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मम्मी ने कहा – बहन चोद, चूत बची कहाँ है… भोसड़ी बना दी है, तूने… आ आ आअहह दर्द हो रहा है… थोड़ा तो धीरे कर… प्लीज़…
अंकल नहीं माने और वो जानवरों की तरह, मेरी मम्मी को चोदते रहे.
मम्मी भी किसी कोठे की रंडी की तरह, उन्हें माँ बहन की और ना जाने कौन सी कौन गंदी गालियाँ देती रहीं.
तभी अंकल ने – आ आ आ आ आ आ आ अहह की आवाज़ निकाली और मेरी मम्मी के हाथ को छोड़ दिया.
मैं समझ गया, अंकल ने अपना वीर्य अंदर गिरा दिया है.
अब वो मेरी मम्मी की कमर पकड़ के, धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगे.
उसके बाद अंकल ने लण्ड बाहर निकाल लिया और एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर मारा।
चाटा इतना जबरदस्त था की मम्मी का पूरा चुत्तड़ हिल गया।
इधर, मेरी मम्मी की फुददी से अंकल का वीर्य टपक रहा था।
मम्मी ने कहा – मैं वॉशरूम से आती हूँ…
अंकल ने कहा – जा, जल्दी आना…
उसके बाद, अंकल सोफे पर बैठ गये।
उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं और सुकून की साँस ले रहे थे।
फिर अंकल खड़े हो के बेड रूम में चले गये और तब तक, मेरी मम्मी वॉशरूम से बाहर आ गईं।
उन्होंने अंकल को वहां ना देख के आवाज़ लगाई।
अंकल ने कमरे से आवाज़ दी – आ रहा हूँ…
अंकल बाहर आ गये।
अब अंकल ने हाफ पैंट पहन ली थीं।
इधर, मेरी मम्मी जब तक अंकल आए उन्होंने अपनी पैंटी पहन ली थी।
मम्मी अपनी ब्रा, ज़मीन से उठा के पहनने लगीं।
अंकल ने कहा – क्या कर रही हो… ??
मम्मी ने कहा – अब, मैं चलती हूँ… देर हो रही है…
अंकल ने कहा – मैंने कहा ना… आज तुम्हें, यहीं रहना है…
मम्मी ने कहा – मेरा बेटा, इंतेज़ार कर रहा होगा…
अंकल ने मम्मी से कहा – एक मिनट…
उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी के पर्स से मोबाइल निकाल के चालू किया और मेसेज दिखाया।
अंकल बोले – देखो, मैंने तुम्हारे पिल्ले को बता दिया है… अब तक तो वो सो भी गया होगा…
उसके बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – रूको, मैं तुम्हारे लिए नाइट ड्रेस लेके आता हूँ…
उसके बाद, अंकल कमरे में चले गये।
मेरी मम्मी ने अपनी ब्रा वापस निकाल ली और ज़मीन पर पड़े कपड़े उठा के सोफे पर रख दिए।
मेरी मम्मी ने अपने बाल बाँध लिए और सिर पर हेयर बैंड लगा लिया।
अंकल 5 मिनट में, बाहर आ गये।
उन्होंने आंटी की नाइट वियर, मेरी मम्मी को दिया और कहा – पहन लो, इसे…
मेरी मम्मी ने अंकल के सामने, उसे शरीर पर डाल लिया।
आंटी का नाइटवियर, बहुत पारदर्शी था।
मेरी मम्मी का बदन, साफ साफ दिख रहा था।
बस ऐसा मानो जैसे नाम के लिए, उनके बदन पर कपड़ा था बाकी हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था।
अब अंकल और मेरी मम्मी, सोफे पर बैठ गये और बातें करने लगे।
अंकल बीच बीच में मेरी मम्मी के साथ मज़ाक कर रहे थे, जिससे वो हंस पड़ती थीं।
मम्मी ने कहा – यार, बहुत थक गई हूँ… सोना है…
अंकल ने कहा – अरे खाना तो खा लो, पहले…
उसके बाद, अंकल खुद उठ के गये और किचन से खाना लेके आए और मेरी मम्मी और अंकल साथ में बैठ के खाना खाने लगे।
खाना खाने के बाद, अंकल ने मम्मी से कहा – चल, बेड रूम में चलते हैं…
अब मम्मी ने कहा – ठीक है…
उसके बाद, अंकल और मेरी मम्मी बेड रूम में चले गये और अंकल ने दरवाज़ा बंद कर दिया।
पूरे हॉल में सन्नाटा हो गया।
मैं कमरे के साइड में चला गया, जहाँ बिस्तर पर मेरी मम्मी लेटी हुई थीं और अंकल टेबल की साइड में खड़े हो के अपने मोबाइल पर कुछ कर रहे थे।
उसके बाद उन्होंने, अपना मोबाइल ऑफ कर दिया और बाथरूम चले गये।
मेरी मम्मी, लेटी हुईं थीं।
उन्होंने टीवी चला ली और देखने लगीं।
कुछ ही देर में, अंकल बाहर आ गये और आते ही वो बिस्तर पर चले गये।
मेरी मम्मी, अंकल से चिपक के लेट गईं।
फिर, अंकल ने रिमोट से टीवी बंद कर दिया।
मेरी मम्मी का सिर, अंकल की छाती पर था।
अंकल ने कहा – तुम्हें बुरा तो नहीं लगा ना…
मम्मी ने कहा – किस बात का… ??
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अंकल ने कहा – तुम्हें यहाँ रोक लिया, इसके लिए…
मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…
अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…
मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…
मम्मी ने कहा – क्या… ??
अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…
मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??
अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें प्रणव को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…
मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।
मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे प्रणव को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…
मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…
मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…
मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…
अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…
कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…
अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…
मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।
मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।
इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।
ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।
क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?
क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?
खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…
मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…
अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…
फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।
अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।
कुछ देर इस प्यार भरे मिलन के बाद, अंकल अपनी औकात पर आ गये।
मतलब, अंकल ने मम्मी के बाल पकड़े और धीरे धीरे मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मेरी मम्मी, धीरे धीरे उनका साथ देने लगीं।
समझ में नहीं आता था, कितना “चुदाई का कीड़ा” घुसा था दोनों की गाण्ड में।
फिर कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – तू इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चाहती… कोई बात नहीं… लेकिन, मेरा पूरा साथ दे… मैं तेरी लाइफ रंगीन कर दूँगा…
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उसके बाद, फुच फच फुच फच ला फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके वो मेरी मम्मी के होंठ चूमने लगे।
अंकल ने अपना हाथ, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया और नाइट वियर के ऊपर से सहलाने लगे।
उन्होंने धीरे से, मेरी मम्मी के कपड़े उतार दिए।
मुझे अब साफ साफ, मेरी मम्मी की पैंटी दिख रही थी।
अंकल ने अपना एक हाथ, मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दिया और चुत्तड़ सहलाने लगे और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मैं देख रहा था, मेरी मम्मी बार बार हाथ पीछे करके अंकल का हाथ हटा देती थीं।
जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चला, अंकल बार बार मम्मी के गाण्ड के छेद मे उंगली घुसा रहे थे।
अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के जांघों तक कर दी और अपने हाथ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर सहलाने लगे।
अंकल ने अब खींच के एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जमा दिया।
मम्मी का चुत्तड़, फिर से बुरी तरह हिल गया।
अंकल, मेरी मम्मी के आँखों में देख रहे थे।
मम्मी के मुंह से – आ आ आहह की आवाज़ निकल गई…
अंकल ने उन्हें देख के मुस्कुराया।
मम्मी ने भी धीरे से स्माइल दी।
अंकल ने खींच के, एक और चाटा मारा।
मम्मी ने फिर से – आहह… किया।
अंकल ने धीरे से, कुछ कहा।
फिर, एक और चाटा मारा।
अंकल ने मम्मी से पूछा – मज़ा आ रहा है, जानू… और ये कहते हुए, खींच के एक चाटा मारा…
मम्मी ने कहा – दर्द हो रहा है… थोड़ा धीरे…
अंकल ने कहा – बढ़िया… और एक बेहद ज़ोर से चाटा मारा…
इस बार मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – मादर चोद स स स स स… धीरे स स स स स स स स…
मैंने देखा, मेरी मम्मी का चुत्तड़ लाल हो चुका था।
उनके चुत्तड़ पर, अंकल की हथेली के निशान छप चुके थे।
अब अंकल ने मेरी मम्मी के बाल कस के पकड़े और कहा – महक, तुझे तो पता है, चुदाई के वक़्त मुझे तेरे मुँह से गाली निकालना कितना पसंद है…
मम्मी के मुंह से – आ अहह आ… हाँ भडुए, पता है मुझे… तेरी माँ का भोसड़ा, बहन के लौड़े… गाली सुनने के लिए, क्या मेरी माँ चोद देगा… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह स स स… निकलने लगा।
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे ये दर्द की नहीं, वासना की आवाज़ हो क्यूंकि मम्मी भले ही गालियाँ बक रही थीं पर उनका विद्रोह नहीं कर रही थीं।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ते हुए, उन्हें छाती से चिपका दिया और अपना बया हाथ पीछे ले जाके अपनी बीच की उंगली मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी।
मम्मी के मुंह से फिर से – आ आ आ अहह… कुत्ते के लंड स स स स… की गाली निकली और दर्द की आवाज़ आई।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ के ऊपर उठाया और मम्मी से कहा – आज, मैं तेरा मालिक हूँ और तू मेरी गुलाम है… तेरी मां क्या, तेरे खानदान की सारी औरतों की मां चोद के रख दूँगा… और वो हँसने लगे।
मम्मी भी उनकी बात सुन कर, मुस्कुराने लगीं।
बड़े ताजुब की बात है, जो मम्मी मुझे साला या कामीने जैसे शब्दों के लिए चिल्ला पड़ती थीं, यहाँ बिंदास अपनी माँ और ना जाने कौन कौन सी गालियाँ बक रहीं थीं और सुन रही थीं।
क्या लंड या चूत, आदमी या औरत को इतना अँधा कर देता है.. ??
या जो भी आम जिंदगी में वर्जित रहता है, उसकी चुदाई के दौरान छूट रहती है।
खैर, अंकल ने कहा – अब तू चुप चाप, मेरी हर बात मानेगी…
उसके बाद, अंकल ने उंगली बाहर निकाल के फिर से अंदर घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे।
अंकल की पूरा उंगली, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में थी और मेरी मम्मी – आ आ आहह आ आ आआ आ अहह आ आ आ आआ आ आ अहह आ आ आ आआ आहह आ आ आ आ आ आ आअहह… की मादक आवाज़ के साथ, अंकल का साथ दे रही थीं।
अंकल ने हाथ बाहर निकाला और उंगली ऊपर करते हुए, उसे सूँघा और चाट भी लिया।
मुझे हल्की सी उबकाई आ गई।
यहाँ उन्होने फिर से उंगली नीचे ले जाते हुए, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी और रगड़ने लगे।
अब मेरी मम्मी अंकल के ऊपर से नीचे उतर के, बिस्तर पर बैठ गईं।
अंकल ने खींच के मेरी मम्मी की पैंटी निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और मम्मी ने हाथ ऊपर कर दिए।
अंकल ने नाइट वियर पकड़ के ऊपर के तरफ से निकाल के ज़मीन पर गिरा दिया और मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया।
अंकल का तना हुआ लण्ड, मुझे उनके हाफ-पैंट में साफ महसूस हो रहा था।
अंकल ने पैंट खींच के जांघों तक कर दी और घुटनों के बल बैठ गये और मेरी मम्मी ने अंकल के लण्ड को पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।
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अंकल, मेरी मम्मी की तरफ देख रहे थे और आँख बंद किए – आ अहह आ अहह इस स स स स स कर रहे थे.
मम्मी ने धीरे से, अंकल की लण्ड की चमड़ी को नीचे कर दिया.
अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, बाहर निकल के आ गया.
मम्मी ने पहले लण्ड के सुपाड़े को चूमा और धीरे से, उस पर अपनी जीभ फिराते हुए चाट लिया.
फिर धीरे से अंकल का आधा लण्ड, अपने मुंह में ले के धीरे धीरे चूसने लगीं.
अंकल ने आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह महक… आ आ आ आ आ आहह… की धीमी आवाज़ निकालने लगे थे.
मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ के साथ, अंकल के लण्ड को चूसे जा रही थीं.
एक बड़ी लप्प्प्प्प् प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ, मम्मी ने अंकल का लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया.
अंकल का लंड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.
उनका लण्ड इस समय, बिल्कुल तना हुआ था.
मेरी मम्मी ने अंकल की तरफ देखा और दोनों थोड़ा मुस्कुराए.
उसके बाद, मेरी मम्मी ने सिर नीचे कर दिया और अंकल के अंडे चूसने लगीं.
मम्मी धीरे धीरे अंकल के दोनों अंडे चूस रही थीं और अंकल धीमी आवाज़ में – आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.
फुच फच फुच फच की धीमी आवाज़, मेरे कानों में आ रही थी.
अब अंकल थोड़ा हट गये और उन्होंने सबसे पहले, अपनी हाफ पैंट निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और पूरे नंगे हो गये.
अब उन्होंने, मेरी मम्मी को लिटा दिया और मेरी मम्मी के बगल में लेट गये और मेरी मम्मी को अपने बदन से चिपका लिया और उनके गले, गाल और लिप पर धीरे धीरे किस करने लगे.
अंकल, अपने हाथ से धीरे धीरे मेरी मम्मी की पीठ सहला रहे थे.
कभी वो अपना हाथ मेरी मम्मी की चुत्तड़ पर सहलाते तो कभी उनकी पीठ पर.
अब भी, हथेली के निशान पड़े हुए थे.
मेरी मम्मी, अपना हाथ अंकल की गर्देन के पीछे ले जाके अंकल का पूरा साथ दे रही थीं.
अंकल बीच बीच में, अपना हाथ आगे ले जाते हुए मेरी मम्मी के चुचे को मसल दे रहे थे.
अब अंकल चूमते हुए, नीचे आ गये और मेरी मम्मी की जांघें को चुम्मी करके, उनकी फुददी के पास आ गये और दो उंगलियो से फैलाते हुए, अपनी जीभ मेरी मम्मी की फुददी के अंदर डाल दी और चाटने लगे.
अंकल की जीभ का स्पर्श पड़ते ही, मेरी मम्मी ने तिलमिला के अपने चुत्तड़ ऊपर उठा लिए.
अंकल के कस के उनकी जांघें पकड़ लीं और फुददी चाटने लगे.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी की फुददी चाटे जा रहे थे.
मेरी मम्मी ज़ोर ज़ोर से – आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ अहह… किए जा रही थीं.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे कर दिया और बिस्तर पकड़ लिया.
मेरी मम्मी के चुचे तन गये.
अंकल ने इतनी कस के जांघों से पकड़ बनाया हुआ था की वासना से तड़प रही, मेरी मम्मी हटना चाहती थीं.
लेकिन अंकल, उन्हें आज़ाद नहीं कर रहे थे.
धीरे धीरे, मैंने देखा मेरी मम्मी की फुददी से रस टप टप करके निकलने लगा.
अंकल के होंठ पर, रस लग रहा था.
अंकल ने चाटते हुए कहा – तेरी फुददी का रस चाटने के लिए, तड़प गया था…
उसके बाद, वो फुददी फैलाते हुए मेरी मम्मी की फुददी का रस चाटने लगे.
अंकल ने अब जीभ बाहर निकाल ली और धीरे धीरे, मेरी मम्मी की फुददी पर चाटे बरसाने लगे.
मम्मी, धीमी आवाज़ में – आ अहह आ आहह की आवाज़ निकालने लगीं.
अब अंकल मेरी मम्मी के बगल से उठ के, सामने चले गये और घुटनों के बल उनके सामने बैठ गये.
अंकल ने मेरी मम्मी की जांघों को फैला दिया और टांगों के बीच में आ गये.
उन्होंने मम्मी की कमर के नीचे, तकिया रख दिया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत ऊपर हो गई और सीधे अंकल के लण्ड के सीध में आ गई.
अंकल और आगे हो गये और उन्होंने, मेरी मम्मी की जांघों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरी मम्मी ने हाथ आगे कर के अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे से अपनी फुददी में घुसा लिया और अपनी हाथ पीछे करके, बिस्तर पकड़ लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी की आँखों में देखते हुए, अपनी कमर आगे करते हुए धक्का मारा.
मम्मी – आ आ आ आ आहह…
अंकल ने भी कहा – उंह सस्स्स्स्स् स्स्स्स्श ह…
उस समय, अंकल का आधा लण्ड फुददी के अंदर जा चुका था.
उसके बाद, अंकल ने अपने आप को अड्जस्ट करते हुए एक और धक्का मारा.
मेरी मम्मी की फिर से, चीख निकल गई.
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अंकल का पूरा लण्ड मेरी मम्मी के फुददी के अंदर जा चुका था.
अंकल, मेरी मम्मी की आँखों मे देख रहे थे.
अंकल ने मेरी मम्मी को देखते हुए कमर पीछे करते हुए एक और धक्का मारा और उसके बाद धीरे धीरे कमर आगे पीछे करते हुए, मेरी मम्मी को चोदने लगे.
अंकल का आधे से ज़यादा लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी के अंदर बाहर हो रहा था.
मुझे कानों में – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप बिस्तर की चर चर चर चर चर… मेरी मम्मी के पायल की छन छन छन छन छन छन और मेरी मम्मी के – आ आ अहह आ आहह आ आ अहह आ आहह ओई ई ईई औउइ ऊओफ फफ फ फ फफ्फ़ ओफ फ फफ फ फफ्फ़ उई ई ई माआ आ उई ई ईई माआ आअ नाही आ आ आ अहह आ आ अहह एस स्स्स्स स्स ओह गूद्द्द्द्द द्ड एस स्स स्स मा आ आ आ ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ़फ्फ़… सुनाई दे रही थी.
अंकल लगातार, अपनी कमर हिलाए जा रहे थे.
हर धक्के पर, मेरी मम्मी के चुचे आगे पीछे हो रहे थे.
पक पक पक पक पक की आवाज़, कमरे में गूँज रही थी.
अंकल ने कहा – महक, सच में आज तेरी फुददी फाड़ दूँगा… मैं आज रात भर तुझे चोद चोद के, तेरी चूत की भोसड़ी बना दूँगा… एक मिनट के लिए भी सोने नहीं दूँगा, आज तुझे…
ये कहते हुए, उन्होने स्पीड तेज़ कर दी और धका धक मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे.
कुछ देर के बाद, अंकल का लण्ड बाहर निकल गया और अंकल रुक गये.
उनकी साँसें, तेज़ तेज़ चल रही थीं.
वो मेरी मम्मी को देख के हंस रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी की जाँघ पर 2 थप्पड़ मारे.
उसके बाद, मेरी मम्मी की एक जाँघ को क्रॉस करके दूसरी जाँघ पर चढ़ा दिया.
मेरी मम्मी की फुददी चिपकी हुई, बाहर के तरफ थोड़ा हो गई.
अंकल ने मम्मी की जाँघ और चुत्तड़ पर हाथ रखते हुए, कस के धक्का मारा और पूरा लण्ड, मम्मी की फुददी में घुसा के उन्हें चोदने लगे.
ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.
अंकल बीच बीच में, चाटे मार रहे थे.
मेरी मम्मी के चुत्तड़, अब लाल हो चुके थे.
बिस्तर से लगातार, चर चर चर की आवाज़ आने लगी.
अब अंकल ने मेरी मम्मी से पूछा – महक, मज़ा आ रहा है ना…
मम्मी ने सिसकारी लेते हुए कहा – हाआ आ आ आ आन्णन्न् बहुत मज़ा आ रहा है, तेरी बहन की चूत… बहन के लौड़े, बात मत कर बस चोद… जो बोल रहा है, करके दिखा… बना डाल आज, मुझे कोठे की रंडी… फाड़ दे कुत्ते… तेरी मां की चूत… आ आ आ आअ…
ना जाने क्यूँ, अब अंकल रुक गये.
उनकी साँसें तेज़ चल रही थीं.
मेरी मम्मी भी उठ के बैठ गईं.
मेरी मम्मी के शरीर से, पसीना निकल रहा था.
मम्मी ने एक ही पल में नार्मल होते हुए कहा – आपने फिर से खाया है, ना…
अंकल ने कहा – क्या… ?? और हंसने लगे.
मम्मी ने कहा – वियाग्रा की बात कर रही हूँ, आप जानते हैं…
अंकल ने हंसते हुए कहा – नहीं रानी, मैंने नहीं खाई है…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आपने खाया है… कब से किए जा रहे हैं… अब तक गिरा क्यों नहीं… मेरे गालियाँ निकालने पर भी…
अंकल हंसने लगे और कहा – चल बाबा… ठीक है… हाँ खाया है…
उसके बाद, अंकल घुटनों के बल बैठ के मेरी मम्मी के मुंह में लण्ड डाल दिया और फिर से मेरी मम्मी लण्ड चूसने लगीं.
यहाँ सवाल ये था की मम्मी ने क्या खाया था.
अंकल ने 2 मिनट बाद, मेरी मम्मी को सीधा लिटा दिया और मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें हवा में करके फैला दी.
अंकल, मेरी मम्मी के ऊपर पूरा लेट गये और मेरी मम्मी ने अपने हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ के अपनी फुददी में घुसा लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी के होंठ मे होंठ फँसा लिया.
और, उन्होने कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी की बंद धीमी आवाज़ – हम म्म्म म म मम मम मम म म… मुझे सुनाई दी.
मेरी मम्मी की आँखें, बिल्कुल खुल गई थीं.
उन्होंने अपना नाख़ून, अंकल की पीठ में चुबा दिया था.
अंकल ने कमर उठाते हुए, फिर से कस के धक्का मारा.
मेरी मम्मी की आ आ आ आ आ आ आा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई.
अंकल का लण्ड इतना बड़ा था की पक्का, उनका टोपा मेरी मम्मी की बच्चेदानी को छू गया होगा.
अंकल ने मम्मी का हाथ हटा के आगे कर दिया और कस के पकड़ लिया और कमर उठा उठा के धक्का मारने लगे.
अंकल का शरीर, इतना मज़बूत था की मेरी मम्मी कोशिश भी कर लेती तो भी शायद उनकी पकड़ से अपने आप को बचा नहीं पाती.
और ऐसा, पहली बार नहीं था.
अंकल जब भी मेरी मम्मी को चोदते हैं, जानवर की तरह.
सीधी भाषा में, कुतिया की तरह.
शायद उन्हें मालूम है की मेरी मम्मी की प्यास, इसी तरह की चुदाई से शांत कर सकते हैं.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ आ अहह ओई ई ईई ई ईई ईईई ईईईई ई इमा आ आ आ आ आअ ओई ममा आ आ आ आ आअ माआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माआ आ आ आ आ आ आ आ नहियीई ईई ई ईईई ईईई ई ई ईईई ई ई ईई ई ईई ई आ आ आ आ आ आ आ आ आहह ओफ फ फ फफ फफ फफ फफ फफ फ फफ्फ़ करने लगीं.
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मैं देख रहा था, अंकल धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज़ किए जा रहे थे..
मम्मी ने कहा – अब बस कीजिए…
अंकल ने धक्का मारते हुए कहा – क्या हुआ… बता ना, क्या हुआ…
मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – बहुत दर्द हो रहा है…
अंकल ने कहा – आज रात, तू मेरी बीवी है… मज़ा दे मुझे… शांत होके पड़ी रहे… आ आ आ आ अहह… बस शांत होते ही, तुझे आज़ाद कर दूँगा… जानती है ना की जो औरत अपने ख़सम को खुश ना कर सके, वो असल में औरत होती ही नहीं…
अंकल धका धक करके, मेरी मम्मी की चुदाई किए जा रहे थे..
ऐसा लग रहा था, जैसे आज अंकल सच मे मेरी मम्मी की फुददी फाड़ देंगे..
कुछ देर तक ऐसे चोदने के बाद, अंकल आगे आते हुए – आ आ आ आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह करते हुए, मेरे मम्मी के ऊपर लेट गये..
अंकल और मेरी मम्मी के शरीर से, पसीना निकल रहा था..
अंकल कुछ देर, मेरी मम्मी को चूमते रहे..
उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट के उनके बगल में लेट गये..
मेरी मम्मी की फुददी से, अंकल का वीर्य बह रहा था..
मेरी मम्मी ने करवट ले लिया और अंकल सीधे लेटे हुए थे..
अपने दोनों पाँव फैलाए, अंकल ने और अपना हाथ मम्मी के बाजू पर रख दिया..
फिर वो, धीरे धीरे सहलाने लगे..
अंकल ने मम्मी को अपने तरफ घुमा लिया और अपने सीने से, पूरा चिपका लिया..
मम्मी ने भी हाथ पीछे करके, अंकल को पकड़ लिया..
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के कानों मे कुछ कह रहे थे और मेरी मम्मी सिर हिला के, उनको हाँ हाँ का जवाब दे रही थीं..
अंकल बीच बीच में, मम्मी के गाल पर किस कर रहे थीं..
मम्मी अब उठ के, वॉशरूम चली गईं..
अंकल, वही लेटे हुए थे..
उन्होंने ज़मीन से हाफ पैंट उठा के पहन ली..
मेरी मम्मी सू सू करके, बाहर आ गईं..
आते ही सबसे पहले, उन्होंने नाइटवियर उठाया और पहन लिया..
उसके बाद, अपने बाल संवारे और फिर बिस्तर पर आ गईं..
अंकल नीचे उतार गये और टेबल से अपनी सिगरेट ले के आए और वहीं बिस्तर पर लेट के, जला के पीने लगे..
मेरी मम्मी, अंकल की छाती पर लेटी हुई थीं..
अंकल धीरे धीरे, दूसरे हाथ से मेरी मम्मी के बाल सहला रहे थे..
अंकल ने कहा – महक, तूने सच मे मुझे सुकून दिया है, इस लाइफ में…
अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी से अपनी बातें कर रहे थे और उनके सिर पर हाथ फेर रहे थे..
लगभग 20 मिनट हो गये थे, तभी अंकल ने सिर नीचे करके देखा और हंसते हुए कहा – अरे, सो गई… उसके बाद, धीरे से मम्मी का सिर नीचे कर के तकिये पर रख दिया और नीचे उतर के बाथरूम चले गये..
अंकल बाथरूम से बाहर आ गये और मैंने देखा, उन्होंने अपनी पैंट उतार ली और लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और बिस्तर पर आ गये..
मुझे धीमी रोशनी में दिख रहा था..
अंकल मेरी मम्मी के बगल में बैठ के, अपना लण्ड सहला रहे थे..
मैं जान रहा था की वो फिर से मेरी मम्मी को चोदगें और यही हुआ..
देखते देखते, अंकल ने अपना हाथ मेरी मम्मी की जांघों पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे हाथ फिराने लगे..
मेरी मम्मी उस समय, गहरी नींद में थीं..
अंकल ने सहलाते हुए, नाइटवियर ऊपर तक उठा दिया..
मेरी मम्मी की फुददी सॉफ नंगी दिखने लगी..
अंकल ने धीरे से, अपना हाथ मम्मी की फुददी पर रख दिया..
मैंने देखा, अचानक से मेरी मम्मी का नींद टूट गई और उन्होंने झटके से अंकल का हाथ उठाते हुए कहा – अब, मुझे सोने दीजिए…
अंकल ने कहा – महक, एक बार…
मम्मी ने कहा – प्लीज़, मुझे नींद आ रही है… थक गई हूँ… दिन भर होली खेली है… सोने दीजिए ना… आप तो पता नहीं, क्या खाते हैं…
अंकल ने अपना हाथ फिर से फुददी पर रखते हुए कहा – सो जाना… मैं मना नहीं कर रहा हूँ…
उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये और मेरी मम्मी की दोनों जांघों को खोल दिया..
मेरी मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं – प्लीज़, अब नहीं… और हटने की कोशिश कर रही थीं..
लेकिन, अंकल की पकड़ से ना निकल सकीं..
अंकल ने एक झटका मारा और मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहह… की चीख निकल गई..
मम्मी ने कहा – निकालिए प्लीज़, मेरा मन नहीं है…
अंकल ने कहा – अभी, मज़ा आने लगेगा… मेरी रानी… मैं जानता हूँ तेरी चूत में कितनी गर्मी है… साली, आज तक मैने सूखी तो एक बार भी देखी ही नहीं… और ठप से एक और धक्का मारा..
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ufff kya gajab ki update...
keep going
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Gajab ki kahani hai bro bas ISS kahani aage badaoo.....
Mummy ki bhen se aur SaaS Ko bhi iss chudai me add karo
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Bhai iss Kahanhi Ko aage Badoo aur isme mummy ki bheno ko aur SaaS Ko bhi add karo
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Thanks for all the replies, will update soon
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फिर से मेरी मम्मी चीख पड़ीं और बोलीं – बहन चोद… चूत नहीं थकती… मानती हूँ… एक नंबर की छीनाल चूत है पर जिस्म तो थक जाता है ना… बहन के लौड़े, भोसड़ी वाले… तू ख़ाता क्या है…
उसके बाद, अंकल – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके मेरी मम्मी की चुदाई करने लगे..
मेरी मम्मी की चीख बढ़ती जा रही थी – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह अहह अहह ओईंम्म्म म म म मम म म म मम म म म ममा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ अब ना आ आ आ आ आ आ आ आह हिईीई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ईई ईईई ईईई मा आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ माआआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… की आवाज़ और उनकी एक से एक गंदी गालियाँ, कमरे में गूँज रही थीं..
अंकल धक धक करके, मम्मी को बुरी तरह चोदे जा रहे थे..
बिस्तर की चर चर चर चर चर की आवाज़ गूँज रही थी..
अंकल बस हो गया हो गया करके, लगातार मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे..
बहन की चूत तेरी महक… महक… ये तो मुझे पूछना चाहिए, तू क्या खाती है… इस उम्र में तेरी चूत हमेशा गीली रहती है… तो जवानी में, तूने क्या कयामत ढाई होगी…
ये कहते हुए ठप ठप ठप ठप करते हुए, मेरी मम्मी की उन्होंने लगभग 10 मिनट चोदा..
उसके बाद – आ आ आ आ आ आ आ आ अहह करते हुए, शांत हो गये..
उसके बाद कहा – हो गया… अब नहीं करूँगा… सो जा, अब… कहा ना नहीं करूँगा…
उसके बाद, मैंने देखा अंकल बगल में लेट गये..
कुछ देर में मैंने देखा..
वो दोनों, सो गये थे..
मैं वापस रिटर्न हो गया..
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अगले दिन सुबह में, मेरी छीनाल मम्मी 10 बजे घर आ गईं..
दिन में, मेरी मम्मी सोई हुई थीं..
मेरे हाथ में, मेरी मम्मी का मोबाइल था..
उस समय कोई मैसेज तो नहीं आया था लेकिन, मैंने मेरी मम्मी का व्हाट्स एप्प देखा..
जिसमें, करीबन 12 बजे से लेके 2 बजे तक का चैट था..
अंकल ने मेरी मम्मी को लिखा था – शुक्रिया, कल रात के लिए…
मम्मी ने लिखा था – लेकिन, ये रोज़ रोज़ नहीं चलेगा… मैं अब से पूरी रात नहीं रुकूंगी…
अंकल – मैं खुद नहीं चाहता… लेकिन, क्या करूँ… अब तुम्हारे बिना, रहा नहीं जाता…
मम्मी – आप समझने की कोशिश कीजिए… मेरे बेटे को सब मालूम चल जाएगा…
अंकल – मैंने कल रात भी कहा था… उसे बता दो… वो समझ जाएगा… फिर, मैं जब चाहूँ तुमसे मिलने आ सकता हूँ…
उसके बाद अंकल – अच्छा, सुनो आज रात आओगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – क्यों… ??
मम्मी – आप कौन सी भाषा समझते हैं… बेटा, घर में ही है…
अंकल – मैं आ जाऊं, रात में…
मम्मी – आप पागल हो गये हैं…
अंकल – हाँ यार… तेरी मस्त चूत ने, मुझे सच में पागल कर दिया है… प्लीज़, कुछ देर के लिए… देख, फिर मेरा परिवार आ जाएगी… तब फिर, दूरी हो जाएगी…
मम्मी – नहीं…
अंकल – सुनो, मेरी बात तो सुनो…
मम्मी – क्या है… ??
अंकल – मैं तो आऊंगा… उसके सोने के बाद, तुम बस धीरे से दरवाज़ा खोल देना… मैं चला जाऊंगा…
कुछ देर के बाद, मम्मी – मैं सोच के बताउंगी…
अंकल – मैं शाम में मैसेज करूँगा… बताना…
उसके बाद, कोई मैसेज नहीं था..
लेकिन, मैं जानता था की अगर अंकल डाल डाल तो मम्मी, पात पात..
मुझे पूरा यकीन था की कितना भी रिस्क क्यूँ ना हो, मम्मी थोड़े बहुत नखरे के बाद, अंकल को ज़रूर बुलाएंगी..
जितना अंकल को मम्मी को कुतिया की तरह चोद्ना पसंद था, उससे ज़्यादा मम्मी को अंकल से कुतिया की तरह चुदना पसंद था..
ठीक 5 बजे, मेरी मम्मी की नींद खुली..
मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और साथ में चाय पी..
फिर, सब नॉर्मल चल रहा था..
मम्मी ने रात का खाना बनाया और हमने, साथ में खाना खाया..
उसके बाद, मैंने मम्मी से कहा – मैं सोने जा रहा हूँ, अपने कमरे में… और, मैं चला गया..
करीबन, उस समय रात के 11 बज रहे होंगे..
मैं अपने कमरे में चला तो गया था लेकिन मैं जानता था, मम्मी की आज फिर से पलंग तोड़ चुदाई होने वाली है..
अंकल कभी भी मेरी मम्मी की सुनते नहीं थे, वो अपनी हवस मेरी मम्मी पर मिटाए बिना नहीं मानते थे..
और आप भी जानते ही हैं, मेरी मम्मी कौन सी कम हवसी थी..
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मैं उस रात सोया नहीं था क्यूंकि मैं जानता था अंकल आएँगे और यही हुआ.
मैं अपने कमरे में था.
करीबन 2 घंटे बाद, मुझे मेरी मम्मी की पायल की आवाज़ आई.
मैं अपने दरवाज़े के पास गया और देखा, मेरी मम्मी दरवाज़े की तरफ जा रही हैं और 2 मिनट के अंदर, मैंने देखा अंकल अंदर आ गये थे.
अंकल ने, पैंट और शर्ट पहन रखा था.
मम्मी और अंकल, अंदर कमरे में चले गये.
बस उनसे एक ग़लती हो गई, मुझे सोया समझ मम्मी ने दरवाज़े लॉक करना ज़रूरी नहीं समझा.
जिसकी वजह से, मैंने आज सब देखा.
अंकल ने, मेरी मम्मी को पीछे से पकड़ रखा था.
उनके हाथ ने नाइटी के ऊपर से उनके पेट को पकड़ के रखा था और वो धीरे धीरे मेरी मम्मी के गले पर चूमते हुए, मेरी मम्मी से बातें कर रहे थे.
उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा – प्रणव, सो गया..
मम्मी ने कहा – हाँ.. लेकिन, आप जल्दी करो.. वो देख ना ले..
अंकल ने कहा – तू डरती बहुत है.. क्या, मैं तेरे लिए कुछ नहीं लगता.. जी तो चाहता है, तेरे पिल्लै का गला दबा दूं..
मम्मी ने कहा – अगर आप, मेरे कुछ नहीं लगते तो आप यहाँ नहीं होते..
अंकल ने कहा – फिर हमेशा, ऐसा क्यों कहती है.. कुछ देर, निकल अपने अंदर से और मेरी हो जा..
मम्मी ने कहा – मैं आपकी ही हूँ.. आपको शक है क्या, मुझ पर..
अंकल ने कहा – मुझे तुझ पर शक नहीं है, मेरी जान.. मैं तेरा लोडू पति थोड़ी ही हूँ.. बस, मैं तुझे पूरी तरह से हासिल करना चाहता हूँ..
अंकल ने धीरे से, मेरी मम्मी को घुमा के अपनी तरफ कर दिया.
मम्मी ने कहा – मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आपके लिए, कुछ भी कर सकती हूँ..
अंकल ने कहा – सच..
मम्मी ने कहा – हाँ..
अंकल ने कहा – फिर, मुझे आज जो चाहिए मुझे मिलेगा..
मम्मी ने कहा – हाँ.. आप बोलिए, क्या चाहिए..
अंकल ने अपनी दोनों हथेली, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख के दबा दी.
मम्मी ने कहा – मुझे पीछे बहुत दर्द होता है.. छेद, बहुत छोटा है..
अंकल ने कहा – इसी लिए मैं कहता हूँ, मुझे करने दे.. पगली, तू तो औरत है.. तुझे नहीं पता, जब तक गाण्ड मरती नहीं उसमें गोलाई नहीं आती.. और देख, चूत तो औरत हर मर्द को दे देती है पर गाण्ड उसी से मरवाती है जो उसके लिए ख़ास हो.. औरत भले ही, बीस लंड से चुदि हो पर गाण्ड के छेद में अनुमन एक ही लंड जाता है.. तू ने ही तो कहा था, तूने आज तक गाण्ड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. लेकिन तब भी तू नहीं करने देती है.. लेकिन, अगर तेरा मन नहीं है तो मैं नहीं करूँगा.. और अंकल ने अपना हाथ हटा लिया.
मम्मी ने उनके होंठ को चूमा और कहा – आप, मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए.. मैं मना नहीं करूँगी.. आप सही कह रहे हैं.. और धीरे धीरे अंकल का होंठ चूमने लगीं.
अंकल भी मेरी मम्मी को कस के पकड़ के फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके मेरी मम्मी के होंठ का रस पीने लगे.
अब अंकल ने मेरी मम्मी को कमर से पकड़ के उठा लिया.
मेरी मम्मी के होंठ अंकल के होंठ में फँसे हुए थे.
अंकल धीरे धीरे बढ़ते हुए, मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मेरी मम्मी को नीचे उतार दिया और पीछे घुमा के खड़ा कर दिया.
मम्मी ने कहा – जल्दी कीजिएगा..
अंकल ने कहा – तुम डरो मत, मेरी रानी..
बस कुछ देर उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी की नाइटी की चैन खोल दी और मेरी मम्मी की पीठ चूमने लगे.
मेरी मम्मी ने ब्रा नहीं पहना था क्यूंकि उनकी ब्रा की पट्टी नहीं दिख रही थी.
अंकल मेरी मम्मी की पीठ अपनी जीभ से चाटने लगे और मेरी मम्मी ने अपने दोनों हथेली दीवार से चिपका लिए थे.
अंकल धीरे धीरे चूमते हुए घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और अपना हाथ मेरी मम्मी के कमर पर नाइटी के ऊपर से पकड़ लिया और पहले अपना नाक ले जाके मेरी मम्मी के गाण्ड के हिस्से को अपनी आँख बंद करके स्मेल किया और उसके बाद अपना नाक ऊपर से मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर पास ले जाके चिपका दिया और स्मेल करने लगे.
मेरी मम्मी ने अपने होंठ अपने दाँत से दबाए हुए, धीमी आवाज़ में – आ आहह ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म म आ आहह.. की आवाज़ निकल रही थीं.
अंकल ने मेरी मम्मी को पूरी तरह अपने वश मे कर लिया था.
वो जैसा कहते थे मेरी मम्मी वैसा की करती थीं इसी लिए चुप चाप खड़ी अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल लगातार नाक ऊपर से गाण्ड की छेद में घुसा कर, मेरी मम्मी की गाण्ड सूंघ रहे थे.
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अंकल ने धीरे से मेरी मम्मी की नाइटी नीचे से उठा के कमर तक कर दी और मेरी मम्मी से कहा – पकड़ इसे..
मम्मी ने वैसा ही किया.
मेरी मम्मी ने पैंटी नहीं पहन रखी थी और उनकी नंगी गाण्ड अंकल के सामने थी.
इसमें कोई शक नहीं की मम्मी की गाण्ड, ग़ज़ब की गोलाई लिए हुई थी.
अंकल ना जाने और कौन सी गोलाई की बात कर रहे थे.
अंकल ने अपनी हथेली से मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मारे और मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया.
फिर, अंकल ने मम्मी के चुत्तड़ को दोनों हथेली से फैला दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ फैलते ही, उनकी गाण्ड का छेद दिखने लगा.
अंकल ने अपनी नाक मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर रखा और सूंघने लगे और जीभ आगे निकाल के उनकी फुददी चाटने लगे.
मेरी मम्मी – आ आ आ आ आ आहह आ आहह ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म ह्म्म्म्म ह्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म म आ आ अहह.. करने लगीं.
फिर, अंकल ने पूछा – एक बात बता महक.. तेरे पति ने कभी तेरी गाण्ड की महक ली है..
मम्मी – नहीं..
अंकल – कभी गाण्ड का छेद भी नहीं चाटा..
मम्मी – नहीं, कभी नहीं..
अंकल – मैं तो तेरे गाण्ड के छेद और उसकी स्मेल का दीवाना हूँ.. महक, तू जानती है, जिससे प्यार हो उसकी गाण्ड की महक भी प्रेमी को मदहोश कर देती है.. तू चाहे तो मैं तेरा बिना धुला छेद भी चाट चाट के साफ कर सकता हूँ..
मम्मी – छी: ऐसी बातें मत कीजिए.. मुझे घिन आती है..
अंकल – मुझे तो तेरी किसी चीज़ से घिन नहीं आती, महक.. सिर्फ़ प्यार आता है..
यहाँ मैं अब ये सोचने लगा की सच में अंकल को मम्मी से तगड़ा वाला प्यार हो गया है.
मैं खुद भी किसी का गाण्ड का छेद नहीं सूंघ सकता था.
बल्कि सोच के ही, मेरा जी खट्टा हो गया.
इधर, अंकल ने अब मम्मी की चुत्तड़ को खींच के और चौड़ा कर दिया.
मम्मी की गाण्ड का छेद और फैल के खुल गया.
अंकल ने जीभ उनकी गाण्ड के छेद मे घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे.
मम्मी से वासना बर्दाशत नहीं हो रही थी.
मम्मी ने कहा – अब बर्दाशत नहीं हो रहा है..
मुझे बड़ा अजीब लगा की गाण्ड का छेद चाटने से भी औरत को इतनी उत्तेजना होती है.
अंकल ने कहा – थोड़ी देर रुक जा, मेरी रानी.. तेरी गाण्ड की छेद पूरी तरह गीला करने दे.. फिर आराम से घुसेगा और दर्द नहीं होगा..
मम्मी ने कहा – होने दीजिए दर्द.. मैं चाहती हूँ मुझे दर्द हो.. ठीक वैसा ही जैसा मुझे मेरी चूत की झिल्ली फटने पर हुआ था.. मत रहम कीजिए, आज.. चोद डालिए मेरी गाण्ड मेरी कुँवारी चूत समझ कर.. वैसे भी आपने सच कहा, गाण्ड सच में औरत हर किसी को नहीं देती.. हक़ीकत तो ये है की हर औरत अपनी गाण्ड अपनी जिंदगी में एक ही मर्द को देती है.. बेशक, आप मेरे लिए बहुत ख़ास हैं पर बात ये भी है की आपके बाद किसी और मर्द का लंड मेरी गाण्ड में गया तो मुझे बबासिर हो जाएगा.. हर औरत ये बात जानती है.. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ये बात पता चलती रहती है.. दादी, नानी, माँ या बड़ी बहन से.. इसलिए औरत गाण्ड एक ही मर्द से मरवाती है.. और वो मर्द वोही होता है जो उसके लिए बेहद ख़ास हो..
अंकल बोले – महक, मुझे ये सब नहीं मालूम था.. पर मुझे बहुत अच्छा लगा की मैं तेरे लिए इतना ख़ास हूँ..
मम्मी – आप मेरे सरताज़ हो..
अंकल – महक, सच बात तो ये है की गाण्ड तो मेरी बीबी ने भी मुझे नहीं मारने दी.. एक दो बार बोल के मैने उससे बोलना छोड दिया.. तुझ पर अपना हक़ समझता हूँ इसलिए लगा रहता हूँ..
मम्मी – आपका मुझ पर और मेरी हर चीज़ पर पूरा हक़ है..
फिर अंकल ने जीभ डाल के कुछ देर मेरी मम्मी की गाण्ड चाटी.
उसके बाद वो खड़े हो गये.
अब मेरी मम्मी की भी नाइटी नीचे गिर गई.
अंकल ने अपनी पैंट खोल ली और अंडर वियर जांघों तक खिसका ली.
अंकल का लण्ड टन के खड़ा था.
मम्मी झुक के नीचे बैठ गई और अंकल का पूरा लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.
मम्मी अपने हाथों से अंकल का लण्ड सहलाते हुए, अंकल का लण्ड फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके चूसने लगीं.
कुछ देर बाद अंकल ने कहा – चल, अब देर मत कर.. वो उठ जाएगा.. फिर तू मुझे जाने को कहेगी..
उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी का खंडा पकड़ के उठा दिया और उन्हें घुमा के मम्मी से कमर पीछे करने को कहा.
मम्मी ने बेंड होके चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगाया.
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मम्मी ने बेंड हो के चुत्तड़ पीछे कर दिया.
अंकल ने थोड़ा अपने हाथ पर थुका और मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद पर लगाया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और आ आ आ आ आ अहह की चीख निकल पड़ी.
अंकल ने कहा – हो गया… चला गया, अंदर चला गया… अब नहीं होगा दर्द…
मैंने देखा, अंकल का आधा लण्ड मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में जा चुका था.
अंकल ने मम्मी से कहा, चुत्तड़ को फैलाने को.
मम्मी ने वैसा ही किया और दोनों हाथ पीछे करके, अपने चुत्तड़ को फैला दिया.
अब अंकल ने कमर पकड़ते हुए, धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर बाहर करने लगे.
मेरी मम्मी दबी आवाज़ में – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ माआ… करने लगीं.
अंकल ने कहा – महक, मज़ा आ रहा है…
मम्मी ने कहा – हाँ…
अंकल ने कहा – बस अब, दर्द नहीं होगा… इस गाण्ड को पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं… चूत तो बहुत औरत की देखी है लेकिन जो मज़ा तेरी गाण्ड मारने में मुझे आता है, उतना किसी में नहीं… मैं बहुत खुश हूँ महक की मैं वो खास मर्द हूँ, जो तेरी गाण्ड मार रहा है… और धीरे धीरे, वो मेरी मम्मी की गाण्ड मारने लगे.
मम्मी ने सिसकारियाँ भरते हुए कहा – एक बात बताइए, ऐसी कितनी औरतों की चूत देखी है, आपने…
अंकल ने कहा – एक शर्त पर… फिर तू भी बताएगी, तूने कितने लंड लिए हैं अपनी चूत में… एकदम सच सच… बोल मंजूर है…
मम्मी पूरी वासना में थीं, बोलीं – हाँ… एक मेरे पति का तो आपको मालूम ही है…
अंकल – चल भी, महक… मुझे कोई मतलब नहीं, तूने पहले क्या किया… ठीक है, पहले मैं बताता हूँ… मैंने 29 औरतों को चोदा है… तू 29 वी है…
मम्मी – बाप रे… इसमें से शादी के बाद कितनी हैं…
अंकल – 11… अब तू बता, मेरा लंड फटा जा रहा है, सुनने के लिए…
मम्मी – प्रणव के पापा और आपको मिला के 8…
अंकल ने बहुत ज़ोर की आँह भरी और बोले – सच में, मैं ब्यान नहीं कर सकता कितना मज़ा आया मुझे ये सुन कर…
अंकल ने अब झटके तेज़ कर दिए और मम्मी ने भी अपनी गाण्ड हिलाने की स्पीड बड़ा दी.
अब अंकल काँपती सी आवाज़ में बोले – मेरे सिवा, शादी के बाद तूने किसी का लिया… बता ना, महक… बहुत मज़ा आ रहा है…
मम्मी – हाँ… एक का लिया है…
अंकल – आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, महक… उफ्फ… कितना मज़ा आ रह है… तुझे भी…
मम्मी – हाँ… मुझसे तो सहन ही नहीं हो रहा… क्या, मैं कुछ पूछ सकती हूँ…
अंकल – हाँ महक… पूछ ना… पर ऐसा ही कुछ पूछना… सच बता रहा हूँ, पूरी जिंदगी में ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया है…
मम्मी – सोच लीजिए… नाराज़ तो नहीं हो जाएँगें…
अंकल – बिल्कुल नहीं… जो तेरे जी में आए पूछ… कितना भी अश्लील क्यूँ ना हो…
मम्मी – आपने अपने रिश्ते में, किसी की चूत चोदि है… मेरा मतलब चाची, मामी, बुआ या किसी ब़हन की…
अंकल – आअ महक… आज तो तूने मेरा कत्ल करने की ठान ली है… तू तो जानती है महक, मेरी कोई बहन है नहीं पर हाँ मैंने अपने चाचा की लड़की को बहुत बार चोदा है और बुआ की ननंद को भी एक बार चोदा है… पर हाँ घर में किसी ऐसे को चोदा है, जिसके बारे में मैंने किसी को नहीं बताया…
मम्मी – आ आ आ आ आ आ आंह… बताइए ना, प्लीज़… किस को…
अंकल – बताता हूँ, पहले तू बता… तूने मेरे अलावा किस से और चुदवाया है, अपनी शादी के बाद…
मम्मी – नहीं… पहले आप…
अंकल तो बुरी तरह थरथरा रहे थे पर मम्मी का बदन भी काँप रहा था.
दोनों के सिर पर, वासना नंगा नाच दिखा रही थी.
मम्मी का एक हाथ दीवार पर था और एक से अपन चूत को ऐसे मसल रहीं थीं, जैसे उसमें आग लगी हो और वो उसे बुझाना चाह रही हों.
यहाँ मुझे भी उनकी बातें सुन के, आज गुस्से से ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अंकल बहुत बुरी तरह से मम्मी की गाण्ड चोद रहे थे और मम्मी हर झटके के जवाब में, उतनी ही बुरी तरह अंकल के लंड पर अपनी गाण्ड मार रहीं थीं.
उन्हें ये भी एहसास नहीं रहा था की मैं घर पर हूँ या आस पड़ोस में भी कोई रहता है.
उनकी सिसकारियाँ, साफ साफ सुनाई दे रहीं थीं.
असल में, आज मैं भी अपना लंड बाहर निकाल के मूठ मार रहा था.
अब अंकल बोले – बोल ना, महक… क्यूँ मज़ा खराब कर रही है… प्लीज़ बता ना…
मम्मी – एयीयैया आह आ माह आ… अपने भाई से… आहा हह… या या या…
अंकल – आह महक स स स स स स स स स स स स स… और बता ना… कैसे चुदवाया… आ आह स स स…
मम्मी – ईया यह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… नहीं, पहले अब आप…
अंकल – महक स स स स स… आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… कहते हुए मम्मी की गाण्ड में झड़ गये.
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पर आज जो ख़ास था वो ये था की मम्मी पलटी और अपनी ही चूत में उंगली करके, बुरी तरह मसलने लगीं.
साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.
अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.
मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.
अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.
सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.
इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.
पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.
अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.
मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…
अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गाण्ड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गाण्ड में उतार दिया.
मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…
मम्मी की गाण्ड, अब दुबारा चुद रही थी.
और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.
अंकल – महक…
मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…
अंकल – तुझे एक बात कहूँ…
मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…
अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…
मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…
अंकल – तब तेरी मटकती गाण्ड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गाण्ड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.
मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…
मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.
अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…
मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…
अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…
मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…
अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…
मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.
उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.
अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.
अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.
मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.
उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…
मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.
अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.
मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.
साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.
मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…
मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गाण्ड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.
2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.
मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.
लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गाण्ड फाड़ रही हैं.
लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.
उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.
यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.
अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.
उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.
अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.
खैर, यहाँ अब मम्मी की गाण्ड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.
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Bhai isme family sex Ko mat dalo please uncle se hi ghar ki saari aurton aur bahu aur larkyion chudai karwaoo ISS kahani me masala bad jayega.....very erotic update keep it up storie.....
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