04-04-2019, 12:19 PM
Mahek
Adultery मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल
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04-04-2019, 12:27 PM
मेरा नाम प्रणव है और आज मैं आप सबको, एक “सच्ची कहानी” बताने जा रहा हूँ।।
कहानी वैसे तो आज से कुछ साल पहले की है पर यक़ीनन, आपको मज़ा आएगा।। कहानी शुरू करने से पहले, मैं आप सबको अपने परिवार के बारे में बता दूँ।। मेरे परिवार में 4 लोग हैं – मैं, मेरे पापा, मेरी मम्मी और मेरी बड़ी बहन यानी मेरी दीदी।। मेरी बहन, दूसरे शहर में रह कर पढ़ाई कर रही है।। मेरे पापा, एक मल्टी नेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी में “प्रोजेक्ट मैनेजर” हैं और ज़्यादातर बाहर ही रहते हैं।। उनकी कंपनी के सभी क्लाइंट्स, अनुमन “विदेशी” ही रहते हैं इसलिए बमुश्किल वो साल में एक बार या कभी कभी 2 बार ही घर पर लंबे समय के लिए आ पाते हैं।। घर पर ज़्यादातर, मैं और मेरी मम्मी अकेले ही रहते हैं।। अब बात मेरी मम्मी की।। उनका नाम – महक है। सच कहूँ दोस्तो तो वाकई मेरी मम्मी देखने में बहुत सुन्दर है। उनका रंग बिल्कुल गोरा है और मेरी मम्मी का फिगर बहुत अच्छा है। उनकी गाण्ड थोड़ी बड़ी है पर चुचे बिल्कुल आकार लिए हुए हैं। पेट सपाट और बाल लंबे हैं। दोस्तो, यूँ तो उनकी उम्र भी ज़्यादा नहीं है।। असल में, मेरे मम्मी और पापा ने साथ में एक ही कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी।। दोनों उस दौरान ही प्यार में पड़ गये थे और कॉलेज ख़तम होते होते, मेरी बड़ी बहन मम्मी के गर्भ में थी।। पापा की नौकरी लगने से पहले ही, दोनों की शादी हो चुकी थी।। खैर.. ! कम उम्र में माँ बनने का सदमा हो या शुरू में ज़्यादातर पापा के साथ विदेश में रहने का, पर ये बात तो है की वो अपने फिगर को और अपने आपको काफ़ी फिट रखती हैं।। अब आते हैं, कहानी पर.. ! .. ! उस वक़्त, जब मैं जब काफ़ी छोटा था तब बराबर अपनी मम्मी के साथ बाहर जाता था।। मैंने कई बार देखा है, अंकल लोगों को मेरी मम्मी के बदन को घूर घूर के देखते हुए।। वैसे सच कहूँ तो अब समझ आता है, वो लोग ऐसा क्यों करते थे क्यूंकि ज़्यादातर जवानी विदेश में बिताने के कारण, मेरी मम्मी ऐसे कपड़े पहनती थीं की कोई भी मर्द पागल हो जाए।। उनका स्कर्ट ऐसा होता था की अगर किसी वजह से नीचे झुकना पड़े तो उनकी पैंटी दिखने लगती थी।। उनकी गोरी जांघें तो हमेशा, उनकी स्कर्ट से साफ दिखती रहती थीं।। यूँ तो मेरी मम्मी साड़ी बहुत ही कम पहनती हैं पर मेरी मम्मी के जो ब्लाउज हैं, बहुत ही कसे हुए रहते हैं जिनसे उनके “चुचे की घाटी” साफ दिखती रहती है।। कम उम्र में ही शादी होने और माँ बनने से, उनको अपने आप को जवान और कमसिन दिखाने का कुछ ज़्यादा ही शौक है।। हाँ तो अब मैं आप सबको अपनी कहानी पर ले आता हूँ। मेरा एक बचपन का एक दोस्त है – श्लोक।। श्लोक मेरे ही मोहल्ले में रहता है और उसके पापा, एक बिल्डर हैं।। बल्कि मैं जिस अपार्टमेंट में रहता हूँ, वो भी उन्हीं का बनाया हुआ है।। श्लोक के पापा, बहुत “लंबे चौड़े” हैं। देखने में, बहुत ही स्मार्ट और अच्छे हैं। लगभग 6 फीट लंबाई है और उन्होंने बॉडी बनाई हुई है (मतलब कसरती जिस्म है)। अंकल, अपने कॉलेज में बॉक्सिंग किया करते थे सो बिल्कुल फिट आदमी हैं।। अंकल, मेरी मम्मी और पापा को बहुत अच्छे से जानते हैं क्यूंकि फ्लैट लेने के समय बराबर उनसे मुलाकात होती थी।। पापा के काम की वजह से, खास तौर से मम्मी से क्यूंकि मम्मी हफ्ते में एक दो बार ज़रूर देखने आती थीं की फ्लैट का काम कितना आगे बढ़ा है।। पापा कभी कभी, यानी एक दो बार मम्मी के साथ आते थे।। इधर, मैं और श्लोक एक ही कॉलेज में थे सो हमारा बराबर घर आना जाना था।। कभी वो मेरे घर, कभी मैं उसके घर।। कई बार ऐसा होता था की बस स्टॉप पर अंकल, श्लोक को छोड़ने आते थे और मम्मी मुझे।। वहाँ भी, दोनों की बातें होती थीं।। चूँकि उस वक़्त, हम काफ़ी छोटे थे और मैं और श्लोक आपस में ही बिज़ी रहते थे सो ज़यादा नहीं बता सकता की क्या बातें होती थीं और वैसे भी दोस्तो, उस उम्र में बड़ों की बातें कहाँ समझ आती हैं।। हाँ पर जैसे जैसे बड़ा हुआ, इतना समझ आता गया की अंकल मेरी मम्मी की गाण्ड और चुचे को देखते रहते हैं।। मम्मी के टॉप या उनके ब्लाउज में, उनकी “घाटी” दिखती रहती थीं और अंकल कई बार उनकी घाटी को देखते थे।। मैंने कई बार मम्मी को अपने चुचे ढकते हुए देखा है, अंकल के सामने।। अब मैं आप सबको, एक “वार्तालाप” बताने जा रहा हूँ।। ये वार्तालाप अंकल का है, जो वो उनके दोस्तो के साथ कर रहे थे।। उर्मी आंटी (श्लोक की मम्मी) अपने मायके गई थीं क्यूंकी श्लोक की नानी की तबीयत खराब थी।। मैं श्लोक के यहाँ गया हुआ था।। मैं और श्लोक, अपने होम वर्क पर काम कर रहे थे और अंकल आ चुके थे।।
04-04-2019, 12:36 PM
रात के 8 बज रहे थे और अंकल अपने 2 दोस्तो के साथ, बैठ के शराब पी रहे थे।।
हंसने की आवाज़, अंदर के कमरे तक आ रही थी।। लगभग 9 बजे, मैंने श्लोक से कहा – भाई, अब मैं चलता हूँ.. ! काफ़ी देर हो गई है.. ! श्लोक ने भी कहा – हाँ भाई.. ! तू जा.. ! अब कल कॉलेज में मिलते हैं और वहीं पूरा करेंगे, अपना काम.. ! जाते वक़्त, अंकल ने मुझे देखा और कहा – प्रणव बेटे, यहाँ आना.. ! मैं अंदर चला गया।। अंकल ने कहा – बेटा, श्लोक को ज़रा बुला देना.. ! उनके कमरे से दारू की भयंकर महक आ रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था की वहीं, मैं उल्टी कर दूँगा।। मैंने अंकल से कहा – अंकल, कुछ काम है तो बोलिए.. ! मैं कर देता हूँ.. ! तभी अचनाक से एक दूसरे अंकल ने श्लोक के पापा से पूछा – यही है, उसका सपूत.. ! अंकल ने सिर हिलाते हुए कहा – हाँ, यार.. ! अंकल ने मुझे फ्रिज से बर्फ लाने को कहा और मैंने उन्हें बर्फ ला कर दे दिया।। पर काफ़ी देर, मैं सोचता रहा की आख़िर क्या बात थी।। उस आदमी ने ऐसा क्यों कहा की यही है, क्यूंकि मैं तो मैं उनसे आज तक मिला नहीं हूँ.. ! सोचते सोचते, मैं बाहर की तरफ निकल गया और खिड़की से चुपके से उनकी बातें सुनने लगा।। उन्हीं अंकल ने फिर से कहा – ये लड़का, तेरे बेटे का दोस्त है क्या.. ! अंकल ने (श्लोक के पापा ने) कहा – हाँ, दोनों एक ही क्लास में हैं.. ! उस आदमी ने कहा – फिर, तू इतना क्यों सोच रहा है.. ! जा के चोद डाल उसे.. ! इसमें कोई मुश्किल नहीं है.. ! श्लोक के पापा ने कहा – हाँ यार सोचता हूँ, लेकिन साली नहीं मानी तो.. ! उस आदमी ने कहा – देख, उसका पति तो बाहर रहता है और तू जैसा बता रहा है उसके बारे में, वो पक्का “छमिया” है.. ! मुझे लगता है, एक मिनट नहीं लगेगा, ऐसी औरत की टांग खोलने में.. ! और यार, भाभी भी नहीं हैं.. ! देख, जिस औरत का मर्द बाहर रहता है, होता नहीं है या अकेली औरत को, चोदना बहुत आसान होता है.. ! शुरू में नाटक करती हैं पर फिर भड़ाभड़ लण्ड पर कूदती है.. ! सोच मत यार, चोद डाल उसको और मन और लण्ड को शांत कर ले.. ! कितने दिन से उसके बारे में सोच रहा है.. ! श्लोक के पापा ने कहा – यार, कह तो तू सच रहा है.. ! अब बर्दशात नहीं होता.. ! कभी कभी तो मन करता है, उठा के ले आता हूँ, रांड़ को.. ! यार चुचे की घटियाँ, दिखा दिखा कर और गाण्ड मटका मटका के पागल कर रखा है.. ! उसे तो चोदना ही है हर हाल में, चाहे कुछ भी हो.. ! मैं उसे चोद के ही रहूँगा चाहे खुशी से माने या ज़बरदस्ती ही क्यूँ ना करनी पड़े.. ! और अंकल ने शराब का एक पैग लगाया।। फिर उस आदमी ने कहा – भाई, लेकिन अपना काम होने के बाद हमें मत भूल जाना.. ! इस मामले में तो हम कुत्ते हैं, तेरी झूठन भी खा लेंगे.. ! और, सब ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।। मैं समझ गया की मेरी “मम्मी की इज़्ज़त” ख़तरे में है।। मैं ये बात श्लोक को बताना चाहता था पर मैं जानता था की श्लोक कभी नहीं मानेगा, मेरी बात.. ! एक तो अंकल उसके पापा हैं और अपनी बात को मैं कैसे साबित करूँगा।। कुछ दिन, ऐसे ही बीत गये और अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के करीब आने लगे।। मैं कुछ नहीं कर सकता था, उस समय क्यूंकि मैं कैसे जाकर मम्मी को ये सब बताता की अंकल की नियत क्या है और वो किस नियत से उनसे इतना दोस्ताना व्यावहार कर रहे हैं।। सच कहूँ तो मुझे इतना मालूम था की हर मर्द की नियत, अकेली औरत के लिए खराब रहती है और अगर मेरी मम्मी उन्हें लिफ्ट नहीं देंगी तो वो मम्मी को कभी नहीं चोद पाएँगे।। लेकिन क्या, मैं अपनी मम्मी के बारे में सही था.. ! .. ! अब मैं आपको उस दिन की कहानी सुनने जा रहा हूँ, जिस दिन मैंने अपने दोस्त के पापा को, मेरी मम्मी को चोदते हुए देख लिया।। 31 दिसम्बर की रात थी।। अंकल ने पार्टी रखी हुई थी।। जिसमें, हम सब आमंत्रित थे।। नाच गाना, चल रहा था।। मुझे आज भी याद है, मेरी मम्मी ने उस दिन “गुलाबी साड़ी” पहन रखी थी।।
04-04-2019, 12:40 PM
होनी देखिए की जैसे ही हम निकले, हमने देखा की हमारी कार पंक्चर खड़ी है।।
और तो और, उस दिन बारिश या कहिए बूंदा बांदी हो रही थी और मम्मी और मैं मजबूरन स्कूटी से गये।। मम्मी के पास, रेनकोट नहीं था क्यूंकी वो बिना कार के कहीं जाती ही नहीं थीं।। लाज़मी है की जाते ही समय, थोड़ा सा मम्मी भीग गई थीं।। सामने से मेरी मम्मी का ब्लाउज इतना तो भीग ही गया था की उनके चुचे अच्छे से आकर में दिख रहे थे।। अंकल और आंटी ने हमारा स्वागत किया।। इधर, अंकल उसी गंदी नज़र से मेरी मम्मी को देख रहे थे और सबसे बड़ी बात ये थी की अंकल के वो दोस्त जिन्हें मैंने उस दिन अंकल के घर में देखा था वो भी थे।। सब मेरी मम्मी को ही देख रहे थे।। मुझे कुछ ग़लत लग रहा था की यहाँ सब ठीक नहीं है क्यूंकि अंकल ने पार्टी दी थी और यहाँ हमारी सोसाइटी का एक भी बंदा नहीं था।। पूरी बिल्डिंग में से केवल, हम ही यहाँ थे।। लेकिन मैंने ये सोचा की शायद, ये मेरे मन का वेहम होगा।। ऐसा कुछ नहीं होगा।। और वैसे भी आज तो आंटी यानी श्लोक की मम्मी भी यहाँ पर थीं।। एक बात ये भी थी की अब तक मैंने मम्मी को ऐसा कुछ करते हुए नहीं देखा था, अंकल के साथ जिससे ये लगे की मम्मी उन्हें अपने लटके झटके दिखा रही है या फिर खुद उनकी तरफ आकर्षित हैं।। कुछ देर में, मैं सामान्य हो गया और मैं पार्टी का आनंद लेने लगा।। आंटी दूसरे मेहमानों के साथ व्यसत थीं और मैं और मम्मी कुर्सी पर बैठे हुए थे तभी अंकल हमारे पास आए और मुझसे कहा – प्रणव, तुम जाकर श्लोक के साथ पार्टी एंजाय करो.. ! मैंने कहा – नहीं अंकल.. ! मैं यहीं ठीक हूँ.. ! मम्मी के साथ.. ! अंकल भी वहीं बैठ गये और बातों बातों में मुझसे एक दो बार और कहा, चले जाने को.. ! अंकल को बोलता देख, मम्मी ने भी मुझसे कहा – कोई बात नहीं, बेटा.. ! तुम जाओ और एंजाय करो पार्टी, अपने दोस्त के साथ.. ! जाओ जाकर खेलो.. ! क्या करता, मैं वहाँ से चला गया और दूर से देखने लगा।। अंकल मम्मी से बातें कर रहे थे और बीच बीच में, दोनों हंस रहे थे।। ऐसा लग रहा था, जैसे अंकल मम्मी के कानों के तरफ इशारा कर रहे हों क्यूंकि मम्मी बीच बीच में, अपने बाल पर हाथ फेर रही थीं।। मैंने देखा वही आदमी जो उस समय अंकल से मम्मी को चोद देने की बात कर रहा था, वो ड्रिंक्स लेके आया और अंकल ने मम्मी को उससे इंट्रोड्यूस कराया।। मम्मी ने शायद कहा – मैं नहीं पीती.. ! अंकल ने थोड़ा ज़ोर दिया लेकिन, शायद मम्मी ने फिर भी मना कर दिया तो अंकल ने अपना ग्लास उठा लिया।। अब मम्मी, दूसरी तरफ देख रही थीं।। मैंने अंकल की तरफ देखा, उन्होंने सिर हिलाते हुए इशारे में कुछ कहा और वो आदमी वहाँ से चला गया।। कुछ ही देर में वो एक ग्लास लाया, उसमें कोल्ड्रींक थी।। अंकल ने अपने हाथ से ग्लास उठा के मेरी मम्मी को दिया और मम्मी ने ले लिया।।
04-04-2019, 02:29 PM
लगभग, एक घंटा हो गया था।।
श्लोक की मम्मी आईं और अंकल से कहा – अब ख़तम करते हैं, पार्टी.. ! बारिश का समय है.. ! अंकल ने कहा – डार्लिंग, इतनी जल्दी क्या है.. ! आंटी ने कहा – मुझे तो निंद आ रही हे ! आपका क्या है, आप तो पीते रहोगे.. ! इस पर अंकल ने कहा – ठीक है.. ! एक काम करो, तुम लोग जाओ.. ! मैं थोड़ी देर से आता हूँ.. ! और, अपने दोस्त को कहा की वो आंटी और श्लोक को लेके चले जाए।। जाते जाते, अंकल ने आंटी से कहा – उन्हें, आने मे देर हो जाएगी तो वो उनका इंतेज़ार ना करें और सो जाएँ.. ! आंटी ने भी कहा – ठीक है.. ! और अंकल से पूछा की उनके पास दूसरी चाभी तो है ना.. ! अंकल ने कहा – जानू, तुम बिल्कुल चिंता मत करो.. ! आराम से घर जाओ.. ! और अंकल ने अपने दोस्त को इशारा किया।। वो आंटी और श्लोक को लेकर निकल गया।। कुछ ही देर में, धीरे धीरे करके सब निकलने लगे।। मुझे लगा, शायद अभी बहुत देर हो रही है।। सो मैं मम्मी के पास गया और उनसे कहा – मम्मी, चलो अब निकलते है.. ! अंकल ने मुझसे कहा – प्रणव, बेटा अभी क्यों जाना है.. ! मैंने कहा – अंकल अब लेट हो रहा है.. ! और, मैंने मम्मी से कहा की वो चलें क्यूंकि मुझे समझ आ रहा था की आज इन लोगों ने पूरा प्लान बना रखा है.. ! सिर्फ़ और सिर्फ़, मम्मी को चोदने के लिए ये पार्टी दी गई है।। जैसे ही मेरी मम्मी खड़ी हुईं वो शायद ज़मीन पर गिर गईं।। ओह!! तो मम्मी को इन लोगों ने शराब पिलाई थी।। जब मैंने ग्लास स्मेल किया तब समझ में आया, ये कोल्ड ड्रिंक नहीं बल्कि इसमें शराब थी।। अंकल तो नशे में आ ही गये थे।। मैंने अंकल से कहा – आपने मम्मी को शराब क्यों पिलाई है.. ! जब की आप जानते हैं, वो नहीं पीती.. ! अंकल ने मुझसे कहा – प्रणव, तुम्हारी मम्मी कोई बच्ची नहीं है.. ! देख नहीं रहे हो, वो कितना एंजाय कर रही हैं.. ! अंकल ने मुझसे कहा – प्रणव, तुम्हारी मम्मी स्कूटी नहीं चला पाएगीं.. ! तुम चला के ले जाओ और मैं इन्हे कार में छोड़ दूँगा.. ! मैंने कहा – अंकल, मेरे पास लाइसेंस नहीं है.. ! अंकल ने कहा – अच्छा, ऐसे गाड़ी में घूमते रहते हो श्लोक के साथ, मिल के.. ! और आज, लाइसेंस नहीं है.. ! एक बार मैं और श्लोक, बिना लाइसेन्स के पकड़े गये थे तब अंकल ने ही आकर हमें छुड़ाया था।। फिर, उनके दोस्त भी मुझ पर प्रेशर बनाने लगे और आख़िर मुझे वहाँ से निकलना पड़ा।। मैं पार्किंग में खड़ा था और इंतेज़ार कर रहा था की वो लोग आएँ और मैं कार के पीछे पीछे घर तक जाऊं।। तब तक धीरे धीरे, बारिश होने लगी।। थोड़ी देर बाद, मैं दरवाज़े के पास जाकर देखने लगा की वो लोग क्यों नहीं आए हैं।। मैंने देखा, अंकल और उनके साथ उनके एक दोस्त भी थे।। अंकल ने मेरी मम्मी को उनके कंधे पर से सहारा दिया हुआ था और ला रहे थे।। मम्मी, पूरी तरह से बहक चुकी थीं।। सब कार में बैठ के निकल पड़े।। मैं उनके पीछे पीछे था।। अंकल ने मुझे नहीं देखा था।। कुछ दूर जाने के बाद, कार ने दूसरा मोड़ ले लिया।। अब मेरा शक, यकीन में बदल गया और मैं उनके पीछे निकल पड़ा।। वो कार उसी आदमी के घर जाके रुकी, जो अंकल के साथ था।। अंकल ने मम्मी को कार से निकाला और घर के अंदर ले गये।। मैं किसी तरह कर के अंदर दाखिल हुआ।। शुक्र है भगवान का की वहाँ कोई कुत्ता नहीं था नहीं तो आज मैं आप सबको जो बता रहा हूँ, शायद नहीं बता पता।। अंदर जाने के बाद, मैंने दरवाज़े पर हल्का धक्का दिया।। दरवाज़ा बंद था।। और थोड़ी सी खुली खिड़की से बस इतना दिख रहा था की अंकल ने मम्मी को गोद में उठाया हुआ है और अपने साथ एक कमरे में लेके जा रहे हैं।। वो दूसरा आदमी सोफे पर बैठ गया और शराब की बोतल लेकर, ड्रिंक करने लगा।। मैं दूसरी तरफ जाते हुए, खिड़की के पास गया।। यहाँ से मुझे बिस्तर साफ दिख रहा था।। अंकल ने पहले मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया।। मम्मी, अब पूरे नशे में थीं।। उनकी आँखें नहीं खुल रही थीं।। अंकल के कुछ देर घूर के उनके बदन को देखा, उसके बाद वो रूम से बाहर निकल गये और दरवाज़े को सटा दिया।।
04-04-2019, 02:42 PM
मैं वापस मुख्य दरवाज़े के पास, उस खिड़की से देखने लगा।।
अंकल आकर उस आदमी के पास बैठ गये और एक ग्लास में शराब भर के पीने लगे।। अंकल ने अपने दोस्त से पूछा – यार, कॉन्डम है.. ! उनके दोस्त ने कहा – नहीं यार.. ! फिर उनके दोस्त ने कहा – तेरे पास तो रहता है, ना.. ! अंकल ने कहा – है, पर एक ही है यार.. ! 4 – 5 तो चाहिए ना.. ! उनके दोस्त ने कहा – साले, तू बहुत कमीना है.. ! लगता है, आज सोने का इरादा नहीं है तेरा.. ! फाड़ मत दियो, भाई.. ! और ये कह के दोनों हंसने लगे।। दारू ख़तम कर के वो दोनों वहाँ से उठ गये और रूम की तरफ जाने लगे।। मैं दूसरी तरफ आ के देखने लगा।। अंकल रूम में आ गये और उन्होंने दरवाज़े बंद कर दिया।। फिर, वो बिस्तर की तरफ बढ़ने लगे।। तब तक उनके मोबाइल पर फोन आया।। अंकल ने फोन उठाया।। अंकल ने कहा – तुम सो जाओ.. ! मैं कल आ जाऊंगा.. ! बारिश में फँस गया हूँ.. ! यहीं अपने दोस्त के यहाँ, रुक गया हूँ.. ! सब यहीं हैं.. ! दारू पी रहे हैं, सब.. ! और अंकल ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।। मैं समझ गया, आंटी का फोन है।। फिर, मुझे उनके फोन से आवाज़ आई जो “स्विच ऑफ” करते वक़्त आती है।। फिर उन्होंने, मोबाइल को टेबल पर रख दिया।। उसके बाद अपनी शर्ट और बनियान उतार के टेबल के पास पड़ी कुर्सी पर रख दी।। ये बात तो है की अंकल के “मसल्स” बहुत जबरदस्त थे।। तब तक मैंने देखा मम्मी उठ गईं और अंकल को इस तरह देख के थोड़ी घबरा सी गईं।। अंकल ने कहा – आप डरो मत.. ! मैं हूँ.. ! बारिश हो रही थी और आपकी तबीयत भी ठीक नहीं लग रही थी इसीलिए मैं आपको यहाँ लेके आया हूँ.. ! सुबह होते ही, मैं आपको आपके घर छोड़ दूँगा.. ! मम्मी ने मेरे बारे मे पूछा तो अंकल ने कहा – मैंने उसे घर भेज दिया है.. ! अब तक तो पहुँच भी गया होगा.. ! और, इतना कह कर मम्मी के बगल में आकर बैठ गये।। मम्मी थोड़ी सी सहमी हुई सी, लग रही थीं।। उन्होंने अंकल से पूछा – आपने दरवाज़े क्यों बंद कर रखा है.. ! अंकल ने हंसते हुए कहा – ताकि आज हमें कोई परेशान ना करे.. ! और, ये कह के मम्मी को गले से लगा लिया।। अचानक अंकल ने उनके होंठों पर एक किस कर दिया।। मम्मी ने अंकल को धक्का देते हुए पीछे किया और कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप.. ! आपको शरम आनी चाहिए.. ! मैं शादीशुदा हूँ और दो बच्चों की माँ हूँ.. ! सच कहूँ तो अंकल उस समय बड़ी आसानी से जो चाहते, मेरी मम्मी के साथ कर सकते थे।। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।। उन्होंने बड़े प्यार से मेरी मम्मी से बात करनी शुरू की – महक जी, आप बहुत खूबसूरत हैं.. ! मैं बहुत दिनों से आपसे ये बात कहना चाहता था पर कह नहीं सका.. ! जब आपको पहली बार देखा था, आपके पति के साथ तब से आपके बारे में सोचता रहता हूँ.. ! अब आप ही बताइए, आप शादीशुदा हैं इसमें मेरी क्या ग़लती है.. ! वैसे सच बात तो ये है महक जी, मैं जानता हूँ की कहीं ना कहीं, आप मुझे पसंद करती हैं.. ! बस आप शादीशुदा हैं इसीलिए आप नहीं कह पा रही हैं.. ! हैं ना.. ! मम्मी ने कहा – प्लीज़ भाई साब.. ! बस कीजिए.. ! अब अंकल मम्मी के करीब आ गये और उन्हें गले से लगाया।। फिर उन्होंने कहा – देखिए महक जी, किसी को कुछ नहीं मालूम चलेगा.. ! यहाँ कोई नहीं है, आपके और मेरे अलावा.. ! मेरा भरोसा कीजिए.. ! मैं आपको कभी बदनाम नहीं होने दूँगा.. ! और, ये कहते हुए अंकल ने मम्मी के होंठों को अपने होंठों में फँसा लिया।। वो अब मेरी मम्मी को चूमने लगे।। मम्मी पूरी तरह से “नशे” में क़ैद थीं।। उनसे हिला भी नहीं जा रहा था।। अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ रखे थे और उनके होंठ चूसे जा रहे थे।। असल में, शायद मम्मी को भी मज़ा आ रहा था क्यूंकि वो अंकल का पूरा साथ दे रही थीं या हो सकता है, “शराब का नशा” उनसे ये सब करा रहा था।। आज उन्हें देखे कर लग रहा था की पापा का यहाँ ना होना कितना ग़लत है।। अपने जीवन मे पहली बार, मुझे पापा की कमी का एहसास हुआ।।
04-04-2019, 02:48 PM
आज वो यहाँ होते तो अभी उन्हें बुलाकर, अंकल की पिटाई लगवाता और मम्मी की इज़्ज़त बचा लेता।।
इज़्ज़त बचा लेता ?? माफ़ कीजिएगा।। मेरी मम्मी तो यहाँ बिना किसी विरोध के, अंकल को अपनी इज़्ज़त गिफ्ट में दे रहीं थीं।। मुझे बड़ा दुख हुआ की मम्मी ने “एक छोटे से डायलोग” के सिवा, ज़्यादा कुछ भी नहीं किया।। उसी पल मुझे समझ आ गया, औरत को अकेले छोड़ना यानी उसको “रंडी” बनाना।। सिर्फ़ ये सोच कर की वो मेरी मम्मी हैं, मुझे विश्वास ही नहीं होता था की वो “छमिया” हैं जाहिर है पापा ने भी मेरी तरह ही सोचा होगा की मेरी पत्नी ऐसी नहीं है।। पर मम्मी हो या पत्नी, हैं तो पहले वो एक “औरत”।। खैर.. ! अंकल ने मम्मी की साड़ी उनके कमर तक कर दी और उनकी दोनों टाँगें खोल के अपने गोद में बिठा लिया और किस करने लगे।। कभी ऊपर के लिप्स, कभी नीचे के।। कभी मम्मी अपनी जीभ बाहर निकालती और अंकल उसे चूसते और कभी अंकल जीभ निकालते और मम्मी उसे चूसती।। बीच बीच में, वो मम्मी के गालों को चाटते थे।। अंकल ने अपने दोनों हाथ से मम्मी के चूतड़ पकड़ रखे थे और उसे मसल रहे थे।। मम्मी ने नीली पैंटी पहन रखी थी।। फिर अंकल ने मम्मी की पैंटी के अंदर, अपनी हथेली को घुसा दिया और उनकी गाण्ड के छेद को रगड़ने लगे।। मम्मी बीच बीच में अपने हाथ को पीछे ले जाकर, अंकल के हाथ को हटाने की कोशिश करती थीं।। पर, अंकल ने हाथ नहीं निकाला।। मुझे ऐसा लग रहा था की अंकल ने मम्मी की गाण्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा दी है।। उनके मम्मी को किस करने की – पुच पुच मुआः पुच पुच मुआः पुच पुच मुआः की आवाज़ आ रही थी।। फिर अंकल ने अपने सिर को झुकाते हुए, ब्लाउज के ऊपर से मेरी मम्मी के चुचे पर अपना मुंह रख दिया और थोड़ा रुक कर स्मेल किया और फिर उनकी छाती चूमने लगे।। कुछ देर बेतहाशा चूमने के बाद, पहले अंकल ने मम्मी के ब्लाउज का हुक खोल दिया और फिर झटके से ब्लाउज उनके बदन से निकाल दिया।। फिर, अंकल ने मम्मी की ब्लाउज को सूँघा और खुश्बू लेकर ज़मीन पर फेंक दिया।। मम्मी ने जो ब्रा पहन रखी थी और बिल्कुल पैंटी से मिलती हुई थी और एक दम “पारदर्शी” थी।। अंकल ने ब्रा का हुक खोल के ब्रा उनके बदन से अलग कर दिया।। अब मम्मी के नंगे दूध, उनके और मेरे सामने थे।। मैंने देखा अंकल के मुंह से एक आवाज़ निकली – उनमह इयाः महक जी, क्या चुचे हैं आपके.. ! क्या किस्मत पाई है, आपके पति ने.. ! पर आज ये मेरे हैं.. ! कहते हुए, उन्होंने मम्मी के सीधे चुचे को पकड़ लिया और उनके निप्पल को अपने मुंह मे लेके चूसने लगे।। मम्मी – आ आ आहह.. ! अहह.. ! आ आ अहह.. ! इस्स.. ! की सिसकारियाँ लेने लगीं और उन्होंने अपने हाथ को पीछे करके अंकल के सिर को पकड़ लिया।। अंकल बीच बीच में, मेरी मम्मी के कांख में अपनी नाक घुसा के सूंघते थे और अपने जीभ से चाटते थे।। अब पहली बार, मम्मी ने कहा – उनमह.. ! अब बस कीजिए.. ! आ अहह.. ! प्लीज़.. ! इसस्स.. !
04-04-2019, 02:59 PM
अंकल ने कहा – महक जी, इतने दिन के बाद आप मिली हैं, आज मुझे.. ! इतनी जल्दी, कैसे छोड दूँ.. ! आज रात को आप यही रहेंगी, मेरे साथ.. ! आज तो आपके जिस्म को निचोड़ निचोड़ के पियूँगा.. ! और कहते कहते, मेरी मम्मी के चुचे चूसने लगे।।
साफ दिख रहा था, मम्मी से कंट्रोल नहीं हो रहा था।। मुझे लगता है के पापा के जाने के बाद से, वो नहीं चुदी थीं।। अंकल ने अब मम्मी की साड़ी पूरी निकाल दी और ज़मीन पर फेंक दी।। मम्मी अब बिना किसी विरोध के, उनके सामने बेशरम की तरह बैठीं हुईं थीं।। फिर अंकल ने अपनी पैंट निकाल दी और अंडर वियर खींच कर उतार दी और मेरी मम्मी के सामने, खड़े हो गये।। मम्मी और मेरी भी आँखें फटी की फटी रह गई क्यूंकि अंकल का लण्ड, कम से कम “8-9 इंच” लंबा था और बहुत मोटा था।। अंकल अब बिस्तर पर बैठ गये और मेरी मम्मी ज़मीन पर घुटनों के बल, बैठ गईं।। वो ऊपर से पूरी “नंगी” थीं।। उन्होंने अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।। उसके थोड़ी देर बाद, मम्मी ने उनके लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं।। पहले शुरू में, अंकल के लण्ड के थोड़ा हिस्सा मम्मी के मुंह में जा रहा था पर जब अंकल ने मम्मी के बाल पीछे से पकड़े और हल्का ज़ोर दिया तो पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में चला गया।। अंकल मम्मी के बाल पकड़ते हुए, अपना पूरा लण्ड उनकी मुंह में घुसाने लगे।। मम्मी के मुंह से – उःम ह्म्म्म ह्म्मह उःमह.. ! की आवाज़ आ रही थी.. ! और, अंकल के मुंह से – आ आ अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ आने लगी।। फिर, अंकल ने मम्मी से कहा – वाह!! महक जी क्या चूसती हो, आप लण्ड.. ! आज तक किसी रंडी ने भी, मेरा लण्ड ऐसे मस्ती से नहीं चूसा.. ! वाहह.. ! और फिर उन्होंने अपने लण्ड की चमड़ी को नीचे खींचा, जिससे उनका सुपाड़ा बाहर आ गया।। अब उन्होंने मम्मी से, उनके सुपाड़े को जीभ के छोर से चाटने को कहा।। मम्मी ने तुरंत ऐसा ही किया और उनके लण्ड के सुपाड़े को अपनी जीभ को चाटने लगीं।। कुछ ही देर में, मम्मी ने अंकल के “टट्टों” को भी अपने मुंह मे ले लिया और जी भर के चूसा।। मम्मी को देख कर, ऐसा लग रहा था की उनका लण्ड नहीं फाइव स्टार का बार है और उस पर जेम्स चिपकी हुईं हैं।। अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और वो बिस्तर पर ही बैठे हुए थे।। उन्होंने मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया, जिससे उनका पेटीकोट ज़मीन पर जा गिरा।। मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी, जिससे मैं ये साफ देख सकता था उनकी पैंटी पीछे से उनकी गाण्ड के छेद में घुसी हुई है (लड़कियों की भाषा में, इसे “थोंग” कहा जाता है।) मुझे ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था की मम्मी अपने साइज़ से भी थोड़ी छोटी, पैंटी और ब्रा पहनती हैं।। अंकल ने मम्मी को रोल करके घुमा दिया और अब मम्मी की गाण्ड, अंकल के तरफ थी।। अंकल ने मम्मी को थोड़ा झुकने को कहा और उनके गाण्ड का छेद अंकल के मुंह के सामने आ गया।। वो बिना पैंटी निकाले, अपनी नाक मम्मी की गाण्ड के छेद के पास ले गये और सूंघने लगे।। उन्होंने मम्मी को कमर से पकड़ रखा था और उनकी पैंटी के ऊपर से गाण्ड सूंघ रहे थे।। फिर, उन्होंने मम्मी की पैंटी खींच के जांघें तक कर दी और गाण्ड के छेद पर दो उंगलियाँ रख के फैला दिया और गाण्ड के छेद में, अपनी नाक रख के सूंघने लगे।। बीच बीच में वो, अपनी जीभ उनकी गाण्ड के छेद में डाल के उसे चाटने लगते और कभी अपनी नाक रख के सूंघने लगते।। अंकल ने मम्मी से कहा – महक, जब भी आपको मैं देखता था मन करता था आपकी ये “शानदार गाण्ड” मार लूँ.. ! मुझे तो यकीन ही नहीं था की कभी इसे नंगा देख सकूँगा.. ! आज मुझे मौका मिला है, आज अपने आप को मैं शांत करके रहूँगा.. ! और, ये कहते हुए उन्होंने मम्मी की पैंटी नीचे खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी उनके सामने पूरी “नंगी अवस्था” में खड़ी हो गईं।।
04-04-2019, 03:02 PM
अंकल ने अब मम्मी को बिस्तर के कोने में बिठा दिया और खुद घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और उनकी दोनों टांगें फैला दी और मम्मी की फुददी को निहारने लगे।।
दोस्तो, सच कहता हूँ उस समय मेरी मम्मी की फुददी “क्लीन शेव्ड” थी और उस पर एक भी बाल नहीं था।। अंकल तो बस मम्मी की फुददी देखते ही रह गये और अपने लण्ड को रगड़ने लगे।। फिर कुछ देर चूत को एक टक देखने के बाद, वो थोड़ा आगे होके मम्मी की फुददी चाटने लगे।। मम्मी ने अपनी दोनों जांघें पकड़ के अपनी टांगें फैला रखी थीं और – नही स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ अहह.. ! अहह.. ! उ ई ई ईई ईईई ई ई ईई ईईई.. ! माह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! कर रही थीं।। उनकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था।। अंकल अपनी जीभ मम्मी की फुददी के अंदर बाहर कर रहे थे और एक हाथ से, अपना लण्ड मसल रहे थे।। अब मम्मी से बर्दशात नहीं हो रहा था और वो पीछे हट गईं और अंकल से कहा – अब बस कीजिए.. ! मुझसे सहन नहीं हो रहा है.. ! अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।। मम्मी फिर से, बिस्तर के कोने मे आ गई।। अंकल ने मम्मी की टांगें फैला दी और अपनी जीभ उनकी फुददी में घुसा दी और चाटने लगे।। मम्मी ने कहा – भाई साब, अब बर्दाशत नहीं हो रहा है.. ! बस अब, अंदर डाल दीजिए.. ! अंकल ने कहा – महक जी, आप जिस चीज़ के लिए अभी तड़प रही हैं, मैंने उसका इंतज़ार 4 सालों से किया है.. ! थोड़ा तो इंतेज़ार कीजिए.. ! ऐसी फुददी मिलती कहाँ है.. ! सोलह साल की कुँवारी कली की तरह एकदम टाइट चूत और शादीशुदा औरत को तजुर्बा, एक साथ.. ! ना जाने कब से लण्ड अंदर नहीं घुसा है, इस फुददी में.. ! आज तो कुछ अलग ही मज़ा आएगा.. ! और, अंकल ने अपने उल्टे हाथ से मम्मी की फुददी फैला दी और अपनी दो उंगलियाँ अंदर घुसा दी।। फिर वो उनकी फुददी चाटते हुए, अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे।। मम्मी – आ आहह.. ! आ आहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ.. ! उंहम म म म ह ह ह ह इयाः करने लगीं।। वो तो अपने चुचे, अपने आप ही मसलने लगीं।। उन्होंने अपनी होंठों को अपने दातों से दबा दिया था और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी थीं।। कुछ देर ऐसे ही उंगली से मम्मी की चूत चोदने के बाद और चाटने के बाद, अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और उन्हें अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों पर बेतहाशा किस करने लगे।। फिर अंकल अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।। मुझे तो लग रहा था की इतनी ज़ोर ज़ोर से दबाने पर, मम्मी चीख पड़ेंगीं पर मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रही थीं।। थोड़ी देर मम्मी के दूध जी भर के दबाने के बाद, अंकल मम्मी को बिस्तर पर ले गये और मैं समझ गया, अंकल अब मेरी मम्मी को चोदने वाले हैं।। तो दोस्तो, मेरी माँ चुदने वाली थी।। पलंग पर जाकर, वो लेट गये और मम्मी अपनी दोनों टांगों को अंकल के इधर उधर करके खड़ी हो गईं और “सू सू करने वाले स्टाइल” में बैठ गईं और अपने एक हाथ से मेरे दोस्त के पापा के लण्ड को पकड़ के, अपनी फुददी में लगाया और थोड़ा नीचे की तरफ हो गईं।। उनके मुंह से बड़ी ज़ोर से – इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आह माह म्मह.. ! निकाला।। मैंने देखा अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, मेरी मम्मी की फुददी के अंदर चला गया था।। मम्मी एक और बार बैठीं और उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी में समा गया।। इस बार, मम्मी और ज़ोर से चीखीं – नहीं स स स स स स स स स स स स.. ! आ हा आ माह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – पूरा बैठ.. ! अभी गया नहीं है.. !
04-04-2019, 03:06 PM
मम्मी ने कहा – भाई साब.. ! आपका बहुत बड़ा है, नहीं जा रहा है.. ! तरस खाओ, कम से कम साल भर बाद चुद रही हूँ.. ! और अंकल के पेट पर अपना हाथ रख दिया और धीरे धीरे ऊपर नीचे बैठने लगी।।
अंकल का आधा लण्ड, धीरे धीरे मम्मी की फुददी के अंदर बाहर होने लगा।। अंकल के मुंह से – आ आ आ आहह.. ! आ आ अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ आ रही थी।। मम्मी लगातार, ऊपर नीचे हो रही थीं और अंकल से चुद रही थीं।। और.. ! अंकल मेरे सामने, मेरी “माँ” चोद रहे थे।। चूत मरवाते हुए, उनके चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे।। अंकल बीच बीच में मम्मी के चुचे, अपने हाथ से पकड़ ले रहे थे और मसल दे रहे थे।। अचानक, मैंने देखा की अंकल का लण्ड फिसल गया और मम्मी की फुददी से बाहर आ गया और मम्मी लड़खड़ा कर, अंकल के पेट पर आ गईं।। शायद मम्मी, ज़यादा “नशे” में थीं।। अब अंकल मम्मी के बाल पकड़ कर, उन्हें अपने होंठों के पास लाए और उनके लिप्स पर किस किया और अपने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ के मेरी मम्मी के फुददी के ऊपर रखा और फिर दोनों हाथ लपेट कर उनके कमर को पकड़ लिया।। उन्होंने अपने घुटने मोड़ के थोड़ा ऊपर होते हुए एक धक्का मारा, मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ अहह.. ! नही स स स स स स स स स स स स.. ! निकली।। अंकल का पूरा 9 इंच का लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी मे समा चुका था।। अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला और देखा तो उसमें थोड़ा सा खून लगा था।। एक और धक्का मारा और धीरे धीरे, अपनी कमर ऊपर की तरफ उठाते हुए अपना लण्ड मेरी मम्मी के फुददी में घुसा के उन्हें चोदने लगे।। मम्मी – आ अहह आ आहह ओई ई ईई उफ फ फ फ फफ्फ़ उफफ फफ फफ्फ़ आ आ अहह आ अ हहा ओई ईई औहह औहह माआ आअ हम ममम नाआ आअ उ उईई औहह।। करने लगीं।। अंकल लगातार, मम्मी को चोदे जा रहे थे।। वो बीच बीच में, अपनी स्पीड तेज़ कर दे रहे थे।। ऐसे रफ़्तार से चोदने पर, अंकल की जांघें जब भी मम्मी के चूतड़ से टकराती थी तब – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप.. ! फट फट फट फट फट फट फट.. ! की आवाज़ निकल रही थी।। अंकल को देख के ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें कई औरतों के साथ सेक्स किया होगा।। उनके “स्टेमीना” के सामने, मम्मी की हालत खराब होती नज़र आ रही थी।। बीच बीच में, मम्मी थक जा रही थीं पर अंकल लगातार, उनकी चुदाई किए जा रहे थे।। अंकल ने मेरी मम्मी को कस के पकड़ रखा था।। मम्मी के चुचे, अंकल की छाती से चिपके हुए थे और अंकल मम्मी के लिप्स को अपने होंठ से लगाए हुए उसे चूस रहे थे।। बड़ी बेदर्दी से वो धका धक.. ! भड़ा भड़.. ! अपना लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी में पेले जा रहे थे।।
04-04-2019, 03:13 PM
कुछ देर बाद, अंकल ने अपनी स्पीड कम कर दी और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।।
मम्मी, अंकल की छाती से चिपकी हुई थीं।। अंकल ने मम्मी को कमर से पकड़ते हुए, पलटा मारा और मम्मी अब नीचे हो गईं और अंकल उनके ऊपर हो गये।। अंकल ने मम्मी के सिर के नीचे तकिया दिया और उनके होंठ के पास आ गये और उन्हें चूमने लगे।। अब मम्मी ने, अंकल से धीरे से कहा – अब बस कीजिए.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. ! अंकल ने उनके होंठों पर किस करते हुए कहा – महक जी, अभी तो मेरा निकला भी नहीं और अभी आप ख़तम करने की बात कर रही हैं.. ! लगता है, कभी आपका किसी “मर्द” से पाला नहीं पड़ा.. ! माफ़ कीजिएगा, आज तो मैं आपको जी भर के चोदने के बाद ही छोड़ूँगा।। और, अंकल हंसते हुए उनके होंठ चूमने लगे।। फिर, उन्होंने मम्मी से कहा – मैं जानता हूँ, आप बहुत “प्यासी” हैं.. ! मुझे बस आपकी मदद करने दीजिए.. ! मस्त कर दूँगा, मैं आपको.. ! फिर वो अपने एक हाथ से, मम्मी के चुचे मसलते हुए उनके होंठ चूमने लगे।। मम्मी ने अपने सीधे हाथ से, उनके बालों को पकड़ रखा था और अंकल का साथ दे रही थीं।। फिर मम्मी ने अपने एक हाथ को नीचे लेजा कर, उनका लण्ड पकड़ के अपनी फुददी पर बैठा दिया और अंकल ने धीरे से धक्का दिया।। उनका आधा लण्ड, मम्मी के फुददी के अंदर चला गया और अंकल धीरे धीरे मम्मी के कानों मे कुछ कहते हुए, अपना लण्ड उनकी फुददी के अंदर बाहर करने लगे।। अब अंकल ताबड़तोड़ मम्मी को चोद रहे थे और मेरी माँ ताबड़तोड़ चुद रहीं थीं।। मम्मी ने कस के अंकल को दबोच कर, उनकी पीठ पकड़ रखी थी और दोनों टांगें खोल के अंकल से, बिल्कुल “दो पैसे की रंडी” की तरह चुदवा रही थीं।। अंकल के हर झटके पर, जब भी उनकी जाँघ मम्मी की जाँघ से टकराती थी, तब – ठप ठप ठप.. ! फट फट फट.. ! की गूँज आती थी और मम्मी के मुंह से – आ आहह आह आह उःमह इयाः हह उई माह ह ह ह ह ह.. ! की आवाज़ निकल रही थी।। मम्मी की पायल की “छन छन” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।। अंकल पूरी ताक़त से मम्मी के होंठ चूमते हुए, उन्हें चोद रहे थे और बीच बीच में अपना मुंह उनकी चुचे पर रख के चूस रहे थे।। कुछ देर ऐसे मम्मी को चोदने के बाद, वो ठंडे से पड़ गये।। उनके मुंह से – आ आआ आ अहह अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ निकली और उनकी कमर धीरे धीरे हिलने लगी फिर उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट कर उनके बगल में लेट गये।। मैंने देखा अंकल के लण्ड पर, उनका वीर्य और हल्का सा “खून” लगा हुआ था और मेरी मम्मी की फुददी से उनका वीर्य बाहर निकल रहा था।। मम्मी और अंकल के शरीर से, जबरदस्त पसीना निकल रहा था और उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं।। मम्मी भी बुरी तरह से थक गई थीं।। मुझे लगा की अंकल, शायद अब मेरी मम्मी पर तरस खा कर उनको घर छोड़ देंगें पर उनका प्लान तो उन्हें आज रात भर चोदने का था।। थोड़ी देर निढाल पड़े रहने के बाद, मम्मी उठ के बाथरूम की तरफ चली गईं।। इधर अंकल, बिस्तर पर ही लेटे हुए थे।। मम्मी के दरवाजा बंद करने के बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की पैंटी ज़मीन से उठा ली और उसे सूंघने लगे।। खास कर के जो उनकी “चूत वाला हिस्सा” था, वो।। एक दो मिनट में, मम्मी बाहर आ गईं और उन्होंने अंकल से अपनी पैंटी माँगी और कहा – अब वो, उन्हें घर छोड़ दे.. ! अंकल ने मम्मी के हाथ को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।। मम्मी, सीधा अंकल की गोद में चली गईं और अंकल ने मम्मी को किस करते हुए कहा – जानू, अभी कहाँ जाना है.. ! मैं आपको, सुबह घर छोड़ दूँगा.. ! आज आप, यहीं रुक जाओ, मेरे पास.. ! और फिर, आपकी तबीयत भी कुछ खराब है.. ! वैसे भी कौन सा, आपका पति आपका घर पर इंतेज़ार कर रहा है।। और, वो मम्मी के होंठों पर किस करने लगे।। कुछ देर मम्मी के होंठों का रसपान करके, अंकल ने कहा – मैं शराब लेकर आता हूँ.. ! आज रात भर, पार्टी करेंगे.. ! मम्मी ने अब, थोड़ा गुस्से में कहा – मैं नहीं पीती.. ! प्लीज़, मेरे सिर में बहुत दर्द हो रहा है.. ! और अब तो आप मुझे चोद चुके ना, अब क्यूँ नशा कराना है मुझे.. ! अंकल ने कहा – जानेमन, अभी कहाँ चोद चुके.. ! ये तो बस “टेस्ट ड्राइव” थी और तुम चिंता क्यूँ करती हो, कुछ नहीं होगा.. ! महक मेरी जान, ये शराब नहीं है ये तो दवाई है.. ! तुम्हारा सब दर्द, ख़तम हो जाएगा.. ! वैसे भी आप जितनी नशीली हैं, उसके सामने ये शराब क्या नशा करेगी.. ! और, वो ज़ोर से हंस पड़े।। आधे घंटे तक, “रंडी की तरह” बड़ी बेशरमी से अपनी टाँगें खोल खोल के चुदवाने और अंकल के लण्ड पर छीनाल की तरह कूदने के बाद, अंकल की तारीफ़ से मेरी “भोली भाली मम्मी” कुछ शरमा सी गईं।।
04-04-2019, 03:15 PM
मम्मी ने अंकल के गाल पर बड़े प्यार से मुस्कुराते हुए, एक हल्का सा थप्पड़ मारा।।
अंकल ने भी मम्मी के बालों को पकड़ा और उनके होंठों को अपने मुंह में लेकर किस किया।। फिर उन्होंने अपनी अंडर वियर पहन ली और वहां से चले गये।। जाते वक़्त, अंकल ने बाहर से दरवाज़े सटा दिया।। अब मैं बाहर के कमरे की तरफ गया और देखने लगा।। अंकल के दोस्त, वहीं सोफे पर बैठे हुए थे।। उन्होंने अंकल को आते देखा और कहा – आइए, शिकारी जी.. ! कर लिया, अपना शिकार.. ! अंकल ने ताली बजाते हुए, कहा – हाँ भाई, हो गया काम.. ! गजब की माल है, कुतिया.. ! “लण्ड फोड़, बिस्तर तोड़ छमिया” है, माँ की लौड़ी.. ! यार, चूत इतनी टाइट है की खून रिस आया.. ! मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ.. ! जी ही नहीं चाह रहा था भाई, उसकी फुददी से लण्ड बाहर निकालूँ.. ! फिर, अंकल ने कहा – यार, पर एक ग़लती हो गई.. ! कॉन्डम भूल गया था.. ! मूत अंदर गिर गया.. ! उनके दोस्त ने कहा – तो क्या हुआ, भाई.. ! डर क्यों रहा है.. ! गिरवा देना.. ! कौन है यहाँ, उससे सवाल जवाब करने के लिए.. ! और फिर कौन सी ये पहली औरत होगी, जिसके पेट में तेरा बच्चा ठहर गया हो.. ! साले, कितनों का गिरवाया हुआ है तूने, जिनके तो पति भी यहाँ हैं.. ! इसका भी गिरवा देंगें.. ! चिंता मत कर.. ! फिर कुछ देर बाद, उनके दोस्त ने कहा – ये बता, अब क्या प्लान है.. ! मुझे भी निकलना है, कहीं.. ! अंकल ने कहा – क्या बोल रहा है, यार.. ! अभी कहाँ जा रहा है, भाई.. ! मैंने तो सोचा था, आज रात भर इसकी तबीयत से लूँगा.. ! कल सुबह छोड़ूँगा, उसको घर.. ! अंकल का दोस्त हंस पड़ा और कहा – बहन चोद, साले.. ! एक ही दिन में फाड़ देगा, क्या.. ! रुला मत दियो, भाई.. ! जैसे उस दिन, उस शर्मा की बीवी को रुला दिया था.. ! अब अंकल भी हंसने लगे और बोले – नहीं यार.. ! इसको, रुलाऊँगा नहीं.. ! इसको प्यार से चोदूंगा.. ! ताकि रोज़ तरसे, मेरे बिस्तर पर आने के लिए.. ! बहुत दिन लगाए हैं, इसने बिस्तर पर आने के लिए.. ! अब ये तडपेगी.. ! पति आ भी गया तो भी, मेरी पास आकर रोज़ यही कहेगी – चोदो ना जान, मेरी चूत.. ! अंकल के दोस्त ने अब हंसते हुए कहा – फिर हमें कब मौका मिलेगा, ऐसी “प्यारी और प्यासी फुददी” मारने का.. ! अंकल ने कहा – अभी नहीं, यार.. ! अभी ये पूरी तरह सेट हो जाए.. ! फिर, तुम सब ले जाना पर अभी नहीं.. ! पता चला की मैं भी आगे, कभी ना ले सकूँ और फिर कहीं चिल्लाने विल्लाने ना लगे.. ! पहला दिन है, भाई रंडी का.. ! पहले दिन, एक ही “ग्राहक” बहुत है.. ! सब्र करो.. ! कद्दू काट तो गया ही है, अब सब में बँट भी जल्द ही जाएगा.. ! मेरे दोस्त के पापा, मेरी मम्मी के बारे में ऐसी बातें कर रहे थे और मैं चुपचाप सुन रहा था।। वैसे मुझे अब कोई ताजूब नहीं होता, अगर मम्मी उनके दोस्त से भी अपनी चूत मरवा लेती।। सोचा तो मैंने पहले ये था की अंकल मम्मी की इज़्ज़त लूटेगें पर मम्मी ने तो अपनी इज़्ज़त अंकल को तोहफे में दे दी थी, उनके दोस्त को भी शायद दे दें।। खैर.. ! अब उनके दोस्त ने कहा – चल भाई, ठीक है.. ! सब्र कर लेता हूँ.. ! अब मैं जा रहा हूँ और तू ये रख, घर की चाभी.. ! और, वो निकल गये।। मैं फ़ौरन आड़ में हो गया।। उनके दोस्त कार में बैठे और मुझे ज़रा भी देखे बिना, निकल गये।। अंकल ने वहां से शराब की बोतल उठाई और दो ग्लास लेकर, अंदर चले गये और दरवाज़े बंद कर दिया।। उनके जाने के बाद, मैं वापस से बैडरूम की खिड़की के पास चला गया।। मेरी मम्मी कंबल के नीचे थीं, उन्हें ठंड लग रही थी।। अंकल आए और बिस्तर पर बैठ गये और दो ग्लास में दारू निकाल के, एक ग्लास मम्मी को दिया।। मम्मी उठ के बैठ गईं।। अभी भी उनके शरीर पर, एक भी कपड़ा नहीं था।। अंकल ने मम्मी से कहा – ये लीजिए दवाई पी लीजिए.. ! फिर, हम रात भर मज़े करेंगे.. !
05-04-2019, 10:38 AM
वो मम्मी के पास आ गये और दोनों बिस्तर के सहारे लेट के दारू पीने लगे।।
इस बार तो मम्मी ने “फॉर्मेलिटी” के लिए भी, उनको मना नहीं किया।। अब अंकल ने मम्मी के गालों पर हाथ रखते हुए कहा – महक जी, आपने मुझे बहुत सताया है.. ! कब से आपको चोदने की हसरत लिए, घूम रहा था.. ! चलिए देर से ही सही, पर आपने आज मेरे दिल की बात पूरी कर दी.. ! अब मैं आपको कभी अकेला फील नहीं होने दूँगा और ना ही आपको आपके पति की कमी महसूस होने दूँगा.. ! उन्होंने मम्मी को एक एक, करके 4-5 पैग पीला दिए।। मम्मी के ऊपर, धीरे धीरे “नशा” छाता जा रहा था।। इधर, धीरे धीरे मेरी माँ की “असली तस्वीर” मेरे सामने आती जा रही थी।। इसी बीच अंकल ने अपनी अंडर वियर निकाल दी और मम्मी के हाथ से ग्लास ले लिया।। फिर उन्होंने दारू की बोतल और दोनों ग्लास ले जाके टेबल पर रख दिया।। अब वो बिस्तर पर आकर घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी के बालों को पकड़ते हुए, अपना लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में दे दिया।। मम्मी ने भी लण्ड को अपने हाथ से रगड़ते हुए, उनके लण्ड को चूसना शुरू कर दिया।। अंकल – आअहह अहह अहह अहह अहह और ज़ोर से महक जी.. ! आ आ आ आ आ पूरा अंदर लीजिए.. ! उफ़फ्फ़.. ! – कहते हुए, मेरी मम्मी के मुंह मे अपना लण्ड आगे पीछे करने लगे।। अंकल बीच बीच में, अपना हाथ पीछे करते हुए मम्मी की पीठ सहला रहे थे।। फिर थोड़ी देर बाद, अंकल ने अपना लण्ड बाहर कर दिया।। उनके लण्ड पर मम्मी का पूरा थूक लगा हुआ था और चमक रहा था।। अंकल ने मम्मी को घुटनों के बल बैठा दिया और मम्मी के पीछे खुद घुटनों के बल बैठ गये और मम्मी की फुददी में लण्ड रगड़ने लगे।। मम्मी – आ आ आहह आह आह आ ह ह आ ह ह ह आअ ह ह आ आ आ आ आ आ आ.. ! करने लगीं।। एकदम से उन्होंने मम्मी की कमर पकड़ते हुए, एक ज़ोर का धक्का दिया।। मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी – आ आ ह ह आ ह आह आअ माह ह ह ह ह ह.. ! मर र र र र र गई स स स स स स स स.. ! नही ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई.. ! आइया आ ह आहह आह आ.. ! अंकल का पूरा लण्ड, एक ही बार में मेरी मम्मी की फुददी के अंदर चला गया था।। अंकल ने लण्ड को बाहर निकाला और फिर से धक्का मारा।। फिर वो धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करने लगे और अपने “9 इंच के लण्ड” को मेरी मम्मी की “कसी हुई चूत” में पेलने लगे।। अंदर बाहर, अंदर बाहर करने लगे।। मम्मी – आ अहह आ अहह अ ह अहह औह ह ओई ई ईई ई ई ह माआ अ ए या या माआ आ औहह ओफफ फफ फफ्फ़ ओफ फफ फफ्फ़ मा आआ।। करने लगीं।। अंकल ने धक्का मारते हुए, मम्मी से कहा – महक जी, मज़ा आ रहा है ना.. ! मम्मी ने कहा – हाँ स स स स.. ! बहुत मज़ाआआ आ रहा है स स स.. ! पर दर्द, बहुत हो रहा है.. ! आ ह हह आ आ.. ! अंकल ने कहा – कुछ नहीं, महक जी.. ! सब ठीक हो जाएगा.. ! तुम बहुत टाइम से चुदी नहीं हो, इसी लिए तुम्हारी फुददी बहुत टाइट हो गई है.. ! पर चिंता मत करो, मैं आज तुम्हारा पूरा रास्ता साफ कर दूँगा.. ! फिर ये आज के बाद, बंद नहीं होगा.. ! मेरी जान, आज के बाद तेरी हर रात मेरे बिस्तर पर गुज़रेगी.. ! तेरी हर रात को मैं, तेरी चूत को मस्त कर दूँगा.. !
05-04-2019, 10:43 AM
फिर वो रफ़्तार बड़ा कर, मेरी मम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।।
बीच बीच में वो, एक दो थप्पड़ मेरी मम्मी के चूतड़ पर मार दे रहे थे।। उनके चूतड़ पर, अंकल के हाथ का निशान छप गया था।। मम्मी की गाण्ड, एक दम “लाल” हो चुकी थी।। इधर, अंकल के हर धक्के से मम्मी का चुचे आगे पीछे हुए जा रहे थे।। अंकल ने लगभग, मम्मी को 5-7 मिनट तक ऐसे ही चोदा और उसके बाद, मम्मी के फुददी से अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।। फिर वो झुक कर, मम्मी के गाण्ड के पास आ गये और उनके छेद को फैला दिया।। अब वो उसमें, अपनी नाक डाल के उसे सूंघने लगे।। फिर उन्होंने अपनी दो उंगली अंदर घुसा दी और धीरे धीरे, मम्मी की गाण्ड के छेद को चौड़ा करने लगे।। मैं समझ गया की अंकल, आज मम्मी की “गाण्ड” भी मारेंगें।। कुछ देर के बाद, वो पीछे आ गये और झुक गये और अपना लण्ड मम्मी की गाण्ड के छेद पर रख दिया।। अब उन्होंने मम्मी से पूछा – महक जी, गाण्ड मरवाई है, आपने कभी.. ! मम्मी ने कहा – नहीं.. ! अंकल हंस पड़े और कहा – किसी से भी नहीं.. ! आपके पति ने भी नहीं मारी.. ! मम्मी ने कहा – नहीं.. ! मैंने उनको नहीं मारने दी.. ! अंकल ने कहा – जिस मर्द ने तेरी गाण्ड नहीं मारी, उस पर धिक्कार है.. ! जब मैं तुझे जीन्स में देखता था, तब जी चाहता था, तेरी जीन्स को वहीं फाड़ के तेरी पैंटी निकाल के, तेरी गाण्ड मार दूँ.. ! आज तुझे इसका एहसास करता हूँ.. ! मम्मी से कहा – भाई साब.. ! रहम कीजिए.. ! गाण्ड मत मारिए, प्लीज़.. ! अंकल ने कहा – वो तो मैं, ज़रूर मारूँगा.. ! बेहतर है, आप साथ दें तो दर्द कम होगा.. ! एक काम कीजिए, हाथ पीछे करके अपने चूतड़ को फैला लीजिए.. ! मम्मी कुछ देर रुकीं, फिर उन्होंने वैसा ही किया।। उन्होंने, अपने दोनों हाथ पीछे कर दिए और चूतड़ को फैला लिया।। उनकी गाण्ड का छेद, पूरा खुल गया।। अब अंकल ने बोला – छेद को ढीला छोड़ दो, जैसे सुबह टाय्लेट के टाइम छोड़ती हो.. ! फिर अंकल ने मम्मी के गाण्ड के छेद पर लण्ड सेट करके, हल्का झटका दिया और उनका टोपा मम्मी की गाण्ड के छेद में “भच” से चला गया।। मम्मी बहुत ज़ोर से चीख पड़ीं – नही स स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आआ आहह.. ! प्लीज़ नही स स स स स स स स स.. ! निकाल बाहर.. ! अंकल ने कहा – महक जी, दर्द पल भर का है.. ! इसकी खुशी जिंदगी भर रहेगी.. ! और उन्होंने फिर से, एक और धक्का मारा।। मम्मी की चीख के साथ इस बार उनके मुँह से गाली निकल गई – मा दर चोद स स स स स स स स स स.. ! मैंने सोचा बस यही बचा था तो मम्मी को “गलियाँ निकालना” भी आता है।। इधर, अंकल हंस पड़े और बोले – चुदती हुई औरत के मुँह से गालियाँ खाना भी, कितना हसीन एहसास देता है.. ! अब तक अंकल का आधा लण्ड, मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर चला गया था।। मम्मी की आँखों से अब, आँसू निकल रहे थे।। अंकल को इस बात का, कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।। बल्कि उन्होंने कस के एक और धक्का मारा और उनका पूरा लण्ड, मम्मी की गाण्ड में चला गया।। अंकल ने अब मम्मी से कहा – कितनी टाइट गाण्ड है, आपकी महक जी.. ! अंदर ही नहीं जा रहा था.. ! एक दम “फ्रेश माल” हैं, आप.. ! साला लग ही नहीं रहा, दो बच्चों की अम्मा है तू.. ! अब तू, बस मेरी है.. ! और ये कहते हुए, उनकी गाण्ड के अंदर बाहर लण्ड करने लगे।। मम्मी – अहह माँह ह ह ह ह ह ह ह ह ह मार डाला, तूने.. ! हरामी.. ! आ आ अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ औहह.. ! करने लगीं।। ठप ठप ठप ठप ठप.. ! पट पट पट पट पट पट.. ! से पूरा कमरा गूँज रहा था।। अंकल ज़ोर ज़ोर से बड़ी बेरहमी से, मेरी मम्मी की गाण्ड मारे जा रहे थे।। मम्मी बीच बीच में, उन्हें लण्ड बाहर निकालने को कह रही थीं पर अंकल में जैसे “जानवर” घुस गया था।। वो मम्मी की बात तक नहीं सुन रहे थे।। लगातार, उनकी गाण्ड मार रहे थे।। कुछ आधे घंटे के बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाला और – आ आ आ आ आ आ आ अहह.. ! करते हुए, मम्मी की गाण्ड के छेद के अंदर ही अपना सारा मूठ निकाल दिया।।
05-04-2019, 10:47 AM
फिर वो, मम्मी के बगल में लेट गये।।
मम्मी ने बगल में पड़ी चादर से अपनी गाण्ड की छेद पर लगा वीर्य साफ किया और वही लेट गईं।। अंकल ने मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और मम्मी के गालों पर हाथ फिराते हुए कहा – महक जी.. ! आप बहुत अच्छी “सेक्स पाटनर” हैं.. ! कसम से कहता हूँ, आज तक इतना मज़ा मुझे किसी लड़की या औरत के साथ नहीं आया.. ! सच में आप बड़ी कोआपरेटिव हैं.. ! फिर उन्होंने मम्मी को किस किया और मम्मी से कहा – महक, मैं जानता हूँ की आपके पति के बाहर रहने की वजह से, आप बहुत तनाव में रहती हैं.. ! आप आज से मेरे साथ ही रहेंगी और मैं आपको, किसी चीज़ की कमी नहीं महसूस होने दूँगा.. ! अब अंकल ने मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और अपने ऊपर कंबल डाल लिया और दोनों एक ही कंबल में नंगे ही लेट गये।। अंकल ने हाथ ऊपर करते हुए, लाइट ऑफ कर दी।। मुझे लगा शायद मम्मी और अंकल, अब आख़िरकार सोएंगे।। तो, मैं भी घर के लिए जाने लगा पर जैसे ही मैं दरवाज़े के पास पहुँचा, बारिश तेज़ हो गई।। मैंने सोचा की कुछ देर तक रुकता हूँ।। अंकल और मम्मी तो सो ही गये हैं और कुछ देर में, थोड़ी सी रोशनी भी हो जाएगी।। मैं वही दरवाज़े की सीढ़ी के पास बैठा गया और बारिश ख़तम होने और सुबह होने का इंतेज़ार करने लगा।। पर, बारिश तो पर बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी।। कुछ देर यूँही बैठे रहने के बाद, मैं बोर होकर वापस खिड़की के पास आ गया।। लाइट ऑफ होने के कारण, कुछ दिख नहीं रहा था।। बस धीरे धीरे, बात करने की आवाज़ आ रही थी और बीच बीच में पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट पुक्क पक फट फट की आवाज़ आ रही थी।। बिस्तर से भी “चू चू” की हिलने की आवाज़ आ रही थी।। इतना तो मैं फ़ौरन समझ गया था की वो लोग अभी भी नहीं सोए हैं।। मुझे लगा, पता नहीं कहीं मम्मी को सुबह अस्पताल ही ना ले जाना पड़े।। तभी मम्मी की आवाज़ आई – आ आ आहह आ आ अहह मा आआ मा आ आ आ आ मा आआ अ मा आअ माआअ नाह हिई ई ओउू ऊहह ओई ई ईई ई ई.. ! प्लीज़, अब छोड़ दे.. ! तू इंसान है या जनवार.. ! इतना तो कोई रंडी को भी नहीं चोदता.. ! आ आ आ आ अहह अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ.. ! इधर, कमरे में ठप ठप ठप की आवाज़ गूँज रही थीं।। अचानक अंकल की आवाज़ आई – आ आ अहह महक.. ! आ आ आहह महक.. ! बस कुछ देर और साथ दे दे मेरा.. ! आ आ आ बहुत तड़पाया है, तूने.. ! उंह हा आ आ आ आ आ आ आ.. ! तुझे पाने के लिए, मैंने बहुत जतन किए हैं छीनाल.. ! मम्मी ने कहा – जब मैं जिंदा ही नहीं बचूंगी तो किस के साथ करोगे.. ! अब मम्मी की आवाज़ से कमज़ोरी, साफ साफ झलक रही थी।। अंकल ने कहा – जानू, बस कुछ देर और अपनी फुददी से मेरे लण्ड की गरमी को शांत कर दो.. ! और वो फिर से, पट पट पट पट पट पट करके मम्मी को चोदने लगे।। मम्मी कुछ देर – आ आहह आ आ अहह आ अहह.. ! करती रहीं।। फिर, एकदम शांत हो गयीं।। एक पल को मुझे ऐसा लगा, कहीं मम्मी निकल तो नहीं लीं।। पर तभी अंकल की आवाज़ आई – रो मत, मेरी रानी.. ! एक बार शांत कर दे मुझे, फिर छोड़ दूँगा.. ! मम्मी की चूडी और पायल की “छन छन” की आवाज़ गूँज रही थीं पर उनकी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।। हल्की हल्की रोने की सिसकी, कभी कभी सुनाई दे जाती थी।। पर अंकल लगातार, मेरी मम्मी को चोदे जा रहे थे।। मुझे लग रहा था की अंकल आज, मम्मी को मार डालेंगें।। अब सच में ऐसा ही लग रहा था की मम्मी की इज़्ज़त लूट रही थी।। पराया मर्द, औरत पर रहम तो ख़ाता नहीं सो अंकल को भी मम्मी की हालत पर तरस नहीं आ रहा था।। कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – महक ग़लती मेरी नहीं है.. ! तेरे जैसी औरत जिसके पास भी होगी, वो रात भर सो नहीं पाएगा.. ! तेरे पति ने कभी नहीं चोदा क्या रात भर.. ! मम्मी की कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी।। अंकल, फिर उन्हें फट फट करके चोदने लगे।। लगभग 10 मिनिट तक अंकल ने मेरी निढाल पड़ी मम्मी को चोदा और उसके बाद – आ आ आ आ आ आआ आआ आअहह करते हुए, थोड़े शांत से हो गये और बस फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ आने लगीं।। अंकल ने मम्मी से कहा – बस हो गया, महक.. ! अब, रोना बंद करो.. ! सच में अब नहीं करूँगा.. ! उसके बाद, उन्होंने हाथ उठा कर लाइट जला दी।। मैंने देखा, अंकल मम्मी से लिपटे हुए थे और दोनों पसीने में लथपथ थे।।
05-04-2019, 10:50 AM
उनके ऊपर कंबल नहीं था, वो नीचे गिरा हुआ था।।
मम्मी ऐसे पड़ीं थीं, जैसे उनके अंदर जान ही ना हो।। अंकल के लण्ड पर मूठ लगा हुआ था।। फिर अंकल ने मम्मी की पैंटी से उनका लण्ड साफ किया और फिर मम्मी की फुददी पर लगा, उनका वीर्य साफ किया।। कुछ देर बाद मम्मी लड़खड़ाती हुई उठीं और बोलीं – मैं आती हूँ.. ! और वो, बाथरूम करने चली गईं।। अंकल ने अपनी पैंट की जेब से सिगरेट निकाली और पीने लगे।। सिगरेट पीते पीते, उन्होंने अपनी ग्लास मे दारू डाल ली और बिस्तर पर नंगे लेट गये।। कुछ देर बाद, मम्मी निकल के आईं और बिस्तर पर लेट गईं।। अंकल ने मम्मी को अपने पास खींच लिया और अपने से चिपका लिया और पूछा – जानू, नींद आ रही है.. ! मम्मी ने बड़े धीरे से कहा – हाँ.. ! अंकल ने कहा – ठीक है, अब कुछ नहीं करूँगा.. ! और, उनके लिप्स पर हल्का सा किस किया।। अंकल ने कहा – महक, आज से पहले मुझे इतनी शांति किसी औरत ने नहीं दी.. ! तू एक “संपूर्ण औरत” है, जो हर मर्द चाहता है.. ! मैंने देखा, मम्मी अंकल की छाती पर कभी किस कर रही थीं तो कभी अपने गाल, वहां रख के प्यार दिखा रही थीं।। मम्मी ने उनसे पूछा – क्या उनकी वाइफ जानती है की अंकल मम्मी के साथ हैं.. ! अंकल ने कहा – मेरी वाइफ की चिंता, तुम मत करो.. ! उसको कुछ पता नहीं चलेगा.. ! और, अंकल ने अपनी सिगरेट बुझा दी।। ग्लास में फिर से दारू ली और ग्लास टेबल पर रख दिया।। फिर वो बिस्तर से नीचे उतर कर, बाथरूम चले गये।। मम्मी वहीं, चुपचाप लेटी हुई थीं।। अंकल आए और उनके बगल में लेट गये और मम्मी को लिप पर किस करने लगे।। थोड़ी देर पहले, बिल्कुल निढाल पड़ी मम्मी भी उनका साथ देने लगीं।। अब अंकल ने नीचे से कंबल उठाया और दोनों के ऊपर डाल दिया।। फिर मम्मी को अपने सीने से चिपका के चूमने लगे।। अंकल ने मम्मी से पूछा – अब नींद तो आ नहीं रही है.. ! मम्मी ने कहा – आ रही है पर लग नहीं रही.. ! शायद, थकान के कारण.. ! इधर, मैं अंकल के हाथ का हिलना साफ देख रहा था।। साफ पता चल रहा था की वो कंबल के नीचे, मेरी मम्मी की फुददी रगड़ रहे हैं।। कुछ देर बाद, मम्मी ने कहा – अब सोने दीजिए.. ! वैसे भी अब कुछ महसूस ही नहीं हो रहा है.. ! अभी सो जाइए, आप जब भी बुलाएँगे, मैं आ जाया करूँगी, आपके पास.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. ! महसूस ही नहीं हो रहा की मेरी चूत और मम्मे हैं भी की नहीं.. ! अंकल ने कहा – बस महक, एक बार और करने दे.. ! उसके बाद, तू जैसा बोलेगी, मैं जिंदगी भर वैसा ही करूँगा.. ! मम्मी ने कहा – प्लीज़, भाई साब.. ! इस बार सच में, मेरी जान निकल जाएगी.. ! अंकल को कोई फ़र्क नहीं पड़ा और धीरे धीरे करके, वो मम्मी के ऊपर आ गये।। फिर उन्होने, कंबल को अच्छे से लपेट लिया।। मुझे बस अंकल और मम्मी का चेहरा दिख रहा था।। अंकल लगातार, मेरी मम्मी के होंठों को चूस रहे थे।। मम्मी किसी “मोम की गुड़िया” की तरह पड़ी थीं।।
05-04-2019, 10:53 AM
अब कंबल के नीचे से, अंकल ने अपना लण्ड सही किया और एक धक्का मारा।।
मम्मी थोड़ी सी हिलीं और छत की तरफ देखती हुई, वैसे ही पड़ी रहीं।। अंकल ने कहा – बस महक.. ! हो गया.. ! आ आ आ अहह.. ! मम्मी ने अब भी कुछ नहीं कहा और छत की तरफ टकटकी लगाए, देखती रहीं।। अंकल ने कहा – कुछ देर और महक.. ! और, एक और धक्का मारा और धीरे धीरे, मम्मी की फुददी मे लण्ड ठुसने लगे।। मैंने देखा, अब मम्मी की आँखों से आँसू निकल रहे थे पर वो वैसी ही पड़ी हुई थीं।। अंकल बड़ी बेशरमी से मेरी मम्मी के आँसू चाटते हुए, उन्हें चोदने लगे और ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी।। मम्मी के चेहरे पर कोई “भाव” नहीं था।। ना दर्द का।। ना चुदाई का।। बस उनकी आँखों से आँसू टपक रहे थे और वो एक टक छत की तरफ देख रहीं थीं।। उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था की अंकल उन्हें चोद रहे हैं या क्या कर रहे हैं।। असल में, अंकल को भी मम्मी की हालत से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था।। वो अपनी मस्ती में ही कहते जा रहे थे – महक, तेरी फुददी में एक अलग मज़ा है.. ! सुकून है.. ! ठंडा कर दे, मुझे रानी.. ! आ आ आ अहह.. ! अंकल, अब मेरी “जिंदा लाश मम्मी” को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।। मम्मी की तरफ से, बस उनकी चूडी और पायल की छन छन की आवाज़ आ रही थी और किसी भी तरह से नहीं लग रहा था की वो जिंदा हैं.. ! बस बस हो गया.. ! आ आ आहह.. ! की आवाज़ के साथ, अंकल शांत हो गये और धीरे धीरे, कमर हिलाने लगे।। उन्होंने अपना वीर्य मेरी मम्मी की फुददी में गिरा दिया और अब वो उन के ऊपर लेट गये।। बस, हो गया.. ! अब सच में नहीं करूँगा.. ! आँसू पोछ लो.. ! अब नहीं करूँगा, तुम्हारी कसम.. ! ये बोलते बोलते, अंकल ने लाइट ऑफ कर दी।। कुछ देर तक, अंकल कुछ कुछ बोलते रहे पर मम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था।। मुझे डर था की कहीं मम्मी को सुबह तक कुछ हो ना जाए पर मैं कुछ नहीं कर सकता था।। रात के, नहीं नहीं सुबह के लगभग 5 बज गये थे और बारिश भी धीमी थी।। मैं घर के लिए निकल गया और अपने बिस्तर पर आने के बाद, कुछ देर तक मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था।। मेरे बेस्ट फ्रेंड के पापा ने, मम्मी को चोदा है।। मैं कुछ नहीं कर सकता था क्यूंकि अंकल ने मेरी मम्मी के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं की थी और उन्होंने मम्मी को उनकी मर्ज़ी से चोदा है।। पापा को बताने का मतलब था, दोनों का “तलाक़”।। मैं श्लोक को भी बता नहीं सकता था क्यूंकि वो कभी नहीं मानेगा।। अगर आँखों से नहीं देखा होता तो मैं भी नहीं मानता की मेरी मम्मी उसके पापा से चुद कर आई हैं।। फिर, वो कैसे मानता।। मैं ये भी नहीं समझ पा रहा था मम्मी पर गुस्सा आना चाहिए या आख़िर में जो उनकी हालत थी, उस पर तरस।। ऐसे ही ये सब सोचते सोचते, मेरी आँख लग गई।। सुबह 9 बजे के करीब, जब मैं जागा तब भी मम्मी घर नहीं आई थीं।। लगभग एक घंटे बाद, कॉल बेल बजी।। मैंने दरवाज़े खोला।। मम्मी ही थीं।। उनकी आँखों में नींद भरी हुई थीं और अभी भी वो बहुत थकी हुई लग रही थीं।। उन्हें अभी भी खड़े होने के लिए, दरवाज़े का सहारा लेना पड़ रहा था।। मैंने मम्मी से पूछा – मम्मी, आप कहाँ थीं, रात भर.. ! ?? मम्मी ने मेरी आँखों में आँखें डाल कर, मुझसे साफ साफ झूठ बोल दिया और कहा की वो एक आंटी की तबीयत खराब होने पर, उनके के साथ चली गई थीं उनको घर छोड़ने और बारिश की वजह से, आंटी ने उन्हें घर पर ही रोक लिया।। मैंने भी उनसे, कुछ नहीं कहा।। मैं उन्हें ये नहीं जानने देना चाहता था की मैंने सब देखा है।। फिर उन्होंने कहा – बेटा, मैं बहुत थक गई हूँ.. ! मैं सोने जा रही हूँ.. ! अंदर जाकर, उन्होंने अपने रूम को अंदर से बंद कर दिया और सो गईं।। उनकी नींद, रात के 9 बजे खुली।। मैंने मम्मी के लिए चाय बनाई और फिर वो नहाने चली गयीं।। नहा के आने के बाद, मम्मी एकदम सामान्य हो गईं।। उन्हें देख कर लग ही नहीं रहा था की कल पूरी रात, वो एक गैर मर्द के साथ थीं।।
05-04-2019, 10:56 AM
जैसा की मैंने अपनी पिछले अपडेट में बताया था की मेरे दोस्त श्लोक के पापा ने उस नाइट को सारी रात, मेरी मम्मी को चोदा और अगले दिन मम्मी घर आई और सो गईं।।
3 बजे के करीब, मैं बाथरूम गया।। मेरी मम्मी की “पैंटी और ब्रा” रोड पर, टंगी हुई थी।। मैंने सबसे पहले बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया और मम्मी की पैंटी, रोड पर से उतारी क्यूंकि मैंने उसमें सफेद दाग देखा नॉर्मली मेरी मम्मी के पास पुरानी पैंटी ब्रा नहीं होते।। वो कुछ दिन उसे पहनने करने के बाद, नये खरीद लेती हैं।। इसी लिए, मैं देखना चाहता था मम्मी की पैंटी के गाण्ड वाले हिस्से पर दाग लगा हुआ था और उनकी पैंटी सुखी हुई थी।। शायद, मम्मी ने उन्हें धोया नहीं था।। तब मुझे याद आया, मम्मी ने रात में कई बार अंकल के लण्ड से निकला वीर्य साफ किया था।। ये उसी का, दाग था।। मैंने मम्मी की पैंटी, वहीं रोड पर रख दी।। शाम को, मम्मी सो के उठीं।। मैंने उनको, चाय बना के दी।। मम्मी ने चाय पी, उसके बाद वो खाना बनाने चली गईं।। मैं भी, अपने रूम में पढ़ने चला गया।। मेरे दिमाग़ में, कल रात की बात घूम रही थी।। मैं सोच रहा था, श्लोक को सारी बात बताने का लेकिन, वो कभी नहीं मानता ये मैं और आप भी जानते हैं।। थोड़ी देर के बाद, मैं कमरे से बाहर निकला।। मम्मी, किचन में नहीं थीं।। सब्ज़ी “सिम आँच” पर चड़ी हुई थी और मम्मी, अपने कमरे में थीं।। मैं, बालकनी के तरफ गया।। मम्मी, फोन पर बात कर रही थीं।। चुकीं लाइट बंद थी बालकनी की, इस लिए मम्मी ने मुझे देखा नहीं।। मैं रूम में ही, दीवार के दूसरे साइड खड़े हो गया।। मम्मी की, धीरे धीरे बात करने की आवाज़ आ रही थी।। जैसे – मुझे बहुत डर लग रहा है.. !! किसी को मालूम चल गया तो.. !! – फिर वो चुप हो गईं।। थोड़ी देर बाद, मम्मी की आवाज़ आई – नहीं.. !! अब दर्द कम है.. !! अब वो फिर से, चुप हो गईं।। फिर, आवाज़ आई – नहीं नहीं.. !! कल नहीं.. !! प्लीज़.. !! कोई देख लेगा.. !! फिर, एक अंतराल।। फिर उन्होंने कहा – नहीं प्लीज़.. !! कल नहीं.. !! मेरा बेटा देख लेगा.. !! इस बार, वो कुछ लंबे समय के लिए चुप थीं।। इस बार, उन्होंने कहा – मुझे बहुत डर लग रहा है.. !! आप, समझ क्यूँ नहीं रहे हैं.. !! फिर, एक लंबी खामोशी।। उसके बाद, मम्मी की आवाज़ आई – मैं रात में मैसेज करती हूँ.. !! बाइ.. !! मैं फटाफट, अपने कमरे में चला गया।। मम्मी, कुछ देर वहीं बालकनी में थीं।। उसके बाद, वो किचन में गईं और जाकर सब्ज़ी उतारी और रोटी बना के टीवी देखने लगीं।। रात को 10 बजे, हमने खाना खाया।। मम्मी, बहुत ही “चिंतित” दिख रही थीं।। ऐसा लग रहा था, उनका ध्यान यहाँ नहीं है।। कहीं, खोई हुई हैं।। बीच बीच में, उनका फोन बज रहा था जो वो काट दे रही थीं।। खाना खाने के बाद, मैं अपने कमरे में सोने चला गया और मम्मी अपने कमरे मे चली गईं।। सुबह उठ के मम्मी ने मेरा लंच बॉक्स तैयार किया और मैं 6:30 को अपने कॉलेज की बस पकड़ के चला गया और 3 बजे, घर लौट के आया।। मैंने जब कॉल बेल बजाया, तब मम्मी सो रही थीं।। आम तौर पर, मम्मी दिन में सोती नहीं थीं क्यूंकि मेरे आने के बाद वो मुझे लंच देती थीं।। आज, मम्मी सो रही थीं।। खैर, कुछ देर कॉल बेल बजाने के बाद मम्मी उठ गईं।। मैंने पूछा – मम्मी आप ठीक हैं ना.. !! क्या हुआ.. !! मम्मी ने कहा – कुछ नहीं हुआ है.. !! सब ठीक है.. !! बस, आँख लग गई.. !! और, मेरे लिए लंच लाकर दिया।। मैंने खाना खाया और मम्मी का फोन लिया, गेम खेलने के लिए क्यूंकि उस समय, मेरे पास अपना फोन था नहीं।। मम्मी, टीवी देख रही थीं।। मैं गेम खेल रहा था तभी “टू टू” करके आवाज़ आई।। मैंने देखा, मोबाइल पर मैसेज था।। मैंने जैसे ही क्लिक किया, जिस नंबर से ये मैसेज था उस पर श्लोक के पापा का नाम लिखा था।। मैंने खोल लिया और देखा, उस पर लिखा था – फिर, क्या इरादा है.. !! ?? मैंने स्क्रोल किया और सारे मैसेज, पढ़ लिए।। 11:30 से लेकर 2 बजे तक का मैसेज था।। अंकल – दर्द तो नहीं हो रहा.. !! मम्मी – कम है, थोड़ा.. !! सूजन (स्वेल) हो गया है.. !! अंकल – हाँ.. !! मैं थोड़ा, बेकाबू हो गया था.. !! थोड़ी देर बाद… अंकल – सो गई.. !! ?? मम्मी – नहीं.. !! अंकल – कुछ बोल ना.. !! मम्मी – आपकी, वाइफ कहाँ हैं.. !! अंकल – सो रही हैं.. !! मम्मी – अब, आप भी सो जाइए.. !! अंकल – नींद नहीं आ रही है.. !! मम्मी – क्यों.. !! ?? अंकल – बोलो ना.. !! कल, आ जाऊं ना.. !! मम्मी – नहीं.. !! प्लीज़ कल नहीं.. !!
05-04-2019, 10:59 AM
अंकल – क्यों.. !! तुम्हारे लाल के कॉलेज जाने के बाद, आऊंगा.. !! प्लीज़, एक बार.. !! धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !!
मम्मी – बात को समझिए.. !! प्लीज़, अभी तो दर्द भी गया नहीं है.. !! कम हो जाए थोड़ा, फिर.. !! प्लीज़.. !! मना तो नहीं कर रही.. !! अंकल – महक, प्लीज़ यार.. !! तुम भी तो ना जाने, कब से तड़फ़ रही हो.. !! अब मौका मिला तो पीछे हट रही हो.. !! मैं बिल्कुल धीरे धीरे करूँगा.. !! प्लीज़.. !! मम्मी – ठीक है.. !! बस, एक बार लेकिन.. !! अंकल – ठीक है, जानू.. !! कितने बजे.. !! मम्मी – 9 बजे के बाद.. !! अंकल – आइ लव यू, जान.. !! उसके बाद का मैसेज, अभी का मैसेज था।। थोड़ी देर बाद, फिर एक मैसेज आया।। अब मैंने फोन जाके, मम्मी को दे दिया।। अपना दिमाग़ खराब करने का क्या मतलब।। फिर कुछ देर बाद, श्लोक आया और हम लोग क्रिकेट खेलने चले गये।। लेकिन वो कहते हैं ना “गाण्ड में कीड़ा” इसलिए, कुछ दिन तक रोज़ लगभग मैं मम्मी के मैसेज पढ़ता था।। मुझे आज भी याद है, 26 जनवरी का दिन था और सोसाइटी के सब लोगों को बुलाया गया था।। श्लोक ने कहा – चल यार, निकल चलते हैं.. !! बोर होंगे.. !! थोड़ी देर बैठने के बाद, हमने ऐसा ही किया और हम वहां से निकल के अपने घर के लिए आ गये।। श्लोक ने कहा – चल, मैं चलता हूँ तेरे घर.. !! लेकिन, मैं आज खुद नहीं चाहता था की श्लोक आए, मेरे साथ.. !! क्यूंकि मेरे मन में जो शक था की अंकल मेरे कॉलेज या कहीं जाने के बाद आते हैं.. !! वो, मैं दूर करना चाहता था.. !! इसी लिए.. !! मैंने उसे कहा – यार, शाम को मिलते हैं.. !! मेरी कुछ तबीयत ठीक सी नहीं है.. !! उसने कहा – ठीक है, यार.. !! तू आराम कर.. !! और, मैं अपने घर के लिए चल पड़ा।। दरवाजा बंद था।। मैंने पहले से ही दूसरी चाबी छुपा के रखी थी, जिससे मैंने दरवाज़ा धीरे से खोला और चुपके से अंदर आ गया।। हमारा, घर कुछ ऐसा है।। घुसते ही, हॉल है।। हॉल में ही टीवी और सोफा है।। सीधे हाथ पर मेरा कमरा है और उल्टे हाथ में मम्मी और पापा का कमरा है।। हॉल के बालकनी में परदा लगा हुआ था और पूरा अंधेरा हो रहा था और मम्मी के कमरे से आवाज़ आ रही थी।। मैं धीरे धीरे, दरवाज़े के पास गया।। मैं उस वक़्त, कांप रहा था।। मम्मी के रूम का दरवाज़ा, आधा खुला हुआ था।। सबसे पहले मुझे ज़मीन पर पड़ी, मेरी मम्मी की नाइटी और पैंटी, ब्रा दिखी और जैसे मैंने नज़र उठाई, मैं देखता रह गया।। मेरी मम्मी और अंकल, एक ही पलंग में थे।। अंकल ने अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के हाथ पकड़े हुए थे और मेरी मम्मी अपने सिर को इधर उधर करते हुए – आ आ अहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आहह माआ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ अहह औहह ओई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई मा आ आ आ आ आ आअ आ आ आ सस्स्स्स्स् सस्स ओफ फ फ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़.. !! बस कीजिए.. !! आ आ आ अहह.. !! मा आआ.. !! अंकल ने कहा – बस हो गया, जानू.. !! हो गया.. !! इधर, मम्मी “आ आ आहह” कर रही थीं।। मैं वहां 2 मिनट, निस्तेज खड़ा रहा।। अंकल, उसी तरह से मेरी मम्मी को मेरी आँखों से सामने चोद रहे थे।। आँखों के सामने, मेरी माँ चुद रही थी।। लगातार, मेरी मम्मी की सिसकारियों की आवाज़ मेरे कानों में आ रही थी।। मैं चुप चाप खड़ा था और “अपनी माँ चुदते” देख रहा था।। कुछ देर बाद, उसी तरह जैसे मैं आया था, वैसे मैंने दरवाज़ा बंद किया और घर से निकल के, श्लोक के यहाँ चला गया।। श्लोक ने पूछा – क्या हुआ, भाई.. !! मैंने कहा – कुछ नहीं, यार.. !! मैं कुछ देर, तेरे यहाँ रहता हूँ.. !! उसने कहा – पर तेरी तो तबीयत खराब थी.. !! मैं अब कुछ, रुआंसा सा हो गया।। उसे, कुछ मालूम नहीं था।। तभी आंटी ने कहा – बेटा, क्या हुआ.. !! तुम ठीक हो ना.. !! मैंने अपने आप को संभालते हुए कहा – जी आंटी.. !! आंटी ने खाने को, नाश्ता दिया।। मैंने खाया और लगभग एक घंटे के बाद, मैं अपने घर के लिए निकला।।
05-04-2019, 11:09 AM
अभी मैं रोड पर ही था की मैंने दरवाज़े से अंकल को निकलते हुए देखा।।
मैं चुप चाप, अपने घर के लिए चला गया।। मैंने, कॉल बेल बजाया।। मम्मी ने दरवाज़ा खोला।। उन्होंने, अभी नाइटी पहन रखी थीं और शायद पैंटी और ब्रा नहीं पहना हुआ था इस लिए की उनकी चुचि साफ शेप मे दिख रही थी।। पूरी “तनी” हुई थी।। मैं अंदर गया और मम्मी ने कहा – मैं नहा के आती हूँ.. !! उसके बाद, खाना खाते हैं.. !! मैं चुप चाप अपने कमरे में चला गया और अपने कपड़े बदल के, घर के कपड़ों में आ गया।। मम्मी, बाथरूम में थीं।। मैं उनके कमरे में गया।। चादर, उसी तरह बिखरा हुआ था और बिस्तर पर मम्मी की एक टूटी चुडी का टुकड़ा, गिरा हुआ था।। मुझे पैर के नीचे थोड़ा लगा, जैसे कुछ फिसल रहा है।। मैंने झट से, अपना पाँव हटाया।। नीचे कॉन्डम था और उसमें, अंकल का “वीर्य” भरा हुआ था।। मेरे पाँव रखने से, फैल गया था।। मैंने सबसे पहले जाके, अपना पाँव धोया और अपने बिस्तर पर चुप चाप बैठ गया।। पढ़ने वालों में से शायद ही कोई हो, जो मेरी स्थिति समझे।। मम्मी नहा के आईं और अपना स्कर्ट और टॉप पहन के, कमरे से बाहर आ गईं।। मेरी मम्मी ने सफेद स्कर्ट पहन रखी थी और नीले रंग की टॉप।। मम्मी की स्कर्ट, बहुत छोटी सी थी और जैसे ही वो थोड़ा इधर उधर होतीं, उनकी नीली पैंटी साफ झलक रही थीं।। मम्मी ने खाना निकाला और हमने, खाना खाया।। उसके बाद, मम्मी अपने कमरे में चली गईं और सो गईं।। मैं अपने ही कमरे में था।। अब मेरी मम्मी अपनी मर्ज़ी से, अंकल को घर पर बुलाती हैं।। पिछले कुछ दिनों मे अंकल ने ना जाने कितने बार, मेरी मम्मी को चोदा होगा।। पटक पटक कर, अपनी कुतिया बना कर।। और मेरी, दो कौड़ी की, रंडी माँ ना जाने कितनी बार, टाँगें उठा कर उससे चुदी होगी।। हर बार एक पति के, एक बेटे के भरोसे को, प्यार को, विश्वास को, उसने अपने नंगे बदन के नीचे, रोन्द डाला था।। अगर सच में नर्क होता है तो शायद, इससे बुरा नहीं होता होगा।। खैर.. !! ऐसा नहीं था की, मैं कमजोर था।। सोचिए, क्या होता अगर मैं उनकी चुदाई के वक़्त, उनके सामने पहुँच जाता और उन्हें रंगे हाथों पकड़ लेता।। एक माँ बेटे का रिश्ता, वहीं ख़तम हो जाता।। हो सकता था, मुँह बंद रखने के लिए या पकड़े जाने के डर से अंकल मुझे या मम्मी को कुछ नुकसान भी पहुँचा देते।। भले ही ये बात इतनी ख़ास ना हो, पर पूरी जिंदगी में मेरी मम्मी मुझसे कभी नज़र नहीं मिला पाती।। |
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