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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#41
Heart 
आपकी खातिर.

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" मेरा Purse कहाँ है निहारिका ? ". आदित्य ने पूछा.

" एक साल दो महीने हो गयें हमारी शादी को... आपको अब तक मेरी आदत छूट जानी चाहिये थी. " निहारिका पीछे से आई और अपने पति को उसका Purse देते हुए उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली.

" एक साल तीन महीने... ". आदित्य ने अपनी पत्नि की गलती सुधारते हुए कहा. " और हाँ... आदत छूटी नहीं है, तुम्हारी आदत पड़ गई है. "

" इतना रोमांस लाते कहाँ से हो ? ". निहारिका ने हँस कर कहा. " अच्छा सुनो... शाम को ऑफिस से जल्दी आ रहे हो ना ? ".

" इतना Miss करोगी मुझे सारा दिन ??? ".

" Miss नहीं... आज आप मेरी Jewellery लाने वाले हो. "

" अरे हाँ... Ofcourse. "

" याद नहीं था ना आपको... I Know. "

जवाब में आदित्य ने अपनी पत्नि के गाल पर एक Kiss किया और कमरे से बाहर निकल गया . निहारिका कमरे की खिड़की का पर्दा हटा कर बाहर की ओर देखती रही जब की आदित्य घर से बाहर निकल कर अपनी Car में बैठ नहीं गया, उसने उसे हाथ दिखा कर Bye किया और वापस कमरे में आकर बिस्तर ठीक करने लगी.

" बीवी जी... ". तभी घर की बाई अंदर आकर बोली.

" बोल मालती... ". निहारिका ने उसकी ओर देखे बिना ही अपना काम करते हुए कहा.

" मैं जा रही हूं बीवी जी. नाश्ता बना दिया है, Lunch भी, घर साफ कर दिया... कपड़े बस धोने बाकि हैं. "

" कपड़े आज छोड़ दे... शाम को आ जाना... चल जा. "

घर की बाई मालती चली गई. कुछ देर बाद निहारिका अपने बेडरूम से निकल कर बाहर Drawing Room में गई. Drawing Room में पहले से ही खाने के टेबल पर उसके ससुर जी, जेठ जी ( पति के बड़े भैया ) और छोटा देवर बैठे हुए थें. निहारिका ने घर का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और फिर वहाँ से लौटते वक़्त सबसे पूछा.

" नाश्ता लगा दूं क्या आप सबको ? ".

" हाँ भाभी... बहुत भूख लगी है. ". छोटे देवर आशीष ने कहा, जेठ जी राजेश, और ससुर जी चुप रहें.

निहारिका वापस अपने कमरे में आई और अपनी नाईटी खोल दी. अंदर उसने लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी, उसने अपनी ब्रा भी खोल दी पर पैंटी पहने रही. उसने अपने बंधे हुए काले बाल भी खोल कर अपने कंधे पर फैला लिये और उसी हालत में किचन की तरफ चल पड़ी.

किचन में उसने देखा की बाई नाश्ते में ओमलेट और टोस्ट बना कर गई है. उसने अपना और घर के बाकि सदस्यों का नाश्ता Tray में लिया और Drawing Room में वैसे ही अधनंगी अवस्था में आ गई. अपने देवर और जेठ जी के बीच में खड़ी होकर वो खाने के टेबल पर नाश्ता लगाने लगी.

" ये पैंटी कब खरीदी भाभी ??? ". आशीष ने अपने बगल में खड़ी निहारिका की गांड़ पर हाथ फेरते हुए पूछा.

" मेरी पैंटी के बारे में पूछ रहे हो तो मेरी गांड़ क्यूं छू रहे हो देवर जी ??? ". निहारिका उसकी ओर देखे बिना ही मुस्कुरा कर बोली.

" खाने के वक़्त नहीं आशीष... ". ससुर जी ने अपने छोटे बेटे को मना किया, फिर निहारिका को घूरते हुए बोला. " वैसे जंच रही हो रेड पैंटी में... बहु ! ".

निहारिका ने मुँह में ही अपनी हँसी दबा ली पर उसके जेठ जी और देवर जी हँसने लगे.

" इतना भी मज़ाक उड़ाने की ज़रूरत नहीं... आजकल ऐसी हो पैंटी का प्रचलन है. ". कहते हुए निहारिका ने अपनी पैंटी उतार कर वहीं खाने के टेबल पर उन सबकी Plates के बीच में रख दी और खुद अपने ससुर जी के बगल में पूरी नंगी बैठ गई नाश्ता करने के लिये !!!

उसके जेठ जी ने उसकी पैंटी हाथ में उठा ली और सूंघ कर बोले. " हम्म्म्ममममममम... खुशबु तो अच्छी है... रात को पहन कर सोई थी क्या ??? ".

" छी... आपलोग दिन ब दिन गंदे और बेशरम होते जा रहे हो. ". निहारिका ने कहा, और फिर अपने ससुर जी की ओर मुँह करके बोली. " और बाबू जी आप भी... ".

" मैंने क्या किया बहु ? ". ससुर जी हँसने लगें................

चारों फिर इधर उधर की बातें करते हुए नाश्ता करने लगें.

" अच्छा आज पहले कौन चोदेगा ? ". कुछ देर बाद निहारिका ने खाते खाते पूछा. " आज आदित्य शाम को जल्दी घर आ जायेंगे... "

" मुझे कॉलेज जाना है भाभी... पहले मुझे करने दो ना. ". आशीष ने कहा.

" वैसे मैं आज कुछ और सोच रही थी... ". निहारिका ने कहा.

" क्या ? ". जेठ जी ने पूछा.

" देखती हूं... बताती हूं. " निहारिका ने कुछ सोचते हुए कहा.

" भाभी एक बात पूछूं ? . " आशीष बोला.

" बोलिये ना देवर जी... ".

" आपको बुरा नहीं लगता ? ".

" क्या देवर जी ? ".

" वही... आदित्य भैया के बारे में ! ".

निहारिका एकदम से चुप हो गई.

" बहु... तूमने फिर कभी Try किया था क्या ? ". इस बार ससुर जी ने कहा.

" रोज़ करती हूं बाबू जी... पर उनमें कोई हरकत ही नहीं होती. कोई उत्तेजना ही नहीं आती. ". निहारिका खाते खाते रुक गई.

" मन छोटा मत करो निहारिका... ". जेठ जी ने कहा.

" आदित्य भैया का लण्ड थोड़ा सा भी खड़ा नहीं होता क्या ??? ". आशीष ने पूछा, फिर ये सोच कर की कहीं भाभी को बुरा ना लगे, थोड़ा संभल कर बोला. " I Mean... Sorry भाभी... मेरा मतलब है आप इतनी सुंदर हो फिर भी... ".

" अगर होता तो आज मैं इस तरह से... ". कहते कहते निहारिका रुक गई. फिर मुस्कुरा का बोली. " मगर वो मुझे बहुत प्यार करते हैं... और मुझे इस बात की खुशी है. मेरे लिये इतना काफी है. ".

ससुर जी ने निहारिका के कंधे को सहलाते हुए उसे सांत्वना दी.

सबका नाश्ता खत्म हुआ तो निहारिका ने सारे Plates उठा लिये पर अपनी पैंटी वहीं टेबल पर छोड़ दी.

" वैसे भाभी आप कुछ बताने वाली थीं सोच कर... ". आशीष ने कहा.

" आकर बताती हूं... ". नंगी निहारिका वहाँ से जाते हुए बोली. देवर, जेठ जी और ससुर जी घर की बहु की थिरकते हुए चूतड़ देखते रहें.


[Image: IMG-20200506-023950.jpg]

निहारिका घर में नंगी घूमती रही और घर के छिट पुट काम निपटाये, एक आध कपड़े धोये और यही सब करते करते दिन के 11 बज गयें.
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#42
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निहारिका वापस Drawing Room में आई तो उसने देखा की उसके ससुर जी, देवर और जेठ जी अभी भी खाने के टेबल पर ही बैठे थें.

" कितने Lazy हो गये हो आप तीनों... ". निहारिका बोली.

वो अपनी पैंटी लेने आई थी पर उसने देखा की टेबल पर उसकी पैंटी नहीं थी.

" मेरी कच्छी कहाँ है ??? ". निहारिका ने पूछा और जवाब का इंतजार किये बिना ही आशीष का कान पकड़ कर ज़ोर से मरोड़ दिया, उसे पूरा यकीन था की ये हरकत उसके शैतान देवर की ही है.

" भाभी... मैंने नहीं लिया... I Swear ! ". आशीष बेचारे की गर्दन टेढ़ी हो गई.

निहारिका अपने ससुराल वाले इन मर्दों की आदतों से अच्छी तरह वाकिफ थी, वो चुपचाप अपने देवर को छोड़ कर अपने ससुर जी के पास गई तो उसने देखा कि उसके ससुर जी ने उसकी लाल पैंटी अपनी गोद में लुंगी में दबा रखी है. निहारिका ने नक़ली गुस्से भरी बड़ी बड़ी आँखों से अपने ससुर जी को देखा और अपनी पैंटी उठा ली.

" अभी मत लीजिये बाबू जी... एकदम नई है ना. पिछले Sunday को ही लाये थें आदित्य... ". अपने ससुर जी का मायूस चेहरा देख कर निहारिका को हँसी आ गई तो उसने उन्हें समझाते हुए कहा. " एक दो महीने पहन लूं , फिर दे दूंगी. "

" दे दीजिये पापा... पैंटी थोड़ी पुरानी पहनी हुई हो तो अच्छा रहता है... शरीर के अंदरुनी अंगों कि गंध उसमें समा जाती है. ". जेठ जी बोलें. " जैसे निहारिका कि ब्लैक कलर वाली पैंटी से अभी तक कितनी मादक महक आती है... ".

" भाभी ? राजेश भैया को आपने अपनी पैंटी दे रखी है ??? और मुझे ? ". आशीष ने कहा.

" हर बात में अपने पापा और भैया से Competition मत किया कीजिये देवर जी... वो लोग आपसे बड़े हैं ना. ". निहारिका बोली , और फिर डांटते हुए पूछा. " और कॉलेज क्यूं नहीं गये आप आज ? ".

आशीष के पास कोई जवाब नहीं था.

" ऐसा मत कीजिये देवर जी... मैं कहाँ भागी जा रही हूं ? ". निहारिका ने कहा, आशीष ने अपना सिर झुका लिया, निहारिका फिर अपने जेठ जी से बोली. " और आपका क्या बहाना है Showroom नहीं जाने का ? ".

" अरे बाबा... Market के एक दुकानदार कि मौत हो गई है, अभी दो दिन तक हम लोग कोई दुकान वगैरा नहीं खोलेंगे. ". राजेश ने कहा, उसका एक अच्छा खासा बड़ा कपड़ों का Showroom था उस शहर में.

निहारिका ने इस तरह से अपना सिर हिलाया जैसे कि बोलना चाह रही हो कि " आप लोग कभी नहीं सुधरोगे " पर बिना कुछ बोले अपनी पैंटी लेकर वहाँ से चली गई.

निहारिका घर में नंग धड़ग घुम रही थी और फिर भी उसके ससुर जी, देवर और जेठ जी का आचरन सामान्य था, इसका ये मतलब नहीं था कि वो सेक्सी नहीं थी, बल्कि बात तो ये थी कि उन सबको इसकी आदत पड़ चुकी थी अब !

वैसे 30 साल कि निहारिका देखने में खूबसूरत तो थी ही पर उसकी खासियत उसकी सुंदरता नहीं बल्कि उसका बदन था. उसकी चुचियाँ बड़ी बड़ी थीं लेकिन नीचे लटकी हुई ना होकर ऊपर कि ओर टाईट उठी हुई थीं. वो अपने कांख ( Armpit ) के बाल नियमीत रूप से शेव करती थी पर उसे चूत का झांट छीलना पसंद नहीं था. उसके झांट काफी घने आते थें, इसलिये वो उन्हें कैची से इस कदर Trim करके रखती थी की उसका तिकोना झांट उसकी बूर को ढंक कर भी रखे और थोड़ी बहुत चूत की फूली हुई Lips भी दिखे. उसका पेट, जो की हल्का सा निकला हुआ था और इसी वजह से सेक्सी लगता था, नीचे मुड़ कर उसकी चूत में जाकर गायब हो रहा था और पीछे की ओर बड़ी गांड़ में तबदील होकर बाहर निकला हुआ था. उसकी गदराई जांघे आपस में सटी हुई रहती थीं और इसी कारण अगर वो नंगी भी खड़ी रहती थी तो उसकी बूर उसकी जांघों के बीच इस कदर छुप जाती थी की उसके दर्शन हो पाना मुश्किल था.


[Image: IMG-20200506-235625.jpg]


कुछ देर बाद निहारिका फिर से वापस आई और इस बार Drawing Room में पड़ी Fridge को खोल कर साफ करने लगी.

" तुम्हारा काम ख़त्म नहीं हुआ बहु ? ". ससुर जी की आवाज में अब थोड़ी सी बेचैनी थी.

" घर में तीन तीन मर्द अगर काम में हाथ ना बटाने की ठान लें तो काम कभी ख़त्म होगा क्या बाबू जी ??? ". निहारिका तपाक से बोली, मानो उसका जवाब रेडी था.

तीनों की बोलती बंद हो गई और वो एक दूसरे को देखने लगें. फिर जेठ जी ने कुछ Notice किया और बोलें.

" निहारिका... आज तूम कुछ अलग लग रही हो. "

" जैसे की ? ". निहारिका ने बिना पीछे मुड़े ही पूछा.

" कुछ तो है... Wait. ". जेठ जी बोल कर कुछ सोचने लगे. आशीष और ससुर जी ने कोई ध्यान नहीं दिया क्यूंकि उन्हें पता था की राजेश Flirt कर रहा था.

" Got It ! ". जेठ जी को समझ में आ गया. " आज तूमने पायल पहन रखी है... ".

" और ? ". निहारिका मन ही मन मुस्कुरा रही थी.

जेठ जी उठ कर Fridge साफ कर रही निहारिका के पीछे गयें, फिर उसे अपनी ओर घुमा कर बोलें .

" और तुम्हारी ये करधनी. ".

राजेश की बात सुन कर आशीष और ससुर जी अब निहारिका को देखने लगें. उसने सही Notice किया था... आज निहारिका ने एक करधनी पहन रखी थी. वैसे तो वो धागे की बनी एक पतली सी साधारण सी करधनी थी, पर निहारिका के बदन पर उसकी वजह से चार चाँद लग गयें थें ! निहारिका ने करधनी कमर से थोड़ी ऊपर पेट पर पहनी थी जो की उसकी नाभी से होकर गुजर रही थी. करधनी टाईट थी, उसके सामने की ओर दो छोटे छोटे सुंदर से मोती झूल रहें थें, नाभी के एकदम पास में !

" भाभी एकदम रति की देवी लग रही है ना इस करधनी में पापा ? ". आशीष ने अपने पिता की ओर देख कर कहा.


[Image: IMG-20200507-022121.jpg]


" रात को आदित्य को रिझाने के लिये पहनी थी क्या ? ". राजेश ने मज़ाक किया.

" ये सेक्स या स्टाइल के लिये नहीं है जेठ जी... इसकी ताबीज़ सुख समृद्धि के लिये है. मेरी मम्मी ने दी थी शादी के वक़्त. ". निहारिका ने कहा.

" इसकी ताबीज़ तो दिख नहीं रही... ". जेठ जी ने निहारिका की कमरे निहारते हुए कहा.

" इस तरफ है... ". निहारिका घूम कर जेठ जी को अपनी गांड़ दिखाते हुए बोली. उसकी गांड़ वाली Side में करधनी से एक छोटा सा ताबीज़ लटक रहा था.

" ताबीज़ पीछे क्यूं कर रखा है ? ". जेठ जी ने पूछा.

" चूत वाली Side में रखने से अपशकुन होता है. ".

" जो भी हो... अच्छी लग रही हो इसमें. हमेशा पहन कर क्यूं नहीं रहती ? " . जेठ जी की नज़र नीचे ही थी.

" बहुत टाईट है जेठ जी... देखिये ना. इसलिये बस कभी कभार ही पहनती हूं. ". निहारिका ने मुँह बना कर नीचे अपनी करधनी को देखते हुए कहा.

" अभी ठीक किये देता हूं... ". जेठ जी ने कहा. उसने देखा की करधनी वाकई में काफी टाईट थी. उसे निहारिका की कमर वाली तरफ करधनी की एक गाठ मिली, उसने थोड़ी सी मसक्कत के बाद वो गाठ ढीली कर दी तो करधनी सरक के निहारिका की कमर से भी नीचे आ गई और उसके चूतड़ के उभारों पर टिक गई. अब ढीली करधनी सामने की ओर इतने नीचे आ गई थी की दोनों छोटे छोटे मोती उसकी चूत के आगे झूलने लगें, मानो चूत देवी की पहरेदारी कर रहें हों !!!

" अब ठीक है ? ". जेठ जी ने पूछा.

" बेहतर है जेठ जी... So Sweet Of You ! ". निहारिका की खुशी का ठिकाना ना रहा.

निहारिका की करधनी अब जब उसकी कमर के नीचे चूत पर से होकर लिपटी पड़ी थी तो वो बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लगने लगी थी. आशीष की आँखे बड़ी हो गई और ससुर जी का मुँह खुला का खुला ही रह गया.

निहारिका ने देखा की ये सब करते करते जेठ जी थोड़े से उत्तेजित हो गयें थें, उनका लण्ड पजामे में आधा खड़ा साफ झलक रहा था. उसने आँखे उठा कर जेठ जी को देखा, दोनों की नज़रें मिली और दोनों को अंदर ही अंदर इशारे में समझ आ गया की अब क्या करना है.

निहारिका ने Fridge का दरवाजा बंद कर दिया और अपने दाये हाथ में जेठ जी लौड़ा उनके पजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया, फिर बिना एक शब्द मुँह से निकाले उनके लण्ड से उन्हें खींचते हुए वहाँ से अपने बेडरूम की ओर चल पड़ी. राजेश अपना लण्ड खड़ा किये उसके पीछे पीछे ऐसे चला गया मानो निहारिका ने अभी अभी उसे किसी मंत्र से अपने वश में कर लिया हो !!!


[Image: IMG-20200507-022209.jpg]


आशीष और ससुर जी समझ गयें की निहारिका अब राजेश को कमरे में ले जाकर चुदवायेगी ! उनके चेहरे पर Frustration साफ झलक रही थी. दोनों बेचारे बेवकूफ़ों की तरह ललचाई नज़रों से जाती हुई निहारिका के गांड़ पे थिरकते उसकी करधनी को देखते रहें.
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#43
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" देखा पापा... आज भी राजेश भैया ही पहले भाभी को चोद रहें हैं... ". आशीष अपने पिता से बोला. " और पहला दूसरा तो छोड़ ही दीजिये... मुझे तो दो दिनों से चोदने नहीं मिल रहा. "

" मैंने भी बहु को तीन चार दिन से नहीं चोदा है बेटे... तो क्या ? ". ससुर जी ने थोड़ी सख्ती से कहा. " औरतों की भी अपनी पसंद नापसंद होती है... Maybe उसे राजेश ज़्यादा पसंद हो. और फिर ये मत भूलो की वो तुम्हारी भाभी है और मेरे मझले बेटे और तुम्हारे भैया आदित्य की धर्मपत्नि ! फिर भी उसका हम तीनो से सम्बन्ध है... सिर्फ इसलिये क्यूंकि उस बेचारी को एक विवाहित स्त्री का सुख नहीं मिल रहा. "

" जिसको देखो मुझे ही ज्ञान देने पर तुला हुआ है... ". आशीष धीरे से बुदबुदाया.

" What Did You Say ??? ". गुस्से में ससुर जी आगे बोलने ही वाले थें की राजेश वहाँ आ गया.

" पापा... आशीष... चलो... निहारिका बुला रही है. ". राजेश ने कहा और उन दोनों का वेट किये बिना ही चला गया. आशीष और उसके पिता ने एक दूसरे को सवालिया नज़रों से देखा और उठ कर उसके पीछे पीछे हो लियें.

अंदर निहारिका अपने बेडरूम में पलंग के किनारे अपनी टांगे एक के ऊपर एक चढ़ा कर बैठी थी.

" किसको चोदना है मुझे आज ??? ". निहारिका ने सामने खड़े तीनों मर्दों की आँखों में बारी बारी से देखते हुए पूछा.

" ऐसी बात नहीं है बहु. तुम्हारा जिसके साथ मन हो... ". ससुर जी ने कहा.

" हम्म्म्म... मैंने सुबह कहा था ना की मैं कुछ सोच रही हूं. ". निहारिका ने बोलना शुरू किया. " तो ऐसा है की मैं सोच रही हूं की क्यूं ना आप तीनों मेरा बदन एक साथ भोगें !!! "

" You Mean... Gangbang... भाभी ??? ". आशीष ने पूछा.

" Well देवर जी... Gangbang तो आपकी Generation ने नाम दिया है. हमें कोई Porn Film तो बनानी है नहीं ! मैं तो बस इतना कह रही हूं की मैं एक औरत हूं जो एक साथ तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. "

" Idea बुरा नहीं है... ". ससुर जी ने कहा.

" क्या Idea बुरा नहीं है पापा ? ऐसा थोड़े ही होता है. ". राजेश बोला. " और फिर हमारी Privacy का क्या ? I Mean जब हम निहारिका के साथ अकेले होतें हैं तो बहुत सारी गंदी गंदी चीज़े करते हैं. पर एक साथ Group Sex में हम खुल कर Enjoy नहीं कर पायेंगे. "

" जब लण्ड खड़ा होता है ना जेठ जी, तो सारी Privacy निकल जाती है. ". निहारिका ने कहा. " चलिए ना कुछ नया Try करें. ". और फिर आशीष की ओर देख कर बोली. " और फिर देवर जी की शिकायत भी दूर हो जायेगी की मैं आपलोगों से भेदभाव करती हूं. "

" Sorry भाभी... मेरा वो मतलब नहीं था. ". आशीष ने सिर झुका कर कहा, वो समझ गया की भाभी ने शायद उसकी बात सुन ली थी. वो आगे बोला. " मैं पापा से सहमत हूं. ". फिर राजेश की ओर देख कर कहा. " चलो ना राजेश भैया... करतें हैं. हम तो एक ही परिवार के लोग हैं, इसमें कैसा शर्माना ? ".

" हाँ जेठ जी... आप तीनों में देवर जी का लौड़ा सबसे छोटा है... जब उन्हें कोई शर्म नहीं तो आप सब क्यूं हिचक रहें हैं. ". निहारिका ने माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिये हँसते हुए मज़ाक किया. फिर बोली. " चलो... पहले अपने अपने कपड़े तो उतार कर शुरुआत करो... ".

तीनों ने एक दूसरे को देखे बिना अपने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पूरी तरह से नंगे हो गयें. शर्म तो आना स्वाभाविक था, सो तीनों अपना नंगा लण्ड अपने हाथों से छुपाये खड़े रहें.

" ऐसे नहीं चलेगा... चलिए... लण्ड पर से हाथ हटाईये ! ". निहारिका ने कहा.

तीनों ने अपने हाथ हटा लिये और सिर झुकाये खड़े रहें. राजेश, जिसका लण्ड अभी अभी कुछ देर पहले निहारिका की करधनी ठीक करते करते पूरा खड़ा हो गया था, अब एकदम ढीला पड़ कर लटक रहा था. 35 साल के राजेश का लण्ड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था, लण्ड का सुपाड़ा आधा बाहर झांक रहा था. 21 साल के आशीष का लण्ड 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था, उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह से ढंका हुआ था. 54 साल के ससुर जी अपनी उम्र के बावजूद काफी चुस्त तंदरुस्त थें. उनका लण्ड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था, उन्होंने अपना गुलाबी सुपाड़ा खोल रखा था.

" एक दूसरे को देखने की ज़रूरत नहीं है... आपलोग मुझ पर Concentrate करिये. ". निहारिका ने कहा, जब उसने देखा की शर्म की वजह से उन तीनों का लण्ड एकदम ढीला पड़ा हुआ है . " इधर आइये... मेरे पास. "

तीनों मर्द पलंग पर बैठी निहारिका के सामने जा खड़े हुए, आशीष बीच में था, राजेश उसके दाहीने और ससुर जी उसके बाये तरफ.

निहारिका ने अपने एक एक हाथ में राजेश और ससुर जी का लण्ड पकड़ा और फिर आगे बढ़ कर आशीष के लण्ड को चुम लिया. राजेश और ससुर जी के लण्ड को कुछ देर तक हिलाने के बाद वो उन दोनों का लण्ड अपनी दाई और बाई गाल पे घिसने लगी. ये देख कर आशीष आगे बढ़ कर अपना लण्ड भाभी के होठों और नाक पर रगड़ने लगा. उन तीनों के लण्ड में थोड़ा बहुत तनाव आना शुरु हो गया था पर लौड़े अभी तक पूरे खड़े नहीं हुए थें.


[Image: IMG-20200508-040324.jpg]


निहारिका अब पलंग से उठ कर उन तीनों के बीच खड़ी हो गई.

क्या नज़ारा था वो, एक मदमस्त काया वाली सुडौल नंगी औरत तीन तीन नंगे मर्दों के बीच खड़ी थी ! निहारिका ने अपने होंठ आशीष के होठों से सटा दिये तो आशीष आंखे बंद करके उसे चुमने लगा. निहारिका ने उसका लण्ड अपनी नाभी में चुभता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई की अब वो उत्तेजित हो रहा है. इधर राजेश ने निहारिका की एक चूची हाथ में लेकर दबाना शुरु कर दिया और अपना लण्ड उसके चूतड़ पर रगड़ने लगा. ससुर जी निहारिका की दूसरी चूची मसलने लगें और गर्दन और कंधे को चुमते हुए अपना लण्ड उसकी कमर में करधनी से फंसा कर घिसने लगें.

निहारिका को खुशी थी की धीरे धीरे उसके देवर जी, जेठ जी और ससुर जी अब खुल रहें थें. वो बीच बीच में उन तीनों का लण्ड बारी बारी से अपने हाथ में लेकर उनका मूठ मार देती, फिर उन्हें उनके हाल पर फ्री छोड़ देती अपने जिस्म के साथ खेलने के लिये. तीनों मर्द अपने बीच फंसी नंगी खड़ी निहारिका को चुमते सहलाते रहें !!!


[Image: IMG-20200508-040403.jpg]


आशीष थोड़ा नीचे झुक कर अपनी भाभी के मम्मे चुमने लगा और अपना लण्ड उसकी जांघ पर रगड़ने लगा . निहारिका ने अपनी एक चूची अपने हाथ मे पकड़ कर उसके मुँह में दे दी और अपने देवर जी को दूध पीलाने लगी. ससुर जी ने अपना हाथ बहु की चूत में एक बार डाल कर बाहर निकाल लिया और अपनी उंगलियां सूंघने लगें. जेठ जी ने निहारिका की गांड़ की दरारों में अपना हाथ घुसा दिया, उसकी गांड़ की छेद को घिसा, और फिर हाथ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियां सूंघते हुए उसकी गांड़ की मादक महक का जायज़ा लेने लगें.

आशीष अब अपनी घुटनों पर निहारिका के सामने बैठ गया, उसकी चूत पर से करधनी हटा कर भाभी की बूर का गंध सूंघा, और फिर मुँह अंदर डाल कर भाभी की चूत चुमने चाटने लगा. जेठ जी और ससुर जी निहारिका के दोनों ओर खड़े होकर उसकी एक एक चूची मुँह में लेकर उसका दूध पीने लगें. कुछ देर बाद आशीष उठ कर भाभी के पीछे चला गया तो उसकी जगह ससुर जी बैठ कर निहारिका की चूत चाटने लगें. आशीष अब भाभी के पीछे खड़ा उसकी पीठ चुमने लगा. ससुर जी जब उठे तो निहारिका की चूची मुँह से निकाल कर अब जेठ जी उसकी जांघों के बीच घुस गयें. इधर ससुर जी अब खड़े होकर निहारिका को बेतहासा चुमने लगें.


[Image: IMG-20200508-040532.jpg]


करीब 40 मिनट तक देवर जी, जेठ जी और ससुर जी बारी बारी से निहारिका का दूध पीते रहें, उसे चूमते रहें, उसकी चूत बारी बारी से चाटी, और उसकी चूतड़ को मसलते रगड़ते रहें.

" आआह्ह्ह्ह... बस करिये !!! ". अपनी बारी आने पर अभी आशीष अपनी भाभी की चूत चाट ही रहा था की निहारिका ने उसका बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे उठने का इशारा किया. आशीष उठ खड़ा हुआ. उन तीनों ने देखा की निहारिका का बदन काँप रहा है, वे समझ गयें की घर की बहु अब झड़ने वाली है !!!


[Image: IMG-20200508-040458.jpg]


तीनों ने मिल कर निहारिका को पकड़ लिया ताकि चरमोत्कर्ष के समय अति उत्तेजना से वो गिर ना जाये. निहारिका ने अपनी काँपती टांगे फैला कर अपनी बूर खोल ली और अपना पानी नीचे ज़मीन पर गिराने लगी. दस मिनट तक निहारिका के देवर जी, जेठ जी और ससुर जी उसे उसी हालत में थामे खड़े रहें और निहारिका नंगी खड़ी खड़ी झड़ती रही !!!
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#44
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जब निहारिका थोड़ी सी शांत हुई तो उसने Thanks के रूप में अपने देवर, जेठ जी और ससुर जी को मुस्कुरा कर एक एक Kiss किया. उसने देखा की अब तीनों का लण्ड अपने चरम तनाव पे था, उनकी शर्म और हिचक अब जाती रही, तीनों निर्लज्ज की तरह घर की नंगी बहु के सामने अपना अपना खड़ा लौड़ा लिये खड़े थें. अब उनकी बारी थी !!!

निहारिका उनके बीच ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गई, ठीक वहाँ जहाँ उसने अपना चूत रस अभी अभी गिराया था. तीनों मर्दों का लण्ड अब उसके चेहरे के सामने था. निहारिका ने बारी बारी से तीनों का लण्ड हाथ में पकड़ कर हिलाना और चूसना शुरु कर दिया. वो एक लण्ड करीब 10 सेकंड तक हिलाती और चूसती और फिर दूसरे लण्ड की ओर मुड़ जाती. तीनों शांति से चुपचाप खड़े अपना लौड़ा चूसवाने के Turn का वेट करतें. उसने अभी अपना तीसरा Round पूरा किया ही था की तीनों लण्ड एकदम से सख्त हो गयें, वो समझ गई की अब इन बेताब लौड़ों की उल्टी निकलने वाली है !

सबसे पहले ससुर जी झड़े. उन्होंने अपना मूठ मार कर नीचे ज़मीन पर निहारिका के चूत के पानी के ऊपर गिरा दिया. दो सेकंड बाद आशीष ओर राजेश लगभग एक ही साथ स्खलित हुए, दोनों ने भी उसी जगह पर अपना वीर्य गिरा दिया. निहारिका बैठे बैठे ही उन सबके पेट ओर जांघे सहलाते हुए उन्हें शांत करती रही, फिर उठी तो सबने उसे प्यार से Kiss किया.

ज़मीन पर चूत और लण्ड से निकले पानी का मानो एक छोटा सा तालाब बन गया था. निहारिका का चूत रस एकदम पानी जैसा था जबकि तीनों मर्दों का वीर्य एकदम गाढ़ा था, कुल मिला कर ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ पानी के ऊपर किसी ने दही फेंक दिया हो ! निहारिका ने बिस्तर पर से अपनी नाईटी उठा कर पानी के उस जमाव पर रख दिया ओर अपने पैर से दबाने लगी ताकि नाईटी का कपड़ा सारा पानी सोख ले.

" ये क्या कर रही हो बहु ? ". ससुर जी ने अपना झड़ा हुआ लण्ड मसलते हुए कहा. " तुम्हारी नाईटी गंदी हो जायेगी. "

" बाद में धो लूंगी बाबू जी. अभी इस माल को ऐसे ज़मीन पर छोड़ दिया तो दाग पड़ जायेगा. "

निहारिका जाकर Fridge से ठन्डे पानी का बोतल ले आई और सबने पानी पिया, फिर उसने AC ऑन कर दी, और तीनों के साथ पलंग पर चढ़ कर लेट गई. राजेश और ससुर जी उसके दोनों बगल में लेट गयें, राजेश उसकी चूची में मुँह सटा कर सो गया और ससुर जी ने उसकी कांख ( Armpit ) में अपना चेहरा छुपा लिया. आशीष सामने से भाभी के पेट पर सिर रख कर सो गया.


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" मज़ा आया ना ? आप लोग बेकार में ही हिचक रहें थें. ". निहारिका ने गहरी सांस लेते हुए कहा, पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.

" पता है भाभी... मैं जब भी आपके बेडरूम में आप और आदित्य भैया के बिस्तर पर आपको चोदता हूं तो मुझे बहुत ग्लानि होती है. ". आशीष ने निहारिका की करधनी से खेलते हुए कहा. " हम सबके अपने अपने रूम हैं... फिर आपके शादी वाले बेडरूम में ये सब करना थोड़ा अजीब सा लगता है भाभी. "

" मैं एक शादीशुदा पतिव्रता स्त्री हूं देवर जी... ". निहारिका ने राजेश और ससुर जी का सिर सहलाते हुए कहा. " मेरे लिये ये घर और हम दोनों का ये बेडरूम और ये बिस्तर ही मेरी दुनिया है. मुझे जो करना है इसी बेडरूम में करना है, चाहे वो पति के साथ हो या फिर आपलोगों के साथ. अगर मैं यहाँ से बाहर निकल कर कभी आपके, कभी जेठ जी और कभी ससुर जी के कमरे में जाकर चुदवाती फिरू, तो फिर मुझमे और उन रंडी औरतों में क्या फर्क रह जायेगा जो बिना वजह सिर्फ मस्ती के लिये अपने पतियों को धोखा देती हैं ??? ".

अपनी बहु के ऐसे उच्च विचारों को सुन कर ससुर जी का दिल भर आया, उन्होंने ऊपर उठ कर निहारिका के होंठ चुम लियें और बोलें. " मेरे नालायक बेटे आदित्य को ये एहसास होना चाहिये की उसे कितनी सुशील बीवी मिली है. बहुत Lucky है वो तुम्हें पाकर... ".

" मैंने कहा ना बाबू जी, वो मुझे बहुत चाहते हैं. ". निहारिका ने मुस्कुरा कर कहा और फिर अपने ससुर जी के होठों में अपने होंठ मिला कर Kiss करने लगी.

जेठ जी और ससुर जी एक साथ निहारिका की जांघों से अपनी टांगें रगड़ने लगें तो आशीष समझ गया की दोनों गरम हो रहें हैं. वो अपनी भाभी के ऊपर से उठ कर बिस्तर पर एक तरफ होकर बैठ गया. निहारिका ने अपने बदन के नीचले हिस्से में दो दो लण्ड का घर्षण महसूस किया तो वो समझ गई की ससुर जी और जेठ जी का एक साथ खड़ा हो गया था !!!

" वाह जेठ जी, बड़ी जल्दी आपके लण्ड में जान वापस आ गई. ससुर जी की तरह आप भी Viagra लेने लगें हैं क्या ? ". निहारिका ने मज़ाक किया तो जेठ जी ने हँस कर उसकी चूची पर प्यार से एक थप्पड़ मारा.

निहारिका ने बाई तरफ करवट बदल ली और अपनी दायी टांग ससुर जी के कमर पर चढ़ा दी. ससुर जी समझ गयें की उनकी बहु किस पोज़ में पेलवाने मांग रही है. उन्होंने अपना लण्ड पकड़ कर निहारिका की खुली चूत में घुसेड़ दिया. निहारिका की पीठ और गांड़ अब राजेश की तरफ थी. राजेश भी समझ गया की वो Side लेटे लेटे दोनों लण्ड खाना चाहती है. उसने पीछे से निहारिका की गांड़ की छेद में अपना लण्ड डाल दिया.

निहारिका गांड़ मरवाने की अभ्यस्त भी थी और आदी भी. महीने के कुछ खास दिनों में जब वो घर के इन मर्दों को अपनी चूत का सुख नहीं दे पाती थी, तब ये लोग उसकी गांड़ ही चोदा करते थें !!!


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निहारिका और ससुर जी एक गरमा गरम French Kiss में लीन थें, ससुर जी सामने से उसकी चूत में धक्के मार रहें थें. पीछे से Side मे लेटे लेटे राजेश उसकी पीठ और गर्दन चूमते हुए उसकी गांड़ में अपना लौड़ा अंदर बाहर पेलने लगा. बीच में सोयी बहुरानी Sandwich बनी चुद रही थी.

एक तरफ अलग बैठा आशीष चुपचाप ये सब देखते हुए अपने लण्ड का सुपाड़ा खोले बिना लण्ड का चमड़ा सुपाड़े के ऊपर नीचे कर रहा था. उसका लण्ड पहले वीर्यपात के बाद से अभी तक खड़ा नहीं हुआ था.

जेठ जी और ससुर जी घर की सुशील बहु को ताबड़तोड़ पेल रहें थें. वो उसे एक लय में चोद रहें थें, जैसे की जब ससुर जी का लण्ड उसकी चूत के अंदर होता तो जेठ जी का लण्ड गांड़ के बाहर और फिर जब एक लण्ड गांड़ में पूरा धंस जाता तो दूसरा लण्ड चूत से बाहर होता. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उन दोनों मर्दों ने अपनी लय बदल दी और अब दोनों लण्ड एक साथ बूर और गांड़ में अंदर बाहर होने लगें !

" आअह्ह्ह्हह... ससुर जी धीरे... उफ़्फ़ मम्मी !!! ". निहारिका सिसकारने लगी. " जेठ जी... आअह्ह्ह्ह... हाय... कम से कम आप तो थोड़ा धीरे चोदिये ! ".

निहारिका को अपनी योनि और नितंब दोनों में सहवास का अनुभव था, पर एक साथ नहीं !!!

" अब पता चला बहु... ये Viagra का लौड़ा नहीं है. ". ससुर जी ने हँसते हुए कहा.

लगातार चूत और गांड़ में धक्के पे धक्के लेने से निहारिका की ढीली करधनी खिसक कर उसके पेट तक चढ़ गई थी और उसके दोनों पैरों के पायल छन छन छनकने लगें थें.

आशीष के लिये अब और सह पाना मुश्किल था, वो अपना ढीला पड़ा लण्ड लेकर ही निहारिका के सिरहाने अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपनी भाभी के सुंदर चेहरे पर लण्ड का सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल कर मूठ मारने लगा. चुदती हुई निहारिका ने ऊपर उसकी ओर देख कर शैतानी नज़रों से आँख मारी और उसकी बेचैन हालत पर मुस्कुराने लगी.

बेचारे आशीष का लण्ड अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ था की अति उत्तेजना के कारण उसका वीर्य निकल पड़ा, क्या करें, उसके सामने का नज़ारा ही कुछ ऐसा था ! उसने मूठ मार मार कर अपना सारा माल भाभी के गालों, चेहरे और बालों पर छीड़क दिया.

जेठ जी अब झड़ने के करीब पहुँच गयें तो उन्होंने अपना लण्ड निहारिका की गांड़ से बाहर निकाल लिया और उसकी गांड़ पर ही घिसने रगड़ने लगें. इधर अंतिम के तीन चार धक्के ज़ोर ज़ोर से लगा कर ससुर जी ने अपना लण्ड बाहर खींच लिया और अपनी बहु के पेट, चूत और जांघों पे गाढ़े वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया ! जेठ जी का लण्ड भी जवाब दे गया, उन्होंने निहारिका की कमर को कस कर पकड़ा और उसकी नरम गांड़ को अपने गरम वीर्य के 7 - 8 बड़े बड़े धारों से नहला दिया !!!
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#45
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निहारिका अभी खुद को संभाल ही रही थी की जेठ जी ने अपना झड़ा हुआ लण्ड फिर से उसकी गांड़ में डाल दिया और चोदने लगें.

" माल तो गिर गया ना जेठ जी ? अब भी मन नहीं भरा क्या ? ". निहारिका ने अपने चेहरे पर से देवर जी का वीर्य पोछते हुए परेशान सा मुँह बनाते हुए कहा. " छोड़िये ना... और कितना पेलियेगा ??? ".

जेठ जी ने जैसे कुछ सुना ही नहीं, और पेलना जारी रखा.

करीब दो मिनट तक चोदने के बाद जब जेठ जी का लण्ड शांत हुआ तो ढीला पड़ कर अपने आप बहु की गांड़ से बाहर निकल आया, जेठ जी निहारिका से अलग होकर बिस्तर पर पस्त होकर लेट गयें.

अब ससुर जी अपनी बहु को उसके पीठ के बल पलट कर उसके ऊपर चढ़ गयें और अपना झड़ा हुआ लौड़ा उसकी चूत में ठेल कर फिर से चोदने लगें !


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" ओफ्फो... कब से चोद रहें हैं आप लोग... कम से कम एक बार बाथरूम तो जाने दीजिये ना ससुर जी... पेशाब आया है ! " . अपने ससुर जी के चोदन झटकों से हिलती हुई निहारिका बोली.

" तुम्हें कहीं जाने की ज़रूरत नहीं बहु... हम हैं ना. ". ससुर जी ने हांफते हुए कहा. फिर आशीष से बोलें. " आशीष बेटा... जा ज़रा बाल्टी लेकर आ. ".

आशीष पलंग से उतरा और बाथरूम से नहाने वाली एक Plastic की बाल्टी ले आया और पलंग के बगल में ज़मीन पर रख दिया.

इधर पेलते पेलते ससुर जी अचानक से रुक गयें, उनका शरीर अकड़ गया, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल कर बहु की चूत पे रखा और उसके बदन पर गिर कर उससे लिपट गयें. इसी के साथ उनका लण्ड फिर से झड़ने लगा, लेकिन इस बार उनके लण्ड से बस तीन चार बूंद गाढ़ा वीर्य निकला और निहारिका की बूर पे फ़ैल गया. निहारिका ने ससुर जी को सहला कर शांत किया और फिर उनके भारी शरीर को अपने ऊपर से हटा कर लेटे हुए जेठ जी के ऊपर से होती हुई पलंग से उतर गई.

नीचे ज़मीन पर रखे बाल्टी पर निहारिका ऐसे बैठ गई जैसे लोग Western Toilet पे बैठते हैं ! बगल में खड़े आशीष ने भाभी को पकड़ कर सहारा दिया ताकि वो Disbalance होकर गिर ना जाये. निहारिका को इतनी ज़ोर से सुसु लगी थी की बाल्टी पर बैठते ही उसकी चुदी हुई चूत से छरछरा कर पेशाब निकल पड़ा !!!


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मन भर कर मूतने के बाद निहारिका उठी तो उसी बाल्टी में पेशाब करने के लिये आशीष भी खड़ा हो गया. निहारिका ने देखा की आशीष का अभी अभी झड़ा हुआ लण्ड ठनक गया था, इसलिये उसका पेशाब नहीं निकल रहा था. निहारिका को हँसी आ गई.

" देवर जी... लगता है आपका माल ठीक से नहीं गिरा. आइये... और थोड़ा चोद लीजिये ! ". कहते हुए निहारिका पलंग के किनारे पर अपनी गांड़ टिका कर बैठ गई और अपनी टांगें खोल ली. आशीष खुशी खुशी अपनी भाभी के जांघों के बीच घुस कर खड़ा हो गया. भाभी की चूत पर पेशाब की बूंदे मोतीयों जैसी चमक रही थीं, उन्हें साफ किये बिना ही आशीष ने अपने दोनों हाथों में भाभी की कमर की करधनी पकड़ी और उसे चोदने लगा.

इस दौरान जेठ जी और ससुर जी उठ गयें और दोनों ने बारी बारी से बाल्टी में पेशाब किया, फिर वापस जाकर बिस्तर पर लेट गयें.

करीब 5 - 6 मिनट तक अपनी भाभी को पेलने के बाद आशीष अपने लण्ड में वीर्य का उबाल महसूस करने लगा. उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला और बाल्टी में ही मूठ मार कर माल गिरा दिया. उसका लण्ड ज़ल्दी ही ढीला पड़ गया तो अब उसने बाल्टी में पेशाब भी कर लिया और फिर पलंग पर चढ़ कर लेट गया. निहारिका अब बाल्टी के ऊपर पैर फैला कर खड़ी हो गई, उसने अपना पेट अपने हाथ से दबाया तो उसकी चूत झड़ने लगी पर उसका थोड़ा सा ही पानी निकला. फिर उसने अपनी चूत बिस्तर पर बिछे चादर के कोने में पोछ कर साफ कि और खुद भी पलंग पर चढ़ कर तीनों मर्दों के बीच सो गई...

................................



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देवर जी, ससुर जी और जेठ जी कितनी देर तक सोते रहें उन्हें कुछ याद नहीं. निहारिका कि आवाज़ से सबकी नींद खुली. तब पूरा कमरा पेशाब और लण्ड - चूत के रस कि मिली जुली गंध से महक रहा था !

" Lunch नहीं करना है क्या... चलिए उठिये. ". निहारिका उठ चुकी थी और कमरे में Dressing Table के सामने अपने बाल संवार रही थी.

" यहीं ला दो ना बहु. ". ससुर जी ने अलसाई आवाज़ में कहा.

" बिल्कुल नहीं. खाना तो डिनर टेबल पर ही मिलेगा. ". निहारिका बोली. " आपलोग चलिए, मैं आती हूं... ".

Drawing Room में आकर तीनों ने Wash Basin में हाथ धोये और खाने कि टेबल पर बैठ गयें. किचन से निहारिका खाना लेकर आई जो घर कि बाई मालती बना कर गई थी. फिर सभी उसी तरह नंगे बैठ कर ही खाना खाने लगें !

" बहुत भूख लगी है... आज थोड़ी ज़्यादा ही मेहनत हो गई. ". जेठ जी ने अपनी बगल में बैठी निहारिका कि चूत में हाथ डाला, फिर अपनी उंगलियां सूंघी, और उसी हाथ से खाना खाने लगा.

" छी !!! तंग मत कीजिये ना जेठ जी... खाना खाईये. ". निहारिका ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा और अपनी टांगें Cross करके अपनी चूत छुपा कर बैठ गई और खाना खाने लगी.

Lunch कम्पलीट होते होते दोपहर के 3 बज गयें.

" यार ये सामूहिक संभोग का मज़ा ही अलग है ना ? नशा लग गया हो जैसे. " . ससुर जी ने कहा. " एक बार और करें... क्या कहते हो तूम सभी ? ".

" सामूहिक संभोग ? अच्छा शब्द निकाला है ससुर जी. " . निहारिका हँसने लगी, फिर रोने जैसा Cute चेहरा बना कर बोली. " आपलोग मुझे दोपहर को सोने नहीं देंगे क्या ??? ".

" रात को सो लेना निहारिका... वैसे भी रात भर तो आदित्य तुम्हें हमारी तरह तंग करेगा नहीं. " . जेठ जी ने मज़ाक किया तो आशीष और ससुर जी हँस पड़े.

" धत्त... उनके बारे में कुछ मत बोलिये... मैं कहे देती हूं. " . निहारिका झेप गई. फिर उठ खड़ी हुई और जूठे बर्तन उठाने लगी.

" चलिए भाभी... मैं आपकी हेल्प करता हूं. ". आशीष ने कहा और अपनी भाभी का हाथ बटाने लगा सारे बर्तन किचन तक ले जाने में.
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#46
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किचन में निहारिका और आशीष ने सारे बर्तन Sink में रख दिये और फिर निहारिका ने किचन के Wash Basin से पानी लेकर अपनी चूत भी धो ली.

कमरे में वापस आकर निहारिका ने देखा कि उसके ससुर जी और जेठ जी सोफे पर बैठे हुए सिगरेट पी रहें हैं.

" सोफे पर नहीं... गंदा हो जायेगा. बिस्तर तो गंदा कर ही दिया है आपलोगों ने. ". निहारिका ने कहा, वो समझ गई कि उसे सोफे पर चोदे जाने का प्लान बनाया जा रहा है.

" गंदा नहीं होगा... Relax. ". जेठ जी ने कहा और उठ कर पलंग से चादर खींच लायें, और ससुर जी कि मदद से इस तरह सोफे पर बिछा दिया कि सोफा पूरी तरह से ढंक गया. फिर दोनों सोफे पर अगल बगल बैठ गयें.

" लीजिये भाभी... आपकी Problem Solve हो गई... आज कोई बहाना नहीं चलेगा. ". आशीष ने निहारिका के चूतड़ पर कस कर एक तमाचा मारा. निहारिका ने गुस्से से पीछे मुड़ कर उसे देखा, मुस्कुराई, और फिर सोफे कि ओर बढ़ चली.

" इतना Torture मत कीजिये लण्ड को... कहीं हार्ट अटेक ना आ जाये ! ". निहारिका ने हँसते हुए कहा. वो ससुर जी और जेठ जी के सामने अपनी कमर पर हाथ दिये खड़ी दोनों के लण्ड कि हालत पर तरस खाने लगी.

दरअसल दोनों मर्दों का लण्ड एकदम ढीला पड़ गया था, पर उनके चोदने कि इच्छा थोड़ी सी भी कम नहीं हुई थी. ससुर जी ने अपना सिगरेट ज़मीन पर फेंक दिया और निहारिका को उसकी कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया. अब निहारिका कि चूत ससुर जी के चेहरे के सामने थी . ससुर जी ने सीधे अपना मुँह बहु कि जांघों के बीच घुसा दिया और बहु कि चूत चूमते चाटते हुए मूठ मार कर अपना लौड़ा खड़ा करने कि कोशिश करने लगें !

आशीष ने देखा कि पलंग से चादर खींचने के दौरान भाभी कि Red वाली पैंटी नीचे ज़मीन पर गिर गई थी. उसने भाभी कि पैंटी उठा ली और सूंघते सूंघते वहीं खड़ा खड़ा मूठ मारने लगा.

" हमारे हार्ट अटेक कि फिक्र ना कीजिये बहुरानी जी. बस ध्यान रखिये कि आज कहीं आप हम तीनों से Pregnant ना हो जायें !!! ". जेठ जी ने हँसते हुए कहा, वो भी अपना लण्ड रगड़ मसल कर खड़ा करने कि चेष्टा कर रहें थें.

" राजेश... ये क्या बदतमीज़ी है ? अपने भाई कि धर्मपत्नी को Pregnant करोगे ??? ". ससुर जी ने निहारिका कि चूत से मुँह निकाल कर अपने बेटे को डपट लगाई.

बिना सोचे समझे अपने मुँह से गलती से निकली बात कि गंभीरता कि समझ होते ही राजेश ने सिर नीचे झुका लिया.

" It' s Okay बाबू जी... उनका वो मतलब नहीं था... उन्होंने मज़ाक किया. मैं भी तो आपलोगों को कितना कुछ सुना देती हूं. ". निहारिका ने कहा और ससुर जी का सिर पकड़ कर उनका मुँह वापस से अपनी बूर में घुसा लिया.

" आशीष... पैंटी दे ज़रा. " . जेठ जी कहा तो आशीष ने भाभी कि पैंटी उनकी ओर फेंक दी और खुद अब भाभी के पीछे खड़ा होकर उसकी गांड़ सहलाने दबाने लगा.

जेठ जी पैंटी सूंघते हुए अपना लण्ड हिलाने लगें.

ससुर जी ने अबकी बार जब निहारिका कि जांघों में से अपना सिर बाहर निकाला तो नीचे निहारिका ने देखा कि उनकी मुट्ठी में उनका लण्ड अब मोटा हो गया था. वो अपनी टांग उठा कर उनकी गोद में बैठ गई और उनके अंडकोष अपनी चूत से घिसने लगी. 2 - 3 मिनट में ही ससुर जी के लण्ड का सुपाड़ा निहारिका के पेट में खोंचा मारने लगा... ससुर जी का लौड़ा रेडी हो गया था !

निहारिका ने ससुर जी के खड़े लण्ड पर थूक दिया, उसकी थूक लण्ड के सुपाड़े से फिसल कर पूरे लण्ड पर फ़ैलने लगी. निहारिका ने अपनी गांड़ ऊपर उठा कर अपनी चूत कि फांक को उनके लण्ड पर फिट किया और नीचे बैठ गई, लण्ड एक ही बार में उसकी चूत में धस गया. निहारिका अपने ससुर जी कि गोद में बैठी उछल उछल कर चुदने लगी !

आशीष चुदा रही अपनी भाभी के हिलते हुए चूतड़ सहलाते हुए अपनी मूठ मारने लगा. जेठ जी अब निहारिका कि पैंटी अपने लण्ड पर लपेट कर मूठ मारते हुए उसकी चुदाई देखने लगें.

निहारिका को भली भांति पता था कि उसे तीनों मर्दों का ध्यान रखना होगा , इसलिए वो ससुर जी से पेलवाने के दौरान बीच बीच में देवर जी और जेठ जी को देख लेती थी कि किसका लण्ड खड़ा हो रहा है, ताकि उसे भी चोदने का मौका मिल सके.

करीब 5 - 7 मिनट के बाद ही निहारिका ने देखा कि जेठ जी का लण्ड खड़ा हो गया है, अब जेठ जी ने पैंटी लण्ड से हटा कर एक तरफ सोफे पर रख दी. उन्होंने अपने हाथ में थूका और वो थूक अपने लण्ड पर मलने लगें और निहारिका कि ओर देखा... निहारिका उनका इशारा समझ गई. वो ससुर जी कि गोद से उठ कर अब जेठ जी कि गोद में बैठ गई और उनसे चुदने लगी !

कुछ ही देर में आशीष भी मूठ मार मार कर अपना लौड़ा खड़ा करने में सफल रहा... निहारिका देख चुकी थी ये. उसे अब तीन तीन लण्ड को एक साथ शांत करना था !

जेठ जी कि गोद से उतर कर अब निहारिका सोफे पर उनके और ससुर जी के बीच में कुतिया बन गई.

[Image: IMG-20200512-031502.jpg]


" आप गांड़ में डालो देवर जी... चूत कि हालत ख़राब है... बहुत दुख रही है ! ". निहारिका ने पीछे देवर जी को देखते हुए अपना गांड़ बाहर निकाल कर कहा.

आशीष ने भाभी कि गांड़ के छेद पर थूक दिया और उसी थूक को थोड़ा सा अपने लण्ड पर भी लगा लिया, सुपाड़ा खोला , और भाभी कि गांड़ में पेल दिया.

अब निहारिका देवर जी, जेठ जी और ससुर जी, तीनों से बारी बारी से पेलवाने लगी. वो ससुर जी कि गोद में चुदती, फिर Doggy Style में देवर जी से लगवाती, फिर जेठ जी कि गोद में जा बैठती. वो हर किसी को एक बार में करीब एक मिनट तक चोदने देती और फिर दूसरे कि बारी होती, ताकि चुदाई का Flow बना रहे और किसी को भी ज़्यादा देर तक वेट ना करना पड़े उसकी चूत या चूतड़ के लिये !!!

20 मिनट तक यही सिलसिलेवार चोदा चोदी चलती रही.

इस वक़्त निहारिका ससुर जी कि गोद में थी. अचानक ससुर जी उसे अपनी बाहों में भर कर खड़े हो गयें और बहु को खड़े खड़े गोद में लिये चोदने लगें... निहारिका समझ गई कि उनकी पिचकारी निकलने वाली है !

निहारिका ने ससुर जी कि कमर पे अपनी टांगें लपेट दी और उन्हें कस कर पकड़ लिया. ससुर जी के पैर लड़खड़ाये और उनके लण्ड ने अपनी बहु कि चूत को वीर्य से भर दिया !

" निहारिका... आआह्ह्ह्हह... ज़ल्दी आओ... मेरा लण्ड !!! ". तभी सोफे पर बैठे जेठ जी ने अपने लण्ड का सुपाड़ा अपनी मुट्ठी में भीचते हुए कहा.

निहारिका समझ गई कि जेठ जी का भी माल गिरने वाला है. वो झट से ससुर जी कि गोद से उतरी और उन्हें झड़ता हुआ छोड़ कर जेठ जी कि गोद में जा बैठी !!! बेचारे ससुर जी का लण्ड तो अभी ठीक से झड़ा भी नहीं था, सो वो बाकि का माल मूठ मार कर वहीं पड़ी पेशाब से भरी बाल्टी में गिराने लगें !

इधर निहारिका अभी जेठ जी कि गोद में बैठ कर तीन चार बार ही उछली थी कि उनका बदन सख्त पड़ गया और उनका लण्ड उसकी बूर में मलाई फेंकने लगा.

" भाभी... मैं भी... आअह्ह्ह्हह भाभी ! ". इस बीच आशीष भी झड़ने कि कगार पर पहुंच गया.

" ज़ल्दी आओ... चोदो ! ". निहारिका जेठ जी को झड़ते हुए बीच मजधार में नहीं छोड़ सकती थी, सो उसने जेठ जी कि गोद से उठे बिना ही देवर जी को अपनी गांड़ कि ओर इशारा करते हुए कहा .

आशीष पीछे से अपनी भाभी कि गांड़ पर चढ़ कर उसे चोदने लगा. नीचे पड़े जेठ जी अभी भी निहारिका कि चूत में झड़ रहें थें. 10 - 12 ताबड़तोड़ धक्को के बाद आशीष ने अपनी भाभी कि गांड़ में लण्ड से उल्टी कर दी. निहारिका जेठ जी पर निढ़ाल होकर गिर गई और आशीष निहारिका पर !!!

[Image: IMG-20200512-031527.jpg]

5 मिनट बाद आशीष निहारिका से अलग हुआ तो वो भी जेठ जी कि गोद से उठ गई और सोफे पर बैठ गई. उसका भी पानी गिर गया था, जो कि जेठ जी के लण्ड और जांघों पर, नीचे ज़मीन पर और सोफे पर बीछी चादर पर फ़ैल गया था. निहारिका सोफे पर जेठ जी और आशीष के साथ पड़ी रही और उधर ससुर जी पलंग पर लुढक गयें थें ! ..................................

" 4 : 45 हो रहें हैं... उनके आने का टाईम हो गया है. उससे पहले मैं थोड़ी देर सोना चाहती हूं ताकि Fresh दिखूं . ". थोड़ी देर वैसे ही पड़े रहने के बाद निहारिका ने कहा. " आपलोग और एक एक बार ज़ल्दी से चोद लीजिये ! ".

सोफे कि चादर चूत और लौड़ों के रस से गीली हो चुकी थी, अब उसपर बैठने लायक नहीं था. निहारिका उठी तो उसे पता चला कि चोदने के दौरान उसकी करधनी भी टूट गई थी जो कि अब उसकी कमर से नीचे झूल रही थी और बस एक दो धागों पर ही टिकी हुई थी .

निहारिका Dressing Table पर से Ponds Cream का डिब्बा ले आई. उसने ढ़ेर सारा क्रीम लेकर अपनी चूत में लगा लिया और फिर घर के मर्दों को देती हुई बोली.

" इसे लण्ड पर लगा लीजिये... माल गिरने में आसानी होगी. "

तीनों मर्द अपने अपने लण्ड पर Ponds Cream मलने लगें.

चोदने के लिये अब कोई जगह नहीं बची थी, ना सोफा ना पलंग. निहारिका ज़मीन पर पड़ी पेशाब से भरी बाल्टी के ऊपर अपनी टांगें फैला कर गांड़ पीछे उठा कर खड़ी हो गई. सबसे पहले ससुर जी आएं और उसकी कमर पकड़ कर 5 - 6 मिनट तक उसकी Ponds लगी हुई चूत मारी, फिर लण्ड बाहर निकाल लिया. बड़ी मुश्किल से उनके लण्ड से कुछ एक बूंद वीर्य निकला जो वो बाल्टी में गिरा कर वापस पलंग पर लेट गयें. फिर आशीष और जेठ जी ने बारी बारी से घर की बहुरानी की Standing Doggy चुदाई की. उनका भी ज़्यादा माल नहीं निकला, जितना भी निकला, उन्होंने भी बाल्टी में ही गिरा दिया. अब तक की पेलम पेली में बेचारी निहारिका की करधनी पूरी टूट गई और उसी बाल्टी में गिर गई !!!

निहारिका ने तीनों मर्दों को शांत करने के लिये उन्हें अपनी चूची से दूध पिलाया. तीनों का लण्ड मुर्झा कर सूख कर ढीला लटक रहा था !

[Image: IMG-20200512-031426.jpg]


" Sorry बहु... तुम्हारी पवित्र करधनी टूट गई ! " . ससुर जी ने निहारिका की कमर सहलाते हुए कहा

" कोई नहीं बाबू जी... इस बार मायके जाउंगी तो मम्मी को बोल कर नई बनवा लूंगी. ". निहारिका ने कहा. " अब आपलोग जाईये... घर साफ करके नहाना भी है मुझे. "

ससुर जी, जेठ जी और देवर जी ने निहारिका को Kiss किया और वहाँ से चलते बनें.

उनके जाने के बाद निहारिका ने सबसे पहले सोफे पर बिछी चादर उठा ली और उससे कमरे में जहाँ जहाँ भी वीर्य या फिर चूत का पानी गिरा हुआ था उसे अच्छे से रगड़ रगड़ कर पोछा , फिर वो चादर, अपनी नाईटी और पैंटी उस पेशाब और माल से भरी बाल्टी में डाल कर बाथरूम चली गई. नहा धोकर साफ सुथरी होकर वापस कमरे में आकर निहारिका ने एक अच्छी सी साड़ी पहन ली, कमरे में Room Freshner से स्प्रे किया, पलंग पर नई चादर बिछाई, और सो गई !
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#47
Wink 

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निहारिका थकावट के कारण कितनी देर सोई उसे कुछ होश नहीं. कमरे में TV की आवाज से अचानक उसकी नींद खुली तो उसने देखा की उसके पति आदित्य सोफे पर बैठे TV देख रहें हैं.

" अरे... आप कब आएं ? ". निहारिका उठ कर बैठ गई. " Sorry मेरी आँख लग गई थी, मैं आपके लिये चाय लेकर आती हूं. "

" मालती ने दे दिया... ". आदित्य ने TV पर से नज़रें हटाये बिना ही कहा.

" मालती आ गई ? कितने बज गयें ? ".

" रात के 8 बज रहें हैं मैडम जी. " . आदित्य ने उसकी ओर देख कर कहा, फिर हँसते हुए बोला. " किसके सपनों में खो कर इतनी देर सोई रही मेरी बीवी ? ".

" मेरी Jewellery लाये ? ". निहारिका ने आदित्य को शक की नज़रों से देखते हुए पूछा. उसे पक्का यकीन था की वो भूल गयें होंगे.

" लाया हूं बाबा... ".

निहारिका और आदित्य ने साथ बैठ कर कुछ देर TV देखा और फिर इधर उधर की बातें करते रहें. रात को ससुर जी, देवर जी और जेठ जी, सबने एक साथ मिल कर एक नार्मल सभ्य परिवार की तरह डिनर किया और फिर सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गयें ................................

" आपके Promotion का क्या हुआ ? ". रात को अपने कमरे में Dressing Table पर नाईटी पहने बैठी निहारिका ने अपनी टांगों पर Body Lotion लगाते हुए पूछा.

" Appraisal अभी Delay हो गया है... Let's See... ". पलंग पर लेटा आदित्य सामने दीवार पर लगी TV पर न्यूज़ देख रहा था.

कुछ देर बाद निहारिका भी पलंग पर आ गई.

" आज Menu में क्या है ? ". आदित्य ने निहारिका के गाल चुमते हुए पूछा.

" एक Surprise !!! " . निहारिका ने आदित्य के हाथ से TV का Remote ले लिया और Remote उसके पजामे के ऊपर से उसके लण्ड पर घिसते हुए कहा.

निहारिका ने TV का Video Mode लगा दिया और एक Video चालू हो गया.

" Wow !!! क्या है ये... You Serious... Baby ??? ". TV पर Video में आ रहे दृश्य को देख कर आदित्य की आँखे फटी की फटी रह गई.

वो Video उनके अपने रूम का ही था, जिसके 8 अलग अलग कैमरे के Angle थें. हर Angle से एक ही सीन चल रहा था... निहारिका रूम में नंगी खड़ी थी और उसे घेरे हुए ससुर जी, जेठ जी और देवर जी उसके बदन के साथ खेल रहें थें. किसी के भी शरीर पर एक कपड़ा भर ना था !!!

निहारिका अपने पति के नंगे सीने को चूमते हुए उसके लण्ड को उसके पजामे में ही सहलाने लगी. आदित्य बिना पलकें झपकाये TV पर चल रहे Recorded Video को देख रहा था. ज़ाहिर था की Video में जो कुछ भी चल रहा था, उससे वो काफी उत्तेजित हो रहा था.

आदित्य का लण्ड अब तनाव के चरम पर था. निहारिका के हाथ के लगातार घर्षण से उसके लण्ड का सुपाड़ा खुल गया था, और ज़ल्दी ही उसका पजामा वीर्य से भर गया !!!

" मममममम... इतना पसंद आया आपको ??? ". निहारिका अपने पति की अति उत्तेजना पर हँस पड़ी. उसने उसका झड़ा हुआ लण्ड पजामे से बाहर निकाल लिया और लण्ड के सुपाड़े को अपनी नरम उंगलियों से Tease करने लगी.

" Love You Baby... ". आदित्य ने निहारिका के होंठ चुम लियें, और दोनों एक लम्बे चुंबन में संलिप्त हो गयें.


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#48
Wink 
आज से एक साल तीन महीने पहले जब निहारिका दुल्हन बन कर इस घर में आई थी तो उसे यकीन नहीं हो रहा था की उसके नसीब में आदित्य जैसे हैंडसम और Successful इंसान की पत्नी बनना लिखा है. निहारिका उन चंद लड़कियों में से थी, जिन्हे आज की So Called Modern Society में दकियानुसी और बहन जी Type कि लड़की कहा जाता है, जो अपनी पूरी ज़िन्दगी अपनी इज्जत अपने होने वाले पति के लिये बचा कर रखती हैं. फिर निहारिका को तो उसकी चाहत से भी कहीं ज़्यादा अच्छा पति मिल गया था. सुहागरात वाले दिन वो आदित्य के ऊपर अपनी सारी ज़िन्दगी का संजोया हुआ प्यार न्योछावर करने को तैयार बैठी थी, पर उसे क्या पता था की आगे उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी एक ऐसे मोड़ से गुजरने वाली है जिसकी उसने कभी सपने में भी कल्पना ना की थी !!!


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डरी सहमी निहारिका के साथ सुहाग सेज पर आदित्य बड़ी ही प्यार और नम्रता से पेश आया. निहारिका को अब भी याद है की जब आदित्य ने अपनी शेरवानी खोल कर अपना लण्ड बाहर निकाला था तो वो कैसे शर्म से लाल हो गई थी. 8.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लौड़ा था उसके दूल्हे का... गुलाबी चिकना सुपाड़ा खुला हुआ... और लण्ड एकदम टाईट खड़ा !!! अपने पति से नज़रें मिलाये बिना ही निहारिका ने खुद को उन्हें सौंप दिया. आदित्य तो इतना ब्याकुल हो उठा था की उसे शादी का जोड़ा तक खोलने का मौका नहीं दिया और उसकी साड़ी उठा कर उसके ऊपर चढ़ गया. उस रात आदित्य ने उसे आधे घंटे तक चोदा, पर उसका वीर्य नहीं निकला. आखिरकार उसका लण्ड जब ढीला पड़ गया तो उसने खुद को उससे अलग कर लिया. निहारिका को लगा की पहली रात है तो शायद टेंशन की वजह से ऐसा हुआ हो, उसने अपने पति का पूरा सहयोग दिया और उसकी बाहों में सो गई.

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उस पहली रात के बाद करीब 3 - 4 दिन तक ऐसा ही होता रहा हर रात, निहारिका को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. फिर जब करीब दो हफ्ते होने को आये और स्थिति में कोई सुधार नहीं आया तो उसकी चिंता बढ़ने लगी. और फिर साहस करके एक दिन उसने अपने पति से पूछ ही लिया.

" बुरा मत मानियेगा जी... पर मैं क्या आपको पसंद नहीं. "

पहले तो आदित्य टालता रहा पर उसकी हिचक से साफ ज़ाहिर था की कुछ तो बात है. फिर निहारिका के काफी ज़ोर करने के बाद उसने बताना शुरु किया, पर इस शर्त पर की वो उसे गलत नहीं समझेगी और उसके साथ पूरा सहयोग करेगी.

" मुझे ना ही कोई बीमारी है और ना ही मैं नामर्द हूं. बात बहुत ही Simple सी है निहारिका. जब भी मैं तुम्हारे साथ सेक्स करता हूं, मैं यही सोचता रहता हूं की अगर कोई गैर मर्द तुम्हारे साथ सेक्स करेगा तो देखने में कैसा लगेगा. ये क्यूं हो रहा है, I Don't Know. तुम्हें चोदते वक़्त मैं Fantasize करता हूं की तुम्हें कोई और चोद रहा है और मैं देख रहा हूं. इस Feeling से मैं बहुत उत्तेजित हो जाता हूं पर कुछ ही देर में जब Reality सामने आती है तो मैं ढीला पड़ जाता हूं ! इसी वजह से मैं स्खलित नहीं हो पा रहा. पर मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं. "

निहारिका एक पढ़ी लिखी लड़की थी और उसे पता था कि हर बात पे कैसे React करना चाहिये. पर अपने पति कि इस बात को सुन कर वो भी सकते में आ गई. उसके मन में हजारों सवाल और ख्याल आने लगें, मगर बड़ी मुश्किल से उसने अपनी भावनाओ को काबू में करते हुए कहा.

" मुझे आपके प्यार पे शक नहीं. मगर मुझे आपकी बातें समझ नहीं आ रहीं. आप मुझसे क्या चाहते हैं ??? क्या आपको Group Sex और Wife Swapping करना है !!! ".

" नहीं नहीं... छी... कैसी बातें कर रही हो तूम ? मुझे किसी और औरत में या किसी और कि गर्लफ्रेंड और बीवी में कोई Interest नहीं. मैं सारी ज़िन्दगी बस तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूं. मुझे तो बस तुम्हें किसी दूसरे मर्द के साथ देखने का मन है, वो भी तुम्हारी मर्ज़ी से. "

" मुझे भी किसी गैर मर्द में कोई Interest नहीं. " . उस दिन निहारिका गुस्से में दो टुक जवाब देकर चुप हो गई.

कई दिनों तक फिर उनके बीच इस बात को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. फिर एक दिन आदित्य ने अपनी पत्नी से कहा.

" बेबी... आज जब आशीष तुमसे मज़ाक कर रहा था तो ना जाने क्यूं मैं उत्तेजित सा होने लगा था. और जब भी तूम मेरे बड़े भैया या फिर पापा के नज़दीक जाती हो तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है. लगता है मुझे समझ में आ रहा है कि मुझे क्या चाहिये. ".

" छी... आप ऐसा सोच भी कैसे सकतें हैं ? अपने परिवार के लोगों के साथ ... ". निहारिका समझ गई कि उसके पति क्या कहना चाहते हैं.

" Exactly बेबी... अपना परिवार ! ". आदित्य ने अपनी पत्नी कि बात काटते हुए कहा. उसकी आँखों में एक चमक सी आ गई थी. " कम से कम तूम जो कुछ भी करोगी, अपने परिवार में रह कर करोगी. ये ज़्यादा बेहतर Idea है. जो लोग अपनी बीवी को अपने दोस्तों के साथ Share करते हैं, उनके जैसा घटिया इंसान और कोई हो ही नहीं सकता. पर अपने परिवार के अंदर सेक्स को तो पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है निहारिका !!! ".

निहारिका को अपने पति कि बातों में कोई Logic नहीं दिखा, पर सच को वो स्वीकार कर चुकी थी. उसके पति उसके साथ तभी पूर्ण रूप से सेक्स कर सकेंगे जब वो उन्ही के सामने किसी और से सेक्स करेगी ! अपनी शादीशुदा ज़िन्दगी को बचाने के लिये उसे ये करना ही पड़ेगा !!! मगर उसने अपने पति को किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं दिया और चुप रही.

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निहारिका अपने तरीके से अपने पति कि अजीब Fantasy को पूरा करने में लग गई. उसके लिये अपने देवर आशीष को पटाना सबसे ज़्यादा आसान था. वो वैसे भी अपनी भाभी से खुब मज़ाक किया करता था, हालाँकि उसके मन में अपनी भाभी के प्रति कोई गंदी भावना नहीं थी.

आदित्य को अब तक पता नहीं था कि उसकी पत्नी उसकी खुशी कि खातिर क्या क्या कर रही है. फिर एक दिन रात को सोते समय निहारिका ने उसे बताया.

" पता है... आज मैंने साड़ी थोड़ी सी नीचे पहनी थी तो सारा दिन देवर जी ने मन भर कर मेरी नाभी को घूरा. अभी जब मैं आप के साथ हूं तो मुझे पूरा यकीन है कि वो बेचारे आज रात मेरे बारे में सोच कर मूठ मारेंगे ! ".

निहारिका की इतनी सी बात पे आदित्य बहुत उत्तेजित हो गया था और उस रात उसने अपनी बीवी को सुबह चार बजे तक पेला ! ये बात और है की वो स्खलित नहीं हुआ. निहारिका को अपने पति की Sex Life में Progress से काफी ख़ुशी हुई, इससे उसे और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिला.

निहारिका एक हफ्ते के अंदर अपने देवर को रिझाने में कामयाब रही. उसने आशीष को बस इतना यकीन दिला दिया की वो उसे बहुत पसंद करती है क्यूंकि वो अपने आदित्य भैया से ज़्यादा जवान और रोमांटिक है. ज़ल्दी ही आशीष ने अपनी भाभी से नाजायज शारीरिक सम्बन्ध बना लियें.

जिस दिन पहली बार निहारिका ने आदित्य को बताया की आज दिन के वक़्त जब वो नहा रही थी, तो किस तरह उसका देवर बाथरूम में घुस आया और उसे चोद दिया, उस दिन आदित्य की ख़ुशी का ठिकाना ना रहा. लेकिन अब उसे ये सब अपनी आँखों से देखना भी था, जो की असंभव था ! सो अगली बार उसके सुझाव पर निहारिका ने अपने देवर के साथ रूम में सेक्स करते हुए देवर जी की जानकारी के बिना चोरी छुपे अपना मोबाइल टेबल पर रख कर Video Recording कर ली. ये निहारिका और उसके पति की शादीशुदा ज़िन्दगी का सबसे बड़ा Turning Point सिद्ध हुआ !!!

क्यूंकि उस रात जब वो MMS निहारिका ने आदित्य को दिखाया तो उसकी Excitement का ठिकाना ना रहा ! उस रात अपनी धर्मपत्नी को अपने ही देवर से Video में चुदवाते देख आदित्य का उसकी पैंट में ही शीघ्रपतन हो गया. आज पहली बार झड़ा था वो ! फिर क्या था, उस रात उसने निहारिका को तीन बार चोदा और हर बार उसका माल भी गिरा ! निहारिका उस रात अपने पति से लिपट कर खुशी के मारे खुब रोई !!!

[Image: IMG-20200514-032144.jpg]



सब कुछ ठीक ही चल रहा था और आदित्य को अब जितना कुछ भी मिला था वो काफी था उसकी गंदी Fantasy को पूरा करने के लिये.

पर गलत चीज़ ज़्यादा दिन छुप कहाँ पाती है... वो भी एक ही घर और एक ही परिवार में !

एक दिन जब आशीष अपनी भाभी को उसके कमरे में चोद रहा था तो बड़े भैया यानि की निहारिका के जेठ जी ने देख लिया. यही नहीं, जेठ जी ने ये घिनौनी बात ससुर जी को भी बता दी. जेठ जी और ससुर जी ने मिल कर आशीष को तो अच्छी खासी खरी खोटी सुनाई ही, निहारिका को भी कहा की वो आदित्य को उसकी बदचलनी के बारे में बता देंगे. उन बेचारों को क्या मालूम था की ये सब तो उसी की मर्ज़ी से हो रहा था !

निहारिका को इतने दिनों बाद तो दामपत्य जीवन का सुख मिला था, वो उसे कैसे खो देती. और तब बेचारी ने एक झूठी कहानी बनाई. उसने अपने जेठ जी, देवर जी और ससुर जी से कहा की उसका पति नामर्द है, और इसलिये बस शारीरिक सुख के लिये वो अपने देवर के साथ कुकर्म करने को बाध्य हो गई ! पर उसने ये भी कहा की आदित्य उससे कितना प्यार करता है और अगर उसे पता चलेगा की उसकी नामर्दानगी की वजह से उसकी पत्नी इतनी गिर गई है की उसके ही छोटे भाई से गलत सम्बन्ध बना बैठी है, तो बेचारे आत्महत्या कर लेंगे !!!

निहारिका ने रो धो कर घर के तीनों मर्दों को ये यकीन दिला दिया की वो एक बेबस औरत है जिसे विवाहित जीवन का सुख नहीं मिल रहा, और अगर इसके लिये वो घर के ही किसी सदस्य से शारीरिक सम्बन्ध बना रही है तो समझ लो की वो कितनी विवश है !

निहारिका की इस झूठी कहानी में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसपे उन तीनों को भरोसा और विश्वास ना हो. उन्हें घर की इस बेचारी बहु से पूरी हमदर्दी और सहानभुती हो गई.

वैसे शुरुआत में तो निहारिका की कोई Planning नहीं थी अपने ससुर जी और जेठ जी के साथ नाजायज सम्बन्ध बनाने की, पर अब उसने उन दोनों का भी Sympathy पा लिया था. जेठ जी ने अभी तक शादी नहीं की थी और ससुर जी की पत्नी का तभी स्वर्गवास हो चुका था जब लड़के बहुत छोटे थें. सो उन दोनों को एक तरह से औरत की नज़दीकी की ज़रूरत तो थी ही. ऐसे हालात में घर में निहारिका जैसी ज़रूरतमंद औरत के होते हुए और अब उसके विवाहित जीवन की सच्चाई जानते हुए उनका उसकी ओर आकर्षित होना लाज़मी था... और ऐसा हुआ भी !


दोनों निहारिका के पीछे पड़ गयें तो निहारिका हार कर उनके साथ भी सोने लगी ! अब आलम ये हो गया की घर में ससुर जी, जेठ जी और देवर जी, तीनों ही निहारिका को चोद रहें थें, और तीनों को ही इस बारे में पता था. उनके ख्याल में तो बस बेचारे आदित्य को ही इसके बारे में पता नहीं था. धीरे धीरे जिस खेल की शुरुआत मज़बूरी में और अपने पति को ख़ुश करने की खातीर हुई थी, उस खेल में निहारिका को भी कब मज़ा आने लगा, इसका उसे भी पता नहीं चला. अब दिन भर वो बारी बारी से अपने ससुर जी, जेठ जी और देवर जी से चुदवाती और रात को अपने पति को पूरे दिन की कहानी बता कर और कभी कभी मोबाईल से बनाई हुई Video दिखा कर गरम करके उनसे पेलवाती ! घर की बाई मालती को वो अब सिर्फ सुबह में आकर काम करके चले जाने बोलती और फिर वो शाम को आती, ताकि सारा दिन घर में चुदम चुदाई हो सके. धीरे धीरे निहारिका घर में सारा दिन बिना कपड़ों के ही नंगी रहने लगी !!!

जैसे जैसे दिन बीतते गयें, आदित्य और निहारिका को नये नये तरीके सुझते गयें. आदित्य का मन अब मोबाईल से बनाई MMS से नहीं भर रहा था. उसने अपने कमरे में एक Hidden Camara लगाया. उस Camara से बनी Video की बात ही कुछ और थी. प्रोत्साहित होकर उसने फिर 2 फिर 3 और आखिरकार पूरे 8 कैमरे अपनी रूम में अलग अलग जगह पे लगा दिये. यही कारण था की निहारिका हमेशा इसी रूम में घर के तीनों मर्दों के साथ सेक्स करती, ताकि अपने पतिदेव के लिये एक अच्छा सा Hot Video बना सके. फिर हर रात एक नई Video देखकर आदित्य अपनी पत्नी को बेतहासा चोदता !!!


इस पूरे खेल में बस निहारिका को एक ही बात बुरी लगी थी और वो ये थी की उसे अपने पति को घर के बाकि मर्दों के सामने नामर्द बताना पड़ा था. पर सच तो ये था की उसके पति से बड़ा चुदक्कड़ मर्द और कोई नहीं था.

अब कहानी के दो विभिन्न पहलू थें - पहला ये की, ससुर जी, जेठ जी और देवर जी पूरी ज़िन्दगी ये मानते रहेंगे की आदित्य नामर्द है और अपनी बीवी के साथ कुछ भी करने में असमर्थ है, और दूसरा, निहारिका उन तीनों का इस्तेमाल करते हुए अपने पतिदेव की गंदी Fantasy को पूरा करती रहेगी, ताकि उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी बच सके. और निहारिका को इसमें कोई दिक्कत नहीं थी...



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#49
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और आज निहारिका ने आदित्य को Surprise देने के लिये अपने ससुर जी, जेठ जी और देवर जी के साथ Gangbang, मेरा मतलब है, सामूहिक संभोग, का Plot रचा था !!!

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TV Screen पर चल रहे Video में ससुर जी, जेठ जी और देवर जी, निहारिका के साथ धमाचौकड़ी मचा रहें थें.

" तुम्हें पता नहीं की तुम्हारा ये Gangbang वाला Idea कितना Hot है बेबी ! अब से यही करना... Thank You बेबी... Thank You ! " . आदित्य ने अपना वीर्य से गीला हो चुका पजामा खोल कर फेंक दिया. उसका लण्ड फिर से खड़ा हो गया था !

" आपकी बीवी हूं... मुझे नहीं पता होगा की आपको क्या चाहिये तो किसे होगा. वैसे मैं ये नहीं जानती थी की आपको मेरा ये Surprise इतना पसंद आयेगा ! ". निहारिका अपने पति के Excitement से काफी ख़ुश थी. वो TV की ओर अपना सिर करके बिस्तर पर लेट गई ताकि आदित्य उसे चोदते वक़्त Video देख सके. उसने अपनी नाईटी उठा कर पेट तक मोड़ ली. अंदर उसने पैंटी नहीं पहनी थी !!!

आदित्य अपनी पत्नी के ऊपर चढ़ गया और TV पर उसके अश्लील कारनामे देखते हुए उसे पेलने लगा.

" आपसे एक बात कहनी थी... ". आदित्य के शरीर के नीचे दबी निहारिका ने धक्के खाते खाते कहा.

" बोलो ना बेबी... आज तुम्हारी हर बात सिर आँखों पर ! ". आदित्य TV पर से नज़रें हटाये बिना बोला.

" हमारी शादी को एक साल से ज़्यादा हो गयें हैं . अब हमें Pregnancy के लिये Try करना चाहिये ! " . चुदती हुई निहारिका बोली.

आदित्य कुछ नहीं बोला और TV देखते हुए अपनी पत्नी को 15 मिनट तक चोदता रहा.

" ज़रूर बेबी... " . 15 मिनट के बाद आदित्य के मुँह से निकला. उसका बदन अकड़ गया, TV पर निहारिका अपने ससुर जी की गोद में बैठी चुद रही थी. आदित्य ने झटके से अपना लण्ड निहारिका की चूत से बाहर निकाला और उसके पेट और नाईटी के ऊपर माल गिरा दिया.

निहारिका को समझ में नहीं आया की जब आदित्य ने Pregnancy के लिये " ज़रूर बेबी " कहा तो फिर चूत के अंदर क्यूं नहीं झड़ा ???

Surprise देने की बारी अब शायद आदित्य की थी !!!

अपनी पत्नी के बदन पर निढ़ाल होकर पड़े आदित्य ने गहरी लम्बी साँसे भरते हुए कहा.

" तुम्हें क्या लगता है बेबी... तुम्हारी Pregnancy के लिये कौन ठीक रहेगा... बड़े भैया, आशीष, या फिर पापा ??? " .

निहारिका की आँखे ऊपर Ceiling Fan पर टिकी हुई थीं. वो अपने ऊपर पड़े आदित्य की पीठ सहलाते हुए सोचने लगी की अपने पति की इस नई Fantasy के लिये अब वो क्या करे ???

TV पर Video खत्म हो चुकी थी और स्क्रीन अब Blue हो चुका था ...



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********* The End *********
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#50
Heart 
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#51
Heart 
मीठी भूल

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" छी... ऐसे भी भला कोई शादी होती है ? अपने परिवार में ??? " . शादी की Reception Party चल रही थी. मेहमानों की भीड़ में खड़ी एक मोटी सी आंटी टाईप औरत ने दूसरी औरत से कहा.

सामने दो जोड़े दूल्हा दुल्हन सिंहासन जैसे आलीशान कुर्सीयों पर बैठे मेहमानों से गिफ्ट वगैरह ले रहें थें और बात कर रहें थें.

" सच कहती हो... हमने भी कई उल्टी सीधी शादियां देखी हैं. पर ये क्या... लड़का अपने ही मामा की लड़की से शादी कर रहा है और उसी मामा का लड़का इनके घर की लड़की यानि अपनी फुआ की लड़की से ब्याह रचा रहा है !!! ". दूसरी औरत ने गंदा सा मुँह बनाते हुए कहा.

" इसलिये तो देख नहीं रही कितने कम लोग आये हैं इस शादी में. " . उन दोनों औरतों की तीसरी सहेली औरत ने कहा, फिर बहुत ही धीरे से बोली. " और किसी से कहना मत... मैंने तो यहाँ तक उड़ते उड़ते सुना है की इन लड़के लड़कियों में नाजायज सम्बन्ध था और ये दोनों कमीनी लडकियां अपने इन ममेरे और फूफेरे भाईयों से Pregnant भी हो गई थीं. ".

" हो ही सकता है, तभी शायद इनके परिवार वाले ऐसी गंदी शादियां करवाने को मज़बूर हो गयें होंगे . ". पहली औरत ने कहा.

उधर दूल्हा दुल्हन के दोनों जोड़े काफी ख़ुश नज़र आ रहें थें और उन्हें देखकर इन आंटी टाईप औरतों की बकवास पर यकीन करना मुश्किल था.

पर कह नहीं सकतें, आजकल कुछ भी संभव है !!!

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ज़्यादा दिन नहीं हुए थें, अभी से बस तीन महीने पहले की बात होगी.

शहर में रह रहे गुप्ता परिवार ने इस बार की गर्मी की छुट्टीयां गाँव में बिताने की सोची. अमन और उसकी बहन सोनाली काफी ख़ुश थें, उनका कॉलेज भी बंद था अभी. पूरे दो साल के बाद गाँव में वो अपने मामा जी के घर जा रहें थें. मामा जी के लड़के लड़की, सुरेश और उसकी बहन नंदिनी, से उनकी काफी बनती थी, सभी लगभग एक ही उम्र के जो थें. एक ही उम्र मतलब थोड़ा बहुत फर्क था, जैसे इधर अमन और सोनाली, 23 और 21 साल के थें तो उधर सुरेश और नंदिनी, 22 और 20 साल के. ये सभी भाई बहन आपस में काफी Frank थें, और सच बात तो ये थी की जहाँ अमन अपनी ममेरी बहन नंदिनी को बहुत पसंद करता था वहीं सुरेश अपनी फूफेरी बहन सोनाली से प्यार करता था. ये लड़कियां भी अपने Cousin भाईयों को चाहती थीं पर खुल कर बोलती नहीं थीं. उनमें अक्सर फोन पे और व्हाट्सप्प पर बात होती ही रहती थी. पर अब दो साल के बाद सभी आमने सामने मिलने वाले थें.

मामा जी का घर बस बोलने भर का था की गाँव में है , बड़ा ही आलीशान मकान था उनका. दूर दूर तक फ़ैले खेत में मामा जी ने कई सारे मजदूर लगा रखे थें खेती के लिये. ऐसी कोई भी सब्जी अनाज वगैरह नहीं थी जो उन खेतों में ना उगती हो. ट्रक पे ट्रक माल लोड होकर रोज़ शहर भेजे जाते थें. कुल मिलाकर अच्छे खासे धनी लोग थें वो. हालाँकि मामा जी तो ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं थें पर अपने लड़के लड़की को उन्होंने पढाने लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. सुरेश और नंदिनी दोनों ही गाँव के ही एक नामी कॉलेज में पढ़ते थें.

अमन और सोनाली अपनी माँ के साथ मामा जी के घर आएं थें, पूरे 18 घंटे की रेल यात्रा करके. उनके पापा को अपने जॉब की वजह से शहर में ही रुक जाना पड़ा था.

मामा जी के घर में उनके अपने परिवार के अलावा भी कुछ नज़दीकी रिश्तेदार रहते थें. मामा जी का घर इतना बड़ा था की अधिकतर कमरे खाली ही पड़े रहते थें. अमन और सोनाली को उनके अपने मन चाहे कमरे में रहने की छूट मिली थी, पर अमन ने सुरेश के साथ उसके रूम में और सोनाली ने नंदिनी के साथ उसके रूम में रहने को तय किया. सुरेश का कमरा Ground Floor पे था और उसकी बहन नंदिनी का कमरा 1st Floor पे ठीक उसके कमरे के ऊपर.

पहले ही दिन से अमन नंदिनी, और, सुरेश सोनाली में नैन मटक्का शुरु हो गया था. घर वालों की नज़र बचा कर एक दूसरे को आँखों आँखों में ईशारे करने और हँसने मुस्कुराने का मीठा सिलसिला चल पड़ा था...

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#52

मामा जी के घर में ठहरने का आज तीसरा दिन था. अब तक सभी अच्छे से सेटल हो चुके थें.


दिन के 11 बजे थें. अपने कमरे में सोनाली अपने बैग से अपने कपड़े खाली कर करके पलंग पर रख रही थी.

" तूम ये इस्तेमाल करती हो ? ". पलंग पर बैठी नंदिनी ने सोनाली के कपड़ों के बीच गिरे Whisper Ultra Soft के पैकेट को देख कर पूछा.

" ये भी और कभी कभार Stayfree Secure. एक बार Sofy भी Use करी थी पर वो Comfortable नहीं है. ". सोनाली ने नंदिनी की ओर देखे बिना ही अपने कपड़े सरियाते हुए जवाब दिया, फिर पूछा. " और तू क्या Use करती है ? ".

" मैं ये सब Use नहीं करती. ". नंदिनी ने थोड़ा हिचकते हुए कहा.

" हाँ तो वही... मतलब कौन सा Use करती है तू ? ". सोनाली बोली, फिर हँस कर चिढ़ाते हुए कहा. " ओह... Sorry... मैं तो भूल ही गई थी की तेरे गाँव में ये सब कहाँ मिलता होगा. ".

" ओ हेलो... ऐसा नहीं है... हाँ ! सब मिलता है हमारे यहाँ... ". नंदिनी ने गुस्से से मुँह बनाते हुए कहा.

" तेरा कौन सा Brand है फिर ? ".

" मैं तो अभी भी कपड़ा ही इस्तेमाल करती हूं. ".

" छी ! Disgusting !!! ". सोनाली ने ऐसे मुँह बनाया जैसे की खाते खाते उसके खाने के प्लेट में छिपकली गिर गई हो.

" No यार... मेरा मतलब है साफ़ सुथरा सूती का कपड़ा. ".

" फिर भी ! मगर क्यूं ??? ".

" मम्मी बना कर देती है. मम्मी ये सब Use नहीं करने देती. ". नंदिनी ने ऐसे कहा मानो ये बताना चाह रही हो की इसमें उसकी कोई गलती नहीं है.

" तू ये रख ले... " . सोनाली ने Whisper का वो पैकेट नंदिनी की ओर फेंक दिया. " और मैं बात करती हूं मामी जी से... ".

" और तूम ??? ".

जवाब में सोनाली ने अपने बैग से एक और पैकेट निकाल कर नंदिनी को दिखाया और हँसने लगी.

" बाप रे... इतना सारा ??? ". नंदिनी ने आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा. " सारे ज़रूरत पड़ेंगे तुम्हें क्या ? ".

" You Never Know... ". सोनाली ने कहा. " एक महीने की छुट्टी पर आई हूं यार ! ".

" अच्छा... ये देखा क्या ? ". नंदिनी Topic बदलते हुए बोली और पलंग से उठ कर कमरे की पीछे वाली खिड़की का पर्दा हटा दिया.

सामने उनके कमरे के पिछवाड़े तरफ एक बड़ा सा Swimming Pool था.

" Wow !!! कब बनवाया ये ??? पीछली बार आई थी तब तो नहीं था ये. ". सोनाली खुशी से चहकते हुए बोली और खिड़की के पास आकर Pool का नज़ारा देखने लगी.

" कुछ महीनों पहले ही पापा ने बनवाया, खासकर इन गर्मीयों के दिनों के लिये. ".

" Cool यार ! तूने फोन पे बताया क्यूं नहीं... मैं अपना Swimming Costume ले आती. ". सोनाली की खुशी नाराजगी में बदल गई.

" मतलब Bikini ? ". नंदिनी ने आश्चर्य से पूछा.

" Bikini नहीं... मेरी वाली Swimming Costume में पेट वाला हिस्सा ढंका रहता है. ". सोनाली ने समझाया, फिर बोली. " वो सब छोड़... अब कैसे करें Swimming ? मेरा मन कर रहा है यार ! ".

" हाँ तो चलो ना... मना किसने किया है. ".

" मगर बिना Swimming Dress के ? ".

" हाँ... हम लोग तो कपड़े पहन कर ही करते हैं. ".

" कोई आ गया तो ? ".

" इधर ज़ल्दी कोई नहीं आता... Don't Worry. और फिर मैं हूं ना. चलो. ".

" पक्का तो ??? ".

" अरे हाँ बाबा... ".

" तो रुक... Bikini में चलती हूं. ".

" Bikini ? मतलब ? ". नंदिनी ने पूछा. और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनाली ने झट से अपनी सलवार कुर्ती खोल कर बिस्तर पर फेंक दी.

" ये रही मेरी काम चलाउं Bikini... ". सफ़ेद रंग की ब्रा और पैंटी में सामने खड़ी सोनाली ने खुशी से अपने दोनों हाथ फैला कर कहा.


[Image: IMG-20200518-030906.jpg]



" सोनाली नहीं... पागल हो गई हो तूम क्या ? ". नंदिनी ने घबरा कर तुरंत खिड़की का पर्दा नीचे गिरा दिया.

" तूने ही तो कहा ना की कोई नहीं आता. ". सोनाली ने कहा, फिर शक की नज़रों से देखते हुए बोली. " पक्का कोई नहीं आयेगा ना ??? ".

" हाँ कोई नहीं आयेगा... मगर फिर भी इस तरह से... ".

" गर्मी है यार... थोड़ी तो मस्ती करने दे... ". सोनाली ने नंदिनी की बात बीच में ही काटते हुए उसकी सलवार खींचते हुए कहा. " चल तू भी खोल... ".

" धत्त ! मैं तो ऐसे ही जाऊंगी. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा.

" तेरी मर्ज़ी... अब चल. ". सोनाली ने एक Towel लेकर अपने बदन पर सीने पर से इस तरह से लपेट लिया की उसकी Towel से उसकी ब्रा और पैंटी ढंक गई, और अब बस उसकी नंगी गोरी जांघे ही दिख रहीं थीं. नंदिनी ने भी एक Towel लिया और सलवार पहने हुए ही उसके साथ कमरे के पीछले दरवाजे से बाहर Swimming Pool की ओर चल दी.



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#53
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" ओये तेरी... उधर देख भाई ! ". अमन और सुरेश अपने कमरे में बैठ कर लैपटॉप पर Youtube पर गाने चला कर देख रहें थें. अमन की आँखे फटी की फटी रह गई जब उसने खिड़की से नंदिनी को बाहर Swimming Pool की ओर जाते हुए देखा.

" क्या बोलता है... चलें ? ". सुरेश ने खिड़की से बाहर झांकते हुए कहा. उसकी नज़र Towel के अंदर सोनाली की मटकती हिलती हुई गांड़ पर थी.

" बिल्कुल भाई... इन लड़कियों को पटाने का इससे अच्छा मौका और नहीं मिलेगा. ". अमन ने तुरंत लैपटॉप बंद कर दिया. फिर पूछा " कोई देखेगा तो नहीं ना ? ".

" अबे उधर कोई नहीं जाता नहाने... पापा ने शौक से बनवाया है. ". सुरेश बोला. " और भाई... अगर कोई देख भी ले तो क्या ? बस हमें और हमारी बहनों को ही पता है ना इस Love Story के बारे में... बाकि सबको क्या Problem हो सकती है अगर भाई बहन एक साथ Swimming करें तो ??? ".

" चल फिर... ". अमन ने फटाफट अपनी टी शर्ट उतारी, फिर बारमुडा पैंट भी उतार कर पूरा नंगा हो गया , और अपनी कमर पे सिर्फ एक गमछा लपेट लिया.

सुरेश ने भी सिर्फ अपना जांघिया छोड़ कर सारे कपड़े खोल दिये, और दोनों एक एक Towel लेकर पीछे से बाहर निकल गयें...

.....................


सोनाली और नंदिनी अपना अपना Towel वहीं Swimming Pool के किनारे ज़मीन पर रख कर पानी में उतर चुकी थीं. दोनों बेचारी लड़कियों ने अभी पानी में खेलना शुरू ही किया था की उनकी नज़र अपने ओर आते दोनों भाईयों पर पड़ी.

" Shit यार... ये लोग इधर क्यूं आ रहें हैं ? ". सोनाली ने कहा.

" चुपचाप रहना... ज़्यादा भाव मत देना इनको. इन दोनों का मन बहुत बढ़ा हुआ है इस बार. ". नंदिनी ने सुझाव दिया.

" ये देखो इस गंवार लड़की को... भला सलवार कमीज पहन कर कोई Swimming करता है क्या ? ". नज़दीक आते ही अमन ने अपनी ममेरी बहन नंदिनी को चिढ़ाते हुए कहा और पानी में उतरने लगा.

" आप लोग जाओ यहाँ से... ". सोनाली ने कहा.

" और इसको देख भाई, Swim Suit नहीं है मिला तो ब्रा पैंटी में ही उतर आई नहाने ! " . सुरेश ने सोनाली की ओर इशारा करते हुए कहा तो उसने तुरंत अपने बाहों से अपनी भीगी ब्रा में लदी अपनी चुचियों को छुपा लिया .

" पापा को बुलाउं क्या ? ". नंदिनी ने गुस्से में कहा.

" ये तेरा Swimming Pool नहीं है मोटी... ". सुरेश तपाक से बोला. वो अपनी बहन नंदिनी को " मोटी " कहकर बुलाता था, चिढ़ाने के लिये. नंदिनी मोटी तो बिल्कुल भी नहीं थी, पर उसका बदन भरा पूरा तो ज़रूर था.

" इतने नखरे दिखाने की ज़रूरत नहीं है Okay... ". अमन ने ऊँची आवाज में कहा. " हम यहाँ तुमलोगों के लिये नहीं आये हैं. ".

" छोड़ ना भाई... बहुत बड़ा Pool है... हम इधर रहते हैं. ". सुरेश ने कहा. " इन नकचढ़ी लड़कियों को उधर रहने दे. ".

Swimming Pool बड़ा तो था पर गहरा नहीं. खड़े रहने पर पानी छाती तक पहुंचती थी.

करीब दस मिनट तक चारों लड़के लड़कियां अलग अलग नहाते और पानी से खेलते रहें.

" देख न कैसे लार टपक रही है दोनों की... ". नंदिनी ने दूर खड़े दोनों लड़कों की ओर इशारा करते हुए कहा.

" इस बार की छुट्टीयों में ये लोग Propose करके ही मानेंगे. ". सोनाली बोली.

" काहे का Propose और प्यार व्यार. दोनों बस चूत के पीछे पड़े हुए हैं ! ". नंदिनी ने कहा तो उसके साथ सोनाली भी खिलखिला कर हँस पड़ी.

अमन और सुरेश के लिये अब इन नकचढ़ी बहनों की नौटंकी बर्दास्त से बाहर हो रही थी. आखिरकार दोनों Pool में चलते तैरते उनके पास पहुँचे और उनके ऊपर पानी फेंकने लगें. सोनाली और नंदिनी ने भी जवाब में उन दोनों पर अपने हाथों से पानी छिड़का और फिर कुछ ही देर में सभी मिल जुल कर खेलने लगें.

दोनों लड़कों की ये प्लानिंग काम आई थी. एक दूसरे के साथ ऐसे ही खेलते खेलते दोनों ने लड़कियों के साथ पकड़ा पकड़ी धर पकड़ शुरू कर दी और फिर अमन नंदिनी को पकड़ कर Pool के एक किनारे ले गया और सुरेश सोनाली को दूसरे किनारे.

सोनाली पहले कभी भी सुरेश के इतने पास नहीं आई थी. मस्ती मज़ाक नोंक झोंक तो अपनी जगह थी, पर अब जब सुरेश उसके इतने करीब खड़ा था तो सोनाली के दिल की धड़कने तेज़ होने लगी और साँस ऊपर नीचे होने लगी. सुरेश ने अपने हाथों से Pool के दोनों किनारे पकड़ कर सोनाली को अपने घेरे में ले लिया. उसका चेहरा अब सोनाली के चेहरे से बस एक इंच की दुरी पर था.

" क्यूं कर रही है इतना नाटक ? तूझे पता नहीं क्या की मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं... बोल ? ". सुरेश धीरे से बोला.

" प्यार ??? नंदिनी बोल रही थी की तूम लोग हमारी चूत के चक्कर में पड़े हो... " . सोनाली हल्के से मुस्कुरा कर अपनी आँखे नचाते हुए बोली.

" वो तो तेरा भाई मेरी बहन को चोदने की प्लानिंग कर रहा है. मैं तो सच में तुझसे प्यार करता हूं. " . सुरेश ने हँसते हुए कहा, फिर अचानक सोनाली की कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए बोला. " इतना मत सता मुझे यार Please ! ".

उधर अमन इन दोनों से काफी आगे निकला, उसने बिना किसी देरी के पानी के अंदर अंदर नंदिनी की सलवार में लिपटी उसकी बड़ी गांड़ अपने दोनों हाथों में भर ली थी और उसे Kiss करने लगा था. नंदिनी ने उसे अपने होंठ चुमने नहीं दिये और अपना मुँह फेर लिया तो बेचारा उसकी गर्दन और गाल ही चुम चुम कर अपना मन भरने लगा.

पानी में भीग कर नंदिनी के टाईट निप्पल उसकी कुर्ती में खड़े होकर साफ पता चल रहें थें. अमन का मन तो बहुत कर रहा था की अपनी ममेरी बहन की चूचियाँ दबा दे, पर उसके बदन का वो हिस्सा पानी के ऊपर होने की वजह से किसी को उनकी ये हरकत दिख जाने का खतरा था. दरअसल Pool का पानी उतना साफ नहीं था और इसलिये छाती से नीचे कोई क्या कर रहा है ये दूर से देखने पर समझ पाना मुश्किल था. इस वक़्त तो दूर से ऐसा ही लग रहा था की दोनों बस पास पास खड़े बातें कर रहें हैं.

जी भर कर नंदिनी के चूतड़ दबाने के बाद अब अमन अपने हाथ से उसकी जांघ सहलाने लगा और फिर सीधे अपने हाथ को उसकी गदराई टांगों के बीच डाल दिया तो नंदिनी अंदर तक सिहर उठी.

" मत करो ना अमन भैया... Please ! ". नंदिनी की साँस रुक गई, उसने काफी कमज़ोर आवाज़ में अनुरोध किया.

" यहाँ कभी किसी ने हाथ नहीं लगाया है ना ??? तूम तो छूती हो ना ? ". अमन एकदम धीरे से बोला, उसकी भी साँसे अब भारी होने लगी थीं.

नंदिनी ने अपनी दोनों टांगें आपस में कस कर भीच ली थी. अमन ने बहुत कोशिश की अपना हाथ उसकी जांघों के बीच डाल कर उसकी चूत अच्छे से छूने की, पर कामयाब नहीं हुआ, तो बस सलवार के ऊपर ऊपर से ही उसकी चूत का फुला हुआ उभार सहलाने लगा.

" छोड़ो अब अमन भैया... मेरा पेशाब निकल आयेगा ! ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. पहली बार किसी लड़के के हाथ के घर्षण कि वजह से बेचारी कि चूत में पेशाब भरने लगा था.

" तो कर दो ना... ".

" छी... आप बहुत गंदे हो ! ".

" ये नार्मल है यार... Trust Me. Sea Beach में, Water Park वगैरह जगहों पर ना जाने कितने लोग अंदर ही पेशाब कर देते हैं... You Know !!! बहुत सेक्सी फीलिंग होती है... करो तो सही... " . अमन ने अपनी ममेरी बहन के सलवार के अंदर पहनी उसकी पैंटी का बॉर्डर सहलाते हुए कहा.

" बस एक Kiss... ". उधर सुरेश ने सोनाली से कहा.

सोनाली को पता था कि सुरेश बस एक Kiss से कहाँ मानने वाला है, क्यूंकि उसने महसूस कर लिया था कि उसके बदन से चिपके सुरेश का लण्ड उसके जांघिये में पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, जो कि अब उसकी पैंटी में छिपी चूत पे ठोकर मार रहा था.

सोनाली ने सुरेश के होठों पर एक छोटा सा चुंबन दिया जिसमें दोनों के होंठ ठीक से टच भी नहीं हुए और फिर मुस्कुरा कर बोली.

" हो गया ??? चलो अब भागो... ".

पर सुरेश इतने से कहाँ संतुष्ट होने वाला था ! उसने सोनाली को जबरन चुमने कि कोशिश तो नहीं कि, पर उसे अपने मजबूत बाहों में जकड़ लिया और अपने जांघिये में खड़ा लण्ड अपनी फूफेरी बहन कि पैंटी में चिपकी चूत पर घिसने लगा.

" सुरेश भैया... छोड़ो ना... Please... कोई आ जायेगा ! ". सोनाली उसकी पकड़ में कसमसाते हुए बाहर निकलने कि नाकाम कोशिश करते हुए बोली.

" पैंटी खोलो ना... नीचे वाला दिखा दो कैसा है तुम्हारा ! ". सुरेश ने वासना से भरी काँपती आवाज में धीरे से कहा.

" नहीं... वो सब नहीं !!! ". सोनाली ने सख्त आवाज में मना कर दिया.

पर तब तक काफी देर हो चुकी थी. पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुके सुरेश के लण्ड ने उसके जांघिये में ही माल फेंक दिया ! सोनाली ने अपनी पैंटी और जांघों पर जब कुछ गरम गरम सा बहाव महसूस किया तो वो समझ गई कि बेचारे सुरेश का काम तमाम हो गया है ! झड़ते वक़्त बेचारे का चेहरा देखने लायक था, और सोनाली को तो हँसी आ गई. सुरेश ने उसके बदन पर अपनी पकड़ ढीली कर दी और उससे अलग हो गया.

सुरेश का जिस्म जब चरमोत्तकर्ष के झटको से गुजर कर 2 - 3 मिनटों में थोड़ा सा शांत हुआ तब उसने अपनी आँखे खोली, सामने खड़ी सोनाली उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कुरा रही थी. उसने पानी के अंदर हाथ डाल कर अपनी पैंटी बस इतनी सी सरका दी कि उसकी चूत नंगी हो जाये. Pool के गहरे नीले लहराते हुए पानी में सुरेश को उसकी चूत ठीक से दिखी तो नहीं पर इतना दिखा कि उसकी चूत एकदम चिकनी और Shaved थी ! सुरेश ने आगे बढ़ कर बिना कुछ कहे उसे Kiss किया तो इस बार सोनाली ने भी इस चुंबन में उसका पूरा सहयोग दिया.

अपने होंठ सोनाली के होठों से अलग करके सुरेश ने अपना जांघिया खोले बगैर जांघिये के किनारे से चुपचाप अपना झड़ा हुआ लण्ड बाहर निकाला और लण्ड का सुपाड़ा खोल कर अपनी फूफेरी बहन कि नाभी में टिका कर पेशाब करने लगा ! सोनाली को बिल्कुल भी आशा ना थी कि सुरेश उसके साथ ऐसी गंदी हरकत करेगा, पर इस वक़्त ना जाने क्यूं उसकी ये हरकत उसे बहुत ही उत्तेजित करने लगी थी . लण्ड से निकले गरम पेशाब कि धार उसकी गहरी नाभी को भरने के बाद बाहर छलक कर उसके पेट से होती हुई उसकी नंगी चूत को भीगाते हुए उसकी पैंटी में बह कर Pool के ठन्डे पानी में फ़ैलने लगी. और ठीक उसी वक़्त उत्तेजना के मारे सोनाली ने भी पानी के अंदर ही पेशाब कर दिया और सुरेश के जिस्म से लिपट पड़ी !!!

इधर नंदिनी समझ गई थी कि अमन उसे छोड़ने वाला नहीं. उसके पेट में दबाव बढ़ने लगा और आखिरकार उसने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया, उसकी चूत ने तुरंत उसकी पैंटी को पेशाब से भर दिया, और फिर पेशाब बाहर सलवार के कपड़े से होता हुआ अमन के हथेली पर रिसने लगा ! अमन ने सोचा था कि कम से कम पेशाब करते वक़्त तो नंदिनी अपनी टांगें खोलेगी, तो वो अच्छे से अंदर हाथ घुसा कर उसकी चूत छू लेगा, पर ऐसा हुआ नहीं, नंदिनी अपनी टांगें आपस में सटाये हुए ही पेशाब करती रही. Pool के ठन्डे पानी में हाथ पर गरमा गरम पेशाब कि फीलिंग काफी रोमांचक रही अमन के लिये !

" देख तूने क्या हाल कर दिया मेरा... ". अमन ने पेशाब से सने अपने हाथ से नंदिनी का दाया हाथ पकड़ कर अपने कमर के नीचले हिस्से पर रख दिया.

नंदिनी कि तो जैसे साँस गले में ही अटक गई जब उसने गमछे के ऊपर से अमन का खड़ा मोटा लण्ड छूआ ! ना चाहते हुए भी उसने उसके लण्ड का मुँह अपनी मुट्ठी में लिया, और उसी के साथ उसे लगा जैसे कि उसकी हथेली पर किसी ने गरम सरसो का तेल उड़ेल दिया हो. अमन का वीर्य निकल गया था !!!

नंदिनी ने घबरा कर अपना हाथ अमन के लौड़े पर से हटा लिया, और अमन पानी के अंदर अपने गमछे में माल गिराता रहा. 5 मिनट बाद जब उसका लण्ड थोड़ा शांत होकर ढीला पड़ गया तो उसने बिना कुछ कहे नंदिनी को पीछे कि ओर घुमा दिया और गमछे में से अपना झड़ा हुआ लण्ड बाहर निकाल कर नंदिनी कि सलवार में लिपटी गांड़ पर रगड़ने लगा !!!

उधर सुरेश अब अपना झड़ा हुआ लण्ड सोनाली कि खुली हुई चूत पर पानी के अंदर अंदर घिसने लगा. सोनाली उसके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखे इधर उधर देखती रही कि कोई आ ना जाये. कुछ देर बाद सुरेश अपना आधा खड़ा लण्ड हाथ में लिये पानी के अंदर ज़ोर ज़ोर से मूठ मारने लगा. झड़ने में उसकी मदद करने के लिये सोनाली अब उसके गाल चुमते हुए उसका खुला सीना सहलाने लगी. ज़ल्दी ही सुरेश का शरीर पूरा कठोर पड़ गया, उसने आगे बढ़ कर सोनाली कि चूत में अपने लण्ड का सुपाड़ा सटा दिया और स्खलित हो गया. दस मिनट तक सुरेश अपनी आंखे बंद किये अपना लण्ड अपनी हथेली में दबाये मसलता रहा और सोनाली उसे शांत करने के लिये उसके गाल और गर्दन को चूमते हुए उसके सिर के बाल सहलाती रही. दस मिनट बाद सुरेश ने अपना झड़ा हुआ लौड़ा वापस अपने जांघिये में ठूस लिया और सोनाली ने भी अपनी पैंटी चढ़ा ली !!!

इधर नंदिनी के भरे पूरे चूतड़ पर रगड़ते रगड़ते अमन के ढीले लण्ड में पेशाब भर गया. उसने अपनी ममेरी बहन कि गांड़ पर ही पेशाब कर दिया. नंदिनी ने पीछे मुड़कर उसे देखा पर वो अपनी आँखे बंद किये अपनी ही धुन में पेशाब करते हुए अपना लण्ड उसकी गांड़ पर घिसता रहा ! अमन का पेशाब जैसे ही रुका, उसके लण्ड से वीर्य का फव्वारा छूट पड़ा, उसने अपने दोनों हाथों से नंदिनी कि कमर दबोच ली, और उसकी सलवार पर माल गिराता रहा ! 5 मिनट के बाद शांत होकर उसने अपना लण्ड अपने गमछे में घुसा लिया............................

दोनों लड़के उन लड़कियों को छोड़ कर अब अलग होकर नहाने लगें. सोनाली और नंदिनी वापस एक दूसरे के पास आई तो दोनों के चेहरे उत्तेजना और शर्म से लाल पड़ चुके थें. दोनों को एक दूसरे के बारे में पता था कि उनके साथ अभी अभी क्या हुआ था, किसी को कुछ बोलने किया ज़रूरत नहीं पड़ी !!! दोनों ने पानी के अंदर अच्छे से घिस घिस कर अपना बदन साफ कर लिया.

चारों करीब आधे घंटे तक वहाँ नहाते रहें, मगर लड़के और लड़कियां अलग अलग. उनके बीच कोई बात नहीं हुई. अमन और सुरेश ने इस दौरान पानी के अंदर फिर से अपना अपना लण्ड निकाल कर मूठ मारा, पर किसी का भी फिर से माल नहीं गिरा. सोनाली और नंदिनी को पानी के अंदर पेशाब करने वाला आईडिया काफी पसंद आया था. दोनों ने फिर से चुपके चुपके लड़कों के जाने बिना ही पानी के अंदर पेशाब किया और एक दूसरे को देखते हुए आँखों ही आँखों में इशारे करके हँसती खिलखिलाती रहीं !

[Image: IMG-20200521-033442.jpg]

Pool से सबसे पहले दोनों लड़के निकले. लड़कियों ने जान बूझ कर उनकी ओर देखा तक नहीं.

अपने कमरे में आकर अमन और सुरेश ने बारी बारी से बाथरूम में जाकर मूठ मारा, और इस बार जब दोनों का फिर से वीर्यपात हुआ, तब जाकर उन्हें शांति मिली !!!
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#54
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दोपहर को पूरे परिवार ने एक साथ खाना खाया, फिर शाम को सबकी मस्ती मज़ाक से भरी बैठक हुई, TV देखा सबने एक साथ, कैरम खेले गयें, गपशप चली, और फिर रात को डिनर करके सभी अपने अपने कमरों में सोने चले गयें. चारों भाई बहनों ने दिन में जो गुल खिलाये थें, उसपर किसी को कोई शक नहीं हुआ. लड़कियां तो उन लड़कों से शर्म के मारे आँख ही नहीं मिला पा रही थीं !

#

रात के 11 बजे थें, सोनाली और नंदिनी अपने कमरे में पलंग पर बैठी अपनी अपनी मोबाइल में बिज़ी थीं.

" पेट में दर्द हो रहा है यार... " . नंदिनी ने अपना पेट दबाते हुए कहा.

" पनीर और मटन भला कोई एक साथ खाता है क्या ? " . सोनाली हँसने लगी.

" मुझसे ज़्यादा तो तूम खा गई... ".

" हाँ... पर मेरे पेट में दर्द नहीं हो रहा, तेरे पेट में हो रहा है ना. "

" ये खाने कि वजह से नहीं है बाबा... ". नंदिनी बोली, फिर थोड़ी सी धीमी आवाज़ में कहा. " लगता है मेरी माहवारी शुरू होने वाली है ! ".

" आज तेरा Date है क्या ? ". सोनाली ने पूछा.

" नहीं... अभी चार पाँच दिन बाकि है. ".

" फिर टेंशन कि वजह से ज़ल्दी आ गया होगा. "

" मतलब ? ".

" देख... कभी कभी सुहागरात वाले दिन लड़कियों को Periods होने लगता है... सेक्स कि टेंशन के कारण ! ". सोनाली ने अपने मोबाइल पर से ध्यान हटाते हुए नंदिनी को समझाया. " आज दिन में Swimming Pool में जो हुआ हमारे साथ, उसकी वजह से शायद तुझे सेक्शुअल टेंशन हो गई हो. "

" तुम्हें इतना सब कैसे मालूम ? ". नंदिनी ने आश्चर्य जताते हुए पूछा.

" लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट, इनका इस्तेमाल सिर्फ पढाई के लिये ही नहीं होता, ऐसी मज़ेदार जेनरल नॉलेज के लिये भी होता है. ". सोनाली मुस्कुराई, और फिर हँसते हुए बोली. " और कभी कभी गंदी फिल्में देखने के लिये भी ! ".

नंदिनी को भी सोनाली कि चपल बातों पर हंसी आ गई. फिर थोड़ा सा रुक कर वो परेशान सा मुँह बनाते हुए बोली.

" लेकिन यार मेरा मासिक बहुत Irregular है... कभी कभी तो 12 दिन में ही फिर से हो जाता है और कभी कभी 35 - 40 दिन पर ! ".

" ऐसा मेरा भी पहले होता था, फिर मम्मी ने डॉक्टर दिखा कर कुछ दवाईयां चलवाई तब अभी जाकर ठीक है. ". सोनाली ने कहा, फिर नंदिनी के कंधे पर हाथ रख कर उसे आस्वासन दिया. " फ़िक्र मत कर... इस उम्र में ऐसा होता है, फिर भी तू चाहे तो मामी जी से पूछ कर मैं तेरे लिये भी वो मेडिसिन ला दूंगी... Okay ! ".

तभी सोनाली कि मोबाईल पे मैसेज का टोन आया.

" ये देख...तेरा भाई हमारे कमरे में आने के लिये पूछ रहा है, अमन भैया के साथ ! " . सोनाली ने अपना व्हाट्सप्प चेक करते हुए कहा. फिर थोड़ा रुक कर नंदिनी से पूछा. " क्या बोलती हो, बुला ले ??? ".

" तूम जैसा समझो... ". नंदिनी ने ऐसे कहा जैसे उसे कोई इंटरेस्ट ना हो.

" अच्छा ? और तेरा मन नहीं है क्या ? ".

जवाब में नंदिनी एकदम से शर्मा गई, फिर बोली. " मन तो है... और वैसे भी आज सुबह Swimming Pool में जो हुआ उसके बाद ये लोग हमें चोदे बिना थोड़े ही मानेंगे ! ".

नंदिनी कि बात सुन कर सोनाली को एकदम से हँसी आ गई, और उसने कहा. " ठीक भी है... बॉयफ्रेंड वगैरह का चक्कर बहुत गंदा होता है. अपने Cousin से प्यार मुहब्बत करने से बात घर में ही रहती है. और फिर ये लोग हमारे प्यार में Seriously लट्टू हो रहें हैं. ".

" मुझे भी तुम्हारा भाई बहुत अच्छा लगता है... ". नंदिनी ने धीरे से कहा.

" बुला लें फिर ना ? ". सोनाली ने फिर से पूछा.

" हाँ बाबा... मेरे मुँह से निकलवा के रहोगी ना ? ". नंदिनी झल्लाई.

" और तेरा Periods ??? ". सोनाली धीरे से बोली.

" धत्त ! अभी नहीं आयेगा... लगता है कल सुबह तक होगा ! ". नंदिनी का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया.

उधर लड़कों के कमरे में सुरेश कि खुशी का ठिकाना ना रहा जब सोनाली ने व्हाट्सप्प पर उसे अपने कमरे में आने कि सहमति दे दी.

" चल भाई... लड़कियां मान गई ! ". सुरेश झट से बिस्तर पर से उठते हुए बोला.

" सच ??? ". अमन को जैसे यकीन ही नहीं हुआ, फिर उसने अपने पैंट में अपना लण्ड पकड़ कर कहा. " मूठ मार के चलें भाई, नहीं तो जल्दी माल गिर जायेगा यार ! ".

" अबे हम कोई Pornstar तो हैं नहीं जो घंटो चोदते रहेंगे. और फिर वो हमें बस बुला रहीं हैं, चोदने मिलेगा ऐसा ज़रूरी नहीं... समझा ? ". सुरेश बोला. " Relax भाई... चल. ".

सुरेश और अमन अपने कमरे से बाहर निकले ही थें कि एकदम से अमन कि मम्मी और सुरेश के मम्मी पापा से आमना सामना हो गया जो कि बाहर से टहल कर लौट रहें थें.

" कहाँ ? ". अमन कि मम्मी ने पूछा.

" वो फुआ... हम ऊपर बहनों के रूम में जा रहें थें. ". सुरेश ने अटकती आवाज़ में कहा.

" सोने के टाईम ? ". सुरेश के पापा ने कहा.

" मामा जी... नींद नहीं आ रही. Ludo खेलना था, फिर वापस आ जायेंगे. ". अमन ने दृढं स्वर में कहा.

" जा बेटा... ". सुरेश कि मम्मी बोली. " कंप्यूटर मोबाईल के ज़माने में भी Ludo खेलना कितनी अच्छी बात है. ".

" Thank You मामी जी... ". अमन ने झट से कहा और सुरेश का हाथ पकड़ कर उसे लगभग खींचता हुआ वहाँ से चलते बना, बिना किसी के जवाब का इंतजार किये बिना.

" बस झगड़ा मत करना तूम भाई बहन... ". पीछे से अमन कि मम्मी चिल्लाई..........................

पलंग पर बैठे सोनाली और नंदिनी ने देखा कि कमरे का दरवाज़ा धीरे से खुला और अमन और सुरेश आहिस्ते से अंदर दाखिल हुए, दरवाज़े कि कुंडी चढ़ाई, और सीधे बिस्तर पर आ गये, अमन नंदिनी के पास और सुरेश सोनाली के करीब.


[Image: IMG-20200524-021800.jpg]


" किस बात कि इतनी बेचैनी है ??? ". सोनाली ने सुरेश को थोड़ा तंग करने के लिहाज से झूठ मूठ का मुँह बनाते हुए पूछा.

पर सुरेश अब किसी भी तरह कि मस्ती मज़ाक के मूड में नहीं था. उसने सोनाली का चेहरा बड़े प्यार से अपने हाथों में लिया और कहा.

" शहर के इतने सारे लड़कों को छोड़ कर तुम्हें अपने इस गंवार भाई में ऐसा क्या दिखा जो मुझसे प्यार कर बैठी ? ".

" मैंने कब कहा कि मैं तुमसे प्यार करती हूं ? ". सोनाली ने फिर से सुरेश को छेड़ा.

सुरेश में अब इतना सब्र नहीं था कि सवाल जवाब करे, उसने अपना मुँह आगे बढ़ा कर सोनाली के होंठ चुम लियें.

" तूम पर बहुत जंचता है... Cute लगती हो ! ". उधर अमन ने नंदिनी कि नथ को अपनी ऊँगली से छूते हुए कहा. नंदिनी अपनी नाक में सोने का एक छोटा सा नथ पहनती थी.

" गंवारन लगती हूं ना ??? ". नंदिनी ने जान बूझ कर पूछा, उसे पता था कि वो कितनी सुंदर है, पर वो अमन के मुँह से सुनना चाहती थी.

" गंवारन तो हो... पर अब से बस मेरी हो ! ". कहते हुए अमन ने नंदिनी को चुम लिया.

नंदिनी के लिये भी अब और बर्दास्त करना संभव नहीं था. अमन के होंठों में अपने होंठ डाले उसने उसके हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर रख लिया . अमन उसे चूमते हुए उसकी सोने के लिये पहनी हुई कुर्ती के ऊपर से उसकी बिना ब्रा कि चूची दबाने लगा !

" उसे धीरे धीरे चोदना भैया... बेचारी के पेट में दर्द है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन से कहा जो कि अभी नंदिनी को चुमने में ब्यस्त था. उसकी इतनी Direct बात सुन कर नंदिनी शर्मा गई, उसने अपने होंठ अमन के होंठों से अलग करते हुए सोनाली कि ओर झूठे गुस्से से देखा तो सोनाली ने उसे आँख मार दी.

अमन कुछ समझ पाता, इससे पहले ही सुरेश ने अपनी बहन नंदिनी से शैतानी मुस्कान के साथ कहा.

" क्यूं मोटी.... आज तो 17 तारीख़ है ना ? आज तेरे पेट में दर्द कैसे ??? ".

अपने सगे भैया के मुँह से ऐसी बातें सुन कर नंदिनी तो शर्म से पानी पानी होने लगी, बेचारी का मुँह खुला का खुला रह गया.

" आपको अपनी बहन के Dates कैसे पता... सुरेश भैया ? ". सोनाली ने पूछा, उसे नंदिनी कि हालत पर मज़ा आ रहा था.

" ये नहीं खाऊंगी, वो नहीं खाऊंगी, हर बात पे चिढना और मुझसे झगड़ा करना, सारा दिन सलवार पहने रहना, धीरे से उठना और ध्यान से बैठना, कॉलेज नहीं जाना... ". सुरेश बेशरम कि तरह बोले ही जा रहा था.

" Shut Up भैया... Please !!! ". अपने भाई कि बात बीच में ही काटते हुए नंदिनी ने तमतमाते हुए कहा. बेचारी का चेहरा लाल पड़ गया था शर्म के मारे !

सुरेश समझ गया कि अपनी बहन को और तंग करना सही नहीं होगा. उसने अब सोनाली से पूछा.

" और तुम्हारा कब होता है ??? ".

" छी !!! ". सोनाली ने शर्माते हुए सुरेश कि गाल पे एक हल्का सा प्यार भरा थप्पड़ जड़ दिया.

अमन अब तक समझ चुका था कि यहाँ किस चीज़ के बारे में बात हो रही है. उसने अपनी बहन सोनाली कि ओर दिखाते हुए सुरेश से हँसते हुए कहा.

" इसका 25 से 28 तारीख़ के बीच आता है... ".

नंदिनी को बहुत मज़ा आया कि अब सोनाली फंस गई है. उसने मुस्कुराते हुए अमन के कान मरोड़ते हुए पूछा.

" आपको कैसे पता अमन भैया ??? ".

" दिन में 100 बार पीछे मुड़ मुड़ कर अपना गांड़ चेक करती रहती है ! ". अमन ने कहा, फिर अपनी हँसी रोक नहीं पाया तो उसके साथ नंदिनी भी हँसने लगी.

" भैया छी... आप लोग ना !!! ". बेचारी सोनाली के गाल तो शर्म के मारे नंदिनी के गालों से भी ज़्यादा लाल हो गयें !

अमन वापस नंदिनी कि ओर मुड़ा और उसकी स्लीपिंग पजामे के ऊपर से उसकी जांघ सहलाते हुए उसकी दोनों जांघों के बीच दबी उसकी चूत कि ओर देखते हुए कहा.

" वैसे Seriously... तूम ठीक तो हो ना ??? ".

जवाब में नंदिनी ने मुस्कुरा कर अपना चेहरा चुमने के लिये आगे कर दिया.

[Image: IMG-20200518-030813.jpg]

इधर सुरेश कि नज़र अब सोनाली के चुचियों पर थी, ज़ाहिर था कि उसने अपनी नाईटी के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. सोनाली उसकी मंसा भाप गई. उसने सुरेश कि आँखों में मुस्कुराते हुए देखा और अपने नाईटी के गले के बटन खोलने लगी. ऊपर के तीन बटन खोल कर सोनाली ने नाईटी अपने गोरे कंधे से उतार दी और अपनी दाई चूची बाहर निकाल ली. हल्के लाल रंग के छोटे से निप्पल को अपने चेहरे के इतने करीब देख कर सुरेश ने लपक कर उसे मुँह में ले लिया !

मुँह में कुछ लेकर चप चप चूसने कि आवाज़ से उधर अमन समझ गया कि उसकी बहन सुरेश को अपना दूध पिला रही है, पर उसने जान बूझ कर उस तरफ नहीं देखा, सगे भाई बहन में इतना लिहाज तो रखना ही चाहिये. नंदिनी भी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी, अमन के साथ चुंबन में लिप्त उसने उसका पैंट टटोलना शुरू किया. पैंट के ऊपर से नंदिनी कि उंगलीयों का स्पर्श पाकर अमन समझ गया कि उसे क्या चाहिये, उसने अपना पैंट खोले बिना अपना लण्ड बाहर निकाल दिया. नंदिनी ने बहुत ही नज़ाकत से डरते डरते उसका लण्ड अपने हाथ में लिया, दरअसल उसे सुबह कि बात याद थी कि किस तरह Swimming Pool में उसका लण्ड हाथ में पकड़ते ही बेचारे का शीघ्रपतन हो गया था !

नंदिनी ने अमन के लौड़े का दर्शन करने के लिये अपने होंठ उसके होठों से हटा लिये, सुबह Pool के पानी के अंदर वो उसका लण्ड नहीं देख पाई थी, अब नीचे देखा तो देखती ही रह गई. 7 इंच लम्बा मगर बेहद मोटा, करीब 3 इंच का, थोड़े काले रंग का उसका लण्ड उसकी उम्र के हिसाब से काफी बड़ा था, एकदम बड़े मर्दों के लौड़े जैसा ! नंदिनी ने एक बार सुरेश और सोनाली कि तरफ देखा कि कहीं वो लोग देख तो नहीं रहें, पर दोनों खुद में ही लगे पड़े थें. तब नंदिनी अपने घुटनों पर बैठती हुई अपने चूतड़ पीछे उठा कर नीचे अमन कि गोद में झुकी. उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के मुँह के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह ढंका हुआ था. नंदिनी ने अपने हाथ में लण्ड पकड़े उसका सुपाड़ा खोलना चाहा तो देखा की चमड़ा बहुत टाईट है.

" मत करो... वो नहीं खुलता है ! ". अमन ने दर्द से भरी धीमी आवाज़ में कहा. नंदिनी ने उसका लण्ड उसी तरह अपने मुँह में ले लिया !

इधर सोनाली की दोनों चुचियों से रस पीने के बाद सुरेश ने उसकी नाईटी के ऊपर से उसकी नाभी को कुरेदते हुए कहा.

" अब दिखाओ... कैसा है तुम्हारा ! ".

" दिखाती हूं... ". सोनाली ने तिरछे होठों से मुस्कुराते हुए कहा. उसने पीछे तकिये पर टेक लगाते हुए अपनी गांड़ बिस्तर पर से थोड़ी सी ऊपर उठा कर अपनी नाईटी जांघ से होते हुए सीधे अपने पेट तक उठा ली. उसकी नंगी चूत अब सुरेश के आँखों के सामने थी, बेशरम लड़की ने अंदर पैंटी ही नहीं पहनी थी !!!

सुरेश ने सोनाली की ओर कृतज्ञ नज़रों से देखा और फिर नीचे झुका तो सोनाली ने अपनी टांगे खोल दी. पावरोटी के जैसी फुली हुई तिकोने चूत के बीचों बीच बस एक पतली सी लकीर थी जहाँ चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. एकदम बाल रहित चिकनी चूत थी उसकी, पूरी तरह से गोरी, बस वो जगह थोड़ी सी सांवली सी थी जहाँ चूत के दोनों Lips का मिलन हो रहा था. मनभावन बूर देवी के यूं सामने अचानक प्रकट हो जाने से सुरेश समझ नहीं पा रहा था की क्या करे और क्या क्या करे. सो सबसे पहले उसने अपनी फूफेरी बहन की चूत की गंध का जायज़ा लेने का फैसला लिया. उसने अपनी नाक सोनाली की चूत के फांक के उपर हल्के से रखी और एक गहरी साँस ली !

" रुको... ऐसे नहीं ! ". सोनाली ने कहा, और अपने हाथ की दो उंगलीयों से अपनी चूत के होंठ खोल दिये. " अब सूंघों... ".

सोनाली की दोनों उंगलीयों के बीच खुली चूत का अब दाना ( Clitoris ) और अंदर की गुलाबी छेद साफ दिख रही थी. सुरेश ने अपना मुँह और नाक उसकी चूत की अधखुली फांक में घुसा दिया. उसके नथूनों में चूत की वो महक घुसी जिसे वो अब अपनी सारी ज़िन्दगी नहीं भूलने वाला था !!!

[Image: IMG-20200524-021831.jpg]


उधर नंदिनी अमन के लण्ड का आधे से भी कम हिस्सा मुँह में लेकर चूस रही थी, इतना बड़ा लौड़ा पूरा मुँह में पेलवाना संभव नहीं था उसके लिये. अमन काफी देर से अपना वीर्य जबरदस्ती रोके हुए था, उसने अपनी ममेरी बहन को लण्ड चूसने से रोकना उचित नहीं समझा, ये सोच कर की वो ना जाने क्या सोच बैठेगी. नंदिनी इस बात से बेखबर की उसके अंडकोष में माल भर आया था, उसे ब्लोजॉब देती रही. अचानक अमन ने नंदिनी की कुर्ती में नीचे झूल रही चूची पकड़ कर ज़ोर से दबाई और नंदिनी का मुँह अपने गाढ़े वीर्य से भर दिया. उसका लण्ड इतना उत्तेजित हो गया था की 10 सेकंड में ही उसका सारा पानी निकल गया. नंदिनी ने बड़ी सावधानी से उसका लण्ड अपनी मुँह से बाहर निकाला और फिर अपने होंठ कस कर बंद कर लिये ताकि माल मुँह से बाहर ना छलक पड़े. उसने रोनी सूरत बना कर ऊपर अमन को देखा, ज़ाहिर था की उस बेचारी को ये Surprise बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था. उसका पूरा मुँह वीर्य से लबालब भर गया था और उसके गाल गुब्बारे की तरह फूल गयें थें, बड़ी Cute सी लग रही थी वो !!!

नंदिनी ने पहले तो बहुत कोशिश की वीर्य को निगल लेने की, पर जब उसके नमकीन स्वाद से उसे उबकाई सी आने लगी, तो बेचारी इधर उधर खोजने लगी की कहाँ थूके. जब कुछ नहीं मिला और कुछ समझ में नहीं आया तो वो अपना मुँह अपने हाथ से दबा कर Dressing Table की ओर दौड़ी, वहाँ Drawer से Whisper Ultra Soft का वो पैकेट निकाला जो सोनाली ने उसे आज सुबह दिया था, पैकेट फाड़ कर एक फ्रेश पैड निकाला और उसी पर मुँह का सारा वीर्य उगल दिया. पैड पर जितना भी वीर्य गिरा वो तो पैड ने झट से सोख लिया पर चूंकि अमन ने बहुत ज़्यादा माल गिराया था, तो ज़्यादातर वीर्य Dressing Table और नीचे ज़मीन पर गिर गया था !

इधर सोनाली नंदिनी की ये सारी हरकते देख रही थी और उसे उसकी इस दयनीय स्थिति पर तरस भी आ रहा था और हँसी भी. पर उसकी हँसी अंदर ही दब कर रह गई क्यूंकि सुरेश अभी जमकर उसकी चूत चाट रहा था और वो अब पूरी तरह से कामोत्तेजित हो चुकी थी. तभी अचानक ना चाहते हुए भी उसकी नज़र वहीं बगल में बिस्तर पर निढ़ाल पड़े अपने भाई अमन पर चली गई. उसकी पैंट से उसका अभी अभी स्खलित हुआ लण्ड बाहर निकल कर फड़क रहा था, पूरा टाईट और खड़ा, जिसमें से वीर्य की एक आखिरी धार चू कर उसके अपने ही पेट पर गिर रही थी. अपने सगे भाई को ऐसी अवस्था में देख कर वैसे तो उसे काफी Embarrassment होती, पर इस वक़्त जब कोई पहले से ही उसकी नंगी जांघों के बीच घुसा उसकी चूत को अपने मुँह से पेले जा रहा था, तो उसे कोई भी शर्म लाज महसूस नहीं हुई ! फिर भी उसने तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लिया !!!

सुरेश अपनी साँस रोके पूरे मन से सोनाली की चूत चाट रहा था. सोनाली को अचानक ऐसा लगा जैसे की उसकी नाभी में कई सारी तितलीयां फड़फड़ा रहीं हों. उसे महसूस हुआ की अब उसका पेशाब निकलने वाला है. उसने झट से सुरेश के बाल पकड़ कर उसका चेहरा अपनी जांघों से परे धकेल दिया. काफी देर हो चुकी थी और अब उसके लिये बिस्तर से उठ कर ज़मीन पर पेशाब करने के लिये उतर पाना मुश्किल था, सो जब कुछ समझ ना आया तो उसने तुरंत अपनी हथेली अपने गांड़ के नीचे रख ली ताकि पेशाब उसी पर गिरे और चादर गंदी ना हो. सुरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है, वो बेचारा बड़ी बड़ी आँखों से सोनाली की चूत को देखने लगा. सोनाली ने अपने दूसरे हाथ से अपनी नाभी और चूत के बीच वाला हिस्सा दबाया और सिर उठा कर अपनी चूत की ओर देखने लगी. सुरेश ने देखा की उसकी चूत के छेद से पानी जैसा पतला रंगविहीन रस बाहर चू कर उसकी गांड़ के नीचे हथेली में भरने लगा. अब सोनाली की समझ में आया की उसका पेशाब नहीं निकला था, बल्कि आज पहली बार उसका पानी गिरा था !!! चूत स्खलन के आनंद से विभोर होकर उसने अपना सिर वापस तकिये पर पटक दिया और आँखे बंद किये हुए झड़ती रही. चूत के पानी से उसकी हथेली पूरी तरह से भर गई तो पानी नीचे चादर पर फ़ैलने लगा. सुरेश मुँह खोले ये सब बस देखता रहा, उसे तो पता ही नहीं था कि लड़कियों का भी माल गिरता है !!!
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#55
Wink 
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सोनाली कि ऊपर नीची होती साँस जब थोड़ी सी नियमित हुई तो उसने अपनी आँखे खोली और बड़ी ही सावधानी से चूत के पानी से भरी अपनी हथेली अपने गांड़ के नीचे से बाहर निकाली, ये ध्यान में रखते हुए कि पानी बिस्तर पर छलक ना जाये. सुरेश अभी भी आश्चर्यचकित नज़रों से कभी उसकी झड़ी हुई चूत तो कभी उसकी हथेली में भरा चूत का पानी देख रहा था.

" पीना है क्या सुरेश भैया ? ". सोनाली ने मज़ाक में कहा और चूत - मलाई से भरी अपनी हथेली उसके मुँह के सामने कर दी.

पर सुरेश ने तो उसकी बात सीरियस ले ली ! उसने अपना नाक आगे करके पहले तो चूत रस का गंध सूंघा. सोनाली के चूत का क्रीम, बर्फ से निकाली हुई ताज़ी मछली के जैसा महक रहा था. सुरेश को ये गंध बहुत ही तेज़ लगी, मगर पसंद नहीं आई. उसे अब इसका स्वाद चख कर देखना था. जैसे कोई अपनी हथेली से नल का पानी पीता है, सुरेश ने सोनाली कि हथेली में अपना मुँह लगा दिया. एक ही साँस में कम से कम दो चम्मच भर चूत का पानी अपने मुँह में टान लिया, दो सेकंड के लिये पानी मुँह में रखा, फिर सीधा गले के अंदर गटक गया ! थोड़ा नमकीन और खट्टा खट्टा सा उसका टेस्ट उसके मन को खुब भाया ! उसकी इस हरकत पर सोनाली ज़ोर से हँस पड़ी तो उसकी हथेली से थोड़ा सा पानी छलक कर नीचे चादर पर गिर गया.

" Wait... हिलना मत ! ". सुरेश झट से बिस्तर पर से उठा.

सोनाली कि चूत चाटते वक़्त उसने तिरछी नज़रों से देखा था कि नंदिनी ने कुछ देर पहले क्या किया था. उसी का आईडिया अपना कर वो Dressing Table पर पड़े Whisper Ultra Soft के पैकेट से एक नया पैड निकाल लाया और सोनाली कि हथेली पकड़ कर बड़ी ही सावधानी से चूत का पानी उसपे उड़ेल दिया. फिर पैड ने जब पूरा पानी सोख लिया तो उसने पैड वहीं ज़मीन पर फेंक दिया.

" क्या कर रहे हो भैया ! पैड ऐसे बर्बाद मत करो, जब हमें ज़रूरत पड़ेगी तो फिर कहाँ से आयेगी ? ". नंदिनी ने अपनी कुर्ती उतारते हुए कहा. वो अब पलंग के किनारे खड़ी थी जिधर अमन लेटा हुआ था.

सुरेश अपनी बहन कि बात का जवाब देता, इससे पहले ही अमन बिस्तर पर उठ बैठा और नंदिनी की गांड़ को अपने बाहों में भर कर उसके पजामे के ऊपर से उसकी चूत वाली जगह को चुम लिया और फिर बोला.

" मैं हूं ना... मैं ला दूंगा. तुम्हारी चूत की देख रेख अब मेरी जिम्मेदारी है ! ".

अमन ने ये बात इतने ज़ोर से बोली थी की उसकी बहन सोनाली और नंदिनी के भाई सुरेश ने साफ साफ सुन ली, पर ऐसा नाटक करने लगें की जैसे कुछ भी ना सुना हो . नंदिनी तो बेचारी शर्म के मारे झेप ही गई !

नंदिनी ने अपने पजामे का नाड़ा खोल कर पजामे को अंदर पहनी पैंटी सहित नीचे सरका दिया, और फिर अपने टांगों से निकाल कर वहीं बिस्तर पर फेंक दिया. अब जब वो अमन के सामने बिल्कुल नग्न अवस्था में खड़ी थी तब अमन समझा की नंदिनी को उसका भाई " मोटी " कह कर क्यूं चिढ़ाया करता था. दरअसल उसके कुल्हे और गांड़ उसकी उम्र की लड़की के हिसाब से काफी बड़े थें, मगर उसकी वजह से उसे " मोटी " कहना तो सही नहीं होगा, इसी वजह से असल में वो हद से ज़्यादा सेक्सी लगती थी. वो तो उसका भाई बस उसे तंग करने के लिये उसे ऐसा बुलाता था.

नंदिनी के शरीर में दो ऐसी चीज़े थीं जो उसकी खूबसूरती को और बढ़ाती थीं - एक तो उसके नाक का छोटा सा सोने का नथ, और दूसरा उसके कमर की करधनी ! साधारण से मोटे काले धागे की बनी उसकी करधनी ठीक उसके नाभी के नीचे से होकर गुजर रही थी और उसमें से एक धागा नीचे झूल रहा था जिसके अंतिम सिरे पर एक ताबीज़ बंधी हुई थी, जो की झूलते हुए बस वहाँ तक पहुँच रही थी जहाँ से उसकी चूत की फांक शुरू होती थी ! उसकी दोनों गदराई हुई जांघों के आपस में दबाव के कारण उसकी मांसल तिकोनी चूत फूल कर बाहर निकल आई थी. शहर की बनावटी लड़कियों की तरह उसने अपनी चूत शेव नहीं करी थी, बल्कि अपनी झांट को कैची से बस Trim किया हुआ था. अमन को समझ नहीं आ रहा था की कहाँ से शुरू करे ! सो पहले उसने नंदिनी की नाभी को सूंघा, फिर उसकी करधनी को , और फिर चूत की बारी आयी.

[Image: IMG-20200527-012631.jpg]

" ममममममम... कौन से साबुन से धोती हो ? बड़ी अच्छी महक आ रही है... ". एक सेकंड के लिये अमन ने अपना चेहरा नंदिनी की टांगों के बीच से निकाल कर उसकी ओर ऊपर देखते हुए पूछा और फिर वापस मुँह अंदर डाल दिया.

" सिर्फ पानी से धोती हूं, साबुन वगैरह लगाने से वहाँ की त्वचा ख़राब हो जाती है. ". नंदिनी ने अमन के बाल सहलाते हुए बताया, फिर एकदम धीरे से बोली, ताकि सिर्फ अमन सुन सके. " बस महीने में तीन चार दिन साबुन लगाना पड़ता है... समझ रहे हो ना अमन भैया ??? ".

नंदिनी ने नीचे देखा की अमन का लण्ड अब झड़ने की वजह से पूरा ढीला पड़ गया था. उसे बस एक ही चिंता खाये जा रही थी की अगर उसके लण्ड का सुपाड़ा नहीं खुला तो वो चोद पायेगा की नहीं. उसने पोर्न फिल्मों में देखा था की लड़के कैसे अपने लण्ड का सुपाड़ा खोल कर ही लड़कियों को पेलते हैं.

आखिरकार उसने सोनाली से पूछ ही लिया. " यार ये लण्ड का चमड़ा टाईट हो तो सुपाड़ा कैसे बाहर आता है ? ".

" मुझे क्या पता... डॉक्टर थोड़े ही हूं मैं ! ". सोनाली ने अपनी नाईटी उतारते हुए कहा. उसे पता था की नंदिनी क्या बोल रही है, क्यूंकि अभी कुछ देर पहले ही जब उसने अपने भैया का लण्ड देखा था तो ये नोटिस किया था की उसका सुपाड़ा खुला हुआ नहीं है !

" बताओ ना प्लीज़...तुम्हें तो सब पता होता है. ". नंदिनी ने ज़िद कि.

" नारियल तेल Try करके देख... ". सोनाली ने बेमन से कहा. वो अभी सिर्फ अपने और सुरेश के बारे में सोच रही थी.

सोनाली अब पूरी नंगी हो गई तो सुरेश भी अपने पजामे का नाड़ा खोलने लगा. उसके पजामे में बने तंबू को देखकर सोनाली भगवान से बस यही प्रार्थना कर रही थी की उसका लण्ड अमन के लण्ड जैसा भयावह ना निकले ! कुछ देर पहले अपने सगे भाई के लण्ड का आकार देखकर वो सचमुच में डर गई थी !

अमन का पजामा नीचे सरका तो उसका लण्ड छिटक कर बाहर निकल आया. आखिर जिस बात का सोनाली को डर था वही हुआ, उसके ममेरे भैया का लण्ड उसके सगे भैया के लण्ड जैसा तो नहीं था, बल्कि उससे कहीं ज़्यादा मुसटंडा था. जांघों के बीच झांट से भरे जगह से ठनका हुआ लण्ड निकल कर ऊपर सुरेश के पेट में सट रहा था. 8.5 इंच लम्बे लण्ड का 3.2 इंच मोटा गुलाबी सुपाड़ा पहले से ही खुला हुआ था. सोनाली समझ गई की गाँव के लड़के बड़े लण्ड के लिये यूँ ही बदनाम नहीं होतें !!!

[Image: IMG-20200527-013037.jpg]

सोनाली को पता था की जब उसकी चूत की सील फटेगी तो खून निकल सकता है, और अगर सुरेश भैया के जैसा लौड़ा हो तो चुदी चुदाई चूत भी लहू लुहान हो जाये तो आश्चर्य नहीं ! उसने अपनी नाईटी को अपने गांड़ के नीचे बिछा लिया ताकि खून वगैरह निकले तो उससे चादर मैली ना हो जाये.

अपनी फूफेरी बहन के मासूम से चेहरे पर उड़ती हवाईयों से सुरेश समझ गया की वो बेचारी घबरा रही है. वो अपना लण्ड एक हाथ में पकड़े हुए उसके ऊपर चढ़ गया, फिर अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी नाभी पर रखते हुए उसकी आँखों के बीच माथे को चुम लिया और मुस्कुरा कर बोला.

" घबराओ नहीं... कोई ज़बरदस्ती नहीं करूंगा ! ".

सुरेश के इन मीठे शब्दों के मात्र से सोनाली को काफी राहत महसूस हुई, और उससे भी ज़्यादा ये, की सुरेश एक सच्चे प्रेमी की तरह पेश आ रहा था, जिसे अपने प्रेमिका की सचमुच में फ़िक्र हो. उसने अपने दोनों हाथ सुरेश की पीठ पर प्यार से लपेट दिये. अब वो हर परेशानी के लिये तैयार थी !

सुरेश उसके बदन पर चढ़ा हुआ उसके गाल, गर्दन और होंठ चुमते चुमते अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी गहरी नाभी में घिसने लगा. अभी 20 सेकंड ही हुए होंगे की उसके लण्ड के सुपाड़े से वीर्य की एक मोटी गाढ़ी बूंद निकल कर सोनाली की नाभी में चू गई . ठीक ऐन वक़्त पे सुरेश ने अपना लण्ड रगड़ना बंद कर दिया नहीं तो वो अति उत्तेजना के कारण पूरी तरह से स्खलित हो गया होता ! फिर वो अपना लण्ड अपने हाथ में सावधानी से पकड़े हुए उठा. इस दौरान उसके सुपाड़े से वीर्य की और तीन चार बूंदे रिस रिस कर सोनाली के पेट और जांघों पर गिरी, पर सुरेश ने अपने लण्ड की जड़ को सख्ती से अपनी मुट्ठी में भीच रखा था जिसकी वजह से बाकि का वीर्य उसके अंडकोष में ही रुक गया. उसने अपने सुपाड़े पर लण्ड का चमड़ा चढ़ा लिया ताकि लण्ड की संवेदंनशीलता कम हो जाये. 5 मिनट तक वैसे ही रहने के बाद जब उसका गरम लण्ड थोड़ा शांत हुआ तो उसने अपना सुपाड़ा फिर से खोल लिया और अपने हथेली में थूक कर वही थूक अपने लण्ड पर मलने लगा !!!

" छी !!! सुरेश भैया... ये सब मत करो... गंदा लगता है ! ". सोनाली ने जब ये देखा तो बोल पड़ी.

सुरेश तो अपनी फूफेरी बहन की कुंवारी चूत की भलाई के लिये ये सब कर रहा था, ताकि लण्ड आसानी से उसे चोट पहुँचाये बगैर अंदर चला जाये. लेकिन वो ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता था जिसमें सोनाली की रज़ामंदी ना हो. सोनाली की बात मानते हुए उसने अपना लण्ड उसकी गांड़ के नीचे बिछे उसकी नाईटी में पोछ कर थूक साफ कर लिया.

मिलन की घड़ी आ चुकी थी, सोनाली ने अपनी टांगे फैला कर अपना कुंवारापन सुरेश के हवाले कर दिया. उसकी टांगे खुली होने के बावजूद उसकी चूत के दोनों होंठ अलग नहीं हुए थें और सुरेश को चूत के बीचोंबीच बस एक पतली सी लकीर ही दिख रही थी, कोई छेद नहीं ! सोनाली कि टांगों के बीच अपने घुटनों पे बैठा वो अपना लण्ड हाथ में पकड़े लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत की संकरी दरार में रगड़ते हुए अंदर डालने के लिये छेद खोजने लगा. ज़ल्दी ही उसे अपने सुपाड़े के मुँह पर कुछ नरम सा महसूस हुआ तो उसने छेद समझ कर लण्ड थोड़ा आगे ठेला.

" आआह्ह्ह्हह... सुरेश भैया...Nooooo ! ". सोनाली दर्द से सिहर उठी, उसने तकिये से अपना सिर उठा कर अपनी टांगों के बीच देखते हुए कहा. " वो पेशाब करने का छेद है, उसके नीचे वाले में डालो !!! ".


जैसे कि सुरेश को ये नहीं पता था कि लड़कियों का भी माल गिरता है, वैसे ही उस बेचारे को ये भी कहाँ मालुम था कि लड़कियों कि चूत में मूतने के लिये अलग और पेलवाने के लिये अलग छेद होते हैं !!! आज उसे अपनी फूफेरी बहन कि बदौलत लड़कियों के बारे में ये दो नई बातें पता चली थीं...

.....................


सुरेश ने अपने लण्ड का सुपाड़ा थोड़ा नीचे सरकाया तो उसे एक दूसरी नरम नाज़ुक सी छेद मिली, उसने अपनी कमर आगे खिसकाई तो सुपाड़े का अगला हिस्सा अंदर चला गया.

" हाँ... वही वाला है ! ". सोनाली ने जब हरी झंडी दिखाई तो सुरेश ने हल्का सा धक्का लगाया, और उसका पूरा सुपाड़ा चूत कि छेद में घुस कर अटक गया.

" तूम ठीक हो ना ??? ". सुरेश ने लण्ड का सुपाड़ा सोनाली कि चूत में फंसाये हुए उसकी जांघे सहलाते हुए पूछा.

जवाब में सोनाली ने सिर्फ अपना सिर हिला दिया और फिर एकदम मध्यम स्वर में बुदबुदाई. " और थोड़ा अंदर डालो... ".

सुरेश ने वैसा ही किया.

" बस रुको... ".

सुरेश रुक गया.

" डालो अब... ".

सुरेश ने लण्ड और अंदर ठेला.

" बस बस... आअह्ह्ह्हह... निकाल लो सुरेश भैया !!! ".

सुरेश ने घबरा कर अपना पूरा लौड़ा बाहर निकाल लिया. सोनाली ने सिर उठा कर देखा तो उसका लण्ड बुरी तरह से फड़क रहा था. उसे पता था कि वो ज़्यादा देर तक सुरेश को नहीं रोक सकती थी. 2 मिनट के बाद उसने उसे फिर से लण्ड अंदर डालने को कहा. सुरेश हर संभव सावधानी बरतते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में फिर से फिट करने लगा . सोनाली उसे जैसा जैसा बोलती वो बस वैसा वैसा ही करता.

" डालते रहो सुरेश भैया... आआह्ह्ह... बस... रुको... Wait... बाहर निकालो थोड़ा सा... हाँ... अब पेलो... नहीं... पूरा नहीं... थोड़ा सा और अंदर... बस बस बस !!! ".

सुरेश का लण्ड उसके सुपाड़े से ज़्यादा अंदर नहीं जा रहा था. सोनाली कि चूत कि झिल्ली ( Hymen ) में वो बार बार अटक जा रहा था. वो बस चूत कि उतनी सी गहराई में ही अपना लण्ड अंदर बाहर कर रहा था. ये उसके लिये बड़ी मुश्किल कि घड़ी थी, क्यूंकि एक तो बेचारा चोदने के लिये ब्याकुल हुआ जा रहा था और दूसरा उसके अंडकोष में वीर्य का दबाव बढ़ता ही जा रहा था. बेचारा अब चूत मारे या अपना माल गिरने से रोके !

सोनाली ने अपनी चूत में सुरेश का लण्ड ठीक से घुसवाने में इतना समय लगा दिया था कि बेचारा बिना ढंग से चोदे ही झड़ने के करीब पहुँच गया था. सोनाली ने अचानक से अपनी चूत में उसके लण्ड का सुपाड़ा फूलता हुआ महसूस किया. सुरेश का पूरा शरीर अकड़ गया. उसके लण्ड से वीर्य कि दो मोटी मोटी धारें फफक पड़ी. वो धपाक से सोनाली के बदन पर गिर पड़ा. चरमसुख के इस अति उत्तेजना के पल में वो अपने आपे में ना रहा, सब कुछ भूल गया वो. उसने पूरा ज़ोर लगा कर अपनी कमर सोनाली कि जांघों के बीच घुसेड़ दिया. उसके लण्ड का मोटा सुपाड़ा सोनाली कि चूत कि सील को एकबारगी फाड़ता हुआ उसकी तह तक घुस गया !

" ओह माँ !!! ". लण्ड के अकस्मात लगे इस आघात से सोनाली बिलबिला उठी.

सुरेश ने अपना लण्ड सोनाली कि चूत में जड़ तक ठूस दिया और उसकी कुंवारी बच्चेदानी में अपना वीर्य भरने लगा ! दस सेकंड के अंदर उसके लण्ड ने वीर्य के 7 से 8 धारों की तेज़ उल्टी कर दी थी ! सोनाली के पेट में अपना अंडकोष पूरी तरह से खाली करने के बाद आनंदविभोर हुए सुरेश ने उसके गाल को चुम लिया और फिर अपना मुँह उसकी कांख ( Armpit ) में घुसा कर उसके बदन पर लेटे हुए अपने झड़े हुए लण्ड से ही उसे चोदना शुरू कर दिया !!!

पूरा का पूरा पलंग चरमराती हुई आवाज़ में हिलने लगा.

इधर पलंग के किनारे बैठा अमन समझ गया की अब उसकी बहन सुरेश से चोदवा रही है ! उसकी पीठ उन दोनों के तरफ थी इसलिये उसे कुछ दिख नहीं रहा था, और ना ही उसे अपनी सगी बहन की चुदाई देखने का कोई मन था. उसे तो अब नंदिनी को चोदना था, जो की अभी पलंग के किनारे उसके पास मंत्रमुगध सी खड़ी, फटी आँखों से, ना चाहते हुए भी अपने सगे भाई को पेलते हुए देख रही थी !!!
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#56

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" आओ हम नीचे करते हैं... ". अमन ने पलंग पर से एक तकिया उठाते हुए नंदिनी से कहा. वो नहीं चाहता था की वो वहीं पलंग पे नंदिनी को चोदे, जहाँ उसकी सगी बहन को सुरेश पहले ही चोदने में लगा हुआ था. उसे ना ही अपनी सगी बहन के बगल में नंदिनी को चोदना Comfortable लगेगा और ना ही नंदिनी को अपने सगे भाई के बगल में चुदवाना. सगे भाई बहन को इतनी सी मान मर्यादा और शर्म लिहाज तो रखनी ही चाहिये !

नंदिनी पास ही तार पर झूल रहे अपना और सोनाली का तौलिया उतार लाई और पलंग के बगल में नीचे ज़मीन पर लेटने लायक जगह तक फैला कर बिछा दिया. अमन ने वहीं तकिया रख दिया. फिर नंदिनी Parachute Coconut Oil का एक डिब्बा लेकर वहीं पालथी मार कर अमन के सामने बैठ गई.

" पहले आपके लण्ड का इलाज करते हैं अमन भैया ! ". नंदिनी ने कहा. उसे सोनाली का सुझाव याद था की कैसे लण्ड का टाईट सुपाड़ा खोले ! उसने अमन का मुरझाया हुआ लण्ड अपने एक हाथ में पकड़ा और दूसरे हाथ से उसपर ढ़ेर सारा नारियल का तेल उड़ेल दिया. चूंकि तेल थोड़ा ज़्यादा ही गिर गया था तो नंदिनी ने उसी तेल से पहले अमन का पूरा लण्ड और अंडकोष भीगा दिया और फिर उसके सुपाड़े पर चढ़ा चमड़ा मलने लगी.

करीब 5 - 7 मिनट तक अपने दोनों हाथों से लण्ड की मालिश करते हुए नंदिनी सुपाड़े पर चढ़ा चमड़ा खोलने का भरसक प्रयास करती रही, पर नाकाम रही. बेचारे अमन को दर्द भी हो रहा था. वैसे इससे एक बात का फायदा हुआ की अमन का लण्ड उसकी नरम उंगलीयों की छुवन पाकर फिर दे ठनक गया.

" छोड़ो... ऐसे ही करते हैं ! ". अमन को नंदिनी के इस प्रयत्न पर प्यार आ रहा था. उसने आगे बढ़ कर उसके गाल चुमते हुए कहा.

नंदिनी को सोनाली के गलत सुझाव पर बहुत गुस्सा आ रहा था. पर अभी वो कर भी क्या सकती थी, ऊपर सोनाली तो चूत मरवाने में ब्यस्त थी, नहीं तो नंदिनी उसे खुब खरी खोटी सुनाती ! खैर, जो भी हो, अब नंदिनी ने सोचा की ये नारियल तेल उसकी चुदाई में काम आ जायेगा, शायद इससे उसकी अनचुदी चूत फटने में कम दर्द महसूस हो.

नंदिनी ने अपनी हथेली में थोड़ा सा नारियल तेल ढाला और तकिये पर लेट गई, फिर अपनी टांगें खोल कर अपनी नंगी चूत पर सारा का सारा तेल चपोत दिया. अमन उसकी खुली जांघों के बीच बैठ गया और अपना लण्ड पकड़ कर लण्ड के मुँह से उसकी पूरे चूत पे फ़ैले तेल को काछ काछ कर एक जगह उसकी चूत के छेद के पास जमा कर लिया, और फिर एकदम धीरे से लण्ड को चूत की छेद में दबाया. लण्ड के पहले ही चाँप से एक हल्की सी चटकने की आवाज के साथ नंदिनी के चूत की पतली नरम झिल्ली फट गई !!!

" सससससस...... ". दर्द की टीस से नंदिनी ने तुरंत अपनी टांगें आपस में बंद कर ली तो अमन का खड़ा लण्ड छिटक कर चूत से बाहर निकल आया.

अमन थोड़ी देर तक नंदिनी की बंद जांघों पर अपना लण्ड रगड़ता रहा और उसे संभलने का पूरा मौका दिया. फिर जब नंदिनी थोड़ी सी रिलैक्स हुई तो उसने उसके दोनों घुटने पकड़ कर धीरे से उसकी टांगें खोली. नंदिनी चुप रही, उसकी चुप्पी में ही उसकी रज़ामंदी है, ऐसा सोच कर अमन ने अपना लण्ड बिना हाथ में पकड़े उसकी चूत की छेद पर टिका दिया, और अंदर ठेलते हुए नंदिनी के ऊपर झुकने लगा. जब तक नंदिनी के ऊपर झुकते झुकते अमन का शरीर उसके बदन से पूरी तरह चिपक गया, तब तक उसका करीब आधा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था. एक तो नंदिनी की चूत बहुत ही ज़्यादा टाईट थी, ऊपर से अमन के सुपाड़े पर घर्षण के कारण लण्ड के चमड़े का फ़ैलना, कुल मिला कर अमन को भी उतना ही दर्द हो रहा था जितना इस वक़्त नंदिनी को !!!

अमन और अंदर तक लण्ड डालना चाहता था पर दर्द के मारे साहस नहीं जुटा पा रहा था. उसका मुँह नंदिनी के खुले हुए होठों के एकदम पास था, नंदिनी की आँखे बंद थी और वो गहरी साँसे ले रही थी. उसकी गरम साँसों की खुशबु से अमन पागल हुआ जा रहा था, चूत के अंदर लण्ड डाले आखिर कब तक कोई खुद पर संयम बनाये रख सकता था. आखिरकार, अमन ने इस बार ज़बरदस्ती अपने लण्ड को और भीतर तक ठूसने की कोशिश की तो उसका लण्ड करीब एक इंच और अंदर धस गया, परन्तु इस प्रयास में नंदिनी की कसी हुई चूत ने उसके लण्ड पर वो प्रेशर डाला, की उसके लण्ड का चमड़ा अकस्मात ही एकदम से मुड़ गया, और उसका पूरा सुपाड़ा खुल कर बाहर निकल आया !

अमन को वो दर्द हुआ की अगर वो सामान्य अवस्था में होता तो सचमुच में चीख पड़ता, पर इस वक़्त उसकी कामोत्तेजना उसके दर्द पर हावी हुई पड़ी थी. वैसे ज़िन्दगी में आज पहली बार उसके लण्ड का सुपाड़ा खुला था, और वो भी किसी की नरम योनि के अंदर, तो ये सनसनाहट सह पाना तो मुश्किल था. और यही हुआ भी ! झड़ने के डर से अमन ने अपना लण्ड नंदिनी की चूत से बाहर निकाल लिया और उसकी चूत पर रख कर अपना वीर्य रोकने की कोशिश करने लगा. लेकिन उसका अंडकोष फूलने लगा और लण्ड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी. ताज़ा सफ़ेद वीर्य नंदिनी की चूत, जांघ और पेट पर गिर कर फ़ैल गया, तीन चार बूंदे तो उसकी चुचियों तक भी छिटक कर पहुँच गई थीं. आनंद के मारे अमन लगभग बेहोश ही हो गया. उसने नंदिनी का बदन दबोच कर पकड़ लिया और उसकी चुचियों पर सिर रख कर सो गया.

अमन नंदिनी के जिस्म से इस कदर लिपटा पड़ा था की बड़ी ही कठिनाई से नंदिनी ने अपना हाथ उसके और अपने पेट के बीच सरका कर उसका झड़ा हुआ लौड़ा पकड़ लिया और फिर अपनी टांगें उठा कर उसकी कमर में लपेटते हुए उसका लण्ड वापस अपनी चूत में फिट करने लगी. चूत की अभी अभी फटी हुई फांक किसी तरह टटोल कर नंदिनी ने उसका मोटा सुपाड़ा उसमें ठूस लिया तो अमन ने कमर का एक हल्का धक्का मार कर बाकि का हिस्सा भी अंदर धकेल दिया. एक पल के लिये भी अपनी आँखे खोले बिना नंदिनी के मम्मे पर सोये सोये ही वो उसे आहिस्ते आहिस्ते पेलने लगा.

उधर पलंग पर सुरेश और सोनाली ने धमाचौकड़ी मचा रखी थी. सोनाली अब पेट के बल लेट गई थी और सुरेश उसकी गांड़ पर चढ़ कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाले उसे अनवरत चोद रहा था. सोनाली को ये पोजीशन ज़्यादा पसंद आई, इसलिए नहीं की इसमें उसे ज़्यादा मज़ा मिल रहा था, बल्कि इसलिए क्यूंकि इस पोजीशन में उसकी बड़ी गांड़ की वजह से सुरेश अपना पूरा लण्ड अंदर नहीं डाल पा रहा था, जिससे उसकी सील फटी चूत को थोड़ा आराम मिल जा रहा था !

" हाय सुरेश भैया... धीरे चोदो ना बाबा... उफ़्फ़... चूत फाड़ ही डालोगे क्या... आआह्ह्ह्हह... प्लीज... धीरे... मत करो ना ऐसे सुरेश भैया... ममममममम... आआह्ह्ह... दर्द हो रहा है... आअह्ह्ह्ह... लग रहा है... आआह्ह्ह्ह भैया Nooooo... हाय मम्मी... मेरी चूत !!! ".

सोनाली की गुहार का सुरेश पर कोई असर नहीं हो रहा था. उसे समझ नहीं आ रहा था की आखिर वो अपनी फूफेरी बहन का सेक्सी बदन कैसे भोगे. वो चोदते चोदते बीच बीच में अपना लण्ड बाहर निकाल लेता, सोनाली की गांड़ चूमता, उसकी जांघे खोल कर उसकी चूत की गंध सूंघता फिर चाटता, फिर से ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगता, उसकी पीठ, गाल, उसके बाल चूमता और फिर लण्ड निकाल कर उसकी कमर और जांघ चूमता चाटता और फिर पेलने लगता. इस दौरान सोनाली की चूत से पेशाब की तरह पानी निकलता ही जा रहा था, उसके नीचे बिछी उसकी नाईटी तो पूरी तरह से गीली हो ही गई थी, अब पलंग की चादर पर भी चूत रस फ़ैलने लगा था. लण्ड चूत के मिलन की फच फच, गच गच, लप लप, चप चप की ध्वनी, सोनाली के गांड़ पर धक्के मारता सुरेश का पेट और कमर की आवाज़ , उसकी जांघों के बीच हर धक्के पे अंडकोष की थपेड़, सब मिलाकर दोनों के लिये किसी कमोत्तेजक दवाई सी काम कर रही थी !!!

शुक्र था की सुरेश पहले एक बार झड़ चुका था, इसलिए अब मन भर कर चोद पा रहा था, वर्ना सोनाली की कसी हुई चूत में ज़्यादा देर तक टिक पाना उसके लिये मुमकिन नहीं हुआ होता. पर अब सुरेश का लण्ड जवाब देने लगा था. उसने सोनाली को पेलना बंद कर दिया, और अपना लण्ड बाहर निकाल कर उसकी गांड़ पर मूठ मारने लगा. सोनाली अपना सिर पीछे मोड़ कर हँसते हुए उसे मूठ मारता हुआ देखने लगी, उसे सुरेश को झड़ते हुए देखना था !

सुरेश के लण्ड से निकली वीर्य की पहली तीन चार धार सीधे सोनाली के गाल और आँखों में, उसके बाल और पीठ पर गिरे.

" सुरेश भैया... छी !!! ". सोनाली ने तुरंत अपनी आँखे बंद करके अपना मुँह तकिये में छुपा लिया.

सुरेश के लण्ड से माल चू चू कर सोनाली की गांड़ पर गिरने लगा. सुरेश ने लण्ड झटक झटक कर सारा वीर्य उसकी गांड़ और जांघों पर छिड़क दिया और फिर बिस्तर पर निढ़ाल होकर लेट गया.

पहला काम अब जो सोनाली ने किया वो ये था की वो उठ बैठी और अपनी टांगें खोल कर अपनी चूत का मुआयना करने लगी, अब चेक करने की बारी थी चूत का कितना Damage हुआ था ! उसने देखा की उसकी चूत के दोनों होंठ पूरी तरह से खुल कर अलग हो गयें थें और अंदर का गुलाबी फांक और चूत का दाना साफ दिखाई दे रहा था. चूत के किनारे किनारे और जांघों पर थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था, थोड़ा खून नीचे बिछी नाईटी पर भी गिरा था. सोनाली ने उसी नाईटी में अपना चूत पोछ कर साफ कर लिया और फिर सुरेश के बगल में लेट गई.

" सुरेश भैया... चलो देखते हैं ये दोनों Love Birds क्या कर रहें हैं ! ". सोनाली ने सुरेश के झड़े हुए लण्ड के सुपाड़े पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए कहा.

" बहुत गंदी लड़की हो तूम... ". सुरेश ने हांफते हुए कहा, फिर हँसने लगा. " तूम देखो... मुझे नहीं देखना ! ".

सोनाली पलंग के किनारे की ओर मुँह करके पेट के बल लेट गई, जिस तरफ नीचे ज़मीन पर उसका सगा भाई अमन नंदिनी को पेल रहा था.

अमन के शरीर के नीचे दबी चुद रही नंदिनी की नज़र जब सोनाली पर पड़ी तो वो मुस्कुरा दी, और फिर उसने अपनी आँखे बंद कर ली. अमन को तो होश ही नहीं था की उसकी सगी बहन उसे चोदते हुए देख रही है. वो तो नंदिनी की दोनों चुचियां बारी बारी से चूसते हुए उसे चोदने में मगन था !

" सुरेश भैया See ... अमन भैया आपकी बहन को नारियल तेल लगा कर चोद रहें हैं !!! ". सोनाली ने चहकते हुए कहा, जब उसे अमन और नंदिनी के बगल में Parachute Coconut Oil का डिब्बा रखा हुआ दिखा. पर सुरेश की ओर से कोई जवाब नहीं आया.

झड़ने के बावजूद अमन के लण्ड के तनाव में कोई कमी नहीं आई थी. वो जिस स्पीड से चोद रहा था, उसे पक्का यकीन था की नंदिनी की चूत से खून निकल रहा होगा, पर ये वक़्त चूत की देख रेख का नहीं था, बस आँख मूंद कर चूत मारने का था.

" सुरेश भैया... मेरे नीचे मेरी नाईटी रख दो ना, मेरा पानी गिरने वाला है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन और नंदिनी पर से नज़र हटाये बिना ही कहा. उन दोनों का सेक्स देख कर उसकी चूत में पानी भरने लगा था.

सुरेश ने उठ कर सोनाली की गीली गंदी हो चुकी नाईटी को उसकी जांघों के नीचे घुसेड़ दिया.

" अमन भैया... मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है... लगता है कल से मेरी लड़कियों वाली प्रॉब्लम शुरू हो के रहेगी... फिर क्या करोगे अमन भैया.... आअह्हह्ह्ह्ह... मममममम.... आअह्ह्ह्हह... उफ़्फ़... मेरी चूत... आराम से चोदो ना अमन भैया... !!! ". आँखे बंद किये हुए नंदिनी पागलों की तरह बड़बड़ा रही थी.

नंदिनी की निप्पल मुँह में भरे अमन ने कुछ बोलना चाहा मगर उसके शब्द साफ नहीं निकले.

" मन भर कर चोद लो आज अमन भैया... फिर तीन दिन तक चूत देवी के दर्शन नहीं मिलने वाले ... ये तीन दिन रह लोगे ना मेरी चूत के बिना... बोलो ना अमन भैया... चोदो... खुब चोदो अभी जब चूत मिली है... पर धीरे करो ना अमन भैया... बहुत दुख रहा है.... आआह्ह्ह्हह... मममममम सससससस !!! ".

फटी आँखों से अमन और नंदिनी की चोदन लीला देखती सोनाली ने अचानक अपने गाल पर कुछ चिकना चिकना सा महसूस किया... सुरेश उसके चेहरे के सामने बैठ कर अपना आधा खड़ा लण्ड उसके गाल पर घिसते हुए मूठ मार रहा था और अब वो भी अमन और नंदिनी की रास लीला देख रहा था !!! सोनाली कुछ नहीं बोली.......

[Image: IMG-20200531-145318.jpg]

अमन ने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी, और नंदिनी की चुचियां मुँह से निकाल कर अब उसे चुमने चाटने लगा. उसने नंदिनी को इतनी ज़ोर ज़ोर से चोदा की उन दोनों के नीचे बिछे तौलिए उनके नीचे से खिसक गयें थें, नारियल तेल का डिब्बा ज़मीन पर लुढक गया था और सारा तेल नीचे ज़मीन पर बिखर गया था, और दोनों अब खुली ज़मीन पर एक दूसरे से लिपटे पड़े थें. एक आखिरी धक्के से अमन की कमर नंदिनी के जांघों के बीच धंस कर थम गई, उसने 20 सेकंड रुक कर फिर से चार पाँच हल्के धक्के मारे और फिर एकदम से रुक कर नंदिनी के बदन पर पसर कर उससे लिपट गया !

सोनाली समझ गई की उसका सगा भाई नंदिनी की चूत के अंदर झड़ गया है. तभी उसने अपने गाल पर सुरेश का गरम चिपचिपा सा वीर्य गिरते हुए महसूस किया और उसकी अपनी खुद की चूत से ढ़ेर सारा पानी बलबला कर निकल पड़ा और उसके पेट के नीचे दबी नाईटी पे फ़ैल गया. उसने सुरेश के लण्ड की तरफ अपना चेहरा घुमाया तो सुरेश ने लपाक से अपना लण्ड उसकी मुँह में ठूस दिया और बाकि का माल अंदर फेंकने लगा. लण्ड के मोटे सुपाड़े ने सोनाली के छोटे से मुँह का द्वारा बंद कर दिया था, सो मजबूरन उसे सारा का सारा नमकीन वीर्य अपने गले से नीचे घोटना पड़ा !!!

अमन उसी अवस्था में नंदिनी के ऊपर करीब दस मिनट तक पड़ा रहा. मूठ निकाल कर सुरेश सोनाली की गांड़ के ऊपर अपना सिर रख कर लेट गया था, और सोनाली अभी भी अमन और नंदिनी को देखते हुए उनके उठने का इंतजार कर रही थी.

करीब 15 मिनट के बाद अमन नंदिनी के ऊपर से उठा.

" क्या बात है ! मुबारक हो भैया... ". सोनाली ने मुस्कुराते हुए कहा, जब उसने अमन का झड़ा हुआ लण्ड, जो की अब ढीला पड़ गया था और उसमें से अभी भी वीर्य चू रहा था, देखा. अमन समझ गया की उसकी बहन का साफ इशारा उसके लण्ड के खुले सुपाड़े की तरफ था जिसके बारे में वो मुबारकबाद दे रही थी ! उसके लण्ड के सुपाड़े पर हल्का खून भी लगा हुआ था जो की नंदिनी की फटी हुई सील का नतीजा था.

" नहीं अमन भैया... अब इसे ऐसा ही खुला रखना ! ". नंदिनी ने उठ कर अमन का वो हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा जिस हाथ से वो अपने लण्ड के सुपाड़े पर लण्ड का चमड़ा वापस चढ़ाने जा रहा था.

फिर नंदिनी ने अपनी टांगें खोल कर अपनी हालत देखनी चाही. उसकी चूत का छेद करीब 3 इंच तक खुल गया था और उसकी पूरी चूत, झांट और जांघों पर खून और वीर्य का मिला जुला लेप सना पड़ा था !!!

[Image: IMG-20200531-145247.jpg]

" फट गई है ना ??? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ज़रा दिखा तो अपनी चूत ! ".

" धत्त... तेरी नहीं फटी क्या ! ". नंदिनी शर्म से लाल हुई बोली.

नंदिनी ने ज़मीन पर पड़े तौलिये से अपनी चूत पोछी और फिर अमन का लण्ड भी पोछ कर साफ कर दिया. अब जब चुदाई समाप्त हो चुकी थी तो उसकी शर्मो हया वापस आ गई थी. ज़मीन पर से उठ कर खड़े होते हुए उसने अपने हाथ से अपनी नंगी चूत ढंक ली, क्यूंकि उसे पता था की पलंग पर सुरेश लेटा होगा, भला वो अपने सगे भाई के सामने खुली चूत लिये कैसे घूम सकती थी. खड़े होते ही उसे पलंग पर सोनाली की गांड़ पर सोये अपने भाई का नंगा लण्ड दिख गया, जो की अभी भी धीरे धीरे फड़क रहा था, बेचारी का शर्म से बुरा हाल हुआ जा रहा था !

" अरे बाप रे, चार बज गयें !!! ". दिवार घड़ी पर नज़र पड़ते ही सोनाली चीखी, और झट से बिस्तर पर उठ बैठी. उसने भी अपनी चूत अपने हाथ से ढंक ली थी ताकि उसका सगा भाई अमन ना देख सके.

" आप लोग भागो यहाँ से... भोर होने वाली है ! ". नंदिनी ने भी घड़ी की ओर देखा और फिर दोनों लड़कों को देखते हुए बोली.

चुदाई के बाद सबको पेशाब लग गया था, और सिंगल बाथरूम नीचे फ्लोर पर था, पर इस वक़्त सबका वहाँ उतर कर जाना सही नहीं था, किसी भी परिवार के सदस्य से आमना सामना होने का खतरा था. अमन ने बढ़िया तरीका निकाला, उसने कमरे के पिछले हिस्से की खिड़की खोल दी जिस तरफ Swimming Pool पड़ता था और खिड़की से बाहर लण्ड निकाल कर पेशाब कर लिया. उसकी देखा देखी सुरेश ने भी खिड़की से बाहर मूत लिया.

" हमें भी पेशाब करना है... ". सोनाली ने कहा और उसके साथ नंदिनी भी खिलखिला कर हँसने लगी.

अब ये लडकियां तो लड़कों की तरह खड़े खड़े खिड़की से बाहर नहीं मूत सकती थीं, सो सुरेश ने अच्छा सुझाव दिया.

" अमन, इनको बारी बारी से गोद में उठा कर पेशाब करवा देते हैं ! ". सुरेश ने अपने लण्ड को झटक कर पेशाब झाड़ते हुए कहा.

" हाँ ठीक है... ". अमन ने अपने लण्ड पर से अपना मूत साफ करते हुए कहा, फिर लड़कियों की तरफ देख कर बोला . " आजाओ... " .

सबसे पहले सोनाली गई, अपनी चूत को अभी भी अपने हाथ से छुपाये हुए. उसने अपना दूसरा हाथ सुरेश के कंधे पर रखा, सुरेश ने उसकी एक टांग पकड़ ली और दूसरी टांग अमन ने पकड़ कर उठा ली, और उसकी गांड़ को खिड़की तक ऊपर ले गयें.

" इधर मत देखना भैया... ". सोनाली ने अपनी चूत पर से हाथ हटाते हुए अमन से कहा.

" जल्दी करो यार... मुझे तुम्हारी बूर देखने का कोई शौक नहीं ! ". अमन ने झल्लाते हुए कहा और अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया.

सोनाली ने छरछरा कर खिड़की से बाहर मूत दिया. फिर सुरेश और अमन ने उसे नीचे उतारा तो थोड़ा बहुत पेशाब उसकी चूत से टपक कर खिड़की के बगल में नीचे ज़मीन पर भी गिरा . सोनाली वापस अपनी चूत छुपा कर वहाँ से भागी.

अब नंदिनी की बारी थी. उसका तो शर्म से बुरा हाल था, पर चूत में भरा पेशाब भी खाली करना ज़रूरी था, जो की और थोड़ी सी देर होने पर वैसे भी निकलने ही वाली थी. सुरेश और अमन ने उसे भी गोद में वैसे ही उठाया जैसे सोनाली को उठाया था. नंदिनी ने भी अपने सगे भाई सुरेश से रोनी सूरत बना कर विनती की कि वो उसकी चूत कि तरफ ना देखे. सुरेश को अपनी भोली भाली गंवार बहन के भोलेपन पर हँसी आ गई और वो बड़े ही प्यार से बोला.

" नहीं देखूंगा मोटी... आराम से पेशाब कर ले तू ! ".

सुरेश और अमन कि बाहों में झूलते हुए अपनी दोनों टांगें खोले नंदिनी ने मन भर कर पेशाब किया !!! .............................

दोनों प्रेमी जोड़े एक बार फिर एक दूसरे कि बाहों में आ गयें. अमन ने नंदिनी को खुब चुमा और सुरेश और सोनाली ने भी ढ़ेर सारी चुम्मा चाटी कि.

अमन और सुरेश ने अपने अपने कपड़े पहने और नंगी नंदिनी और सोनाली ने उन्हें विदाई दी. दोनों लड़कीयों को पूरा विश्वास था कि दोनों लड़के अपने रूम में जाकर फिर से मूठ मारेंगे. ऐसी गरम चुदाई कोई इतनी जल्दी थोड़े ही भूल सकता था !!!


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ना चाहते हुए भी सोनाली सुबह 8 बजे ही उठ गई ताकि घर में किसी को कोई शक ना हो. उसने देखा कि पलंग पे उसके बगल में नंदिनी चादर ओढे सोई पड़ी थी.

" तुझे क्या हुआ ? इतनी गर्मी में चादर क्यूं ओढ रखी है ? ". सोनाली ने नंदिनी का कंधा झटकते हुए पूछा.

" माहवारी शुरू हो गई है यार... ". नंदिनी ने अपनी आँख खोले बिना परेशान से स्वर में कहा. " बहुत ठंड लग रही है ! "

" मेरा वाला नैपकिन लगाया ? ".

" अभी नहीं... तौलिया पहना है ! ".

" फिर से कपड़ा ? चल उठ, चेंज करके आ ! ". सोनाली ने नंदिनी का सिर सहलाते हुए कहा. " बहुत आराम मिलेगा, जैसे नार्मल दिनों में रहता है... चल उठ ! "

सारा दिन ऐसे बिता जैसे गर्मी कि छुट्टीयां बिताते एक साधारण सभ्य परिवार का बीतना चाहिये. हालाँकि अमन, सुरेश, नंदिनी और सोनाली कि आँखों के सामने अभी भी रात वाली मीठी यादें ही घूम रही थी..........................

" अब कैसा है ? ". रात को सोने के वक़्त अपने कमरे में सोनाली ने नंदिनी से पूछा.

" बहुत Soft है ये Sanitary Pad... Vagina को काफी आराम मिल रहा है... थैंक्स ! ". नंदिनी ने कहा. " बस पेट और जांघों में थोड़ा दर्द है... ".

अभी उनकी बातें चल ही रही थीं कि दरवाज़ा खुला और अमन और सुरेश अंदर आ गयें और फिर अमन ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.

" ये लो... आ गयें दोनों कमीने ! चूत मुँह लग गई है इनके... अब पूरी छुट्टीयां तंग करेंगे हमें ! ". अपनी अंदर कि खुशी छुपाते हुए सोनाली ने हँसते हुए कहा.

अमन और सुरेश ने कमरे में आते ही अपने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और नंगे बदन पलंग पर टूट पड़े. सोनाली भी अपनी नाईटी उतार कर नंगी हो चुकी थी पर नंदिनी ने अभी भी कपड़े पहने हुए थें.

" क्या हुआ... खोलो ना ? ". अमन ने सलवार के ऊपर से नंदिनी कि जांघ सहलाते हुए कहा. " और सोने वक़्त सलवार क्यूं पहनी हो ??? "

सोनाली कि हँसी छूट पड़ी पर उसने किसी तरह अपनी हँसी दबा ली और सुरेश के साथ उसके बगल में लेटी चुम्मा चाटी करने लगी.

" आज मत करो अमन भैया... ". नंदिनी ने कहा.

" क्यूं...दर्द हो रहा है क्या ??? ". अमन ने नंदिनी कि सलवार के बीच दबी चूत कि ओर इशारा करके पूछा.

" दर्द तो है. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. " कल रात को मैंने क्या कहा था भूल गये अमन भैया ? ".

" कौन सी बात ? ". अमन ने नंदिनी कि कमर में चिकोटी काटते हुए कहा. " रात को तो आह उह के अलावा तुम्हारे मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा था. ".

" मुझे Periods हुआ है ! ". नंदिनी झट से बोल कर चुप हो गई.

" बेचारी !!! ". सुरेश ने सोनाली को चूमना छोड़ कर अपनी बहन नंदिनी कि ओर देखते हुए कहा और फिर हँसने लगा.

" क्यूं तंग कर रहे हो अपनी बहन को ? ". सोनाली ने प्यार से सुरेश के गाल पर एक थप्पड़ मारा और उसका चेहरा अपनी ओर घुमा कर फिर से उसे चुमने लगी.

" So Sweet ! ". अमन को नंदिनी कि मासूमीयत पर प्यार आ गया, उसने आगे बढ़ कर उसके ललाट को चुम लिया और फिर बोला. " Don't Worry... आज सारी रात हम सिर्फ मीठी मीठी बातें करेंगे. ".

अमन कितना Caring है ये देख कर नंदिनी का दिल भर आया. अब जब वो इतना कुछ कर रहा था तो उसका भी कुछ फर्ज़ बनता था. वो अपनी कुर्ती उतारने लगी.

" अरे... ये क्या कर रही हो... Relax ! ". अमन ने उसे रोका.

" It's Okay बाबा... सेक्स नहीं कर सकते पर कपड़े तो खोल सकती हूं... आपको थोड़ा अच्छा महसूस होगा अमन भैया ! ". नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी.

अपने टांगों से नंदिनी ने सलवार निकाल फेंका, अब उसकी चुचियाँ एकदम नंगी थी और नीचे उसने Cotton कि सफ़ेद रंग कि टाईट पैंटी पहन रखी थी. अमन ने नंदिनी के होठों से अपने होंठ सटा कर एक लम्बा चुंबन लिया और फिर नीचे झुक कर उसकी नाभी को चुमा, उसकी पैंटी का Elastic वाला बॉर्डर सूंघा, पैंटी के ऊपर से उसकी पैड लगी चूत को हल्के से चुमा और फिर उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया.

" पता है अमन भैया... जब से आपने मुझे चोदा है, मेरी चूत का छेद बंद ही नहीं हो रहा, फट कर फ़ैल गया है. और ऊपर से ये Heavy Flow !!! चूत का बारह बज रखा है मेरे ! ". नंदिनी ने अपने जांघों पर सोये अमन के सिर के बालों में उंगलियां फेरते हुए शिकायत भरे लहजे में कहा.

[Image: IMG-20200607-030503.jpg]

" Heavy Flow मतलब ??? ". अमन ने पूछ लिया .

" धत्त !!! आपको हम लड़कियों कि सारी बातें नहीं समझनी होगी ! ". शर्म से नंदिनी के गाल लाल हो गयें.

" ये लो... शहर में रह कर भी इन भाई साहब को Heavy Flow के बारे में नही पता ! ". सुरेश ने हँसते हुए कहा और सोनाली कि चुचियां दबाने लगा.

नंदिनी ने हाथ बढ़ा कर अपने भाई सुरेश के पीठ पर एक चमाट मारा तो सोनाली हँसने लगी, और बोली. " यार नंदिनी, ये दोनों इतने गंदे निकलेंगे सोचा नहीं था. पहले कितना चुपचाप रहते थें दोनों ना ? ".

" यार तूम लोग आज कुछ नहीं करोगे तो जाओ ज़रा बाहर घूम घाम के आओ... हमें तो चैन से करने दो ! ". सुरेश ने सोनाली कि खुली चूत को सहलाते हुए कहा, सोनाली उसका खड़ा लण्ड अपने हाथ में लेकर धीरे धीरे मसल रही थी.

" किसने कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे ??? ". नंदिनी ने उन दोनों कि ओर देखे बिना ही कहा और अपनी एक चूची अमन के मुँह में देते हुए बोली. " आज मैं अमन भैया को अपना दूध पिलाउूंगी ! ".

" पिलाओ... शायद उसी से बेचारे के खड़े लण्ड को थोड़ी राहत मिल जाये. ". सुरेश ने फिर से ताना कसा और हँसने लगा.

" अब बस करो... बहुत हुआ मज़ाक . उन्हें छोड़ दो उनके हाल पे... ". सोनाली ने सुरेश को अपने ऊपर खींचते हुए कहा. " आओ चोदो... ".

" आज कोई और पोज़ Try करें ? ". सुरेश ने सोनाली कि गांड़ सहलाते हुए कहा.

उधर नंदिनी कि चूची चूसते चूसते अमन का लण्ड खड़ा होकर फड़कने लगा था. उसने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे मूठ मारने लगा.

" अब तो लण्ड का सुपाड़ा खोलने में कोई परेशानी नहीं हो रही ना अमन भैया ? ". नंदिनी ने अमन के गालों पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए पूछा.

" नहीं... कल रात से इसे खुला ही छोड़ दिया है. अभी आदत नहीं है ना तो थोड़ा अजीब लग रहा है. खास कर पैंट पहने हुए होने पर जब सुपाड़ा पैंट से सट रहा है तो बहुत ज़्यादा Sensation हो रहा है. ". अमन ने नंदिनी का निप्पल मुँह से निकाल कर बताया और फिर वापस से उसका दूध पीने लगा.

" 3 - 4 दिन में ठीक हो जायेगा. मैं तो हमेशा सुपाड़ा खोल कर ही रखता हूं... मज़ा आता है ! ". सुरेश ने कहा. सोनाली उसके सामने कुतिया बनी अपनी गांड़ उठाये पड़ी थी और सुरेश अपने घुटनों पे टिका पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड सेट कर रहा था.

कुछ ही देर में पलंग हिलने लगा और सोनाली कि धीमी सिसकियों और कराहटों से अमन समझ गया कि सुरेश ने उसकी बहन को चोदना चालू कर दिया है, पर उसने उन दोनों कि तरफ देखा भी नहीं, और नंदिनी कि चूची चूसने में ही लगा रहा. नंदिनी से बस एक हाथ भर कि दुरी पर उसका सगा भाई सोनाली को चोद रहा था, भला नंदिनी देखे बिना कैसे रहती, ना चाहते हुए भी पहले तो वो तिरछी नज़रों से उन्हें देखती रही, और जब देखा कि दोनों आपस में ही मगन लगे पड़े हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला तो वो अब खुल कर उनकी पेलम पेलाई देखने लगी !

नंदिनी तो जैसे खो सी गई थी, उसे तब होश आया जब करीब दो तीन मिनट के बाद उसने महसूस किया कि उसका निप्पल अमन के मुँह से निकल आया है. उसने नीचे देखा तो क्या देखती है कि अब अमन उसकी गोद से उठ कर बैठ गया है और अपनी आँखे फाड़े सुरेश और सोनाली को देख रहा है और धीरे धीरे अपना लण्ड अपने हाथ में थामे रगड़ मसल रहा है.

अमन जहाँ से देख रहा था, उसे अपनी बहन सोनाली सामने कुतिया बनी दिख रही थी, उसकी चूत की झलक तो उसे नहीं मिल रही थी , बस बड़ी सी गांड़ दिख रही थी, पीछे से सुरेश उसके कुल्हे पकड़े हुए उसकी जांघों के बीच में धक्के मार रहा था, हर धक्के पे सोनाली के नीचे लटक रहे मम्मे आगे पीछे आगे पीछे हिलते हुए झूल रहें थें. आश्चर्य की बात तो ये थी की अमन को एक पल के लिये भी ऐसा नहीं लग रहा था की वो अपनी सगी बहन को देख रहा है. सेक्स के दौरान लड़कियों के चेहरे कितने बदल जाते हैं, हर लड़की, चाहे वो आपकी गर्लफ्रेंड हो या सगी बहन, सेक्स के वक़्त उसके चेहरे पे बस एक असीम त्रिप्ती और चरम वासना के भाव ही दीखते हैं, और कुछ नहीं ! सोनाली और किसी अवस्था में उसकी सगी बहन होगी, पर अभी तो अमन के लिये वो बस एक लड़की मात्र थी, सुडौल गदराये बदन वाली लड़की, जिसे अगर नंगा ना देखो तो यकीन ही नहीं होगा की बिना कपड़ों के वो इतनी सुंदर लगती होगी. वैसे पिछली रात भी तो अमन ने अपनी बहन को नंगा देखा था, पर उस रात की बात अलग थी, नंदिनी जो उसका साथ देने के लिये उसके साथ थी. और शायद यही वजह थी की आज उसने अभी अभी अनजाने में गौर किया था की उसकी अपनी सगी बहन सोनाली क्या चीज़ है !!!

नंदिनी की नज़र जब अमन के लण्ड पर पड़ी तो वो समझ गई की अमन अपनी ही सगी बहन को चुदवाते देख गरम हो रहा है, उसके लण्ड का सुपाड़ा फूल कर लाल हो गया था, नंदिनी को पता था की अगर अमन ऐसे ही मूठ मारता रहा तो अब उसका वीर्यपात हो जायेगा !

अमन के लिये अब और बर्दास्त कर पाना संभव नहीं था, अचानक से वो पलट कर नंदिनी के ऊपर चढ़ गया, नंदिनी इसके लिये एकदम ही तैयार नहीं थी. अमन ने नंदिनी के होंठों का एक छोटा सा चुंबन लिया और उसके बदन से चिपका अपना खड़ा लण्ड उसकी पैंटी में लिपटी चूत पर घिसने लगा. इससे पहले की नंदिनी कुछ समझ पाती, उसने महसूस किया की उसकी पैंटी और जांघों पर अमन के लण्ड ने गाढ़े वीर्य की उल्टी कर दी है ! बेचारी नंदिनी अब करती भी क्या, अमन का पीठ सहला सहला कर उसे शांत करने लगी.

" Sorry Baby... ". दो मिनट के बाद अमन ने नंदिनी के गाल चुमे और एक गहरी साँस लेते हुए उसके बदन से अलग हो गया.

नंदिनी ने नीचे देखा तो उसकी पूरी पैंटी, पेट और जांघे वीर्य से सनी पड़ी थी. एक तो बेचारी की चूत में वैसे ही आज गीलापन था और अब ऊपर से अमन की ये बचकानी करतूत ! उसने पास ही पड़ी अपनी सलवार उठा ली और खुद को उसी से किसी तरह पोछ पोछ कर साफ करने लगी.
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#57
अमन की फूलती हुई सांस जब थोड़ी सी नार्मल हुई तो उसने फिर से अपनी नज़रें अपनी बहन पर गड़ा दी. पर इस बार उसने देखा की चुदती हुई सोनाली भी अब उसी को देख रही थी, दरअसल उसे नहीं, उसके अभी अभी झड़े हुए लण्ड को ! निर्लज्ज सा अमन अपनी सगी बहन के सामने अपना नंगा लण्ड लिये बिस्तर पर बैठा रहा, उसके सुपाड़े से वीर्य की एक पतली सी सफ़ेद धार चू कर नीचे चादर पर गिर रही थी. उसने अपनी बहन की आँखों से एक बार आँखे मिलाई और फिर बिना किसी लाज शर्म के उसकी गांड़ देखने लगा जिसमें सुरेश अभी भी Shots पे Shots मारे जा रहा था.


कहते हैं की सेक्स के दौरान शरीर की सारी की सारी इंद्रीयां अत्यंत संवेदनशील हो जाती हैं, आँख, नाक, दिमाग, कान, सभी. सोनाली को भी अपने सगे भाई की मनोभावना समझते देर ना लगी. बेचारे की प्रेमिका को माहवारी हुई थी और उसकी अपनी सगी बहन अपने फूफेरे भाई के साथ उसी के सामने एक ही बिस्तर पर रंगरेलियां मना रही थी... ऐसे में कोई लड़का भला भाई बहन का रिश्ता निभाये या अपनी वासना शांत करने के उपाय खोजे !!!

" भैया... मुझे कर लो !!! ". सोनाली ने अमन से कहा.

अमन को अपने सुने पर यकीन नहीं आया, बेवकूफ़ की तरह मुँह फाड़े वो अपनी बहन को देखता रहा.

" It 's Okay भैया... आ जाओ !!! ". सोनाली ने अमन को दिलासा दिया. फिर पीछे मुड़ कर सुरेश को देखते हुए बोली. " सुरेश भैया... अपने दोस्त को भी थोड़ा चोदने दो ! ".

सोनाली के मुँह से अपने सगे भाई के बारे में ऐसी बात सुन कर सुरेश की तो जैसे साँस ही रुक गई , एक बहन अपने सगे भाई को चोदने के लिये आमंत्रित कर रही है, ये Feeling मात्र ही उसके लिये इतनी Hot थी की वो खुद को रोक नहीं पाया और ठीक उसी पल उसका शीघ्रपतन हो गया. अपनी चूत में वीर्य भरते महसूस करती सोनाली को सुरेश की बेकरारी पर तरस आ गया और वो सेक्स के ऐसे चरम क्षण में भी खिलखिला कर हँस पड़ी ! अपना लण्ड सोनाली की चूत से बाहर निकाल कर सुरेश बिस्तर पर एक तरफ बैठ गया.

" क्या हुआ भैया... करो ना !!! ". कुतिया स्टाइल में अपने दोनों हाथों और घुटनों पर टिकी सोनाली ने अपनी गांड़ हिलाते हुए अपने सगे भाई अमन को फिर से टोका.

अमन की तो जैसे सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी. चुपचाप वो सोनाली के पीछे आ गया और पहली बार अपनी सगी बहन की चूत पर अब उसकी नज़र गई. सोनाली की चूत फूल कर पावरोटी हो गई थी और उसका छेद फट कर करीब 3 - 4 इंच खुल गया था. अपनी सगी बहन की कुंवारी चूत के दर्शन तो अमन को अब नहीं हो सकते थें, सो वो बस अनुमान भर लगा सकता था की सुरेश से चुदवाने से पहले उसकी सील पैक चूत कैसी दिखती रही होगी !

" एक मिनट रुको भैया... ". सोनाली ने कहा और फिर अपनी गांड़ को थोड़ा पीछे करके ज़ोर लगाया तो ढ़ेर सारा गाढ़ा मोटा वीर्य का जमा हुआ थक्का उसकी चूत से फलफला कर निकल आया और नीचे चादर पर चूने लगा.

नंदिनी ने अपनी सलवार, जिसमें उसने कुछ देर पहले अमन का वीर्य पोछा था, अमन की ओर फेंक दिया. उसी वक़्त बस एक पल के लिये अमन और नंदिनी की आँखे मिली, नंदिनी एकदम चुप और शांत थी, उसकी आँखों में एक अजीब तरह का कौतुहल था, शायद ये देखने का की सगे भाई बहन कैसे सेक्स करते हैं !!!

" हाँ... अब करो भैया ! ". अपनी चूत से सुरेश का सारा का सारा वीर्य बाहर उढ़ेल कर सोनाली ने पीछे अमन को देखते हुए अपने चूतड़ हिलाये.

नंदिनी की सलवार हाथ में लेकर अमन अपनी सगी बहन की चूत अच्छे से पोछ कर साफ करने लगा. सोनाली को पहले तो थोड़ा बुरा लगा की भला उसका भाई उसकी चूत क्यूं साफ़ कर रहा है, इतनी नौटंकी क्यूं, चूत तो चूत होती है, गंदा और साफ़ क्या, वो भी चोदने के टाईम ??? मगर फिर उसे लगा की शायद उसके भाई को उसकी चूत में लगे किसी गैर मर्द के माल से घिन आ रही हो और इसलिए वो उसकी चूत पोछ रहा हो !........................

सगी बहन की चूत कोई अलग चूत नहीं होती, ये अमन को तब महसूस हुआ जब उसने सोनाली की चूत में अपना लण्ड डालना शुरू किया. Infact, उसे अपनी सगी बहन और ममेरी बहन की चूत में कोई फर्क तो नज़र नहीं आ रहा था, बस उसकी सगी बहन सोनाली की चूत Shaved थी और उसकी ममेरी बहन नंदिनी के चूत पर झांट थें !

पास ही बैठे भाई बहन सुरेश और नंदिनी बिना पलक झपकाये अपनी साँसे रोके देखते रहें जब सामने अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली की कमर पकड़ कर उसे धीरे धीरे पेलना आरंभ किया. सुरेश और नंदिनी जानते थें की ज़ल्दी ही अमन अपनी सगी बहन की चूत को माल से भर देगा !

[Image: IMG-20200607-030029.jpg]

सोनाली को अपने सगे भाई का लण्ड खुब भाया, सुरेश के लौड़े से थोड़ा छोटा जो था और उसकी चूत में एकदम चौकस फिट बैठ रहा था. वो सोचने लगी की पिछली रात अगर सुरेश की बजाय उसके सगे भाई ने ही उसे पहले चोदा होता तो उसकी कमसिन चूत की आज ये दुर्गती ना हुई होती.

अपनी आँखे मुंदे सोनाली कुतिया की तरह अपनी गांड़ ऊपर उठाये अपने सगे भाई से चोदवा रही थी. बीच बीच में वो पीछे मुड़ कर अमन को देख लेती थी, पर अमन आँखे बंद किये हुए ही उसकी चूत मारे जा रहा था. शायद वो अपनी आँखे खोल कर इस सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता था की वो अपनी सगी बहन को चोद रहा है और आँखे बंद किये हुए बस इस भ्रम का आनंद लेना चाहता था की वो सिर्फ और सिर्फ एक चूत के अंदर है !!!

उधर ये सब देख कर भाई बहन की दूसरी जोड़ी सुरेश और नंदिनी भी गरम होने लगे थें. सुरेश अपना झड़ा हुआ लण्ड धीरे धीरे हिला रहा था और उसकी बहन नंदिनी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने एक हाथ से अपनी टाईट चुचियाँ दबा रही थी. मन तो उसका बहुत कर रहा था की अपनी पैंटी में हाथ डाल कर या फिर पूरी पैंटी ही खोल कर थोड़ा सा अपनी चूत को भी सहला ले, पर बेचारी आज के दिन मज़बूर जो थी !

सुरेश के मन में ना जाने क्या आया या फिर यूँ कहिये की परिस्थिति के वशीभूत हो भावनाओ में बह कर उसने अनायास ही अपना दूसरा हाथ अपनी बगल में लेटी अपनी बहन नंदिनी के नंगे जांघ पर रख दिया. उसने कुछ देर बिना कोई हरकत किये नंदिनी की प्रतिक्रिया का वेट किया, पर नंदिनी तो अपने आप में इतनी खोई हुई थी की उसे तो इसका एहसास तक ना हुआ. वो तो उसे तब होश आया जब अचानक उसने अपनी पैंटी के अंदर किसी के हाथ को सरकते हुए महसूस किया. उसने अपनी आंखे खोली तो देखा की उसका भाई सुरेश अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा रहा है ! उसने झट से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका, और देखा की उसके दूसरे हाथ में उसका लण्ड ठनक कर पूरा खड़ा हो चुका है.

अब क्या करें, परिस्थिति ही ऐसी बन पड़ी थी की जिस तरह से वो गरमा गई थी उसी तरह से उसके भाई को भी सेक्स चढ़ गया था. उसने बिना कुछ बोले अपने भाई का हाथ उठा कर अपनी पैंटी के ऊपर रख लिया, आज के दिन पैंटी के अंदर हाथ डलवाने में तो बेचारी की मुसीबत थी, पर पैंटी के ऊपर ऊपर तो छू छा करने की कोई मनाही नहीं थी ! अपनी सगी बहन की नरम चूत की एक हल्की सी छुवन मात्र पैंटी के ऊपर से महसूस करते ही सुरेश का लण्ड उसके हाथ में ही उफन पड़ा और उसका सारा वीर्य उसी के पेट और जांघों पर गिर गया !!!

अचानक से हुए इस वीर्यपात से सुरेश अंदर तक सिहर उठा और काँपते हुए अपनी बहन की ओर मुड़ कर उससे लिपट गया. नंदिनी ने उसका पूरा साथ दिया, उसे पता था की इस वक़्त उसे खुद को जितनी सांत्वना की ज़रूरत थी उतनी ही उसके सगे भाई को. उसने सुरेश का झड़ा हुआ लण्ड अपनी दोनों मांसल जांघों के बीच घुसा कर दबा लिया ताकि लण्ड की तड़प थोड़ी कम हो जाये, और सुरेश का चेहरा अपनी दोनों चुचियों के बीच छुपा लिया. अपनी बहन के चुचियों, उसकी बाहों और उसकी पतली गर्दन की गंध सुरेश को इतनी पसंद आई को वो अपनी बहन के बदन से और भी चिपक गया. नंदिनी के टाईट खड़े निप्पल उसके गाल से सटे तो उसने अपना मुँह थोड़ा सा घुमा कर उसके निप्पल को चुम लिया, नंदिनी समझ गई की उसके भाई को क्या चाहिये, उसने अपनी चूची पकड़ कर सुरेश के मुँह में दे दी तो सुरेश चप चप आवाज़ करते हुए अपनी सगी बहन का दूध पीने लगा !!!

इधर अपने भाई के ताबड़तोड़ चोदन - थपेड़ों से सोनाली अपने हाथों का बैलेंस संभाल नहीं पाई थी और नीचे तकिये पर गिर कर तकिया समेत पलंग के किनारे आ गई थी. उसके चेहरे पर जैसे तैसे बिखरे काले बाल देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की किसी नई नवेली दुल्हन को उसके दूल्हे ने पूरी रात तंग किया हो ! अमन ने अपने दोनों हाथ उसके पेट से लपेट कर उसकी गांड़ को अभी भी अपनी पूरी ताकत से ऊपर उठाये रखा था ताकि वो पलंग से नीचे ना गिर जाये और उसी अवस्था में उसे चोदे जा रहा था.

अमन का अंडकोष फूल कर दुखने लगा था, उसके लिये अपने माल को और देर तक लण्ड में रोके रखना संभव नहीं था. उसने अपनी बहन की कमर मजबूती से पकड़ कर अंतिम के कुछ धक्के बेहद ज़ोर से लगाए और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल कर पलंग से उछल कर नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया और मूठ मार कर अपना माल ज़मीन पर गिरा दिया ! सोनाली ने सोचा नहीं था की उसका भाई ऐसा कुछ करेगा, वो तो सोच रही थी की अमन उसकी बच्चेदानी में ही स्खलित हो जायेगा . और तो और, उस बेवकूफ़ ने ऐसे समय में अपनी बहन का साथ छोड़ा था जब की उसका खुद का भी पानी निकलने के करीब था ! सोनाली तुरंत बिस्तर पर पलट कर अपने पीठ के बल लेट गई और और अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में ठूस कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी. उसकी हरकत देख कर अमन को अपनी गलती का एहसास हो गया, उसे अपनी बहन को पानी छोड़ते टाईम इस तरह से अकेला नहीं छोड़ना चाहिये था. वो कूद कर पलंग पर चढ़ गया और अपनी बहन की चूत से उसकी ऊँगली निकाल कर वापस से अपना झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत में खोंस कर उसे पेलने लगा !!!

" भैया... आआह्ह्ह्ह... अबकी बार प्लीज मत रुकना... आअह्ह्ह्हह ममममममम हाय मेरी चूत... मम्मी !!! ". सोनाली को तो जैसे जन्नत मिल गई हो. एकदम सही समय पर उसके भाई ने वापस से उसे चोदना शुरू किया था. एक मिनट के बाद उसने अपनी गांड़ उठा कर अमन को रुकने का इशारा किया, अमन जैसे ही उससे अलग हुआ, उसकी चूत से छरछरा कर पानी का फव्वारा छूट पड़ा !

सोनाली का चरमोत्कर्ष इतना गहरा था की वो अंदर तक सिहर उठी थी और उसका पूरा बदन अकड़ गया था. उसकी आँखों से आंसू निकल आये और वो अपने हाथ से अपनी चूत दबाये फफक फफक कर रोने लगी ! अमन ने अपनी बहन को आज तक कभी भी इस तरह से फूट फूट कर रोते हुए नहीं देखा था. वो उसकी बगल में लेट गया और उसका सिर अपनी बाहों में लेकर उसे सहला बहला कर शांत करने लगा. जब सोनाली थोड़ी सी शांत हुई तो उसने उसके आंसूओ से भीगे गीले गालों को खुब चुमा. उसके चुंबनों में सेक्स की भावना नहीं थी, बल्कि एक भाई का अपनी बहन को सांत्वना देने का मीठा प्रयास था.

[Image: IMG-20200607-030146.jpg]

" Sorry सोनाली, मुझे तुम्हें चोदना नहीं चाहिये था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ! ". अमन का वीर्य निकल जाने से अब जब उसकी वासना शांत हुई तो उसे ना जाने क्यूं अपने किये पर पछतावा होने लगा.

" ऐसा मत कहो भैया... भाई बहन के बीच हुए सेक्स में ग्लानि की कोई जगह नहीं होती. ये सम्बन्ध उतना ही पवित्र है जितना एक पति पत्नी का होता है ! ". सोनाली ने सुबक सुबक कर रोते हुए कहा.

अमन को मालूम नहीं था की उसकी बहन की बातों का Logic कितना सही या गलत है, पर उसे इस बात की खुशी थी की उसकी बहन के मन में कोई मलाल नहीं था और अभी अभी जो कुछ भी हुआ था उससे उन दोनों के भाई बहन के पावन रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ा था. उसने अपनी रोती हुई बहन के आंसू पोछे और प्यार से उसे चुम लिया, फिर दोनों थक कर एक दूसरे की बाहों में वैसे ही नग्न अवस्था में सो गयें !!!

[Image: IMG-20200607-030216.jpg]

इधर सुरेश अपनी बहन का दूध पीते पीते कब सो गया था उसे कुछ पता ही ना चला. नंदिनी की भी आँख लग गई थी. अचानक जब सुरेश के खुले हुए मुँह से नंदिनी का निप्पल बाहर निकल आया तो उसकी नींद खुल गई. नंदिनी भी उठ गई. उसने अपनी जांघों के बीच से सुरेश का लण्ड बाहर निकाला जो की अब एकदम ढीला पड़ चुका था. दोनों ने देखा की बगल में भाई बहन अमन और सोनाली एक दूसरे से लिपटे सो रहें थें.

" अमन उठ... बहुत रात हो गई है... चल चल..ज़ल्दी ! ". सुरेश ने अमन को झकझोर कर उठाया.

आज की रात जो कुछ भी हुआ था उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की. जाते जाते अमन और सुरेश ने नंदिनी की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुमा और फिर बारी बारी से सोनाली को Kiss किया.

उनके जाने के बाद सोनाली और नंदिनी ने देखा की पलंग का चादर सोनाली के चूत के पानी से पूरी तरह भीग गया था. दोनों एक साथ हँसने लगी.

" मैं दूसरी चादर बिछा देती हूं ! ". सोनाली ने कहा.

" मैं नीचे बाथरूम से पैड चेंज करके आती हूं ! ". नंदिनी ने पैंटी में अपनी चूत को दबाते हुए कहा. " पूरा गीला हो रखा है यार... चूत का बुरा हाल है !!! ".

[Image: IMG-20200607-030438.jpg]

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उस दिन की प्रेमलीला के बाद ज़ब अमन, सुरेश, सोनाली और नंदिनी जब अपने अपने कमरों में लौटे तो उन्हें पता नहीं था की आने वाला एक हफ्ता अब पूरा सूखा सूखा बीतेगा. क्यूंकि दूसरे दिन सुबह ही बदकिस्मती से मामा जी के घर में और भी कुछ रिश्तेदार आ गये... वो होते हैं ना, दूर के चाचा मौसा और ना जाने क्या क्या और कौन कौन. खैर तो बात ये थी की इन बेचारे भाई बहन जोड़ो की मुसीबत हो गई. पहले जिस तरह अमन और सुरेश रात को सोनाली और नंदिनी के कमरे में धड़ल्ले से चले जाते थें और रात बिता कर सुबह या फिर आधी रात तक चुपके से वापस अपने कमरे में आ जाते थें... वो तो अब होने से रहा. घर में इतने मेहमान हो गये थें की हर वक़्त कोई ना कोई जागता घूमता रहता था. और ये सब तब हुआ था जब इन सगे भाई बहनों में प्यार पनपना बस शुरू ही हुआ था. उससे भी बुरा ये हुआ था की जब से नंदिनी के Periods ख़त्म हुए थें, वो बेचारी चुदवाने को मरे जा रही थी. वहीँ दूसरी ओर उसकी चूत मारने के लिए ना सिर्फ उसका फूफेरा भाई अमन बाट जोह रहा था बल्कि अब तो उसका अपना सगा भाई सुरेश भी कतार में था. अब तो बस ये चारों भाई बहन राह देख रहें थें की कब ये अनचाहे मेहमान घर छोड़ कर जाये और उनकी गर्मी की बाकि बची छुट्टीयाँ बर्बाद होने से बच जाये !

नो सेक्स का आज 10वा दिन था. सुबह के दस बजे थें और अमन अपने रूम में सो रहा था.

" भैया उठो ! भैया... ".

नींद उचट गई तो आँखे खुलते ही अमन ने बिस्तर के पास अपनी बहन सोनाली को उसे जगाते हुए पाया. अपनी बहन को देखते ही उसने परेशान सा मुँह बनाया और फिर से अपनी आँखे मुंद कर सोने की कोशिश करने लगा.

" उठो ना भैया... आपको कुछ दिखाना है ! ". सोनाली ने अबकी बार अपने भाई को झकझोरना शुरू किया.

" What यार ? ". अमन ने जबरदस्ती अपनी आँखे खोली तो अपनी बहन को एक सुंदर सी गहरे लाल रंग की साड़ी में देखकर समझ गया की उसकी बहन उसे क्या दिखाने आई थी. " Wow... अच्छी साड़ी है... अब जाओ. ". अमन ने ब्यंगात्मक स्वर में कहा.

सोनाली को पता था की उसका भाई ऐसे नहीं मानने वाला. उसने इस बार बिना कुछ कहे अपनी पूरी ताकत लगाकर अमन का भारी शरीर खींच कर उसे उठा दिया और लगभग उसे बिस्तर से घसीटते हुए नीचे ज़मीन पर उतार दिया.

" क्या है ये सब यार ??? ". अमन झल्लाया.

" भैया आओ ना मेरे साथ... प्लीज् ! ". सोनाली अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर ले गई.

बेमन से अपनी बहन के साथ चलते चलते अमन को पता नहीं था की वो उसे वहीं पास के नीचे फ्लोर के सिंगल कॉमन बाथरूम तक ले जाएगी.

" अब देखो... फ्री का शो... ". बाथरूम के पास पहुँच कर सोनाली रुक गई. बाथरूम का दरवाजा 6 इंच भर का खुला हुआ था.

दरवाजे के उसी फांक से अमन ने बाथरूम के अंदर का नज़ारा देखा तो उसके होश उड़ गये, नींद से भारी अधखुली आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गई. अंदर का दृश्य ही कुछ ऐसा था ! बाथरूम फ्लोर पर नंदिनी बिल्कुल नंगी अपनी टांगे खोले बैठी पेशाब कर रही थी और सामने नंगा खड़ा उसका सगा भाई सुरेश उसे देखकर मूठ मार रहा था !!!

" Fuck यार !!! ये लोग पागल हो गये हैं क्या ??? ". अमन ने अपनी बहन की ओर देखते हुए कहा, उसकी आँखों में आश्चर्य और डर दोनों थें. " दिन के वक़्त ऐसे खुले आम... यार इनकी वजह से हम दोनों भी पकड़े जायेंगे ! "

" इतना डरते क्यूं हो भैया ? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ऐसे प्यार करोगे नंदिनी से... और मुझसे भी ??? ".

" Are You Mad सोनाली... रोको उन्हें ! ". कहते हुए अमन खुद ही उन्हें टोकने के लिए आगे बढ़ा तो सोनाली ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया.

" भैया Relax... घर खाली है !!! ".

अमन ने अपनी बहन को सवालिया नज़रों से देखा तो सोनाली ने कहना शुरू किया.

" घर के सारे लोग पास के ही एक गांव गये हैं... नंदिनी के लिए लड़का देखने. इसलिए तो इतने सारे रिश्तेदार आये हुए थें... ".

सोनाली को लगा की अमन खुश होगा ये सुनकर की घर अभी पूरी तरह से खाली है, पर अमन की तो जैसे दिल की धड़कन ही रुक गई हो.

" नंदिनी की शादी के लिए ??? ".

अमन का चौंकना जायज़ था क्यूंकि वो नंदिनी से बेहद प्यार करता था.

" अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भैया... आप क्यूं फ़िक्र करते हो ? ". अपने भाई की मनःस्थिति समझते ही सोनाली ने उसे पुरे आत्मविश्वास से भरे लहजे में दिलासा दिया. " नंदिनी बता रही थी की ये नौटंकी तो दो तीन साल से चल रही है... लड़के देखना वगैरह. आप अभी Relax रहो भैया वो कम से कम और चार पांच साल तो ऐसे ही मैनेज कर ही लेगी ! ".

" सच ??? Are You Sure... ". अमन को अपनी बहन की कही एक एक बात पर यकीन था, उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, पर उसने अपने चेहरे के भाव छुपा लिए.

" हाँ बाबा... सच्ची ! ".

" और घर में कोई नहीं है... बस हम लोग ही अकेले ??? ".
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#58
" Yes भैया... नंदिनी बोल रही थी की सभी रात तक लौट आयेंगे. तभी देखो ना दोनों मौका मिलते ही बाथरूम में ही शुरू हो गये ! ".


अमन अब एकदम से सहज़ हो चुका था और फिर वो और उसकी बहन दोनों चुपके चुपके बाथरूम में झाँकने लगें.

अंदर बाथरूम में ज़मीन पर बैठी नंदिनी अपनी गर्दन ऊपर किये अपने भैया की आँखों में एकटक देखते हुए पेशाब कर रही थी. अभी बेचारी ठीक से मूत भी नहीं पाई थी की अचानक उसके भाई ने उसे अपने हाथों में थाम कर उठाया और अपने सामने खड़ा कर लिया, फिर उसे अपनी बाहों में दबोचे बेतहाशा चूमने लगा. नंदिनी के टांगों के बीच से पेशाब निकलती रही, जो की उसकी जाँघों को भिगोते हुए नीचे उसके खुद के और सुरेश के पैरों पर गिरते हुए ज़मीन पर फैलने लगी.

" वैसे भैया... नंदिनी की शादी ना होने से आपको इतना खुश होने की ज़रूरत नहीं. लगता है अब उसे आपसे ज़्यादा अपना सगा भाई पसंद आने लगा है !!! ". सोनाली ने अपने भाई को चिढ़ाते हुए कहा.

उधर सुरेश और नंदिनी होंठ से होंठ सटाये अब स्मूच करने लगे थें. सुरेश ने अपना एक हाथ अपनी बहन के पेट से होते हुए नीचे सरका कर उसकी गदराई जाँघों के बीच डाल दिया. नंदिनी का मूतना बंद हो गया. अमन और सोनाली समझ गये की सुरेश ने अपनी बहन की चूत में ऊँगली पेल दी होगी !!!

" अगर ऐसा हुआ तो तुम भी तो सुरेश को खो दोगी बहना प्यारी ! ". अमन ने अपनी बहन को जवाब देते हुए कहा. " पर Don't Worry... फिर मैं तुमसे शादी कर लूंगा ! ".

" धत्त भैया... कुछ भी बोलते हो आप ! ". सोनाली लजा गई.

" छोड़ो... उन्हें डिस्टर्ब नहीं करते हैं ! ". कहते हुए अमन ने लपक कर अपनी बहन को गोद में उठा लिया.

" भैया छोड़ो... गिर जाउंगी ! ". सोनाली हँसते हुए नीचे उतरने की कोशिश करने लगी.

अमन उसे अपनी गोद में उठाये हुए ही अपने कमरे की ओर वापस चल दिया. " वैसे साड़ी में जंच रही हो... बताया नहीं आज अचानक साड़ी पहनने का इरादा कैसे बनाया ??? मेरे लिए है क्या... ".

" चलो बताती हूँ भैया... ".......................

कमरे में आकर अमन ने अपनी बहन को नीचे उतारा और खुद पलंग के किनारे बैठ कर उसे अपने सामने खड़ा करके अपनी बाहों में भर लिया.

[Image: IMG-20200614-010425.jpg]

" सुबह सुबह इतनी अच्छी महक रही हो... कौन सा परफ्यूम लगाया है ? आखिर माजरा क्या है ? ". अमन ने अपनी बहन की गांड़ मुलायम साड़ी के ऊपर ऊपर से सहलाते हुए उसके पेट और कमर को सूंघते हुए पूछा.

" Guess करो भैया... क्या आपको पता है की लड़कियाँ सबसे ज़्यादा साज सिंगार कब करती हैं ? ". सोनाली ने शरारती अंदाज़ में पूछा और धीरे धीरे अपनी साड़ी खोलने लगी.

" शादी के दिन... ". अमन ने अपनी बहन की नाभी सूंघते हुए कहा.

सोनाली हल्के से मुस्कुराई, उसकी मुस्कुराहट में एक इशारा था की अमन का जवाब गलत है.

अमन ने अपनी बहन की कमर में खोसी हुई साड़ी खींच कर निकाली और उसे साड़ी खोलने में मदद करने लगा. साड़ी खोल कर सोनाली ने वहीं बिस्तर पर फेंक दिया. अब वो अपने भाई के सामने साड़ी की मैचिंग कलर के लाल ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी. अमन ने उसकी गांड़ पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और उसकी जाँघों के बीच अपना मुँह घुसा कर उसकी पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी चूत सूंघने लगा.

[Image: IMG-20200614-010311.jpg]

" मममममममम... एकदम ताज़ी मछली की सुगंध है ! ". अमन ने एक लम्बी गहरी सांस ली तो उसकी नाक में उसकी बहन के योनि की तेज़ गंध समा गई.

" मछली ??? धत्त... ". सोनाली अपनी चूत की महक का मछली की महक से तुलना करने पर बुरी तरह से झेंप गई और उसने अपने भाई के गाल पर प्यार से एक थपकी लगाई. फिर उसने अपनी ब्लाउज के सामने के दो हुक खोल कर अपनी एक चूची बाहर निकाल ली और बोली. " हर वक़्त चूत चूत नहीं करते... कभी कभी दूध भी पी लेना चाहिए... सेहत के लिए अच्छा होता है ! ".

" हाँ... लेकिन माँ का दूध... सगी बहन का नहीं !!! ". अमन ने हँसते हुए कहा और उसके पेटीकोट से अपना चेहरा हटा कर उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

इतने दिनों बाद अपनी बहन का संग फिर से मिला था अमन को, उसका मन उसकी चूत की ओर ही भटक रहा था, बस अपनी बहन का दिल रखने के लिए उसने थोड़ी देर उसका दूध पिया और फिर उसका निप्पल अपने मुँह से निकाल कर वापस उसकी पेटीकोट की ओर झुका तो इस बार सोनाली ने उसका चेहरा अपने दोनों हांथो में पकड़ कर उसे रोक लिया.

" लड़कियाँ जब Periods में होती हैं तो उन्हें सजना संवरना अच्छा लगता है ... ". कुछ देर पहले पूछे गये अपने खुद के सवाल का जवाब देते हुए सोनाली ने अचानक कहा और अपने भाई की आँखों में देखने लगी.

अब समझ में आया अमन को की सोनाली आज इतना परफ्यूम वगैरह लगा कर सजी धजी क्यूं है... उसकी बहन आज रजस्वला थी !!!

" मुझे महीना होने पर साड़ी पहनना अच्छा लगता है भैया... और खूब सेंट वगैरह लगाना भी ! ". सोनाली ने अपने भाई के बालों में ऊँगलीयाँ फेरते हुए कहा.

अमन को समझ नहीं आ रहा था की ऐसी सिचुएशन में क्या कहे, सो वो चुप रहा.

" Sorry भैया... I Know की हमें इतने दिनों बाद फिर से मिलने का ऐसा सुनहरा मौका मिला है और मेरी ... ". कहते कहते सोनाली चुप हो गई.

" It 's Alright यार... ". अमन ने कहा और अपनी बहन की चूत को उसके पेटीकोट के ऊपर से चूम लिया. " आज पहला दिन है क्या ??? ".

" हाँ भैया... ". अपनी चूत चूमते भाई के गाल सहलाते हुए सोनाली ने कहा और फिर उसका चेहरा अपने हाथ से ऊपर उठाते हुए बोली. " निराश मत हो भैया... मेरी दूसरी छेद बिल्कुल फिट एंड फाइन है !!! ".

सोनाली ने अपनी पेटीकोट का नाड़ा खोल कर थोड़ा सा ढीला किया तो पेटीकोट सरसरा कर उसकी कमर से नीचे सरक कर उसके कदमो में गिर पड़ा.

" लो भैया... बूर देवी के दर्शन कर लो ! ". सोनाली ने अपनी उंगलियों से अपनी गाढ़े ब्लैक कलर की Lace पैंटी का Elastic सामने की ओर अपनी कमर से करीब एक दो इंच फैलाते हुए कहा. अमन ने पैंटी के अंदर झाँक कर अपनी बहन की चूत के दर्शन किये पर उतने से फांक से कुछ भी ठीक तरह से नहीं दिखा.

" कैची है भैया... ले आओ ! ". सोनाली ने अपनी पैंटी वापस एडजस्ट करते हुए कहा तो अमन उठ खड़ा हुआ, उसे समझ नहीं आया की उसकी बहन भला कैची का क्या करने वाली है.

Drawer से अपनी दाढ़ी काटने वाली कैची लेकर अमन वापस आया तो उसकी बहन ने अपनी गांड़ उसकी ओर बढ़ा दी.

" मेरी पैंटी में छेद करो भैया... गांड़ वाली जगह पर ! " सोनाली ने कहा.

अमन अपनी बहन की मंसा भाप गया, वो पैंटी के ऊपर ऊपर अपनी बहन की गांड़ का छेद टटोलने लगा, छेद मिलते ही छेद वाली जगह पर पैंटी में उसने कैची से करीब दो इंच का एक छोटा सा राउंड होल काट दिया, फिर अंदर ऊँगली डाल कर चेक किया, पैंटी का होल एकदम परफेक्ट जगह पे हुआ था जहाँ उसकी बहन की गांड़ का छेद था !

अमन ने अपनी बहन के गाल को चूमा और अपना बारमुडा पैंट खोल दिया, उसका लण्ड ठनक कर बाहर निकल आया. उसने नीचे झुक कर अपनी बहन की गांड़ को उसकी पैंटी के ऊपर से चूमा और फिर पैंटी के होल से उसने गांड़ के छेद को सूंघा, उसकी बहन की गांड़ उसकी चूत से कम सुगंधित नहीं थी !

अमन ने पैंटी के होल के अंदर थूक दिया तो सोनाली भड़क उठी.

" भैया छी... मुझे थूकना वूकना पसंद नहीं... ".

" बस थोड़ा सा बहना बेबी... गांड़ का छेद चूत जैसा लचीला नहीं होता, बिना अच्छी तरह से गीला किये जबरदस्ती करूँगा तो फट जायेगा ! " अमन ने अपनी बहन को समझाया.

सोनाली चुप हो गई, उसे अपने भाई की बात सही लगी, और कोई चारा भी तो नहीं था उसके पास. अमन ने अब अपने खड़े लण्ड पर भी थूका और फिर थूक को पूरे लण्ड पर मलने लगा. सोनाली सामने पलंग पर अपने हाथों से सहारा लिए अपनी गांड़ पीछे किये खड़ी हो गई. अब अमन अपनी बहन के पीछे था, उसने अपने लण्ड को उसके भरे पुरे चूतड़ पर तीन चार बार पटका, और फिर लण्ड का सुपाड़ा उसकी पैंटी के होल में डाल दिया.

" संभाल कर चोदना भैया... ध्यान रहे की मेरी नैपकिन चूत से खिसक ना जाये !!! ". सोनाली ने पीछे मुड़ कर अपने भाई को देखते हुए चिंतित स्वर में कहा तो अमन ने आगे बढ़ कर उसे चूम लिया.

[Image: IMG-20200614-010354.jpg]

उधर बाथरूम के अंदर सुरेश और नंदिनी एक दूसरे से नंगे लिपटे खड़े थें, सुरेश अपनी बहन की चूत में अपनी चारों उंगलियाँ घुसा कर अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था. उसने पहले एक उंगली डाली थी, फिर दूसरी, फिर तीसरी, और फिर यही करते करते अब अपनी चारों उंगलियों से उसे चोदने लगा था. नंदिनी झड़ने के करीब थी, उसने अपने भाई को कस कर पकड़ लिया और उसके चौड़े सीने में अपना चेहरा छुपा कर अतिउत्तेजना के कारण रोने लगी. उसके पुरे बदन में झुनझुनी सी दौड़ गई और उसकी चूत से सफ़ेद गाढ़ा फेना निकलने लगा.

हर लड़की अलग तरीके से झड़ती है, सुरेश को आज पता चला, उसकी फूफेरी बहन सोनाली जहाँ झड़ते वक़्त ढेर सारा पानी छोड़ती है जैसे की मानो पेशाब कर रही हो, वहीं उसकी सगी बहन नंदिनी का वैसा पानी नहीं निकलता है, बल्कि कम परिमाण में गाढ़ा माल गिरता है !

नंदिनी की चूत से करीब दो चम्मच भर फेना निकला था, अपनी उंगलीयों में लगे चिपचिपे लस्सेदार बूर - मलाई को सुरेश ने अपनी बहन की गांड़ पर पोत कर साफ किया और बचा खुचा माल अपने अंडकोष पर मल लिया.

नंदिनी अपने भाई से लिपटी करीब दस मिनट तक रोती रही, उसका पूरा शरीर कांप रहा था. सुरेश उसके बाल और पीठ सहलाते हुए उसके शांत होने की प्रतीक्षा करने लगा. दस मिनट के बाद नंदिनी ने अपना चेहरा उसके सीने से निकाल कर अपना मुँह ऊपर करके उसकी आँखों में देखा तो सुरेश ने देखा की उसकी बहन के गाल आंसुओ से पूरी तरह भींग कर चमक रहें थें. उसने बड़े दुलार से अपने हाथ से अपनी बहन के गाल पोछे और उसे चूम लिया.

अब सुरेश ने अपनी बहन को बाथरूम की दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और उसके सामने अपने घुटनो पर बैठ गया. अपने भाई का इरादा समझते ही नंदिनी ने अपनी टांगें खोल कर फैला दी. आज सुरेश को पहली बार अपनी सगी बहन की योनि का नज़ारा करने का सौभाग्य मिल रहा था, गौरतलब है की पिछली बार उसकी बहन रजस्वला थी तो उसने अपनी पैंटी नहीं उतारने दी थी, जबकि उसी रात अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली को मन भर कर भोगा था. खैर, देर आये दुरुस्त आये ! नंदिनी की चूत की हालत खस्ता थी, उसकी चूत का छेद फट कर करीब तीन इंच तक खुल गया था, चूत का दाना और अंदर का नरम गुलाबी द्वार साफ दिख रहा था. ये सब अमन का किया धरा था, ठीक वैसे ही जैसे सुरेश ने अमन की बहन सोनाली की चूत फाड़ दी थी. नतीजा ये हुआ था की बाद में ना ही अमन को अपनी बहन सोनाली की कुंवारी योनि देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और ना ही सुरेश को अपनी बहन नंदिनी की. अब किसे पता था की एक दूसरे की बहन के पीछे पड़े पड़े अचानक इन कमीनो को एक दिन अपनी अपनी सगी बहन से ही इश्क़ हो जायेगा !!!

ऐसी बुरी तरह से फटे चुदे बूर सुरेश ने पोर्न फिल्मों में खूब देखे थें, खासकर गैंगबैंग वाले सीन्स में, जहाँ बीस तीस मर्द मिलकर एक अकेली लड़की को पेल पेल कर उसकी बूर का भर्ता बना डालते हैं. पर नंदिनी उसकी अपनी सगी बहन थी, और उसकी बहन सिर्फ एक चूत नहीं थी, हाड़ मांस की बनी एक लड़की थी जिसके दिल में भावनाएं थीं, सुरेश अपनी बहन से प्यार करता था, ना की सिर्फ और सिर्फ उसकी चूत से ! सुरेश ने आगे बढ़कर अपनी बहन की चूत के खुले फांक से अपनी नाक सटा दी और गंध सूंघने लगा, पेशाब और चूत रस से मिश्रित कस्तूरी सुगंध इस बात का दावा कर रही थी की चूत का स्वाद उसकी गंध से कही ज़्यादा मादक होगा ! सुरेश अपना मुँह जितना खोल सकता था उतना खोल कर उसने अपनी बहन के मोटे चूत को पूरी तरह से अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर की पच - पच की आवाज़ करते हुए चूसने लगा, जैसे की मानो वो उसकी चूची से दूध पी रहा हो !!!

मन भर कर पाँच मिनट तक अपनी बहन की योनि का रसास्वादन करने के बाद सुरेश जब उसकी जाँघों के बीच से अपना मुँह निकाल कर उठा तो नंदिनी ने देखा की उसका लण्ड तन कर उसके पेट से सट गया है और उसके सुपाड़े से पानी जैसा पतला पतला सा कुछ निकल कर चू रहा है. नंदिनी शर्म से लाल हुई मरी जा रही थी, अब उसका सगा भाई उसे चोदेगा ! सुरेश ने अपनी बहन की एक टांग अपने हाथ में उठा कर अपने कमर से लपेट लिया, नंदिनी उसी अवस्था में अपनी दूसरी टांग पर खड़ी रही, सुरेश ने अपना पेट थोड़ा नीचे झुका कर अपना लण्ड सही पोजीशन में रख कर उसकी खुली चूत में ठेल दिया !

इधर कमरे में अमन अपनी बहन सोनाली का स्टैंडिंग डॉगी स्टाइल में पीछे से गांड़ मार रहा था, सोनाली का पेटीकोट अभी भी उसके पैरों से लिपटा ज़मीन पर फैला पड़ा था. सोनाली को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की उसकी टाईट गांड़ में उसके भाई का पुरे का पूरा लौड़ा घुस भी पायेगा, सारा कमाल अमन की थूक का था ! समागम के आनंद में गोते लगाती सोनाली अपनी लड़कियों वाली प्रॉब्लम भूल कर अपने गोल चूतड़ हिला हिला कर चुदवा रही थी. बस बीच बीच में जब उसका भाई अपनी पेलन - स्पीड हद से ज़्यादा बढ़ा देता तो वो बड़बड़ाने लगती.

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" आआहहहह भैया धीरे... उफ्फ्फ... मेरी पैंटी सरक रही है... मममममम्म आराम से भैया... हाय मेरी पैड... क्या कर रहे हो भैया... खुल गई मेरी पैंटी हाय... ओह मम्मी !!! "

अपनी बहन की विनती और गुहार का अमन पर कोई असर नहीं हो रहा था. यहाँ तक की सोनाली की कसी हुई गांड़ में लगातार घर्षण की वजह से उसके लण्ड का सुपाड़ा तक छिल गया था, पर वासना दर्द पर हावी रहा और उसके धक्को में कोई मंदी नहीं आई. लण्ड के बिना रुके अंदर बाहर होते रहने से पैंटी में कैची से किया हुआ होल फट कर अब इतना बड़ा हो गया था की सोनाली की गोरी गांड़ साफ दिखाई देने लगी थी. अमन के अंडकोष में वीर्य के बुलबुले उबाल मारने लगे थें, इतनी टाईट गांड़ में बेचारा और कितनी देर टिकता ! उसने अपनी बहन के गुदेदार कूल्हो से चिपकी पैंटी के दोनों किनारे अपने दोनों हाथों की मुठ्ठीयों में कस कर पकड़े और जल्दी जल्दी अपनी कमर हिलाने लगा. लण्ड का अंत करीब था, धक्के मारते मारते उत्तेजना के मारे अमन ने अपनी बहन की पैंटी कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से खींच दी, पैंटी में गांड़ वाला होल पहले से ही फट कर बड़ा हुआ पड़ा था, सो अचानक पैंटी पीछे की ओर फट कर गांड़ से अलग हो गई. ठीक उसी वक़्त लण्ड गांड़ के अंदर वीर्य की उल्टी करने लगा !!!

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" हाय मम्मी... मेरी पैंटी !!! ". पैंटी फट कर सोनाली की टांगों से नीचे सरकने ही वाली थी की ऐन मौके पर उसने अपने एक हाथ से पैंटी का सामने वाला हिस्सा पकड़ कर अपनी जांघो के बीच दबा लिया, और दूसरे हाथ से अपने पैरों पे गिरी पेटीकोट को अपनी टांगों से ऊपर खींच लिया. पेटीकोट के गांड़ पर चढ़ते ही अमन का लण्ड गांड़ की छेद से छिटक कर बाहर निकल आया और उसका बाकि का वीर्य सोनाली के कमर, उसकी पेटीकोट और नीचे ज़मीन पर गिरने लगा. सोनाली ने बड़ी सावधानी से अपनी फटी हुई पैंटी के ऊपर से किसी तरह अपने पेटीकोट का नाड़ा कस कर बांध लिया ताकि पैंटी और पैंटी से चिपकी उसकी नैपकिन नीचे ना सरक जाये और उसी अवस्था में पेटीकोट को अपनी चूत में दबाये कमरे से बाहर भागी. अमन ने अपना लण्ड झाड़ झाड़ कर सारा बचा खुचा माल ज़मीन पर गिरा दिया और फिर अपना ढीला पड़ चुका लण्ड हाथ में थामे पलंग पर निढाल होकर गिर पड़ा !!!

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उधर बाथरूम के अंदर सुरेश और उसकी बहन नंदिनी ने धमाचौकड़ी मचा रखी थी. बाथरूम की दीवार से टिकी अपनी एक टांग पर खड़ी नंदिनी ने अपनी दूसरी टांग अपने भाई के कमर से लपेट रखी थी और अपने दोनों हाथ सहारे के लिए उसके कंधो पर डाल रखे थें, सुरेश अपनी बहन के कमर की करधनी पकड़े उसे फचा फच गचा गच पेले जा रहा था.

" मममममम्ममम्म ... मुझे चोद कर... आआहहहहह... छोड़ तो नहीं दोगे ना भैया ??? ".

" कभी नहीं बहना प्यारी... तुम तो मेरी सगी बहन हो ना, कोई गैर लड़की थोड़े ही हो... ".

" फिर वादा करो की आप मुझी से शादी करोगे भैया !!! ". कामोत्तेजना के आवेग में नंदिनी क्या बड़बड़ा रही थी शायद उसे खुद भी पता नहीं था.

" हाँ बहना प्यारी... आअह्ह्ह... आअह्ह्हहहहहमममममम्म...आज से तुम मेरी धर्मपत्नी हो !!! ". भावनाओ में बहकर सुरेश ने भी पाप पुण्य की परवाह किये बिना ही अपनी सगी बहन से ये अजीब सा वादा कर दिया, पर उसे पता था की उसके और उसकी बहन के इस वक़्त बोले हुए हर एक शब्द का वो मतलब कतई ना था जो सुनने में लग रहा हो.

" हाय मेरे दूल्हे भैया... ". ख़ुशी से झूम कर नंदिनी ने अपने भाई को चुम लिया.

" मम्मी पापा को आने दो, मैं आज ही उनसे हमारी शादी की बात करता हूँ... आअह्ह्ह... ". सुरेश ने कहा, फिर हँस कर उसने अपनी बहन से मज़ाक़ किया . " लेकिन फिर तुम्हारे आशिक अमन का क्या होगा ? "

" मुझे क्या पता भैया... आअह्ह्हममममहहहह... उसे अपनी बहन से ब्याह कर लेने दो ! ". वासना से भरे ऐसे माहौल में भी नंदिनी को हंसी आ गई.

तभी बाथरूम में सोनाली घुस आई !

" सॉरी... सॉरी... मैं अभी चली जाउंगी ! ". सोनाली ने दोनों भाई बहन की ओर ना देखने की कोशिश करते हुए कहा. नंदिनी ने उसकी ओर देख कर आँख मारी और फिर वापस अपने भाई को चूमने चाटने लगी.

" इधर मत देखना... पैड चेंज कर रही हूँ ! भैया ने पैंटी फाड़ दी... ". सोनाली ने अपना पेटीकोट उठाते हुए कहा. अमन और नंदिनी खुद ही में इतने मसगुल थें की शायद ही उन्हें उसकी बात सुनाई भी दी हो, उसकी ओर देखना तो दूर की बात थी !

सोनाली ने अपने पेटीकोट के अंदर से अपनी फटी हुई पैंटी और उससे चिपकी नैपकिन खोल कर निकाल ली और डस्टबिन में फेंक दिया. उसने पीछे मुड़ कर देखा की अमन और नंदिनी उसे देख तो नहीं रहें, दोनों बिज़ी थें, फिर उसने एक नई पैंटी में Whisper Ultra Soft का फ्रेश पैड लगा कर पहन लिया और अपना पेटीकोट वापस से नीचे करके वहाँ से चलती बनी.

" Enjoy Guys... ". जाते जाते सोनाली ने हँसते हुए कहा.

नंदिनी को लिप टू लिप किस करते हुए सुरेश अब उसे और भी तेज़ी से चोदने लगा, नंदिनी समझ गई की जल्दी ही उसकी चूत अब वीर्य से भरने वाली है, पर आज उसका कुछ और प्लान था !

" भैया... मुझे... आअह्ह्हमममम... मुझे आपका वीर्य पीना है ! ". नंदिनी ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा.

लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी, सुरेश के अंडकोष ने वीर्य उसके लण्ड में पंप कर दिया था. चरमोत्कर्ष के आवेश में सुरेश ने अपनी बहन के कमर की करधनी को टान कर तोड़ दिया, टूटी करधनी नंदिनी की कमर से फिसल कर सुरेश के लण्ड पे टंग गई, और ठीक उसी वक़्त सुरेश के लण्ड ने नंदिनी की चूत में पिचकारी छोड़ दी ! हालांकि माल गिरने से पहले सुरेश ने अपनी बहन की इच्छा सुन ली थी, सो उसने झट से अपने हाथ से अपने लण्ड के जड़ को पकड़ कर भींच लिया ताकि बचा खुचा वीर्य लण्ड में ही रुक जाये और अपने लण्ड को खींच कर अपनी बहन की चूत से बाहर निकाल लिया. नंदिनी तुरंत बाथरूम फ्लोर पर अपने घुटनो पर बैठ गई और अपना चेहरा ऊपर करके अपना मुँह खोल लिया. सुरेश ने अपने लण्ड का सुपाड़ा उसके होंठो के बीच रख कर लण्ड की जड़ पर अपने हाथ की पकड़ ढीली कर दी, ताज़े वीर्य की दो मोटी मोटी धारे नंदिनी के खुले मुँह में चली गई. सुरेश ने लण्ड झटक कर अंतिम के दो चार बूंद भी अपनी बहन के मुँह में भर दिए, पर और वीर्य नहीं निकला, क्यूंकि अधिकतर माल तो उसकी चूत में पहले ही गिर चुका था !

वीर्य घोंटते हुए नंदिनी की आँखों में पानी आ गया, उसके चेहरे के भाव देखकर सुरेश समझ गया की उसे वीर्य का स्वाद पसंद नहीं आया था.

" लेकिन तुम्हे तो वीर्य से उल्टी आती है ना... फिर आज ??? ". सुरेश ने अपना लण्ड सहलाते हुए पूछ ही लिया.

नंदिनी खांस रही थी, ऐसा लग रहा था की अब उल्टी कर देगी, पर बड़ी मुश्किल से नमकीन वीर्य का टेस्ट पचा कर जब वो थोड़ी सी सहज़ हुई तो उसने बताना शुरू किया.

" पता है भैया... सोनाली बता रही थी की वीर्य पीने से लड़कियों की माहवारी सामान्य हो जाती है, Periods Cramps नहीं होते, चूचियाँ नरम रहती हैं और चूत को भी बहुत लाभ होता है. मुझे तो उन दिनों में पेट में बहुत दर्द रहता है ना भैया... ये उसके लिए भी लाभदायक है ! ".

सुरेश को अपनी बहन की मासूमियत पर जितना प्यार आया उससे कहीं ज़्यादा इस बात पर आया की उसने जिस ढंग से अपनी आँखे नचा नचा कर भोलेपन से ये बात कही थी ! उसे पता नहीं था की सोनाली ने उसकी बहन को जो बातें बताई थी उसमें कितनी सच्चाई थी, पर उसके लिए सबसे बड़ी बात थी अपनी बहन का मन रखना. उसने अपनी बहन के सिर पर प्यार से हाथ फेरा और फिर अपने ढीले पड़ चुके झड़े हुए लण्ड को हाथ में लेकर मूठ मारने लगा. नंदिनी आशा भरी नज़रों से कभी अपने भाई का चेहरा देखती तो कभी उसका लण्ड, और बीच बीच में उसका हौसला बढ़ाने के लिए उसके लण्ड का सुपाड़ा चूम लेती ! मूठ मार मार कर सुरेश का पेट और अंडकोष दुखने लगा था. आखिरकार करीब 15 मिनट के बाद उसकी मेहनत और लगन रंग लाई. उसके लण्ड का सुपाड़ा फूल कर लाल हो गया.

" मुँह खोलो बहना प्यारी... लो पियो मन भर कर ! ". सुरेश ने हाफते हुए कहा.

दस सेकंड के अंदर नंदिनी का मुँह उसके भाई के गाढ़े लसलसे वीर्य से लबालब भर गया, उसके गाल फूल गये, उसने अपने हथेली से अपना मुँह दबा लिया और सारा का सारा नमकीन मलाई एक ही सांस में गटक गई, फिर 5 मिनट तक वैसे ही अपनी उल्टी रोके बैठी रही.

" Thank You भैया... आप कितने अच्छे हो ! ". वीर्य निगलने की वजह से अपनी आँखों में आये आंसूओ को अपने गोरे गालो पर से पोछते हुए नंदिनी ने अपने भाई का लण्ड चूम लिया और उठ खड़ी हुई और उसके लण्ड पर लटक रही अपनी टूटी हुई करधनी उतार ली.

" Sorry यार... तुम्हारी करधनी तोड़ दी मैंने ! ". सुरेश ने अपनी बहन की गांड़ सहलाते हुए कहा.

" कोई बात नहीं भैया... ". नंदिनी अपनी टूटी हुई करधनी को अपने कमर में गीठ बांधते हुए बोली.

दोनों भाई बहन ने फिर साथ में स्नान किया और उसी अवस्था में नंगे बाथरूम से बाहर निकल आये. पास के कमरे में उन्होंने झाँक कर देखा, अमन और उसकी बहन सोनाली बिस्तर पर एक दूसरे की बाहों में लिपटे पड़े धीरे धीरे कुछ बातें कर रहे थें, अमन बिल्कुल नंगा था जबकि सोनाली ब्लाउज और पेटीकोट में थी. सुरेश और नंदिनी ने उन्हें डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा और दोनों ऊपर के कमरे में चले गये.

पूरी दोपहर और शाम बिना खाये पिए चारों भाई बहन चोदन पेलन करते रहें. रात के 9 बजे ऊपर के कमरे में जाकर अमन और सोनाली ने देखा की सुरेश अपनी बहन नंदिनी को टेबल पर बैठा कर चोद रहा है.

" सुरेश अब बस कर... घरवालों के आने का टाईम हो गया है ! ". अमन ने उन्हें टोका.

चारों नहा धो कर फ्रेश हो गये, खाना खाया, और फिर अच्छे भाई बहन की तरह टीवी देखने बैठ गये और परिवार वालों के आने का इंतजार करने लगे. 
 [Image: mohanshakti-1592095297382.jpg]
घर के लोगों को आखिर आते आते रात 11 बज गये, चारो भाई बहन मन ही मन पछता रहें थें की काश उन्होंने 9 बजे के बाद एक डेढ़ घंटे और मस्ती कर ली होती !!!

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दूसरे ही दिन बाकि के सारे रिश्तेदार चले गये और घर फिर पहले जैसा ही हो गया. अमन और सुरेश का अपनी बहनो के कमरे में रात को चुपके चुपके जाना फिर से नियमित रूप से चालू हो गया. फर्क सिर्फ इतना था की अब चारो भाई बहन और भी ज़्यादा घुल मिल कर हर एक दूसरे के साथ सेक्स के मज़े लेने लगे थें. एक ही रात में अमन अपनी ममेरी बहन और सगी बहन दोनों को चोदता तो सुरेश भी अपनी फूफेरी बहन और सगी बहन दोनों के साथ हमबिस्तर होता. किसी किसी दिन तो दोनों सिर्फ अपनी अपनी सगी बहनो को ही पेला करते. पर इन सबसे एक बात अच्छी थी की अमन और नंदिनी और उधर सुरेश और सोनाली के प्यार में कोई फर्क या कमी नहीं आई थी . देखते देखते एक महीना कैसे बीत गया पता ही ना चला...

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#59
Wink 

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गर्मी की छुट्टीयाँ खत्म हो चुकी थी और अब भाई बहन के इन प्रेमी जोड़ो के बिछड़ने का समय आ गया था. वैसे इन सगे भाई बहनो में प्रेम प्रसंग शुरु हो जाने से एक चीज़ अच्छी हुई थी - अपनी अपनी सगी बहनो से शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद अब अमन और सुरेश एक दूसरे की बहनो को ज़्यादा मिस नहीं करेंगे. मतलब ये की अमन को भले ही नंदिनी की जुदाई सताए पर उसके साथ उसकी सगी बहन सोनाली तो हमेशा रहेगी ही, और उसी तरह सुरेश को भी सोनाली से दुरी उतनी नहीं खटकेगी क्यूंकि उसकी सगी बहन नंदिनी उसकी हमसफर बन चुकी थी. शहर लौट कर अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली को चोरी छुपे घर पर ही चोदना जारी रखा और उधर गांव में सुरेश और उसकी सगी बहन नंदिनी भी घर वालों से छुपते छुपाते जब भी मौका मिलता, पति पत्नी की तरह रहने लगते थें !


सब कुछ ठीक ही चल रहा था पर शायद इस बार भगवान को कुछ और ही मंज़ूर था. मुसीबत तब हुई जब नंदिनी का अगला पीरियड्स मिस हो गया. उसने तुरंत सोनाली को फोन करके उसे ये बात बताई, सोनाली ने उसे बताया की पीरियड्स तभी आना बंद हो जाते हैं जब लड़की प्रेग्नेंट हो जाये, हालांकि ऐसा हर केस में ज़रूरी नहीं है, कभी कभार पीरियड्स अनियमित भी हो जाते हैं, सो घबराने की कोई बात नहीं. नंदिनी आँख मुंद कर सोनाली पर भरोसा करती थी क्यूंकि उसकी बाहरी नॉलेज बहुत ही अच्छी थी, वो आश्वस्त हो गई की सब कुछ ठीक है. उसके ठीक 10 - 12 दिन बाद सोनाली के पीरियड्स आने वाले थें. सोनाली को टेंशन होने लगी जब उसका मासिक भी आया ही नहीं.

सोनाली ने अपने भैया अमन को ये बात तुरंत बताई तो घर वालों को बिना कुछ बताये अमन उसे एक प्राइवेट क्लिनिक ले गया और उसका चेक - अप करवाया तो पता चला की सोनाली प्रेग्नेंट हो चुकी थी ! सोनाली ने नंदिनी को फोन करके सब कुछ बता दिया और उसे भी एक बार चेक - अप करवा लेने की सलाह दी. नंदिनी भी अपने भैया सुरेश के साथ चोरी छुपे एक दिन गाँव के किसी क्लिनिक में डॉक्टर विजिट को गई तो उसका भी रिपोर्ट पॉजिटिव आया, नंदिनी भी गर्भवती थी !

सुरेश ने अमन को वीडियो कॉल किया की अब क्या करें, सोनाली और नंदिनी का तो रो रो के बुरा हाल था की अब क्या होगा जब घरवालों को इस घिनौनी करतूत के बारे में पता चलेगा. अमन और सुरेश ने लड़कियों को ढाढस बंधाया की उन लोगों ने कुछ भी गलत नहीं किया था, ये किसी नाज़ायज़ सम्बन्ध का नतीजा नहीं था, बल्कि उनके सच्चे प्यार की निशानी थी. घरवालों को इसके बारे में बताने में कोई शर्म की बात नहीं. एबॉर्शन के बारे में किसी ने कोई बात नहीं की, क्यूंकि उससे बड़ा जघन्य पाप तो हो ही नहीं सकता ! यहाँ बात अब छुपाने वाली नहीं थी, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य की भी थी.

शुरुआत नंदिनी ने की, उसने अपनी माँ को सब कुछ बता दिया. तो उधर सोनाली ने भी अपनी माँ के सामने अपनी और सुरेश की प्रेम कहानी बयान कर दी. और फिर जल्दी ही घर के मर्दो और बड़े बुजुर्गों को पूरी परिस्थिति ज्ञात हुई. मामा और मामी जी तुरंत शहर पहुंचे अमन और सोनाली के घर. पुरे परिवार की बैठक हुई तो सबने अंत में ठंडे दिमाग़ से यही फैसला लिया की गलती तो हुई थी इन लड़के लड़कियों से, रिश्ते में लगने वाले भाई बहन भी तो सगे भाई बहन जैसे ही होते है, भला उनके साथ कोई कैसे कुकर्म कर सकता है, पर थें तो सभी लड़के लड़कियाँ बालिग ही ना, और नासमझ भी ! ऐसा नहीं था की दोनों परिवार काफ़ी खुले विचारधारा वाले थें, पर अभी परिस्थिति ही ऐसी आ गई थी की बोल्ड डिसिशन लेना ज़रूरी था ! आखिरकार तय ये हुआ की प्रेगनेंसी वाली बात को यहीं दबा दिया जाये और अमन का उसकी ममेरी बहन नंदिनी और सुरेश का उसकी फूफेरी बहन सोनाली के साथ विवाह कर दिया जाये !!! नंदिनी और सोनाली को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की उनके परिवार वाले इतनी आसानी से मान जायेंगे. वहीं इस खबर से सुरेश और अमन भी फुले नहीं समा रहें थें... उनके प्यार की जीत जो हुई थी !


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और आज तीन महीने बाद शादी की Reception Party में अमन, नंदिनी, सुरेश और सोनाली अपने इस प्यार की जीत का मानो जश्न मना रहें थें. शादी और रिसेप्शन गाँव में मामा जी के घर पर ही अरेंज हुआ था. लेकिन बहुत सारे रिश्तेदार इस शादी में नहीं आये थें क्यूंकि उनके अनुसार इस तरह के नज़दीकी खून के रिश्तों में लड़के लड़कियों का विवाह करना सरासर अनुचित था. शायद उन्हें ये गलत ना लगता अगर उन्हें पूरा किस्सा पता होता ! पर जो भी, दोनों परिवार के लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा था और जितने भी लोग वहाँ मौजूद थें, उन्ही की मौजूदगी में शादी और रिसेप्शन दोनों ही बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ !...

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सुहागरात की घड़ी आ चुकी थी.

ऊपर नंदिनी का कमरा उसके और अमन के लिए सजाया गया था और नीचे सुरेश के रूम में उसकी और सोनाली की सुहाग सेज बिछी थी. ये वही कमरे थें जहाँ से गर्मीयों की उन छुट्टीयों में तीन महीने पहले इन सारे किस्सों की शुरुआत हुई थी !!!

" आपलोग चलो, हम आते हैं... ". सोनाली ने अमन और सुरेश से कहा, और नंदिनी का हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया.

" चल भाई, लगता है सोनाली नंदिनी को कोई टिप देने वाली है ! ". सोनाली के पति सुरेश भैया ने कहा.

" हाँ यार, इनका तो ख़त्म ही नहीं होता... चल ! ". नंदिनी के पति अमन भैया ने कहा, और फिर दोनों लड़के हँसते हुए वहाँ से चले गये.

सोनाली उन दोनों के जाने तक वेट करती रही, इधर उधर नज़र दौड़ा कर देखा की आसपास कोई है तो नहीं, और फिर नंदिनी के एकदम करीब आकर लगभग फुसफुसाते हुए बोली.

" देख नंदिनी, हमारा ये सीक्रेट, सीक्रेट ही रहना चाहिए, अमन और सुरेश को बताने की ज़रूरत नहीं है ! "

" कैसा सीक्रेट ??? ". नंदिनी ने पूछा.

" ये सीक्रेट गँवार लड़की... ". कहते हुए सोनाली ने अपना हाथ नंदिनी के पेट पर रख दिया और उसका हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख लिया.

ख़ुशी के माहौल में नंदिनी तो जैसे भूल ही गई थी. अब उसके चेहरे के सामने वो घटना स्पष्ट घूमने लगी जिसकी ओर सोनाली अभी अभी इशारा कर रही थी. 

दरअसल, उनकी शादी की मंज़ूरी मिल जाने के बाद शहर में सोनाली और नंदिनी ने फिर से एक बड़े से नर्सिंग होम में अपना अपना मेडिकल चेक - अप करवाया था, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था की, सोनाली को सुरेश ने नहीं बल्कि उसके सगे भाई अमन ने ही प्रेग्नेंट कर दिया था और नंदिनी की कोख में अमन का नहीं बल्कि उसके अपने सगे भाई सुरेश का बच्चा पल रहा था !!! उन दोनों ने ये बात घर के किसी भी सदस्य, यहाँ तक की अमन और सुरेश को भी नहीं बताई थी.

" उन बेवकूफो को भ्रम में ही रहने देते हैं ! ". नंदिनी की जैसे अभी अभी आँख खुली हो, और फिर वो हँसते हुए बोली. " और वैसे भी उन्हें हम लड़कियों वाली बहुत सारी बातें पता चल चुकी हैं... बस अब और नहीं !!! "

सोनाली ने नंदिनी को गले से लगा लिया.


[Image: 20220705-173952.jpg]

" चलो... कमीने वेट कर रहें होंगे ! ". सोनाली और नंदिनी हँसते हुए एक दूसरे का हाथ थामे वहाँ से चलते बने.

हवा में फैले रजनीगंधा के फूलों की भीनी भीनी खुशबु से बस ये अनुमान ही लगाया जा सकता था की उन दोनों की सुहाग सेज की सजावट कितनी आलीशान होगी.




****** The End ******
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