Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
रसोई के बीच में एक स्टील की मेज थी। बेशक, यह भी साफ साफ लग रहा था। शिल्पा वाहिनी टेबल के सहारे टिकी हुई थीं। वे शशांक का हाथ पकड़कर सामने ले आए। दोनों की हाइट लगभग एक जैसी थी। शिल्पा वाहिनी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए उसकी आँखों में देखा। अब शशांक अपनी सांस को अपनी गर्दन पर महसूस कर रहा था। वह धीमी आवाज में बोलने लगी, अपने दोनों हाथों को उसके दोनों कंधों से नीचे कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:40 PM)neerathemall Wrote: रसोई के बीच में एक स्टील की मेज थी।
बेशक, यह भी साफ साफ लग रहा था। शिल्पा वाहिनी टेबल के सहारे टिकी हुई थीं।
वे शशांक का हाथ पकड़कर सामने ले आए।
दोनों की हाइट लगभग एक जैसी थी।
शिल्पा वाहिनी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए उसकी आँखों में देखा।
अब शशांक अपनी सांस को अपनी गर्दन पर महसूस कर रहा था।
वह धीमी आवाज में बोलने लगी, अपने दोनों हाथों को उसके दोनों कंधों से नीचे कर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
"आपली ओळख होऊन आता खूपच दिवस झालेत नाही? एक सांगू? तुमचा मनमिळाऊ स्वभाव, तुमचं लाघवी बोलणं मला खूप आवडतं. तुमची माझ्याकडं बघायची नजरसुद्धा मला कळते. बाकी लोकांच्या नजरेत दिसणारा वखवखलेपणा मला तुमच्या नजरेत नाही दिसला कधी... मला तुमच्या नजरेत दिसली काळजी, माया, आणि... प्रेम. खरंय ना?"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
"हमें मिले हुए काफी समय नहीं हुआ है? मुझे एक बताओ? मुझे तुम्हारा दयालु स्वभाव, तुम्हारी कोमल बात पसंद है। मुझे पता है कि तुम मुझे कैसे देखते हो। मैंने कभी अन्य लोगों की आंखों में अंतर नहीं देखा। माया, और ... प्यार। सच में? "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:41 PM)neerathemall Wrote: "हमें मिले हुए काफी समय नहीं हुआ है?
मुझे एक बताओ?
मुझे तुम्हारा दयालु स्वभाव, तुम्हारी कोमल बात पसंद है।
मुझे पता है कि तुम मुझे कैसे देखते हो।
मैंने कभी अन्य लोगों की आंखों में अंतर नहीं देखा।
माया, और ... प्यार। सच में? "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शशांकला हे सगळं ऐकताना लाजल्यासारखं वाटत होतं. आत्ता तो काही उत्तर देण्याच्या अवस्थेत नव्हता. शिल्पा वहिनींचे हात त्याच्या शरीरावरुन घसरत आता कंबरेपर्यंत आले होते. त्याची अवस्था ओळखून त्याच पुढं बोलू लागल्या,
"शशांक... आजचा दिवस माझ्यासाठी खूपच खराब गेलाय. आजच्या सगळ्या वाईट आठवणी विसरुन जायला तुम्ही माझी मदत कराल?"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
यह सब सुनकर शशांक को शर्मिंदगी महसूस हुई। अब वह कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं था। शिल्पा वाहिनी के हाथ अब शरीर से कमर तक फिसल रहे थे। अपनी हालत को भांपते हुए वह आगे बात करने लगा,
"शशांक ... आज का दिन मेरे लिए बहुत बुरा रहा है। क्या आप आज की सभी बुरी यादों को भूलने में मेरी मदद करेंगे?"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:42 PM)neerathemall Wrote: यह सब सुनकर शशांक को शर्मिंदगी महसूस हुई।
अब वह कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं था।
शिल्पा वाहिनी के हाथ अब शरीर से कमर तक फिसल रहे थे।
अपनी हालत को भांपते हुए वह आगे बात करने लगा,
"शशांक ... आज का दिन मेरे लिए बहुत बुरा रहा है।
क्या आप आज की सभी बुरी यादों को भूलने में मेरी मदद करेंगे?"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
आपण काय आणि कशी मदत करु शकतो, हे लक्षात येण्याआधीच शशांकला अनपेक्षित असणारी गोष्ट घडली. शिल्पा वहिनींनी आपले दोन्ही हात अचानक त्याच्या पृष्ठभागावर दाबले आणि त्याला आपल्या अंगावर ओढून घेतलं. बेसावध शशांक जवळजवळ शिल्पा वहिनींच्या अंगावर पडणारच होता, पण त्या सावध आणि पूर्ण तयारीत होत्या. त्यांनी मागं सरकत त्या स्टीलच्या टेबलचा आधार घेतला आणि आपल्या चेह-याच्या अगदी जवळ आलेल्या शशांकच्या ओठांचा ताबा घेतला. आपलं तोंड पूर्ण उघडत त्यांनी शशांकचे दोन्ही ओठ चोखायला आणि चावायला सुरुवात केली.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शशांक के साथ एक अप्रत्याशित घटना घटी, इससे पहले कि वह समझ पाता कि हम क्या और कैसे मदद कर सकते हैं। शिल्पा वाहिनी ने अचानक अपने दोनों हाथों को अपनी सतह पर दबाया और उसे अपने शरीर पर खींच लिया। बेहोश शशांक शिल्पा वाहिनी के शरीर पर गिरने ही वाला था, लेकिन वह सावधान और पूरी तरह से तैयार थी। वह स्टील की मेज पर वापस झुक गया और शशांक के होठों को छुआ, जो उसके चेहरे के बहुत करीब थे। अपना मुँह चौड़ा करके वह शशांक के दोनों होंठों को चूसने और काटने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:43 PM)neerathemall Wrote: शशांक के साथ एक अप्रत्याशित घटना घटी,
इससे पहले कि वह समझ पाता कि हम क्या और कैसे मदद कर सकते हैं।
शिल्पा वाहिनी ने अचानक अपने दोनों हाथों को अपनी सतह पर दबाया और उसे अपने शरीर पर खींच लिया।
बेहोश शशांक शिल्पा वाहिनी के शरीर पर गिरने ही वाला था,
लेकिन वह सावधान और पूरी तरह से तैयार थी।
वह स्टील की मेज पर वापस झुक गया और शशांक के होठों को छुआ,
जो उसके चेहरे के बहुत करीब थे।
अपना मुँह चौड़ा करके वह शशांक के दोनों होंठों को चूसने और काटने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
ह्या धक्क्यातून सावरायला शशांकला काही सेकंदच लागले. सावरल्यावर मात्र त्यानं आपल्या दोन्ही हातांत त्यांचा चेहरा धरला आणि थोडासा मागे नेत त्यांच्या ओठांवर नाजूकपणे आपले ओठ फिरवू लागला. त्या दोघांच्या चेह-यात थोडं अंतर पडताच शिल्पा वहिनींनी मिटलेले डोळे उघडले आणि शशांककडं बघितलं. तोही त्यांच्या डोळ्यांत डोळे घालून हसत हसत त्यांच्या नाकावर आपलं नाक घासू लागला.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शशांक को झटके से उबरने में चंद सेकेंड का समय लगा। हालाँकि, जब वह ठीक हो गया, तो उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और एक कदम पीछे हटते हुए, अपने होंठों को धीरे से उसकी ओर घुमाया। उन दोनों के बीच थोड़ी दूरी के बाद शिल्पा वाहिनी ने अपनी बंद आंखें खोली और शशांक की तरफ देखा। उसने भी अपनी आँखें उनकी आँखों में डाल लीं और मुस्कान के साथ उनकी नाक पर अपनी नाक रगड़ने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:45 PM)neerathemall Wrote: शशांक को झटके से उबरने में चंद सेकेंड का समय लगा।
हालाँकि, जब वह ठीक हो गया, तो उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और एक कदम पीछे हटते हुए,
अपने होंठों को धीरे से उसकी ओर घुमाया।
उन दोनों के बीच थोड़ी दूरी के बाद शिल्पा वाहिनी ने अपनी बंद आंखें खोली और शशांक की तरफ देखा।
उसने भी अपनी आँखें उनकी आँखों में डाल लीं और मुस्कान के साथ उनकी नाक पर अपनी नाक रगड़ने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
कुठल्याही मुलीला पहिल्यांदा किस् करताना अशी हळूवार सुरुवात करायची असते, असं त्यानं असंख्य हिंदी सिनेमांमधे बघितलं होतं. त्याच्या जुन्या मैत्रिणींसोबतचे अनुभवही त्याला आठवत होते. त्या अनुभवांनुसार त्याचं आत्ताचं वागणं अगदी परफेक्ट होतं... असं त्याला वाटत होतं. पण आपला अंदाज चुकलाय, हे त्याला दुस-याच क्षणी लक्षात आलं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
उन्होंने कई हिंदी फिल्मों है कि वह जब पहली बार के लिए किसी भी महिला चुंबन धीरे-धीरे शुरू करना चाहता है में देखा था। उन्होंने अपने पुराने दोस्तों के साथ अपने अनुभवों को भी याद किया। उन अनुभवों के अनुसार उसका व्यवहार अब उत्तम था... उसने सोचा। लेकिन दूसरे ही पल उसे एहसास हुआ कि उसने गलती की है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:46 PM)neerathemall Wrote: उन्होंने कई हिंदी फिल्मों है कि वह जब पहली बार के लिए किसी भी महिला चुंबन धीरे-धीरे शुरू करना चाहता है में देखा था।
उन्होंने अपने पुराने दोस्तों के साथ अपने अनुभवों को भी याद किया।
उन अनुभवों के अनुसार उसका व्यवहार अब उत्तम था... उसने सोचा।
लेकिन दूसरे ही पल उसे एहसास हुआ कि उसने गलती की है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
"माद्दरच्योऽऽद!!" अशी खणखणीत शिवी आणि त्यापाठोपाठ गालावर एक सणसणीत थप्पड, हे दोन्ही आवाज त्या बंदीस्त किचनमधे बराच वेळ घुमत राहिले. नक्की काय झालं हे कळायला शशांकला थोडा वेळ लागला. मगाचच्या किस्साठी तर शिल्पा वहिनींनीच पुढाकार घेतला होता, हे त्याला व्यवस्थित आठवत होतं. उलट त्यानंच त्यांचा चेहरा दूर करत हळूवार प्रतिसाद दिला होता. मग ती शिवी आणि ती थप्पड कशाबद्दल होती?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
"माद्दरच्योऽऽद!!"
!!" गाल पर गाली-गलौज और गाली-गलौज दोनों का सिलसिला काफी देर तक बंद किचन में चलता रहा। शशांक को यह पता लगाने में थोड़ा समय लगा कि वास्तव में क्या हुआ था। वह याद आया कि शिल्पा वाहिनी पिछले चुंबन के लिए पहल की थी। इसके बजाय, उसने अपना चेहरा हटाकर जवाब दिया। तो वह शपथ और वह थप्पड़ किस बारे में था?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,946
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:47 PM)neerathemall Wrote: "माद्दरच्योऽऽद!!"
!!" गाल पर गाली-गलौज और गाली-गलौज दोनों का सिलसिला काफी देर तक बंद किचन में चलता रहा।
शशांक को यह पता लगाने में थोड़ा समय लगा कि वास्तव में क्या हुआ था।
वह याद आया कि शिल्पा वाहिनी पिछले चुंबन के लिए पहल की थी।
इसके बजाय, उसने अपना चेहरा हटाकर जवाब दिया।
तो वह शपथ और वह थप्पड़ किस बारे में था?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
|