उसकी लटे कैसे काबू आती | उसके बदन पर फिर से वासना की तरंग चढ़ने लगी, उसके झड़ने की मिनट के अन्दर फिर से मिली अपनी चुदाई की तरंग में लौट आई | उसकी उत्तेजना फिर से उसके दिलो दिमाग पर छाने लगी | उसके बदन पर फिर से हवस का बुखार चढ़ गया और उस बुखार में उसका बदन का रोम रोम तपने लगा | सहाय के मोटे लंड की की भीषण चुदाई से उसके अन्दर कही हवस का एक दावानल उबलने लगा, जिसकी आग से उसका पूरा बदन तप रहा था और उस आग को बुझाने की प्यास में उसके बदन का रोम रोम प्यासा हो गया था, उसे अपने जलते बदन की आग बुझाने को उसे सावन की बारिश की ठंडी ठंडी फुहारे चाहिए थी जो सिर्फ उसकी चूत की भीषण चुदाई से निकलेगी |
[Image: 08%2B%25282%2529.jpg]
इसलिए सहाय के हाहाकारी झटके और उसकी कोमल गुलाबी चूत को चीरता मोटे लंड का दर्द भी उसे मीठा मीठा गुनगुना लग रहा था | ये झटके ही अपनी बारिश की फुहारों से उस दावानल की आग को शांत करेगें |  सहाय को सिर्फ मिली की चूत को चोदने से मतलब था लेकिन इसी हाहाकारी चुदाई में मिली अपने जिस्म की प्यास बुझा लेती थी | उसको मिलने वाला दर्द उसके लिए अमृत बन जाता | वो इसी दर्द में झटको से मिले कम्पन में अपनी उत्तेजना की तरंगे महसूस कर लेती | हर ठोकर से कांपते उसके बदन को एक अजीब सी संतुष्टि मिलती | मेज पर हाथ टिकाये सहारा लिए खड़ी मिली को सहाय पीछे से जबदस्त तरीके से चोद रहा था | मिली भी उतनी ही लगन से चुद रही थी | जब आदमी और औरत दोनों को चुदाई में दिलचस्पी हो और दोनों के बदन में हवस की आग बराबर लगी हो तो ऐसे ही औरत के चूतड़ कुचल कुचल के, उसके सुडौल स्तनों को मसल मसल के चुदाई होती है और औरत भी इस दर्द में बराबर मजा लूटती है, न कोई शिकवा न कोई शिकायत,बल्कि खुद ही गपागप चूत में अन्दर तक लंड लेती है | जिससे मर्फ को भी पूरा मजा आये और औरत को भी | सहाय का मिली से भावनात्मक लगाव नहीं था और मिली को ऐसे किसी चीज की उम्मीद नहीं थी | उसे इस चुदाई के बदले बहुत कुछ मिलता था इसलिए यहाँ सेंटीमेंटल बकवास के लिए कोई जगह नहीं थी | सहाय को पता था वो यहाँ क्यों आया है और क्या करना है और मिली को भी अच्छे से पता था कि उसे बॉस यहाँ क्यों लता है और उसे  क्या करना होता है | एक चोदने आया था और दूसरी चुदने आई थी, दोनों के जिस्म में बराबर आग लगी थी, दोनों ही  यहाँ अपने जिस्मो की आग बुझाने आये थे | एक चोदकर तो दूसरी चुदवाकर | तो जब दोनों एक ही काम के लिए  आये थे और दूसरा कोई काम नहीं था तो  दोनों दिल, आत्मा, मन ,तन ,बदन सब लगाकर वो एक काम क्यों न करते |

[Image: 07%2B%25282%2529.jpg]

सहाय की बेदर्द ताड़बतोड़, टॉप गियर में बुलेट ट्रेन की स्पीड से की गयी चुदाई से हांफती मिली ने कमरे में उठ रही चुदाई की कराहे और ठोकरों की थाप के शोर को तोड़ते हुए सहाय से गन्दी गन्दी बाते शुरू कर दी - बॉस अपनी इस गुलाम को रंडियों की तरह चोदने में मजा आ रहा है | आपने तो शुरुआत में जान ही निकाल दी |
सहाय भी हांफता हुआ - हाँ मेरी चुदैल रंडी, तुझे चोदने में .........  बेबी तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, साला कितना भी चोदो, तुमारी चूत हमेशा उतनी ही टाइट रही है | 
मिली - सच्ची बॉस,मेरी चूत टाइट है |
सहाय - साली कुतिया कौन सी क्रीम लगाती है जो हर बार ये इतनी टाइट हो जाती है, हर अपने लंड से चोद चोद कर इसको फैलाता हो, इसके छेद को खोलता हूँ, इसको भोशड़ा बनाता हूँ |  तू हर बार इसे कच्ची काली जैसी चूत बनाकर ले आती है |
मिली - आपको मेरी कसी चूत चोदने में मजा तो आ रहा है न बॉस |
सहाय - हाँ बहुत मजा आ रहा है तेरी कसी चूत में पूरा लंड पेलने में | साला तेरी चूत चोदने के चक्कर में गांड में पसीना आ गया है | आआह्ह्ह्ह्ह्ह् क्या मख्खन मलाई जैसी चूत है, जैसे ही लंड डालो, कसकर जकड़ लेती है | 
मिली - तो चोदो न बॉस, जमकर चोदो,जैसे मर्जी हो वैसे चोदो, जब तक मर्जी हो तब तक चोदो | ये चुदने के लिए ही तो है बॉस | हर रात इसे आपके लिए ही तो तैयार करती हूँ. ताकि अगले दिन आप इसमें अपना मुसल लंड डाल इसकी कुटाई कर सके | 
सहाय - हाँ बेबी तुम बस ऐसे ही कसी कसी चूत लेकर आया करो और मै इसे चोद चोद कर भोसड़ा बनाता रहूँ | 
तुमारी इस गुलाबी मांस की ओखली को कूट कूट कर मेरा मुसल भी  कभी थकता नहीं है | 
मिली - इतना कुटी जाती है बॉस फिर भी नहीं सुधरती ये मुई चूत |
सहाय कुछ देर मिली को धीमे चोदता, फिर एक दम से स्पीड बढ़ा देता और कुछ देर तक उसी भयानक स्पीड से मिली की चूत में लंड पेलता और तब तक पेलता रहता जब तक मिली की कराहे चीखों में नहीं बदल जाती या उसकी सांसे नहीं उखड़ने लगती | जब मिली के लिए चुदाई बर्दास्त से बाहर हो जाती तो सहाय फिर से अपना गियर बदल देता और धीमे धीमे चोदने लगता | जब फिर से मिली की सांसे काबू में आ जाती, सहाय फिर टॉप गियर डाल देता और दे दनादन दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के पर धक्के मर मार कर मिली की चूत के रेल बना देता | इस हाहाकारी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर  माआआआआआआ रररररर गाआई,मार्रर ही डाला आआआआआआआह्हीईईईईई ईईईईइ   रीरीरीरीरीरीईईईईए |
[Image: 500.gif]


लगातर लगते झटके से उसका शरीर हिल हिलकर चूर हो जाता, उसकी चूत और कमर में दर्द पैठ जाता और उसके मुहँ से निकलने वाली मादक कराहे आह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह करते करते आआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हा आआआआआआआह्हीईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओओ सस्सस्सस्सआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह तक और फिर दर्द भरी आआआआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह की कराह तक पंहुच जाती | एक समय आता जब उसका मुहँ उसकी चूत में लग रहे लगातार लग रहे झटको के आघात से बंद ही नहीं होता और एक लम्बी न टूटने वाली रिदम में उसके मुहँ से  आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह की कराह बस निकलती ही रहती | उसके चेहरे पर पीड़ा के भाव आ जाते | वो बार बार सहाय की तरफ देखती, जो मशीन की तरह अपनी कमर हिला हिलाकर मिली की चूत का कचूमर निकालने पर आमादा है | मिली की आँखों में याचना का स्वर होता है और मुहँ में दरद भरी लम्बी चुदाई की कराह लेकिन सहाय को फुर्सत कहाँ मिली की कराह सुनने की, उसे कहाँ फुर्सत मिली की आँखों में चुदाई का दर्द देखने की जो वो झटके धीमे कर दे | दर्द और भीषण झटको से बेहाल मिली आपने हाथ पाँव ढीले छोड़ मेज पर पसर गयी| उसका बदन नॉन स्टॉप इतनी स्पीड की चुदाई के बाद अपने आप ही निढाल होने लगा, तब जाकर सहाय ने मिली के बाल पकड़कर उसे चोदना शुरू कर दिया | बाल खीचे जाने से उसके चूतड़ फिर से सहाय की जांघो से सात गए | वो आगे की तरफ झुककर मिली को चूमने लगा तब उसे अहसास हुआ की उसने तो मिली को चोद चोदकर चूर कर दिया है, उसने आपने धक्के धीमे कर दिए  और उसे गहरा चुम्बन करने लगा | मिली की जान में जान आई, उसका चेहरा दर्द से भर गया था, उसकी आँखों में वो पीड़ादायक झटकों और चुदाई का असर साफ़ दिख रहा था | सहाय ऐसे ही चोद चोद कर मिली का कचूमर निकाल देता था | कभी कभी मिली चुदते चुदते ही पूरी तरह पस्त हो जाती, न जांघो में जान बचती न हाथो में दम, बस सहाय की गिरफ्त में चुदती रहती, जमकर चुदती रहती, चाहे जितना भी दर्द हो थकान हो लेकिन मजाल है जो कभी सहाय को चुदाई के बीचो बीच चोदने से रोका हो |
[Image: 16651976.gif]

सहाय मिली की चूत में आइस्ते आइस्ते लंड ठेलने में लगा था | उसने उसकी चूत को इतनी भीषण नॉन स्टॉप चुदाई के बाद भी आराम करने का कोई मौका नहीं दिया | उसमे आइस्ते आइस्ते लंड उसका रमता रहा | उसको मिली की चूत को चोदते चोदते काफी टाइम हो गया था, उसे लगा पोजीशन बदलनी चाहिए नहीं तो मिली को कही कोई दिक्कत हो गयी तो उसे प्रॉब्लम हो जाएगी | वैसे भी उसने लगातार दनादन धक्के मार मार के मिली का दम तो निकाल ही दिया था | मिली को वापस उसी तरह चुदने के लिए कुछ वक्त तो चाहिए होगा ताकि वो खुद को समेट सके, अपनी सांसे व्यवस्थित कर सके, अपने सरीर में फिर से उर्जा भर सके | सहाय को भी एक ब्रेक की जरुरत महसूस हुई |  उसने कमर हिलाना बंद कर दिया और अपना लोहे की रोड जैसा मोटा सख्त गरम लंड मिली की चूत से निकाल लिया | लंड पूरी तरह से मिली की चूत के रस से गीला था | लंड को देखते ही मिली ने उसे अपने मुहँ में भर लिया | 
[Image: 07%2B%25281%2529.jpg]
 आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऐसा लग रहा था जैसे धूप में पड़ा गुनगुना केला मुहँ में डाल दिया हो | सहाय के तपते लंड को मिली के गीले मुहँ में बड़ी राहत मिली | सहाय तो आनंद से भर गया | मिली ने उसके लंड को चुसना शुरू कर दिया | अपनी गीली जीभ और लिसलिसे ओठो से अपने लंड चुदने के जादू का वो तिलिस्म बांधा कि सहाय के मुहँ से आहे निकलने लगी , वो एक झटके में इतनी देर तक मिली की चूत मारे में करारे झटको की सारी थकान भूल गया | उसका लंड एक दम तरो ताजा हो गया | मिली ने उठकर एक बोतल से एनर्जी ड्रिंक पी, जो की वो अक्सर चुदाई के वक्त साथ ही रखती थी | उसे पता था उसे इसकी जरुरत पड़ती है | बॉस से चुदवाना इतना आसन नहीं होता, जरा सी गलती और वो सारे ऐसो आराम, एक्स्ट्रा पैसे और नौकरी सबसे हाथ धो बैठेगी | वो इस बात का खास ख्याल रखती की बॉस को हर बार उसे चोदते वक्त कुछ स्पेशल फील हो | आखिर दुनिया में इतनी चूत है जो उसके अमीर बॉस से चुदने को राजी है, फिर जब तक वो कुछ स्पेशल नहीं देगी बॉस को, बॉस क्यों भाग भाग कर उसके पास आएगा | बॉस को जब मिली की चूत से वो स्पेशल मिलेगा जो और किसी चूत के बस का नहीं है तभी बॉस उस पर बेहिसाब पैसा खर्च करेगा | 
Like Reply
सहाय मेज के पास से उठकर सोफे पर आ गया  और पीठ के बल लेट गया | मिली भी ड्रिंक पीकर कुछ तरोताजा महसूस कर रही थी सहाय को लेटा देख समझ गयी अब उसकी बारी है | उसने अपनी दोनों जांघे घुटनों के बल सहाय के कमर के दोनों तरफ टिका दी और सहाय के लंड के ठीक सामने अपने भारी भरकम चूतड़ टिका दिए | मिली सहाय के ऊपर आने से पहले अपने बदन पर एक सुगन्धित तेल लगाकर आई थी जिससे भीषण चुदाई के बाद निकलने वाले मादक पसीने के बाद भी उसका बदन महकता रहे और उसके बॉस को कोई दिक्कत न हो | मिली के अपने ऊपर बैठते ही सहाय ने मिली के चूतड़ मसलने शुरू कर दिए | मिली आगे की तरफ झुककर सहाय के सूखे ओंठो को चूसकर उन्हें अपने मुहँ के रसीले मधुर रस से सरोबार करने लगी | सहाय भी उसके गुलाबी ओंठो का रस पान करने लगा | इधर उसके दोनों हाथ मिली के चुताड़ो का आटा गुथने में लगे हुए थे | मिली के चूतड़ यू ही नहीं उसके शरीर पर कुछ जायदा उठे नजर आते थे | सहाय को जब भी मौका मिलता वो मिली के चूतड़, कपड़ो के ऊपर से या बिना कपड़ो के मसलने लगता | उसका मिली के नरम मांस से अच्छे से भरे चौड़े गोरे गोरे मांसल चुताड़ो से विशेष अनुराग था, वो इसी तरह से मिली के छाती के स्तनों का भी आटा गूथना शुरू कर देता था | इनमे ऐसा खो जाता था कि कई बार मिली की चुदाई करना भूल जाता था और तब मिली को उसे याद दिलाना पड़ता था | अब मिली के चुताड़ो और स्तनों का मांस इतना बढ़ गया था कि सहाय को आटा गुथने के लिए मतलब भर का माल उपलब्ध होता | मिली समझ गयी अब सहाय के लिए आधा घंटा भी कम है | उसने सहाय को चुमते चुमते, एक हाथ से उसके कठोर लंड को अपने चूत के मुहाने पर लगाया और खुद ही चुताड़ो को नीचे को खिसका दिया | सहाय के लंड पर उसके जिस्म के बढ़ते भार से सहाय का लंड मिली की गुलाबी गरम चूत में समाने लगा और धीरे धीरे करके उसी में गायब हो गया | मिली ने ऊपर को कमर चूतड़ उछाले, लंड चूत से बाहर निकला, मिली फिर नीचे को बैठ गयी और लंड फिर चूत में समां गया |

[Image: 09%2B%25281%2529.jpg]
 मिली की अपनी कमर और चूतड़ हिलाने लगी | सहाय का पत्थर जैसा सख्त गरम तड़पता लंड, अपनी मखमली पनाहगाह में जाकर अन्दर बाहर होने लगा | मिली ने चुदाई शुरू कर दी | सहाय को इससे कोई मतलब नहीं था, वो बस मिली के चुताड़ो को दबाता रहा, उसके नरम मांस को मसल मसल कर मसाज करता रहा | जोर जोर से मसलने से मिली के चुताड़ो पर लालिमा आ गयी थी | मिली सहाय के ऊपर बैठकर खुद को ऊपर नीचे कर रही थी और एक तरह से सहाय को चोद रही थी भले ही लंड उसकी चूत में जा रहा हो | काफी देर तक मिली धीरे धीरे सहाय के लंड को अपनी चूत में ठेलती रही, आखिर वो भी थकने लगी | सहाय ने जब उसकी सांसो को उखड़ते देखा और उसके चुताड़ो को मसलना छोड़, हथेली खोलकर उन्हें कसकर थाम लिया, और मिली को आगे पीछे हिलाने लगा | उसका लंड मिली की रसभरी गीली चूत में सटासट अन्दर बाहर होने लगा | मिली सिसकारियां भरने लगी | वो लंड के इस तरह सटासट अपनी चूत में जाते देख अपने चूत दाने को रगड़ने लगी |  
उसके मुहँ से बस मादक कराहे ही निकल रही थी - आआआअह्ह्ह कभी आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आह आआआआऐईईईईह्ह्ह्हह आह आआह्ह्ह | बस यही मिली के मुहँ से निकलने वाले शब्द थे |
सहाय नीचे से ही बुलेट ट्रेन की तरह अपनी कमर हिलाने लगा | मिली के चूतड़, मांसल चिकनी जांघे, सपाट पेट, भरा हुआ सीना, उठे हुए लटकते स्तन सर गर्दन सब थरथराने लगा, जैसे वो पटरी के किनारे बैठी हो और मालगाड़ी 100 की स्पीड में दौड़ती सरपट चली जा रही हो | उसकी चूत में सच में सहाय का लंड सरपट ही दौड़ रहा था और उसके मांसल चौड़े चुताड़ो सहित उसके पुरे बदन को थरथरा रहा था | सहाय  फिर से टॉप गियर में मिली की चूत में लंड पेलने लगा | मिली इस भीषण चुदाई की उत्तेजना के रोमांच को दिलो दिम्माग में गहराई से महसूस कर रही थी | वो सहाय से मिलने वाले हर धक्के को अपने दिलो दिम्माग में संजो रही थी | मिली कराह रही थी, उछल रही थी, कामुक कराहे निकाल रही थी, मिली चुद रही थी कसकर चुद रही थी |  इस चुदाई से थरथराते बदन में कब तरंग आती कब वो झड़ती उसे पता ही नहीं चलता | इस समय उसे बस अपने अन्दर पिस्टन की तरह अन्दर बाहर होते लंड का अहसास था बाकि सारे अहसास बहुत पीछे छुट गए थे | इस समय उसका झड़ना न झड़ना बेमानी हो चूका था | वो दो बार झड चुकी थी अब तो बस चुदाई की ललक रह गयी थी भीषण चुदाई |
[Image: 5286328.gif]


मिली के मुहँ से बस यही निकल रहा था - आह आह आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह ओह ओह ओह्ह्ह्ह्ह्ह आअहहहहहहहहह्हह्ह्हाआआआआआआ अहहह्हहहहहहहहहा हहह्हहाहह्ह अहहह्हहहहहहहहहा |


सहाय का लंड  मिली की चूत में सटासट बिना किसी अड़चन के घुस रहा था | मिली की चूत की दीवारों और सहाय के लंड के बीच गर्षण इतना तेज था की सहाय का लंड और मिली की चूत दीवारे आग की भट्ठी की तरह तप रही थी | बेतहाशा चुदाई के कारन मिली की दीवारे गीली होकर फिर सुख गयी लेकिन सहाय के लंड की न स्पीड कम हुई न धक्के | मिली बस हर झाके के साथ टेप रिकॉर्डर की तरह बजती रही और उसके मुहँ से बस कराहने की  अहहह्हहहहहहहहहा हहह्हहाहह्ह अहहह्हहह हहहहहहा जैसी आवाजे निकलती रही | सहाय अपना दम उखड़ने तक मिली को चोदता रहा और मिली बस सहाय से चिपकी अपनी चूत को सुपर फ़ास्ट ट्रेन की स्पीड से चुदवाती रही | मिली और सहाय दोनों से पसीने से तर बतर थे, मिली को सुपर स्पीड से चोदने के कारन सहाय भी बहुत हांफ रहा था और मिली भी मुहँ से तेज भाप छोड़ रही थी | 
मिली लम्बी लम्बी तेज सांसो से हांफती हुई - सर आज क्या हो गया, आज तो आप सुपर फ़ास्ट एक्सप्रेस की तरह दौड़ रहे है, ऐसे ही स्पीड से चोदते रहे तो मै तो हांफ हांफ के ही मर जाउंगी | 
सहाय भी हांफता हुआ बोला - आआअह्ह्ह्ह्ह्क्या बेबी इस्स्स्सस्स्स  करू तुमारी चिकनी गुलाबी चूत जब चोदना शुरू करता हूँ, तो कुंवारी चूत जैसी फीलिंग करा देती है अआह्ह और फिर जब तुम्हे चोदते चोदते, चुदाई की ठरक इतनी तगड़ी हो जाती है की लंड न मुरझाने का नाम लेता है और न झड़ने का | तुमारी जवानी की गंध इतनी तेज है मेरा लंड मदहोश हो जाता है , ओह्ह्ह ह्ह्ह्हह तुमारे कोमल नाजुक बदन का जादू इस कदर मेरे दिलो दिमाग पर नशे की तरह चढ़ जाता है की कुछ याद ही नहीं रहता | तुम साक्षात् वासना की देवी लगने लगती हो | अब जिसके पास हवस की देवी खुद ही  उसकी हवस की आग बढ़ाने के लिए मौजूद हो वो भला क्या थकेगा क्या रुकेगा | तुम लगता है पस्त हो गयी हो पूरी तरह | कोई नहीं आज मुझे भी कुछ ज्यादा टाइम लग रहा है, मैंने देर से झड़ने की  दवा खा ली, मुझे लगा आज तुम पूरी रात चुदने के लिए तैयार होगी | इसलिए बहुत भीषण तरीके से तुमारी चूत चोदने की सोच कर.................................. |
सहाय अपनी बात पूरी कर पाता इससे पहले ही मिली बोल पड़ी - आआह्ह्ह्ह सार्र्र्रर्र्र्रर मै रेडी हूँ बाआआआअस्स्स्स, आप मुझे रात भर चोदिये, बस बीच में थोड़ा साँस सँभालने का मौका दे दीजिये | आप भी थक गए होंगे |
सहाय बुरी तरह हांफता हुआ - अरे अभी कैसे मै थक गया |
मिली - सर आपका लंड इतनी देर से मेरी गुलाबी गरम भट्ठी बन चुकी सुरंग को चीर कर अन्दर तक रपट रहा है, उसे भी तो सटासट चलने के लिए ग्रीस और तेल की जरुरत होगी |
सहाय - आआह्ह ह्ह्ह्हह्ह अच्छा हाँ लंड की गीली मालिश की जरुरत तो है कर दो अपने नाजुक ओंठो से, बहुत कसकर चुदाई करी है बेचारे ने, उसका भी ग्रीस कम हो गया होगा, हमेशा की तरह मजा आ गया तुझे चोदकर, साला जन्नत की सैर करा देती है बिना उफ्फ्फ्फ़ सूउफ़्फ़्फ़्फ़ किये | दूसरी चुते तो चीख चीख कर कान फोड़ डालेगी जो ऐसे चोड़ दिया तो, ऊपर से पांच दिन बिस्तर से नहीं उठेगी सो अलग | कितना भी चीखे चिल्लाये लेकिन चुदाई में खलल नहीं डालती साली तू .................................बहुत ही रंडी चूत है कितना भी चोदो थकती ही नहीं | 
मिली भी खिलखिला पड़ी | 
मिली ने सहाय का लंड अपने मुहँ में ले लिया | मिली ने ऐसे सहाय के सामने मुहँ खोल दिया जैसे वो लंड चूसने के लिए बरसो से प्यासी हो, तड़प रही हो | मिली की लंड चूसने की ललक देखकर सहाय भी हल्का सा कामुकता से मुस्कुरा दिया | उसने अपने तने सख्त लंड को जड़ से थामा और मिली के सर के बाल पकड़कर उसके खुले मुहँ में ठेल दिया और कमर हिलाकर उसका मुहँ चोदने लगा | मिली के मुहँ में धक्के लगाने के बाद जब उसने लंड बाहर निकाला तो वो मिली के मुहँ की लार से सना हुआ था, उसके सुपाडे पर ढेर सारी लार चिपकी हुई थी | 
[Image: 18881362.gif]

सहाय ने अपनी दोनों हथेलियों से मिली का सर थम लिया ताकि उसका सर स्थिर रहे और उसके कमर हिलाने से उसका मोटा गरम खड़ा लंड सीधे उसके मुहँ में जाये, और इधर उधर उसके चेहरे पर लगकर उसे कोई नुकसान ना पंहुचाये | मिली भी ऊपर की तरफ गर्दन करके सहाय की आँखों में आंखे डाले देख रही थी | सहाय भी नीचे की तरफ मिली की आँखों में देख रहा था | सहाय ने मिली के खुले मुहँ में लंड घुसेड़ दिया | पहले से इतर इस बार वो लंड को मुहँ में गहराई में घुसेड़ कर मुहँ चोदने लगा | उसका लंड मिली के मुहँ के नीचे गले तक जाकर टकरा रहा था | वो लंड को मिली के मुहँ में अन्दर घुसाकर ही उसे चोद रहा था | मिली के मुहँ से बेतहाशा लार बह रही थी, मिली बार बार अपने नाजुक गुलाबी ओंठो से सहाय के मोटे गरम सख्त लंड के चारो ओर घेरा बनाने की कोशिश करती लेकिन मुहँ पर लगते सहाय के लंड के झटके से उसके ओंठो का घेरा टूट जाता | वो पूरी कोशिश कर रही थी कि सहाय का लंड उसके नरम ओंठो के कसे हुए गुलाबी छल्ले से गुजरता हुआ उसकी खुदुरी जीभ पर से रपटता हुआ गले तक उतरे लेकिन न उसकी सांसे काबू में थी न ही सहाय की | बस दोनों वासना की आग में जल रहे थे और अपने बदन की आग बुझाने की उत्तेजना में हर वो काम क्रीड़ा कर रहे थे जो दो जवानी के आग में धधकते जिस्म कर सकते है | हर एक राउंड की मुहँ चुदाई के बाद ढेर सारी लार मिली सहाय के लंड पर उड़ेल देती | उसके मुहँ से लार की तो जैसे नदी बह रही थी | बीच में बीच में मादक कराहे निकालती, जिससे सहाय उत्तेजित होता | उसका लंड चूसते हुए भी उसके मुहँ से ऐसी कराहे घुटी घुटी आवाजो में निकलती जी सहाय के दिलो दिमाग को बहुत आनंदित कर जाती | मुहँ चूसते चोदते समय निकलने वाली मादक आहे सहाय की उत्तेजन में उत्प्रेरक का काम करती | मिली ने सहाय का लंड जड़ से थम कर उसे अच्छी तरह से कसकर चुसना शुरू कर दिया और लंड बाहर आते ही उसके मुहँ से आआहा आहाहहह्हाहा की कराह निकल ही जाती जो कमरे की उत्तेजना और बढ़ा देती | मिली कभी सिर्फ सुपाडे को चूसती, कभी जड़ से लंड से थाम पूरा का पूरा लंड मुहँ में घोट लेती, जो उसकी गर्दन में जाकर अड़ जाता और फिर वो जबदस्ती सहाय के लंड को जड़ तक साबुत निगलने का प्रयास करती और वापसी में लंड मुहँ से निकालते समय आह आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह आह आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह और स्ल्स्लस्ल्स्लस्ल्स च्प्च्पच्प्च्प  चप चप चप  के साथ एक लम्बी साँस लेती | 

सहाय फिर कमर हिलाने लगा | मिली ने अपना मुहँ को खोलकर ओंठो का गोल छल्ला बना दिया ताकि सहाय के लंड के लिए मुहँ का छेद चूत की तरह एक सुरंग बन जाये और वो उसके मुहँ की चुदाई कर सके | सहाय मिली के मुहँ को चोदने लगा | स्ल्स्लस्ल्स्लस्ल्स च्प्च्पच्प्च्प खप चप स्लप इस्सस उस्स्स्सस, लंड मिली की रस भरे गुलाबो ओंठो की गिरफ्त को चीरता हुआ, मिली का नाजुक मुहँ में जाने लगा | उसकी गीली जीभ पर उसके नाजुक सुपाडे की ठोकर मिली और सहाय दोनों को वासना से आनंदित कर रही थी | उसके मुहँ से गो गो गो की आवाजे निकल रही थी | सहाय का लंड मिली के मुहँ  लार से पूरी तरह नहा गया | सहाय ने मिली के मुहँ से लंड निकाल लिया और फिर से पीठ के बल लेट गया | मिली उसके ऊपर आकर फिर से पंजो के बल उसकी कमर के ऊपर बैठ गयी | इस बार उसके भारी भरकम मांसल चूतड़ सहाय के मुहँ की तरफ थे उसने सहाय की तरफ पीठ करके अपना मुहँ सहाय के पैरो की तरफ कर रखा था | अपने गोरे गोरे मजबूत चिकने पैरो के बल पर खुद को सोफे से टिकाये और ऊपर के शरीर को पीछे पीठ की तरफ हल्का सा झुकाकर अपने हाथो को सहाय के सीने पर टिका दिया | सहाय हर बार तीन चार पोजीशन में मिली को चोदता था  | सहाय ने अपने एक हाथ से लंड को सीधा किया और मिली की चिकनी गुलाबी चुदी हुई चूत के खुले छेद के मुहाने पर रखकर एक धक्का मार कर उसकी चूत में घुसा दिया | मिली के मुहँ से बस हल्की सी आह निकली | मिली का शरीर स्थिर था और सहाय नीचे से कमर उठकर धक्के लगा रहा था | मिली की चिकनी नरम चूत में सहाय का लंड सटासट अन्दर बाहर का सफर करने लगा |
[Image: 15535127.gif]


मिली के मुहँ से - ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़ फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ूऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊ आअहाआअहाआह्ह ऊऊऊऊऊऊह्हह्ह ह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ही निकल रहा था | चोदो सर मुझे और जोर से चोदो | आप बहुत अच्छा चोदते हो | आपका लंड मेरी चूत की सारी खुजली आज मिटाए दे रहा है | आपका मोटा लंड मेरी चूत को चीर रहा है | बस ऐसे ही चूत को चोदकर इसकी सारी खुजली मिटा दो सर | चोद दो मेरी पनियाती चूत को |
सहाय मिली की अनुसुनी कर अपनी ही धुन मे लगा था | मिली की चूत में उसका लंड पूरी स्पीड में पूरी गहराई तक जा रहा था | वो मिली की चूत का एक एक कोना अच्छे से चोद रहा था | उसकी जांघे मिली के नरम नरम चुताड़ो से टकरा रही थी, उसकी गोलिया उछाल मार कर उसके चूत दाने से टकरा रही थी | पूरा का पूरा लंड  जड़ तक मिली की चूत में आ जा रहा था | मिली बस वासना में डूबी मादक चुद्दकड़ गालियां निकाल रही थी | अब सचमुच में वो चुदाई की वासना की गिरफ्त में थी | 
मिली - चोदो मुझे सर और जोर से चोदो, और अन्दर तक डाल कर मेरी चूत को फाड़ दो, मेरी हरामन चूत का कोना कोना कुचल डालो. मसल डालो इस रंडी चूत को  | 
मिली वासना की उत्तेजना में क्या क्या बडबडा रही थी उसे भी नहीं पता | सहाय का भी यही हाल था, 
सहाय भी उत्तेजना से भरा हुआ था - चोद तो रहा हूँ साली रंडी की औलाद | क्या रंडी की चूत लेकर पैदा हुई है साली, इतना कसकर छोड़ रहा हूँ, फिर भी मरी जा रही है लंड के लिए साली हरामन कुतिया | कितना भी चोदो भूखी की भूखी ही रहती है | साली आधा घंटा हो गया है अपने मुसल लंड से तेरी चूत कूटते कूटते मसलते मसलते, इसकी चुदास अभी भी उतनी ही बरक़रार है |
मिली भी उत्तेजना के नशे में डूबी थी - सर ये मिली की चूत है, जितना चोदोगे उतना चुदास इसकी बढ़ जाती है |
आआआआआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआआआआआअह आआईई |
सहाय ने एक जोरदार झटका मारा और मिली की चीखे निकल गयी - आआआआआआआआआआआअ 
आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माआर डालालालालालालालाल |
सहाय - ले रंडी की लौड़ी और ले मेरा लंड , ऐसे ही चीखे निकलूगा तेरी |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊ्ऊ्ऊ्ई्ई्ई्ई… मां्म्म्आ्आ्आ्आ्आ सर थोड़ा धीईईईईईईईईईईरेरेरेरेरे ईईईई रीरीरीरीरीरीरीईईईईए चोचोचोचोचोचोआआआआदो सर  |
दर्द उसकी जांघो और पिंडलियों में घर कर गे और मिली का बदन फिर कांपने लगा | उसकी वासना झाड़ने लगी | आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् सर माआईईईईईइ तो झ झाझाझाझाझाझाड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ रही हूँ |
Like Reply
सहाय और जोर से ठोकर मरता हुआ - झड साली रंडी की औलाद आज तुझे रात पर बरसाऊंगा, रात पर ऐसे ही टप टप कर तेरी चूत बहेगी और तू ऐसे ही कांप काँप कर झाड़ेगी | सहाय ने फिर करार झटका मारा | मिली कांप कांप कर शांत हो गयी | लेकिन न उसकी चूत की चुदाई रुकी न सहाय ने ऐसी कोई कोशिश की | मिली को पाने हाथ पाँव में कमजोरी महसूस होने लगी थी, लेकिन नीचे उसकी चूत में आते जाते सटासट लंड की वजह से उसके बदन की गरमी बरकरार थी | कुछ देर बाद जब उसका शरीर पर नियंत्रण लौटा तो वो भी बीच बीच में  अपनी कमर उठकर धक्के लगाकर अपनी चूत में लंड लेने लगती | 


[Image: 17664056.gif]

जब मिली कमर हिलाने लगती तो सहाय थम जाता | मिली में अब उतना दम नहीं बचा था वो दस बीस झटके लगाकर शांत हो जाती और सहाय की कमर फिर हिलने लगती और सहाय का लंड मिली की चूत को फिर चीरने लगता चोदने लगता | सटासट मिली की मखमली नरम चूत में जाता लंड दोनों को उत्तेजना के चरम की ओर ले जा रहा था | दोनों के तपते बदन एक दुसरे के अन्दर लगी हवस की आग को शांत करने  की पुरजोर कोशिश कर रहे थे, इसी लिए दोनों अपने अपने जिस्म को  जमकर निचोड़ने में लगे थे, जिससे दोनों के जिस्मो के सावनी फुहारों के फव्वारे फूटे और उनके बदन में लगी हवस की आग शांत हो सके | सहाय बिना रुके मिली की चूत को लगातार चोद रहा था और ऐसा बहुत कम होता है जब मर्द बिना ब्रेक लिए ऐसा कर पाए, तो मिली के लिए ये किसी जैकपोट से कम नहीं था | एक दो उसे इतना दमदार चोदने वाला मिला और उसे इसके पैसे भी मिलेगें | मिली के तो दोनों हाथो में लड्डू थे | उसे बस चुदते रहना था | यहाँ उसकी मर्जी चलने की गुंजाईश कम थी वैसे भी एक बार चुदाई शुरू होने के बाद औरतो की कहाँ चलती है | फिर तो जब तक पिचकारी न छुट जाये मर्द अपने हिसाब से ही औरत को चोदते है | फिर औरत चाहे टांग पटके या सर | जब तक आदमी झड़ नहीं जाता, चूत का रौदना रुकता नहीं | यहाँ तो मिली को तीन बार तो अपने होशो हवास में झड़ी बाकि भीषण चुदाई की ठोकरों के बीच उसके ओर्गास्म के कितने राउंड हुए उसे खुद ही नहीं पता | सहाय की भीषण चुदाई की ठोकरों में मिली बदहवास सी हो जाती और फिर उसे भी अपने ओर्गास्म नहीं पता चलते | उसे बस इतना पता होता उसे   कई बार झाड़ कर झड़ने वालो में था सहाय | सहाय के इतनी देर तक चोदने के पीछे का राज शायद मिली ही थी जो उसे खाने में और नाश्ते में ताकत के सुप्प्लिमेंट्स देती रहती थी, जो मर्द की ताकत तीन से चार गुना बढ़ा देते थे  | फिलहाल न तो इन सब बातो कि न तो मिली को परवाह थी , न सहाय को | सहाय धकाधक मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | उसकी चूत का गीलापन सुख गया था लेकिन उसकी चूत की नरम दीवारों के कारन सहाय का पूरा का पूरा लंड मिली की चूत में समाये जा रहा था | जब चूत गरम होती है तो उसकी दीवारे फ़ैल जाती है और बड़े से बड़ा या यूं कहे अपने साइज़ का चार गुना लंड तक ले सकती है | चूत २ से चार या 6 इंच तक गहरी होती है | सबका अलग अलग साइज़ होता है | अब ४ इंच की चूत अपने अधिकतम फैलाव में १६ इंच का लंड ले सटी है फिर यहाँ तो मिली 9 इंच लम्बा लंड ही अपनी चूत मे ले रही थी | मिली बस आहे कराहे भर रही थी और नज़रे नीची करके अपनी चूत में गायब होते लंड को देख रही थी | पीछे बुरी तरह हांफता सहाय थोड़ा थमकर अपने लंड को ठीक करता है और फिर चूत में घुसेड देता है और मिली के चूत दाने को रगड़ने लगता है | अपनी घनघोर चुदाई में मंत्रमुग्ध मिली और ज्यादा आनंदित हो जाती है | चूत दाने को मसलने के कारन उठने वाली वासना की तरंगो के कारन अपनी जांघे सिकोड़कर लंड को कसने की कोशिश करने लगती है, सहाय उसकी जांघे फैलाता है लेकिन् मिली फिर से जांघे सिकोड़ लेती है | जिससे लंड नरम जांघो की एक्स्ट्रा रगड़न खाने लगता है | सहाय फिर से मिली की जांघे फैलाता है और उसके चूत दाने को रगड़ने की बजाय उसके दोनों स्तन हथेलियों में भरकर मसलने लगता है | मिली के चेहरे पर स्तनों के बुरी तरह मसलने के कारन कामुक दर्द की लकीरे तैर जाती है | सहाय और ज्यादा गहरे धक्के मिली की चूत में लगाने लगता है | 
[Image: 19605951.gif]
मिली के मुहँ की सिसकारियां और तेज हो जाती है | कमरे में बस फच फच चट चट की आवाजे ही गूँज रही थी | फच फच चट चट की आवाजो के बीच मिली की कराहे तब तेज हो जाती जब सहाय मिली के दोनों निप्पल चुटकी से कसकर पकड़कर मसलने लगता है और भीचने लगता है | मिली के मुहँ से बस यही निकलता - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मा्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह ईईईईईर्र्ररररर | वो दर्द भरी मादकता से  कराहकर रह जाती है लेकिन उसका उत्तेजना से भरा गरम शरीर ये बर्दाश्त कर ले जाता है | उसकी चूत में सहाय गहरे गहरे धक्के लगा रहा था | हर लगते धक्के का एक्सप्रेशन मिली के चेहरे पर दिख रहा था |  सहाय के मिली के जिस्म को लगते धक्को के कारन शरीर में कराह पैदा कर दी थी |  हर धक्के पर उसका कराहना बता रहा था अब वो अपनी शरीर की शक्ति से निढाल हो बस सहाय के झड़ने की आस में टिकी है और सहाय का मोटा लंड सटासटअपनी चूत मे ले रही है | सहाय ने भी पिछले आधे घंटे में उसकी चूत का कोना कोना बजा डाला था और उसके जिस्म का पुर्जा पुर्जा हिला डाला था | कोई इस तरह से एक औरत को चोद दे तो उसकी  चूत में कम से कम तीन महीने तक खुजली नहीं मचेगी और न ही उसके जिस्म में हवस की भूख जगेगी | मिली को इस चुदाई की आदत हो गयी थी, उसके लिए हर हफ्ते के अंत में या कई बार हफ्ते में दो बार यही होना था, कभी लम्बा तो कभी शार्ट | सहाय को भी मिली कोक चोदकर  बहुत मजा आता था| अब मिली को चोद पाना सामान्य लंड के  बस का नहीं था | उसे सहाय जैसा ही कोई तगड़ा लंड चोद सकता था | सहाय मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | मिली को भी अपनी चूत के सूखे पन का अहसास हुआ | उसने मुहँ से ढेर सारी लार निकाली और अपनी चूत के मुहाने पर मल दी | सहाय ने दो चार करारे धक्के लगाये, जिससे मिली का पुर्जा पुर्जा हिल गया|
 वो कराह पड़ी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ सर थोड़ा धीईरीईईईई रीईईईईए ,
आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मममममर्र्र्र्र्र्र गय्य्य्यी्ई्ई्ई्ई्ई रे  ऊऊऊऊऊउ ईईईईईईईईईइ फ्फ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीजजजजजजजजजज सससससरररर रररररररररररर आआआआराआम्म्म्म स्स्स्से  ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह |

[Image: 10%2B%25282%2529.jpg]


सहाय ने लंड बाहर निकल लिया और मिली को आराम के लिए पीठ के बल लिया दिया | उसके पेट पर आकर बैठ गया, उसने घुटनों को बिस्तर पर टिका दिया और अपने खड़े लंड को मिली के खरबूजे जैसे  बड़े बड़े  मुलायम उरोजो के बीच में रख दिया | मिली ने अपने मुहँ से ढेर सारी लार निकली और सहाय के गरम सख्त लंड पर मल दी | फिर उसने अपनी दोनों उरोजो को हथेली में भरकर आपस में सटा दिया ताकि सहाय उसके स्तनों को चोद सके | सहाय ने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी और मिली के रुई की तरह नरम नरम  उराजो के बीच गरम तगड़ा लंड फिसलने लगा | सहाय मिली के स्पंज की तरह नरम स्तनों के बीच अपना कड़क गरम लंड मसल रहा था और मिली अपने दोनों उरोजो को थामे उसके लंड के चारो तरफ लपेटे हुई थी | मिली की चूंची चुदाई चल रही थी | उसकी नजरे सहाय की तरफ थी और सहाय की नजरे मिली के थके हुए कामुक चेहरे की तरफ | मिली को देखकर ही लग रहा था वो चुदाई से बुरी तरह थक गयी है | फिर भी वो सहाय का पूरा साथ दे रही थी, उसके जिस्म में जीतनी भी ताकत थी सब समेट के वो भी सहाय के साथ हवस का ये नंगा नाच बराबर खेल रही थी | सहाय ने लंड मसलते मसलते मिली को गोद में उठाया और एक टेबल पर आकर बैठ गया | 

[Image: 11%2B%25281%2529.jpg]


उसने अपना लंड मिली की चूत में घुसेड दिया और हलके हलके चोदने लगा | सहाय भी उत्तेजना के चरम पर पंहुचने के करीब था वो चाहता तो अगले कुछ मिनट मिली को जमकर चोदकर उसकी चूत में अपनी गरम सफ़ेद मलाई भर देता, लेकिन वो यहाँ जल्दी से फारिग होने नहीं आया था | वो तो यहाँ जितना ज्यादा हो सके चुदाई के मजे लेने आया था| उसने मिली को हौले हौले चोदना शुरू किया, उसके हाथ मिली के हाहाकारी मांसल चुदे चुताड़ो पर जमे थे और वो उन्ही के सहारे मिली को ऊपर उछाल उछालकर मिली की चूत में लंड पेल रहा था | मिली और सहाय के ओंठ आपस में सटे हुए थे दोनों एक दुसरे के अन्दर की सारी लार पी जाने पर उतारू थे | कभी सहाय मिली के ओंठ कचोटने लगता, तो कभी मिली अपनी जीभ सहाय के मुहँ में भरकर उसके ओंठो की प्यास बुझाने लगाती | सहाय का लंड बस आधा ही मिली की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था | उस पर भी इतनी देर से एक्सप्रेस स्पीड से मारते तेज धक्को का असर दिखने लगा था | ऊपर से अब वो मिली का और कचूमर नहीं निकालना चाहता था | वो आराम आराम से चोदकर इस पल को जितना लम्बा खीच सके खीचना चाहता था | मिली भी आराम से चुद रही थी, उसे भी अपने बॉस से कोई शिकायत नहीं थी | मिली के मुहँ से धीमी मादक सिसकारियां फूट रही थी - आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस मुझे ऐसे ही ययस्स्स्सस्स्सस यस्स्स्स्, प्यार करो, करते रहो | 
मिली - आ्आआ््आआ््हह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् मेरी जा्आ्आ्आ्आन, इस्स्स्स्स ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस ऐसे ही मुझे चोदते रहो | ऐसे ही चोचोदचोचोचोद कररररर ल्ल्लंड अंदर घुस्स्स्स्आ्आ्आ्आ्ह्ह तेतेतेतेतेते रहोहोहोहो |
सहाय का चरम भी नजदीक ही आ रहा था उसका भी मूड बन चूका था  -  ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान हां मेरी रानी, चोद रहा हूँ, तुझे |
मिली की कामुक बाते सुनकर सहाय से झटको की स्पीड बढ़ा दी - आह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या अपनी रानी को, उफ्फ्फ जालिम, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान | आह मेरे रज्ज्ज्ज्ज्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह  मेरे बॉस बना दो मुझे पूरी की पूरी रंडी |
सहाय - हहन्हान्हान्हन मेरी गुलाबी चूत, तुझे अपनी रानी बना लूंगा, तुझे पूरी की पूरी रंडी बना दूगा, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान, बस ऐसे ही चुदती रह तू | 

[Image: 45.jpg]


सहाय के शरीर में उत्तेजना की तरंगे अब उफान पर थी, उसके दिली दिमाग में एक तूफ़ान उमड़ रहा था, उसके बदन में भरी हवस के दावानल की आग अब सफ़ेद पिचकारी के रूप में उसके जिस्म से बाहर आने को बेताब थी | उसके अन्दर के आवेग अब अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने का इशारा कर रहे थे, लेकिन उनकी गति इतनी धीमी थी अगर सहाय ने जोर नहीं लगाया जो उसके सफ़ेद गरम लावे की झील कभी नहीं टूटेगी | सहाय अपनी ही गति से मिली को चोदता हुआ उसके गोरे गोरे नरम मांसल सुडौल सामने को तने हुए स्तनों में खोया था, उसका मुहँ मिली की छाती की पहाड़ियों की ओंट में गायब हो गया था | मिली के मुहँ से मादकता से भरी सिसकारियां फुट रही थी | सहाय उसके निप्पलो और स्तनों की चूम चाट रहा था उन्ही में मुहँ छिपा कर, मिली के चूतड़ पर हाथ जमाये उसे चोद रहा था | मिली भी सहाय को अपनी नरम छाती की जन्नत की सैर कराने को उसके गले में बाँहे डाले उससे चिपकी हुई थी | सहाय हौले हौले उसको चोद रहा था | अब सहाय के अन्दर की तरंगे बेकाबू होने लगी थी, अब उसका संयम भी जवाब दे रहा था | उसे भी लगने लगा था अपने अन्दर के गरम लावे को बाहर बाहर निकालने का वक्त आ गया है वरना उसी की हवस की आग उसे झुलसा डालेगी |
उसने मिली को चुमते हुए अपनी गोद से उतारा और बेड पर ले आया | मिली भी सहाय की आँखों में देख समझ गयी अब बॉस के चरम सुख पर पहुँचने की बेला निकट आ गयी है | 
मिली ने उसका लंड मुहँ में ले चुसना शुरू कर दिया और जानना चाहा की कौन सी पोजीशन में अब उसे चोदेगा - बॉस अब इस इस अपनी जान को................ इस रंडी की चूत को कैसे चोदकर झड़ना चाहोगे  ??
सहाय - हरामजादी कुतिया, साली अभी नहीं झड़ने वाला हूँ रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, अभी तो मुहँ मे ले लंडखोर बुरचोदी,  कुतिया बनाकर चोदूगा साली रंडी की चूत |
मिली समझ गयी अब सहाय बॉस ज्यादा देर के मालिक नहीं है, उसने अच्छे से चूस चूस कर उनके लंड को अपनी लार से गीला किया और बेड पर कुतिया की पोजीशन में आ गयी | उसने अपनी दोनों कोहनी और दोनों घुटने बेड पर टिका दिए | पीछे से सहाय ने आकर उसके चुताड़ो को हल्का सा ऊपर उठाया और अपने कड़क लंड को, जो अपने अन्दर से गरम लावा उड़ेलने को बेताब था, मिली की भाप छोड़ती गरम चूत पर लगा दिया | 
कमरे में फच की आवाज आई और फिर  फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच  जैसे कोई इंजन स्टार्ट कर दिया गया हो | 
मिली के मुहँ से चुदाई की तेज आहे कराहे सिसकारियां सब शुरू हो गयी -  उफ्फ्फ्फ्फ्फ, आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह    उफ्फ्फ्फ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्ह मां्आं्आं्आं, उफ्फ्फ्फ्फ्फ, ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ मां्आं्आं्आं मां्आं्आं्आं |    
सहाय ने और टेक लंड पेलना शुरू कर दिया - हरामजादी कुतिया, रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, लंडखोर बुरचोदी……
मिली को भी अब लंड लेने में मजा आ रहा था - ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह, चोद चूत खोर और जोर से चोद चोओ्ओ्ओ्ओ्ओदों, चोद चोद, की ओह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, आह्ह आह्ह, उम्म्म्म्मा्आ्आ उम्म्म्म्मा्आ्आ, इस्स्स्स्स्स्स्स इस्स्स्स्स्स्स्स, उफ्फ्फ्फ्फ्फ चोद, उफ्फ्फ्फ्फ्फ मजा आ रहा है साले सहाय के लौंडे , उफ्फ्फ्फ्फ्फ |
मिली की चूत की गर्मी भी बढ़ गयी थी, उसका बदन भी गरम हो तप रहा था | उसकी सांसे भी तेज हो गईथी | उसने चुदाई की ठोकर खा खा कर लाल हो चुके चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | उसका शरीर हिलकोरे लेने लगा, उसने और तेज स्पीड से चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | सहाय भी अपने चरम को पाने के लिए बुरी तरह से मिली की चूत में लंड पेल कर उसका कचूमर बनाये दे रहा था | मिली चूत दाने को बुरी तरह मसल रही थी और सहाय का मुसल लंड उसकी चूत को बुरी तरह मसल रहा था, दोनों तरफ से उसकी चूत की शामत आई पड़ी थी | उसकी चूत की सब्र का बांध टूट गया, उसकी चूत से तेज पानी की धार बह चली थी | सहाय भी मिली की हालत देख हल्का सा थम गया | आखिर मिली का शरीर अकड़ने लगा, जांघे अपने आप हिलने लगी | उसके चूतड़ थरथराने लगे | कमर में अपने आप झटके लगने लगे | चूत की दीवारों में हो रही सनसनाहट अब फडफडाहट में बदल गयी | उसकी चूत झरने लगी | उसका सारा शरीर कांपने लगा | वो खुद को संभाल नहीं पायी और उसकी कोहनियाँ मुड़ गयी वो बिस्तर पर धड़ाम हो गयी,उसके शरीर का सारा नियंत्रण ख़त्म हो गया | उसका शरीर जोर से कांपा और थम गया | मिली चरम सुख की गहरी लहरों में गोते लगाते लगाते वासना के चरमसुख  के आनंद के गहरे सागर में डुबकी लगाने लगी | मिली झर झर के थमने लगी, उसने अपना चरम सुख हासिल कर दिया | शुरू से अब तक न जाने कितनी बार कांपी, कितनी बार झरी लेकिन ये ओरागास्म सबसे लम्बा था, सबसे प्रचंड था,  सबसे सुखदायी था | उसके चूतड़ हवा में थे, सर बिस्तर में घुसा था और वो किसी त्रिकोण की तरफ बेड पर टिकी हुई थी | उसके हाथ पाँव सब शिथिल हो चुके थे | सहाय ने उसके बालों को पकड़ कर पीछे को खीचा | बालो के खीचने से होने वाले दर्द के कारन वो फिर से कुतिया बन गयी | सहाय ने दे दना दनादन बस चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया | आखिर वो भी हांड मांस का इंसान था और चुदाई करने पर उसका भी अंत आना था | दवा के असर से वैसे भी उसने तीन गुना देर तक चुदाई करी, वरना अब तक तीन बार झड चूका होता | उसने एक करारा झटका मारा और उसके चुदाई की आग में जलते लंड के सुपाडे की दुआ उसकी गोलियों तक पहुँच गयी जो इतनी देर से किये जा रहे चुदाई के मंथन का सारा रस अपने में समेटे हुए थी | सहाय की गोलियों से गरम सफ़ेद रस का तेज आवेग ऊपर को लंड के सुपाडे की तरफ बढ़ चला | सहाय झट से मिली  की चूत से लंड निकाल कर उसके मुहँ के पास आ गया | मिली ने भी अपना पूरा मुहँ खोल दिया | सहाय मिली के मुहँ पर झड़ने लगा |  
[Image: 15194399.gif]

सहाय के मुहँ से झड़ने की कराह निकलने लगी - आह्ह्ह्ह्ह मेरी रानी, ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह आआआआअ
आआआआआआआआआआआअ, ...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
इतनी देर से मिली की चूत जमकर मथने से ढेर सारी क्रीम सहाय की गोलियों में इकठ्ठा हो गयी थी, उसने सारी की सारी मिली के मुहँ पर उड़ेल दी | एक के बाद एक दे दनादन सहाय की पिचकारियाँ थमने का नाम ही नहीं ले रही थी | उसने मिली का पूरा चेहरा सफ़ेद गरम लंड रस से पाट दिया | जब तक एक एक बूंद उसके गोलियों से निचुड़ कर बाहर नहीं आ गयी वो अपने लंड को मिली के मुहँ पर झाड़ता रहा | मिली उसकी गोलियों में बची इक एक बूँद निचोड़ने को उसका लंड को हाथ में थाम उसे मथने लगी | हर तीन चार स्ट्रोक के बाद उसमे से दो चार बूँद रिस कर बाहर आ जाता जिसे मिली अपनी जीभ से चाट लेती | सहाय के लंड को मिली तब तक चाटती रही और मसलती रही जब तक उसमे से उसने एक एक बूँद निचोड़ नहीं ली | 
[Image: 12%2B%25283%2529.jpg]
उसके बाद सहाय का लंड मुरझाने लगा | मिली अपने मुहँ पर फैले सहाय के गाढे सफ़ेद लंड रस का कुछ हिस्सा चाट गयी और कुछ उसके चेहरे से रिसता हुआ, उसकी सुराही जैसी गर्दन में लिपट गया कुछ और नीचे उसके उरोजो को भीगोने लगा | मिली सहाय की तरफ देखती और फिर उंगली से अपने बदन में लगे लंड रस को चाट कर सहाय को आंख मार देती | सहाय से उसके बालो सहित पकड़कर उसको ऊपर उठा लिया और उसके मुहँ में अपनी जुबान घुसाकर उसको किस करने लगा | दुसरे हाथ से उसके चौड़े चूतड़ मसलने लगा | कुछ देर बाद उसके चुताड़ो पर जोरदार चमाट मारते हुए - आज तो मेरी रंडी रानी तूने निचोड़ ही लिया कसकर लंड को | साला कितना भी हचक कर चोदो साली, ऊन्ह आंह करेगी और चुदती रहेगी, कभी मना नहीं करेगी  | कितनी मजबूत है तेरी चूत जो मेरे मुसल लंड से भी नहीं फटती |
मिली खिलखिलाती हुई - आप ही के लौंड़े ने चोद चोदकर मेरी चूत मजबूत कर दी है, वरना मै तो पहली बार बेहोश हो गयी थी | आप ने बहुत कसकर रगड़ रगड़ चोद चोद कर इसे मजबूत बना दिया है |
सहाय - वो तो है, तेरी चूत कभी चुदने से मना नहीं करती चाहे दिनभर चोदते रहो |
मिली अदा से अपने दूध दबाती हुई - तो चोदिये न सर इस रंडी चूत को  |
सहाय - चुप कर हरामजादी कुतिया, साली अभी अभी तो झड़ा हूँ लंद्खोर बुरचोदी, रंडी की चूत, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर, कितनी खुजली है तेरी चूत में माँ की लौंडी, अभी अभी तो तेरा मुहँ और चूत फाड़ी है लंड खोर बुर चोदी | साली चुदते चुदते पस्त हो गयी है , सीधे खड़े होकर अपने पैरो पर चलने को जांघो में जान नहीं बची होगी, फिर से चुदने को बोल रही है |  अब मेरे भी जवानी के दिन नहीं है साली, वरना पूरी रात तुझे चोद चोद कर तेरी चीखे निकलवाता, सुबह एक कदम चलते ही तेरी चूत की चिटकी खुनी दरारे और उनका दर्द एक साथ बाहर आ जाते, तो एक कदम भी बिना नहीं चल पाती, जब तेरा सुजा हुआ चूत दाना जांघो से रगड़ता और तेरे कदमो में लडखडाहट पैदा करता तब तुझे अहसास होता किस लंड से पाला पड़ा था,  तब पता चलता असली मर्द के असली लंड की चुदाई क्या होती है | 
इतना कहकर वो मिली को बांहों में भरकर बिस्तर पर पसर गया | मिली उसकी बांहों में खिलखिलाते हुए अपनी गोरी जांघ सहाय के लंड के बीच जांघो में फंसाकर उसके आगोश में समां गयी |
[+] 1 user Likes vijayveg's post
Like Reply




Users browsing this thread: 12 Guest(s)