23-06-2021, 03:10 PM
(This post was last modified: 28-06-2021, 06:31 AM by Aakashshah. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
हेलो दोस्तो , ये मेरी स्टोरी adultary है। ये कहानी में बेटा माँ को नही चोदने वाला। तो incest वाले को पहले ही बोल देता हूँ। ताकि आपके समय खराब ना हो।
इसमें एक बेटा अपनी माँ का बदला लेता है। जो माँ गलत रास्ते पे चली गयी होती है, बाद में उसको अंदाज़ा होता है कि उसने क्या गलत काम कर दिया है और फिर वो अपने बेटे को उसका बदला लेने कहती है।
ये कहानी मुंबई के एक सोसायटी की है। जहाँ सभी अच्छे घर के लोग रहते है। वैसे ही एक घर सोसायटी के आखिर में गेट के बिल्कुल सामने आखिर में है। ये घर कुछ इस प्रकार है कि घर 2 माले का है,नीचे हॉल है,और हॉल के पीछे किचन, और एक तरफ टॉयलेट बाथरूम है,और पीछे की साइड पर थोड़ा खुले एरिया का वरांडा जैसा है। जो दिवालो से घिरा है ,लेकिन उचाई इतनी भी नही की कोई देख या आ न पाए। और उसके पीछे से खेत शुरू हो जाते है।तो पीछे के बाहर की साइड पर बाहर से देखने वाला कोई नही।
उस घर में 3 लोग रहते है।
प्रकाश मिश्रा(पापा), जिसकी उम्र शायद 58 होगी। ये एक बोहोत नेक इंसान है। जो कॉलेज में एक टीचर की नोकरी करते है। ये रोज 10 से 5 बजे तक कॉलेज मैं होते है।
..
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भावना मिश्रा(माँ),ये एक संस्कारी नारी है। ये एकदम सिंपल औरत है। बेटे का जन्म बाद भी इसका फिगर फिट है। ज्यादातर साड़ी और सलवार और लेगिंस पहनती है। ये पूरा दिन घर का काम करती रहती है। भले थकी हुई क्यों न हो। पूरा दिन काम में बिताती है। और ये भोली और बहुत सेंसेटिव औरत है। अगर उसको कुछ प्रॉब्लम हो तो भी वो किसी को नही बताती थी ,ताकि दूसरे टेन्सन न ले।
हर्ष मिश्रा(बेटा, यानी मैं), ये सीधा लड़का है जो पापा और माँ के साथ रहता है। ये मुंबई में नजदीकी कॉलेज में इंजीनियरिंग करता है। ये 9 बजे निकल जाता है घर से और शाम को ही आता है,कॉलेज में होजे के कारण कभी जल्दी आ जाता है तो कभी शाम को 6,7 बजे भी आता है तो कभी कभी मूड बन जाये तो कॉलेज बंक कर के घर आ जाता है।
जैसे कि आपको बताया घर में ऊपर 2 रूम है और एक रूम मैं माँ पापा और एक रूम मैं बेटा रहता है। नीचे हॉल और कीचन ही है।
ये कहानी आपको जिस की बात हो रही है उस के पॉइंट ऑफ व्यू से पढ़ने को मिलेगी। तो conversation में अच्छा लगे।
Ye sirf intro diya hai, story ke update roj time to time mil jayenge.
Bus support krte rho..
इसमें एक बेटा अपनी माँ का बदला लेता है। जो माँ गलत रास्ते पे चली गयी होती है, बाद में उसको अंदाज़ा होता है कि उसने क्या गलत काम कर दिया है और फिर वो अपने बेटे को उसका बदला लेने कहती है।
ये कहानी मुंबई के एक सोसायटी की है। जहाँ सभी अच्छे घर के लोग रहते है। वैसे ही एक घर सोसायटी के आखिर में गेट के बिल्कुल सामने आखिर में है। ये घर कुछ इस प्रकार है कि घर 2 माले का है,नीचे हॉल है,और हॉल के पीछे किचन, और एक तरफ टॉयलेट बाथरूम है,और पीछे की साइड पर थोड़ा खुले एरिया का वरांडा जैसा है। जो दिवालो से घिरा है ,लेकिन उचाई इतनी भी नही की कोई देख या आ न पाए। और उसके पीछे से खेत शुरू हो जाते है।तो पीछे के बाहर की साइड पर बाहर से देखने वाला कोई नही।
उस घर में 3 लोग रहते है।
प्रकाश मिश्रा(पापा), जिसकी उम्र शायद 58 होगी। ये एक बोहोत नेक इंसान है। जो कॉलेज में एक टीचर की नोकरी करते है। ये रोज 10 से 5 बजे तक कॉलेज मैं होते है।
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भावना मिश्रा(माँ),ये एक संस्कारी नारी है। ये एकदम सिंपल औरत है। बेटे का जन्म बाद भी इसका फिगर फिट है। ज्यादातर साड़ी और सलवार और लेगिंस पहनती है। ये पूरा दिन घर का काम करती रहती है। भले थकी हुई क्यों न हो। पूरा दिन काम में बिताती है। और ये भोली और बहुत सेंसेटिव औरत है। अगर उसको कुछ प्रॉब्लम हो तो भी वो किसी को नही बताती थी ,ताकि दूसरे टेन्सन न ले।
हर्ष मिश्रा(बेटा, यानी मैं), ये सीधा लड़का है जो पापा और माँ के साथ रहता है। ये मुंबई में नजदीकी कॉलेज में इंजीनियरिंग करता है। ये 9 बजे निकल जाता है घर से और शाम को ही आता है,कॉलेज में होजे के कारण कभी जल्दी आ जाता है तो कभी शाम को 6,7 बजे भी आता है तो कभी कभी मूड बन जाये तो कॉलेज बंक कर के घर आ जाता है।
जैसे कि आपको बताया घर में ऊपर 2 रूम है और एक रूम मैं माँ पापा और एक रूम मैं बेटा रहता है। नीचे हॉल और कीचन ही है।
ये कहानी आपको जिस की बात हो रही है उस के पॉइंट ऑफ व्यू से पढ़ने को मिलेगी। तो conversation में अच्छा लगे।
Ye sirf intro diya hai, story ke update roj time to time mil jayenge.
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