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Romance रंडी से प्यार
#61
(17-01-2019, 02:50 PM)Johnyfun Wrote: Kahani mein pya ke saath saath ab romanch bhi Shamil ho Raha hai

Dhanyawad sandy...
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#62
(17-01-2019, 04:54 PM)Karishma saxena Wrote: NICE update

Dhanyawad karishma....
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#63
अध्याय 16
मैं कमरे की चौखट में खड़ा था,अंदर काजल मुह फुलाये बैठी थी वही बाहर शबनम ,मैं समझता तो किसको …
“इस साली रंडी के भाव तो देखो ,मोटे ग्राहक को ठुकरा दिया,साली खुद तो डूबेगी मुझे भी ले डूबेगी ..”
शबनम खिसिया रही थी ..
“चुप कर छिनाल जा कर चुदवा ले मुहल्ले भर से ,मेरा कोई मूड नही है ..”
काजल अंदर से ही चिल्लाई ,वो भी पता नही किस गुस्से में बैठी थी ..
“हा साली चुदवाऊंगी ,जो आएगा उससे चुदवाऊंगी,तेरे जैसा मेरे पास कोई परमानेंट ग्राहक नही है ..”वो मुझे देखकर बोली ,और काजल भड़क कर बाहर आने लगी 
“साली अपनी औकात में रह ..”
मैंने चौखट में ही उसे पकड़ लिया वो मेरे बांहो में ऐसे छटपटा रही थी जैसे शबनम का कत्ल ही कर जाएगी ..
“हा री छिनाल बोलूंगी ,एक बार नही सौ बार बोलूंगी सारा चाल जानता है साली की तू अपने आशिक के कारण धंधा नही कर रही है ,साली तू कही भी अपनी चुद फड़वा लेकिन हमारे पेट में तो लात मत मार ..”
शबनम जाने को हुई ,काजल को मैं मुश्किल से सम्हाल कर रखा था..
“रुक मादरचोद कहा जा रही है ,मैं चुद फड़वाती हु,तू साली धंधे वाली ,छिनाल साली रांड ,एक ग्राहक क्या गया मुझ पर इल्जाम लगा रही है ..”
काजल खुदे जा रही थी ,मेरे लिए उसे सम्हालना मुश्किल हो रहा था,तभी शबनम रुक गई और काजल को देखने लगी,उसकी आंखों में आंसू के बून्द आ गए थे..
“हा चुदवाते है हम ,रोज चुदवाते है,है रंडी,तभी तो पेट पलता है हमारा, तेरे पास तो तेरा आशिक है कही से भी लाकर खिलायेगा,हम क्या करेंगे,हमारे पेट पर क्यो लात मार रही है ..”
शबनम को सुबकता हुआ देखकर काजल बिल्कुल ही शांत हो गई,मैंने भी उसे छोड़ दिया,वो  शबनम के पास जाकर उसके कंधे में हाथ रखकर उसे अपने गले से लगा ली ..
मैं बस देखता ही रहा की ये अचानक कैसा परिवर्तन आ गया है ..
“माफ कर दे बहन लेकिन उसके साथ चली जाती तो पता नही वापस आ भी पाती की नही ,वो साला तो इतने गुस्से में था की पूरा नोच कर ही खा जाता ..”
काजल जिसे कुछ देर पहले रंडी छिनाल कह रही थी अब उसे इतने प्यार से बहन कह रही थी ..
शबनम और भी सुबकने लगी ..
“जानती हु बहन लेकिन हमारा तो काम ही ये है,नही करेंगे तो खाएंगे क्या,अभी जवानी है तो लोग पैसा भी दे रहे है,वरना मौसी को देख ना कोई 50 रुपये भी तो नही देता बूढ़े शरीर के ..अभी कुछ कमाएंगे तो बुढ़ापे के लिए कुछ बचा भी लेंगे,”
काजल की आंखों में भी आंसू आ गया था...और उसकी बातो में जो दर्द था उसने मेरा दिल भी भर दिया …
आसपास की महिलाएं भी जमा हो गई थी ,जिनके पास ग्राहक नही था वो सभी इधर ही देख रही थी ,सभी कुछ ना कुछ इन्हें कह रही थी ,पास वाली मौसी चिल्लाई 
“बढ़िया हुआ उस कमीने के साथ नही गई ,साले रंडियों को तो इंसान ही नही समझते ,जाती तो नोच डालता पता नही क्या क्या डालता तेरे अंदर “
पास खड़ी महिलाएं जोरो से हँस पड़ी साथ ही काजल और शबनम भी ,फिर एक दूसरी औरत बोली 
“अरे काजल लेकिन 5 लाख कम नही होते,मारता पिटता तो भी इलाज तो हो ही जाता “
किसी ने कहा
“अरे साली रांड 5 लाख में आधा तो वो दल्ला बनवारी ले जाता,पूरी मेहनत ये करे और घी खाये वो साला दल्ला ..”
सभी जोरो से हँसे तभी बनवारी जो की नीचे ही खड़ा था वो भी चिल्ला पड़ा ..
“अरे मौसी दल्ला हु तो क्या हुआ ,काम तो सही करता हु “
“क्या खाक काम करता है मादरचोद ऐसे ग्राहक लाता है ,अगर वो इसको मारता तो बचाने जाता क्या “
“अब 5 लाख के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा ना मौसी “
“तो साले अपनी मा बहन को भेज दे ना “
“क्या करे मौसी तो तुम्हारे जैसी नही है ना सेक्सी “
सभी फिर से खिलखिला उठे …
“तू फिक्र मत कर मैं तुझे अच्छा मोटा ग्राहक दिलवाऊंगी “
काजल ने शबनम के गाल को सहलाते हुए कहा ..वो भी मुस्कुरा उठी..
“हा दुसरो को ग्राहक दिलवा और तू ,शादी वादी करने वाली है क्या इस चिकने से “
पास खड़ी औरतो के साथ काजल भी ऐसे हँसी की मैं बुरी तरह से शर्मा गया..
“क्या मौसी बेचारे को नारभसा दिए “काजल ने झूठे गुस्से में कहा ,हँसी ठिठोली के बीच गाहको का आना जाना चल रहा था,
मैं उन हंसते और झगड़ते चहरो को देख रहा था,बात बात पर एक दूसरे को गाली देने लग जाते,मारने में उतारू ओ जाते ,और थोड़ी ही देर में एक हो जाते,ऐसा लगता की जैसे सबसे अच्छे दोस्त हो ,कोई कपट किसी चहरे में नही थी ,बुझे वक्त के सताए इन चहरो में भी खुशियों को जीने का जज़्बा था,गालियां देने और खाने का हौसला था,और प्यार जताने की हिम्मत …
जब प्यार करने पर आते तो सब लुटा देते और जब दुश्मनी निकालने पर आते तो सब गवाने को भी तैयार रहते,असल में उनके पास लूटने और गवाने को कुछ था भी तो नही ,अगर कुछ होता तो यंहा क्यो होते...
ये ही इस रंडीखाने की असली हकीकत थी ,बिना किसी आशा के भी उनके नरक जैसे जीवन में भी एक उमंग थी,जब दर्द उतरता तो जमाने का दर्द उन आंखों में उतर जाता था,और जब हँसी छूटती तो उस हँसी से जमाना ही खिल जाता,बूढ़ी उदास पनियाई आंखे हो या,जवान मदमस्त खिली हुई आंखे,सभी में एक समानता जरूर थी ..
यंहा कोई सपने नही देखता ……...
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#64
one of the best story ever read
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#65
Super update
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#66
(17-01-2019, 10:18 PM)Bregs Wrote: one of the best story ever read

Smile dhanyawad sir ji....
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#67
to yahan bhi parallel hi chal rahe ho dr sahab....

keep it up
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#68
(17-01-2019, 08:41 PM)Chutiyadr Wrote: अध्याय 16
मैं कमरे की चौखट में खड़ा था,अंदर काजल मुह फुलाये बैठी थी वही बाहर शबनम ,मैं समझता तो किसको …
“इस साली रंडी के भाव तो देखो ,मोटे ग्राहक को ठुकरा दिया,साली खुद तो डूबेगी मुझे भी ले डूबेगी ..”
शबनम खिसिया रही थी ..
“चुप कर छिनाल जा कर चुदवा ले मुहल्ले भर से ,मेरा कोई मूड नही है ..”
काजल अंदर से ही चिल्लाई ,वो भी पता नही किस गुस्से में बैठी थी ..
“हा साली चुदवाऊंगी ,जो आएगा उससे चुदवाऊंगी,तेरे जैसा मेरे पास कोई परमानेंट ग्राहक नही है ..”वो मुझे देखकर बोली ,और काजल भड़क कर बाहर आने लगी 
“साली अपनी औकात में रह ..”
मैंने चौखट में ही उसे पकड़ लिया वो मेरे बांहो में ऐसे छटपटा रही थी जैसे शबनम का कत्ल ही कर जाएगी ..
“हा री छिनाल बोलूंगी ,एक बार नही सौ बार बोलूंगी सारा चाल जानता है साली की तू अपने आशिक के कारण धंधा नही कर रही है ,साली तू कही भी अपनी चुद फड़वा लेकिन हमारे पेट में तो लात मत मार ..”
शबनम जाने को हुई ,काजल को मैं मुश्किल से सम्हाल कर रखा था..
“रुक मादरचोद कहा जा रही है ,मैं चुद फड़वाती हु,तू साली धंधे वाली ,छिनाल साली रांड ,एक ग्राहक क्या गया मुझ पर इल्जाम लगा रही है ..”
काजल खुदे जा रही थी ,मेरे लिए उसे सम्हालना मुश्किल हो रहा था,तभी शबनम रुक गई और काजल को देखने लगी,उसकी आंखों में आंसू के बून्द आ गए थे..
“हा चुदवाते है हम ,रोज चुदवाते है,है रंडी,तभी तो पेट पलता है हमारा, तेरे पास तो तेरा आशिक है कही से भी लाकर खिलायेगा,हम क्या करेंगे,हमारे पेट पर क्यो लात मार रही है ..”
शबनम को सुबकता हुआ देखकर काजल बिल्कुल ही शांत हो गई,मैंने भी उसे छोड़ दिया,वो  शबनम के पास जाकर उसके कंधे में हाथ रखकर उसे अपने गले से लगा ली ..
मैं बस देखता ही रहा की ये अचानक कैसा परिवर्तन आ गया है ..
“माफ कर दे बहन लेकिन उसके साथ चली जाती तो पता नही वापस आ भी पाती की नही ,वो साला तो इतने गुस्से में था की पूरा नोच कर ही खा जाता ..”
काजल जिसे कुछ देर पहले रंडी छिनाल कह रही थी अब उसे इतने प्यार से बहन कह रही थी ..
शबनम और भी सुबकने लगी ..
“जानती हु बहन लेकिन हमारा तो काम ही ये है,नही करेंगे तो खाएंगे क्या,अभी जवानी है तो लोग पैसा भी दे रहे है,वरना मौसी को देख ना कोई 50 रुपये भी तो नही देता बूढ़े शरीर के ..अभी कुछ कमाएंगे तो बुढ़ापे के लिए कुछ बचा भी लेंगे,”
काजल की आंखों में भी आंसू आ गया था...और उसकी बातो में जो दर्द था उसने मेरा दिल भी भर दिया …
आसपास की महिलाएं भी जमा हो गई थी ,जिनके पास ग्राहक नही था वो सभी इधर ही देख रही थी ,सभी कुछ ना कुछ इन्हें कह रही थी ,पास वाली मौसी चिल्लाई 
“बढ़िया हुआ उस कमीने के साथ नही गई ,साले रंडियों को तो इंसान ही नही समझते ,जाती तो नोच डालता पता नही क्या क्या डालता तेरे अंदर “
पास खड़ी महिलाएं जोरो से हँस पड़ी साथ ही काजल और शबनम भी ,फिर एक दूसरी औरत बोली 
“अरे काजल लेकिन 5 लाख कम नही होते,मारता पिटता तो भी इलाज तो हो ही जाता “
किसी ने कहा
“अरे साली रांड 5 लाख में आधा तो वो दल्ला बनवारी ले जाता,पूरी मेहनत ये करे और घी खाये वो साला दल्ला ..”
सभी जोरो से हँसे तभी बनवारी जो की नीचे ही खड़ा था वो भी चिल्ला पड़ा ..
“अरे मौसी दल्ला हु तो क्या हुआ ,काम तो सही करता हु “
“क्या खाक काम करता है मादरचोद ऐसे ग्राहक लाता है ,अगर वो इसको मारता तो बचाने जाता क्या “
“अब 5 लाख के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा ना मौसी “
“तो साले अपनी मा बहन को भेज दे ना “
“क्या करे मौसी तो तुम्हारे जैसी नही है ना सेक्सी “
सभी फिर से खिलखिला उठे …
“तू फिक्र मत कर मैं तुझे अच्छा मोटा ग्राहक दिलवाऊंगी “
काजल ने शबनम के गाल को सहलाते हुए कहा ..वो भी मुस्कुरा उठी..
“हा दुसरो को ग्राहक दिलवा और तू ,शादी वादी करने वाली है क्या इस चिकने से “
पास खड़ी औरतो के साथ काजल भी ऐसे हँसी की मैं बुरी तरह से शर्मा गया..
“क्या मौसी बेचारे को नारभसा दिए “काजल ने झूठे गुस्से में कहा ,हँसी ठिठोली के बीच गाहको का आना जाना चल रहा था,
मैं उन हंसते और झगड़ते चहरो को देख रहा था,बात बात पर एक दूसरे को गाली देने लग जाते,मारने में उतारू ओ जाते ,और थोड़ी ही देर में एक हो जाते,ऐसा लगता की जैसे सबसे अच्छे दोस्त हो ,कोई कपट किसी चहरे में नही थी ,बुझे वक्त के सताए इन चहरो में भी खुशियों को जीने का जज़्बा था,गालियां देने और खाने का हौसला था,और प्यार जताने की हिम्मत …
जब प्यार करने पर आते तो सब लुटा देते और जब दुश्मनी निकालने पर आते तो सब गवाने को भी तैयार रहते,असल में उनके पास लूटने और गवाने को कुछ था भी तो नही ,अगर कुछ होता तो यंहा क्यो होते...
ये ही इस रंडीखाने की असली हकीकत थी ,बिना किसी आशा के भी उनके नरक जैसे जीवन में भी एक उमंग थी,जब दर्द उतरता तो जमाने का दर्द उन आंखों में उतर जाता था,और जब हँसी छूटती तो उस हँसी से जमाना ही खिल जाता,बूढ़ी उदास पनियाई आंखे हो या,जवान मदमस्त खिली हुई आंखे,सभी में एक समानता जरूर थी ..
यंहा कोई सपने नही देखता ……...

WHAT AN EMOTIONAL SCENE
आप की अपनी
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#69
दोस्तो एक बड़े काम मे फंस गया हूं,एक डेढ़ महीने नही लिख पाऊंगा,
वापस आकर स्टोरी कंप्लीट करूंगा...
रुकावट के लिए क्षमा करें.....
कोई कॉमेंट या pm ना करे क्योकि इस दौरान मोबाइल भी बंद रहेगा,
धन्यवाद
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#70
30 din ka gap bahut lamba khinch diye Dr ji
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#71
Intjar rahega
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#72
Dr.sahab intjar h
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#73
Update pls
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#74
Waiting
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#75
Waiting
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#76
अध्याय 17
बहुत ज्यादा बेचैनी थी दिल में दर्द था,ख्वाहिशें थी जो पूरी नहीं हो पा रही थी , पता नहीं मैं उसे कितना चाहता था शायद जान से भी ज्यादा लेकिन शायद वह मुझे समझ नहीं पाई, वही मेरी आखरी तमन्ना थी वही मेरे शख्सियत का किस्सा थी वह मेरी जान थी जहां थी हर आरजू थी हर गुफ्तगू थी सब कुछ थी लेकिन वह रंडी थी…
अब कैसे कहता कि वह क्या थी, मेरी दुनिया थी.. खैर मैं काजल के प्यार में था , मैं उससे कहना चाहता था कि मैं उससे प्यार करता हूं लेकिन शायद वह समझने को ही तैयार नहीं थी, उसे लगता था कि कोई उससे कैसे प्यार कर सकता है, वह अपने आप को उस दर्जे का समझती थी जहां से कोई वापस नहीं आ सकता, उसे मैं कैसे समझाता कि जहां वह है वहां कोई जा नहीं सकता,वो मेरे दिल में बस चुकी थी , मेरा प्यार उसके लिए बिल्कुल बेपनाह था निर्दोष निष्कलंक था,
उसके लिए मेरा प्यार मेरी आंखों से ही झलकता था,मेरे दोस्तो को भी पता चल चुका था की मैं कुछ बदला बदला सा रहता हु ,लेकिन जिसे जानना था वही इन सबसे अनजान थी ..
या अनजान बनने की कोशिस कर रही थी..???
खैर..
जीवन की गाड़ी चल निकली थी ,मेरे पास मेरा अकाउंट था जिससे मैं शेयर मार्किट में पैसा लगाने को तैयार था,लेकिन दिल मे बेहद ही डर भी था,कारण साफ था की वो पैसे मेरे नही थे ,किसी और के थे जो की खुद ही बड़ा खतरनाक आदमी है..
मेरे रहते काजल धंधा नही करती थी ,और मैं अब अधिकतर घर में ही रहता था,वो दिल भर कुछ ना कुछ बोलती रहती लेकिन फिर मुझे अपने लेपटॉप में घुसा हुआ देखकर मुह बना कर बाहर चली जाती ,उसके यू रूठ कर जाने से मेरे होठो में एक मुस्कान सी फैल जाती थी,
अब उसका बिस्तर ही मेरे दिन भर का ठिकाना था,मैं रात सोते समय बस अपने बिस्तर में जाया करता..
मैं यू ही लेपटॉप में मुह गड़ाए बैठा था,और साथ ही पेन से कॉपी पर कुछ लिख रहा था..
वो पैर पटकते हुए कमरे में आयी,उसके पैरों की पायल की आवाज जोरो से आ रही थी,वो मेरे बाजू में बैठ गई और लेपटॉप को देखने लगी जिसपर अभी एक कंपनी के शेयर की चार्ट दिख रही थी,मैंने जितना भी सीखा था उसी हिसाब से मैं अभी पेपर ट्रेडिंग किया करता था,पैसे लगाने की हिम्मत मैं अभी भी नही जुटा पाया था….हेकेनेसी केण्डलस्टिक चार्ट हर एक के बाद एक बनता जा रहा था,मार्किट लाइव चल रहा था..
मैं अपनी उंगली दांतो में फसाये हुए उस 15 मिनट वाली केंडल को बनता हुआ देख रहा था..
अभी भाव 230 रुपये पर था,जो कभी ऊपर जाता तो कभी नीचे,कभी केंडल हरी होती तो कभी लाल (पुराने भाव से ज्यादा होने पर केंडल हरी हो जाती है और कम होने पर लाल) ..
मेरा दिमाग और गणित कह रहा था की भाव बढेगा ,लेकिन फिर भी मैंने पैसे नही लगाए थे,मैं बस ध्यान से मार्किट को देखकर समझना चाहता था..
“इतने ध्यान से क्या देख रहे हो ..”वो मेरे बाजू में बैठकर मेरे कंधे पर अपना सर रखकर लेपटॉप दो देखने लगी
“यही की ये लाइन ऊपर जाएगी की नीचे “मैंने अपनी होशियारी बघारी ..
“अरे इसमें इतना सोचना क्या है ऊपर ही जाएगी ..”
मैंने आश्चर्य से पलटकर उसे देखा,उसने बड़ी ही मासूमियत से ये कहा था जैसे उसे रत्ती भर भी अपनी कही बात पर शंका नही है ..
“क्यो..क्यो ऊपर जाएगी “
“अरे ये तो दिख ही रहा है ना ..”
मैंने अपनी आंखे बड़ी कर दी ,मैं जो महीने भर से अपना दिमाग पुस्तक में खपा रहा था,हर न्यूज़ देख रहा था,इतना रिसर्च कर रहा था उसे भी इसके बारे में कोई 100% कांफिडेंस नही था की भाव ऊपर जाएगा,100 छोड़ो 50% भी कांफिडेंस नही था,लेकिन इस लड़की ने ऐसा कहा था जैसे ये मार्किट की पृरानी ज्ञाता हो ..
“ओह्ह तो बताओ तो सही की क्या दिख रहा है ..”
वो खुस होते हुए अच्छे से बैठ गई और उंगली स्क्रीन पर दिखाने लगी..
“देखो पहले ये लाइन ऐसे आयी फिर यंहा से मुड़ गई फिर ऊपर गई फिर यंहा से मुड़ गई और नीचे आयी फिर यंहा से मुड़ गई अब यंहा से ऊपर जाएगी ,”
मैं मुस्कुराते हुए उसे देखते रहा,काजल को ये एक खेल लग रहा था ,की ये लाइन ऐसे ही बन रही है,असल में एक एक केंडल अगर 15 मिनट की हो(इंट्राडे ट्रेडर्स अधिकतर 15 या 5 मिनट की केंडल पर ही काम करते है) तो वो 15 मिनट में उस शेयर में हुए हर खरीदी बिक्री ,लाखों लोगो के द्वारा उस शेयर के पीछे चल रही राय को दर्शाते है,वो एक निचोड़ होता है जो 15 मिनट में लाखो करोड़ो लोगो द्वारा उस शेयर में किया गया काम होता है...और ऐसे ही कई हरी और लाल रंगों की केंडल(मोमबत्ती की आकर की होती है ,इसलिए इसे केंडल कहते है) एक चार्ट बनकर तैयार होता है..और काजल को ये बस मजाक लग रहा था..
उसने मेरा मुस्कुराता हुआ चहरा देखा और फिर अपनी बात पर जोर डालकर कहने लगी..
“अरे देखो ना ध्यान से ये लाइन नीचे उतरी लेकिन यंहा से नीचे नही गई ,फिर ऊपर गई लेकिन यंहा से फिर से नीचे,लेकिन दूसरी बार जब ये नीचे गई तो फिर उसी जगह से ऊपर गई जंहा से पहली बार गई थी,और ऊपर गई तो फिर लगभग उसी जगह से नीचे हो गई जंहा से पहली बार आयी थी,मतलब ये लाइन इससे ऊपर और इससे नीचे नही जा रही है,जैसे कोई दीवार हो जो उसे रोक रहा हो..”
मैं काजल को देखता ही रह गया ,क्योकि जो उसने अभी अभी कहा था वो शेयर मार्किट के टेक्निकल भाषा में सपोर्ट और रजिस्टेंस कहलाता है,वो दो भाव जंहा से शेयर ना नीचे जा पता है ना ही ऊपर ,मैं कैसे इतने इम्पोर्टेन्ट फेक्टर को भूल गया था,मैं इतना खुस हुआ की काजल के गालो में एक जोर की पप्पी ले ली ..
वो हल्के से हँसी लेकिन उसे भी ये समझ नही आया की आखिर मैंने ऐसा किसलिए किया था..
और मैंने अपने जीवन का पहला ट्रेड डाल दिया,मुझे कुछ संकेत मिलने लगे थे की ये शेयर ऊपर जाएगा..
मैंने तुरत ही निफ्टी की वेबसाइड से उस शेयर का ऑप्शन चार्ट निकाला,मैंने देखा की उस शेयर में लोगो की भागीदारी तेजी से बढ़ने लगी है(इसे मार्किट की भाषा में वोलेटलिटी कहते है) ,मैंने तुरंत ही एक काल ऑप्शन 10000 की खरीद ली (जब भाव बढ़ने वाला होता है तो लोग काल ऑप्सन और जब भाव गिरने की संभावना हो तो पुट ऑप्सन खरीदते है)
अगर आप लोग नही जानते तो मैं बताना चाहता हु की शेयर में पैसे लगाना और ऑप्सन में पैसे लगाने में बहुत फर्क होता है,शेयर का भाव अगर 1-2 परसेंट भी चढ़ा तो काल ऑप्शन का भाव 50-60 परसेंट चढ़ जाता है,वही put option का भाव वैसे ही गिर जाता है,अगर शेयर का भाव गिरता है तो उसका अपोज़िट होता है,इसलिए भाव चढ़ने पर लोग call को खरीदते है,और गिरने पर put को..और इसलिए ये जितना पैसे कमा के देने के लिए मशहूर है वैसे ही लोगो को नंगा भी कर देता है.. अभी हाल में ही एक शेयर(नाम नही बताऊंगा 3-4 दिन पहले की ही बात है)ऐसे चढ़ा था की उसका call एक ही दिन में 2000% बढ़ गया था,यानी जिसने उसका call खरीदा होगा उसका पैसा एक ही दिन में 20 गुना बढ़ गया..और जिसने put खरीदा होगा उसका पैसा ही डूब गया होगा..
मैं सांसे रोके स्क्रीन पर देखने लगा था,
“अरे क्या हुआ इतने परेशान को हो गए हो “
“तेरे बोलने पर 30 हजार लगा दिया हु ,20 हजार उसके शेयर में और 10 हजार call में “
वो आश्चर्य से मुझे देखने लगी ..
“तू कर क्या रहा है,तूने जुआ खेला है??”
उसकी बात से मेरे होठो में एक मुस्कान आ गई
“वही समझ ले ,लेकिन ये सोचा समझा जुआ है”
अब तो उसकी भी सांसे रुक गई थी क्योकि ऐसे भी उसे कुछ समझ नही आ रहा था की मैं कर क्या रहा हु लेकिन उसे इतना तो समझ आ चुका था की 30 हजार फंसे हुए है…
हम दोनो की नजर स्क्रीन में जमी सी गई थी ..
और मार्किट नीचे गिरने लगा ,मेरे माथे में पसीने की बूंदे टपकने लगी थी 2 बजकर 15 मिनट हुए थे (भारत का मार्किट 9:15 से 3:30 तक चलता है) अभी 2 घंटे थे मेरे पास ,अभी 15 मिनट ही हुए थे की हम दोनो की सांसे रुक सी गई थी,काजल को मैंने इतना तो समझा दिया था हमने 230 रुपये में खरीदा है और ये जितना ज्यादा जाएगा उतना हमे फायदा होगा,और 15 मिनट में शेयर का भाव 229 हो चुका था,लेकिन मैंने हिम्मत रखी अभी उसे बेचा नही ,स्क्रीन में हर सेकंड में वो पैसा बदल रहा था कभी वो 229.50 हो जाता तो अभी 229.30 तो अभी और कुछ मार्किट में ऐसे भी काम दशमलव में ही चलता है,अचानक से कुछ हुआ और भाव 225 में पहुच गया ,वो इतनी तेजी से गिरा की मुझे कुछ सोचने का मौका ही नही दिया,मैं बुरी तरह के घबरा चुका था ,मैंने तुरंत अपने call का भाव देखा वो 80% गिर चुका था मतलब की मुझे सीधे सीधे वँहा से 8हजार का घटा हो चुका था,मैं शेयर में हुआ घाटा अलग था,वँहा भी 1000 के लगभग का घाटा था ,मैं अपना सर पकड़ कर बैठ ,ये मेरा पहला ट्रेड था और पहली ही बार में इतना बड़ा घाटा ..
“क्या हुआ “
“लगभग 9 हजार का नुकसान हो गया है..”मेरे मुह से अचानक निकला और मैं अपने शेयर को बेचने के लिए अपना हाथ बढ़ाने ही वाला था की ..
“है भगवान नही “...
“ये क्या किया तुमने ??”मैं बुरी तरह से चिल्ला उठा था क्योकि काजल ने डर के मारे लेपटॉप ही बंद कर दिया था,
अभी तो ये घाटा सिर्फ 9 हजार का था लेकिन अगर अभी उसे नही बेचा तो पता नही 1-2 मिनट में मार्किट और कितना नीचे गिर जाए और लेपटॉप के चालू होते तक कितना नुकसान हो जाए ..
मैं सोचकर ही कांप गया था…
वही काजल रोने लगी थी
“मुझे लगा था इसे बंद कर देने से वो खत्म हो जाएगा ..”
सच कहु मन किया की उसके कान के नीचे एक खिंच कर लगाऊ लेकिन मेरे सामने अभी शकील का खूंखार चहरा घूम गया था ,मैंने तुरंत ही लेपटॉप चालू किया ..
लेकिन ..
जब किस्मत हो गांडू तो क्या करेगा पांडु..
पता नही क्या हुआ था की लेपटॉप चालू होने के बाद भी इंटरनेट से कनेक्ट नही हो रहा था..
मैं अपने आप को कोशे जा रहा था की मैंने इतनी जल्दबाजी में बिना किसी स्टॉपलॉस (स्टॉपलॉस एक तरीका है मार्किट में नुकसान से बचने का ,अगर इसे लगा दिया जाय तो गिरते मार्किट में सॉफ्टवेयर अपने आप ही शेयर को बेच देता है.. और नुकसान कम होता है..) लगाए ही क्यो ट्रेडिंग करने लगा ...लेकिन अब पछताने से होता भी क्या है..
मैं इंटरनेट से कनेक्ट होने की कोशिस कर रहा था वही काजल का चहरा लाल हो चुका था..
लगभग 2 बजकर 50 मिनट हो चुका था,मार्किट बंद होने के करीब था ,मुझे बुरी तरह नुकसान होने वाला था, मेरा मोबाइल घनघनाया …ये 5 वी बार था लेकिन मैं उसे उठा नही रहा था,क्योकि ये उसी सीनियर का था जो पहले से मार्किट में काम करता था,वो आधे घंटे से मुझे फोन लगा रहा था लेकिन मैं अपने ही दर्द में थे लेकिन फोन फिर से घनघना उठा..
“इसकी मा का अब इसे क्या हुआ ..”
उसी सीनियर का फोन था ..
“हल्लो सर “
“अबे कहा था तू पता है ,*** कंपनी के ऊपर आज बड़ी न्यूज़ आयी है”
उसने उसी कंपनी का नाम लिया था जिसे मैंने अभी खरीदा था,मैं सतर्क हो गया..
“उसके CEO ने रिजाइन कर दिया “
“क्या ??”
अब तो मैं पूरी तरह से ही टूट गया था,अब मुझे समझ आया की इसका प्राइस इतने तेजी से क्यो गिरने लगा था,मेरा दिल ही भर गया क्योकि अब मुझे 15 हजार तक या ज्यादा का भी घाटा हो सकता था,call वाले पैसे तो गए ही समझो ,
“लेकिन जानता है कंपनी ने आधे घंटे बाद ही अलाउंस किया की उनका अगला CEO **** होगा ..”
“क्या वो मशहूर बिजनेसमैन “
“हा ,भाई आज जिसने भी उसका शेयर खरीदा होगा वो तो मालामाल हो गया होगा ..”
सीनियर का ने ऐसे कहा था जैसे काश उसके पास वो सस्ते शेयर होते जो भाव गिरने के समय लिए गए थे..
मैंने तुरंत ही उनका फोन काटा और काजल की ओर देखा वो कुछ समझने की कोशिस जरूर कर रही थी लेकिन उसका चहरा बता रहा था की उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था..
मैंने फिर से कोशिस की और इस बार इंटरनेट से लेपटॉप कनेक्ट हो चुका था,और जैसे ही मैंने अपना सॉफ्टवेयर खोला मेरा मुह खुला का खुला रह गया ,क्योकि इतने समय में शेयर का भाव 264 रुपये पहुच चुका था मलतब लगभग 15% बढ़ चुका था,मैंने तुरंत ही call का रेट देखा मेरी आंखों से आंसू आ गए वो 400% बढ़ चुका था मतलब की मुझे 4 गुना का प्रॉफिट हो चुका था,मार्किट बंद होने में बस 15 मिनट ही बचे थे और मैं इसे दूसरे दिन के लिए रखकर रिस्क नही ले सकता था मैंने तुरंत ही उसी रेट में सभी को बेच दिया…
काजल मुझे घूर रही थी उसकी आंखों में प्रश्न था और एक दो आंसू भी ,
उसने आंखों से भी पूछा “क्या हु “
“मेरी जान 4 गुना प्रॉफिट हुआ है “मैं खुसी से उसके गले लग गया लेकिन उसके गले तक जाने से ही पहले ही मेरा चहरा उसके चहरे से टकराया और मैं खुसी से भरा हुआ उसके होठो में अपने होठो को मिला दिया..
ये एक ही झटके में ऐसे हुआ की हम दोनो को ही समझ नही आया की कब वो एक सेकंड की गलती मिनट और फिर मिनटों में बदलने लगी थी………..


नोट-1. यंहा मैंने शेयर मार्किट के कुछ टेक्निकल शब्दो का प्रयोग किया है,अपने तरफ से आप लोगो को समझने की पूरी कोशिस. की है लेकिन अगर ना समझ आये तो मुझे माफ करे और उनके बिना ही कहानी का सार पकड़ने की कोशिस करे..

2. अभी लाइफ में थोड़ा बिजी हु तो लिखना तो शुरू कर दिया हु लेकिन रोज अपडेट्स नही दे पाऊंगा,जब लिखूंगा तो पोस्ट करता रहूंगा
धन्यवाद
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#77
kab karega bhai
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#78
Welcome back
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#79
Nice Now there should be a nice celebration for the Share Market Profit
Love You Guys
LOLO
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#80
Very nice bro keep it up
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