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Adultery रीमा की दबी वासना
रीमा ने विनीत की आवाज सुनी तो उसके कान खड़े हो गए | नंगे बदन पानी सी भीगी, इससे पहले वो तौलिया लपेट कर बाहर आ पाती | विनीत बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा था | विनीत की आँखे खुली की खुली रह गयी | रीमा का खुला नंगा पानी की ओस बूंदों से भीगा गुलाबी बदन..........रीमा ने जैसे तैसे खुद को ढकने की कोशिश की, जब छाती ढकी तो चूत त्रिकोण नुमाया हो गया और जब नीचे ढकने चली तो गोरे गोरे  उन्नत उरोज और उनकी नुकीली चोटियाँ | विनीत ने सब देख लिया भले ही एक झलक मिली हो | ऊपर से जब रीमा को कुछ समझ नहीं आया तो पीठ करके खडी हो गयी | चूत और उरोजो के बाद विनीत ने रीमा के मांसल गुदाज भारी चुताड़ो के भी दर्शन कर लिए | अच्छे से रीमा की गुलाबी जिस्म का दीदार करने के बाद - आई ऍम सो सो सो सॉरी ............ | 

इतना कहकर उल्टा मुहँ करके खड़ा हो गया | 

विनीत - सो सो सॉरी रीमा जी, मुझे नहीं पता था आप इस वक्त बाथ ले रही होंगी वरना नॉक करके आता | आपके लिए कुछ कपड़े लाया था | कुछ खाने को भी लाया था | 
शर्म से पानी पानी रीमा में सीधे होकर विनीत का सामना करने की हिम्मत नहीं थी | रीमा - वही रख दीजिये | 
विनीत - ओके , और आप दरवाजा मेरे जाने के बाद लॉक कर लीजियेगा | ३५५० कोड है वैसे यहाँ कोई आएगा नहीं मेरे अलावा फिर भी इस कोड को डालने के बाद मै भी बाहर से दरवाजा नहीं खोल पाउँगा | 
विनीत ने खाने की ट्रे और कपड़े बेड पर रख दिए - प्लीज मेक कम्फ़र्टेबल योरसेल्फ . मैंने कुछ नहीं देखा | 
इतना कहकर वो तेजी से बाहर  निकल गया | 
बाहर जाकर उसने एक लम्बी साँस ली - वाव सो गर्जिअस माय गॉड क्या फिगर है, गॉड क्या बनाया है इस औरत को | मैडम ने तो जोश जगा दिया | लिजेल बेबी आज तेरा कचूमर निकलेगा किसी और की तम्मना में | अपने पेंट के तनाव को ठीक करता हुआ तेजी से अपने कमरे में लौटा | 
विनीत ने कमरे में पहुचने तक अपनी शर्ट खोल डाली थी | बाकि कपड़े  लिजले ने भी  उतनी ही तेजी से निकाल फेंके | और उसके सामने घुटनों के बल बैठ कर उसके आधे  नरम लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी |
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 विनीत को यकीन नहीं हुआ रीमा के जिस्म को देखते ही उसके अन्दर का जोश दुगुना हो गया | साहब को जोश में देख मोहन भी कहाँ पीछे रहने वाला |  लिजेल जमींन पर पैरो के बल बैठी थी और सामने खड़े विनीत का लंड चूस रही थी | मोहन ने किसी तरह लिजेल के दोनों पैरो के बीच से जगह बना ली और फर्श के बल पीठ के सहारे रेगते हुए बिलकुल अपनी कमर के पास उसके पैरो को ले आया | अब लिजेल की चूत बिलकुल उसके लंड के ऊपर थी और लिजेल मोहन के ऊपर काऊबॉय बन गयी | विनीत थोड़ा सा साइड में आ गया | नीचे से मोहन ने निशाना लगाया और उसका मुसल लंड सीधे चूत में | 
लिजेल इतने भीषण प्रहार के लिए तैयार नहीं थी - आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह  सो बिग स्लो बेबी इजी | पूरा कमरा लिजेल की कराह से गूँज उठा |इधर लिजेल ने विनीत का लंड चुसना नहीं चोदा था हालाकि मोहन के मुसल धक्को ने उसकी कराहे निकाल दी | 
विनीत का लंड भी अब तनकर पूरी तरह तैयार था | विनीत - मुझे अपना गिफ्ट चाहिए | 
लिजेल - व्हाट गिफ्ट |
विनीत - व्हाट यू प्लांड फॉर | 
लिजेल - टेक इट इफ यू कैन | 
विनीत ने अपने लंड को लिजेल के मुहँ से निकाला | पीछे जाकर उसकी नंगी पीठ पर हाथ रखा और उसे मोहन की छाती पर झुकाता चला गया | फिर कुत्ता बनकर उस पर छा गया | उसने अपना लंड उसके गांड के कसे छल्ले पर सटाया और पूरी ताकत के अपने तने लंड को जड़ से पकड़ कर ठेल दिया | लिजेल - आआआआह्हाआअह्ह्हाआआह्हाआह्ह्ह ओओओओओओओओओओओओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह इजी इजी | 
दो कड़क लंड एक साथ चूत और गांड में घुस जाए तो औरतो के हाथ पाँव ढीले हो जाते है ये तो पहली बार करवा रही थी | स्प्रे के कारन दर्द तो न के बराबर था लेकिन कसे छल्ले की कसावट और नीचे से ,मोहन का रगड़ता लंड | लिजेल की हालत सैंडविच में भरे आलू की तरह थी उसे दोनों तरह से पिसना था | उसकी ठुकाई दो तरफ़ा होनी थी | आखिर ये रास्ता उसी ने चुना है उसने पराये लंडो को ये राह खुद दिखाई है अब वो लंडो को दोष नहीं दे सकती | 
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तो उसे मादक कराह की आवाज उसके कानों में पड़ी | वो कुछ पल वैसे ही शांत रही, लेकिन कराहे उसे बार बार सुनाई पड़ रही थी वो दीवार के पास कान ले गयी | उसे यकीन हो गया उस तरफ जबदस्त चुदाई चल रही है | उसने शैम्पू रख दीवार से कान लगा दिए और उसका हाथ फिसलता हुआ शावर के हँडल के पास पंहुच गया | वो चुदाई की मादक कराहों का आनंद ले ने लगी और उसकी उंगलिया शावर पर फिसल रही थी तभी उसकी एक उंगली दीवार में घुस गयी | रीमा का ध्यान उधर गया, यहाँ तो दीवार में छेद है | ये छेद असल में विनीत ने अपने लिए बनवाया था | जब भी कोई कमसिन लड़की पेशेंट बनकर आती थी तो कभी कभी इसी छेद से वो उनके हुश्न का दीदार करता था | असल में वो देखना चाहता था अस्लपताल के बाथरूम में पूरी तरह नंगी होकर करती क्या है |  आज उसकी ये चालंकी उसी को भारी पड़ गयी | 

दो लंड एक साथ एक औरत के जिस्म में | उसे अपनी भयानक हाहाकारी चुदाई की यादे आ गयी | वो उस दौर को याद कर सिहर गयी | रीमा कुछ देर तक बुत बनी खड़ी रही लेकिन फिर धीरे धीरे सहज  हो गयी | उसके जिस्म पर लगातार शावर से पानी गिर रहा था | अन्दर भले ही उसके बदन में आग जल रही हो लेकिन उपर से पानी उसे बुझाने की पूरी कोशिश कर रहा था |  एक मन कहता निकल चला यहाँ से दूसरा उसे वासना के मोहपाश में जकड़े था | जकड़न भी आसन होती तो कब का इससे रीमा आजाद हो गयी होती | उफफ्फ्फ्फ़ ये क्या हो रहा है मेरे साथ | पहले वो वासना की कल्पनाओं में ये सब सोचती थी की वो नंगी होकर नहा रही हो और ............. कोई उसे छुपकर देख रहा हूँ लेकिन यहाँ तो वो ही नाहते हुए किसी और को छुपकर देख रही थी |  अब तो उसके साथ ही ये हो रहा है | अपने चूत की तरफ एक हाथ ले गयी और एक उंगली से अपने जिस्म का सच जानना चाहा, फिर रुक गयी फिर हिम्मत भरी और अपनी  चूत का गीलापन छूने लगी | उफ्फ्फफ्फ्फ़ नाहिहिही आखिर वो क्या वासना की दासी हो गयी है | उसे ये करते हुए घिन क्यों नहीं आ रही है | किसी की चुदाई देखना कहाँ की नैतिकता है | 
कुछ देर के लिए आँख बंद किये खाडी रही  | फिर उसके मन पलती खायी | ज्यादा मत सोच, जो हो रहा है उसे एन्जॉय कर | बस एन्जॉय कर रीमा सोचना बंद कर | कुछ सही गलत नहीं होता | जब तक तू किसी और से चुदी नहीं थी तब तक तुझे वो चुदाई गलत लगती थी | फिर तुझे दूसरी औरतो का गांड मरवाना गलत गलत लगता था लंड चुसना एक साथ दो लंड लेना | सब कुछ तो तूने किया और जमकर किया पूरा एन्जॉय किया | ऐसा डूबकर किया जैसे कोई साधना कर रही हूँ | अब काहे का डर मजा लो रीमा जिंदगी का | उम्र ढल जाएगी जवानी ढल जाएगी वासना ख़त्म हो जाएगी | 
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 कुछ देर में जब इस झटके से उबरी तो रीमा ने शावर बंद कर बॉडी शैम्पू उठाया और बदन पर मलने लगी |  अपने पुरे बदन को झाग से नहला दिया |
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 रीमा ने बदन पर फिर से बॉडी वाश लगाया और हलके हाथो से अपने उरोजो को मसलने लगी | अब कन्फ्यूज्ड रीमा मर गयी थी ये वो रीमा थी जो अपनी मादकता में डूबी वासना में गोते लगाने को तैयार थी |
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उरोजो को मसलते हुए हाथ नाभि पर से होता हुआ चूत घाटी में पहुच गया | दो उंगलियों ने उसके चूत फांके चीर कर अलग कर दिए और आइस्ते से अँधेरी गुलाबी गीली सुरंग में पैबस्त हो गयी | रीमा का दूसरा हाथ उसके सीने की चिकनाहट बढ़ाने लगा |  रीमा ने खुद को थोड़ा झुकाया और अपनी दाई आंख उस छेद पर सटा दी | एक औरत दो आदमी और दो लंड एक साथ एक औरत के अंतरो में दनादन फिसल रहे थे | रीमा ये द्रश्य देखकर वासना से सिहर उठी | उसे अपनी चुदाई याद आ गयी | उसके चूत में फंसी उंगलिया तेजी से अन्दर बाहर होने लगी |
उसके पलट कर अपनी आँखे बंद कर ली और एक ही वाक्य उसके मन में आया - नहीं अब और नहीं | 
इस वासना के दलदल से अब उसे दूर रहना है | कुछ पल बुत बनी खडी रही | शावर ऑन किया लेकिन पानी की शीतलता भी उसके मन में उठ रही  गरम वासना की लालसा को ठंडा नहीं कर सकी | उसे लगा भागने से कुछ नहो होगा सच का सामना कर और यही सोचकर  कुछ देर बाद उसकी आंख फिर उसी छेद पर जाकर जम गयी | उसके जिस्म के नाजुक उरोजो और  चूत को उसके हाथो ने मसलना शुरू कर दिया |
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इधर मोहन ने कमर हिलानी बंद कर दी थी ताकि विनीत अपने लिए रास्ता बना सके | विनीत ने भी पूरा जोर लगाकर अपने लंड को पूरा का पूरा लिजेल की गांड भी घुसेड़ दिया | दो दो कड़क लंडो की मांसल गर्माहट से उसके दोनों अंतर पूरी तरह भर गए थे | विनीत ने इतना जोर लगाया था की उसका सुपाडा बस छिलते छिलते बचा था | उसने लंड पुरे लंड को बाहर निकाला और ढेर साला चिकना जेल उसके छेद में भर दिया | फिर तो अगले दो मिनट जो सटासट किया है | दनादन जो लंड पेला है लिजेल की गाड़ में की मोहन भी बोल पड़ा - लगता है साहब आप सच में वियाग्रा खाकर आ गए | 
विनीत बुरी तरह हांफता हुआ - नहीं रे | योर ass इज टू टाइट हनी| आई ऍम fucking योर टाइट ass |
लिजेल भी जोश में कराहती हुई  - एस यस यस बेबी fuck माय ass डीपर मोरे डीपर फास्टर मोर फास्टर | fuck मी लाइक that fuck माय ass लाइक that. fuck that गुड | यस बेबी यस बेबी | आई ऍम योर ass स्लेव ट्रीट माय ass लाइक that | 
विनीत - यस बेबी आई ऍम fucking योर टाइट ass लाइक नोबडी विल fuck एवर | बिनीत ने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी | अब तो मोहन भी अपनी कमर हिलाने लगा | सही मायनों में दो तरफ़ा ठोकरे लिजेल के जिस्म पर अब पड़नी शुरू हुई थी | एक तरफ विनीत का कड़क लंड था जो उसकी गांड को बुरी तरह चीर रहा था तो दूसरी तरह मोहन का मुसल लंड उसकी चूत की दीवारों को उसकी अधिकतम सीमा तक फैलाये हुए था |
रीमा को अपनी चुदाई याद आ गयी, उसका एक हाथ अपने आप ही जांघो के बीच की घाटी में फिसल गया | उंगलिया उसकी मखमली गुलाबी फांको को सहलाने लगी | साँस बढ़ने लगी और उसके मन की लालसा, दुसरे को चुदते देखने का कुछ और ही मजा है | उसे लिजेल की चुदाई जैसे अपनी सी लग रही थी | रीमा वैसे भी इस वासना के खेल में हमेशा इतना डूब जाती थी कि उसे होश ही नहीं रहता | अभी तो शुरुआत थी |
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दोनों के धक्को की स्पीड अब बराबर हो चली थी और दोनों ने आपस में समन्वय बना लिया था | जब मोहन का लंड लिजेल की चूत को चीरता तो विनीत का लंड बाहर होता, जब विनीत का लंड उसकी गांड को चीरता तो मोहन का लंड बाहर होता था | इससे लिजेल को दो तरफा दबाव नहीं पड़ रहा था लेकिन बेतहाशा धक्को में साँस लेना भी दूभर था | सांसे धौकनी की तरह चली रही थी और तीनो जिस्म पसीने से तर बतर थे | काफी देर से इस पोजीशन में चुदने के बाद लिजेल पोजीशन बदलने को बेताब थी | आखिर उसे बाई करवट लिटा दिया और दोनों ने उसी हिसाब से खुद को अडजस्ट करके उसके चूत और गांड में अपने लंड घुसेड़ दिए | लिजेल की उफनती सांसे बता रही थी उसे कुछ पल का आराम चाहिए लेकिन दोनों आराम देने के मूड में लग नहीं रहे थे | आखिर लिजेल का ख्याल कर उन्होंने स्पीड कम कर दी | अब हौले हौले लिजेल की दोनों गुलाबी सुरंगों की मालिश हो रही थी | लिजेल ने सपने में भी नहीं सोचा था विनीत को खुश करने के ए दाव इतना भारी पड़ जायेगा | उसे दिक्कत हो रही थी लेकिन गांड में स्प्रे की वजह से दर्द न के बराबर था किसी मांस की पाइप में चीरता आता जाता उसे विनीत का लंड महसूस हो रहा था | ऊपर से बची कुची कसर मोहन ने पूरी कर दी | उसका लंड इतना मोटा था जब अकेले उसको चोदता था तब तो हालत ख़राब कर देता था लेकिन यहाँ तो आगे पीछे दो तरफा ठुकाई चालू है | वो अब इन्हें रोक भी तो नहीं सकती, सब इस मोहन का किया धरा है इसी ने उसकी विनीत से गांड मरवाने के लिए उकसाया | उसे इस मोहन की बातों में नही आना चाहिए था । इसने पहले अपने मोटे लंड की झांसे में फंसा लिया और फिर अब मेरी गांड भी मरवा डाली । लिजेल मन ही मन ओह गॉड थिस इज सो ईटेन्स सो ईटेन्स आई एम fucking कमिंग कॉन्टिनोउसली । आई डोंट know हाऊ मेनी ओर्गास्म ई गेट ड्यूरिंग थिस ईटेन्स डबल fucking. माय पुसी एंड ass इज न फायर नाउ । both cock जस्ट tearing मय होल्स ........ओह्ह माय गॉड आई एम fucking लूसिंग माय माइंड , आई एम लूसिंग माय बॉडी कंट्रोल । ओह्ह गॉड होल्ड मी होल्ड मी टाइट टिल then थे both fucking मी । 
दोनो के लंड अभी धीरे धीरे उसको चोद रहे थे इसलिए उसे सोचने का मौका मिल रहा था । ओह्ह गॉड they अरे सो स्ट्रांग सो the cock are । आई कैंट स्टॉप them but गॉड प्लीज tell them fuck मी स्लो । फ़क मी स्लो ।
मन मे दोहराते दोहराते उसके जुबान पर ये शब्द दौड़ने लगे - फ़क मी स्लो फ़क मी स्लो ।
विनीत - take योर टाइम बेबी हमे जल्दी नहीं ।
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लिजेल - आई disappoint यु । 
विनीत - नो बेबी, व्हाट यु गिव में नोबडी कैन गिव । ई टूक योर ass वर्जिनिटी । thats बिग डील । यु अरे क्लोज to माय हार्ट एंड ऑलवेज विल बी ।
लिजेल -यु अरे ऑलवेज such आ डार्लिंग । अपने मन को मजबूत करती हुई - fuck मी डार्लिंग the way यु वांट । आई एम रेडी । 
मोहन -  बॉस चोदे या रुके ।
विनीत - शुरू कर इसे मे संभलता हूँ । मैं इसे लेकर जमीन पर लेट जाता हूँ तू कुछ देर इसको ढंग से चोद फिर साथ साथ चोदे गे और तब तक नही रुकेंगे जब तब दोनों निपट नही जाते ।
रीमा की चूत भी झर रही थी, ऊपर से शावर का पानी और नीचे उसकी गुलाबी चूत का रस उसकी जांघो पर रिस रहा था और वो मदहोश थी लिजेल को निचुड़ता ठुकता पेलता देख |
मोहन ठीक है बॉस । विनीत नीचे लेट गया फिर उसने अपनी कमर पर लिजेल को बैठाकर उसकी दुःखती गांड में अपना कड़क लंड पैबस्त कर दिया । फिर पीछे से अपने हाथों से लिजेल के दोनों उन्नत उरोज पकड़ कर अपने सीने से उसकी पीठ चिपका ली । मोहन के सामने खुली राह थी और उसने सीधे लिजेल की चूत पर लंड लगाया और सरपट दौड़ा दिया । दनादन उसके कमर की ठोकरें लिजेल की चूत पर पड़ने लगी । लिजेल फिर से कराहने लगी । ये मादक आवाजे उसे संबल दे रही थी और दोनों लंडो की उत्तेजना बढ़ा रही थी । लिजेल ने भी मन मजबूत कर लिया था । जब तक ये दोनों झड़ेंगे नही वो मैदान नही छोड़ेगी । मोहन अपनी फुल स्पीड में सटासट लिजेल की गुलाबी चूत मसल रहा था । लिजेल भी उत्तेजना भरे बाण छोड़ने लगी ताकि दोनों मर्दों के जोश धीमा न पड़े और जल्दी चरम पर पँहुच जाए । जैसे जैसे मोहन का लंड लिजेल की चूत रगड़ रहा था वो भी उत्तेजना के ज्वर में नहाने लगी । इधर विनीत ने भी अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी । उसने कसकर लिजेल की कमर को थामा उसे हल्का सा उठाया और अपनी कमर हिलाने लगा । लिजेल के हाथ और पैर के पंजों के अलावा उसका पूरा शरीर हवा में था । उसके दो कोमल नाजुक गुलाबी सुरंगों में दो लंड सरपट दौड़ रहे थे ।
लिजेल -यस यस फ़क मी हार्डर डीपर बेबी ।
विनीत - यस बेबी आई एम fucking ।
अब कमरे में बस थप थप की, उफनती सांसे और कराहों की आवाजें ही गूँज रही थी । अब न बोलने का समय था न शिकवे शिकायतों का , बस बेतहाशा चोदने और चुदवाने का दौर था । लिजेल चुद रही थी अपनी उम्मीदों के पार जाकर जैसे जीवन की आखिरी चुदाई हो और विनीत भी उसे ऐसे ही चोद रहा था । मोहन भी दोनों की रौ में रौ मिलाये हुए था । सटासट सटासट गचा गच्च गचा गच्च थपा थप थपा थप बस पिलाई हो रही थी न किसी को दर्द की चिंता थी न अपने जिस्म का होश था । दोनों इस जी जान से लगे थे कि बस अपने जिस्म में उमड़ रहे लावे को लिजेल की गुलाबी सुरंगों में उतार दे बस । लिजेल भी दर्द की परवाह किये बिना बस उसके जिस्मों की आग अपनी गुलाबी सुरंगो में लेकर उसे अपनी रिमझिम फुहारों से बुझाने को बेताब थी । 7 अरब की इस दुनिया मे वासना का बस एक ही रूप है वो रूप जिससे इस समय मोहन विनीत और लिजेल का साक्षात्कार हो रहा था । बाकी तो सब उस वासना के मुखौटे है जो वक्त वक्त के साथ रंग रूप बदल कर आते है लेकिन अपने चरम की तरफ बढ़ते हो सारे रंग सारे मुखौटे उतर जाते है और रह जाती है तो सिर्फ वासना और उसको बुझाने की हवस । बस वासना का यही सच था जिसमें तीनों डूबे हुए थे और रीमा उस सच को दीवार के पार से देख रही थी । 
उसके बदन में आग लगी हुई थी | क्यों न हो इतना हवस का नंगा नाच देख तो मुर्दे भी जी उठे | उसके स्तन पूरी तरह सामने की तरफ तने हुए थे | उसके बदन में वासना की गर्माहट, तपती सांसे और धकधक करता सीना | पानी की ओस बनकर उसके बदन पर ढलकती बुँदे उसके जिस्म की वासना की आग में भाप बनकर उड़ रही थी | उत्तेजना में पूरा बदन अकड़ा हुआ था | रीमा अपनी दबी वासना का एक और पन्ना उसी में डूबकर खोल रही थी | 
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विनीत के हाथों के सख्ती लिजेल की कमर पर बढ़ गयी । मोहन के हाथ की कसावट लिजेल के कंधों पर और सख्त हो गयी । दोनों के चरम का बाँध टूटने वाला था और तीनों उस मे बाह जाने को आतुर थे । दोंनो के कमर किसी मशीन की तरह तेजी से आगे पीछे हिल रही थी और लिजेल के जिस्मों के दो गुलाबी बोर में उनके पिस्टन सटासट अंदर बाहर हो रहे थे । लिजेल कि चूत औऱ गांड आग की भठ्ठी बनी हुई थी । लिजेल ने आखिरी उत्प्रेरक छोड़ा - यस माय बेबी कम इन माय ass, कम इन माय पिंक पुसी । यस बेबी आई know यु आर गोइंग to कम ।
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विनीत हाँफते हुए - यस बेबी आई एम जस्ट कमिंग । बस निकलने ही वाला है , मैं तुमारी पूरी गांड भर दूँगा अपनी मलाई से ।
लिजेल - भर दो गाड़ मलाई से सैयां जी ।
मोहन - यस मैडम जी मालामाल कर दूँगा इतनी पिचकारी मारूँगा आपकी चूत में , लबालब भर जाएगी ।
लिजेल - भर दो चूत मेरा गान मेरा अपना... (व्हाट) ......
मोहन - मलाई ।
लिजेल - मलाई से ।
मोहन - ये लो मैदम जी संभालो अपनी अमानत ये कहते हुए उसने 8 - 10 जोरदार धक्के लगाए और उसकी पिचकारी लिजेल की1 बच्चे दानी से जा टकराई ।एक के बाद एक सात पिचकारी से लिजेल की आग से तपती पूरी चूत को नहला दिया ।
विनीत हल्का सा थम गया था उसने मोहन के थमते ही रफ्तार पकड़ ली - यस बेबी आई एम fucking योर ass, योर टाइट ass इज टू हॉट टू टाइट । she मेक में अर्ली कम ।
लिजेल - then कम एंड fill माय ass विथ योर कम । आई वांट तो टेस्ट इट ।
विनीत -  मोहना लिजेल की चूत से बाहर मत निकलियो वार्ना सब मलाई बह जाएगी ।
मोहन- सुस्ताता हुआ आप मेरी तरफ से निश्चित रहो ।
विनीत ने फूल स्पीड से फुल धक्के लगाने शुरू कर दिए । सुपाड़ी की टिप बस लिजेल की गांड में रह जाती और फिर विनीत की गोटिया दिखती थी । पलक झपकते की देर थी लंड दो तीन बार अंदर बाहर हो जाता था ।
विनीत - आआआआआआहठहठहठहज्ज्ज्ज्ज् टेक माय कम वाइट थिक जूस यु ऑलवेज वांटेड । टेक इट इन योर ass फर्स्ट टाइम बेबी ।
लिजेल - आई एम रेडी बेबी । गिव इट to मी गिव इट to मी ।
विनीत की पिचकारियाँ निकलने लगी, उसकी गोलियां दो बार खाली हो चुकी थी फिर भी पाँच 6 पिचकारी में उसने लिजेल की गांड इतनी चिकनी कर दी थी थी कि मोहन का काम हो जाएगा ।
दोनों किसी बेजान जिस्म की तरह लिजेल से चिपक गए । काफी देर तक चिपके रहे । उनका सफेद गाढ़ा क्रीम लिजेल की गुलाबी सुरंगों को तर करता रहा । रीमा की चूत से पानी रिसकर जांघ पर बहने लगा था वो शावर के पानी से अपना जिस्म भिगोने लगी । इस उत्तेजना में उसके उन्नत उरोज पूरी तरह तन गए थे | उस पर पड़ती पानी की ठंडी फुहारे सच में उसे स्वर्ग की अनुभूति करा रही थी | रीमा ने गौर से सामने लगे शीशे में खुद के भरे पुरे उरोज को देखा जिस पर ओस की बुँदे की तरह पानी फिसल रहा था | फिर अपने हुस्न पर इतराई और वासना का चरम की ढलान पर लुढ़कते हुए असली दुनिया में वापस आने लगी |
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इधर कुछ देर बाद विनीत ने अपना लन्ड निकाला लेकिन इस समय उसके गांड के छेद को बंद करके उसमें चूतड़ ऊपर को हवा में।कर दिए । फिर धीरे से मोहन ने अपना लैंड लिजेल की  चूत से निकाल कर उसकी गांड पर सटा दिया । इससे पहले लिजेल कुछ समझ पाती विनीत की चिकनी गाढ़ी मलाई का चिकनाहट का फायदा उठाते हुए मोहन ने अपना मोटे लंड का सुपाड़ा किसी तरह लिजेल की गाड़ में घुसेड़ दिया । 
विनीत ने मुरझाते लंड को लिजेल की चूत में ठेल दिया जो बिना किसी दिक्कत के आराम से पैबस्त हो गया । 
लिजेल - व्हाट आर यु डूइंग मोहन ।
मोहन - जस्ट आरमिंग ।
लिजेल - व्हाट आरमिंग, are यु गोइंग to फ़क माय ass । 
मोहन - साहब जी इन अंग्रेजन को ये समझ नही आया क्या, लंड गाड़ में घुसाया है तो आरती करने को घुसाया नही होगा । सुपाड़ा गांड में घुसा पड़ा है फिर काहे पूछ रही है ।
विनीत लिजेल को समझाता हुआ - बेबी ही इस रेस्टिंग ही गिवेस3 यु सो much प्लेजर सो है वांट to रेस्ट इन योर ass ।
लिजेल - यु थिंक आई एम इडियट ।
विनीत - नो बेबी नेवर ।
लिजेल - यु गाड़ मारी, रेस्टिंग इन माय छूट, ही फ़क माय pussy, रेस्टिंग इन गांड । यु चेंज योर पोजीशन सो यु कैन फ़क मी इन चूत एंड ही इन गांड ।
विनीत ने पैम्परिंग करी - यु आर such स्मार्ट पुसी । बेबी लास्ट टाइम यु know आफ्टर that our बॉल्स gonna ड्राई । 
लिजेल - थिस इस too much ।
विनीत - बेबी यु know योर होल्स आर ओपन नाउ, पिंक टनल्स अरे वेल लुब्रिकेटेड एंड थिस जर्नी गोइंग to be वेरी स्मूथ । ट्रस्ट भी the pain यु बेयर, नाउ इट्स पेबैक टाइम । पैन इस gone इट्स प्लेजर टाइम हनी ।
मोहन - अंग्रजी में क्या बड़बड़ा रहे हो ।
विनीत - उसको हिंदी समझ आती है । देने से मना कर रही है । मैं उसको समझा रहा हूँ उसके छेद खुल गए गए ही हमारी क्रीम से खूब चिकने है इसलिए इस बार उसे कोई दर्द नही होगा ।
लिजेल - नो बेबी, आई एम too टायर्ड ।
मोहन - आपके मानने से न मानेगी ।
विनीत - तू मना ले फिर ।
मोहन बस अपने आधे मुरझाये लंड को सीधा करने की फिराक में था अपने दिमाग मे बार बार लिजेल के गांड मारने के ख्याल से उत्तेजना ला रहा था । उसने किसी तरह अपने मूसल लंड को लिजेल की गांड में घुसाने की कोशिश की ।
लिजेल - नो प्लीज डोंट इन्सर्ट डिक इन माय ass ।
मोहन - मैडम आप मेरी बात सुनो । आपने एक पेड़ लगाया, खूब सेवा की, तकलीफ उठायी राते जागी जानवरों से बचाया, सिचाई गुड़ाई की, फिर जब फल खाने की बारी आई तो आप बोलती हो मैं फल कैसे थोड़ी थक गई हूं । रिजल्ट तो अब मिलेगा थोड़ी कोशिश तो करो ।
विनीत ने पूरा सेंटेंस इंग्लिश में ट्रांसलेट किया । लिजेल - यु आर जस्ट an asshole। यु वांट तो फ़क माय ass ओनली ।
मोहन - सर्विस भी करता हूँ । 
लिजेल - जस्ट शट उप, यु ओनली केअर फ़ॉर सेल्फ । 
विनीत - थिस इस स्पेशल हनी, जस्ट गिव इट आ ट्राई । ट्रस्ट भी इट विल be पेनलेस एंड स्मूथ । 
लिजेल - ओह्ह हनी यु know ई डोंट से नो to यु । आई एम टायर्ड । आई know यु स्प्रे डी सेंसिटाइजेर, सो माय ass होल इज नम्ब नाउ । but व्हेन स्प्रे एन्ड ईट्स इफ़ेक्ट इट विल फील लाइक हेल । यु वांट माय asshole लाइक hell पेनफुल then ओके ।
मोहन - मैं रात भर आपके गांड के छल्ले की मालिश करूँगा, बाय गॉड प्रोमिश ।
विनीत - जस्ट गिव इट आ ट्राई ।
लिजेल - यु वांट that सो then ओके आई बेयर योर ass fuck pain इन माय ass, यु कैन गो इनसाइड अगेन but नॉट him ।
हिज कॉक इस टू much थिक । मोटा है । आई कैंट take इट इन माय ass ।
विनीत - ओह हनी आई know यु आर such a डार्लिंग । लेट्स do इट टूगेदर, मेक इट मेमोरेबल फ़ॉर एवर । बेस्ट थ्रीसम इन our लाइफ, बेस्ट डबल fuck .......।
लिजेल - ऑफ माय लाइफ आई know, यु हिप्नोटाइज मी, do इट व्हाट यु वांट । थोड़ा सा खिसककर मोहन ने लिजेल को एक एनर्जी ड्रिंक दिया । उसने एक ही सांस में पूरी बोतल खत्म कर दी ।
लिजेल - बेबी यु कैन फ़क अगेन but नॉट ही । ही इस too बिग फ़ॉर माय ass, माय ass होल इस स्टिल बर्निंग बाई योर फ़ास्ट फ़क । 
विनीत - आराम से घुसेड़ना, मेरा स्लिम था, तेरा XXL साइज है, छल्ला फैलेगा तो चीखेगी चिल्लाएगी । आराम आराम से घुसेड़ना।तब तक मैं इसे मनाकर रेडी करता हूँ । गांड में उठी सीत्कार से डर गई है इसे लगता है जो तेरा साइज है उसमें तो फटकर दो हो जाएगी इसकी गांड । इसे मनाना भी पड़ेगा और इसे गरम भी करना पड़ेगा । 
मोहन - स्प्रे मार लेता हूँ ।
विनीत - ज्यादा स्प्रे से जलन होने लगेगी । बस प्यार से पुचकार कर, क्रीम लगाकर गांड मार ले, भड़क गई तो कुछ न मिलेगा । मैं पुचकारता हूँ इसका ध्यान बटाता हूँ तू अपना लंड सीधा कर, खूब अच्छे से चिकना कर और जब मैं इशारा कर तो अंदर डाल देना लेकिन आराम से । 
विनीत- बेबी यु वांट  टेस्ट ऑफ माय क्रीम । अपने चूत में घुसे मुरझाये लन्ड की तरफ इशारा करते हुए ।
लिजेल - योर क्रीम इज इन माय बैक होल । थिस इस हिज क्रीम ।
विनीत - मोहन वो प्लाटिक का कप बढ़ाना । उससे प्लास्टिक का कप लेकर जैसे ही उसने लिजेल की चूत से लंड निकाला, उसकी चूत से मोहन की मलाई रिसने लगी ।उसने सब मलाई कप में निकाल ली, इसी तरह से पीछे एक कप में विनीत की मलाई मोहन ने कप में निकाल ली । विनीत ने मोहन से वो कप ले लिया और उसका वाला उसे थमा दिया । फिर अपनेसुपाड़ा को उसमें भिगो कर - टेस्ट योर ass cream बेबी ।
रीमा लिजेल की गांड मराई का नॉन स्टॉप शो देखकर पूरी तरह से गरम हो गयी थी पानी की बुँदे अब उसके जिस्म की तपिश कम नहीं कर पा रही थी उसने पूरा शावर ऑन कर दिया | 
[Image: bathroom_girl_00891.jpg]
लिजेल - ओह्ह माय गॉड, हनी यु वांट that आई टेस्ट योर वाइट क्रीम कमिंग डायरेक्टली फ्रॉम माय टाइट ass ।
विनीत अपने आधे मुरझाये लंड के सुपाड़ा को उसके मुहँ के पास ले जाता हुआ - टेस्ट इट बेबी ।
लिजेल ने उसका वो सफेद लंड रस से सना सुपाड़ा अपने मुहँ में ले लिया । लिजेल - टेस्टी बेबी इट टेस्ट गुड, सो गुड, आई वांट मोर ।
विनीत - suck इट बेबी । चुसो पूरा चुसो गले तक लेकर चुसो।
विनीत मोहन को इशारा करता हुआ , जल्दी से अपने लंड को मुठिया कर खड़ा करे । मोहन का हाथ तेजी से हिलने लगा और उसकी सख्त हथेली में जकड़ा था उसका मूसल ।
मोहन तेजी से अपने लंड को मसलने लगा । विनीत ने लिजेल का सारा ध्यान अपनी तरफ खींच लिया - यस बेबी suck लाइक that ।
लिजेल - यु लाइक that सकिंग ।
विनीत - यस बेबी आई लाइक इट वेरी much, टेस्ट माय क्रीम, suck माय dick । विनीत ने पूरी तरह से लिजेल को अपने मे रमा लिया । सपड सपड करके वो लंड रस से सना लंड चूसने लगी । विनीत के मुरझाते लंड में जान आने लगी । उसका लंड खड़ा होने लगा । मोहन को थोड़ा ज्यादा टाइम लग रहा था ।विनीत ने मोहन की तरफ देखा । आप लोग सोच रहे होंगे मोहन लिजेल की गाड़ मरेगा लेकिन विनीत का क्या फायदा । हर मर्द की फैंटसी अलग होती है मोटे लंड को घोटती औरत के चेहरे पर जो दर्द भरी वासना होती है, वो दर्द जिससे वो  बेहाल तो होती है लेकिन मर्द को उस दर्द देने से नही रोकती । दुतरफा चुदाई में विनीत ने वही दर्द लिजेल के चेहरे और आँखों मे देखा था । वो दर्द से बेहाल थी दो तरफा ठुकाई से जिस्म पस्त था लेकिन मजाल जो उसने कही रुकने को बोला हो । ये दर्द भरी वासना भोगने के सुख क्या होता है पता नही लेकिन वो लिजेल को उसी हालत में देखना चाहता था जहाँ वो दर्द से बेहाल हो, दो दो पैबस्त मूसल से मसली जा रही हो फिर भी चूतड़ उछाल उछाल कर चुद रही हो । वो विनीत के लिए बड़ा सुकून देने वाला पल था कौन इतना दर्द सहकर दूसरों को जन्नत की सैर कराता है । ये एक औरत ही कर सकती है । ये एक औरत ही है जो अपने  चाहने वाले कि खुसी के लिए वो छेद हाजिर कर देती हैं जिसमे कभी कुछ अंदर गया ही नही । उसे खुशी खुसी उस मर्द को सौप देती है जिसे वो चाहती है, और वो उसकी पूजा नही करता, वो उसमे अपना मूसल घुसेड़ता है, उसकी कसावट को उसकी बनावट को फैलाकर चीर कर न बर्दाश्त करने वाला दर्द देकर उसके अंदर बाहर जाता है । अगले कई दिन तक वो इस दर्द से हमसाया रहती है ये दर्द व क्यों झेलती है, क्यों किसी को यु ही अपनी गांड मारने दे देती है विनीत इसी पहेली में उलझा हुआ था । जब तक उसने लिजेल या कहो किसी भी गांड नही मारी थी उसे अहसास ही नही था औरत कितना कुछ दांव पर लगा देती है । आज पहली बार उसने भी अपनी जिंदगी की पहली गांड मारी थी और वो भी कुंवारी गांड की सील तोड़ी थी । लिजेल के चेहरे का वो दर्द और उसका दर्द से वो दोहरा हो जाना । दर्द के बावजूद उफ्फ न करते हुए अंदर उसका लंड घोटते रहना ।  भले ही अभी स्प्रे पड़ा हो लेकिन ये तीखा दिलो दिमाग की नशों को चीरता दर्द लौटेगा तो है ही । भले ही आगे उसके लिए सब आसान हो लेकिन उसने ये दर्द उसके लिए झेला है ये बात वो कभी नही भूलेगा । तभी वो दूसरे दौर के लिए उत्सुक ही वरना तीन बार वो पिचकारी छोड़ चुका है अब उसमें भी वो दम नही है । लिजेल ने सच मे अपना वादा पूरा कर दिया । वो हमेशा के लिए इस रात को स्पेशल बना दिया । एक बार इस मोहन को कोशिश कर लेने दो नही तो मैं इस बार गांड मरवाने का असली सुख दूँगा मेरी डार्लिंग को । कुछ सोचकर
विनीत - कैन आई ईट योर पुसी ।
लिजेल - ओह हनी व्हाई नॉट , विनीत झुककर उसकी जांघो के बीच पसर गया, उसने उसकी जांघे फैला दी और चूत, चूत के ओंठ और चूत दाना बारी बारी से चूसने लगा ।
इधर मोहन ने अपना लंड लिजेल के मुहँ की तरफ बढ़ा दिया । लिजेल ने एक बारगी उसकी तरफ देखा, समझ गयी इसको खड़ा करने में दिक्कत हो रही है । बिना कुछ कहे उसका सुपाड़ा मुहँ में ले लिया । लिजेल का पूरा मुहँ सुपाड़ा से ही भर गया । वो तेजी से अपनी ओंठो की गुलाबी जकड़न मोहन के लंड पर फिसलाने लगी।
नीचे विनीत लिजेल के जिस्म में आग फूंक रहा था और लिजेल मोहन के जिस्म में । इस बार दोनो को समय ज्यादा लग रहा था । क्यों न लगे, इतनी बार आग बुझा जो चुके थे । कुछ देर बाद लिजेल के नथुनों से निकलती भाप बताने लगी कि वो चुदने के लिए तैयार हो गई है । इधर मोहन का लंड भी लिजेल ने टनाटन कर दिया था । विनीत ने लिजेल की तरफ सर उठाकर देखा- लेट्स मेक इट मेमोरेबल ।
विनीत उठा और उसने मोहन को जमीन पर पीठ के बल लेटने को कहां । वो लेट गया । विनीत- हनी suck my dick टिल है fuck योर पुसी ।
लिजेल - allright ।
विनीत - मोहन चुत में ही पेलना ।
मोहन के चेहरे की तरफ लिजेल की पीठ थी वो उल्टा काऊबॉय पोजीशन में मोहन ने ऊपर बैठी थी । मोहन ने उसकी कमर पकड़कर हल्की सी उचकाई और अपना मोटा लंड निशाने पर सेट कर लिया । ऊपर से लिजेल ने जोर लगाया और नीचे से मोहन ने कमर उचकाई और उसका मोटा सुपाड़ा लिजेल की चिकनी क्रीम से सनी चुत में सरसराता हुआ घुस गया ।
लिजेल - आआआआआआआआआहहहहहहहह ऊऊऊऊऊफफग सो HUGE ।
मोहन - हाँ मैडम जो है आपके अंदर ही है । आपकी कृपा का मोहताज है ।
लिजेल - स्टॉप टॉकिंग एंड स्टार्ट fucking माय pussy ।
मोहन - हाँ मैडम हम कौन गल्ले पर बैठे है । हम भी चोदने के लिए ही लेते है । ये लो मेरा अपनी चूत में संभालो ।
लिजेल - मूसल मोटा है । इतना कहकर वो हँसने लगी । उसका मूड अच्छा होने लगा था । इधर लपककर विनीत ने उसे आगे की तरफ झुका लिया और अपने लंड को फिर से रेडी करने के काम में लगा दिया । वो आगे की तरफ झुकी विनीत को लंड चूसने का सुख दे रही थी इधर मोहन ने उसकी चूत को फिर से कूटना शुरू कर दिया था ।उसके मोटे लंड से उसकी चुत के फलक काफी फैल गए थे, हालाँकि उसकी चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा था लेकिन वो उतनी सहज नही लग रही थी । अक्सर मोहन से चुदवाते समय या तो मिशनरी पोजीशन में होती थी या पेट की बल लेट जाती थी जिससे लंड पूरी तरह उसकी चूत की गहराई नही नाप पाता था । लेकिन यहां वो इस पोजीशन में थी कि मोहन ने उसकी पूरी चूत फैला दी थी और अपना पूरा लंड चूत में पैबस्त किये दे रहा था । जिससे उसका सुपाड़ा चूत के आखिरी छोर में टकराकर हल्का दर्द पैदा कर रहा था । 
इधर विनीत भी रेडी हो गया । उसका लन्ड भी पहले की तरह कड़क हो गया था । लिजेल सिर्फ अपनी जगह पर 180 डिग्री घूम गयी । मनोज का लंड उसकी चूत में पैबस्त रहा । पीछे से घोड़े की तरह विनीत लिजेल पर छा गया ।
विनीत - बेबी मैं तुमारी गांड में अपनी मलाई भरने जा रहा हूँ फिर जमकर तुमारी गांड मारूँगा । विनीत ने जान भुझकर हिंदी में कहा ताकि लिजेल पूरा समझ न पाए । 
लिजेल मादकता से कराहती हुई - आया हहहहहहहह बेबी व्हाट डीड यु से ।
विनीत - नथिंग बेबी, आई एम गोइंग तो फ़क योर ass विथ मय वाइट लुब्रीकेंट ।
लिजेल - thats exciting ।
विनीत ने पहले अपना लंड का सुपाड़ा घुसेड़ा और लिजेल कि गांड का मुहाना खोला और पूरी कप उड़ेल दिया फिर तेजी से अपना लैंड घुसेड़ दिया ।
धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगा । विनीत - फील इट बेबी , आई एम fucking योर ass अगैन filled विथ माय क्रीम । इजइन्ट exciting ।
लिजेल - fuck me like that ।
विनीत - आई एम fucking यु स्लो एंड डीप, स्लो एंड डीप, फील इट बेबी, फील माय ब्लड filled हार्ड कॉक बेबी इन योर टाइट ass । 
लिजेल - येह बेबी आई एम फीलिंग इट ।
विनीत - डोंट फील माय कॉक इन योर ass गुड ।
लिजेल - yeah बेबी, keep fucking my tight ass like that ।
दोनों की कमर हिलने लगी । लिजेल को मोहन ने थाम रखा था और खुद के सीने से चिपका रखा और विनीत पीछे से सटासट लण्ड पेल रहा था ।दोनों की स्लो स्लो मदहोश कर देने वाली चुदाई ऊपर से विनीत की इरोटिक बातों ने समा बांध दिया । लिजेल अपना दुःख दर्द भूलकर विनीत की मदहोश करने वाली बातों में खो गयी । तभी विनीत ने अपना लंड पूरी तरह लिजेल की गांड से बाहर निकाल लिया और उसके छेद में मोहन की मलाई वाली कप उड़ेल दी । विनीत के इशारा करते ही मोहन ने अपने लंड उसकी चुत से निकाल कर उसकी गांड पर सटा दिया ।
विनीत - फील इट बेबी इन every fucking corner of योर tight ass, आई एम फिलिंग योर ass विथ माय ब्लड filled thick cock। इट फिल एव्री कार्नर ऑफ ईयर टाइट पिंक ass ।
लिजेल - यस बेबी आई एम फीलिंग इट नाउ, जस्ट गो डीपर एंड डीपर, आई वांट फील मोर ।
विनीत - यस बेबी आई एम पुशिंग इट । मोहन ने जोर लगाया, और उसका सुपाड़े सहित 2 इंच लंड लिजेल की कसी गांड में चला गया । स्प्रे के बावजूद गांड का छल्ला फैलने से दबा दर्द जाग उठा । मोहन का लंड था भी मोटा, मोटाई में विनीत से डेढ़ गुना तो होगा ही । लिजेल दर्द से कराह उठी - आआआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईई गागगागागआग़ागाड़ड़ड़ड़ड़ड़ माय गॉड ओहोहोऊहोब्बोभहो नोनो ओ ओनो । इट्स हर्टिंग ।
ओह्ह गॉड स्टिल हर्टिंग ।
प्लीज टेक आउटसाइड ।
एक बारगी विनीत को लगा सब गड़बड़ हो गया फिर वो तेजी से भाग कर लिजेल के पास गया । विनीत को देखते ही -ओह्ह गोआआड्ड मोहन यु बास्टर्ड fucking माय ass without माय परमिशन ।
मोहन ने कमर से लिजेल को जकड़कर खुद के कमर के पास चिपका रखा था, जितना हिलती डुलती उतना गांड दुःखती । 
विनीत - टेक इट इजी बेबी, यु कैन do इट । यु कैन टेक तहत3 monester cock in your tight narrow ass।
लिजेल - ओह्ह हनी यु आर चीटिंग मी । आई कैंट टेक इट एनीमोर, ईट्स हर्टिंग । 
विनीत - प्लीज होल्ड फ़ॉर फ्यू मिनेट, एववरीथिंग विल बे आल राइट । 
लिजेल - नो आई कैंट, ईट्स tearing में अपार्ट, pain इज unbearable । 
विनीत - ट्रस्ट बी यु कैन do इट बेबी, योर ass कैन टेक bigger कॉक than that । यु हैव to do it बेबी, फ़ॉर मी यु हैवे to do इट ।
लिजेल - ओह्ह हनी thats नॉट फेयर, ई विल नॉट टॉक to यु अगेन ।
विनीत - डोंट से that, मोहन की तरफ इशारा करते हुए, चल निकाल ले, मतलब भर का तो फैल ही गया होगा ।
मोहन ने लिजेल की गांड से लन्ड निकाल लिया । विनीत ने लिजेल को अपने आगोश में लिया और चूमने लगा, फिर उसको पीठ के बल लिटा कर सीधे अपना लंड उसकी गांड में पेल।दिया और हौले हौले चोदने लगा । पहले से उठते दर्द के कारण हल्का सा कराही लेकिन फिर विनीत के लंड को निगलने लगी । जब विनीत आसानी से पूरा लंड पेलने लगा तो उसने लिजेल को उठाकर अपने कमर पर बैठा लिया और अपने लंड को उसकी चूत में फिट करके अंदर तक घुसेड़ दिया गया । फिर उसके गले मे हाथ डालकर उसकी सीने से चिपका लिया और सटासट उसकी चूत चोदने लगा । लिजेल भी बिना किसी दिक्कत के उसका साथ देने लगी । अचानक से विनीत रुक गया, पीछे से मोहन ने उनकी चूत में लंड घुसेड़ दिया और चोदने लगा । 
विनीत - दोंनो लोग साथ साथ नही चोदगें तो एक का मुरझा नही जायेगा । 
दोनों बारी बारी से दस दस बीस बीस धक्के लगाने के अपना लंड निकाल लेते । लिजेल अब तक काफी नार्मल हो गयी थी । विनीत ने अपना लन्ड उसकी चुत में पूरा घुसेड़ दिया और फिर उसकी कमर को अपनी फौलादी ताकत से जकड़ लिया । जब तक लिजेल कुछ समझ पाती तब तक मोहन ने उसके गांड की सँकरे मुहाने को चीरते हुए उसकी गुलाबी सुरंग में प्रवेश कर लिया । उसका लन्ड सुपाड़े सहित पुरा दो इंच अंदर घुस गया था । लिजेल - ओ ओ ओ ओ माय गॉड ओऊऊऊच नो fucking waaaaaaayyyyyyy।
विनीत - कितना ।
मोहन - पहले जितना । 
विनीत - जोर लगा चीर के अंदर तक जा पूरा, मैं संभाले हूँ ।
मोहन ने पूरा जोर से अपने लंड को जड़ से थामा और ढेल दिया । लिजेल का सारा दुख दर्द चीरते हुए मोहन दो तिहाई लिजेल में समा गया । 
लिजेल - आआआआआआआआईईईईईईईई मआआआआ ऊऊऊऊऊऊककककक मआआआआ ग़ाआआड़ड़  । नोनोनोनोनोनोनोनो , इट्स हर्टिंग टूऊऊऊऊऊऊ much ।
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विनीत - पूरा डाल न डर क्यों रहा है । मोहन ने एक धक्का मारा और उसका 3 इंच से ज्यादा  चौड़ाई का और साढ़े सात इंच लंबाई का पूरा मूसल लिजेल की गाड़ में समा गया । लिजेल ने रोना शुरू कर दिया । वो पागलो की तरह चीखने लगी लेकिन उसे विनीत ने अपने सीने में दाब किया । लिजेल के लिए ये उसकी जिंदगी का सबसे अहम पल था । जब उसकी गुलाबी मखमली चुत में 7 इंच का एक स्लिम लंड आराम फरमा रहा था और उसकी गांड जो कुछ घंटे पहले तक बिल्कुल कोरी कुंवारी थी उसमें साढ़े सात इंच का 3 इंच मोटा मूसल धंसा हुआ है । अब जो हद पार करनी थी वो हो गयी थी, उसकी गांड को जितना फैलना था फैल चुकी थी । अब तो बस तूफान के गुजरने के बाद का पुनर्वास करना था । एक बार अपनी चीरती गांड के तीखे दर्द की बेबसी में जोर से चीखी, कुछ देर तक अपने आप आँसू बहते रहे फिर सिबुकते हुए शांत हो गयी । 10 मिनट तक वो दोनों स्टेचू बने रहे । फिर धीरे से विनीत ने कमर हिलानी शुरू की । कुछ ही देर में नीचे से ही पींगे बढ़ाने लगा । उसके लगते झटको से कभी कभी दर्द की सीत्कार उठती लेकिन वो उनके आगे कुछ नही थी जो वो झेल कर आई थी । मोहन ने भी लंड बाहर को खींचा बहुत धीरे धीरे और फिर उसी स्पीड से अंडर की तरफ घुसाने लगा । गाड़ के  छल्ले की करक लिजेल को महसूस हो रही थी लेकिन मोहन की स्पीड बहुत कम थी इसलिए सब बर्दास्त भर था । वो आँखे बंद किये इस हल्के दर्द को आत्मसात कर रही थी । वैसे भी अब कोई दिक्कत बची नही थी । छल्ला लंड की मोटाई भर का फैल चुका था अब तो बस चिकनाई और सावधानी से गांड मारने की बारी थी । पाँच छ बार अंदर बाहर करने के बाद मोहन ने लिजेल की गांड को एक ठंडे तेल से भर दिया और फिर छल्ले पर दर्द न महसूस करने वाली क्रीम भर दी । उसे पता था उसके बिना हचक के लिजेल की गांड नही मार पायेगा । वैसे भी गाड़ की अंदरूनी दीवारों की भी इतनी मालिश कभी नही हुई थी इसलिए हल्की जलन होने लगी थी इस तेल ने तो जैसे अमृत का काम किया । लिजेल को बड़ी राहत मिली लेकिन वो टेम्पररी थी । मोहन ने तुरंत ही अपना मूसल फिर से गांड दिया और उसकी कमर आइस्ते आइस्ते हिलनी लगी । क्रीम ने अपना काम किया और छल्ले के आसपास का इलाका सुन्न हो गया । अब वो आसानी से लंड को पेल पा रहा यह लेकिन लिजेल की किसी गाड़ को चीर कर चोदने में मोहन की गांड के पसीने निकले जा रहे थे । ऐसा लग रहा था जैसे लिजेल कि गांड का मुहाना उसकेलंड की खाल उतार लेगा । नींचे से विनीत के धक्के बदस्तूर जारी थे और अब मोहन भी लंबी लेकिन धीमी पींगे बढ़ाने लगा था । लिजेल के लिए ये अनुभव कुछ अलग था । पहले उसकी चूत ठसाठस भरी थी और विनीत गांड चीर रहा था अब उसकी गांड ठसाठस भरी थी और गांड ही चीरी जा रही थी । उसे सपने में भी नही सोच था मोहन ही असल मे उसकी गांड मारना चाहता है । फिलहाल अभी हकीकत तो यही थी तमाम इफ बट के बाद भी वो फ़ी से दो तरफा चुद रही थी । उसके पिछले छेद का पीड़ादायक सफर खत्म हो चुका था। उसे अपने बेजान छल्ले पर मोहन का मूसल फिसलता हुआ महसूस हो रहा था । उसने कई बार पोर्न में anal सेक्स देखा था लेकिन हकीकत में ये कैसा होगा आज महसूस कर रही थी । वो ऑंख बंद करके अपनी पिछली सुरंग में दौड़ रहे मूसल कठोरता महसूस कर रही थी । ये अनुभव अलग था लेकिन वो इसे आत्मसात नही कर पा रही थी क्योंकि नीचे से उनकी चूत की भी बराबर कुटाई चालू थी । 
रीमा दो बार बह चुकी थी लेकिन बाथरूम से हटने का नाम नहीं ले रही थी | जिस वासना को अपने जिस्म की गहराइयों में दबा देना चाहती थी वो कही किसी और रूप में उसके सामने आ जाती | मन में आया जाकर उन तीनो को ज्वाइन कर ले | लेकिन जो झोपड़ी में हुआ उसको देखकर उसने खुद को रोक लिया |
उधर लिजेल को तो  गांड में जाता मोटा मूसल भाने लगा था ये चूत के नरम मखमली चुदाई से अलग था । चूत में लंड सख्त होता है और चूत नरम लेकिन यहां जितना सख्त लंड उतना ही सख्त गांड का छेद भी उसे चीरना पड़ता । यहाँ असली लैंड की मर्दाना ताकत की पहचान होती है । 
विनीत - बेबी यु ओके ।
लिजेल - आई एम मोर than ओके । thankyou फ़ॉर रिमूविंग फियर ऑफ ass fucking । आई कैन टेक any cock in मय ass । fuck my ass यु son ऑफ bitch mohan । fuck हार्ड fuck डीप ।
विनीत चौक गया- इतने भी चमत्कार की उसे उम्मीद नही थी शायद क्रीम लगाने से सेंसिटिविटी जीरो हो गयी थी और इसे गांड मरवाने में मजा आने लगा हो ।
मोहन ने स्पीड बढ़ा दी, उसने लंड को चिकने तेल से सरोबार किया और लिजेल के गांड में पेलता रहा । अब दोनों सेकंड टॉप गियर लगा दिया था । बातें करने का अब कोई मतलब नही जो हाशिल करना था वो कर लिया था। जी भर चुदाई भी हो गयी थी अब बस आखिरी दौर को यादगार बनाकर इस सफर को खत्म करना था । दोनो आगे पीछे से लिजेल का बैंड बजाने लगे, एक उसकी जांघो पर थाप मारता तो दूसरा उसके चूतड़ों पर लेकिन दोनों ही थापों से लिजेल का मखमली बदन थर्रा जाता और दोनों का थापे देने का बस एक ही मकसद लिजेल की गुलाबी सुरंगो की गहराई तक सफर करना । उसके जवान कैसे जिस्म को भोगना । उसको औरत होने का सही मायने में अहसास करना और अपनी जंगली वासना को बुझाना । विनीत ने लिजेल को चोदा और गांड मारी, मोहन ने लिजेल को चोदा और गांड मार रहा है लेकिन लिजेल को क्या मिला । आखिर अपने जिस्म को नुचवा कर चीरवा कर लिजेल ने क्या हासिल किया । इतना दर्द सहकर गांड मरवाई लेकिन वो तो विनीत और मोहन के खाते की उपलब्धि में गिना जाएगा । आखिर लिजेल ने क्या हासिल किया । सबका यही सवाल होगा । लिजेल ने वो चुदाई का वो आत्म विस्वास हासिल किया जो उसे कभी किसी मर्द की दासी नही बनने देगा । भले ही उसकी मर्ज़ी के बिना मोहन ने उसकी गांड चीयर डाली लेकिन उसके पीछे होने वाला दर्द उसकी ना नुकुर का कारण था उसने विनीत को कभी गांड मारने से नही रोका । इसका मतलब जो भी हुआ उसकी मर्जी से ही हुआ बस तरीका अलग था । सच तो ये था उसे पता ही नही था कैसे वो मोहन को गांड में घोटेगी । उसे मोहन से गांड मरवाने में कोई ऐ तराज नही था लेकिन वो उसमे मूसल से घबरा कर मना कर रही थी । यही पर विनीत ने सही समय सही कदम उठाया अब लिजेल खुश थी । आखिर उसने अपने डर को जो जीत लिया था । उसकी गांड जितनी चीरनी थी चीर गयी अब तो वो मजे से मोटे लंड से गांड मरवा रही थी । मन ही मन विनीत को thankyou बोल रही थी । गांड मरवाना इतना भी बुरा नही है टेस्ट बदलने को महीने दो महीने में स्पेशल मौके परअपने पार्टनर को खुश कर सकते है । 19 मिनट पहले इसी विचार से सिहर रही अब वासना की किसी और दुनिया मे ही गोते लगा रही थी । ऐसा लग रहा था जैसे दो तरफा ठोकरों की अभ्यस्त हो गयी हो । हालांकि ऐसा नही था वो बुरी तरह हाफ रही थी , उसकी धड़कन कोई दूर से ही सुन सकता था ।पूरा लंड घुसेड़ने के बाद से 10 मिनट तो लिए ही पड़े रहे फ़ी अलगे पाँच छ मिनट रिदम बनाने में लगा दिया । बमुसब्किल 4 मिनट लगातार उसको दोनों चोदे होंगे और वो पस्त होने लगी थी । आखिर विनीत ने उसे कालीन ओर बाई करवट लिटा दिया । खुद पीछे आ गया और मोहन आगे । मोहन ने चूत में लंड घुसेड़ा और विनीत ने गांड में । दोनो लंडो के धक्कों में वो पिसने लगी । दोनो ने तीन मिनट के लगभग उसी पोजीशन में चोदा । लिजेल बस निढाल पसरी रही । वो बस अपनी सुरंगो में लंड की गर्माहट और कड़कपन महसूस कर रही थी ।
मोहन ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और हवा में टांग लिया और पीछे से विनीत आ गया । लेकिन दोनों ज्यादा देर तक इस पोजीशन में उसको चोद नही पाए । फिर मोहन नीचे लेटा उसके ऊपर लिजेल उल्टा मुहँ करके और आगे से लिजेल की चूत में विनीत । धुंवाधार धक्के पर धक्के वाली चुदाई शुरू हुई और अब लिजेल का कोई वजूद नही था दो लंडो की उबलती आग के तपिश के आगे बस वो मांस का लोथड़ा भर थी । ये कुछ पल ऐसे होते है जब मर्द सब भूल जाता है उसे बस औरत के जिस्म में उतरना है और अपनी सारी गर्मी उतारने तक पेल पेल के चुदाई करनी है । इन पलों में न औरत न मर्द किसी को किसी मर्यादा का ख्याल नही रहता । औरत जमकर चुदवाती है और मर्द जमकर चोदते है । मोहन और विनीत इस वक्त अपना वजूद भूल चुके थे न उन्हें लिजेल याद थी उन्हें बाद अपने लंड की उबलती प्यास बुझानी है । धकापेल चुदाई से लिजेल की भी हालत और पतली होने लगी लेकिन अभी आराम का समय नही था ।
लिजेल - फ़क मी बॉयज हार्डर । मोर मोर हार्डर । फ़क लाइक नेवर बिफोर फ़क यु एनीवन । फ़क लाइक यु विल नेवर फ़क एनीवन । यस बेबी कंमान बेबी फक में हार्डर । आई कैन फील योर कॉक ।फ़क फ़क फ़क फ़क ............।
विनीत - यस येआ यस यस यस यस बेबी , योर पुसी इस सो प्यासी सो प्यासी, मैं प्यास बुझाऊंगा ।
दोनों की कमर बराबर स्पीड से हिल रही थी । चुत और गांड की सुरंगे तो आग की भट्ठी बानी हुई थी । तेजी से रगड़ खाते लंड आग के गोले बने हुवे थे । तीनो का पसीना टप टप जमीन पर बरस रहा था । लिजेल के चुदते चुदते हाथ पांव ढीले हो गए थे ।
मोहन ने धक्कों के स्पीड बढ़ा दी - लिजेल की गांड पर इतने जोरदार धक्के उफ्फ्फ वो सोच भी नही सकती थी लेकिन पड़ रहे थे एक सेकेंड में तीन बात गांड का सफर करके लंड लौट रहा था । मोहन -- आआआआआ हहहहहहहह बहुत कसी गांड है मैडम तुमार, तेल निकाल दिया चूतड़ों से गांड मारने में । लंड तीन दिन तक दर्द करेगा इतनी कसी गांड चीरी है । आह लो मैडम मलाई चखो, साहब के चोदने के बाद भी जान निकल गयी आपकी गांड मारने में । आआआआह हहहहहहहह लो मलाई लो पांच  पिचकारियों उसने अपनी गोलियों में मथते आखिरी लावे की बूंदे5 भी लिजेल की गांड में उड़ेल दी । आग से जल्दी गांड में ये सफेद लावा जैसे रेगिस्तान में बरसती फुहार जैसा । जमीन पर लेता मोहन वही निढाल हो गया । 
रीमा के जिस्म ने भी खड़े खड़े जवाब दे दिया था | उसने तौलिये से खुद को पोंछा और बिस्तर पर बाथरोब पहन लुढ़क गयी |
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विनीत - बेबी यु वांट suck ।
लिजेल - नो जस्ट फ़क ।
विनीत ने तेजी से अपना लैंड निकाल मोहन का लंड  हटा लिजेल की गांड में पेल दिया । 
विनीत - आई एम कलेक्टिंग वाइट क्रीम इन योर टाइट ASS ।
लिजेल - आई लव तो ईट ।
विनीत ने उसकी गांड में सरपट अपना लंड दौड़ाना शुरू कर दिया और 2 मिनट की रेस के बाद उसने भी पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी । दो लोंगो के सफेद रस को कुछ देर बाद कप में निकाल कर लिजेल ने विनीत के लंड पर लगाकर काफी देर तक चूसती  चाटती रही | जब जब मस्ती में  अपने चूतड़ हिलाती, दर्द की करक से जांघे काँप जाती | लिजेल की मारने के बाद मोहन तो तुरंत ही सोने लगा था लेकिन लिजेल ने विनीत की रात यादगार बनाने को दो बजे तक जगती रही । मोहन के सोने बाद दोनों ने दो एनर्जी ड्रिंक ली और फिर गांड में क्रीम लगाकर विनीत के लंड से  एक घंटे तक खेलती रही चाटती रही चूसती रही फिर उसे गांड में धीरे धीरे डाल कर अपने गाड़ का दर्द चेक करती रही   । आखिर में विनीत ने नॉन स्टॉप 25 मिनट उसकी गांड में अपना लंड पेला । ये रिकॉर्ड था इतनी देर तक लगातार कभी विनीत ने चुदाई नही करी । स्प्रे और क्रीम  का  असर खत्म होने के बाद उसका छेद परपराने लगा था उसमें दर्द भी हो रहा था लेकिन उसके बाद भी चुदती रही । सिर्फ विनीत के लिए । सिफ विनीत के लिए अपनी जिस्म की सुरंगो की परवाह किये बिना चुदती रही । जब विनीत पिचकारी की कुछ बुँदे छोड़  निढाल हो गया । 
लिजेल - अब तो खुश हो । मतलब तुम मुझे दर्द में देखना चाहते थे | 
विनीत - नही ऐसा नही है । 
लिजेल - झूठ मत बोलो, तुम दुबारा भी मेरी गांड मार सकते थे लेकिन तुमने मोहन से कहाँ क्योंकि तुमने मेरे चेहरे पर चुदते वक्त दर्द देखना था । अब तो देख लिया अब तो खुश हो ।
विनीत - आई एम सॉरी जब पहली बार तड़पी थी गांड में लंड जाते वक्त तब मै ठीक से देख नही पाया था । 
लिजेल - कहा तो होता एक बार, बिना स्प्रे के ही मरवा लेती । बहुत ताकत होती है दर्द सहने की हम औरतों में ।
विनीत निढाल हो कर नंगा ही लिजेल की बाँहो में ही सोने जा रहा था ये उसके साथ उसकी आखिरी रात थी अगले हफ्ते उसकी सगाई हो जाएगी और वो शादी के बाद अपनी वाइफ को चीट करना नही चाहता था । लिजेल भी नंगी ही थी । दोनों ने आँखे मूंदी और गहरी नींद में जाने का सफर तय करने लगे । लिजेल ने मोबाइल में टाइम देखा तो पौने तीन हो रहा था । मन मे ही सोचा मोहन के सोने के बाद हम दोनों दो घंटे एक दुसरे के  जिस्म से खेलते रहे । हुस्न और वासना के खुले खेल में समय कौन देखता है ।
विनीत की झपकी लगी ही थी, कमरे के फ़ोन की घंटी बजी । बाहर का चौकीदार तेज सांस के साथ - साहब सूर्यदेव जी आये है बहुत सारे गोली असलहे के साथ । 
इससे पहले वो गॉर्ड आगे कुछ कहता विनीत को एक आवाज सुनाई दी - फ़ोन रख मादरचोद, तेरे साहब की आज सबके सामने अपने कुत्ते से गाड़ मरवाऊंगा । साला मुझसे दलाली करने चला था । अब सिखाता हूँ डॉक्टर को सबक ।
विनीत ने फ़ोन वैसे ही छोड़ दिया और रीमा के कमरे के कमरे की तरफ भागा | उसे अपने सभी दरवाजो के इलेक्ट्रोनिक तालो का  मास्टर कोड पता था | जल्दी ही उसने दरवाजा खोला , वो पूरी तरह नंगा था, रीमा भी उसकी चुदाई देख थककर सो गई थी, रीमा ने जिस्म पर सिर्फ बाथरोब लपेटा था  । उससे तेजी से झिंझोड़ा ।
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रीमा ने मिलमिलाते हुए आंख खोली विनीत को नंगा देखकर - हआआआआयय ये क्या है । वो तेजी से बेड के सिरहाने की ओर खिसक गई ।
विनीत - मैडम सूर्यदेव आ गया है । आपको भागना होगा नही तो हम सबको मार देगा । 
रीमा - क्या कैसे..... कब कहाँ से  ? मैं कही नही जाऊँगी । वो यहाँ कैसे आया |
विनीत - मैडम टाइम नही है अभी निकालो फिर बताऊंगा अगर जिंदा रहे तो । सूर्यदेव के साथ हथियार बंद आदमी है ।
रीमा - लेकिन वो यहाँ कैसे आ सकता है ? हे भगवान ये मुसीबत कब मेरा पीछा छोड़ेगी |
रीमा - मेरी रोहित से बात हो चुकी है | रोहित भी पूरी सिक्युरिटी फ़ोर्स लेकर आ रहा है ।
विनीत - कौन रोहित, कौन सी सिक्युरिटी , यहाँ सब सूर्यदेव की मुट्ठी में है |
रीमा - मेरा देवर रोहित, उससे मेरी बात हो गयी है, वो शहर से निकल चूका है |
विनीत - मैडम जब तक आपकी फ़ोर्स आएगी हम दोनों मर चुके होंगे । सूर्यदेव नीचे आ गया है ।
रीमा तेजी से उछली और फर्श पर आ गयी ।
रीमा - वो यहाँ कैसे आ गया |
विनीत ने सर झुकाकर - अभी यहाँ से निकलिए वरना कहानी सुनाने के लिए जिन्दा नहीं बचेगे | 
रीमा - मै यहाँ से कही नहीं जाउंगी |
तभी नीचे से धायं गोली चलने की आवाज आई | 
विनीत - ये नामुराद इतनी जल्दी यहाँ कैसे आ गया | 
विनीत ने वही पड़ी गीली तौलिया उठा ली जो रीमा ने नहाकर सूखने के लिए फैलाई थी । तेजी से उसके कमरे से बाहर निकल कर, एक केबिन खोल और फिर संकरे गलियारे से सीढ़ियों की तरफ आ गया । जितना तेज उतर सकते थे नीचे उतरे । फिर विनीत उसे तहखाने में ले गया । एक तेजी एक तरफ भागा और उसी तेजी से वापस आ गया । आगे से दाहिने जाकर कुछ सीढियां है उनको चढ़कर एक दरवाजा पड़ेगा । ये बिल्डिंग से बाहर निकलने का खुफिया दरवाजा था ।
 विनीत -  ये रही उसकी चाभी । उसे खोलकर सीधे पगडंडी पर तीन किमी जंगल की तरफ चलती जाना , वहाँ एक आदमी मशरूम बेचता है उसको मेरा नाम बताना । और कहना डॉक्टर साहब के लिए मशरूम बचाने है । इसका मतलब है तुम्हे छिपने की जगह पहुंचा कर वो मुझसे मिलने आएगा । मैं उसे सब समझा दूँगा ।
रीमा - लेकिन वो यहाँ आया कैसे । 
विनीत - मैं तुमसे झूठ नही बोलूंगा लेकिन मेरे रियल स्टेट में एक दोस्त है दबंग टाइप का, उसे और मुझे तुमारी असलियत मालूम है । तुमने मुझे जो बताया था वो झूठ था । सूर्यदेव तुमको ढूंढ रहा है और हम उससे कुछ पैसा कमाने चाहते थे लेकिन मेरे दोस्त ने बातों बातों में उसे बता दिया कि तुम मेरे साथ हो मिस रीमा ।
रीमा - मिसेज रीमा दुष्ट नालायक , हाय तुम मुझे पैसे लेकर उसे बेचने वाले थे ।
विनीत - आपने भी तो झूठ बोला, क्या है ऐसा जो सूर्यदेव आपके पीछे हाथ धोकर पड़ा है । 
रीमा - लंबी कहानी है लेकिन तुम धोखेबाज, मीठी मीठी बातों में मुझे बहला फुसला कर अपना उल्लू सीधा कर रहा था और रोहित आता ही होगा सिक्युरिटी फ़ोर्स लेकर । तड़ाक ये तुमारी दगाबाजी की लिये । 

सिर्फ एक थप्पड़ मारा है क्योंकि मुझे पता था तुम मुझे  सूर्यदेव को नही देने वाले थे बल्कि जब तुमने मुझे नहाते हुए नंगा देखा तुमारी नियति मुझ पर तभी ही खराब हो गयी थी और इसीलिए बेदम होने के बाद भी लिजेल की नॉन स्टॉप गांड रात के दो बजे मारी । मेरे चूतड़ और नंगी पीठ अभी तक तुमारे दिमाग से उतरी नही है । ऐसा कमाल का फिगर देख तुमारे होश उड़ गए थे ।
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विनीत - वैसे आप हो भी कमाल, कभी पीछे से अपना फिगर देखा है | १ भी ग्राम ज्यादा फैट नहीं है | 18 साल जैसी लड़की की कमर और जवान औरत जैसे भरे पुरे चूतड़ | आप के इस रूप को देखकर तो बुड्ढ़े भी जवानी का अहसास करने लगेगे | उर्वशी मेनका जैसी अप्सरा जैसा जिस्म लेकर आई हो रीमा जी |  किसी भी आदमी की रातो की  हुस्न परी हो आप | अच्छा  आपको कैसे पता की मै अपने कमरे में क्या कर रहा था | उधर लिजेल की कराहे जा रही थी क्या ? 
रीमा - खाई खोदने वाला खुद ही उसमें गिरता है जाकर । जहाँ से तुम दूसरी औरतो को देखते थे वही से मैंने तुमारी हवस लीला देखी । बेचारी की गांड फाड़ के ही रख दी तुम दोनों । 
विनीत - शिट तुमने सब देख लिया शिट शिट शिट ओह  गॉड। 
रीमा - तुमने भी तो मेरा सब देख लिया, ऊपर से नीचे तक बाथरूम में  । आगे की तो झलक ही मिली थी । 
विनीत - यस मिसेज रीमा 
विनीत -मिसेज रीमा तुम बहुत बोल्ड हो, ये जानते हुए भी मैंने आपको पूरा नंगा देख लिया, असल में मैंने नहीं देखा आपने दिखाया | उसमे मेरी कोई गलती नहीं है, जब आपने तौलिया उठा लिया था तो फिर उसे ऊपर नीचे करके पहले जांघे और चूत और फिर चूंची दिखाने की क्या जरुरत थी |
रीमा - हाय तुम तो पूरी बेशर्मी पर उतर आये | 
विनीत - लोजी उसके बाद में पलट कर चूतड़ दिखाने की क्या जरुरत थी | इतना सब होने के बाद भी आप बाथरूम में नहाती रही, सच में बोल्डनेस बहुत है आपके अन्दर | 
रीमा - बोल्डनेस गयी भाड़ में, अभी तो निकलना होगा । 
विनीत ने आगे बढ़कर रीमा का हाथ थाम लिया - ट्रस्ट मी मेरा आपको किसी तरह का नुकसान पहुचाने का कोई इरादा नही था न ही आपको किसी मुसीबत में फंसाने के इरादा था । सच में दिल से कह रहा हूँ आप बहुत खूबसूरत है, आपकी एक झलक ने ही दिल में आग लगा दी है |
रीमा - बकवास बंद करो, इतनी काली रात में एक अकेली औरत और जंगल | यहाँ डर में मारे बुरा हाल है तुझे रोमांस सूझ रहा है | 
विनीत रीमा के करीब आता हुआ - सच में यकीं मानिये मेरा आपको किसी तरह का नुकसान पहुचाने का कोई इरादा नही था न ही आपको किसी मुसीबत में फंसाने के इरादा था ।
रीमा - सुनसान रात में अनजाने राह पर जंगल जा रही हूँ मुसीबत और कहते किसको है ।
विनीत - भरोसा करिये मेरा आदमी आपके लिए सारी व्यवस्था कर देगा । ये मोबाइल रख लीजिए लेकिन सिम निकाल कर फेंक देना । मैं नया ले लूँगा । इससे अंधेरे रास्ते मे रोशनी का सहारा मिल जाएगा । रीमा जाने वाली थी ।
विनीत - मैडम एक मिनट और 
रीमा झुन्झुलाई - अब क्या है | 
वो भाग के गया और जंगल पहनने वाले जूते का एक जोड़ा किसी कोने से उठा लाया । जूते धूल से सने हुए थे । 
विनीत - मैम पैर उठाइये । ये आपको जंगल मे जमीनी कीड़ो से बचा कर रखेगा ।
रीमा - बहुत धूल जमी है ।
अभी इतना टाइम नही है - विनीत बोला ।
रीमा ने वो हार्ड लैथर के जूते पहने और गोली की रफ्तार से निकल गयी । तीन किमी तो उसने भाग के ही पूरे कर लिए । रास्ता बिल्कुल सीधा था इसलिए कोई दिक्कत नही हुई। वहां पहुंच कर उसने मोबाइल की टॉर्च जलाई और आगे का रास्ता देखने लगी । एक पगडण्डी पर 100 कदम  चलने पर एक झोपड़ी दिखाई पड़ी ।
रीमा - मशरूम चाहिए, डॉक्टर विनीत ने भेजा है ।
झोपड़ी से कोई आवाज नही आई । रीमा ने दो तीन बार आवाज दी ।फिर कुछ देर वही वेट करती रही और निराश कदमों से लौटने लगी । अभी मुश्किल से 10 कदम ही चली होगी । 
आदमी - डॉक्टर साहब के लिए मशरूम बचाने है ।
रीमा तेजी से पलटी - हाँ हाँ वही जल्दी जल्दी में भूल गयी । 
आदमी - नाम ।
रीमा - रीमा ।
आदमी - इतनी रात को क्या मुसीबत ...। वो आगे कुछ बोल पाता ।
रीमा - सूर्यदेव ।
आदमी बड़बड़ाया - जब से ये शैतान इस कस्बे पैदा हुआ है रात को भी चैन नही है ।
आदमी - रुको, लालटेन जला लू चलता हूँ फिर । बिस्तर तो लायी नही होगी ।
रीमा - नही ।
आदमी - ये लाइट बंद करो ।
रीमा ने मोबाइल की टॉर्च बंद कर दी । आदमी लालटेन जला कर आया, उसके दूसरे हाथ मे दो लाठी थी । असल मे एक लाठी और दूसरी भाली थी ।
लाठी रीमा को देता हुआ - ये पकड़ो , जंगल मे कई बार जरूरत पड़ती है ।
रीमा उसके साथ पीछे पीछे चल दी । लगभग आधे घंटे चलने के बाद , एक लकड़ी के पुराने खोखे में साथ लाया कम्बल बिछा दिया ।आदमी - पौ फटने में बस अब पहर भर की देर है । तब तक यही आराम करो , सुबह आऊँगा नाश्ता लेकर, अगर देर हो जाये तो इधर उधर निकल मत जाना । आगे जंगल घना है और उधर जंगली जानवर से ज्यादा खतरनाक अघोरी है, जिंदा ही तुम्हें लाश बना देगें और फिर तुमारे जिस्म पर साधना करेंगे । चुपचाप यही पड़ी रहना, यहाँ कोई नही आएगा।
आदमी चला गया, रीमा उस घनघोर जंगल के घटाटोप अँधेरे में, उस लकड़ी के ढांचे में दुबक गयी । उसने आँखे तो बंद की लेकिन सो नही पाई । बार बार उसे लग रहा था रोहित अब तक कस्बे में पँहुच उसे ढूंढ रहा होगा । 
अगली सुबह वो आदमी लाठी टेकता लगभग 8 बजे आया - रीमा को उजाला निकलने के बाद हल्की नीद आ गयी थी | बूढ़े आदमी ने रीमा को घूर कर देखा | असल में सिर्फ बाथरोब पहनकर रीमा भागी थी | अभी वो जैसे लेटी थी उससे उसकी दोनों जांघे शुरआत में आखिरी तक बाहर झांक रही थी | 
बुढा आदमी - लगता है बहुत जल्दी में थी, कपड़ा नही नहीं पहन पायी | ये लो चार पराठे है और लस्सी और ये पानी अब शाम को खाना मिलेगा और तब तक यही पड़ी रहना | पानी हिसाब से खर्च करना | अब शाम को ही लेकर आऊंगा | देखते है डॉक्टर साहब क्या प्लान बताते है | और ये नंगी जांघे वान्घे ढककर रखो | इ नंगई यहाँ नहीं चलती |
रीमा - कपड़े है ही कहाँ | 
बुढा - कपड़े नहीं है कम्बल है आधा बिछाओ और आधा लपेटो | 
तुम रईसों को का पता कैसे कम में गुजारा किया जात है | 
इतना कहकर वो उसी पगडण्डी पर चला गया | जंगल इतना घना था की सूरज की रौशनी बहुत कम जमीन तक आ रही थी | रीमा ने खाना खाया और फिर लुढ़क गयी | सोने की कोशिश करी लेकिन नीद नहीं आई | खोखे से बाहर निकल आई | तभी कुछ देर इधर उधर घूमती रही | तभी उसे शोरगुल सुनाई दिया | गोली चलने की आवाज भी सुनाई पड़ी | रीमा मारे डर के अन्दर जंगल की तरफ भागने लगी | वो सूर्यदेव के आदमी थे | बुढा तो नहीं मिला लेकिन उसकी झोपड़ी को उन्होंने राख का देर बना दिया | रीमा घनघोर जंगल की झाड़ियो में काफी देर डुबकी रही फिर हिम्मत करके बाहर निकली तब तक सिक्युरिटी के सायरन बजने लगे | कुत्तो के भौकने की आवाजे और हूटर की आवाजे बढती ही जा रही थी | रीमा को समझ नहीं आया ये किसकी सिक्युरिटी है | वो तेजी से उसी हालत में अन्दर की और जंगल की गहराई में भागी | 
भागते भागते वो एक जंगल के एक खंडहर में पंहुच गयी | कुछ देर वही बैठकर सुस्ताने लगी | फिर पानी पिया | वो पछता रही थी क्यों उसने डॉक्टर का मोबाईल फेंक दिया | वहां बैठे बैठे शाम हो गयी | अब तो उसे भूख भी लग आई थी | अँधेरा होने से पहले उसने एक ऊँचा पत्थर दूंढ लिया यहाँ से लगभग सारा खंडहर दीखता था | लेकिन भूख का क्या करे | पत्थर से उतरकर कुछ खाने लायक ढूढ़ने लगी | जैसे जैसे वो खंडहर के अन्दर जाती गयी, जगल झाड़ियाँ कम होते गए और पत्थर की सिलापट भी साफ़ सुथरे | रीमा की भूख उसे बेधड़क आगे ले जाती गयी | वहां शायद कोई रहता था | रीमा को एक तरफ घास की बनी चटाई दिखी | दूसरी तरफ एक कच्चा घड़ा और उसके पास में जंगली पपीते और कुछ और फल थे | रीमा ने सतर्क निगाहों से इधर उधर देखा और फिर फलो वाली टोकरी उठा ली और उलटे पाँव वहां से लौट आई | फिर उसी ऊँची पत्थर पर आकर उसने जी भर के वे फल खाए | उसी कम्बल की बिछाकर खुद को उसी में लपेट लिया |
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Didn't get enough time smoothen story line, tried my best in limited time........ don't expect next update soon...., these post are not up to mark as per my expectations.......... but this is what i have ? enjoy
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Great story bro
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Take your time and write as per your imagination.... great going
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Suparb Up date. But bhai Rima ko Bhut Dodatya ab vapish ghar bhej do Use
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pls update soon.. waiting
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pls update
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Beautiful pictures and story
[+] 1 user Likes dickcassidy's post
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where is Reema dear? jaldi wapas lao usko..
[+] 1 user Likes longindian_axe's post
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Update to dedo yaar
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Not sure when I will return back, probably in mid Summer I will return and wrap phase 1 of this story
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First experience with sex and her fantacies are near to full filling now, but desire has many deep roots and very wild way which is sometimes beyond imagination,
रीमा घर लौटेगी जरूर और जल्द ही लौटेगी, लेकिन कुछ अनगिनत सवाल और वासना के गहरे रहस्य की उलझने लेकर, वो जितना इस वासना की पहेली को सुलझाकर इसमें से बाहर आने की कोशिश करेगी उतना ही उसमें उलझती और धँसती जाएगी । पता नही इसका अंत क्या होगा लेकिन जो भी होगा वो आप रीमा की वासना भाग 2 में ही पढ़ पायेंगे ।

इस भाग को मैं भी जल्द खत्म करना चाहता हूँ , उम्मीद है जून तक ये कहानी अपने पहले पड़ाव तक पँहुच जाएगी
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अगला सवाल तो यही है इस घनघोर जंगल मे इन आदमखोर अघोरियों से बचकर कैसे वापस कस्बा पहुँचेगी, क्या रोहित यहाँ तक पहुँच पायेगा या जितेश बाजी मार लेगा या सूर्यदेव सबका पासा पलट देगा

मार्च तक अगली पोस्ट आ सकती, इससे पहले की उम्मीद मत रखियेगा
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Good things takes time..
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Isme reema ka ek aur gangbang bhi hona chahiye tab aur maza aayega. Okay will wait till mid summers
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ab to aagey badhaiye
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