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अनुजा की कहानी अनुजा की जुबानी
पार्टी -मस्ती -देवेश
तो यहां तो सब लड़के लड़कियां ही हैं। दोस्त, यहां क्या पर्दा… और सच में मेरे क्लास की लड़कियां भी अपने-अपने ब्वायफ्रेंड से चिपकी, किसी का हाथ टाप के अंदर, तो कोई स्कर्ट उठाकर।
और अपनी क्लास की चार पांच लडकियों के तो ,... टॉप पूरे खुल चुके थे
और एक बूब्स पर एक लड़का और एक पर दूसरा ,
सैंडी तो और ,...
क्लास की सबसे हॉट लड़की मानती थी अपने आप को , एक तो मेरे क्लास का ही था , और दूसरा कोई ,... बाहर का , ...
जो झुक के उसके निप्स सक कर रहा था ,
और वो मजे में बैठी सुट्टे मार रही थी ,
हाँ एक हाथ से जो लड़का उसके बूब्स सक कर रहा था उसके बल्ज को कस कस के दबा रही थी ,
बार के बगल में ही सोफे पे एक लड़के की गोद में तो दो-दो लड़कियां और वो दोनों के उभारों सेऽऽ
सारी लड़कियां लड़कों से लगी पड़ी थीं ,
अब मामला चुम्मा चुम्मी से बहुत आगे , ... सब अपने में मगन
अच्छा हुआ जो दिया ने उस दिन देवेश से परिचय करवा दिया, वरना तो मैं बोर ही हो जाती।
तब तक देवेश ने मेरा हाथ दबाकर बोला-
“हे, चल जरा बाहर चलते हैं…”
वहां शोर भी हो रहा था, और सिगरेट का धुआं भी।
ज्यादतर लड़कियां भी स्मोक कर रहीं थीं और वेट्रेसेज ड्रिंक के साथ-साथ सिगरेट भी बांट रही थीं।
“चल…” मैंने भी देवेश का हाथ दबाकर कहा।
बाहर सिर्फ हल्की म्युजिक आ रही थी।
एक दो जोड़े कहीं-कहीं लान में पेड़ों के नीचे, झाड़ियों के पीछे,, साथ में किस की , सिसकियों की , ... कोई भी समझ सकता था ,
' वहां क्या हो रहा है '
पर मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था ,
देवेश था न मेरे पास , और आज तो मैं तय कर के आयी थी ,
देवेश जो चाहे ,... मैं मना नहीं करुँगी ,...
बल्कि अब तो देवेश से ज्यादा खुद मेरा मन कर रहा था था ,
और मैं उन स्सालियों को दिखा भी देना चाहतीं थीं , जो पीठ पीछे , नर्ड नर्ड कहती रहती थीं , ... मैं उनसे कम नहीं दो हाथ आगे हूँ , ...
एक राट आयरन की बेंच पे हम दोनों जाकर बैठ गये,
और बैठते ही देवेश ने मेरा सिर पकड़कर मुझे खूब कस के चूम लिया। अबकी मैंने भी उसी तरह जवाब दिया।
थोड़ी ही देर में मैं उसकी गोद में थी।
लेकिन किस हम लोगों का टूटा नहीं ,
सच में देवश मस्त किस कर रहा था , एकदम लग रहा था मेरे होंठ आज वो खा जाएगा , ... खा ले तो खा ले , ...
नहीं आज तक किसी लड़के ने नहीं किस किया था मुझे , पर थोड़ी प्रैक्टिस तो थी ही ,
और किस के साथ किस , ... मेरी भाभी , ..छन्दा भाभी , ...
मैं उन्हें भइया का नाम लेकर चिढ़ाती और वो सारा बदला भैया के जाने के बाद मेरे साथ निकालतीं , ...
देख तेरे भइया ऐसे किस करते हैं ,...
फिर वो भैया बनती और मुझे अपनी जगह , एक दिन तो पूरे पंद्रह मिनट तक किस ,
जब तक मैं डीप फ्रेंच किस में परफेक्ट नहीं हो गयी , ....
मैं भी आज देवेश के किस का कस के जवाब दे रही थी ,
अपने मुंह में घुसी उसकी जीभ को थोड़ी देर चूसती रही , फिर थोड़ी सी टंग फाइट, मेरी जीभ की टिप उसकी जीभ से ,
कभी छुला के हटा लेती तो कभी जोर जोर ,से उसकी जीभ से और साथ में उसके होंठों को भी अब मैं चूस रही थी
बैठने में मेरी स्कर्ट थोड़ी ऊपर सरक गयी थी , और मैं एकदम , ...
खूब कड़ा कड़ा लग रहा था मेरे हिप्स के नीचे , एकदम तना , टनटनाया , ...
भाभी ने बोला था ,
देख आज तुझे देख के जिस का न टनटना जाए उसे खानदानी शफा खाना में जाके इलाज कराना चाहिए , ...
भाभी भी न कुछ भी ,...
देवेश का तो मैं बड़ी देर से देख रही थी और अब मौका मिला था मुझे तो मैं क्यों छोड़ती , उसे भी याद रहेगा , अनुजा के बारे में
बस बहुत हलके से मैंने अपने हिप्स उसके इरेक्शन पर रगड़ दिए ,
हलके से ही लेकिन उतना ही देवश बाबू की हालत ख़राब करने के लिए काफी था ,
हो तो हो , हालत अनुजा की कौन सी अच्छी थी , मन कर रहा था की बस ,...
उसका एक हाथ मेरा ट्यूब टाप हटाकर… और जब उसने देखा की ब्रा भी नहीं है, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मुझे मालूम नहीं था क्या , ओनर्स प्राइड नेबर्स एनवी ,...
और आज से नहीं जब से मैं नौंवी में गयी थी तब से , ...
साइज में तो अपनी सारी सहेलियों से २० नहीं २२ थी , लेकिन साथ में शेप परफेक्ट , कड़ापन , कटाव , उभार ,
दिया मुझे चिढ़ाती भी थी ,
यार अनुजा , तू ये अपने जवानी के खिलौने बस किसी लड़के को एक बार छू लेने दे न , बस टॉप के ऊपर से , सच में जिंदगी भर तेरे तलुवे चाटेगा , ...
लेकिन मैं भी न , ... पर आज खुद मेरा भी मन कर रहा था , अगर देवेश टॉप नहीं हटाता तो मैं खुद हटा के , ....
उफ़ देवेश की उँगलियाँ , ...
कैसे हल्के हलके छू रहा था ,
बस मन कर रहा था , दबाता क्यों नहीं कस कस के ये ,
हाल में तो सब लड़कियों के ब्वाय फ्रेंड्स खुल के कितनी ताकत से दबा मीज रहे थे ,
और फिर जब देवश की उंगलिया मेरे निप्स पर लगीं ,
बस मैं मर नहीं गयी , ...
देवेश ने इशारा किया और मैंने अपनी ड्रिंक उठा के एक सिप ली , व
ही पहले की तरह थोड़ा कडुवा थोड़ा मीठा , एक अलग सा टेस्ट , ... लेकिन अंदर जाते ही , अच्छा बहुत लग रहा रहा था ,
मैंने दो तीन सिप और लिए ,
बस अब दो ही बातों का अहसास हो रहा था , मेरे बूब्स पर देवेश की उँगलियों को , जैसे सैकड़ों बिच्छू एक साथ मेरे उभारों पर टहल रहे हों , डंक मार रहे हों ,
और देवेश के खूंटे का , मेरी स्कर्ट तो सरक कर मेरी कमर पर एक छल्ले की तरह , और अब मैं हलके हलके अपने चूतड़ उसके खूंटे पे ग्राइंड कर रही थी , बहुत अच्छा लग रहा था मन कर रहा था खुद पकड़ के खोल दूँ , ...
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अनुजा - निप्स
बस अब दो ही बातों का अहसास हो रहा था , मेरे बूब्स पर देवेश की उँगलियों को ,
जैसे सैकड़ों बिच्छू एक साथ मेरे उभारों पर टहल रहे हों , डंक मार रहे हों ,
और देवेश के खूंटे का ,
मेरी स्कर्ट तो सरक कर मेरी कमर पर एक छल्ले की तरह ,
और अब मैं हलके हलके अपने चूतड़ उसके खूंटे पे ग्राइंड कर रही थी ,
बहुत अच्छा लग रहा था मन कर रहा था खुद पकड़ के खोल दूँ , ...
एक उभार हल्का सा खोलकर पहले तो वो दबाता रहा, मसलता रहा, फिर निपल भी,
लेकिन अब उसने मेरे खुले बूब्स कस के दबाने मसलने शुरू कर दिए थे ,
बीच बीच में झुक के मेरे निप्स को हलके से किस कर लेता था ,
मंन तो मेरा करता था की वो कस के चूस ले , ...
पर देवश भी न ,... परफेक्ट टीज़
हम दोनों अपने-अपने ड्रिंक बीच-बीच में सिप कर रहे थे।
तभी देवेश ने अपना व्हिस्की का ग्लास मेरे होंठों से लगाकर थोड़ा सा दबाया।
“ना ना…” करके मैं नखड़ा कर रही थी।
थोड़ा सा एक सिप मेरे लिये। मेरे होंठ हल्के से खुले और उसने एक सिप…
फिर दूसरा, लग रहा था की कोई तेजाब की तरह सीधे जलता हुआ पेट में। और फिर तो उसने एक हाथ से मेरा सिर कस के पकड़ा और दूसरे हाथ से ग्लास,
और कस के आधे से ज्यादा पेग… मुझे लगा की मैं उल्टी कर दूंगी।
लेकिन देवेश ने अपने होंठों से मेरे होंठ सील कर दिये।
जीभ मेरे मुँह में, एक हाथ ने अभी भी सिर कस के पकड़ रखा था
और दूसरा मेरे खुले उभार पे, कस के निपल को रोल करता।
थोड़ी देर में मस्ती के मारे मैं भी उसकी जीभ चूसने लगी।
अब उसके होंठ मेरे होंठों से हटे तो सीधे निपल पे।
अब मैं समझ सकती थी की उस दिन दिया क्यों इतनी पागल हो रही थी- एक बार मर्द का हाथ निपल पे लग जाय तो।
उसका वो जींस के अंदर से तो गड़ ही रहा था, अब देवेश ने मेरा हाथ पकड़कर अपने ‘उस’ पे रख दिया।
आज मैंने हाथ नहीं हटाया, कितनी बेवकूफ थी मैं पिक्चर हाल में, बल्की हल्के से दबा दिया।
खूब कड़ा लग रहा था और बड़ा भी।
_और आज मुझसे रहा नहीं गया , मैंने खुद उसकी ज़िप खोल दी , और हाथ अंदर ,
वाउ , क्या मस्त , ... खूब कड़ा , और मैंने जींस के अंदर ही हाथ डाल के उसे पकड़ लिया ,
इतना अच्छा लग रहा था , खूब मस्त , ... थोड़ी देर मैं रगड़ती रही मसलती रही ,
और मेरी आँखे देवेश को चिढ़ाती रही ,
अब उसकी हालत खराब हो रही थी ,
पर हो , जब वो मेरे निप्स को किस कर रहा था , और में पिघल रही थी तब कुछ नहीं और मैं जरा सा ,
मैंने एक झटके में चमड़ा पकड़ के जोर से खींचा और उसका हेड , हाँ भाभी क्या कहती थीं , हाँ सुपाड़ा , खुल गया ,...
पर अंदर डांस की म्यूजिक तेज हो रही थी , लान में कुछ लोगों की आवाजें भी आरही थीं , देवेश ने मेरा ट्यूब टॉप खींच के मेरे बूब्स को कवर कर दिया ,
ही इज सो केयरिंग ,...
और मैंने भी ज़िप खींच कर बंद कर दी , पर पूरी नहीं
“हे, ड्रिंक खतम कर चल अंदर चलते है, चल अदला-बदली कर लेते हैं…”
और मेरे बिना कहे मेरा जूठा कोक उठाकर एक झटके में, और मैं भी…
मैंने खुद व्हिस्की की ग्लास उठाकर दो घूंट में खतम कर दिया।
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अनुजा -
लिप्स
और मेरे बिना कहे मेरा जूठा कोक उठाकर एक झटके में, और मैं भी… मैंने खुद व्हिस्की की ग्लास उठाकर दो घूंट में खतम कर दिया।
जब हम लोग अंदर चल रहे थे,
तभी एक झाड़ी के नीचे देवेश ने बिना बोले इशारा किया तो एक लड़का खड़ा हुआ,
उसको तो मैं पहचान नहीं पाई पर जब मैंने ध्यान दिया तो मेरे क्लास की ही अंजुम, उसका जिप खोलकर मुँह में लेकर चूस रही थी।
मैं देवेश से एकदम चिपक गई।
अगर अंजुम ऐसी लड़की एकदम खुले आम चूस सकती है तो ,...
मैं एकदम देवेश से चिपक गयी मेरा हाथ एक बार फिर उसके खड़े खूंटे पर था ,
मैं कस के उसे पकडे थी ,
अगर सच में देवश वहीँ मुझे झुका के ,
जैसे अंजुम सक कर रही थी न ,
सच में मैं मना नहीं कर पाती ,...
ब्लो जॉब तो छोड़िये ,
मैंने आज पहली बार किसी का पैंट के ऊपर से छुआ था ,
पर वो कहते हैं न शादी नहीं हुयी तो क्या बरात तो गए हैं ,
मेरी भाभी, छन्दा भाभी ,
कित्ती बार उनके साथ ब्लो जॉब वाली फिल्म साथ साथ ,
और साथ में छन्दा भाभी की रनिंग कमेंट्री ,
देख अनुजा कैसे चाट रही है , सिर्फ जीभ से , और आँखे देख हरदम मर्द की ओर ,
मर्दों को अच्छा लगता है जब सेक्स के समय लड़कियां उन्हें प्यार से देखती हैं ,
जीभ , होंठ , और गाल , चूसते समय पूरी ताकत लगा के ,
सच में तेरे भइया को बहुत मजा आता है चुसवाने में ,
और भाभी मेरी सिर्फ थ्योरी वाली नहीं है एकदम प्रक्टिकल , निकाल के उन्होंने मुझे एक लॉलीपॉप दिया और बोला
" चूस जैसे तेरे यार का हो , चल पहले जीभ लगा "
मैंने भी जिद की भाभी आप भी साथ साथ
और वो भी हम दोनों ननद भौजाई , लॉलीपॉप लेकर ,
बार बार , देख दांत नहीं लगना चाहिए होंठ दांत के ऊपर , हाँ होंठ से सिर्फ दबा के चूस साथ में जीभ से चाट
फिर भाभी ने जीभ की टिप से चाट के अपने अंदाज में बोला भी
" यार सुपाड़ा चाटने में बहुत मजा आता है , सिर्फ जीभ से ,
... और मैं तो तेरे भइया के दोनों रसगुल्ले भी , अरे असली कारखाने तो वहीँ मर्द के रस के "
अंजुम भी मैं देख रही थी की कैसे लिक कर रही है नीचे से ऊपर तक ,... सपड़ सपड़
मेरा तो मन कर रहा था की वहीँ मैं भी देवेश के साथ ,
कोई देखे तो देखे सब तो आज खुलमखुल्ला ,...
पर अंदर से किसी ने देवेश को आवाज दी
और देवेश मुझे खींचते हुए अंदर
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पर वो कहते हैं न शादी नहीं हुयी तो क्या बरात तो गए हैं ,
मेरी भाभी, छन्दा भाभी ,
कित्ती बार उनके साथ ब्लो जॉब वाली फिल्म साथ साथ ,
और साथ में छन्दा भाभी की रनिंग कमेंट्री ,
देख अनुजा कैसे चाट रही है , सिर्फ जीभ से , और आँखे देख हरदम मर्द की ओर ,
सच में तेरे भइया को बहुत मजा आता है चुसवाने में ,
और भाभी मेरी सिर्फ थ्योरी वाली नहीं है एकदम प्रक्टिकल , निकाल के उन्होंने मुझे एक लॉलीपॉप दिया और बोला
" चूस जैसे तेरे यार का हो , चल पहले जीभ लगा "
मैंने भी जिद की भाभी आप भी साथ साथ
और वो भी हम दोनों ननद भौजाई , लॉलीपॉप लेकर ,
बार बार , देख दांत नहीं लगना चाहिए होंठ दांत के ऊपर , हाँ होंठ से सिर्फ दबा के चूस साथ में जीभ से चाट
" यार सुपाड़ा चाटने में बहुत मजा आता है , सिर्फ जीभ से ,
कोमल जी,
सही कहा, "वो कहते हैं न शादी नहीं हुयी तो क्या बरात तो गए हैं ," पर मुझ जैसी मूर्ख को "बारातो" मैं जाकर भी हसने , नाचने, और मस्ती करने के अलावा कुछ सूझता ही नहीं था.
सेकंड ईयर , मैं कुछ मालूम चला , थोड़ा जोबन -जवानी पर ध्यान गया दूसरी लड़कियों की, क्या मस्त खिलने लगी थी, साली छे महीने पहले छिपकली सी दिखती थी, अब देखो।
माँ अक्सर, बोलती थी, फर्स्ट ईयर तक, कुछ खा, देख तो कैसे कमजोर हो रही है, दूसरी लड़कियों को देख केसी तंदरुस्त।
बात जब "लोलीपोप" की मैंने देखा की "तंदरूस्त" लड़किया लोलीपोप और आइस क्रीम अलग तरीके से खाती हैं, " चूस " के "चाट" के, और दूसरी , "काट - काटी " कर के.
तब कुछ शक हुआ, भाभी, बताती थी मज़ाक मैं, देख , वो बड़े "अनुभव" वाली लड़की है, मिला कर, बात किया कर.
मैं बोलती , आपको कैसे पता, भाभी। आप तो उसे जानती भी नहीं, तब भाभी हंस के बोलती, "अनुभव " से।
अब आया "अनुभव" , शादी के बाद.
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16-04-2020, 01:38 PM
(This post was last modified: 16-04-2020, 01:39 PM by @Kusum_Soni. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
चूस जैसे तेरे यार का हो , चल पहले जीभ लगा "
मैंने भी जिद की भाभी आप भी साथ साथ
और वो भी हम दोनों ननद भौजाई , लॉलीपॉप लेकर ,
बार बार , देख दांत नहीं लगना चाहिए होंठ दांत के ऊपर , हाँ होंठ से सिर्फ दबा के चूस साथ में जीभ से चाट
फिर भाभी ने जीभ की टिप से चाट के अपने अंदाज में बोला भी
" यार सुपाड़ा चाटने में बहुत मजा आता है , सिर्फ जीभ से ,
कोमल जी ऊफ़्फ़ पूरी ट्रेनिंग याद दिला दी
ये सारी ट्रेनिंग मेरी तो इन से शादी के बाद ही हुई और इन्होंने ही करवाई डाट, डपट ओर कुछ तो थप्पड़ के डर से
बिल्कुल उस समय अगर हमारी आंखे इन की आंखों से ना मिले तो कड़क आवाज में " ऊपर देख के कर "
क्या चपड़ चपड़ कर रही है पूरा मुँह खोल के उतार झड़ तक चल पूरा ले थप्पड़ खायेगी नखरे किये तो
कैसे सूपाड़ा चाटना है,कैसे पी होल पे खुरदरी जीभ से सुरसुरी करनी है कैसे पूरा उतारना है सब कुछ करवाया है
कोमल जी बहुत अच्छी स्टोरी है जिस में अलग तरह का सेक्स है थोड़ा किंकी ओर रफ़ जो इस उम्र में ही ज्यादा होता है और खास कर के ऐसी पार्टियों में
टीन ऐज ग्रुप में
अच्छी स्टोरी है
तो चलो इस का भी मजा लेती है सभी सहेलियां
लिखती रहो यहां भी जब भी समय मिले
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(16-04-2020, 11:56 AM)Niharikasaree Wrote: पर वो कहते हैं न शादी नहीं हुयी तो क्या बरात तो गए हैं ,
मेरी भाभी, छन्दा भाभी ,
कित्ती बार उनके साथ ब्लो जॉब वाली फिल्म साथ साथ ,
और साथ में छन्दा भाभी की रनिंग कमेंट्री ,
देख अनुजा कैसे चाट रही है , सिर्फ जीभ से , और आँखे देख हरदम मर्द की ओर ,
सच में तेरे भइया को बहुत मजा आता है चुसवाने में ,
और भाभी मेरी सिर्फ थ्योरी वाली नहीं है एकदम प्रक्टिकल , निकाल के उन्होंने मुझे एक लॉलीपॉप दिया और बोला
" चूस जैसे तेरे यार का हो , चल पहले जीभ लगा "
मैंने भी जिद की भाभी आप भी साथ साथ
और वो भी हम दोनों ननद भौजाई , लॉलीपॉप लेकर ,
बार बार , देख दांत नहीं लगना चाहिए होंठ दांत के ऊपर , हाँ होंठ से सिर्फ दबा के चूस साथ में जीभ से चाट
" यार सुपाड़ा चाटने में बहुत मजा आता है , सिर्फ जीभ से ,
कोमल जी,
सही कहा, "वो कहते हैं न शादी नहीं हुयी तो क्या बरात तो गए हैं ," पर मुझ जैसी मूर्ख को "बारातो" मैं जाकर भी हसने , नाचने, और मस्ती करने के अलावा कुछ सूझता ही नहीं था.
सेकंड ईयर , मैं कुछ मालूम चला , थोड़ा जोबन -जवानी पर ध्यान गया दूसरी लड़कियों की, क्या मस्त खिलने लगी थी, साली छे महीने पहले छिपकली सी दिखती थी, अब देखो।
माँ अक्सर, बोलती थी, फर्स्ट ईयर तक, कुछ खा, देख तो कैसे कमजोर हो रही है, दूसरी लड़कियों को देख केसी तंदरुस्त।
बात जब "लोलीपोप" की मैंने देखा की "तंदरूस्त" लड़किया लोलीपोप और आइस क्रीम अलग तरीके से खाती हैं, " चूस " के "चाट" के, और दूसरी , "काट - काटी " कर के.
तब कुछ शक हुआ, भाभी, बताती थी मज़ाक मैं, देख , वो बड़े "अनुभव" वाली लड़की है, मिला कर, बात किया कर.
मैं बोलती , आपको कैसे पता, भाभी। आप तो उसे जानती भी नहीं, तब भाभी हंस के बोलती, "अनुभव " से।
अब आया "अनुभव" , शादी के बाद.
अब आया "अनुभव" , शादी के बाद.
क्या बात है शादी के बाद तो निहारिका जी
" बड़े अनुभव "
मिले है !
केसी शर्मीली छुई मुई थी जब तक शादी नहीं हुई थी
कभी सोचा भी नही था शादी के बाद ये सब होगा
ओर हम ये सब करेंगी ऊफ़्फ़ आज क्या क्या नहीं करती है उन की खुशी की खातिर ओर
वो क्या क्या नहीं करवाते है
सुबह सोचते है तो बिल्कुल जंगली लगता है
पर रात भर उन की बाहों में क्या क्या नहीं करती है क्या क्या नही करवाती है बदन का कौन सा ऐसा अंग है जहाँ उन कि मनमानी नहीं होती है
ये बदन अब तो उन की मस्तियों का आदि हो गया है
निहारिका जी अदभुत वर्णन करती हो आप भी
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//// live side open kese kare
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(16-04-2020, 01:38 PM)@Kusum_Soni Wrote: चूस जैसे तेरे यार का हो , चल पहले जीभ लगा "
मैंने भी जिद की भाभी आप भी साथ साथ
और वो भी हम दोनों ननद भौजाई , लॉलीपॉप लेकर ,
बार बार , देख दांत नहीं लगना चाहिए होंठ दांत के ऊपर , हाँ होंठ से सिर्फ दबा के चूस साथ में जीभ से चाट
फिर भाभी ने जीभ की टिप से चाट के अपने अंदाज में बोला भी
" यार सुपाड़ा चाटने में बहुत मजा आता है , सिर्फ जीभ से ,
कोमल जी ऊफ़्फ़ पूरी ट्रेनिंग याद दिला दी
ये सारी ट्रेनिंग मेरी तो इन से शादी के बाद ही हुई और इन्होंने ही करवाई डाट, डपट ओर कुछ तो थप्पड़ के डर से
बिल्कुल उस समय अगर हमारी आंखे इन की आंखों से ना मिले तो कड़क आवाज में " ऊपर देख के कर "
क्या चपड़ चपड़ कर रही है पूरा मुँह खोल के उतार झड़ तक चल पूरा ले थप्पड़ खायेगी नखरे किये तो
कैसे सूपाड़ा चाटना है,कैसे पी होल पे खुरदरी जीभ से सुरसुरी करनी है कैसे पूरा उतारना है सब कुछ करवाया है
कोमल जी बहुत अच्छी स्टोरी है जिस में अलग तरह का सेक्स है थोड़ा किंकी ओर रफ़ जो इस उम्र में ही ज्यादा होता है और खास कर के ऐसी पार्टियों में
टीन ऐज ग्रुप में
अच्छी स्टोरी है
तो चलो इस का भी मजा लेती है सभी सहेलियां
लिखती रहो यहां भी जब भी समय मिले
एकदम कोशिश करुँगी हफ्ते में दो पोस्ट इस थ्रेड पर भी कर दूँ , जोरू का गुलाम और मोहे रंग दे के साथ , आपने एकदम सही कहा ये कहानी थोड़ी अलग है लेकिन अलग ढंग की मस्ती है इसमें
और जहा तक सीखने सिखाने की बात है , कहा भी गया है
पति परम गुरु ,.. हाँ उसकी गुरु दक्षिणा तो लेगा ही वो
लेकिन भाभियों का भी काम है ननदों को अच्छी तरह से सीखा पढ़ा के नन्दोई के पास भेजना , ... आखिर सलहज होने का उन्हें भी तो फायदा मिलता है।
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(16-04-2020, 01:49 PM)@Kusum_Soni Wrote: अब आया "अनुभव" , शादी के बाद.
क्या बात है शादी के बाद तो निहारिका जी
" बड़े अनुभव "
मिले है !
केसी शर्मीली छुई मुई थी जब तक शादी नहीं हुई थी
कभी सोचा भी नही था शादी के बाद ये सब होगा
ओर हम ये सब करेंगी ऊफ़्फ़ आज क्या क्या नहीं करती है उन की खुशी की खातिर ओर
वो क्या क्या नहीं करवाते है
सुबह सोचते है तो बिल्कुल जंगली लगता है
पर रात भर उन की बाहों में क्या क्या नहीं करती है क्या क्या नही करवाती है बदन का कौन सा ऐसा अंग है जहाँ उन कि मनमानी नहीं होती है
ये बदन अब तो उन की मस्तियों का आदि हो गया है
निहारिका जी अदभुत वर्णन करती हो आप भी
कुसुम जी ,
वो शर्म, हिचक, शादी के बाद एक तो "नया आदमी" जिसे माँ - पिताजी ने देखा और भेज दी, अच्छा तो था सब, पर "करवा" भी लिया मज़ा भी आया दर्द के साथ. पर उसके सामने "बिना कपड़ो" के और एक तो ड्रर और रोमांच एक साथ, "वो" कड़क, खड़ा हम्म, कुछ - कुछ देखा था "फिल्मो" मैं और सुना था पर "करना" नहीं आता था, "दांत" भी खूब लगाए मैंने, सच्ची और चांटे भी खाये " मुँह मैं लेकर" उफ़,
"औरत को गर्म करना इतना आसान नहीं होता, और गर्म औरत को संभालना बहुत मुश्किल होता है"
प्रकृति ने औरत को एक तंदूर के जैसा बनाया है, जो गर्म होने मैं समय जरूर लेती है पर , गर्म होने के बाद , पिघला देती है "सब कुछ".
औरत की प्रकृति "धरती" से जुडी है, सब "सह" लेती है.
रात भर उन की बाहों में क्या क्या नहीं करती है क्या क्या नही करवाती है बदन का कौन सा ऐसा अंग है जहाँ उन कि मनमानी नहीं होती है
"उनकी" मनमानी मैं अपनी ख़ुशी , यही धर्म रह गया है औरत का, "औरत की ख़ुशी" एक ऐसा विषय है, जो अन्नंत यही, अंत हिन् है, समझ के परे है.....
कुसुम जी ,
हम सभी "छुईमुई" ही थी , कभी....... यादे बिखरिये। ....... अपने - लेडीज वाले थ्रेड पर। ....
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(16-04-2020, 05:06 PM)m8cool9 Wrote: Superb...... Hot
Thanks so much next post -Kal
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कोमल जी इधर आज अपडेट कर दो
बहुत बढ़िया मोड़ पर है कहानी
बहुत सी कलियां खिलने वाली है पार्टी में
पार्टी स्पेशल तड़का
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Hi Dear komaalrani ji,
Can i ask for a permission to post two of your oldest stories (you posted them on yahoo group in 2004)
I found them in some old site & preserve (also edit some small corrections & style so others can read it).
Please permit me to post them here in English story thread so new readers can also enjoy the old but real diamond of your collection.
Also want to mention here that this story is not posted on this site...
surly all credits goes to write such a beautiful story.
Hope you grant permission
Thanks...
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