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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#1
Heart 
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जरुरी सुचनायह कहानी सिर्फ मनोरंजन के आशय से लिखी गयी है। इनका किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कुछ भी लेना देना नहीं है। सभी पात्र १८ वर्ष से अधिक उम्र के हैं...

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[Image: heart.png]


मेरी फितरत नही किसी की चीज़ को अपने नाम करू...



so as i always say... all credit goes to unsung original writer RoccoSam...

[Image: yourock.gif]



[Image: Namaskar.png]
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#2
Heart 
..................................................

कहानी :

Page 01

01.  Auto वाले भैया - अदिती

02.  कुछ ना कहो  - पायल

Page 02

03.  टिप टिप बरसा पानी - निधी

Page 03

04.  आपकी खातिर. - निहारिका

05.  मीठी भूल - नंदिनी और सोनाली

Page 04 - 07

06. मंगलसूत्र <> लेखक : avsji -- अल्का

Page 08

07.  परी हूँ मैं... - नूपुर अरोरा

Page 09

कविता <=> ."उस रात की बात न पूछ सखी जब साजन ने खोली अंगिया". 

Page 10 - 12

08.  लड़कपन - मेघना

Page 13

09. वो सत्ताईस दिन... - अवंतिका और चित्रांगदा

Page 14 - 15

10.



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#3
Auto वाले भैया


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Love Birds Night Club वैसे तो सारी रात चलती थी पर वहाँ बाहर Auto वाले रात 9 बजे के बाद नहीं रुकते थें क्यूंकि वहाँ आने वाले ज़्यादातर लड़के लड़कियां अपनी Car वगैरह में ही आते थें.

अभी दस बज रहें थें और सूरज अपनी Auto लिये वहाँ अब तक खड़ा था... सारे Auto वाले जा चुके थें और वो भी जाने कि तैयारी में था... बस कोई आखरी सवारी मिल जाये. सूरज 35 साल का नरम बोली वाला सीधा साधा कुंवारा बंदा था....

Night Club से पाँच लड़कियों और दो लड़कों का एक झुण्ड बाहर निकला. सूरज अपनी सवारी के लिये रेडी हो गया. उसने देखा कि उन सबने पी रखी थी पर उनमें से एक लड़की कुछ ज़्यादा ही टल्ली हुई पड़ी थी.

" यार अदिती... तू ठीक तो है ना ? " एक लड़की ने पूछा.

" Sorry बेबी... हमें तुझे इतना नहीं पिलाना चाहिये था... ". उनमें से एक लड़के ने कहा.

" मैं ठीक हूं बाबा... ". उस टल्ली लड़की जिसका नाम अदिती था, ने अपने दोस्तों से कहा. उसकी दो सहेलियां उसे सूरज के Auto तक ले आई और उनमें से एक ने उससे पूछा. " Are You Sure तू जा पायेगी ? ".

" Yes... Yes... Yes... क्या यार... तूम लोग भी ना. " अदिती ने Auto में बैठते हुए कहा.

" भैया... इसकी तबियत ठीक नहीं है... आप ज़रा इसे Samsung के Showroom वाले Colony में छोड़ दोगे ? ". एक लड़की ने सूरज से कहा.

" कोई Problem नहीं मैडम जी... ". सूरज ने कहा. ऐसे नाटक वो रोज़ ही देखता था... उसे आदत पड़ चुकी थी.

" Bye Everyone... Love You... Byeee... ". अदिती ने अपने दोस्तों को Bye कहा और Auto चल पड़ी...........

कुछ दूर जाते ही अचानक अदिती ने Auto रोकने को कहा. सूरज रुका तो अदिती Auto से बाहर निकली और सड़क के किनारे बैठ कर उल्टी करने लगी. सूरज चुपचाप Auto में बैठा Wait करता रहा. उल्टी करके अदिती वापस आई तो उसने उसे Auto में पड़ी पानी कि बोतल दी. अदिती ने मुँह धोया और पानी पी और फिर Auto में बैठ गई.

" आप ठीक तो हो ना मैडम जी ? ". सूरज ने बस पूछने कि खातिर पूछा.

" सुनो... मैंने आज बहुत ज़्यादा पी ली है... इस हालत में घर नहीं जा सकती... मम्मी पापा मार डालेंगे You Know... " अदिती बोलने लगी. " आप मुझे अपने घर ले चलो ना Please... मैं सुबह निकल जाउंगी. ".

" नहीं मैडम जी... ये तो... ". सूरज को इन सब झमेलों में पड़ना ही नहीं था.

" Please यार... आप Extra पैसे ले लेना... Help कर दो यार ! ".

सूरज को समझ नहीं आ रहा था इस पियक्कड़ लड़की को कहाँ छोड़े... वैसे उसके घर में तो वो अकेला ही रहता था और बस रात भर कि तो बात थी... लड़की पैसे भी अच्छे ही देगी... चलो क्या है फिर !!! सूरज ने Auto अपनी घर कि ओर मोड़ दिया...........

घर पहुंच कर सूरज ने Auto बाहर Park किया और उसके पीछे पीछे अदिती लड़खड़ाते कदमों से अंदर चली आई. छोटा घर था, घर में एक ही बेडरूम था, एक किचन और एक बाथरूम... बस.

" I Need To Pee... " अदिती ने झूमते हुए कहा.

" जी मैडम जी ??? ". बेचारे सूरज को समझ में नहीं आया.

" बाथरूम कहाँ है यार ??? ".

" आइये मैडम जी.. इधर. ". सूरज अदिती को बाथरूम तक छोड़ आया और फिर अपने बेडरूम में आकर कपड़े बदल कर लुंगी पहन ली. इतने देर में अदिती भी बाहर आ गई. सूरज उसे अपने बेडरूम में ले आया.

" आप यहाँ आराम करो मैडम जी... ". सूरज ने कहा तो अचानक अदिती उससे लिपट गई और बोली. " So Sweet यार... Thanks ! ".

पहली बार अब सूरज ने ध्यान से अदिती को देखा. मुश्किल से 21 - 22 साल कि होगी वो... बहुत खूबसूरत तो नहीं पर अच्छी थी और Figure गदराया हुआ बदन वाला था ... एकदम गोरी... अपने बाल Straight करवा रखे थें उसने... White Top और Red Skirt. चूंकि वो नशे में थी इसलिये सूरज अब मन भर कर उसे घूरने लगा. उसकी Skirt इतनी छोटी थी कि जैसे बस चूत ढकने भर के लिये पहनी हो. उसकी मांसल गोरी जांघों पे एक भी बाल नहीं था.

इतने कम समय में इतना सारा सेक्सी नज़ारा एक साथ देख कर सूरज का कलेजा मुँह को आने लगा. अदिती उससे अलग हुई और बिस्तर कि ओर चल पड़ी... Skirt में हिलती हुई उसकी बड़ी गांड़ देख कर सूरज कि आँखे फटी कि फटी रह गई.

अदिती ने अपना Vanity Bag ज़मीन पर गिरा दिया और बेडरूम में पड़े चौकी पर धम्म से लेट गई. उसका नशा उल्टी होने के बाद से और चढ़ गया था. सूरज बेडरूम के दरवाजे पर बेवकूफ़ कि तरह खड़ा उसे देखता रहा.

" तूम भी आओ यहाँ... Relax... It's Okay ! " . अदिती ने कहा तो सूरज मंत्रमुगध सा बिस्तर कि ओर बढ़ चला.

" बैठो... या फिर लेट जाओ... मैं थोड़ा आराम करती हूं... What The Fuck यार... I Am So Drunk यार !!! ". अदिती बकने लगी.
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#4
उसकी बगल में बिस्तर पर बैठते हुए अब तक सूरज के मन में गंदे गंदे खयाल आने शुरू हो गयें थें.... खास कर ये सोच कर कि उसकी जैसी सेक्सी लड़की अभी उसके साथ थी और वो भी पूरी तरह नशे में धुत्त और शायद इसी वजह से उसके साथ इतने प्यार से पेश आ रही थी. सीधा साधा नरम बोली वाला बंदा तो वो था ही... पर एक मर्द भी तो था !!! बिस्तर पे पड़ी उस लड़की को अब सूरज बिना शर्म जी भर के घूरने निहारने लगा...........

अदिती कि Skirt तो वैसे ही छोटी थी और अब थोड़ी सी ऊपर भी उठ गई तो उसकी पैंटी का वो तीकोना हिस्सा भी दिखने लगा जहाँ उसकी दोनों मांसल जांघे एक दूसरे से मिल रहीं थीं. सूरज के मन कि सारी हिचक अब जाती रही और ये सोच कर कि उसे फिर कभी ऐसी Hot लड़की शायद ही जिंदगी में मिले, उसका मन ललचने लगा. उसने अपना मुँह अदिती कि पैंटी वाली जगह पे झुका कर एक गहरी साँस ली तो एक तेज मादक गंध उसकी नाक में घुस गया. उस गंध कि वजह से उसकी रही सही हिचकिचाहट भी जाती रही. उसने बड़े आराम से अदिती कि Skirt को उसके पेट तक ऊपर उठा दिया ताकि ये देख सके कि इतनी मस्त खुशबु वाली जगह दिखती कैसी है.

अदिती कि सफ़ेद रंग कि टाईट Cotton पैंटी का मोटा उभार देखकर सूरज ने अंदाजा लगा लिया कि उसकी चूत कितनी फुली हुई होगी. वो फिर अदिती के टांगों कि तरफ झुका और इस बार अच्छे से मन भर कर उसकी पैंटी में ढ़की हुई बूर का गंध सूंघा. अदिती ने अभी अभी पेशाब किया था, सो उसकी चूत कि त्वचा, पेशाब और Cotton के पैंटी कि मिली जुली महक इतनी मदहोश कर देने वाली थी कि अब सूरज के लिये और Control कर पाना संभव नहीं था.

सूरज के लण्ड का बुरा हाल था, पूरा खड़ा होकर फड़क रहा था उसकी लुंगी में. खड़ा होने कि वजह से उसके लण्ड का चमड़ा थोड़ा सा पीछे Roll हो गया था और उसके लण्ड का लाल बड़ा सुपाड़ा आधा बाहर निकल आया था. उत्तेजना के मारे क्या करें क्या ना करें ये समझ में नहीं आया तो वो लुंगी पहने हुए ही अदिती के ऊपर चढ़ गया.

" Hey... Stop It... क्या कर रहे हो यार ??? " अदिती नशे में भरी लड़खड़ाती आवाज में बड़बड़ाई और फिर हंसने लगी. सूरज ने अपनी लुंगी में खड़ा लण्ड बिना बाहर निकाले ही धीरे से अदिती कि पैंटी से चिपकी हुई चूत पे रखा तो उसे यकीन नहीं हुआ की किसी लड़की की चूत इतनी मुलायम नरम भी हो सकती है. उसने अपने कमर का थोड़ा सा भार नीचे डाला तो तनाव कि वजह से उसके लण्ड का सुपाड़ा एकबारगी पूरा खुल के बाहर निकल आया. लुंगी के कपड़े में से वो साफ महसूस कर पा रहा था कि उसके लण्ड का सुपाड़ा ठीक अदिती कि चूत कि पतली फांक के बीच सट रहा था. ये Feeling उसके लिये बहुत ज़्यादा थी और इसी के साथ उसके लण्ड ने बलबला कर वीर्य फेंक दिया. अचानक से हुए इस शीघ्रपतन से सूरज का पूरा शरीर झनझना उठा और बड़ी मुश्किल से उसने अपने हाथों के बल खुद को Balance करके गिरने से रोका.

सूरज का लौड़ा उसकी लुंगी में पिचकारी पे पिचकारी मारता रहा. पूरा लुंगी वीर्य से सन गया. करीब दो मिनट तक वैसे ही वो अदिती के ऊपर पड़ा पड़ा झड़ता रहा. उसके लुंगी से वीर्य रिस रिस कर अदिती कि पैंटी और जांघो पर फ़ैल गया था. दो मिनट के बाद उसने अपना लण्ड लुंगी से बाहर निकाला और अदिती कि चूत पे पैंटी के ऊपर ऊपर रगड़ने लगा. ऐसा करने से उसके लण्ड से थोड़ा और वीर्य निकला और तब जाकर उसका लण्ड कहीं थोड़ा शांत हुआ.

सूरज ने अपना लौड़ा वापस लुंगी में घुसा लिया और वहीं बिस्तर पे निढ़ाल होकर बैठ गया.

" छी... You Asshole !!! ". बोलकर अदिती बिस्तर से उठी तो सूरज ने उसे सहारा देना चाहा. " मैडम जी... संभाल के... ".

पर अदिती काफी गुस्से में थी. " छूना मत मुझे हरामी ! ". अदिती ने अपना Skirt हाथों से ऊपर उठा रखा था ताकि वो उसकी पैंटी से चिपक कर गंदा ना हो जाये और बाथरूम कि तरफ चल पड़ी...

5 - 7 मिनट के बाद अदिती बाथरूम से बाहर आई. उसे आता देख सूरज डर के मारे बिस्तर से उठ गया. अदिती के बिस्तर पर आते ही वो चुपचाप बाथरूम कि ओर चल पड़ा. माल गिर जाने कि वजह से अब उसे पेशाब आ रहा था.

बाथरूम में घुसते ही पेशाब कि तेज गंध से वो समझ गया कि अदिती ने फिर से पेशाब किया था पर पानी नहीं डाला था. तभी उसकी नज़र बाथरूम के दरवाजे पर पड़ी... दरवाजे पर अदिती ने अपनी वीर्य से गीली हुई पैंटी फैला रखी थी. यानि बाहर बिस्तर पर अभी अदिती बिना पैंटी के सिर्फ Skirt में होगी !!! लेकिन नहीं... सूरज अब अपने मन में कोई भी गंदा विचार नहीं लाना चाहता था... बहुत हो चुका था... और नहीं.

सूरज ने अपनी गंदी हो रखी लुंगी खोल कर दरवाजे पर ही पैंटी के बगल में डाल दी. उसका लण्ड अभी भी आधा खड़ा ही था और इसी वजह से उसका पेशाब जल्दी नहीं निकल रहा था. किसी तरह आधे खड़े लौड़े से उसने पेशाब किया और पानी डाल कर बाहर निकला. उसने अबकी बार एक गमछा पहन लिया था...

अपने कमरे में घुसने से पहले सूरज को यकीन था कि अदिती अब नशे कि वजह से सो चुकी होगी पर अंदर आते ही उसके होश उड़ गयें ! सामने बिस्तर पर अदिती एकदम नंगी लेटी पड़ी थी... पेट के बल !!! उसके कपड़े वहीं बिस्तर पर एक Side में पड़े हुए थें.

" यहाँ आओ... मैं कहती हूं यहाँ आओ ! ". अदिती ने गुस्से से भरी आवाज में कहा तो सूरज डरते डरते बिस्तर तक पंहुचा.
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#5
" बैठो... ". अदिती ने कहा और सूरज बिस्तर पे उसके पैरों कि तरफ बैठ गया.

" क्या कर रहे थे मेरे साथ... बोलो ??? ".

" माफ़ी मैडम जी... मुझसे बहुत गलती हुई. "

अदिती चुप रही.

" आप सो जाओ मैडम जी... सुबह मैं आपको घर छोड़ दूंगा. ". ना चाहते हुए भी सूरज कि नज़र अदिती कि गांड़ पे पड़ ही गई.

60 वाट कि धीमी रौशनी में सूरज ने अदिती कि गांड़ देखी. इतनी बड़ी नंगी खुली हुई गांड़ उसने कभी नहीं देखी थी... एकदम गोरी टाईट गोल फुटबाल के जैसी !

" सुबह घर छोड़ दोगे... अच्छा ? ". अदिती क्या बोल रही थी शायद उसे खुद पता नहीं था. इतना कह कर उसने करवट बदली और Side होकर लेट गई. उसके करवट बदलते ही सूरज ने उसकी ओर चोर नज़रों से देखा कि अब तो उसकी चूत कि एक झलक दिख जाये. पर अदिती ने बड़ी चालाकी से अपनी टांगों कि पोजीशन ऐसी रखी थी कि उसकी चूत उसकी गदराई जांघों के बीच छुप गई थी.

" लड़की देखी नहीं कि लार टपकने लगती है ना तूम लोगों कि... बस एक ही चीज़ दिखती है लड़की में तुमको क्या ??? ". अदिती कि बातें तो डांटने वाली थी पर Tone काफी नरम था. इस बार उसकी नज़र सीधे सूरज के गमछे में लिपटे लौड़े पर पड़ी. सूरज ने भांप लिया था कि अदिती उसके लण्ड का मुआयना कर रही है...

" गमछा उतारो. "

" जी... मैडम जी ??? ".

" गमछा खोल कर खड़े हो जाओ... " अदिती ने इस बार थोड़ी सख्ती से कहा तो सूरज खड़ा हो गया और अपना गमछा खोल कर बिस्तर पे रख दिया.

अदिती ज़्यादा चुदी चुदाई लड़की नहीं थी... बस 3 से 4 अलग अलग लड़कों से उसके संबंध थें... पर उसे लण्ड कि पहचान थी. सूरज का लण्ड उसे पसंद आया... थोड़ा काला... लम्बा ज़्यादा नहीं फिर भी 7 इंच का होगा पर मोटा बहुत था... करीब 3 इंच का !!! उसका लण्ड झड़ने के कारण और शायद थोड़ा डर कि वजह से अब ढीला पड़ कर लटक रहा था और लण्ड के सुपाड़े को लण्ड के चमड़े ने पूरा ढक लिया था.

" ये अब खड़ा नहीं होगा क्या ? ". अदिती ने पूछा.

" जी... मैडम... " सूरज उसके मुँह से ऐसी Direct बात सुनकर सकपका सा गया.

" आओ अब बैठो... "

सूरज नंगी लेटी अदिती के बगल में उसी हाल में नंगा बैठ गया.

" छुओ मुझे... " अदिती को पता था कि उसे इस आदमी को Easy करना होगा नहीं तो उसका लण्ड खड़ा नहीं हो पायेगा.

" It's Okay यार... मैं बोल रही हूं ना ! ". अदिती पलट कर पीठ के बल सीधा होकर लेट गई और उसकी चूत अब सूरज के सामने नंगी खुली पड़ी थी. अदिती का मनोभाव समझने के लिये सूरज ने एक बार उसकी ओर देखा... वो एकदम शांत थी... फिर उसने अपनी नज़र उसकी चूत पे गड़ा दी.

मांसल जांघों के बीच दबी पड़ी अदिती कि चूत एकदम पावरोटी कि तरह फुली हुई थी... और मानो V आकर कि इस पावरोटी के बीचों बीच किसी ने एक पतली सी Line काट दी हो चाकू से. चूत पर हलकी हलकी झांट थी... शायद 2 - 3 दिन पहले शेव की होगी... देखकर समझ आ रहा था वो अपनी चूत Shaved ही रखती होगी ! पूरी तरह से गोरी इस लड़की की थोड़ी सी काली या फिर कहें की चोकलेट कलर कि चूत लाजवाब लग रही थी.

सूरज को पता था कि सुबह क्या होने वाला है जब इस लड़की का नशा उतरेगा... पर अभी जब वो राज़ी है तो वो और कितना खुद को रोके ! वो अदिती के ऊपर झुका और उसे चूमना चाहा तो अदिती ने उसे तुरंत रोक दिया. " Nooo... मादरचोद !!! ".

सूरज समझ नहीं पा रहा था कि ये लड़की आखिर चाहती क्या है... शायद वो अपने तरीके से सब कुछ करने देगी... ठीक है... तो यही सही. इस बार उसने अदिती के बूब्स को दोनों हाथों से हल्का सा दबाया तो देखा कि अदिती चुप है... यानि उसे इसमें कोई ऐतराज़ नहीं. रुई कि तरह मुलायम Medium Size कि गोल मटोल चुचियों को थोड़ी देर दबाने के बाद सूरज ने उसके निप्पल चूसने शुरु किये. जब वो बारी बारी से दोनों मम्मे चूस रहा था तब अदिती ने अपनी दाई जांघ पे नरम नरम सा कुछ चुभते हुए महसूस किया. शायद इस हरामी ने अपना लण्ड खड़ा कर लिया था... अदिती ने सिर उठाकर देखना चाहा पर देख नहीं पायी. वो चुपचाप उसे अपना दूध पिलाती रही.

दो तीन मिनट तक मन भर कर चुचियाँ पीने चूसने के बाद सूरज ने अदिती के बदन के नीचले हिस्से कि तरफ रुख किया. उसकी मंशा भाप कर अदिती ने अपने पैर फैला दिये और धीरे से बोली " चाट... ".

सूरज ने देखा कि अदिती कि चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. उसने अपने दाहिने हाथ कि उंगलियों से उसकी चूत के Lips को खोला तो उसे पता चला कि चूत के होंठ किसी चिपचिपे से लस्सेदार रस कि वजह से चिपके पड़े थें. उसका पानी गिरना शुरु हो गया था !

सूरज उसकी चूत चाटने लगा. उसने अब तक सिर्फ पैसे देकर सस्ती रंडीयों को ही चोदा था और इन रंडीयों कि चूत चाटने का उसे कभी भी मन नहीं हुआ... घिन आती थी उसे. पर इस लड़की कि चूत कि बात ही कुछ और थी.
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#6
उसकी चूत का कोई खास Taste तो नहीं मिल रहा था उसे... थोड़ा थोड़ा नमकीन सा... पर उसकी चूत एकदम साफ सुथरी थी और किसी तरह कि गंदी महक नहीं आ रही थी... बल्कि एक अजीब सी गंध थी उसकी चूत कि, जिसे सूंघ कर किसी बूढ़े आदमी का भी वीर्य निकल आये !!!

इस दौरान अदिती धीमी धीमी आवाज़ में गरम सिसकारीयां भरती रही. सूरज का लण्ड अब तक तन कर पूरा खड़ा हो चुका था. चूत चाटना छोड़ जब वो अपने घुटनो के बल उठा तो सिर उठा कर अदिती ने उसका लण्ड देखा. लण्ड का चमड़ा अब पीछे खिसक गया था और लाल मोटा सुपाड़ा पूरा बाहर निकल आया था ! वो समझ गई की ये हरामी अब उसे चोदेगा. उसने अपनी दोनों टांगे खोल कर फैला ली... सूरज उसकी टांगों के बीच अपने घुटनो पर बैठ गया और अपने हाथ में अपना लौड़ा पकड़ कर उसकी चूत की छेद में ठेलने लगा. अदिती का सील तो पहले से ही फटा हुआ था और उसपे उसका पानी भी गिर रहा था... सो एक बार में ही लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत में धस गया.

वो लड़की ना ही सूरज की कोई गर्लफ्रेंड थी और ना ही बीवी... उसे तो बस एक रात के लिये उसकी चूत मारनी थी... सो इससे पहले की बेचारी अदिती उसके बड़े लण्ड को अपनी चूत में Adjust कर पाती, सूरज ने बिना किसी प्यार मुहब्बत और Formality के उसे पेलना शुरु कर दिया. चार पाँच धक्के मारने के बाद सूरज को लगा कि अदिती कि गांड़ बहुत नीचे होने कि वजह से वो उसे ठीक से पेल नहीं पा रहा. उसकी गांड़ के नीचे एक तकिया चाहिये था और घर में तो बस एक ही तकिया था जिसपे अदिती लेटी हुई थी. सूरज ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और झट से बिस्तर से नीचे उतरा... सामने डोरी पर टंगे उसके कुछ कपड़े और एक दो चादर थी. वो कुछ कपड़े और दो चादर लेकर वापस बिस्तर पर आया... उन कपड़ों को ऊँचा करके अदिती कि गांड़ के नीचे रखा और फिर उसपे उसके चुतड़ों को टिकाया और फिर से उसकी जांघों के बीच बैठ कर उसे पेलने लगा.

सूरज को काफी खुशी थी कि वो एक बार झड़ चुका था... इस वजह से अब वो अदिती कि टाईट बूर में कुछ ज़्यादा देर तक टिक पायेगा.

" Fuck Me... Fuck Me... Ohhh Yeah... चोद मुझे कमीने... आआह्ह्ह्हह मम्मी !!! ". मस्ती में बावली होने लगी अदिती जब सूरज के लण्ड ने उसकी बूर को रोंदना शुरु किया. उसने अपनी टांगे सूरज कि कमर में लपेट दी और चुदने लगी.

सूरज ने आज तक जितनी भी रंडीयों को पेला था वो सब तो बस बिस्तर पे लेट जाती थी और वो उनके ऊपर चढ़ कर चोद लेता था... पर ऐसी लड़की को वो पहली बार लगा रहा था जो चुदाई का मज़ा खुद भी ले रही थी और उसे भी प्रोत्साहित कर रही थी.

सूरज उसकी गदराई कमर पकड़ कर धक्के लगा रहा था... हर धक्के में उसके लण्ड का चमड़ा उसके सुपाड़े के आगे पीछे हो रहा था जिसमें उसे Extra आनंद आ रहा था. अदिती कि चूत का पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था... उसकी चूत के अंदर का हिस्सा इतना गिला हो चुका था कि चोदने के दौरान कई बार सूरज का लण्ड फिसल कर बाहर छिटक पड़ता... सूरज बिना रुके उसी तरह धक्के मारता रहता जब तक कि उसका लण्ड अदिती कि जांघों पे इधर उधर टकरा कर वापस बूर कि छेद खोज कर भीतर नहीं घुस जाता.

छत पर घूमते फैन कि आवाज, चौकी कि चरमराहट, चूत में लण्ड के अंदर बाहर होने कि फचाफच गचागच कि ध्वनी, अदिती के चूतड़ों पे सूरज के अंडकोषों कि थपेड़, अदिती कि कराह, सूरज कि गहरी सांसे और पूरे कमरे में लण्ड चूत और कामरस कि मिली जुली फैली अजीब सी गंध... एक ऐसा कामुक माहौल बना रही थी कि दोनों अमीरी गरीबी, जात पात, ऊंच नीच सब भूल कर एक दूसरे में समाने के लिये बेक़रार हो रहें थें...

जैसा कि सूरज ने सोचा था कि एक बार माल गिरने के कारण वो ज़्यादा देर चोद पायेगा पर ऐसा हुआ नहीं ! जल्दी ही उसके लण्ड में फिर से वीर्य भर आया. लड़की के अंदर झड़ना कैसा लगता है ये उसे पता नहीं था क्यूंकि अभी तक तो वो रंडीयों को Condom लगा कर ही चोदा था. आज उसे एक नया Experience होने वाला था. उसने देखा कि अदिती मस्ती में विभोर होकर चुदाने में ब्यस्त है तो वो समझ गया कि अभी उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर वो उसके अंदर झड़ जाये.

वीर्य लण्ड के मुँह तक आ गया था... सूरज अब स्खलित होने के लिये रेडी था ! उसने अंतिम के तीन चार धक्के कस के लगाए और लास्ट धक्के पे अपने लण्ड को अदिती कि बूर कि तह तक घुसा कर छोड़ दिया . 20 सेकंड रुके रहने के बाद उसके पूरे शरीर में एक कंपन सी हुई और उसका लण्ड अदिती के बच्चेदानी को गाढ़े माल कि पिचकारी से भरने लगा !!!

अदिती कि चूत को अपने रस से भरने के बाद सूरज अपना लण्ड बाहर निकाल के उसकी बगल में ही निढ़ाल होकर लेट गया. अदिती ने भी उसी वक़्त अपना पानी छोड़ दिया और उसकी चूत से उसका पानी और सूरज का वीर्य एक साथ घुल मिल कर उसकी गांड़ के नीचे रखे कपड़ों पर गिरने लगा. अदिती के लिये शायद अभी ये तो शुरुआत थी.
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#7
उसे और मस्ती करनी थी. वो तुरंत पलट कर अब सूरज के ऊपर बैठ गई और उसे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा...

" चोद हरामी... इतना बड़ा मादरचोद जैसा लण्ड है और You Cum So Fast... Bastard !!! ". अदिती हिंदी इंग्लिश मिला जुला कर बड़बड़ाई और सूरज के आधे खड़े लण्ड ( जिसमे से अभी तक वीर्य रिस रिस कर बाहर आ रहा था ) को अपने हाथ में लेकर अपनी गीली चूत में फिट किया और फिर उसके सीने पे अपने दोनों हाथ से टिक कर उसके ऊपर उछलने लगी.

सूरज को लगा कि अब उसे Heart Attack आ जायेगा जब उसके झड़े लण्ड पे अदिती अपनी बड़ी गांड़ घपाघप मारने लगी. उसने बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और साँस रोक कर अदिती कि चुदाई को बर्दाश्त करता रहा. उसका लण्ड ढीला पड़ गया था और उसे पता था कि अगर उसने जल्दी ही अपना लौड़ा खड़ा नहीं किया तो ये नशेड़ी लड़की उसकी जान ले लेगी. क्यूंकि वो लड़की अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी !

वैसे सूरज को ज़्यादा परेशानी नहीं हुई अपना लण्ड खड़ा करने में... क्यूंकि उसके साथ अभी जो कुछ भी हो रहा था वो बहुत ही Exciting था और ऐसा सब उसने आज तक सिर्फ गंदी ब्लू फिल्मों में ही देखा था. उसके लण्ड में ज़ल्दी ही उत्तेजना वापस आ गई और पहले जैसा तो नहीं पर फिर भी उसका लण्ड चोदने लायक सख्त हो गया था....

करीब दस मिनट तक अपनी चूत में सूरज का लण्ड घुसेड़े अदिती उसके ऊपर बैठे उसे चोदती रही. उसका बूर एक बार फिर से झड़ने के करीब था. उसने सूरज कि छाती को अपने नाखुनों से खरोंच डाला और उसके ऊपर से उठकर इसके बगल में लेट कर बिस्तर पे अपना पानी गिराने लगी.

" आआह्ह्ह्हह्ह.... हाय... मम्मी... आअह्ह्ह्हह God !!! ".

अदिती ने ऐसे समय में सूरज को छोड़ा था जब उसका लण्ड भी झड़ने ही वाला था, सो वो तुरंत पलट कर अदिती के ऊपर चढ़ गया और इससे पहले कि अपना लण्ड वापस उसकी चूत में डाल पाता, उसके लण्ड ने अदिती कि पेट पर ही ढ़ेर सारी उल्टी कर दी. अदिती हंस पड़ी और उसे अपनी बाहों में भर कर अपने ऊपर लिटा कर शांत करने लगी !!!..................

रात भर अदिती कितनी बार चुदी उसे याद नहीं और जहाँ तक सूरज का सवाल था तो वो उसे चोदे नहीं थक रहा था. उसने पूरी रात कई बार अदिती को पेला, कभी उसका माल गिरता तो कभी नहीं, पर अदिती कि चूत का पानी निकलना कभी बंद ही नहीं हुआ. अंतिम बार अदिती को जहाँ तक होश था उसकी एक बार सुबह के 5 बजे के करीब नींद खुली तो उसने देखा कि वो आदमी बिस्तर के बगल में नीचे खड़ा ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रहा था और उसके नंगे बदन को निहार रहा था ... शायद वो जबरदस्ती अपना लण्ड खड़ा करने कि कोशिश कर रहा था ताकी और चोद सके. उसके बाद अदिती कि फिर से आँख लग गई..................

नशा कटने के बाद जब होश आता है तो ऐसा लगता है जैसे एक ज़माना बीत गया हो... अदिती के साथ भी ऐसा ही हुआ. दिन में जब अचानक उसकी नींद खुली तो उसे समझ नहीं आ रहा था कि कब क्या और कैसे हुआ. उसने खुद को बिस्तर पे एक अनजान आदमी के बगल में एकदम नंगा लेटा हुआ पाया. पूरा कमरा चूत और लण्ड जैसा महक रहा था. बिस्तर और बिस्तर पे पड़े कुछ कपड़े और चादर पूरी तरह से गीले भीगे हुए थें. वो तुरंत उठी और उसी हाल में बाथरूम चली गई....उसे बहुत जोरों कि पेशाब आई थी... रात से रोका हुआ था... नशे कि वजह से पता नहीं चला था. बाथरूम में जब वो पेशाब करने बैठी तो उसकी बूर से वीर्य कि धार चूने लगी. उसने ढ़ेर सारा पेशाब किया और फिर पानी से अपना बूर धोया. उसे वहीं दरवाजे पर अपनी पैंटी टंगी पड़ी मिली... वहाँ कैसे आई कुछ याद नहीं आ रहा था. उसने पैंटी उतारी तो देखा कि वो एकदम गंदी हो चुकी थी... पहनने लायक नहीं थी. उसने पैंटी वहीं फेंक दी.

वापस बेडरूम में आकर उसने ज़मीन पे पड़ी अपनी Top और Skirt उठाई और ज़ल्दी ज़ल्दी पहनने लगी. अपनी Vanity Bag से अपना Mobile निकाला तो देखा कि दिन के 11 बज चुके थें और उसकी मम्मी पापा का नहीं भी तो 15 से 20 Miss Call आया हुआ था !

" Shittt यार !!! ". अदिती के मुँह से निकला.

रात कि कुछ कुछ बातें उसे याद थीं और कुछ कुछ नहीं. इतना तो तय था कि सामने बिस्तर पर पड़े Auto वाले ने उसे खुब चोदा था. वो अब कर भी क्या सकती थी. उस आदमी का लण्ड अभी भी आधा खड़ा था और उसका लाल सुपाड़ा बाहर निकला हुआ था. इतना बड़ा मोटा लौड़ा उसने कैसे लिया होगा समझ में नहीं आ रहा था... शायद होश में होती तो कभी ना ले पाती. वो आदमी बिस्तर पे बेसुध पड़ा सो रहा था... बहुत मेहनत कि थी ना हरामी ने रात भर !!!
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#8
अदिती ने चुपके से अपनी Mobile से उसके चेहरे और लण्ड का फोटो लिया और फिर Mobile में अपना Location चेक किया. वो अपने घर से 30 - 35 मिनट कि दुरी पर थी. उसने अपने Purse से पैसे निकाले उस सो रहे Auto वाले को देने के लिये पर फिर कुछ सोचकर पैसे वापस रख लियें और वहाँ से चलती बनी...



.............




इस घटना को एक महीने से ज़्यादा हो चुके थें. ज़ाहिर है अदिती ने इसका ज़िक्र किसी से भी नहीं किया था. उसका Love Birds Night Club में हफ्ते में तीन चार बार तो जाना लगा ही रहता था... हर बार वो वहाँ के Auto Stand पे जाती पर उसने कभी भी उस Auto वाले को दुबारा नहीं देखा.

इधर सूरज जान बूझकर उस Area में अब Auto लेकर नहीं जाता था... उसे डर था कि कहीं उस लड़की से आमना सामना ना हो जाये...



................


करीब जब दो महीने होने को आये तो एक दिन साहस करके सूरज उस Night Club के पास Auto लेकर गया. इतने दिन हो गयें थें... अब उसका डर जाता रहा. और किस्मत देखो... जैसा कि अदिती का वहाँ तकरीबन Regular ही आना जाना था, उस दिन दोनों फिर से मिल गयें.

Night Club से बाहर आकर उस दिन अदिती ने अपने दोस्तों को Bye कहा और Auto Stand में आई.

" आइये मैडम...कहाँ जाना है ? ". सारे Auto वाले उसे बुलाने लगें पर अदिती ने उस कमीने Auto वाले को पहचान लिया और सीधे उसके पास चली गई.

" Auto वाले भैया... चलोगे ??? ". उसने सूरज कि आँखों में आँखे डाल कर पूछा.

" हाँ... हाँ... मैडम जी... चलिए मैडम जी !!! ". सूरज कि तो जैसे साँस ही अटक गई हो गले में उस लड़की को इतने दिन बाद अचानक सामने देख कर.

अदिती का गुस्सा इतने दिनों में अब थोड़ा कम हो गया था. वो Auto में बैठते ही थोड़ी नरमी से बोली. " कितना लोगे भैया ? ".

उसकी सहज आवाज सुन कर सूरज कि जान में जान आई और वो धीरे से मुस्कुरा कर बोला. " आप पैसे देती कहाँ हो मैडम जी... ".

उसकी बात सुनकर अदिती एकबारगी हँस पड़ी, सूरज भी हँसने लगा और और Auto स्टार्ट कर दी.

" Radio है आपके Auto में भैया... ज़रा चला दो ! ".

" हाँ मैडम जी... ". सूरज ने Radio On कि और Auto वहाँ से निकल पड़ी.




********** The End **********
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#9
Wink 
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#10
कुछ ना कहो

------------***********--------------

" मम्मी... आपसे कुछ बात थी. ". पायल ने किचन में घुसते ही कहा... उसकी माँ खाना बनाने में ब्यस्त थी.

" मेरा हाथ बटा... चल आ. " पायल कि माँ उसकी बात को अनसुना करते हुए बोली.

" मुझे नहीं पसंद है मम्मी... You Know ना. " पायल ने कहा. " अब मैं अपनी बात बोलूं ? ".

पायल कि माँ चुप रही... कोई ध्यान ही नहीं दिया... और अपना काम करती रही.

" मम्मी... एक बात है... पापा को मत बताना... Okay. ". पायल को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा और उसने अपनी बात जारी रखी.

" किसी लड़के का चक्कर है क्या ? . " इस बार उसकी माँ ने थोड़ा मुस्कुरा कर पूछा.

" मम्मी Please... Noooo... ".

" फिर... ". उसकी माँ ने उसकी तरफ बिना देखे ही बेमन से पूछा.

" एक Problem है मम्मी... ".

" तेरा महीना तो ठीक आ रहा है ना ??? ". अबकी बार उसकी माँ ने उसकी तरफ देखकर धीरे से पूछा.

" वो सब नहीं मम्मी... आप दो मिनट दो... सुन तो लो ज़रा. ". पायल ने झल्लाते हुए कहा.

उसकी माँ फिर से चुप हो गई और अपने काम पे लग गई... उसे पता था कि वो जवाब दे या ना दे, उसकी बेटी उसे अपनी बात बता कर ही रहेगी.

" पता है मम्मी... कल ना मैं भाई का कमरा साफ कर रही थी... ". पायल इतना बोल कर रुकी अपनी मम्मी का Response देखने के लिये पर ज़ाहिर था कि उसकी माँ को अभी उसकी बातें सुनने में कोई Interest नहीं था. " मम्मी सुनो ना... नहीं तो आप नहीं समझोगी. ".

" अच्छा बाबा बोल... क्या हो गया ? . ". उसकी माँ काम बंद करके अब उसकी ओर मुड़ कर खड़ी हो गई. पायल ने बोलना शुरू किया.

" मम्मी... कल भाई का कमरा साफ कर रही थी तो उसके Bed के नीचे से ना मुझे एक गंदी फोटो वाली Magazine मिली. "

" इस उम्र में सभी करते हैं ये सब बेटी... ".

" इस उम्र में क्या मम्मी... अभी सिर्फ 20 का है वो... और मम्मी... बात सिर्फ इतनी सी नहीं है... सुनो तो. ". पायल ने कहा. " उसके Bed के नीचे से मुझे मेरी एक पैंटी भी मिली. ".

" तेरा अंडरवीयर ??? उसे कैसे मिला ? . "

" नहीं मालूम मम्मी... उस पैंटी के बारे में तो मुझे याद भी नहीं था... शायद बाथरूम में कभी छूट गया होगा तो उसने वहाँ से उठा लिया होगा. ".

" लगता है अब तेरी शादी से पहले ही उसकी शादी करनी होगी. " माँ ने हँसते हुए कहा.

" मज़ाक कि बात नहीं है मम्मी... !".

" तूने क्या किया फिर ? ".

" क्या करती... पैंटी और Magazine जैसे थी वैसे ही वहाँ छोड़ दी... ".

" छी... अपनी बड़ी बहन कि पैंटी ??? ये सब ठीक नहीं है... तेरे पापा को बोलूं क्या बात करने को ? ".

" मम्मी No... मेरी चिंता कुछ और है. ".

" मतलब ? ".

" देखो मम्मी... अगर हम उसे उसकी गलती पे डांट डपट करेंगे तो ज़ाहिर है वो बहुत Embarrased होगा. लेकिन मुझे फ़िक्र है कि इन सब में उसकी पढाई और Family Relation पे असर ना पड़े... ".

" सुनने में तो अच्छा लग रहा है ये सब पर बात तो शर्म वाली ही है ना बेटी... " .

" मम्मी वो बड़ा हो रहा है... अच्छा देखो... मैं उसे अपने तरीके से समझाना चाहती हूं. ".

" और क्या है तेरा तरीका ? ".

" देखती हूं... सोच कर. ".

" तो फिर मुझे क्यूं बताया... तूम भाई बहन समझ लो आपस में. ". माँ फिर से अपने काम में लग गई.

" बता दिया मम्मी बस... ताकी आपको पता रहे... पर Please उसे कुछ मत बोलना... और पापा को तो बिल्कुल भी नहीं. ".

पायल अपनी माँ के जवाब का इंतजार किये बिना वहाँ से चलती बनी...

........
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#11
25 साल कि पायल देखने में जितनी खूबसूरत थी उतनी ही समझदार भी थी... पढाई में भी अच्छी. Medium Hight... ज़्यादा गोरी नहीं पर साफ चिकनी Skin वाली ... काले बाल जो थोड़े से घूंघराले थें ... उम्र के हिसाब से थोड़े बड़े बूब्स... पर टाईट और गोल... सुडौल कुल्हे और बाहर कि ओर निकली हुई पुष्ट गांड़ . ऐसी काया वाली लड़की के तो बहुत सारे लड़के दीवाने होते हैं... सो पायल के भी थें... Infact, लड़कियों से ज़्यादा उसके लड़के दोस्त थें पर सिर्फ दोस्त... बॉयफ्रेंड वाला कोई चक्कर नहीं था उसका.


खैर... वापस वहीं आते हैं जहाँ से कहानी आगे बढ़नी थी.

सुबह माँ से अपने छोटे भाई मनीष के बारे में बात करने के बाद पायल ने मन ही मन कुछ तय किया और फिर उसी रात डिनर के बाद जब सब सोने कि तैयारी करने लगें तो वो अपने भाई के कमरे में आई.

मनीष ने अपनी पायल दीदी को अंदर आते देख कहा. " Goodnight दीदी. " .

" Goodnight के बच्चे... आज मैं यहीं सोने वाली हूं. " पायल उसके बिस्तर पर बैठते हुए बोली.

" यहाँ क्यूं ??? ". मनीष ने मुँह बनाते हुए पूछा.

" क्यूं नहीं ??? " .

पायल का उल्टा जवाब सुन कर मनीष को गुस्सा आ गया और माँ को बुलाने लगा. " मम्मी... ".

माँ ने आते ही पूछा. " क्या हो गया ? ".

" दीदी को बोलो यहाँ से जाये... यहाँ सोने को बोल रही है. ".

माँ ने पायल कि ओर सवालिया नज़र से देखा तो पायल ने हल्का सा मुस्कुरा कर इशारा किया... माँ को सुबह वाली बात याद आ गई.

" तो सोने दे ना... इतना बड़ा कमरा तो है... मैं जाती हूं... तेरे पापा को दवा देनी है. " . कोई कुछ और बोले इससे पहले माँ वहाँ से चली गई.

पायल बिस्तर से उठी और दरवाज़ा बंद कर लिया अंदर से.

" तेरी पढाई कैसी चल रही है ? . " . बेड कि तरफ वापस आते हुए पायल ने पूछा.

" पढाई पे Lecture दोगी क्या दीदी... Not Interested ! ". मनीष ने दो टुक जवाब दिया.

" अच्छा... फिर किस चीज़ में Interest है तेरा ??? ". पायल ने उसकी ओर देखे बिना ही कहा और अचानक उसके बेड के गद्दे को उठा कर देखा... पर वहाँ कुछ भी नहीं था !

मनीष को तो जैसे सांप सूंघ गया हो... बेड के नीचे क्या ढूंढ़ रही है पायल दीदी ??? अपने पीछे पड़े तकिये पर दबाव बढ़ा दिया उसने तो पायल सब समझ गई.

" हट... " . पायल ने थोड़ी सख्ती से कहा और उसके पीछे से तकिया उठाया तो नीचे वही Adult Magazine मिली और उसके ऊपर पड़ी उसकी पैंटी !!!

पायल ने बड़ी शांति से वो Magazine और अपनी पैंटी उठा कर सामने रखा और वहीं बिस्तर पे मनीष के बगल में बैठ गई.

" What Is This दीदी ??? मेरी कोई Privacy नहीं है क्या ? ". मनीष घबराया हुआ तो था पर उससे भी ज़्यादा गुस्सा था.

" नहीं है... " पायल ने कहा. " Magazine को छोड़... मेरी पैंटी यहाँ क्या कर रही है ??? बुला कर दिखाऊं मम्मी पापा को अभी ? ".

मनीष का चेहरा गुस्से से लाल पड़ गया था और वो अब चुप रहा.

" रात के Session कि पूरी तैयारी हो रखी है... हाँ ? . " पायल हल्के से मुस्कुराई. " देख... मुझे सब पता था फिर भी मम्मी पापा को नहीं बताया और तुझसे बात कर रही हूं. ".

" दीदी आप जाओ... ".

" सुन...मैं सिर्फ तुझे ये एहसास दिलाना चाहती हूं कि जिस बात पे तुझे शर्म आनी चाहिये उस बात पे तू गुस्सा हो रहा है. ".

मनीष थोड़ा सा शांत हुआ और फिर बोला. " Sorry दीदी. ".

पायल बिना कुछ बोले उसकी ओर तीखी नज़रों से देखती रही. मनीष समझ गया कि अब उसके बोलने कि बारी है सो उसने बोलना शुरू किया.

" मेरे एक दोस्त ने ये Magazine दी है मुझे. "

" और मेरा ये अंडरवीयर ??? ".

" दीदी... Please Believe Me... मैं आपके बारे में कुछ गंदा नहीं सोच रहा था... ".

" कहाँ से चुराई मेरी पैंटी ? ". पायल ने मनीष को बीच में ही रोकते हुए पूछा.

" वो दीदी... एक दिन बारिश हो रही थी ना तो मम्मी ने कहा कि बाहर सूख रहे सारे कपड़े उठा लो तो वहाँ आपकी ये पैंटी भी थी... मुझे नहीं मालूम क्यूं आपकी पैंटी देखकर... मतलब कैसे बताऊं...अजीब सी Hot Feeling आने लगी... फिर मैंने रख ली ... ".

पायल कुछ नहीं बोली... यानि कि वो और सुनना चाहती थी... सो मनीष ने फिर से बताना शुरू किया.

" मैंने कभी Real कि पैंटी नहीं देखी थी शायद इसलिये... पर दीदी Trust Me... मैं आपकी पैंटी को सिर्फ एक पैंटी कि तरह देख रहा था... मेरे मन में आपके लिये कोई गंदा विचार नहीं है... मतलब कि... सिर्फ आपकी पैंटी को... ".

" Relax... Relax... It 's Okay ! ". पायल समझ गई कि घबराहट में मनीष कुछ भी बोल रहा था पर उसकी बातें विश्वसनीय लग रही थी.
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#12
पायल ने अपना बायां हाथ मनीष के कंधे पर रखा और दाहिने हाथ से उसके चेहरे को थाम कर अपनी ओर घुमाया.


" मैं समझ सकती हूं मनीष... मैं तो तुम्हें बस ये एहसास दिलाना चाहती हूं कि अपने ही घर कि औरतों के अंदरुनी कपड़ों को देख कर सेक्स कि Feeling लाना गलत है. ".

" दीदी Sorry... Please आप... ".

" अच्छा वो सब छोड़... ". पायल ने माहौल को थोड़ा सहज बनाने के लिये बात को बदलते हुए मुस्कुरा कर पूछा. " ये बता तेरी Favourite Actress कौन है ? ".

" Shruti Hassan. ". मनीष तपाक से बोला... अब वो Relax होने लगा था. उसकी इतनी बड़ी और गंदी गलती पर भी उसकी दीदी इतना अच्छा उसकी दोस्त जैसी बन कर उससे बात कर रही थी, ये बात उसे भा गई.

" अच्छा... उसके बारे में क्या क्या सोचता है ??? ".

" धत्त दीदी... आप भी ना ! ". मनीष झेप गया.

" अच्छा मत बता... पर एक बात समझ नहीं आई मुझे... Smartphone और Laptop तेरे पास होते हुए भी ये Porn Magazine का क्या चक्कर है तेरा ? ".

" वो दीदी... Magazine कि बात ही अलग है... क्यूंकि... ".

" और मेरी पैंटी के साथ क्या करता था तू ? . " पायल ने उसे बीच में ही रोक कर पूछा.

" पहले दिन तो आपकी पैंटी... ". मनीष थोड़ा रुका, फिर बोलना शुरू किया. " मैंने सूंघा... पर कोई गंध नहीं मिली... फिर आपकी पैंटी बहुत ही Soft Soft लग रही थी हाथों में... तो मैंने... ". मनीष रुक गया.

" बता ना... क्या बदमाशी कि मेरी पैंटी के साथ ? ". पायल ने उसकी आँखों में देखते हुए पूछा.

" मैंने आपकी पैंटी को बेड पर रखा और उसके ऊपर नंगा होकर लेट गया और अपना... अपना... I Mean... Penis उसपे रगड़ने लगा... यही सब करता था... Please दीदी... अब छोड़ो ना. " शर्म के मारे मनीष का चेहरा लाल हो चुका था.

" Shruti Hassan के बारे में सोचते हुए ??? ". पायल ने हंस कर पूछा.

" हाँ दीदी... और इस Magazine कि लड़कियों को देखते हुए. ".

" देख मनीष... अब ध्यान से सुन... " पायल ने कहा. " तूने कुछ भी गलत नहीं किया... It's Normal ! तेरी उम्र में क्या होता है कि Opposite Sex यानि लड़कियों के प्रति आकर्षन बढ़ जाता है और लड़का हर समय यही सब सोचता रहता है कि लड़की का शरीर कैसा दिखता होगा बिना कपड़ों के... वगैरा वगैरा ! तो लड़का फिर गंदी Books और Porn फिल्मों का सहारा लेने लगता है अपना कौतूहल शांत करने के लिये. इसमें गलत कुछ नहीं... पर होता ये है कि इस में ज़्यादा डूब जाने से उसकी Social Life, पढाई लिखाई पर बुरा असर पड़ने लगता है. लड़का जितना ज़्यादा ये सब देखता है उतना ज़्यादा उसका लड़की के शरीर के बारे में जानने कि इच्छा तेज़ होती जाती है. "

पायल थोड़ी देर रुकी मनीष का मनोभाव समझने के लिये... उसका छोटा भाई पूरा मन लगा कर उसकी बात सुन रहा था. पायल ने आगे बोलना शुरू किया.

" लेकिन अगर लड़के को Real कि लड़की मिल जाये तो उसका सारा Surprise ख़त्म हो जाता है... उसे पता चल जाता है कि उसने आज तक Porn में जो सब देखा था वो False है और असली सेक्स तो बहुत Normal चीज़ है. ना ही Real कि लड़कियां इतनी ज़्यादा Hot होती हैं और ना ही उनका Figure. तो फिर धीरे धीरे लड़के के लिये ये सब आम बात हो जाती है और उसका मन हर चीज़ में समान रूप से लगने लगता है. ".
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#13
" तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा जब तुम्हें एक अच्छी सी गर्लफ्रेंड मिल जायेगी या फिर जब तुम्हारी शादी हो जायेगी. पर तब तक तुम्हें खुद पे संयम रखना होगा. " पायल ने कहा. " और हाँ... दूसरी बात ये कि अभी तूम मेरे बारे में कुछ गलत नहीं सोचते हो और बस मेरी पैंटी या फिर ब्रा या सलवार वगैरा मिल जाये तो उसी में तूम खुश हो... पर आगे चल कर तुम्हारे मन में अपनी सगी दीदी के बारे में गंदा विचार आ सकता है... जो कि बहुत Dangerous चीज़ है और इसी का मुझे डर है. ".

" नहीं दीदी... ऐसा कुछ भी नहीं होगा... आपकी बात का Logic मैं समझ गया... ".

" मुझे पता है ऐसा कुछ भी नहीं होगा... पर हो सकता है जब ऐसा हो तो तुम्हें उस Feeling के बारे में पता ही ना चले. ".

पायल ने वहाँ पड़ी Adult Magazine बिस्तर के किनारे कर दी और फिर पीछे खिसक कर तकिये पर लेट गई.

" इधर आ मनीष... " उसने कहा तो मनीष कि कुछ समझ में नहीं आया और वो चुपचाप अपनी बड़ी बहन के बगल में बैठ गया. " उस Feeling को ही Incest कहते हैं... पता होगा शायद तुझे ! मैं चाहती हूं कि सेक्स तेरे लिये एक आम बात हो जाये... वो बात नहीं जिसके बारे में दिन रात सोच कर तू अभी से अपनी Life बर्बाद कर ले... Okay ??? ".

मनीष कुछ समझ पाता, इससे पहले ही पायल ने उसका बायां हाथ पकड़ कर अपनी नाईटी के ऊपर से अपने बूब्स पर रख दिया. भौचक्का हुए मनीष ने झट से अपना हाथ खींच लिया.

" दीदी ??? !!! ".

पायल को पता था कि कब बात करनी है और कब नहीं... उसने बिना कुछ बोले फिर से मनीष का हाथ पकड़ा और वापस अपने सीने पे रख लिया. इस बार मनीष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई... उसने महसूस किया कि पायल दीदी ने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी है !!! अपने काँपते हाथ से उसने अभी दीदी कि नरम चूची को ठीक से छुआ भी नहीं था कि पायल ने कहा. " पता नहीं चल रहा ना... एक मिनट. ". और उसके हाथ को पकड़ कर सीधे अपने नाईटी के गले के अंदर डाल दिया. मनीष के हाथ में उसके नंगे गरम मम्मे टच होते ही उसकी सांस रुक गई... पायल दीदी क्या कर रही थी ये ??? उसने तुरंत हाथ बाहर निकाल लिया.

" अच्छा बाबा... ". पायल हँसने लगी. " बाहर से ही छुओ. ". ... और इस बार मनीष के हाथ को लेकर अपने पेट पे ठीक नाभी वाली जगह पे रख दिया.

नाईटी के ऊपर से मनीष ने भांप लिया कि पायल दीदी कि नाभी खुब बड़ी और एकदम गहरी होगी... पर अपनी सगी दीदी का बदन छू कर उसे सेक्स वाली उत्तेजना नहीं आई... Infact ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो आखिर कैसे React करे !

मनीष को चुप देख पायल ने आगे पहल कि और उसके हाथ को पकड़ कर अपने पेट से दाई तरफ अपने कमर तक ले गई... फिर नीचे अपने जांघ तक. लड़की का बदन छूने में इतना नरम और मांसल होता है ये मनीष को पता नहीं था. अभी मुश्किल से उसकी सांस वापस आई थी कि उसके हाथ को अपने जिस्म पे घुमाते घुमाते एकबारगी पायल ने अपनी दोनों जांघों के बीच घुसा लिया !!!

और ये क्या ??? पायल दीदी ने तो अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी !!!

नाईटी के झीने पतले कपड़े के ऊपर से पायल दीदी कि मोटी गुदेदार बूर मनीष के एकदम हाथ में आ गई !!!

" दीदी !!! ". मनीष के मुँह से निकला... इतनी धीमी आवाज में कि सुनाई भी नहीं दिया... और उसने अपने दूसरे हाथ से अपना पैंट दबा लिया.

मनीष का शरीर सिहर उठा... पायल समझ गई कि क्या हुआ है... उसने उसके हाथ को अपनी चूत पर ही छोड़ दिया और उसे अपने बाहों में भरकर उसके सिर को अपने सीने पे रख लिया. वो उसके बालों को सहलाते हुए उसे शांत करने लगी. करीब एक मिनट तक वैसे ही पड़े रहने के बाद जब मनीष के शरीर का कंपन थोड़ा रुका तो पायल उसे अपने से अलग करके उसे लेकर उठ बैठी और बोली.

" दिखाओ क्या हुआ ... ".

शर्म से पानी पानी हो रहे मनीष ने चुपचाप अपनी पैंट पर से अपना हाथ हटाया तो पायल ने देखा कि उसकी पैंट गीली हो चुकी थी. उसका छोटा भाई पैंट में ही झड़ गया था !!!

" It's Okay मनीष... कोई बात नहीं. " पायल ने उसे ढांढस बंधाया. " पैंट उतार दो... It's Okay. ".

और किसी Situation में मनीष अपनी दीदी के सामने कभी नंगा नहीं होता पर इस वक़्त इतना सब कुछ हो गया था कि उसने बिना कुछ कहे चुपचाप अपना पैंट खोल कर बिस्तर से नीचे फेंक दिया. पायल कि नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो उसे हँसी आ गई.

" कितना छोटा लण्ड है तेरा... ".

दीदी के मुँह से Penis को लण्ड के नाम से पुकारने पर मनीष एकदम सकते में आ गया.

मनीष का लण्ड ढीला पड़ा झूल रहा था... उसका लण्ड बिना खड़ा हुए ही Over Excitement के मारे झड़ गया था... ज़िन्दगी में पहली बार लड़की कि बूर का स्पर्श जो मिला था उसे !!!

" दीदी Sorry... मैं बाथरूम से धो कर आता हूं ! ".

" रुक... मेरी ये पैंटी किस दिन काम आयेगी.


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#14
" अच्छा Feel होता है ??? Okay ! ". पायल मुस्कुराई और लण्ड का सुपाड़ा ऊपर उठा कर मनीष के अंडकोष साफ करने लगी तो मनीष ने अचानक पूछा.


" दीदी... मेरा Penis... I Mean.. लण्ड ज़्यादा छोटा है क्या ? ".

" ठीक ठाक है... Not Bad ! मेरी वो बात बुरी लगी क्या ? ".

" नहीं दीदी... "........

लण्ड कि सफाई पूरी करके पायल ने अपनी गंदी हो चुकी पैंटी बिस्तर पर एक तरफ रख दी और इससे पहले कि मनीष कुछ समझ पाता, उसने झट से अपनी नाईटी खोल दी. मनीष अपनी चोर नज़रों से अभी अभी नंगी हुई अपनी दीदी का गदराया बदन देखने कि कोशिश कर ही रहा था कि पायल ने अपने दोनों हाथों पे पीछे टेक लगाकर उसके सामने अपनी मांसल टांगे खोल दी. पायल दीदी का खुला नंगा बूर अब मनीष के एकदम सामने था !!!

" देखो... डरो मत ! पसंद आई ? ". पायल ने पूछा.

मनीष कि नज़रें बड़ी हो गई पायल दीदी कि चिकनी जांघो के बीच स्थित उसकी फुली हुई सांवली सी बिना झांट वाली चूत के दर्शन करके.

" क्या हुआ... अच्छी नहीं लगी ? ". पायल ने फिर पूछा.

" हाँ दीदी... अच्छी है. पर वो Porn वाली लड़कियों और Magazine कि Models का... " . मनीष चूत पे अपनी आँखे गड़ाये हुए बोलने लगा तो पायल ने उसकी बात बीच में ही काट दी और कहा.

" देसी चूत ऐसी ही होती है मेरे भोले भाई राजा ! अच्छा... अब सूंघ कर देखो... ".

मनीष नीचे झुककर अपना मुँह अपनी दीदी कि चूत के करीब ले गया और एक लम्बी गहरी साँस ली.

" गंध कैसी है ??? " . पायल ने पूछा.

" दीदी... वो... Sorry... मगर वैसी कुछ खास नहीं... I Mean मुझे अच्छी नहीं लगी. ". मनीष ने थोड़ा संकोच करते हुए कहा.

" It 's Okay... सबको चूत कि गंध पसंद नहीं आती. ". पायल ने ऐसे कहा जैसे उसने मनीष कि बात का बुरा नहीं माना हो.

" आजा मेरे ऊपर... ". कह कर पायल बिस्तर पर लेट गई. नंगा मनीष मंत्रमुगध सा अपनी नंगी दीदी के ऊपर चढ़ कर उसके बदन पर लेट गया. उसका झड़ा हुआ लण्ड ठीक पायल कि चूत पर टिका हुआ था. पायल ने अपने दोनों हाथों से मनीष का गांड़ पकड़ कर अपनी और खींचते हुए कहा. " करो... जैसे बिस्तर पे मेरी पैंटी पर लेट कर करते हो. "

" चोद कर देखोगे एक बार... कैसा लगता है ??? ". पायल ने मनीष कि पीठ सहलाते हुए पूछा.

मनीष कुछ ना बोला... बस अपनी कमर धीरे धीरे हिलाता रहा... उसका लण्ड पायल दीदी कि चूत पे रगड़ खा रहा था. फिर अचानक से खुद ही पूछ बैठा.

" लेकिन Condom तो नहीं है दीदी... ".

" तो क्या हुआ ? ".

" आप Pregnant हो गई तो ??? ".

" धत्त बेवकूफ़ ! ऐसे ही कैसे Pregnant हो जाउंगी ?. ". पायल को हंसी आ गई. मनीष चुप रहा तो वो समझ गई कि वो Confused है... उसकी उम्र के लड़कों का ये सोचना स्वाभाविक ही था कि सेक्स करने से ही लड़की Pregnant हो जाती है. उसकी ये गलत धारना दूर करनी ज़रूरी थी... सो पायल ने उसे आगे बताना शुरू किया.

" Science नहीं पढा क्या ? सिर्फ गंदी किताबे पढ़ने से होगा ! Menstruation समझते हो ??? ".

" हाँ दीदी... वो लड़कियों को हर महीने होता है. ".

" Good ! तो ऐसा है कि Menstruation आने के 12 - 14 दिन के Cycle में लड़की Ovulate करती है और तब Pregnancy के Chances ज़्यादा होते हैं... ".

मनीष अपनी दीदी कि बातें सुनते हुए उसकी चूत पर अपना लौड़ा घिसता रहा.

" और मेरा Periods कल ही खत्म हुआ है... मतलब अभी मैं Free हूं... समझे बुद्धू ??? ". पायल ने मुस्कुराते हुए अपने छोटे भाई कि गाल पर एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ मारा.
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#15
लड़कियों के जिस्म कि इन अंदरुनी बातों को अपनी दीदी के मुँह से सुनकर मनीष को एक अजीब सी उत्तेजना महसूस होने लगी... उसके लण्ड में तनाव आने लगा था ! इधर पायल ने अपनी बात जारी रखी...


" इसी के साथ मेरा डिंब यानि अंडाणू कल निकल गया...मतलब कि अब अगर कुछ दिनों तक मेरे अंदर कोई लड़का अपना शुक्राणू गिरा भी दे तो मैं माँ नहीं बन सकती. "

पायल ने अपनी नंगी चूत पर हल्का सा दबाव महसूस किया तो उसने अपना हाथ नीचे सरका कर मनीष का लण्ड छुआ... उसका लण्ड तन कर खड़ा हो चुका था !

" चोदना है ? ". पायल ने धीरे से पूछा.

" ऐसे ही मज़ा आ रहा है दीदी... ". मनीष ने अपना खड़ा लण्ड अपनी दीदी कि चूत पर रगड़ते हुए कहा.

" वो इसलिए क्यूंकि तुझे बिस्तर पर लण्ड घिसने और मूठ मारने कि आदत पड़ी है... ". पायल ने कहा और अपने हाथों से मनीष के बदन को ठेल कर उठने का संकेत दिया. मनीष जैसे ही उठा, पायल ने अपनी टांगे फैला कर चौड़ी कर ली और अपना सिर उठा कर नीचे कि ओर देखा कि मनीष के लौड़े कि क्या हालत है... उसका 6 इंच का लण्ड टाईट तन कर ऊपर उठ कर उसके पेट में सट रहा था !

" हमारे सेक्स करने से भी मैं हमेशा तुम्हारी बड़ी बहन ही रहूंगी... हमारे रिश्ते में कोई फर्क थोड़े ही पड़ेगा ! ". पायल बोली. " चलो... डालो... ".

पायल ने देखा कि मनीष समझ नहीं पा रहा था कि कैसे शुरू करे तो उसने अपने दाये हाथ में उसका लण्ड पकड़ा और उसके लाल सुपाड़े को अपनी चूत कि दरार पे टिका कर धीरे धीरे घिस कर छेद में जगह बनाने लगी.

" दीदी... मेरा माल गिरने के बाद भी लण्ड कैसे खड़ा हो गया ??? मूठ निकालने के बाद तो मैं थक कर सो जाता हूं... ". मनीष ने अचानक पूछा.

" वो इसलिए क्यूंकि मूठ मारने और असल कि लड़की के साथ ये सब करने में ज़मीन आसमान का फर्क है. " पायल ने समझाया. " चल पेल... ".

मनीष ने आगे कि ओर हल्का सा ज़ोर लगाया तो उसके लण्ड का सुपाड़ा पायल दीदी कि चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस गया. मनीष को थोड़ा आश्चर्य हुआ तो उसने पूछ ही लिया. " दीदी... आपकी कुंवारी बूर खुली हुई कैसे है ??? ".

" क्यूं ??? सिर्फ लड़के ही मूठ मारते हैं क्या ! ". पायल Naughty तरीके से मुस्कुराई.

" दीदी आप भी ??? कैसे करती हो दीदी ? ".

" इतना मत जान मेरे बारे में बदमाश ! ". मुस्कुरा कर कहते हुए पायल ने मनीष कि गांड़ पर एक थप्पड़ जड़ दिया.

" मान गया दीदी... ". मनीष पहली बार थोड़ा सा हँसते हुए बोला और अपना लण्ड दीदी कि योनि के अंदर और थोड़ा सा ठेल दिया... आधा के करीब लण्ड अंदर डाल कर अचानक वो रुका और बोला.

" दीदी... आपकी चूत के अंदर कुछ है... मेरा सुपाड़ा वहाँ ठोकर खाकर रुक रहा है... आगे नहीं घुस रहा. ".

" Hymen है... " . पायल ने ऐसे कहा मानो वो इस प्रश्न के लिये तैयार बैठी थी. " मेरी चूत कि झिल्ली ! इसे सिर्फ अपने पति से फड़वाना चाहिये. तू एक काम कर... जितना लण्ड अंदर घुसा है उतने में ही अंदर बाहर करके चोद... Okay ??? ".
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#16
एक शालीन Student कि तरह मनीष ने सिर हिला कर हामी भरी और पायल के बदन पर झुक कर उसे धीरे धीरे पेलने लगा. पायल प्यार से उसका पीठ अपने दोनों हाथों से सहलाने लगी.


मूठ मारने के आदि मनीष को अपनी दीदी कि चूत में लण्ड घुसेड़ कर कोई खास आनंद नहीं आ रहा था. Porn फिल्मों में जैसा दिखाते हैं कि लड़का कितने मज़े ले लेकर लड़की को चोदता है वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था उसके साथ... शायद अपनी सगी दीदी के साथ होने कि वजह से ऐसा था... पर फिर भी ये एक एकदम नया अनुभव था उसके लिये. करीब तीन मिनट तक ऐसे ही बेमन से अपनी दीदी कि बूर में लौड़ा भीतर बाहर करता रहा वो...

पायल ने जब देखा कि चोदने में कोई खास Interest नहीं आ रहा है उसके भाई को तो उसने लेटे लेटे ही अपने पैर से बिस्तर पर पड़े Adult Magazine को अपनी ओर खींचा और उसे अपने सिर के बगल में तकिये पर रख कर मनीष से बोली.

" एक काम कर मनीष... अपनी पसंदीदा Model को देख कर पेल मुझे ! ".

मनीष ने अपनी दीदी के ऊपर लेटे लेटे ही उस Magazine का पेज उलटना शुरू किया और फिर एक पेज पर जाकर रुक गया. उस पेज पर एक बहुत ही सेक्सी गोरी चिट्टी छरहरी बदन वाली Model का फोटो था. वो सुंदर Model सिर्फ ब्रा पहने हुए एक कुर्सी पर अपनी नंगी टांगे खोले बैठी अपनी छोटी सी Shaved चूत दिखा रही थी. वही शायद मनीष कि पसंदीदा रात कि रानी थी !!!

उस Model कि फोटो देखते ही मनीष उत्तेजित होने लगा और अपनी दीदी को थोड़ा Interest से चोदना शुरू किया. करीब दो मिनट तक उस Model को एकटक देख कर मनीष अपनी कमर पायल दीदी के जांघो के बीच हिलाता रहा.

" आआह्ह्ह्ह... दीदी !!! ". मनीष के मुँह से निकला और अब उसे चुदाई का असली आनंद आने लगा. उसने अपने हाथ के एक झटके से उस Magazine को तकिये से नीचे गिरा दिया और अब अपनी बड़ी बहन कि तरफ Concentrate करने लगा.

" मममममम... Good !!! ". ये देख पायल को खुशी हुई और उसकि आँखे बंद होने लगी.

" उफ़्फ़ दीदी... आआह्ह्ह्हह ! ". उत्तेजना से भरे मनीष ने अचानक अपनी बड़ी बहन के होंठ चुमने के लिये मुँह नीचे किया तो पायल ने झट से अपना मुँह फेर लिया.

" मनीष Noooooo !!! ". पायल के मुँह से निकला.

उसे बड़ा अजीब लगा कि उसका अपना सगा छोटा भाई उसे Kiss करे !!! पर वो ये भी समझ रही थी उसका भाई किसी गंदे मकसद से नहीं बल्कि उस परिस्थिती में बस भावनावों में बह कर वैसा कर रहा था. फिर भी अपने सगे भाई को Lip To Lip चुंबन देना उसे गवारा नहीं था सो वो अपना मुँह इधर उधर करके खुद को बचाती रही और मनीष उसके होंठ ना पाकर बस उसके नरम नरम गाल और गर्दन को बेतहासा चूमते हुए उसे पेलता रहा.

कामोत्तेजना के इसी बहाव में बह कर मनीष भूल गया कि उसकी बड़ी बहन ने उसे सिर्फ आधा लण्ड डाल कर चोदने कि हिदायत दी थी ताकि उसकी अनचुदी चूत कि झिल्ली ना फटे ! अपनी बड़ी बहन को चूमते चूमते वासना के मारे एकाएक मनीष ने इस बार अपना लण्ड थोड़ा ज़्यादा ही अंदर ठेल दिया और....

" हाय मम्मी !!! ". पायल ने अपने हाथों के नाखुन मनीष कि पीठ पे गड़ा दिया. मनीष का लण्ड पायल कि चूत कि पतली झिल्ली को फाड़ता हुआ चूत कि तह तक घुस गया. इससे पहले कि पायल वो दर्द झेल पाती, मनीष ने अपना लौड़ा उसकी चूत से बाहर निकाला, सिर्फ सुपाड़े को छोड़ कर, और वापस एक झटके में पूरा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया.

" मनीष धीरे... आअह्ह्ह्हह मममममम !!! ".

अपनी बड़ी बहन कि कराहटों पर ध्यान ना देते हुए मनीष धक्के पे धक्का मारता रहा. इस दौरान उसने एक सेकंड के लिये भी पायल दीदी को चूमना नहीं छोड़ा था. लण्ड अब जब चूत कि झिल्ली फट जाने कि वजह से पूरा अंदर घुस रहा था तो उसे असली चोदन का मज़ा समझ आने लगा.

पर अफ़सोस कि उसके अंडकोष में वीर्य भरना शुरू हो गया था और इसी वजह से उसके अंडकोष अब दुखने लगे थें.

" दीदी... दीदी... दीदी !!! ". मनीष कि सांस फूलने लगी... उसने अपनी बड़ी बहन को कस कर पकड़ा और उसकी बूर में अपने लण्ड से माल का फव्वारा छोड़ने लगा. उसका पूरा जिस्म, हाथ, पेट, कमर, पांव, काँपने लगे !

" Easy मनीष... Easy !!! ". पायल उसके सिर और पीठ को सहला कर उसे शांत करने लगी और अपना पैर हवा में उठाये उसे अपने अंदर झड़ने देने लगी. उसने जब देखा कि मनीष फिर भी शांत नहीं हो रहा तो उसने उसके मुँह में अपना चूची दे दिया. मनीष उसका दूध पीते पीते उसके ऊपर लेटा करीब दो मिनट तक स्खलित होता रहा !!!
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#17
दो मिनट के बाद जब मनीष का शरीर ढीला पड़ गया तो उसके मुँह से पायल दीदी का निप्पल अपने आप फिसल कर बाहर निकल आया. मनीष ने ऊपर बढ़ कर अपनी बड़ी बहन के गाल को चुमा और अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगा.


" हे भगवान... फिर से ??? ". मनीष कि ना मिटने वाली प्यास देख कर पायल कि हँसी छूट पड़ी.

जी हाँ... फिर से... ये सच था ! दो दो बार वीर्यपात होने कि वजह से मनीष थोड़ा सा निस्तेज तो पड़ गया था पर उसके लण्ड का तनाव अभी भी नहीं कमा था. लण्ड थोड़ा ढीला ज़रूर पड़ गया था पर लण्ड कि नसो में जमा खून वापस नहीं गया था जिसके कारण लण्ड अभी भी खड़े का खड़ा ही था.

इधर ना चाहते हुए भी पायल कि चूत से भी थोड़ा बहुत पानी निकल गया था. उसकी चूत अब खुद के पानी और छोटे भाई के वीर्य से भरी पड़ी थी. मनीष के कमर हिलाने कि वजह से उसके लण्ड ने ठेल ठेल कर ज़्यादातर माल दीदी के गर्भाशय में पंहुचा दिया था... बाकि का बचा खुचा वीर्य लण्ड का दबाव पड़ते ही चूत से बाहर रिस रिस कर बहने लगा.

मनीष अभी अपना लौड़ा चूत में अंदर बाहर कर ही रहा था कि पायल ने कहा. " चल पलट अब... मेरी गांड़ दुख रही है ! ". एक ही पोज़ में पड़े पड़े पायल कि पीठ और चूतड़ में दर्द होने लगा था. उसके कहने पर मनीष ने करवट बदली तो अब वो अपनी पीठ के बल लेट गया और पायल दीदी उसके ऊपर आ गई. इस वजह से पहली बार मनीष को पायल कि गांड़ का मुआयना करने का मौका मिला... उसने अपने दोनों हाथों से दीदी के चूतड़ पकड़े तो उसे एहसास हुआ कि उसकी बड़ी बहन कितने बड़े चूतड़ कि मालकिन थी !

" वाह दीदी... आपकी गांड़ तो अच्छी खासी बड़ी है... सलवार और जींस में पता ही नहीं चलता ! ".

" हम्म्म्म... ". पायल ने धीरे से कहा और उसके ऊपर झुक कर उसके लण्ड पर बैठी अपनी गांड़ ऊपर नीचे करके उसे चोदने लगी.

तीन चार Shots में ही पायल ने महसूस किया कि मनीष के लण्ड का आकार उसकी बूर में बड़ा होने लगा था. पायल अपने छोटे भाई के नंगे बदन पर चढ़ी उसे पेलती रही. उसके मम्मे मनीष के चेहरे के ऊपर लटक कर आगे पीछे ऊपर नीचे हो रहें थें. मनीष ने उसके मम्मे अपने मुँह में लेने चाहें पर पायल इतने ज़ोर ज़ोर से उसके ऊपर उछल रही थी वो ऐसा कर नहीं पाया. आखिरकार काफी प्रयास के बाद उसने लपक कर दीदी कि एक चूची अपने मुँह में भर ली और चूसने लगा..........

15 मिनट तक पायल अपने छोटे भाई को चोदती रही... उसका लण्ड अब पहले से भी ज़्यादा सख्त हो चुका था... झड़ने का कोई आसार नज़र नहीं आ रहा था ! इधर मनीष के लण्ड कि नसें फूलने लगी थी और उसे लग रहा था कि अब उसे हार्ट अटेेक आ जायेगा.

" दीदी.... आआह्ह्ह्ह... बस करो दीदी... और नहीं... मेरा माल नहीं गिर रहा दीदी... आआह्ह्ह्हह दीदी !!! ". मनीष ने दीदी कि चूची मुँह से निकाल कर कहा और फिर वापस मुँह में लेकर चूसने लगा.

पायल समझ गई कि मनीष का वीर्य निकलने में अब काफी कठिनाई होने वाली थी ... अब उसे ही कुछ करना होगा. उसने अपना हाथ अपनी गांड़ के पीछे से नीचे मनीष कि टांगों के बीच घुसेड़ कर उसके अंड़कोष पकड़ लिये और धीरे धीरे सहलाने लगी.

" ममममममम... ". मनीष कि आँखे उलटने लगी. वो कुछ बोल रहा था पर पायल का निप्पल मुँह में होने के कारण उसके शब्द स्पष्ट नहीं निकल रहें थें.

पायल कि ये तरकीब काम आई और मनीष का शरीर टाईट होने लगा. उसके लण्ड पर अपनी गांड़ पटकते हुए पायल ने अचानक उसके अंड़कोष अपनी मुठठी में भीच कर ज़ोर से दबा दिये.

" दीदी... ". मनीष के मुँह से दीदी कि चूची छिटक कर बाहर निकल आई और उसका सिर तकिये से नीचे खिसक पड़ा... उसका सारा जिस्म अकड़ गया और इसी के साथ उसके लण्ड ने फलफला कर अपनी दीदी कि चूत में वीर्य कि उल्टी कर दी !!!

इस बार पायल नहीं चाहती थी कि मनीष उसकी चूत में झड़े क्यूंकि उसका बहुत ज़्यादा माल गिरता था... सो उसके वीर्य कि पहली धार चूत में छूटते ही पायल उसके ऊपर से उठ गई और उसके बगल में लेट गई. मनीष का खड़ा झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत से छिटक कर बाहर आते ही उसके अपने पेट पर बाकि का माल फेंकने लगा !

पायल के बगल में पड़ा मनीष छटपटाते हुए खुद अपने ऊपर ही झड़ने लगा. मौके कि नजाकत को समझते हुए पायल ने तुरंत उसके एक हाथ को पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लिया और अपने दाई हाथ में उसका लण्ड पकड़ कर मसलने लगी. मनीष कि आँखे अभी भी बंद थीं... वो अपना मुँह पायल कि ओर उसी हालत में बढ़ा कर कुछ खोजने लगा. पायल समझ गई कि उसका छोटा भाई उसका दूध खोज रहा है. उसने अपनी चूची मनीष के मुँह में लगा दी तो वो लपक कर उसका निप्पल चूसने लगा.

करीब दस मिनट तक मनीष अपना एक हाथ पायल दीदी कि जांघों के बीच में डाले उसकी चूत थामे उसका दूध पीता रहा और पायल उसके लण्ड को गार गार के उसका माल निकालती रही !
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#18
जब पायल को यकीन हो गया कि उसका छोटा भाई अब पूरी तरह से झड़ गया है तो उसने उसके लण्ड का चमड़ा उसके सुपाड़े पे चढ़ा दिया और बोली. " कुछ देर ऐसे ही अपना सुपाड़ा ढक कर रखो... लण्ड को शांत होने में मदद मिलेगी ! ".

मनीष ने दीदी कि चूची मुँह से निकाली और उसकी चूत से अपना हाथ हटा लिया. उसने देखा कि उसकी ऊँगलीयों में थोड़ा सा खून लगा था. उसने अपनी दीदी से पूछा. " दीदी आप ठीक तो हो ना ? ".

पायल जवाब में हल्का सा मुस्कुराई.

" Sorry दीदी... मैंने आपका Hymen फाड़ दिया. "

" अब क्या करें... जब फाड़ ही दिया तो. ". पायल ने अपनी आँखे घुमाते हुए कहा.

दोनों भाई बहन कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे कि बाहों में पड़े रहें.

" और चोदोगे ??? ". पायल ने उसके बाल सहलाते हुए पूछा.

" नहीं दीदी... हो गया. ".

" मज़ा आया ? ".

" हाँ दीदी... पर उतना ज़्यादा नहीं. "

" मैं तो तुम्हारी बड़ी बहन हूं ना... जब अपनी गर्लफ्रेंड या बीवी के साथ करोगे तो ज़्यादा आनंद मिलेगा. ".

" समझ गया दीदी... अब सेक्स के प्रति मेरा कौतुहल ख़त्म हो गया है... अब शायद मूठ मारने कि भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी ! ".

" ऐसी बात नहीं है मनीष... मूठ मारते रहना... पर ज़्यादा नहीं... हफ्ते में एक दो बार ठीक है. बस सही समय का इंतजार करो जब तुम्हारे जीवन में एक बहुत प्यार करने वाली लड़की आ जाये... तब तक खुब मन लगा कर पढ़ो और आगे बढ़ो ! ".......


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#19
कुछ देर इसी तरह पड़े रहने के बाद पायल उठी और अपनी नाईटी पहनने लगी. बिस्तर पड़ नंगे बैठे मनीष ने कहा. " दीदी... अभी तो चार बज ही गये हैं... Please आज रात यहीं रुक जाओ ना. ".

" नहीं मनीष... तुम्हारे साथ रात भर सोना गलत होगा... मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूं ना... बीवी थोड़े ही हूं. ". पायल ने मुस्कुराते हुए कहा.

मनीष बिस्तर से उठ कर आया और अपनी दीदी को पीछे से पकड़ कर बोला. " Thank You दीदी. मैं सिर्फ आपको ये बताना चाहता हूं कि आपके लिये मेरे मन में पहले कभी भी कोई गंदी भावना नहीं थी और अब तो बिल्कुल भी नहीं है. आपने मुझे अपनी बात जिस तरह से समझाई वो हर बड़ी बहन के लिये एक मिसाल कि तरह है ! ".

" धत्त... ऐसा कुछ भी नहीं... तू मेरा मकसद समझ गया यही बहुत है... चल... Good Night ! ". पायल ने मुड़कर अपने छोटे भाई का चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके माथे को चुम लिया.

" और दीदी... आपकी पैंटी ??? " . जब पायल जाने लगी तो पीछे से मनीष ने आवाज दी.

" उसकी ज़रूरत ना अब मुझे है और ना तुझे... बदमाश ! ". पायल ने हँसते हुए कहा और कमरे से बाहर चली गई.......


##


उस दिन के बाद से मनीष सचमुच में एकदम बदल गया. उसका संबंध ना सिर्फ अपनी बड़ी बहन के साथ और अच्छा हो गया बल्कि वो अब अपने मम्मी पापा को भी पहले से कहीं ज़्यादा इज़्ज़त देने लगा. उसके और पायल के बीच में उस रात जो भी हुआ उसे उसने पॉजिटिव तरीके से लिया. राह से भटके दूसरे लड़कों कि तरह अगर वो अपनी बड़ी बहन के साथ बने सेक्स सम्बन्ध को Seriously ले लेता तो वो आज Incest के गंदे भवर में फस गया होता !!!....................

#


करीब 10 - 12 दिन के बाद एक दिन अचानक पायल कि माँ ने पायल से किचन में पूछा.

" बेटी... ये मनीष तो एकदम राजा बेटा बन गया है. उस दिन क्या समझाया उस बदमाश को ??? ".

" बता दूं ? आप पापा को तो नहीं बोल दोगी ना मम्मी ??? ". पायल ने कहा.

" तेरी कोई बात मैंने तेरे पापा को कभी बताई है ? ". माँ ने कहा.

पायल को उस रात मनीष के गाल पर और गांड़ पर मारे दो थप्पड़ याद आ गयें. वो हँस पड़ी और बोली.

" कुछ खास नहीं मम्मी... बस दो थप्पड़ और ढ़ेर सारा Lecture ! ".

" मैंने कहा था ना... उस बदमाश को मार कि ज़रूरत है... अच्छा किया ! भला अपनी बड़ी बहन कि पैंटी कोई चुराता है क्या ??? ". माँ ने कहा और फिर माँ बेटी दोनों एक साथ हँस पड़े.


************ The End ************
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#20
Wink 
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