14-01-2021, 11:03 AM
मौसी की चुदाई,मौसी से चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
मौसी की चुदाई,मौसी से चुदाई
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14-01-2021, 11:03 AM
मौसी की चुदाई,मौसी से चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:03 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:04 AM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:05 AM
(14-01-2021, 11:04 AM)neerathemall Wrote: 1 मौसी की चुदाई
मेरी जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई मेरी मौसी वाली था।
मेरी मौसी भी अभी जवान थी, उनकी उम्र 23 वर्ष होगी। कद 5.8 फीट थी और उनका फिगर 36 26 38 था। उनका रंग भी साफ था , और उनके मम्मो का तो जवाब नही. क्या लग रहें थे। उनके मम्मे मस्त -२ गोल और थोड़े बड़े लेकिन बिल्कुल मुलायम और सॉफ्ट थे। जब वो चलती थी तो उनकी गांड की चर्बी ऊपर नीचे होती थी। मै तो उसे देख कर पागल हो जाता था। मौसी मेरे घर बहुत बार आ चुकी है, लेकिन अभी तक हमारे बीच कुछ नही हुआ था। जब वो आती थी मेरे घर तो मै उनको खूब लाइन देता था और साथ में वो भी मुझे थोड़ी लेने देती रहती थी। वो मेरी सगी मौसी नही लगती थी लेकिन रिश्ते में तो वो मेरी मौसी ही थी। ये कहानी तो आज से 4 साल पहले शुरू हुई था, जब मेरे चाची की बहन सपना मेरे घर आई थी। मै तो पहली बार में ही उसका दीवाना हो गया था। मै भी बहुत स्मार्ट था इसीलिए सपना मौसी भी मुझे थोड़ी -२ लाइन देती थी, लेकिन वो अपने रिश्ते को लेकर पीछे हट जाती थी। वो मुझसे बहुत बातें करतीं थी और मै भी उनसे मज़े लेते हुए खूब बातें करता था। लेकिन बातों से ही सब कुछ थोड़ी ना होता है। हर साल गर्मी की छुट्टियों में सपना मौसी अपने दीदी के घर आती थी। और मै कुछ भी नही कर पता था। लेकिन मेरी किस्मत बदलने वाली था, मुझे अपने मौसी के चूत को चोदने का मौका खुद भगवान देने वाला था। हर साल की तरह इस बार भी मौसी गर्मियों में आई हुई थी। मैंने तो सोच लिया था, कि इस बार मै उनको किसी तरह से प्रपोस कर दूँगा और किसी भी तरह से उनको चोदने आ मज़ा उठाऊंगा। मई के महीने का अंतिम सप्ताह चल रहा था, और मंगलवार का दिन था, उस मंगल को बड़ा मंगल था। चाची चाचा और सपना मौसी भी उस दिन मंदिर गई थी। इतिफाक से मै भी मंदिर गया था। मुझको वहां मंदिर में सभी लोग मिल, मेरी चाची को ये बात पता थी कि मै सपना को पसंद करता हूँ। उन्होंने कुछ सोच के सपना को मेरे साथ में पूजा करने के लिए भेज दिया। पूजा करने के बाद चाची और चाचा दोनों गाड़ी से चले गये और मुझे सपना को लाने के लिए कहा। मेरे मन में तो लड्डू फुट रहा था। मैंने रास्ते में आते हुए सपना मौसी का हाथ पकड़ा और बोला – “I LOVE YOU” “ मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ” और मुझे पता है कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो? पहले तो वो कुछ नही बोली फिर थोड़ी देर बाद कुछ सोच कर बोली – ‘”हाँ मै तुम्हे पसंद करती हूँ”, लेकिन हमारा रिश्ता तो माँ बेटे का है। मैंने उससे कहा – “देखो तुम मेरी सगी मौसी तो हो नही, और प्यार और जंग में तो सब जायज होता है ना” । थोड़ी देर तक सपना कुछ ना बोली धीरे धीरे हम अपने घर पहुचने वाले थे , मैंने उसका हाथ छोड दिया और मैंने उससे कहा – “मै तुम्हारे जवाब का इंतजार करूँगा”। हम घर पहंच गये। मै अपने घर चला आया। रात हो गयी मै उसके ही बारे में सोच रहा था, मै सोच रहा था कि अब क्या करू ? अगले दिन कि सुबह हुई, मुझे क्या पता था किया आज मेरे लिए बहुत अच्छा दिन था। सुबह के 8 बज रहें थे, मै अपने कमरे में बैठा था, थोड़ी देर बाद सपना मेरे कमरे में आई, उसके हाथ में कागज का टुकड़ा था। उसने उस कागज के टुकड़े को मेरे हाथ में रख कर चली गई। मैंने जल्दी से उसे खोला , उसमे लिखा था कि हाँ मै भी तुमसे प्यार करती हूँ और तुम्हे बहुत सारा किस करना चाहती हूँ। तम मुझे अपनी पहली किस कब दोगे। मै बैचैनी से तुम्हारे किस का इंतजार कर रही हूँ। ये सब पढ़ के मै बहुत खुश था, मै उसके किस और उसकी चुदाई के बारे सोचने लगा। मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने अपने लंड को शांत करने के लिए अपने कमरे कि कुण्डी लगाई ,और अपने लंड को निकल कर मुठ मारने लगा। मै सपना मौसी के बारे में सोच कर मुठ मरे जा रहा था । बहुत देर तक मुठ मारने के बाद मेरा माल निकलने वाला था। मेरे मुठ मरने कि रफ़्तार बहुत तेज हो गई थोड़ी ही देर में मेरे अंदर का सारा माल निकल गया।मुझे बहुत अच्छा लग रह था। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:06 AM
शाम हो गई, मै चाचा के घर पहुंचा चाची खाना बाना रही थी और चाचा घर पर थे नही, मैंने समय का फायदा उठाते हुए सपना को कमरे में ले गया। और मैंने उसका हाथ पकड लिया, वो थोडा घबरा रही थी, लेकिन मैंने जब उसके हाथ को पीना शुरू किया तो धीरे धीरे उसका डर खत्म होने लगा। हाथ को पीते पीते मै उसके गर्दन से होते हुए मै उसकी पतली और मलाई की तरह मुलायम और रसीली हाथो को पीने लगा। मेरा लंड खड़ा होकर टाइट हो गया, सपना भी मुझसे चिपक कर मुझे किस करने लगी। मेरा एक हाथ उसके मम्मो पर था और एक हाथ उसकी कमर पर। मै उसके मम्मो को पूरे जोश से दबा रहा था। ३० मिनट तक किस करने के बाद जब मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को दबने लगा .. तो उसने मुझसे कहा कोई आ जायेगा चलो? मेरा तो चुदाई करने का पूरा मूड बन चूका था। मै अपने आप को रोक नही पा रहा था।
उस दिन मुझे फिर से मुठ मार कर काम चलाना पडा। मैंने सपना को चोदने का एक प्लान बनाया, मेरा एक दोस्त था जिसका घर हमेसा खाली रहता है और वो लोग गावं में रहते है। ,मैंने उससे कह कर घर की चाभी मंगवाली और मौसी को बाज़ार ले जाने के बहाने से अपने दोस्त के घर पर ले गया। वहां मैंने सारा इंतजाम कर लिया था। शाम के 4 बजे हम लोग वहां पहुच गये। हम दोनों बेडरूम में आ कर बैठ गये और थोड़ी देर तक सेक्सी बातें करते रहें। कुछ देर बाद मैंने सपना ने अपने हाथो में मेरे हाथो फसां लिया और मेरे हाथो को चूमने लगी। मैंने भी अपने हाथ से मौसी की जांघ पर रख दिया। और उसको किस करने के लिया उसकी ओर बढ़ने लगा। हम दोनों पास आ गये मैंने अपने होठ को उसके होठो से चिपका दिया और उसके होठो को अपने मुह में लेकर पीने लगा। मै उसके होठ को वासना से चूस रहा था, और वो भी अपने जिस्म की गर्मी को मेरी होठो चूस कर निकल रही थी। मैंने अपनी मौसी के होठो को लगातार 35 तक पीता रहा। किस करने के बाद हम दोनों ने अपने कपडे को उतार दिया, मै केवल अंडरवेअर में था और मौसी टू पीस बिकिनी में थी। मै उसको बिकिनी में देखकर तो दंग रह, उसका बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था और उसकी ब्रा से आधा चूची बाहर निकला हुआ था। ये देखकर मेरे अंदर की वासना जाग उठी। मैंने उसके हाथ को पकड़ा और हाथो से चूमना शुरू किया और हाथो को चुमते हुए मै उनकी कंधे की ओर बढ़ने लगा। मैंने बहुत देर तक मौसी की गर्दन को पीने के बाद मैंने अपने मौसी के ब्रा को निकल कर नीचे फेक दिया। और उनके गोरे -2, बड़े बड़े और चिकने मम्मो को दबाते हुए पीने लगा। मौसी को भी बहुत मजा आ रहा था। मेरे अंदर वासना की आग भडक उठी। मम्मो को पीते पीते मैं मौसी के निचले भाग की तरफ बढ़ने लगा। धीरे धीरे मै उनकी नाभि के पास पहुँच गया, मै अपने खुरदरे जीभ से मौसी की मुलायम सी नाभि को पीने लगा। मौसी भी बेकाबू होने लगी, उनकी वासना इतनी बढ़ चुकी थी पूरा शरीर गरम हो गया था। मै बहुत देर तक उनकी नाभि को पीता रहा। नाभि को पीते हुए मैंने अपनी उंगली से मौसी की कोमल सी चूत को मसलने लगा। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:06 AM
चुदाई के खत्म होने के बाद मैंने और मौसी ने बहुत देर तक एक दूसरे को चाटते रहें। कुछ देर बाद हमने अपने अपने कपडे पहन लिया और बांहों में बांहे डाल कर किस करने लगे। मैंने अपने मौसी से पूछ – मेरे चुदाई से मजा आया। तो उन्होंने हस्ते हुए कहा – तुम बहुत मजाकिया हो।
हम घर चले आये, मुझे क्या पता था की आज मेरी पेलाई होने वाली है। मेरी और मौसी के चुदाई के बारे में पता नही कहाँ से पापा को पता चल गया। मेरे घर आते ही मेरे आते ही पापा ने मेरी एक मोटे डंडे से खूब पेली की। मैंने तो सोच लिया की घर के किसी को कभी भी मत चोदो वरना चुदाई से ज्यादा पेलाई हो गयेगी जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-01-2021, 11:12 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-01-2021, 11:14 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:14 AM
पर हुस्न की मल्लिका हूँ। मेरे गोर गोर गाल लाल लाल होठ मदमस्त मेरी चाल और उभरे हुए चूतड़, मध्यम साइज की मस्त चूचियां और पतली कमर किसी को भी दीवाना बना दे। पर मुझे पता नहीं था एक दिन मेरा भाई ही दीवाना हो जाएगा और मुझे चोद देगा। आज मैं आपको अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ।
मैं उदयपुर में रहती हूँ, मेरा भाई कल ही दिल्ली से उदयपुर आया वो दिल्ली में पढता है। मेरे से तीन साल बड़ा है। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुले विचार के हैं हम दोनों भाई बहन की तरह कम बल्कि एक दोस्त की तरह ज्यादा रहते हैं। माँ पापा दोनों ही इंडियन एयरलाइन्स में काम करते हैं। वो दोनों भी घर पर बहुत कम रहते हैं। मैं ज्यादातर अकेली रहती हूँ। कल की ही बात है हम दोनों भाई बहन खाना खाकर सोने चले गए इस बार मम्मी गलती से अपने ट्रंक (बड़ा बक्सा) का चाभी अपने साथ ही ले चली गई और रजाई और विछावन उसी में होता है। बस मेरे लिए एक रजाई बाहर था। और भाई अचानक ही आ गया था। पर एक पतला कंबल बाहर थे। वो वही लेके सो गया। मैं रात के करीब दस बजे नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ने लगी। कल जो एक नई कहानी जो बड़ी ही मस्त थी “ससुर ने मुझे शादी के दूसरे दिन जम कर चोदा” पढ़कर ऐसा लगा की मुझे भी कोई चोद दे। रोज की तरह मैं अपने चूत को सहलाते हुए कहानियां पढ़ी पर कल की कहानी बहुत सेक्सी थी इसलिए जोश में आ गई और मैं अपना ऊपर का कपड़ा उतार दी ब्रा भी खोल दी ताकि अपने चूचियों को सहला सकूँ। और वही कर रही थी मैं अपने चूचियों को सहला कर अपने चूत में ऊँगली कर रही थी और जब मेरी वासना थोड़ी कम हुई तो शांत हो गई और सोने लगी। तभी मेरा भाई मेरी बेड पर आ गया और फिर मेरी रजाई में घुस गए और बोला मैं भी तुम्हारे साथ ही सोऊंगा क्यों की ठंढ लग रही थी उस कंबल में. पर मैं थोड़ी परेशान हो गई कोण की मैं नंगी थी अंदर। पर अब कुछ कर भी नहीं सकती थी। वो तभी मेरे पीठ पर हाथ रखा तो देखा मेरे बदन पर कपडे नहीं हैं। वो हाथ से सहलाया। मैं सीधी हो गई उसने डायरेक्ट मेरी चूचियों पर हाथ रख दिया। और फिर रख कर हाथ हटा ही नहीं रहा था। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-01-2021, 11:14 AM
मैं उसका हाथ हटा दी। पर वो फिर से मेरी छाती पर हाथ रखा और इसबार वो दबाने लगा। मेरे जिस्म से वासना की धुआँ निकलने लगा थोड़े ही देर में मुझे अच्छा लगने लगा और मैं टाँगे फैला दी और पेंटी उतार दी। अब वो मेरी चूत को भी सहलाने लगा। अब मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी। वो अब मेरे करीब आ कर अपना होठ मेरे होठ पर रख दिया। वो मेरी होठ को चूसने लगा किस करने लगा। मैं अपना जीभ उसके मुँह में घुसा दी। अब तो वो पागल हो गया। वो वाइल्ड होकर मेरी चूचियों को दबाया होठ चूसे और फिर निप्पल मुँह में लेकर वो चूसने लगा।
मैं पागल हो रही थी। जिस्म में घंटियां बजने लगी थी करंट दौड़ रहा था पुरे शरीर में। वो मेरे ऊपर चढ़ गया और ऊपर से जीभ लगाता हुआ चूत तक पहुंचा और फिर चूत को चाटने लगा। मैं मदहोश हो गई थी। मैं अपना पैर अलग कर ली और चटवाने लगी। मैं बार बार चूत में पानी छोड़ रही थी वो अपने जीभ से चाट रह था। मैं सिसकारिआं ले रही थी आह आह आह आह कर रही थी। तभी वो रजाई हटा दिया और फिर मेरे पैरों को अलग अलग कर अपना लौड़ा चूत में रगड़ा और फिर थोड़ा थूक लगाकर घुसेड़ दिया। मैं कराह उठी तकिये दबोच ली अपना होठ खुद ही काटने लगी दॉंतो से। बार बार मेरे होठ सुख रहे थे। और फिर शुरू हुई मेरी चुदाई। दोस्तों वो मेरी चूचियों को दबोचते हुए चोदने लगा और मैं भी उसको हेल्प करने लगी। अब दो जिस्म एक जान हो गए थे ऐसा लगा रहा था वो मेरे में समा गया था। लौड़ा अंदर बाहर हो रहा था। हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे। जब वो चूमना चाहता मैं खुद उसे चूमने लगती। जब वो झटके देता मैं भी झटके देती। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:35 AM
(This post was last modified: 08-04-2022, 07:42 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मौसी को दिया पति का सुख
मौसी को दिया पति का सुख जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-01-2021, 11:36 AM
यह कहानी आज से एक साल पहले की है.. जब में ग्यारहवीं क्लास में पढ़ता था। मुझे तब सेक्स की इतनी जानकारी भी नहीं थी। फिर भी किसी भी औरत को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था। कॉलेज में मेरे सभी दोस्त सेक्स की बातें किया करते थे.. तो वो सुनकर मुझे बहुत मज़ा आता था। उसमें मेरा एक राकेश नाम का दोस्त था और उसने एक आंटी को पटा रखा था.. वो हमसे उसकी बातें किया करता था.. कि उसने कैसे उसको चोदा और भी बहुत कुछ। वो कहता था.. कि जो मज़ा किसी औरत को चोदने में है.. वो किसी वर्जिन लड़की को चोदने में भी नहीं है.. वो बताता था कि चाहे वो कोई भी औरत हो। अगर उसने कभी लंड का स्वाद चखा हो.. तो वो ज़्यादा दिन बिना चुदाई किए नहीं रह सकती। तो में सोचता था कि मेरी माँ और मौसी को भी अपनी चुदाई का ख्याल जरुर आता होगा? तो एक दिन की बात है.. में कॉलेज से घर आया तो मैंने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है और मैंने एक बार डोरबेल बजाई.. लेकिन दरवाजा नहीं खुला.. मैंने सोचा कि अंदर सब सो रह होंगे। मेरे पास घर की दूसरी चाबी थी और फिर मैंने दरवाजा खोला तो हॉल में कोई नहीं था। फिर मैंने सुना कि बेडरूम से कुछ आवाज़ आ रही है और फिर में दरवाजे की तरफ बढ़ा दरवाजा खुला था। मैंने दरवाजा खोला और जो सीन मैंने देखा में तो बिल्कुल ठंडा पड़ गया.. अंदर मौसी नंगी लेटी थी और वो अपने दोनों पैर फैलाकर मोमबत्ती को अपनी चूत में आगे पीछे कर रही थी और फिर उन्होंने मुझे देख लिया और वो शाल से खुद को ढकने लगी। तो मैं तुरंत वहाँ से चला गया और तब से मुझे मौसी को चोदने की तमन्ना जाग उठी। उस दिन के बाद से मौसी मुझसे नज़रे नहीं मिला रही थी और एक रात को में करीब रात को 12:30 पेशाब के लिए उठा.. फिर मैंने पेशाब किया और जब लौटा तो देखा कि मौसी की साड़ी घुटने से ऊपर उठी हुई थी और उनकी गोरी जांघे साफ साफ दिख रही थी और यह देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर मैं उनकी जांघे छूने लगा। तो उन्होंने कुछ हलचल की तो मैंने हाथ हटा लिया और में चुपचाप बैठ गया। थोड़ी देर बाद में उनकी जांघो को छूकर मुठ मारने लगा और मेरा थोड़ा सा पानी उनके कपड़ो पर गिर गया और फिर मुठ मारने के बाद में सो गया। फिर जब में दूसरे दिन उठा तो मौसी मेरी तरफ गुस्से से देख रही थी और फिर माँ से कुछ कह रही थी। मेरी तो गांड ही फट गयी और वो दोनों मेरी तरफ देखती रही और में उन दोनों को अनदेखा करके फटाफट तैयार हो गया और नाश्ता करके बाहर घूमने चला गया। फिर रात को हमने साथ में खाना खाया और सो गये.. रात को मेरे दिमाग़ में कल वाला सीन आ गया और में उठ गया.. तब शायद रात के एक बज रहे होंगे और मैंने मौसी को देखा जो मेरे पास में लेटी थी। तो उनकी साड़ी जांघो से भी ऊपर जा चुकी थी और मैंने आज ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए.. में आज उनकी चूत छूकर ही रहूँगा। तो मैंने उनकी साड़ी को कमर तक ऊपर कर दिया और फिर मैंने देखा कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था। यह सब देखकर मुझे 440 वॉल्ट का झटका लगा.. मेरा लंड खड़ा होकर सलामी देने लगा.. में पागल हो गया और मैंने धीरे से उनकी चूत को छू लिया उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं था.. तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-01-2021, 11:37 AM
फिर में उनकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर भी कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगा होकर उनके पास में लेट गया। मेरा लंड करीब 9 इंच बड़ा था और में धीरे धीरे उनके बूब्स भी दबाने लगा.. फिर भी कुछ नहीं हुआ तो मेरा जोश और डबल हो गया। मौसी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी। में मेरे लंड से उनकी गांड को ऊपर से रगड़ने लगा। तभी उन्होंने अपने पैर सिकोड़ लिए और में बहुत डर गया। फिर में थोड़ी देर रुका और उसके बाद मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखा और धीरे से दबाने लगा। मेरा लंड लगभग आधा लंड उनकी चूत में चला गया और फिर उन्होंने उनकी गांड मेरी तरफ धकेल दी.. तो इसकी वजह से पूरा लंड उनकी चूत में चला गया। में नहीं जानता था कि उन्होंने नींद में ऐसा किया या जानबूझ कर। उनके मुँह से उफ्फ्फ अह्ह्ह की सिस्कारियां निकली तो में डर गया और लंड को तुरंत बाहर निकाल लिया।
तभी उन्होंने तुरंत मेरे लंड को पकड़ लिया और धीरे से कहा कि जब अंदर घुसा दिया है तो बाहर क्यों निकाला? में अब बहुत खुश हो गया और मैंने उनसे सीधा लेटने के लिए कहा और वो सीधी लेट गयी। उन्होंने कहा कि पहले लाईट बंद कर लो। तो में लाईट बंद करके वापस आया में उनके ऊपर आ गया और उनको एक किस किया और में अपना लंड उनकी चूत पर सेट करने लगा। लेकिन मुझे उनकी चूत का छेद नहीं मिल रहा था। फिर मौसी ने खुद अपने हाथों से लंड पकड़ा और चूत पर सेट किया.. फिर क्या था। मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और उनके मुहं से ज़ोर से आवाज़ निकली आहह माँ मर गई। मेरा पूरा लंड एक ही बार में अंदर घुस गया था इसलिए उनको इतनी तकलीफ हो रही थी। तभी आवाज़ की वजह से शायद माँ जाग गयी और पूछने लगी कि क्या हुआ? लेकिन अंधेरे में उन्हे कुछ दिखाई नहीं दिया और मौसी ने कहा कि कुछ नहीं हुआ.. वो मेरे हाथ को अंधेरे में कुछ लग गया। तो माँ ने कहा कि ठीक है सो जाओ। फिर थोड़ी देर में रुका रहा और फिर मौसी ने कहा कि धीरे धीरे कर हरामी.. तो मैंने सॉरी कहा और लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. अब उनको भी शायद मज़ा आ रहा था और वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी। हमारी चुदाई से पच पच की आवाजें आ रही थी और मौसी बीच बीच में अह्ह्ह ओह्ह्ह उफफफ्फ़ की आवाजें निकाल रही थी। हम दोनों पसीने से लथपथ हो चुके थे। मौसी ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रही थी। फिर हमारी चुदाई लगभग 20 मिनट तक चली और फिर हम लोग शांत हो गये और फिर सो गये। दूसरे दिन में थोड़ा देर से उठा और मैंने सुना कि माँ और मौसी कुछ बातें कर रही थी.. माँ कुछ गुस्से में लग रही थी। तो मैंने सोचा कि कल रात वाली बात कहीं माँ को पता तो नहीं चल गई। फिर में बाहर चला गया और ऐसे ही दिन गुजर गया। तो रात को मैंने 12:45 बजे मौसी को उठाया और कहा कि चलो हम फिर से चुदाई करते है। तो वो कहने लगी कि नहीं माँ जाग जाएगी.. लेकिन में नहीं माना तो मौसी ने कहा कि ठीक है और मैंने कहा कि में आपकी चूत चाटना चाहता हूँ तो उन्होंने कहा कि ठीक है.. लेकिन में भी तुम्हारा लंड चूसूंगी। तो मैंने उनके कपड़े उतार दिए और मैंने लाईट में उनका बदन देखा क्या बदन था उनका? सुंदर फूल के जैसी उनकी चूत और आम के जैसे उनके बड़े बड़े बूब्स थे और हम 69 की पोजिशन में आ गये। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:38 AM
फिर मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी.. उनकी चूत से कुछ सफेद पानी जैसा बाहर आ रहा था और मैंने उनकी चूत पर जैसे ही मुहं रखा वो उछल पड़ी.. लेकिन मेरा लंड उन्होंने बाहर नहीं निकाला 5 मिनट के बाद में उनके ऊपर आ गया और उनके बूब्स दबाने लगा.. वो मुहं से अह्ह्ह की आवाज़े निकालने लगी। फिर में उनके ऊपर आ गया और मौसी की चूत के ऊपर लंड रखा और एक ज़ोर का झटका दिया.. उनके मुहं से चीख निकल गयी आआहह। शायद उस आवाज से माँ उठ गयी.. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा तो मौसी तरह तरह की आवाज़े निकालने लगी ईईई ऊऊग़गग उफ़फ्फ़ और में जोश में आ गया और मैंने अपनी रफ़्तार बड़ा दी.. मेरा लंड बहुत बड़ा था तो उनको बहुत तकलीफ़ होने लगी और वो चिल्लाने लगी क्या कर रहा है? थोड़ा धीरे कर ना आहह मर गयी। लगभग 30 मिनट के बाद में शांत हुआ और उस बीच मौसी तीन बार झड़ चुकी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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14-01-2021, 11:38 AM
फिर मौसी ने कहा कि तू बड़ा ही जालिम है.. तो मैंने कहा कि सॉरी मौसी और 10 मिनट के बाद में मौसी के बदन पर हाथ फिराने लगा और कहा कि मुझे आपकीएक बार और मारनी है। तो वो बोली कि क्या? नहीं तेरे लंड से मेरी चूत का बुरा हाल हो जाता है। तो मैंने कहा कि में धीरे धीरे से करूँगा.. तो वो मान गयी। फिर मैंने कहा कि में टॉयलेट जाकर आता हूँ तब तक तुम घोड़ी बन जाओ। तो वो कहने लगी कि ठीक है और जैसे ही में उठा अचानक लाईट चली गयी.. तो मैंने कहा कि बुरा हुआ। जब तक में टॉयलेट से वापस आया तो मौसी उल्टी लेटी थी.. में उनकी पीठ पर हाथ फिराने लगा और मैंने कहा कि डॉगी स्टाईल में झुक जाओ। तो वो अपने घुटनो के सहारे झुक गयी.. लेकिन अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और छेद पर लंड को रखकर ज़ोर का झटका दिया.. लंड आधा अंदर घुस गया और वो अह्ह्ह.. अह्ह्ह.. करने लगी.. लेकिन में नहीं रुका और एक ज़ोर का झटका दिया तो पूरा का पूरा लंड अंदर घुस गया और तो वह कामुकता से भर कर चिल्लाने लगी तो मैंने कहा कि प्लीज चिल्लाना बंद करो वरना माँ उठ जाएगी। और धक्के देने लगा 2-3 धक्के में लंड पूरा घुस गया.. तो मैंने धीरे धीरे चोदना शुरू किया थोड़ी देर बाद वो मुझको ठीक लगी। तो मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी.. उनके मुहं से आवाज़ निकलने लगी.. आह्हह्ह और ऐसे ही मैंने मौसी को करीब 25 मिनट तक चोदा और फिर हम शांत हो गये।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:38 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:39 AM
एक रात जवान मौसी
के साथ की
मजेदार चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:39 AM
मेरा नाम चीकू है। मै लखीमपुर में रहता हूँ। मेरी उम्र 27 साल की है। मेरा कद 6 फुट है। मैं बहुत ही खूबसूरत लगता हूँ। मेरा लंड 9.5 इंच का है। इतना बडा लंड बहुत कम ही लोगो कक होता है। सारी लड़किया मेरे मोहल्ले की मुझ पर मरती हैं। कुछ अच्छी लड़कियों के साथ मै भी सेक्स कर चुका हूँ। लड़कियों की फूली चूंची को दबाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मुझे सबसे पहले सेक्स करने का मौका दिया था। मेरी पड़ोस में रहने वाली रीता ने। उसी ने मुझे ब्लू फिल्म दिखा कर सेक्स का पाठ पढ़ाया। मुझे आज भी वो दिन याद हैं। जब उसने मुझसे पहली बार चुदवाया था। तभी से मेरी चुदाई की प्यास नहीं बुझी। इनके बदले में मेरी चुदाई कि प्यास और बढ़ गई। तभी से मेरी लंड को चूत के दर्शन होने लगे। मेरा लंड जब भी किसी मस्त हॉट और सेक्सी लड़की को देखता है। मेरा लंड तोप की तरह खड़ा हो जाता है। मै हमेशा अपने पास अपने रूम में कॉण्डोम रखता हूँ। क्योंकि चूत और भूत कभी भी मिल सकती है। मुझे स्ट्रावैरी फ्लेवर कॉण्डोम बहुत पसंद है। मै उसकी महक से खुश हो जाता हूँ। मै हर बार चुदाई से पहले ही कॉण्डोम रख लेता हूँ। दोस्तों अब मै अपनी कहानी पर आता हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:39 AM
मैं एक अमीर परिवार का लड़का हूँ। मेरे पापा एक डॉक्टर हैं। मेरी मम्मी भी टीचर हैं। मेरी मम्मी दो बहन हैं। जिनको मैंने चोद है। वो मेरी मौसी हैं। वो इलाहाबाद में रहती हैं। उनकी अभी शादी नही हुई है। वो अभी भी पढ़ रही है। उनकी उम्र 28 साल की रही होगी। देखने में एकदम मस्त माल लगती थी। उनकी चूंचियों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मेरा एक पेपर था इलाहाबाद में तो मुझे मम्मी ने मौसी के रूम पर रुक जाने को कहा। मै रात में इलाहाबाद पहुचा। मौसी के रूम पर गया। मौसी को देखते ही मेरा लंड हमेशा की तरह खड़ा हो गया। मौसी का नाम ऋतु था। लेकिन मैं प्यार से मासी कहता था। हम और मासी रात को खाना खाएं। मासी के साथ उनकी बेड पर लेट गया। मासी कुछ देर बाद सो गई। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं मासी को घूर घूर कर देख रहा था। दूसरे दिन मेरा पेपर था तो मैं भी मुठ मार के सो गया। दुसरे दिन सुबह उठा। ब्रश करके नहाया और चाय पी के मैं पेपर देने चला गया। लेकिन मुझे मासी को चूचियां और उनका बदन मेरे दिमाग में बार बार घूम रहा था। मैंने किसी तरह पेपर दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
14-01-2021, 11:40 AM
नके बाद मैंने जल्दी से मासी के 32,28,34 के फिगर को देखने जल्दी से रूम पर आ गया। आज तो मासी बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थी। मासी के रूम पर आते ही जी करने लगा आज तो मासी को चोद डालूँ। मासी ने लाल रंग सलवार और समीज पहना था। मुझे मासी के बदन पर बहुत ही अच्छा लग रहा था। मासी की समीज में पीछे नेट था। मासी के ब्रा किं पट्टियां साफ़ साफ़ दिख रही थी।मेरा लंड तो बेकाबू होता जा रहा था। मैं घर जाने को कहने लगा। मासी ने मुझे रोक लिया कहने लगी इतने दिन बाद आये हो तो रूक के जाओ। दो तीन दिन बाद चले जाना। मासी ने मम्मी से बता दिया। मुझे तो मासी की चुदाई करने की नजर आने लगी। मासी और हम बहुत खुश थे। मासी और हम शाम को घूम कर आये। रात में खाना खाकर पढ़ाई की मासी ने। मैंने भी कुछ देर पढ़ा। मासी सो गई। लेकिन मुझे नींद कहाँ आने वाली थी। मासी की चुदाई की तरकीब सोचते सोचते 1 बज गए। मेरा लंड खड़ा था। मैंने अपने पैजामे से ही अपने लंड को मासी की गांड में छुआने लगा। मासी सो रही थी। मैं अपने लंड को छुआ के आनंद ले रहा था। मासी ने करवटे बदली। इस बार मासी की चूत मेरे लंड के सामने थी। मासी की चूत पर अपना हाथ रख दिया। मासी ने हाथ हटा दिया। मासी ने भी मेरा तना लंड देखा। मेरा पैजामे को तंबू की तरह ताने हुए था। मौसी की भी चूत में कुछ कुछ होने लगा। मौसी मेरे लंड को देख रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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