Thread Rating:
  • 9 Vote(s) - 3.11 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery सोलवां सावन
#41
ग्यारहवीं फुहार 

[Image: Teej-Y-15977694-737626826395363-66792363...9912-n.jpg]

थोड़ी देर में सब लोग तैयार होने लगे। आज भाभी ने अपने हाथों से मुझे तैयार किया। खूब ज्यादा, गाढ़ा मेकप किया, कहने लगीं- 

“सबको मालूम तो हो कि मेरी ननद कितना मस्त माल है। 



चोली मेरी आज कुछ ज्यादा ही लो कट थी। 


[Image: cleavage-2123.jpg]

जब शीशे में मैंने देखा तो मेरे जोबन को, सुनील ने जो निशान बनाये थे वे बहुत साफ दिख रहे थे। मैंने भाभी से आखिरी कोशिश की- 



“भाभी मैं ना चलूं तो…” 

पर भाभी कहां मानने वाली थीं , मेरे गालों पे चिकोटी काट के बोलीं- 



“अरे मेरी ननद रानी, आखिर हम लोग फिर गाली किसको देंगे…” 


बेचारा अजय, उसने मुझसे वादा लिया था कि ,… और फिर रात भर… लेकिन… 



कामिनी भाभी हम लोगों का इंतजार कर रहीं थीं। मुझसे तो वो खूब जोश से गले मिलीं और उनके 38 डीडी जोबन ने मेरे 32 सी किशोर जोबनों को एकदम दबाकर रख दिया। सबसे मुझे दिखाकर कहने लगीं- 


[Image: mom.jpg]

“सबसे ज्यादा तो मुझे इसी माल का इंतजार था…” 

थोड़ी देर तो ऐसे ही गाने चलते रहे पर जब चमेली भाभी ने ढोलक ली तब मैं समझ गयी कि अब क्या होने वाला है। चमेली भाभी ने एक सोहर शुरू किया- 





सासू जो आयें चरुआ चढ़ाने, जो आयें चरुआ चढ़ाने,
उनको तो मैं नेग दिलाय दूंगी, नेग लेवे में जो ठनगन करिहें, 

नेग लेवे में जो ठनगन करिहें, मुन्ने के, अरे मुन्ने के नाना से उनको चुदाय दूंगी। 

देवरा जो आये बंसी बजाये, जो आये बंसी बजाये, 
उनको तो मैं नेग दिलाय दूंगी, नेग लेवे में जो ठनगन करिहें, 
नेग लेवे में जो ठनगन करिहें, अरे उनकी अरे उनकी गाण्ड में बंसी घुसाय दूंगी। 

ननदी जो गये कजरा लगाये, अरे छिनरी जो गये कजरा लगाये, 
उनको तो मैं नेग दिलाय दूंगी, नेग लेवे में जो ठनगन करिहें, 
नेग लेवे में जो ठनगन करिहें, उनकी भोंसड़ी में कजरौटा घुसाय दूंगी। 

अरे अपने देवर से प्यारे रवीन्द्र से उनको चुदाय दूंगी… (भाभी ने जोड़ा।)
राकी से उसको चुदाय दूंगी। 






(चम्पा भाभी कहां चुप रहने वाली थीं।) 



मैंने भाभी को चिढ़ाया- “पर भाभी, गा तो चमेली भाभी रही हैं और उनकी ननद तो आप, चन्दा हैं। 



कामिनी भाभी ने मेरा साथ दिया- “ठीक तो कह रही है, अरे नाम लेके गाओ…” 



पूरबी ने मुझे चिढ़ाते भाभी से कहा- 

[Image: Teej-Young-16299058-751579331666779-9112...2904-n.jpg]

“अरे राकी से भी, बड़ी कैपिसिटी है, आपकी ननद में…” 






चम्पा भाभी को तो मौका मिल गया-


 “अरे कातिक में दूर-दूर से लोग अपनी कुतिया लेकर आते हैं, नंबर लगता है, राकी को ऐसा मत समझो…” 



भाभी बड़े भोलेपन से मेरे कंधे पर हाथ रखकर मेरी ओर इशारा करके बोलीं, 

[Image: kacche-tik-0009.jpg]


“अबकी मैं भी ले आऊँगी अपनी… इस कातिक में…” .



कामिनी भाभी बोलीं, 


[Image: Mom-19.jpg]


“ठीक है, तुम्हारी वाली का नंबर पहले लगावा दूंगी। और नंबर क्या उसका नंबर तो हर रोज लगे…” 
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#42
रतजगा 

बाहर बादल उमड़ घुमड़ रहे थे। गीता को भी जोश आ गया, वो बोली- 

[Image: bride-dholak-2.jpg]


“भाभी वो बादल वाला सुनाऊँ…” 

“हां हां सुनाओ…” चमेली भाभी और मेरी भाभी एक साथ बोलीं। चन्दा भी गीता का साथ दे रही थी। 



बिन बदरा के बिजुरिया कैसे चमके, हो रामा कैसे चमके, बिन बदरा के बिजुरिया, 
अरे हमरी ननदी छिनार के गाल चमके, अरे गुड्डी रानी के दोनों गाल चमकें, 


अरे उनकी चोली के, अरे उनकी चोली के भीतर 
अरे गुड्डी रानी के दोनों अनार झलकें


जांघन के बीच में अरे जांघन के बीच में 
अरे गुड्डी छिनार के दरार झलके। 


बिन बदरा के बिजुरिया कैसे चमके, हो रामा कैसे चमके




चमेली भाभी ने पूछा- 
“कैसी लगी…” 


[Image: Reenu-Hot-674fd3eb7946f914d0eea28d90d0e2a2.jpg]




मैंने आँखें नचाकर, मुश्कुराकर कहा- “भाभी मिरच जरा कम था .…” 



कामिनी भाभी ने पूरबी की ओर देखकर कहा- 

“ये तो तुम ननद साल्लियों के लिये चैलेंज है…” 





पूरबी और उनका साथ देने के लिये मेरी भाभी चालू हो गयीं- 







अरे हमरे खेत में सरसों फुलायी, अरे सरसों फुलायी
गुड्डी रानी की अरे गुड्डी साली की हुई चुदाई, 


अरे, रवीन्द्र की बहना की, गुड्डी छिनार की हुई चुदाई, 






भाभी ने फिर दूसरा गाना शुरू किया और अबकी पूरबी साथ दे रही थी- 


[Image: Teej-8beksifmhyodvu08ims1.jpg]



अरे मोती झलके लाली बेसरिया में, मोती झलके, 
हमरी ननदी रानी ने, गुड्डी रानी ने एक किया, दो किया, साढ़े तीन किया, 

* मूसलमान किया, कोरी, चमार किया, 
अरे 900 गुंडे बनारस के, अरे 900 छैले पटना के, मोती झलके, 

अरे मोती झलके लाली बेसरिया में, मोती झलके, 
हमरी ननदी छिनार ने, गुड्डी छिनार ने एक किया, दो किया, साढ़े तीन किया,
हम रो भतार किया, भतार के सार किया, उनके सब यार किया, 

अरे 900 गदहे एलवल के, अरे 900 भंडुए कालीनगंज के, अरे मोती झलके
अरे मोती झलके लाली बेसरिया में, मोती झलके,






( जिस मुहल्ले में मैं रहती थी उसका नाम एलवल था, और मेरी गली के बाहर धोबियों के घर होने से, काफी गधे बंधे रहते थे, इसलिये मजाक में उसे, गधे वाली गली कहते थे और हमारे शहर में जो रेड लाइट एरिया थी, उसका नाम कालीन गंज था।) 



मेरी भाभी ने मुस्कराकर छेड़ा 



“क्यों आया मजा, अब तो नाम पता , गली ,मोहल्ला सब साफ साफ है , कोई कन्फूजन नहीं है।, ” 



मैं मुश्कुरा कर रह गयी। 


[Image: teen-young-b1274b213fb3290df1a87fb069b79223.jpg]
कामिनी भाभी ने कहा- 


“मैं असली तेज मिरच वाली सुनाती हूं”
Like Reply
#43
गाने में रगड़ाई , मेरी 

[Image: MIL-9019f3dcc6285e8e9c411cd81bef5761.jpg]


कामिनी भाभी ने कहा- 


“मैं असली तेज मिरच वाली सुनाती हूं” 

पूरबी ने ढोलक थामी और चम्पा भाभी ने उनका साथ देना शुरू किया- 



[Image: bride-dholak-1231.jpg]

अरे गुड्डी छिनार, हरामजादी, वो तो कुत्ता चोदी, गदहा चोदी, 
हमरे देवर के मुँह चूची रगड़े, 


उनके लण्ड पे अपनी बुर रगड़े, अपनी गाण्ड रगड़े, 


अपने भाई के मुँह पे आपन चूची रगड़े, अपनी बुर रगड़े (भाभी ने जोड़ा।)

 
अरे गुड्डी छिनार, हरामजादी, वो तो कुत्ता चोदी, गदहा चोदी


“क्यों गदहों के साथ भी, अभी तक तो कुत्तों की बात थी…” 



पूरबी ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा. 

[Image: Geeta-8fcb7e3ff98d08639f999bad9fbea36a.jpg]


“अरे जब ये अपनी गली के बाहर चूतड़ मटकाती हुई निकलती है, तो गदहों के भी लण्ड खड़े हो जाते हैं…” 



भाभी आज पूरे मूड में थीं। 

“क्यों मिरचा लगा…” कामिनी भाभी ने पूछा। 



“हां भाभी, बहुत तेज, लेकिन मजा तो मुझे तेज मिरची में ही आता है…”


 मैं मुश्कुराकर कर बोली। 

तभी किसी बड़ी औरत ने कहा- “अरे लड़का हुआ है तो थोड़ा नाच भी तो होना चाहिये, कौन आयेगा नाचने…” 



भाभी ने चमेली और चम्पा भाभी की ओर इशारा करके कहा- 



“मुन्ने की मामी को नचाया जाय…” 

“ठीक है, अगर ये तुम मान लो कि बच्चा मुन्ने के मामा का है तो हम तैयार हैं…” 


चमेली भाभी ने हँसकर कहा। 

आखिर भाभी को खुद उठना पड़ा। 

कुछ देर में चमेली भाभी भी उनका साथ देने के लिये खड़ी हुईं और नाचते नाचते, चमेली भाभी ने भाभी का जोबन पकड़ने की कोशिश की पर मेरी भाभी झुक कर बच ग यीं।


 भाभी ने मेरी ओर इशारा करते हुए कहा की, अगला नंबर मुन्ने कii बुआ का होगा। 


मैं मaन गयी पर मैंने कहा- “ठीक है, लेकिन मुन्ने की मौसी को साथ देना होगा…” 

कामिनी भाभी ने पूरबी से कहा- 



[Image: MIL-tumblr-np7oqctmhw1s82o8po1-500.jpg]

“ठीक है, हो जाये मुकाबला देखतें है कि बुआ और मौसी में कौन ज्यादा चूतड़ मटका सकती है…” 
Like Reply
#44
नाच का मुकाबला 



मैं मान गयी पर मैंने कहा- 


“ठीक है, लेकिन मुन्ने की मौसी को साथ देना होगा…” 





कामिनी भाभी ने पूरबी से कहा- “ठीक है, हो जाये मुकाबला देखतें है कि बुआ और मौसी में कौन ज्यादा चूतड़ मटका सकती है…” 

भाभी ने ढोलक सम्हाली और चन्दा उनका साथ दे रही थी। मेरे साथ पूरबी खड़ी हुई, भाभी ने गाना शुरू किया- 


[Image: bride-dance-99.jpg]




लौंडे बदनाम हुये, नसीबन तोरे लिये, हो गुड्डी तोरे लिए, 

ऊपर से पानी होगी, नीचे से नाली होगी, 
सट्टासट, घचाघच्च कीचड़ होगा, हो नसीबन, हो गुड्डी तेरे लिए






मैं भी पूरे जोश में “मेरी बेरी के बेर मत …” रीमिक्स की तरह कभी जोबन उभारकर, कभी झुककर लो कट चोली से जोबन झलकाकर, कभी चुदाई के दा अंज में चूतड़ मटकाकर नाच रही थी और पूरबी तो और खुलकर



भाभी ने अगली लाइन शुरू की- 





लौंडे बदनाम हुये, नसीबन तोरे लिये, हो गुड्डी तोरे लिए

छोटा सा कोल्हू होगा मोटा सा गन्ना होगा, अरे, छोटा सा कोल्हू होगा
सटासट जाता होगा, अरे सटासट जाता होगा, गुड्डी तेरे लिये,

अरे छोटी सी चूत होगी, मोटा सा लण्ड होगा, अरे गुड्डी तेरे लिये,
अरे गपागप जाता होगा, सटासट जाता होगा, हो गुड्डी तोरे लिए






कामिनी भाभी ने पूरबी को इशारा किया- 

“अरे पूरबी दिखा तो ससुराल से क्या सीख के आयी है” 

[Image: bride-dance.jpg]



पूरबी ने मेरी कमर पकड़ के रगड़ना कभी धक्के लगाना, इस तरह शुरू किया कि जैसे जोर की चुदाई चल रही हो।



कामिनी भाभी ने पूरबी को कुछ इशारा किया, और जब तक मैं समझती, 

चन्दा और गीता ने मेरे दोनों हाथ कस के पकड़ लिये थे और पूरबी ने मेरी साड़ी एक झटके में उठा दी और मेरे रोकते,-रोकते कमर तक उठा दी।





“अरे जरा ठीके से भरतपुर के दर्शन कराओ” 

[Image: boobs-jethani-champa-14963151-1260908645...5083-n.jpg]
चम्पा भाभी बोली.


और चन्दा ने पूरबी के साथ मिलकर मेरी जांघें फैला दीं।


[Image: Guddi-pussy-11.jpg]
मैं अपनी चूत हर हफ्ते, हेयर रिमूवर से साफ करती थी और अभी कल ही मैंने उसे साफ किया था इसलिये वह एकदम चिकनी गुलाबी थी। 


“अरे ये तो एकदम मक्खन मलाई है। चाटने के लायक और चोदने के भी लायक…” 

कामिनी भाभी बोल पड़ी।


[Image: bhabhi-3.jpg]

“अरे तभी तो गांव के सारे लड़के इसके दीवाने हैं और लड़के ही क्यों…” 

चम्पा भाभी ने हँसकर कहा। 



“और मेरा देवर भी…” 

भाभी क्यों चुप रहतीं, बात काटकर वो बीच में बोलीं। 



मैं पूरबी के साथ बैठ गयी। 



कामिनी भाभी भी मेरे पास आ गयीं। उनकी आँखों में एक अजीब चमक थी। चैलेंज सा देते हुये उन्होंने पूछा- 

“तो तुम्हें तेज मिरच पसंद है…” 



चैलेंज स्वीकार करते हुए मैं बोली- 


“हां भाभी जब तक कस के नहीं छरछराये तो क्या मजा…” 

कामिनी भाभी ने मुश्कुराकर चम्पा भाभी से कहा- 



“तो इसको स्पेशल चटनी चटानी पड़ेगी…” 

चम्पा भाभी मुझसे बोलीं- 



अरे जब एक बार वो चटनी चाट लोगी तो कुछ और अच्छा नहीं लगेगा …” 

[Image: mom-5.jpg]



कामिनी भाभी और कुछ बोलतीं तब तक उनकी एक ननद ने उनको चुनौती दे दी और वह उससे लोहा लेने चल पड़ीं।



मैं और पूरबी बैठकर मज़ा ले रहे थे, एकदम फ्री फार आल चालू हो गया था।

पकड़ा-पकड़ी, सब कुछ चल रहा था, चन्दा के पीछे चम्पा भाभी और गीता के पीछे चमेली भाभी पड़ीं थीं। 


सुनील की छोटी बहन रीना भी थी, । 


[Image: Guddi-cute-70641.jpg]

चेहरा बहुत भोला सा, टिकोरे से छोटे छोटे उभार, फ्राक को पुश कर रहे थे, पर गाली देने में भाभी लोगों ने उसको भी नहीं बख्शा, आखिर उनकी ननद जो थी। 
Like Reply
#45
पूरा मस्ती भरा माहौल है।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
Like Reply
#46
(06-02-2019, 09:50 PM)Black Horse Wrote: पूरा मस्ती भरा माहौल है।

yessssssssss next post aaj
Like Reply
#47
I am continuing my story
A wedding ceremony in village
A story of 7 differnt women same plot in different style
Give ur precious time read it ones and if u liked it give ur feedback

Link below
A WEDDING CEREMONY IN VILLAGE
https://xossipy.com/thread-1191.html
Like Reply
#48
बारहवीं फुहार 

मजा रतजगे का 

[Image: boobs-jethani-14054088_248867345507149_7...4382_n.jpg]

मामला एकदम गरम हो गया था। मैंने चंदा का हाथ दबा के कहा, अब खत्म होने वाला है क्या। 



मुस्कराकर , उसने मेरे गाल के डिम्पल पे जोर से चिकोटी काट ली और बोला , " जानू अभी तो शुरू हुआ है , जब तक तुझे नंगा न नचाया तब तक , .... "



लेकिन उसकी बात बीच में रह गयी। कुछ हंगामा शुरू हो गया था। पीछे वाले कमरे से कोई पंडित जी से आये थे और बसंती उनके पीछे पड़ी थी। 



धोती , लंबा ढीला कुर्ता , माथे पे चन्दन का टीका , गले में माला और एक झोला। 



बसंती पीछे पड़ी थी पंडित जी के , " अरे तनी एनकर धोतियाँ उठाय के देखा। "



मैंने चंदा से हलके से पूछा,इ कौन है , और जवाब पूरबी ने दिया ,



[Image: 5bd3587523733a72e4692e2e1752ded3.jpg]




" जरा ध्यान से देखो पता चल जाएगा। "



और सच में उनकी आवाज और हंसी ने सारा राज खोल दिया , कामिनी भाभी थीं , पंडित ,ज्योतिषी बन के आई थीं। 



और अपनी किसी ननद का हाथ देख रही थीं , किसी की कुंडली बिचार रही थीं और उसकी सब पोल पट्टी खोल रही थीं। 



तब तक उनकी निगाह मेरी ओर पड़ी , और मेरी भाभी ने मुस्कराकर उन्हें बुलाया और बोला ,



" ये मेरी ननद है ,सावन में आई है अपनी ताल पोखरी भरवाने , मेरे साथ। "



कामिनी भाभी को तो बस यही मौक़ा चाहिए था। जैसे ही वो मेरे पास बैठीं , भाभी ने फिर पुछा ,


[Image: 37bf04b7adac8bb1376daba0555994b9.jpg]


" पंडित जी ज़रा ठीक से देखियेगा , इसकी अभी फटी की नहीं और कौन कौन चढ़ेगा इस के ऊपर। "



कामिनी भाभी ने मेरी कलाई कस के पकड़ी और हाथ को खूब ध्यान से देखा , और उनकी आँखों ने जब झाँक के मेरी आँखों में देखा तो मैं समझ गयी आज मेरी पोल पट्टी खुलने वाली है। 

कल रात अजय के साथ , आज पहले सुबह गन्ने के खेत में सुनील के साथ , फिर शाम को अमराई में चंदा के साथ , सुनील और रवि दोनों ने मिल कर , हचक हचक कर मेरी ली थी , अभी तक मेरी बुलबुल परपरा रही थी। 



मेरी आँखों ने कुछ गुजारिश की और उनकी चुलबुली आँखों ने मांग लिया लेकिन इस बात के साथ की , बच्ची इसकी कीमत वसूलूंगी ,वो भी सूद ब्याज के साथ। 



और फिर अपनी तोप उन्होंने मेरी भाभी की ओर मोड़ दी,

[Image: Dress-G-4c9efd7feae7b946a4ae74c187d85b4c.md.jpg]


" ये मस्त माल , चिकने गाल तुम्हारी ननद है की भौजाई? ऐसा मस्त जोबन , तुम्हारे तो सारे भैया इसके ऊपर चढ़ाई करेंगे। ये सिर्फ तुम्हारी नहीं सारे गाँव की भौजाई बनेगी। किसी को मना नहीं करेगी , लेकिन और ज्यादा साफ़ पता करने के लिए , मुझे इसका हाथ नहीं पैर देखना होगा तब असली हाल पता चलेगा इसकी ताल तलैया का। "



और जब तक मैं सम्ह्लू सम्ह्लू , ना ना करूँ , बसंती और पूरबी दोनों मेरे ठीक पीछे , घात लगाये , दोनों ने कसके मेरे हाथ जकड के पीछे खींच लिए और अब मैं गिर गयी थी ,हिल भी नहीं सकती थी। 



और पंडित बनी कामिनी भाभी लहीम शहीम , उनकी खेली खायी ननदे उनसे पार नहीं पा सकती थीं ,मैं तो नयी बछेड़ी थी ,



जैसे कोई चोदने के लिए टाँगे उठाये , एकदम उसी तरह से , … 



मैं छटपटा रही थी ,मचल रही थी ,लेकिन , और सारी भाभियों , ननदों का शोर गूँज रहा था था , पूरा पूरा खोलो। 



अपने आप लहंगा सरक के मेरी गोरी गोरी केले के तने ऐसी चिकनी जाँघों तक आ गया था , और गाँव में चड्ढी बनयायिन पहनने का रिवाज तो था नहीं , तो मैंने भी ब्रा पैंटी पहनना छोड़ दिया था।

कामिनी भाभी की उंगलिया ,जिस तरह मेरी खुली,उठी मखमली जाँघों पे रेंग रही थी ,चुभ रही थीं जैसे लग रहा था बिच्छू ने डंक मार दिया। जहरीली मस्ती से मेरी आँखे मुंद रही थीं बिना खोले , जांघे अपने आप फैल रही थीं। 



और और , सब भाभियाँ लडकियां चिल्ला रही थीं। 

पंडित बनी कामिनी भाभी का हाथ घुटनों से थोड़े आगे जाके रुक गया , और फिर एक झटके में लहंगा उठा के , अपना पूरा सर अंदर डाल के वो झांक रही थी , साथ में उनकी शैतान उँगलियाँ , अब आलमोस्ट मेरी बुलबुल के आसपास और एक झटके में उनकी तरजनी जहाँ ,वहां छू गयी , लगा करेंट जोर से। 



पंडित जी ने जैसे लहंगा से सर बाहर निकाला , जोर से हल्ला हुआ , क्या देखा , किससे किससे चुदेगी ये बिन्नो। 



थोड़ी देर मुस्कराने के बाद भाभी से वो बोलीं ,एक तो तेरा नंदोई है , …


फिर कुछ रुक कर , कब सब लोग जोर से हल्ला करने लगे तो वो बोली , भों भों। 



मतलब जान के भी मेरी भाभी ने पूछा और कहा , पंडित जी मेरी एकलौती ननद है , खुल के बतालेकिन पंडित जी ने फिर एक चौपाया बनने का , डॉगी पोज का इशारा किया और भों भों। 


जवाब चंपा भाभी , ( मेरी भाभी की भौजाई ) ने दिया , 


" अरे ई रॉकी , ( भाभी के यहाँ का कुत्ता ) से चुदवाई का "
Like Reply
#49
पंडित जी ,दरोगा जी 




[Image: bhabhi-6.md.jpg]



मतलब जान के भी मेरी भाभी ने पूछा और कहा , पंडित जी मेरी एकलौती ननद है , खुल के बतालेकिन पंडित जी ने फिर एक चौपाया बनने का , डॉगी पोज का इशारा किया और भों भों। 

जवाब चंपा भाभी , ( मेरी भाभी की भौजाई ) ने दिया , " अरे ई रॉकी , ( भाभी के यहाँ का कुत्ता ) से चुदवाई का ". 

पंडित जी बनी कामिनी भाभी ने हामी में सर हिलाया और ये भी बोला " ई बहुत जरूरी है , नहीं तो इसके ऊपर एक ग्रह का दोष है उ तबै शांत होगा जब ई कौन कुत्ता से चुदवायेगी। हाँ लेकिन ये सीधे से नहीं मानेगी , जोर जबरदस्ती करनी पड़ेगी। दूसरे , अबकी कातिक में ही जोग है। बस एक बार चुदवा लेगी फिर तो ,"

एक बार फिर चंपा भाभी मैदान में आ गयीं और हाल खुलासा बयान करने लगी ,

" अरे कोई बात नहीं ,दो तीन महीने की बात है। और बस , आँगन में जो चुल्ला लगा है न बस उसी में बाँध देंगे , जैसे बाकी कुतिया बांधते है , सांकल से , फिर तो रॉकी खुदै चाट चुट के इसकी चूत गरम कर देगा ,और एक बार जब उसका लंड घुस के , गाँठ लग गयी बस , फिर छोड़ देंगे उसको , … "

" अरे भाभी तब तो उसको घेररा घेररा के , पूरे घर में , " कजरी बोली। 

" अरे घर में काहें पूरे गाँव में , रॉकी की गाँठ एक बार लग जाती है तो घंटे भर से पहले नहीं छूटती। " बसंती , जो भाभी के घर पे नाउन थी उसने जोड़ा। 


" अरे एक दो बार ज्यादा दर्द होगा , फिर जहाँ मजा लग गया , फिर तो खुदे निहुर के रॉकी के आगे , " चम्पा भाभी ने मेरा गाल सहलाते बोला और जोड़ा मानलो चुदवाएगी ये कातिक में लकीन चूत तो अभी चटवा लो , उसकी खुरदुरी जीभ से बहुत मजा आएगा। "

और मेरी भाभी भी वो क्यों छोड़ती मौका , चंपा भाभी से बोलीं। 

" अरे भाभी , इस बिचारी ने मना किया है , वो तो आई ही है चुदवाने चटवाने , और कातिक में दुबारा आ जाएगी। "

लेकिन तबतक पंडित बनी कामिनी भाभी ने , दुबारा लहंगे में हाथ घुसा दिया था और इस बार उनकी उँगलियों ने मेरी चुनमिया को खुल के सहला दिया। 

किसी ने उनसे पूछ लिया , " क्यों पंडित जी , घास फूस है या चिक्कन मैदान। "

" एकदम मक्खन मलाई " और उन्होंने अपनी गदोरी से हलके से मेरी सहेली को दबा दिया। 

मैं एकदम पानी पानी हो गयी , गनीमत था उन्होंने हाथ निकाल लिया और बोली ,

" सिंपो सिंपो "

" गदहा , अरे पंडित जी , इसकी गली के बाहर ही तो ८ -१० बंधे रहते हैं , मैंने तो देखा भी है इसको ,उनसे नैन मटक्का करते। "

दो चार भाभियों ने एक साथ मेरी भाभी को सराहा , ' बिन्नो बड़ी ताकत है तेरी ननद में , कुत्ता गदहा सब का ,… "

तब तक पंडित जी ने लहंगा थोड़ा और ऊपर सरका दिया , बस बित्ते भर मुश्किल से ऊपर सरकता तो खजाना दिख जाता , और अबकी न सिर्फ उनकी गदोरी जोर जोर से मेरी बुलबुल को सहला रही थी साथ में उनके अंगूठे ने क्लिट को जोर से दबा दिया। 

बड़ी मुश्किल से मैं सिसकी रोकी। 

और पंडित बनी कामिनी भाभी ने हाथ हटा दिया। उधर पीछे से बसंती और पूरबी ने भी मेरा हाथ छोड़ दिया। किसी तरह लहंगे को ठीक करती मैं बैठी। 

और अब पंडित जी मेरी पूरी भविष्यवाणी बिचार रहे थे। 

चम्पा भाभी से वो 'बोल रहे ' थे --

" अरे यहाँ तो ई तुम्हारे देवरों का मन रखेगी , लेकिन अपने मायके पहुँच के ( मेरी भाभी की ओर इशारा करके ) सबसे ज्यादा तो इनके देवर का भी मन रखेगी ,बिना नागा।"

" मतलब यहां इनकी भौजाई , और वहां देवरानी बनेगी " चम्पा भाभी और बाकी भाभियाँ हँसते खिलखिलाते बोलीं। 

मेरी पता नहीं कब तक कामिनी भाभी रगड़ाई करती लेकिन एक भाभी ने , उन्हें पूरबी की ओर उकसा दिया। 

" अरे पंडित जी तानी एकर पत्रा बिचारा , फागुन में ई ससुरे गयी गौने के बाद , और सावन लग गया अबहीं तक गाभिन नहीं हुयी। "

पंडित बनी कामिनी भाभी ने उसका आँचर एक झटके में हटा दिया , ( और अबकी पूरबी की दोनों कलाइयां मेंरे हाथ में थीं ) , थोड़ी देर पेट सहलाया और फिर एक झटके में हाथ पेटीकोट के अंदर। 

हम सब समझ रहे थे की कामिनी भाभी का हाथ अंदर क्या कर रहा है , खूब शोर हो रहा था , पूरबी मजे ले रही थी लेकिन पैर पटक रही थी। 

चार पांच मिनट खूब मजे लेने के बाद ' पंडित जी ' ने हाथ बाहर निकाला , और बड़ा सीरियस चेहरा बना के बोलीं ,

" बहुत मुश्किल है , कौनो योग नहीं लग रहा है। "

अब चम्पा भाभी भी सीरियस हो गयीं और पूछा , अरे पंडित जी का बात है , कतौ पाहुन में कुछ , एकरे मरद में कुछ कमी तो "

" अरे नहीं , उ तो बिना नागा , लेकिन गडबड दो है , एक तो इसके मर्द को गांड मारने का शौक बहुत है , चूत से ज्यादा ई गांड में लेती ही , दूसरे जब ई चुदवाती भी तो है खुदे ऊपर रहती है , खुद चढ़ के चोदती है , तो हमें तो डर है की कही इसका मरद ही न गाभिन हो जाय। "

जोर का ठहाका लगा और इसमें सिर्फ भाभियाँ ही नहीं बल्कि लड़कियां भी शामिल थीं। 

और इसी ठहाके के बीच एक दरोगा जी , आ गए। 

और मैंने भी उन्हें पहचान लिया , जिस दिन हम लोग आये उसी दिन जब सोहर हो रहा था , तो वो आई थीं , मुन्ने को देखने और भाभी की माँ को खूब खुल के छेड़ रही थीं। रिश्ते में भाभी की बुआ लगती थीं , इसलिए भाभी की माँ उनकी भाभी हुईं तो फिर तो मजाक का ,

और अबकी उन्होंने फिर भाभी की माँ और चाची को ही टारगेट किया। 

रतजगा में वैसे भी कोई शरम लिहाज , उमर का कोई बंधन नहीं था। 

बल्कि बल्कि जो ज़रा बड़ी उमर की औरतें होती थीं , वो और खुल के मजाक , और बात चीत से ज्यादा हाथ पैर से , कपडे खोलने ,… और दरोगा जी ने यही किया , 

भाभी की माँ के ब्लाउज में सीधे हाथ डाल दिया , और उनका साथ भाभी की रिश्ते में लगने वाली दो भाभियाँ दे रही थीं , दोनों हाथ पकड़ के। ( बहुओं को भी मौक़ा मिलता था सास से मजा लेने का )
" साल्ली ,बेटीचोद , अभी तक तो अपनी बेटियों से धंधा कराती थी , चकला चलाती थी अब चोरी चकारी पे उत्तर आई , भोसड़ी वाली। तेरे गांड में डंडा डाल के मुंह से निकालूंगी , बोल कहाँ कहाँ से चोरी की , क्या चोरी की , "

भाभी की माँ भी अब रोल में आ गयी थीं , बोलने लगी , " नहीं दरोगा जी , कुछ नहीं चुराया। "

लेकिन उनकी रिश्ते की बहुएं ,नयी नवेली एकदम जोश में थी ,

" दरोगा जी ,ये ऐसे नहीं मानेगी , पुरानी खानदानी चोर है , नंगा झोरी लेनी पड़ेगी साली की। " वो दोनों एक साथ बोलीं। 

बुआ जी जो दरोगा की ड्रेस में थी , अपनी भौजाई के बलाउज में हाथ डाल के सबको दिखा के खूब कस कस के चूंची रगड़ मसल रही थी और फिर एक झटका मारा उन्होंने तो आधे से ज्यादा बटन ब्लाउज के टूट गए और गदराये गोरे बड़े बड़े जोबन दिखने लगे। 

उन्होंने अपनी मुट्ठी खोली ( चंदा ने मेरे कान में बोला , देख इसमे से क्या क्या निकलेगा ) और सच में कुछ अंगूठियां , कान की बाली निकली। 


उन्होंने सब को दिखाया और नए जवान 'सिपाहियों ' ( भाभी की माँ की बहुओं ) को ललकारा 

" अरे ये तो नमूना है , साल्ल्ली ने अपनी गांड और भोंसड़े में बहुत छिपा रखा है , खोल साडी। "

जब तक वो सम्हलातीं , दोनों , सिपाहियों ने पीछे से उन्हें खींच के गिरा दिया और बुआ जी उर्फ़ दरोगा ने , साडी पूरी कमर तक। 



[Image: pussy-fingering-CU.md.jpg]


भाभी की मातृभूमि के दर्शन सबको होगये ,खुलम खुल्ला और यही नहीं बुआ जी ने एक ऊँगली अंदर भी घुसेड़ दी , और उनकी दोनों बहुओं ने ब्लाउज की बाकी बटने भी खोलकर दोनों कबूतर बाहर। 


फिर तो आधे घंटे में एकदम फ्री फॉर आल हो गया 


बाहर बारिश बहुत तेज हो गयी थी। 

रात खत्म होने के कगार पे साढ़े तीन चार होने वाला था। 


और तबतक एक 'लड़का ' आया , दुल्हन की तलाश में , और सब लोग अपनी अपनी हरकतें छोड़ के चुप चाप बैठ गए।


हाइट करीब मेरी ही रही होगी , गोरा रंग , तीखे नाक नक्श ,बड़ी बड़ी आँखे , भरे भरे गाल और पेंट शर्ट ,कोट पहने एक टोपी लगाए। 

मैंने पहचाना नहीं , लेकिन टोपी भी उसकी लम्बे बाल जो मोड़ के खोंसे थे , मुश्किल से छुपा पा रही थी। 
Like Reply
#50
शहरी माल की तलाश 

[Image: teen-hot.md.jpg]




हाइट करीब मेरी ही रही होगी , गोरा रंग , तीखे नाक नक्श ,बड़ी बड़ी आँखे , भरे भरे गाल और पेंट शर्ट ,कोट पहने एक टोपी लगाए। 

मैंने पहचाना नहीं , लेकिन टोपी भी उसकी लम्बे बाल जो मोड़ के खोंसे थे , मुश्किल से छुपा पा रही थी। 

थी तो कोई गाँव की लड़की , लेकिन एकदम लड़का। यहाँ तक की मूंछे भी जबरदस्त और बार वो अपने मूंछो पे हाथ , 

चंदा और पूरबी भी उसे गौर से देख रही थीं , पहचानने की कोशिश कर रही थीं , तब तक वो कजरी के पास जा के बैठ 'गया ' और उसके साथ उसकी भाभी भी थीं। 

" अरे ये लड़का शहर से आया , सरकारी नौकरी है, ऊपर क आमदनी भी , लड़की देखे के लिए , … " भाभी उसकी बोल रही थीं लेकिन बसंती ने बात काटी। 

" अरे ऊपर क ना , नीचे क बात बतावा , औजार केतना बड़ा हौ , खड़ा वडा होला की ना , कतो गंडुआ तो ना हौ। " 




[Image: Village-pic-5-big.jpg]






वो लड़की वाले की ओर से हो गयी थी। 


" अरे ठीक ९ महीना में सोहर होई। पक्का गारंटी। रात भर चूड़ी चुरुरमुरुर होई। " 


'लड़के ' की भाभी ने बात सम्हालने की कोशिश की। 


लेकिन लड़के ने कजरी को रिजेक्ट कर दिया। 

उसकी आँखे गाँव की भौजाइयों , चाचियों ,मौसियों , बुआओ के बीच खिखिलाती , शोर मचाती दर्जनो लड़कियों के बीच कुछ तलाश कर रही थी। 


इसी बीच , भाभियाँ भी , कोई उसे चिढ़ा रहां था , कोई अपनी किसी ननद का नाम सजेस्ट कर रहा था ,

पर वह सीधे मेरी भाभी के पास , 


इसी बीच चंदा और पूरबी जो मेरे साथ बैठी थीं , दोनों ने झट पहचान लिया , " अरे ई तो मंजुआ हो। एकदमै ,… 

पता ये चला की वो जो भाभी उसके साथ थीं , शीला भाभी वो उनकी ममेरी बहन थी , और अपने को एकदम उस्ताद समझती थी , और चंदा और उसकी सहेलियों से उसकी ज्यादा नहीं पटती थी। बात कई थी , वो पास के एक छोटे से शहर की थी , लेकिन गाँव की लड़कियों , लड़कों को एकदम गंवार समझती थी। 'ऐसे वैसे 'मजाक का एकदम से बुरा मानती तो थी , पलट के बोल देती थीं मुझे ऐसी गँवारू बातें पसंद नहीं। पिछली बार जब वो आई एक दो लड़कों ने ( जिसमें सुनील भी शामिल था ) थोड़ा लाइन मारने की कोशिश की , तो बस एकदम से अल्फफ , और दस बातें सुना दी , गंवार ,तमीज नहीं और भी ,… 

लेकिन कुछ उसमें ख़ास बात थी भी , जिससे लड़कों का मन डोलता था ,और वो था उसका गदराया जोबन। इस उम्र में भी खूब बड़ा बड़ा , उभरा ,मस्त एकदम जानमारु। और ऐसे टाइट कपडे पहन के चलती थी की , उभार कटाव सब पता चले. और साथ ही उसके चूतड़ , वो भी चूंचियो की तरह डबल साइज के। रंग तो एकदम गोरा था ही। 



[Image: guddi-s-frnds-fc2ab74f7dc6abda51ddb2443307d9c6.jpg]

पर जिस दिन से उसने सुनील को उल्टा सीधा बोला , उस दिन से चंदा और बाकी सभी गाँव की लडकियां एकदम जली भुनी। ये सब बातें पिछले साल जाड़े की थी , जब वो यहाँ आई थी। 

जब तक उसने भाभी से बात करना शुरू किया , चंदा और पूरबी ने मुझे अच्छी तरह हाल खुलासा समझा दिया। और अब तो मैं भी उनके गोल की थी , और सुनील अजय तो अब मेरे भी,… भाभी भी 'उसके' पीछे पड़ी थीं , 

" कैसी लड़की चाहिए , देखने में , बाकी चीजों में , … "

" मुझे असल में ,एकदम शहर की , शहरी लड़की चाहिए , जो फैशनबल हो जींस स्कर्ट पहनती हो ,फरर फरर अंग्रेजी बोलती हो ,स्मार्ट हो " वो 'लड़का ' बोला ,

और साथ में उसके साथ अगुवाई कर रही , उसकी बहन और सबकी भाभी , शीला भाभी बोलीं। 

" हमारा लड़का भी बहुत स्मार्ट है , सब काम अंग्रेजी में करता है ",


लेकिन मेरी भाभी से पार पाना आसान नहीं था , वो बोलीं ,


[Image: jethani-actresses-who-look-hot-in-red-149881737930.jpg]


" अरे शहरी माल पसंद था तो शहर के मॉल में ढूंढती , इहाँ कहाँ ,गाँव जवार में , एह जगह तो गाँव वाली गँवारन ही मिलेंगी। और फिर स्कर्ट जींस का कौन मतलब , शादी के बाद कौन लड़का अपनी दुल्हन को कपडे पहनने देता है , चाहे जींस हो या लहंगा उतर तो सब जाता है। "

और सारी भाभियों ,लड़कियों के ठहाके गूँज गए। 

और वो 'लड़का' उसकी निगाहें चारो ओर मुझे ही ढूंढ रही थी , लेकिन बसंती , चंदा ,गीता और पूरबी ने मुझे अच्छी तरह छुपा रखा था। 
फिर तो एक के बाद एक सारी भाभियाँ , 

चंपा भाभी ने पूछा " कहो उ हो सब , काम भी अंग्रेजी में करते हो का। "

लेकिन फंसाया उसको बसंती ने , " बोली अच्छा एक शहर का माल दिखाती हूँ लेकिन एक बात है जो तुम्हारी साली सलहज है उनकी बात माननी होगी। "

और मैं उस के सामने आ गयी। 

फिर चट मंगनी पट ब्याह। 

शादी की सब रस्मे हुयी और मेरी सारी सहेलियों भाभियों ने जम के गालियां सुनाई , कोहबर की भी सब रस्में हुयी और उसमे भी खूब रगड़ाई ,… 

" शादी के बाद सुहाग रात भी होगी वो भी सबके सामने " शीला भाभी ने छेड़ा ,तो जवाब मेरी ओर से बसंती ने दिया ,

" एकदम , लेकिन लड़की की ओर से मैं चेक करुँगी , सुहागरात मनाने वाला औजार , और अगर ६ इंच से सूत भर भी कम हुआ न तो पलट के दूल्हे की गांड मार लुंगी। " और एक बार फिर ठहाके गूँज गए। 


थोड़ी देर में पहले तो ऊपर के कपडे उतरे और फिर बंसती ने चेक किया ,

औजार था , एक मोटी कैंडल पे कंडोम चढ़ाके बनाया , और ६ इंच पूरा , इसलिए बिचारे की गांड बच गयी , लेकिन शर्त मुताबिक़ , मेरी सहेलिया चंपा , गीता ,, कजरी सब ऐन मौके पे 

थोड़ी देर तक तो मैंने 'उसे ' मजे ले ने दिए लेकिन फिर थोड़ी देर में मैं ऊपर ,

" हमारे यहां की रसम है की सुहाग रात में पहले दुलहन ऊपर रहती है , " 




चम्पा भाभी हंस के बोली , 

उस की मोमबत्ती अब दूर हट गयी , मैंने तो सोचा था की कम से कम तीन ऊँगली डाल के ( ये सलाह बसंती की थी ) लेकिन पहली ऊँगली में ही लग गया की माल अभी कोरा है , 






[Image: guddi-pussy-2c0cy-L3-Qvx.jpg]



फिर तो मुझे सुनील और गाँव के बाकी लड़कों की याद आ गयी , बस मैंने बख्श दिया , लेकिन इतनी रगड़ाई की की , मंजू से सबके सामने मनवा लिया की न सिर्फ सुनील से बल्कि गाँव के हर लडके से वो खुल के चुदवायेगी, और फिर कभी गाँव में किसी का मजाक नहीं बनाएगी। 

और उस बिचारी को बचाने आता भी कौन ,उसकी बहन ,शीला भाभी को मेरी भाभी , कामिनी भाभी ने दबोच लिया था और उनकी रगड़ाई तो मंजू से भी कस कस के हो रही थी। 



[Image: nips-rub-lez-tumblr_ozl9tgbDTb1wf2484o1_400.jpg]


और तब तक सबेरा हो गया था। 

बारिश बंद हो चुकी थी। 

खपड़ैल की छत से , पेड़ों की पत्तियों अभी भी टप टप पानी की बूंदे रुक रुक के गिर रही थीं। 



[Image: rain-house.md.jpg]
Like Reply
#51
update from last page
Like Reply
#52
तेरहवीं फुहार 

बसंती 

[Image: Geeta-1876a00b83e4c13795a034ed75af6643.md.jpg]

बारिश बंद हो चुकी थी। 


खपड़ैल की छत से , पेड़ों की पत्तियों अभी भी टप टप पानी की बूंदे रुक रुक के गिर रही थीं। 

हम लोग घर वापस आगये , पूरबी ने कहा था की वो कल मुझे नदी ले चलेगी नहाने , लेकिन थोड़ी देर में फिर बहुत तेज बारिश शुरू हो गयी। 

कहीं भी निकलना मुश्किल था। 

और मैं भी दो रात लगातार जग चुकी थी , एक रात अजय के साथ और कल रतजगे में। 

दोपहर तक मैं सोती रही , बसंती ने खाने के लिए जगाया तब नींद खुली। 


कल रात के रतजगे का फायदा ये हुआ की अब हम सब लोग एकदम खुल गए थे , चंदा, पूरबी के साथ गाँव की बाकी लड़कियां और सारी भाभियाँ। किसी से अब किसी की 'कोई चीज ' छुपी ढकी नहीं थी।
और सबसे बढ़कर बसंती से मेरी दोस्ती एकदम पक्की हो गयी थी , वैसे भी वो एकदम खुल के मजाक करती थी ,लेकिन कल जैसे मैंने बसंती के साथ मिलकर मंजू की रगड़ाई की , सबके सामने खुलकर ,उसकी ऊँगली की , चूंचियां मसली और दो बार झाड़ा था , बसंती और मैं दोनों एक दूसरे के फैन हो गए थे। 

मुश्किल से उठते हुए मैंने बसंती से पहला सवाल दागा ,

" भाभी कहाँ है। "

मुस्कराती बसंती ने अपने अंदाज में जवाब दिया ,

[Image: Geeta-aa45cc87a1116cda158b78a3d373a65e.md.jpg]

" अपने भैया से चोदवाने गयी हैं। "

पता चला वो अजय के घर ,मुन्ने के साथ गयी हैं। शाम तक लौटेंगी। 

और चंपा भाभी ,कामिनी भाभी के घर गयी थीं , मैं गहरी नींद में सो रही थी तो बसंती को ये काम सौंपा गया था की मुझे उठा के खाना खिला दे। 

और खाना खाने में मैं बसंती से डरती थी ,वो इतने प्यार से , और इतनी जबरदस्ती खिलाती थी की यहाँ आने के बाद मेरा खाना दूना हो गया था। 

और आज फिर यही हुआ , जैसे मैंने मना किया , बस वो चालू हो गयी ,

" अरे खाना नहीं खाओगी तो मेहनत कैसे करोगी। गाँव में इतने लडके हैं सबका बोझ उठाना होगा , गन्ने के खेत में , अमराई में हर जगह टांग उठाये रहना पडेगा। "

" देख नहीं रही हो ,मेरा वजन कैसे बढ़ रहा है " मैंने हँसते हुए अपनी देह की ओर इशारा किया , तो बसंती ने सीधे अपने हाथ से मेरे उभार दबा दिए और घुंडी मरोड़ के बोली,

[Image: boobs-teen.md.jpg]

" अरे मेरी बिन्नो जब यहां से लौटोगी तो इसका वजन जरूर बढ़जाएगा , कुछ तुम्हारी भाभी के भैया , मीज मीज के, दबा दबा के बढ़ा देंगे और कुछ मैं खिला पिला के , लेकिन शहर में जो तेरे यार होंगे न उनका तो मजा दूना हो जायेगा न , एकदम जिल्ला टॉप माल बनोगी। "

बंसती की बात का जवाब मेरे पास नहीं थी , लेकिन जब मैंने थाली से कुछ कम करने की कोशिश की तो उसने और डाल दिया ,और बोली ,

" बिन्नो खाना तो खाना ही पडेगा , ऊपर के छेद से नहीं खाओगी तो नीचे के छेद से खिलाऊँगी , तेरी गांड में घुसेड़ूँगी। "

मैं और बंसती साथ साथ खा रहे थे। बरामदे में। 

हलकी हलकी सावन की झड़ी कच्चे आँगन में बरस रही थी। मिटटी की मादक महक बारिश की बूंदो के पड़ने से उठ रही थी। 

[Image: rain-G-N-7.md.jpg]

" नहीं पीछे का छेद तुम माफ करो मैं ऊपर वाले से ही खा लुंगी " हँसते हुए मैं मान गयी। वैसे भी बंसती से कौन जीत सकता था। 

“वैसे जानती हो भरपेट बल्कि भरपेट से भी थोड़ा ज्यादा खाने से ,गांड मरवाने वाली और मारने वाले दोनों को मजा मिलता है। "

बसंती ने ज्ञान दिया , जो मेरे सर के ऊपर गूजर गया। 

हम दोनों हाथ धुल रहे थे , मैंने बिना शर्माए बसंती से पूछ ही लिया , कैसे। 

जोर से उसने मेरा गाल पिंच किया और बोली , 


“अच्छा हुआ तुम गाँव आगयी वरना शहर में तो,… अरे गांड में लबालब मक्खन मिलता है , गांड मारने वाले को सटासट जाता है. और मरवाने वाली को भी खाली पहली बार घुसवाते दर्द होता है , एक बार गांड का मक्खन लग गया फिर तो फचाफच,अंदर बाहर।“



मैं समझ गयी थी वो किस गांड के मक्खन की बात कर रही थी। लेकिन एक बार बसंती चालू हो गयी तो उसको रोकना मुश्किल था। 

और रोकना चाहता भी कौन था , मुझे भी अब खूब मजा आता था ऐसी बातों में। 

मैंने बसंती को और उकसाया और अपनी मुसीबत मोल ले ली ,

" अरे पिछवाड़े कौन मजा आएगा, .... " मैंने बर्र के छत्ते में हाथ डाल दिया ये बोल कर। 

और ऊपर से आज कहीं जाना नहीं था , मैं अपनी एक छोटी सी स्कर्ट और कॉलेज की टॉप पहने थी। बस बसंती को मौका मिल गया ,

सीधे उसने मेरे स्कर्ट के पिछवाड़े हाथ डाल दिया और मेरा भरा भरा नितम्ब उसकी मुट्ठी में। 


[Image: rear-end-hump-day-hq-7.md.jpg]
Like Reply
#53
मजा पिछवाड़े का 

[Image: Dress-college-girl-7ef15a4aef4dfda34263d...967.md.jpg]

मैं अपनी एक छोटी सी स्कर्ट और कॉलेज की टॉप पहने थी। 





ब्रा और पैंटी तो वैसे भी गांव में पहनने का रिवाज नहीं था तो मैं भी बिना ब्रा पैंटी के ,… बस बसंती को मौका मिल गया ,



सीधे उसने मेरे स्कर्ट के पिछवाड़े हाथ डाल दिया और मेरा भरा भरा नितम्ब उसकी मुट्ठी में। 



जोर जोर से रगड़ते मसलते बसंती ने चिढ़ाया ,





"सारे गाँव के लौंडे झूठे थोड़े एहके पीछे पड़े हैं, अइसन चूतड़ मटकाय मटकाय के चलती हो , बिना तोहार गांड मारे थोड़े छोड़ीहैं , इतनी नरम मुलायम गांड हौ ,बहुत मजा आएगा लौंडों को तेरी गांड मारने में। "



और ये कहते कहते उनकी तरजनी सीधे पिछवाड़े के छेद पे पहुँच गयी। और गचगचा के उन्होंने एक ऊँगली घुसाने की कोशिश की लेकिन रास्ता एकदम बंद था। 


[Image: ass-tumblr_pfsxiiMNmI1rkdhugo1_1280.md.jpg]



"अरे ई तो ऐकदमे सील पैक है , बहुत मजा आएगा , जो खोलेगा इसको। डरना मत अरे दर्द होगा , चीखो चिल्लाओगी बहुत गांड पटकोगी , लेकिन गांड मारने वाला जानता है , बिना बेरहमी के गांड नहीं मारी जा सकती। "

मेरे सामने अजय की तस्वीर घूम गयी , नहीं उसके बस का नहीं है , वो मेरा दर्द ज़रा भी नहीं बर्दाश्त कर पाता है , एक बार चिल्लाऊंगी तो वो निकाल लेगा।



हाँ सुनील की बात और है ,वो नहीं छोड़ने वाला। 





कल की ही तो बात है , गन्ने के खेत में हचक हचक के चोदने के बाद जब मैं चलने लगी तो कैसे मेरे चूतड़ दबोच रहा था। 

और जब मैंने बोला की आगे से मन नहीं भरा क्या की पिछवाड़े भी ,तो कचाक से गाल काटने के बाद सीधे गांड पे उंगली रगड़ता बोला ,



"इतनी मस्त गांड हो और न मारी जाय ,सख्त बेइंसाफी है। " 


उससे बचा पाना मुश्किल है। 





बंसती की ऊँगली की टिप अभी भी गांड के छेद पे रगड़ रही थी, वो बोली ,



"जब बिन्नो तेरे गांड के छल्ले को रगड़ता,दरेरता ,फाड़ता घुसेगा न , एकदम आग लग जायेगी गांड में। लेकिन मर्द दबोच के रखता है उस समय , वो पूरा ठेल के ही दम लेगा। जब एक बार सुपाड़ा गांड का छल्ला पार कर गया तो तुम लाख गांड पटको , .... बस दो चार दिन में देखों कोई न कोई ये कसी सील खोल देगा। 



[Image: ass-fingering-5.jpg]


गांड मरवाने का असली मजा तो उसी दर्द में है. मारने वाले को भी तभी मजा आता है जब वो पूरी ताकत से छल्ले के पार ठेलता है , और मरवाने वाली को भी , और जो लड़की गांड मराने में जरा भी नखड़ा करे न तो समझो छिनारपना कर रही है , तुझसे छोटी उम्र के लौंडे गांड मरौव्वल करते हैं। "



बात बसंती की एकदम सही थी। 








उसकी पढ़ाई थोड़ा और आगे चलती की पूरबी आ गयी।



[Image: 13.md.jpg]
Like Reply
#54
पूरबी 

[Image: cleavage-xx.md.jpg]




उसकी पढ़ाई थोड़ा और आगे चलती की पूरबी आ गयी।


हलकी बारिश में साडी पूरबी की देह से चिपक गयी थी ,गोरा रंग , मस्ती में डूबे अंग , सब उभार कटाव झलक रहा था। 



और आते ही पूरबी चालू , बसंती से बोली ,



"अरे सावन में ननदी से अकेले अकेले मजा लूटा जा रहा है।"



"आओ न,वैसे भी हमारी ननदों का एक से मन कहाँ भरता है , आओ मिल के इसको ट्रेनिंग देते हैं।“

बसंती को भी एक साथी मिल गया। 



और मेरी स्कर्ट के अंदर अब पूरबी का हाथ भी घुस गया , आधे कटे तरबूजे की तरह गोल गोल कड़े कड़े मेरे चूतड़ , जिसके बारे में सोच के ही लौंडो का लंड खड़ा हो जाता है , वो बसंती और पूरबी के हाथों के कब्जे में.





और क्या कोई लड़का मसलेगा जैसे वो दोनों मिल के मसल रही थीं। 



"रात में तो पिछवाडे वाला सामान ठीक से दिखा ही नहीं " 


[Image: rear-end-18905679.md.jpg]




पूरबी बोली और उसने और बसंती ने मिलके एक साथ मेरा स्कर्ट उठा दिया , और यही नहीं दोनों ने मिल के हलके से धक्का दिया , और बरामदे में पड़ी बसखटिया पे मैं पट गिरी पेट के बल और पिछवाड़ा न सिर्फ पूरी तरह खुला था , बल्कि बसंती और पूरबी के हवाले। 





और दोनों नंबरी छिनार। 





"देखो कल ही चंपा भाभी ने मुझसे कहा था की मैं तुझे पूरी ट्रेनिंग दे दूँ ,जो भी ससुराल से सीख के आई हूँ , सीखा मैं दूंगी ,प्रैक्टिकल गाँव के लड़के करा देंगे। चम्पा भाभी की बात टालने की हिम्मत तो मुझमे है नहीं। " 


जोर जोर से मेरे चूतड़ दबाती ,चिढ़ाती पूरबी बोली। 

बसंती का साथ मिलने से वो और शेर हो गयी थी। 

बसंती की दो उंगलियां अब मेरे पिछवाड़े की दरार में,रगड़ रगड़ कर आग लगा रही थी। 

पूरबी क्यों मौका छोड़ती ,उसकी हथेली मेरे गदराये कड़े चूतड़ पे थी लेकिन अंगुलियां सरक कर ,मेरी बुलबुल के मुहाने पर पहुँच कर वहां छेड़खानी कर रही थी। 

[Image: asshole-teen-28559015d.jpg]


इतनी मस्त गांड अभी तक सील बंद इसका जल्द इलाज होना चाहिए , दोनों ने मेरे चूतड़ फैला के बोला। 

“इलाज तो मैं अभी कर देती लेकिन गाँव के लड़कों का नुक्सान हो जाएगा " बसंती रहम करती बोली। 

“ दो दिन का टाइम दे रही हैं तुझे , अगर तब तक नहीं फटी तो सोच लो,” पूरबी बोली। 

कुछ देर तक मेरी रगड़ाई होती रही लेकिन मैंने भी जुगत लगाई। 

पूरबी से मैं बोली , 

" अरे ये साडी गीली है , तबियत खराब हो जायेगी तो आपके मायके के यारों का क्या होगा। "

और ये कहके मैंने पूरबी का आँचल पकड़ के जोर से खींचना शुरू कर दिया और बसंती की ओर देखा , वो मुस्कराई और झट से उसने पाला बदल लिया।

जब तक पूरबी सम्हले , उसकी दोनों कलाइयां बसंती की सँडसी ऐसी कलाई की कड़ी पकड़ में। 

अब आराम से चक्कर ले के मैंने पूरी साडी उतार के चारपाई पे फ़ेंक दिया। 

और अब मैंने और बंसती ने मिल के , पूरबी को पीठ के बल ,.... 

“चलो अब अपनी गौने की रात की पूरी कहानी सुनाओ , " उसके ब्लाउज के बटन खोलती बसंती बोली। 


“कल सुनाया तो था,"पूरबी ने बहाना बनाया। 

लेकिन अब मैं भी गाँव के रंग में रंग गयी थी। 

"सुनाया था, दिखाया कहाँ था, इस्तेमाल के बाद बुलबुल की क्या हालत हुयी।” और जब तक पूरबी रानी सम्हले सम्हले, मैंने उसका साया पलट दिया और बुलबुल खुल गयी थी। 

हाथ अभी भी पूरबी के ,बसंती की पकड़ में थे.

और पूरबी की बुलबुल मेरे हाथ में। 



[Image: fingering2.jpg]


चूत सेवा , उंगली और हाथ से करना मैंने भी सीख लिया था। 
कुछ ही देर में पूरबी चूतड़ पटक रही थी और बसंती ने उससे गौने की रात का पूरा डीटेल उगलवा लिया। 


कैसे रात में करीब ९ बजे उसकी ननदे उसे कमरे में छोड़ गयीं और थोड़ी देर में वो अंदर आये , और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। पूरबी को मालूम था तब भी घबड़ा रही थी। 









[Image: bride-shgt.jpg]
Like Reply
#55
गौने की रात दुखदायी रे 


[Image: Bride-suhaagraat-b3db745a3a645ea1acb9c44...1ee.md.jpg]

कुछ ही देर में पूरबी चूतड़ पटक रही थी और बसंती ने उससे गौने की रात का पूरा डीटेल उगलवा लिया। 



कैसे रात में करीब ९ बजे उसकी ननदे उसे कमरे में छोड़ गयीं और थोड़ी देर में वो अंदर आये , और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। पूरबी को मालूम था तब भी घबड़ा रही थी। 



कैसे उन्होंने घूंघट उठाया , कैसे लजाते शर्माते उसने जैसे उसकी जिठानी ने कहा था , पहले दूध का गिलास फिर पान दिया। उन्होंने पान अपने होंठों में पकड़ कर लेने का इशारा किया। 


[Image: paan.md.jpg]




कुछ देर वो सकुचाती शर्माती रही ,न न करती रही फिर उसने अपने होंठो में , उनके होंठों से ले लिया।

बस उसके साजन को मौका गया। अपनी बाँहों में उन्होंने उसे जकड लिया और सीधे उनके होंठ , पूरबी के होंठों पे। 



पूरबी ने आँखे बंद कर ली , सब सिखाया पढ़ाया भूल गयी। अपने आप उसकी देह ढीली हो गयी। 



उनके होंठ , उसके होंठों का रस चूसते रहे ,हलके हलके पूरबी के गुलाबी रसीले होंठों को काटते रहे , और साथ साथ उनके हाथ पहले तो उसकी खुली पीठ सहलाते रहे , फिर अचानक सीधे चोली बंध पे , जब तक पूरबी सम्हले सम्हले चोली खुल चुकी थी। 



पूरबी ने अपने दोनों हाथों से आगे से अपनी चोली को पकड़ा , लेकिन उनके होंठ अब नीचे आके पूरबी की कड़ी गोरी गोलाइयों को चूम चाट रहे थे.



पूरबी पिघल रही थी ,उसकी पकड़ कमजोर हो रही थी। 



और एक झटके में जब पूरबी का ध्यान चोली बचाने की ओर था , उनका हाथ सीधे लहंगे के नाड़े पे , एक झटके में उन्होंने नाड़ा खोलकर ,लहंगा नीचे सरकाना शुरू कर दिया था। 





घबड़ा के पूरबी ने दोनों हाथों से लहंगे को जोर से पकड़ के उसे बचाने की कोशिश की , लेकिन वो शायद यही चाहते थे। जैसे ही पूरबी के हाथ , चोली से हटे, चोली बंध तो वो पहले ही खोल चुके थे, दोनों हाथों से उन्होंने पूरबी का चोली एक झटके में , अगले पल वो पलंग के नीचे पड़ा था , और उसके गदराये जोबन उसके सैयां की मुट्ठी में। 



थोड़ी देर तक तो वो बस हलके से छूते सहलाते रहे , फिर हलके हलके उन्होंने दबाना ,मसलना शुरू किया। 



और पूरबी बोली , 


[Image: boobs-184e05141fbcc5065eeb249543ae3dab.md.jpg]




“जब उन्होंने घुंडी पकड़ के हलके से मसलना शुरू किया तो बस मस्ती से जान निकलगयी , मैं सिसकी भरने लगी बस मन ये कर रहा था की जो करना हो कर दें। और फिर वो घुंडी जो उनकी हाथ में थी , उनके होंठों के बीच में आगयी ,कभी वो चूसते , कभी काटते। हाथ उनका मेरे पेट पे सरक रहा था , हम दोनों करवट लेटे एक दूसरे को बांहों में ,



लहंगे का नाड़ा तो उन्होंने पहले ही खोल दिया , इसलिए बिना रोकटोक उनका हाथ अंदर घुस गया , पेट के निचले हिस्से पे और फिर जाँघों के ऊपरी हिस्से पे। मेरा होश गायब हो चुका था , मुझे पता भी नहीं चला कब मेरा लहंगा उतरा ,कब उनके सारे कपडे उत्तर गए। 



मेरा भी होश खो चुका था , सोच सोच के मेरी बुलबुल गीली हो रही थी। लेकिन मैंने मुस्करा के पूरबी से पूछा ,



" तो होश आया कब " 



“जब उन्होंने सटाया, मेरी दोनों टाँगे उनके कन्धों पे थी, नीचे भी उन्होंने मोटी तकिया लगा दी थी , फिर फैला के , मेरा एकदम सेंटर में जब उन्होंने सटाया तो मैं गिनगिना गयी। "



पूरबी मुस्करा के बोली। 



" साल्ली , छिनार लौड़ा घोंटने में नहीं शरम ,चूसने में नहीं शरम और लंड बोलने में फट रही है तेरी " जोर से उसके निपल पे चिकोटी काटती ,बसंती बोली। 



फिर पूछा , कितना बड़ा लौंडा है तेरे मरद का। 



" अच्छा बोलती हूँ न ,अपना लंड मेरी कसी चूत से सटाया , अरे बहुत बड़ा है , करीब ७ इंच का थोड़ा ही कम होगा। और मोटा भी खूब है :" पूरबी ने खुल के बताया। 



लेकिन मेरा दिमाग अजय में लगा था उसका तो , ७ इंच से भी बड़ा है और मोटा भी। मेरे चूत में जोर जोर से कीड़े काटने लगे। 



" फिर क्या हुआ " मैंने पूछा। 


पूरबी जोर जोर से हंसी ,

"फिर क्या , मेरी फट गयी। बहुत दर्द हुआ जोर से बहुत रोकने पे भी मैं जोर से चिल्लाई मैं। बाहर साल्ली, छिनार ननदे कान पारे सुन रही थीं। जैसे ही मैं चीखी , उन सबकी जोर से खिलखिलाहट सुनाई पड़ी , फिर मेरे सास की आवाज आई , डांट के भगाया उन्होंने सबको। '



" क्यों कुछ चिकना नहीं लगाया था क्या पाहुन ने ". बसंती ने पूछा। 


[Image: fucking-cu-146994_08.jpg]




" अरे मेरी जिठानी ने खुद अपने हाथ से मेरी , … मेरी चूत में दो ऊँगली से ढेर सारा वैसलीन लगाया था. और कमरे में कड़वे तेल की बोतल भी थी। उन्होंने अच्छी तरह से लंड पे चुपड़ा था , लेकिन इतनी तेजी से धक्का मारा की , क्या करूँ रोकते रोकते चीख निकल गयी। उन्होंने पूरा ठेल दिया था। "



मैं सोच रही थी , आम के बाग़ में तेज बारिश में जब अजय ने मेरी फाड़ी थी , आधे लंड से बहुत सम्हाल के चोदा था , तब भी कितना चिल्लाई थी मैं , वो तो बाग़ में इतना सन्नाटा था , तेज बारिश थी , वरना मेरी चीख भी कम तेज नहीं थीं ,… मैंने उस बिचारे को इतना बुरा भला कहा तब भी उसने कित्तने प्यार से , …मेरे मन का डर निकल गया।



और मैं भी ऐसी अहसान फरामोश , दूसरी बार उसको दिया भी नहीं , .... 





" कित्ती बार चुदी पहली रात। " बसंती सीधे मुद्दे पे आ गयी। 





" तीन बार , सुबह सात बजे आखिरी राउंड लगाया उन्होंने। एक बूँद भी नहीं सोयी मैं। मैंने सास को कहते सुन लिया था अपनी जेठानी से की कमरा बाहर से बंद कर देना और ९ बजे के बाद ही खोलना , वरना सुबह से ही इसकी ननदे , "



लेकिन मेरा ध्यान तो अजय में लगा था। उस दिन इतना कम टाइम था , तूफानी रात थी तब भी दो बार ,



कभी रात भर का अजय के साथ मौका मिला तो मैं भी कम से कम तीन बार , चाहे जितना भी दर्द क्यों न हो। 



तब तक बाहर से भाभी की आवाज सुनाई पड़ी और हम तीनो खड़े ,



साडी और स्कर्ट दोनों में ये फायदा है , बस खड़े हो जाओ तो सब ढक जाता है। 



पूरबी ने अपनी साडी कब की लपेट ली थी और मुझसे बोली ,



" देखो मैं भूल ही गयी थी , किस काम के लिए आई थी। एक तो चमेली भाभी मिली थीं ( चमेली भाभी , मेरी सहेली चंदा की सगी भाभी ), उन्होंने तुम्हे बताने के लिए बोला था की उनके यहाँ कुछ मेहमान आये हैं , इसलिए चंदा कल शाम तक नहीं आ पाएगी। 



दूसरे , मैं कल सुबह आउंगी। मैं, कजरी ,गीता सब नदी नहाने चल रहे हैं , तुम भी तैयार रहना। "



और ये कह के वो बसंती के साथ खिड़की ,पिछले दरवाजे से निकल गयी। 



बाहर से अब भाभी के साथ अजय की आवाज भी सुनाई पड़ रही थी , भाभी उस से अंदर आने को कह रही थी लेकिन वो ,.... 



बस मैं मना रही थी की वो किसी तरह अंदर आ जाय ,बाकी तो मैं ,.... 



दरवाजा खुला ,पहले भाभी ,







… पीछे पीछे अजय। 





और अब मैंने अपने कपड़ों पे नजर डाली , मेरी एक पुरानी कॉलेज की यूनिफार्म , एक बहुत टाइट सी टॉप ,जिसमें कबूतर के साथ उनकी चोंचे भी नजर आ रही थी। और बस बित्ते डेढ़ बित्ते की स्कर्ट ,… 




लेकिन अब क्या हो सकता था। 


[Image: college-tumblr_nv0deuHusp1rt90yoo1_1280.md.jpg]
Like Reply
#56
चौदहवीं फुहार 



[Image: dress-nips-7015305914b1305a131d218bae999258.md.jpg]


\






अजय


मेरी एक पुरानी कॉलेज की यूनिफार्म , एक बहुत टाइट सी टॉप ,जिसमें कबूतर के साथ उनकी चोंचे भी नजर आ रही थी। और बस बित्ते डेढ़ बित्ते की स्कर्ट ,… 


लेकिन अब क्या हो सकता था। 


……………… 


और मैं गीली हो गयी। 



उसकी एक निगाह काफी थी। 



हाफ शर्ट से बाहर छलकती मछलियाँ , एक एक मसल्स जैसे साँचे में ढली , चौड़ा चकला सीना ,पतली कमर लेकिन जानमारु थी उसकी आँखे एकदम गहरी ,और कितनी कुछ कहती बोलती। 



वो बस एक बार देख ले , फिर तो मना करने की ताकत ही खत्म हो जाती थी , 


और उसकी मुस्कान। 


[Image: male3.jpg]

बस मन करता था उसे देखती ही रहूँ , 



और वो भी कम दुष्ट नहीं था ,नदीदों की तरह मेरे टेनिस बाल साइज के कड़े कड़े उभार देख रहा था ,और गलती उसकी भी नहीं थी , इन कबूतरों पर तो गाँव के सारे लौंडे दीवाने थे। और इस समय तो वो भी मेरी कसे छोटे से टॉप से बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे। 







बड़ी मुश्किल से मैंने सूना भाभी क्या कह रही थीं , 



मेरे कान में वो फुसफुसा रही थीं , यार मुन्ना तंग कर रहा है , उसके फीड का टाइम हो गया है , बस उससे दुद्धू पिला के वो , 



और फिर जोर से अजय को सुना के मुझसे बोलीं ,



" देख तेरे लिए किसे ले आई हूँ ,ज़रा मेरे भैया को कुछ पिलाओ विलाओ , मैं अभी थोड़ी देर में आती हूँ। "





और एक मुस्कान मार के , वो सीधे घर के अंदर। 



लेकिन मेरी निगाहें अभी भी अजय को सहला दुलरा रही थीं। 



उस जादूगर ने मुझे पत्थर बना दिया था। 



तब तक अजय की छेड़ती आवाज गूंजी ,



"अरे दी बोल गयी हैं , मेहमान को कुछ पिलाओ विलाओ , और तुम ,… "



बस मैं अपने असलियत में वापस आ गयी। आँख नचाती , उसे चिढ़ाती बोली 





" अरे भाभी मुन्ने को दुद्दू पिलाने गयी हैं , तुम भी लग जाओ न ,एक से मुन्ना ,दूसरे से मुन्ना के मामा। खूब चुसुर चुसुर कर के पीना , मन भर ,सब प्यास बुझ जायेगी। ''



लेकिन अजय से कौन पार पा सकता है , जहाँ बात से हारता है वहां सीधे हाथ ,



बस उसके हाथों ने झट से मुझे दबोच लिया जैसे कोई बाज ,गौरेया दबोचे। 



और अगले ही पल , एक टॉप के ऊपर से मेरे जुबना को दबोच रहा था और दूसरा टॉप के अंदर जवानी के फूल पे सीधे ,



' मुझे तो मुन्ने की बुआ का दुद्धू पीना है ' वो बोला , और उसके डाकू होंठों ने जवाब देने लायक भी नहीं छोड़ा ,


मेरे दोनों टटके गुलाब ऐसे होंठ अजय के होंठों के कब्जे में , और वो जम के चूम चूस रहा था। 

[Image: kisses-91332270f1fa0aba85418a67c548a1cf.md.jpg]


और थोड़ा सा मुझे खीच के अजय ने मेरे कमरे के बगल में ओट में खड़ा कर दिया जहाँ हम लोगों को तो कोई नहीं देख सकता था लेकिन वहां से अगर कोई आगन में आया तो पहले से दिख जाता। 


होंठ तो बस नसेनी थे , नीचे उतरने के लिए। 


टॉप उठा , मेरे दोनों टेनिस बाल सरीखे कड़े कड़े उभार खुल गए 


[Image: Guddi-nips-5297684e9a75ffbf0e960cedf4eb22b8.md.jpg]


और अजय कस कस के , और कुछ देर बाद उसने न सिर्फ मुह लगाया , बल्कि कचकचा के काट भी लिया। 



रोकते रोकते भी मैं सिसक उठी। 






लेकिन उस बेरहम को कुछ फर्क पड़ता था क्या , थोड़ी देर वहीँ पे अपने होंठों का मलहम लगाया ,



फिर पहली बार से भी भी ज्यादा जोर से ,



कचाक। 



अबकी मेरी हलकी चीख निकल ही गयी। 



दांत के अच्छे निशान पड़ गए होंगे वहां। 


और हाथ कौन कम थे उसके , जोर जोर से निपल पिंच कर रहे थे। मरोड़ रहे थे। 


[Image: Guddi-nips-tumblr_msgh1aGQU21sdwziuo1_250.md.gif]


ऊपर की मंजिल पे तो दर्द हो रहा था , लेकिन निचली मंजिल पे ,प्रेम गली में फिसलन चालू हो गयी थी। मेरी सहेली खूब गीली हो गयी थी। 

' हे भाभी ,। " मैंने झूठमूठ बोला , और उसने टॉप छोड़ दिया , मेरे उभार ढक गए लेकिन मुझे नहीं छोड़ा। 

" हे जानती हो मेरा क्या मन कर रहा है। "

मेरी उठी हुयी आँखों ने उसके चेहरे की ओर देखते हुए गुहार लगायी ,बिन बोले ,' बोल दो न मेरे रसिया बालम '

" बस यहीं तुम्हे पटक पटक कर चोद दूँ ' 

और मेरे भी बोल फूटे , ' मेरा भी यही मन करता है की , पूरी रात तुमसे , .... हचक हचक कर ,… चुदवाऊँ ,…. लेकिन कैसे ?"
उसने मुझे और जोर से भींच लिया , उसका चौड़ा सीना अब बड़े अधिकार से मेरे उभरते उभारों को दबा रहा था। 

उसकी निगाहें इधर उधर मेरे सवाल का जवाब ढूंढ रही थी , .... लेकिन कैसे ?

मेरी कोठरी जहाँ हम खड़े थे , एकदम उसी के बगल में थी। उसी की ओर देखते हुए उसने बहुत हलके से पूछा , 

' इसी में सोती हो न '

मैंने हलके से सर हिला के हामी भरी। 


उसका एक हाथ अब स्कर्ट के अंदर घुस के मेरे गोरे गोरे कड़े कड़े नितम्बों को दबोच रहा था और दूसरा टॉप के ऊपर से कबूतरों को सहला रहा था , लेकिन उसकी तेज आँखे अब मेरे कमरे का मौका मुआयना कर रही थीं। 


और फिर उस की निगाह मेरे कमरे की खिड़की पर टिक गयी , खिड़की क्या एक छोटा सा दरवाजा था ,जो मेरे कमरे से सीधे बाहर की ओर खुलता था। 

बस उसकी निगाहें वहीँ टिक गयीं ,और उसके तगड़े बाजुओं का दबाव जोर से मेरे देह पर बढ़ गया , मैं पिघलती चली गयी। 

साढ़े आठ , पौने नौ बजे के करीब , जैसे वो अपने आप से बोला रहा हो ,वो बुदबुदाया। 


मेरे बाहों ने भी उसे अब कस के भींच लिया , और उस से बढ़कर मेरी जांघे अपने आप फैल गयीं , मेरी चुन्मुनिया ने उसके कड़े ,खड़े खूंटे पे रगड़ के हामी भर दी। 

गाँव में वैसे भी सब लोग जल्दी सो जाते हैं। 

और मेरी हामी पर उसके होंठों ने मुझे चूम के झुक के मुहर लगा दी। 


[Image: kiss-368a9f0a4a7c2054247f14759ea45d18-li...iss-me.jpg]

लेकिन उस जालिम के होंठ सिर्फ लालची ही नहीं कातिल भी थे। होंठो का तो बहाना था , फिर टॉप के ऊपर से ही मेरी गुदाज गोलाई और ठीक उसी जगह उसने कककचा के काट लिए , जहाँ उस के दांत के निशाँ अभी टीस रहे थे। 

लेकिन इस बार उस दर्द को मस्ती बना के मैं पी गयी। 


मेरी आँखे बंद थी ,

जिस नैन में पी बसे , उन नैनन में दूजा कौन समाय। 

लेकिन उसकी आँखे खुली थीं चाक चौबस्त , 

मुझे छोड़ते हुए उसने इशारा किया ,भाभी। 


और झटके से हम दोनों ऐसे अलग हुए जैसे कभी साथ रहे ही न हों। एकदम दूर दूर खड़े ,मैंने झट से अपनी स्कर्ट टॉप ठीक किया। 



[Image: bhabhi-16.md.jpg]

पीछे एक घबड़ाई हिरणी की तरह मुड़ के मैंने देखा , भाभी अभी आँगन में ही थीं। 
Like Reply
#57
भाभी 

[Image: Bhabhi-6350a51c5836f50d1e4585ba5dcf8fde.md.jpg]

एक घबड़ाई हिरणी की तरह मुड़ के मैंने देखा , भाभी अभी आँगन में ही थीं। 


और आते ही उन्होंने चिढ़ाते हुए मुझसे अपने अंदाज में पूछा,

' क्यों मेरे भाई को कुछ पिलाया या ऐसे ही भूखा खड़ा रखा है। "

" कहाँ दी , आपकी ये ननद भी , कुछ नहीं , .... " अजय ने तुरंत शिकायत लगायी। 

" झूठे , मैंने कहा नहीं था , भाभी मैंने आपके इस झूठ सम्राट भाई से बोला था लेकिन उसने मना कर दिया। " अब मैं एकदम छुटकी ननदिया वाले रूप में आ गयी थी। और आँख नचाते हुए भाभी से कहा ,

" भाभी मैंने साफ साफ बोला था की भाभी मुन्ने को दुद्धू पिलाने गयी हैं तो तू भी लग जाओ,एक ओर से मुन्ना ,एक ओर मुन्ने के मामा। "

भाभी इत्ती आसानी से हार नहीं मानने वाली थीं। 

वो मेरे पीछे खड़ी थीं ,झट से पीछे से ही उन्होंने मेरे दोनों कबूतरों को दबोच लिया और उस ताकत से ,की क्या कोई मर्द दबोचेगा। उन्होंने अजय को मेरे जोबन दिखाते और ललचाते बोला ,

[Image: Guddi-nips-13893462.jpg]
" अरे सही तो कह रही थे ये , इसके दुद्धू भी तो अब पीने चूसने लायक हो गए हैं। मुन्ने की बुआ का दुद्धू पी लेते , ये तो आयी ही इसीलिए मेरे साथ है। फिर मुन्ने की बुआ पे मुन्ने के मामा का पूरा हक़ होता है , सीधे से न माने तो जबरदस्ती। बोलो पीना है तो पी लो , मैं हूँ न एकदम चूं चपड़ नहीं करेगी।"


बिचारा अजय , भाभी के सांमने उसकी , .... लाज से गुलाल हो गया। 

और भाभी के साथ मेरी हिम्मत दूनी हो गयी। 

अजय की आँखों में आँखे गाडती मैंने चिढ़ाया ,

" भाभी , आपके भैय्या में हिम्मत ही नहीं है , मैं सामने ही खड़ी हूँ और पूछ लीजिये जो मैंने मना किया हो। "

" अजय सुन अब तो ये चैलेन्ज दे रही है , अभी यहीं मेरे सामने , दुद्धू तो पियो ही , इसकी पोखरिया में डुबकी भी मार लो। मुझसे शरमाने घबड़ाने की कोई जरूरत नहीं है , मेरी ओर से पूरा ग्रीन सिग्नल है। " भाभी ने उसे ललकारा। 

जहाँ अजय के दांत कस के लगे थे मेरी चूंची में ,जोर की टीस उठी। 
[Image: nipple-bites.jpg]
बिचारा अजय , एकदम गौने की दुलहन हो रहा था ,जिसका मन भी करे और शर्माए भी। आँखे नीचे ,पलकें झुकी। 


आज भाभी भी खुद बहुत मूड में लग रही थी। जिस तरह से उनकी उँगलियाँ मेरे उभारों पे डोल पे रही थीं और उसे पकड़ के वो खुल के अजय को दिखा रही थी, उससे साफ झलक रहा रहा था। 

अजय के मुंह से बोल नहीं फूटे लेकिन मैं कौन चुप रहने वाले थी। 

अजय को उकसाने चिढ़ाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। आँख नचा के , भाभी से मैं बोली,

" अरे भाभी आपके बिचारे भाई में हिम्मत ही नहीं है , बस पोखर के किनारे ललचाता रहता है , वरना डुबकी लगाने वाले पूछते हैं क्या , सामने लबालब तालाब हो तो बस, सीधे एक डुबकी में अंदर। "


[Image: Dress-Top-19353210.jpg]

मैं जान रही थी की आज रात मेरी बुर की बुरी हालत होने वाली है , मेरी हर बात का ये जालिम सूद सहित बदला लेगा। लेगा तो लेगा लेकिन अभी अपनी दी और मेरी भाभी के सामने उसके बोल नहीं फूटने वाले थे , ये मुझे मालूम था। 

भाभी ने उसे और उकसाया , "


अरे यार अब तो इज्जत की बात है , मेरा लिहाज मत कर , ये तो मेरे साथ आई ही इसलिए है की गाँव का , गन्ने और अरहर के खेत का मजा लूटे , बहुत चींटे काट रहे हैं न इसके , तेरी हिम्मत के बारे में बोल रही है तो बस अभी , यही , मेरे सामने , …जरा मेरे ननदिया को भी मालूम हो जाय ,.... 



[Image: Teej-Actress-Chaitra-Hot-Photos-1443.jpg]
अजय के सामने सिर्फ एक रास्ता था , स्ट्रेटेजिक रिट्रीट और उसने वही किया ,

खुले दरवाजे के बाहर झाँका और बोला ,

" दी ,काले बादल घिर रहे हैं लगता है तेज तूफान और बारिश आएगी , चलता हूँ। "

[Image: clouds-5.md.jpg]

और बाहर की ओर मुड़ गया।
Like Reply
#58
काहें बंसुरिया बजावैले 

[Image: rain-g-n-5.md.gif]

" दी ,काले बादल घिर रहे हैं लगता है तेज तूफान और बारिश आएगी , चलता हूँ। "



और बाहर की ओर मुड़ गया।



अजय की बात एकदम सही लग रही थी , मैं और भाभी भी पूरब की ओर आसमान पे देख रहे थे। एक छोटा सा मुट्ठी भर का काला बादल का टुकड़ा ,… 



लेकिन अब दो चार दिन तक गाँव में रहकर भी आसमान और हवा से मौसम का अंदाजा लगाना सीख गयी थी। तेज बारिश के आसार लग रहे थे। 



" गुड्डी ,चल जल्दी छत पर से कपडे हटाने होंगे और बड़ी भी सूखने को रखी थी." भाभी बोलीं , और जल्दी से घर के अंदर की ओर मुड़ीं।



' बस भाभी , बाहर का दरवाजा बंद करके अभी ऊपर आती हूँ। ' मैं बोली , और अजय को छोड़ने बाहर चली गयी। 



थोड़ा बतरस का लालच , एक बार और नैन मटक्का और सबसे बढ़के रात का प्रोग्राम पक्का जो करना था। 



बाहर निकलते ही मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और खुद बोली,



पक्का , साढ़े ८ बजे न मैं इन्तजार करुँगी , और जोर से मुस्कराई। 

अजय रुक गया , मैंने फिर , 



कुण्डी मत खड़काना राजा,

सीधे अंदर आना राजा। 




जवाब उस चोर ने दिया , मेरे प्यासे होंठों से एक किस्सी चुराके। 









जल्दी से हाथ छुड़ाके , मैं अंदर आई और दरवाजा बंद कर दिया। 



मन चैन तो सब बाहर छोड़ आई थी। 





काहें बंसुरिया बजावैले , हो सुधि बिसरैले ,गइल चित चैन हमार ,

कंटवा कंकरिया कुछ नाही देखलिन हो कुछ नाहीं देखलिन,

काहें के मतिया फिरोलें ,

गाँव गिराव में मारेलें बोलियाँ , संग की सहेलियां करेल ठिठोलियाँ , करेल ठिठोलियां 

काहें के नाम धरौले ,दगवा लगवले , गईल सुख चैन हमार ,
काहें बंसुरिया बजावैले , हो सुधि बिसरैले ,गइल चित चैन हमार ,




मैं अपना के फेवरिट गाना गुनगुनाते धड़धडाते सीढ़ी पे चढ़ रही थी। 



ये तो बिना बांसुरी बजाये ही मुझसे मुझीको चुरा ले गया। 



लेकिन कुछ चोर बहुत प्यारे लगते हैं , किता ख्याल करता है मेरा , जिंदगी के सबसे बड़े सुख से , और कैसे प्यार से , और मैं भी न , उस दिन उसको प्रामिस किया था जब चाहो तब लेकिन करीब करीब दो दिन हो गया उसे भूखे प्यासे, 



[Image: Guddi-cute-4b077095439e3eea17c44a08558baf12.md.jpg]

और तबतक मैं छत पे पहुँच गयी। 
Like Reply
#59
No words to describe your writing....

It's phenominal..... Aur ya jo aapki erotic literature ki soch hai uska kya hi kahena...

Bus aapse ek request hai...... Please aap iska sequel ya fir JKG jaha aakhir tak likhi hui hai vaha se aage likhna shuru kardo....

Vaise ek selfish vali request bhi hai agar aap PHAGUN KA DIN CHAAR ka characters ki aage kuch kare toh..... Plz...
Like Reply
#60
(19-02-2019, 01:09 PM)Kumkum Wrote: No words to describe your writing....

It's phenominal.....  Aur ya jo aapki erotic literature ki soch hai uska kya hi kahena...

Bus aapse ek request hai......  Please aap iska sequel ya fir JKG jaha aakhir tak likhi hui hai vaha se aage likhna shuru kardo....

Vaise ek selfish vali request bhi hai agar aap PHAGUN KA DIN CHAAR ka characters ki aage kuch kare toh..... Plz...

Thanks sooooooooooo much , no words to express my joy ....now about your requests

1 ... JKG....i am not very sure everybody has read the JKG where i had left as feverishly posted , episodes after episodes with a feverish pitch ,... and if xossip had continued up to Deewali,... may be i would have concluded it.  Fortunately jaunpur ji has now posted pdf file of JKG , till where i had left it . Now coming to response to that , i am not sure many readers have gone through that ....secondly if i go by original intent  i would have taken may be only three four posts to complete it . But now the story has been interrupted  i am thinking of completing everything which i had planned , Mrs Moitra and her daughters , Teej festival and even incest scenes ....

now the issue is why i am posting JKG again. reasons are many. i am not the only one who is posting stories posted on xossip here again ,... and many times it is other writers who do CnP,... my purpose is simple story will survive... secondly there are many who had not read JKG so if i just post say last five parts , they will not be able to make head or tail ,... so . lastly i find story with pics are more meaningful then mere pdf .

One more factor is that i want to post some HOLI stories on this HOLI. i am posting a much loved holi story ..MAJA LOOTA ...in this forum ....and it is one of hottest i wrote ....planning to post a sequel and one new HOLI story. and after that a sequel of JKG ....

2 solahvan savan...yes ...i am planing to post solhavaan savan ..sequel with more kinks ... 

the sole purpose of my posting three stories are ( in spite of minimal viewership and almost zero comments ) that i am intending to post sequel 

thnks ....and do keep on posting your comments 


yes i have some ideas about Phagun ke din chaar too but first these three stories  and then HOLI stories .... followed by sequel of JKG ( of course subject to my patience ... posting with very limited viewership  and in deafening silence ....) and then may be pahgun ke din chaar ...some more episodes
[+] 1 user Likes komaalrani's post
Like Reply




Users browsing this thread: 34 Guest(s)