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मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए लेकिन जब मैं मनीषा से मिला तो मनीषा से मिलकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। मनीषा और मेरी मुलाकात मेरे दोस्त ने एक पार्टी में करवाई थी और उसके बाद मनीषा और मेरी मुलाकात हमेशा ही होने लगी। जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा खुश रहते। मैं मनीषा के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करता हूं। जब भी मनीषा मेरे साथ होती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। एक दिन मैं और मनीषा साथ में बैठे हुए थे उस दिन जब हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो मैं मनीषा के साथ बातें कर रहा था। मुझे उस दिन लगने लगा था कि मुझे मनीषा को अपने प्यार का इजहार कर ही देना चाहिए और मैंने पूरा मन भी बना लिया था। मैंने उस दिन मनीषा को प्रपोज कर दिया और जब मैंने मनीषा को प्रपोज किया तो वह भी मना ना कर सकी। वह मेरे बारे में सब कुछ जानती है और उसे मेरे बारे में सब पता था।
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जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में अपने रिलेशन को आगे बढ़ा रहे थे उससे हम दोनों बड़े ही खुश रहते। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं और मनीषा एक दूसरे के साथ में होते है। हम दोनों एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों बड़े ही खुश रहते थे। अब हम दोनों की जिंदगी बड़े अच्छे से चलने लगी थी और मैं बड़ा खुश था जब मैं मनीषा के साथ में होता। हम दोनों के रिलेशन को अब काफी ज्यादा समय हो चुका था मैं मनीषा को अच्छी तरीके से समझता हूं और वह भी मेरा साथ हमेशा ही अच्छी तरीके से दिया करती। जब भी मुझे कोई परेशानी होती तो मैं तुरंत ही मनीषा से अपनी बात को शेयर कर लिया करता जिससे कि मनीषा को भी अच्छा लगता और मुझे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था। मैं अब मनीषा के बारे में अपनी फैमिली में बताना चाहता था और मैंने जब मनीषा के बारे में घर में बताया तो सब लोग मनीषा को मिलना चाहते थे।
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मैंने एक दिन मनीषा को अपने घर पर सब से मिलाने का फैसला किया और उस दिन जब मैंने मनीषा को सब लोगों से मिलवाया तो वह लोग बड़े ही खुश हुए। हम दोनों को भी इस बात की खुशी थी कि अब हम दोनों के रिश्ते को हमारे घर वालों की रजामंदी मिल चुकी है। मनीषा ने भी अपनी फैमिली में इस बारे में बता दिया था। उसके परिवार में पहले इस बात को लेकर कोई तैयार नहीं था लेकिन समय के साथ-साथ वह लोग भी तैयार हो गये। जब मैं और मनीषा एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। मुझे और मनीषा को बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम लोग एक दूसरे के साथ में होते हैं और एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते है। एक दिन मनीषा के किसी दोस्त की पार्टी थी तो मनीषा ने मुझे अपने साथ चलने के लिए कहा, पहले तो मैंने मनीषा को मना किया। मैंने उसे कहा कि मैं वहां पर किसी को भी नहीं जानता हूं परंतु मनीषा की जिद करने की वजह से मुझे उसकी बात माननी पड़ी और मुझे मनीषा के दोस्त की पार्टी में जाना पड़ा।
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हम दोनों जब साथ में गए तो मनीषा के दोस्तों को भी मेरे और मनीषा के रिलेशन के बारे में पता चल चुका था और फिर हम लोगों ने वहां पर उस पार्टी का खूब इंजॉय किया। हम दोनों को ही बड़ा अच्छा लगा जिस तरीके से हम लोग उस दिन साथ में थे। क्योंकि उस दिन मुझे और मनीषा को काफी लेट हो चुकी थी इसलिए हम दोनों से बाहर ही रूकना चाहते थे। मनीषा ने काफी ज्यादा ड्रिंक भी कर ली थी जिस वजह से वह घर जाने की हालत में भी नहीं थी। हम दोनों एक होटल में ही साथ में रुके थे। मैं और मनीषा एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मैंने अपने हाथ को मनीषा की जांघ पर रख दिया था। जब मैंने उसकी जांघों पर अपने हाथ को रखा तो वह मचलने लगी थी। मै उसकी गर्मी को बढाने लगा था। मनीषा इतनी ज्यादा गरम हो चुकी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था। मैंने जब मनीषा को गरम करना शुरू किया तो उसे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। जब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे तो मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाया मैंने मनीषा के बदन से कपड़े उतार दिए थे।
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वह मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी उसके नंगे बदन को देखकर मैं पूरी तरीके से गर्म होता जा रहा था और मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ रही थी। मेरी गर्मी इतनी बढ़ने लगी थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मैंने मनीषा के सामने अपने मोटे लंड को किया। मैंने मनीषा से कहा मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है मनीषा को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैंने मनीषा के स्तनों को चूसना शुरू किया तो उसे अच्छा लगने लगा थख और मै उसके निप्पल को चूसने लगा वह गर्म होने लगी थी उसके गोरे बदन को देख मेरी गर्मी और भी ज्यादा बढ़ रही थी। मैंने उसके दोनों स्तनों को आपस में मिलाने के बाद उसके स्तनो पर लंड रगडना शुरू कर दिया था वह बहुत ज्यादा गर्म होती जा रही थी और मैं भी बहुत ज्यादा गर्म हो चुका था। अब हम दोनों की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी मैं मनीषा की चूत मे लंड को घुसाना चाहता था। मैंने मनीषा की चूत मे लंड डाला। हम दोनों को मजा आ रहा था मनीषा को बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से हम दोनो एक दूसरे की गर्मी को बढा रहे थे।
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अॅब मैंने मनीषा की योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो हम दोनों की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी और हम दोनों बहुत गरम होने लगे थे। मैं और मनीष एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे तरीके से शारीरिक संबंध बनाने लगे थे। हम दोनो को एक दूसरे के साथ में सेक्स कर के बहुत अच्छा लग रहा था और मैं मनीषा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़ी तेजी से करता जिस से उसकी सिसकारियां बढती जा रही थी। मैंने देखा मनीषा की चूत से खून निकल रहा है और मेरी गर्मी भी बढने लगी है। मैं उसे बहुत ही अच्छे तरीके से चोदता जा रहा था। मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने मनीषा की चूत में अपने वीर्य को गिराया तो मनीषा खुश हो गई वह कहने लगी तुमने आज मेरी इच्छा को पूरा कर दिया है
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मनीषा और मेरे बीच जिस प्रकार से सेक्स हुआ था उस से हम दोनो खुश थे। उसकी टाइट और गुलाबी चूत मारकर मै खुश था। हम दोनो दोबारा से सेक्स करना चाहते थे। मुझे मजा आने लगा था वह मेरे ऊपर से आ चुकी थी। वह जिस तरीके से सेक्स के मजे ले रही थी हम दोनों को मजा आ रहा था। वह अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करती जा रही थी उसे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी अब ना तो मैं अपने आप को रोक पा रहा था ना ही मनीषा अपने आपको रोक पा रही थी। मैं और मनीषा एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले रहे थे। मेरे वीर्य की पिचकारी जैसे ही मनीषा की चूत में गिरी वह खुश हो गई और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरह हम दोनों ने साथ में सेक्स किया था।
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मनीषा के स्तन चूसने का मजा
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(21-12-2021, 02:20 PM)neerathemall Wrote: मनीषा के स्तन चूसने का मजा
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21-12-2021, 02:21 PM
(This post was last modified: 21-12-2021, 02:23 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(21-12-2021, 02:20 PM)neerathemall Wrote: मनीषा के स्तन चूसने का मजा
मनीषा और मैं एक दूसरे से काफी दिनों से मिल नहीं पाए थे क्योंकि मैं अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी था और वह भी काफी ज्यादा बिजी थी तो एक दिन मनीषा ने मुझसे फोन पर बात की। जब हम दोनों ने एक दूसरे से फोन पर बात की तो हम दोनों को काफी अच्छा लगा मनीषा ने मुझसे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है। मैंने मनीषा को कहा कि ठीक है मैं कल तुमसे मुलाकात करता हूं और अगले दिन जब हम दोनों एक दूसरे को मिले तो मनीषा ने मुझे बताया कि वह पुणे जा रही है। जब मैंने मनीषा से इस बारे में पूछा कि आखिर वह पुणे क्यों जा रही है तो उसने मुझे बताया कि वह अब वहीं पर जॉब करने वाली है। मैंने मनीषा से कहा कि चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है कि तुम वहीं पर जॉब करने वाली हो।
मनीषा अब पुणे में ही जॉब करने वाली थी और उसकी नौकरी पुणे में लग चुकी थी इसलिए वह बहुत ज्यादा खुश थी और मैं भी काफी खुश था कि मनीषा की जॉब लग चुकी है। मनीषा पुणे जा चुकी थी और उसके बाद हम दोनों की बातें सिर्फ फोन पर ही हुआ करती थी हम दोनों एक दूसरे से फोन पर ही बातें किया करते थे। जब भी हम दोनों की बातें फोन पर होती तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। काफी लंबा समय भी हो चुका था हम दोनों एक दूसरे को मिले नहीं थे। मैं मुंबई में था और मनीषा पुणे में ही रहने लगी थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मनीषा का अफेयर उसके ऑफिस में काम करने वाले किसी लड़के से हो जाएगा। वह अब उस लड़के को प्यार करने लगी थी इसी वजह से वह मुझसे दूर होती जा रही थी मनीषा मुझसे काफी दूर हो चुकी थी और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे।
मैंने कुछ समय मे अपना बिजनेस शुरू कर दिया था और मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मेरा बिजनेस चल रहा था और मेरी जिंदगी भी अब अच्छे से चलने लगी थी। मैं मनीषा को भूल कर अब आगे बढ़ चुका था और मेरे जीवन में सब कुछ ठीक चलने लगा था मेरा बिजनेस भी अच्छे से चल रहा था। मैं काफी खुश था जिस तरीके से मेरा बिजनेस चल रहा था। एक दिन मैं अपने दोस्त से मिला मैं अपने दोस्त से काफी समय के बाद मिला था उससे मिलकर मुझे बड़ा ही अच्छा लगा। वह मुझे कहने लगा कि वह कुछ दिनों के लिए लोनावला घूमने के लिए जा रहा है तो मैंने भी रजत को कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ आना चाहता हूं। रजत और मैं कुछ दिनों के लिए लोनावला जाने का प्लान बना चुके थे रजत का लोनावला में फार्महाउस है और जब हम लोग लोनावला गए तो हम लोग बड़े ही खुश थे और हम लोगों ने वहां पर खूब इंजॉय किया।
लोनावला घूमने के बाद हम लोग वापस मुंबई लौट आए थे और मुझे काफी काम था इस वजह से मैं काफी बिजी था। जब उस दिन मैं अपने घर लौटा तो उस दिन पापा ने मुझसे कहा कि बेटा आज हम लोग एक पार्टी में चल रहे हैं क्या तुम हमारे साथ चलोगे। पापा के किसी दोस्त के घर पर एक छोटी सी पार्टी थी तो मैंने भी सोचा कि मैं भी पापा मम्मी के साथ चला जाता हूं और मैं उस दिन पापा और मम्मी के साथ चला गया। जब मैं उनके साथ पार्टी में गया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मैं काफी खुश था जिस तरीके से वहां पर सब लोग एक दूसरे से मिले। पापा ने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवाया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था और फिर हम लोग घर लौट आए थे। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त काफी ज्यादा रात हो चुकी थी इस वजह से मुझे बहुत थकान सी महसूस हो रही थी। मैं जब अपने रूम में गया तो कुछ देर मैं अपने मोबाइल में गेम खेलता रहा उसके बाद मैं सो गया था। अगले दिन मेरी बात मेरे दोस्त रजत के साथ हुई रजत ने मुझे कहा कि आज मुझे तुमसे मिलना है तो मैंने रजत को कहा कि ठीक है मैं तुमसे मिलता हूं और मैं उससे मिलने के लिए चला गया।
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21-12-2021, 02:21 PM
(This post was last modified: 21-12-2021, 02:22 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं जब रजत के घर पर गया तो रजत ने मुझे कहा कि आज तुम मेरे साथ चलो। मैंने रजत से कहा कि आखिर हमें चलना कहां है लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया और हम लोग उस दिन कोमल से मिलने चले गए। कोमल से मुझे रजत ने मिलाया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा रजत ने मुझे बताया कि वह कोमल से जल्द ही शादी करने वाला है। मैंने रजत को कहा कि यह तो बड़ी ही अच्छी बात है। उस दिन मैं कोमल को पहली बार ही मिला था मुझे उससे मिलकर अच्छा लगा। कोमल से मिलने के बाद हम दोनों घर लौट आए थे। जल्द ही कोमल और रजत की शादी होने वाली थी जब उन दोनों की शादी होने वाली थी तो मैं भी रजत की शादी में गया। उस दिन शादी में मेरी मुलाकात मनीषा से हुई मनीषा से मिलकर मुझे अच्छा लगा। मुझे मनीषा से कोमल ने मिलवाया था और यह पहली बार ही था जब मैं मनीषा से मिला। हम लोगों की मुलाकात उस दिन के बाद हमेशा ही होने लगी, मैं मनीषा को मिलने लगा था और हम एक दूसरे को डेट भी करने लगे थे।
हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते है और एक दूसरे के साथ समय बिताया करते है। हम एक दूसरे के बहुत ज्यादा नजदीक आ चुके थे और हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे थे। मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी मैं और मनीषा साथ में समय बिताया करते है। मनीषा और मैं एक दूसरे को बहुत ही ज्यादा प्यार करने लगे थे और अब हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। मनीषा और मैं जब भी मिलते तो हमें बड़ा अच्छा लगता। मनीषा और मैं मनीषा का बर्थडे सेलिब्रेट करना चाहते थे मनीषा का जन्मदिन जल्द ही आने वाला था और मैंने मनीषा का बर्थडे सेलिब्रेट करने का फैसला किया। जब उस दिन मैंने मनीषा का बर्थडे सेलिब्रेट करने के बारे में सोचा तो मैंने इस बारे में रजत से बात की और रजत ने मेरी मदद की।
मनीषा का बर्थडे हम लोगों ने सेलिब्रेट किया और हम सब लोगों ने बहुत ही इंजॉय किया। मनीषा बहुत ही ज्यादा खुश थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से हम लोगो ने मनीषा का जन्मदिन सेलिब्रेट किया। अब हम दोनों की जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा था और हम दोनों चाहते थे कि जल्द ही हम दोनों एक हो जाएं लेकिन मनीषा के परिवार वाले शायद इस बात के लिए तैयार नहीं थे। मुझे लगा कि मनीषा की फैमिली हम दोनों की शादी के लिए मान जाएगी लेकिन वह लोग इस बात के लिए तैयार नहीं थे और हम दोनों को फिलहाल एक दूसरे से शादी करने का ख्याल अपने दिमाग से हटा चुके थे। हम दोनों को इस बात की बड़ी सी खुशी थी कि हम दोनों साथ में हैं और हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं और हम दोनों की जिंदगी में अब काफी खुशियां हैं लेकिन हम दोनों की शादी अभी तक नहीं हो पाई है। हम दोनों एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते हैं।
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मनीषा और मेरे बीच में सेक्स संबंध बन चुके थे। एक दिन हम दोनों साथ में थे उस दिन मैं मनीषा के साथ सेक्स संबंध बनाना चाहता था। मैंने मनीषा से कहा आज मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। उस दिन वह भी इस बात के लिए तैयार थी वह मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो चुकी थी। मैंने उस दिन मनीषा के साथ सेक्स संबंध बनाने के बारे में सोचा हम दोनों मेरे एक दोस्त के घर चले गए और वहां पर हम दोनों साथ में बैठे हुए थे। मेरा मन मनीषा के साथ सेक्स करने का था मैंने मनीषा के होठों को चूमना शुरू किया तो मैं पूरी तरीके से गर्म होने लगा था और मनीषा भी गर्म होने लगी थी। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी वह मुझे कहने लगी मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही हूं। मैंने मनीषा के सामने अपने लंड को किया और मनीषा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वह उसे सकिंग करने लगी। मनीषा मेरे लंड को चूस रही थी उससे हम दोनों को मजा आ रहा था और हमारी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। हम दोनो रह नहीं पा रहे थे मैंने मनीषा के बदन से उसके कपड़े उतार कर उसे बिस्तर पर लेटा दिया था और मैं उसके स्तनों का रसपान करने लगा।
मुझे उसके स्तनों को चूसने में मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी उस से हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए थे। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था उसने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया मैंने मनीषा की चूत को कुछ देर तक चाटा और उसकी योनि को चाटने के बाद मैंने उसकी योनि में अपने मोटे लंड को प्रवेश करवा कर उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था जिस से मुझे मजा आने लगा था और मनीषा को भी बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे और हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने मनीषा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को तेजी से करना शुरू कर दिया था मनीषा भी जोर से चिल्लाने लगी थी। मनीषा की सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी। मनीषा की गर्मी बढ रही थी मैं भी पूरी तरीके से गर्म होता जा रहा था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना तो मनीषा अपने आपको रोक पा रही थी। मैंने जैसे ही मनीषा की योनि में अपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई थी। हम दोनों को बड़ा मजा आया जब मैंने और मनीषा ने एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।
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मनीषा का गदराया हुआ बदन
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मनीषा का गदराया हुआ बदन
मेरे कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही मेरी मुलाकात मनीषा से हुई थी हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे और हम दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती भी थी लेकिन जब हम दोनों का कॉलेज खत्म हो गया तो मनीषा की फैमिली चंडीगढ़ चली गई थी। मनीषा के पिताजी का ट्रांसफर चंडीगढ़ हो चुका था और वह लोग अब चंडीगढ़ में ही रहने लगे थे और मैं अभी भी दिल्ली में ही रहकर अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर रहा था। मैंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली थी और उसके बाद मैं दिल्ली में ही एक अच्छी कंपनी में जॉब करने लगा। जब मेरी जॉब दिल्ली में लग गई तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश हुआ मेरी फैमिली भी इस बात से बड़ी खुश थी कि मैं दिल्ली में ही जॉब कर रहा हूँ। सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था पापा भी अब जल्द ही रिटायर होने वाले थे। जब पापा रिटायर होने वाले थे तो वह चाहते थे कि उससे पहले हम लोग कहीं साथ में घूमने के लिए जाएं।
जब इस बारे में पापा ने बड़े भैया से बात की तो वह भी कहने लगे कि हां हम लोगों को कहीं जाना चाहिए। हम लोग जयपुर घूमने के लिए जाना चाहते थे पापा के रिटायरमेंट से कुछ समय पहले ही हम लोग जयपुर चले गए थे। जब हम लोग जयपुर गए तो जयपुर में हमने काफी अच्छा समय साथ में बिताया, हमारी पूरी फैमिली साथ में थी और सब लोग बड़े ही खुश थे। जयपुर में हम लोग करीब पांच दिनों तक रुके और पांच दिन बाद हम लोग वहां से दिल्ली वापस लौट आए थे। मुझे सबके साथ बहुत अच्छा लगा था सब लोग इस बात से खुश थे कि हमारी पूरी फैमिली साथ में घूमने गई थी। एक दिन मैं अपने ऑफिस के लिए जा रहा था तो मुझे उस दिन मनीषा का फोन आया और मनीषा से उस दिन मैंने थोड़ी देर बात की।
मैंने उसे कहा कि मैं तुमसे ऑफिस से फ्री हो जाने के बाद फोन पर बात करता हूं वह कहने लगी ठीक है जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझसे बात करना। जब मैं शाम के वक्त अपने ऑफिस से फ्री हुआ तो मैंने मनीषा को फोन किया और मनीषा ने मुझे बताया कि वह दिल्ली आई हुई थी इसी वजह से वह मुझे फोन कर रही थी। मैंने उसे कहा कि मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं वह कहने लगी कि ठीक है हम लोग कल मिलते हैं और अगले दिन मैं मनीषा को मिलने वाला था। जब अगले दिन मैं मनीषा को मिलने के लिए गया तो मनीषा से काफी लंबे अरसे के बाद मेरी मुलाकात हो रही थी और मुझे बहुत ही अच्छा लगा था जिस तरीके से हम लोगों ने एक दूसरे से मुलाकात की थी। मनीषा के साथ मैंने काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया और उसके बाद मैं अपने घर लौट आया था। मनीषा से मैं काफी लंबे सालों बाद मिला था तो उससे मेरी बात भी काफी देर तक हुई और उसके बाद हम दोनों की बात काफी समय तक नहीं हो पाई थी।
एक दिन मैंने मनीषा को फोन किया और उससे मैंने फोन पर बातें की। मनीषा और मैं एक दूसरे से फोन पर बातें कर रहे थे हम दोनों की बातें काफी लंबे समय के बाद हुई थी। मनीषा ने मुझे बताया कि वह कुछ समय बाद ही अपने एक रिलेटिव के यहां पर आने वाली है। मैंने उसे कहा कि ठीक है जब तुम दिल्ली आओ तो मुझसे जरुर मिल कर जाना तो वह कहने लगी ठीक है। जब वह दिल्ली आई तो उसने मुझे फोन किया और उस दिन हम लोगों की मुलाकात हुई। जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो मुझे काफी अच्छा लगा मनीषा और मेरे बीच काफी अच्छी दोस्ती है लेकिन अब यह दोस्ती कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ने लगी थी। मैंने कभी मनीषा के बारे में ऐसा कुछ सोचा नहीं था लेकिन जब मनीषा और मैंने अपने रिलेशन को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा तो हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। हम एक दूसरे से मिलना भी चाहते थे परंतु हम दोनों की मुलाकात काफी लंबे समय तक हो नहीं पाई थी मनीषा और मेरी सिर्फ फोन पर ही बातें हो पाती थी। हम दोनों जब भी एक दूसरे से फोन पर बातें करते तो हम दोनों को अच्छा लगता था।
मनीषा भी अब किसी कंपनी में जॉब करने लगी थी और वह चंडीगढ़ में ही जॉब करती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे से शाम के वक्त ही फोन पर बातें किया करते थे। जब भी हम दोनों की बातें होती तो हम दोनों को अच्छा लगता था और अब हमारे रिलेशन को भी काफी लंबा समय हो चुका था। मैं चाहता था कि हम दोनों एक दूसरे को मिले लेकिन हम दोनों की मुलाकात हो नहीं पाई थी ना तो मैं अभी तक मनीषा से मिल पाया था और ना ही मनीषा मुझसे मिल पाई थी। मनीषा अपने ऑफिस के काम के चलते बहुत ज्यादा बिजी थी इसलिए वह मुझसे मिल नहीं पाई थी। मुझे भी अपने ऑफिस में इस बीच काफी ज्यादा काम था इसलिए हम दोनों एक दूसरे को मिल नहीं पाए थे लेकिन अब हम दोनों ने सोच लिया था कि हम एक दूसरे से मुलाकात करेंगे और हम दोनों ने एक दूसरे से मुलाकात करने का फैसला कर लिया था। जब मैं मनीषा को मिलने के लिए चंडीगढ़ गया तो मनीषा से मिलकर मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा और उसे भी काफी अच्छा लगा। मैं चंडीगढ़ में कुछ दिनों तक रहने वाला था और मनीषा से मिलकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश था।
जिस तरीके से हम दोनों की मुलाकात हुई और इतने लंबे समय के बाद हम दोनों एक दूसरे से मिले उससे हम दोनों बड़े ही खुश थे। मनीषा और मैंने साथ में काफी अच्छा समय बिताया और हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगा था जिस तरीके से हम दोनों साथ में थे और एक दूसरे के साथ समय बिता रहे थे। मैं जिस होटल मे रूका था वहां पर मैंने मनीषा को बुला लिया था वह भी मुझसे मिलने आ गई थी। मौसम बडा ही खुशगवार था और हम दोनो साथ मे थे। मै और मनीषा साथ मे बैठे थे और बाते कर रहे थे लेकिन बात करते करते मेरा हाथ उसकी जांघ पर चला गया और मै उसे गरम करने लगा था। मैंने जब मनीषा की जांघो को सहलाया तो वह गरम हो गई थी। वह मचलने लगी थी मैंने मनीषा की जींस मे हाथ डाल दिया वह मजे में आ गई वह मुझे कहने लगी मुझे इतना ना तड़पाओ। मैंने मनीषा से कहा मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने अब मनीषा के गुलाबी होंठों को चूमना शुरू कर दिया था उसके गुलाबी होठों को चूमकर मुझे बड़ा अच्छा लगा था और मैंने उसके होंठों को चूमा तो वह भी अपने कपडे उतारने लगी। मनीषा का नंगा बदन मेरे सामने था।
उसके गदराए बदन को देख कर मैं अपने आप को बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था। ना मैं अपने आपको रोक पा रहा था ना ही वह अपने आपको रोक पा रही थी। हम दोनों अपने आप पर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे। मैंने मनीषा के स्तनो को दबाना शुरू कर दिया था वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनो एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। अब हम दोनों पूरी तरीके से गरम हो चुके थे मैंने मनीषा से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मनीषा ने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और वह मेरे लंड को हिलाए जा रही थी। मैं बहुत ज्यादा गर्म होने लगा था और वह भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लग थे। हम दोनों से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मनीषा ने मेरे लंड को मुंह मे ले लिया था वह उसे सकिंग कर रही थी। मैं और मनीषा बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने उससे कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।
मनीषा ने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया था जिसके बाद तो मैं मनीषा कि चूत चूत को चाटना चाहता था। मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू कर दिया मैं जब उसकी योनि को चाटने लगा मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा था और उसे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे। अब हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी हम दोनों गरम हो चुके थे। अब हम दोनों अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहे थे ना तो मैं अपने आप को रोक पा रहा था और ना ही मनीषा अपने आप पर कंट्रोल कर पा रही थी। मैंने मनीषा के पैरो को चौडा किया और उसकी चूत पर अपने लंड को लगा दिया था। उसकी चूत से निकलता हुआ पानी अब और भी ज्यादा बढ़ने लगा था। मेरे लंड पर मनीषा की चूत का पानी लग चुका था मैं और मनीषा गरम हो गए थे। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे मैंने मनीषा की योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया था। मनीषा की चूत में मेरा लंड जाते ही उसकी योनि से खून बाहर की तरफ को निकल आया था।
उसकी चूत से खून निकलने लगा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैं मनीषा की चूत पर तेजी से प्रहार कर रहा था। मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मैं जिस तरीके से मनीषा को धक्के दे रहा था उससे हम दोनों को बहुत ही अच्छा लग रहा था। मनीषा की गरम सिसकारियां बढ चुकी थी। अब हम दोनों को बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। हम दोनों ने एक दूसरे का साथ बहुत अच्छे से दिया। मनीषा ने अपने पैरो के बीच मे मुझे जकड लिया था मैंने मनीषा की चूत में अपने वीर्य को गिरा दिया था। वह बहुत खुश थी हम दोनो ने उसके बाद भी सेक्स किया और हम दोनो को मजा आया था।
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(21-12-2021, 02:31 PM)neerathemall Wrote: मनीषा की चूत का पानी
लखनऊ से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं दिल्ली आ गया था और दिल्ली में ही मैं नौकरी करने लगा। दिल्ली में मेरी एक कंपनी में नौकरी लग गई और कुछ समय तक मैंने दिल्ली में जॉब की और फिर मैं नौकरी करने के लिए कोलकाता चला गया। कोलकाता से मुझे एक अच्छी कंपनी में जॉब करने का मौका मिला और मैं कोलकाता में नौकरी करने लगा। मैं कोलकाता में जॉब करने लगा था मैं काफी खुश था और बहुत ही जल्द मेरा प्रमोशन भी हो गया था। कोलकाता में ही मेरे ऑफिस में काम करने वाली मनीषा के साथ मेरा अफेयर चलने लगा हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे थे लेकिन मनीषा पहले से ही शादीशुदा थी और उसका तलाक कुछ समय पहले ही उसके पति से हुआ था। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते थे इसलिए मुझे और मनीषा को एक दूसरे का साथ काफी अच्छा लगता।
मैं चाहता था कि मैं मनीषा के साथ ही शादी करुं लेकिन मनीषा के जीवन में कई सारी परेशानियां थी इसलिए वह मुझसे दूर हो गई। मैं काफी ज्यादा परेशान था मनीषा और मेरे बीच काफी ज्यादा दूरियां हो चुकी थी और अब शायद हम दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा दूर हो चुके थे इसलिए मैं काफी ज्यादा परेशान रहने लगा था। मैं चाहता था कि मैं वापस लखनऊ चला जाऊं कुछ समय के लिए मैं लखनऊ चला गया और जब मैं लखनऊ गया तो लखनऊ में मुझे काफी अच्छा लगा। काफी समय बाद मैं अपने पापा और मम्मी के साथ में अच्छा समय बिता पाया था। अपने पापा और मम्मी से मिलकर मैं बड़ा खुश था जिस तरीके से उन लोगों से इतने लंबे समय के बाद मेरी मुलाकात हुई थी उससे मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और पापा मम्मी भी बहुत ज्यादा खुश थे। कुछ दिनों तक लखनऊ में रहने के बाद मैं वापस कोलकाता लौट आया।
जब मैं कोलकाता वापस लौटा तो यह भी एक अजीब इत्तेफाक था, जब मैं मनीषा से मिला तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मनीषा को भी बड़ा अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे से बात की। मनीषा कोलकाता में ही रहती है और उसने मुझे बताया कि वह कोलकाता पिछले 5 महीनों से रह रही है। मैंने उससे पूछा कि क्या तुम यहीं जॉब करती हो तो उसने मुझे बताया हां मैं कोलकाता में ही नौकरी करती हूं। मनीषा मेरे दोस्त की बहन है और उससे मिलकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। मनीषा का ऑफिस मेरे ऑफिस के पास ही था इसलिए हम दोनों एक दूसरे से हर रोज मिला करते थे। मैं जब भी मनीषा से मिलता तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगता। मेरी जिंदगी से मनीषा दूर हो चुकी थी मैं मनीषा को भुलाने की कोशिश कर रहा था। मैं मनीषा को भुला चुका था मैं और मनीषा एक दूसरों को हर रोज मिलने लगे थे और जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मनीषा मेरे इतने करीब आ जाएगी कि हम दोनों का रिलेशन चलने लगेगा। हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और इसी वजह से हम दोनों हर रोज एक दूसरे को मिलते हैं।
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जब भी मैं मनीषा को मिलता तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगता था और उसे भी बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करने लगे थे। यह बात अब मनीषा के परिवार वालों को भी मालूम चल चुकी थी और उन्होंने मनीषा को जब इस बारे में पूछा तो मनीषा ने मेरे और अपने रिलेशन के बारे में अपने घर पर बता दिया था। मनीषा के परिवार वालों को इससे कोई भी ऐतराज नहीं था और वह लोग भी चाहते थे कि हम दोनों की शादी हो जाए। मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब करता हूं और सब लोग मुझे पहले से ही जानते थे इसलिए हम दोनों की जिंदगी में अब काफी बदलाव आने लगा था। हम दोनों ने सगाई करने का फैसला कर लिया था हम दोनों की जब सगाई हुई तो उसके बाद हम दोनों के बीच और भी ज्यादा नजदीकियां बढ़ती चली गई और अब हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे। यही वजह थी कि हम दोनों जल्द से जल्द एक दूसरे से शादी करना चाहते थे।
मैंने पूरी तरीके से सोच लिया था कि अब मैं और मनीषा एक दूसरे से शादी कर लेंगे और हम दोनों ने शादी करने के बाद कोलकाता में ही रहने का फैसला किया। मैं भी कोलकाता में जॉब करता हूं और मनीषा भी कोलकाता में ही जॉब करती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ रहने लगे थे। हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी अच्छे से चल रही थी शादी के कुछ महीनों बाद ही मैंने और मनीषा ने एक फ्लैट लेने के बारे में सोचा और हम लोगों ने जल्द ही कोलकाता में एक फ्लैट ले लिया। हम दोनों बड़े ही खुश थे कि हम लोगों ने वहां पर फ्लैट ले लिया था और अब हमारी जिंदगी और भी अच्छे से चलने लगी थी और हम दोनों के बीच की नजदीकियां भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने की कोशिश किया करते। काफी लंबे समय बाद हम लोग लखनऊ वापस लौटे थे। जब हम लोग लखनऊ वापस गए तो हम लोगों ने अपने परिवार के साथ में अच्छा समय बिताया और कुछ दिन के लिए मनीषा भी अपने घर पर चली गई थी।
मनीषा अपने घर पर गई तो मनीषा कुछ दिनों के लिए अपने घर पर ही रही और फिर मैं कुछ दिन बाद मनीषा को लेने के लिए उसके घर पर गया और वहां पर मैं एक दिन के लिए रुका। हम लोग अब जल्द ही कोलकाता वापस लौटने वाले थे और जब हम लोग कोलकाता वापस लौटे तो हम दोनों को बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मैं भी अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी था और मनीषा भी अपने ऑफिस के काम के चलते बिजी थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे को कम समय दे पा रहे थे। मैंने अपनी छुट्टी के दिन मनीषा से कहा कि आज तुम भी ऑफिस से छुट्टी ले लो क्योंकि मनीषा को उस दिन ऑफिस जाना था और वह सुबह ऑफिस के लिए तैयार हो चुकी थी। मैंने मनीषा से कहा कि आज तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो तो मनीषा ने भी मेरी बात मान ली और उसने उस दिन ऑफिस से छुट्टी ले ली। जब मनीषा ने ऑफिस से छुट्टी ली तो मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी थी कि हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिता पाएंगे। उस दिन हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंट किया और हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा।
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उस दिन हम दोनों साथ में घूमने के लिए गए और रात में हम लोगों ने अपने घर के पास ही एक रेस्टोरेंट है वहां पर हम लोगों ने डिनर किया फिर हम लोग घर लौट आए। अगले दिन हम दोनों को ही ऑफिस जाना था इसलिए हम दोनों जल्दी ही सो गए थे और अगले दिन हम दोनों अपने ऑफिस चले गए। उस दिन जब हम लोग घर लौटे तो मैंने और मनीषा ने उस दिन सेक्स के बारे मे सोचा और हम दोनो उस रात डिनर करने के बाद जब साथ मे लेटे थे तो हम दोनो तडप रहे थे। मेरा हाथ मनीषा के स्तनो पर था और मैं उसके स्तनो को चूसना चाहता था। जब मैंने मनीषा के कपडो को खोलकर उसके स्तनो को चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आ रहा था और वह मेरा साथ देने लगी थी। जब मैं और मनीषा एक दूसरे को गरम कर रहे थे तो मुझे मजा आ रहा था। मनीषा मेरे लंड को चूसने के लिए तडप रही थी। मैंने मनीषा के सामने लंड को किया तो मनीषा मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे लंड से पानी निकलने लगा। मनीषा मेरे लंड को कठोर बना चुकी थी और मुझे लग चुका था वह अब रह नहीं पाएगी इसलिए मैंने मनीषा की चूत को भी चाटना शुरु किया।
मनीषा की चूत से उसका गिला पदार्थ निकल रहा था। मैंने मनीषा की चूत को अच्छे से चाटा। मुझे मनीषा की चूत को बहुत देर तक चाटा मेरी गर्मी बहुत बढ चुकी थी। मैं मनीषा की चूत को बहुत देर तक चाटता रहा। मुझे अब मनीषा को पूरी तरह गरम कर दिया था वह मेरे लंड को चूत मे लेने को तरस रही थी। मैंने मनीषा की चूत के अंदर लंड डाला। मेरा लंड मनीषा की चूत की दीवार तक जा चुका था और मैं मनीषा को तेजी से चोदने लगा। मनीषा भी अपने पैरो को चौडा करने लगी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं मनीषा की चूत के मजे ले रहा था और मुझे बहुत अच्छा लगता जिस तरह से मैं मनीषा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करता जा रहा था। अब मनीषा और मैं पूरे जोश मे आ चुके थे। मनीषा मुझे बोली और तेजी से चोदते जाओ। मैं मनीषा के पैरो को अपने कंधे पर रख चुका था और मनीषा की चूत मारने मे मुझे मजा आ रहा था। मेरा लंड आसानी से मनीषा की चूत के अंदर बाहर होता तो वह भी मेरा पूरा साथ देती।
मनीषा की चूत के अंदर से निकलता हुआ पानी मेरे लंड को और भी गरम करता जा रहा था। अब मनीषा मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडने की कोशिश कर रही थी। मैं मनीषा की चूत पर तेजी से प्रहार कर रहा था और मेरी गर्मी मनीषा की चूत के अंदर बाहर होती जिस से मेरी आग बढने लगी और मनीषा की चूत से निकलता पानी बहुत अधिक हो चुका था। मैंने मनीषा की चूत मे अपने माल को गिराया और उसकी चूत से लंड को बाहर निकाला तो वह उसे चूसने लगी। वह मेरे लंड को जिस तरह से चूस रही थी उस से मुझे मजा आ रहा था और मैं खुश था। उसने मेरे लंड पर लगे माल को चाट लिया था और अब हम दोनो साथ मे लेटे थे।
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