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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
Heart 
दूसरे दिन सीधे सुबह 10 बजे उठा. नींद खुलते ही उसने महसूस किया की तकिये के नीचे साइलेंट मोड में पड़ा उसका मोबाइल वाइब्रेट कर रहा है. मोबाइल उठाकर देखा तो मेघना का सुबह 7 बजे मैसेज आया हुआ था " आओगे ना अनिकेत ? ".


अब तो जाना ही पड़ेगा !!!

ज़ाहिर है मेघना ने उसे 11 बजे बुलाया था, जब उसका पति ऑफिस के लिए निकल चुका होता है !

नहा धोकर नाश्ता करके जल्दी से अनिकेत तैयार हो गया और एकदम सही समय पर घर से निकलकर मेघना भाभी के घर की ओर चल दिया. रास्ते में उसने एक बात सोच ली थी - इस बार बेवकूफ़ नहीं बनना है, अभिषेक भैया तो वहाँ होंगे नहीं, और अगर हुये भी तो और उन्होंने फिर से उसे तंग किया या पूछा की वो फिर से उनके घर में क्यूँ आया है, तो वो सीधे सीधे उसे मेघना भाभी का व्हाट्सप्प चैट दिखा देखा, और कहेगा की, देखिये अभि भैया, आपकी बीवी ने मुझे वापस से मैसेज करना शुरू किया था, मैंने नहीं ! पहले अपनी पत्नि पर अंकुश लगाइये, फिर मुझसे बात करिये. मैं तो सिर्फ देखने आया हूँ की मेघना भाभी किसी प्रॉब्लम में तो नहीं. ऐसा Urgent मैसेज मिलेगा तो कोई भी कैसे रुकेगा, बताइये ???

गराज पर एक तेज़ नज़र दौड़ाते हुये, जो की खाली था, अनिकेत मेघना भाभी के घर के दरवाज़े तक पहुँचा. दरवाज़ा पहले से ही खुला हुआ था, तो वो धड़ल्ले से अंदर घुस गया. ड्राइंग रूम खाली था, अनिकेत एक पल के लिए रुका. वो अभी मेघना भाभी को आवाज़ लगाने की सोच ही रहा था, की अंदर कमरे से मेघना ने पुकारा.

" बेडरूम में आ जाओ अनिकेत... ".

शायद उसके कदमो की आहट से मेघना ने समझ लिया होगा की वो आ चुका है, वो उसी की प्रतीक्षा जो कर रही थी.

तेज़ कदमो से अनिकेत ड्राइंग रूम के साथ साथ बाकि कमरों को भी पार करता हुआ बेडरूम की ओर बढ़ चला, लेकिन बेडरूम के दरवाज़े की चौखट पर आकर उसके कदम थम गएँ. पिछली बार की बातें सोचकर उसका दिल सहम सा उठा, ना जाने आज उस कमरे में उसे क्या देखने मिलेगा !

एक लंबी गहरी साँस लेकर उसने दरवाज़े पर झूलता पर्दा हटाया और कमरे के अंदर दाखिल हो गया.

" मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे !!! ".

सामने पलंग पर मेघना आधी लेटी हुई थी.

अनिकेत का सारा उद्वेग, सारा कौतुहल मानो एक ही बार में शांत हो गया हो, रह गया था, तो सिर्फ गुस्सा !

" क्या हुआ आपको ? ". आश्चर्यचकित अनिकेत सख़्ती के साथ बोला . " आप तो ठीक हैं ! ".

" हाँ... मुझे क्या हुआ है ? ". मेघना ने मुस्कुराकर उल्टे प्रश्न किया.

अनिकेत ने ऐसे अपना सिर हिलाया जैसे की अब उसे सारा खेल समझ में आ रहा हो, और फिर बिना कुछ बोले कमरे से बाहर चला गया. मेघना ने उसे रोका नहीं, वो जानती थी की वो बाहर क्यूँ गया है ! बिस्तर पर लेटी पड़ी वो बस खुद में ही मुस्कुराती रही...

थोड़ी ही देर बाद अनिकेत जब वापस से कमरे में आया तो मेघना ने उसे देखते हुये पूछा.

" सारा घर छान मारा ? ".

अनिकेत चुप रहा.

" वो घर में नहीं हैं... ". मेघना आराम से बोली.

पिछली बार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब अनिकेत को किसी पर भी भरोसा नहीं रहा था, अपनी मेघना भाभी पर भी नहीं ! इसलिए वो बाहर निकलकर घर के बाकि कमरों में देख आया था की कहीं उसका पति छुपा हुआ तो नहीं है !!!

लेकिन अभिषेक आज सचमुच में घर पर नहीं था !

" शुरू से ही आप मुझसे झूठ बोलती रहीं भाभी... ". अनिकेत धीरे से बोला, ताकि उसका दबा हुआ गुस्सा फूटकर बाहर ना आ जाये. " अब ये कौन सा नाटक है ? ".

" क्यूँ ? क्या इलज़ाम लगा रहे हो मुझपे... क्या किया मैंने ? ". मेघना ने ऐसे पूछा मानो वो इस बात से अज्ञान हो की अनिकेत कहना क्या चाहता है.

" आपने कहा आप मुसीबत में हो... ".

" तुम्हें ख़ुशी नहीं मुझे सही सलामत देखकर ? ". मेघना ने मुँह बनाकर व्यंग्य किया.

अनिकेत चुप हो गया, तर्क करने का इस वक़्त उसका मूड भी नहीं था, और ऊपर से मेघना भाभी का ये मज़ाक, उसकी ये हरकतें, उसे बहुत इर्रिटेटिंग लग रहीं थीं.

मन ही मन मुस्कुराते हुये मेघना सामने खड़े अनिकेत की आँखों में गौर से देखती रही, उसे उसकी मन:स्थिति अच्छी तरह से समझ में आ रही थी. कुछ देर तक उसके चेहरे को पढ़ने का सफल प्रयास करने के बाद मेघना बिस्तर पर से उठ बैठी, और फिर पलंग से उतरकर छोटे छोटे क़दमों के साथ चलकर अनिकेत के सामने जा खड़ी हुई.

अत्यंत मादक परफ्यूम की सुगंध जब अनिकेत के नाक से होकर उसके ज़हन में समाई, तो एक पल के लिए वो अपनी सारी नाराज़गी भूल सा गया, बड़ी मुश्किल से उसने अपनी उद्वेलित भावनाओ को काबू में रखा, ताकि मेघना भाभी को पता ना चल जाये की वो कमज़ोर पड़ रहा है.

" तुम्हें पता है, औरत सबसे ज़्यादा कब सजती संवरती है ? ". अनिकेत के चेहरे के पास अपना चेहरा लेजाकर मेघना ने धीरे से पूछा.

सचमुच... आज मेघना भाभी बहुत ज़्यादा सजी धजी हुई थी. बेशकीमती सुंदर सी नीले रंग की साड़ी, मैचिंग कलर का ब्लाउज़, काले बालों का जूड़ा बनाये, नाक में छोटी सी चमकदार सोने की नथ, सोने की दो बालियां कानों में झूलती हुई, सिंधुर से भरी मांग और माथे पर बड़ी सी लाल बिंदिया - मेघना का ऐसा रूप अनिकेत ने पहले तो कभी नहीं देखा था !!!

अनिकेत का हाथ अपने हाथ में थामकर मेघना ने अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा हटाकर उसका हाथ अपने खुले पेट पर रख लिया. पहले तो अनिकेत ने अपने हाथ के अंगूठे से उसकी गहरी गोल नाभी को छुआ, मगर फिर जब देखा की मेघना उसकी आँखों में गंभीर होकर एकटक देखते हुये उसे कुछ संकेत देना चाहती है, तो उसका कलेजा बैठ गया !

" What ??? ". अविश्वसनीय नज़रों से एक बार मेघना का चेहरा और फिर उसका पेट देखते हुये अनिकेत बोल उठा.

" मैं प्रेग्नेंट हूँ अनिकेत !!! ". अनिकेत की आँखों में आँखे डालकर मेघना ने धीमी आवाज़ में कहा.

अनिकेत को लगा की वो वहीँ बेहोश होकर गिर पड़ेगा !

" ये तुम्हारा ही है... ". मेघना बोली. " हम दोनों का !!! ".

झट से मेघना के हाथ से अपनी कलाई खींचकर छुड़ाते हुये अनिकेत ने हाथ उसके पेट पर से हटा लिया.

" ये... ये... कैसे हो सकता है भाभी ? ". पूछने से अधिक मानो अनिकेत खुद को यकीन दिला रहा हो की ये सच नहीं है.

" उस दिन Condom फट गया था ना अनिकेत... ". मेघना धीरे से बोली.

" ये आप क्या कह रहीं हैं भाभी ? ".

अनिकेत के चेहरे पर हवाईयां उड़ती साफ नज़र आने लगी !
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Heart 
" Stupid !!! ". मेघना खिलखिलाकर हँस पड़ी.

अनिकेत को समझ नहीं आ रहा था की ये क्या चल रहा है.

" So cute ! ". अनिकेत का गाल अपनी ऊँगलीयों से दबाते हुये मेघना बोली. " डर गये ना ? ".

ठंडी साँस भरते हुये अनिकेत ने इधर उधर बेचैन होकर देखा, मानो अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिए शब्द तलाश रहा हो, पर कुछ बोले बिना ही रह गया.

" इधर आओ... बैठो... और बताओ की इतनी नाराज़गी क्यूँ है मुझसे ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये अनिकेत के टी शर्ट का कोना पकड़कर उसे अपनी ओर खींचते हुये कहा. अनिकेत ना चाहते हुये भी जाकर पलंग पर मेघना के बगल में बैठ गया.

" बात करो अनिकेत... मन का बैर बाहर निकल जाने दो... जितना बुरा भला कहना है मुझे कह लो ! बोलो क्या हुआ ? ". अनिकेत के कंधे पर हाथ रखते हुये मेघना बोली.

कुछ देर तक सिर नीचे किये हुये बैठे रहने के बाद अनिकेत ने अपनी गर्दन घुमाई, और मेघना की आँखों में देखते हुये कहा.

" आपने शुरू से ही मुझे अँधेरे में रखा... ना जाने क्या क्या झूठ बोला... ".

मेघना ध्यान से सुनती रही.

" उस दिन भी नहीं बताया की अभि भैया घर पर ही हैं... मेरी बेइज्जती हुई ! और अब मुझे झूठा मैसेज करके यहाँ बुलाया... पता नहीं आप चाहती क्या हैं भाभी ? ".

" मैं क्या चाहूँगी अनिकेत... मैं तो शादीशुदा हूँ ! ". मेघना बोली. " शायद तुम्हें कुछ चाहिए होगा... पड़ोस की भाभी के साथ थोड़ी मस्ती... ना शादी करने का झमेला ना ही कुछ खोने का, ना ही कोई वादा निभाने की दरकार ! ".

मेघना के मुँह से अचानक से निकले इतने कटु सीधे वाक्य सुनकर अनिकेत चुप पड़ गया.

" खोना तो बस मुझे है ! अपने हस्बैंड का विश्वास खो दिया... उनकी नज़रों में गिर गई ! कल को अगर उन्होंने मुझे छोड़ दिया तो मुझे अपनाओगे... बोलो ? ".

मेघना की बातें सच तो थीं, मगर उन बातों के सामने अनिकेत कमज़ोर पड़ कर झुकना नहीं चाहता था, मेघना के तर्क को अनसुना कर उसने पूछा.

" उस दिन आपने बताया क्यूँ नहीं की अभि भैया घर पर हैं ? ".

" क्यूंकि उन्होंने काफ़ी कुछ पहले ही देख लिया था... ". जवाब देने के लिए मानो तैयार बैठी मेघना ने तुरंत कहा. " तुमने तो आते ही मेरे साथ छेड़खानी शुरू कर दी, मुझे कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया. फिर अभि ने मुझे सब कुछ कंटिन्यू रखने को कहा... मैं डर भी गई थी ! ".

मेघना ने बिल्कुल वही बताया जो उस दिन सचमुच में हुआ था, लेकिन संतोषजनक जवाब मिल जाने पर भी अनिकेत का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. ऊँची आवाज़ में उसने फिर से पूछा.

" और आज के झूठ का क्या बहाना सोचा है आपने भाभी ? ".

" तुम इतने दिनों से मेरे मैसेज को इग्नोर कर रहे थे, तो जानबूझकर करना पड़ा... और क्या करती ??? ". मेघना ने सीधे सीधे उत्तर दिया.

अनिकेत चुप हो गया.

" पूछोगे नहीं की उस दिन तुम्हारे जाने के बाद क्या हुआ ? ". मेघना ने थोड़ा नीचे झुककर अनिकेत का चेहरा निहारते हुये कहा. " और इतने दिनों में मेरे और अभि के बीच क्या क्या हुआ ? ".

" नहीं भाभी... ". अपनी नज़रें उठाकर मेघना की आँखों में देखते हुये अनिकेत पूरे आत्मविश्वास के साथ बोला. " मुझे आप दोनों के बीच नहीं पड़ना है... मुझसे बड़ी गलती हुई ! ".

" मतलब ? ".

" मुझे अब आपसे कोई सम्बन्ध नहीं रखना भाभी ! ". अनिकेत धीरे से बोला.

" तुम हम दोनों के बीच नहीं पड़ रहे अनिकेत... ". कहते हुये मेघना ने एक ठंडी आह भरी और पलंग से उठ खड़ी हुई.

मेघना की अधूरी बात का मतलब समझने की कोशिश करते हुये अनिकेत उसे आश्चर्य भरी नज़रों से घूरता रहा, मेघना चलकर ड्रेसिंग टेबल तक गई, आईने में अपना चेहरा देखा, अपने बाल ठीक कियें, फिर ड्रेसिंग टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाकर वापस से आकर पलंग पर अनिकेत के बगल में बैठ गई.

" मैं वैसी नहीं हूँ जैसा तुम समझ रहे हो... ". मेघना ने कहा. " और ना ही तुम्हारे अभिषेक भैया ! ".

अनिकेत को लगा की मेघना ये कहना चाह रही है की वो दोनों उतने बुरे नहीं हैं जितना की वो समझ रहा है, लेकिन दरअसल मेघना कुछ और ही कहना चाहती थी !
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" हम दोनों हस्बैंड वाइफ के बहुत सारे Secrets हैं !!! ". कहते हुये मेघना ने मोबाइल अनिकेत के हाथ में थमा दिया. " लो... देखो ! ".

अचंभित हुये पड़े अनिकेत ने मोबाइल हाथ में लेकर देखा, मेघना भाभी ने उसे एक फोटो गैलरी ओपन करके दी थी.

अनिकेत के चेहरे पर अपनी नज़रें गड़ाये मेघना उसके मन के भाव पढ़ने की कोशिश करने लगी, जब वो मोबाइल के फोटो एक के बाद एक देखने लगा.

हज़ारो तस्वीरों में से कुछ एक तस्वीरें देखकर ही अनिकेत की आँखें फट पड़ी और उसका मुँह खुल गया. लगभग सभी तस्वीरों में मेघना अलग अलग आदमीयों और लड़कों के साथ या तो पूरी नंगी या फिर आधे अधूरे कपड़ो में, ब्रा पैंटी में, या फिर बिना ब्रा के सिर्फ पैंटी में, खड़ी या बैठी हुई थी !!!

" ये सारे Clicks मेरे पति ने लिए हैं ! ". अपने मोबाइल की ओर इशारा करके मेघना ने अनिकेत को बताया.

" ये क्या है भाभी ??? ". अनिकेत ने मेघना को आश्चर्यचकित नज़रों से देखते हुये पूछा.

जवाब में मेघना ने उसके हाथ से मोबाइल ले लिया, और फिर वीडियो गैलरी ओपन करके वापस उसे दे दिया.

" ये सारे वीडियो भी देखो ! ".

अनिकेत वीडियो देखने लगा.

इन वीडियोज़ में मेघना कभी किसी होटल के रूम सर्विस बॉय के सामने, तो कभी घर के अंदर किसी फ़ूड डिलीवरी बॉय के सामने, तो कभी किसी Sea Beach पर अनजान लोगों के साथ बिना किसी झिझक के आधी या पूरी नंगी होकर बातें कर रही थी !!!

" ये सारे वीडियो भी अभिषेक ने ही बनाये हैं ! ". अनिकेत के चेहरे पर से नज़रें हटाए बिना ही मेघना ने कहा.

अनिकेत ने काफ़ी कुछ देख लिया था, उसे घिन आ रही थी, उसे अब और नहीं देखना था !

उसे अब जानना था की ये सारा माज़रा आखिर है क्या !

" ये है हम दोनों की शादीशुदा ज़िन्दगी का कड़वा सच !!! ". बर्फ की मूर्ति की तरह जमे पड़े अनिकेत के हाथ से मोबाइल वापस लेकर मेघना धीरे से बोली.

अनिकेत अपना सिर झुकाये चुपचाप बैठा रहा. उसमें मेघना से ये तक पूछने की भी इच्छा नहीं रही थी की आखिर इन घटिया और अश्लील तस्वीरों और वीडियोज़ का मतलब क्या है. लेकिन जानना तो उसे था ही, बस वो पूछना नहीं चाहता था, वो मेघना भाभी के मुँह खोलने की प्रतीक्षा करने लगा !

" अभि को बहुत मज़ा आता है मुझे गैर मर्दों के सामने नंगा भेज कर... ". एक गहरी साँस लेने के बाद मेघना ने बताना शुरू किया. " और ऐसी बात नहीं है की इसमें मेरी सहमति नहीं होती है, मुझे भी अच्छा लगता था, You know, एक Thrill सा मिलता था. हम दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करतें हैं इसमें दो राय नहीं, लेकिन हमारी सेक्स लाइफ पूरी तरह से इसी Thrill पर टिकी हुई है. फोटोज़ और वीडियोज़ में मुझे दूसरे मर्दों के साथ नंगा देखकर अभि को Excitement होती है, तो मुझे भी एक अजीब सा आनंद आता है ! ".

अनिकेत सुनता रहा..

" अभि ने मुझसे कभी भी जबरदस्ती नहीं की ये सब करने के लिए... आईडिया उसका होता था लेकिन मर्ज़ी मेरी... पूरी तरह से ! बस एक चीज़ करने से मैं हमेशा से इंकार करती रही ! ".

अनिकेत ने मेघना को सवालिया नज़रों से देखा...

" किसी गैर मर्द के साथ सेक्स करना !!! ".

अनिकेत को ऐसा लगा जैसे की उसकी साँस उसके हलक में अटक गई हो ! एकटक कुछ देर तक मेघना की आँखों में देखते रहने के बाद उसने अपनी आँखें नीची कर ली, मेघना की इन बेबाक बातों से उसे ऊबकाई सी आ रही थी, पर आज उसके लिए उस औरत के बारे में सब कुछ जानना भी तो ज़रूरी था जिससे वो जाने अनजाने प्यार कर बैठा था !

मेघना पलंग पर से उठ खड़ी हुई, और सामने टेबल पर अपने दोनों हाथ टिकाकर अनिकेत की ओर मुँह करके खड़े होते हुये आगे कहना जारी रखा.

" अभि को मुझे किसी गैर मर्द के साथ सेक्स करते हुये देखना था... कोई भी हो... उसका कोई दोस्त... ऑफिस का Colleague... या फिर बिल्कुल अनजान कोई ! लेकिन मैं इसके लिए कभी भी राज़ी नहीं हुई. इसलिए नहीं की मुझे किसी और के साथ सेक्स करने में कोई आपत्ति थी, बल्कि इसलिए, की मुझे डर था की अगर मैं किसी और के साथ सम्बन्ध बनाती हूँ तो कहीं मेरा प्यार मेरे अपने पति के लिए कम ना हो जाये. वैसे शादी से पहले मेरे एक दो बॉयफ्रेंड रह चुके थें, वो बात अलग थी, पर शादी के बाद किसी पराये आदमी के साथ सेक्स करना... Not of my taste ! ".

मेघना साँस लेने के लिए रुकी, अपनी नज़रें नीची करके ज़मीन को निहारती रही, कुछ सोचने लगी, थोड़ी सी मुस्कुराई, फिर सिर ऊपर उठाया, तो देखा की अनिकेत उसे ही घूर रहा है.

" और फिर तुम आ गये हमारी इस अजीब सी ज़िन्दगी में ! अभि तो तुम्हें पसंद करता ही नहीं था, मुझे भी तुम कुछ ख़ास नहीं लगे. लेकिन धीरे धीरे तुम्हारी जो बातें हम दोनों को पसंद नहीं थी, तुम्हारा ज़्यादा बोलना, बचकानी बातें करना, वो सभी चीज़े मुझे अच्छी लगने लगी... और तुम भी ! जैसा की मैंने कहा की मुझे किसी और के साथ सेक्स करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी भी ऐरे गैरे के साथ तो सम्बन्ध नहीं बना सकती ना... मन का मिलना भी तो ज़रूरी है ! जब तुम्हारे साथ होती थी तो मुझे किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होती थी, सब कुछ बहुत ही स्वाभाविक सा लगता था, कोई झिझक नहीं, कुछ नहीं ! और इसलिए तुम्हारे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना मेरे लिए काफ़ी आसान हो गया...You know... एकदम नेचुरल... ना कोई ग्लानि... ना ही शर्म... जैसे की ये गलत ही ना हो ! ".

अनिकेत के चेहरे पर आ रहे अनगिनत भावों को समझने के लिए मेघना एक पल के लिए रुकी. अनिकेत अब थोड़ा सा शांत लग रहा था, लेकिन कुछ हद तक भ्रमित !

मेघना ने आगे कहा.

" मैं जो कर रही थी उसमें सबसे ज़्यादा ख़ुशी मेरे पति को होती, अगर तुम्हारी जगह वहाँ कोई दूसरा मर्द होता ! पर वो तुम्हें पसंद नहीं करतें... चिढ़ते हैं तुमसे. ऐसे में उन्हें हमारे संबंधों के बारे में कैसे बताती... बोलो ??? ".

अनिकेत को एक बात की ख़ुशी थी की आज मेघना भाभी ने उसे सारा सच ज्यों का त्यों बता दिया था. लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था की मेघना की इस ईमानदारी पर उसका प्यार और बढ़ना चाहिए या फिर उसे अब मेघना से नफ़रत करनी चाहिए, क्यूंकि ज़ाहिर था की शादीशुदा होने के साथ साथ मेघना उतनी पाक और साफ भी नहीं थी, जितना अनिकेत ने उसके बारे में पहले सोच रखा था !

और अनिकेत को एक और सवाल का जवाब भी तो चाहिए था, जो की अभी तक उसे नहीं मिला था !!!

मेघना के चुप होते ही अनिकेत पलंग पर से उठा, फिर चलकर मेघना के समीप जा खड़ा हुआ, उसकी आँखों में झाँकते हुये धीमी आवाज़ में पूछा.

" आप मुझसे प्यार करतीं हैं भाभी ? ".

" नहीं... ". मेघना ने धीरे से कहा.

" क्यूँ ??? ".

" मुझसे शादी करोगे ??? ".

" आपसे ? मगर आप तो... ".

" क्यूँ ??? क्या हुआ ??? ".

अनिकेत सकपका कर चुप हो गया, तो मेघना हँस पड़ी.

" मुझसे शादी नहीं कर सकते क्यूंकि मैं पहले से ही शादीशुदा हूँ, तो प्यार कैसे कर सकते हो ??? ". मेघना ने कहा. " तुम्हारी उम्र और मेरी उम्र में प्यार के मायने अलग अलग हैं अनिकेत ! लेकिन अगर प्यार का मतलब पसंद करने से है, तो मैं तुम्हें बेहद पसंद करती हूँ... हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ... तुम्हारी बकबक सुनना चाहती हूँ !!! ".

इतना काफ़ी था अनिकेत के लिए - वो समझ चुका था की मेघना भाभी उससे प्यार तो करती है, मगर कभी भी उस प्यार का खुलकर इज़हार नहीं करेगी. ये प्यार पारम्परिक प्रेम जैसा था भी तो नहीं ना, जिसमें लड़का और लड़की सिंगल होतें हैं, यहाँ समस्या ये थी की मेघना एक शादीशुदा लड़की थी, और उसके लिए अपने पति को छोड़कर किसी और से झट से कह देना की वो उससे प्यार करती है, इतना आसान नहीं था !

" मुझे पता है तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे हो... ". मेघना बोली. " मैं कोई अच्छी साफ सुथरी करैक्टर वाली औरत नहीं हूँ ! सब कुछ हूँ मैं... लेकिन Slut नहीं हूँ !!! ".

अनिकेत ने देखा की मेघना की आँखें डबडबा आईं थीं, वाक्य खत्म होते ही उसकी आवाज़ घुट सी गई, लेकिन किसी तरह से उसने अपने आँसुओ को टपकने से रोक लिया था !

" तुम सही हो अनिकेत... मुझसे आगे कोई सम्बन्ध ना रखने का तुम्हारा फ़ैसला बिल्कुल सही है. लेकिन मुझसे सारे रिश्ते तोड़ने से पहले तुम्हारा सच्चाई से अवगत होना ज़रूरी था... इसलिए मैंने तुम्हें हम दोनों पति पत्नि के वो सारे राज़ बताये, जिन्हे अभी तक कोई भी नहीं जानता ! ". मेघना बोली.

" मैंने तो आपसे दूर जाने की बात इसलिए की थी भाभी की मुझे लगा था की मेरी वजह से आपकी शादीशुदा ज़िन्दगी में तनाव आ चुका है... ". अनिकेत ने कहा. " पर मुझे तो पता ही नहीं था की अभिषेक भैया पहले से ही आपको दूसरे लड़कों के साथ गलत सम्बन्ध बनाने के लिए उकसाते रहें ! ".

अनिकेत की बात सुनकर मेघना के होंठों पर एक हल्की सी व्यंग्य भरी मुस्कान खेल गई.

" तुम बहुत अच्छे लड़के हो अनिकेत... तुम्हारा मन साफ है. मेरी जैसी शादीशुदा औरत के चक्कर में कहाँ पड़ गये तुम यार ! जाओ... एक अच्छी सी गर्लफ्रेंड ढूंढ लो... मिल जाएगी तुम्हें... हैंडसम भी हो ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये कहा.

" और मेरे जाने के बाद आप क्या करेंगी भाभी ? ". मेघना की नाभी को अपनी उंगली से सहलाते हुये अनिकेत ने धीमी आवाज़ में पूछा. " किसी दूसरे मर्द के साथ सेक्स ? अभिषेक भैया को खुश करने के लिए... ".

" कभी नहीं अनिकेत... ". मेघना ने अनिकेत की आँखों में झाँकते हुये कहा. " मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारे बाद और कोई नहीं आएगा ! ".

" क्यूँ ??? ". अनिकेत ने अपना हाथ मेघना की कमर पर सरकाते हुये पूछा.

" पता नहीं अनिकेत ! ".
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मेघना का चेहरा अनिकेत के चेहरे से थोड़ी ही दूरी पर था. अनिकेत से और नहीं रहा गया, उसने तुरंत अपना मुँह आगे बढ़ाकर मेघना के होंठों पर अपने होंठ रख दियें.

" ओह... अनिकेत ! ". अनिकेत के साथ चुम्बन में लिप्त होने से ठीक पहले मेघना के मुँह से निकला.

टेबल के सहारे सटकर खड़ी मेघना की गांड़ उसकी साड़ी के ऊपर ऊपर से ही सहलाते दबाते हुये अनिकेत उसे चूमता रहा. कुछ देर बाद साँस लेने के लिए मेघना ने एक पल को अपने होंठ उसके होंठों से अलग कियें, तो अनिकेत बेतहाशा उसके गाल और गर्दन चूमने लगा.

" उफ्फ्फ... अनिकेत ! ". मेघना ने अपनी आँखें मूंद ली.

अनिकेत का एक हाथ अभी भी मेघना के चूतड़ दाब रहा था, तो दूसरे हाथ को मेघना ने अपने कूल्हे से होते हुये अपने पेट पर सरकता हुआ महसूस किया. अनिकेत कुछ देर तक मेघना की गहरी नाभी से खेलता रहा, फिर उसने अपनी कलाई मेघना की कमर से लिपटी साड़ी और कसी हुई पेटीकोट में घुसेड़ दी. अंदरूनी नरम मांसल त्वचा की गरमाहट ने अनिकेत की चाहत को और बढ़ावा दिया, तो उसने पेटीकोट के अंदर पहनी हुई मेघना की पैंटी के इलास्टिक को फ़ैलाते हुये हाथ भीतर डाल दिया. उसकी बेचैन उंगलियां मेघना की चूत को छूने ही वाली थीं, की अचानक से मानो होश में आते हुये मेघना ने अपनी आँखें खोल ली, और झट से अपने हाथ से अनिकेत का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया.

मेघना को चूमना छोड़ अनिकेत ने उसकी आँखों में आँखे डालकर मस्ती के इस आलम में पड़ी रुकावट का इशारों ही इशारों में सबब पूछा, तो मेघना ने बुरी तरह से शर्माते हुये ना में सिर हिलाकर फुसफुसाते हुये कहा.

" आज नहीं अनिकेत !!! ".

" क्यूँ भाभी ? ". मेघना की नाक चूमते हुये अनिकेत ने प्यार से पूछा.

लाज से मरी जा रही मेघना के गाल टमाटर की तरह लाल हो गएँ. अपना मुँह अनिकेत के कान के करीब लेजाकर वो एकदम धीमे स्वर में बोली.

" मेरी बूर की छुट्टी हो रखी है तीन दिनों के लिए !!! ".

मेघना के मुँह से " बूर " शब्द सुनकर अनिकेत हँस पड़ा. मेघना की याददास्त अच्छी थी, उसे अभी तक याद था की अनिकेत चूत को बूर बुलाना पसंद करता है !

" हँसो मत बदमाश... ". मेघना ने जानबूझकर नाराज़गी वाला मुँह बनाते हुये कहा. " Condom फाड़कर तुमने तो मुझे डरा ही दिया था उस दिन ! गर्भ ठहर जाता तो ??? शुक्र है की आज Periods आये मेरे तो मेरी जान बची !!! ".

" मैंने फाड़ा Condom ? ".

" और नहीं तो क्या ? ".

वैसे डर तो इतने दिनों से अनिकेत भी रहा था, पर उसे इतना यकीन था की मेघना भाभी समझदार शादीशुदा औरत है, संभाल लेगी.

" साड़ी खोलिये ना भाभी... प्लीज् ! ". मेघना की कमर में चिकोटी काटते हुये अनिकेत ने कहा.

" धत्त !!! ".

मेघना को एक बात की ख़ुशी थी की अनिकेत के चेहरे की वही पुरानी मुस्कुराहट और चमक वापस आ गई थी. जब वो आया था तो कितने गुस्से में था ! उसे अपनी सच्चाई बताने का फैसला लेकर मेघना ने बड़ा जोखिम उठाया था, बहुत संभव था की वो अनिकेत को हमेशा के लिए खो देती, फिर ज़िन्दगी भर वो उससे नफ़रत करता ! मगर उसने मेघना की सच्चाई और ईमानदारी की कद्र रख ली, सही फैसला लिया उसने अपनी मेघना भाभी के पास वापस लौट आने का. उसी बेडरूम में अब वो दोनों ऐसे रोमांटिक हुये एक दूसरे से लिपटे चिपटे जा रहें थें जैसे कुछ हुआ ही ना हो, जिस बेडरूम में कुछ दिनों पहले दोनों को अकथनीय बेइज्जती से रूबरू होना पड़ा था !!!

" बस साड़ी खोल दीजिये भाभी... ". कमज़ोर आवाज़ में अनिकेत ने गिड़गिड़ाते हुये विनती की. " साया और पैंटी उतारने नहीं बोलूंगा... प्रॉमिस ! ".

" इतना मिस किया मेरी चूत को ??? ". अनिकेत के जीन्स के उभार की ओर इशारा करके मेघना हँस पड़ी.

" बहुत भाभी !!! ". ब्लाउज़ के ऊपर से मेघना की चूचियाँ सूंघते हुये अनिकेत ने कहा.

" तो फिर मिलने क्यों नहीं आये ? ".

" आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था ! ".

" और अब ? ".

" अब भी आ रहा है... ".

मेघना बातों ही बातों में अनिकेत को बहलाने फुसलाने की कोशिश अभी कर ही रही थी, ताकि वो उसे कम से कम आज के दिन ना चोदे, की उसने देखा की अनिकेत ने अपनी जीन्स की ज़िप खोलकर अपना लण्ड बाहर निकाल लिया है !

" I love you भाभी ! ". मेघना के गर्दन और कंधे पर अपना मुँह घिसते हुये अनिकेत बुदबुदाया.

" My God ! इतने बेशर्म कब से हो गये अनिकेत ? ". मेघना ने गरम आह भरते हुये पूछा.

" आपका मन नहीं है क्या भाभी ? ".

" नहीं !!! ". बोलकर मेघना हँस पड़ी.

अनिकेत को मेघना अपनी शारीरिक अवस्था के बारे में सच बताना नहीं चाह रही थी, वो झूठ बोल रही थी. सच तो ये था की अपनी Fertility के सबसे चरम दिन में होने की वजह से वो चुदवाने की लालसा से मरी जा रही थी !

पर बेचारी मज़बूर जो थी...

साड़ी के ऊपर से ही मेघना की जाँघों के बीच अनिकेत जब अपना खड़ा लण्ड ठेलने लगा, तो उसे रोकने के लिए मेघना ने झट से उसके लण्ड का सुपाड़ा अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया. मेघना ने लण्ड का सुपाड़ा कस कर दबाया तो पानी जैसा पतला चिपचिपा Pre - Cum तुरंत उसकी ऊँगलीयों पर चू पड़ा, मेघना समझ गई की अनिकेत अब और रुकने वाला नहीं !!!

" इतने दिनों मूठ नहीं मारी क्या ? ". लण्ड के अस्वाभाविक कड़ेपन को अपनी हथेली में भरा हुआ महसूस करके मेघना ने अनुमान लगाते हुये पूछा.

" आप के कहने पर छोड़ दिया है भाभी... ". अनिकेत ने मेघना के गालों पर अपने होंठ रगड़ते हुये कहा.

बड़ी ही चालाकी से मेघना ने अपनी जाँघों के बीच से साड़ी में फंसे अनिकेत के लण्ड को खींचकर बाहर निकाल लिया. अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा परे हटाकर अपना गोरा पेट नंगा करके मेघना ने अनिकेत के लण्ड को अपनी ओर टान कर अपने पेट पर टिका लिया. अनिकेत ने हल्के से अपनी कमर आगे की ओर खिसकाई, तो Pre - Cum से गीला हुआ पड़ा लण्ड का सुपाड़ा फिसलकर मेघना की गोल नाभी के गहरे गड्ढे में जा घुसा !

मेघना को चूमते चाटते, उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़े हुये अनिकेत अपनी कमर धीरे धीरे आगे पीछे आगे पीछे हिला हिला कर मेघना की नरम नाभी को चोदने लगा !!!

" कहाँ से सीख कर आते हो ऐसी गंदी गंदी हरकते ??? ". मदमस्ती में धीरे धीरे कराहते हुये मेघना ने पूछा.

चंद मिनटो में ही अनिकेत ने मेघना को गरम कर दिया, वो लंबी लंबी साँसे लेते हुये सिसकारीयां भरने लगी. साड़ी के अंदर अपनी गदराई जाँघों को आपस में एक दूसरे के साथ भींचकर मेघना अपनी चूत से निकलने को तैयार पानी को रोकने की भरसक चेष्टा करने लगी.

" मममममममम भाभी... ". मेघना के गाल और होंठ चूसते हुये अनिकेत बड़बड़ाया.

" उफ्फ्फ अनिकेत !!! ".

अपनी कोशिश में नाकामयाब रही मेघना की चूत ने पेटीकोट के अंदर ही पैंटी में ढेर सारा पानी उगल दिया. अचानक से मिले इस असाधारण Orgasm की वजह से मेघना का पूरा शरीर सिहर उठा, टेबल से आगे बढ़कर उसने अनिकेत को अपनी बांहों में भर लिया और उसकी पीठ में उसके टी शर्ट के ऊपर से ही अपने लंबे नुकीले नाख़ून गड़ा दियें !

खुद से लिपटी खड़ी मेघना भाभी की नाभी में अब अनिकेत का बड़ा सुपाड़ा पूरी तरह से घुस गया था, अनिकेत ने अपनी कमर के धक्कों की स्पीड थोड़ी सी बढ़ा दी. नाभी के अंदर लण्ड के सुपाड़े की फड़कन से मेघना समझ गई की अब अनिकेत का माल गिर जायेगा. वो अनिकेत की गर्दन और कंधे सहलाते हुये उसे झड़ने के लिए उकसाने लगी. वो उसे अपने पेट पर स्खलित करवाने के लिए रेडी थी...

[Image: IMG-20201106-175255.jpg]
लेकिन अनिकेत अपनी मेघना भाभी की साड़ी गंदी नहीं करना चाहता था !

मेघना की नाभी में जल्दी जल्दी दो तीन धक्के और मार कर झड़ने की कगार पर पहुँचते ही अनिकेत ने अपना लण्ड वापस से अपनी जीन्स में ठूसकर भर लिया. मुस्कुराते हुये मेघना ने उसके जीन्स की ज़िप चढ़ाकर बंद कर दी, और जीन्स के ऊपर से अंदर खड़े उसके लौड़े को अपने हाथ से सहलाने लगी. मेघना की बांहों से निकलकर अनिकेत उससे अलग हो गया ताकि उसकी साड़ी ख़राब ना हो, और ठीक उसी वक़्त उसके लण्ड ने उसके जीन्स के अंदर अंडरवियर में उल्टी कर दी !!!

" आअह्ह्हहहहहहह... भाभी... भाभी !!! ".

वीर्यस्खलन की अतिउत्तेजना के वशीभूत अनिकेत के पांव लड़खड़ा उठे.

" संभाल के अनिकेत... ".

मेघना ने अपने दोनों हाथों से उसकी टी शर्ट पकड़कर उसे गिरने से रोकना चाहा, लेकिन अनिकेत के शरीर का भार वो संभाल नहीं पाई, और अनिकेत अपने साथ साथ उसे भी ले दे कर लड़खड़ाते हुये पीछे पलंग पर अपनी पीठ के बल धम्म से जा गिरा, और मेघना ठीक उसके ऊपर. करीब दस पंद्रह मिनट तक उसी अवस्था में एक दूसरे की बांहों में लिपटे लेटे पड़े रहने के बाद जब अनिकेत थोड़ा सा शांत हुआ, तो मेघना हँसने लगी ! बिस्तर से अपना सिर उठाकर अनिकेत ने मेघना के ललाट को चूम लिया, और फिर उसके संग संग वो भी हँसने लगा...

" That was good !!! ". मेघना ने ठंडी आह भरी.

" Yes भाभी !!! ". अनिकेत ने सहमति जताई.

मेघना ने देखा की अनिकेत के जीन्स का सामने का हिस्सा वीर्य से अच्छा खासा भींग गया है. जीन्स की ज़िप खोलकर मेघना ने उसके अंडरवियर से उसका वीर्य में लिपा पुता झड़ा हुआ लण्ड बाहर निकाल लिया, और बड़े प्यार से अपनी साड़ी के पल्लू से उसका लौड़ा और जीन्स पोछ पोछ कर साफ करने लगी.

" रहने दीजिये भाभी... ".

" रुको साफ कर देती हूँ... तुम्हारी जीन्स गीली हो गई ! ".

" सूख जायेगा... छोड़ दीजिये. अपनी साड़ी ख़राब मत करिये ! ".

" कोई बात नहीं अनिकेत... ".

" मत करिये भाभी... इतनी सज धज कर अब अपनी महँगी साड़ी को यूँ गंदा तो मत कीजिये ! ".

" मुझे भी साड़ी चेंज करनी ही पड़ेगी ! ". मेघना धीरे से बोली.

" क्यूँ ??? आपको क्या हुआ भाभी ? ".

" कुछ नहीं !!! ".

मेघना ने लजा कर अनिकेत को टाल दिया.
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वो भला उसे कैसे बताती की उसका खुद का चूतरस गिर जाने की वजह से भीतर उसकी पैंटी और पेटीकोट पूरी तरह से भींग चुकी है, और वो अंदर ही अंदर गीला गीला महसूस कर रही है !

बहरहाल, मेघना के इस प्यार भरे आचरण से मन ही मन पुलकित होता हुआ अनिकेत उसे अपना लण्ड पोछते हुये देखता रहा...

लण्ड को अच्छी तरह से पोछकर साफ करने के बाद मेघना बिस्तर पर से उठी, और ढीले पड़ चुके लण्ड के सुपाड़े को चूमने के बाद उसे वापस से जीन्स में घुसेड़ कर भर दिया.

" चाय पियोगे ? ". अनिकेत के जीन्स का ज़िप बंद करते हुये मेघना ने पूछा.

" अरे नहीं भाभी... अब मुझे जाना चाहिए ! ". अनिकेत बिस्तर पर से उठकर अपनी टी शर्ट ठीक करते हुये बोला. " अगर अभिषेक भैया आ गएँ तो फिर मुसीबत हो जाएगी ! ".

मेघना मुँह दबाकर हँसने लगी, पर कुछ बोली नहीं !

" आपको हँसी आ रही है भाभी ? ". पलंग के किनारे पर बैठते हुये अनिकेत ने आश्चर्य से पूछा.

मेघना चलकर ड्रेसिंग टेबल तक गई, आईने के सामने अपने आप को निहारा, फिर अपनी साड़ी खोलने लगी, और अनिकेत की ओर देखे बिना ही बोली.

" मैंने तुम्हें यूँ ही नहीं बुलाया अनिकेत. कुछ खास बताना था तुम्हें ! ".

" किस बारे में भाभी ? ". अनिकेत ने पूछा.

" हम दोनों के बारे में... ".

अनिकेत को उसके कौतुहल के साथ ज्यों का त्यों छोड़कर मेघना अपनी साड़ी खोलने में ब्यस्त हो गई. पूरी साड़ी उतारकर मेघना ने वहीँ ज़मीन पर फेंक दी, तो अनिकेत नीले रंग के पेटीकोट में उसके चूतड़ों के गोल उभारों को घूरने लगा. अपनी गर्दन घुमाकर मेघना ने एक नज़र अनिकेत को देखा और मुस्कुराई, फिर अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, तो उसका पेटीकोट सरसराकर उसकी कमर से नीचे ज़मीन पर उसके पैरों पर गिर पड़ा. अंदर मेघना ने साड़ी के कलर की मैचिंग गहरे नीले रंग की टाइट कॉटन पैंटी पहन रखी थी. पैंटी के दोनों छोर को अपने हाथों की ऊँगलीयों में फंसाकर मेघना अब पैंटी खोलने को तैयार थी !

मन ही मन ख़ुशी से पागल हुये जा रहे अनिकेत ने अपनी साँसे रोक ली... आज कितने दिनों बाद उसे अपनी मेघना भाभी की चूत के फिर से दर्शन होने वाले जो थें !!!

" चलो... आँखे बंद, और मुँह उधर घुमाओ ! ". अपनी पैंटी सरकाने से पहले मेघना ने मुस्कुराते हुये कहा.

अनिकेत समझ गया की मेघना भाभी आज उसे किसी भी हालत में अपनी चूत तो दिखाने से रही !

अपनी मेघना भाभी की प्राइवेसी की इज़्ज़त और लिहाज़ करते हुये अनिकेत ने चुपचाप अपनी आँखे बंद कर ली, और मुँह दूसरी ओर मोड़ लिया.

कुछ ही देर बाद अपने सिर पर मेघना की ऊँगलीयों का स्पर्श महसूस करते ही अनिकेत ने अपनी आँखें खोली, तो सामने मेघना को एक ब्लैक कलर की फ्रेश नाइटी में खड़ा पाया. अपना मुँह आगे बढ़ाकर उसने मेघना की नाभी और चूत के मध्य वाले नरम गुदेदार हिस्से को नाईटी के ऊपर से ही चूम लिया. मेघना मुस्कुराई, और पलंग पर उसके बगल में बैठ गई, और उसका हाथ अपने हाथ में थाम लिया.

अनिकेत की जिज्ञासा को और अधिक ना छेड़ते हुये मेघना ने खुद ही कहना शुरू किया.

" उस दिन के बाद से मेरे और अभिषेक के बीच में कई सारी बातें हुई. वो कुछ भी सुनने या मानने को तैयार नहीं थें, बहुत गुस्सा थें मुझसे... जैसा की तुम गुस्सा कर रहे थे ! ".

मेघना भाभी के चेहरे पर नज़र गड़ाये अनिकेत सुनता रहा.

" फिर मैंने उन्हें समझाया, मनाया... ये कहकर की मैंने कुछ नया तो नहीं किया था, वो यही तो चाहते थें मुझसे... फिर परेशानी कहाँ हो रही है ? अभि ने कहा की उसे बिना बताये मैंने जो किया था वो चीटिंग थी, जिसके लिए वो मुझे माफ नहीं कर सकतें ! हमारे बीच बहुत सारी बातें हुई, मुझे तो याद भी नहीं मैंने क्या कहा, फिर अभि ने क्या कहा... लेकिन... मेरा मतलब है क्या क्या बताऊँ तुम्हें !!! ".

मेघना बोलते बोलते रुक गई, अपना सिर नीचे झुकाये कुछ सोचती रही, फिर धीरे से अपना चेहरा ऊपर उठाकर अनिकेत की आँखों में देखते हुये बोली.

" अनिकेत... कैसे कहूँ तुमसे... पर क्या तुम मेरे हस्बैंड के सामने मेरे साथ सेक्स करने में Comfortable हो सकते हो ??? ".

" What ??? ये आप क्या पूछ रहीं हैं भाभी ? ". अनिकेत ने चौंकते हुये पूछा.

" हमारा रिश्ता खत्म था अनिकेत...मैंने बचाया ! ". मेघना ने दृढता के साथ कहा. " फाइनली अभि की नाराज़गी मुझसे कम तो हो गई, पर इस शर्त पर की अब मैं तुमसे कभी ना मिलूं. मगर... मगर फिर थोड़ा साहस जुटाकर मैंने ही अभि के सामने ये प्रस्ताव रखा ! यही तो उसकी Fantasy भी थी ! ".

अनिकेत को समझ नहीं आ रहा था की वो क्या बोले, तो वो बेवकूफ़ की तरह इधर उधर देखने लगा.

" इधर देखो अनिकेत... मेरी बात सुनो ! ". अपने हाथ से अनिकेत का चेहरा थामकर अपनी ओर घुमाते हुये मेघना ने कहा. " मैं Selfish हूँ... ये मैं सिर्फ और सिर्फ अपने लिए कर रहीं हूँ ! मुझे तुम्हारी आदत पड़ चुकी है... कैसे रहूँ अब तुम्हारे बिना... बोलो ? ".

" और अभिषेक भैया ने क्या कहा ? ". अनिकेत ने सीधे सीधे पूछा.

" मेरी ज़िद पर वो Try करने को राज़ी हैं. पर उन्होंने मुझे सख़्त हिदायत दी है की हमारा संबंध बस शारीरिक ही रहे, हमारे बीच कोई इमोशनल अटैचमेंट ना हो ! ".

" और आप क्या चाहती हैं भाभी ? ".

" और कितनी बार बोलूं तुम्हें अनिकेत... तुम समझ नहीं रहे हो क्या ? तुम्हारे साथ मन का मेल हुआ तभी तो तुम्हारे साथ सेक्स करने में मैं इतनी सहज हूँ ! ". मेघना बोली. " I am not a Whore... अनिकेत !!! ".

अनिकेत कुछ नहीं बोला.

" यकीन मानो अनिकेत... मेरे पास और कोई चारा नहीं था ! तुम अभि का गुस्सा, उसका पागलपन देख चुके हो. उसे मनाना इतना आसान नहीं. बाकि की ज़िन्दगी तुम्हें देखे बिना काट देती, इससे तो अच्छा है की एक बार फिर से एक साथ होने का मौका मिल रहा है तो उसे ना छोडूं. और फिर इसमें अब मेरे पति की इजाज़त भी तो शामिल है ! ".

" भाभी प्लीज्... हम क्या ऐसे ही चोरी चोरी नहीं मिल सकतें ? ".

" अब ये पॉसिबल नहीं अनिकेत. अब सब कुछ इतना खुलकर सामने आ चुका है तो मैं अपने पति के पीठ पीछे कुछ भी करना नहीं चाहती, धोखा नहीं देना चाहती उन्हें... कितनी मुश्किल से तो पिछली बार का किया धरा माफ किया है उन्होंने. I hope you understand... अनिकेत ! "

अनिकेत अब समझ तो रहा था, पर चुप रहा.

" यहाँ तक की उन्हें बताकर ही मैंने आज तुम्हें यहाँ बुलाया है... ताकि तुम्हें इन सबके लिए Convince कर सकूँ ! ".

" आपने तो मुझे धर्मसंकट में डाल दिया है भाभी ! ".

" क्यूँ अनिकेत... तुम्हें भी तो मेरा साथ पसंद है ना ? ".

" Ofcourse भाभी... पर इस तरह से नहीं !!! ".

" मैं भी तो तकलीफ उठा रही हूँ अनिकेत. मुझे भी तो अपने पति के सामने नाटक करना होगा, उन्हें दिखाना होगा की मैं सिर्फ उनकी Fantasy पूरी कर रही हूँ, जबकि सच तो ये है की मैं तुम्हारे साथ पूरी तरह से भावनात्मक और रोमांटिक तरीके से जुड़ चुकी हूँ ! ".

" अभि भैया सचमुच में हम दोनों को सेक्स करते हुये देखना चाहते हैं ? ".

" तुम्हारी जगह कोई और मर्द रहे तो बेहतर है उनके लिए... पर आज तक मैं कभी राज़ी नहीं हुई, और अब पहली बार तुम्हारे साथ उन्होंने मुझे उस दिन देखा, तो I think की उनके पास और कोई Choice नहीं है अपनी Fantasy पूरी करने का. उन्होंने यही सोचकर हाँ किया है की उनके पसंद के मर्द के साथ ना सही, पर ज़िन्दगी में पहली बार कम से कम मैं राज़ी तो हुई हूँ उनकी इस Weird Fantasy के लिए !!! ".

पोर्न फ़िल्में देखने के शौक़ीन अनिकेत के लिए अब सब कुछ स्पष्ट हो रहा था. उसने कई सारी गंदी फिल्मों में ऐसा देखा था, जहाँ एक पति अपनी पत्नि को किसी गैर मर्द से चुदवाते हुये देखकर कामोत्तेजित होता है. ये फ़िल्में Cuckold की Category में आते हैं... उसे याद था. अब तक वो यही सोचता आया था की ये बस एक थीम है, मनोरंजन के लिए बनाई गई फ़िल्मी Fantasy... लेकिन आज उसे ये जानकार बड़ा आश्चर्य हुआ की ऐसा रियल में भी होता है, ऐसे पति सचमुच में भी होतें हैं... अभिषेक भैया जैसे !!!

" मुझे थोड़ा समय दो अनिकेत... अब तक के लिए तो मैंने किसी तरह मैनेज कर लिया है... ताकि अभि को लगे की मैं उसकी ख़ुशी, उसकी Fantasy के लिए ये सब कर रही हूँ ! ".

अपने हाथ में थामे अनिकेत के हाथ को धीरे से दबाते हुये मेघना ने आगे बढ़कर उसके गाल को चूम लिया.

" कुछ दिन बीत जाने दो, अभि की इच्छा जब पूरी हो जाएगी तो उसका खुद ही मन भर जायेगा. और तब हम दोनों फिर से एकांत में, अपनी प्राइवेसी में खुलकर प्यार करेंगे... सिंगल सिंगल !!! ".

अनिकेत को मेघना का प्लान बुरा नहीं लगा, ठीक ही आईडिया तो था ये !
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इस वक़्त अगर मेघना भाभी अपने पति को इस गंदे प्रस्ताव के लिए ना मनाती, तो उसका और मेघना का आगे कभी भी मिल पाना असंभव था. मेघना ने तो बस एक Opportunity की राह खोली है. जब धीरे धीरे कुछ दिनों बाद सब कुछ नार्मल होने लगेगा, अभिषेक भैया भी थोड़े शांत हो जायेंगे, तो वो दोनों फिर से पहले की भांति मिलने जुलने लगेंगे. ना मेघना भाभी को अपने पति से चीटिंग करने की ज़रूरत पड़ेगी, और ना ही अनिकेत को छुप छुपाकर पराई शादीशुदा औरत से प्यार करने की ग्लानि का बोझ अपने सीने पे उठाना पड़ेगा ! पति, पत्नि, और पत्नि के प्रेमी के बीच जब सब कुछ पारदर्शी हो जायेगा, तो पति का पत्नि पर शक करने की गुंजाईश ही कहाँ रह जाएगी !!!

" मैं अपने पति से बेहद प्यार करती हूँ... मगर ज़िन्दगी में पहली बार मुझे कोई मिला है जो मुझसे इतना बेइंतहा प्यार करता है ! ". मेघना ने कहा, और अपना सिर अनिकेत के कंधे पर रख दिया. " मुझे छोड़ कर मत जाना अनिकेत... प्लीज् ! ".

अनिकेत फैसला ले चुका था, लेकिन वो मेघना को दिखाना नहीं चाहता था की उसके लिए ये घिनौनी Fantasy स्वाभाविक है. मेघना के बालों की खुशबु सूंघते हुये उसने उसके माथे की बिंदिया को चूमा, और जानबूझकर Confused सा दिखने के लिए बोला.

" पता नहीं भाभी... मैं ये सब कैसे कर पाउँगा !!! ".

" मैं हूँ ना अनिकेत... ". आश्वस्त करते हुये मेघना ने अनिकेत के कंधे से अपना सिर उठाया, उसकी आँखों में देखा, और अपना मुँह आगे बढ़ा दिया.

बिना और कुछ कहे अनिकेत ने झट से आगे बढ़कर अपनी मेघना भाभी के होंठो पे अपने होंठ रख दियें.

कुछ देर तक एक दूसरे को चूमने के बाद मेघना और अनिकेत अलग हो गएँ. मेघना पलंग पर से उठकर अनिकेत के सामने खड़ी हो गई. गर्दन ऊपर उठाकर अनिकेत ने देखा की मेघना की दोनों आँखे आंसुओं से झिलमिला रहीं थीं, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक, एक संतुष्टि भरी खुशी थी.

अनिकेत के चेहरे पर प्यार से एक बार अपना हाथ फेरने के बाद मेघना मुस्कुराई, और उसकी आँखों में एकटक देखते हुये अपनी नाइटी के गले के बटन खोलने लगी. ऊपर के दो बटन खुलते ही नाइटी का गला ढीला हो गया, तो मेघना ने नाइटी अपने दोनों कंधो से उतारकर नीचे सरका दी, और अपनी कमर से लिपटी पैंटी के इलास्टिक में नाइटी को खोंस लिया, ताकि नाइटी और नीचे सरककर पूरी तरह से खुल ना जाये.

मेघना ने अपने दोनों हाथों से अनिकेत का चेहरा थामकर उसे अपनी ओर धीरे से खिंचा, तो मंत्रमुग्ध से हुये अनिकेत ने आगे बढ़कर नाइटी के ऊपर से उसकी गांड़ के चारों ओर अपने दोनों हाथ लपेट दियें, और अपना मुँह उसकी दोनों चूचियों के बीच छुपा लिया.

अपनी मेघना भाभी से लिपटने के वक़्त अनिकेत ने अनायास ही ध्यान दिया तो देखा, की मेघना के बदन पर बने मेहंदी के डिज़ाइन का रंग अब काफ़ी हद तक फीका पड़ गया था.

अनिकेत को पूरा विश्वास था की मेघना भाभी की चूत पर लिखे अंग्रेजी को वो घटिया शब्द भी अब करीब करीब मिट चुके होंगे !!!

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अनिकेत ने हाँ तो कर दिया था, पर उसकी दुविधा अब और भी बढ़ गई थी. मेघना भाभी के लिए तो नाटक करना शायद आसान हो, क्यूंकि वो ना ही अपने पति को छोड़ना चाहती है और ना ही अपने प्रेमी को, लेकिन अनिकेत का क्या ? उसका तो बस एक ही प्यार था... मेघना. वो अब उसके पति के सामने कैसे नाटक करे की उसका मेघना के प्रति केवल शारीरिक आकर्षण है ?

उस दिन पूरी रात बिस्तर पर सोये सोये अनिकेत बस यही सब सोचता रहा.

वैसे उसकी असमंजस की स्थिति दो दिन बाद खुद ही समाप्त हो गई जब मेघना का मैसेज आया - " This Sunday at 8.00 PM... see you then ". मेघना ने और कुछ नहीं लिखा था, ज़ाहिर था की उसका पति चेक कर रहा हो की वो अनिकेत को क्या मैसेज भेज रही है. हाँ और ना की स्थिति का अब कोई मतलब नहीं बनता था, अब तो उसे जाना ही था !!! ...

" आओ अनिकेत... बैठो ! ".

मेघना के घर के ऊपरी माले पर बेडरूम जैसा ही एक कमरा था, लेकिन बेडरूम से काफ़ी बड़ा. वहाँ तीन बड़े बड़े सोफे लगे हुये थें, एक बड़ा सा टी टेबल, एक म्यूजिक सिस्टम, आलीशान भव्य पलंग, और सामने बड़ा सा वाल टीवी. कमरे में मद्धिम रौशनी का एक बल्ब जल रहा था और AC फुल ऑन थी.

अनिकेत को लगा जैसे की वो किसी पार्टी में आ गया हो.

" आओ अनिकेत... बैठो ! ".

अनिकेत के कमरे में घुसते ही अभिषेक ने मुस्कुराकर उसका स्वागत किया. वो अपनी पत्नि मेघना के साथ एक सोफे पर बैठा हुआ था. अभिषेक का बदला हुआ व्यवहार देखकर अनिकेत को आश्चर्य भी हुआ, और अच्छा भी लगा. आजतक उसने उससे कभी भी इतने अच्छे से बात जो नहीं की थी.

" Hey अनिकेत... ". मेघना मुस्कुराते हुये बोली.

" Hi भाभी... ". उन दोनों के सामने पड़े एक सोफे पर जाकर बैठते हुये अनिकेत ने जबरदस्ती मुस्कुराकर कहा.

जब तीनों एक दूसरे के सामने बैठकर सेटल हो गएँ, तो कुछ देर बाद अभिषेक ने पूछा.

" और अनिकेत... तुम्हारा कॉलेज कैसा चल रहा है ? ".

" बढियाँ अभि भैया... तीन महीने में Exams हैं ! ".

अनिकेत को पता था की अभिषेक उसे सहज करने के लिए ये पूछ रहा है.

" तो कैसे तैयारी कर रहे हो ? ट्यूशन वगैरह ले रहे हो क्या ? ".

" नहीं नहीं... वो हम कुछ दोस्तों का एक ग्रुप है, हमलोग ऑनलाइन मिलकर नोट्स वगैरह बना रहें हैं ! ".

" Wow... Good ! ". अभिषेक ने कहा, फिर मेघना की ओर देखकर बोला. " ये अच्छा तरीका है... नहीं ? Self dependent ! ".

" बिल्कुल ! ". मेघना ने मुस्कुराकर हामी भरी.

बातें जैसे खत्म हो गई हों. अनिकेत चुपचाप बैठा रहा, उसे समझ में नहीं आ रहा था आगे क्या कहे. आखिरकार अभिषेक ने ही फिर से चुप्पी तोड़ी.

" देखो अनिकेत... लास्ट टाइम चीज़े जिस तरह से हुईं वो अच्छा नहीं हुआ ! ". सोफे पर थोड़ा सा आगे की ओर झुककर अनिकेत को देखते हुये अभिषेक ध्यान से एक एक शब्द का चयन करते हुये बोला. " मैंने तुम्हारे साथ जो व्यवहार किया वो गलत था. Let's say... की गलती हम तीनों की ही थी, इससे चीज़े आसान हो जायेंगी ! ".

अनिकेत को अभिषेक की बात सही लगी. उसने ये भी सोचा की अब जब अभिषेक भैया सब कुछ खुद ही स्वीकार कर रहें हैं और अच्छे से बात भी कर रहें हैं, तो उसे भी सब कुछ भूल कर उन दोनों हस्बैंड वाइफ से खुलकर बात करनी चाहिए. बाकि तो मेघना भाभी ने सारी सच्चाई से उस अवगत करा ही दिया था.

अनिकेत ने गहरी साँस ली, और पूरे मन से मुस्कुराकर कहा.

" मैं अपनी गलती की जिम्मेदारी लेने को तैयार हूँ अभि भैया... ".

मेघना ने मुस्कुराते हुये अभिषेक को देखा तो अभिषेक भी मुस्कुरा उठा.

" ये अच्छी बात है अनिकेत... ". अभिषेक ने कहा, फिर मेघना की ओर इशारा करके बोला. " मेघना भाभी ने तुम्हें सारा कुछ समझा ही दिया होगा ? ".

अनिकेत ने मेघना को देखा, पर कुछ बोला नहीं.

" I mean... तुम्हें पता है ना की हम दोनों Exactly क्या चाहते हैं ? ". अभिषेक ने अपने शब्दों पर ज़ोर देते हुये कहा.

" जी बिल्कुल... मैं क्लियर हूँ ! ". अनिकेत ने कहा.

" Perfect !!! ". अभिषेक ने कहा. " चलो... फिर सेलिब्रेट करतें हैं ! ".

टी टेबल पर रखी महँगी व्हिस्की के बोतल से अभिषेक कांच के दो ग्लास भरने लगा .

" पानी या सोडा ? ". अभिषेक ने अनिकेत से पूछा.

" ओह... सॉरी... आप मेरे लिए बना रहें हैं... प्लीज्... मैं नहीं पिऊंगा ! ". अनिकेत ने चौंकते हुये मुस्कुराकर कहा.

" No No अनिकेत... आज तो पीना पड़ेगा ! हमारे इस नये रिलेशन की खातिर ! ". अभिषेक ने ज़िद करते हुये कहा, और फिर मेघना से बोला. " बेबी... तुम भी समझाओ इसे ! ".

" हाँ वो पियेगा... तुम Coke मिला दो ! ". अनिकेत की ओर देखे बिना ही पूरे आत्मविश्वास के साथ मेघना ने मुस्कराते हुये अपने पति से कहा, मानो उसे अनिकेत की इच्छा खुद उससे ज़्यादा पता हो.

" भाभी प्लीज्... No ! ". अनिकेत ने फिर से टोका.

" पी लो अनिकेत... Coke का टेस्ट आएगा... ख़राब नहीं लगेगा ! ". अनिकेत की आँखों में देखकर मेघना ने हल्का सा कुछ इशारा किया.

मेघना का संकेत अनिकेत समझ गया - वो उसे शराब पीने को इसलिए बोल रही थी, ताकि उसकी सारी झिझक ख़त्म हो जाये.

आज उन तीनों को एक साथ मिलकर कुछ ऐसा जो करना था जिसमें हिचकिचाहट के लिए कोई जगह नहीं थी !!!

" Ice ? ". अभिषेक ने पूछा.

" No thanks. ". अनिकेत ने कहा.

अपनी ग्लास On the Rocks बनाकर दूसरी ग्लास में व्हिस्की के साथ Coke ढालकर अभिषेक ने वो पेग अनिकेत की ओर बढ़ा दिया.

" अरे ? What's wrong with you अभि ? ". आँखे बड़ी बड़ी करके मेघना ने अपने पति को घूरते हुये कहा. " मेरा ड्रिंक ? ".

" बेबी... तुम वोडका पियो. ". अभिषेक ने कहा. " व्हिस्की नहीं प्लीज्... मैंने मना किया है ना. ".

एक ठंडी साँस भरकर मेघना चुप हो गई.

अनिकेत को उसका पेग थमाकर अभिषेक ने अपनी पत्नि के लिए वोडका का एक पेग बनाया, और फिर जब तीनों के हाथ में शराब के अपने अपने जाम आ गएँ, तो अभिषेक, मेघना, और अनिकेत ने एक साथ अपने अपने ग्लास टकराये.

" चलो... फिर पहले का सब कुछ भूल जातें हैं. हमारी इस नई दोस्ती के लिए... Cheers !!! ". अभिषेक बोला.

शराब की एक एक सिप लेकर मेघना और अभिषेक ने ग्लास टेबल पर रख दी, और अनिकेत अपनी ग्लास थामे ही बैठा रहा.

" कैसा है ? ". अभिषेक ने अनिकेत के जाम की ओर इशारा करके पूछा.

" Actually... it's Good ! ". अनिकेत ने कहा.

" मैंने कहा था... उसे Coke से पीने दो... पसंद आएगा ! ". मेघना ने अपने पति की ओर देखकर कहा.

" लव यू बेबी ! ". अभिषेक ने आगे बढ़कर मेघना के होंठ चूम लियें.

अनिकेत ने चोर निगाहों से दोनों पति पत्नि को Kiss करते हुये एक बार देखा, फिर चुपचाप अपनी व्हिस्की का घूंट पीने लगा.
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कुछ देर के लिए कमरे में शांति छाई रही, फिर अभिषेक ने अनिकेत की ओर देखकर कहा.


" एक बात बताओगे अनिकेत ? तुम हमारी Fantasy के बारे में क्या सोचते हो ? ".

अनिकेत ने सकपकाकर पहले मेघना और फिर अभिषेक को देखा, पर समझ नहीं पाया की क्या बोले.

" मेरा मतलब है... तुम्हें ये सही लगता है या गलत... या फिर ये बस एक घटिया सोच भर है. तुम्हारे विचार क्या हैं इस बारे में... You know ! ". अभिषेक ने अपना प्रश्न समझाया.

अनिकेत को पता था की अभिषेक सचमुच में उसके विचार नहीं जानना चाहता, बल्कि उसके मुँह से ये भर सुनना चाहता है की उन दोनों पति पत्नि का ये आईडिया नैतिक रूप से सही है. ऐसा तभी होता है जब इंसान को पता हो की वो जो कर रहा है, वो गलत है, पर किसी दूसरे की सहमति मिल जाये तो अच्छा लगता है !

" सही गलत की बात नहीं है अभि भैया... ". अपने शब्दों को थोड़ा संभालते हुये अनिकेत ने कहा. " बात आपसी सहमति की है... दोनों की मर्ज़ी का ! ".

" ह्म्म्मम्म... I like the way you think अनिकेत ! ". अभिषेक ने सिर हिलाते हुये कहा, फिर मेघना से बोला. " देखा बेबी... आज की यंग जनरेशन की सोच कितनी फॉरवर्ड है. अनिकेत कॉलेज में है, फिर भी उसकी इस बारे में सोच एकदम क्लियर है. ".

तीनों अपना अपना ड्रिंक पीते रहें.

" तुम्हें तो मेघना ने बताया ही होगा अनिकेत की मैं उसे ना जाने कितने दिनों से इस बारे में मनाने की कोशिश कर रहा था... ". अभिषेक ने कहा. " तुम्हें क्या लगता है अनिकेत, तुम्हारी मेघना भाभी को और पहले मान जाना चाहिए था की नहीं ? ".

" जैसा की मैंने कहा... आपसी सहमति ! ". अनिकेत ने मेघना की ओर देखकर दृढ स्वर में कहा. " अगर मेघना भाभी को अब जाकर लगता है की उन्हें ये सब करने में कोई परेशानी नहीं, तो ये उनकी मर्ज़ी है ! सही गलत कुछ भी नहीं है... बस समय की बात है ! ".

अनिकेत ने अपना ग्लास खत्म करके टी टेबल पर रख दिया.

" Easy अनिकेत... धीरे धीरे पियो ! ". मेघना ने हँसते हुये हिदायत दी.

" अभी डिनर भी करना है भाई... ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा.

अनिकेत ने आश्चर्य से पहले मेघना को देखा, फिर अभिषेक को, लेकिन कुछ जवाब नहीं दिया. अनिकेत का मूक सवाल समझकर मेघना बोली.

" हाँ अनिकेत. तुमने अपने घर में बताया नहीं की तुम आज रात यहीं डिनर करोगे ? ".

" Come on बेबी... तुम्हें उसे साफ साफ बताना था ना जब यहाँ Invite किया. गलती तुम्हारी है ! ". अभिषेक ने मेघना को डांटा, और अनिकेत की ओर देखकर बोला. " Yes अनिकेत... Take this as an Invitation...एक पार्टी.. Okay ? ".

" Thanks... लेकिन आप... ".

" भाई हमें थोड़े ही खाना बनाना था... बाहर से मंगाया है... Chill ! ". अनिकेत की बात काटते हुये अभिषेक ने कहा.

" उसे और एक ड्रिंक बना दो अभि... ". मेघना ने अभिषेक के कंधे पर अपना हाथ रखकर कहा.

" Sure... ". अभिषेक बोला, और फिर अनिकेत से कहा. " पर धीरे धीरे पियो... रिलैक्स... कोई जल्दी नहीं ! ".

मेघना और अभिषेक जब अपना पहला ड्रिंक ही एन्जॉय कर रहें थें, तब अनिकेत अपने दूसरे पेग में डूबने लगा था. व्हिस्की में Coke मिक्स होने की वजह से व्हिस्की की कड़वाहट पता नहीं चल रही थी, और उसका स्वाद बदल गया था, और इसलिए किसी कोल्ड ड्रिंक की तरह अनिकेत शराब गटकता रहा, लेकिन उसे पता नहीं था की सिर्फ व्हिस्की का टेस्ट बदला था, उसका असर नहीं !

कमरे की मद्धिम रौशनी और टेंशन भरे माहौल ने जल्द ही असर दिखाना शुरू कर दिया. दूसरा पेग आधा भर ख़त्म होने तक अनिकेत का सिर झूमने लगा, नशा तो कुछ खास नहीं हुआ था, पर वो इस अजीब सी बेखयाली वाली खुमारी और एहसास के मज़े लेने लगा. इस दौरान तीनों इधर उधर की बातें करते रहें. एक तो दोनों पति पत्नि, खासकर अभिषेक ने, शुरू से ही अनिकेत को कम्फर्ट करने की चेष्टा की थी, ऊपर से अब ये शराब... अनिकेत के मन की घबराहट जल्द ही हवा हो गई.

वैसे मेघना भाभी की एक्टिंग ने अनिकेत को खूब प्रभावित किया. वो जिस तरह से अपने पति के साथ चिपककर बैठी थी, उसके साथ बातें और हँसी मज़ाक कर रही थी, लग ही नहीं रहा था अभी कुछ दिन पहले तक कैसे वो अनिकेत के प्यार में डूबी मरी जा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे उसके और अनिकेत के बीच कभी कुछ हुआ ही ना हो ! पिछली बार अनिकेत और मेघना के बीच हुई बातचीत में मेघना ने उसे जो जो समझाया था, वो एकदम उन्ही बातों पर खुद भी अमल कर रही थी. अनिकेत के लिए भी ज़रूरी था की वो मेघना भाभी के इस खेल में उसका पूरा पूरा साथ दे और अभिषेक के सामने अपने और उसके बीच पनप रहे प्यार को लेकर ज़्यादा जज़्बाती ना हो !

अनिकेत की मन:स्थिति के हरेक बिंदु का मेघना भलीभांति आकलन कर रही थी. उसे पता था की अनिकेत हर सम्भव प्रयास कर रहा है की उसकी अंदरूनी भावनायें उजागर ना हो जायें, लेकिन इससे एक दूसरी समस्या खड़ी हो रही थी... इसी प्रयास में अनिकेत कुछ ज़्यादा ही सीरियस हुआ बैठा था, जो की आज रात के इस गेम के लिए कोई अच्छी बात नहीं थी !

मेघना ने अभिषेक को एक नज़र देखा, तो अभिषेक ने उसे आँखों आँखों में ही कुछ इशारा किया. मेघना मुस्कुराई, उसने अपना ग्लास सामने टेबल पर रखा, अपनी जगह से उठ खड़ी हुई, और चलकर अनिकेत के पास जाकर उसके बगल में सोफे पर बैठ गई.

" अब बस करो अनिकेत... ". अनिकेत के हाथ से उसका ग्लास, जिसमें अब थोड़ी सी ही शराब बची हुई थी, लेकर मेघना ने टेबल पर रखते हुये धीरे से कहा. " रुक रुक कर पियो ! ".

हर बार की तरह इस बार भी अनिकेत ने चुपचाप अपने मेघना भाभी की बात आसानी से मान ली, मानो किसी सम्मोहन में हो !

" अरे यार तुम इतने Stiff क्यूँ हो... एन्जॉय करो ! ". अभिषेक ने हँसते हुये कहा. " मैंने तुम दोनों को इश्क़ लड़ाने से परहेज करने को कहा है, मस्ती करने से नहीं ! सेक्स में भी तो रोमांस होता है ना... ना की सिर्फ प्यार मुहब्बत में ??? ".

अनिकेत को अभिषेक की सोच पर तरस आ रहा था. कैसा पति है वो !!!

खैर, उसे एक बात की ख़ुशी थी की कम से कम मेघना भाभी अपनी मर्ज़ी से ये सारा कुछ करने जा रही है, वो भी उस लड़के के साथ जो की उससे प्यार करता है और वो खुद भी जिसे अब चाहने लगी है, ना की केवल अपने पति की इच्छापूर्ति के लिए !

" He is fine ... ". मेघना ने अपने पति को देखते हुये कहा. " उसे थोड़ा समय दो ! ".

अपने पति पर से नज़रें हटाकर मेघना ने अनिकेत की आँखों में देखा, और हल्के से मुस्कुरा दी...
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कमरे में मद्धिम रौशनी होने के कारण पहले उसने ध्यान नहीं दिया था, पर अब जब मेघना उसके समीप बैठी हुई थी तो अनिकेत ने देखा - मेघना अधनंगी थी !


मेघना के काले लंबे बाल खुले हुये थें, जिन्हे उसने अपने नंगे कंधो पर गिरा रखा था. उसकी मांग में हर बार की तरह सिंधुर था, लेकिन माथे पर बिंदिया की जगह भी उसने आज लाल सिंधुर का एक बड़ा सा टीका लगा रखा था. उसकी दोनों हाथों कि कलाईयां गहरे लाल रंग कि चूड़ियों से भरी हुई थीं. उसके कानों की सोने की बालियां आज छोटी छोटी थीं, और नाक की सोने की नथ थोड़ी सी बड़ी. वैसे तो अनिकेत ने मेघना भाभी को कभी भी लिपस्टिक लगाये हुये नहीं देखा था, पर आज उसने अपने होंठों पर चूड़ियों के रंग कि मैचिंग वाली गहरे लाल रंग की लिपस्टिक भी लगाई हुई थी. मेघना ने उम्दा Designer Lingerie पहन रखी थी, हल्के गुलाबी रंग की पारदर्शी ब्रा और उसकी मैचिंग पैंटी ! ब्रा के पतले झीने फैब्रिक से उसकी चूचियों के दोनों लाल निप्पल खुलकर बाहर झाँक रहे थें, पर अनिकेत की बदनसीब, की मेघना अपने एक टांग पर दूसरी टांग चढ़ाकर बैठी हुई थी, सो वो उसकी चूत नहीं देख पा रहा था ! बहुत दिन हो गएँ थें अनिकेत को अपनी मेघना भाभी की चूत के दर्शन किये हुये, पिछली बार जब वो उससे मिला था तो वो अपने महीने के उन खास दिनों से गुज़र रही थी, और इसलिए उसने उसे अपनी चूत नहीं दिखाई थी. साधारण सिचुएशन में, अगर मेघना का पति उन दोनों के सामने मौजूद नहीं होता, तो अनिकेत कब का लपककर अपना मुँह अपनी मेघना भाभी की जाँघों के बीच घुसा चुका होता !!!

पर आज माहौल कुछ अलग था... अनिकेत को पता था की उसे मेघना की चूत मिलेगी, पर एक प्रेमी की तरह नहीं, पति पत्नि के वासना के इस खेल में मदद करने वाले एक अहम खिलाड़ी के रूप में, जिसका काम खेल को नियंत्रित करना नहीं था, बल्कि खेल के नियमों का पालन भर करना था !

" मेरी बीवी में तुम्हें सबसे अच्छा क्या लगता है अनिकेत ? ". अनिकेत मन ही मन ना जाने क्या क्या सोच ही रहा था, की अभिषेक ने अचानक से पूछ लिया.

अपने पति का सवाल सुनकर मेघना हँस पड़ी.

" I mean... उसके शरीर में ! ". अभिषेक ने अपना सवाल स्पष्ट किया.

" बताओ अनिकेत... शर्माओ मत ! ". अनिकेत की गर्दन पर अपने हाथ की उंगलियां फेरते हुये मेघना बोली.

" बोलो भाई... Don't be Shy ! ". अभिषेक ने ज़िद किया.

अनिकेत ने एक दफा मेघना का चेहरा निहारा, तो मेघना ने मुस्कुराकर उसे धीरे से आँख मारी. फिर अनिकेत ने अभिषेक की ओर देखकर कहा.

" नाभी ! ".

मेघना कुछ सोचकर मन ही मन मुँह दबाकर मुस्कुरा उठी, उसे याद आ गया की पिछली बार कैसे अनिकेत को जब उसने अपनी चूत नहीं दी थी, तो अपसेट होकर उसने उसकी नाभी को ही चोद दिया था !!!

" Navel... Wow... अच्छी चॉइस है तुम्हारी ! ". अभिषेक बोला.

" ये अभी भी पूरा सच छुपा रहा है ! ". मेघना ने अपने पति की ओर देखकर कहा, फिर अनिकेत से मुँह बनाकर बोली. " बस मेरी नाभी ??? ".

" और गांड़ भी ! ". सिर झुकाकर अनिकेत धीरे से बोला.

" ये हुई ना बात... Good ! ". अभिषेक खिलखिलाकर हँस पड़ा. " I love my wife's Ass... too ! ".

" और ??? ". अपने पति की बात पर बिना कोई ध्यान दिये मेघना ने अनिकेत से ऐसे पूछा जैसे वो उसका जवाब जानती हो, पर उत्तर वो उसी के मुँह से सुनने की आस लगाए बैठी हो.

" और क्या भाभी ? कुछ भी तो नहीं ! ". बेवकूफ़ की तरह सकपकाते हुये अनिकेत ने बहाना किया.

मेघना कुछ नहीं बोली. उसने धीरे से अपने दांये हाथ कि उंगलियों से अनिकेत के होंठ, और फिर उसकी नाक छू ली. मेघना भाभी की लंबी नर्म उंगलियों का अपने नाक पर स्पर्श पाते ही एक तेज़ गंध अनिकेत के नाक में घुस गई ! वो इस महक को बहुत अच्छी तरह से पहचानता था... ये मेघना की चूत की खुशबु थी !!!

अपने पति से नज़र बचा कर बातचीत के दौरान मेघना ने अपनी पैंटी में हाथ डालकर अपनी चूत की गंध अपनी उंगलियों में चोभ ली थी, ताकि अपने प्रेमी को सूंघा सके !

अपने पति के सामने चोरी छुपे किये मेघना भाभी के इस बोल्ड हरकत से अनिकेत का दिल धक् सा कर गया, मगर उसने जानबूझकर अपना मुँह बंद रखा, और कोई जवाब नहीं दिया.

" अभि... हम दोनों डांस करें क्या ? ". अपनी आँखों पर से बालों की लट हटाते हुये मेघना ने अपने पति से पूछा.

अभिषेक अपनी पत्नि का आशय समझ गया. डांस के बहाने वो अब अनिकेत के साथ आगे बढ़ना चाहती थी. वो कोई पोर्नस्टार तो थी नहीं जो बस एकदम से शुरू हो जाये, खासकर तब, जब अनिकेत बहुत ज़्यादा ही खुद में सिमटा हुआ बैठा था. उन दोनों का खुलना ज़रूरी था !

" Go ahead बेबी ! ". टेबल पर से रिमोट उठाकर अभिषेक ने म्यूजिक सिस्टम पर धीमी आवाज़ में एक स्लो रोमांटिक अंग्रेज़ी गाना चला दिया.

" एक और ड्रिंक मिलेगा क्या ? ". अपनी जगह से उठने को अनिच्छुक अनिकेत ने अभिषेक की ओर देखकर पूछा.

" No अनिकेत... ". अपने पति के जवाब देने का इंतज़ार किये बिना ही मेघना तपाक से बोली. " अब डांस के बाद ! ".

" Sorry अनिकेत... She is the Boss ! ". अभिषेक ने मुस्कुराते हुये कहा.

और कोई चारा ना देखकर अनिकेत ने एक गहरी साँस भरी, सोफे पर से उठा, और बड़े ही अदब के साथ अपना एक हाथ मेघना की ओर बढ़ा दिया.
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" Let's do it ! ". अनिकेत का हाथ ख़ुशी ख़ुशी थामकर मेघना सोफे पर से उठ खड़ी हुई.


अपनी पत्नि और उसके प्रेमी पर से अपनी नज़रें हटाकर अभिषेक ने अपना पहला पेग ख़त्म किया, एक सिगरेट सुलगाई, दूसरा पेग बनाया, और फिर सोफे पर रखा अपना हैंडीकैम उठाकर चेक करने लगा.

सोफे के पास के ही खाली फ्लोर पर मेघना और अनिकेत एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले रोमांटिक Tune पर एकदम धीरे धीरे कदमो से डांस करने लगें.

" My God अनिकेत... इतना नाटक क्यूँ कर रहे हो ! ". डांस के दौरान अनिकेत को एकांत में पाकर मेघना ने धीमी आवाज़ में अपने मन की बात ऐसे कही मानो कब से वो ये कहने का मौका तलाश रही हो. " इतनी देर क्यूँ लगा रहे हो... चोदो भी अब !!! ".

" अरे... ऐसे कैसे भाभी... प्लीज् समझने कि कोशिश कीजिये. ". अनिकेत फुसफुसाया. " मैं आपके साथ अकेला होता तो बात और थी. अभि भैया के सामने एकदम से कैसे ??? ".

तभी दूर से हाथ दिखाते हुये अभिषेक ने दोनों से कहा.

" Hey guys... मैं वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा हूँ. अनिकेत... I hope you won't mind ! ".

" We are good अभि ! ". अनिकेत कि ओर से मेघना ने अपने पति को जवाब दिया, फिर अनिकेत से धीरे से आश्वासन भरे स्वर में बोली. " It's okay अनिकेत... रिलैक्स ! ".

अनिकेत का कोई उत्तर ना पाकर अभिषेक ने फिर से कहा.

" Don't worry अनिकेत... ये सिर्फ हम हस्बैंड वाइफ कि Private Viewing के लिए है. तुम्हें हम किसी मुसीबत में नहीं डालेंगे ! ".

अनिकेत फिर भी कुछ नहीं बोला, उसे इस बात से कोई दिक्कत नहीं थी. उसे तो पहले ही मेघना ने अपने पति कि सारी उलजलूल हरकतों का कच्चा चिट्ठा दिखा ही दिया था, जिसमें खास तौर पर तस्वीरें लेना और वीडियो बनाना शामिल था !

" Nervous हो ? ". मेघना ने पूछा.

" हाँ भाभी... बहुत ज़्यादा ! पहला टाइम है ना मेरा ! ".

" मेरा भी स्टुपिड ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये कहा. " सब ठीक होगा. अभि कि ओर ध्यान मत दो... बस मुझपर Concentrate करो ! ".

कमरे कि हल्की रौशनी में अभिषेक से दूर अब अनिकेत को मेघना के साथ डांस करते हुये एकांतपन का एहसास मिला तो वो धीरे धीरे खुलने लगा. व्हिस्की का खुमार तो पहले से ही था, ऊपर से अब मेघना भाभी के इतने करीब होने पर उसकी साँसों कि खुशबु ने उसके नशे कि बेबाकी को और भी बढ़ा दिया था.

" हर बार तुम यही करते हो अनिकेत... ". अनिकेत के क़दमों के साथ अपने कदम मिलाते हुये मेघना शिकायती लहजे में बुदबुदाई. " मुझे चोदने से पहले ही मेरा पानी निकाल देते हो ! कितनी देर से बैठे बैठे मेरा पानी चू रहा है, पर तुम्हें तो कोई परवाह ही नही ! ".

मेघना कि बात सुनते ही अनिकेत कि नज़र अपने आप नीचे उसकी पैंटी पर चली गई. कमरे में रौशनी इतनी कम थी कि उसे कुछ भी साफ साफ दिखा तो नहीं, पर पैंटी के पारदर्शी महीन फैब्रिक से उसकी चूत कि एक धुधली सी झलक उसे मिल ही गई. उसने गौर किया कि मेघना कि चूत आज कुछ अलग लग रही थी, पर ऐसा क्या था, ये उसे साफ साफ नहीं दिख पाया !

" तुम गये तो अभि से भी झगड़ा हो गया... तब से मुझे उन्होंने भी हाथ नहीं लगाया है. ". मेघना ने कहा. " कुछ ही दिनों में ऐसा लग रहा है कि जैसे महीनों से तङप रही हूँ अनिकेत ! ".

" मैं भी भाभी... ". अनिकेत ने धीरे से कहा.

कमरे कि हल्की रौशनी में वीडियो उतना क्लियर तो नहीं आ रहा था, पर अभिषेक को पता था कि आज के इस वीडियो कि यही खासियत होने वाली थी... Dark, Hazy, Romantic वीडियो ! सिगरेट के कश लेते हुये शराब कि चुस्कीयों के साथ अभिषेक सोफे पर बैठे बैठे ही अपनी पत्नि और उसके प्रेमी के Slow रोमांटिक डांस कि वीडियो बनाता रहा !

" पता है अनिकेत... आज सुबह ही मेरे Periods ख़त्म हुये हैं ! ". अनिकेत के सीने को अपने चेहरे कि ठुड्डी से दबाते हुये मेघना धीमी आवाज़ में बोली. " तब से मरी जा रही हूँ चुदने को ! और एक तुम हो कि जल्दी Fuck कर ही नहीं रहे अपनी भाभी को ! ".

अनिकेत को समझ में आ रहा था कि मेघना सचमुच में गरम हो चुकी है, तभी तो वो ऐसी गंदी गंदी बातें कर रही है. वैसे मेघना कि उत्तेजक बातें सुनकर उसका मन तो बहुत कर रहा था कि उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत छू ले, या फिर पैंटी के ऊपर से ही थोड़ा सा सहला ले, पर वो बेचारा अपना मन मसोस कर रह गया, और मेघना कि कमर से अपने हाथ लपेटे हुये बेमन से डांस करता रहा !

" अब आपको समझ में आ रहा है भाभी कि तड़प क्या होती है ? '. अनिकेत ने मुस्कुराकर धीरे से मेघना कि कमर दबाते हुए कहा. " उस दिन आपने मुझे कितना तंग किया था... याद है ? ".

" माहवारी में कैसे चूत दे देती बोलो ? ". मेघना बड़े भोलेपन से Cute सा चेहरा बनाकर बोली. " तुम मेरे हस्बैंड होते तो लगता है कि महीने में तीन दिन भी आराम करने नहीं देते ना ??? ".

अनिकेत को शक होने लगा था कि शायद मेघना सच में उत्तेजित होकर ऐसी भद्दी बातें कर रही थी या फिर जानबूझकर उसे उकसाने के लिए ! मकसद जो भी रहा हो मेघना भाभी का, पर अनिकेत भी ज़्यादा देर तक चाहत कि इस गरमाहट से अछूता ना रह पाया.

वैसे मेघना सच्ची में गरमा गई थी और इसलिए ऐसी बहकी बहकी बातें कर रही थी, और साथ ही साथ अनजाने में अनिकेत को उकसाने में भी वो कामयाब हो गई थी, जिसका पहला सबूत उसे तब मिला, जब अनायास ही उसने अपनी जाँघों के बीच एक कठोर सी चुभन महसूस कि.

" तुमने लण्ड खड़ा लिया है अनिकेत ??? ". अनिकेत के कान में अपने होंठ सटाकर मेघना बोली. " अब चोदोगे मुझे ? ".

" इतना उकसा रही हो मुझे, बाद में पछताओगी भाभी ! ". अनिकेत ने मुस्कुराकर कहा.

" अच्छा ??? देखेंगे... ". मेघना भी मुस्कुरा दी और अनिकेत के शरीर से पूरी तरह से चिपक गई.

अभिषेक ने अपनी पत्नि और उसके प्रेमी को उनकी अपनी मर्ज़ी से मन भर कर डांस करने दिया, रोका टोका नहीं, बस वीडियो बनाता रहा.

दोनों काफ़ी देर तक एक दूसरे कि बाहों में झूमते रहें...

" अब तो Fuck करो मुझे अनिकेत... प्लीज् ! ". अपनी बेचैनी को और दबा पाने में असमर्थ मेघना ने अनिकेत कि कमर में उसके शर्ट के ऊपर से ही अपने नाख़ून गड़ाते हुये कहा.

" एक ड्रिंक चाहिए भाभी ! ". अनिकेत धीरे से बोला. उसकी अपनी जीन्स में बने लण्ड के तम्बू का दर्द अब उसके लिए असहनीय हो रहा था.

जब मेघना और अनिकेत एक दूसरे से अलग होकर वापस से अपनी जगह पर आने लगे तो अभिषेक ने अनिकेत के जीन्स का उभार साफ साफ देख लिया, अपना सिर झुकाकर वो हल्के से मुस्कुराया, उसे जिस बात का विश्वास था, वही हुआ, डांस के बहाने उसकी पत्नि अनिकेत का संकोच तोड़ने में सफल रही थी !

" How was it guys ? ". अभिषेक ने मुस्कुराते हुये पूछा.

अनिकेत बिना कुछ बोले आकर सोफे पर अपनी जगह पे बैठ गया.

" Awesome... ". मेघना ने कहा, और अभिषेक के पास आकर नीचे झुककर उसके होंठो से अपने होंठ सटा दियें.
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अपनी पत्नि को चूमने के बाद अभिषेक ने उसके होंठों से अपने होंठ अलग कियें, तो उसे एक अजीब तरह कि गंध आई... उसके सामने खड़ी मेघना कि चूत ठीक उसके मुँह से कुछ ही दूरी पर थी. अपनी पत्नि कि इस गंध से वो अच्छी तरह से वाकिफ़ था, उसे पता था कि वो पानी छोड़ रही है !!!


" Are you wet... बेबी ??? ". ऊपर अपनी नज़रें उठाकर मेघना कि आँखों में देखते हुये अभिषेक ने पूछा.

" खुद ही देख लो ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये अपने हाथ में अभिषेक का हाथ पकड़कर उसे अपनी पैंटी पे रख लिया.

अनिकेत ने एक नज़र मेघना और अभिषेक को देखा, और फिर खुद से ही व्हिस्की कि बोतल टेबल पर से उठाकर अपने लिए एक और पेग बनाने लगा.

पारदर्शी पैंटी के ऊपर से अभिषेक ने मेघना कि चूत को छुआ, तो पैंटी के महीन फैब्रिक से चूत का चिपचिपा मलाईदार क्रीम बाहर रिस कर उसकी उंगलियों पर लग गया. अपनी उंगलियों को अपनी नाक के पास लाकर अपनी पत्नि के लसलसे पानी को सूंघने के बाद अभिषेक ने अपना मुँह आगे बढ़ाकर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही चूम लिया !

मुस्कुराकर अभिषेक के बालों में अपनी उंगलियां फेरने के बाद मेघना ने खड़े खड़े अपने लिए वोडका कि एक ड्रिंक बनाई, और जाकर अनिकेत के बगल में सोफे पर बैठ गई.

" Excuse me... मुझे एक ज़रूरी कॉल करना है ! ". अचानक से अभिषेक ने कहा और अपना हैंडीकैम सामने टेबल पर ऑन किये हुये ही रखकर उठ खड़ा हुआ.

दोनों के जवाब कि परवाह किये बिना ही कमरे से बाहर निकलकर अभिषेक पास के ही एक दूसरे कमरे में घुस गया, और अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया. दीवार पर टंगे एक आईने के सामने जाकर वो खड़ा हो गया, और फिर अपने ही चेहरे को निहारते हुये ज़ोर से बोल उठा, मानो खुद को ही यकीन दिला रहा हो.

" It's happening... Yesss !!! ".

कमरे में Scotch कि एक बोतल पड़ी हुई थी, अपने लिए एक ग्लास में थोड़ी सी शराब ढालकर वो खड़े खड़े ही कमरे में इधर उधर टहलते हुये पीने लगा.

उसने जानबूझकर मेघना और अनिकेत को दूसरे कमरे में अकेला छोड़ दिया था. उसे लगा कि उसकी मौजूदगी में शायद अनिकेत थोड़ा हिचकिचाये, सो एकांत में दोनों को एक दूसरे के करीब आने में मदद मिलेगी.

करीब बीस मिनट तक इसी तरह टाइम पास करने के बार अभिषेक ने अब वापस से मेघना और अनिकेत के कमरे में जाने का निश्चय किया. उस कमरे से निकलते वक़्त अपनी पत्नि और उसके प्रेमी कि जैसी बेकरारी वाली हालत उसने देखी थी, उससे उसे पूरा यकीन था कि अब तक तो दोनों एक दूसरे के ऊपर झपट ही पड़े होंगे !

Well... ऐसा ही कुछ हुआ भी... लगभग !

वापस से उस कमरे में जब अभिषेक आया तो उसे निराश नहीं होना पड़ा !!

सामने सोफे पर बैठे बैठे मेघना और अनिकेत एक दूसरे से लिपटे हुये पागलों कि तरह चुम्मा चाटी कर रहें थें !!!

टेबल पर दोनों के शराब के खाली ग्लास पड़े हुये थें.

कमरे में हल्का म्यूजिक अभी तक चल रहा था, फिर भी अभिषेक कि क़दमों कि आहट मेघना ने सुनते ही एक नज़र उसे देखा, मुस्कुराई, और फिर वापस से अनिकेत को Kiss करने लगी. अनिकेत को तो जैसे होश ही नहीं था, कि अभिषेक वापस आ चुका है. मेघना कि कमर और पीठ सहलाते हुये वो उसे चूमने में ही मसगूल रहा.

दोनों के प्रेमक्रीड़ा में विघ्न डाले बिना ही अभिषेक अपने कदम दबाकर सोफे पर अपनी जगह पे आ गया, और सोफे पर बैठकर अपना हैंडीकैम हाथ में लेकर दोनों प्रेमी युगल कि फिर से वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगा.

मेघना भाभी को जब चूमने से मन भर गया तो अनिकेत उसके बदन से अलग हो गया. वो उसके कूल्हे से लिपटी पैंटी को अपने दोनों हाथों कि उंगलियों में फंसाकर खोलने ही वाला था, कि मेघना ने उसके सीने पर अपना हाथ रखकर उसे रुकने का इशारा किया.

अनिकेत रुक गया तो अपने दूसरे हाथ से मेघना ने उसकी जीन्स में लगे बेल्ट को पकड़कर ऊपर कि ओर खींचा. उसकी मंसा समझकर अनिकेत सोफे पर अपने घुटनो के बल होकर थोड़ा सा उठ खड़ा हुआ. बिना कुछ बोले मेघना ने अपने एक हाथ से अनिकेत के जीन्स का बेल्ट पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके जीन्स कि ज़िप खोलने लगी.

" That's my Wife !!! ". ख़ुशी के मारे अभिषेक के मुँह से धीमे आवाज़ में निकला.

खुली ज़िप के अंदर हाथ डालकर अंदर पहने अंडरवियर के पेशाब करने के लिए बनाई गई छेद से मेघना ने अनिकेत का लण्ड अपनी मुट्ठी में पकड़कर जीन्स से बाहर खींच निकाला.

" आअह्ह्ह... भाभी !!! ". लण्ड बाहर आते ही अनिकेत के मुँह से दर्द से राहत मिलने जैसी आह निकली और उसने अपनी आँखें मूंद ली.

अपनी मुट्ठी में पकड़े लण्ड को मेघना ने कसकर एक बार और अपनी ओर टाना, तो अनिकेत का अंडकोष भी एक ही बार में अंडरवियर से होता हुआ जीन्स के बाहर निकलकर लटक गया !

अनिकेत के लण्ड को अपनी बीवी के हाथ में देखकर अभिषेक से और नहीं रहा गया, और वो सोफे पर से उठ खड़ा होते हुये उन दोनों के एकदम करीब जाकर क्लोज़ अप शॉट में वीडियो बनाने लगा. यही वो समय था जब अनिकेत को एहसास हुआ कि मेघना भाभी का पति वापस आ चुका है ! उसने अपनी आँखें खोली तो अभिषेक को एकदम करीब से हाथ में हैंडीकैम लिए हुये पाया !

एक तो शराब का नशा, दूसरे मेघना भाभी कि नरम जादुई उंगलियों में दबा पड़ा उसका लण्ड - अनिकेत कि सारी सकुचाहट दूर हो चुकी थी. उसे अब कोई फर्क नहीं पड़ता था कि उन दोनों के सिवाय वहाँ कोई तीसरा भी था. उसे तो अब सिर्फ अपनी मेघना भाभी से सरोकार था !

मेघना ने अनिकेत के लण्ड कि जड़ को कसकर अपनी मुट्ठी में दबाया तो Pre - Cum कि एक बूँद सुपाड़े के छेद से चू कर उसकी कलाई कि चूड़ियों पे गिर पड़ी. कांच कि चूड़ियों पर से लण्डरस कि वो बूँद चाटने के लिए मेघना ने अनिकेत का लौड़ा अपनी मुट्ठी से आज़ाद कर दिया. मेघना कि उंगलियों कि जकड़न से बाहर निकलते ही पूरी तरह से खड़ा लण्ड छिटककर ऊपर अनिकेत के पेट से जा चिपका. हैंडीकैम कि ओर देखते हुये मेघना ने अपनी जीभ बाहर निकालकर चूड़ियों पर से लण्डरस कि बूँद को चाट लिया.

" Good बेबी !!! ". धीरे से बोलकर अभिषेक ने अपनी पत्नि का हौसला बढ़ाया.

अनिकेत के जीन्स में कसे उसके दोनों टांगों को अपने दोनों हाथों से पकड़कर ऊपर उसकी आँखों में देखते हुये मेघना ने अपना चेहरा आगे बढ़ाकर उसके झूलते अंडकोष को चूम लिया, फिर थोड़ा सा ऊपर बढ़कर अपने दोनों होंठ खोलकर लण्ड के मुँह को उनके बीच फंसा लिया. मेघना ने अपने खुले होंठ धीरे से लण्ड पर पीछे कि ओर धकेले, तो लण्ड के मुँह कि चमड़ी खिसककर खुल गई, और गुलाबी सुपाड़ा पूरा बाहर निकल आया. अपने खुले होंठों में लण्ड का मुँह लिए हुये मेघना यूँ ही हँस पड़ी, और लण्ड के सुपाड़े पर अपने दाँत गड़ा दियें !

" भाभी... ". अनिकेत कि आँखे फिर से अपने आप ही बंद हो गईं.

मेघना के सफ़ेद दाँतों के बीच दबे लण्ड के सुपाड़े से अतिउत्तेजनावश Pre - Cum कि एक मोटी सी धार फफक कर मेघना के मुँह में जा टपकी. मेघना ने बड़ी नज़ाकत से लण्डरस को अपनी जीभ पर ही संभालकर रोके रखा, और फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर उसी लण्डरस को अनिकेत के लण्ड के सुपाड़े पर फ़ैला कर पोत दिया.

अनिकेत अभी तक यही सोच रहा था कि मेघना उसके लण्ड के साथ बस खेल भर रही है, पर उसे इसका अंदाज़ा तक ना था कि वो उसे ब्लोजॉब देने कि योजना बना रही थी !
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हालांकि अभिषेक अपनी पत्नि के इस प्लान से अवगत था. इनफैक्ट, वो अपनी पत्नि कि लण्ड चूसने कि कला का कायल था, मेघना ने उसे अनगिनत बार ब्लोजॉब का अकल्पनीय सुख जो दिया था !!!

लण्ड के सुपाड़े को मुँह में आधा भरकर मेघना सुपाड़े के छेद को अपनी जीभ कि नोक से कुरेदते हुये अपनी नज़रें ऊपर उठाकर अनिकेत का चेहरा देखती रही, जिसकी आँखे अभी भी बंद थीं. मेघना ने अपना चेहरा लण्ड पर आगे कि ओर दबाकर खिसकाया तो एक ही बार में आधा लण्ड उसके मुँह में समा गया. अनिकेत अब तक नहीं समझा था कि उसे एक स्वीट सा ब्लोजॉब मिलने वाला है. वो तो जब मेघना ने उसके लण्ड को अपनी मुँह में भरे हुये दो तीन बार अंदर बाहर अंदर बाहर किया, तब उसकी आँखें खुल गई. सिर नीचे झुकाकर उसने देखा, मेघना भाभी उसका लण्ड चूस रही थी !

मेघना अपने पति का एवरेज आकार का लण्ड चूसने कि अभ्यस्त थी, लेकिन अनिकेत का लण्ड उसके पति के लण्ड के बनिस्बत काफ़ी बड़ा भी था और मोटा भी. उसे करीब 5 से 6 मिनट लगें उसके लौड़े को अपने मुँह में एडजस्ट करने में. जल्द ही वो लण्ड कि आधे से कहीं अधिक लम्बाई को अपने मुँह में ठूसने में कामयाब हो गई. एक बार जब लण्ड मुँह में ढंग से फिट हो गया तो अपने दोनों हाथों से अनिकेत कि जीन्स को पकड़े मेघना ऊपर आँखे उठाये उसे एकटक देखते हुये उसका लण्ड चूसने लगी !

अनिकेत का सारा नशा हवा हो गया, उसकी आँखे खुलकर फ़ैल गईं, मानो वो कोई बुरा सपना देखने के बाद अभी अभी नींद से उठा हो ! उसके लिए यकीन कर पाना मुश्किल था कि मेघना भाभी ब्लोजॉब देने में इतनी माहिर है. अब तक तो उसने बस मेघना भाभी कि चूत ही मारी थी, पर उसका मुँह भी उसकी चूत से कम गरम नहीं था. अगर वो मेघना कि टाइट चूत को 10 में से 9.5 पॉइंट्स देता, तो उसके रसीले मुँह को 10 में से 10 तो देता ही देता !!!

अभिषेक ने अपने हैंडीकैम में एक दो बार अनिकेत के चेहरे पर उमड़ रहे आनंद को कैद किया, लेकिन उसका अधिकतर फोकस मेघना के मुँह पर ही रहा. अनिकेत ने एक बार भी कैमरे कि ओर नहीं देखा था. मेघना लण्ड चूसते हुये बारी बारी से कभी ऊपर आँखे उठाकर अनिकेत को निहारती तो कभी कैमरे कि ओर देखती, इस तरह से वो बड़ी ही समझदारी के साथ जुगलबंदी करती हुई अपने प्रेमी को भी कामसुख देती रही, और अपने पति को भी एक अच्छा सेक्सी वीडियो !

कुछ क्षण तक लगातार चूसते रहने के बाद बीच बीच में साँस लेने के लिए मेघना अनिकेत का लण्ड अपने मुँह से निकाल लेती, उसका सुपाड़ा और अंडकोष चाटती, लण्ड के जड़ में उगे घुँघराले झांट को चूमती, और फिर वापस से लण्ड मुँह में भर लेती. इससे अनिकेत को भी काफ़ी फायदा हो रहा था, उसके झड़ने का समय पल पल बढ़ता ही जा रहा था. हालांकि मेघना उसे इतना अधिक मज़ा दे रही थी कि उसका मन हो रहा था कि अभी के अभी माल गिरा दे, लेकिन उसे लण्ड चुसवाने का आनंद देर तक भी तो भोगना था !

लौड़ा चूसते चूसते मेघना का मुँह लार से भर गया था, जिसे ना ही वो अंदर घोंट रही थी, और ना ही बाहर थूक रही थी. लार भरे मुँह में लण्ड कि पेलाई से जल्द ही उसके मुँह से पच - पच - चप - चप कि बेहया आवाज़े निकलने लगीं.

केवल 15 मिनट बाद ही अनिकेत ने अपनी कमर में सिहरन सी महसूस कि तो वो समझ गया कि उसके लण्ड का समय निकट आ गया है, लेकिन उसे अभी थोड़ी और मस्ती उठानी थी ! झट से उसने अपने हाथ से मेघना के सिर के पीछे के खुले बाल पकड़कर उसका चेहरा पीछे खींचा, तो उसका लण्ड सटाक से मेघना के मुँह से बाहर छिटक निकला. मुँह से लण्ड छूटा तो मेघना ने गर्दन ऊपर उठाकर अनिकेत को देखा और उसकी तड़पन पर हँस पड़ी. थूक और लाल लिपस्टिक में सने पूरी तरह से खड़े लण्ड को मेघना ने कुछ देर तक अपने चेहरे के ऊपर फड़कने दिया, और फिर लण्ड को अपनी मुट्ठी में पकड़कर अपने पूरे चेहरे पर, माथे और ललाट पर, आँखों पर, नाक और होंठों पर, गालों पर घिसने रगड़ने लगी !

" Fuck !!! So hot बेबी... So hot !!! ". अपनी आँखों पर यकीन ना करते हुये अपनी बीवी का ये कामुक रूप देखकर अभिषेक गदगद हो उठा, और हैंडीकैम पर उसकी पकड़ और भी मज़बूत हो गई.

अनिकेत के लण्ड से अपने सुंदर चेहरे को लेथाड़ कर गंदा करने के बाद मेघना ने फिर से उसे देखते हुये इशारों इशारों में पूछा कि क्या वो अब फिर से रेडी है. अनिकेत कि साँसे अटकी हुई थीं, सो वो कुछ बोल तो नहीं पाया, पर उसके चेहरे के भाव बता रहें थें कि उसकी उत्तेजना अब थोड़ी सी कम हो चुकी है और वो थोड़ी देर और टिकेगा. वैसे मेघना को घंटा फर्क नहीं पड़ता था कि अनिकेत जल्दी झड़े या नहीं - उसे तो बस वापस से उसका सख़्त लण्ड अपने मुँह में चाहिए था, उसे उसका स्वाद मुँह जो लग गया था. बिना किसी और संकेत का इंतज़ार किये मेघना ने लपककर अनिकेत का लण्ड फिर से अपने खुले होंठों के बीच लपेट लिया...

अनिकेत ने सोचा था कि वो करीब दस मिनट और टिकेगा, लेकिन मेघना के ब्लोजॉब देने कि टेकनिक इतनी लाजवाब थी, कि चार पाँच चुसाई में ही उसके फूले हुये अंडकोष में मानो चींटीयां रेंगने लगीं. अनिकेत अभी झड़ना नहीं चाहता था, कितना मज़ा मिल रहा था उसे, उसे तो अभी अपनी मेघना भाभी को चोदना था... लेकिन उसके चाहने से क्या होता है ?

" भाभी बस... रुकिए थोड़ा... ". घरघराती हुई अस्पष्ट आवाज़ में अनिकेत के मुँह से निकला. " मैं झड़ जाऊंगा !!! ".

अनिकेत कि गुहार मेघना के कानों तक पहुँची ही कहाँ ? बस एक नज़र ऊपर अनिकेत को देखकर मेघना ने उसका लण्ड चूसना जारी रखा. उसने आजतक अनिकेत का वीर्य नहीं चखा था... आज तो उसे उसका माल पीना ही पीना था ! मेघना को रुकता हुआ ना देखकर अनिकेत ने झट से अपनी मुट्ठी में अपना अंडकोष पकड़ लिया और उसके मुँह से अपना लण्ड खींचकर बाहर निकालने कि कोशिश करने लगा, परंतु मेघना ने तुरंत अपने हाथ से उसका हाथ उसके अंडकोष पर से झटककर हटा दिया !

" भाभी Nooooo... प्लीज्... मेरा निकल जायेगा... आअह्ह्ह !!! ".

अभिषेक ने देखा कि अनिकेत का चेहरा उत्तेजना के मारे विकृत हो गया है... उसने थोड़ी देर तक कैमरा उसके चेहरे पर लगाए रखा, और फिर वापस से उसके लण्ड पर अपनी पत्नि का आगे पीछे होता हुआ सुंदर चेहरा रेकॉर्ड करने लगा !

अनिकेत ने लण्ड चूसने को मना किया तो मेघना ने लण्ड चूसने कि स्पीड और भी बढ़ा दी. अब काफ़ी देर हो चुकी थी ! हारकर अनिकेत ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और अपनी आँखे मूंद ली. मेघना ने उसके अंडकोष को सहलाने के लिए अपने हाथ से छुआ ही था, कि उसके मुँह में उसके लण्ड ने बलबला कर गाढ़े वीर्य कि उल्टी कर दी. वो तो मेघना ने अपने हाथ से अनिकेत का जीन्स पकड़े हुये था, वर्ना अतिउत्तेजना के कारण बेचारा लड़खड़ाकर सोफे से नीचे ही गिर गया होता !!!
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करीब दो मिनट तक मेघना अनिकेत का लण्ड अपने मुँह में ठूंसे हुये रही, ताकि वो अच्छी तरह से झड़ जाये, लेकिन जब अनिकेत के लण्ड से पिचकारी गिरना बंद ही नहीं हुआ, और मेघना का मुँह पूरी तरह से वीर्य से भरकर फूल गया, तो मजबूरन मेघना को उसका लौड़ा अपने मुँह से बाहर निकालना ही पड़ा. मुँह कि कैद से छूटते ही लण्ड ज़ोर ज़ोर से फड़कते हुये बाकि का बचा खुचा वीर्य मेघना के चेहरे पर छिड़कने लगा, तो मेघना ने तुरंत अपनी आँखें बंद कर ली !!!
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करीब दो मिनट तक मेघना अनिकेत का लण्ड अपने मुँह में ठूंसे हुये रही, ताकि वो अच्छी तरह से झड़ जाये, लेकिन जब अनिकेत के लण्ड से पिचकारी गिरना बंद ही नहीं हुआ, और मेघना का मुँह पूरी तरह से वीर्य से भरकर फूल गया, तो मजबूरन मेघना को उसका लौड़ा अपने मुँह से बाहर निकालना ही पड़ा. मुँह कि कैद से छूटते ही लण्ड ज़ोर ज़ोर से फड़कते हुये बाकि का बचा खुचा वीर्य मेघना के चेहरे पर छिड़कने लगा, तो मेघना ने तुरंत अपनी आँखें बंद कर ली !!!


दस मिनट में ही मेघना का सुंदर चेहरा गाढ़े सफ़ेद वीर्य से लिप पुत गया, उसकी आँखों कि पलकों पर, नाक और नाक कि नथ पर, माथे पर, गाल और होंठ, और यहाँ तक कि उसके बालों पर भी वीर्य छिड़का पड़ा हुआ था !

जब अनिकेत का लण्ड ढीला पड़कर मेघना के कंधे पर जा टिका, तब मेघना ने वीर्य से लसलसी अपनी पलकें खोली, और फिर कैमरे कि ओर देखते हुये अपना मुँह खोलकर अंदर भरा वीर्य दिखाया !

[Image: IMG-20201116-165710.jpg]

" Beautiful... Just amazing !!! ". Excitement के कारण कांपते हाथों से हैंडीकैम पकड़े अभिषेक कि आँखे अपनी पत्नि कि बेहयाई देखकर खुली कि खुली ही रह गईं.

गरगरलाती हुई आवाज़ में वीर्य से लबालब भरा मुँह खोले मेघना ने अभिषेक से कुछ कहा.

" What बेबी ??? नहीं समझा... क्या बोल रही हो ? ". ठीक से बोल ना पाने के कारण अपनी बीवी कि बात अभिषेक नहीं समझ पाते हुये बोला.

अबकी बार मेघना ने अपने हाथ कि उंगलियों से अपने मुँह कि ओर इशारा करके कुछ संकेत दिया, तो अभिषेक को उसकी बात समझ में आ गई.

वैसे तो मेघना अपने पति का वीर्य पीने कि आदि थी ही, लेकिन आज उसके मुँह में एक गैर मर्द का वीर्य था... तो एक सुशील पतिव्रता बीवी कि तरह वो अभिषेक से यही इजाज़त मांग रही थी, कि वो ये वीर्य पीये या नहीं !!!

" Sure बेबी... जैसी तुम्हारी मर्ज़ी !!! ". अभिषेक ने मुस्कुराते हुये कहा.

कैमरे कि ओर से अपना चेहरा घुमाकर मेघना ने गर्दन ऊपर उठाकर अनिकेत को देखा, जो कि अभी तक हाँफ रहा था, फिर हल्के से मुस्कुराकर अपने होंठ बंद कर लियें, और फिर अपनी हथेली से अपना मुँह दबा लिया, ताकि वीर्य बाहर ना छलक आये, और फिर एक ही साँस में सारा का सारा नमकीन वीर्य गले से अंदर गटक गई !

" Good job यार... ". ख़ुशी से पागल हुये जा रहे अभिषेक ने कहा. " Both of you !!! ".

अनिकेत थोड़ा शांत हुआ तो मेघना के कंधे पर से अपना झड़ा हुआ लण्ड हटाकर वापस से अपनी जीन्स में घुसाने गया, लेकिन मेघना ने अपने हाथ से उसका हाथ पकड़कर उसे रोक दिया, और फिर उसके लण्ड को अपनी हथेली में लेकर उसके फूले हुये सुपाड़े को अपने दाँतों से एक बार काटकर हँसने लगी.

मेघना का रवैया देखकर अनिकेत समझ गया कि अभी तो ये इस गेम कि शुरुआत भर थी...

अपने प्रेमी के साथ घुलमिल कर मेघना फिर से जैसे अपने पति को भूलने लगी थी... या फिर कम से कम उस वक़्त तो अभिषेक को ऐसा ही लगा ! वैसे अब तक तो सबकुछ उसके प्लान के मुताबिक ही हुआ था... बस एक चीज़ कि उसने प्लानिंग नहीं कि थी... उसके अपने पाजामे में धीरे धीरे खड़ा होता उसका अपना लण्ड इस बात कि ओर संकेत कर रहा था कि गेम का रुख शायद थोड़ा सा बदल जाये !!

आज कि इस शाम को अभिषेक ने Threesome कि प्लानिंग तो कतई ही नहीं कि थी !!!

द एंड...???

The END

समाप्त
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Heart 
Original writer RoccoSam stop s the story here.

It was not the end I expected , but I am just a reader... So please accept the decision...
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Heart 
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Heart 
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Heart 
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Thanks for reading this story & liking the thread.

 
I am not the original writer, I collect stories from different internet sites like old EXBII, X-forum, XOSSIP, RSS, ISS, NIFTY, ASSTR, & LITEROTICA.

I just copy and pest them here for my as well as your enjoyment ... all credit goes to the unsung writer's who are the original heroes.

I am always very fond of this kind of slow seductive story. In reality, an indian girl or woman needs time to involved in an affair with a person who is not his husband. 

But whenever it happens the relationship contains romance, emotions, a slight fear of catching, a excitement of hidden meetings with new found lover, courage & sudden boldness to do some naughty and taboo, & of cours  LOVE.

Some times these new lover's are relatives or near dear friends.

Incest between relatives is gave sparkling effect to these relationship. fight

And reading such stories is also raise excitement, a touch of taboo that not everyone do such things and to read such thing gave thrill & the characters remains in memories.

All women are not sex-starved or whore that they can easily be driven by anyone. 

Most of the cases, there is a very particular and valid reason to involve in any illicit relationship. Sometimes they forced by other persons, sometimes they forced by the situation which arises unexpectedly in front of her.

I read a lot of stories which look very unrealistic as in those, a married woman shows like a characterless slut, but the reality is different. 


So, I request to all my fellow authors to write more slow seductive real stories regarding indian girls & women.

Heart 
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Heart 
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Heart 
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