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घर आने के बाद.....
माँ:- चलो बेटा,अब हम खाना खा लेते है।बाद मैं मुझे काम भी करना है।
मैं:- माँ अब पूरा दिन काम नही करना। देखा ना क्या हुआ था सुबह?
माँ:- ह्म्म्म ठीक है।
मैं:- चलो अब खा लेते हैं।और माँ कल से मुझे भी रेगुलर कॉलज जाना पडेगा। तो निरज जो भी बोले आप अच्छे से करना ,मन मत करते रहना।
माँ:- अब करना ही पड़ेगा।
अब खाना खाने के बाद दोनों माँ बेटे हॉल में बैठे थे, भावना टीवी मैं देख रही थी और हर्ष फ़ोन मैं लगा हुआ था। ऐसे ही शाम हो गयी और प्रकाश घर आए और उसको भी सब बताया,तो उसने भी बोला कि वो ट्रेनर जैसा बोले तुम मन मत करना। और रात को खाना खा के सब सो गए।
रात के करीब 1 बज रहे होंगे, भावना को नींद नही आ रही थी,उसके दिमाग तो बीजली की रफ्तार से दौड़ रहा था। वो अंदर से सोच रही थी।
अब क्या करूँ मैं, मेरी समझ में नही आ रहा। डॉक्टर ने बोला तो करना पड़ेगा,और ये दोनों भी करने को बोल रहे है।
(वो जो कपड़े लिए है उसको बाहर निकल के देखते हुए) ऐसे कपड़े पहन कर मैं एक अनजान लड़के के सामने.......लेकिन करना पड़ेगा नही तो ये लोग नही मानेंगे। अब घर मैं तो सिर्फ मैं अकेली रहूंगी, एक काम करूँगी मैं घर का मैन डोर खुला ही रखूंगी,ताकि लोग कुछ उल्टा सीधा न सोचें।
ऐसे सोचते सोचते वो वापस सो गई,और अब हुए सुबह।
मैं:- चलो माँ, आज आपका पहला दिन है,अचे से सब करना ठीक है।और हाँ हर बात पे मना मत करना।
पापा:- हाँ, भावना,तुम्हारी सेहत के लिए है सब ।
माँ:-जी।
पापा:- वैसे वो कितने बजे आएगा? और कितने समय तक करवाएगा?
मैं:- पापा वो 11 से 12:30 तक होगा।
पापा:- ठीक है,
मैं:- चलो मैं चलता हूँ। बेस्ट ऑफ लक माँ।
माँ:- हाँ बेटा।
और हर्ष के जाने के बाद प्रकाश भी निकल जाता है। अब घर मैं भावना अपने दिमाग में सब कुछ सोचते सोचते काम करने लगती है। और 11 बज जाते है और घर की घंटी बजती है। भावना दरवाजा खोलते हुए।
माँ:-जी आइये।
निरज:- जी सुख्रिया।
मैं:-(थोड़ा झिजक रही थी) जी चाय पिएंगे आप?
निरज:- नही नही मैं चाय नही पीता।
माँ:- जी ठीक है।
निरज:- तो हम एक्सरसाइज शुरू करे? आप इन कपड़ो मैं करेंगी क्या?
माँ:- जी नही,वो कपड़े लिए है इसके लिए।
निरज:- जी आप वो पहन कर आये। वरना आपको रिलैक्स फील नही होगा।
माँ:- जी।आप बैठो यहाँ, मैं पहन कर आती हूँ।
और भावना ऊपर चली जाती है,और वो कपड़े पहन लेती है,लेकिन जैसे कि बताया पहले,कपड़े स्लीवलेस थे तो भावना अपनी ब्रा की स्ट्रैप को अचे से छुपा रही थी। और बाद मैं वो नीचे आईं।
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निरज:-( देख के खड़े होते हुए) अरे ,आप तो बहोत अच्छी दिख रही हो,.... ,जी मेरा मतलब है कि आपको अब अच्छा लगेगा।
माँ:-(शर्माते हुए) जी।
निरज:- तो चलो,लेकिन क्या हम खुले मैं कर सकते है? यहाँ घर में नही हो सकता। क्या हम ऊपर टेरेस हो तो वहां चले?
माँ:-(धीरी आवाज में) जी वो घर के पीछे खुली जगह है,वहां चलिए।
अब भावना ने दरवाजा खुला रखा मैन डोर का ताकि कोई उल्टा सीधा ना समझे। ( आप भी समज गए होंगे)
अब भावना निरज को पीछे ले जा रही थी। तो भावना आगे चल रही थी और उसके पीछे निरज। और निरज तो सिर्फ भावना की गांड को ही घूरे जा रहा था।
निरज:-ये अच्छी जगह है,खुले मैं है तो आपको ताजा हवा भी मिलेगी।
माँ:-जी।अब क्या करना होगा?
निरज:- जी आज तो आप पहले बॉडी को वॉर्मअप कीजिये।
माँ:- वो कैसे?
निरज:- देखिये मैं आपको कर के दिखता हूँ।
और निरज squats करके दिखता है।
निरज:-ऐसे करना होगा आपको पहले।
माँ:-(झिझकते हुए) क्या...सच मैं?
निरज:-देखिये आप करेंगी नही तो आपकी सेहत और बिगड़ सकती है।
माँ:-जी करती हूँ।
अब निरज साइड मैं खड़ा होके भावना को देखता है।
जब भावना नीचे बैठती है तो उसकी गोल गोल गांड बाहर उभर आती है,निरज की नजर वहाँ पे ही टिकी रहती है।
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भावना जब ऊपर नीचे होती तो उसके बूब्स थोड़े थोड़े हिल रहे थे,उसको देख निरज और ज्यादा गर्म हो जाता है।
निरज:- बढिया कर रही है आप।और थोड़े समय तक करते रहिए,इससे आपकी बॉडी मैं गर्मी होगी और आपके मसल्स ठीक होंगे।
माँ:-(एक्सरसाइज करते हुए) जी ।।
निरज:- आप अच्छा कर रही है,बस पीछे का हिस्सा हो सके उतना बाहर निकलने की कोशिश करो।
माँ:-(हड़बड़ी में) जी.... क्या!!
निरज:-नही आप बुरा मत समजो, इससे आपकी बॉडी का हर हिस्सा काम करना चाहिए।
माँ:-जी।
अब थोड़ी देर करने के बाद.....
निरज:- जी अब आप ये बंद कर सकती हो।
माँ:- ( खड़े होते हुए) जी।
निरज:- देखिये आपको पसीना आ रहा है,आपकी बॉडी अब धीरे धीरे वॉर्मअप हो रही है।
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माँ:-(हाँफती हुई) जी सही कहां आपने।
निरज भावना के जिस्म पर आए हुए पसीने को देख रहा था क्या मादक लग रहा था।और उसके जिस्म मैं से पसीनो की महक पागल बना रही थी निरज को। अब निरज planks करके दिखाते हुए.
निरज :-अब आप ऐसे करिये।
माँ:-(निचे बैठ कर करते हुए) जी।
अब निरज भावना को ही देखे जा रहा था।जब भावना के दोनों पैर साथ मैं निचे होते तो वो कुतिया की पॉश मैं होती।तब उसकी गांड बाहर की तरफ से मस्त दिखाई देती है।और भावना ने ब्रा पहनी थी फिर भी थोड़े थोड़े बूब्स नीचे लटक रहे थे। अब भावना को और ज्यादा पसीना आ गया था। निरज भावना की चारो तरफ घूमता ,लेकिन सबसे ज्यादा समय पीछे लगता ताकि उसकी उभरी हुई गांड देख सके।
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थोड़े समय करने के बाद फिर निरज बोला कि अब आप ये बंध कर दे। और भावना फिर से खड़ी हो गयी।इस बार बोहोत पसीना था।
निरज:-थक गई लगता है आप?
माँ:-(हफ्ते हुए) जी।आज पहली बार ये सब किया ना तो थक गई।
निरज:-हाँ ऐसा होता है । कोई बात नही आपको धीरे धीरे आदत लग जाएगी।
माँ:-जी।
निरज:-(side lunges करके दिखाते हुए) अब आप ये करिए।
माँ:- जी।
और भावना फिर से लग जाती है। और निरज बोलता है किआ आपको ये करने से अपने पैर और हिप्स को रिलैक्स करेगा। निरज उसके चेहरे को देख रहा था,जो पूरा पसीने से भीग चुका था। अब भावना ठीक से कर नही पा रही थी ,तो निरज ने हाथ से पकड़ के बताते हुए कहा
निरज:- (पैर को पकड़ते हुए) जी ऐसे नही ,ऐसे करिये।
माँ:-(थोड़ा हिचकिचाहते हुए) जी ठीक है।
अब भावना के जिस्म को किसी दूसरे मर्द ने पहली बार छुआ था तो उसको बहुत ही अजीब और गर्मी फील हुई।घर के आदमियों के टच करना और बाहर के आदमियों के टच करना बोहोत अलग होता है, तो भावना फिर से अपने एक्सरसाइज मैं लग गयी। थोड़ी देर बाद निरज ने बोला....
निरज:-जी अब आप pushups कर लीजिए,जिससे आपकी ऊपर की बॉडी को राहत मिले।
माँ:-(उसको आता था वो तो खुद करने लग गयी) जी।
निरज:-देखिये आपसे जितनी हो उतनी करो,ठीक है।
माँ:-(4,5 करने के बाद) जी बस इससे ज्यादा नही कर पाऊंगी।
निरज :-कोई बात नही ये भी काफी है। अब आज के लिए इतना ही रखते है। 12:30 बज गए है।
माँ:-जी ठीक है।
अब निरज भावना के छाती पे लगे हुए पसीने को घूर रहा था,और उसको बहुत मजा आ रहा था।
और ये भावना देख लेती है।लेकिन वो कुछ नही बोलती, और निरज भी देख लेता है उसको देखते हुए ,तो वो भी चालाक था,तो बात पलट दी,
निरज:-(उसके पसीने को देखते हुए) आज कैसा लगा आपको?
माँ:-जी अच्छा लग रहा है।
निरज:- जी कल भी इसी समय आ जाऊंगा,अब मैं चलता हूँ।
माँ:-जी।
अब निरज चला जाता है,और भावना दरवाजा बंध कर देती है,और अपने पसीने से लटपट जिस्म को देखती है,और अपने रूम से टॉवल और कपड़े लेके बाथरूम मैं नहाने चली जाती है। फिर वो नहा के आती है और थोड़ी देर बैठने के बाद खाना खाने लगती है, और सोचती भी है,
आज वैसे अच्छा तो लग रहा है,थोड़ा दर्द कर रहा है,लेकिन अच्छा फील हो रहा है,लेकिन उसको साथ साथ निरज के टच किये हुए हाथ की भी याद आ जाती है, और उसका शरीर थोड़ा हल्का सा गरम भी हो जाता है,और जो अपनी छाती पे देख रहा था वो भी याद करती है, और सोचती है कि वो कैसे देख रहा था। लेकिन बाद में सोचती है,उसका तो काम ही ट्रेनिंग देना है,वो अच्छे से देखेगा नही तो ट्रैन कैसे कर पायेगा। और खाने के बाद वो थोड़ी देर सो जाती है।
इधर निरज जिम आता है और उसका वो दोस्त पहुचता है।
दोस्त:-क्या बे मजे लिए की नही?
निरज:-अबे आज तो सिर्फ आँख सेकी।
दोस्त:-क्या किया फिर और?
निरज:- कुछ नही आज तो वॉर्मअप करवाया,क्या गजब फिगर है यार,
दोस्त:-हाँ वो तो देखा था उस दिन।
निरज:- उसकी गांड टाइट है एकदम और बूब्स भी तने हुए है।
दोस्त:-(हस्ते हुए) क्या खयाल है फिर?
निरज:- तू देखता जा,बस ,धीरे धीरे हाथो मैं लाना होगा,थोड़ी अच्छे घर से है।
दोस्त:-तूने कितनो को लाया है ये भी आ जायेगी।
निरज:- हां, मौका भी अच्छा है,उसका बेटा और पति नही होते घर पर।
दोस्त:- तब तो तेरे मजे है,चल मजे ले तू।
निरज:-हाँ
अब उधर हर्ष कॉलेज में था और सोच रहा था कि माँ ने अच्छे से किया होगा या नही। तो उसने निरज को कॉल किया।
निरज:-(अपने दोस्त को कहते हुए) देख उसके बेटे का फोन आ रहा है।
दोस्त:-उठा के बात कर।
निरज:-हेलो
मैं:-जी आज गए थे ना तुम?
निरज:-जी हाँ।
मैं:-माँ ने अच्छे से सब किया ना?
निरज:- जी आंटी ने सब अच्छे से किया है।
मैं:-चलो ठीक है यही जानने के लिए फोन किया था।
निरज:- जी ठीक है।
मैं:- रखता हूँ ।
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Thanks to all...
Next update kal 12 baje tak mil jayega..
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अब शाम को हर्ष और प्रकाश घर आ जाते है और भावना से पूछते है कि कैसे रहा? तो उसने बोला कि हाँ अच्छा था।
माँ:- अच्छा लग रहा है अब।
मैं:-देखा माँ आप ऐसे ही मना कर रही थी।
माँ:-हाँ, बेटा सही कहा।
पापा:-चलो अच्छा है,अब तुम्हारी चिंता करने की जरूरत नही।
माँ:- हाँ अब ठीक हूँ।
और डॉक्टर की दी हुई दवाई भी ले रही हूँ।
पापा:- वो लड़का कैसा है? अच्छे से सब करवाता है ना?
माँ:-हाँ जी।वो तो नही आता तो खुद कर के भी दिखता है और सब चीज़े समजाता भी है,की ऐसा करने से ऐसा होगा, ये सब।
पापा:- चलो अच्छा है,बेटा हर्ष,
मैं:-जी पापा,
पापा:- बेटा उसकी फीस दे आना अभी ,ताकि उसको कोई परेशानी न हो पैसे की बाबत मैं।
मैं:-जी पापा अभी जाता हूँ।
और हर्ष पैसे लेके निकल पड़ता है निरज के जिम। अब वो शाम के 6:30 बजे के समय पर गया था,पूरा जिम उस समय फुल था। और उसको निरज दिखाई देता है।
निरज:-जी आइये।
मैं:- ये आपके पैसे देने आया था।
निरज:-अरे कोई जल्दी नही थी।
मैं:- नही नही आप ये रख लीजिए।
निरज:-(पैसे लेते हुए) जी।
मैं:- वैसे माँ को कुछ खाने पीने का कुछ ध्यान रखना होगा क्या?
निरज:- उसकी जरूरत तो नही है,वैसे क्यों कि आंटी को तंदुरुस्त रहना है,तो सिर्फ प्रोटीन पॉवडर दूंगा थोड़ा बहुत भी तो उसको चल जाएगा।
मैं:- जी ठीक है।
चलो मैं चलता हूँ।
निरज:- हां।
अब हर्ष निकल जाता है और निरज वहां खड़े होकर सोचता है,लेकिन उसका दिमाग तो बड़ा तेज़ चलता था उसने सब प्लानिंग कर ली थी।
दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। और एक्सरसाइज फिर से वही जो कल की थी। निरज बोल रहा था कि क्या कैसे करते है और इससे क्या फायदा होता है। और भावना वो अच्छे से सून के कर रही थी। अब 12 बज रहे होंगे।अभी भी आधा घण्टा बाकी था, वो कर रहे थे। और आज हर्ष कॉलेज से बंक करके घर आ गया। उसको लगा ही अभी तो माँ एक्सरसाइज कर ही रही होगी।घर पे आया तो देखा कि 1 बाइक थी जो निरज की थी, लेकिन दरवाजा खुला था, तो वो सीधा अंदर चला गया। उसको घर में जाते ही पीछे से आवाज आ रही ही उनके बाते की, तो वो सीधा पीछे गया।
माँ:-(देखते हुए) अरे बेटा आ गया तो आज?
मैं:- जी माँ। कैसा चल रहा है?
माँ:- अच्छा चल रहा है बेटा।
मैं:-जी ठीक है।
निरज:- जी आप अब बिल्कुल टेंशन न लो।
मैं:- जी हाँ, चलो मैं ऊपर जाता हूँ और फ्रेश हो जाता हूँ।
फिर वो दोनों वापस अपने काम में लग जाते है और हर्ष फ्रेश होकर अपने रूम ककी बालकनी से पीछे की और खड़े होक माँ को एक्सरसाइज करते देखता है।
अब 12:30 होते ही निरज चला जाता है,और भावना नहा के हर्ष के रूम में जाती है।
मैं:- माँ कैसा लग रहा है अब?
माँ:- बेटा बहुत अच्छा।
मैं:- आप अब अच्छे से सेहत का खयाल रखना।
माँ:- जी हाँ, बेटा। (बेटे के सर पर हाथ घूमते हुए) बेटा कितना ध्यान रखता है मेरा।
मैं:- माँ आपका ध्यान में हमेशा रखूंगा। ,लेकिन माँ
माँ:- क्या हुआ बेटा?
मैं:- आपने दरवाजा खुला क्यों रखा था आप पीछे की तरफ होते है कोई अंदर आ जाये तो?
माँ:-( थोड़ा हिचकिचाहट करते हुए) वो बेटा......... वो है ना......
मैं:-बोलो ना माँ।
माँ:- बेटा अच्छा सा नही लगेगा ना अगर मैं घर में अकेली हूँ और कोई अनजान लड़का हमारे घर हो और मैं घर का दरवाजा बढ़ कर दूं तो लोग क्या सोचेंगे?
मैं:-(खुश होते हुए) जी हाँ माँ, आप सबका कितना अच्छा खयाल रखते हो।
माँ:- तू भी तो रखता है मेरा।
अब रोज की तरह सब रात को खाना खाके सो गए।और दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। भावना अब निरज से खुश थी कि लड़का अच्छा है, और यह निरज के कुछ अलग ही प्लानिंग चल रही थी। आज वो आया और आज वो सब सेट कर के आया था।
निरज:-जी कैसे है आप?
माँ:- जी अब फिट महसूस कर रही हूँ।
निरज:-जी मुझे माफ़ कर देना।
माँ:-(सोचते हुए) अरे आपने क्या किया जो मैं आपको माफ करु?
निरज:- देखिये मुझे 2 दिन से याद ही नही रहा, आप बस माफ कर दीजिए।
भावना सोच रही होती है कि इसने तो कुछ गलत किया ही नही तो माफी क्यों मांग रहा है।
लेकिन इधर निरज का शैतान दिमाग काम कर रहा था।
निरज:- जी वो ,मैं आपसे बोलूंगा तो आप बुरा समझेगी,लेकिन ये आपकी बॉडी के लिए हानिकारक हो सकता है।
माँ:- जी क्या हुआ बताइए ना?
निरज:-देखिये मेरी बात सुनिये,
माँ:-जी बोलिये।
निरज:- एक्सरसाइज करने से बहुत पसीना होता है।सही बात है ना?
माँ:- जी सच कहा आपने,बहुत पसीना होता है।
निरज:- तो हमारे प्राइवेट पार्ट मैं पसीना रहने से इंफेक्शन का खतरा रहता है।
माँ:-(थोड़ा धीरे से बोलती है) जी हाँ।
निरज:- और पिछले 2 दिन से मैं आपको मुसीबत में डाल रहा हूँ।
माँ:- वो कैसे?
निरज:-देखिये बुरा मत समझना, लेकिन आप अपने अंडरगारमेंट्स पहन कर एक्सरसाइज करोगी तो आपके प्राइवेट पार्ट मैं इंफेक्शन का खतरा होगा।
माँ:- तो फिर अब क्या किया जाए?
निरज:- देखिये अगर आप अपनी सेहत का और इन सब चीज़ों का ध्यान रखना चाहती हो तो अपने ऊपर और नीचे के अंडरगारमेंट्स को उतार कर ये वर्कआउट के कपड़े पहन लो।
माँ:-( थोड़ी डरते हुए सोचती है बस।
निरज:- देखिये मैं तो आपके भले के लिए ही बोल रहा हूँ।आपको नुकसान न हो।
माँ:- जी लेकिन....
निरज:-(बात को काटते हुए) आपने ऊपर तो ये कपड़े पहने ही होंगे तो कुछ नही होगा,आप मुझ पर भरोसा कर सकती हो।
माँ:-(इंफेक्शन के डर से) जी ठीक है। आप यही रुको मैं निकल के आती हूँ।
निरज:- जी।
अब भावना अपने रूम मैं जाने के बजाय अभी टॉइलट में जाके अपनी वाइट ब्रा और पैंटी उत्तर कर कपड़े पहन लेती है।
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अब स्पोर्ट्स कपड़े होने से भावना की चूची ऊपर की और दिखने लगती है।और पैंट से चूत की लाइन भी साफ साफ दिखाई देती है।
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अब वो बाहर आ जाती है। जब बाहर आती है तो निरज चूत और चूची को घुरे जा रहा था। लेकिन खुद को संभाल के वो सीखने में लग जाता है।
अभी निरज के लिए था भावना का दिल जीतना। तो वो अपने जाल में फ़साने की तैयारी करता है।
निरज:- जी अच्छा हुआ आपने मेरी वो बात मान ली।
माँ:- नही ,उसमें क्या?
निरज:- नही सच,अगर आपके प्राइवेट पार्ट्स में कुछ हो जाता तो आपके घरवाले मुझे ही बोलते न कि मेरी वजह से हुआ होगा सायद।
माँ:- नही नही,आपको कोई ऐसा नही बोलेगा, और वैसे भी मैंने आकि बात मान ली है।
निरज:-जी।अब आप jumping jacks करो।
और वो 1 बार करके दिखाता है और फिर भावना खुद करने लगती है।अब आप खुद सोचो जोर से उछलने से भवन के बूब्स जोर जोर से उछल रहे थे,चूची भी टी-शर्ट से चिपक गयी थी।निरज तो बस भावना के बूब्स को ही देख रहा था।
भावना कर रही थी और निरज उसके पीछे गया और वहां खड़ा होक देखने लगा। और सोचता है,
क्या गांड हिल रही है, मजा आ गया, इसको तो बॉटल में उतारना ही पड़ेगा। और चूची भी क्या कड़क है।आज तक जितनी के भी मजे लिए ये उससे ज्यादा है।
अब भावना को रुकने को बोला औकर वो रुक गयी।उसको पसीना आ रहा था
अब निरज बोलता है कि अब आप bride posture कीजिये। और भावना निरज को देखते हुए करने लगी।
जब वो कर रही थी तब निरज पैरो के सामने आया और देख रहा था।जब भावना अपनी कमर उपर की और लाती तो उसकी चूत की लाइन साफ साफ दिखाई देती।
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अब भावना भी ये सब देखती है लेकिन वो एक्सरसाइज पे ध्यान देती है।अब वो पहली बार किसी पराये के सामने बीना अंडरगारमेंट्स में कर रही थी तो थोड़ी गरम भी हो गयी थी। लेकिन खुद को संभाल लेती है। लेकिन अपनी चूत से थोड़ा पानी और पसीना निकल रहा था जो ग्रे पैंट से साफ दिखाई दे रहा है।
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वो देख के निरज का लण्ड भी खड़ा हो जाता है।
ये करने के बाद...
निरज:- ठीक है अब आप नार्मल पोज़ के आ जाएं।
माँ:- जी।
निरज:-(चूत और बूब्स को देखते हुए) काफी पसीना निकल रहा है आपका।
माँ:- हां
निरज:-अब आप नीचे लेटा कर leg lift करिये।
और भावना ऐसे करती है और जब वो दोनों पैर ऊपर लेती है तो पसीने से भीगी चूत की लाइन साफ दिखती है,और गौर से देखे तो पसीने से थोड़ा ट्रांसपरेंसी भी हो गयी थी,
अब वो भावना के सामने आ गया और पैर को पकड़ के एक्सरसाइज करवाने लगा और जब उसके पैर ऊपर होते तो निरज नही दिखाई देता। पैर बीच में आ जाते है।
यहाँ इसी बात का फायदा उठाते निरज अपने लण्ड को सहलाजे लगता है। और थोड़ी देर बाद उसे खयाल आता है तो वो झट से उठ जाता है और भावना को भी बस करने के लिए बोल देता है।
निरज:- आज आपको थोड़ी ज्यादा थकावट होगी।
माँ:-जी सही कहा, आज पसीना भी ज्यादा हुआ है।
निरज:- जी यही तो बात है।
माँ:- आज आप बैठिए, मैं चाय बनाती हूँ।
निरज :- जी मैं चाय नही पीता।
माँ:- कोई बात नही आप हॉल में सोफे पे बैठो मैं पानी लेके आती हूँ।
निरज:- जी।
अब निरज जाके बैठता है और भावना पानी लेके आती है और पानी देखे खड़ी रहती है निरज के सामने।अब निरज पानी पीते पीते भावना की चूत की लाइन को ही देख रहा था,
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इधर उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था और तभी निरज के फोन की रिंग बजी।
निरज:-हेलो।
दोस्त:- अबे चल न कहा है 1 बज गए ,
निरज:- अरे हा ,आता हूँ।
निरज:-(फोन रखते हुए) आज तो 1 बज गए,चलो मैं चलता हूँ।
माँ:-जी।
अब निरज के जाने के बाद भावना भी नहाने जाती है और फिर खाना खा के सो जाती है।
यहा निरज जीम जाता है,और दोस्त पूछने लगता है।
दोस्त:-अबे आज आने में देर क्यों हो गयी?
निरज:- आज तो उसको अंदर से नंगी करके एक्सरसाइज करवाई।
दोस्त:-सच मैं?
निरज:-हां, साली की चूत बड़ी कमाल की है,चुचे भी मस्त है।
दोस्त:-आज अंदर के कपड़े उतरवाए कल सारे कपड़े उतार देगा तू ।
और दोनों हसने लगते है।
दोस्त:-अभी आगे का क्या प्लान है?
निरज:-अभी में अपनी चाल चलूंगा।
दोस्त:-क्या?
निरज:-बस तू देखता जा।
अब शाम को हर्ष और प्रकाश आ जाते है। और प्रकाश भावना से बात करता है।
पापा:- भावना, कल मैं नही हूँ,कल कॉलेज के स्पोर्ट कॉम्पिटिशन के मामले में दूसरे स्टेट में मीटिंग है,तो कल सुबह जल्दी निकल जाऊंगा और पर्षो दोपहर को ही आऊंगा।
माँ:-जी।संभाल कर जायेगा।
पापा:- जी।आज रात को 8 बजे निकल जाऊंगा।
माँ:-ठीक है।
पापा:-(ऊपर रूम के जाते हुए) मैं अपने कपड़े तैयार करता हूँ।
माँ:-ठीक है।
अब तभी दरवाजा खटखटाया, तो भावना ने दरवाजा खोला तो देखा निरज है।
माँ:-अरे आप।
निरज:-जी।
माँ:-आइए न बैठिए।
निरज:-नही नही मैं तो बस ये प्रोटीन का डब्बा देने आया था सुब्ह भूल गया था।
माँ:-(डब्बा लेते हुए) जी।इसको कैसे लेना है?
निरज:- जी आपको इसको दूध या पानी के साथ लेना है।और आप इसको एक्सरसाइज के 2,3 घंटे पहले ले लेना।
माँ:-जी।
अब निरज चला जाता है,और भावना डिब्बा किचन मैं रख कर काम करने लगती है। अब वो डिब्बे में पाउडर तो था लेकिन साथ में कुछ और भी।वो आपको आगे चल के पता लग ही जायेगा। अब रात के 8 बजे और प्रकाश निकल गए। और फिर मा बेटे ने खाना खा लिया।
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(23-06-2021, 03:10 PM)Aakashshah Wrote: हेलो दोस्तो , ये मेरी स्टोरी adultary है। ये कहानी में बेटा माँ को नही चोदने वाला। तो incest वाले को पहले ही बोल देता हूँ। ताकि आपके समय खराब ना हो।
इसमें एक बेटा अपनी माँ का बदला लेता है। जो माँ गलत रास्ते पे चली गयी होती है, बाद में उसको अंदाज़ा होता है कि उसने क्या गलत काम कर दिया है और फिर वो अपने बेटे को उसका बदला लेने कहती है।
ये कहानी मुंबई के एक सोसायटी की है। जहाँ सभी अच्छे घर के लोग रहते है। वैसे ही एक घर सोसायटी के आखिर में गेट के बिल्कुल सामने आखिर में है। ये घर कुछ इस प्रकार है कि घर 2 माले का है,नीचे हॉल है,और हॉल के पीछे किचन, और एक तरफ टॉयलेट बाथरूम है,और पीछे की साइड पर थोड़ा खुले एरिया का वरांडा जैसा है। जो दिवालो से घिरा है ,लेकिन उचाई इतनी भी नही की कोई देख या आ न पाए। और उसके पीछे से खेत शुरू हो जाते है।तो पीछे के बाहर की साइड पर बाहर से देखने वाला कोई नही।
उस घर में 3 लोग रहते है।
प्रकाश मिश्रा(पापा), जिसकी उम्र शायद 58 होगी। ये एक बोहोत नेक इंसान है। जो कॉलेज में एक टीचर की नोकरी करते है। ये रोज 10 से 5 बजे तक कॉलेज मैं होते है।
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भावना मिश्रा(माँ),ये एक संस्कारी नारी है। ये एकदम सिंपल औरत है। बेटे का जन्म बाद भी इसका फिगर फिट है। ज्यादातर साड़ी और सलवार और लेगिंस पहनती है। ये पूरा दिन घर का काम करती रहती है। भले थकी हुई क्यों न हो। पूरा दिन काम में बिताती है। और ये भोली और बहुत सेंसेटिव औरत है। अगर उसको कुछ प्रॉब्लम हो तो भी वो किसी को नही बताती थी ,ताकि दूसरे टेन्सन न ले।
हर्ष मिश्रा(बेटा, यानी मैं), ये सीधा लड़का है जो पापा और माँ के साथ रहता है। ये मुंबई में नजदीकी कॉलेज में इंजीनियरिंग करता है। ये 9 बजे निकल जाता है घर से और शाम को ही आता है,कॉलेज में होजे के कारण कभी जल्दी आ जाता है तो कभी शाम को 6,7 बजे भी आता है तो कभी कभी मूड बन जाये तो कॉलेज बंक कर के घर आ जाता है।
जैसे कि आपको बताया घर में ऊपर 2 रूम है और एक रूम मैं माँ पापा और एक रूम मैं बेटा रहता है। नीचे हॉल और कीचन ही है।
ये कहानी आपको जिस की बात हो रही है उस के पॉइंट ऑफ व्यू से पढ़ने को मिलेगी। तो conversation में अच्छा लगे।
Ye sirf intro diya hai, story ke update roj time to time mil jayenge.
Bus support krte rho.. [quote pid='3421658' dateline='1624441203']
उम्र
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भी बता दो भाई मम्मी की ।।
कहानी का introduction बहुत अच्छा लग रहा है।।??❣️
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(23-06-2021, 04:43 PM)Eswar P Wrote: Nice story wonderful line . Continue bro
अच्छी kahani hain.
Please continue brother ?
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(23-06-2021, 08:42 PM)Aakashshah Wrote: सुबह की शुरुआत, और घर में पापा और माँ उठ गए है। मैं भी समय पर उठ जाने वालों में से हूँ। सुबह उठ के में तैयार हो गया। मैं उठ के तैयार होके नीचे आया। और हॉल में बैठा।
मैं:-माँ मुझे नास्ता दे दो।
माँ:-(मेरे लिए ब्रेकफ़ास्ट लेके आयी) ये ले बेटा आराम से खा लो।
पापा:-(अपने रूम से नीचे आते हुए) भावना, याद है ना आज मुझे 2 टिफिन बॉक्स देने है। आज राजेश की पत्नी मायके गयी है तो उसका टिफिन मैं ले जा रहा हूँ।
माँ:-(काम करते हुए ) जी वो याद है, टिफिन ही पैक कर रही हूँ।
माँ ने अभी ब्लैक कमीज़ और ब्लू कलर की लेगिंस पहनी थी। माँ किचन में काम ही करती रहती है।
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मैं:-(खाना खत्म करते हुए) चलो माँ में चलता हूँ।
माँ:-ठीक है बेटा, संभाल के जाना ठीक है।
मैं:-हाँ मा।
और एक बात में घर से ब्रेकफास्ट करके निकलता था और कैंटीन में खा लेता था, टिफिन ले जाना मुझे पसंद नही।
में घर से निकल गया।मेरा ऐसा था कि मेरा दोस्त बाजू की सोसाइटी मैं रहता था, तो मैं अपनी सोसाइटी से बाहर निकल कर उसकी राह देखता ,वो मुझे लेके हम कॉलेज चले जाते। अब मैं और मेरा दोस्त कॉलेज आ जाते है ,और दूसरे दोस्तो के साथ मिल कर मस्ती करते क्लास में चले जाते है।
यहाँ घर मैं प्रकाश भी कॉलेज जाने की तैयारी करता है।
प्रकाश:-भावना चलो,मैं चलता हूँ।मुझे टिफिन दे दो
भावना:-(टिफिन लेके आती है) ये लीजिये।
प्रकाश:-ठीक है,चलो मैं चलता हूँ। अपना ध्यान रखना।
भावना:-जी ठीक है।आप संभल कर जाएगा।
प्रकाश अपनी बाइक पे कॉलेज चला जाता है,और भावना फिर से घर का डोर बंध करके अपने काम में लग जाती है।ये अब रात के सोने के समय तक काम ही काम करती रहेगी।
अब भावना घर में बेटे और पति के जाने के बाद सबसे पहले झाड़ू और पोछा लगा रही थी। अब ये करने के बाद किचन की साफ सफाई करने लग गयी। फिर पीछे के वरांडा के तरफ भी सफाई करने लग गयी। ये करने के बाद तुरंत कपड़े धोने बैठ गई, और उसके बाद दोपहर हो गयी थी। फिर उसने खाना खाने के बाद फिर बरतन धोने लग गयी। फिर वो होने के बाद भी वो दूसरे कामो में लग गयी।
यही है भावना जो हर वख्त कामो मैं लगी रहती है।
अब शाम को 4 बज रहे होंगे। भावना अपने बेटे के रूम की सफाई कर रही थी, कपड़े घड़ी करके रख रही थी,जो सुबह सुखाने रखे थे वो। और घर की घंटी बजती है। भावना नीचे हॉल मैं जाती है और दरवाजा खोलती है।
माँ:-(दरवाजा खोल के ) आ गया बेटा।
मैं:-(अंदर आते हुए) हाँ माँ आ गया।
माँ:-चलो अब हाथ मुँह धो लो मैं तुम्हारा बैग रख देती हूँ।
मैं:-नही माँ मैं बैग खुद रख दूंगा आप आराम करो। पूरा दिन काम करती हो आप।
माँ:-बेटा, काम तो करना ही पड़ता है।
अब मैं ऊपर अपने रूम में जाता हूँ और फ्रेश होके आराम से बैठ जाता हूँ। माँ भी ऊपर आती है,मेरे रूक मैं।
माँ:-कैसा चला रहा है बेटा अपना कॉलेज?
मैं:-ठीक चल रहा है,अभी थोड़े महीने बाद एग्जाम होगी।
माँ:-अच्छे से पढाई करना बेटा।
मैं:-जी माँ।
माँ:-(उठ कर रूम से बाहर जाते हुए) चलो बेटा तुम बैठो में काम करने जाती हूँ।
मैं:-माँ क्या पूरा दिन काम काम ,बैठो न आराम से।
माँ:-बेटा मैं काम नही करूँगी तो क्या तु काम करेगा ?(और हस देती है)
मैं:- माँ आप भी ना।
भावना रूम से चली जाती है और हर्ष मोबाइल में लगा रहता है,और थोड़ी देर बाद उपज कॉलेज का काम करने लगता है।
अब 5 बज गए और प्रकाश आ गया। अब रात को सबने खाना खाया,और रात को सो गए।
रात को हर्ष उठा और किचन में पानी पीने गया।और रूम में वापस आने के बजाए टॉइलेट मैं चला गया।अब हर्ष था तो सिंपल लड़का। लेकिन अब औजार दिया ही है तो यूज़ तो करना पड़ता है ना, तो वो टॉयलेट मैं जाके मोबाइल में पोर्न शुरू कर के मुठ मारने लगा। अब जैसे ही उसका वीर्य निकला, वैसे ही टॉयलेट का दरवाजा किसी ने खटखटाया। हर्ष ने जल्दी से मोबाइल बढ़ करके लन्ड अंदर डाल के हाथ धोके दरवाजा खोला। तो सामने उसकी माँ (भावना) खड़ी थी।वो रात को मैक्सी ही पहनती थी।
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माँ:-बेटा, ठीक तो है ना। इतनी रात को.........कोई प्रॉब्लम तो नही है ना? पेट में दर्द तो नही है ना?
मैं:-अरे नही माँ, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।
अब हर्ष अपने रूम में चले जाता है और भावना भी टॉयलेट मैं जाती है,और दरवाजा लॉक करती है और अपनी मैक्सी खोल के पैंटी नीचे करती है,उसकी चूत पे बाल थे।
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वो भारतीय नारी होने के कारण बाल नही निकलती है।अब वो मूतने लगती है। और फिर पानी लेके अपनी चूत पे पानी मारती है,और हाथ धोके थोड़ी देर में वापस रूम मैं चली जाती है।
अब दूसरी सुबह भी रोज की तरह शुरू होती है।
आज भावना ने पिले रंग की कमीज और वाइट लेगिंस पहनी थी।
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आज वो थोड़ी थकी हुई लग रही थी। उसके पैर और हाथ में दर्द हो रहा था। और माथे मैं भी दर्द हो रहा था। अब हर्ष नीचे आया और
मैं:-माँ ब्रेकफास्ट और चाय दे दो,मुझे लेट हो रहा है।
माँ:-(दर्द से परेशान होके गलती से पापा का टिफिन ले आती है)ये ले बेटा।
मैं:-माँ मैंने अपना नास्ता मांगा, आपका ध्यान कहा है।
माँ:-अरे सॉरी बेटा, आज थोड़ा पैरो मैं दर्द है और थकान लग रही है,तो गलती हो गयी।
मैं:-(थोड़ा गुस्से में) माँ आप काम का इतना प्रेसर मत लो न।
पापा:-(ऊपर से तैयार होक नीचे आते हुये)और क्या पूरा दिन काम करेगी तो ऐसा ही होगा।
माँ:-अरे कुछ नही ,ठीक हूँ। और बेटा ये ले नास्ता।
पापा:-सुनो आज जल्दी मुझे भी टिफिन दे दो।आज कॉलेज मैं मीटिंग है। तो जल्दी जाना पड़ेगा।
माँ:-(टिफिन देते हुए) जी, ये लीजिये,और आपके लिए भी नास्ता लाती हूँ।
और भावना किचन में जाति है और नास्ते की प्लेट लेके हॉल में आती है और नास्ता टेबल पर रखती है कि अचानक वो चक्कर खा के गिर जाती है।
मैं:-(जल्दी से उठ के) माँ क्या हुआ आपको?
पापा:-(परेशान होते हुए) ये क्या हो गया भावना तुम्हे?
मैं:-(माँ को हाथ पकड़ कर सोफे पे बैठाते हुए) माँ क्या हुआ आंखे खोलो माँ।
पापा:-बेटा तुम्हारी माँ के चहरे पर पानी मारो थोड़ा।
मैं:-(पानी किचन से लाके माँ के चेहरे पर मरते हुए) माँ उठिये ना।
माँ:-(धीरे धीरे आंखे खोलते हुए) ठीक हूँ मैं अब।
पापा:-भावना ठीक हो ना तुम, तुम पूरा दिन काम में लगी रहती हो तो ऐसा ही होगा।
मैं:-माँ पापा सही बोल रहै है।
माँ:-कोई बात नही मैं ठीक हूँ।
पापा:-बेटा तुम माँ को डॉक्टर के पास ले जाओ। मुझे आज मीटिंग में जाना होगा अभी। ये लो बाइक की चाबी आज तुम कॉलज ना जाना और माँ को ले जाओ पहले।
माँ:-(उठते हुए) नही नही,ठीक हूँ मैं।
मैं:-नही माँ आज आपकी बात नही सुन्नी।
पापा:-ठीक है मैं चलता हूँ। बेटा माँ को डॉक्टर के पास ले जाना और डॉक्टर जो भी बोले उसकी बात मानना, वो जो भी बोले करना तुम।
मैं:-जी पापा।
अब प्रकाश बाहर जाके ऑटो लेके कॉलेज पोहोच जाता है।और हर्ष अपने दोस्त को फोन करके बोल देता है कि आज वो नही आ पायेगा। और .......
मैं:-चलो माँ आ थोड़ा हाथ मुँह धो लो मैं आपको डॉक्टर के पास ले चलता हूँ।
माँ:- बीटा कोई जरूरत नही है मैं ठीक हो जाउंगी।
मैं:-(थोड़ा गुस्से में) नही माँ आज मैं आपकी कोई भी बात नही सुनूंगा।
माँ:-अच्छा ठीक है।मैं थोड़ा फ्रेश होकर आती हूँ।
मैं:- हां माँ।
अब भावना फ्रेश होक आती है और हर्ष के साथ बाइक पर बैठ के डॉक्टर के पास चली गयी। दोनो थोड़ी देर में एक डॉक्टर के क्लीनिक पर पहुंच गए। और अंदर कोई नही था तो वो सीधा डॉक्टर से मिले।
डॉक्टर:-जी कहिये क्या हुआ है ?
माँ:-जी वो कुछ नही थोडी थकान है और कुछ नही।
मैं:-(थोड़ा गुस्से मैं) नही डॉक्टर माँ की तबियत खराब है।पूरा दिन घर का काम करती है तो आज ये चक्कर खा के गिर गयी थी ।
डॉक्टर:-(माँ का चेकअप करते हुए) हम्म सही है।आपको थोड़ा कम काम करना चाहिए और आपकी हेल्थ का आपको ध्यान रखना पड़ेगा।
माँ:-(धीरे से बोलती है) काम आज नही तो कल करना तो पड़ता है ना।
डॉक्टर:-(हस्ते हुए) जी सही कहां, लेकिन हमको हमारी बॉडी का भी ख्याल रखना पड़ता है।अब आपको ये गोलिया देता हूँ। लेकिन आपको थोड़ा तबियत सुधारने के लिए कसरत करनी होगी।
माँ:-जी जैसे।
डॉक्टर:-मतलब आपको जिम जाना होगा,और अपने बॉडी को फिट करना होगा। आपकी बॉडी काम की वजह से कमजोर हो गयी है।
माँ:-अब इस उम्र में जिम कहाँ जाउंगी।
डॉक्टर:-देखिये मेरा काम तो है इलाज बताना, मैंने आपको बोला कि आप कमजोर हो आपको अपनी सेहत बनानी पड़ेगी। आप अगर ऐसा सोचती हो तो पर्सनल ट्रेनर रख लो ताकि आपको जिम ना जाना पड़े।
माँ:-(सिर्फ सोच रही थी।)
मैं:-जी डॉक्टर हम वैसा ही करेंगे।
अब हर्ष डॉक्टर को फीस देके बाहर आता है,और
मैं:-देखा माँ इतना काम करने का नतीजा।
माँ:-अरे कोई बात नही इतना तो होता ही है। चलो अब घर चलते है।
मैं:-कहाँ घर,,,,,,,,डॉक्टर ने बोला ना कि आपको जिम करना होगा।
माँ:-बेटा मैं अब इस उम्र में कहा जिम जाउंगी।
मैं:-अरे डॉक्टर ने बोला ना पर्सनल ट्रेनर के बारे में,वो देखते है।
माँ:-नही बेटा ,मुझे नही पसंद ।
तभी प्रकाश का फ़ोन आता है।
पापा:-बेटा क्या कहा डॉक्टर ने?
मैं:-पापा डॉक्टर ने दवाई दी है और बोला है कि अब माँ को जिम करना होगा। कमजोर हो गयी है।
पापा:-पूरा दिन काम जो करती रहती है।
मैं:-हैं और माँ जिम करने से मना कर रही है।
पापा:-नही डॉक्टर ने बोला है तो करना पड़ेगा।
माँ:- मुझे नही पसंद ये।
पापा:-(माँ की बात सुन के) बेटा माँ को बोलो की अपना भी ध्यान रखना जरूरी है।
मैं:- वही बोल रहा हूँ पापा। और डॉक्टर ने ये भी बोला कि अगर जिम जाना पसंद ना हो तो पर्सनल ट्रेनर रख लो।
पापा:- वो बेस्ट रहेगा बेटा।
मैं:-हाँ।
पापा:-चलो मैं फोन रखता हूँ मेरी मीटिंग शुरू होने वाली है।
मैं:-जी पापा।
Bahut सुन्दर अपडेट हैं।।
Keep it up
??
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(24-06-2021, 01:45 PM)Aakashshah Wrote: मैं:-देखा माँ पापा भी हाँ बोल रहे है।
माँ:- लेकिन बेटा.........
मैं:-(बात को काटते हुए) माँ ऐसा मत करो।
माँ:-(झिझक कर) ठीक है। लेकिन ये ट्रेनर ढूंढेंगे कहा?
मैं:-चलो आप बैठो बाइक पे,देखते है कही।
माँ:-(बैठ कर) हमम चलो अब।
अब दोनों माँ बेटे दोनो निकल पड़ते है जिम ढूंढने। अब काफि समय हो चुका था लेकिन कोई भी नही मिला।
माँ:-बेटा, रहने दो कोई बात नही।
मैं:-मिल तो नही रहा ,लेकिन थोड़ा आगे और चलते है ,देखते है।
माँ:-जैसी तेरी मर्जी।
और थोड़ा आगे चलते ही।
मैं:-माँ वो देखो वहां पे एक जिम है।
माँ:-ठीक है।
अब दोनों जिम मैं अंदर आते है। वहाँ पे सब मर्द लोग ही थे। वहाँ सब कसरत कर रहे थे।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
जैसे ही दोनों अंदर गए सब लोग उनको देखने लगे। सब लोगो की नजर भावना पे थी। आखिर औरत को कोन नही देखता। अब जिम मैं जोर जोर से म्यूजिक भी बज रहा था। और भावना ये सब देख के थोड़ा दर जाती है, अब दोनों जिम के आफिस के पास गए, साइड मैं बना हुआ था। वहाँ कोई नही था। दोनो माँ बेटे देख रहे थे कि कोई नही है। और तभी एक लड़का आता है, जिसने ऊपर कुछ नही पहना था,और सिर्फ नीचे पहना था। उस लड़के के सिक्स पैक थे।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
भावना तो 1 सेकंड के लिए देखती ही रह जाती है। हर्ष के लिए तो नार्मल था।
लड़का:-जी कहिए।
मैं:-जी आप?
लड़का:-मैं निरज, ये मेरा ही जिम है। मैं ही यहां सबको ट्रेंनिग देता हूँ।
मैं:-ओह्ह अच्छा, जी मुझे ये बात करनी थी कि आपके यहाँ जिम ट्रेनर होगा कोई और?
निरज:- जी मैं खुद हूँ।
माँ:-(धीरे से मुझे बोलती है) बेटा, कोई औरत ट्रेनिंग वाली नही होती क्या?
मैं:-जी आपके यहाँ कोई फीमेल ट्रेनर नही है क्या?
निरज:- जी ,उनको भी मैं खुद ट्रेंनिग देता हूँ। अच्छा मतलब ये आपके साथ जो है उनके लिए चाहिए?
मैं:-हाँ सही कहाँ ,ये माँ है मेरी ,और डॉक्टर ने इनको जिम करने को बोला है।
निरज:-ठीक है तो आप जॉइन कर दीजिए ।
माँ:-नही।
मैं:-इनका मतलब है कि क्या आप पर्सनल ट्रेनिंग करोगे?
निरज:-(कुछ सोचते हुए) देखिये मेरे यहाँ सुबह और शाम को तो मैं यहां से हिल भी नही सकता।
मैं:-कोई भी समय चलेगा। है ना माँ?
माँ:-हाँ।
निरज:-(सोचते हुए)चलो ठीक है। तो मैं 11 से 12:30 तक आ सकता हूँ।
मैं:-जी थैंक यू ,
निरज:- अरे नही उसमें क्या?
मैं:-वैसे फीस क्या है और कितने समय तक करना होगा?
निरज:-(टेबल से एक पेपर देते हुए) ये लीजिये सब है इसमे।
मैं:-जी ठीक है। तो तुम कल से आ जाओगे ना?
निरज:-जी बिल्कुल। जी आप अपना नाम यहाँ लिखवा दीजिये। और साथ मैं आपके घर का पता भी।
मैं:-(माँ का नाम बताते हुए) भावना मिश्रा। और पता भी बता देता है।
निरज:-(लिख के) जी ठीक है। वैसे आपके पास वर्कआउट के कपड़े तो है ना?
माँ:-जी वो तो नही है। कोई बात नही मैं साड़ी मैं ये इन कपड़ो मैं कर लुंगी।
निरज:-जी नही।जिम के लिए स्पेशल कपड़े होते है। देखो ना सबके यह नॉर्मल कपड़े नही पहने।
मैं:-जी कोई नही वो हम ले लेंगे।
निरज:-ठीक है।
मैं:-(बाहर जाते हुए) अच्छा अब हम चलते है। तुम काल आ जाना।
निरज:- जी।
अब हर्ष और भावना दोनो बाहर चले जाते है और बाइक के पास चले जाते है। इधर जिम में एक लड़का जो निरज का ख़ास दोस्त था,वो उसके पास आता है और बोलता है,
दोस्त:-अबे क्या बे,कोन थे वो लोग?
निरज:-भाई लॉटरी लगी है।
दोस्त:-क्या मतलब ठीक से बोल ना?
निरज:-मस्त माल मिला है।
दोस्त:-को वो जो औरत आयी थी वो?
निरज:-हाँ,
दोस्त:-अबे अब तो जिम मैं मजा आएगा। जब वो एक्सरसाइज करेगी तो सबके खड़े हो जाएंगे।
निरज:-(जोर से हसते हुए) नही,मुझे पर्सनली घर पे ट्रेनिंग देनी है।
दोस्त:-(मायुस होते हुए) अबे यार, चल तू मजे ले लेना।
निरज:-हाँ, वो तो लूंगा ही लेकिन समय लगेगा, लगता है बड़ी संस्कारी है।
दोस्त:-वो तो तू उसकी अपने जाल मैं फसा ही लेगा,सबको मालूम है ये बात तो( और दोनों हस देते है)
इस तरफ (माँ बेटे) मतलब हर्ष और भावना.....
मैं:-माँ, आपके पास वर्कआउट के कपड़े है क्या?
माँ:-नही बेटा, वो तो नही है लेकिन चल जाएगा।
मैं:-नही माँ, ऐसा नही होता। इसके लिए आपको प्रॉपर कपड़े चाहिये होते है। नही तो आपको अच्छा नही लगेगा इन कपड़ो मैं।
माँ:-तो बेटा, अब क्या करे?
मैं:-चलो माँ, एक दुकान पे चलते है,उधर आपको सब मिल जाएगा।
माँ:-चलो,ठीक है।
अब दोनों निकल जाते है और सीधा दुकान पे जाते है,और दुकान मैं भी सिर्फ मर्द लोग ही थे,लेकिन अब लेना तो था ही,अंदर जाके दोनो....
वहाँ दो लड़के थे और उसका मालिक काउंटर पर बैठा था।
लड़का 1 :-जी बोलिए क्या दिखाऊ आपको?
मैं:-भैया,आपके पास वर्कआउट के कपड़े होंगे?
लड़का 1 :-(कपड़े निकल कर देते हुए) जी सर ये लीजिये।
मैं:-अरे,मेरे लिए नही चाहिए। माँ के लिए चाहिए।
लड़का 1 :- अरे माफ कीजियेगा, अभी दिखता हूँ।
मैं:- जी।
लड़का 1:- ये लीजिए, आज कल यही चलते है।
उस लड़के ने स्पोर्ट ब्रा के साथ नीचे लेगिंस जैसा था वो दिखाया,जो आप फ़ोटो मैं देख सकते हो।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
माँ:-(जीझकते हुए) जी, ऐसा नही,थोड़ा सिंपल दिखाए ना।
लड़का 1 :- जी मेडम।
लड़का 1 :-( दूसरे लड़के से ) वो सिंपल स्पोर्टवेर है वो लाना।
लड़का 2 :- अभी लाता हूँ। (और अंदर से कपड़े लाके देता है)
लड़का 1 :- जी,ये सबसे सिंपल है,अब इससे ज्यादा सिंपल नही होते है।
और उसने स्पोर्ट टी-शर्ट और स्पोर्ट पेन्ट दिखाई। जो आप फ़ोटो मैं देख सकते होंगे।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
भावना तो शर्मा ही रही थी इन कपड़ो को देख कर भी, लेकिन।
माँ:- बेटा, ये भी थोड़े......
मैं:-(बात को काटते हुए) चलो ना माँ,ये तो अच्छे है।
माँ:- ठीक है।
लड़का 1 :- वैसे बुरा ना माने तो रिक्वेस्ट है कि आप कपड़े यहाँ पे ट्राय कर लो,क्यों कि इसकी फिटिंग देखनी जरूरी होती है,और ये कपड़े वापस एक्सचेंज नही होंगे।
दुकान का मालिक:-जी ,कपड़े ट्राय कर लो,बाद में ये एक्सचेंज नही होंगे।
मैं:-जी ठीक है।माँ आप ट्राय कर लो।
माँ:-(मुह नीचे करते हुए) ठीक है,बेटा।
लड़का 1 :- मैड़म कपड़े पहनने के बाद बाहर आना ताकि हमको पता चले कि आपको ये कपड़े फिट है कि नही।
माँ:- (फिर से झिझकते हुए) ठीक है।
इधर भावना ट्रायल रूम मैं चली जाती है,और हर्ष राह देख रहा होता है,थोड़ी देर मैं भावना चुपके चुपके धीरे से बाहर आती है, जब बाहर आती है तो वो दो लड़के, उस दुकान का मालिक और हर्ष , चारो भावना को देख रहे थे।लेकिन हर्ष का देखने का नजरिया अलग था, और उन तीनों का हवस से देखने का नजरिया था।
माँ:- बेटा, ये तो ऐसे लग रहे है।
मैं:- अच्छे है माँ
माँ:- बेटा ये स्लीवलेस है ,खुला खुला लगता है।
[img]<a href=[/img] " />
लड़का 1 :- मैडम लोग तो इससे ज्यादा बोल्ड पहनते है,आपको तो हमने सबसे सिंपल कपड़े दिए है।
मैं:- देखा, माँ, ठीक है ये। आप एक काम करो ,और 3 ,4 जोड़ी खरीद लो।
लड़का 2:- ये लीजिए, ये भी ट्राय कर लीजिये।
माँ:-(अंदर जाते हुए) जी।
इधर भावना अंदर चली जाती है,और हर्ष को अपने दोस्त का फोन आता है,तो वो जरा दुकान के बाहर जाके बात करने लगता है।
मैं:-बोल क्या हुआ ?
दोस्त:-(कॉलेज से) अब आज पूरा दिन नही आने वाला क्या?
मैं:-नही यार ,आज थोड़ा काम है।
दोस्त:- चल, कोई बात नही ,लेकिन कल से आना होगा रेगुलर, अटेंडस कम है।
मैं:- हाँ,
अब ये हर्ष यहां बात कर रहा था और अंदर वो दोनों लड़के बात कर रहे थे।
लड़का 1 :- अबे क्या फटाका है।
लड़का 2 :- हाँ, देखो ना बॉडी कितनी मस्त है रे।
लड़का 1 :- बूब्स देखे क्या? कैसे तने हुए है?
[img]<a href=[/img] " />
लड़का 2 :- हाँ, लगता है जिम मैं सबके लन्ड खड़े करेगी ये तो।
और दोनों हसने लगते है और तभी भावना बाहर निकली है दूसरे कपड़ो के साथ,लेकिन वहाँ उसका (बेटा) हर्ष नही था,वो अभी भी फोन पे बात कर रहा था।
लकड़ा 1 :- जी मैडम ये भी आपको अच्छे से फिट हो रहे है।
लड़का 2 :- हाँ मैडम।
माँ:- जी ठीक है।
अब भावना अंदर चली जाती है और अपने जो पहले पहने थे वो ही कपड़ो मैं वापस आ जाती है।और हर्ष भी अंदर आ जाता है।
मैं:- माँ सब ट्राय के लिए ना?
माँ:- हाँ बेटा।
मैं:- ठीक है ।ये सब पैक कर दीजिए।
और कपड़े पैक करके पैसे देके दोनो घर आ जाते है।ुंुुंुंुुंुुंु Bahut Sundar Hain update .kahani bahut achhi Hain.?
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(24-06-2021, 01:45 PM)Aakashshah Wrote: मैं:-देखा माँ पापा भी हाँ बोल रहे है।
माँ:- लेकिन बेटा.........
मैं:-(बात को काटते हुए) माँ ऐसा मत करो।
माँ:-(झिझक कर) ठीक है। लेकिन ये ट्रेनर ढूंढेंगे कहा?
मैं:-चलो आप बैठो बाइक पे,देखते है कही।
माँ:-(बैठ कर) हमम चलो अब।
अब दोनों माँ बेटे दोनो निकल पड़ते है जिम ढूंढने। अब काफि समय हो चुका था लेकिन कोई भी नही मिला।
माँ:-बेटा, रहने दो कोई बात नही।
मैं:-मिल तो नही रहा ,लेकिन थोड़ा आगे और चलते है ,देखते है।
माँ:-जैसी तेरी मर्जी।
और थोड़ा आगे चलते ही।
मैं:-माँ वो देखो वहां पे एक जिम है।
माँ:-ठीक है।
अब दोनों जिम मैं अंदर आते है। वहाँ पे सब मर्द लोग ही थे। वहाँ सब कसरत कर रहे थे।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
जैसे ही दोनों अंदर गए सब लोग उनको देखने लगे। सब लोगो की नजर भावना पे थी। आखिर औरत को कोन नही देखता। अब जिम मैं जोर जोर से म्यूजिक भी बज रहा था। और भावना ये सब देख के थोड़ा दर जाती है, अब दोनों जिम के आफिस के पास गए, साइड मैं बना हुआ था। वहाँ कोई नही था। दोनो माँ बेटे देख रहे थे कि कोई नही है। और तभी एक लड़का आता है, जिसने ऊपर कुछ नही पहना था,और सिर्फ नीचे पहना था। उस लड़के के सिक्स पैक थे।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
भावना तो 1 सेकंड के लिए देखती ही रह जाती है। हर्ष के लिए तो नार्मल था।
लड़का:-जी कहिए।
मैं:-जी आप?
लड़का:-मैं निरज, ये मेरा ही जिम है। मैं ही यहां सबको ट्रेंनिग देता हूँ।
मैं:-ओह्ह अच्छा, जी मुझे ये बात करनी थी कि आपके यहाँ जिम ट्रेनर होगा कोई और?
निरज:- जी मैं खुद हूँ।
माँ:-(धीरे से मुझे बोलती है) बेटा, कोई औरत ट्रेनिंग वाली नही होती क्या?
मैं:-जी आपके यहाँ कोई फीमेल ट्रेनर नही है क्या?
निरज:- जी ,उनको भी मैं खुद ट्रेंनिग देता हूँ। अच्छा मतलब ये आपके साथ जो है उनके लिए चाहिए?
मैं:-हाँ सही कहाँ ,ये माँ है मेरी ,और डॉक्टर ने इनको जिम करने को बोला है।
निरज:-ठीक है तो आप जॉइन कर दीजिए ।
माँ:-नही।
मैं:-इनका मतलब है कि क्या आप पर्सनल ट्रेनिंग करोगे?
निरज:-(कुछ सोचते हुए) देखिये मेरे यहाँ सुबह और शाम को तो मैं यहां से हिल भी नही सकता।
मैं:-कोई भी समय चलेगा। है ना माँ?
माँ:-हाँ।
निरज:-(सोचते हुए)चलो ठीक है। तो मैं 11 से 12:30 तक आ सकता हूँ।
मैं:-जी थैंक यू ,
निरज:- अरे नही उसमें क्या?
मैं:-वैसे फीस क्या है और कितने समय तक करना होगा?
निरज:-(टेबल से एक पेपर देते हुए) ये लीजिये सब है इसमे।
मैं:-जी ठीक है। तो तुम कल से आ जाओगे ना?
निरज:-जी बिल्कुल। जी आप अपना नाम यहाँ लिखवा दीजिये। और साथ मैं आपके घर का पता भी।
मैं:-(माँ का नाम बताते हुए) भावना मिश्रा। और पता भी बता देता है।
निरज:-(लिख के) जी ठीक है। वैसे आपके पास वर्कआउट के कपड़े तो है ना?
माँ:-जी वो तो नही है। कोई बात नही मैं साड़ी मैं ये इन कपड़ो मैं कर लुंगी।
निरज:-जी नही।जिम के लिए स्पेशल कपड़े होते है। देखो ना सबके यह नॉर्मल कपड़े नही पहने।
मैं:-जी कोई नही वो हम ले लेंगे।
निरज:-ठीक है।
मैं:-(बाहर जाते हुए) अच्छा अब हम चलते है। तुम काल आ जाना।
निरज:- जी।
अब हर्ष और भावना दोनो बाहर चले जाते है और बाइक के पास चले जाते है। इधर जिम में एक लड़का जो निरज का ख़ास दोस्त था,वो उसके पास आता है और बोलता है,
दोस्त:-अबे क्या बे,कोन थे वो लोग?
निरज:-भाई लॉटरी लगी है।
दोस्त:-क्या मतलब ठीक से बोल ना?
निरज:-मस्त माल मिला है।
दोस्त:-को वो जो औरत आयी थी वो?
निरज:-हाँ,
दोस्त:-अबे अब तो जिम मैं मजा आएगा। जब वो एक्सरसाइज करेगी तो सबके खड़े हो जाएंगे।
निरज:-(जोर से हसते हुए) नही,मुझे पर्सनली घर पे ट्रेनिंग देनी है।
दोस्त:-(मायुस होते हुए) अबे यार, चल तू मजे ले लेना।
निरज:-हाँ, वो तो लूंगा ही लेकिन समय लगेगा, लगता है बड़ी संस्कारी है।
दोस्त:-वो तो तू उसकी अपने जाल मैं फसा ही लेगा,सबको मालूम है ये बात तो( और दोनों हस देते है)
इस तरफ (माँ बेटे) मतलब हर्ष और भावना.....
मैं:-माँ, आपके पास वर्कआउट के कपड़े है क्या?
माँ:-नही बेटा, वो तो नही है लेकिन चल जाएगा।
मैं:-नही माँ, ऐसा नही होता। इसके लिए आपको प्रॉपर कपड़े चाहिये होते है। नही तो आपको अच्छा नही लगेगा इन कपड़ो मैं।
माँ:-तो बेटा, अब क्या करे?
मैं:-चलो माँ, एक दुकान पे चलते है,उधर आपको सब मिल जाएगा।
माँ:-चलो,ठीक है।
अब दोनों निकल जाते है और सीधा दुकान पे जाते है,और दुकान मैं भी सिर्फ मर्द लोग ही थे,लेकिन अब लेना तो था ही,अंदर जाके दोनो....
वहाँ दो लड़के थे और उसका मालिक काउंटर पर बैठा था।
लड़का 1 :-जी बोलिए क्या दिखाऊ आपको?
मैं:-भैया,आपके पास वर्कआउट के कपड़े होंगे?
लड़का 1 :-(कपड़े निकल कर देते हुए) जी सर ये लीजिये।
मैं:-अरे,मेरे लिए नही चाहिए। माँ के लिए चाहिए।
लड़का 1 :- अरे माफ कीजियेगा, अभी दिखता हूँ।
मैं:- जी।
लड़का 1:- ये लीजिए, आज कल यही चलते है।
उस लड़के ने स्पोर्ट ब्रा के साथ नीचे लेगिंस जैसा था वो दिखाया,जो आप फ़ोटो मैं देख सकते हो।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
माँ:-(जीझकते हुए) जी, ऐसा नही,थोड़ा सिंपल दिखाए ना।
लड़का 1 :- जी मेडम।
लड़का 1 :-( दूसरे लड़के से ) वो सिंपल स्पोर्टवेर है वो लाना।
लड़का 2 :- अभी लाता हूँ। (और अंदर से कपड़े लाके देता है)
लड़का 1 :- जी,ये सबसे सिंपल है,अब इससे ज्यादा सिंपल नही होते है।
और उसने स्पोर्ट टी-शर्ट और स्पोर्ट पेन्ट दिखाई। जो आप फ़ोटो मैं देख सकते होंगे।
[img=100x50]<a href=[/img] " />
भावना तो शर्मा ही रही थी इन कपड़ो को देख कर भी, लेकिन।
माँ:- बेटा, ये भी थोड़े......
मैं:-(बात को काटते हुए) चलो ना माँ,ये तो अच्छे है।
माँ:- ठीक है।
लड़का 1 :- वैसे बुरा ना माने तो रिक्वेस्ट है कि आप कपड़े यहाँ पे ट्राय कर लो,क्यों कि इसकी फिटिंग देखनी जरूरी होती है,और ये कपड़े वापस एक्सचेंज नही होंगे।
दुकान का मालिक:-जी ,कपड़े ट्राय कर लो,बाद में ये एक्सचेंज नही होंगे।
मैं:-जी ठीक है।माँ आप ट्राय कर लो।
माँ:-(मुह नीचे करते हुए) ठीक है,बेटा।
लड़का 1 :- मैड़म कपड़े पहनने के बाद बाहर आना ताकि हमको पता चले कि आपको ये कपड़े फिट है कि नही।
माँ:- (फिर से झिझकते हुए) ठीक है।
इधर भावना ट्रायल रूम मैं चली जाती है,और हर्ष राह देख रहा होता है,थोड़ी देर मैं भावना चुपके चुपके धीरे से बाहर आती है, जब बाहर आती है तो वो दो लड़के, उस दुकान का मालिक और हर्ष , चारो भावना को देख रहे थे।लेकिन हर्ष का देखने का नजरिया अलग था, और उन तीनों का हवस से देखने का नजरिया था।
माँ:- बेटा, ये तो ऐसे लग रहे है।
मैं:- अच्छे है माँ
माँ:- बेटा ये स्लीवलेस है ,खुला खुला लगता है।
[img]<a href=[/img] " />
लड़का 1 :- मैडम लोग तो इससे ज्यादा बोल्ड पहनते है,आपको तो हमने सबसे सिंपल कपड़े दिए है।
मैं:- देखा, माँ, ठीक है ये। आप एक काम करो ,और 3 ,4 जोड़ी खरीद लो।
लड़का 2:- ये लीजिए, ये भी ट्राय कर लीजिये।
माँ:-(अंदर जाते हुए) जी।
इधर भावना अंदर चली जाती है,और हर्ष को अपने दोस्त का फोन आता है,तो वो जरा दुकान के बाहर जाके बात करने लगता है।
मैं:-बोल क्या हुआ ?
दोस्त:-(कॉलेज से) अब आज पूरा दिन नही आने वाला क्या?
मैं:-नही यार ,आज थोड़ा काम है।
दोस्त:- चल, कोई बात नही ,लेकिन कल से आना होगा रेगुलर, अटेंडस कम है।
मैं:- हाँ,
अब ये हर्ष यहां बात कर रहा था और अंदर वो दोनों लड़के बात कर रहे थे।
लड़का 1 :- अबे क्या फटाका है।
लड़का 2 :- हाँ, देखो ना बॉडी कितनी मस्त है रे।
लड़का 1 :- बूब्स देखे क्या? कैसे तने हुए है?
[img]<a href=[/img] " />
लड़का 2 :- हाँ, लगता है जिम मैं सबके लन्ड खड़े करेगी ये तो।
और दोनों हसने लगते है और तभी भावना बाहर निकली है दूसरे कपड़ो के साथ,लेकिन वहाँ उसका (बेटा) हर्ष नही था,वो अभी भी फोन पे बात कर रहा था।
लकड़ा 1 :- जी मैडम ये भी आपको अच्छे से फिट हो रहे है।
लड़का 2 :- हाँ मैडम।
माँ:- जी ठीक है।
अब भावना अंदर चली जाती है और अपने जो पहले पहने थे वो ही कपड़ो मैं वापस आ जाती है।और हर्ष भी अंदर आ जाता है।
मैं:- माँ सब ट्राय के लिए ना?
माँ:- हाँ बेटा।
मैं:- ठीक है ।ये सब पैक कर दीजिए।
और कपड़े पैक करके पैसे देके दोनो घर आ जाते है।
Kanika Tiwari ki photo ne kahanj me char Chand laga site ????
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(24-06-2021, 02:49 PM)dannyboy0755 Wrote: Bohot time baad acchi story padhne ko mil rahi h
Bilkul each Kaha Bhai ??
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(24-06-2021, 08:52 PM)Aakashshah Wrote: Sorry bhai.. Kal update aayega.
Ho sake itna jldi mein story complete kr ke aap sab ko de dena chahta hoon. Iss baar maine puri story pehle likh ke rakhi hai. To kahani adhuri nahi rahegi aur update bhi jldi mil jayenge.
Thank u for supporting ♥
Ha bhai complete jaroor Karna . Ye aapki shandar story Hain..
Jaisa ki Aapne Kaha ki Aapne pehli se story likh ke Rakhi hai to please ek din me do do update dene Ka kashth Kare.ye hum sab Aapke chahne walo ke liye vardan sabit hogi...
????????
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(26-06-2021, 11:41 AM)Aakashshah Wrote: अब शाम को हर्ष और प्रकाश घर आ जाते है और भावना से पूछते है कि कैसे रहा? तो उसने बोला कि हाँ अच्छा था।
माँ:- अच्छा लग रहा है अब।
मैं:-देखा माँ आप ऐसे ही मना कर रही थी।
माँ:-हाँ, बेटा सही कहा।
पापा:-चलो अच्छा है,अब तुम्हारी चिंता करने की जरूरत नही।
माँ:- हाँ अब ठीक हूँ।
और डॉक्टर की दी हुई दवाई भी ले रही हूँ।
पापा:- वो लड़का कैसा है? अच्छे से सब करवाता है ना?
माँ:-हाँ जी।वो तो नही आता तो खुद कर के भी दिखता है और सब चीज़े समजाता भी है,की ऐसा करने से ऐसा होगा, ये सब।
पापा:- चलो अच्छा है,बेटा हर्ष,
मैं:-जी पापा,
पापा:- बेटा उसकी फीस दे आना अभी ,ताकि उसको कोई परेशानी न हो पैसे की बाबत मैं।
मैं:-जी पापा अभी जाता हूँ।
और हर्ष पैसे लेके निकल पड़ता है निरज के जिम। अब वो शाम के 6:30 बजे के समय पर गया था,पूरा जिम उस समय फुल था। और उसको निरज दिखाई देता है।
निरज:-जी आइये।
मैं:- ये आपके पैसे देने आया था।
निरज:-अरे कोई जल्दी नही थी।
मैं:- नही नही आप ये रख लीजिए।
निरज:-(पैसे लेते हुए) जी।
मैं:- वैसे माँ को कुछ खाने पीने का कुछ ध्यान रखना होगा क्या?
निरज:- उसकी जरूरत तो नही है,वैसे क्यों कि आंटी को तंदुरुस्त रहना है,तो सिर्फ प्रोटीन पॉवडर दूंगा थोड़ा बहुत भी तो उसको चल जाएगा।
मैं:- जी ठीक है।
चलो मैं चलता हूँ।
निरज:- हां।
अब हर्ष निकल जाता है और निरज वहां खड़े होकर सोचता है,लेकिन उसका दिमाग तो बड़ा तेज़ चलता था उसने सब प्लानिंग कर ली थी।
दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। और एक्सरसाइज फिर से वही जो कल की थी। निरज बोल रहा था कि क्या कैसे करते है और इससे क्या फायदा होता है। और भावना वो अच्छे से सून के कर रही थी। अब 12 बज रहे होंगे।अभी भी आधा घण्टा बाकी था, वो कर रहे थे। और आज हर्ष कॉलेज से बंक करके घर आ गया। उसको लगा ही अभी तो माँ एक्सरसाइज कर ही रही होगी।घर पे आया तो देखा कि 1 बाइक थी जो निरज की थी, लेकिन दरवाजा खुला था, तो वो सीधा अंदर चला गया। उसको घर में जाते ही पीछे से आवाज आ रही ही उनके बाते की, तो वो सीधा पीछे गया।
माँ:-(देखते हुए) अरे बेटा आ गया तो आज?
मैं:- जी माँ। कैसा चल रहा है?
माँ:- अच्छा चल रहा है बेटा।
मैं:-जी ठीक है।
निरज:- जी आप अब बिल्कुल टेंशन न लो।
मैं:- जी हाँ, चलो मैं ऊपर जाता हूँ और फ्रेश हो जाता हूँ।
फिर वो दोनों वापस अपने काम में लग जाते है और हर्ष फ्रेश होकर अपने रूम ककी बालकनी से पीछे की और खड़े होक माँ को एक्सरसाइज करते देखता है।
अब 12:30 होते ही निरज चला जाता है,और भावना नहा के हर्ष के रूम में जाती है।
मैं:- माँ कैसा लग रहा है अब?
माँ:- बेटा बहुत अच्छा।
मैं:- आप अब अच्छे से सेहत का खयाल रखना।
माँ:- जी हाँ, बेटा। (बेटे के सर पर हाथ घूमते हुए) बेटा कितना ध्यान रखता है मेरा।
मैं:- माँ आपका ध्यान में हमेशा रखूंगा। ,लेकिन माँ
माँ:- क्या हुआ बेटा?
मैं:- आपने दरवाजा खुला क्यों रखा था आप पीछे की तरफ होते है कोई अंदर आ जाये तो?
माँ:-( थोड़ा हिचकिचाहट करते हुए) वो बेटा......... वो है ना......
मैं:-बोलो ना माँ।
माँ:- बेटा अच्छा सा नही लगेगा ना अगर मैं घर में अकेली हूँ और कोई अनजान लड़का हमारे घर हो और मैं घर का दरवाजा बढ़ कर दूं तो लोग क्या सोचेंगे?
मैं:-(खुश होते हुए) जी हाँ माँ, आप सबका कितना अच्छा खयाल रखते हो।
माँ:- तू भी तो रखता है मेरा।
अब रोज की तरह सब रात को खाना खाके सो गए।और दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। भावना अब निरज से खुश थी कि लड़का अच्छा है, और यह निरज के कुछ अलग ही प्लानिंग चल रही थी। आज वो आया और आज वो सब सेट कर के आया था।
निरज:-जी कैसे है आप?
माँ:- जी अब फिट महसूस कर रही हूँ।
निरज:-जी मुझे माफ़ कर देना।
माँ:-(सोचते हुए) अरे आपने क्या किया जो मैं आपको माफ करु?
निरज:- देखिये मुझे 2 दिन से याद ही नही रहा, आप बस माफ कर दीजिए।
भावना सोच रही होती है कि इसने तो कुछ गलत किया ही नही तो माफी क्यों मांग रहा है।
लेकिन इधर निरज का शैतान दिमाग काम कर रहा था।
निरज:- जी वो ,मैं आपसे बोलूंगा तो आप बुरा समझेगी,लेकिन ये आपकी बॉडी के लिए हानिकारक हो सकता है।
माँ:- जी क्या हुआ बताइए ना?
निरज:-देखिये मेरी बात सुनिये,
माँ:-जी बोलिये।
निरज:- एक्सरसाइज करने से बहुत पसीना होता है।सही बात है ना?
माँ:- जी सच कहा आपने,बहुत पसीना होता है।
निरज:- तो हमारे प्राइवेट पार्ट मैं पसीना रहने से इंफेक्शन का खतरा रहता है।
माँ:-(थोड़ा धीरे से बोलती है) जी हाँ।
निरज:- और पिछले 2 दिन से मैं आपको मुसीबत में डाल रहा हूँ।
माँ:- वो कैसे?
निरज:-देखिये बुरा मत समझना, लेकिन आप अपने अंडरगारमेंट्स पहन कर एक्सरसाइज करोगी तो आपके प्राइवेट पार्ट मैं इंफेक्शन का खतरा होगा।
माँ:- तो फिर अब क्या किया जाए?
निरज:- देखिये अगर आप अपनी सेहत का और इन सब चीज़ों का ध्यान रखना चाहती हो तो अपने ऊपर और नीचे के अंडरगारमेंट्स को उतार कर ये वर्कआउट के कपड़े पहन लो।
माँ:-( थोड़ी डरते हुए सोचती है बस।
निरज:- देखिये मैं तो आपके भले के लिए ही बोल रहा हूँ।आपको नुकसान न हो।
माँ:- जी लेकिन....
निरज:-(बात को काटते हुए) आपने ऊपर तो ये कपड़े पहने ही होंगे तो कुछ नही होगा,आप मुझ पर भरोसा कर सकती हो।
माँ:-(इंफेक्शन के डर से) जी ठीक है। आप यही रुको मैं निकल के आती हूँ।
निरज:- जी।
अब भावना अपने रूम मैं जाने के बजाय अभी टॉइलट में जाके अपनी वाइट ब्रा और पैंटी उत्तर कर कपड़े पहन लेती है।
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अब स्पोर्ट्स कपड़े होने से भावना की चूची ऊपर की और दिखने लगती है।और पैंट से चूत की लाइन भी साफ साफ दिखाई देती है।
[img]<a href=[/img] " />
अब वो बाहर आ जाती है। जब बाहर आती है तो निरज चूत और चूची को घुरे जा रहा था। लेकिन खुद को संभाल के वो सीखने में लग जाता है।
अभी निरज के लिए था भावना का दिल जीतना। तो वो अपने जाल में फ़साने की तैयारी करता है।
निरज:- जी अच्छा हुआ आपने मेरी वो बात मान ली।
माँ:- नही ,उसमें क्या?
निरज:- नही सच,अगर आपके प्राइवेट पार्ट्स में कुछ हो जाता तो आपके घरवाले मुझे ही बोलते न कि मेरी वजह से हुआ होगा सायद।
माँ:- नही नही,आपको कोई ऐसा नही बोलेगा, और वैसे भी मैंने आकि बात मान ली है।
निरज:-जी।अब आप jumping jacks करो।
और वो 1 बार करके दिखाता है और फिर भावना खुद करने लगती है।अब आप खुद सोचो जोर से उछलने से भवन के बूब्स जोर जोर से उछल रहे थे,चूची भी टी-शर्ट से चिपक गयी थी।निरज तो बस भावना के बूब्स को ही देख रहा था।
भावना कर रही थी और निरज उसके पीछे गया और वहां खड़ा होक देखने लगा। और सोचता है,
क्या गांड हिल रही है, मजा आ गया, इसको तो बॉटल में उतारना ही पड़ेगा। और चूची भी क्या कड़क है।आज तक जितनी के भी मजे लिए ये उससे ज्यादा है।
अब भावना को रुकने को बोला औकर वो रुक गयी।उसको पसीना आ रहा था
अब निरज बोलता है कि अब आप bride posture कीजिये। और भावना निरज को देखते हुए करने लगी।
जब वो कर रही थी तब निरज पैरो के सामने आया और देख रहा था।जब भावना अपनी कमर उपर की और लाती तो उसकी चूत की लाइन साफ साफ दिखाई देती।
[img]<a href=[/img] " />
अब भावना भी ये सब देखती है लेकिन वो एक्सरसाइज पे ध्यान देती है।अब वो पहली बार किसी पराये के सामने बीना अंडरगारमेंट्स में कर रही थी तो थोड़ी गरम भी हो गयी थी। लेकिन खुद को संभाल लेती है। लेकिन अपनी चूत से थोड़ा पानी और पसीना निकल रहा था जो ग्रे पैंट से साफ दिखाई दे रहा है।
[img]<a href=[/img] " />
वो देख के निरज का लण्ड भी खड़ा हो जाता है।
ये करने के बाद...
निरज:- ठीक है अब आप नार्मल पोज़ के आ जाएं।
माँ:- जी।
निरज:-(चूत और बूब्स को देखते हुए) काफी पसीना निकल रहा है आपका।
माँ:- हां
निरज:-अब आप नीचे लेटा कर leg lift करिये।
और भावना ऐसे करती है और जब वो दोनों पैर ऊपर लेती है तो पसीने से भीगी चूत की लाइन साफ दिखती है,और गौर से देखे तो पसीने से थोड़ा ट्रांसपरेंसी भी हो गयी थी,
अब वो भावना के सामने आ गया और पैर को पकड़ के एक्सरसाइज करवाने लगा और जब उसके पैर ऊपर होते तो निरज नही दिखाई देता। पैर बीच में आ जाते है।
यहाँ इसी बात का फायदा उठाते निरज अपने लण्ड को सहलाजे लगता है। और थोड़ी देर बाद उसे खयाल आता है तो वो झट से उठ जाता है और भावना को भी बस करने के लिए बोल देता है।
निरज:- आज आपको थोड़ी ज्यादा थकावट होगी।
माँ:-जी सही कहा, आज पसीना भी ज्यादा हुआ है।
निरज:- जी यही तो बात है।
माँ:- आज आप बैठिए, मैं चाय बनाती हूँ।
निरज :- जी मैं चाय नही पीता।
माँ:- कोई बात नही आप हॉल में सोफे पे बैठो मैं पानी लेके आती हूँ।
निरज:- जी।
अब निरज जाके बैठता है और भावना पानी लेके आती है और पानी देखे खड़ी रहती है निरज के सामने।अब निरज पानी पीते पीते भावना की चूत की लाइन को ही देख रहा था,
[img]<a href=[/img] " />
इधर उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था और तभी निरज के फोन की रिंग बजी।
निरज:-हेलो।
दोस्त:- अबे चल न कहा है 1 बज गए ,
निरज:- अरे हा ,आता हूँ।
निरज:-(फोन रखते हुए) आज तो 1 बज गए,चलो मैं चलता हूँ।
माँ:-जी।
अब निरज के जाने के बाद भावना भी नहाने जाती है और फिर खाना खा के सो जाती है।
यहा निरज जीम जाता है,और दोस्त पूछने लगता है।
दोस्त:-अबे आज आने में देर क्यों हो गयी?
निरज:- आज तो उसको अंदर से नंगी करके एक्सरसाइज करवाई।
दोस्त:-सच मैं?
निरज:-हां, साली की चूत बड़ी कमाल की है,चुचे भी मस्त है।
दोस्त:-आज अंदर के कपड़े उतरवाए कल सारे कपड़े उतार देगा तू ।
और दोनों हसने लगते है।
दोस्त:-अभी आगे का क्या प्लान है?
निरज:-अभी में अपनी चाल चलूंगा।
दोस्त:-क्या?
निरज:-बस तू देखता जा।
अब शाम को हर्ष और प्रकाश आ जाते है। और प्रकाश भावना से बात करता है।
पापा:- भावना, कल मैं नही हूँ,कल कॉलेज के स्पोर्ट कॉम्पिटिशन के मामले में दूसरे स्टेट में मीटिंग है,तो कल सुबह जल्दी निकल जाऊंगा और पर्षो दोपहर को ही आऊंगा।
माँ:-जी।संभाल कर जायेगा।
पापा:- जी।आज रात को 8 बजे निकल जाऊंगा।
माँ:-ठीक है।
पापा:-(ऊपर रूम के जाते हुए) मैं अपने कपड़े तैयार करता हूँ।
माँ:-ठीक है।
अब तभी दरवाजा खटखटाया, तो भावना ने दरवाजा खोला तो देखा निरज है।
माँ:-अरे आप।
निरज:-जी।
माँ:-आइए न बैठिए।
निरज:-नही नही मैं तो बस ये प्रोटीन का डब्बा देने आया था सुब्ह भूल गया था।
माँ:-(डब्बा लेते हुए) जी।इसको कैसे लेना है?
निरज:- जी आपको इसको दूध या पानी के साथ लेना है।और आप इसको एक्सरसाइज के 2,3 घंटे पहले ले लेना।
माँ:-जी।
अब निरज चला जाता है,और भावना डिब्बा किचन मैं रख कर काम करने लगती है। अब वो डिब्बे में पाउडर तो था लेकिन साथ में कुछ और भी।वो आपको आगे चल के पता लग ही जायेगा। अब रात के 8 बजे और प्रकाश निकल गए। और फिर मा बेटे ने खाना खा लिया।
ATI Uttam update hain
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(26-06-2021, 11:41 AM)Aakashshah Wrote: अब शाम को हर्ष और प्रकाश घर आ जाते है और भावना से पूछते है कि कैसे रहा? तो उसने बोला कि हाँ अच्छा था।
माँ:- अच्छा लग रहा है अब।
मैं:-देखा माँ आप ऐसे ही मना कर रही थी।
माँ:-हाँ, बेटा सही कहा।
पापा:-चलो अच्छा है,अब तुम्हारी चिंता करने की जरूरत नही।
माँ:- हाँ अब ठीक हूँ।
और डॉक्टर की दी हुई दवाई भी ले रही हूँ।
पापा:- वो लड़का कैसा है? अच्छे से सब करवाता है ना?
माँ:-हाँ जी।वो तो नही आता तो खुद कर के भी दिखता है और सब चीज़े समजाता भी है,की ऐसा करने से ऐसा होगा, ये सब।
पापा:- चलो अच्छा है,बेटा हर्ष,
मैं:-जी पापा,
पापा:- बेटा उसकी फीस दे आना अभी ,ताकि उसको कोई परेशानी न हो पैसे की बाबत मैं।
मैं:-जी पापा अभी जाता हूँ।
और हर्ष पैसे लेके निकल पड़ता है निरज के जिम। अब वो शाम के 6:30 बजे के समय पर गया था,पूरा जिम उस समय फुल था। और उसको निरज दिखाई देता है।
निरज:-जी आइये।
मैं:- ये आपके पैसे देने आया था।
निरज:-अरे कोई जल्दी नही थी।
मैं:- नही नही आप ये रख लीजिए।
निरज:-(पैसे लेते हुए) जी।
मैं:- वैसे माँ को कुछ खाने पीने का कुछ ध्यान रखना होगा क्या?
निरज:- उसकी जरूरत तो नही है,वैसे क्यों कि आंटी को तंदुरुस्त रहना है,तो सिर्फ प्रोटीन पॉवडर दूंगा थोड़ा बहुत भी तो उसको चल जाएगा।
मैं:- जी ठीक है।
चलो मैं चलता हूँ।
निरज:- हां।
अब हर्ष निकल जाता है और निरज वहां खड़े होकर सोचता है,लेकिन उसका दिमाग तो बड़ा तेज़ चलता था उसने सब प्लानिंग कर ली थी।
दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। और एक्सरसाइज फिर से वही जो कल की थी। निरज बोल रहा था कि क्या कैसे करते है और इससे क्या फायदा होता है। और भावना वो अच्छे से सून के कर रही थी। अब 12 बज रहे होंगे।अभी भी आधा घण्टा बाकी था, वो कर रहे थे। और आज हर्ष कॉलेज से बंक करके घर आ गया। उसको लगा ही अभी तो माँ एक्सरसाइज कर ही रही होगी।घर पे आया तो देखा कि 1 बाइक थी जो निरज की थी, लेकिन दरवाजा खुला था, तो वो सीधा अंदर चला गया। उसको घर में जाते ही पीछे से आवाज आ रही ही उनके बाते की, तो वो सीधा पीछे गया।
माँ:-(देखते हुए) अरे बेटा आ गया तो आज?
मैं:- जी माँ। कैसा चल रहा है?
माँ:- अच्छा चल रहा है बेटा।
मैं:-जी ठीक है।
निरज:- जी आप अब बिल्कुल टेंशन न लो।
मैं:- जी हाँ, चलो मैं ऊपर जाता हूँ और फ्रेश हो जाता हूँ।
फिर वो दोनों वापस अपने काम में लग जाते है और हर्ष फ्रेश होकर अपने रूम ककी बालकनी से पीछे की और खड़े होक माँ को एक्सरसाइज करते देखता है।
अब 12:30 होते ही निरज चला जाता है,और भावना नहा के हर्ष के रूम में जाती है।
मैं:- माँ कैसा लग रहा है अब?
माँ:- बेटा बहुत अच्छा।
मैं:- आप अब अच्छे से सेहत का खयाल रखना।
माँ:- जी हाँ, बेटा। (बेटे के सर पर हाथ घूमते हुए) बेटा कितना ध्यान रखता है मेरा।
मैं:- माँ आपका ध्यान में हमेशा रखूंगा। ,लेकिन माँ
माँ:- क्या हुआ बेटा?
मैं:- आपने दरवाजा खुला क्यों रखा था आप पीछे की तरफ होते है कोई अंदर आ जाये तो?
माँ:-( थोड़ा हिचकिचाहट करते हुए) वो बेटा......... वो है ना......
मैं:-बोलो ना माँ।
माँ:- बेटा अच्छा सा नही लगेगा ना अगर मैं घर में अकेली हूँ और कोई अनजान लड़का हमारे घर हो और मैं घर का दरवाजा बढ़ कर दूं तो लोग क्या सोचेंगे?
मैं:-(खुश होते हुए) जी हाँ माँ, आप सबका कितना अच्छा खयाल रखते हो।
माँ:- तू भी तो रखता है मेरा।
अब रोज की तरह सब रात को खाना खाके सो गए।और दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। भावना अब निरज से खुश थी कि लड़का अच्छा है, और यह निरज के कुछ अलग ही प्लानिंग चल रही थी। आज वो आया और आज वो सब सेट कर के आया था।
निरज:-जी कैसे है आप?
माँ:- जी अब फिट महसूस कर रही हूँ।
निरज:-जी मुझे माफ़ कर देना।
माँ:-(सोचते हुए) अरे आपने क्या किया जो मैं आपको माफ करु?
निरज:- देखिये मुझे 2 दिन से याद ही नही रहा, आप बस माफ कर दीजिए।
भावना सोच रही होती है कि इसने तो कुछ गलत किया ही नही तो माफी क्यों मांग रहा है।
लेकिन इधर निरज का शैतान दिमाग काम कर रहा था।
निरज:- जी वो ,मैं आपसे बोलूंगा तो आप बुरा समझेगी,लेकिन ये आपकी बॉडी के लिए हानिकारक हो सकता है।
माँ:- जी क्या हुआ बताइए ना?
निरज:-देखिये मेरी बात सुनिये,
माँ:-जी बोलिये।
निरज:- एक्सरसाइज करने से बहुत पसीना होता है।सही बात है ना?
माँ:- जी सच कहा आपने,बहुत पसीना होता है।
निरज:- तो हमारे प्राइवेट पार्ट मैं पसीना रहने से इंफेक्शन का खतरा रहता है।
माँ:-(थोड़ा धीरे से बोलती है) जी हाँ।
निरज:- और पिछले 2 दिन से मैं आपको मुसीबत में डाल रहा हूँ।
माँ:- वो कैसे?
निरज:-देखिये बुरा मत समझना, लेकिन आप अपने अंडरगारमेंट्स पहन कर एक्सरसाइज करोगी तो आपके प्राइवेट पार्ट मैं इंफेक्शन का खतरा होगा।
माँ:- तो फिर अब क्या किया जाए?
निरज:- देखिये अगर आप अपनी सेहत का और इन सब चीज़ों का ध्यान रखना चाहती हो तो अपने ऊपर और नीचे के अंडरगारमेंट्स को उतार कर ये वर्कआउट के कपड़े पहन लो।
माँ:-( थोड़ी डरते हुए सोचती है बस।
निरज:- देखिये मैं तो आपके भले के लिए ही बोल रहा हूँ।आपको नुकसान न हो।
माँ:- जी लेकिन....
निरज:-(बात को काटते हुए) आपने ऊपर तो ये कपड़े पहने ही होंगे तो कुछ नही होगा,आप मुझ पर भरोसा कर सकती हो।
माँ:-(इंफेक्शन के डर से) जी ठीक है। आप यही रुको मैं निकल के आती हूँ।
निरज:- जी।
अब भावना अपने रूम मैं जाने के बजाय अभी टॉइलट में जाके अपनी वाइट ब्रा और पैंटी उत्तर कर कपड़े पहन लेती है।
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अब स्पोर्ट्स कपड़े होने से भावना की चूची ऊपर की और दिखने लगती है।और पैंट से चूत की लाइन भी साफ साफ दिखाई देती है।
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अब वो बाहर आ जाती है। जब बाहर आती है तो निरज चूत और चूची को घुरे जा रहा था। लेकिन खुद को संभाल के वो सीखने में लग जाता है।
अभी निरज के लिए था भावना का दिल जीतना। तो वो अपने जाल में फ़साने की तैयारी करता है।
निरज:- जी अच्छा हुआ आपने मेरी वो बात मान ली।
माँ:- नही ,उसमें क्या?
निरज:- नही सच,अगर आपके प्राइवेट पार्ट्स में कुछ हो जाता तो आपके घरवाले मुझे ही बोलते न कि मेरी वजह से हुआ होगा सायद।
माँ:- नही नही,आपको कोई ऐसा नही बोलेगा, और वैसे भी मैंने आकि बात मान ली है।
निरज:-जी।अब आप jumping jacks करो।
और वो 1 बार करके दिखाता है और फिर भावना खुद करने लगती है।अब आप खुद सोचो जोर से उछलने से भवन के बूब्स जोर जोर से उछल रहे थे,चूची भी टी-शर्ट से चिपक गयी थी।निरज तो बस भावना के बूब्स को ही देख रहा था।
भावना कर रही थी और निरज उसके पीछे गया और वहां खड़ा होक देखने लगा। और सोचता है,
क्या गांड हिल रही है, मजा आ गया, इसको तो बॉटल में उतारना ही पड़ेगा। और चूची भी क्या कड़क है।आज तक जितनी के भी मजे लिए ये उससे ज्यादा है।
अब भावना को रुकने को बोला औकर वो रुक गयी।उसको पसीना आ रहा था
अब निरज बोलता है कि अब आप bride posture कीजिये। और भावना निरज को देखते हुए करने लगी।
जब वो कर रही थी तब निरज पैरो के सामने आया और देख रहा था।जब भावना अपनी कमर उपर की और लाती तो उसकी चूत की लाइन साफ साफ दिखाई देती।
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अब भावना भी ये सब देखती है लेकिन वो एक्सरसाइज पे ध्यान देती है।अब वो पहली बार किसी पराये के सामने बीना अंडरगारमेंट्स में कर रही थी तो थोड़ी गरम भी हो गयी थी। लेकिन खुद को संभाल लेती है। लेकिन अपनी चूत से थोड़ा पानी और पसीना निकल रहा था जो ग्रे पैंट से साफ दिखाई दे रहा है।
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वो देख के निरज का लण्ड भी खड़ा हो जाता है।
ये करने के बाद...
निरज:- ठीक है अब आप नार्मल पोज़ के आ जाएं।
माँ:- जी।
निरज:-(चूत और बूब्स को देखते हुए) काफी पसीना निकल रहा है आपका।
माँ:- हां
निरज:-अब आप नीचे लेटा कर leg lift करिये।
और भावना ऐसे करती है और जब वो दोनों पैर ऊपर लेती है तो पसीने से भीगी चूत की लाइन साफ दिखती है,और गौर से देखे तो पसीने से थोड़ा ट्रांसपरेंसी भी हो गयी थी,
अब वो भावना के सामने आ गया और पैर को पकड़ के एक्सरसाइज करवाने लगा और जब उसके पैर ऊपर होते तो निरज नही दिखाई देता। पैर बीच में आ जाते है।
यहाँ इसी बात का फायदा उठाते निरज अपने लण्ड को सहलाजे लगता है। और थोड़ी देर बाद उसे खयाल आता है तो वो झट से उठ जाता है और भावना को भी बस करने के लिए बोल देता है।
निरज:- आज आपको थोड़ी ज्यादा थकावट होगी।
माँ:-जी सही कहा, आज पसीना भी ज्यादा हुआ है।
निरज:- जी यही तो बात है।
माँ:- आज आप बैठिए, मैं चाय बनाती हूँ।
निरज :- जी मैं चाय नही पीता।
माँ:- कोई बात नही आप हॉल में सोफे पे बैठो मैं पानी लेके आती हूँ।
निरज:- जी।
अब निरज जाके बैठता है और भावना पानी लेके आती है और पानी देखे खड़ी रहती है निरज के सामने।अब निरज पानी पीते पीते भावना की चूत की लाइन को ही देख रहा था,
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इधर उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था और तभी निरज के फोन की रिंग बजी।
निरज:-हेलो।
दोस्त:- अबे चल न कहा है 1 बज गए ,
निरज:- अरे हा ,आता हूँ।
निरज:-(फोन रखते हुए) आज तो 1 बज गए,चलो मैं चलता हूँ।
माँ:-जी।
अब निरज के जाने के बाद भावना भी नहाने जाती है और फिर खाना खा के सो जाती है।
यहा निरज जीम जाता है,और दोस्त पूछने लगता है।
दोस्त:-अबे आज आने में देर क्यों हो गयी?
निरज:- आज तो उसको अंदर से नंगी करके एक्सरसाइज करवाई।
दोस्त:-सच मैं?
निरज:-हां, साली की चूत बड़ी कमाल की है,चुचे भी मस्त है।
दोस्त:-आज अंदर के कपड़े उतरवाए कल सारे कपड़े उतार देगा तू ।
और दोनों हसने लगते है।
दोस्त:-अभी आगे का क्या प्लान है?
निरज:-अभी में अपनी चाल चलूंगा।
दोस्त:-क्या?
निरज:-बस तू देखता जा।
अब शाम को हर्ष और प्रकाश आ जाते है। और प्रकाश भावना से बात करता है।
पापा:- भावना, कल मैं नही हूँ,कल कॉलेज के स्पोर्ट कॉम्पिटिशन के मामले में दूसरे स्टेट में मीटिंग है,तो कल सुबह जल्दी निकल जाऊंगा और पर्षो दोपहर को ही आऊंगा।
माँ:-जी।संभाल कर जायेगा।
पापा:- जी।आज रात को 8 बजे निकल जाऊंगा।
माँ:-ठीक है।
पापा:-(ऊपर रूम के जाते हुए) मैं अपने कपड़े तैयार करता हूँ।
माँ:-ठीक है।
अब तभी दरवाजा खटखटाया, तो भावना ने दरवाजा खोला तो देखा निरज है।
माँ:-अरे आप।
निरज:-जी।
माँ:-आइए न बैठिए।
निरज:-नही नही मैं तो बस ये प्रोटीन का डब्बा देने आया था सुब्ह भूल गया था।
माँ:-(डब्बा लेते हुए) जी।इसको कैसे लेना है?
निरज:- जी आपको इसको दूध या पानी के साथ लेना है।और आप इसको एक्सरसाइज के 2,3 घंटे पहले ले लेना।
माँ:-जी।
अब निरज चला जाता है,और भावना डिब्बा किचन मैं रख कर काम करने लगती है। अब वो डिब्बे में पाउडर तो था लेकिन साथ में कुछ और भी।वो आपको आगे चल के पता लग ही जायेगा। अब रात के 8 बजे और प्रकाश निकल गए। और फिर मा बेटे ने खाना खा लिया।
Agla update kab aayega Bhai? Ho sake to aaj hi de do . Please .
Aapki kahani Ka intzaar mushkil Hain. Itni acchi Jo Hain..
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Sab ko dil se thank you.. For supporting..
Kahani adhuri nahi rahegi. Ye mein 100% sure kehta hoon. Aur jaldi e jladi puri kahani aapko deke. Mein dusri ek kahani pe likhne wala hoon.
Mein jitna ho sake utna jaldi aap ko puri kahani de dunga. Aur raat ko 9 baje tak dusra update bhi aa jayega.
Thanks to all...
Sab aapke support ki wajah se hai.. ♥️
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(26-06-2021, 02:29 PM)Aakashshah Wrote: Sab ko dil se thank you.. For supporting..
Kahani adhuri nahi rahegi. Ye mein 100% sure kehta hoon. Aur jaldi e jladi puri kahani aapko deke. Mein dusri ek kahani pe likhne wala hoon.
Mein jitna ho sake utna jaldi aap ko puri kahani de dunga. Aur raat ko 9 baje tak dusra update bhi aa jayega.
Thanks to all...
Sab aapke support ki wajah se hai.. ♥️ Thanks big brother.
Aapne hum sab pathko ki khusi ke liye jald update denge .
Aapke Jaise lekhak Kam hi hote Hain Jo pathko ke liye jald se jald update dene ki koshish karte hain.aap un gine chune lekhako me ho Jo likhate bhi Acha Hain aur update dene me bhi deri Nahi karte Hain. Warna aksar Maine paya ki lekhak ya to ghatiya likhta ya matlab Acha Nahi likta aur agar likhta hai to bahut deri se update deta Hain.
Aapka bahut bahut aabhar Bhai kahani aur update ke liye.
Update dete rahiyega please aise hi.
Again thanks itni shreshth aur manoranjak kahani likhne ke lite...
Thanks a lot...
Yours story means a lot to me and other readers.
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