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चचेरी बहन की रजाई
#21
कामुक चचेरी बहन की पहली चुदाई
28-07-2019 by अंश कुमार

नमस्कार दोस्तो, यह कहानी मेरी पहली और सच्ची कहानी है चचेरी बहन की चुदाई की … अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।

मेरा नाम है आनंद और मैं गाजीपुर (उ.प्र.) से हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और मेरी हाइट 5 फीट 9 इंच है। मैं दिखने में थोड़ा स्मार्ट हूँ, ऐसा लोग कहते हैं। मैं अभी दिल्ली में रहता हूँ जहाँ मैं जॉब कर रहा हूँ।

मैं अन्तर्वासना को पिछले 7 सालों से पढ़ रहा हूँ। यह कहानी पांच साल पहले जून महीने की है। जब मैं छुट्टी में घर गया था। क्या बताऊँ दोस्तो, मैं अपने चाचा की लड़की यानि मेरी छोटी बहन (प्रिया) से पूरे दो साल बाद मिला था। वो देखने में एकदम भोजपुरी स्टार अक्षरा सिंह जैसी लग रही थी। वो मुझ से डेढ़ साल छोटी है, उसका फिगर 34-32-36 था.

मेरे चाचा जी आर्मी में हैं और मेरी चाची गृहिणी हैं. उनके तीन लड़के और दो लड़कियां हैं. चाचा बहुत कम ही घर पर रहते हैं. चाची अकेली घर का सारा काम करती है. चाचा के न होने के कारण चाची ही खेत का काम भी करती थी.

उस दिन बाहर खेतों में काम अधिक था इसलिए शाम को आते ही वह खाना खाकर सोने छत पर चली गयी। छत पर सबका बिस्तर लगा हुआ था.

चाची के बगल में उनके तीन बच्चे सोये हुए थे. मेरा और चाचा के बड़े लड़के और प्रिया का बिस्तर दूसरी छत पर लगा हुआ था. मैं और मेरे चाचा का लड़का सो रहे थे.

कुछ देर बाद प्रिया सोने के लिए छत पर आयी और मैं और चाचा का लड़का एक साथ सोये थे. प्रिया चाचा के लड़के बगल में आकर सो गयी। मेरे सोने के कुछ समय बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरा हाथ कहीं जा रहा है. कुछ समय तक मैं सोने का नाटक करता रहा।

मैं देखना चाहता था कि मेरा हाथ कौन टच कर रहा है. प्रिया ने मेरा हाथ अपनी चूची पर ले जाकर रख दिया. उसके बाद उसने कुछ समय तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की क्योंकि भाई बीच में सोया था.

कुछ समय बाद वह अपनी चूची पर मेरा हाथ रख कर मसल रही थी. तभी भाई जग गया. भाई के जाग जाने के कारण अब हम दोनों में कोई भी हरकत नहीं करना चाह रहा था. प्रिया ने मेरा हाथ यूं का यूं रहने दिया. मुझे अब तक बहुत मजा आ रहा था लेकिन अब मेरी गांड भी फटने लगी थी कि कहीं भाई देख न ले और प्रिया को छेड़ने का सारा इल्जाम मेरे सिर पर आ जाये.

उसकी चूची पर से अब भी मेरा हाथ नहीं हटा था. फिर जब भाई दोबारा सो गया तो कुछ समय बाद मैंने उसकी कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर चूची बहुत तेज दबा दी. इधर मेरा लन्ड खड़ा होने लगा. कुछ समय बाद मैंने उसकी पजामी में हाथ डालना चाहा लेकिन उसने डालने नहीं दिया. शायद भाई बीच में सोया था इसलिए वो मुझे ऐसा नहीं करने देना चाहती थी.

फिर मैंने कामुक बहन की पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.
कुछ समय बाद मुझे अपने हाथ पर पानी पानी सा लगा. उस समय तक वह झड़ चुकी थी. फिर वह उठ कर बैठ गयी. उसके बाद मैंने उस रात कुछ नहीं किया और हम सो गये।

अगले दिन हम दोपहर में टी.वी. देख रहे थे. उस समय घर पर छोटा भाई ही था और कोई नहीं था. तभी उसने मेरी जांघों पर हाथ चलाना शुरू कर दिया. मैं उसके हाथों को बार-बार हटा रहा था क्योंकि दिन का मामला था और कोई भी आ सकता था.

शाम हुई तो चाची खाना खाकर सोने गई. मैं टी.वी. देख रहा था. मैंने बोला- आप लोग सो जाओ. मैं टी.वी. देख कर सो जाऊंगा।

सभी लोग छत पर जाकर सोने लगे। कुछ समय बाद प्रिया छत से नीचे आयी और मेरे बगल में बैठ गयी. वह अपने हाथ कभी मेरे पैर पर तो कभी मेरे गाल पर चला रही थी। काफी देर तक वो ऐसे ही करती रही.

मुझ से नहीं रहा गया और लाईट ऑफ करके मैंने प्रिया को अपने गोद में बैठा लिया. उसकी चूचियों को खूब रगड़ा और किस करने लगा.

लगभग पांच मिनट तक यही खेल चलता रहा. उसके बाद ऊपर से कोई आवाज आई और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गये. मुझे भी प्रिया के साथ ये सब करने में बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैं उसके हाथ में लंड देना चाह रहा था लेकिन उसी वक्त फिर वो उठ कर चली गई. ऊपर छत पर जाने के बाद वो सो गई.

अगले दिन प्रिया के तीनों भाई और बहन 9 बजे के करीब स्कूल चले गये. चाची किसी काम से बाजार गई थी.

उनके जाते ही मैंने दरवाजे को कुन्डी लगाई और अन्दर आकर देखा तो प्रिया खाना बना रही थी. मैंने पीछे से जाकर प्रिया को पकड़ लिया. उसकी कुर्ती के ऊपर से उसके चूचों के साथ खेलना शुरू कर दिया.
वो मुझे हटाने लगी लेकिन मैंने उसके चूचों को नहीं छोड़ा और उनको दबाता रहा. मेरा लंड खड़ा हो गया था और मैंने प्रिया की गांड पर अपना लंड लगा दिया था. फिर उसने भी कुछ नहीं कहा और मैं आराम से प्रिया के चूचों को दबाने लगा. वो भी अब गर्म होने लगी थी.

फिर मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया. उसकी ब्रा को भी निकाल दिया. वो ऊपर से नंगी हो गई और मैं उसके चूचों को पीने लगा. किचन में नंगी प्रिया के चूचों के साथ खेलते हुए मुझे भी जोश आने लगा था. मैंने उसकी चूचियों को जोर से पकड़ कर दबा दिया. बीच-बीच में मैं उसके चूचों के निप्पलों को काट भी लेता था. उसके मुंह से चीख सी निकल जाती थी लेकिन उसको भी मजा आ रहा था.

मैंने प्रिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया तो वो मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.

फिर मैंने प्रिया की पजामी को नीचे करने की कोशिश की तो उसने मेरे हाथों को रोक लिया. मैंने थोड़ा जोर लगाया तो उसने अपने हाथ हटा लिये. मैंने प्रिया की पजामी को नीचे कर दिया और उसकी पैंटी मुझे मेरी नजरों के सामने दिखाई देने लगी. उसकी चूत उभरी हुई सी दिख रही थी.

मैंने प्रिया की चूत पर हाथ फेर दिया तो वो चिहुंक सी गई. उसकी चूत काफी गर्म हो चुकी थी. उसकी चूत पर हाथ लगाते ही मेरे लंड का जोश भी और ज्यादा बढ़ गया. मैंने अपनी पैंट की चेन को खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया. मैं अब प्रिया के होंठों को चूसने लगा और मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया.

वो मेरे लंड को पकड़ कर मेरे लंड के टोपे को आगे और पीछे करने लगी. मेरा लंड काफी देर से खड़ा हुआ था तो इस वजह से मेरे लंड को जब उसके हाथ का कोमल सा स्पर्श मिला तो मुझे बहुत मजा आने लगा.
मेरी कामुक बहन भी मेरे गर्म लंड को पकड़ कर मजे से उसके टोपे को आगे-पीछे करने में लगी हुई थी. उसको मेरे लंड का साइज पसंद आ गया था. वो उसको बार-बार हाथ में भर कर नाप रही थी. कभी मेरी गोलियों को छेड़ रही थी तो कभी मेरे लंड के सुपारे को मसल रही थी.

उसकी हरकतों से मेरे लंड के अंदर से भी कामरस निकलना शुरू हो गया था.

मैंने वहीं पर खड़े हुए ही उसकी चूत पर अपने लंड को सटा दिया. मेरा मन कर रहा था कि मैं वहीं पर उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दूं. मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था. फिर मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर प्रिया की चूत पर फिराया और अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी.
प्रिया एकदम से उछल पड़ी.

मैंने उसके अपनी बांहों में उठा लिया. उसकी गांड को दबाने लगा और उसकी चूत मेरे लंड पर आकर सट गई. मैं अपनी गांड को आगे धकेल कर उसकी चूत पर लंड के धक्के देने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था ये सब करने में.

मेरा लंड प्रिया की चूत में घुसने ही वाला था कि तभी उसने मुझे अपने से अलग कर दिया, वो बोली- अंदर चलो कमरे में.
उसके कहने पर हम कमरे की तरफ जाने लगे. उसकी गांड पीछे से नंगी दिखाई दे रही थी. जब वो चल रही थी तो मैं उसकी गांड को पकड़ कर दबा रहा था. मेरा लंड बार-बार झटके दे रहा था.
मैंने प्रिया की गांड को कस कर दबा दिया तो वो उछल गई और उसकी पजामी उसकी टांगों में उलझ गई जिसके कारण वो एकदम से संतुलन खो बैठी और नीचे गिर पड़ी. मगर उसने अपने हाथ नीचे जमीन पर टिका लिये.
उसकी नंगी गांड मेरे सामने उठ कर आ गई. मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर लगा दिया और मैं भी प्रिया के ऊपर ही झुक गया. पीछे से उसकी नंगी गांड पर लंड लगा कर मैं उसके चूचों को दबाने लगा. उसको चोदने का मन करने लगा.

लेकिन वो उठने की कोशिश कर रही थी. उसने मुझे पीछे धकेल दिया और फिर वो उठ गई.

हम दोनों उठ कर कमरे में चले गये. कमरे में जाते ही वो बेड पर लेट गयी. उसने अपनी पजामी निकाल दी. वो मेरे सामने अब पूरी नंगी हो चुकी थी. उसने अपनी टांगें खोल दी थी और मैं समझ गया कि वो भी लंड को अंदर लेने के लिए तैयार है.

मैंने अपनी पैंट को निकाल दिया और फिर अपने अंडरवियर को भी निकाल कर एक तरफ डाल दिया. वो बोली कि शर्ट भी निकाल दो. वो मुझे पूरा का पूरा नंगा देखना चाहती थी. मैंने भी उसके कहने पर अपनी शर्ट निकाल दी और मैं भी पूरा नंगा हो गया. वो मेरे नंगे शरीर को ऊपर से नीचे तक देख रही थी.

फिर मैं उसके ऊपर जाकर चढ़ गया. मैंने उसकी टांगों को फैला दिया और उसके चूचों को पीते हुए अपना लंड उसकी पानी छोड़ रही चूत पर रगड़ने लगा. उसके मुंह से सीत्कार निकलने लगे. आह्ह् … स्स्स … उम्म… मैं भी अपना लंड उसकी चूत पर लगा रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

कुछ देर तक उसके चूचों को पीने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर लगा दिया और एक जोर का धक्का लगा दिया.
मेरा लंड बहन की चूत में नहीं घुस पाया क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी. मेरा लंड उसकी चूत पर फिसल गया. फिर मैंने दोबारा से लंड को उसकी चूत पर लगाया और दोबारा से लंड का जोर उसकी चूत के मुंह पर देकर मारा तो लंड का सुपारा उसकी चूत में चला गया. मुझे मजा आ गया लेकिन प्रिया चिल्ला पड़ी. उसकी चूत खुल गई थी.

मैंने उसको शांत करने की कोशिश की लेकिन वो चुप नहीं हो रही थी और दर्द से कराह रही थी. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया. उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया. उसकी चूत पर भी तेल लगा दिया. तेल लगाने के बाद मेरा लंड और उसकी चूत दोनों ही बिल्कुल चिकने हो गये थे.

मैंने अपने लंड से उसकी चूत की मालिश की और फिर उसका दर्द कम हो गया. मैंने दोबारा से अपने लंड के सुपारे को उसकी चूत पर लगा कर एक धक्का मारा. अबकी बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.
वो फिर से दर्द से चिल्ला पड़ी ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’

लेकिन अबकी बार मैंने अपने लंड को बाहर नहीं निकाला. मेरे लंड को उसकी गर्म चूत में जाकर बहुत मजा आ रहा था इसलिए मैं उसकी चूत का मजा लेना चाहता था. मैंने उसकी आवाज को कम करने के लिए उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. उसकी चूत में भी मैं साथ ही साथ दबाव बनाता गया और धीरे-धीरे करके मैंने पूरा का पूरा लंड प्रिया की चूत में उतार दिया.

फिर मैं कुछ देर तक रुका रहा. जब वो पूरी तरह से शांत हो गयी तो मैंने धीरे से प्रिया बहन की चूत में धक्के लगाने शुरू किये. उसको दर्द होने लगा. इसलिए मैं बहुत धीरे से उसकी चूत को खोल रहा था. मैंने उसकी टांगों को खोल कर देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था. उसकी चूत फट गई थी. लेकिन मैंने उसको कुछ नहीं कहा.

वापस उसके ऊपर आकर मैं उसके चूचों को पीने लगा तो वो भी फिर मजा लेने लगी. अब मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा था. मैंने उसकी चूत में लंड को पूरा घुसा दिया. अब मैंने तेजी के साथ उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया और उसकी चूत की चुदाई करने लगा.

वो भी अब मजे से मेरे लंड को लेने लगी. उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट ली और मेरे होंठों को चूसने लगी.

मेरा जोश और ज्यादा तेज हो गया तो मैं और तेजी से उसकी चूत की चुदाई करने लगा. उसकी टाइट चूत को चोद कर मुझे बहुत ही आनंद मिल रहा था. वो भी मेरे लंड के मजे ले रही थी. पांच-सात मिनट तक उसकी चूत की चुदाई मैंने उसी तरह की और फिर मैंने उसको उठने के लिए कहा.

जब वो उठी तो उसने अपनी चूत से निकला हुआ खून देखा और डर गई.
मैंने कहा- घबराने की बात नहीं है. तुम्हारी चूत की झिल्ली फट गई है. इसलिए ये हल्का सा खून निकल आया है.

फिर मैंने उसको घोड़ी बना लिया. उसकी गांड बहुत मस्त थी. मेरा मन उसकी गांड की चुदाई करने का भी कर रहा था लेकिन अभी ये हमारा पहली बार था तो अभी मैं उसकी गांड में लंड डाल कर उसको डराना नहीं चाहता था.

वैसे तो उसने मुझे कई दिनों से परेशान कर रखा था लेकिन वो इस बात को नहीं जानती थी शायद कि चुदाई करवाने में दर्द भी झेलना पड़ता है. इसलिए मैं उसको और ज्यादा दर्द नहीं देना चाह रहा था.

मैंने फिर प्रिया को घोड़ी बना कर झुका लिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया. अब उसकी चूत अंदर से भी पूरी की पूरी चिकनी हो चुकी थी. इसलिए जब मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाला तो मेरा लंड एकदम से अंदर चला गया.

एक तो लंड पर तेल लगा हुआ था और दूजा उसकी चूत ने अपना कामरस छोड़ना चालू कर दिया था. इधर मेरे लंड से चिकना पदार्थ निकल रहा था. मैंने उसकी चूत को में लंड को डाल कर एक धक्का लगाया और पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वो आह्हह … करके रह गयी.

फिर मैंने उसके चूचों को पकड़ लिया. अब पोजीशन ठीक थी तो मैंने उसकी चूत की चुदाई शुरू कर दी.
मैं पीछे से चूत में पूरा लंड घुसा कर उसको अंदर और बाहर कर रहा था. मेरे लंड के धक्के अब तेज हो गये थे. उसकी चूत के अंदर जब लंड जा रहा था तो पच्च-पच्च की आवाज हो रही थी.

मैंने उसकी चूत में अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी. वो फिर दर्द से चीखने लगी लेकिन अबकी बार मैं नहीं रुका. मैंने दस मिनट तक इसी पोज में उसकी चुदाई की और फिर मेरे लंड का माल मैंने प्रिया की चूत में ही गिरा दिया.

हम दोनों नंगे थे और मैं उसके ऊपर ही लेट गया. कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा. कुछ मिनट के बाद मैं उठा. फिर वो भी उठ गयी.

सच में दोस्तो, अपनी कामुक चचेरी बहन की चूत की चुदाई करके मजा आ गया था मुझे. वैसे वो भी खुद ही मेरा लंड लेना चाहती थी. इसलिए मैंने मौके का पूरा फायदा उठाया.
मगर फिर उस दिन चाची के आने का टाइम हो गया था तो मैंने अपने कपड़े पहन लिये.

उसने भी अपने कपड़े पहन लिये. मैं कई दिनों तक चाची के घर में रहा लेकिन फिर हमको चुदाई का मौका नहीं मिल पाया.

उसके बाद फिर मेरी जॉब दिल्ली में लग गई थी तो मैं दिल्ली में आ गया था. उसके बाद मुझे कभी प्रिया की चूत को चोदने का मौका नहीं मिला. उसकी चूत की वो पहली चुदाई याद करके आज भी मेरा लंड खड़ा हो जाता है. मैं मुठ मार कर ही उसकी चूत के बारे में सोच कर अपना पानी निकाल लेता हूँ और अपने लंड को शांत कर लेता हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#22
अप्रैल 2, 2018 पर प्रकाशित किया गया रोहित द्वारा
उसकी वासना बस एक बार तक
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#23
बात पिछले साल के मई के महीने की है. दोस्तों, जैसा कि आप जानते ही हैं कि मई के महीने में कितनी गर्मी होती है और हमारे यहां बिजली की बहुत समस्या है तो शाम को हम सब अपने घर की छत पर घूमते हैं. मेरे चाचा मेरे घर से दूसरी गली में रहते हैं और चाचा के घर के सामने एक घर है जिसमें चार बहनें रहती हैं. दोस्तों, वो चारों बहनें बहुत ही खूबसूरत हैं. कोई भी उन्हें देख ले तो उनका दीवाना हो जाए.

उसके घर की छत मेरे घर से साफ़ – साफ दिखती है और उनमें से जो सबसे बड़ी बहन है उससे मेरी दोस्ती है. दोस्तों, हमारे बीच सिर्फ दोस्ती ही है. उसका नाम अनुजा है और वो लगभग 28 साल की है. लेकिन दोस्तों, अभी तक उसकी शादी नहीं हुई. जब भी मैं चाचा के घर जाता हूँ तो उसके साथ बात जरूर करता हूँ.

एक दिन बिजली गयी हुई थी इसलिए मैं जाकर चाचा के घर पर बैठ गया. हम सब बाहर बैठे हुए थे और अनुजा भी गर्मी की वजह से बाहर बैठी हुई थी तो हम सब आपस मे बातें करने लगे. इसी बीच बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसके घर पर कोई नहीं है. ये बात सुन कर मैं बहुत खुश हुआ और मन ही मन उसको चोदने के सपने देखने लगा लेकिन तभी बिजली आ गयी और हमारे तरफ के सब लोग अंदर चले गए और फिर वो भी अंदर चली गयी.

अब मैं सोचने लगा कि लाइट ने मेरा सारा काम ख़राब कर दिया पर मुझे क्या पता था कि लाइट की ही वजह से मेरा काम बनने वाला है. फिर मैं उठ कर अपने घर आने लगा. तभी उसने मुझे पीछे से आवाज लगा कर कहा – प्लीज मेरी हेल्प करोगे? मुझसे पानी की बाल्टी नहीं उठ रही है. प्लीज, उठा कर कर बाल्टी बाथरूम में रख दो न, मुझे नहाना है.

ये बात सुन कर मैं थोड़ा हैरान सा रह गया पर फिर मैंने कुछ नहीं कहा और जा कर उसकी बाल्टी बाथरूम में रख दी. उसका बाथरूम बहुत बड़ा था, मेरा तो मन कर रहा था कि बस अभी उसको पकड़ कर चोद दूं. दोस्तों, जब सामने इतनी खूबसूरत लड़की खड़ी हो तो मैं खुद को कैसे रोक सकता हूँ. खैर, किसी तरह मैंने खुद पर कंट्रोल किया और वापस घर आने लगा.

तभी उसने कहा, “तुम यहीं रहो न, घर में कोई है नहीं इसलिए अकेले मैं बोर हो जाऊंगी.” फिर जब मैंने अपनी सहमति दे दी तो उसने कहा, “मैं नहा कर तुरन्त आती हूँ, तब तक तुम यहां थोड़ी देर बैठो”. इतना बोल कर वह नहाने चली गई.

फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे आवाज लगा कर कहा कि मैं अपनी ड्रेस बाहर भूल गयी हूँ, प्लीज़ दे दो. तो मैंने उसे उसकी दे दी और फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे बुलाया कर कहा, “तुम मेरी कमर मसल दो न, मेरा हाथ वहां नहीं पहुंच रहा है”.

ये सुन कर मेरा लंड फिर से टाइट हो गया और मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ. फिर मैंने कहा, “ठीक है, कर दूंगा.” अब वो बोली कि बाथरूम का दरवाजा खुला है अंदर आ जाओ. जब मैं अंदर गया तो मेरे सामने एक अद्भुत नजारा था. वो दूसरे तरफ मुंह करके नंगी बैठी हुई थी और उसके चूतड़ की लकीर मुझे साफ़ दिख रही थी. यह देख कर मैं पागल हो रहा था.

तभी उसने कहा, “साबुन लो और मेरी कमर पर लगा दो”. तो मैंने साबुन उठा कऱ उसकी कमर पर लगाना शुरू किया. मैं साबुन लगा रहा था तो उसने कहा कि अच्छी तरह गले से लेकर नीचे तक लगाओ. मैं भी साबुन लगाने के बहाने उसके चूतड़ों पर हाथ फेर देता था.

अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मैंने अपने आप को रोकने की भरसक कोशिश की पर मैं सफल नहीं हो सका और मैंने उसका एक बोबे को दबा दिया. ये देख कर वो खड़ी हो गयी तो मैं घबरा गया और माफ़ी मांगने लगा लेकिन उसने कहा, “बस, अब कुछ मत कहो, तुम्हें नहीं पता कि मैं कितनी प्यासी हूँ. अब बस मेरी प्यास बुझा दो, बस आज मुझे चोद दो. अब मैं और नहीं रह सकती.”

मुझे तो बस उसका इशारा मिलने की देर थी, मैं शुरू हो गया. अब मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया तो वो भी मस्त होकर मेरा साथ देने लगी थी. नंगी तो वो पहले से ही थी. अब मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा था. फिर करीब पांच मिनट तक हम एक – दूसरे को चूमते रहे.

फिर मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और बेडरूम तक ले गया. वहां बेड पर लेटाकर मैं उसकी चूत चाटने लगा. दोस्तों, उसकी चूत एक दम साफ़ थी और उस पर एक भी बाल नहीं थे. अब वो पागल हुई जा रही थी और मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थी.

फिर वो खड़ी हुई और उसने मेरी टीशर्ट निकल दी और मेरे निप्पल्स को चूमने लगी. एक तरफ वो मेरे निप्पल्स चूस रही थी और दूसरी तरफ मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही सहला रही थी. फिर उसने अपना हाथ मेरे पजामे के अंदर घुसा दिया और मेरे लन्ड को सहलाने लगी. अब कभी वो मेरी छाती को चूम रही थी तो कभी मेरे होंठ को.

फिर उसने मेरा पजामा नीचे किया और मेरे लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे कहा, “तुम अपनी झांटें साफ़ नहीं करते हो क्या? इतने बाल हैं तुम्हारे लंड पर.”

तो मैंने हंसते हुए कहा अब अगली बार से साफ रखूँगा. तो वो हंस कर मेरा लंड चूसने लगी. अब तो मैं स्वर्ग में था और वो लंड को हिला – हिला कर चूस रही थी. मेरा लंड उसके थूक से बिलकुल गीला हो चुका था और वो उसे जोर – जोर से हिला रही थी. जिससे मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली जो सीधे उसके चेहरे पर जा गिरी.

फिर उसने मेरे पजामे और कच्छे को उतरा और फिर से लंड को चूसने लगी. जिससे थोड़ी देर में ही मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया. अब वो बोली – बस, अब और नहीं रहा जाता. अब बुझा दो मेरी प्यास, मेरे राजा, अब डाल दो मेरी चूत में अपना लन्ड.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
बस फिर क्या था! मैंने भी देर नहीं की. अब वो बेड पर लेट गयी और उसने अपनी टाँगे खोल ली. अब मैं उसकी दोनों टांगों के बीच आ गया और लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रख दिया और अंदर घुसाने लगा पर मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था. तो वो बोली, “तेल लगा लो जानू.” फिर मैंने वहीं सीसे के पास रखी हुई सरसो के तेल की सीसी उठा कर उसकी चूत पर और अपने लंड पर लगाया और चूत के छेद पर लंड रख कर झटका मारा.

अब मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया तो दर्द की वजह से वो चिल्लाने लगी. तो मैंने जल्दी से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और फिर एक झटका मारा. जिससे मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया. तभी मैंने देखा कि उसकी आखों में आंसू थे और उसकी चूत से खून निकल रहा है. मतलब साफ था उसकी सील टूट चुकी थी जिससे उसे दर्द हो रहा था.

फिर थोड़ी देर तक मैं उस पर ऐसे ही पडा रहा. जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो फिर मैंने अपनी गति बधाई और अब वो भी मेरा साथ देने लगी. उसको भी अब मज़ा आ रहा था और मैं भी झटके पर झटके मारे जा रहा था.

अब वो आह आह करके आहें भर रही थी. फिर मैं खड़ा हुआ और उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा और अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया. अब हम दोनों चुदाई के परम आनन्द पर थे. पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाजों से गूंज रहा था. तभी उसने कहा, “मैं झड़ने वाली हूँ…”

लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं झटके पर झटके मारे जा रहा था. अब वो झड़ चुकी थी पर मैं लगा हुआ था. अब मैं भी झड़ने वाला था तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही छोड़ दो, आज मैं पूरा आनन्द लेना चाहती हूँ. फिर कुछ झटकों के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.

फिर हम दोनों एक साथ नहाए. उसके बाद उसने कहा, “तुमने मुझे आज खुश कर दिया. थैंक्यू, लव यू.” फिर मैंने भी उसके होंठों पर किस किया और फिर अपने कपड़े पहन कर वहां से चला आया और फिर बाद में मैंने उसे आई-पिल की गोली लाकर दी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#25
clps
bangheadभाई के साली की जबरदस्त चुदाई banghead

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
(08-01-2021, 12:40 PM)neerathemall Wrote:
clps
banghead भाई के साली की जबरदस्त चुदाई banghead

भाभी की प्रेग्नेंसी के समय उनकी देखभाल करने के लिए उनकी बहन हमारे यहां आई थी. वह मुझे बहुत पसंद थी और मैं उसे चोदना चाहता था. एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि वह खुद ही मेरे नीचे आ गई…
अन्तर्वासना के सभी पाठक भाइयों और बहनों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम! दोस्तों, मेरा नाम रवि है और मैं उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर का रहने वाला हूं. चलिए अब आपको बोर न करते हुए सीधे ले चलते हैं अपनी चुदाई भरी दुनिया में, लेकिन उससे पहले कहानी पढ़ने वाली भाभियां अपनी पैंटी उतार कर चूत में कुछ डाल कर बैठें क्योंकि ऐसा न करने पर चूत में उंगली करनी पड़ सकती है और भाई लोग अपनी अंडर वियर खोल के लौड़े को हाथ में ले लें.
दोस्तों, ये कहनी मेरी और मेरे भाई के साली की है, उसका नाम वर्षा है. वर्षा का फिगर तो ऐसा था कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए. उसके दूध 32, कमर 34 और गांड के बारे में क्या बताऊं! उसे देखते ही लगता कि बस एक ही झटके में गांड में लंड डाल दो और डाले रहो. बहरहाल उसकी गांड का साइज 34 था और पीछे को निकली हुई थी.
एक बार जब हमारी भाभी भइया की चुदाई के चलते पेट से हुईं, तब उनकी देखभाल करने के लिए वर्षा को बुलाया गया पर ये बात मुझे नही पता थी. इतना ही नहीं मुझे बताये बिना ही उसे मेरा कमरा भी दे दिया गया.
शाम को जब मैं कॉलेज से लौटा तो सीधे अपने बाथरूम में चला गया. मुझे नहीं पता था कि वो पहले से ही बाथरूम में है. उस समय उसने केवल ब्रा और पैंटी ही पहन रखा था और उसकी पीठ मेरी तरफ थी. इन कपड़ों में वो काफी कामुक लग रही थी. उसको देखते ही ऐसा लगा कि अभी इसके पास जाऊं और सीधा इसकी चूत में अपना लंड डाल दूं और चोदता रहूं. हालांकि फिर मैं बिना कुछ बोले ही वापस आ गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#27
अब वो मेरे दिमाग मे बस चुकी थी. मुझे अब बस किसी भी तरीके से उसकी चुदाई करनी थी. मैंने इधर – उधर बहुत दिमाग दौड़ाया लेकिन कैसे करूं ये मैं सोच नहीं पा रहा था.

शाम को जब सभी खाने के लिए उपस्थित हुए तो वो आकर मेरे बगल वाली कुसी पर ही बैठ गई. उसे अपने बगल में बैठे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और घबराहट में गलती से मेरा पैर उसके पैरों से टच हो गया. पैर टच होते ही उसने गुस्से से मेरी तरफ देखा, यह देख मैं तो डर ही गया.

फिर मैंने जल्दी से खाना खाया और वहां से उठ कर अपनी किताबें लेने के लिए अपने कमरे में आ गया. तभी पीछे से वर्षा कमरे में आई और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली, “मुझे छूने में इतना टाइम क्यों लगा दिया? मैं तो कब से तुमसे प्यार करती हूं”.

उसके मुंह से इतना सुनते ही मैंने उसे गले से लगा लिया और उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया. मैं करीब 10 मिनट तक उसके होंठों को चूसता रहा. फिर धीरे से मैंने अपना हाथ उसके दूधों पर रख दिया. मेरे ऐसा करते ही उसके मुंह से ‘आहहह’ की एक मादक सिसकारी निकली और फिर उसने अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रख दिया और दबाव बना अपने दूधों को जोर – जोर से दबवाने लगी.

दूसरी तरफ नीचे मेरा खड़ा लंड उसकी चूत पर ठोकर मार रहा था. थोड़ी देर तक उसके दूध दबाने के बाद फिर मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया, साथ ही एक हाथ से उसके दूध भी दबाता रहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
सितम्बर 18, 2019 पर प्रकाशित किया गया रवि द्वारा
भाई के साली की जबरदस्त चुदाई

भाभी की प्रेग्नेंसी के समय उनकी देखभाल करने के लिए उनकी बहन हमारे यहां आई थी. वह मुझे बहुत पसंद थी और मैं उसे चोदना चाहता था. एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि वह खुद ही मेरे नीचे आ गई…

अन्तर्वासना के सभी पाठक भाइयों और बहनों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम! दोस्तों, मेरा नाम रवि है और मैं उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर का रहने वाला हूं. चलिए अब आपको बोर न करते हुए सीधे ले चलते हैं अपनी चुदाई भरी दुनिया में, लेकिन उससे पहले कहानी पढ़ने वाली भाभियां अपनी पैंटी उतार कर चूत में कुछ डाल कर बैठें क्योंकि ऐसा न करने पर चूत में उंगली करनी पड़ सकती है और भाई लोग अपनी अंडर वियर खोल के लौड़े को हाथ में ले लें.

दोस्तों, ये कहनी मेरी और मेरे भाई के साली की है, उसका नाम वर्षा है. वर्षा का फिगर तो ऐसा था कि देखते ही लंड खड़ा हो जाए. उसके दूध 32, कमर 34 और गांड के बारे में क्या बताऊं! उसे देखते ही लगता कि बस एक ही झटके में गांड में लंड डाल दो और डाले रहो. बहरहाल उसकी गांड का साइज 34 था और पीछे को निकली हुई थी.

एक बार जब हमारी भाभी भइया की चुदाई के चलते पेट से हुईं, तब उनकी देखभाल करने के लिए वर्षा को बुलाया गया पर ये बात मुझे नही पता थी. इतना ही नहीं मुझे बताये बिना ही उसे मेरा कमरा भी दे दिया गया.

शाम को जब मैं कॉलेज से लौटा तो सीधे अपने बाथरूम में चला गया. मुझे नहीं पता था कि वो पहले से ही बाथरूम में है. उस समय उसने केवल ब्रा और पैंटी ही पहन रखा था और उसकी पीठ मेरी तरफ थी. इन कपड़ों में वो काफी कामुक लग रही थी. उसको देखते ही ऐसा लगा कि अभी इसके पास जाऊं और सीधा इसकी चूत में अपना लंड डाल दूं और चोदता रहूं. हालांकि फिर मैं बिना कुछ बोले ही वापस आ गया.

अब वो मेरे दिमाग मे बस चुकी थी. मुझे अब बस किसी भी तरीके से उसकी चुदाई करनी थी. मैंने इधर – उधर बहुत दिमाग दौड़ाया लेकिन कैसे करूं ये मैं सोच नहीं पा रहा था.

शाम को जब सभी खाने के लिए उपस्थित हुए तो वो आकर मेरे बगल वाली कुसी पर ही बैठ गई. उसे अपने बगल में बैठे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और घबराहट में गलती से मेरा पैर उसके पैरों से टच हो गया. पैर टच होते ही उसने गुस्से से मेरी तरफ देखा, यह देख मैं तो डर ही गया.

फिर मैंने जल्दी से खाना खाया और वहां से उठ कर अपनी किताबें लेने के लिए अपने कमरे में आ गया. तभी पीछे से वर्षा कमरे में आई और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली, “मुझे छूने में इतना टाइम क्यों लगा दिया? मैं तो कब से तुमसे प्यार करती हूं”.

उसके मुंह से इतना सुनते ही मैंने उसे गले से लगा लिया और उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया. मैं करीब 10 मिनट तक उसके होंठों को चूसता रहा. फिर धीरे से मैंने अपना हाथ उसके दूधों पर रख दिया. मेरे ऐसा करते ही उसके मुंह से ‘आहहह’ की एक मादक सिसकारी निकली और फिर उसने अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रख दिया और दबाव बना अपने दूधों को जोर – जोर से दबवाने लगी.

दूसरी तरफ नीचे मेरा खड़ा लंड उसकी चूत पर ठोकर मार रहा था. थोड़ी देर तक उसके दूध दबाने के बाद फिर मैं अपना एक हाथ नीचे ले गया और उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया, साथ ही एक हाथ से उसके दूध भी दबाता रहा.

मेरी इस हरकत पर उसने पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ कर दबा दिया. उसके ऐसा करने पर मेरे मुंह से भी एक आह निकल गई. अब मैं भी अपने पूरे जोश में आ गया और जैसे ही उसके गले पर अपने होंठों को रखा, वह अकड़ सी गई. वर्षा का एसा कामुक रूप मैंने पहली बार देखा था. फिर मैं थोड़ी देर तक उसे किस करता रहा.

करीब 10 मिनट बाद वो बोली, “रवि, अब जल्दी से कुछ करो”. इस पर मैंने पूछा कि क्या करूं? मेरा सवाल सुन कर वो शर्मा गई और फिर धीरे से अपनी नज़रें झुका कर बोली कि मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, अब मुझसे रुका नहीं जा रहा है.

उसके मुंह से इतना सुन कर मैंने झट से उसकी टी-शर्ट निकाल दी. अब वो ब्रा में बिलकुल सनी लियोनी जैसी लग रही थी. मैं उसे देखता ही रह गया. फिर उसने खुद ही अपनी ब्रा खोल दी. मैं थोड़ा झुक हुआ था तो उसके ऐसा करते ही उसके दोनों दूध उछल कर बिलकुल मेरे मुंह के सामने आ गए. फिर क्या था, मैंने उसके एक दूध पर अपना मुंह लगा दिया और दूसरे हाथ से उसका दूसरा दूध दबाने लगा. वर्षा अपने हाथों से मेरे मुंह को अपने दूधों पर दबा रही थी.

थोड़ी देर बाद फिर मैं उससे अलग हुआ और मैंने उसकी पैंट उतार दी. इसके बाद फिर मैंने उसकी पैंटी भी खींच कर एक ही झटके में उतार दिया. फिर मैं नीचे गया और उसकी चूत पर मुंह लगा कर चाटने लगा. अब उसके मुंह से खाली ‘आह आह ओह्ह ओह्ह’ की आवाजें ही निकल रही थीं.
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#29
थोड़ी देर बाद उसने मुझे उठने को कहा. मैं उठा और फिर वह 69 की पोजीशन में आ गई. इसके बाद उसने बिना मेरे कुछ कहे ही मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मुझे एसा लग रहा था जैसे मैं बिलकुल आसमान में उड़ रहा हूं.

करीब 10 मिनट तक चाटना और चूसना चलता रहा. इस दौरान उसकी चूत दो बार पानी छोड़ चुकी थी. अब मैं भी अपनी चरम अवस्था पर पहुंचने वाला था तो मैंने अपना लंड उसके मुंह से निकाल लिया क्योंकि मैं अपना वीर्य बर्बाद नहीं करना चाहता था. मैं चाहता था कि मेरा वीर्य उसकी कोख में ही जाए.

इसके बाद थोड़ी देर रुक कर फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड लगया वो खुद ही लंड अंदर लेने के लिए उचकने लगी. फिर मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. उसे बहुत दर्द हुआ और वो चीख कर रह गई. उसकी आंखों में आंसू भी आ गए थे. यह देख मैं कुछ देर के लिए रुक गया.

फिर जब उसका दर्द कुछ कम हुआ वो खुद ही अपनी चूत उछालने लगी. यह देख मैंने भी एकदम से रफ़्तार पकड़ ली. हमारी चुदाई में जान सी आ गई थी. अब उसके मुंह से सिर्फ ‘अह्ह्ह अह्ह्ह्हहह अह्ह्ह्हह हां हां’ की ही आवाज निकल रही थी.

करीब 10 मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद फिर मैंने अपना पानी उसके अंदर ही छोड़ दिया. उसके चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि वो पूरी तरह संतुष्ट है. अगले दिन फिर मैंने इमरजेंसी पिल्स लेकर उसे दी.
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#30
बुआ के बगल में लेटी चचेरी बहन को चोदा
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#31
फिर हम मेरे कमरे में पहुंचे. वहां बुआ मेरे बायीं ओर एयर तनु दायीं तरफ लेट गयीं. इसके बाद फिर मैंने लाइट बंद की और सोने की कोशिश करने लगा. ठंड का मौसम था. रात होने के साथ ठंड बढ़ने लगी. इस कारण तनु मेरे से चिपक गई…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमन है और मैं 25 साल का हूं. मैं मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला हूं. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और लगभग सारी कहानियों को पूरा मज़ा लेकर पढ़ता हूं. हालांकि, इनमें से कुछ कहानियां सही तो कुछ झूठ लगती हैं लेकिन फिर भी ये अपना उद्देश्य पूरा करने में सफल रहती हैं. कहानी को पढ़ने के बाद हर पाठक वासना के वशीभूत हो जाता है और उसे बस चूत और लंड ही नज़र आते हैं.

अब इधर – उधर की बातों में अपना ज्यादा टाइम न खराब करते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूं. ये मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है, इसमें मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने एक साथ दो लड़कियों को चोदा.

एक बार मेरी आंटी मेरे घर आई हुई थीं. उनके साथ उनकी बेटी तनु भी आई थी. दोस्तों, मैंने तनु को 4 साल पहले देखा था, उस समय वो छोटी सी प्यारी बच्ची लग रही थी लेकिन अब वो पूरी माल बन गई थी. उसके बड़े – बड़े बूब्स, गोल और मोटी गांड का तो कहना ही क्या! उसका बदन ऐसा कि जो भी देख ले चोदने का ही मन करे.
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#32
जब मैं उससे मिला तो देखते ही मेरा लंड खड़ा होकर फुंफकारने लगा. क्या मस्त माल थी यार! मेरा तो मन हुआ कि वहीं के वहीं पटक के चोद दूं लेकिन चूंकि वो रिश्ते में मेरी बहन लग रही थी और मैं सामाजिक बंधनों में बंधा था तो कुछ नहीं कर पाया.

वो भी मुझे देख के काफी खुश थी. शायद इतने दिनों बाद हमारा मिलना उसे भी अच्छा लगा था. हमने आपस में ढेर सारी बातें कीं. ऐसा लग रहा था जैसे हमारी बातें ही नहीं खत्म होंगी.

रात हुई सब लोग खाने के बाद सोने की तैयारी करने लगे. घर के सारे बड़े लोगों ने नीचे सोने का निश्चय किया और बाकी लोगों को ऊपर मेरे कमरे में सोने के लिए बोल दिया गया. मेरे साथ तनु और मेरी बुआ को सोना था. मेरी बुआ की उम्र 28 साल थी.

फिर हम मेरे कमरे में पहुंचे. वहां बुआ मेरे बायीं ओर एयर तनु दायीं तरफ लेट गयीं. इसके बाद फिर मैंने लाइट बंद की और सोने की कोशिश करने लगा. ठंड का मौसम था. रात होने के साथ ठंड बढ़ने लगी. इस कारण तनु मेरे से चिपक गई.

तभी अचानक मेरी नींद खुली और मैंने तनु को खुद से चिपके हुए देखा. फिर क्या था, मैंने मौके का फायदा उठाया और हाथ उसकी पीठ पर रख कर उससे एक दम से चिपक गया. इसके बाद फिर धीरे – धीरे मैं उसकी पीठ सहलाने लगा. उसने कोई विरोध नहीं किया. इससे मेरी हिम्मत बढ़ गयी.

फिर मैं अपना हाथ आगे ले आया और उसके बूब्स पर रख कर धीरे – धीरे दबाने लगा.
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#33
अब तक मेरा लंड खड़ा होकर एक टाइट हो चुका था. फिर जब बूब्स दबाने पर भी उसने कुछ नहीं कहा तो मैं अपना लंड उसकी चूत पर टच करने लगा.

लेकिन ये क्या. मुझे तो लग रहा था कि वो सो रही है लेकिन जैसे ही मेरे लंड ने कपड़ों के ऊपर से उसकी चूत पर धक्का मारा वैसे ही उसके मुंह से ‘आह आह’ की आवाज निकल गई. उसकी ये आवाज सुन कर मैंने अपना हाथ उसकी स्कर्ट के अंदर डाल दिया. दोस्तों, उसके बूब्स बहुत चिकने थे. मेरा हाथ उन पर लगते ही उसने अपनी आंखें ख़ोल दी. अब क्या था, मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था.

फिर मैंने उसका स्कर्ट खींच कर उतार दिया. स्कर्ट उतारने में उसने मेरी पूरी मदद की. इसके बाद फिर मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी. अब मेरे सामने उसके नंगे बूब्स थे, जिन्हें देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उन पर अपने होंठ लगा दिए. अब मैं उसके बूब्स चूस रहा था और वो अपने हाथ से उन्हें दबा – दबा कर मेरा सहयोग कर रही थी.

यह देख कर मैंने धीमी आवाज में उससे पूछा कि कैसा लग रहा है? तब वह अपना मुंह मेरे कान के पास लाकर बोली, “चप्प – चप्प करते रहो, ये आवाज सुनने में मज़ा आता है और बूब्स चुसाई का आंनद और बढ़ जाता है”. उसकी यह बात सुन कर मैं मुस्कुराने लगा.

फिर मैंने धीरे से उसको मेरा लंड चूसने को कहा तो वह मना करने लगी. लेकिन फिर जब मैं अपना मुंह उसके कान की लौ के पास ले जाकर फिर से लंड चूसने को कहा तो वह मान गयी. हम बहुत धीरे – धीरे बोल रहे थे क्योंकि हमें डर था कि हमारी तेज आवाज सुन कर कहीं बुआ न जाग जाएं.

फिर मेरा लंड चूसने के लिए वह अपनी पोजीशन चेंज करने ही वाली थी कि मैंने उसे पकड़ लिया और उसके कान की लौ चूसने लगा. मेरे ऐसा करते ही वह सिहर उठी और किसी तरह मुझसे छूट कर नीचे चली गई. इसके बाद उसने मेरे पैंट की चेन खोल कर लंड बाहर निकाला और घप्प से उसे मुंह में भर लिया.

दोस्तों, वह लंड चूसने में अनाड़ी थी लेकिन फिर भी जैसे ही उसने मेरा लंड मुंह में लिया, मुझे इतना गजब का फील आया कि मैं बता ही नहीं सकता. ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में पहुंच गया हूं. इस दौरान मैं भी लगातार उसके बूब्स मसल रहा था.

लंड चुसवाने के बाद फिर मैंने उसे सीधे होने को कहा. जैसे ही वो सीधी हुई मैं उसकी पूरी बॉडी में किस करने लगा. वो भी मुझे लगातार किस किये जा रही थी. मैंने उसकी लिप्स और गांड तक में भी किस किया. क्या होंठ थे उसके मैं बता नहीं सकता. पूरी बॉडी पर किस करने से वह मदमस्त होकर तड़पने सी लगी थी.

अब मैंने भी देर करना ठीक नहीं समझा. मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खींच कर खोल दिया और उसे नीचे करने के बाद उसकी पैंटी को भी उतार दिया. इसके बाद अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और कम्बल ओढ़ लिया.
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#34
इसके बाद मैंने जोर का एक धक्का मारा. मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया. उसे बहुत तेज दर्द हुआ और दर्द की वजह से वो रोने लगी. मैं पहले से ही होशियार था इसलिए उसके मुंह पर हाथ रख कर उसे चीखने से रोक दिया. अब वह मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने अपने हाथों की पकड़ मजबूत बनाये रखी, जिससे वो मुझसे अलग नहीं हो पाई.

अब मैं उसे लगातार किस करने लगा ताकि उसका दर्द कुछ कम हो जाए. थोड़ी देर बाद फिर वो नॉर्मल हो गयी और उसकी दर्द भरी सिसकियां बंद हो गयीं तो dir मैंने एक धक्का और लगाकर पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.

इसके बाद फिर मैं लगातार धक्के लगाने लगा. हालांकि अभी मेरे धक्कों की रफ्तार थोड़ी धीमी थी लेकिन जैसे – जैसे उसका दर्द कम होता जाता था और लंड चूत में अपनी जगह बनाता गया वैसे – वैसे मैं अपने धक्कों को रफ्तार बढ़ाने लगा. थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और अब वह भी नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी. इस दौरान मैं लगातार उसके बूब्स भी मसलता जा रहा था.

करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद फिर मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. अब तक वो 3 बार अपना पानी छोड़ चुकी थी. फिर मैं उससे चिपक कर लेट गया. थोड़ी देर बाद फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा और मैंने एक बार फिर से उसकी चुदाई की














































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#35
मामा की सेक्सी बेटी ने रात में चुदवाया
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#36
उसकी हालत देख कर मैंने भी अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे चूसने के लिए कहा. उसने झट से उसे मुंह में लिया चूसने लगी. करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद वो बोलने लगी कि प्लीज अब चोदो मुझे, मैं और नहीं रुक सकती…

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम हनी है और मैं दिल्ली में व्यापार के लिए प्रसिद्ध तिलक नगर का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 21 साल है और मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच तथा मोटाई 3 इंच है. आज मैं आप सब के सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूं अपनी एक सच्ची दास्तान है, जो आप सभी को अपना लंड हिलाने के लिए मजबूर कर देगी.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं. ये बात उस समय का है जब मैं अपना मामा के यहां गर्मी की छुट्टी बिताने आया था. मेरे मामा के घर में उनका पूरा परिवार रहता था, जिसमें उनकी 2 बेटियां भी थीं. मेरे मामा की छोटी बेटी का नाम चीकू है और देखने में बहुत सेक्सी और जबरदस्त माल है. उसकी उम्र 19 साल है लेकिन वो 21 से कम की नहीं लगती. उसके उभरे हुए 32 की साइज के मम्मे देख कर तो बूढ़े भी मुठ मारने लगते हैं. दोस्तों, उसकी कमर 30 और नीचे का साइज 34 है.

एक दिन चीकू, उसकी बड़ी दीदी और उसकी दादी (मेरी नानी) हम सब एक कमरे में सोये हुए थे. तभी अचानक रात में मुझे टॉयलेट लगी और मेरी नींद खुल गई. मैं टॉयलेट जाने के लिए उठा तो देखा कि चीकू अपने बिस्तर पर लेटी धीरे – धीरे किसी से बात कर रही थी. यह देख मैंने उससे पूछा कि किससे बात कर रही हो तो वो बोली कि अपने किसी दोस्त से कर रही हूं. इस पर मैं कुछ नहीं बोला और टॉयलेट चला गया. फिर वापस आकर सो गया.

ये सिलसिला हर रोज रात को चलता रहा. वह बहुत देर तक बातें करती रहती. मैं रोज देखता, मुझे शक भी होता लेकिन मैं बिना कुछ बोले आकर सो जाता. लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा था तो एक रात सबके सोने के बाद मैं चीकू के पास गया और पूछा कि वो रोज रात को इतनी देर तक किससे बात करती रहती है.

पहले तो उसने इधर – उधर करके बात टालने की कोशिश की लेकिन मुझे तो जानना ही था. मैं अड़ा रहा. आख़िर उसे बताना ही पड़ा. उसने मुझे बताया कि दिन में मौका नहीं मिल पाता तो सबके सोने के बाद रोज रात को वह अपने बॉयफ्रेंड से बात करती है. यह सुन कर मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से आकर अपने बिस्तर पर लेटा और सो गया.

अगले दिन करीब 10 बजे अचानक मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वह अभी – अभी नहा कर आई थी. उसके बाल खुल हुए थे और उसने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहन रखा था. इन कपड़ों में वह बहुत सेक्सी लग रही थी. उसको इस हालत में देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और लोहे की तरह कठोर हो गया. मैं लगातार उसको देखता रहा. फिर जब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैं बाथरूम में गया और उसके नाम की मुठ मार कर खुद को शांत किया.

फिर पूरा दिन इधर – उधर के कामों में निकल गया. रात हुई. जब सब सो गये तो मैं उसके पास गया और हिम्मत कर के उससे बोला कि आज सुबह तुम बहुत सेक्सी लग रही थी. मेरी मुंह से ये बातें सुन कर वो मुस्कुराते हुए बोली, “अच्छा, ऐसा था क्या?” मैंने कहा, “हां”. तब उसने मुझे थैंक्स कहा और फिर मैं अपने बिस्तर पर आ कर सो गया.

अगली सुबह फिर उसको उसी हालत में देखने के लिए मैं जल्दी उठ गया और बिस्तर पर पड़ा सोने का नाटक करता रहा. उस दिन भी नहाने के बाद वो वैसे ही कपड़ों में मेरे सामने आई और बड़ी देर तक इधर – उधर घूम कर मुझे अपने हुस्न का दीदार कराती रही. दोस्तों, उस दिन भी मैंने टॉयलेट में जाकर उसके नाम की मुठ मारी.

अगले दिन घर में मेहमान आए हुए थे तो रात को वो मेरे बगल में आकर सो गई. मुझे यह मालूम नहीं था क्योंकि मैं उसके आने के पहले ही सो गया था. फिर रात को जब मेरी नींद खुली तो देखा कि वो मेरे बगल में सोई है. उसको अपने बगल में देख कर मेरी तो खुशी का ठिकाना ही न रहा और धीरे – धीरे फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया. वो मुझसे थोड़ा चिपक लर लेटी थी इस कारण मेरा खड़ा लंड उसके गाड़ के लकीर को टच कर रहा था.

उसको भी इस बात का पता चल गया था कि कुछ कठोर सी चीज उसकी गांड को टच कर रही है. फिर उसने हाथ पीछे करके देखा, जब उसे पता चला कि वो तो मेरा लौड़ा है तो फिर वो बिना कुछ बोले वापस सो गई और मजा लेने लगी. यह देख कर मैं समझ गया कि ये भी मेरा लंड लेने के लिए तैयार है.

अगले दिन जब सुबह मैं उठा उस दिन भी वो नहा कर निकली थी. मुझे जागा देख मेरे पास आई और बोली, “रात को क्या कर रहे थे?” उसके इस सवाल से मैं डर गया और मेरे मुंह से कोई आवाज ही नहीं निकली. फिर वो वहां से चली गई.

उसी दिन घर के सब लोग बाहर जाने वाले थे. घर पर सिर्फ मुझे, चीकू को और उसकी दीदी को ही रुकना था. रात हुई. हम तीनों ने खाना खाया और फिर सोने की तैयारियां करने लगे. तभी चीकू बोली कि मैं और हनी भैया एक साथ सो जाते है ऊपर वाले कमरे में. यह सुन कर मैं मन ही मन खुश हो गया. नानी ने भी हां कर दी. फिर हम सोने के लिए ऊपर वाले कमरे में चले गए और सोने की तैयारी करने लगे.

तभी वो मेरे पास आई और बोली कि आप की कोई गर्लफ्रैंड है तो मैंने कहा “नहीं”. फिर खुद अपने बॉयफ्रेंड की सारी कहानी मुझसे बताने लगी. इस तरह बात करते – करते रात के 12 बज गए तो मैंने उससे कहा कि चलो सोते हैं.

इतना कह कर मैं लेटने लगा तभी वो अचानक मेरे और करीब आई और आकर मुझे पकड़ लिया. इसके बाद वह लोवर के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी. उसका हाथ लगते ही मेरा लंड लोहे की रॉड जैसा कठोर हो गया. फिर वो उसे पकड़ कर हिलाने लगी.

अब वो धीरे – धीरे गरम होने लगी थी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके चड्ढी के अंदर डाल दिया. जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत के ऊपर गया मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैंने अपना हाथ किसी आग कि भठ्ठी में डाल डाल दिया हो.

उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और अंदर – बाहर करने लगा. चूत में उंगली करने से वो और गर्म हो और मेरा हाथ पकड़ने लगी. अब उसके मुंह से मादक आवाजें भी निकल रही थीं, जो मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं.

फिर मैंने उसे चूमना स्टार्ट किया और और धीरे – धीरे करके उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. अन्दर उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी, जिसको देख कर मैं जोश में आ गया और फिर मैंने उसकी ब्रा को फाड़ कर फेंक दिया. ब्रा फटते ही उसके मम्मे आजाद हो गए. उन्हें देख कर मुझसे कंट्रोल न हुआ और मैं उन्हें चूसने लगा.

फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए. अब वो मेरे सामने बिना कपड़े के लेटी हुई थी. उसकी गुलाबी चूत से काम रस टपक रहा था. जिसे देख कर मैं नीचे गया और उसकी चूत को चाटने लगा. मेरे ऐसा करने से वो और गर्म होने लगी. दोस्तों, उसका बॉयफ्रेंड तो था लेकिन ये उसकी पहली चुदाई थी इसलिए वो चुदने के लिए और भी ज्यादा उतावली होकर बार – बार लंड अन्दर डालने के लिए कह रही थी.

उसकी हालत देख कर मैंने भी अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे चूसने के लिए कहा. उसने झट से उसे मुंह में लिया चूसने लगी. करीब 5 मिनट लंड चूसने के बाद वो बोलने लगी कि प्लीज अब चोदो मुझे, मैं और नहीं रुक सकती.

उसकी ये बातें सुन कर मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह से बाहर निकाला और पोजीशन में आकर उसकी चूत में सटा कर धीरे से धक्का लगाया तो मेरे लंड का सुपड़ा उसकी चूत में आधा घुस गया. इससे उसे बहुत तेज दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी.

यह देख मैंने अपना एक हाथ उसके मुंह पर रख दिया ताकि आवाज बाहर न जाने पाए. हाथ रखने के बाद फिर मैंने एक झटका दिया और पूरा लंड अंदर कर दिया. उसकी सील टूट चुकी थी और दर्द के कारण वह तिलमिलाने लगी थी. यह देख मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उसके मम्मों को हाथ में लेकर दबाने लगा.

फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया. उसे अभी भी दर्द हो रहा था लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था. धक्के पर धक्के लगाता रहा. मैंने अलग – अलग तरीके से करीब आधे घंटे तक उसे चोदा. इसके बाद दोनों एक साथ झड़ गए. ये उसका तीसरा ऑर्गेज्म था. फिर उस रात मैंने उसको कुल 3 बार चोदा और हर बार उसकी चूत में ही अपना माल निकाला. फिर कुछ दिन बाद मेरी छुट्टी खत्म हो गई और मैं घर वापस आ गया.































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#37
भाई के साथ रंगीन हुआ बस का सफर
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#38
मुझे अपने भाई के साथ बस का सफर करना था. रात का सफर था और बस में हमने स्लीपर सीट बुक कर रखी थी. हम दोनों भाई – बहन की सीट अगल – बगल थी. रात में जब मैं सो गई तो भाई ने मुझे यहां – वहां टच करने लगे. इसके बाद किस तरह मेरा सफर रंगीन हुआ ये कहानी में पढ़िए…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम नेहा और आज मैं अपनी एक नई कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूं. यह कहानी मेरी और मेरे भाई के बीच एक यात्रा के दौरान हुई सेक्स घटनाओं पर आधारित सच्ची कहानी है. उम्मीद करती हूं मेरी यह कहानी आप लोगों को पसंद आएगी.

कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको मेरे भाई के बारे में बता देना चाहती हूं. उसका नाम विनीत है और वह दिखने भी ठीक-ठाक है. उसकी बॉडी भी स्लिम है और उसका रंग गोरा है.

अब मैं अपनी कहानी पर आती हूं. 12वीं पास करने के बाद हमें अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना था. इस टाइम मेरी उम्र 20 और भाई की 22 साल थी. हम दोनों का शहर के एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया था और मुझे रहने के लिए होस्टल भी मिल गया था. लेकिन भाई के लिए पापा ने वहीं थोड़ी दूर पर एक फ्लैट किराए पर ले दिया था.

खैर, हमारा सफर शुरू हो गया. मेरे मम्मी पापा को भाई पर कुछ ज्यादा ही भरोसा था इसलिए उन्होंने मुझे भाई के साथ अकेला ही भेजा.
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#39
हम दोनों का टिकट एक एसी बस के स्लीपर क्लास का था और होल नाइट जर्नी थी. बस में बैठने के बाद हम दोनों भाई – बहन इधर – उधर की बातें करने लगे. धीरे – धीरे अंधेरा बढ़ने लगा. बाहर बढ़ रहे अंधेरे से बेखबर हम अपनी बातों में मशगूल थे. तभी अचानक बस रुकी और हम चौंक गए कि क्या हुआ! हालांकि, फिर हमें पता चला कि बस एक ढाबे पर रुकी है.

इसके बाद सभी यात्रियों के साथ हम भी उतरे और खाना वगैरह खा कर वापस बस में बैठ गए. बस फिर चलने लगी. अब मुझे नींद आ रही थी तो मैं लेट गई और कुछ ही देर में नींद के आगोश में चली गई. थोड़ी देर बाद भाई भी आकर मेरे बगल में अपनी सीट पर लेट गया.

फिर थोड़ी रात और होने पर मुझे मेरे हाथों पर कुछ महसूस हुआ और मेरी नींद खुल गई. मैंने देखा कि भाई मेरा हाथ पकड़े हुए है और नींद आने का बहाना कर रहा है. लेकिन मैं समझ गई कि वो जाग रहा है. इसके बाद भी मैं लुक नहीं बोली.

हाथ अकेले पकड़ने में क्या मज़ा. भाई को भी नहीं आ रहा था तो कुछ देर बाद उसने मेरा हाथ छोड़ दिया और एक हाथ मेरे सीने पर रख कर फेरने लगा. इस पर भी मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और मैं धीरे – धीरे गर्म भी होने लगी थी.
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#40
इससे भाई की हिम्मत और बढ़ गई. फिर उसने मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया, वो भी खुल्लमखुल्ला. उन्हें भी अब ये एहसास हो गया था कि मैं जग रही हूं और मुझे भी मज़ा आ रहा है. फिर वो तेजी से मेरे मम्मे दबाते हुए मुझे जोरों से किस करने लगे.

अब मैं बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी. फिर वो धीरे – धीरे अपना हाथ नीचे ले जाने लगे. उस दिन मैं नीचे शार्ट पहने हुए थी. इसलिए उनका हाथ बड़े आराम से मेरे शॉर्ट के अंदर चला गया.

हाथ अंदर ले जाकर उन्होंने सीधा मेरी चूत पर रख दिया और उसे सहलाने लगे. मैं तब तक खूब गर्म हो चुकी थी और मेरी चूत से पानी रिसने लगा था. तभी अचानक भाई ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी. ये इतना अचानक हुआ कि मेरी चीख निकलने को हुई लेकिन तभी उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिया और जोरों से किस करने लगे. इस वजह से मेरी आवाज दब गई.

अब वो जोरों से मेरी चूत में उंगली कर रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं मदमस्त हो चुकी थी. फिर थोड़ी देर में माओ झड़ गई और मेरी चूत ने अपना गर्म – गर्म लावे जैसा पानी छोड़ दिया.

बस का एसी चल रहा था और अगल – बगल वाले सब चादर ओढ़ कर सो रहे थे लेकिन मुझे गर्मी महसूस हो रही थी. मेरा तो हो गया था लेकिन अभी भाई का नहीं हुआ था. उनका राजा (लंड) उनके पैंट को फाड़ने को उतावला दिख रहा था. फिर मैंने उनका पैंट की बटन खोल कर उसे नीचे किया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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