10-02-2019, 02:15 AM
मस्त अपडेट भाई, ऐसें ही अपडेट की अपेक्षा थी आपसे। अगर आप अगला अपडेट जलदी देंगे तो हमारी दो week की वासना भी थोडी कम हो जायेगी।
Adultery रीमा की दबी वासना
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10-02-2019, 02:15 AM
मस्त अपडेट भाई, ऐसें ही अपडेट की अपेक्षा थी आपसे। अगर आप अगला अपडेट जलदी देंगे तो हमारी दो week की वासना भी थोडी कम हो जायेगी।
10-02-2019, 09:29 PM
रोहित उल्टा लेटी रीमा के ऊपर आ गया, उसने उंगलियों से रीमा की गुलाबी चूत के सटे हुए गुलाबी लाल ओंठ अगल कर दिए और अपनी उंगली उसकी चूत पर रगड़ने लगा | फिर धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी, ये क्या रीमा की चूत अब तक गीली ही थी, मतलब रीमा की चूत की प्यास अभी तक बुझी नहीं, चूत गीली होने का एक ही मतलब है चूत चुदने के लिए तैयार है | रीमा की चूत में उंगली जाते ही, रीमा के मुहँ से एक सिसकारी निकली | रोहित चौक गया | रीमा जाग गयी क्या, या जाग रही है और सोने का नाटक कर रही है |
रोहित ने धीमी आवाज में – रीमा .......... थोडा रूककर रीमा .........| रीमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई | रोहित रीमा के मुहँ के पास जाकर निश्चिन्त किया की सचमुच रीमा सो रही है की नहीं | रीमा सो रही थी लेकिन सोती हुई रीमा का हवस का भूखा शरीर उसके अचेतन मन के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दे रहा था | रोहित फिर से रीमा के पर आ गया और अपनी दो उंगलियाँ रीमा की चूत में डाल दी और उंगलियों से उसकी चूतचोदने लगा | उसके बाद वो पूरी तरह से रीमा के ऊपर आ गया, अपना फूला हुआ कांपता हुआ मुसल लंड का सुपाडा रीमा के चूत के गुलाबी ओंठो को अलग करता हुआ, उसकी चूत के छेद से सटा दिया | धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत के संकरे गुलाबी छेद पर अपने मुसल लंड के फूले हुए सुपाडे का दबाव बढ़ाने लगा | धीरे धीरे रोहित के लंड का फूला हुआ सुपाडा रीमा की संकरी गुलाबी छेद में धंसता हुआ चला गया और गायब हो गया | रोहित ने ये बहुत आइस्ते से किया ताकि रीमा को पता न चले | रोहित का सुपाडा रीमा की गरम गीली चूत में घुस गया | रोहित ने अपने हाथो को बिस्तर पर टिकाया और थोड़ा और जोर अपनी कमर पर डाला | रोहित का मोटा मुसल लंड आइस्ते आइस्ते रीमा की चूत गीली गुलाबी दीवारों को चीरता अन्दर धंसने लगा | रीमा कुस्मुसाई, रोहित ठहर गया, रीमा करवट न ले इसके लिए एक हाथ उसकी पीठ पर जमा दिया | रीमा शांत हो गयी, रोहित ने अपनी कमर पर जोर बढ़ाया और लंड को २ इंच रीमा की चूत में खिसका दिया | रीमा ने मुहँ ने मादक कराह निकल गयी | रोहित ने रीमा के मुहँ के पास जाकर देखा, वहां कोई भाव नहीं थे, मतलब रीमा के अचेतन मन से फिर हरकत हुई, क्या रीमा का अचेतन मन जानता है की उसके साथ क्या हो रहा है | रोहित को अब परवाह नहीं थी रीमा को कैसे पता चलता है पता चलता भी है या नहीं लेकिन वो उसकी नीद ख़राब किये बिना उसे चोदना चाहता था | रोहित ने लंड को पीछे खीचा और हलके से फिर चूत में ठेल दिया, रीमा के मुहँ से सिसकारी निकली | रोहित को फिर शंका हुई कही रीमा जाग तो नहीं रही, वो चुदाई शुरू करने से पहले इत्मिनान कर लेना चाहता था हालाँकि उसे भी पता था जब धक्को की स्पीड बढ़ेगी तब तो रीमा की नीद टूटना स्वाभाविक है , फिर भी तब तक वो ये खेल खेलना चाहता था | उसने हलके से रीमा की चूंची मसल दी और उसके चूतड़ पर चपत लगा दी , फिर गाल चिकोटी काट ली | अब उसे इत्मिनान हो गया था रीमा अभी भी सो रही है | उसने धीरे धीरे रीमा की गुलाबी संकरी चूत में अपना मुसल लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया | पहले बेहद ही धीमी स्पीड से फिर स्पीड बढ़ाने लगा, रीमा के मुहँ से बीच बीच में कभी कभार उन्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह निकलने लगा | रोहित ने परवाह नहीं की, वो अब अपना पूरा ध्यान सोती हुई रीमा की चुदाई पर लगाना चाहता था | उसने अपनी कमर जोर जोर से हिलानी शुरू कर दी, अपना आधा लंड रीमा की गलाबी गीली चूत में पेलने लगा | रीमा ले मुहँ से भी आआअह्ह्ह्ह की सिसकारी निकलने लगी, रीमा ने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी | ये तय था की रीमा अभी भी नीद में ही थी | रीमा शायद इसलिए प्रतिक्रिया दे रही थी की वो कोई चुदाई का सपना देख रही हो, और यहाँ रोहित उसे सचमुच में चोद रहा था | फिलहाल रोहित को कोई जल्दबाजी नहीं थी, वो आराम से जितना ज्यादा देर तक हो सके रीमा को चोदना चाहता था, इसलिए आराम से आइस्ते आइस्ते रीमा की चूत में लंड पेल रहा था | उसके शरीर का कोई भी हिस्सा रीमा के शरीर को छु नहीं रहा था, रोहित का लंड रीमा की चूत में आ जा रहा था बस | सुबह का समय था फिर भी रोहित को पसीना आने लगा | उसने भी पोजीशन बदलने की सोची, इसलिए रीमा को एक करवट करना चाहा, वो रीमा को एक करवट करने के लिए एक एक तरफ झुका, लेकिन उसका हाथ बेड पर फिसल गया, और रोहित नीचे की तरह धड़ाम हो गया, उसका भारी शरीर रीमा की पीठ पर न जाकर गिरे इसलिए रोहित अपने बांयी तरफ झुका, बदले में उसके पैर दाई तरफ अपने आप हो गए और रोहित का मुसल लंड रीमा की चूत की गहराई में अन्दर तक घुसते हुए फिर बाहर निकल आया | रीमा कसमसा कर रह गयी | रोहित कुछ देर तक उसी तरह पड़ा रहा, फिर रीमा की पीठ अपने सीने की तरफ कर ली और धीरे से उसकी बांह पकड़ कर लंड को उसकी गीली चूत में खिसका दिया और चुपचाप लेट गया | जब रीमा की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई, तो अपनी कमर हिलाने लगा | रोहित जमकर चोदना चाहता था लेकिन परिस्थितियां उसके अनुकूल नहीं थी, इसलिए बस हलके हलके अपनी कमर हिला कर रीमा को चोदने लगा | वो चाहता तो रीमा की गुलाबी चूत की गहराई तक लंड उतार कर रीमा को चोद सकता था लेकिन उसे ये सब करने में ही बड़ा मजा आ रहा था | वो काफी देर तक ऐसे ही धीरे धीरे कमर हिलाता रहा | इसी बीच रीमा फिर से अपना तकिया पकड़ फिर से पेट की बल लेट गयी, रोहित को मजबूरी में फिर से उसके ऊपर आना पड़ा | रोहित ने इस बार जोर से रीमा की गीली चूत में अपना मुसल लंड पेल दिया | रीमा की नीद की बेहोशी टूटी, उसे कुछ समझ नहीं आया उसके साथ क्या हो रहा है | उसने अपने एक हाथ से रोहित को टटोला, गहरी नीद में ही बुदबुदाई – क्या कर रहो रोहित, अभी तक सोये नहीं क्या ? रोहित समझ गया रीमा जाग गयी है- उसने झटके लगाने बंद कर दिए | कुछ देर तक जब रीमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उसने फिर रीमा को चोदना शुरू कर दिया | कुछ देर में रीमा को नीद के आगोश में भी अहसास हो गया की हो क्या रहा है | रीमा नीद में बडबडाइ – रोहित तुमारा वो अभी तक मेरे अन्दर है, तुम फिर से कर रहे हो क्या ????? रोहित – हाँ बेबी मै तुम्हे फिर से तुमारी गुलाबी कमसिन मखमली चूत चोद रहा हूँ | रीमा – क्यूँ रोहित ?????? रोहित- रीमा बेबी मुझसे रहा नहीं गया, मेरा लंड अकड़ा हुआ था मैंने सोचा सुबह सुबह तुम्हे सोते हुए चोदकर मोर्निंग गिफ्ट दू तुम्हे | रीमा – ऊऊओफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ो ऊऊओह्ह्ह्ह रोहित तुम तो मुझे पागल ही कर दोगे | रोहित उसके स्तन मसलता हुआ – तुम्हे अच्छा लग रहा है | रीमा – हूऊऊऊऊ | रोहित – क्या हूँ, बोलो न ? रीमा – अच्छा लग रहा है, लग रहा है जैसे मै कोई सपना देख रही हूँ | रोहित – रीमा बेबी आअहाआअहाआह्ह ये सपने जैसे ही तो है, तुम स्वप्न सुंदरी और सुबह सुबह तुमारी जैसे स्वप्न सुंदरी को चोदना एक सपना ही तो है |
10-02-2019, 09:49 PM
रीमा – ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह..........तुमारा वो मेरे अंदर, हौले हौले धीरे धीरे बहुत मजा आ रहा है | काश ये सपना कभी न टूटे |
रोहित – ये सपना नहीं है रीमा डार्लिंग, ये हकीकत है, मै हकीकत में ही तुम्हे हौले हौले चोद रहा हूँ | रीमा – ऊऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह, सपने कितने खूबसूरत होते है,काश वो भी हकीकत बन पाते, इसी तरह तुम हौले हौले धीर धीरे मेरे अन्दर उतरते रहो और मै सिसकारियां भरती रहूँ | रोहित – सपने ही हकीकत बनते है मेरी जानेमन, आंखे तो खोलो तभी तो हकीकत से रूबरू होगी | मेरा मुसल लंड तुमारी गीली गुलाबी चूत में हौले हौले ही जा रहा है , जीभर सिसकारियां भरो, मै हौले हौले ऐसे ही तुम्हे चोदुगाँ | रीमा – नहीं आंखे खोली तो सपना टूट जायेगा, तुमने तो दो बार चोदा जान निकाल दी | सपने में ही सही लेकिन तुम कर तो रहे हो धीरे से, आराम से निश्चिन्त होकर | रोहित – रीमा बेबी जब आँखे खोलोगी तब तो पता चलेगा, कि सपना में ऐसे चुद रही हो या हकीकत में | रीमा – सपना हो या हकीकत मुझे बस ऐसे ही चुदना है, ऐसे ही चोदते रहो ..............ऊफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह | रोहित ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी | वो जोर जोर से धक्के लगाने लगा | धक्के लगने से रीमा की नीद की मदहोशी गायब हो गयी | उसने तकिये में से मुहँ निकाल कर देखा तो सचमुच उसे रोहित चोद रहा था | रीमा – हाय हाय मुझे लगा मै कोई सपना देख रही हूँ, तुम तो सचमुच में.............| रोहित – सचमुच में क्या ? रीमा – तुम अब तक घर नहीं गए, कितने बजे है रात के (कमरे में परदे पड़े थे इसलिए सूरज के उजाले से पता लगाना मुश्किल था ) घडी की तरफ देखते हुए – 9 बजने वालेहै , तुम अब तक यही हो और प्रियम को किसने तैयार किया होगा ?????? रीमा को परेशान देख, रोहित उसे चूमने लगा | रीमा उसे झटकते हुए बोली – छोड़ो मुझे | रोहित – अभी तो कह रही थी ऐसे ही हौले हौले चोदते रहो मुझे, अब छोड़ने की बात कर रही हो | रीमा झुन्झुलाकर – मै एक गन्दा सपना देख रही थी बाबा | रोहित ने रीमा की चूत में लंड ठेल दिया – गन्दा, चुदाई तुम्हे गन्दी लगती है, फिर चुदाई के सपने क्यों देखती हो, क्योंकि तुमारा मन चुदने को करता है और इसका मतलब तुम गन्दा सोचती हो, इसीलिए गन्दा सपना देखती हो | चुदाई तो चुदाई है | रीमा परेशान होते हुई – अरे प्रियम .......???? रोहित ने उसके ओंठो पर अपने ओंठ रख दिए, रीमा ने मुहँ फेर लिया | रोहित – प्रियम को कॉलेज के लिए विदा करने के बाद यहाँ आया हूँ, अब खुश | रीमा – मतलब तुम अपने घर गए थे | रोहित – हाँ रीमा, अब तो अपना ड्रीम एन्जॉय करो, हौले हौले धीरे धीरे, अन्दर तक .........| रीमा – शटउप, सुबह सुबह ये क्या फितूर चढ़ा है, रात में करके मन नहीं भरा, कल शाम से जब से आये हो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो, दो बार तो कर चुके हो अभी भी ठरक चड़ी हुई है | रोहित – अरे तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मै ही सब केवल अपने लिए कर रहा हूँ, क्यों ??? अकेला मै ही थोड़े हूँ, तुम भी कहाँ रुकने दे रही हो, हर बार तो राजी हो जाती है, मै अकेला थोड़े तुम्हे चोद रहा हूँ, तुम भी तो चुद रही हो, तुमारी चूत भी तो मेरे लंड की उतनी ही दीवानी है जितना मेरा लंड तुमारी चूत का प्यासा | रीमा – कितना गन्दा गन्दा बोलते हो, दुसरे तरीके से भी तो बोल सकते हो, पता नहीं बोल बोल क्या क्या गन्दा गन्दा सिखा दोगे मुझे | इतना कहकर रीमा ने अपनी कमर और चूतड़ ऊपर उठा दिए, अपने हाथो से बेड की चादर भींच ली | रोहित भी रीमा की चूत में अन्दर तक लंड धंसता चला और गहराई तक धक्के लगाने लगा | हर झटके के साथ रीमा कराहने लगी | रोहित – रीमा मेरी जान चुदाई दुसरे किसी और तरीके से नहीं कर सकते है , चुदाई होती ही एक तरीके से है चूत में लंड, चूत में लंड, चिकनी चूत में लंड, चिकनी मखमली चूत को अन्दर तक चीर कर पूरा लंड जड़ तक घुसा कर, दे पेलम पेल चुदाई होती है | रोहित धक्के लगाते हुए बोला | रीमा – छी छी छी तुम मर्दों को न बस यही सब आता, तुमारा बस चले तो यही सब गन्दी गन्दी जबान हम औरतो को भी सिखा दो | बड़ा मजा आता है न जब औरत के मुहँ से ऐसे गंदे शब्द सुनते हो | रोहित – इसमें गन्दा क्या है, हम वही कर भी तो रहे है, अन्दर तक चुदने के लिए अभी चूतड़ किसने ऊपर उठाये | पूरा लंड चूत में लेने के लिए अभी किसने कमर ऊपर करी | रीमा – उफ्फ्फफ्फ्फ़ बस यही तोहमत रह गयी थी, जिन्दा लाश की तरह पड़ी रंहू क्या ???????????? करने में मदद करो तो भी दोष औरत का ही लगेगा, तुम्हे करने में कोई दिक्कत न हो बाबा, इसलिए थोड़ा कमर ऊँची कर दी | करना अलग चीज है, सभी करते है लेकिन उसी चीज को बोलना जरुरी है क्या ???? पूरी रात वही तो किया है लेकिन तो क्या उसकी कमेंट्री करोगे बैठकर | रोहित ने जोर का धक्का लगाया | रीमा – आआआऊऊऊऊऊऊऊऊउईईईईई आआऐईईईईईईईईईई ऊऊऊऊउ आऔऊऊऊऊउच, उफ्फ्फफ्फ्फ़ आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ आराम से नहीं कर सकते, मुझे सता के........ दर्द देकर क्या मिलता है, रबर की नहीं हूँ, हांड मांस का जिस्म है ..........आआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ | रोहित धक्का मारते हुए – भला मै क्यों सताऊंगा तुम्हे, मै तो बस तुम्हे जन्नत की सैर करवाना चाहता हूँ | तो बोलो न कैसे करना है, वैसे भी सारी मेहनत मै ही तो कर रहा हूँ, और तुम्हे है अपने ओंठ हिलाने में भी तकलीफ है | जैसे बोलोगी वैसे ही करूगां मेरी जान, बतावो तो सही कैसे चोदना है ये गुलाम बिलकुल उसी तरह तुमारी गुलाबी गीली चूत में अपन मुसल गरम लंड पेलेगा, और तुम्हें स्वर्ग की सैर कराएगा | रीमा खीझ गयी – सुबह सुबह लोग परमात्मा का नाम लेते है जुबान पर, और तुम हो पता नहीं क्या क्या अंट शंट गन्दा गन्दा बोल रहे हो, मै नहीं बोलूंगी गन्दा संदा, मुझसे नहीं होगा | तुम्हे जो मर्जी में आये वो करो | वैसे भी मेरी सुनोगे कहाँ | करोगे वही जो तुम्हें पसंद होगा | रोहित – एक बार बोलकर तो देखो | रीमा – रहने दो, कल शाम से देख ही रही हूँ, कितना सुनी है मेरी, बस जब से आये हो तन को कपड़ा नहीं नसीब हुआ है ऊपर से बस किये जा रहे हो | इतनी जोर से झटका मारते हो, पूरा जिस्म अकड़ जाता है ये तो मै हूँ जो तुमारा झेल रही हूँ और कोई औरत होती अब तक अपना कुल्हा कमर लेकर बैठ गयी होती | एक बार के बाद छुने भी न देती | रोहित - तो मना क्यों नहीं कर देती | रीमा - भला तुम मानोगे, पता नहीं क्या क्या समझाकर अपनी मनवा लोगे | मुझे सब पता है जब तक वो अकड़ा रहेगा तुम मना करने पर भी नहीं रुकोगे | पता नहीं क्या खिलाते हो उसको तीन बार के बाद भी नहीं मुरझा रहा | रोहित ने धक्को की स्पीड बढ़ा, उसके मुहँ में भी तेज सांसो की आहे निकलने लगी | रोहित भी पुरे झटके लगाने लगा | रीमा की मादक कामुक कराहे शुरू कमरे में गूजने लगी – आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊओह्ह्ह्ह ओहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहोहूहोह्होहूहोह | रोहित ने रीमा की कमर पर अपना भारी हाथ रखा और पूरी गहराई तक चूत में लंड उतार कर रीमा को चोदना शुरू कर दिया | रीमा भी जोर जोर से ओह उउह आह करने लगी | दोनों की सांसे तेज हो चली | रीमा ने तकिये में मुहँ दबा लिया, लेकिन ज्यादा देर तक दबाये नहीं रख पाई | उसकी सिसकारियां पुरे कमरे में तेज तेज गूंजने लगी | सुबह सुबह शरीर तरोताजा होता है इसलिए चुस्ती फुर्ती ज्यादा होती है और वो रीमा रोहित की चुदाई में नजर आ रही थी | रीमा की चूत में लंड डालकर चोदते हुए रोहित को मतलब भर का समय हो गया था, लेकिन एक तो उसने आराम से लंड को पेला था दुसरे सुबह का वक्त इसलिए रोहित को ज्यादा समय लग रहा था | जब से रोहित चोद रहा था रीमा पेट के बल ही लेती थी | रोहित ने अब दूसरी पोजीशन में रीमा को चोदने की सोंचने लगा | रोहित ने रीमा को दाये हाथ की करवट लिटा दिया और उसके पीछे से उसकी गीली नरम चूत में लंड पेलने लगा | पीछे से उसके हाथ रीमा के तने हुए सुडौल स्तनों को मसलने लगे और उसके ओंठ रीमा की गर्दन को चूमने लगे | जबकि नीचे उसकी कमर लगातार झटके मार रही थी | उसके बाद उसने रीमा का कुल्हा कसकर पकड़ लिया और दनादन रीमा की गरम गीली चूत में अपना मुसल लंड पेलने लगा | रीमा ने अपने बाये हाथ से एक चूतड़ को थाम रोहित का लंड अपनी चूत में अन्दर तक लेने लगी | रीमा की चूत की गरम गीली दीवारे रोहित के लंड को अन्दर ही जकड़ ले रही थी और दीवारों से रिसते चूत रस से सरोबार कर देती थी | चूत बहुत ही गीली थी इसलिए लंड भी आराम से पूरा घुस रहा था | रीमा रोहित के मोटे मुसल सख्त लंड के भीषण घर्षण से अपनी नरम गुलाबी चूत की दीवारों में हो रहे स्पंदन को महसूस कर रही थी, जैसे ही उसकी चूत की चिकनी गीली गरम दीवारों को चीरता हुआ रोहित का मोटा सख्त मुसल लंड रीमा के अन्दर तक जाता, उसके पसीने से सरोबर शरीर में वासना की तरंगे का कम्पन दौड़ जाता, तेज चुदाई से उसका पूरा शरीर हिलकोरे खा रहा था | वो दर्द, वासना और आनंद के मिश्रण से कराह रही थी | रोहित फुल स्पीड में रीमा को पीछे झटके मार रहा था, उसकी जांघे रीमा के नरम सुडौल मांसल चुताड़ो पर थप थप कर लड़ रही थी, रोहित के झटको से रीमा का हिलकोरे खा रहे पुरे बदन में वासना की मादक तरंगे दौड़ रही थी , उसके सुडौल स्तन उछल रहे थे, मुहँ से कराहे निकल रही थी, रोहित पूरा जोर लगाकर कमर हिलाकर रीमा को चोद रहा था और रीमा जमकर चुद रही थी फुल स्पीड में चुद रही थी अन्दर तक चूत की अंतिम गहराई तक चुद रही थी , जैसे वो हमेशा से चुदना चाहती थी | उसकी वर्षो की दिली तम्मना थी कोई उसको ऐसे ही जमकर चोदे, पति का साथ तो बहुत जल्दी छुट गया था इसलिए वो ख्वाइश ख्वाइश ही रह गयी थी, रीमा ने कभी नहीं सोचा था की एक दिन ऐसा आएगा जब उसे ये सब नसीब होगा | देर से ही सही आज वो वर्षो की दबी ख्वाइश उसका देवर रोहित पूरी कर रहा था | रोहित तेज सांसो के साथ – ऐसे स्पीड में चोदू तुम्हे बेबी, चोद चोद के तुमारी चूत की सारी चुदास मिटा दू मेरी जान, इतना चोदू की तुमारी चूत से पानी के फवारे फूटने लगे, चूत से पानी की धारा बह निकले और हम दोनों को उसी में सरोबार कर दे | रीमा – आआआह्ह्ह ऊऊऊऊह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़, यस बेबी यस ओह माय गॉड | रोहित रीमा को तेज तेज धक्के लगाता हुआ – ऐसे अन्दर तक पेलू, जोर जोर से, हाँ हाँ बेबी, जस्ट लाइक ........हाआअन्न्न, बोलो न बेबी हाआअन्न्न, बोलो न बेबी | रीमा को तो जैसे होश ही नहीं था, उसके मुहँ से निकल रही सिस्कारियों का कोई अंत नहीं था - ऊओह्ह्हफ्फफ्फ्फ्फ़ ऊओह्ह्हफ्फफ्फ्फ्फ़ आहह्ह्ह्हह आहह्ह्ह्हह्ह यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज यस प्लीज |
10-02-2019, 10:48 PM
रीमा बुरी तरह चुद रही थी, उसका अपने शरीर पर से नियंत्रण अब बस ख़त्म होने को था | वो वासना में डूबी हुई जोर जोर से कराह रही थी | उसे इतना अहसास था उसकी चूत में मोटा लोहे सा सख्त कुछ तेजी से अन्दर बाहर हो रहा है | इतनी तेज चुदाई से रीमा का पूरा शरीर वासना इ पसीने से नहा गया, चूत की दीवारों में हो रहा स्पंदन कमर से होता हुआ पुरे शरीर में फ़ैल गया | रीमा अपनी वासना के चरम पर पंहुच गयी रीमा तो वैसे भी उत्तेजना के चरम पर थी जैसे ही रोहित अपनी उंगली रीमा के चूत दाने पर ले गया , रीमा का वासना का बांध टूट गया, रीमा का शरीर कांपने लगा, उसके शरीर में अकडन आ गयी, हाथ पाँव छाती जांघे कमर चुतड सब हिलने लगे, चूत के अन्दर चूत रस का बहाव तेज हो गया, उसने बिस्तर की चादर को मुट्ठी में भींच लिया | मुहँ से बस इतना निकला – यस यस ओह्ह्ह्हह आआह्ह्हह्हहहहहह या या याआआआआआआआआआआअ यस्स्स्सस्सस्स्स यस्स्स्सस्स्स्स, ओह माय गॉड ओह माय गॉड यस यस आई मै बस्स्स्सस्स्स्स ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह यस्सस्स्स्सस्स्स्स | रीमा को ओर्गास्म हो गया, रीमा झड गयी | कम्पन करता शरीर कुछ देर में ही शांत हो गया, रीमा के हाथ पांव सब ढीले पड़ गए |
रोहित समझ गया रीमा झड़ गयी, रोहित तेज तेज धक्के लगाने से बुरी तरह हांफने लगा था, रीमा का भी यही हाल था | रोहित के निपटने के अभी दूर दूर तक कोई चांस नहीं दिख रहा था इसलिए रोहित ने ठहरने में ही समझदारी समझी | उसने रीमा को बाये हाथ करवट कर लिटा दिया और फिर से उसके पीछे आ गया और अपने लंड को रीमा की गीली चूत पर रखकर अन्दर घुसेड़ दिया | रीमा ने आंखे बंद कर ली | रोहित ने रीमा की एक जांघ पकड़कर हवा में उठ दी और अपना लंड उसकी पानी बहाती गीली चूत में पेलने लगा , उसके सुडौल स्तनों के शीर्ष पर स्थित गुलाबी चुचियों को चूसने लगा और धीरे धीरे धक्के लगाकर उसकी चूत में लंड पेलने लगा | रीमा तो ओर्गास्म के कारन बिस्तर पर निढाल पड़ी थी | ऐसे लग रहा था जैसे उसके शरीर की सारी ताकत ख़त्म हो गयी है | रोहित रीमा को चूमने चाटने में लग गया, थोड़ी देर बाद रीमा की चेतना लौटी | उसने सर उठाकर देखा, रोहित हौले हौले उसकी चूत में आधा लंड पेल रहा था | रीमा को रोहित का मोटा लंड पानी चूत की सवेदनशील गीली नरम दीवारों पर महसूस हो रहा था | रीमा के लिए अभी लम्बा सफ़र तय करना था | वो खुद को फिर से चुदाई कीहोशी में डूबने लगी | रीमा रोहित के हौले हौले झटको के अन्दर जाते मोटे मुसल लंड साथ सिसकारियां भरने लगी | रोहित के अन्दर जाते लंड का चूत की दीवारों से रगड़ना मसलना महसूस करने लगी | भले ही रीमा की चूत चुदकर अब पूरी तरह खुल चुकी हो लेकिन रोहित का पूरा मुसल लंड अन्दर जाते ही रीमा की कराहे निकलने लगी | रोहित ने पीछे से रीमा को कसकर जकड़ के धक्के लगा रहा था | रोहित बार बार गहराई तक धक्के लगाने के लिए रीमा के पैर को ऊपर उठाता और मोटे मुसल लंड के अन्दर जाने से पस्त रीमा बार बार उसे रोहित के ऊपर गिरा देती | हर धक्के के साथ रोहित को रीमा का पैर भी संभालना पड़ता, और अपन लंड भी रीमा की चूत की गहराई में पेलना पड़ता | रोहित को दोनों काम साथ में करने पड़ रहे थे इसलिए रीमा को चोदने की लय टूट रही थी, रोहित पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन उसे भी अहसास था, रीमा के बदन को पूरी तरह उत्तेजित होने तक उसे थोड़ा बहुत असहजता होगी | रीमा भीषण चुदाई से झड कर पूरी तरह पस्त हो चुकी थी, उसकी कमर और जांघो में कोई ताकत नहीं बची थी | उसे दुबारा गरम होने और चुदाई के लिए तैयार होने में थोड़ा समय लगेगा | ये बात रोहित जानता था इसलिए रीमा का निढाल नरम गोरा बदन को रोहित ने सख्त हाथ से थम रखा था, ताकि वो लंड के तेज झटको में भी स्थिर बना रहे | आखिर हारकर रोहित ने रीमा की पोजीशन बदल दी | रीमा को उठाकर पीठ के बल लिटा दिया और उसके घुटने के नीचे उसकी जांघो को पाने बाहुपाश से जकड़ लिया और उसकी गोरी मांसल जांघो को फैलाकर चौड़ा कर दिया | खुद रीमा के ठीक सामने उसकी चिकानो गोरी जांघो के बीचो बीच उसकी चूत के मुहाने पर घुटनों के बल बैठ कर अपना लंड रीमा की चूत में पेल दिया | रीमा की चुदाई फिर शुरू हो गयी, रोहित रीमा की चूत में अन्दर तक मोटा मुसल लंड पेलने लगा लेकिन अभी स्पीड कम ही थी | रीमा ने उसकी जांघ पर जमे रोहित के हाथो को थाम लिया | रोहित के लंड पेलने से लगने वाले झटको के कारन रीमा का पूरा शरीर हिल रहा था, रोहित के हर झटके के साथ रीमा के सुडौल स्तन बार बार ऊपर नीचे की तरफ लयबद्ध तरीके से उछल रहे थे | रीमा के मुहँ से आआह्ह्हह्हहहहहह आःह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ऊऊऊऊओह्ह्ह्ह ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्नि आआआआआआआआआआआअ निकल रहा था | रोहित कुछ देर तक इसी पोजीशन में रीमा को चोदता रहा, फिर उसने रीमा की दोनों जांघे सटा कर ऊपर की तरफ को कर दी और अपने कंधे पर टिका दी | रीमा ने अपने हाथ सर की तरफ लाकर बेड की चादर को कसकर पकड़ लिया | रोहित ने एक करारा झटका मारा - रोहित का लंड रीमा की गुलाबी चूत की मखमली नरम गीली दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक धँस गया | रीमा के मुहँ से लेक लम्बी चीख निकल गयी - ऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईईईईईईई ममममममममम्माआआआआआआअ मर गयी, आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ, आराम से करो न, कहाँ की जल्दी है क्यों तकलीफ दे रहे हो | रोहित हांफता हुआ - आराम हारम है जानेमन, आराम से ही तो चोद रहा था अब तक, कभी कभी सरप्राइज भी होना चाहिए | रीमा - आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्तु तुमारे सरप्राइज के चक्कर में मेरी जान निकल गयी, ईईईईईईईईईई माआआआआआआ | बड़ी नाजुक है चूत मेरी, ले तो रही है , जितना ले सकती है आराम से तुमारा लंड, फिर क्यों उसकी जान लेने पर तुले हो | जितना हो सकता है, जितने अन्दर तक ले सकती है ले रही है न तुमारा अब इतना मोटा तगड़ा है तो उस बेचारी की क्या गलती है उसे क्यों कुचलने लगते हो, गुलाबी नरम रबर की सुरंग तो है नहीं जैसे मर्जी हो घुसेड़ दो | नर्म मांस की नाजुक सी फूल जैसी कोमल है, उस पर कुछ तो प्यार दिखावो, बेदर्दो की तरह एकदम से घुसेड देते हो, जरा भी दया नहीं आती |
10-02-2019, 10:51 PM
रोहित समझ गया था उसे दर्द हुआ होगा, उसने उसकी बात अनसुना कर तेज गति से अपनी कमर हिलाने लगा, रोहित का लंड सटासट रीमा की चूत में अन्दर बाहर होने लगा | रीमा का पेट, जांघे चूतड़ सीना सब धक्को के कारन हिल रहा था, उसके ठोस सुडौल तने हुए स्तन रोहित के चोदने की लय के साथ ही हिल रहे थे | रीमा सिसकारियां भर रही थी और उसका पूरा जिस्म इस चुदाई से काँप रहा था हिल रहा था, आखिर हो भी क्यों न वो चुद भी तो रोहित के मुसल लंड रही थी | उसे एक मर्द चहिये था जो उसे चोद कर उसकी जवानी की आग बुझा सके | आखिरकार रीमा को वो मिल ही गया था रीमा की जमकर चुदने की बरसो की दबी कामना जो पूरी हो रही थी |
रोहित कुछ देर तक रीमा को ऐसे ही चोदता रहा फिर उसके ऊपर से होते हुए, उसे बांहों में कसकर भर लिया और बिस्तर पर लुढ़क गया | रीमा अब रोहित की बांहों में थी और उसका लंड रीमा की चूत की गहराईयों में | रोहित रीमा को चूमने लगा, रीमा ने अपनी एक टांग रोहित की जांघ पर टिका दी, ताकि रोहित चूत में गहराई तक लंड पेल पाए | रोहित के धक्के मध्यम गति से बदस्तूर जारी थे | रोहित हौले हौले बिना रुके लगातर रीमा को चोद रहा था | रीमा बस चुदे जा रही थी सिसकारियां भर रह थी, अपनी जवानी की बरसो से जमा प्यास बुझा रही थी, उसकी चूत तो जैसे रिसना बंद ही नहीं कर रही थी, उसकी चूत फिर से पानी का झरना बन गयी | रोहित का लंड रीमा की चूत रस से पूरी तरह नहाया हुआ था | रीमा - आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् बेबी चोदते रहो मुझे, ऐसे ही, बुझा तो इस जिस्म की प्यास, कचूमर बना दो मेरी चूत की दीवारों का, सारी खुजली मिटा दो इस मुई चूत की | बहुत परेशान किया है मुई चूत ने मुझे ऊऊऊऊह्ह्ह्ह ऊहोहोहोहोहोह आअहहहहह्हाह्ह | आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रोहित ने स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी | रीमा का बदन भी फिर से पूरी तरह उत्तेजित हो चूका था | रोहित ने रीमा की जांघ को मोड़कर अपने छाती के ऊपर गर्दन की तरफ कर दिया ताकि वो तेजी से और ज्यादा गहराईयों तक रीमा की गीली गरम चूत में अपना लंड पेल सके | रीमा ने भी एक हाथ से अपना चूतड़ थाम लिया | अब रीमा भी जोर जोर से चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी | साथ ही पता नहीं क्या क्या बडबडा रही थी | रीमा - आआआहहहह्हहाह रोहित ऐसे ही जमकर चोद डालो, बहुत फुदकती थी, मसल कर रख दो अपने मुसल लंड से ताकि फिर कभी न मुझे परेशान करे | ऊऊओह्ह्ह्ह आःह्ह ऊओअओअओअओह्ह्ह्ह ऊऊऊओफ़्फ़्फ़्फ़ ओफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ | आआह्ह्हह्हहहहहह अन्दर तक मसल डालो इसे, इसकी सारी खुजली मिटा दो | रोहित - यस बेबीईईईईईईईईई आआआआआआआआआआआअ ह्होहोहोहोहोहोहूफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ होहोहोहोहोह्फ्फ्फफ्फ्फ़, मै बिलकुल ऐसे ही चोद रहा हूँ, ये तुम्हे अब कभी नहीं परेशान करेगी | मेरा मुसल लंड इसका कचूमर निकाल देगा, अन्दर ही रगड़ रगड़, चोद चोद कर तुमारी सारी प्यास बुझा देगा | देखो न कितनी पानी छोड़ रही है, मेरी पूरी जांघ और गोलिया गीली करके रख दी है | रीमा – रोहित अब फुल स्पीड में करो, फुल स्पीड में डालो अन्दर तक, पूरा अन्दर, एक झटके में घुसा दो पूरा का पूरा, बेबी अब बस मसल कर चीर का रख दो मेरी चूत, अब और ज्यादा बर्दास्त नहीं होगा | रोहित हांफता हुआ – जैसा हुक्म मालिकायें हुस्न | रोहित अपने मोटे लंड को रीमा की कसी संकरी गरम गीली चूत में ठेलने लगा | हालाँकि अभी भी रोहित के लिए रीमा की चूत में लंड ठेलना इतना आसान नहीं था और न ही रीमा को अपनी चूत में रोहित का मोटा तगड़ा लंड लेना | लेकिन दोनों गरम बदन अब बस अपनी हवस की भूख मिटाने को आतुर थे इसलिए दोनों का बस एक ही मकसद था, चुदाई जमकर चुदाई, फुल स्पीड में अन्दर, चूत की गहराईयों तक, रोहित को चोदना था और रीमा को उसका लंड अपनी चूत की गहराई के आखिरी छोर तक ले जाकर चुदना था | इसी बीच रोहित रीमा को बांहों में ही लिए हुए १८० डिग्री पर पलट गया | उसने रीमा के चूतड़ को खीचकर उसकी जांघो को और फैला दिया और तेजी से उसकी चूत की गहराई में लंड पेलने लगा | रीमा - आआआआआआआआआआआअ आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह आआआऐईईईईऊऊऊऊओ | यस यस यस यस बेबी, ऐसे ही चोदो आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह, और तेज, अन्दर तक यस यस यस आःह आआह्ह्ह ओह माय गॉड, आआईइऐऐईईईईईईईइ ............ऐसे चोदो जैसे आजतक किसी को न चोदा हो | और तेज बेबी और तेज पूरा डाल दो अन्दर तक | यस येस्स्स्सस्सस्स्स बेबी [b]ओह माय गॉड, ऐसे ही जमकर चोद डालो |[/b]
10-02-2019, 10:51 PM
दोनों की बुरी तरह हांफ रहे थे | रीमा और ओहित दोनों ही एक दुसरे को एकटक देख रहे थे और रोहित रीमा की चूत की गहराईयों में अपना लंड पेल रहा था | इंजन के पिस्टन की तरह लग रहे धक्के के साथ रीमा का शरीर बुरी तरह हिल रहा था | अब तो दोनों के बदन ही काबू से बाहर थे | बस चुदाई, चुदाई और भीषण चुदाई ही दोनों का मकसद थी |
रीमा-ह्हह्ह्हह्फ्फ्फ़ चोदो रोहित और तेज चोदो, जमकर चोदो आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हहह्ह्ह्फ़ह्ह्हफ्ह्ह्फ़ याआह्ह्ह याह्ह्हह्ह चोदो और चोदो खूब चोदो, पूरा लंड घुसा दो | रोहित – ह्ह्ह्हह्फ्ह्फ़ ह्फ्ह्हफ्ह्फ्ह ह्दफ्फ्फ़ हाँ बेबी चोद रह रहा हूँ, तुमारी चूत को चोद चोद के सुरंग बना दूगां | तुमारी मक्खन जैसी चूत को चीर के रख दुगां | रोहित ने चोदते चोदते ही रीमा को पलट दिया और पीछे से उसकी चूत चोदते लगा | एक हाथ से उसकी जांघ उठाये हुए था दूसरी से रीमा के शरीर को स्थिर रखने के लिए गर्दन जकड़े हुए था | रीमा – हाँ ययेस्स्स्सस्सस्स्स ब्बब्ब्ब्बी और जोर से और आःह्हह और अन्दर तक, ह्ह्हह्ह्हह्फ्फ्फ़ ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह यस यस यस यस बेबीईईईईईईईईई | अन्दर तक्क्क्कक्क्क्क | यह्ह्ह्हह्ह्ह्ह याह्ह्ह्हह्ह | दोनों के शरीर अकड़ने लगे थे | दोनों की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी, दोनों ही पसीने से सरोबार थे | रोहित मशीन की तरह कमर हिला रहा था और इंजन के पिस्टन की तरह उसका लंड रीमा की चूत में अन्दर बाहर आ जा रहा था | रोहित को पता चल गया था अब उसका चरम बस आने वाला ही है | वो वासना के नशे में पता नहीं क्या क्या बडबडाने लगा – रीमा माय जान, तुम बेस्ट हो, तुम्हे फुल स्पीड से चोद रहा हूँ, तुमारी मखमली चूत मेरा पूरा लंड खा गयी | पूरा का पूरा लंड गपगप करके खा गयी | साला कौन कहता है चूत नाजुक और कोमल होती है | निगलने को आती है बड़े बड़े मुसल लंड निकल जाती है, आअहाआअहाआह्ह तुम देखो कैसे तुमारी जरा सी गुलाबी चूत मेरा पूरा लंड खाए जा रही है | इसलिए आदमी कितना भी ताकतवर हो जब तक औरत के पास चूत है , औरत से जीत ही नहीं सकता | जब तक आअहाआअहाआह्ह बेबी तुमारी कमसिन कमसिन चूत, तुमारा अप्सरा सा हुस्न | आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् तुमारी गुलाबी चूत को चोद चोद के टमाटर जैसा लाल ना कर दू तो मेरा नाम रोहित नहीं | उसकी दीवारों की सरो खुजली मिटा दूगां , ये लो मेरा पूरा मुसल लंड | अन्दर तक लो पूरा का पूरा लो , मेरा लंड सारा का सारा तुमारी चूत में पेल रहा हूँ | रीमा - आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह आऐईईईईई आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह | आआआआआआआआआआआअ ईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ आह आह आह यस यस यस बेबी चोदो जमकर आआआआआआआआआआआअ चोदो | रोहित ने तेजी से चोदते हुए रीमा को दूसरी तरफ पलट दिया, रीमा की गर्दन पकड़ कर उसे कसकर थाम लिया और ज्यादा बेदर्दी से उसकी चूत में लंड पेलने लगा, रीमा की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी, रीमा के लिए साँस लेना तक मुश्किल हो गया और रोहित सटासट धकाधक बिना किसी दया के पूरी बेदर्दी से रीमा के पूरी तरह गरम होकर तप रहे, पसीने से लथपथ जिस्म में आग की भट्ठी बन चुकी उसकी संकरी गीली गुलाबी चूत में अपना फूला हुआ मोटा लोहे की राड की तरह सख्त मुसल लंड पेल रहा था | दोनों ही बस अपने अपने जिस्म के अन्दर लगी आग को बुझाना चाहते थे, अपने अपने हवस के भूखे जिस्मो में दहक रहे वासना के लावे को बाहर निकालना चाहते थे | रोहित चोद रहा था रीमा चुद रही थी, दोनों का बस एक ही मकसद था अपने अपने अन्दर की दहकते लावे को बाहर निकलना और अपने जिस्मो की प्यास भुझाना | रीमा – आआईइऐऐईईईईईईईइ ऊओअओअओअओह्ह्ह्ह डाल दो पूरा लंड, चोद डालो इसको जमकर, बहुत तडपाया है इसने | चोदो खूब और स्पीड से चोदो, चीर के, फाड़ के, रख दो इस मुई चूत कमसिन गुलाबी को | इसने जीना हराम कर रखा है मेरा | रोज रात को बिस्तर पर ऐसे तड़पाती है ऊऊऊऊऊ ओओओऊबेबी ,,,,पूछो मत .......आआआआआआआआआआआअ अन्दर तक डालो यस यस्स्स्सस्स्स्स अन्दर तक पूरा यस्स्स्सस्स्स्स | आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह, ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड | आआआआआआआआआआआअ ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ | रीमा का शरीर अकड़ चूका था , रोहित के झटको से वो अपने होशो हवास पहले ही गवाए बैठी थी | उसकी चूत कब झड़ी उसे पता ही नहीं चला | वो बस चुदने में ही मस्त रही और झड गयी | उसके बाद भी उसे होश नहीं आया , रोहित का सटासट अन्दर जाता लंड एक अलग ही तरह की सनसनाहट उसके जिस्म में भर रहा था | वो बस उसी सनसनाहट में मस्त थी, उसके जिस्म की भूख मिटाने से ज्यादा मजा उसे रोहित की चुदाई से मिल रहा था | उसकी चूत पानी के झरने की तरह बह रही थी,और उसमे एक मोटा लंड धकाधक सटासट आ जा रहा और उसका जिस्म रोहित के सख्त बाहुपाश में चूर चूर हो रहा था | एक काम पीड़ित औरत को और क्या चाहिए | उसकी चुदाई सपनों की तरह काल्पनिक थी फिर भी हकीकत थी | वो थककर चूर चूर होने के कगार पर पंहुच गयी थी | 12 घन्टे से कम समय में तीसरी बार उसकी चूत की चुदाई, रोहित का वही अंदाज, वही स्पीड और वही मुसल मोटा तगड़ा लंड, और क्या चाहिए था रीमा को | रीमा के लिए ये सब जन्नत की सैर करने जैसा था | रोहित बस अब निपटने वाला ही था | उसकी गोलियां फूलकर मोती हो गयी थी, उनके अन्दर से गरम गरम सफ़ेद गाढ़ा रस ऊपर की तरफ बह चला | रोहित का लंड भी अब जवाब दे गया, उसके बदस्तूर धक्को के बीच में रोहित का लावा बह निकला और उसके लंड ने रीमा की चूत में पिचकारियाँ मारनी शुरू कर दी – आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह रीमाम्मामाम्मामामामम मै तो गयाआआआआआअऊओ, आआआअह्हह्हह्ह आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआ | हर पिचकारी के साथ रोहित की कराह निकल जाती | ...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह | रीमा की चूत को पिचकारियो से रोहित ने लबालब भर दिया और उसके जांघो पर से लंड रस रिसने लगा | रोहित ने झटके लगाने बंद कर दिए और रीमा के ऊपर ही पसर गया | रीमा उसका पसीने से भरा चेहरा चूमने लगी | रीमा उसे बांहों में भरकर सहलाने लगी और वो अपनी सांसे काबू करने लगा | दोनों ने आंखे बंद कर ली, रोहित का लंड रीमा की चूत के अन्दर ही नरम होने लगा और लंड के नरम होते ही लंड रस से भरी चूत उसे बाहर ठेलने लगे | नरम होकर बाहर निकलने लगा | उसके बाहर निकलते ही रोहित के गाढे सफ़ेद लंड रस की धार फट पड़ी और वो चूत से बाहर निकलने लगा | रीमा की सफ़ेद गुलाबी रंगत लिए चिकनी चूत और उसके पतले ओंठो सब रोहित के गाढे सफ़ेद लावे से सरोबार हो गए | रीमा चुदाई से पूरी तरह पस्त हो गयी थी, उसके हाथ पैर जांघ कमर में अब जान नहीं बची थी लेकिन इसके साथ ही पूरी तरह चुदाई से मस्त भी हो गयी थी, उसे नहीं परवाह थी उसकी चूत से निकलकर उसकी जांघो को गीला करता हुआ रोहित का सफ़ेद गाढ़ा लंड रस बिस्तर पर गिर रहा है | रीमा भरपूर चुदाई से पूरी तरह मस्तियाई हुई थी | हर चीज से बेपरवाह बस अपने चुदाई के मादक कल्पनाओ में खोयी हुई | रीमा एक तरफ करवट करके लेती थी, उसकी चूत से रिस रहा रोहित के मुसल लंड से निकला गाढ़ा सफ़ेद लावा बहकर नीचे की तरफ उसके चुताड़ो और जांघो तक फ़ैल रहा था | तभी उठकर रोहित ने रीमा की चूत में एक उंगली डाली और ढेर सारा लंड रस बाहर निकल आया | उसने लंड रस से सनी उंगली रीमा की तरफ बधाई जिसे उसने गप से मुहँ में ले लिया | उसके बाद अपने हाथो से जांघो पर बहता सफ़ेद गाढ़ा लंड पोछकर उसे चाटने लगी |
11-02-2019, 12:15 AM
जबरदस्त।।।। इस साईट की अब तक पढी स्टोरी में से आपकी ही स्टोरी consistent और कामुकता से भरी हुई हैं।
आपने अपना अनमोल समय निकालकर इतना अच्छा अपडेट दिया उसके लिये मे आपको धन्यवाद देता हूं। All the best for your next update.
11-02-2019, 11:06 AM
khoob.....kya description h
11-02-2019, 04:48 PM
शानदार कथानक। दोनों को जल्द ही विवाह बंधन में बंधवा दो जिससे सारे बंधन टूट जाएं और प्रिमय को involve होने का मौका मिले।
12-02-2019, 10:53 AM
अगले अपडेट के इंतजार में :-)
12-02-2019, 10:00 PM
13-02-2019, 06:01 PM
(This post was last modified: 13-02-2019, 06:11 PM by Logan555. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
I am continuing my story
A wedding ceremony in village A story of 7 differnt women same plot in different style Give ur precious time read it ones and if u liked it give ur feedback Link below A WEDDING CEREMONY IN VILLAGE https://xossipy.com/thread-1191.html
19-02-2019, 04:54 PM
20-02-2019, 04:51 AM
bahot khub likha hai
22-02-2019, 02:58 AM
make her slut..alag alag lund se chudvao
04-03-2019, 07:07 PM
रीमा ने उंगलियों से पोंछ कर अपनी जांघो पर बहता रोहित का सारा सफ़ेद गाढ़ा लंड रस चाट लिया और गैप गैप कर निगल गयी | रोहित ने पीछे से ही रीमा को अपनी बांहों में भर लिया | उसका मुरझाया लंड रीमा के चुताड़ो को छु रहा था, उसका मुरझाया लंड अभी भी रीमा के चूत रस और उसके खुद के लंड रस से सना था | अब वह रीमा की चुताड़ो को भी गीला कर रहा था लेकिन न रीमा को इसकी परवाह थी न रोहित को | रोहित ने खुद के जिस्म को रीमा के जिस्म से चिपका लिया और उसकी जांघो में जांघे फंसा उसे और कसकर जकड लिया | उसका सर रीमा की जुल्फों के काले साये में खो गया | उसने चादर से दोनों को ढक लिया | रीमा की आंखे बंद थी, वो रोहित के सख्त बाहुपाश में समायी हुई थी, निश्चित, चुदाई से बुरी तरह थकी और पस्त, लेकिन चुदाई से मिले आनंद से बिलकुल मस्तियाई हुई | रोहित भी थकान से चूर था | एक दुसरे की सूखते पसीने की गंध एक दुसरे में घुलने लगी | दोनों को ही इसकी परवाह नहीं थी, रीमा इस हालत में अक्सर बाथरूम में खुद को साफ़ करने पंहुच जाती थी लेकिन इस समय उसे किसी चीज की परवाह ही नहीं थी | उसकी चूत रोहित के गाढे सफ़ेद रस से सनी थी, उसका शरीर पसीने से नहाया हुआ था और उसके बाल उलझे थे लेकिन अभी उसे बस चुदाई के बाद के सुकून का अहसास करना था | जिस्म की सफाई तो फिर कभी कर लेगी | रोहित भी रीमा के जिस्म की मादक गंध में डूबा रहना चाहता था इसलिए वो भी खुद को साफ़ करने नहीं उठा | धीरे धीरे दोनों की आंख लग गयी | दोनों एक दुसरे की बांहों में ही गहरी नीद में सो गए |
जब रीमा की आंख खुली तो वो रोहित की सख्त बांहों में थी और घड़ी में १२ से ऊपर बज रहे थे | उसने रोहित के हाथ को आइस्ते से हटाया और बिस्तर से उठकर अपनी पैंटी पहनी और बाथरूम में चली गयी | उसने अच्छी तरह खुद को साफ़ किया | इधर रोहित भी उठा और बाथरूम की तरफ चला गया, चूँकि रीमा ने दरवाजा बंद नहीं किया था तो रोहित में बाथरूम में घुस गया | रीमा शावर के नीचे नहा रही थी | उसका नंगा गोरा गुलाबी बदन और उसके ऊपर ओस जैसी पानी की बूंदे | रीमा के बदन से पानी की बूंदे ऐसे फिसल रही थी जैसे उसका बदन पर किसी ने मक्खन का लेप चढ़ाया हो| रीमा के जादुई जिस्म को देखकर अन्दर ही अन्दर रोहित मुस्कुराया और फ्रेश होने की तरफ बढ़ गया | रीमा बाथरूम से नहाकर निकली और किचन में घुस गयी | उसने बर्तन साफ़ किये और काफी बनाने लगी | उसने अपने और रोहित दोनों के लिए काफी बनायीं | जब तक काफी रेडी हुई, रोहित भी आ गया | दोनों काफी पीने लगे, दोनों के बीच कम ही बातचीत हुई | बस एक दुसरे को देखकर मुस्कुरा देते | काफी खतम होने के बाद रीमा काफी के कप रखने किचन चली गयी | रोहित फिर से बेड पर पसर गया | रीमा कुछ देर बाद किचन का काम खतम करके लौटी | रीमा टॉवल से हाथ पोंछ ही रही थी, रोहित ने उसे बेड पर अपने ऊपर खींच लिया | रीमा ने झिड़कते हुए - अब छोड़ो भी रोहित, बहुत सारा काम करना बाकि है और आज ऑफिस भी नहीं गयी | रोहित - ऑफिस तो रोज जाती हो, एक दिन नहीं जाओगी तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा | रीमा को अपने बाहुपाश में भरने की असफल चेष्ठा करता हुआ रोहित बोला | रीमा छिटक कर दूर हो गयी | रीमा - अब बहुत हो गया रोहित, अब और नहीं | रोहित - सच्ची ? रीमा - मुच्ची | रोहित - हुहुहुहू इस बार आसार ठीक लग रहे है, चलो फिर भी तुम्हे कुछ बताना था | रीमा - क्या मतलब आसार ठीक लग रहे है | रोहित - छोड़ो न तुम हर एक शब्द को इतना पकड़ती क्यों हो | रीमा - क्योंकि मै रीमा हूँ, मिस्टेक पकड़ना ही मेरा काम है | रोहित - ठीक है ठेक है अच्छा सुनो, कुछ रूककर........तुम खुस हो ??? रीमा ताड़ गयी - फिर से नहीं, बिलकुल नहीं, आई ऍम हैप्पी एंड पूरी तरह से तृप्त और संतुष्ट | अब खुस | रोहित समझ गया - तुमारा कॉन्फिडेंस लौट आया | रीमा - मतलब ? रोहित - पहले जब भी हम कभी सेक्स या उससे रिलेटेड बात पाने ग्रुप में करते थे तो कैसे चुप हो जाया करती थी या वहां से उठकर चली भी जाती थी | ऐसा दुबारा न हो इसलिए कुछ देना है तुमको | रीमा - अच्छा तो तुमारा कहना है की कल रात से तुम मेरा कॉन्फिडेंस ला रहे थे | बहुत अच्छे, सीधे सीधे क्यों नहीं बोलते अपनी ठरक मिटाने आये थे | जीतनी बार भी सजी हूँ हार बार सब लूट लेटे हो | रोहित उसकी बात को अनसुना करते हुए - ये लो, ये एक सीक्रेट डायरी है जो मैंने लिखी है | तुम्हे याद होगा मैंने के क्रैश कोर्स ह्यूमन बेहविऔर और मनोविज्ञान पर किया था | रीमा - हाँ मुझे याद है लेकिन इसमें तुमने क्या लिखा है ? रोहित गंभीर होता हुआ - रीमा मै तुम्हे खुश देखना चाहता हूँ बस, मुझे इतना तो अंदाजा हो गया है तुम जीतनी ऊपर से सीधी हो उतने ही ज्यादा खुराफात तुमारे दिमाग में घूमती रहती है | अपनी बाहरी इमेज के चक्कर में तुम कभी अन्दर वाली खूखार रीमा को बाहर आने का मौका नहीं देती हो और यही बात तुम्हे सबसे ज्यादा हर्ट करती है | मै चाहता हो तुम किसी बंधन में मत रहो, खुद के बनाये बंधन भी तोड़ दो | मै आज तुमारे पास हूँ, लेकिन जल्द ही मुझे शायद बाहर जाना पड़े, इसका मतलब ये नहीं है की तुम पुरानी वाली रीमा फिर से बन जाना | इसलिए ये डायरी लाया हूँ | अकेले एन्जॉय करना सीखो, ये एक अकेली औरत के सेक्सुअल फैंटसी और उसके सोशल बेहविअर पर लिखी थी | सच कहता हूँ ये तुम्हे सोच कर नहीं बल्कि निकिता को सोचकर लिखी थी | उसके जाने के बाद से हर रात प्रियम के सोने के बाद जब बिस्तर पर अकेले नीद नहीं आती थी तो निकिता के बारे में सोचता था | अपने कैरियर के चक्कर में वो कैसे अपने'पति और दुध्मुहें बच्चे को छोड़कर चली गयी | जब भी काम से फुर्सत पति होगी, उसका भी तो मन करता होगा | वो तो मेरे जैसी भी नहीं थी, कही भी मुहँ मार ले | १२ साल हो गए कैसे काटती होगी अपनी जिंदगी | इन्ही सब सवालो के जवाब दूढ़ते ढूढ़ते ये लिख डाली थी लेकिन जब पता चला निकिता ने दूसरी शादी कर ली फिर मैंने इसे लिखना बंद कर दिया और इसे तिजोरी में बंद कर दिया था | कल रात जब मै यहाँ से गया, तो नींद नहीं आ रही थी, तुमारे बारे में सोचते सोचते मुहे डायरी का ख्याल आया | निकिता को लेकर मै ही गलत था, लिखी उसी के लिए थी लेकिन शायद ये तुमारे काम आ सकती है | जो भी तुमारी फैंटसी है खुलकर पूरा करो, बिना किसी से डरे सहमे | इससे पहले रीमा कुछ बोलती रोहित सफाई पेश करने लगा - देखो मुझ गलत मत समझना, और जब तक पूरी डायरी मत पढ़ लेना, रियेक्ट मत करना, ये मेरी एक रिक्वेस्ट है | रीमा माहौल को हल्का करती हुई - जैसी आपकी आज्ञा गुरु महराज | रोहित उसी गंभीरता के साथ - एक और जरुरी बात, प्रियम वैसे तो यहाँ आस पास भी नहीं फटकेगा, लेकिन अगर इधर आता है तो सबसे पहले तुम मुझे बताओगी | रीमा - ठीक है | रोहित - आखिरी बात, तुम अकेली औरत हो, कोई भी मर्द तुमारा फायदा उठाने की कोशिश कर सकता है | तुम्हे पता होना चाहिए कि मर्द की सबसे बड़ी कमजोरी क्या होती है | रीमा - औरत और उसका छेद | रोहित - नहीं उसकी धौंस, जो उसमे नहीं फंसता, जो उससे नहीं डरता वो उसके जाल में कभी नहीं फंसता | आखिर मर्द किस बार से औरत को डराते है, शरीर की ताकत, और लंड की धौंस | अक्सर यही तो धमकी देते मिलते है तुझे पीट दूंगा या तुझे चोद दूंगा | इसके अलावा तो हर मामले में औरत सुपीरियर है | तुम्हे किसी मर्द की धौंस में नहीं फसना है | अगर वो ताकतवर है तो उसके लंड को काबू में करो और फिर कुत्ता बना लो | रीमा - और जो लंड से भी काबू में न आये ? रोहित - उसे गोली मार देना, मैंने तुम्हे गन दे रखी है | रीमा - लेकिन ये सब आज तुम मुझे क्यों समझा रहे हो ? रोहित - तुम मेरा यकीं नहीं करोगी लेकिन फिर भी बता देता हूँ, आज के बाद तुम बहुत पंगे लेने वाली हो, मुझे पता है तुम नहीं मानोगी लेकिन ये जल्द होने वाला है और जरुरी नहीं हर वक्त मै तुमारे साथ रहू | रीमा - बढ़ा ख्याल रख रहे आज तो, क्या बात है कही प्यार तो नहीं हो गया मुझसे ?? रोहित - भाई के जाने के बाद कब मैंने तुमारा ख्याल नहीं रखा, तुम बतावो | रीमा गंभीर होते हुए - ये तो है, वरना इस शहर में इस विधवा को कोई जीने नहीं देता | तुमारी वजह से मजाल है तो सीधी आंख कोई मुझे देख ले | इतने बड़े बड़े गुंडे बदमाश है सभी भाभी कहकर पांव ही छुते है | रोहित - अच्छा ये सवाल पूछू ? रीमा - क्या ? रोहित - मान लो मै साल छ महीने के लिए कही बाहर चला जाऊ, तो क्या करोगी | रीमा - तुम वहां क्या करोगे ? रोहित बेबाकी से बोला - मै तो एक्स्कोर्ट ढूढूगा | रीमा - जरा भी शर्म नहीं, मेरे सामने ही बोले दे रहे हो | रोहित - इसमें झूठ क्या बोलना, शरीर की जरुरत है पूरी तो करनी पड़ती है | रीमा रुठते हुए - अपना मुहँ काला करके फिर मेरे पास मत आना | रोहित - पहले भी तो करता था, आज इतना टची क्यों हो रही हो | रीमा - तब क्या मेरे साथ सोते भी थे!!! नहीं न | रोहित - ऊऊहोहो तो ये बात है मैडम जी सेंटी हो गयी है एक ही रात में, चलो वादा तो नहीं करता लेकिन कोशिश करूगां | रीमा - कोशिश नहीं वादा करो, नहीं तो मत जाना, किसी और को भेज देना | रोहित - तुम भी एक वादा करो, तभी मै वादा करूगां ? रीमा - क्या ? रोहित - तुम अकेले कैसे एन्जॉय करोगी ? तुम भी यहाँ कोई ढूंढ लेना | रीमा - मुझे इसकी कोई जरुरत नहीं है, मै अकेले ही खुश हूँ | अब तक क्या जी नहीं रही थी | रोहित - यही तो समस्या है, जी रही थी लेकिन चूत तो तड़प रही थी | उसके चिकोटी काटते हुए | रीमा झिड़कते हुए - चुप करो, तुमारे दिमाग में दिन भर वही चलता रहता है क्या ? बोलो खाना क्या खावोगे | खाना बनाये देती हूँ, प्रियम के लिए लिए जाना और तुम यही खा लेना | इतना कहकर रीमा खाना बनाने चली गयी | रोहित रीमा के लैपटॉप को खोलकर कुछ काम करने लगा | रीमा ने खाना बनाया, दोनों ने खाया | रीमा ने प्रियम के लिए खाना पैक भी कर दिया | चलते चलते रोहित बोला - रीमा एक ऑनलाइन आर्डर किया है | रीमा सवालिया मुद्रा में - किस चीज का ? रोहित - तुमारे लिए ही है और बड़े काम की चीज है | रीमा - क्या है ये तो बतावो ? रोहित - बता दू सच में, मुझे मरोगी तो नहीं | रीमा वहां तक सोच ही नहीं पाई, रोहित ने उसके कान के पास आकर कहा - वाइब्रेटर और दिल्डोस है | इतना कहकर हँसता हुआ भाग गया | रीमा दरवाजे पर खड़े खड़े ही शर्म से पानी पानी हो गयी | फटाफट उसने दरवाजा बंद किया और कमरे की तरफ भागी | लैपटॉप खोल कर देखा तो सच में रोहित ने चार अलग एक दर्जन से ज्यादा एडल्ट टॉयज आर्डर कर दिए थे और पेमेंट भी कर दिया था | रीमा को बड़ी झेंप महसूस हो रही थी, उसने आर्डर कैंसिल करने का फैसला लिया |
06-03-2019, 03:25 PM
Welcome back bro. As expected, this is nice update.
07-03-2019, 11:46 AM
Hot update. Keep it up
09-03-2019, 04:32 PM
आर्डर कैंसिल करने के लिए यूजर प्रोफाइल के आर्डर लाग में भी गयी लेकिन बार बार कैंसिल बटन पर जाकर उसके हाथ रुक जाते | उसे बड़ा अजीब लग रहा था वो आर्डर कैंसिल भी करना चाहती थी लेकिन रोहित ने अगर आर्डर किया है तो शायद कुछ सोच समझ कर ही किया होगा, यही सोचकर वो रुक गयी |
उधर प्रियम का सारा प्लान फ़ैल हो गया क्योंकि जिस चिप में उसने रीमा के लंड चुसाई की रिकॉर्डिंग रखी थी, वो कही गिर गयी | अब उसका रीमा चाची को पाने का सपना सपना ही रह गया | ऊपर से रोहित ने उसकी गांड फाड़ दी, कि अगर वो रीमा के घर के आस पास भी दिखा तो उसकी हड्डी पसली एक कर देगें | रोहित की निगाह से बचकर जाना प्रियम के टेढ़ी खीर हो गया | ऊपर से आजकल काम ज्यादा होने ही वजह से रीमा भी शाम तक ही घर आ पाती | प्रियम के दोस्त भी रीमा को लेकर बहुत उत्सुक थे लेकिन अब उन सका प्लान चौपट हो गया | इधर रोहित ने प्रियम पर निगरानी रखने के लिए उसे एक अच्छा स्मार्टफोन खरीद कर दिया जिसमे उसने खुद ही २ स्पाई अप्प इंस्टाल कर दिए | ताकि प्रियम की हर हरकत पर नजर रखी जा सके | रोहित के पास अपना भी काफी काम होता है इसलिए इससे बेहतर कोई तरीका उसे नहीं मिला | रीमा रोहित की डायरी के कुछ पन्ने रोज पढ़ती | उसमे अकेली औरत के सेक्सुअल फैंटसी से ज्यादा मनोविज्ञान के चैप्टर थे | रीमा के सभी कुल मिलाकर काफी मतलब के थे | रीमा के एक एक चैप्टर ध्यान से पढ़ा और उसे कही न कही ऐसा लगा जैसे वो डायरी उसी के लिए लिखी गयी है | जितना वो डायरी पढ़ती उतनी ही उसकी दिलचस्पी बढती जाती | उसने भी अपने बचपने से जवानी तक ब्लू फिल्मे देखि थी और फिर पोर्न भी देखा, लेकिन सेक्स को इस तरह से शायद ही कही दिखाया गया हो | एक औरत अपने आप में एक सम्पूर्ण पैकेज है, उसे कुछ भी बाहर से नहीं चाहिए, सिवाय बच्चा पैदा करने के लिए एक बीज के | रीमा की फैंटसी तो porn से भी इतर थी लेकिन न तो उसे तरीका मालूम था और न ही सलीका | सबसे बड़ी बात उन फैंटसी को पूरा करने का आत्मविस्वास कहाँ से लाती | एक अच्छे मनोवैज्ञानिक की तरह रोहित की इस डायरी ने रीमा के हजारो अनसुलझे सवालो के जवाब दे डाले | वो डायरी पढ़कर निश्चिंत हो गयी, अब उसके अन्दर भी कुछ कर गुजरने की चाहत थी | जो भी उसे करना था गोपनीय रूप से ही करना था | उसका एडल्ट टॉयज का आर्डर भी आ चूका था लेकिन उन्हें इस्तेमाल करने में रीमा की बहुत ज्यादा रूचि थी नहीं इसलिए उसे पैक करके बेड के नीचे डाल दिया | डायरी पढ़कर जो सबसे पहली बात उसने सीखी थी वो थी बॉडी लैंग्वेज और उसका कॉन्फिडेंस | उसके खुद को कई बार ऊपर से नीचे तक पूरा नंगा देखा था लेकिन तब नजरिया कुछ था और मकसद भी कुछ और ही था | अब उसका अपने बदन को देखने का नजरिया बदल गया था, अब वो खुद को एक खूबसूरत औरत के जिस्म के रूप में देखती थी, तब खुद को जवान देखकर खुश होती थी अब जवानी की चमक के आत्मविश्वास पर इतराती है | पहले घर हो या बाहर, पुरे कपडे पहने रहना उसकी आदत थी | उसने शुरुआत कपड़ो से ही करी, उसने घर में कपड़े पहनने कम कर दिए या कई बार बिलकुल उतार देती | और सीसों के सामने से नंगी चलती हुई गुजरती | किचन में पैंटी ब्रा में खाना बनाती, या सिर्फ अप्रोन पहन कर खाना बनाती और पीछे लगे शीशे में बार बार अपने उठे चूतड़ घूम घूम कर देखती | कई बार सिर्फ पैंटी पहने पहने ही पूरा घर साफ़ कर डालती | हालाँकि ऐसे टाइम ये जरुर ध्यान रखती थी घर के चारो तरफ के सारे परदे पड़े हो | उसे खुद को नंगा देखना और नंगा रहन अच्छा लगने लगा | कई बार वाइब्रेटर भी उसे करती | सफाई के वक्त उसे अपनी चूत में घुसाकर रिमोट ऑन कर देती और फिर पुरे घर में वो रायता फैलता की दो घंटे लग जाते समेटने में | रोहित को वक्त नहीं मिलता था, ऊपर से बाप बेटे अब एक दुसरे पर निगाह रखते थे | अगर किसी को रीमा के घर आना होता तो साथ साथ ही आते और साथ साथ ही वापस चले जात्ते | रोहित बस रीमा को देखकर मुस्कुराकर रह जाता | ऐसे ही एक दिन शाम को रीमा किचन में बिलकुल नंग धढंग कुछ काम कर रही थी | उसने सिर्फ पैंटी पहन रखी थी, जब दूर बेल बजी तो उसने देखा रोहित आया है | फट से कपड़े पहनने भागी लेकिन उसने दुसरे कैमरे से देखा तो रोहित अकेला था, उसने परदे के पीछे खड़े होकर दरवाजा खोल दिया | रोहित रीमा को सिर्फ पैंटी में देखकर हैरान कर गया | उसने बहार दबी आवाज में आँखों से इशारा किया - प्रियम है | रीमा कुछ समझी नहीं - उसने दरवाजे की ओंट से झांककर बाहर देखा, तो प्रियम गार्डन गेट से अन्दर आ चूका था | रीमा के पैरो तरह से जैसे जमीं खिसक गयी, वो तेजी से भागी बेडरूम की तरफ | असल में प्रियम रास्ते में आते समय कुछ ठेले पर खरीदने लगा था, इसलिए पीछे रह गया और कैमरे में नहीं दिख रहा था | लेकिन जब रीमा बेदरूम की तरफ भागी थी तो प्रियम को उसकी नंगी पीठ और चुताड़ो पर नाममात्र की पैंटी की झलक मिल गयी थी | अन्दर जाकर रीमा ने बाद गाउन डाल दिया, उसके स्तनों की नुकीली चुंचियां गाउन के सिल्की कपडे से आराम से नुमाया हो रही थी | रोहित के लिए भी अजीब स्थिति थी वो बस गुना भाग लगा रहा था की प्रियम ने देखा या नहीं देखा | देखा तो कितना देखा | बाप बेटे ने एक बार एक दुसरे से नज़रे मिलायी और तब तक रीमा बाहर आ गयी थी | रीमा खुद ही बिना शर्म संकोच के सफाई देने लगी - वो क्या है न मै नहा रही थी तो जल्दी जल्दी में ............| प्रियम किचन की तरफ बढ़ता हुआ - मुझे लगा था की आप खाना बना रही होगी | वैसे सूखे सूखे नहाने की टेकनिक हमें भी बता दो न चाची | प्रियम की यह टोन न तो रोहित को अच्छी लगी, न ही रीमा | रोहित डाँटते हुए - कम से इतना तो सीख ले की अपने बड़ो से बात कैसे करते है, हर जगह अपनी नाक कटाता रहता है | एक दूगां खीचकर सारा व्योमकेश बख्सी बाहर आ जायेगा | रीमा रोहित को टोकती हुई - अरे क्या कर रहे हो ? सही तो सवाल पूछ रहा है, मै नहाने जा रही थी, टॉयलेट साफ़ कर रही थी, इसलिए कपड़े उतार दिए थे | नहाने के बाद खाना बनाना है, तुम लोग अब आ गए हो तो खाकर जाना | मरती क्या न करती | इतना कहकर मजबूरी में उसे नहाने जाना पड़ा | रोहित टीवी ऑन करके बैठ गया और प्रियम किचन में कुछ खाने को ढूढ़ने लगा | असल में जब से उसने रीमा की पैंटी में झलक देखि थी तब से ही उसके दिमाग में कीड़े काट रहे थे | वो समझ गया था, गर्मी के कारन रीमा चाची किचन में नंगी होकर खाना बना रही थी | ये महज इतीफाक था या रोज ऐसा ही करती है इसी का उसे पता लगाना था | इसके लिए जरुरी था की किचन की विंडो पर पड़े परदे हटाये जाये | वैसे भी किचन की विंडो का कांच ऐसा था बाहर से कुछ दिखेगा ही नहीं | किचन की विंडो हमेशा बंद ही रहती थी और उस पर पर्दा भी पड़ा था इसलिए बाहर से कोई कुछ पता लगा पाए ये मुनकिन ही नहीं था | प्रियम ने आइस्ते से खिड़की की सिटकनी खोल दी और चूँकि खिड़की ग्रिल के बाहर की तरफ लगी थी इसलिए बाहर की तरह ही खुलेगी | लेकिन खिड़की से किचन का पर्दा इतनी दूर था की बाहर से कोई हाथ डालकर हटाना चाहे तो उसे मिलना मुश्किल है | प्रियम को कुछ नहीं सूझा तो एक पिन उठा लाया और अपने एअर फ़ोन की लीड को परदे में बाहर की तरफ को टांक दिया और लीड बाहर की तरफ खिड़की के हैंडल में फंसा दी | दिन में अगर कोई खिड़की परदे को खोलेगा तो अन्दर के आदमी को बाहर से आने वाली रौशनी से आसानी से पता चल जायेगा | लेकिन अगर कोई अँधेरा होने के बाद बाहर से खिड़की खोलकर और पर्दा खीच कर किचन की झलक लेना चाहे तो, किचन में काम कर रहे आदमी के लिए बिना गौर किये उसे नोटिस करना मुश्किल है | रीमा नहाकर आई, खाना बनाया | तीनो ने मिलकर खाया और बाप बेटे वापस घर चले गए | अगले दो दिन रीमा ऑफिस से ही सात बजे लौटी | इसलिए प्रियम के पास कोई मौका नहीं था, लेकिन उसके अगले दिन रीमा ठीक 6 बजे घर आ गयी, अब रोहित के पास रीमा का अपडेट रहता था इसलिए प्रियम को भी पता चल जाता था | प्रियम की किस्मत अच्छी थी की शाम को रोहित को क्लाइंट के साथ एक पार्टी में जाना था, इसका मतलब था की रोहित अब १२ बजे से पहले वापस नहीं आएगा | रीमा के आने के बाद रोइट पार्टी के लिए निकल गया | प्रियम के लिए इसके बाद भी cctv से बचकर निकालना टेढ़ी खीर थी | प्रियम भी अपने बाप का ही बेटा था, जब चारो तरफ अँधेरा चा गया प्रियम ने मोबाइल घर भी ही छोड़ दिया और छत पर जाकर, अपने पडोसी की छत से होते हुए बिना किसी के जाने, उनके बैक डोर से निकल गया | जाकर अपने तय सुदा अड्डे पर किचन की खिड़की के पास छिप गया | घर के अन्दर की जलती लाइट से पता चल गया था की रीमा आ चुकी है | आते ही उसने कुछ देर आराम किया फिर कुछ खाना बनाने की सोची लेकिन उसे बहुत तेज भूख लगी थी |
09-03-2019, 05:10 PM
इसलिए उसने पहले कुछ खाने की सोची | वो फ्रूट बकेट में फल ढूंढ रही थी तभी उसे केला दिखाई दिए | उसने दो बड़े केले टोकरी से निकाले, जो लगभग लगभग रोहित के लंड जितने लम्बे मोटे थे | उसने एक केले को आधा छील दिया, केला छीलते ही उसके दिमाग में कुछ और ही तैर गया | उसके दिमाग में केले को छीलकर उसे लंड की तरह चूसती लड़की की तस्वीर याद गयी | उसके दिमाग में लंड चुसाई की तस्वीरे आने लगी | वह रोहित के साथ बिताये जादुई चुदाई के बेहतरीन पलो से बाहर नहीं आ पाई थी | केला सामने आते ही उसके दिमाग के कोने में दबी शरारत बाहर आ गयी | उसने बहुत पहले, जब वो वासना की आग में तड़पती थी तब उसने ब्लू फिल्म में एक नंगी लड़की को केले से खेलते देखा था | आज मौका था मूड था और सबसे बड़ी बात आज हिम्मत थी कुछ कर गुजरने की, उस डायरी का असर था जो लाज शर्म की दीवारे और बंधन उसे रोकते थे उन्हें वो कब का वो तोड़ चुकी थी | अब उसके लिए खुद को एन्जॉय करना कोई शर्म की बात नहीं थी | उसने बरसो से संजोयी किचन सेक्स फैंटसी आज पूरा करने का मन बनाया | उसने चारो तरफ के परदे देखे फिर वो निश्चिन्त होकर छिले केले पर अपनी गीली गुलाबी जीभ फिराने लगी | उसे चाटने लगी | ये सब देखकर प्रियम के दिमाग का फ्यूज उड़ गया | ये तो उसकी सोच के आस पास भी नहीं था, न ही उसके दिमाग में ऐसा कुछ कभी आ सकता था |
उसे भूख लगी थी और कोई सामान्य समय होता तो अब तक वो दो केले खाकर उनका छिलका कूड़ेदान में फेंक चुकी होती लेकिन अभी वो वासना की मस्ती में मस्त होना चाहती थी | समाज या व्यक्तिगत नैतिकता के बन्धनों का कोई डर नहीं | उसे डायरी पढकर पता चल गया था कि बंद दीवारों के बीच में खुद की सेक्सुअल डिजायर को पूरा करना किसी तरह का पाप नहीं है | खुद को खुद के द्वारा एन्जॉय करना कोई गुनाह नहीं है | उसने कमर के ऊपर कुछ नहीं पहना था, कमर के ऊपर वो बिलकुल नंगी थी, उसकी तनी सुडौल छातियाँ और उस पर विराजमान चुचियाँ बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में निर्वस्त्र थी | वो सिर्फ पैंटी में थी, क्योंकि वो निश्चिन्त थी की यहाँ कोई नहीं सिवाय उसके खुद के, और अब खुद से शर्माना उसने छोड़ दिया था, पहले खुद को नंगा देखते ही झेंप जाई थी, कुछ न कुछ शरीर पर डाल लेती थी | उसने आराम से केले को चाटने के बाद मुहँ में लेना शुरू कर दिया | पहले धीरे धीरे मुहँ के अन्दर छिले केले को ले गयी और उसे दोनों तरफ से अपने गुलाबी रसीले ओंठो से जकड लिया | प्रियम ने अपने प्लान के अनुसार पहले खिड़की हल्की सी खोली, फिर आराम से मतलब भर की खोल दी और पहले से ही परदे में हुक की गयी डोर हाथ में थाम थी जैसे ही रीमा की चूसने चटाने की आवाजे उसके कानो तक पंहुची उसने हल्का सा पर्दा डोर के सहारे हटाया, पर्दा खिसकते की उसने जो देखा तो जैसे ४४० वोल्ट का करंट लगा हो | ये उसकी सोच की सीमाओं से बाहर था | एक औरत केले से कैसे अपनी सेक्स की भूख मिटा सकती है, अब उसके लिए ये किसी सस्पेंस थ्रिलर की तरह से हो गया | उसकी दिलचस्पी रीमा के दमकते गुलाबी नंगे बदन को देखने में कम और उसकी हरकतों में ज्यादा हो गयी | रीमा का इस तरह से केले को चुसना और रीमा के कमर के ऊपर के दमकते गोरे नंगे जिस्म को देखकर प्रियम की दिलचस्पी और लालसा और बढ़ती जा रही थी | उसके लंड में भी हरकत होने लगी | अब प्रियम ने अपने दिमाग में ये पहेली सुलझा ली थी की आखिरकार रीमा चाची ने उसका लंड इतनी अच्छी तरीके से कैसे चूसा, पूरा गले तक घोंट गयी बिना चोक हुए, क्योंकि अलसी लंड तो उन्हें मिलता नहीं होगा तो वे केले के साथ इसकी प्रैक्टिस करती रही होगी | उसके दिमाग के सारे तार झनझना गए | उसने रीमा को क्या समझा था और वो उन्हें क्या करते देख रहा है | इसका मतलब रीमा चाची और भी बहुत कुछ करती होगी, मुझे तो यहाँ रोज आने का प्लान बनाना पड़ेगा | फिर धीरे से अन्दर बाहर करने लगी | जैसे मुहँ में लंड ठेलते समय लंड को अन्दर बाहर करते है वैसे ही वो छिले हुए केले को अन्दर बाहर करने लगी | वो कर तो केला अन्दर बाहर रही थी लेकिन बार बार उसे रोहित का मोटा तगड़ा मुसल लंड याद आ रहा था | चूसा तो उसने लालीपॉप की तरह प्रियम का भी लंड था, लेकिन रोहित की हिदायत और शायद अपनी गलती के अहसास के बाद उसकी सेक्स फंतासी में प्रियम के लिए कोई जगह नहीं थी | इसीलिए किसी और के काल्पनिक लंड की जगह रियल में अपने मुहँ में ले चुकी रोहित के लंड की कल्पना करने लगती | उसकी कल्पना भी सामान्य औरत की सोच से परे थी , जैसे ही उसने केले का छिलका आधा उतारा था उसे छिले केले के अन्दर से तना सख्त लंड जैसा ठोस दिखाई दे रहा था मस्तिष्क में वो कल्पना करना सिर्फ रीमा जैसी कामुक खूबसूरत औरत ही कर सकती है | इसलिए उसे लंड मानकर ही चूस रही थी | प्रियम की पेंट में उसके लंड ने तम्बू बना दिया था लेकिन प्रियम का सारा ध्यान रीमा की किचन सेक्स फैंटसी देखने में ज्यादा था | इसीलिए तने लंड को केवल ऊपर से ही सहलाता रहा | धीरे से केले का छिला हिस्सा अन्दर ले जाती और फिर ओंठो से रगड़ते हुए बाहर ले आती | बार बार अन्दर बाहर करने से केले का उपरी हिस्सा लार के साथ मिलकर चिकना हो गया था | फिर केले को छिले हिस्से की जड़ से लेकर ऊपर तक जीभ से चाटती चली जाती | रीमा को चूसने से ज्यादा चटाने में मजा आ रहा था | कभी बायीं तरफ से तिरछा करके मुहँ में ठेलती कभी दाई तरफ से | कभी अपने गुलाबी रसीले ओंठो से जकड़ लेती और दोनों हाथो से अपने सुडौल उभरे स्तन मसलने लगती | प्रियम के चेरे पर हवाइयां उड़ने लगी, उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और उसका बदन गरम होने लगा | उसका लंड भी पूरी तरह से पेंट के अन्दर ही अकड़ गया | धीरे धीरे रीमा ने केले को अन्दर बाहर करने की गति बढ़ा दी | उसने केले पर ओंठो का दबाव भी बढ़ा दिया, दबाव बढ़ते ही नरम केले की परत उधड़ने लगी और लार के साथ मिलकर ओंठो को सानने लगी | रीमा केले के लिसलिसे हिस्से को चाट कर सफाचट कर देती, अपने ओंठो पर जीभ फेरती और फिर से केले को मुहँ में अन्दर बाहर करने लगती | उसका एक हाथ उसकी पैंटी में पंहुच गया वो अपनी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगी | जैसे जैसे वो केले को अन्दर बाहर करती, उसकी उंगलियाँ भी उसकी चूत पर उतनी ही तेजी से रिदम के साथ फिसल रही थी | उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी, शरीर गरम होने लगा और चूत गीली होने लगी थी | उसे बार बार रोहित का लंड चूसना याद आ रहा था | वो धीरे धीरे गहराई तक केले को चूसने लगी थी | केला का साइज़ भी रोहित के लंड से कुछ कम नहीं था, इसलिए आधे से ज्यादा ही केला रीमा अभी मुहँ में ले पा रही थी और केला जाकर रीमा के गले को छु रहा था | असल में रीमा केले को लंड समझ के ही मुहँ में ले रही थी, उसके दिलो दिमाग में रोहित का लंड चुसना ही छाया हुआ था, वो उसी अंदाज में केले को नीचे से पकड़ कर उस पर अपना सर नीचे ऊपर कर रही थी और केले को लंड की तरह मुहँ में ले रही थी | |
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