Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
माहीत--जानना
घेऊन--ले रहा ,लेना
आशेनं--उम्मीद है कि
शिरला--कर लिया
आठवड्यातून--एक सप्ताह
सुमारास--संक्षेप में
जवळजवळ--लगभग
ठरलेला--निर्णय लिया
हा त्याचा जवळजवळ ठरलेला कार्यक्रम होता---यह उनका लगभग निश्चित कार्यक्रम था,यह उसकी लगभग तय कार्यक्रम था
वाटायचं.--महसूस किया हुआ.Feeled
म्हणजे--बोले तो,
Feeled
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
पस्तिशीतच--दृढ़,निरंतर
शिल्पा वहिनी साधारण शशांकच्या वयाच्या, म्हणजे पस्तिशीतच असाव्यात असा शशांकचा अंदाज होता.---शिल्पा वाहिनी को साधारण शम्भ की उम्र में होने का अनुमान था।,,शिल्पा वाहिनी को साधारण शम्भ की उम्र में होने का अनुमान था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
सगळ्यावर-हर एक चीज़ ,सब कुछ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
केव्हाच --महज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
रात्रीच्या स्वप्नांची -रात के सपने
आठवण याद
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
गोड हसत शिल्पा वहिनी म्हणाल्या--शिल्पा वाहिनी ने प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा--शिल्पा वाहिनी एक मीठी मुस्कान के साथ कहा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
साढ़े दस बजे थे जब शशांक ने अपने पसंदीदा 'स्वाद स्नैक्स सेंटर' का दरवाजा खटखटाया। वह जानता था कि केंद्र के बंद होने का समय आ गया है। वह पार्सल पाने की उम्मीद में अंदर आया था। पिछले छह महीने से वह स्नैक सेंटर के नियमित ग्राहक हैं। उन्होंने चाय और मैगी से लेकर पावभाजी और बिरयानी तक सभी व्यंजन आजमाए थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
साढ़े दस बजे थे जब शशांक ने अपने पसंदीदा 'स्वाद स्नैक्स सेंटर' का दरवाजा खटखटाया। वह जानता था कि केंद्र के बंद होने का समय आ गया है। वह पार्सल पाने की उम्मीद में अंदर आया था। पिछले छह महीने से वह स्नैक सेंटर के नियमित ग्राहक हैं। उन्होंने चाय और मैगी से लेकर पावभाजी और बिरयानी तक सभी व्यंजन आजमाए थे।.................
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शशांक को अपने पसंदीदा 'स्वाद स्नैक सेंटर' के साथ गिरा दिया गया था और रात में आया था। वह जानता था कि केंद्र को बंद करने के लिए लिया गया था। वह नैदानिक पार्सल लेने की उम्मीद में था। पिछले छह महीनों के लिए वह इस स्नैक्स केंद्र के एक रैगुलर ग्राहक बन गए। उन्होंने यहां मैगी में पावातजी और बीरिया को सभी व्यंजनों की कोशिश की थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
जवळ--पास में
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(14-07-2021, 05:02 PM)neerathemall Wrote: "अजून संपलं नाही माझं सांगून," शिल्पा वहिनी पुढं म्हणाल्या, "आत्ता तुम्ही येण्याआधीच एक वयस्कर काका माझ्याशी वाद घालून गेलेत. काय तर म्हणे, इथले सगळे पदार्थ बनवायला रिफाईन्ड तेलच वापरता का हे त्यांना किचनमधे जाऊन बघायचं होतं. मी त्यांना समजावून सांगत होते, पण ते ऐकतच नव्हते. शेवटी मी त्यांना स्पष्ट सांगितलं, खायचं असेल तर खा, नाहीतर दुसरीकडं जा! नुसता वैताग वैताग झालाय आज सकाळपासून..."
(14-07-2021, 05:02 PM)neerathemall Wrote: शिल्पा भाभी ने आगे कहा, "यह अभी खत्म नहीं हुआ है। - अब आने से पहले एक बुजुर्ग अंकल ने मुझसे बहस की है। और क्या है, वे रसोई घर में जाना चाहते थे और देखना चाहते थे कि क्या वे यहां सभी व्यंजन बनाने के लिए रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करते थे । मैं उन्हें समझाता रहा, लेकिन उन्होंने एक न सुनी। अंत में, मैंने उन्हें स्पष्ट कर दिया, यदि आप खाने, खाने या किसी अन्य स्थान पर जाना चाहते हैं! मैं आज सुबह से ही इसके साथ तंग आ गया हूं... "
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
बोलता बोलता त्यांचे डोळे भरुन आल्याचं शशांकच्या लक्षात आलं. त्यांच्या तक्रारींमधे फारसं काही नवीन नसलं तरी शशांक पूर्ण लक्ष देऊन त्यांचं बोलणं ऐकत होता. आत्ता त्यांना हे सगळं कुणाशी तरी बोलायची गरज वाटत होती. आणि या सगळ्या गोष्टी शेअर करण्याइतके आपण त्यांना जवळचे वाटतो, ह्याचा शशांकलाही आनंदच वाटत होता.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शशांक ने देखा कि बोलते-बोलते उसकी आंखों में आंसू आ गए। हालांकि उनकी शिकायतों में कुछ भी नया नहीं था, लेकिन शशांक गौर से सुन रहे थे। उन्हें बस किसी से बात करने की जरूरत थी। और हम यह सब साझा करने के लिए काफी करीब महसूस करते हैं, शशांक भी खुश थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:29 PM)neerathemall Wrote: शशांक ने देखा कि बोलते-बोलते उसकी आंखों में आंसू आ गए।
हालांकि उनकी शिकायतों में कुछ भी नया नहीं था, लेकिन शशांक गौर से सुन रहे थे।
उन्हें बस किसी से बात करने की जरूरत थी। और हम यह सब साझा करने के लिए काफी करीब महसूस करते हैं, शशांक भी खुश थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
स्नॅक्स सेंटरमधलं शेवटचं गि-हाईक बिल देण्यासाठी काऊंटरवर आलं तसा तो बाजूला सरकला. बिल देऊन गि-हाईक बाहेर पडताच शशांक काऊंटरच्या बाजूनं आत गेला आणि खुर्चीवर बसलेल्या शिल्पा वहिनींभोवती आपले हात टाकत त्यांच्या डोक्यावर हळू-हळू थोपटू लागला.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
स्नैक सेंटर से आखिरी जी-हाइक बिल का भुगतान करने के लिए काउंटर पर आते ही वह एक तरफ हट गया। गि-हाइक जैसे ही बिल चुकाकर बाहर आया तो शशांक काउंटर की साइड के अंदर चला गया और कुर्सी पर बैठी शिल्पा वाहिनी के सिर पर धीरे से थपथपाया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
20-07-2021, 04:30 PM
(This post was last modified: 20-07-2021, 04:31 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
(20-07-2021, 04:30 PM)neerathemall Wrote: स्नैक सेंटर से आखिरी जी-हाइक बिल का भुगतान करने के लिए काउंटर पर आते ही वह एक तरफ हट गया।
गि-हाइक जैसे ही बिल चुकाकर बाहर आया तो शशांक काउंटर की साइड के अंदर चला गया और कुर्सी पर बैठी शिल्पा वाहिनी के सिर पर धीरे से थपथपाया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शिल्पा वहिनींना हे अनपेक्षित होतं. याआधी त्या दोघांनी फक्त एकमेकांचे हात हातात घेण्यापुरता स्पर्श केला होता. आज शशांकचा स्पर्श इतक्या जवळून अनुभवताना त्या गोंधळून गेल्या. खुर्चीतून अर्धवट उठत त्या अजूनच त्याच्या मिठीत शिरल्या. त्याच्या मिठीत थरथर कापणा-या त्यांच्या शरीरावरुन आणि थोड्याच वेळात खांद्यावर जाणवलेल्या ओल्या स्पर्शावरुन त्या हुंदके देत रडतायत, हे शशांकच्या लक्षात आलं. एका हातानं त्यांना घट्ट पकडून ठेवत दुस-या हातानं तो त्यांच्या डोक्यावर हलके-हलके थोपटत होता. पहिल्यांदाच त्यांच्या इतकं जवळ गेलेल्या शशांकला शिल्पा वहिनींच्या शरीरातून येणारा घामाचा गंध वेडावत होता. त्या मादक वासानं आणि त्यांच्या शरीराच्या उबदार स्पर्शानं त्याच्या पँटमधे पुन्हा चलबिचल सुरु झाली. मोठ्या मुश्किलीनं आपल्या भावनांवर ताबा ठेवत तो त्यांना थोपटत राहिला.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 83,993
Threads: 839
Likes Received: 10,894 in 9,030 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
116
शिल्पा वाहिनी के लिए यह अप्रत्याशित था। इससे पहले दोनों ने सिर्फ एक दूसरे का हाथ छुआ था। आज जब शशांक के स्पर्श को इतने करीब से महसूस किया तो वह भ्रमित हो गई। कुर्सी से आधा ऊपर, वह अभी भी उसकी बाँहों में टिकी हुई थी। शशांक ने देखा कि उसका शरीर उसकी बाहों में कांप रहा था और थोड़ी ही देर में वह अपने कंधों पर गीले स्पर्श के कारण रो रहा था। वह उन्हें एक हाथ से कस कर पकड़ रहा था और दूसरे हाथ से सिर पर हल्के से थपथपा रहा था। उनके इतने करीब आए शशांक को पहली बार शिल्पा वाहिनी के शरीर से आ रहे पसीने की गंध आ रही थी. उस सेक्सी महक और उसके शरीर के गर्म स्पर्श ने उसकी पैंट को फिर से फड़फड़ाने पर मजबूर कर दिया। बड़ी मुश्किल से वह अपनी भावनाओं पर काबू रखता रहा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
|