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मौसी की चुदाई,मौसी से चुदाई
#21
मौसी को लगा मै सो रहा हूँ। मौसी ने धीरे से मेरे लंड को एक ऊँगली से छुआ। मेरा लंड छूते ही और बड़ा हो गया। मासी डर कर अपनी अंगुली उठा ली। मेरा लंड मासी को सलाम कर ही चुका था। मासी का भी मूड कुछ चुदवाने के लिए होने लगा। मासी मेरे पास चिपक कर अपना गांड मेरी तरफ करके लेट गई। मासी की गांड में मैंने अपना लंड छुआ दिया। मासी की गांड में मेरा लंड लग रहा था। मासी कुछ नहीं बोल रही थी। मासी को मैंने चोदने का पूरा मूड बना लिया। मैंने सोचा जो होगा देखा जायेगा। आज तो मैं मासी को चोद कर ही मानूंगा। मैंने मासी की गांड पर धक्का मारा। मासी कुछ न कही। मैंने अपना पैर उठाया और मासी की गांड पर रखकर चढ़ गया। मासी ने फिर भी कोई विरोध नही किया। मैंने मासी की एक बूब्स को पकड़ के दबा रहा था। मासी का बूब्स बहुत ही सॉफ्ट था। मासी की बूब्स को मै दबा रहा था। मासी चुपचाप अपना बूब्स दबवा रही थी। मैंने मासी के नीचे से हाथ डालकर मासी की दोनों बूब्स को पकड़ लिया। मासी की दोनों चूचियों को मै दबा रहा था। मासी की पीछे पीठ पर किस करने लगा। मासी की पीठ पर किस करते ही मासी भीं कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी। मासी ने भी इधर उधर होना शुरू किया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#22
मासी अपना मुँह मेरी तरफ करके लेट गई। मैंने मासी की लाल लाल होंठो को छूकर अपना होंठ मासी के होंठो पर रख दिया। मैं कुछ भी करता मासी कोई विरोध नहीं करती थी। मेरी हिम्मत बढ़ती ही जा रही थी। मासी के लाल लाल होंठो को पीना शुरू किया। मासी की होंठ का रस पीते पीते मैंने अपना हाथ मासी के समीज में पीछे नीचे से डाल दिया। मासी की समीज ऊपर उठ गई। मासी का चिकना गोरा पेट दिख रहा था। मासी की ढोंढ़ी बहुत ही अच्छी लग रही थी। मासी ने अपनी आँखे खोल दी। मुझे थोड़ा बहुत ही डर लग रहा था। मासी ने कहा- ये क्या कर रहे हो। मै चुपचाप उन्ही ब्रा का हुक पीछे से पकडे हाथ घुसेड़े रहा। मासी ने मुझसे न चुदवाने को कहा। लेकिन मेरे बहुत मनाने पर मासी मान गई। मैंने कहा हम लोग अपनी सेक्स किं प्यास बुझा रहे हैं कोई देख थोड़ी न रहा। मासी को अपने लंड को छूने वाली बात भी बताई। मासी को पता चल गया कि मैं ये सब देख रहा था। मैंने मासी की होंठ चूसना शुरू किया। इस बार मासी भी साथ दे रही थी। मुझे अब मासी के होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मै मासी के होंठो को चूस चूस कर उनकी पीठ को सहला रहा था। मासी भी मुझे बड़ी कातिलाना नजरों से देख रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#23
मासी और हम एक दुसरे के होंठो को बारी बारी से चूस चूस कर लाल कर दिया। मासी की होंठ गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लाल लाल दिखने लगे। मै मासी की बूबा को दबाने लगा। मासिने भी मेरे लंड को सहला रही थी। मैंने अपना लंड मासी के करीब कर दिया। मासी मेरा लंड हाथ में ले के हिला हिला कर मजे ले रही थी। मासी को मैंने खड़ी होने को कहा। मासी खड़ी हो गयी। मैंने मासी के गले पर किस करते हुए मासी की समीज निकाल दी। मासी दीवाल से चिपकी खड़ी रही। मासी ब्रा में एकदम झक्कास लग रही थी। मैंने मासी के सलवार का नाड़ा खोला। नाड़ा खुलते ही सलवार नीचे गिर गया। मासी ने लाल रंग की ही ब्रा और पैंटी पहनी थी। मासी की सॉलिड बॉडी देखते ही मेरा लंड चोदने को बेकरार हो गया। मैंने भी अपना पैजामा निकाला और अपना बड़ा मोटा लंड मासी के सामने पेश किया। मासी मेरे बड़े मोटे लंड को देखकर चौक गई। अपने मुँह पर हाथ लगाकर बोली- बाप रे इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने पहली बार देखा है। मुझे तो यकीन नहीं होता की तुम्हारा इतना बड़ा लंड है। मैंने मासी से लंड चूसने को कहा। मासी ने लंड चूसने स मना कर दिया। वो सिर्फ मेरे लंड को हाथों में लेकर खेल रही थी। मुठ मारते हुए मासी झुकी हुई थी। मैंने मासी की ब्रा को निकाल कर बिस्तर पर फेंक दिया। मासी ने जब अपना सर उठाया तो मैं उनकी चूंचियों को देखता ही रह गया। मासी की मैंने बिस्तर पर लिटाकर उनका दूध पीने लगा। मासी कक काले रंग का निप्पल बहुत ही आकर्षक लग रहा था। मैं मासी दोनों चूंचियों को जोर जोर से दबा दबा कर पी रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
मासी की साँसे गरम गरम बाहर निकल रही थी। जब भी मै मासी का निप्पल काटता मासी..अई…अई… अई..अई. .इसस्..स्स्स्..स्स्..स्स् करने लगती। मैंने मासी की चूत पर बार बार अपनी हाथ को फिर रहा था। मासी बहुत ही गर्म हो चुकी थी। मासी की पैंटी को मै चूंचियां पीते पीते ही निकाल रहा था। मासी भी अब मजे ले ले लेकर मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी। मैंने भी अपनी टी शर्ट उतारी। मासी की पैंटी निकाल कर उनकी टांगो को फैला दिया। मासी की चूत के दर्शन होते ही मेरा लंड लोहे के रॉड की तरह हो गया। मासी की चूत को मैं चाटने लगा। मासी सिमट सिमट कर मुझे अपने चूत से चिपका रही थी। मासी की चूत भी बहुत सॉफ्ट और गोरी थी। मासी के चूत का दाना सारी लड़कियों से कुछ बड़ा था। मै मासी की चूत अंदर तक जीभ को लंबी करके चाट रहा था। मासी की चूत ने थोड़ा सा पानी छोड़ा। मै उस पानी को चाट गया। मासी की चूत बहुत टाइट दिख रही थी। मासी ने अभी तक शायद कम से कम ही चुदवाया होगा। मासी की चूत को चाटकर मै मासी को तड़पा रहा था। मासी की चूत में जीभ डालते ही मासी सी…सी..सी…ई..ई करने लगती। मासी- और कितना चाटोगे मेरी चूत। बस भी करो। मैंने अपना लंड मासी की चूत पर रख कर ऊपर से नीचे की तरफ रगड़ने लगा। मासी अपना मुँह इधर उधर कर रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#25
मैं उन्हें खूब तड़पा के चोदना चाहता था। मासी की मुँह से कुछ बोल ही नहीं पा रही थीं। मैंने मासी की छूट के छेद से अपना लंड लगाकर उनकी बुर में धकेल दिया। मासी की चूत बहुत टाइट थी। मेरे लंड को बाहर फेंक दिया। मैंने बार बार थूक लगाकर कोशिश की। आखिर कर मेरा लंड जबरदस्ती मासी की चूत में घुस गया। मासी जोर जोर स चिल्लाने लगी। मासी-“आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई.. ..ओह्ह्ह्… .अई…अई…अई..अई….मम्मी…..” करने लगी। मैंने मासी को धीऱे धीऱे चोदना शुरू किया।मासी की दर्द धीमा होने के इंतजार में मै मासी को धीऱे धीऱे चोद रहा था। मासी की चूत धुकुर धुकुर कर रही थी। मासी की चीख धीऱे धीऱे कम होने लगी। मैंने जोर से धक्का मार के मासी की चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया। मासी की आवाज निकलने से पहले ही मैंने मासी की होंठ पर होंठ रख के आवाज को दबा दिया। मासी की चुदाई अब पूरे लंड को अंदर बाहर डाल के कर रहा था। मासी को भी कुछ दर्द हो रहा था। लेकिन फिर भी उन्हें मजा आ रहा था। मासी की चूत को फाड़ दिया। मासी की चूत लाल लाल ही गई। मासी ने भी कमर उठा उठा के चुदवा रही थी। मासी अपनी चूत के ऊपर उँगलियों को रख कर मसल रही थी। मैं मासी की चूत में अपना लंड धका पेल पेल रहा था। मासी-“…..अई….अई….अई….अई…इसस्स्स्स्स्स्स्स्…..उहह्ह्ह्ह..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाजो के साथ चुदवा रही थी। मासी को चोदने में बहुत मजा आ रहा था। यहाँ न कोई डर था।
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#26
मासी भी बेफिक्र होकर चुदवा रही थी। मासी को मैंने कुतिया बनाया। मासी को मैं डॉगी स्टाईल में चोद रहा था। मासी को बहुत मजा आने लगा। मासी भी गांड मटका मटका के चुदवाने लगी। मासी की चूत अपना पानी छोड़ रही थी। मासी को मै छप छप को आवाज के साथ चोद रहा था। मासी की चूत का गिरता पानी मैंने अपने हाथों में ले लिया। थोड़ा सा खुद चख के मासी को चखा दिया। मासी ने अपने चूत के माल को थूक दिया। मैने मासी कों खड़ा किया। मासी की एक टांग उठाकर मैने मासी की चूत में लंड डाल दिया। मासी बार बार अपनी चूत से माल निकाल रही थी। मैंने मासी की चूत चोद कर उसका भरता लगा डाला। मासी अपनी चूत पर उंगलियों से मसाज कर रही थी। मैंने मासी को लिटा दिया। उनकी दोनों टांगो को उठाकर मै उन्हें आगे पीछे करके चोद रहा था। मासी की चूत पानी छोड़ रही थी। मैंने मासी की चूत से अपना गीला लंड बाहर निकाला। मैंने मासी की गांड में अपना लंड घुसाने लगा। मासी मेरे लंड से गांड मारवाने से डर रही थी। मासी की चूत का तो कीमा बन चुका था। मैंने मासी के मना करने पर भी मैंने अपना लंड मासी की गांड में घुसा दिया। मासी जोर जोर से “….आ आ आ आ अह्हह्ह…अई…अई ….ईईईई ईईई मर गयी….मर गयी—-मर गयी…मैं तो आजजजजज!!” चिल्लाने लगी। मासी की गांड भी फाड़ डाली। मासी रोने लगी। मैंने अपना लंड उनकी गांड में पेलता रहा। कुछ देर बाद मासी के गांड का दर्द आराम होते ही मासी भी गांड उठा उठा के मरवाने लगी।
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#27
मासी की कभी गांड मारता तो कभी उनकी चूत में लंड घुसा के गीली करके मासी के गांड में पेल देता था। मैं लेट गया। मासी के गांड की छेद को लंड से लगाकर बैठा लिया। मासी अब खुद ही गांड मरवा रही थी। मैं मासी की दोनो चूंचियों को निचोड़ रहा था। मासी जल्दी जल्दी ऊपर नीचे हो रही थी। मैंने मासी की गांड में अपना लंड उठा उठा के पेलने लगा। मासी की गांड में पूरा लंड घुसेड़ देता था। मासी की चीखे निकल जाती। फिर भी मासी “..उंह उंह उंह हू… हूँ…हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह…अई… अई…अई…..” करती रहती और गांड उठा उठा के मरवाती रहती। मैं कब झड़ने वाला हो रहा था। मासी को मैंने बैठा दिया। मैंने मासों की चेहरे पर अपना लंड घुमा घुमा के मुठ मार रहा था। मैंने मासी की चेहरे को अपने लंड के माल से धो दिया। मासी ने जीभ से मेरे लंड के माल का स्वाद चखा। मासी ने अपना चेहरा साफ किया। पूरी रात मासी और हम नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे। रात में मैंने कई बार चुदाई की। दो तीन दिन बाद मैं अपने घर चला आया। मासी की चूत जब भी मुझे चोदनी होती है। मैं इलाहाबाद चला जाता हूँ। मासी भी जब मेरे घर आती है। मै उनकी खूब चुदाई करता हूँ।
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#28
भांजे ने चोदकर मेरी प्यास बुझाई
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#29
(14-01-2021, 01:12 PM)neerathemall Wrote:
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#30
मैं मधु श्रीवास्तव बाँदा जिला में रहती हूँ। मेरी उम्र 35 साल है। मेरी फिगर 40,36,42 है। मैं सरकारी कॉलेज में अध्यापिका हूँ। मै जब बच्चों को पढ़ाती हूँ। तो वो मेरे उभरे हुए मम्मे को देखते रहते हैं। मै जब बोर्ड पर कुछ लिखती। तो वो मेरे टाइट ब्रा को देखते रहते थे। ये बात मुझे मेरी साथ की दूसरी मैडम ने बताया। मेरे मम्मे बड़े बड़े जैसे बेल लगते है। मेरी गांड बाहर की तरफ काफी निकली है। मुझे मेरी साथ के सभी अध्यापक चोदना चाहते हैं। लेकिन मैंने कभी किसी को अपनी चूत को चोदने का मौका नहीं दिया। मेरी चूत ने अभी दो ही लंड खाये हैं। एक मेरी पति और दूसरी मेरी भांजे की खायी है। मेरी चूत में हमेशा ही चुदने की खुजली होती रहती है। मैं अपनी चूत की खुजली को उंगलियों से बुझती हूँ। मेरी पति ज्यादा बाहर ही रहते हैं। शादी की कुछ दिन बाद ही वो बाहर चले गए थे। अब तक उन्होंने मुझे एक बच्चे की माँ बना दिया है। पहले वो मुझे खूब चोदते थे। लेकिन अब मैं अकेली ही घर पर सिर्फ उँगलियों से अपनी चूत की प्यास बुझती थी।मैं आपका ज्यादा समय नष्ट करके अपनी जीवन की सच्ची कहानी बताती हूँ।
दोस्तों बात 2015 की है। मेरा भांजा आकाश मेरे घर आया था। वो दिल्ली से MBA कर रहा है। बहुत दिन बाद आया था। सबके बारे में बात चीत हुई। वो ज्यादा खूबसूरत तो नहीं है। लेकिन उसकी बॉडी बहुत ही जबरदस्त है। मै मचल रही थी। उससे चुदवाने के लिए। मैंने उसे कुछ दिन रूकने को कहा। लेकिन बहुत मनाने पर वो मान गया। हम लोग शाम को बाज़ार गए। मेरा बेटा जय देव उससे 3 साल छोटा है। वो भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढता है। मेरी सास ससुर बाहर कमरे में खाना खा के लेट गए। आकाश भी हमे बहुत कातिलाना नजरो से देखता था। जब मैं बाजार से आ रही थी। तो मेरा पर्स गिर गया। मै उठाने लगी तो उसने मेरे उभरे हुए। बड़े बड़े चुच्चों के दर्शन करना चाहा। मैं भी और झुक गई। मन में कहा कर ले बेटा चूचियों के दर्शन। तुझे तो मैं चूत का भी दर्शन कराऊंगी। कुछ देर बाद मैने उसे मुठ मारते देखा। वो मुठ मार कर जब आया। तो मैंने उसे अपने पास लेटने को कहा। उसने पास के बिस्तर पर लेटने को कहा। तो मैंने उसे कहा छोटा था। तो मेरे पास ही लेटता था। अब बड़े हो गए। तो मेरे पास नहीं लेटोगे। वो आकर मेरे बिस्तर पर लेट गया। मै भी चुदासी थी। जल्द ही जाकर बिस्तर पर लेट गई। मेरी चूत में हलचल मच रही थी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। वो भी करवटे बदल रहा था। उसका लंड खड़ा था।
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#31
करवट बदलते समय उसका लंड मेरी गांड में लग रहा था। वो भी मुझे चोदने के लिए परेशान था। रात के 1 बज गए। उसने अपना पैर उठा के मेरी गांड के ऊपर रख दिया। मै चुपचाप सब करवाती रही। मैंने भी बहुत दिन हो गया था। चुदाई नहीं की थी। मुझे भी चुदवाने का बहुत मन कर रहा था। मैंने भी करवट ली और अपना चूत उसके लंड के करीब कर दिया। सोने का नाटक करने लगी। उसने मेरी गुलाबी होंठों को देख रहा था। कुछ देर बाद उसने अपना होंठ मेरे होंठ पर रख दिया। चुपके से धीरे से किस किया। मैंने कुछ नहीं बोला। वो दो तीन बार किस करके बेफिक्र हो गया। उसे लगा की मैं गहरी नींद में सो रही हूँ। उसने मेरे होंठो को और जोर से किस करने लगा। उसने अपनी आँखे बंद कर ली। अब वो मुझे जोर जोर से किस कर रहा था।
मै भी गर्म हो रही थी। लेकिन सोचा कुछ आगे तक इनका प्रोग्राम बढ़ने दूं। मैंने अपनी चूत को और आगे करके उसके लंड से चिपका दिया। वो मेरी होंठों को चूसते हुए। अब वो मेरी बूब्स को मक्स्ल रहा था। फिर भी मैं चुपचाप रही। मुझे बहुत मजा आ रहा था। अब वो मेरी बूब्स मक्खन जैसी बूब्स को दबाकर उसका भरपूर आनंद ले रहा था। किस करते हुए उसने अपने पैजामे से लंड को निकाल कर मुठ मारने लगा। मैंने भी उसे किस किया। वो चौंक कर हट गया। और अपना लंड फिर से अपने पैजामे में डाल लिया। मैंने अपना हाथ उसके पैजामे पर रख दिया। उसका लंड सहलाती रही। मैंने उसे कहा- सिर्फ किस ही करोगे। आज तुम अपनी मामी के साथ सेक्स करो। उसने न बोल दिया। मैंने उसे राजी कर लिया। मैंने कहा आज तुम अपने मामी को सेक्स का भरपूर आनन्द दो। मैंने उसका लंड पकड़कर दबा लिया। वो डर गया। उसे लगा मै मजाक कर रही हूँ। मैंने उसका लंड पकड़ कर अपने टांगो को उठाकर उसके ऊपर रख दिया। मै भी अब उसे किस करने लगी। कुछ देर तक तो वो खामोश रहा। फिर उसने मुझे जोर से पकड लिया। अब वो भी किस करने लगा।
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#32
अब वो मेरी गुलाबी होंठ को ऐसे चूस रहा था। जैसे वो कोई आम चूस रहा हो। उसने मेरी होंठो को चूस चूस के और लाल कर दिया। मैंने भी उसे खूब किस किया। वो मेरी बूब्स को दबा रहा था। मेरी बूब्स बड़ी थी। उसके हाथों में न आने के कारण वो सिर्फ मेरे निप्पल को ही समीज के ऊपर से दबा रहा था। जब वो मेरी निप्पल को दबाता तो मेरी मुँह सर सी सी सी ई ई ई की आवाज निकल जाती थी। मै कहती और दबा अपनी मामी की बूब्स को। आज सारा रस निकाल ले उसकी चूंचियों से। वो और जोर से दबाने लगता। मै भी उसका लंड सहला कर खड़ा कर दि। उनका बाहर निकलने को बहुत बेकरार था। लग रहा था पैजामे को फाड़ ही डालेगा। मैंने उसके पैजामे का नाड़ा खोला। उसका लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लगी। वो अपनी काम में जुटा रहा। वो मेरी बूब्स के साथ ही खेलता रहा। उसने मुझे बैठाया। मेरी समीज निकाल कर उसने मुझे सिर्फ ब्रा में कर दिया। अब वो मेरी ब्रा में हाथ डाल कर मेरी मम्मो को दबाने लगा। उसने मुझे करवट करके मेरी ब्रा पर किस करते हुए। उसने मेरी ब्रा निकाल दी। अब वो मुझे अपनी तरफ करके। मेरी चूंचियों को पीने लगा। चूँचियों को पीता रहा। मेरी निप्पल को काट रहा था। जब भी वो मेरी निप्पल काटता था। मै उसके लंड को जोर से दबा देती थी। उसको भी अब मेरे साथ बड़ा मजा आ रहा था। वो मेरी चूंचियों को पी पीकर दबा रहा था। मैंने भी अब उसके लंड को हिलाना शुरू किया। उसका लंड अब 8.5 इंच का हो गया था। मै तो देख के चौक गई। पहले तो इसका लंड बहुत छोटा था। अब कितना बड़ा और मोटा हो गया है। मैं उठी और उसका लंड चूसने लगी। मई उसके लंड को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। उनका लंड काला था। लेकिन उनका ऊपर का हिस्सा गोरा था। मैंने उसके लंड को मुँह में बहुत अंदर ले जाती। उसका लंड टाइट हो गया। बिल्कुल रॉड की तरह हो गया। उसका गरम गरम लंड अपने मुंह में रख कर बहुत अच्छा लग रहा था। उसके नसें उभरी हुई दिख रही थी। मेरी भी चूत में आग लगी हुई थी। उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोला। सलवार को बड़े ही आसानी से सरकाते हुए नीचे कर दिया। मई उसका लंड चूस रही थी। वो मेरी पैंटी के ऊपर से ही चूत की खुशबू को सूंघ रहा था। वो मेरी पैंटी सहित चूत में उंगली कर रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#33
सकी उंगली पर मेरी पैंटी कॉन्डोम की तरह लिपटी थी। मैंने उसके सुपारे को चूस चूस कर गुलाबी कर दिया। अब वो भी जोश में आ गया। मैंने उसे चूत चाटने को कहा। वो मेरी पैंटी को एक हाथ से पकड़कर किनारे किया। वो मेरी चूत चाटने लगा। अपनी जीभ मेरी चूत पर चलाने लगा। मेरी चूत को वो अब चाट रहा था। मेरी चूत अब गीली हो चुकी थी। क्योंकि मैं झड़ गई। उसने मेरी चूत के रस को चाट रहा था। वो अपनी जीभ को अंदर तक मेरी चूत में डालकर सारा रस चाट गया। मेरी पैंटी को उतार कर मेरी चूत के अच्छे से दर्शन किये। वो भी मेरी साफ साफ चूत को देख कर बौखला रहा था। अब वो मेरी चूत को सही से चाटने लगा। बीच बीच में वो मेरी चूत के दाने को काट रहा था।
मै सिमट जाती जब वो मेरी चूत के दाने को काटता था। मैं कहने लगी- आह चाट मेरी छूट को और जोर से। आज इसका सारा माल तुम्हे पीना है। काट ले मेरी चूत को चूस मेरे चूत के पंखुड़ियों को। वो मेरी चूत के एक एक पंखुड़ी को बारी बारी से चूस रहा था। उसने मेरी चूत को चूस चूस कर लाल कर दिया। मै बहुत गरम हो चुकी थी। मेरी चूत भी अपना पानी छोड़ रही थी। मै अब उसके लंड को चूत में डालने के लिए बेकरार थी। वो मुझे तड़पा रहा था। वो मेरी चूत को चाटता रहा। मैंने अब उसका सर पकड़कर अपनी चूत में चिपका दिया। मेरी चूत पर एक भी बाल नहीं था। मैं उसके लंड को पकड़कर दबाने लगी। मै भी उनके लंड को जोर जोर से हिला कर मुठ मारने लगी। उसके लंड ने भी थोड़ा सा पानी छोड़ा। मैंने उसे चाट लिया। मैंने उसका लंड अपने चूत की तरफ करने लगी। वो समझ गया कि अब मामी चुदने वाली है। उसने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रख कर रगड़ने लगा। वो अपने लंड को रगड़ता ही जा रहा था। मेरी चूत चुदवाने को मचल रही थी। उसने लंड को रगड़कर मेरी चूत में डाल दिया। मेरी बहुत दिनों बाद चुद रही थी। इसलिए वो थोडा टाइट हो गई थी। मेरी मुँह से सी सी सी ई ई ई ई उह की आवाज निकल गई। अब वो मुझे चोदने लगा। मुझे इतने दिनों बाद चुदवा के बाद मजा आ रहा था। मै भी उछलने लगी और मेरी मुँह से “उ उ उ उ उ——अअअअअ आआआआ— सी सी सी सी—– ऊँ—ऊँ—ऊँ—-”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#34
” की आवाजों से पूरा कमरा भर गया। मै उसे और जोर से कहके उनकी चोदने की स्पीड को बढ़वा रही थी। मै उसे गालियां देकर चुदाई करवा रही थी। मै कह रही- “—अई—अई—-अई—-अई—-इसस्स्स्स्स्स्स्स्——उहह्ह्ह्ह—–ओह्ह्ह्हह्ह—-चोदोदोदो—मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” फाड़ डालो आज मेरी चूत को। बुझा दो आज मेरी चूत की प्यास को। वो भी अपनी स्पीड बड़ा के बोल रहा था। लव साली मेरी रंडी मामी आज मैं तेरी चूत को फाड़ कर आज इसका भोषडा बना दूंगा। तू भी मेरे लौंडे से की इस चुदाई को याद रखेगी। मुझे वो अब और जोर जोर से चोद रहा था। मै भी खूब जोर जोर से उछल उछल के चुदवाने लगी। वो मेरी चूत को फाड़ता रहा। वो मेरी मम्मो को बहुत तेजी से दबा रहा था। उसका गरम लंड को मेरी चूत ने अपने पानी से नहला दिया। अब उसका लंड और तेजी से चोदने लगा। मेरी चूत का रस अब तेल का काम कर रही थी। मेरी चूत से अब छप चप छप छप की आवाज आने लगी। मै कब तक कई बार झड चुकी थी। उसका लंड अब भी वैसे ही चुदाई कर रहा था। मेरी चूत झड़ कर ढीली हो गई। उसने मुझे कुतिया बनाकर मेरी चूत में लंड को डाल दिया।
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#35
वो मेरी कमर पकड़ कर मुझे जोर जोर से चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत को लगातार फाड़ता रहा। उसने अपना भीगा हुआ लंड चूत से निकालकर मेरी गांड के छेड़ पर रख दिया। मैंने उसे गांड मारने से मना किया। लेकिन वो नही माना उसने अपने लंड पर थूक लगाकर गांड में डाल दिया। मेरी तो गांड फट गई। उसका इतना मोटा लंड मेरी गांड को फाड़ दिया। मै जोर से चीखने लगी। वो मेरी गांड धीरे धीरे मारने लगा। कुछ देर बाद दर्द थोड़ा कम हुआ। तो मुझे भी गांड मरवाने में मजा आने लगा। उसने अपना पूरा लंड अब मेरी गांड में डाल कर अंदर बाहर कर। मेरी गांड मारने लगा। मै भी गांड मटकाने लगी। अब वो और जोर से मेरी गांड मारने लगा। मै कहती रही आज तू मेरी गांड भी फाड़ डाल। आह आऊ—–आऊ—-हमममम अहह्ह्ह्हह—सी सी सी सी–हा हा हा–” और जोर से पेलो मेरी गांड में। फाड़ मेरी गांड तेरी माँ की चूत फाड़ मेरी गांड।अब वो और तेजी से अपना लंड चलाने लगा। वो भी अब झड़ने वाला धीरे धीरे होने लगा था। उसने अपनी स्पीड खूब तेज कर ली। अब मुझे लगने लगा ये सच में आज मेरी गांड फाड़ डालेगा। वो अब जोर जोर से साँसें छोड़ के मेरी गांड को धक्के पर धक्के मारने लगा। उसका लंड अब और भी गर्म हो गया था। उसने अपने लंड को पूरा अंदर बाहर बहुत तेजी से करने लगा। मई भी अब तक थक चुकी थी। लेकिन वो जोश में होने के कारण अब तक पेल रहा था।अब वो झड़ने वाला हो गया। उसने जल्दी से अपना लैंड निकाल कर मेरी मुँह में डाल दिया। वो मेरी मुँह में मुठ मारने लगा। कुछ देर मुठ मारने के बाद वो मेरी मुँह में ही झड़ गया। मेरी मुँह को उसने अपने लंड के रस से लबालब भर दिया। मै उसका सारा रस पी गई। अब वो भी थक कर मेरी ऊपर ही लेट गया। उसने उस रात कई बार मेरी चुदाई की। कुछ दिन रूक कर वो मुझे मेरी पति की तरह रहकर मुझे चुदाई का आनन्द देता रहा। अब जब भी वो आता है। 2 ,3 दिन रूक कर मेरी चुदाई करके ही जाता है।
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#36
fight 















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#37
तड़पती चूत को भांजे के लंड से चुदवाया
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#38
मेरा, नाम लीना है और में 39 साल की एक शादीशुदा औरत हूँ. मेरी किस्मत अच्छी है कि में आज भी बहुत सुंदर और सेक्सी हूँ. दोस्तों में भी आप सभी की तरह पिछले कुछ सालो से सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके बहुत मज़े लेती आ रही हूँ.

मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियाँ पढ़ी है और फिर एक दिन मेरे मन में भी अपने जीवन की उस सच्ची घटना को लिखकर आप सभी तक पहुँचाने के बारे में वो विचार आया और मैंने इसको मेहनत करके लिखना शुरू किया और आज आप सभी के सामने है. दोस्तों मुझे अच्छी तरह से पता है कि कई लंड वाले मेरी इस आज की सच्ची कहानी को पढ़कर मुझे एक बार जरुर चोदना चाहेंगे.

दोस्तों इस समय में सो कर उठी हूँ और इस समय घर पर में बिल्कुल अकेली हूँ. मेरी बहुत इच्छा हो रही है, मैंने काली बॉर्डर की गुलाबी रंग की साड़ी और गुलाबी रंग का ब्लाउज पहना हुआ है ब्लाउज के अंदर सफेद रंग की जालीदार ब्रा में मेरे बूब्स तन रहे है इसलिए में बहुत कसा हुआ सा महसूस कर रही हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#39
मुझे ऐसा ऐसा महसूस हो रहा है कि कोई आकर मेरे बूब्स को निचोड़ दे और नीचे गुलाबी रंग के पेटीकोट के अंदर हल्के नीले रंग की पेंटी मैंने पहनी हुई है और इस समय मैंने अपनी साड़ी जाँघो तक उठाकर पकड़ लिया है और पेंटी को नीचे सरकाकर में अपने एक हाथ से बार बार अपनी चूत को सहला रही हूँ और बूब्स पर भी थोड़ी थोड़ी देर में अपने हाथ को घुमा रही हूँ. मेरी चूत के बाल इस समय थोड़े से बड़े हुए है क्योंकि मैंने पिछले दो महीनो से चूत की सफाई नहीं की है, लेकिन यह बाल जब भी पेंटी से रगड़ते है तो मुझे मज़ा भी बहुत आता है और में मन ही मन में सोचती हूँ कि काश कोई जवान मर्द इस समय मेरे पास होता. मेरी इस कहानी को पढ़कर मेरी कई बहनों को अपनी जवानी के वो दिन याद आ जाए.

मुझे लड़को से सेक्स की बातें करना और लंड, चूत, भोसड़ा, बूब्स, गांड, चुदाई जैसे बहुत सारे शब्द सुनना अच्छा लगता है क्योंकि में हमेशा खुलकर सेक्स का मज़ा करना चाहती हूँ. मुझे सेक्स फेंटेसी बहुत पसंद है और अब आप लोगों को ज्यादा बोर नहीं करना चाहती इसलिए वो घटना सुनिए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#40
यह आज से करीब दस साल पुरानी एक सच्ची घटना है, तब मेरी ननद का लड़का जिसका नाम अज्जू है, जिसकी उम्र 18 साल थी वो अपने पेपर देने के लिए हमारे घर आया हुआ था और उन दिनों मेरे पति अपनी कंपनी के काम से हमेशा बाहर ही रहते है तब भी बाहर गए हुए थे और इसलिए में उन दिनों सेक्स के लिए बहुत परेशान रहने लगी थी. हमारे घर में सिर्फ़ दो कमरे थे जिस वजह से अज्जू से मुझे बहुत चिड़ हो रही थी कि इसकी वजह से मेरे जीवन का सेक्स करने का आनंद जा रहा है.

फिर उस दिन मेरे पति रात की ट्रेन से पूरे सात दिनों के लिए बाहर जाने वाले थे और मेरे पति ने उनके ऑफिस जाने से पहले मुझसे बोला कि वो आज दोपहर को वापस घर आ जाएँगे जब अज्जू उसके कॉलेज में रहेगा फिर हम दोनों बहुत प्यार से जमकर सेक्स का मज़ा करेंगे, क्योंकि उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से पूरे सात दिन नहीं मिलेंगे और ना मुझे उनके साथ सेक्स का मज़ा उन दिनों मिलेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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