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Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
superbbbbb seduction
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Rana kajal ko pregnant kro
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KIDER ??
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Nice update
VIsit my story  

Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html

 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
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उसने चाल को डबल करते हुए 4 हज़ार कर दिया और इस बार अपने अंडरवीयर को पूरा नीचे खिसका कर लंड और टटटे पूरी तरह से उजागर कर दिए काजल के सामने और उनसे रगड़कर उसने हर बार की तरह चाल चली...

अब आलम ये था की राणा काजल के सामने नीचे से लगभग नंगा होकर बैठा था...उसका पठानी लंड अपने पूरे शबाब पर था..लगभग 9 इंच के आस पास...जो केशव से भी बड़ा था...अपने सामने ऐसे खड़े हुए लंड को देखकर काजल तो पागल सी हुई जा रही थी..ऐसा नज़ारा देखने को मिलेगा, उसने तो सोचा भी नही था.

पर साथ ही साथ उसका ध्यान गेम पर भी था...अब इतना तो उसे पता चल ही गया था की सामने से जब डबल चाल आए, इसका मतलब सामने वाले के पास भी बाड़िया पत्ते आए हैं...4 हज़ार की ब्लफ तो नही करेगा कोई...

उसने भी 4 हज़ार नीचे फेंकते हुए शो माँग लिया...

काजल ने पत्ते नीचे रखे...और राणा ने भी अपने पत्ते उसके सामने फेंक दिए..जिन्हे देखकर उसके मन में फिर से एक बार मायूसी छा गयी...वो समझ गयी की राणा अपनी जगह पर सही है...और उसके टोटके उसपर तभी भारी पड़ते हैं जब वो थोड़ा बड़-चड़कर उन्हे करता है...

और इस बार काजल ने भी सोच लिया की उसे क्या करना है..

और जब अगली गेम शुरू हुई तो काजल ने बिना राणा की तरफ देखे, अपनी टी शर्ट के गले की जीप नीचे करी..और ऐसा करते ही उसके दूधिया मुम्मे राणा की भूखी आँखों के सामने प्रकट हो गये..वो किसी दूध के पर्वत की तरह कठोरता लिए हुए कड़क अंदाज में खड़े हुए थे...सिर्फ़ निप्पल को छोड़कर सब सॉफ दिख रहा था राणा को...

काजल ने नोट लिया और उन्हे अपने दूधिया पर्वत पर घिसा...और उसे नीचे फेंक दिया..

राणा को और क्या चाहिए था...वो अपनी तरकीब में कामयाब हो गया था..अब वो इस खेल को एक नये आयाम तक ले जाना चाहता था....


राणा तो जैसे इसी पल का वेट कर रहा था...उसने भी अपनी पेंट और अंडरवीयर घुटनो से नीचे खिसका दिया..और हज़ार के नोट को बुरी तरह से घिस कर नीचे फेंक दिया.

काजल के सामने अब राणा का लंड पूरी तरह से नंगा था...उपर से नीचे तक...एकदम कठोर, कुतुब मीनार की तरह खड़ा था वो..काजल की आँखो में उसके लंड को पाने का लालच साफ़ झलक रहा था..राणा भी इस गेम के ज़रिए ज़्यादा देर तक तड़पना नही चाहता था..पर उसे बोले भी तो कैसे बोले...वो कुछ बोलने ही वाला था की नीचे से किसी के उपर आने की आवाज़ आई...

राणा ने झट से अपनी पेंट उपर खींच ली..और काजल ने भी अपनी जीप को बंद कर लिया..

उपर आने वाला केशव के अलावा कौन हो सकता था..उसके हाथ मे दारू का ग्लास था..शायद राणा और काजल के उपर आते ही नीचे दारू शुरू हो चुकी थी...केशव की हालत देखकर सॉफ लग रहा था की उसे चढ़ चुकी है..

केशव : "कौन जीत रहा है अभी तक....ह्म्*म्म्म''

राणा : "यार केशव...तेरी बहन ने तो मेरी हालत ही खराब कर रखी है...देख ना कितने नोट ले गयी मेरे...''

राणा ने काजल की जाँघ के नीचे दबे नोटों की तरफ इशारा करते हुए कहा..

केशव तो नशे मे था, ये सुनकर वो और मस्ती मे गया..और उसने झुक कर काजल को गले से लगा लिया..और उसके चेहरे पर चूम भी लिया : " ये तो मेरी चेम्पियन है...देखना अभी तू...तेरे सारे पैसे लूट लेगी..''

राणा : "मैं तो कब से लुटने के लिए बैठा हू...पता नही कब लूटेगी ये...''

राणा की बात केशव के तो उपर से निकल गयी..पर काजल की तिरछी निगाहों और स्माइल ने सब बयान कर दिया की वो समझ चुकी है की राणा क्या कहना चाहता है..

काजल : "केशव , तुम नीचे जाओ अब...ऐसे डिस्टर्ब करोगे तो मैं इसको लूटूँगी कैसे...''

उसने अपने होंठों को दाँत तले दबाकर कहा..

रसगुल्ले को निचोड़ने से जिस तरह से रस निकलता है, वैसे ही रस टपक गया काजल के होंठों से, जब उसने अपने दाँतों के बीच उन्हे भींचा..

राणा तो उसके रसीले होंठों को चूसने के लिए पागल सा हुआ जा रहा था..और अब तो काजल ने भी लाइन देनी शुरू कर दी थी...पर उसने भी सोच लिया था, अभी तक जैसे चल रहा था, वैसे ही चलने देगा..क्योंकि खेल खेलने में और धीरे-2 बेपर्दा करने मे जो मज़ा उसे मिल रहा था,वो उसे खोना नही चाहता था..

केशव : "ओके ...ओके ...मैं जा रहा हू ....मैं तो बस राणा के लिए ये पेग बना कर लाया था...चीयर्स ...''

और दारू का पेग राणा को देकर केशव नीचे चल दिया..
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राणा ने वो पेग एक ही साँस मे पी डाला...एक गर्मी सी उतरती चली गयी उसके सीने के अंदर..और एक झटके में पीने से हल्का सरूर भी एकदम से ही गया..

अपनी नशीली आँखों से काजल को देखते हुए उसने अपनी पेंट एक बार फिर से नीचे खिसका दी..वैसे तो ब्लाइंड चलने की बारी काजल की थी..पर फिर भी उसने एक नोट लिया और थोड़ा सा मुरझा गये लंड को फिर से घिसकर खड़ा कर लिया..

काजल ने भी बड़े ही सेक्सी तरीके से राणा को देखते हुए अपनी टी शर्ट की जीप खोली, पहले की तरह ही उसकी छातियाँ उभरकर बाहर निकल आई..और फिर उसने वो किया जो अभी तक राणा ने सोचा भी नही था..और जिसे देखने के लिए वो ये सब ड्रामा कर रहा था अभी तक...

काजल ने अपना दाँया हाथ अंदर की तरफ घुसेड़ा और अपने बांये मुम्मे को कान से पकड़कर बाहर ले आई..उसके पिंक कलर के निप्पल्स देखकर राणा की आँखे ही चुंधिया गयी...और राणा की आँखो की भूख को देखते-2 काजल ने अपना नोट उसपर रगड़ा और बड़े ही स्टाइल से उसे नीचे लहरा दिया..

और अपने मुम्मे को अंदर करने की भी जहमत नही उठाई काजल ने...उसका एक उभार अब पूरी तरह से नंगा होकर बाहर लटक रहा था..

राणा : "काजल....क्या कमाल के बूब्स है तुम्हारे...मन कर रहा है इन्हे दबोच लू...चूस लू...निचोड़ डालु...''

काजल पर तो पहले से ही ठरक सवार थी...राणा की ऐसी गंदी बातें सुनकर वो और भी ज़्यादा उत्तेजना से भर उठी..

उसने मन ही मन कहा 'तो कर ले ना राणा...रोका किसने है तुझे..'

अब एक लड़की होकर उसने अपनी तरफ से इतना कुछ कर दिया, और कुछ करके वो एक रंडी जैसी नही बनना चाहती थी..

राणा भी उसकी हालत का अंदाज़ा लगाता हुआ अंदर से खुश हो रहा था..अब एक बात तो पक्की थी की वो उसकी चुदाई कर ही लेगा..केशव के उपर आने से पहले राणा अपनी तरफ से पहल करके प्यार का खेल शुरू करना चाहता था..पर अब जब काजल ने खुद ही अपने जिस्म की नुमाइश करनी शुरू कर दी है , इसका मतलब वो भी उतनी ही उतावली है जितना की वो, और एक उतावली लड़की से प्यार करवाने में जो मज़ा मिलता है, वो अपना उतावलापन दिखाकर उसे प्यार करने मे नही है..राणा वैसे भी अपने आप को किसी राजा से कम नही समझता था..वो आराम से लेट कर मज़े लेने वालो में से था, यानी सामने वाली से अपने आप को प्यार करवाकर मज़ा लेने वालो में से...

राणा ने काजल की आशा के अनुसार कुछ नही किया और फिर से अपनी गेम के अंदर घुस गया..हज़ार के दो नोट लिए और उन्हे लंड से मसल कर नीचे फेंक दिया.

काजल थोड़ी हैरान ज़रूर हुई पर फिर ये सोचकर की शायद वो केशव के नीचे बैठे होने की वजह से घबरा रहा है, इसलिए कुछ नही कर रहा ..

काजल : "अब शायद केशव उपर नही आएगा...वो सब पीने मे मस्त हो चुके हैं..''

जैसे वो राणा को ये बताना चाहती हो की कर ले घोंचू , जो भी करना है, केशव नही आने वाला अब उपर..

राणा भी उसकी बात का मतलब समझ गया, फिर भी उसने बात घुमा दी और बोला : "हाँ ...पर उसका अपना घर है, कभी भी सकता है...ऐसे खेल के बीच में डिस्टर्ब नही होना चाहता मैं बार -2...''

काजल समझ नही पा रही थी की उसके मन मे आख़िर चल क्या रहा है...ऐसा भी कोई चूतिया होता है क्या जो एक लड़की के नंगे मुम्मे को देखकर भी अडिग रहे...और वो भी राणा जैसा हरामी, जो उसे देखकर गली में भी छेड़ता था...और अब जब वो खुद उसके सामने ऐसी हालत मे बैठी है, वो साधु बना बैठा है.

काजल ने भी ठान लिया की वो भी रम्भा बनकर इस विश्वामित्र की तपस्या भंग करके दिखाएगी..

पर अब तक बीच मे काफ़ी पैसे इकट्ठे हो चुके थे...और वो ये भी देखना चाहती थी की इस बार उसका टोटका सही काम कर रहा है या नही..इसलिए उसने अपने पत्ते उठा लिए..

उसके पास 5 का पेयर आया था...वो खुश हो गयी...और इसी खुशी मे उसने अपने दूसरे मुम्मे को भी बाहर खींच निकाला और राणा की अदालत के सामने नंगा कर दिया..

अब तो राणा का ईमान बुरी तरह से डोलने लगा..सिर्फ़ गले वाले हिस्से से बाहर निकालने की वजह से उसके दोनो मुम्मे अकड़ से गये थे...और उसे जिप भी चुभ रही थी उनपर..वो कभी इधर से तो कभी उधर से उन्हे सहलाने लगी..
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राणा का ध्यान उसके मुम्मों के साथ-2 गेम पर भी था..काजल की तरफ से चाल आती देखकर उसने भी पत्ते उठा लिए..उसके पास चिड़ी का कलर आया था..उसने भी अपने लंड से रगड़कर 4 हज़ार की चाल चल दी..

चाल के उपर चाल आती देखकर काजल डर गयी...अब इतना तो वो समझने ही लगी थी की ऐसी हालत मे गेम किसी की भी हो सकती है...वैसे भी एक पेयर ही तो आया था उसके पास और वो भी काफ़ी बड़ा नही था..इसलिए उसने मन मसोस कर शो माँग लिया..और अपने दोनो मुम्मों से अच्छी तरह से पैसे रगड़ने के बाद उन्हे नीचे फेंक दिया..

उत्तेजना और उपर से लगातार मिल रही रगड़ाई से उसके निप्पल लाल हो चुके थे...और बुरी तरह से अकड़ भी गये थे..काजल को हल्का -2 दर्द भी होने लगा था उनमे..जो किसी के दबाने से ही निकलने वाला था..

काजल ने अपने पत्ते राणा के सामने फेंक दिए..

बीच मे लगभग 30 हज़ार रुपय थे..

राणा ने उसके पत्ते देखे..उसके पत्ते तो बड़े थे ही..इसलिए वो जीत ही चुका था ये गेम ..पर इस समय उसे इन पैसों से ज़्यादा अपने प्लान की चिंता थी...जिसे अपनाकर वो उसे धीरे-2 नंगा कर देना चाहता था..

राणा ने उसके पत्ते देखे और अपने पत्ते बिना उसे दिखाए उल्टे करके वापिस गड्डी में रख दिए और बोला : "ओह्ह्ह्ह .....ये गेम तो तुम जीत गयी...''

और खुशी से फूली ना समाते हुए काजल ने एक बार और जोरदार चीख मारकर वो सारे पैसे अपनी तरफ खींच लिए..राणा के पत्ते देखने की उसने भी जहमत नही उठाई...उसके मुम्मे बुरी तरह से हिल रहे थे...राणा ने जान बूझकर ये गेम हारी थी..ताकि काजल यही समझे की अपने मुम्मे नंगे करने वाले टोटके की वजह से ही वो ये बाजी जीती है..

राणा (थोड़ा बनावटी गुस्सा दिखाते हुए) : "तुम अपने टोटके मुझसे ज़्यादा चला रही हो अब...मैं भी देखता हू की अगली गेम तुम कैसे जीतोगी ..''

इतना कहते हुए उसने अपनी पूरी की पूरी पेंट और साथ मे अंडरवीयर भी उतार दिया

अब वो नीचे से नंगा होकर बैठा था काजल के सामने..

काजल ने पत्ते बाँटे और राणा के नंगे बदन को निहारती रही...उसका तो बस मन कर रहा था की टूट पड़े वो राणा के उपर..पर उससे पहले वो उसके बचे हुए पैसों को जीतना चाहती थी...अभी भी राणा के पास लगभग 20 हज़ार रूपए बचे थे...और काजल ने ये सोच लिया था की वो इसी गेम में वो सारे पैसे जीत लेगी..

और उसके बाद वो करेगी सब...जिसे सोचकर ही उसकी चूत से पानी निकले जा रहा है...

पर उससे पहले वो खेल को थोड़ा और गर्म करना चाहती थी..ताकि राणा जो अपनी तरफ से ये ड्रामे कर रहा है, वो बंद कर दे..और उसपर टूट पड़े, इसलिए जैसे ही उसकी ब्लाइंड की बारी आई, उसने अपनी टी शर्ट को उपर उठाया और गले से घुमा कर निकाल फेंका..

अब वो टॉपलेस होकर बैठी थी राणा के सामने...

राणे ने अपने हाथ मे हज़ार का नोट पकड़ा हुआ था, जिसे वो अपने लंड पर घिस रहा था..काजल के टॉपलेस होते ही वो उसकी सुंदरता देखता रह गया...और कब उसके हाथ से नोट निकल कर गिर गया उसे भी पता नही चला..

और वो उसके उपर से नंगे बदन को देखते हुए ज़ोर-2 से मूठ मारने लगा..

काजल भी उसकी हालत देखकर मुस्कुरा दी..

अब खेल सच मे काफ़ी गर्म हो चुका था.
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राणा जिस लड़की को एक बार देखने के लिए तरसता था, आज वो उसके सामने लगभग नंगी बैठी हुई थी... पैसों में कितनी ताक़त होती है ये आज उसे पता चला..पर पैसों के साथ -2 लंड में भी जान होनी चाहिए, तभी लड़कियां आकर्षित होती है..

पर काजल को ऐसी हालत में अपने सामने बैठा देखकर राणा के हाथ मचल उठे, उसने जैसे ही अपने हाथ आगे करते हुए काजल के स्तनों तक पहुँचाए, काजल ने उसे टोक दिया और बोली : "ना जी ना, इतनी जल्दी नही, गेम पर ध्यान दो पहले... मैं जब खुश होउंगी , तभी तुम इसे छू पाओगे...''

राणा : "और तुम खुश कैसे होगी ??"

काजल (अपने दाँत दिखाते हुए) : "जब मैं जीतूँगी अगली बाजी ...''

काजल ने बड़ी ही चालाकी से राणा के सामने अपनी शर्त रख दी... मज़े और पैसे एक साथ लेने के मूड मे थी काजल..

राणा को भला क्या परेशानी हो सकती थी, अभी तक का खेल जिस तरह से चल रहा था, उसके हिसाब से ही उसको काफ़ी मज़ा मिल चुका था..

राणा : "लेकिन अगली बाजी मैं जीत गया तो...''

काजल : "तो तुम्हे मुझे छूने के लिए वो जीते हुए पैसे मुझे देने होंगे..''

यानी काजल मज़ा और पैसे दोनों लेना चाहती थी...उसकी इस शर्त के अनुसार तो दोनो ही सूरत में पैसे उसके पास पहुँचने वाले थे..

अब खेल सच मे रोमांचक हो चुका था.

4-4
ब्लाइंड चलने के बाद राणा ने अपने पत्ते उठा लिए...उसे तो हर गेम के ख़त्म होने की जल्दी थी..क्योंकि अगर वो जीतेगा तो अपने पैसे काजल को देकर , या फिर हारेगा तो भी काजल की खुशी को देखकर वो मज़े लेना चाहता था.

राणा के पास सिर्फ़ इक्का ही आया था, बाकी के दोनों छोटे पत्ते थे..

उसने झट से शो माँग लिया..अभी बीच मे सिर्फ़ 10 हज़ार रुपय थे..राणा ने अपने पत्ते सामने फेंक दिए.

काजल ने भी अपने पत्ते उठाए..उसके चेहरे पर मायूसी छा गयी..उसके पत्ते तो राणा से भी बेकार थे..उसने जब अपने पत्ते राणा के सामने रखे तो राणा भी हंस दिया..उसके पास 4,6,9 नंबर आए थे..

राणा ने सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए..फिर उन नोटों की गड्डी बना कर उसने काजल की तरफ बड़ा दिया और बोला : "अब तो छू सकता हूँ ना...इन पैसों के बदले..''

काजल के होंठ लरज कर रह गये...उसने राणा के हाथ से पैसे ले लिए..और उन्हे फिर से अपनी जाँघ के नीचे दबा लिया.

राणा : "अब इधर आओ...मेरे पास...''

राणा ने अपनी उंगली का इशारा करके काजल को अपनी तरफ बुलाया..

वो बेचारी मना भी नही कर पाई...आख़िर उसने पैसे जो दिए थे..

वो अपनी सीट से उठी और धीरे-2 चलती हुई राणा के पीछे जाकर खड़ी हो गयी...राणा अपने लंड को मसलता हुआ उसके हिलते हुए मुम्मे देख रहा था..और जब वो उसके पास आकर खड़ी हुई तो उसने अपना सिर उपर करके उसकी आँखो में देखा और बोला : "नीचे करो इन्हे...''

वो उसपर ऐसे हुक्म चला रहा था जैसे 10 हज़ार मे उसने उसके मुम्मों को खरीद लिया है..पर काजल भी उसकी बात मान रही थी, क्योंकि अंदर ही अंदर वो भी तो इस मज़े को महसूस करना चाहती थी...हारने के बाद 10 हज़ार भी वापिस मिल गये और अब मज़ा भी मिलेगा, ऐसा सौदा तो काजल को काफ़ी उत्साहित कर रहा था..

काजल धीरे से नीचे झुकी और राणा ने अपना देतयाकार मुँह खोल दिया...और उसके अंगूर के दानों जैसे निप्पल सीधा उसके मुँह के अंदर घुस गये और राणा उन्हे बड़ी ज़ोर से चूसने लगा...साथ ही साथ उसने काजल के सिर के पीछे हाथ रखकर अपनी तरफ ज़ोर से दबा लिया..दूसरे हाथ से उसका दूसरा स्तन पकड़ लिया और उसे मसलने लगा..कुल मिलाकर वो अपने 10 हज़ार रुपय सही तरीके से वसूल कर रहा था..

काजल तो उसके हमले से कराह उठी...एक तो उसके दाँत काफ़ी तेज थे और उपर से वो काफ़ी एक्ससाईटिड भी था,पैसे देकर वो काजल के जिस्म पर कुछ देर के लिए ही सही पर अपना पूरा अधिकार जता रहा था...

राणा ने उसके निप्पल को पकड़कर अपनी उंगलियों से मसलना शुरू कर दिया, जैसे बकरी का दूध निकाल रहा हो..और साथ ही साथ अपने दांतो से भी वही काम उसके दूसरे स्तन पर कर रहा था...और करीब दस मिनट तक अच्छी तरह से उसका दूध पीने के बाद जैसे ही राणा ने उसकी चूत की तरफ हाथ बदाया, काजल छिटक कर दूर हो गयी...और बोली : "ना ना ना ....इतने में सिर्फ़ इतना ही मिलेगा...''

और वो अपनी गुलाबी जीभ निकाल कर उसको चिढ़ाती हुई वापिस अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी..
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राणा भी सोचने लगा की इतनी उत्तेजना बढ़ाने के बाद भी वो कैसे कंट्रोल कर पा रही है...आज तक जितनी भी लड़कियों की उसने चुदाई की थी, वो तो सिर्फ़ उसके हाथ लगाने भर की वेट करती थी...और खुद खुद नंगी होकर उसके लंड पर टूट पड़ती थी...काजल ना जाने किस मिट्टी की बनी थी..कभी तो उसकी आँखो मे सेक्स की भूख एकदम साफ़ दिखाई देती थी..और कभी वो एकदम से पीछे होकर उसपर कंट्रोल करती दिखाई देती थी..

पर राणा से अब कंट्रोल नही हो रहा था...भले ही वो खुद को राजा समझ कर उसपर पैसे लुटाता हुआ अभी तक मज़े ले रहा था, पर अब अपनी सेक्स की भूख उससे बर्दाश्त नही हो रही थी...वो काजल को पाने के लिए राजा से भिखारी बनने के लिए भी तैयार था अब...

राणा : "ऐसा ना करो काजल...देखो ना, मेरे लंड की क्या हालत हो रही है...सिर्फ़ एक बार इसको सक्क कर लो ...प्लीज़ ...मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हू...मेरी हालत पर तरस खाओ ...''

राणा तो अब भीख माँगने पर उतर आया था..

काजल की नज़रें अभी भी उसके पास पड़े पैसों के उपर थी...जो करीब 20 हज़ार रुपय थे..

काजल की आँखो का इशारा राणा समझ गया...उसने अपने 20 हज़ार रुपय एकदम से निकाल कर काजल के आगे रख दिए..

काजल : "तूने मुझे कोई धंधे वाली समझा है क्या...जो इन पैसों के बदले तेरी सेवा करूँगी... जो भी करूँगी, गेम खेलकर ही, पैसे जीतकर, ऐसे भीख लेने की आदत नही है मेरी..''

राणा सहम सा गया, वैसे भी वो काजल को नाराज़ करके अपने लिए कोई घाटे का सौदा नही करना चाहता था..

यानी काजल का मतलब साफ़ था...अगली गेम शुरू करो..

राणा को भी सारे पैसे हारने की जल्दी थी, इसलिए उसने अगली गेम शुरू कर दी..

पत्ते बाँटे गये, और इस बार राणा ने सीधा 2 हज़ार की ब्लाइंड चल दी, अपने लंड से रगड़कर ..

राणा का उठा हुआ लंड काजल को काफ़ी लालायित कर रहा था..इसलिए उसके हाथ अपने आप ही चूत की तरफ बड़ जाते थे...उसने अपने पायजामे को नीचे खिसका दिया और पहली बार राणा ने उसकी नयी नवेली चूत के दर्शन किए...
काजल भी अब कोई परदा नही रखना चाहती थी...इसलिए उसने धीरे-2 करते हुए अपने पायजामे को घुटनो से नीचे कर दिया..और अब उसकी सफाचत चूत राणा की नज़रों के सामने पूरी नंगी थी...पर बेचारा चाह कर भी उसे छू नही सकता था वो...उसकी चूत की चिकनाहट देखकर राणा का मन उसे चूसने का करने लगा..

काजल भी समझ नही पा रही थी की कैसे वो इतनी बेशर्मी से अपने जिस्म से कपड़े हटाती जा रही है और नंगेपन की नुमाइश राणा के सामने कर रही है..पर ना जाने क्यो उसे ये सब अच्छा भी लग रहा था..वो शायद इसलिए भी क्योंकि वो कुछ ऐसा ही केशव के साथ भी कर चुकी थी..अपने भाई के साथ करते हुए जब उसे शरम नही आई तो इसके साथ क्यो आए और वो भी तब जब वो उसके उपर अँधा होकर पैसे भी लूटा रहा था..

राणा ने अगली ब्लाइंड जब चली तो नोट पर उसके लंड से निकला पानी साफ़ चमक रहा था...ऐसा सीन देखकर अच्छे -2 का प्रीकम निकल जाता है...काजल का तो मन किया की वो नोट उठाए और उसे चाट कर सॉफ कर दे..साला कैसे तरसा रहा है उसे वो राणा...काजल ने भी उसको सताने की सोची और अपनी रसीली चाशनी में हज़ार के दो नोटों को अच्छी तरह से घुसा कर उन्हे पूरा गीला कर लिया और फिर उन्हे नीचे फेंक दिया...

राणा ने तुरंत वो नोट उठा लिए और बड़ी ही बेशर्मी से उन्हे चाटने लगा..सारा रस चाट गया वो उन नोटों से..

काजल उसे ऐसा करते हुए देखती रही..और फिर उसने भी राणा वाला वो नोट उठा लिया जिसपर उसका प्रीकम लगा हुआ था..और धीरे से उसपर अपनी जीभ लगाई...एकदम टेस्टलेस था वो...पर उसकी महक बड़ी ही कामुक और मदहोशी से भरी थी..काजल ने एक लंबी साँस लेकर उसे अंदर तक महसूस किया और अपनी जीभ पर उसके स्वाद को काफ़ी देर तक महसूस करती रही..

राणा भी समझ चुका था की अब तो नाम मात्र की दीवार रह गयी है दोनो के बीच..

दोनो एक दूसरे के सामने नंगे होकर खेल रहे थे...राणा के पास अभी भी लगभग 10 हज़ार रुपय थे, जो उसको गँवाने थे..

काजल ने अगली ब्लाइंड नही चली और अपने पत्ते उठा लिए..और उन्हे देखकर उसे एक बार फिर से विश्वास हो गया की उसकी हर बार टोटके को बड़ चड़कर करना इस बार भी सफल हो गया है...क्योंकि इस बार उसके पास ऐसे पत्ते आए थे जिनका शायद ही कोई तोड़ होता...बादशाह की ट्रेल..यानी 3 बादशाह आए थे उसके पास..

उसने एक ही बार में 4 हज़ार की चाल चल दी..राणा तो पहले से ही लूटने के लिए बैठा था..इसलिए उसने अपने पत्ते नही देखे बल्कि अपनी ब्लाइंड को भी डबल करते हुए 4 हज़ार कर दिया और लंड से रगड़कर फिर से पैसे नीचे फेंक दिए..

काजल तो पूरे कॉन्फिडेंस में थी..उसने भी चाल को डबल किया और आठ हज़ार बीच मे फेंक दिए..और इस बार उसने हर नोट को ऐसे अपनी चूत पर रगड़ा जैसे उसपर अपने रस की परत चड़ा देना चाहती हो...गीले-2 नोटों का अंबार सा लगता जा रहा था बीच में ..किसी पर काजल की चूत का रस था तो किसी पर राणा के लंड का पानी...

अब तो राणा के पास सिर्फ़ 2 हज़ार ही थे...इसलिए उसने अपने पत्ते उठा लिए..और अपने पत्ते देखकर वो भी दंग रह गया..उसके पास सीक़वेंस आई थी, और वो भी सुच्ची , पाने के पत्तो की, 8,9,10 नंबर...

ऐसे पत्ते तो कभी कभार ही आते हैं..पर उसके पास चलने के लिए पैसे ही नही थे...सिर्फ़ 2 हज़ार थे और शो माँगने के लिए भी कम से कम उसे 8 हज़ार चाहिए थे...पर ऐसे पत्तों के साथ वो शो नही माँगना चाहता था, बल्कि गेम को आगे खेलकर जीतना चाहता था, और जीते हुए पैसों को वापिस करके वो काजल से मज़े लेना चाहता था..इसलिए उसने काजल से 20 हज़ार उधार माँग लिए..काजल ने भी दे दिए क्योंकि वो जानती थी की उससे अच्छे पत्ते राणा के पास हो ही नही सकते..

राणा ने पैसे लिए और 8 हज़ार की चाल चली..काजल ने 14 हज़ार की चाल चली ...क्योंकि अब राणा के पास उतने ही पैसे बचे थे...राणा ने भी ना चाहते हुए शो माँग ही लिया..वैसे तो उसे विश्वास ही था की वही जीतेगा..पर जैसे ही काजल ने अपने पत्ते उसके सामने रखे तो काजल के 3 बादशाह देखकर उसका सिर ही चकरा गया...उसने अपनी कल्पना में भी ऐसा नही सोचा था की काजल के पास ट्रेल आएगी...

राणा बेचारा सिर झुका कर बैठ गया..

काजल ने हंसते हुए सारे पैसे अपनी तरफ कर लिए..

काजल ने राणा के उदास चेहरे को देखा और बोली : "ऐसे मुँह लटका कर क्यो बैठ गये...मैने कहा था ना की जब मैं खुश होउंगी तब भी तुम्हारा ही फायदा है...''

राणा की आँखे चमक उठी...उसने ललचाई हुई आँखों से काजल को देखा..

काजल बड़े स्टाइल में बोली : "कब तक मेरे जूस को नोटों के उपर से चाटते रहोगे...सीधा ही जाओ...''
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bahut dino ke baad update di hu esliye bahut lamba update de rhi hu... enjoy kro friends. have FUN
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Nice update ......
VIsit my story  

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 uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
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Kajal enjoying cum
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मस्त!
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बहोत ही अच्छी रचना है ।
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Hi, Mai es story ks update kab se wait kr raha tha. Nice update. Actually, es story ka plot hi jaburdust h aur ye jua ka situation , uff. If you dont mind. Kya aap es scene ko yahi end kr sakte ho. I mean rana n kajal ks ye scene ap 3- 4 baar de sakte ho hr baar dono thoda thoda aage badhte jaye. N pls kajol ko only rana tak hi rakhna. Kajal thodi sharmati n rana use ready krta sx ke liye to thek hota. Dono kesav se chupkr sex krte n kajal rana ke sath bahar b ja sake like his place , or somewhere else to thek rahta. Pls dont mind jo mujhe laga wo maine suggest kiya, story apki h n style b apki honi chahiye.. ignore this msg if dont like..thanks
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(05-04-2019, 08:35 PM)Karishma saxena Wrote: Nice update ......

Thanks you dear sis
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(05-04-2019, 09:35 PM)Black_C Wrote: [Image: 1.gif]0
Kajal enjoying cum
;) ;) ;)
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(06-04-2019, 12:25 AM)bhavna Wrote: मस्त!

thank you and enjoy
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(06-04-2019, 11:56 PM)girdhart Wrote: बहोत ही अच्छी रचना है ।

thank you very much.. enjoy yourself
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(07-04-2019, 03:15 AM)RajAg Wrote: Hi, Mai es story ks update kab se wait kr raha tha. Nice update. Actually, es story ka plot hi jaburdust h aur ye jua ka situation , uff. If you dont mind. Kya aap es scene ko yahi end kr sakte ho. I mean rana n kajal ks ye scene ap 3- 4 baar de sakte ho hr baar dono thoda thoda aage badhte jaye. N pls kajol ko only rana tak hi rakhna. Kajal thodi sharmati n rana use ready krta sx ke liye to thek hota. Dono kesav se chupkr sex krte n kajal rana ke sath bahar b ja sake like his place , or somewhere else to thek rahta. Pls dont mind jo mujhe laga wo maine suggest kiya, story apki h n style b apki honi chahiye.. ignore this msg if dont like..thanks

thank you for your suggestion but the story is already written, completed and Ready to upload. So at this stage it is very hard to change. But anyway thanks for your suggestion and i appreciate it.
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