29-07-2020, 10:15 AM
Waah bhai jldi jldi dalo update
Adultery क्या मेरी मम्मी एक रंडी है? - एक कहानी
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29-07-2020, 10:15 AM
Waah bhai jldi jldi dalo update
30-07-2020, 07:44 AM
Bohot hi sexy story
04-08-2020, 07:27 AM
UPDATE WAITING
18-08-2020, 09:45 PM
UPDATE WAITING
21-08-2020, 05:26 PM
Bhai bahut wait kra liya
02-09-2020, 01:53 AM
-अम्मी अम्मी अम्मी, मेरी प्यारी रंडी अम्मी, मैंने अपने दिमाग में सोचा मेरे दिमाग में मेरे अम्मी के गाल पे उस कटे निशान की छवि चढ़ गयी थी, और मैं दूर से अपने अम्मी को लगातार घर रहा था, मेरी अम्मी घर का खाना बना रही थी, और मेरी नज़र उनकी बड़े ही गोलदार गांड पे टिका हुआ था, ,मैं मंत्र मुग्धा हो खड़ा हो गया, और अम्मी के तरफ जाने लगा, मेरी नज़र मेरी अम्मी के गांड पे तिकी हुई थी, और मेरे अंदर का जैसे कोई जीन घुस गया था, और मैं चलते हुए अपने अम्मी के बिलकुल करीब आ गया, मेरी अम्मी को मेरा अभी तक कोई आभास नहीं था, और मैं अपने अम्मी के बिलकुल पीछे उनकी गांड को घर रहा था,
इन्सर्ट इमेज मेरे अंदर ऐसा क्या जानवर चढ़ गया मेरा हाथ आगे बढ़ मेरी अपनी अम्मी के कमर में मेरा हाँथ चला गया, ये सब मुझे धीमे रफ़्तार में दिख रहा था, -आआआआह कौन है, मेरी अम्मी जोड़ से चीख दी, मेरा हाँथ मेरी अम्मी के कमर पे था, और मैं अम्मी की चीख सुन डर गया लेकिन मैं छोड़ने के बजाये अपनी अम्मी को कसकर पकड़ लिया, -रेहान रहा है, छोड़ मुझे, देख नहीं रहा मैं खाना बना रही हूँ, लेकिन मैं अपनी अम्मी को छोड़ने के बजाये उसके कमर को और जकड अपना चेहरा अपनी अम्मी के पीठ पे लगा देता हूँ, मेरी अम्मी मेरे इस हारकर से बिलकुल सकपका जाती है, मैं अपने हाथ से अपने ही अम्मी का कमर और जकड के उनके गांड पे अपना सख्त लंड लगा देता हूँ, मेरी अम्मी ये महसूस कराती है, और मुझे जोड़ से धक्का दे गिरा देती है, -रेहान, पागल है क्या - क्या कर रहा है, और अम्मी झट से अपने कमरे में चली जाती है, मैं वही पे किचन में अपना पीठ फ्रिज पे लगा के अपने अम्मी के गांड का आकर अपने हाँथ में बनाने लगता हूँ, मुझे अभी भी अपने पागलपन का दौड़ा से नहीं उतरा था, और इसी बदहवासी में अपना पयजामा खोल किचन में अपने लुंड से अपने अम्मी को सोंच के मुठ मरने लगता हूँ, मेरी खयालो में मेरी अम्मी मेरे सामने झुकी हुई गांड पीछे फेक रही थी, और मैं धुंआधार उन्हें चोद रहा था, मेरी हालत ख़राब होने लगी और मैं चरम सीमा पे पहुँचाने ही वाला था, -हाई अल्लाह, मेरे कानो पे एक धीमी सी आवाज़ पड़ी और मेरे उसी वक़्त झड़ने लगा, मेरा पूरा सरीर अकड़, -आआआआह आआआआह आह, कर मैं नग्न ही फ्रिज के बगल में फिसलता हुआ जमीं पे आ गिरा, मेरा दिमाग अपने सही स्थिति में में आने लगा, और डर का काया साया मेरे सरीर को कण कण कॅम्प रहा था, दरवाज़े पे वो आवाज़ वो साया अभी भी था, और ये या तो मेरी अम्मी अम्मी या मेरे अब्बू की नयी बेगम थी, जिसने मेरे इस हरकत को देख लिया था, और मेरी अम्मी जिसपे मैंने किसी जंगली भेड़िया की तरह धावा बोलै था, मैं अपना नज़र उठता हूँ, वह दरवाज़े पे मेरे अब्बू की नयी बेगम खड़ी थी, और मैं ये देख डर गया, लेकिन वो वह चुप चाप किसी रोशनी में फंसे हिरन की तरह आंख टिकाये हुए थी, मैं उसका नज़र को तोलता हूँ, उनका नज़र सीधे में लैंड पे गाड़ी हुई थी, और मैं अपने अन्नू की नयी बेगम को घर रहा था, तभी ऊपर से किसी और के आने की आवाज़ आयी, तो मैं झट से कपड़ा सही कर रसोई के दूसरे दरवाज़े से निकल गया, अब मुझे काफी डर लग रहा था, अपनी अम्मी से और अपने अब्बू की नयी बेगम से, और इसी डर के स्थिति में दारू के ठेके पे पहुँच गया |
15-03-2024, 08:20 PM
Good story
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