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जब मैं उसे चूम कर हटा तो उसने भी मुझे मेरे ही अंदाज मे चूमा चालू कर दिया क्या बताऊ जब उसके दहकते हुए होन्ट मेरे चेहरे पर जहाँ जहाँ पड़ते मैं उसके दहकते हुए होंठो का स्पर्श पा कर अंदर से सिहर सा जाता था. जब वो मुझे पूरी तरह चूम कर मुझ से अलग हुई ऑर जब हम दोनो की नजरे एक दूसरे से मिली तो हम दोनो ही मुस्कुरा दिए.
फिर मैने उसे आँखो से ही खड़े होने का इशारा किया ऑर वो तुरंत ही बिस्तर से उतर कर नीचे खड़ी हो गयी. मैं इस समय अपने अंडरवेअर ऑर बनियान मे था ऑर वो सिर्फ़ एक साड़ी मे वो जैसे ही मेरे बगल मे नीचे खड़ी हुई मेरे मुँह से कुछ इंच की दूरी पर उसका पेट था मैने अपने दोनो हाथ उसकी कमर मे डाले ऑर उसे अपने बिल्कुल नज़दीक खींच लिया. मैने जैसे ही अपने मुँह को उसके पेट पर लगाया वो उपर से नीचे तक कंप-कंपा गयी. ओर उसके मुँह से फिर एक हल्की सी आअहह निकल गयी फिर मैने उसके पूरे पेट के उपर चुंबनो की बरसात सी कर दी मेरे इन चुंबनो की बरसात ने उसे हिला कर रख दिया था ऑर वो उत्तेजना के कारण अपने दोनो हाथो को मेरे सिर के बालो मे घुमाने लगी. उसके कंप-कंपा ने से उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकियाँ फुट रही थी. आआहह... आआहह.... उउई... आऐईइ.... आआहह.... उम्म्म्ममम....... आआआअहह.........
उसकी सिसकियों की आवाज़ो से मेरे सबर का बाँध टूट ता जा रहा था मैं अपना मुँह उसकी नाभि पर लगाया ओर उसे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा. मेरे इस तरह उसकी नाभि को चूसने से उसका पूरा सरीर बोहोत ज़ोर से कांप गया ओर उसके काँपने से मेरे दोनो हाथ उसकी कमर से फिसल कर उसके चुतडो पर आ गये. जैसे ही मेरे हाथ उसके चुतडो पर आए तो मुझे उसके चुतडो की रूप रेखा समझ मे आई कि उन दोनो चुतडो की थिरकन क्या कहना चाह रही है. उसके दोनो तरबूजो जैसे चुतड गजब का आकार लिए हुए थे साड़ी के उपर से ही मैने उसके चुतडो को सहलाना ओर दबाना चालू कर दिया. यही एक चीज़ आप की मेरी बीवी से भी ज़्यादा गजब की है. जहाँ उसके दोनो चुतड खूबसूरत थे पर तुम्हारे तो उस से भी ज़्यादा खूबसूरत… जब तुम मेरी तरफ अपनी गान्ड करके खड़ी हो गयी थी और साड़ी के उपर से तुम्हारे दोनो चुतडो की रूप रेखा दिखाई दी तो बस मुझसे बर्दास्त नही हुआ था…” कह कर बूढ़े ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा और फिर आगे बोलना शुरू कर दिया.
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“उसकी आँखे अब भी बंद थी ऑर मुँह से सिसकियों की आवाज़ बदस्तूर जारी थी फिर मैं अपना एक हाथ आगे करके उसकी साड़ी को खोलने लगा जैसे ही उसकी साड़ी खुली मैं हैरान रह गया उसने अंदर पेटिकोट नही पहना हुआ था. बस एक छोटी सी चड्डी पहने हुए थी जो इतनी गीली हो रही थी कि उस चड्डी के उपर से ही उसकी चूत की पूरी रूप-रेखा उसकी चड्डी पर बनी हुई सॉफ-सॉफ नज़र आ रही थी. मैने फिर बिना देर किए ही उसकी चड्डी को उतारना सुरू कर दिया. चड्डी उतारते समय मेरा चेहरा उसकी चड्डी से कुछ इंच की दूरी पर ही था उसकी चड्डी से एक अजीब तरह की खुसबु आ रही थी जिसकी महक ने मुझे और भी ज़्यादा पागल बना दिया था..
1 महीने से रोका हुआ था अपने आप को इस लिए उस रात तो जैसे वो मुझे अपनी शादी की पहली रात के जैसे ही एक दम कुवारि जवान लड़की लग रही थी. जैसे ही मैने उसकी चड्डी को उसके जिस्म से अलग किया मुझे उसकी चूत सॉफ नज़र आई जो बिना झान्टो की थी मुझे लग रहा था कि 1 महीने तक चुदाई ना करने के कारण उसकी झान्टे लंबी लंबी जटा का रूप ले चुकी होगी पर वो तो एक दम चिकनी रखी हुई थी. उसकी चूत की दोनो फांके एक दूसरे से कस कर चिपकी हुई थी ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत एक दम कुवारि लड़की के जैसी है, मैने अपने एक हाथ को उसकी चूत पर फिराया जिससे वो बुरी तरह सिहर गयी फिर उसी हाथ से उसकी चूत के लबो को हल्का सा खोला उसकी चूत के एक अंदर हल्के गुलाबी रंग का एक छेद था जिसके उपर एक हल्के गुलाबी रंग की घुंडी सी बनी हुई थी. फिर मैं अपने दोनो हाथ से उसके दोनो हाथ पकड़े ऑर उसे हल्के हल्के अपने करीब करते हुए पीठ की दिशा से अपनी गोद मे बिठा लिया. जैसे ही वो मेरी गोद मे बैठी वो एक पल के लिए उछल सी गयी क्योकि मेरा लंड ठीक उसकी गान्ड की दरार मे जा टकराया था. हम दोनो ही एक दूसरे के चेहरे को देख कर मुस्कुरा दिए. फिर वो थोड़ा सा आगे सरक कर मेरी गोद मे इस तरह बैठी की मेरा लंड तिरछा हो कर उसकी चूत पर झटके मार रहा था. मैने उसकी गर्दन से उसे चूमना सुरू किया ऑर उसकी पूरी पीठ पर चुंबनो की बारिश करना सुरू कर दी. अपने दोनो हाथो को आगे ले जाकर उसके उरोज पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा ऑर दबाने लगा उसके मुँह से सिसकियाँ लेने की आवाज़ बढ़ती ही जा रही थी. आआआआअहह..................
आआआआआआअहह..................
उउईईईईईईईईई..,
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मैने थोड़ी देर यही सिलसिला जारी रखा उसकी चूत से तो मानो पानी की नादिया बह रही थी जो उसकी चूत से निकल कर मेरी जाँघो पर मुझे सॉफ महसूस हो रही थी. जब मैने उसे चूमना बंद किया ओर उसका चेहरा घुमा कर अपनी तरफ किया उसका पूरा चेहरा भयंकर रूप से लाल हो चुका था ऑर वो बोहोत जोरो से साँसे ले रही थी. उसने अपनी आँखे खोली ऑर अपने दोनो हाथ बढ़ा कर मेरी बनियान उतार कर मेरे सरीर से अलग कर दी. ओर मुझे हल्का सा धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया. ओर मेरी छाती को चूमने लगी उसके चुंबन लेने तक तो ठीक था लेकिन जब उसने अपनी जीभ को मेरी पूरी छाती पर फिराना सुरू किया गुदगुदी के कारण मेरा पूरा सरीर ज़ोर ज़ोर से कंप-कँपाने लगा. उस दिन तो वो जिस तरह से कर रही थी मेरे साथ उसे देख कर लग रहा था कि आज कामदेव उसमे पूरी तरह से समा गया हो. उसकी हर बात आज एक नया रूप लिए हुए थी. उसने अभी तक जो कुछ भी नही किया था वो आज ख़ुसी से अपने आप ही कर रही थी. उसके इस तरह से करने के कारण मेरे मुँह से भी हल्की हल्की आन्ह्हे निकलने लग गयी. कुछ देर तक उसने मेरी छाती यूँही चूमि ऑर चूमते चूमते नीचे मेरे अंडरवेर के पास तक आ गयी मेरे अंडरवेर मे तंबू बना हुआ था. उसने अपने हाथ बढ़ा कर मेरे अंडरवेर को उतारना सुरू कर दिया मैने भी अपने चूतर उठा कर उसे उंडरवेार उतारने मे मदद की. ये उस रात पहली बार हो रहा था कि वो खुद अपने आप अपने हाथो से मेरा अंडरवेर उतार रही थी वरना उसने कभी भी अपने हाथ से मेरा अंडरवेर नही छुआ था.
उसने मेरे अंडरवेर को जैसे ही नीचे सरका कर उतारा उसकी आँखे मेरे तने हुए लंड पर तन गयी. वो बड़े गोर से मेरे झटके खाते हुए लंड को देख रही थी मेरे लंड को देख कर उसकी आँखो मे एक अजीब तरह की चमक आ गयी थी उसने फिर मेरी तरफ देखा ओर मुस्कुरा दी. उसकी मुस्कान देख कर मेरे लंड ने ओर ज़ोर से झटके लगाने सुरू कर दिए. आज हमारे कमरे मे लाइट भी जल रही थी और वो पूरी तरह से जैसा मैं उस से हमेशा चाहता था खुल कर मेरे लंड के साथ खेल रही थी. वरना जब भी मैं उसकी लेता था लाइट बंद करवा देती थी. थोड़ी देर तक मेरे लंड को जोरो के झटखे ख़ाता देखने के बाद उसने अपने एक हाथ से हल्का सा चाँटा मेरे झटके खाते हुए लंड पर लगा दिया. उसके हल्के से चान्टे से मेरे मुँह से एक सिसकी सी निकल गयी स्शह.... ऑर फिर उसने अपना दोनो हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ा ऑर सहलाने लगी मैं उसके हाथ अपने लंड पर पड़ते ही मज़े की एक नयी दुनियाँ मे चला गया. उस रात उसने पहली बार मेरे लंड को अपने मुलायम हाथो से छुआ था.
मैने उसे इशारे से समझाया कि वो घूम जाए ऑर मेरा इशारा समझ कर घूम गयी उसकी चूत ऑर चुतड दोनो मेरी आँखो के सामने मेरे मुँह से कुछ इंच की दूरी पर थे मैने फॉरन अपने दोनो हाथो से उसकी कमर पकड़ी ऑर अपनी जीभ उसकी पानी टपकाती हुई चूत पर लगा दी. उसकी चूत से निकलते हुए पानी का स्वाद आज कुछ ज़्यादा ही नमकीन था जो चूसने मे मुझे बोहोत ही स्वादिष्ट लग रहा था. उसकी चूत पर मैने जैसे ही अपनी जीभ फिराना शुरू किया उसके मुँह से आँहे निकल कर पूरे कमरे मे जोरो से गूँज ने लगी. उसके मुँह से निकलती आन्हो ने मुझ पर ऐसा जादू कर दिया था कि मैने उसकी चूत के छेद मे अपनी जीभ को अंदर घुमाना सुरू कर दिया. उधर उसने भी अपनी जीभ को मेरे लंड पर फिराना सुरू कर दिया उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड की चमड़ी को नीचे सरका दिया ऑर मेरे लंड के सुपाडे को मुँह मे ले कर लोली-पोप की तरह चूसने लगी. उसने जैसे ही मेरे लंड को अपने मुँह मे लिया मैं हैरत और उत्तेजना के कारण सातवे आसमान पर था. उसके ऐसा करने से मेरी अंदर से हालत खराब हो रही थी ऑर मैने दोनो हाथ से उसकी चूत को छोड़ कर उसकी चूत के अंदर के भग्नासे को मुँह मे भर लिया ऑर उसी की अदा मे चूसने लग गया.
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ये सिलसिला करीब 10 मिनट तक चला ऑर आगे भी चलता पर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. पानी छोड़ने से 2 मिनट पहले ही मैने अपनी जीभ से उसकी चूत के छेद को बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया था क्योकि उसके मुँह मे मेरा लंड था तो उसके मुँह से सिसकिया घहूऊ घहूओ जैसी आवाज़ मे आ रही थी. जैसे ही वो पानी छोड़ ने के करीब पहुची उसका पूरा बदन एक दम सख़्त हो ता चला गया ओर उसने घहू..... घू की आवाज़ करते हुए आधे से ज़्यादा अपने मुँह मे ले लिया था. उसकी चूत ने जैसे ही पानी के कतरे बाहर फैंकने सुरू किए तो वो कतरे सीधे मेरी नाक, गाल, ऑर होंठो पर लगे जिसके कारण मैने उसकी चूत चूसना बंद करदी. जब उसने मेरी तरफ पलट कर देखा तो मेरे चेहरे पर अपनी चूत के चूदे हुए पानी के कतरे देख कर खिलखिला कर हँसने लगी.
उसको अपनी इस हालत मे हस्ता हुआ देख कर मैं भी हँसने लगा. फिर मैने उसको सीधा लेटा दिया ऑर उसकी टांगे थोड़ी चौड़ी करके उन्हे अपनी जाँघो पर इस तरह टीकाया कि मेरा मुँह आसानी से उसके उरोज तक आ सके ओर मैं दोबारा उसके उरोज को मुँह मे भर कर चूसने लगा. वो अभी भी हल्के-हल्के मुस्कुरा रही थी. क्यूकी मेरे चेहरे पर उसकी चूत का पानी लगा हुआ था जो मैने साफ नही किया था. मेरे इस तरह के आसन से मेरा लंड उसकी चूत की लकीर मे उपर नीचे हो रहा था. मैने अपना चेहरा उसके दोनो उरोज पर ले जाकर उन्हे बारी बारी चूस कर अपना चेहरा उसके चेहरे के सामने किया ओर उसे इशारो से समझाया कि वो अपने योनि रस को अपनी जीब से चाट कर सॉफ करे. उसने मेरा इशारा समझ लिया ऑर अपनी जीभ से मेरे पूरे चेहरे को चाट-चाट कर पूरा सॉफ कर दिया. मुझे लगा था कि वो सॉफ मना कर देगी पर उसने बड़े प्यार से अपनी जीभ को मेरे चेहरे पर फिरा कर पूरा का पूरा सॉफ कर दिया. मुझ से अब बर्दाश्त नही हो रहा था तो मैने उसे लेटा कर उसकी टाँगो को थोड़ा सा ऑर चौड़ा कर के अपने लंड को उसकी चूत की लंबी लकीर पर उपर से नीचे तक रगड़ने लगा. जब मेरा लंड उसके भग्नासे टकराता तो मुझे बड़ा मज़ा आता. उसके मुँह से हाँफती हुई सिसकिया निकल रही थी. आआआआहह...........
सस्स्स्स्शह........
उउउफ्फ................ आआआआहह.........
उूुुुउउ.........
आआआआहह......
ईईईईइश्स्स्स..........
ऑर अपना चेहरा आँखे बंद किए हुए कभी इधर तो कभी उधर घुमा रही थी उसने अपने दोनो हाथो से बिस्तर की चादर को कस कर अपनी मुट्ठी मे पकड़ रखा था. उसकी चूत से दोबारा पानी रिसना सुरू हो गया था मैने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चूत से बहते हुए पानी मे भिगोया ओर ठीक उसकी चूत के छोटे से गुलाबी छेद पर रखा ऑर हल्का सा अंदर की तरफ दबा दिया. उसकी चूत आज बोहोत टाइट थी ये शायद 1 महीने तक चुदाई ना करने के कारण हुआ था. जिस वजह से लंड का सुपाडा अंदर जाने मे तकलीफ़ हम दोनो को ही महसूस हो रही थी. मेरे लंड के दवाब के कारण उसने अपने होंठ बुरी तरह भीच कर बंद कर लिए थे ऑर बिस्तर को अपनी मुट्ठी मे ऑर ज़ोर से जाकड़ लिया. मैने अपने लंड को छेद पर टिकाए हुए ही एक ज़ोर दार धक्का उसकी चूत पर दिया इस धक्के से मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर समा गया. ऑर उसकी एक जोरदार चीख उसके मुँह से निकल गयी. आआआआआऐययईईईईईईईई..........माआआआआ............. म्म्म्मममाआररर गयी....
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मैने उसके दोनो हाथ पकड़े ओर उसके उपर वैसा ही लेट गया ऑर अपने होंठो से उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. थोड़ी देर अपने लंड को बिना हिलाए डुलाए ऐसे ही उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूस्ता रहा जब मुझे लगा कि उसका दर्द ख़तम हो गया है तो मैने उसके होंठो को चूस्ते हुए ही अपने लंड को उसकी चूत मे आगे पीछे चलाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर इस तरह आगे पीछे लंड चलाने से उसे भी मज़ा आने लगा ऑर उसने मेरा साथ नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर देना सुरू कर दिया.
वो पूरी तरह मज़े मे आ चुकी थी ऑर अपनी गान्ड उठा-उठा कर लंड को ज़्यादा से ज़्यादा अपनी चूत मे अंदर लेने की कोसिस कर रही थी. उसका ऐसे गान्ड को उठा उठा कर हिलाने से मैने समझ गया कि ये पूरी तरह से मस्त हो चुकी है. इस लिए मैने भी तेज़ी के साथ अपने लंड को उसकी चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैने जब उसके चेहरे की तरफ देखा तो उसके मुँह से अभी भी हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल रही थी. फिर मैं अपना चेहरा उसके उरोज पर ले आया ऑर अपनी जीभ से उसके दोनो उरोजो को चाटना सुरू कर दिया. उसके मुँह से लगातार सिसकारियो की आवाज़े निकल रही थी.
आआआअहह.........
ष्ह............
आआआआऐययईईईईईईई.........
ओह...... ईीइसस्स्शह.......
मैं कुछ देर तक तो उसे वैसे ही चोद्ता रहा फिर मैने उसे पलट कर अपने उपर लिटा लिया. इतनी देर से चुदाई करते रहने के कारण हम दोनो की साँसे बोहोत जोरो से चल रही थी. फिर वो मेरे उपर चढ़ कर अपनी चूत मे लंड को लेकर अपनी चूत को गोल-गोल घुमा कर अपनी चूत मे घुसाने लगी. जैसे ही वो अपनी गान्ड को इतना उपर उठाती जिससे मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत मे रुक जाता. जिसे वो अपनी चूत मे बुरी तरह से कस कर जाकड़ लेती थी उसके ऐसा करने से मेरा पूरा सरीर बुरी तरह से कंप-कंपा ने लगा. फिर उसने तेज़ी के साथ मेरे लंड पर अपनी चूत को आगे पीछे करना चालू कर दिया. उसके मुँह से हल्की हल्की सिसकियाँ अब भी निकल रही थी. उसके आगे पीछे होने से उसके मस्त-मस्त उरोज भी ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे हिल रहे थे जिसे मैं थोड़ी देर तक बड़ी गोर से देखता रहा फिर अपने दोनो हाथ आगे बढ़ा कर पकड़ लिया. ओर उन्हे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. उसके आगे-पीछे होने की गति मे अचानक गजब की तेज़ी आने लगी ऑर उसका पूरा सरीर अकड़ने लग गया
इधर नीच से मैने भी तेज़ी के साथ धक्के लगाने लगा था कुछ ही देर मे उसकी चूत ने पानी के कतरे छोड़ने सुरू कर दिए जिन्हे मैं अपने लंड पर सॉफ-सॉफ महसूस कर रहा था. उसकी चूत से निकले गरम-गरम पानी गिरने से मेरा सबर भी ख़तम होने लगा, ओर 8-10 धक्के लगाने के बाद मेरे लंड ने भी पानी छोड़ना सुरू कर दिया जो सीधा उसकी चूत की गहराई मे जा कर गिरने लगे. वो निढाल हो कर मेरे उपर ही गिर कर लेट गयी हम दोनो ही की साँसे उखड़ी-उखड़ी चल रही थी जब हमारी साँसे ठीक हुई तो मैने अपने होंठो से उसके होंठो कस कर चूमना सुरू कर दिया इसके जवाब मे उसने भी मेरे होंठो को चूसना सुरू कर दिया. जब हमारा चूमने का सिलसिला ख़तम हुआ तो वो मेरे सरीर से उठ कर सीधी खड़ी हो गई. उसके सीधा खड़े होने से उसकी चूत से सारा पानी टपक-टपक कर मेरी झान्टो ऑर लंड पर गिरने लगा जिसे मैने अपने एक हाथ से अपने लंड पर मलना सुरू कर दिया उसकी चूत से गिरते हुए पानी मे मोटे-मोटे कतरे से थे जिन्हे मसल्ने मे बड़ा मज़ा आ रहा था पर गीला पन ज़्यादा था वो जैसे ही उठ कर खड़ी हुई अचानक से वो बुरी तरह से बेचैन होने लगी जहाँ कुछ ही देर पहले वो बोहोत खुस थी वही उसके चेहरे पर एक बेचैनी सी एक दर्द की सी लकीर सॉफ महसूस हो रही थी और देखते ही देखते वो मेरे उपर गिर पड़ी.
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बोलते बोलते उस बूढ़े की आँखो मे आँसू आ गये. पर उसकी कहानी सुनने के बाद कब मेरी योनि ने रिसना शुरू कर दिया मुझे पता ही नही चला….. वो बूढ़ा जिस तरह से रो रहा था एक तो बूढ़ा उपर से वो जिस तरह से रो रहा था मैं भी अंदर से पूरी तरह एमोशनल हो गयी. वो मेरे बगल मे ही मुझसे चिपक कर बैठा हुआ था. उसने एक नज़र मेरी तरफ देखा और फिर से फुट फुट कर रोने लग गया. मैं बुरी तरह से अंदर से एमोशन होती जा रही थी. उसकी आँखो के आँसू मेरे उपर जैसे किसी जलते हुए अँगारे की तरह गिर रहे थे.
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Superb....badhiya update bhai
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Working on the closure of the story.
Will soon be posting the final update
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Rita ki tadpati jawani ka copy paste h..kuch to alag end krna eska ek do update to apne likho. Happy ending kro eski
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वो जिस तरह से अपनी सेक्स की कहानी सुना रहा था उसके बोलने का अंदाज मुझे बोहोत अच्छा लग रहा था. मैं इसे और आगे तक बढ़ा कर ले जाना चाहती थी पर वो जिस तरह से रो रहा था उस सब ने तो जैसे मुझे अंदर ही अंदर परेशान कर दिया. मुझे समझहह नही आ रहा था कि मैं किस तरह से उसे समझा बूढ़ा कर शांत कर सकु.
“देखो तुम ने जिस तरह से अपने आप को पीछले 5 सालो से रोक रखा है वो तुम्हरा तुम्हारी पत्नी के लिए त्याग है. बोहोत कम लोग होते है जो इस तरह का त्याग अपनी पत्नी के लिए करते है. आप प्ल्ज़ रोना बंद कर दीजिए और अपने आँसू सॉफ कर लीजिए” मैने उसे शांत करवाते हुए कहा.
उसने मेरी बात मान कर अपनी धोती जो वो पहने हुआ था उसे उठा कर अपना चेहरा पोंछ कर सॉफ करने लग गया. उसने अपनी धोती जिस तरह से उपर उठा कर अपने आँसू सॉफ किए. उसकी धोती उपर हो जाने की वजह से उसका लिंग पूरी तरह से खुल कर मेरी आँखो के सामने आ गया. उसका लिंग देख कर मैं हैरान रह गयी. उसका लिंग देख कर मेरी हँसी निकलते निकलते रह गयी. उसका लिंग मुश्किल से 3”इंच के आस-पास होगा वो भी पूरी तरह से तना होने के बाद.
उसने अपनी आँख से आँसू सॉफ कर के अपनी धोती को वापस नीचे कर लिया. पर उसने अपनी धोती को इस तरह से नीचे किया था कि उसका लिंग उसकी धोती से पूरी तरह से बाहर निकला हुआ था. पर वो अब भी हल्के हल्के सिसक सिसक कर रो रहा था.
“देखो तुम बेकार मैं इस तरह से रो कर अपना दिल छोटा मत करो जो हो गया वो हो गया. अब तुम्हारी बीवी तुम्हारे रोने से वापस तो नही आएगी पर हां जो कुछ भी तुमने अपनी बीवी के लिए किया है. वो तुम्हारा तुम्हारी बीवी के प्रति प्यार है.” मैने उसके छोटे से लिंग से ध्यान हटा कर वापस उसको शांत करने की कोसिस की.
“तुम यकीन नही करोगी कि मेरी बीवी कितनी खूबसूरत थी अगर कोई उसे एक बार देख ले तो बस पागल ही हो जाए” बूढ़े ने मेरे आगे अपनी बीवी की तारीफ करना शुरू किया जिसे सुन कर हर औरत के जैसे मुझे भी उसकी बीवी से जलन होने लगी. मुझे ज़रा भी अच्छा नही लग रहा था कि वो मेरे सामने अपनी बीवी की तारीफ करे. एक तो अपनी कहानी सुना कर मेरा पूरा माइंड डिस्टर्ब कर दिया उपर से मुझे जला और रहा था.
“क्या तुम्हारी बीवी मुझसे भी सुंदर थी..” मैने अपने मन मे हो रही जलन के कारण उस से सवाल कर दिया.
“वो भी बिल्कुल तुम्हारे जितनी ही खूबसूरत थी.” बूढ़े ने एक बार फिर से अपनी धोती उपर उठा कर अपनी आँख से बहते हुए आँसू सॉफ किए. “तुमने मुझे मेरी मरी हुई बीवी की याद ताज़ा करवा दी. मेरी आँखो की आगे उसके साथ गुज़रा हुआ एक-एक पल मेरी आँखो के आगे सॉफ दिख रहा है.” बूढ़ा बोहोत ही एमोशनल हो कर बोल रहा था.
“आज तुम को देखा तो मुझसे रहा नही गया.. अपनी बीवी की मौत के बाद से अपनी जो भी इच्छाए थी वो सब मैने दफ़न कर दी थी पर तुम्हे देख कर वो सब की सब फिर से जिंदा हो गयी. उसके बोलने का अंदाज उसके देखे का अंदाज और यहाँ तक कि जिस तरह से तुम बैठी हुई हो बिल्कुल तुम्हारे जैसा था” बूढ़े ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा.
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की वो आख़िर अपनी बीवी के बारे मे मुझे बता रहा था या मुझे जला रहा था. बूढ़ा अब पूरी तरह से शांत हो गया था. मुझे लगा था कि वो अब शांत ही रहेगा पर उसने तो जैसे मेरे उपर बम फोड़ दिया..
“क्या तुम थोड़ी देर के लिए मेरी पत्नी नही बन सकती हो. तुम्हे थोड़ी देर के लिए अपनी पत्नी के रूप मे पा कर मैं धन्य हो जाउन्गा.”
मुझे उस से ज़रा भी इस तरह की उम्मीद नही थी इस लिए मैने उसे ज़ोर से डाँट कर भगा दिया.. वो मुझे गुस्से मे देख कर डर के कारण दूसरी सीट पर बैठ गया.. अब कोई दिक्कत नही थी. मैने भी सोचा कि अब थोड़ी देर आराम कर लिया जाए यही सोच कर मैं विंडो से सर टिका कर आँखे बंद कर बाहर से आती ठंडी हवा को महसूस करने लगी
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बाहर हल्का हल्का अंधेरा सा होने लग गया था. और आसमान मे बादल होने की वजह से बाहर से आती ठंडी हवा मुझे एक अजीब ही तरह का सकून आनंद महसूस करवा रही थी. मैं उस ठंडी हवा को अभी पूरी तरह से महसूस भी नही कर पाई थी कि बाहर से पानी की बूंदे सीधे मेरे उपर आ कर गिरना शुरू हो गयी. बारिश इतनी तेज़ी के साथ शुरू हुई कि कुछ भी सोचती समझती इस से पहले ही मेरे आधे कपड़े गीले से हो गये.
वो बुड्ढ़ा मेरे सामने ही दूसरी सीट पर बैठा हुआ था. मैने पानी से बचने के लिए बस मे दूसरी सीट पर बैठने के लिए सोचा पर पूरी बस मे हर तरफ से पानी की बूंदे अंदर आ रही थी. एक दो सीट पर कुछ लोग बैठे हुए थे जिनमे से 2 तो पति पत्नी थे और बाकी 1 आदमी कंडक्टर के साथ बैठा हुआ था. बस मे बूढ़े और मैं पीछे की तरफ थे और जिस सीट पर बैठा हुआ था वो सीट बस मे सेफ थी जहाँ पर पानी की बूंदे नही आ रही थी. मरती क्या ना करती मुझे अपने कपड़े भीगने से बचाने के लिए उस बूढ़े वाली सीट पर बैठना पड़ेगा यही सोच कर मैं उस बूढ़े की सीट पर जा कर बैठ गयी. सीट पीछे होने की वजह से और बारिश होने की वजह से अंधेरा हो गया था.
बूढ़ा मुझे अपने पास देख कर बोहोत खुस हो गया. उसे लगा कि मैं उसकी बातो से एमोशनल या उत्तेजित हो कर उसके पास आ कर बैठी हू. इस लिए वो भी मेरे पास मे मुझसे एक दम चिपक कर बैठ गया. थोड़ी देर तक हम दोनो एक दम खामोश ही बैठे रहे. पर थोड़ी ही देर मे उस बूढ़े ने अपना नाटक शुरू कर दिया.
उसने अपनी धोती जो वो पहने हुए था को उतारना शुरू कर दिया.
“ये क्या कर रहे हो ?” मैने उसको इस तरह की हरकत करते हुए देख कर कहा.
“वो तुम्हारे कपड़े पूरी तरह से गीले हो चुके थे और तुम्हारे गीले कपड़ो की वजह से मेरी धोती भी गीली हो गयी. इस लिए उसे उतार रहा हू. गीले कपड़े पहनने से दाद खाज खुजली हो जाती है. मैं तो कहता हू कि तुम भी अपने कपड़े उतार दो थोड़ी देर अगर ऐसे ही गीले कपड़े पहन कर बैठी रही तो तुम्हे सर्दी हो जाएगी.” बूढ़े ने अपनी धोती पूरी तरह से उतारने के साथ कहा. उसके इस तरह अपनी धोती खोलने से मैं थोड़ा घबरा गयी. मैने आगे की तरफ इधर उधर नज़र दौड़ा कर देखा कि किसी ने देखा तो नही पर किसी का भी ध्यान हमारी तरफ नही था.
अब वो सीट पर पूरी तरह से नंगा था उसका 3” का लिंग जो पता ही नही चल रहा था कि खड़ा हुआ है या बैठा हुआ है पर वो अपना हाथ फिरा रहा था. मैने उसकी किसी भी हरकत पर कोई गौर नही किया वरना बिना बात के बात आगे बढ़ जाती इस लिए मैं चुप-चाप दूसरी तरफ मुँह कर लिया और अपनी आँख बंद कर ली. थोड़ी ही देर मैं मुझे अपनी थाइस पर कुछ महसूस सा हुआ. मैने पूरी तरह से महसूस किया तो वो बूढ़ा मेरी थाइस सहला रहा था. एक मन तो किया कि एक तमाचा खीच कर बूढ़े को लगा दूं. पर पता नही कहाँ से मन मे ये ख़याल आया कि देखते है कि ये किस लेवल तक जाता है और अगर ये ज़्यादा हद से बाहर जाएगा तो उसे ठीक करने का रास्ता है मेरे पास. इस लिए मैं सोने का नाटक करते हुए थोड़ा नीचे की तरफ हो गयी ताकि आगे की सीट से अगर कोई हमारी तरफ देखे तो उसे हम बिल्कुल भी नही दिखाई दे.