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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
congrats
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
Plz update bro
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Waiting for more stories
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[Image: IMG-20210801-WA0032.jpg]
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update wanted bro
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Nice hot erotic short stories collection with carious themes
[+] 1 user Likes doctor101's post
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(16-07-2021, 01:53 PM)usaiha2 Wrote: आज से एक साल तीन महीने पहले जब निहारिका दुल्हन बन कर इस घर में आई थी तो उसे यकीन नहीं हो रहा था की उसके नसीब में आदित्य जैसे हैंडसम और Successful इंसान की पत्नी बनना लिखा है. निहारिका उन चंद लड़कियों में से थी, जिन्हे आज की So Called Modern Society में दकियानुसी और बहन जी Type कि लड़की कहा जाता है, जो अपनी पूरी ज़िन्दगी अपनी इज्जत अपने होने वाले पति के लिये बचा कर रखती हैं. फिर निहारिका को तो उसकी चाहत से भी कहीं ज़्यादा अच्छा पति मिल गया था. सुहागरात वाले दिन वो आदित्य के ऊपर अपनी सारी ज़िन्दगी का संजोया हुआ प्यार न्योछावर करने को तैयार बैठी थी, पर उसे क्या पता था की आगे उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी एक ऐसे मोड़ से गुजरने वाली है जिसकी उसने कभी सपने में भी कल्पना ना की थी !!!


[Image: IMG-20200514-031601.jpg]


डरी सहमी निहारिका के साथ सुहाग सेज पर आदित्य बड़ी ही प्यार और नम्रता से पेश आया. निहारिका को अब भी याद है की जब आदित्य ने अपनी शेरवानी खोल कर अपना लण्ड बाहर निकाला था तो वो कैसे शर्म से लाल हो गई थी. 8.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा था उसके दूल्हे का... गुलाबी चिकना सुपाड़ा खुला हुआ... और लण्ड एकदम टाईट खड़ा !!! अपने पति से नज़रें मिलाये बिना ही निहारिका ने खुद को उन्हें सौंप दिया. आदित्य तो इतना ब्याकुल हो उठा था की उसे शादी का जोड़ा तक खोलने का मौका नहीं दिया और उसकी साड़ी उठा कर उसके ऊपर चढ़ गया. उस रात आदित्य ने उसे आधे घंटे तक चोदा, पर उसका वीर्य नहीं निकला. आखिरकार उसका लण्ड जब ढीला पड़ गया तो उसने खुद को उससे अलग कर लिया. निहारिका को लगा की पहली रात है तो शायद टेंशन की वजह से ऐसा हुआ हो, उसने अपने पति का पूरा सहयोग दिया और उसकी बाहों में सो गई.

[Image: IMG-20200514-031518.jpg]


उस पहली रात के बाद करीब 3 - 4 दिन तक ऐसा ही होता रहा हर रात, निहारिका को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. फिर जब करीब दो हफ्ते होने को आये और स्थिति में कोई सुधार नहीं आया तो उसकी चिंता बढ़ने लगी. और फिर साहस करके एक दिन उसने अपने पति से पूछ ही लिया.

" बुरा मत मानियेगा जी... पर मैं क्या आपको पसंद नहीं. "

पहले तो आदित्य टालता रहा पर उसकी हिचक से साफ ज़ाहिर था की कुछ तो बात है. फिर निहारिका के काफी ज़ोर करने के बाद उसने बताना शुरु किया, पर इस शर्त पर की वो उसे गलत नहीं समझेगी और उसके साथ पूरा सहयोग करेगी.

" मुझे ना ही कोई बीमारी है और ना ही मैं नामर्द हूं. बात बहुत ही Simple सी है निहारिका. जब भी मैं तुम्हारे साथ सेक्स करता हूं, मैं यही सोचता रहता हूं की अगर कोई गैर मर्द तुम्हारे साथ सेक्स करेगा तो देखने में कैसा लगेगा. ये क्यूं हो रहा है, I Don't Know. तुम्हें चोदते वक़्त मैं Fantasize करता हूं की तुम्हें कोई और चोद रहा है और मैं देख रहा हूं. इस Feeling से मैं बहुत उत्तेजित हो जाता हूं पर कुछ ही देर में जब Reality सामने आती है तो मैं ढीला पड़ जाता हूं ! इसी वजह से मैं स्खलित नहीं हो पा रहा. पर मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. "

निहारिका एक पढ़ी लिखी लड़की थी और उसे पता था कि हर बात पे कैसे React करना चाहिये. पर अपने पति कि इस बात को सुन कर वो भी सकते में आ गई. उसके मन में हजारों सवाल और ख्याल आने लगें, मगर बड़ी मुश्किल से उसने अपनी भावनाओ को काबू में करते हुए कहा.

" मुझे आपके प्यार पे शक नहीं. मगर मुझे आपकी बातें समझ नहीं आ रहीं. आप मुझसे क्या चाहते हैं ??? क्या आपको Group Sex और Wife Swapping करना है !!! ".

" नहीं नहीं... छी... कैसी बातें कर रही हो तूम ? मुझे किसी और औरत में या किसी और कि गर्लफ्रेंड और बीवी में कोई Interest नहीं. मैं सारी ज़िन्दगी बस तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं. मुझे तो बस तुम्हें किसी दूसरे मर्द के साथ देखने का मन है, वो भी तुम्हारी मर्ज़ी से. "

" मुझे भी किसी गैर मर्द में कोई Interest नहीं. " . उस दिन निहारिका गुस्से में दो टुक जवाब देकर चुप हो गई.

कई दिनों तक फिर उनके बीच इस बात को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. फिर एक दिन आदित्य ने अपनी पत्नी से कहा.

" बेबी... आज जब आशीष तुमसे मज़ाक कर रहा था तो ना जाने क्यूं मैं उत्तेजित सा होने लगा था. और जब भी तूम मेरे बड़े भैया या फिर पापा के नज़दीक जाती हो तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है. लगता है मुझे समझ में आ रहा है कि मुझे क्या चाहिये. ".

" छी... आप ऐसा सोच भी कैसे सकतें हैं ? अपने परिवार के लोगों के साथ ... ". निहारिका समझ गई कि उसके पति क्या कहना चाहते हैं.

" Exactly बेबी... अपना परिवार ! ". आदित्य ने अपनी पत्नी कि बात काटते हुए कहा. उसकी आँखों में एक चमक सी आ गई थी. " कम से कम तूम जो कुछ भी करोगी, अपने परिवार में रह कर करोगी. ये ज़्यादा बेहतर Idea है. जो लोग अपनी बीवी को अपने दोस्तों के साथ Share करते हैं, उनके जैसा घटिया इंसान और कोई हो ही नहीं सकता. पर अपने परिवार के अंदर सेक्स को तो पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है निहारिका !!! ".

निहारिका को अपने पति कि बातों में कोई Logic नहीं दिखा, पर सच को वो स्वीकार कर चुकी थी. उसके पति उसके साथ तभी पूर्ण रूप से सेक्स कर सकेंगे जब वो उन्ही के सामने किसी और से सेक्स करेगी ! अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी को बचाने के लिये उसे ये करना ही पड़ेगा !!! मगर उसने अपने पति को किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं दिया और चुप रही.

[Image: IMG-20200514-031531.jpg]



निहारिका अपने तरीके से अपने पति कि अजीब Fantasy को पूरा करने में लग गई. उसके लिये अपने देवर आशीष को पटाना सबसे ज़्यादा आसान था. वो वैसे भी अपनी भाभी से खुब मज़ाक किया करता था, हालाँकि उसके मन में अपनी भाभी के प्रति कोई गंदी भावना नहीं थी.

आदित्य को अब तक पता नहीं था कि उसकी पत्नी उसकी खुशी कि खातिर क्या क्या कर रही है. फिर एक दिन रात को सोते समय निहारिका ने उसे बताया.

" पता है... आज मैंने साड़ी थोड़ी सी नीचे पहनी थी तो सारा दिन देवर जी ने मन भर कर मेरी नाभी को घूरा. अभी जब मैं आप के साथ हूं तो मुझे पूरा यकीन है कि वो बेचारे आज रात मेरे बारे में सोच कर मूठ मारेंगे ! ".

निहारिका की इतनी सी बात पे आदित्य बहुत उत्तेजित हो गया था और उस रात उसने अपनी बीवी को सुबह चार बजे तक पेला ! ये बात और है की वो स्खलित नहीं हुआ. निहारिका को अपने पति की Sex Life में Progress से काफी ख़ुशी हुई, इससे उसे और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिला.

निहारिका एक हफ्ते के अंदर अपने देवर को रिझाने में कामयाब रही. उसने आशीष को बस इतना यकीन दिला दिया की वो उसे बहुत पसंद करती है क्यूंकि वो अपने आदित्य भैया से ज़्यादा जवान और रोमांटिक है. ज़ल्दी ही आशीष ने अपनी भाभी से नाजायज शारीरिक सम्बन्ध बना लियें.

जिस दिन पहली बार निहारिका ने आदित्य को बताया की आज दिन के वक़्त जब वो नहा रही थी, तो किस तरह उसका देवर बाथरूम में घुस आया और उसे चोद दिया, उस दिन आदित्य की ख़ुशी का ठिकाना ना रहा. लेकिन अब उसे ये सब अपनी आँखों से देखना भी था, जो की असंभव था ! सो अगली बार उसके सुझाव पर निहारिका ने अपने देवर के साथ रूम में सेक्स करते हुए देवर जी की जानकारी के बिना चोरी छुपे अपना मोबाइल टेबल पर रख कर Video Recording कर ली. ये निहारिका और उसके पति की शादीशुदा ज़िन्दगी का सबसे बड़ा Turning Point सिद्ध हुआ !!!

क्यूंकि उस रात जब वो MMS निहारिका ने आदित्य को दिखाया तो उसकी Excitement का ठिकाना ना रहा ! उस रात अपनी धर्मपत्नी को अपने ही देवर से Video में चुदवाते देख आदित्य का उसकी पैंट में ही शीघ्रपतन हो गया. आज पहली बार झड़ा था वो ! फिर क्या था, उस रात उसने निहारिका को तीन बार चोदा और हर बार उसका माल भी गिरा ! निहारिका उस रात अपने पति से लिपट कर खुशी के मारे खुब रोई !!!

[Image: IMG-20200514-032144.jpg]



सब कुछ ठीक ही चल रहा था और आदित्य को अब जितना कुछ भी मिला था वो काफी था उसकी गंदी Fantasy को पूरा करने के लिये.

पर गलत चीज़ ज़्यादा दिन छुप कहाँ पाती है... वो भी एक ही घर और एक ही परिवार में !

एक दिन जब आशीष अपनी भाभी को उसके कमरे में चोद रहा था तो बड़े भैया यानि की निहारिका के जेठ जी ने देख लिया. यही नहीं, जेठ जी ने ये घिनौनी बात ससुर जी को भी बता दी. जेठ जी और ससुर जी ने मिल कर आशीष को तो अच्छी खासी खरी खोटी सुनाई ही, निहारिका को भी कहा की वो आदित्य को उसकी बदचलनी के बारे में बता देंगे. उन बेचारों को क्या मालूम था की ये सब तो उसी की मर्ज़ी से हो रहा था !

निहारिका को इतने दिनों बाद तो दामपत्य जीवन का सुख मिला था, वो उसे कैसे खो देती. और तब बेचारी ने एक झूठी कहानी बनाई. उसने अपने जेठ जी, देवर जी और ससुर जी से कहा की उसका पति नामर्द है, और इसलिये बस शारीरिक सुख के लिये वो अपने देवर के साथ कुकर्म करने को बाध्य हो गई ! पर उसने ये भी कहा की आदित्य उससे कितना प्यार करता है और अगर उसे पता चलेगा की उसकी नामर्दानगी की वजह से उसकी पत्नी इतनी गिर गई है की उसके ही छोटे भाई से गलत सम्बन्ध बना बैठी है, तो बेचारे आत्महत्या कर लेंगे !!!

निहारिका ने रो धो कर घर के तीनों मर्दों को ये यकीन दिला दिया की वो एक बेबस औरत है जिसे विवाहित जीवन का सुख नहीं मिल रहा, और अगर इसके लिये वो घर के ही किसी सदस्य से शारीरिक सम्बन्ध बना रही है तो समझ लो की वो कितनी विवश है !

निहारिका की इस झूठी कहानी में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसपे उन तीनों को भरोसा और विश्वास ना हो. उन्हें घर की इस बेचारी बहु से पूरी हमदर्दी और सहानभुती हो गई.

वैसे शुरुआत में तो निहारिका की कोई Planning नहीं थी अपने ससुर जी और जेठ जी के साथ नाजायज सम्बन्ध बनाने की, पर अब उसने उन दोनों का भी Sympathy पा लिया था. जेठ जी ने अभी तक शादी नहीं की थी और ससुर जी की पत्नी का तभी स्वर्गवास हो चुका था जब लड़के बहुत छोटे थें. सो उन दोनों को एक तरह से औरत की नज़दीकी की ज़रूरत तो थी ही. ऐसे हालात में घर में निहारिका जैसी ज़रूरतमंद औरत के होते हुए और अब उसके विवाहित जीवन की सच्चाई जानते हुए उनका उसकी ओर आकर्षित होना लाज़मी था... और ऐसा हुआ भी !


दोनों निहारिका के पीछे पड़ गयें तो निहारिका हार कर उनके साथ भी सोने लगी ! अब आलम ये हो गया की घर में ससुर जी, जेठ जी और देवर जी, तीनों ही निहारिका को चोद रहें थें, और तीनों को ही इस बारे में पता था. उनके ख्याल में तो बस बेचारे आदित्य को ही इसके बारे में पता नहीं था. धीरे धीरे जिस खेल की शुरुआत मज़बूरी में और अपने पति को ख़ुश करने की खातीर हुई थी, उस खेल में निहारिका को भी कब मज़ा आने लगा, इसका उसे भी पता नहीं चला. अब दिन भर वो बारी बारी से अपने ससुर जी, जेठ जी और देवर जी से चुदवाती और रात को अपने पति को पूरे दिन की कहानी बता कर और कभी कभी मोबाईल से बनाई हुई Video दिखा कर गरम करके उनसे पेलवाती ! घर की बाई मालती को वो अब सिर्फ सुबह में आकर काम करके चले जाने बोलती और फिर वो शाम को आती, ताकि सारा दिन घर में चुदम चुदाई हो सके. धीरे धीरे निहारिका घर में सारा दिन बिना कपड़ों के ही नंगी रहने लगी !!!

जैसे जैसे दिन बीतते गयें, आदित्य और निहारिका को नये नये तरीके सुझते गयें. आदित्य का मन अब मोबाईल से बनाई MMS से नहीं भर रहा था. उसने अपने कमरे में एक Hidden Camara लगाया. उस Camara से बनी Video की बात ही कुछ और थी. प्रोत्साहित होकर उसने फिर 2 फिर 3 और आखिरकार पूरे 8 कैमरे अपनी रूम में अलग अलग जगह पे लगा दिये. यही कारण था की निहारिका हमेशा इसी रूम में घर के तीनों मर्दों के साथ सेक्स करती, ताकि अपने पतिदेव के लिये एक अच्छा सा Hot Video बना सके. फिर हर रात एक नई Video देखकर आदित्य अपनी पत्नी को बेतहासा चोदता !!!


इस पूरे खेल में बस निहारिका को एक ही बात बुरी लगी थी और वो ये थी की उसे अपने पति को घर के बाकि मर्दों के सामने नामर्द बताना पड़ा था. पर सच तो ये था की उसके पति से बड़ा चुदक्कड़ मर्द और कोई नहीं था.

अब कहानी के दो विभिन्न पहलू थें - पहला ये की, ससुर जी, जेठ जी और देवर जी पूरी ज़िन्दगी ये मानते रहेंगे की आदित्य नामर्द है और अपनी बीवी के साथ कुछ भी करने में असमर्थ है, और दूसरा, निहारिका उन तीनों का इस्तेमाल करते हुए अपने पतिदेव की गंदी Fantasy को पूरा करती रहेगी, ताकि उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी बच सके. और निहारिका को इसमें कोई दिक्कत नहीं थी...



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This story Aapke Khatir is one of the best stories I have read i recent times it is really very very excting and arousing nd sensual and 
you name it. I observe most of the stores re incest and mother fucking and sister fucking why people indulge in these stories I really 
don't know. anyway I must write the things I liked _ the Bhabhi is undressed quickly roams and then fuckedby three 
family memers, that too withthe cosent of her husband. this is really dick rising story please do write  such stories.
 some suggestions-  it was not nessesry to show Neharika pissing in Bucket it is not in te fittest of the things, It was also not
nesessry to club all three fucking session in one go, you could hve made it in three chapters . the theme is so strong thtyou could have written a Novel on that doesnt make story less interesting . do write such stories. And big THANK YOU.
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Heart 
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Heart 
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किराएदार

मेरा नाम राकेश है, 4 साल पहले मैंने एम बी ए किया था। अभी हाल मैं ही मैंने एक नई कम्पनी कल्याण में ज्वाइन की। मेरी उम्र 27 साल, और मैं औरंगाबाद का रहने वाला हूँ।

मैंने कम्पनी से 5 किलोमीटर दूर एक कमरा किराए पर ले लिया। मकान मालिक मुंबई में सरकारी बाबू हैं। मेरी मकान मालकिन सपना भाभी एक साधारण काली सी 35 साल की घरेलू महिला हैं। उसके दो बच्चे 8 और 10 साल के हैं। सपना भाभी की चूचियाँ बड़ी बड़ी और मोटी घरेलू औरतों जैसी हैं। मेरा कमरा पहली मंजिल पर है। मैं सितम्बर में इस किराए के मकान में आ गया था और पहले दिन 11 बजे घर पहुँचा था।

मुझे देखकर सपना भाभी मुस्कराई और बोली- नमस्ते राकेश जी, आओ, आपको घर दिखा देती हूँ।

नीचे सपना भाभी और उसका परिवार रहता है, नीचे साथ में ही एक कमरा है, सपना भाभी ने बताया कि इसमें 24 साल की रजनी नाम की लड़की किराए पर रहती है, वो कल्याण में एक होटल में फ़ूड मैनेजर है, सुबह 8 बजे जाती है और रात को 7 बजे आती है।

उसके बाद हम लोग ऊपर आ गए। मेरे कमरे के सामने थोड़ी दूरी पर एक कमरे और किचन का सेट था जिसमें एक पति-पत्नी रहते हैं।

पति का नाम अरुण और पत्नी का सुरेखा है। सुरेखा बाहर निकल कर आई और उसने मुझे नमस्ते की। सुरेखा की उम्र 22-24 साल लग रही थी। सुरेखा दिखने में मुझे बहुत सुंदर लगी। मेरा और अरुण का बाथरूम एक ही है और हम दोनों के कमरों के बीच खाली जगह है। बाथरूम के बाहर एक नल लगा हुआ है। पहली मंजिल पूरी ऊपर से ढकी है।

नीचे और ऊपर जाने की सीढियाँ है। उन पर दरवाज़ा लगा है। दरवाजे बंद करने के बाद ऊपर का हिस्सा पूरा अलग सा हो जाता है। छत पर कुछ नहीं है।

इसके बाद हम नीचे आ गए, सपना भाभी मेरे लिए चाय बना लाई, उसने मुझसे ढेर सी बातें की जैसे कि मुझे पहले से जानती हो।

##

रात को नींद अच्छी आई, सुबह 8 बजे जब नींद खुली तो सामने सुरेखा कपड़े धो रही थी। उसकी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर निकल रही थीं। सुबह के कुनमुनाते हुए लंड को हवा मिल गई और वो आसमान छूने की कोशिश करने लगा।

मैंने लंड पजामे से बाहर निकाल लिया और छुप कर लोड़ा सहलाते हुए सुरेखा की चूचियों को निहारने लगा। मन कर रहा था कि बाहर निकल कर चूचियां पकड़ लूं।

कपड़े धोते धोते सुरेखा की साड़ी का पल्लू गिर गया था। नीचे वो ब्रा नहीं पहने थीं उनके ब्लाउज से दोनों उरोज बाहर निकलने को आतुर हो रहे थे। मेरा लोड़ा हुंकार भर रहा था। सुरेखा कपड़े धोने के बाद उठी और उसने अपनी साड़ी उतार दी गीले ब्लाउज से भूरी भूरी निप्पल पूरी दिख रही थीं, मेरे लोड़े मैं आग लगी हुई थी। सुरेखा झुककर साड़ी धोने लगी ढीले ब्लाउज़ के अंदर से उसकी चूचियां आगे पीछे हिल रही थीं।

साड़ी धोने के बाद उसने अपना ब्लाउज उतार दिया उसकी नंगी चूचियां खुलकर बाहर आ गईं, पूरी दिख गईं थी, ग़ज़ब की सुंदर और कसी हुई गोरी गोरी संतरियां थी, उसकी नुकीली भूरी निप्पल मेरे लंड को परेशान कर रही थीं।

झुककर वो ब्लाउज धोने लगी, नंगी हिलती चूचियाँ मेरे लंड को परेशान कर रही थीं।

मैं कल ही आया था शायद वो इस धोखे में थी कि घर में कोई आदमी नहीं है। उसकी हिलती नंगी चूचियों ने मेरे लंड को हरा दिया और उसने हार मानते हुए पानी छोड़ना शुरू कर दिया।

तभी सीढ़ी के दरवाजे पर खट खट की आवाज़ आई।

सपना भाभी थीं।

सुरेखा बोली- दीदी, मैं तो नहा रही हूँ।

सपना भाभी बोली- राकेश जी उठ गए क्या?

यह सुनते ही सुरेखा ने अपनी चूचियां हाथों से ढक लीं, इसके बाद अपने बदन पर तौलिया डाल लिया और सीढ़ी का दरवाज़ा खोल कर दौड़ती हुई बाथरूम में घुस गई।

मेरे लंड ने अब पानी छोड़ दिया था। मैंने पजामा ऊपर चढ़ा लिया।

मेरा पहला दिन था, मैं कमरे मैं बैठ गया। तभी खट खट हुई, सामने सपना भाभी जी थीं, बोलीं- रात को नींद अच्छी आई होगी?
मैंने कहा- हाँ! नींद तो अच्छी आई।

सपना भाभी बोलीं- आपका बाथरूम सामने वाला है, अभी उसमें सुरेखा नहा रही है। बहुत अच्छी औरत है।

भाभी ने बताया कि सुरेखा का पति बहुत गंदा रहता है और दारू पीकर कभी कभी सुरेखा को पीट भी देता है। सुरेखा की उम्र 24 साल है और उसके पति की 35 साल! दोनों ने 3 साल पहले घर से भाग कर शादी की थी, सुरेखा के अपने घर से अब कोई सम्बन्ध नहीं हैं। दोनों के कोई बच्चा भी नहीं है। सुरेखा को रोज़ 2-2 घंटे पीटता था, नीचे तक सुरेखा के पिटने और रोने की आवाज़ आती थी, एक दिन इन्होंने डांटा तब हरामी थोड़ा सा सुधरा।

सपना भाभी बिंदास होकर बात कर रही थीं।
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Heart 
थोड़ी देर बाद सुरेखा 3 कप चाय बना कर ले आई, मैंने सुरेखा से नमस्ते की, सुरेखा बोली- अरुण तो आज 6 से 2 बजे की शिफ्ट में हैं शाम को बजे आएँगे।


मैं सुरेखा को ऊपर से नीचे तक निहार रहा था। कुछ दारुबाज निकम्मों की किस्मत बहुत अच्छी होती है, दारु के मज़े भी लेते हैं और सुंदर बीवी को भी जैसे चाहें, वैसे भोगते हैं। सुरेखा गज़ब की माल थी, तराशा हुआ बदन था सुरेखा का, ब्लाउज़ में सुंदर चूचियाँ छुपी हुई थीं। सुबह का याद करके मेरा लंड हिनहिनाया लेकिन मैंने उसे चुप करा दिया।

सुरेखा चुपचाप चाय पी रही थी, मुझे ऐसा लगा जैसे कि वो मुझे प्यार भरी नज़रों से घूर रही हो।

चाय खत्म करने के बाद सपना भाभी बोली- आप 12 बजे से पहले जब चाहें तब आ जाइएगा। उसके बाद आना हो तो पहले बता देना।

मैंने कहा- ठीक है दीदी !

सपना भाभी बोली- आप आप मुझे दीदी की जगह भाभी कहा करना।

आँख मारते हुए सपना भाभी बोली- भाभी का मज़ा अलग ही है।

उसके बाद सपना भाभी नीचे चली गई।

मैं थोड़ी देर बाद नहाने चला गया बाथरूम बहुत छोटा था अंदर टॉयलेट सीट लगी हुई थी। बल्ब ओन करना चाह तो वो भी ओन नही हुआ अंदर बहुत अँधेरा था किसी तरह मैंने नहाने का मन बनाया बनियान उतार कर टांगने जा रहा था तो वहां मुझे एक लाल रंग की पैंटी दिखी शायद सुरेखा की थी। सुबह जब सुरेखा नहाई होगी तब छोड़ गई होगी। पैंटी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था।

तभी दरवाजे पर हलका सा धक्का पड़ा, मैंने दरवाज़े से झाँका तो सुरेखा खड़ी थी, शरमाते हुए बोली- मेरी वो होगी अंदर, दे दीजिए न! 

मैंने पीछे हटते हुए मुस्करा कर कहा- यह लीजिए।

मैंने पैंटी सुरेखा को दे दी।

सुरेखा जाते जाते बोली- पहनना भूल गई थी !

#
उसकी इस बात ने मेरे लंड में आग लगा दी और मुझे मुठ मारनी पड़ी। मैं जब नहा कर आया तो सुरेखा मेरे लिए नाश्ता ले आई।

मैं बोला- भाभी, इस की क्या जरूरत?

सुरेखा बोली- आप ले लीजिए, आज पहला दिन है।

सुरेखा बोली - आप मेरे पेइंग गेस्ट बन जाइये न, रमेश जी 2000 रुपए देते थे आप भी 2000 रुपए दे देना।

मैंने हामी भर दी।

उसके बाद मेरा सामान आ गया, सपना भाभी की मदद से मैंने अपना सामान कमरे में लगा लिया।

सपना भाभी से बातों बातों में मुझे पता चला कि बाथरूम की लाइट ख़राब है और 500 रुपए सही करने में लगेंगे। सपना भाभी मुझसे बोली- बाथरूम तो बहुत छोटा है, आप खुले में बाहर नहा लिया करिए। अरुण तो खुले मैं नहा कर जाते ही हैं। सुरेखा भी सुबह जल्दी उठती है और 6 बजे से पहले ही खुले में नहा लेती है, ऊपर से बंद है कौन देख रहा है। आज तो कपड़े धो रही थी और आप भी उठ गए थे इसलिए बाथरूम में नहाने चली गई।

#

रात को सुरेखा के पति अरुण से मेरी मुलाकात हो गई, उसके मुँह से देसी दारु की बदबू आ रही थी। अरुण सामान्य से पतला दुबला एक साधारण सा आदमी था।

मैं रात को 10 बजे सोने चला गया, सोने से पहले मैंने सुबह 5 बजे का अलार्म भर दिया, सुबह सुरेखा को नहाते हुए जो देखना था।
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#
सुबह बजे ही मेरी नींद खुल गई बार बार दरवाजे की झिर्री से मैं सुरेखा के घर की तरफ देख रहा था। सामने कमरे मैं अरुण जाने की तैयारी कर रहे थे, 4:30 बजे वो निकल गए। सुरेखा मैक्सी पहन कर नीचे उन्हें छोड़ने गई और वापस अपने कमरे में चली गई।

बार-बार मैं सुरेखा के दरवाज़े की तरफ देख रहा था। 5:00 बजे के करीब सुरेखा बाहर निकल कर छुटपुट काम करने लगीमेरी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि कब वो नहाए और मैं उसकी चूचियों के दर्शन करूँ।

आखिर वो घड़ी आ गई 5:30 बजे वो नहाने आ गईउसने बाहर का नल खोल लिया और बाल्टी नीचे रख दी। उसके बाद वो मेरे कमरे की तरफ बढ़ी। मेरी समझ में नहीं आया पर मैं वापस आकर पलंग पर बैठ गया।

सुरेखा ने बाहर से मेरे कमरे की सांकल लगा दी थी और वापस चली गईमैं दुबारा उठकर बाहर झाँकने लगा।

नीचे और ऊपर जाने का दरवाज़ा बंद था और मेरा दरवाज़ा बाहर से उसने बंद कर दिया था। अब वो आराम से नहा सकती थी।

अगले मिनट उसने अपनी मैक्सी उतार दी। सुरेखा के बदन पर अब सिर्फ एक लाल पैंटी थी। उसने एक जोर की अंगड़ाई ली।

वाह! क्या नंगा हसीन बदन था! तनी हुई चूचियाँ और उन पर सजी हुई भूरी निप्पलसेक्सी नाभि के नीचे का प्रदेश और गरम गरम जांघें! सुरेखा की कमसिन जवानी ने मेरे लंड में तो आग लगा दी।

सुरेखा झुककर अपनी मैक्सी धोने लगीउसकी हिलती नंगी चूचियों ने मुझे पजामा उतारने पर मजबूर कर दियामैंने अपना पजामा उतार दिया और अपना इंची लंड हाथ में पकड़ लिया।

मैक्सी धोने के बाद सुरेखा ने उसे आगे बढ़कर डोरी पर डाल दियाडोरी मेरे दरवाज़े के आगे ही थीउसका हसीन नंगा बदन मैक्सी डालते समय मेरे से थोड़ी दूर पर ही थामन कर रहा था जाकर साली को जकड़ लूँ।

इसके बाद सुरेखा अपनी जांघें फ़ैला कर पटरे पर नहाने बैठ गई। उसकी चिकनी जांघें देखकर मेरे लंड ने कुछ बूंदें वीर्य की त्याग दी। सुरेखा ने पहले अपने पैरों और हाथों पर साबुन लगाया उसके बाद उसने अपने गले और गाल पर साबुन लगाया। उसकी लगातार हिलती हुई नंगी गोल चूचियों ने मुझे पागल कर दिया। साबुन लगाने के बाद पानी बदन पर डालने से सुरेखा का पूरा बदन भीग रहा था, दोनों निप्पल से पानी की बूंदें गिर रही थीं। अब उसके दूधों पर साबुन दौड़ रहा थादोनों स्तन अपने हाथों से दबाते हुए उसने उन पर साबुन मला इसके बाद लोटे से पानी डालने लगी।

सुरेखा की नंगी कमसिन जवानी मुझे पगला रही थी। वो अपनी पैंटी में हाथ डालकर अपनी चूत पर साबुन मलने लगी। साबुन लगाने के बाद सुरेखा पानी से नहाने लगी,15 मिनट तक सुरेखा नहाती रही और मैं उसके जवान नग्न शरीर का मज़ा लेता रहा। आखिर में उसने बचा हुआ पूरा पानी अपने बदन पर डाल लिया और तौलिए से अपना बदन पोंछने लगी।

सुरेखा ने तौलिया बाँध कर अपनी पैंटी उतार दी। मुझे लगा अब सुरेखा का स्नान पूरा हो गया है और मुझे अब सुरेखा की चूत रानी के दर्शन नहीं होंगे।
नहाने के बाद सुरेखा ने पीछे जाकर तेल की शीशी निकाली और पास मैं पड़े तख्त पर बैठकर अपने बदन पर तेल मलने लगी बाहर के बल्ब की रोशनी सीधे उसके बदन पर पड़ रही थी। अपने हाथों पर तेल मलने के बाद उसने अपनी चूचियों को दबाते हुए तेल मालिश करनी शुरू कर दी। मेरे लंड ने हार मानते हुए ढेर सारा वीर्य जमीन पर छोड़ दिया।

सुरेखा मिनट तक अपनी चूची और पेट पर तेल मलती रही। लंड दुबारा खड़ा हो गया था। स्तनों पर तेल मालिश के बाद सुरेखा ने मेरे दरवाज़े की तरफ देखा और फिर अपना तौलिया हटा दिया। चूत प्रदेश काली झांटों में छिपा हुआ था। उसने झुककर पहले अपने पैरों पर तेल लगाया इसके बाद अपनी जांघें फ़ैला लीं और जाँघों पर तेल मालिश करने लगी।

चूत का दरवाज़ा मेरी आँखों के सामने थाआह! पूरी खुली हुई चूत मेरे लंड को चोदने के लिए उकसा रही थी।

जाँघों की मालिश के बाद चूत की बारी थीबहुत सारा तेल उसने चूत पर डाल लिया और अंदर उंगली डाल कर चूत की मालिश करने लगी। दस मिनट तक 
मैंने उसकी नंगी चूत के हर कोण से दर्शन किये। इसके बाद उसने ब्लाउज और पेटीकोट पहन लिया और मेरे दरवाज़े की सांकल खोल कर अंदर चली गई। बज़ रहे थे।

बजे सुरेखा चाय नाश्ता लेकर आ गई। सुरेखा इस समय साड़ी ब्लाउज़ में थीबोली- आज से आप मेरे पेइंग गेस्ट हैंआप चाय और खाने में क्या और किस समय लेंगे?

मैंने कहा- भाभी आप जो चाहें वो खिलाओ। सुबह बजे नाश्ता और रात को 10 बजे मैं खाना लेता हूँ।

सुरेखा मुस्कराती हुई बोली- आप चाहें तो मुझे सुरेखा कह कर बुला लिया करें।

सुरेखा मुस्करा रही थी। सुबह के स्नान का याद करके मैं सोच रहा था सुरेखा को अपनी गोद में बैठा लूँ और उसकी चूचियों और चूत से खेलूं। मेरा लंड उसको देख कर खड़ा हो गया थाबड़ी मुश्किल से अपने लंड को संभाले हुआ था।


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Heart 
10-12 दिन इसी तरह से निकल गए। रोज़ सुबह सुरेखा की नंगी जवानी का आनंद लेने लगा था मैं, सुरेखा को चोदने की इच्छा बढ़ती जा रही थी।


एक दिन नीचे वाली भाभी बोलीं - सुरेखा को खुजली की शिकायत हो रही है, कुछ प्रॉब्लम है, उसे लेडी डॉक्टर को दिखा लाओ, उसका पति तो नालायक है और दो दिन को बाहर भी गया है। तुम्हारे पास बाइक भी है और कल तुम्हारा ऑफ भी है, तुम तो आराम से ले जाओगे उसे।

मैं बोला - सुरेखा चली जाएगी?

सपना भाभी हँसते हुए बोली - चिपक कर बैठ कर जाएगी। तुम्हें पसंद करने लगी है, कह रही थी कि राकेश भाई साहब बहुत अच्छे हैं। काश मुझे भी ऐसे पति मिलते।

मुझे कुछ गुदगुदी सी हुई, मैं बोला- ठीक है, आप उससे कह दो कल ले जाऊंगा।

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शाम को सुरेखा जब खाना देने आई तो बोली - भाभी कह रहीं थीं...!!मैंने कहा- हाँ कल चले चलेंगे।

मैंने पूछा- आपको क्या दिक्कत है?

सुरेखा शर्माते हुए बोली - नीचे कुछ औरतों वाली दिक्कत है। इनके मुँह से तो दारु की बदबू आती रहती है ये एक दो बार डॉक्टर के यहाँ गए हैं तो उसने इन्हें कमरे से भगा दिया था।

सुरेखा बोली - 10 बजे चलेंगे और वो बाहर चली गई।

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अगले दिन सुबह 6 बजे सुरेखा जब नंगी नहा रही थी तो मुझे लगा कि सुरेखा की चूत में अब लंड घुसाने के दिन आने वाले हैं।
सुबह 10 बजे सुरेखा साड़ी ब्लाउज़ पहन कर तैयार हो गई, मुझसे बोली- थोड़ी दूर वाले हॉस्पिटल में चलेंगे, यहाँ जान-पहचान वाला कोई मिल जाता है तो बड़ी शर्म आती है।

हम लोग घर से 15 किलोमीटर दूर एक हॉस्पिटल में गए, रास्ते में सुरेखा बड़ी शालीनता से बैठी रही। वहाँ गीता नाम की लेडी डॉक्टर को दिखाने सुरेखा अंदर चली गई। मैं बाहर बैठ गया।

थोड़ी देर बाद एक नर्स आई और बोली- सुरेखा जी के साथ आप ही हैं?

मैं बोला- हाँ !

"अंदर चलिए, डॉक्टर साहब बुला रही हैं। "

डॉक्टर के कमरे के अंदर एक कमरा था, डॉक्टर मुझे अंदर ले गईं, अंदर सुरेखा चादर ओढ़े लेटी थी।

डॉक्टर बोली- आपको पता है इनको क्या दिक्कत है?

मैं बोला- नहीं !

तो डॉक्टर ने सुरेखा की चादर हटा दी। सुरेखा पूरी नंगी मेरे सामने लेटी थी उसने हाथ और पैर से अपनी चूत और चूची छिपाने की कोशिश की।

डॉक्टर ने सुरेखा को डांटा और बोलीं - इतना नाटक करने की जरूरत नहीं, रात को तो बिना नहाए धोए गंदे ही एक दूसरे से चिपक जाते हो और डॉक्टर के पास शर्मा रही हो?

डॉक्टर मुझे सुरेखा का पति समझ रही थीं। सुरेखा ने दयनीय स्थिति में मुझे इशारा किया कि मैं डॉक्टर को कुछ नहीं बताऊँ।

डॉक्टर ने सुरेखा की टांगें फैला दीं और उसकी चूत की झांटे दिखाती हुई सुरेखा से बोली - इन बालों को समय से साफ़ किया करो।

मेरी तरफ देखती हुई डॉक्टर ने कहा- देखो, इसकी वेजिना कितनी लाल हो रही है, यह एलर्जी है, आप लोग बिना साफ़ सफाई के अंदर डाल देते हो, उससे होती है। शर्म आनी चाहिए, आपकी पत्नी है, ठीक से आराम से किया करो, साफ सुथरे होकर सेक्स करने में ज्यादा मज़ा आता है।

सुरेखा के हाथ को हटाते हुए बोलीं - यह क्या है?

चूची पर दो कटे के निशान थे ,डॉक्टर ने मेरा हाथ सुरेखा की चूची पर रख दिया और बोली- देखो, काटने से खाल तक छिल गई है। आप प्यार से सेक्स क्यों नहीं करते हैं।

सुरेखा की हालत पतली हो रही थी, मेरा भी बुरा हाल था। सुरेखा की गुलाबी चूची पर हाथ रखने से मेरा लंड जाग चुका था।
डाक्टर ने इसके बाद नर्स को बुलाया और कहा - इन्हें दवाई दे दो और बाकी बातें समझा दो।

डॉक्टर बाहर अपने कमरे में चली गईं। नर्स एक 50-55 की औरत थी। इसके बाद नर्स ने एक ट्यूब ली और बोलीं इसकी क्रीम इनकी योनि के अंदर और बाहर धीरे धीरे उंगली से सहलाते हुए रात को अच्छी तरह से साफ़ हाथ से लगानी है।

उसने मेरे हाथ धुलवाए और मेरी उंगली पर क्रीम लगा दी और बोली- जरा लगा कर दिखाओ !

मेरी और सुरेखा की हालत पतली हो रही थी, मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और काँपते हाथों से बाहर बाहर मालिश करने लगा। मेरा लोड़ा पूरा खड़ा हो गया था।

नर्स बोली- यह बाहर बाहर क्यों लगा रहा है? पूरी अंदर तक घुसा कर लगा! रात को तो बड़ी जल्दी चढ़ता होगा।

नर्स का यह शायद रोज़ का ही काम था। मैंने भी अब बेशरम होकर सुरेखा की चूत की मालिश अंदर बाहर शुरू कर दी। सुरेखा धीरे धीरे उई ऊई कर रही थी। मेरा लोड़ा पूरा गरम हो रहा था।

2 मिनट बाद नर्स बोली - ठीक है, एसे ही रात को सोने से पहले 5 मिनट तक मालिश कर देना।

इसके बाद उसने कुछ गोलियाँ दी और बोली- दो-दो गोली सुबह शाम खानी हैं, 7-8 दिन लगेंगे ठीक होने में, तब तक चूत में लोड़ा अंदर नहीं डालना है।

नर्स के मुँह से ये बातें सुनकर सुरेखा शर्म से जमीन में गड़ी जा रही थी, नर्स मेरी तरफ देखती हुई रुखी सी देसी भाषा में बोली- तू दिखता तो साफ़ सुथरा और सीधा सा है लेकिन है बदमाश! इसने सब बता दिया है। अपने लोड़े को अच्छी तरह साफ़ करके अंदर डालना। ये दाने साफ़ नहीं रहने के कारण होते हैं।

सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली - तू भी अपनी चूत साफ़ रखा कर! झांटे देख कितनी बड़ी बड़ी हो रहीं हैं। सन्डे की सन्डे झांटे साफ़ करने की क्रीम लगा कर डेटोल से चूत साफ़ करा कर। आँख दबाती हुई नर्स बोली- तू भी कम नहीं लग रही है, डलवाती होगी तभी तो आगे पीछे दोनों तरफ से ये तेरी रोज़ मारता है। अब 7- 8 दिन चूत में लोड़ा मत घुसवाना और ज्यादा मन करे तो मुँह मैं ले लियो और इतने पे भी चैन न पड़े तो गांड में डलवा लेना लेकिन साफ़ सफाई से।

गांड में जब भी डलवाए तो कंडोम लगा के डलवाना। चलो अब तुम लोग जाओ और अगर एक हफ्ते में दाने सही नहीं हुए तो दुबारा आना।

बाइक पर अब सुरेखा मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी, दोनों चूचियाँ मेरी पीठ से दब रही थीं, बड़ा अच्छा लग रहा था।

सुरेखा बोली- 10 मिनट कहीं बैठ सकते हैं?

मैंने कहा- ठीक है।

और हम एक काफी हाउस में घुस गए, कोने में एक सीट पर बैठ गए।

सुरेखा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली - आज जो हुआ किसी को मत बताना, मुझे तो बहुत शर्म आ रही है।

सुरेखा बोली- डॉक्टर साहिबा ने नंगी कराने के बाद जब मेरी बड़ी बड़ी झांटें देखीं तो बहुत डाँटा था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पति कैसे सेक्स करते हैं तो मुझे सच सच बताना पड़ा। अरुण रोज़ रात को अपना नंगा लंड मेरी चूत और गांड दोनों में डाल देते हैं, कई बार तो गांड से निकला लंड वैसे का वैसा ही चूत में डाल देते हैं। डॉक्टर यह सुन कर गुस्सा हो गई और उन्होंने तुम्हें बुला लिया।

मैं बोल उठा - आपकी चूचियाँ बहुत सुंदर हैं।

सुरेखा शरमा कर बोली - आपकी उंगली ने तो मेरी जान निकाल ली।

सुरेखा और मैं मुस्करा पड़े।

सुरेखा बोली - दवा आप अपने पास रख लें। इन्होंने देख ली तो मेरी जान ले लेंगे। सुरेखा ने मेरा हाथ उठाकर अपनी जाँघों पर रख लिया, धीरे धीरे उसकी जांघें सहलाते हुए मैं उससे बातें करने लगा। काफी आ गई, पीते-पीते मुझे पता चला कि सुरेखा पैसों की कमी के कारण क्रीम और कॉस्मेटिक नहीं खरीद पाती है।

मेरा हाथ अब उसकी जाँघों के बीच चल रहा था, उसको मज़ा आ रहा था। काफी पीने के बाद मैंने उसे 1000 रुपए के कॉस्मेटिक और क्रीम दिलवाई। इसके बाद वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गई और हाथ उसने मेरे तने हुए लंड के ऊपर रख दिया। पूरे रास्ते वो मेरा लंड सहलाती हुई आई। मैं भी बाइक 20 की स्पीड से चला रहा था। उसके बाद हम घर आ गए।

चार बज़ रहे थे, हम दोनों ऊपर आ गए और अपने अपने कमरे में चले गए।

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Wah mast...plz continue
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Thumbs Up 
(16-07-2021, 01:59 PM)usaiha2 Wrote: ..............


[Image: IMG-20200514-031429.jpg]

और आज निहारिका ने आदित्य को Surprise देने के लिये अपने ससुर जी, जेठ जी और देवर जी के साथ Gangbang, मेरा मतलब है, सामूहिक संभोग, का Plot रचा था !!!

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TV Screen पर चल रहे Video में ससुर जी, जेठ जी और देवर जी, निहारिका के साथ धमाचौकड़ी मचा रहें थें.

" तुम्हें पता नहीं की तुम्हारा ये Gangbang वाला Idea कितना Hot है बेबी ! अब से यही करना... Thank You बेबी... Thank You ! " . आदित्य ने अपना वीर्य से गीला हो चुका पजामा खोल कर फेंक दिया. उसका लण्ड फिर से खड़ा हो गया था !

" आपकी बीवी हूं... मुझे नहीं पता होगा की आपको क्या चाहिये तो किसे होगा. वैसे मैं ये नहीं जानती थी की आपको मेरा ये Surprise इतना पसंद आयेगा ! ". निहारिका अपने पति के Excitement से काफी ख़ुश थी. वो TV की ओर अपना सिर करके बिस्तर पर लेट गई ताकि आदित्य उसे चोदते वक़्त Video देख सके. उसने अपनी नाईटी उठा कर पेट तक मोड़ ली. अंदर उसने पैंटी नहीं पहनी थी !!!

आदित्य अपनी पत्नी के ऊपर चढ़ गया और TV पर उसके अश्लील कारनामे देखते हुए उसे पेलने लगा.

" आपसे एक बात कहनी थी... ". आदित्य के शरीर के नीचे दबी निहारिका ने धक्के खाते खाते कहा.

" बोलो ना बेबी... आज तुम्हारी हर बात सिर आँखों पर ! ". आदित्य TV पर से नज़रें हटाये बिना बोला.

" हमारी शादी को एक साल से ज़्यादा हो गयें हैं . अब हमें Pregnancy के लिये Try करना चाहिये ! " . चुदती हुई निहारिका बोली.

आदित्य कुछ नहीं बोला और TV देखते हुए अपनी पत्नी को 15 मिनट तक चोदता रहा.

" ज़रूर बेबी... " . 15 मिनट के बाद आदित्य के मुँह से निकला. उसका बदन अकड़ गया, TV पर निहारिका अपने ससुर जी की गोद में बैठी चुद रही थी. आदित्य ने झटके से अपना लण्ड निहारिका की चूत से बाहर निकाला और उसके पेट और नाईटी के ऊपर माल गिरा दिया.

निहारिका को समझ में नहीं आया की जब आदित्य ने Pregnancy के लिये " ज़रूर बेबी " कहा तो फिर चूत के अंदर क्यूं नहीं झड़ा ???

Surprise देने की बारी अब शायद आदित्य की थी !!!

अपनी पत्नी के बदन पर निढ़ाल होकर पड़े आदित्य ने गहरी लम्बी साँसे भरते हुए कहा.

" तुम्हें क्या लगता है बेबी... तुम्हारी Pregnancy के लिये कौन ठीक रहेगा... बड़े भैया, आशीष, या फिर पापा ??? " .

निहारिका की आँखे ऊपर Ceiling Fan पर टिकी हुई थीं. वो अपने ऊपर पड़े आदित्य की पीठ सहलाते हुए सोचने लगी की अपने पति की इस नई Fantasy के लिये अब वो क्या करे ???

TV पर Video खत्म हो चुकी थी और स्क्रीन अब Blue हो चुका था ...



................................



********* The End *********

I have already given my utmost appreciation for this story. i donot know who is the writer but he is among Sad yourock the best
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(16-10-2021, 11:01 PM)vachanpremi Wrote: I have already given my utmost appreciation for this story. i donot know who is the writer but he is among Sad yourock  the best
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रात को सुरेखा ने खाना 10 बजे तैयार किया ऊपर आज रात मैं और सुरेखा अकेले थे, सुरेखा और मैंने एक साथ खाना खाया, उसके बाद सुरेखा बोली- मैं 11 बजे आपके लिए दूध लेकर आती हूँ।

11 बजे सुरेखा पारदर्शी मैक्सी में दूध लेकर आई। उसकी लाल पैंटी और दूधिया चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं। मुझे देख कर वह मुस्करा रही थी।

मैंने दूध पीते हुए पूछा - क्रीम लगवानी है?

सुरेखा बोली - लगा दीजिएगा।

उसकी आँखों में एक कामुक चमक थी।

दूध का गिलास रखने के बाद मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और अपने से चिपका लिया। उसके होंठ अब मेरे होंटों से चिपक गए थे। हम दोनों एक दूसरे को चूस रहे थे।

इसके बाद मैंने सुरेखा को बिस्तर पर गिरा दिया। उसकी मैक्सी खुल गई थी, नीचे सिर्फ एक लाल पैंटी थी, गुलाबी स्तन चमक उठे थे, जिन स्तनों को देखकर मैं 10 दिन से मुठ मार रहा था, आज वो मेरे हाथों में थे, उन्हें दबाते हुए बोला- सच, गज़ब के सेक्सी हैं तुम्हारे ये स्तन।

सुरेखा ने मेरे मुँह में अपनी निप्पल लगा दी और बोली - आप इसे चूसो ना! आज सुबह से मेरा बहुत मन कर रहा है कि आप मेरे इनसे खेलें।

मैंने उसके दूधिया स्तनों को दबाते हुए चूसना शुरू कर दिया। सुरेखा की उह आह उह कमरे में गूँज रही थी। उसकी निप्पल्स तन गई थीं, मसलाई अच्छी हो रही थी।

थोड़ी देर बाद मेरे हाथों से उसकी पैंटी भी नीचे उतर गई, चूत बिल्कुल चिकनी हो रही थी, शाम को ही साफ़ करी लग रही थी। 
मैंने उसकी चूत के होंटों पर अपनी उंगलियाँ फ़िराईं।

सुरेखा पागल हो रही थी- बोली चोदो राकेश! चोदो बहुत मन कर रहा है।

मैंने उठकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपनी जाँघों पर उसे बैठाते हुए उसकी जांघें और चूत सहलाने लगा।

मैंने कहा - एक हफ्ते तक तो चूत का दरवाज़ा बंद है।

सुरेखा मेरे 7 इंची तने हुए लंड को दबाते हुए बोली- आज चोद दो, एक दिन से कुछ नहीं होता है। सच तुम्हें मैं अपने अंदर लेना चाहती हूँ, मेरी चूत चोदो।

उसकी चूत से काफी पानी बह रहा था, मेरा लंड भी चोदने को पागल हो रहा था।

सुरेखा को मैंने लेटा दिया, उसने अपनी जांघें चौड़ी कर दी थीं, अपनी चूत में उंगली करते हुए बोली - राकेश, अंदर घुसाओ न !

अब हमारे बीच की दूरी ख़त्म होने वाली थी, मैंने देर किए बिना अपना लोड़ा उसकी चूत की फलकों पर लगा दिया और घुसाने लगा। थोड़ी देर में लंड पूरा अंदर था। उसने टांगें मेरी पीठ पर लगा दी थीं, हम दोनों की साँसें तेज चल रही थीं। मैंने पेलना शुरू कर दिया था सुरेखा अब चुदने लगी थी, आह! उह आह! और करो! आअहा की आवाज़ों से कमरा गूँज रहा था।

कुछ धक्कों के बाद सुरेखा का गर्भ वीर्य से नहा गया था। वो मुझसे चिपक गई, हम दोनों बातें करने लगे। दो बजे के करीब हम सो गए।

सुबह चार बजे उसने मुझे उठा दिया, मुझसे चिपक गई और अपने हाथ से वो मेरा लंड सहलाने लगी। थोड़ी देर में लंड चोदने के लिए तैयार था।

अबकी बार आराम से मैंने उसे कोहनी के बल घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया और आराम आराम से उसको चोदने लगा। चुदते चुदते सुरेखा बोली - सच राकेश, बहुत मज़ा आ रहा है तुमसे चुदने में! थोड़ी तेज चोदो, आह आह मज़ा आ गया।

कुछ देर में सुरेखा झड़ गई लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा था, मैंने उससे कहा- लो मुँह से करो !

थोड़ी न नुकुर करते हुए उसने मुँह मेंब लंड ले लिया और उसे चूसने लगी। उसकी आँखों से आनन्द चमक रहा था। लंड मुँह से बाहर निकाल कर बोली- मुँह में चूसने में मज़ा आ गया। एक बार और चोदिये, ऊ उह उइ उई एक बार और चोदिये ना! बड़ा अच्छा लग रहा है।

इस बार मैंने उसे लेटते हुए अपनी गोद में लोड़े पर चढ़ा लिया और लंड अंदर घुसा कर धीरे धीरे चोदते हुए उसके होंठ चूसने लगा।

15 मिनट होंट चूसने के बाद मेरा वीर्य उसकी चूत में बह गया।

सुबह के 6 बज़ रहे थे, मैक्सी पहन कर सुरेखा नहाने चली गई।
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मैं 2-3 घंटे सोया और उसके बाद ऑफिस निकल गया।


ऑफिस में मेरा काम कम्पनी में आने वाले मेहमानों का प्रबन्ध और उनका ख्याल रखना होता है। आज बॉस ने बताया कि दो विदेशी आ रहे हैं, ऑफिस के गेस्ट हाउस में आज रात रुकेंगे, उनके लिए लड़की का इंतजाम करना है।

मैंने अपने एजेंट को फोन किया, उसने मुझे तीन बजे बुलाया। इसके बाद मैं तीन दिन बाद होने वाले सेमीनार के लिए होटल बुक करने चला गया। इन सब काम में 2 बज़ गए। तब मैं अपने एजेंट के ऑफिस गया, ऑफिस एक होटल में था, मुझे वो अंदर ले गया, वहाँ उसने मुझे 10-12 लड़कियों की नंगी एल्बम दिखाई। उनमें से मैंने 4 लड़कियाँ देखनी चाहीं, उसने चारों को ऊपर बुला लिया।

एजेंट के कहने पर चारों ने अपने टॉप उतार कर नंगे स्तन दिखाए, सबका बदन एक से बढ़कर एक था। उनसे बात करने के बाद मैंने 2 लड़कियाँ 12-12 हज़ार में पूरी रात के लिए बुक करा दीं।

एजेंट का नाम संजीव था, हम लोग साथ साथ खाना खाने लगे, उसने बताया कि वो भी मेरी तरह एक कर्मचारी है, 10 लड़कियाँ उसे रोज़ की बुक करनी होती हैं। महीने के 1 लाख उसे मिल जाते हैं। लड़कियाँ अधिकतर 20-22 साल की बार गर्ल हैं। कभी फंस जाती हैं तो जमानत भी करानी पड़ती है। कभी कोई काम हो तो बताना, इस धंधे में अच्छे बुरे कई लोगों से पहचान हो जाती है, और कभी चोदने का मन हो तो बताना, फ्री में दिलवा दूँगा।

हम लोग एक घण्टा साथ साथ रहे, इसके बाद मैं वापस ऑफिस आ गया।

##

रात को मैं 9 बजे वापस आया तो भाभी नीचे मिल गईं, रजनी के साथ चाय पी रही थीं। मुझे 15 दिन हो गए थे आए हुए, आज पहली बार रजनी से मिल रहा था।

रजनी कमसिन बदन की सुंदर सी 24 साल की लड़की थी लेकिन मुझे थोड़ी घमंडी सी लगी।

रजनी से मैंने पूछा- क्या काम करती हो?

रजनी बोली- राज होटल में फ़ूड मैनेजर हूँ।

उसके बाद नमस्ते करके अंदर चली गई।

भाभी बोलीं- अच्छा कमा लेती है, अभी एक लाख का सोने का हार खरीदा है।

इसके बाद भाभी बोलीं- कल कैसा रहा?

मैं बोला- ठीकठाक था।

भाभी ने मेरी चुटकी काटी और बोलीं- सुरेखा से कुछ मज़ा लिया या ऐसे ही गए और आ गए, साली के दूध बड़े सुंदर हैं दबा देते कुछ ऊँच नीच होती तो मैं संभाल लेती।

मैंने भाभी का हाथ दबाते हुए कहा - पहले क्यों नहीं बताया? मैं दबा देता।

भाभी मुस्करा कर बोलीं - अब दबा दो, आज तो अकेली है।

मैं हिम्मत करके बोला - भाभी, चुच्चे तो आपके भी माल हैं।

भाभी बोलीं- चूसने हैं क्या?

मुस्कराते हुए मैंने कहा- आपकी मर्जी।

मेरा हाथ दबाते हुए बोलीं - ठीक है, मौका मिला तो चुसवा दूंगी।

तभी दरवाज़े से भाईसाहब आ गए मेरे और उनके बीच 10 मिनट बाद हुई, फिर मैं ऊपर अपने कमरे मैं चला आया।

#

सुरेखा 10 बजे खाना ले आई और बोली - कल अरुण के मामा जी आ रहे हैं, एक शादी मैं जाना है, आपसे एक हफ्ते बात नहीं हो पाएगी। मैंने उसे खींच लिया और चिपकाते हुए बोला - आज साथ साथ सो जाते हैं।

सुरेखा ने मेरे होंटों को चूसा और बोली - नीचे खुजली ज्यादा हो रही है, क्रीम लगा देना, साथ साथ सोए तो आप अंदर डाल देंगे।
मैंने कहा- ठीक है।

खाने के बाद 11 बजे वो दूध ले आई उसने पास में रखी क्रीम उठाकर अपनी मैक्सी उतार दी। आज वो नीचे कुछ नहीं पहने थी, अब सुरेखा पूरी नंगी थी।

नंगी सुरेखा को मैंने उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया। उसकी नंगी चूत मेरे लंड को पागल करने लगी उसने मेरी उंगली पर क्रीम लगा कर उंगली चूत के मुँह पर रख दी। उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत में अंदर तक मालिश करी। वो भी गरम हो रही थी और पानी छोड़ रही थी, बोली - मुँह में डाल दो, रहा नहीं जा रहा है।

मैंने अपना पजामा उतार दिया और उसे गोद में लेटा लिया। सुरेखा ने कुछ देर तक मेरा लोड़ा पकड़ कर सहलाया और बाद में मुड़ कर लंड अपने मुँह में ले लिया और मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। मेरे हाथ उसके स्तनों और जाँघों पर चल रहे थे। सुरेखा के स्तनों की घुंडियों को मैंने खूब मसला। 10 मिनट के खेल में सुरेखा ने मुझे मस्त कर दिया, मेरा वीर्य स्खलन होने वाला था, मैंने सुरेखा को बताया लेकिन सुरेखा लोड़ा चूसती रही कुछ देर बाद सुरेखा के मुँह मैं मैंने अपना वीर्य उड़ेल दिया। सुरेखा पूरा वीर्य अंदर गटक गई और मुझसे कस कर चिपक गई। 5 मिनट बाद उसने मेरे 3-4 चुम्बन लिए।

उसके बाद उठकर सुरेखा अपने कमरे में चली गई। अगले दिन सुरेखा अपने मामा के साथ 7 दिन के लिए गाँव चली गई।

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तीन दिन बाद शनिवार था, मैं रात 9 बजे घर आया और अपने कमरे में चला आया। आजकल सुरेखा नहीं थी, मैं बाहर खाना खाकर आता था।


सपना भाभी ने मुझे आवाज़ लगाई- राकेश, कॉफी पिओगे?

मैंने हाँ कर दी।

दस मिनट बाद मैं नीचे कॉफी पीने आ गया, भाभी अकेली थीं, उन्होंने बताया कि बच्चों की कल छुट्टी है, भाईसाहब उन्हें पनवल बुआ के यहाँ ले गए हैं, कल रात को वापस आ जाएँगे।

कॉफी पीने के बाद भाभी ने टीवी चला दिया टीवी पर मूवी आ रही थी, बोली यहीं पलंग पर बैठो, बातें करते हुए देखेंगे।

भाभी सट कर बैठ गईं और मेरा हाथ पकड़ लिया। भाभी ने बातों बातों में बताया- शनिवार और इतवार की रात को होटल में देर तक पार्टी होती है इसलिए रजनी रात को होटल में ही रुकती है।

हम दोनों एक दूसरे को नॉन वेज चुटकले सुनाने लगे, बातें करते करते मेरे हाथ भाभी के ब्लाउज में घुस गए और मैं उनकी चूचियाँ दबाते हुए मूवी का मज़ा लेने लगा। भाभी भी मेरा लोड़ा सहला रही थीं।

थोड़ी देर बाद भाभी उठीं और उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी, अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थीं, मेरे को आँख मारते हुए बोलीं- 
दूध पीना है क्या?

मैं बोला- पिला दो !

उन्होंने अपना ब्लाउज उतार दिया, नंगी चूचियाँ बाहर आ गईं। भाभी की बड़ी बड़ी चूचियाँ मुझे चोदने के लिए उकसाने लगीं। भाभी ने एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी दोनों चूचियाँ हिलाईं और आँख मारते हुए मुझसे बोलीं- कैसी लगीं?

मैंने कहा- भाभी, अब जल्दी से दूध पिलाओ, अब नहीं रहा जा रहा है।

भाभी आकर पलंग पर बैठ गईं, मैंने अपना मुँह उनकी निप्पल पर लगा दिया और चूसने लगा, मैंने दोनों निप्पल चूस चूस कर नुकीली कर दीं। उसके बाद उन्होंने मेरा पजामा खोल दिया और उसे उतरवा दिया, मेरा लोड़ा अब उनके हाथों में आ गया था।
मेरे लोड़े को सहलाते हुए बोली- आह, कितना साफ़ सुथरा लंड है।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना कुरता भी उतार दिया और उन्हें लेटा कर उनके स्तन दबाते हुए होंट चूसने लगा। भाभी भी मुझसे चिपक कर मेरे होंट चूसने लगीं। हम दोनों की जीभें एक दूसरे के मुँह में घुसी हुईं थीं।

भाभी ने मुझे हटाया और अपना पेटीकोट उतार दिया, दूधिया रोशनी में उनकी गोरी गोरी मासल जाँघों के बीच में उनकी साफ़ सुथरी चूत चमक रही थी।

मेरे लोड़े को सहलाते हुए बोली- आह, उइ! चूसने का मन कर रहा है।

मैं उनकी चूचियों को दोनों हाथों से दबाते हुए बोला- भाभी चूसो न !

सपना भाभी ने मेरे सुपाड़े पर जीभ फिराई, लोड़ा मुँह में ले लिया और चूसने लगीं, मुझसे बोलीं- मेरी चूत भी चूसो न !

मैं अब 69 में लेट गया। सच, साफ़ सुथरा बदन हो तो सेक्स का मज़ा दुगना हो जाता है, भाभी की चूत चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। 

5 मिनट बाद भाभी हट गईं और दीवार से टिककर उन्होंने अपनी जांघें चौड़ी कर लीं और बोली- चोदो राकेश चोदो! अब नहीं रहा जा रहा, आह तुमसे चुदने में मज़ा आ जाएगा।

भाभी की चिकनी चूत पर मैंने अपना लोड़ा लगा दिया, भाभी ने मुझे अपने में भींच लिया, मेरा लोड़ा उनकी चूत में अंदर तक घुस चुका था, मुँह एक दूसरे के मुँह में घुसा हुआ था, चूचियाँ मेरे सीने से दब रही थी और चूत मेरे लंड के झटके खा रही थी।

10 मिनट तक हमने जन्नत का मज़ा लिया। इसके बाद मेरा वीर्य भाभी की चूत में छूट गया। हम लोग 10 मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे। भाभी ने उठकर तौलिये से मेरा लोड़ा साफ़ किया और हम बातें करने लगे।

12 बजे करीब मैं ऊपर अपने कमरे में आ गया। सपना भाभी देखने में काली थी लेकिन चुदने में उसने सुरेखा से ज्यादा मज़ा दिया था।

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मुझे किरायेदार बनकर बड़ा मज़ा आ रहा था, दो दो औरतों की चूत मैं फतह कर चुका था।

सुरेखा घर पर नहीं थी, रविवार को मैं और सपना भाभी साथ साथ नीचे भाभी के बाथरूम में नहाने चले गए। भाभी का बाथरूम अच्छा बड़ा था, भाभी ने पहले मुझे नंगा कराया और मेरे हाथ पीछे करके नल से बाँध दिए। इसके बाद उन्होंने अपने कपड़े एक एक करके उतार दिए और मेरे सारे बदन पर अच्छी तरह से साबुन लगाने लगी, मेरे लोड़े को मुँह में ले लिया और शावर चला दिया। मेरा बड़ा मन कर रहा था कि भाभी की जवानी से खेलूं, लेकिन मैं मजबूर था, उह आह की आवाजें मेरे मुँह से निकल रहीं थीं। मेरा लोड़ा गरम हो रहा था।

भाभी ने अपने हाथों से पकड़ कर उसे चूचियों के ऊपर फिराया। मेरा रस जब निकलने को हो रहा था, भाभी हट गईं एक तेज धार मेरे वीर्य की निकली जो उनकी चूचियों पर जाकर गिरी।

इसके बाद भाभी ने मुझे खोल दिया अब मेरी बारी थी।

मैंने उनके हाथ अपनी तरह से नल से बाँध दिए और उनकी चूचियाँ कस कस कर दबाने लगा शावर खोलकर उनकी निप्पल नोच नोच कर कड़ी कर दीं और उनकी चूत के दाने को अपनी उँगलियों से रगड़ने लगा।

भाभी की सिसकारियाँ गूंजने लगीं, चूत से पानी बहने लगा।

10 मिनट बाद उन्हें मैंने खोल दिया हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए। मेरा लोड़ा उनकी चूत में घुस गया। 5 मिनट एक दूसरे से चिपक कर चुदाई का खेल खेलते हुए हम नहाए, उसके बाद अलग हो गए, कपड़े पहन कर भाभी और मैं 1 से 4 मूवी देखने बाहर चले गए।

रात को भाईसाहब और बच्चे आ गए। मैं 10 बजे सो गया, एक अच्छे रविवार का अंत हो गया।

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