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Misc. Erotica होली के रंग
#1
होली के रंग


[Image: Holi-2-cc8e18274398c90d7cae9fd6ccd9707e.jpg]

इस कहानी के पात्र है अनुजा , एक किशोरी , जब घटनाएं शुरू हुयी तो इंटर  पढ़ती थी अभी बी ए  में है , 



उसकी भाभी छन्दा ,  पति संदीप लेकिन दुबई में रहते हैं , पांच छह महीने में आते हैं 





[Image: holi-96bxfs.jpg]



उसके दोस्त 



इस कहानी में हर पात्र अपने ढंग से घटी घटनाओं को बताता है , ... तो शुरू  करते हैं 


[Image: holi-hot-still-17.jpg]


होली के रंग 
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#2
होली के रंग


अनुज़ा

[Image: Girls-urfi-IMG-ORG-1566738979200.jpg]




ये कहानी मेरी है, मेरी चन्दा भाभी की है

और है मेरे दो दोस्तों की, मनोज़ और तरंग की। 

लेकिन वो सब अपने-अपने बारे में बतायेंगे ही, पहले मैं अपने बारे में बता दूं।
 
ए॰स॰ल॰ चैट में कहते हैं नाएज, सेक्स, लोकेशन (उम्र, लिंग, स्थान) 

एजउंह्हलड़कियों से उमर नहीं पूछते। हाँ, चलिये मैं बता देती हूं की मैं ग्रेजुएशन कर रही हूं, पहला साल है, पिछले साल ही मैंने डी॰पी॰एस॰ से 12वीं पास की है। स्कूल से कालेज आने में एकदम से फर्क पड़ जाता है, है ना? ना युनिफार्म का चक्कर… 


ओके ओके पहले अपने बारे में और सब बता दूं।
 
लगती कैसी हूं? अच्छी लगती हूं और क्या?
 
हाँ करीना कपूर नहीं हूं, लम्बाई 5’6”, गोरी, नहीं बहुत स्लिम नहीं, लेकिन जहां पे मोटी हूं… 

मेरे दोस्त कहते हैं कि अच्छा लगता है, और सहेलियां कहती हैंकहती क्या जलती हैं सब, एनोरेक्सिक। 

एक-दो तो वहां पिंच भी कर देती हैं। इस होली में दुष्टों ने मुझेबिग बीकी टाइटिल दी थी। 

[Image: Girls-urfi-IMG-ORG-1566738979688.jpg]


हाँ हाँ , जो आप जानना चाहते हैं न , सब समझती हूँ मैं , ... पिक्स से तो अंदाज लग ही गया होगा आपको ,... मेरी फिगर मेरी क्लास की लड़कियों से  २० नहीं २२ है , ... इसलिए भौंरे भी कुछ ज्यादा ही 



लेकिन मुझे अच्छा लगता है, जब सब लड़कों की निगाहें वहीं पे आकर टंग जाती हैं।
 
शुरू-शुरू में जब मैं हाई-स्कूल में पढ़ती थी, तभी से कालोनी के लड़के छेड़ते थे

रेशमा जवान हो गई…”
 
मैं स्कूल की किताबें और बैग से सीना दबा लेती तो कोई बोलता

अरे दबवाना है तो हम हैं ना…”
 
मैं और भाभी अकेले रहते हैं। 

भैया दुबई में काम करते हैं और साल में दो बार आते हैं, 10-15 दिनों के लिये और उन दिनों तो भाभी तो बस पागल हो जाती हैं, दिन रात बस एक ही काम।
 
और उन दिनों मैं बहुत सम्हल के अपने कमरे से बाहर निकलती हूं, कहीं वो दोनों डिस्टर्ब ना हो जायं

कई बार तो लाबी में हीड्राइंग रूम मेंयहां तक की किचेन में भी

कई बार जब मैं खाना बनाने में भाभी की हेल्प करती तो वो शर्माकर कहतीं


हे, तूने कुछ देखा तो नहीं?”

[Image: Teej-7f61e0c8abf9b36992a40a0819625656.jpg]
 
और मैं हँसकर कहती

नहीं भाभी कुछ नहींलेकिन जब आप किचेन में चाय बनाने आईं थीं तो इस तरह झुकी क्यों थीं

और नाइटी भी आपकी कमर तक ऊपर, और भैया पीछे सेऔर हाँ लाबी में…”
 
वो बनावटी गुस्से से कहतीं

ये बेलन डाल दूंगी तेरे में…”

[Image: Teej-362d3c83038a3206380fb5298ecc8a2b.jpg]
 
तो मैं हँसकर हल्के से कान में कहती

डालने वाला गया है…” 


क्योंकी हर रोज 8:00 बजते-बजते भैया को खाने की जल्दी रहती थी।
 
भाभी मुझसे 5-6 साल बड़ी होंगी लेकिन मेरी पक्की दोस्त, गोरी, थोड़ा गदराया शरीर और एकदम खुली। 

मुझे याद है उनकी शादी मेंमैं हाई-स्कूल में थी, लेकिन मेरा नाम ले-लेकर एक से एक गंदी गालियां दी गईं। 

उस समय तो मुझे बुरा लगा, लेकिन बाद में मजा आने लगा। हम दो ही लोग तो थे घर में।
 
भाभी मुझे चिढ़ातीं

अनुज़ा तेरी भोअनुज़ा तेरी भो …”
 
और जब मैं चिढ़ जाती तो गातीं


[Image: Teej-35aff1aa5e877eddeb570df45055445d.jpg]

अनुज़ा तेरी भोली सुरतिया…”
 
कमरा तो मेरा अलग था लेकिन जब भैया बाहर होते थे तो मैं सोती भाभी के साथ ही थी, और सोते समय हर तरह की बातें… 

भाभी मुझे इतना छेड़ती थीं, बार-बार पूछतीं है तेरा कोई ब्वायफ्रेंड है की नहीं

और जब से मैं कालेज में पहुँच गई तो और ज्यादा।
 
कई बार तो मेरी चड्ढी के ऊपर से हाथ दबाकर कहतीं

हे, कब तक बेचारी को भूखी रखेगी? इंटर पास कर लिया, और इंटर-कोर्स नहीं किया। अब चौदहवें में पहुँचने वाली है अब तो चु… …”
 
और मैं उनका मुँह बंद कर देती।
 
हाथ छुड़ाकर वो बोलतीं-

 “अरे आजकल तो लड़कियां हाई-स्कूल में पहुँचती हैं तो एक दो यार पाल लेती हैं और तू तो अब कालेज में पहुँच गई हैमैं मान नहीं सकती की तेरे यार नहीं हैं, और फिर तेरा ये गदराया जोबन…”


बात बदलने के लिये मैं कहती

भाभी, आपका मन नहीं करता?”


 
तो वो साफ-साफ बोलतीं

यार, सच बोलूं तो मन तो बहुत करता हैइसीलिये तो जब तेरे भैया आते हैं तो दिन देखते हैं रात वो मैं…”
 
और ये भी नहीं की एक जवान ननद घर में है…” 

मैंने चिढ़ाया।
 
तो वो बोलीं- “अरे उसके लिये तो खास तौर पेउसकी तो ट्रेनिंग हो जाती है। क्या कहते हैं आजकल सेक्स एजुकेशन…”
 
बात काटकर मैं फिर मुद्दे पे लाती


भाभी, मुझे आप बोलती रहती हैं ब्वायफ्रेंडब्वायफ्रेंड, तो आप क्यों नहीं पटा लेतीं

आप ही तो कहती हैं की तुम्हारे भैया को वहां कोई कमी नहीं…”
 
चल छोड़…” 

और धौल मारतीं बोलतीं

हाँ, तू ब्वायफ्रेंड पटा ले तो मैं भी हिस्सा बंटा लूंगी। ननद के यार में तो भाभी का पूरा हिस्सा रहता है…”

[Image: Teej-67dab478942a243c8be349ebc47fd8dd.jpg]
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#3
Good start KomalG....
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#4
(09-03-2020, 10:32 PM)Neo_ Wrote: Good start KomalG....

thanks so much i have made a different attempt , same incidence being viewed by different characters  so that the readers get a varied perspective , i had written one story in the third and rest in the first person , but here there are many aspects 
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#5
[Image: Girls-urfi-IMG-20190729-124627.jpg]



देवेश 


भाभी की बात सही थी। लाइन मारने वाले तो जैसा मैंने बताया हाई-स्कूल से ही लग गये थे। 

इंटर में दो-चार लड़कों से मेरी दोस्ती थी, लेकिन मैं ज्यादा दूर तक नहीं गई थी।
 
हाँ दिया मेरी सहेली। 

[Image: Girls-Urvi-IMG-ORG-1569845753088.jpg]

बाद में पता चला की उसने जानबूझ के ऐसा किया था। उसके साथ मैं शाहरुख की नई मूवी देखने जाने वाली थी।
 
मैं बोली भी की पहला हफ्ता है टिकट कहां मिलेगा?
 
तो वो अपने कजिन देवेश की ओर इशारा करके बोली

[Image: Male-dc8e3f227f1f97f25a17ad925f3a7f57.jpg]

ये किस मर्ज की दवा है? इसका जलवा है…” 

और जाने के लिये भी हमने ट्रिपलिंग की।
 
किसी लड़के के साथ बाइक पे बैठने का पहला मौका था मेरा, और वो भी मुझे बीच में बैठा दिया की मैं जींस पहने हूं और खुद पीछे बैठ गई।


वो इत्ती जोर से चला रहा था की मैंने उसे धीरे चलाने को कहा।
 
तो दिया बोली

[Image: Girls-tumblr-ptlvd7-Vj-Wz1wrub7n-540.jpg]

अरे देवेश, चलामजा रहा है। धीमे चलेगी तो इंटरवल में पहुंचेगें। अरे, डर लग रहा है तो पकड़ ले ना कमर इसकी…”
 
देवेश से इसके पहले भी मैं मिल चुकी थी कई बारहैंडसम, लम्बा, जिम जाता था। 

और अगली बार जब सड़क पे स्प्लेंडर उछली तो मैंने अपने आप उसकी कमर पकड़ ली।
 
पीछे से दिया बोली

क्यों कैसे लग रहा है पकड़ना? अब देख मेरी जान तुझे ये क्या-क्या पकड़ाता है?”

[Image: Girls-urvi-IMG-ORG-1569845753323.jpg]
 
मुड़कर मैं भी हँसकर बोली-

 “जलती है क्या? और सब तेरे जैसे नहीं होते…”


 [Image: Girls-Urfi-Javed.png]
दिया के तो जब वो 11वीं में ही थी तभी से ब्वायफ्रेंड थेऔर वोसब कुछ करवाचुकी थी, खुद ही गाती थी। 


हाल में पहुंचे तो दिया का एक नम्बर का ब्वायफ्रेंड रोमी भी था।


[Image: male-k-9.jpg]
हाल में देवेश ने सबसे पीछे वालो लाईन की कोने की टिकटें ली।
 
दिया ने बैठने में भीहम दोनों बीच में बैठे, मेरी ओर देवेश और उसकी ओर रोमी।
 
वो मेरे कान में बोली- “हे, चल तू अपने वाले से चालू रह और मैं अपने वाले से…” 

और खुद रोमी के कंधे पे हाथ रखकर बैठ गई।
 
मैं बोलना चाहती थी- “हे, मेरा ये कोई नहीं है…” पर चुप रह गई।
 
अंधेरा होते ही वो और रोमीहद कर दी दोनों ने।

रोमी ने दिया को अपनी ओर खींच लिया, और सीधे होंठों पे चुम्मी ले ली। और दिया भी तो दोनों हाथों से उसे कस के पकड़ी थी। 

मैं सामने देखना चाहती थी, लेकिन बगल में चुम्मा चाटी की आवाज सुनकर, मैं कनखियों से देख रही थी।
 
रोमी ने अपना एक हाथ सीधे दिया केवहांकुर्ते के ऊपर से हल्के-हल्के दबा रहा था। 

मैंने सुना था की डेटिंग में किसिंग, नेकिंग तो चलती है पर ये सब?
 
अचानक मेरे हाथ पे देवेश का हाथ महसूस करके मेरा हाथ अपने आप हट गया। थोड़ी देर में फिर जब मैंने हाथ वापस हत्थे पे रखा तो फिर वही। अबकी मैंने हाथ नहीं हटाया। 

सोचा देखें आगे क्या करता है? ज्यादा आगे बढ़ा तो डांट दूंगी।
 
और मेरी निगाहें वैसे भी रोमी और दिया पे चिपकी हुई थीं। वहां तो किसी एडल्ट फिल्म से भी हाट सीन चल रही थी। 

दिया के कुर्ते के बटन खुल चुके थे, रोमी का एक हाथ अंदर और दूसरा बाहर से अब खुलकर दिया की चूचियों पे।
 
उधर देवेश की उंगलियां मेरी खुली बांहों पे टैप कर रहीं थीं। 

मैंने नोटिस ना करने का बहाना किया, लेकिन मेरा दिल धक-धक कर रहा था। मेरे सारे बदन में चींटियां काट रहीं थीं। 

और जब मैंने दिया की ओर देखा तोमाई गोड, उसका हाथ सीधे रोमी के जींस के ऊपर हल्के-हल्के रगड़ते हुये।
 
तभी साइड से देवेश की एक उंगली मेरी चूचियों के उभार पेटाप भी मेरा टाईट था। 

मुझे क्या मालूम था की दिया इन सबों को भी साथ ले आयेगी।
 
देवेश की उंगली के खाली छुअन से मेरी सारी देह झनझना गई। मुझे लगा की मैं कुछ बोलूं परफिर लगा शायद गलती से लग गया हो। डी॰टी॰सी॰ की बस पे चढ़ते उतरते, कितनी बार इससे कितना ज्यादा होता था। 

मेरी निगाहें अभी भी दिया से चिपकी थीं।
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#6
(09-03-2020, 05:54 PM)komaalrani Wrote:
होली के रंग


[Image: Holi-2-cc8e18274398c90d7cae9fd6ccd9707e.jpg]

इस कहानी के पात्र है अनुजा , एक किशोरी , जब घटनाएं शुरू हुयी तो इंटर  पढ़ती थी अभी बी ए  में है , 



उसकी भाभी छन्दा ,  पति संदीप लेकिन दुबई में रहते हैं , पांच छह महीने में आते हैं 





[Image: holi-96bxfs.jpg]



उसके दोस्त 



इस कहानी में हर पात्र अपने ढंग से घटी घटनाओं को बताता है , ... तो शुरू  करते हैं 


[Image: holi-hot-still-17.jpg]


होली के रंग 


   Happy  Holi...


होली के रंग . PDF 
https://xossipy.com/showthread.php?tid=4...#pid308520


THANKS TO ORIGINAL  WRITER KOMAL 

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#7
(09-03-2020, 05:54 PM)komaalrani Wrote:
होली के रंग


[Image: Holi-2-cc8e18274398c90d7cae9fd6ccd9707e.jpg]

इस कहानी के पात्र है अनुजा , एक किशोरी , जब घटनाएं शुरू हुयी तो इंटर  पढ़ती थी अभी बी ए  में है , 



उसकी भाभी छन्दा ,  पति संदीप लेकिन दुबई में रहते हैं , पांच छह महीने में आते हैं 





[Image: holi-96bxfs.jpg]



उसके दोस्त 



इस कहानी में हर पात्र अपने ढंग से घटी घटनाओं को बताता है , ... तो शुरू  करते हैं 


[Image: holi-hot-still-17.jpg]


होली के रंग 


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#8
(09-03-2020, 05:54 PM)komaalrani Wrote:
होली के रंग


[Image: Holi-2-cc8e18274398c90d7cae9fd6ccd9707e.jpg]

इस कहानी के पात्र है अनुजा , एक किशोरी , जब घटनाएं शुरू हुयी तो इंटर  पढ़ती थी अभी बी ए  में है , 



उसकी भाभी छन्दा ,  पति संदीप लेकिन दुबई में रहते हैं , पांच छह महीने में आते हैं 





[Image: holi-96bxfs.jpg]



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होली के रंग 


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#9
congrats for new thread...awaiting next
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#10
(11-03-2020, 09:30 PM)vat69addict Wrote: congrats for new thread...awaiting next

Thanks next part soon
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#11
अनुजा की जुबानी 

[Image: Girls-urfi-Inst-image-3.jpg]
***** *****फिल्म में फिल्म


दिया ने बैठने में भी… 

हम दोनों बीच में बैठे, मेरी ओर देवेश और उसकी ओर रोमी।

 
वो मेरे कान में बोली- 

“हे, चल तू अपने वाले से चालू रह और मैं अपने वाले से…” 


[Image: Girls-Urvi-IMG-ORG-1569845750679.jpg]

और खुद रोमी के कंधे पे हाथ रखकर बैठ गई।
 
मैं बोलना चाहती थी- 

“हे, मेरा ये कोई नहीं है…” 

पर चुप रह गई।
 
अंधेरा होते ही वो और रोमी… हद कर दी दोनों ने। 

रोमी ने दिया को अपनी ओर खींच लिया, और सीधे होंठों पे चुम्मी ले ली। और दिया भी तो दोनों हाथों से उसे कस के पकड़ी थी। 


[Image: kiss-17969831.gif]
मैं सामने देखना चाहती थी, लेकिन बगल में चुम्मा चाटी की आवाज सुनकर, मैं कनखियों से देख रही थी।
 
रोमी ने अपना एक हाथ सीधे दिया के ‘वहां’ कुर्ते के ऊपर से हल्के-हल्के दबा रहा था। 

मैंने सुना था की डेटिंग में किसिंग, नेकिंग तो चलती है पर ये सब?
 
अचानक मेरे हाथ पे देवेश का हाथ महसूस करके मेरा हाथ अपने आप हट गया।

थोड़ी देर में फिर जब मैंने हाथ वापस हत्थे पे रखा तो फिर वही। अबकी मैंने हाथ नहीं हटाया। सोचा देखें आगे क्या करता है? ज्यादा आगे बढ़ा तो डांट दूंगी।
 
और मेरी निगाहें वैसे भी रोमी और दिया पे चिपकी हुई थीं। 

वहां तो किसी एडल्ट फिल्म से भी हाट सीन चल रही थी।


दिया के कुर्ते के बटन खुल चुके थे, रोमी का एक हाथ अंदर और दूसरा बाहर से अब खुलकर दिया की चूचियों पे।

सफ़ेद लेसी ब्रा एकदम साफ़ साफ़ नजर आ रही थी लेकिन दिया को कोई फरक नहीं पड़ रहा था 

[Image: tits-teen-2.jpg]


वो तो रोमी से दबवाने  मिजवाने  में बीजी थी , ज़रा भी नहीं रोक रही थी बल्कि खुद ,... खुल के मजे ले रही थी।  


उसकी ठीक बगल में बैठी मैं और मेरे बगल में देवेश 




 
उधर देवेश की उंगलियां मेरी खुली बांहों पे टैप कर रहीं थीं। 

मैंने नोटिस ना करने का बहाना किया, लेकिन मेरा दिल धक-धक कर रहा था। 

मेरे सारे बदन में चींटियां काट रहीं थीं। और जब मैंने दिया की ओर देखा तो… माई गोड, उसका हाथ सीधे रोमी के जींस के ऊपर हल्के-हल्के रगड़ते हुये।


और रोमी का बल्ज साफ़ साफ उसकी जींस से झलक रहा था , 

[Image: bulge-5ed4afb53d5499eb009e34ebcceba596-l...-jeans.jpg]

दिया उसे पकड़ के सहला रही थी , मसल रही थी , जितनी जोर से रोमी दिया की चूँची दबाता , 

उतनी ही जोर से दिया रोमी   का तन्नाया खूंटा , जींस के ऊपर से , 
 
तभी साइड से देवेश की एक उंगली मेरी चूचियों के उभार पे… टाप भी मेरा टाईट था। 



मुझे क्या मालूम था की दिया,.. ।
 
देवेश की उंगली के खाली छुअन से मेरी सारी देह झनझना गई। 

[Image: Girls-urfi-Insta-img25.jpg]

मुझे लगा की मैं कुछ बोलूं पर… फिर लगा शायद गलती से लग गया हो। डी॰टी॰सी॰ की बस पे चढ़ते उतरते, कितनी बार इससे कितना ज्यादा होता था। मेरी निगाहें अभी भी दिया से चिपकी थीं।

मेरे उभार तो दिया से भी ,... २० नहीं २२ थे , लड़कियां सब जलती थीं , लड़के सब मरते थे।  

थोड़ी देर में फिर वहीऔर अबकी कोई गलती नहीं थी। साइड से उभार पेऔर सिर्फ छुआ नहीं बल्कि हल्के से सहला दिया और मैं एकदम से गनगना गई। 

पहली बार किसी लड़के का हाथ लगा था वहां। 

जब सम्हली और सोचा की बोलूं, तभी इंटरवल हो गया।

 
इंटरवल में भी रोमी और दिया तो एक दूसरे से ऐसे चिपकेरोमी दिया के लिये आइस्क्रीम बार और कोक ले आया, और दिया भी आई मेरे और देवेश के साथ। 

और यहां हम जैसे हों ही नहीं।
 
कैंटीन के काउंटर पे इतनी भीड़ की घुसना मुश्किल और वो देवेश भी पता नहीं कहां था। तब तक वो नजर आया, पूछा

हे, अनुज़ा बोल क्या ले आऊँ?”
 
मैंने एक बार फिर दिया की ओर देखा। वो भी ऐसे ही देख रही थी। अच्छा चल बच्ची तू भी क्या सोचेगी, मैं तुझसे ज्यादा सेक्सी लगती हूं बस एक बार मैं। और मैंने आँख नचाकर देवेश को मुश्कुरा के देखा और बोली

उंह्हअच्छा, एक कानेट्रो, कोक और जो तुम चाहो…”
 
एकदमबस अभी लाया…”

कहकर जो देवेश भीड़ में घुसा, धक्कम-धुक्का, इधर-उधर और दो मिनट में वो काउंटर पे था। 

लो आखिरी बची थी, और कानेट्रो उसने मुझे पकड़ा दिया।
 
मैंने बड़ी अदा से उसका कागज खोला और पहले रिम पे जैसे किस किया जाता है, वैसे होंठों से छुआ। और फिर अपनी जीभ निकालकर किनारे से चाटा, कहा

वाउथैंक्स देवेश, मजा गया…”

[Image: Icecream-tumblr-pg9ghc-BEp-I1rbl6yy-540.jpg]
 
खुश होकर वो बोला- “प्लेजर इज माइन…”
 
थोड़ी देर पहले मैं देख चुकी थी कि दिया किस तरह चोकोबार को साइड से लिक करके, काट करके रोमी को चढ़ा रही थी। 

मैंने मन में कहा चल दिया की बच्ची तू सोचती है क्या तू हीमैंने भी देवेश को दिखाकर सिर्फ अपने होंठों से एक बड़ी सी बाइट ली

जैसे वहां दांत ना लग जाय और फिर जीभ निकालकर नीचे से ऊपर की ओर चार-पांच बार चाटा, और फिर देवेश से बोला-
 
यू आर रिअली गुड, यार मजा गया…”
 
वो कोक सिप कर रहा था, लेकिन निगाह उसकी मेरे कानेट्रो पे लगी थी। फिर देवेश बोला-

 “हे, एक बाईट देगी क्या?”
 
श्योरएक क्या चाहे जित्ती बाइट ले लो…” 


[Image: bride-ice-ccc.jpg]
और जब मैंने उसे कोनेट्रो पास-आन की तो मैं कनखियों से देख रही थी कि दिया और रोमी मेरी ओर ही देख रहे थे।
 
देवेश की उंगली मेरी उंगली से छू गई और एक बार फिर मेरी देह उसी तरह झनझना गई जब उसकी उंगलियों ने मेरे चूचियों को छुआ था। 


देवेश ने वहीं से कोनेट्रो की बाइट ली जहां से मैंने ली थी और मैं उसका मतलब समझकर मुश्कुरा दी।
 
तब तक दिया ने अपनी कोक की बोतल दिखाकर बोला

हे डू यू वांट काक…”
 
यस आई लाईक इट, बट आई हैब माई ओन…” 



देवेश की ओर दिखाकर मैंने इशारा किया और देवेश के हाथ से कोक की बोतल ले ली।

[Image: coca-cola-yes-girl.jpg]
 
हे अनुज़ा, मैं बोली थी काक नाट कोक…”

दिया बोली।

[Image: Girls-f10335ce589da045475614771cd6fd64.jpg]


 
मैं झेंपती, उसके पहले देवेश मेरे बगल में आकर खड़ा हो गया और बोला

तो क्या हुआ इसने भी तो बोला ना…” 

तब तक इंटरवल खतम होने की घंटो बज गई।
 
दिया और रोमी बांहों में बांहे डाले अंदर चले गये।
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#12
इंटरवल के बाद 

[Image: Girls-1121-Urfi.png]


दिया और रोमी बांहों में बांहे डाले अंदर चले गये।

 
देवेश ने बोला

हे, तेरे होंठों पे कुछ लगा है?” 

[Image: lips-14412051.jpg]

और उसे अपनी दोनों उंगलियों पे लगाकर अपने होंठ से लगाकर हल्के से किस कर लिया।
 
बदमाश…” 


बनावटी गुस्से से आँख नचाकर मैं बोली, पर मेरा मन बोला डरपोक।
 
इंटरवल के बाद

मैंने उसे बढ़ावा नहीं दिया लेकिन मना भी नहीं किया।
 
उसकी शैतान उंगलियां जब कभी साइड से वहां छू देतीं तो बस करेंट लग जाता। 

उसका एक हाथ मेरे कंधे पे था तो मैंने भी एक हाथ उसके कंधे पे रख दिया। इससे उसके दूसरे हाथ को ज्यादा छूट मिल गई। 


मैं इस तरह बन रही थी की जैसे मुझे पता ही नहीं चल रहा हो की उसकी उंगलियां क्या हरकत कर रही हैं? और सामने मेरी आँखें पर्दे पे गड़ी थीं।
 
लेकिन बगल में चल रही पिक्चर ज्यादा सेक्सी थी। रोमी के हाथ अब सिर्फ कुर्ते के अंदर नहीं बल्की लग रहा था की ब्रा के अंदर भी… 




और दिया भी… 

रोमी की शर्ट बाहर थी उसकी जींस को ढंके और अंदर दिया का हाथ




फिर हल्की सी जिप खुलने की आवाज।

साफ़ साफ़  दिख रहा था की क्या हो रहा है , रोमी का एक हाथ दिया के टॉप के खुल के अंदर , और फ्रंट ओपन ब्रा के हुक भी रोमी ने खोल दिए , एक हाथ ब्रा के अंदर से अब दिया के चूजों को खुल के पकड़े था , 

[Image: Guddi-nips-17350832.jpg]

एक निप तो दिख भी रहा था , रोमी उसे मसल रहा था। 



और दूसरा हाथ टॉप के ऊपर से जोर जोर से दिया के उभार मसल रहा था , 


दिया कमीनी कौन कम थी , जोर जोर से सिसक रही थी और रोमी के शर्ट के अंदर ,

ज़िप खुलने की आवाज तो पहले आ चुकी थी ,  और अब बेल्ट  खुलने की भी , 

दिया शर्ट के अंदर रोमी का पकड़ के कस कस के मुठिया रही थी 

[Image: holding-cock-tumblr-o050lrr-Zd-H1uk76xgo1-400.gif]


 
देवेश की भी हिम्मत बढ़ने लगी थी और उसने मेरे टाप का एक बटन खोल दिया लेकिन अब उसके हाथ को मैंने हटा दिया। 

दुबारा उसने फिर टाप के ऊपर से खुलकर पकड़ने, दबाने की कोशिश की, तो मैंने जोर से हटा दिया।
 
हाँ, मैंने उसके कंधे पर से अपना हाथ नहीं हटाया। 

और मुझे लगा की कहीं वो गुस्सा ना हो जाये तो मैं और उसकी ओर खिसक गई और उसके हाथ से क्रीम-रोल लेकर उसे दिखाकर खाने लगी।

[Image: bride-ice-bw.jpg]

उसकी हिम्मत बढ़ी तो उसने मेरे गाल पे अपने होंठ छुआ दिये। 


किस नहींजस्ट छुआ पल भर के लिये।
 
जैसे मुझे पता ना चला हो, उसके कंधे पे कस के हाथ दबाकर मैं बोली

यहां मच्छर बहुत हैं…”
 
बगल में हालात और ज्यादा सेक्सी था। रोमी ने दिया के कुर्ते से हाथ बाहर कर लिया था लेकिन उसके होंठ वहां थे, किसिंग और सकिंग की साफ आवाज रही थी। 

तो इसका मतलब की दिया केी चूचियों को वो सक कर  रहा था।
 
यहां मैं एक बटन खुलने और ऊपर से छूने पे उसे झिड़क रही थी।, और मेरी सहेली क्या-क्या कर रही थी।

[Image: Girls-Urfi-Javed.png]

तब तक साईड से देवेश ने टाप के ऊपर से हल्के से दबा दिया। 


अबकी मैं कुछ नहीं बोली तो उसकी एक उंगली हल्के से सहलाते हुये मेरे निपल के ठीक ऊपर थी। 

[Image: dress-nips-coaching-tumblr-ol361wyy-Y71tq3ngqo1-500.jpg]



मेरी हालत खराब हो रही थी, दोनों टांगें अपने आप फैल गयीं।
 
नीचे वहां लग रहा था कुछ हो रहा है। 

लेकिन इसके बाद मैंने देवेश को और आगे नहीं बढ़ने दिया। 

यहां तक की जब वो मेरा हाथ खींचकर अपनी जींस के ऊपर ले गया तो मैंने उसे साफ-साफ झिड़क दिया। 


उसके बाद उसने कोई ज्यादा ऐसी-वैसी कोशिश नहीं की और 5 मिनट में फिल्म भी खतम हो गई।

हम दोनों देवेश की बाइक के पास खड़े थे, मैं दिया का इंतजार कर रही थी।
 
दिया आई तो हँसती हुई अपना मोबाईल बैग में रखती हुई वो बोली

अरे सुन, मैं जरा रोमी के साथ जा रही हूं। दो एक घंटे मस्ती के लिये। मैंने मम्मी से बोला है की मैं तुम्हारे साथ हूं ज्वाइंट स्टडी कर रही हूं। जरा देख लेना यार अगर मम्मी पूछे तो…”
 
तो घबड़ाकर मैंने पूछा

"मैं घर कैसे जाऊँगी? " 
 
पल भर के लिये उसने सोचा फिर बोली

अरे यार, थोड़ा देवेश को मक्खन लगा नाछोड़ आयेगा तुझे घर पे। और वैसे भी तेरी भाभी जाब पे जाती हैं, घर तो खाली ही होगा।

तू भी मस्ती कर लेना…” 

[Image: dress-nip-poking-th.jpg]

और बिना मेरे जवाब का इंतजार किये वो रोमी के साथ चली गई।
 
तब तक देवेश अपनी बाइक लेकर आया तो मैंने कहा

हे दिया तो रोमी के साथ चली गई। तम मुझे घर तक ड्राप कर दो ना…”
 
वो कुछ नहीं बोला तो मुझे लगा की कहीं वो गुस्सा तो नहीं हो गया, जो मैंने इतनी जोर से झिड़क दिया था। 


[Image: man-bike-9c179026bbe883e4142936969b5684d...eather.jpg]


इसलिये मैं फिर बोली- “प्लीज…”
 
देवेश-

 “अच्छा चल…”
 
और अबकी बाइक पे मैंने खुद उसे पीछे से पकड़ लिया। पीछे से मैं उसे चिढ़ाते हुये बोली

पिक्चर तो तूने देखने नहीं दी…”
 
देवेश- “अरे बगल में प्रियकां चोपड़ा बैठी हो तो पिक्चर कौन देख सकता है?”
 
मैं- “हे, इतना मक्खन मत लगा की मैं फिसल जाऊँ…”
 
देवेश- “अरे, वही तो कोशिश कर रहा हूं पर तुम फिसलती ही नहीं…” वो बोला। 

फिर घर पहुँचकर वो बोला

आई ऐम सारी, मैं कुछ ज्यादा ही…”
 
अरे नहीं…” 

मैं बोली

आई शुड से सारीमैंने तुम्हें कुछ बोल दिया हो तो बुरा मत मानना…”

[Image: Girls-urfi-af7eb6f8071eba99dee09ed09f47b23b.jpg]





 
देवेश

तो चलो फिर दोनों की सारी कैंसिल…” वो बोला 


और मैं हँस दी एकदम।
 
बाईक पे मैं उसे जाते पीछे से देखती रही, हैंड्सम हंक।
 
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#13
(10-03-2020, 10:00 AM)Snigdha Wrote:
   Happy  Holi...


होली के रंग . PDF 
https://xossipy.com/showthread.php?tid=4...#pid308520


THANKS TO ORIGINAL  WRITER KOMAL 

& JONPUR BHAI FOR CREATING PDF

there will be a lot of additions and new attractions
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#14
छंदा



[Image: Teej-60af7f5d7dbe573b8c2f8e441fdc8c86.jpg]

मैं छंदा, अनुजा की भाभी, उसके भाई संदीप की पत्नी। संदीप दुबई में काम करते है। साल में दो बार पाते हैं, 10-15 दिनों के लिए।
 
अनुजा मेरी छोटी ननद कुछ दिन पहले ही ग्रेज्युएशन में गई है। 

अनुजा मेरी अकेली ननद है और बहुत प्यारी, सुन्दर तो है ही साथ में फिगर भी ऐसी है की सारे लड़के मरते होंगे उसपे, लेकिन सीधी बहुत है, एकदम बुद्धू। 

मैं जो उसकी उम्र में थी तो मेरे तो, छोड़िये अपने बारे में क्या बताऊँ। आप कहेंगे की अपना ही किस्सा लेकर बैठ गई। हाँ मैं उकसाती रहती थी उसे, ब्वॉय फ्रेंड बनाने के लिए। फिर ननद भाभी में छेड़ छाड़ तो चलती ही रहती है, फिर वो मेरी ननद भी थी और सहेली भी, सब कुछ।

अनुजा  खूब गोरी , सुरु के पेड़ की तरह छरहरी , हाई चीकबोन्स , बड़ी बड़ी आँखे , लेकिन लौंडो की जो जान मारती थीं , वो थे उसके उभार , ... थी तो मेरे ननद लेकिन उभारों मामले में एकदम मेरे ऊपर गयी थी , आगे भी , पीछे भी।  अपने क्लास की लड़कियों से २० नहीं २२ , ...

[Image: Girls-urfi-IMG-20190729-124627.jpg]

 अब आप ये पूछेंगे की आखिर ये मुझे कैसे पता चला , तो अरे आखिर उसकी सहेलियां भी तो मेरी ननदें ही लगेंगी , और ननदों की नाप जोख भाभियाँ नहीं करेंगी तो कौन करेगा , और उसके लिए होली का भी इन्तजार नहीं करना पड़ता।  

दिया  उसकी सबसे पक्की सहेली थी , और मेरी भी उतनी हो दोस्त , कुछ बात तो जो मैं अनुजा को भी नहीं बताती थी , दिया मुझे बता देती थी , ... 

उसके क्लास की सब असली राज की बातें जो लड़कियां या तो अपनी सहेलियों से  वो भी पक्की सहेलियों से बाँट पाती हैं या कुछ मेरी जैसे दोस्त से भी बढ़ कर भाभियों से , 


और दिया ही मुझे अनुजा के ' भौंरो ' के बारे में बताती रहती थी , ...हाईस्कूल में पहुँचने के पहले से आठ दस , 

दिया तो खैर हाईस्कूल में ही चालू हो गयी थी , ... 

[Image: Girls-Urvi-IMG-ORG-1569845753088.jpg]


और बही जब वो इंटर में गयी थी , ...अनुजा के क्लास की ४० में से करीब बी ३२-३४ की चिड़िया तो उड़ने लगी थी , 

[Image: school-girls-ba3796411ef036dca42a1c4112969535.jpg]


बाकी जो बची थीं , वो सब खददर भण्डार टाइप थी , 

( सिवाय अनुजा के , वो अपने क्लास की हॉटेस्ट गर्ल थी ) , ...

दिया बार बार मुझसे कहती , भाभी आप समझाती क्यों नहीं , ये चीज बचा के रखने की थोड़ी है , दे देगी तो कौन  घिस जायेगी , ..


दिया तो , उस का एक गैंग था , उस के क्लास की ६-७ लड़कियां , बाकी बाहर के और लड़कियों से ज्यादा लड़के , पार्टी , ड्रिंक्स , और पार्टी भी कई बार रेव , और उसमें सब कुछ , ...

[Image: coaching-party-teenback.png]


सब कुछ मतलब,  'सब कुछ ,'... 


मैं भी उसे चिढ़ाती , 

अरे तेरी सहेली है ,.. मेरी ओर से ग्रीन सिग्नल है , सीधे से न माने ,.. बस एक बार चिड़िया चारा खा ले न , फिर तो खुद ही फुदकती फिरेगी चारे के लिए लिए 

[Image: Teej-8a08437aba669e8f1155a26574343e06.jpg]


लेकिन हम दोनों कई बार मिल के अनुजा को चिढ़ाते थे , 


पर अनुजा तो अनुजा , सिर्फ पढ़ाई से मतलब , 

और उसे दो बातों की टर्र , एक तो इंटर में कम से कम कालेज में टॉप करना है ९८ % तो कम से कम ,... 

और दूसरा  टाँगे तो वो सुहागरात के दिन ही फैलाएगी , पता नहीं किस जमाने की लड़की थी 


 
एक दिन मैंने उसे देखा, एक लड़के के साथ वो बाइक पे, एकदम हैंडसम हंक, उस समय अनुजा ट्वेल्थ में गई थी।

[Image: Bikers-a79dc3d0866246222094ee8935d159a8.jpg]

मैं बहुत खुश, मुझे लगा की मेरी ननद का चक्कर चल गया।
 
असल में मैं एक स्कूल में पढ़ाती हूँ, लड़कियों का हाईस्कूल है। वैसे तो छुट्टी पांच बजे होती है पर उस दिन जल्दी हो गई थी। 

घर आते मैंने दूर से देखा एक बाइक पे एक लड़का, जींस और जैकेट में खूब लंबा, मस्क्युलर, और जब पीछे से उसके बाइक पर से एक लड़की उतरी तो अनुजा।
 
मैं रुक गई। 

मुझे लगा की मुझे देखकर वो झिझक जायेगी, इसलिए पास में ही मेरी एक सहेली रहती है, सुलभा, उसके घर पे चली गई।

सुलभा भी मेरी तरह अकेली रहती है , लेकिन अकेली नहीं है , बहुत से उसके ' चाहने वाले ' हैं , टाउनशिप में भी और बाहर भी।  असल में संदीप जिस  मल्टी नेशनल कंपनी में   काम करते हैं , उसी की टाउन शिप है ये , बहुत बड़ी नहीं ४०- ५० घर होंगे , और उसी में एक स्कूल भी लड़कियों का , जिसमे मैंने संदीप के जाने के बाद ज्वाइन कर लिया , 


सुलभा पहले से ही उसमें  टीचर है और हम लोगों की एकदम पहले दिन से जम गयी , 


[Image: Teej-nayn-bc1d6109c9419cdeeef59fdcb80e6ee3.jpg]


उमर भी मेरी जैसे ही है या एकाध साल बड़ी होगी , २६-२७।  बहुत गोरी तो नहीं , लेकिन नमक गज़ब का है उसमें , लेकिन सबसे बढ़कर उसका एट्टीट्यूड , ... सबको हाँ तो नहीं करती , लेकिन ना भी किसी को नहीं करती  और जेंडर डिस्क्रिमनेशन भी नहीं , कच्ची उमर की लड़की और लड़कों का शौक तो , ... 

और अनुजा जितनी मेरी ननद है , उससे ज्यादा सुलभा , ... ननद से छेड़छाड़ , गाली , ऊँगली , सब कुछ ,... 


मैं भी न बात कहाँ से शुरू करती हूँ कहाँ पहुंचा देती हूँ , बात अनुजा की हो रही थी और मैं सुलभा को लेकर बैठ गयी 

 चलिए वापस अनुजा की बात पर 

 
ऊपर से देखा तो अनुजा ने उस लड़के को बाहर से ही टाटा बाई बाई कर दिया।

हाँ मैंने देखा की सुलभा भी मेरे पीछे से उस लड़के को देख रही थी , मेरे पीठ पर मुक्का मार के बोली , 


" अरे यार अपनी ननद स्साली को बोल फंसा ले इस लौंडे को , नम्बरी चोदू होगा मेरी गारंटी , खूब हचक के चोदेगा स्साली को , 

और खूंटा भी उसका जबरदस्त होगा , ...और एक बार जब अपनी ननदिया चुद गयी न तो फिर तो नन्दोई होने के नाते हम दोनों का नंबर तो लग ही जाएगा। "

[Image: salwar-nayantharas-latest-hot-and-beauti...r-yrv5.jpg]
 
मैंने उससे कोई जिक्र नहीं किया की अभी कुछ तो खुलना शुरू हुई है, मैं बोलूंगी तो अपने कोकून में चली जायेगी। 

हाँ मैंने पैंटी उसकी जरूर चेक की, लेकिन कोई खून वून का दाग नहीं था। इसका मतलब कली अभी कली ही है। 




अगले दिन मैंने उससे पिल का जिक्र छेड़ा तो वो एकदम से गुस्सा हो गई।
 
भाभी मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ…” 

मुँह फुला के अनुजा बोली।
 
मैंने उसे बहुत मनाया, चिढ़ाया

अरे यार कभी मन कर ही जाय…”
 
हँस के वो बोली- “भाभी जिस दिन मेरा मन करेगा सबसे पहले आपको ही बताऊँगी…” 

फिर खिलखिलाती खुद ही बोली- “अरे भाभी, आजकल तो मार्निंग आफ्टर वाली पिल भी मिलती है…”

[Image: Girls-urfi-Inst-image-5.jpg]
 
मतलब मेरी बिन्नो ने मन बनाकर रखा था। 

उसी दिन शाम को मैं मार्निंग आफ्टर वाली पिल लायी और उसके पर्स में उसे दिखाकर डाल दिया।
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#15
छन्दा भाभी की जुबानी ,


आगे की कहानी 

                                                                                   

[Image: Teej-977a3099e689a4b76cd36f6a960d514b.jpg]







                                                                                          दिया की पार्टी 

                                                        




कुछ दिन बाद ही उसकी सहेली दिया, बड़ी चालू चीज थी वो, की बर्थडे पार्टी थी। 



[Image: Diya-Sonam-FB-IMG-1509944018524.jpg]





उसने मुझसे रिक्वेस्ट किया की मैं अनुजा को उसके यहाँ रुकने दूँ, और मैं तुरंत मान गई। 

मैंने  बताया था  न की दिया से मेरी  पक्की दोस्ती भी थी , और वो अपनी  क्लास का हाल , कौन लड़की किससे पटी है , किसके कितने यार हैं , ...


दिया के गैंग में तो चार से कम  अगर किसी  बालिका के यार हैं , तो चूतड़ पर लात मार के गैंग से बाहर ,  

खुद दिया के आधे दर्जन से ज्यादा , 


आज कल रोमी से लेकिन उसेक साथ और भी कई , ...

[Image: diya-nenu-naa-rakshasi-ileana-hot-stills-3228.jpg]

 दिया ने ही बताया था की वो लड़का जो बाइक पे अनुजा को बिठा के लाया था , जिसे दूर से देख कर भी सुलभा , मेरी  सहेली ने ताड़ लिया था ,  स्साला नंबरी चोदू होगा और उसका हथियार भी जबरदंग होगा , ... देवेश , ....देवेश नाम बताया था दिया ने।  

और जब मैंने उससे सुलभा वाली बात बताई तो वो खूब जोर से हंसी बोली , 

"सुलभा भाभी की  बात और गलत ,...असल में मेरे गैंग में शामिल होने की शर्त ही है , ६/७। "


मेरे कुछ समझ में नहीं आया , तो दिया हँसते हुए बोली ,

" अरे भौजी , लम्बाई ६ फीट से कम नहीं और वो चीज ७ इंच से कम नहीं , देवेश टॉप थ्री में तो होगा ही , " 

देवेश  के साथ अनुजा की सेटिंग कराने  की दिया कोशिश कर रही थी , 

अनुजा को भी थोड़ा वो पसंद आया था , थोड़ा धीमी आंच टाइप लड़का था , आराम आराम से फंसा के , ... 


मुझे क्या मालूम नहीं था की रात भर वाली इन पार्टियों में क्या होता है

आखिर उनसेचार पांच  साल ही तो बड़ी थी मैं। ड्रिंक्स विंक्स तो कामन चीजें है, लड़के लड़कियां सब, और भीमैं सोच के बैठी थी की आज ये लाख ना ना करे मेरी चिड़िया चारा घोंट के आएगी।

और मुझे अपनी पार्टियां याद  आ गयीं , 
[Image: Teej-264f0bf5592383050a9608632f270fc4.jpg]



हाईस्कूल की फेयरवेल में , ... थोड़ी बहुत बदमाशी छुटकियों ने की , दर्जा नौ वालियों ने ,...

[Image: 517a93ce949ae9c526ba8c3891a05c62.jpg]

उसके बाद तो हम लोग , एक भी छुटकी नहीं बची जिसकी ब्रा खोल के उसके हाथ में नहीं रखी गयी हो , नाप तोल , नीचे भी , ... 


इंटर में मैं को एड में थी , ... फिर तो पार्टी का बस बहाना ,... एक  पार्टी में तो , ..क्या नहीं हुआ , और मैं भी , 

जो लड़कियां ज्यादा सती साध्वी बनती थीं , दो चार थीं , बहन जी टाइप ,... बाकी लोग बीयर वाले , 

हम लोगों ने मान लिया था बियर कोई शराब थोड़े ही होती है , ... 

और जो न नुकुर कर रही थीं उन्हें तो मैंने अपने हाथ से खुद बना बना के स्पाइक्ड ड्रिंक्स ,... 

कोला में रम मिला के रमोला बनाना और लिम्का में वोदका ,... 

[Image: coca-rum-20121019-171441.jpg]


मैंने उसी पार्टी में सीखा था , ... 

और अभी भी मुझे याद एक तो एकदम शातिर वो  तय कर के आयी थी नहीं पीयेगी , 

मैंने शर्त लगाई , उसे तो मैं पिलाऊंगी और सबसे ज्यादा नशे में वही टुन्न होगी और होने हाथ से अपनी शलवार का नाड़ा खोलेगी। 

बस ऑरेंज जूस के बड़े से टेट्रा पैक में सुई से छेद करकेम आधा पैक खाली , और 

एक इंजेक्शन से ,... ऑरेंज वोडका उसके अंदर , 

[Image: orange-vodka-397453011-0-640x640.jpg]


छन्दा स्पेशल तैयार ,  वो नशे में टुन्न भी हुयी और उसकी फटी भी , हम सबके सामने ,... खूब हो हो हुआ 

और फिर तो अगले दिन से हमारे ग्रुप में और नम्बरी ,... 


मैं समझ रही थी , 

दिया की इस पार्टी में अनुजा रानी नहीं बच सकती , बस मुझे किसी तरह से मना पटा के भेज देना है , उस के बाद तो अगले दिन वो फड़वा के ही आएँगी ,

[Image: Teej-Hot-bollywood-actress-in-blouse-Sam...ection.jpg]

दिया ने  मुझसे  कहा , भौजी क्या सोच रही हैं , 

मैं खिलखिला के बोली ,

" वही यार तेरी सहेली कुछ दिन में इंटर पास कर लेगी , बिना इंटर कोर्स , ... हम भौजाइयों के लिए कितनी नाक कटाने वाली बात है , ... "

वो भी हंसती बोली , 

" सच में भौजी , ... भौजाई और सहेलियों दोनों के लिए , ... " 



फिर मेरे  कान में फुसफुसा के बोली 

" इसी लिए तो पार्टी रखी है , पक्का अबकी आपकी ननद की बिना फटे बचेगी नहीं , ...स्साली कब तक बचा के रखेगी , जानती हैं भौजी , मेरे गैंग के सारे लड़के  , बस एकदम मेरे पीछे पड़ें हैं , अनुजा की दिलवा , अनुजा की दिलवा , ... तो अबकी तो ,... "

[Image: diya-0fb1a711c3bc03734a4d8c5a4432ff54.jpg]

" एकदम सीधे से न माने तो जबरदस्ती , और एक बार जब फटने वाली चीज़ फ़ट गयी न , तो कुछ देर चीखे चिल्लायेगी , मुंह बनाएगी लेकिन देखना एक दो दिन  में खुद ,... "

मैंने भी दिया को और उकसाया 

लेकिन असली बात थी अनुजा रानी के पार्टी में जाने की , और मुझे एक जुगत सूझी। 

जब अनुजा वापस कमरे में आयी तो मैंने मोर्चा सम्हाल लिया और दिया से कहा , 

" दिया तू क्या कह रही थी , वो बहुत रिक्वेस्ट कर रहा था , ... बहुत मिन्नत कर रहा था ,..अरे वही अनुजा का ब्वाय फ्रेंड , क्या तो नाम है उसका , जिसकी बाइक पे आयी थी  ये , ... "

दिया ने तुरंत नाम बताया , 

" देवेश "

लेकिन अनुजा भभक पड़ी , 

" भाभी मेरा कोई ब्वाय फ्रेंड वेंड नहीं है , बस वो मेरा फ्रेंड है ,"

" अरे यार ब्वाय है , फ्रेंड है तो ब्वाय फ्रेंड हुआ न ,... " मैंने थोड़ा अनुजा को ठंडा करने की कोशिश की।  

पर अब वो दिया पर चढ़ गयी , ... अच्छा देवेश अगर इतना , तो  मुझसे क्यों नहीं बोला , ... एक बार भी नहीं ,

" अरे पंद्रह दिन से तो तू कालेज नहीं आयी घर पे पढ़ रही है , पार्टी तो चार पांच दिन पहले ही तय हुयी , और तभी देवेश ने बोल दिया था की तू नहीं आएगी तो वो नहीं आएगा , ... बल्कि  कभी किसी पार्टी में नहीं जाएगा , .. और बात कैसे करता तूने फोन नंबर दिया क्या उसे , कितना तो मांग रहा था मैंने कहा भी था तुझसे यार तेरी सोन चिरैया  तो नहीं मांग रहा है , फोन नंबर ही तो मांग रहा  है ,... अरे यार देवेश ऐसा वैसा लड़का नहीं है ,... "

अब अनुजा थोड़ी ठंडी पड़ी , बोली 

" चल ये बात मैं तेरी मानती हूँ , बाकी लड़कों से अलग है , और सच में नंबर मैंने दिया नहीं था तो बात कैसे करता ,  असल में पढ़ाई के चक्कर में मैंने नहीं दिया की डिस्टर्ब  होगा और कोई बात नहीं थी , 

[Image: Girls-urfi-Inst-image-14.jpg]

" चल कोई नहीं अभी तेरी बात कराती हूँ , ... देवेश से " 

र दिया ने देवेश को फोन लगा दिया , स्पीकर फोन आन था 

क्या मक्खन लगाया देवेश ने , ...और अनुजा पिघल गयी , 

( मैं समझ रही थी दिया देवेश से पहले ही सेटिंग कर के आयी थी ) 

फिर मैं भी रोज अनुजा के पीछे पड़ी रहती थी। 


अनुजा भी , उसका बस चलता तो शलवार सूट में चली जाती, लेकिन मैं भीखूब अच्छी तरह से मैंने उसे तैयार किया। 

नेट पर से देखकर एक सेक्सी टाप और स्कर्ट मंगवाया। मुश्किल से मानी वो पहनने के लिए। शलवार सूट और नहीं तो बहुत हुआ तो जींस और टाप, वो भी सिम्पल वाली जींस।
 
मैंने उसे बहुत समझाया की सारी लड़कियां तो एक से एक हाट ड्रेस में आएंगी और फिर उसका एटीट्यूड भीमैं जानती थी, सब उसे फिर बहनजी कहकर छेड़ेंगे और बाद में मुश्किल से, कोई दी ग्रेड का लड़का।
 
मुश्किल से मानी वो।
 
लेकिन पार्टी से सुबह होने के पहले ही लौट आई।
 
वो सो ही रही थी की मैंने उसकी पैंटी अच्छी तरह चेक की। गीली तो हुई थी, लेकिन तो कुछ खून वून और ही मर्दो वाले दाग।
 
अब क्या बोलती मैं उससे… 

खैर कुछ दिन में ही उसके इण्टर के इम्तहान शुरू होने वाले थे, इसलिए सब कुछ छोड़ के वो पढ़ाई में लग गई। 

नंबर भी खूब अच्छे आये। 

कुछ दिन तक तो दिया से भी उसकी ,  ,,,, लेकिन धीरे धीरे अब कुछ बात चीत 


लेकिन अच्छी बात ये है की जब से वो कालेज में पहुंची है उसका एटीट्यूड एकदम बदल गया।
 
एकदम खुला खुला।
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#16
मेरे दिन 


[Image: Teej-50162a63520f3b3b1c16b6b98e384c7b.jpg]


मुझे अपने कालेज के दिन याद गए, अनुजा से एक साल ही बड़ी रही होऊँगी जब मेरी शादी हो गई। लेकिन कालेज में थोड़ा छिपाओ, थोड़ा दिखाओ, कभी हाँ कभी ना। 

और अभी भी कालेज में भी जहां मैं पढ़ाती हूँ, जो मेरे कुलीग हैं, औरतें भी औरपेरेंट्स टीचर में जो पेरेंट्स आते हैं, मुझे उनसे फ्लर्ट करने में कोई परेशानी नहीं होती। थोड़ा बहुत नान वेज मजाक भी।
 
लेकिन उसके आगे कुछ नहीं। 

मुझे किसी ने समझाया था जहाँ जाब करो वहां कोई चक्कर वक्कर नहींपता नहीं कैसे हिट करे। इसलिए स्कूल में फ्लर्ट और मजाक के आगे कुछ भी नहीं। ऐसा नहीं की मेरा मन नहीं करता था।



मन तो बहुत करता था। 
[Image: teej-b17fde92c99134788670318a22d3130a.jpg]


मैं शादीशुदा हूँ इसलिए, एक बार कोई मजा चख लेने के बाद उसके बिना रहना मुश्किल हो जाता है।
 
लोग कहते हैं, ज्यादातर लोग इसलिए ईमानदार होते हैं की, मौका नहीं मिलता। बस यही समझ लीजिये, इसके अलावा जो लोग कहते हैं की वर्कप्लेस में चक्कर नहीं चलाना चाहिए, बिजनेस और प्लेजर को अलग रखना चाहिए वरना बदनाम होने का पूरा खतरा रहता है, वो बात भी थी। बस इसलिए,
 
शुरू से मैं हाइली सेक्स्ड हूँ, जब मैं हाईस्कूल में थी तभी होली में… 

लेकिन शुरुआत मैंने ही की थी , मैं और मेरी एक सहेली ने , भाभी को धर दबोचा , पहले रंग की बाल्टी , फिर पुताई , ..फिर में सहेली ने सीधे भाभी की चोली में हाथ डाल दिया ,


" अरे भाभी असली जगह तो बची है ,"



मैं क्यों छोड़ती , हम दोनों ने एक एक उभार बाटं लिए , और साथ में चिढ़ा भी रहे थे , " क्यों भाभी भैया ऐसे दबाते हैं न , ... " 



और भाभी भी एक से एक गालियां , 



चलो तुम दोनों को तुम्हारे भइया के नीचे न लिटाया , शाम को मेरे दोनों भाई आएंगे , दोनों से चुदवाउंगी तुम दोनों की , ... पक्की छिनार हो तुम दोनों , ... 






[Image: holi-pakway-blogspot-com18.jpg]

लेकिन मैं फंसी तब , जब वो सहेली तो निकल गयी और मोहल्ले की एक दो भौजाइयां और आ गयीं , ... 





फिर तो आराम से उन दोनों ने मेरे दोनों हाथ पकड़ा ,



 भाभी ने आराम आराम से मेरी शलवार खोल के घुटने तक सरकायी , उसके बाद चड्ढी , ... 





और फिर हथेली में गाढ़ा लाल रंग लगा लगा के अच्छी तरह मिलाया  और सीधे  मेरी गुलाबो पर , ... 



मैं छपटपटा रही थी पर , दोनों भाभियों ने कस के हाथ के साथ दोनों  उभार भी , टॉप उन लोगों ने फाड़ के फेंक दिया था 

[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad12.jpg]



और भाभी ने कचकचा के अपनी ऊँगली एक पोर तक पेल दी और बोलीं 


" ननद रानी , मजा आ रहा है न , अरे मैं तो जड़ तक डाल के अभी फाड़ देती लेकिन मुझे अपने भाइयों का ख्याल आ गया तेरी झिल्ली तो उन्ही से फड़वाउंगी। 


अभी भी याद है, भाभी ने मेरी मुनिया में कैसे जबरदस्त उंगली की थी… 



तभी से,...


कालेज में पहुँचने से पहले से ही… 

फिर मेरी शादी भी जल्दी हो गई थी, 18-19 साल की ही रही होऊँगी। 

[Image: Gulabiya-Madhurima-in-Saree-01.jpg]

अनुजा की अभी जो उमर है उससे एकाध साल ही ज्यादा बड़ी रही होऊँगी, जब संदीप से मेरी शादी हुई। 


उसके बाद से तो पहले दिन से ही रोज बिना नागा,

वो मुझे छोड़ते थे मैं उन्हें, कई बार तो चार-पांच बार तक। 

[Image: fucking-J-tumblr-p1nxj29xo-E1wgsvito1-400.gif]

दिन दहाड़े भी वो नंबर लगा देते थे।
 
यहाँ तक की, उन पांच दिनों में भी, कोई छुट्टी नहीं

कभी पिछवाड़े 

[Image: anal-doggy-19919440.gif]


तो कभी मुँह में। 


[Image: BJ-CU-tumblr-ozt5hw-Yhf-G1u29nmmo1-500.gif]



लेकिन जब से संदीप दुबई गए हैं, बस मन मसोस के रह जाना पड़ता है।
 
हाँ जब संदीप आते हैं, फिर तो बस एक प्वाइंट प्रोग्राम, कभी भी कहीं भी, चार-पांच बार से कम तो किसी दिन नहीं। सूद सहित उधार चुकाने की कोशिश करती हूँ, और ये चिंता भी नहीं रहती की उसकी जवान हो रही बहन घर पे है। 


बल्कि ये सोच-सोच के तो मैं और एक्साइट हो जाती हूँ की अनुजा को उस छोटे से फ़्लैट में हमारी आवाजें सुनाई पड़ रही होंगी।
 
फिर तो मैं उन्हें चढ़ा चढ़ा के, सेक्स के समय उन्हें खुल के एकदमदेसीभाषा में बोलने में बहुत मजा आता है, और मैं भी उन्हें उकसाती हूँ।

[Image: fucking-hardddd.gif]

कई बार तो लगता है शायद अनुजा देख रही होगी उस समय तो ये सोच-सोच के और मजा आता है और मैं उन्हें जोश दिला दिला के,
 
लेकिन चार दिन की चांदनी, जब संदीप चले जाते हैं तो फिर बस वही। 


संदीप का तो वहां काम चल जाता है। कंपनी की लड़कियां हैं, कुछ एयर होस्टेस को भी फांस रखा है। खुद ही बताता है। 

उसकी भी देह की जरूरत है और मैं भी बुरा नहीं मानती।
 
वो तो मुझसे भी कहता है की, मैं अगर किसी के साथ तो उसे कोई ,... 

अरे नीलू दीदी के साथ उसके भाई की शादी में, अमित जीजू के साथ मिल के

दो-दो बार उन दोनों ने मेरी और नीलू दीदी की सैंडविच बनाई थी। 

[Image: MMF-DP-17835874.gif]


फिर अनुजा ही अगर किसी तरह फँस जाए तो फिर तो मेरी चांदी ही चांदी, जब वो खुद ही किसी के नीचे आएगी तो फिर मेरे बारे में कैसे गाना गायेगी। कौन बताएगा उसके भैय्या से।
 
इसलिए तो मैं हरदम कोशिश करती हूँ किसी तरह अनुजा चारा घोंट ले।
 
उस दिन वो बाइक पे जब हैंडसम हंक के साथ आई (बाद में पता चला की उसका नाम देवेश है) तो मैं एकदम श्योर थी की ये बिना अनुजा को अपने नीचे लाये छोड़ेगा नहीं।

है मस्त माल, साथ की लड़कियों से ज्यादा मस्त गदराये जोबन हैं, लेकिन उसके दिमाग में अच्छी बच्ची बनने का फितूर जो चढ़ा है , बस किसी तरह एक बार घोंट ले वो बसकई बार जब मैं उसके नए आये उभारों को दबा के चिढ़ाती

यार किसी को पटा लो, इतने मस्त जोबन रहे हैं…”
 
तो वो भी हँस के बोलती-

 “ठीक है भाभी लेकिन पहले आप…”
 
और मैं एकदम खुश होकर बोलती- “ठीक है तू पहले पटा के ला तो। फिर मेरा तो ननदोई लगेगा, नंदोई पे वैसे भी सलहज का पहला हक़ होता है। और अनाड़ी चुदवैया बुर की खराबी, तो कहीं नया लौंडा होगा तो उसे अच्छे से सिखाने पढ़ाने का काम मैं कर दूंगी, उसके बाद मिल के। लेकिन उसके बाद जम के चुदाई करवाऊँगी तेरी अपने सामने…”
 
बात में हम दोनों एकदम खुल के, शुरू में थोड़ा शर्माती थी वो लेकिन कुछ जबरदस्ती, कुछ पटा के

जब मेरी शादी में आई थी तो बस उसके कच्चे टिकोरे आने शुरू ही हुए थे

लेकिन एकलौती ननद इसलिए खूब खुल के गालियां उसका नाम ले ले के। और शादी के बाद मैं भी उसे, संदीप तो हरदम खुल के ही बोलते हैं और मैंने भी फोर्स करके उसे, खास तौर पे होली में तो एकदम खुल के गाने होते हैं, इसलिए,
 
होली में लड़कों को छोड़िये कालोनी के मर्दों की भी निगाहें उसके टिकोरों पे पड़ने लगी थीं। 


और भाभियां तो एकदम।
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#17
***** *****पिछली होली 

[Image: Girl-holi-c26288231da8821412480f30f37e315a.jpg]



हाँ, पिछली होली की एक बात। मेरी सहेली सुलभा ने, अनुजा को धर दबोचा था। 

आखिर उसकी भी तो छोटी ननद ही लगती, उसका भी पूरा हक़ बनता था। 


ब्रा, पैंटी में हर जगह।


[Image: Holi5046a9357a8ab3e8ea216fe0894c3e0f.jpg]

 
मुझे तो उस समय कालोनी के मर्दों ने जकड़ रखा था।
 
बाद में सुलभा बोली


यार तेरी ननद तो एकदम मक्खन मलाई है, किसी दिन दावत करवाओ। हाँ लेकिनउसकी घास फूस तो साफ कर दो…”
 
कालोनी में होली होती जबरदस्त थी। 

पीछे एक बड़ा सा मैदान था उसी में। 

एक छोटा सा पोखर था ज्यादा गहरा नहीं, ज्यादा से ज्यादा सीने तक, उसमें रंग भर दिया जाता था।

खूब घने पेड़ थे, किनारे की ओर एक बँसवाड़ी सी भी थी। 
[Image: holi2-thumb-56.jpg]



बस सुबह-सुबह सारे लोग, मर्द औरतें, लड़के लड़कियां सब वहीं इकट्ठे होते थे और अगर नौ साढ़े नौ तक कोई भी घर में रह गया तो बाकी उसे पकड़ के जबरदस्तीफिर सबसे ज्यादा रगड़ाई उसी की होती थी।


नो होल्ड्स बार्ड और नो होल्स बार्ड, सिर्फ एक रिस्ट्रिक्शन था, पति पत्नी आपस में नहीं खेल सकते थे।

[Image: holi-2014.jpg]
 
पहले तो औरतें आपस में, और फिर अगर कोई लड़की पकड़ में गई तो उसकी तो
 
आदमी भी आपस में, लेकिन कुछ देर में ही आखिर कालोनी के रिश्ते से सब देवर भाभी तो लगते ही थी, इसलिए, कोई किसी के साथ भी। 

खाने पीने का इंतजाम भी, भांग वाली गुझिया, भांग वाली ठंडाई।
 
नहाते समय, मैं और अनुजा एक ही बाथरूम में साथ-साथ नहा रहे थे (दूसरे बाथरूम में संदीप थे) 

उसकी पैंटी देखकर मैंने कहा

[Image: nude-indian-holiwow-bhabhi.jpg]


इतने ढेर सारे रंग, चल बैंगनी तो सुलभा का ट्रेड मार्क है लेकिन बाकी किसकी-किसकी उंगलियां गयीं?”
 
भाभियां तो भाभियांसहेलियां भी।
 
वो क्यों पीछे रहती, मेरी पैंटी उठा के देखते बोली

[Image: 1sdtueptu0rk-t.jpg]

भाभी मैं भी तो देखूं? अरे रे आपकी में तो मुझसे भी दुगुने रंग। अच्छा ये वाला, ये तो मदन भैया का, जो भैया के दोस्त हैं उनका है ?

ऐसी सुनहली बार्निश वही इश्तेमाल करते हैं और आपकी ब्रा के अंदर भी उन्हीं का… 

और ये गाढ़ा लाल पिछवाड़े एकदम अंदर तक, बताओ किसका है?”
 
अंदाज अनुजा का एकदम सही था। 

मिस्टर अरोड़ा, ये हरकत उन्हीं की थी

मेरे पिछवाड़े के जबरदस्त दीवाने थे। मैं शलवार सूट पहनकर जाती थी होली में की कुछ बचत हो जायेगी 

[Image: holi-hot-wet-girls-pictures-201222.jpg]

लेकिन कैसी बचतरंग भरे पोखर में कमर के नीचे क्या हो रहा है कहाँ दिखता था, फिर दो तीन मिल के घेर लेती थी।
 
फिर रेन डांस, उसमें भी ग्राइंड जो थोड़ी देर में ही ड्राई हम्पिंग में बदल जाती थी, कई बार तो एक साथ दो-दो एक आगे एक पीछे
 
बात बदल के मैंने अनुजा को छेड़ा-

 “लगता है होली में ठीक से गरमी उतरी नहीं, बुलाती हूँ तेरे भैया को। भांग के नशे में पूरे टुन्न हैं, बहनचोद बनने में कोई कसर नहीं है…” 


खिलखिलाते हुए वो बोली।
 
नहीं भाभीअपनी भूख आप पहले मिटा लीजिये। जल्दी निकलिए बाहर भूखा शेर इन्तजार कर रहा होगा…” 

बात अनुजा की एकदम सही थी।

[Image: holi-2013-at-classic-gardens141.jpg]
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#18
***** *****संदीप



और खाते समय मैंने और अनुजा का नाम ले-लेकर उन्हें इतना चिढ़ाया, और ऊपर से शुरू में ही अनुजा को डबल भांग की दो गुझिया जबरदस्ती उसके मुँह में ठेल दी। वो लाख ना नुकुर करती रही लेकिन उसका असर तो 15-20 मिनट में हो ही जाना था।
 
मालपुआ संदीप को देते हुए मैं बोली- “ये तेरी बहन ने अपने भैया के लिए प्यार से बनाया है, जैसे अनुजा के गाल हैं कचकचा के काटने लायक मुलायम-मुलायम, बस वैसे ही मुलायम-मुलायम हैं, चाहे तो एक बार चख के देख लो…”
 
बिचारी अनुजा, वैसे तो मैं छेड़ती ही रहती थी लेकिन संदीप के सामने, गाल उसके गुलाल हो गए।
संदीप भीउन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने फिर अनुजा की ओर इशारा करके बोला- “इत्त्ते दिन बाद आये हो, देख लो ठीक से, हो गई है मस्त माल…”
मैंने नहाने के बाद तो एक टाइट सा शलवार सूट पहना था, लेकिन उसे एक फेड टाप और छोटा सा शार्ट पहनाया था, जिसमें उसके कड़क उभार खूब दिख रहे थे। खाना हम लोग खत्म कर चुके थे, अनुजा और उसके भैय्या ने मिलकर मुझे भी भांग वाली गुझिया और ठंडाई पिला दी थी।
 
किसी बात पे मैंने बोल दिया- “तेरी बहन की फु… … मारूं…”
 
तो पलट के वो बोले- “चल पहले अपनी बचा…”
 
मैं भागी बेडरूम की ओर, लेकिन उन्होंने बिस्तर के पहले ही मुझे दबोच लिया। और सोफे के सहारे, वहीं निहुरा केशलवार भी नहीं बचा पायी, कस के बांधा नाड़ा उन्हें रोक पाया। उन्होंने इस बात का इन्तजार भी नहीं किया कि दरवाजा अभी खुला है और टेबल समेटती अनुजा हम लोगों को खुल्लम खुल्ला देख रही है। और ऊपर से संदीप जब जोश में होते थे तो बस एकदम गाली दे दे के- “बहुत मुझे अनुजा का नाम लेकर छेड़ रही थी अब दिखाता हूँ तुझे असली पिचकारी का मजा। चोद-चोद के तेरी चुनमुनिया का…”
 
मुझे भी खूब मजा रहा था और मैं उन्हें उकसा भी रही थी। जब वो मेरे टाइट कुर्ते के ऊपर से मेरी बड़ी-बड़ी चूंचियां दबा रहे थे जोर-जोर से। मैंने कहा- “अरे अनुजा के टिकोरे समझ के दबा रहे हो क्या? आज ज्यादा ही जोश में हो…”
 
दूसरा राउंड भी उन्होंने आधे घंटे के अंदर फिर से लगा दिया। और इस बार मेरे पिछवाड़े का नंबर लग गया।
 
संदीप को जो मैं हर बार बोलकर चिढ़ाती थी, मैंने फिर बोला- “यार, या तो तुम पिछले जनम में गधे घोड़े थे या मेरी सासू माँ किसी गधे घोड़े के पास गई थीं…”
 
बस संदीप ने मुझे घोड़ी बनाकर पिछवाड़े का बाजा बजा दिया।
 
अनुजा बगल के कमर में थी और मुझे पूरा यकीन था की कान फाड़े सुन रही होगी।
 
शाम को अबीर गुलाल सूखी होली में भी खूब मजा आया। सुलभा, मेरी और सहेलियां, उनके हसबैंडउन लोगों ने संदीप की खूब रगड़ाई तो की ही, संदीप को दिखा-दिखा के अनुजा के टाप के अंदर हाथ डाल-डाल केऔर रात भर बाहर चांदनी छटकती रही, और कमरे के अंदर संदीप की पिचकारी रंग बिखेरती रही, एकदम नान स्टाप।
 
कहाँ की बात ले बैठी मैं, दिल उदास हो गया। इस बार होली में संदीप नहीं पा रहे हैं, उनकी छुट्टी कैंसल हो गई।
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#19
कोमल जी,

होली के रंगो की बधाई , जैसे, होली मैं कई रंग आपस मैं मिल कर , एक नया रंग बना देते हैं , आपकी कहानी के पात्र के रंग मिल कर आपकी कहानी को ें अनोखा रंग प्रदान कर देंगे जो की लाजबाब होगा , आपकी उत्तम लेखनी जैसा।

होली के रंगो के साथ, ननद व् भाभी की बाते , एक भाभी ही होती है जो की ननद की ख़ास सहेली होती  है।  एक पराये घर से आयी लड़की , एक नए घर की लड़की के साथ घुल - मिल जाये इस से बेहेतर के बात हो सकती है।  

रंगो की फुआर की प्रतीक्षा मैं। ........

निहारिका 

इंतज़ार मैं। ........

आपकी निहारिका 


सहेलिओं , पाठिकाओं, पनिहारिनों,  आओ कुछ अपनी दिल की बातें करें -
लेडीज - गर्ल्स टॉक - निहारिका 
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#20
(24-03-2020, 12:02 AM)Niharikasaree Wrote:
कोमल जी,

होली के रंगो की बधाई , जैसे, होली मैं कई रंग आपस मैं मिल कर , एक नया रंग बना देते हैं , आपकी कहानी के पात्र के रंग मिल कर आपकी कहानी को ें अनोखा रंग प्रदान कर देंगे जो की लाजबाब होगा , आपकी उत्तम लेखनी जैसा।

होली के रंगो के साथ, ननद व् भाभी की बाते , एक भाभी ही होती है जो की ननद की ख़ास सहेली होती  है।  एक पराये घर से आयी लड़की , एक नए घर की लड़की के साथ घुल - मिल जाये इस से बेहेतर के बात हो सकती है।  

रंगो की फुआर की प्रतीक्षा मैं। ........

निहारिका 

Thanks , be safe , and keep on enjoying ...read my stories and live it , safety first take care
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