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(24-03-2020, 07:54 AM)komaalrani Wrote: Thanks , be safe , and keep on enjoying ...read my stories and live it , safety first take care
जी धन्यवाद , आप भी धयान रखे , घर की धुरी होती है औरत , सब उस से ही जुड़े होते हैं , सब काम कर के , कुछ देर ही सही आपकी सुन्दर कहानी के संसार मैं हम सब कुछ भूल जाते हैं।
सुरक्षित रहे व् प्यार देते रहिए। ...........
निहारिका
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(24-03-2020, 02:35 PM)Niharikasaree Wrote: जी धन्यवाद , आप भी धयान रखे , घर की धुरी होती है औरत , सब उस से ही जुड़े होते हैं , सब काम कर के , कुछ देर ही सही आपकी सुन्दर कहानी के संसार मैं हम सब कुछ भूल जाते हैं।
सुरक्षित रहे व् प्यार देते रहिए। ...........
निहारिका
thanks
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अनुजा की कहानी , अनुजा की जुबानी
दिया की बर्थडे
हाँ तो हम लोग कहाँ पर थे , मैंने कहाँ तक बताया था ? ओके जब मैं देवेश की बाइक पे बैठ के घर आयी थी ,
देवश , एकदम हैंडसम हंक , स्साली साली लड़कियां मरती हैं , कोई देख लेती यो तो उस कमीनी की सुलग जाती
तो , बात आगे बढाती हूँ , वहीँ से , ठीक ,...
हम दोनों देवेश की बाइक के पास खड़े थे, मैं दिया का इंतजार कर रही थी।
दिया आई तो हँसती हुई अपना मोबाईल बैग में रखती हुई वो बोली-
“अरे सुन, मैं जरा रोमी के साथ जा रही हूं। दो एक घंटे मस्ती के लिये। मैंने मम्मी से बोला है की मैं तुम्हारे साथ हूं, ज्वाइंट स्टडी कर रही हूं। जरा देख लेना यार अगर मम्मी पूछे तो…”
तो घबड़ाकर मैंने पूछा-
"मैं घर कैसे जाऊँगी?"
पल भर के लिये उसने सोचा फिर बोली-
“अरे यार, थोड़ा देवेश को मक्खन लगा ना… छोड़ आयेगा तुझे घर पे। और वैसे भी तेरी भाभी जाब पे जाती हैं, घर तो खाली ही होगा। तू भी मस्ती कर लेना…” और बिना मेरे जवाब का इंतजार किये वो रोमी के साथ चली गई।
तब तक देवेश अपनी बाइक लेकर आया तो मैंने कहा-
“हे, दिया तो रोमी के साथ चली गई। तुम मुझे घर तक ड्राप कर दो ना…”
वो कुछ नहीं बोला तो मुझे लगा की कहीं वो गुस्सा तो नहीं हो गया, जो मैंने इतनी जोर से झिड़क दिया था। इसलिये मैं फिर बोली-
“प्लीज…”
देवेश- “अच्छा चल…”
और अबकी बाइक पे मैंने खुद उसे पीछे से पकड़ लिया। पीछे से मैं उसे चिढ़ाते हुये बोली-
“पिक्चर तो तूने देखने नहीं दी…”
देवेश- “अरे बगल में प्रियंका चोपड़ा बैठी हो तो पिक्चर कौन देख सकता है?”
मैं- “हे, इतना मक्खन मत लगा की मैं फिसल जाऊँ…”
देवेश- “अरे, वही तो कोशिश कर रहा हूं, पर तुम फिसलती ही नहीं…” वो बोला। फिर घर पहुँचकर वो बोला- “आई ऐम सारी, मैं कुछ ज्यादा ही…”
“अरे नहीं…” मैं बोली- “आई शुड से सारी… मैंने तुम्हें कुछ बोल दिया हो तो बुरा मत मानना…”
देवेश- “तो चलो फिर दोनों की सारी कैंसिल…” वो बोला और मैं हँस दी एकदम। बाईक पे मैं उसे जाते पीछे से देखती रही, हैंडसम हंक।
इसके 10-15 दिन के अंदर ही दिया फिर एक दिन मेरे घर आई। कहने लगी- “परसों मेरी अट्ठारहवीं बर्थडे पार्टी है, घर पे जरूर आना…”
मैं- “अरे यार, मुझे मालूम है कि तेरी बर्थडे तो मार्च में पड़ती है…” मैं कैसे भूल सकती थी, मुझसे ठीक 6 महीने बड़ी है, हर बात में मुझे बच्ची कहकर चिढ़ाती थी।
दिया- “अरे यार, उस समय तो अपने बोर्ड के एक्जाम चल रहे होंगें, फिर तू जैसी पढ़ाकू तो कमरे के बाहर नहीं निकलेगी। और बिना अपनी बेस्ट फ्रेंड के बर्थडे में क्या मजा आयेगा? थोड़ा आगे पीछे तो चलता ही है…”
तब तक भाभी आ गईं।
दिया उनको मक्खन लगाती बोली-
“भाभी प्लीज… ये आपकी ननद है ना… जरा इसको समझाइये। परसों मेरी 18वीं बर्थडे पार्टी है और ये ना-नुकुर कर रही है आने में…”
भाभी- “एकदम जायेगी… और न जायेगी तो मैं इसको धक्के देकर भेज दूंगी…” हँसकर वो बोलीं।
और फिर दिया के गाल पे कस के पिंच करती हुयीं बोलीं- “तो परसों मेरी ये ननद एडल्ट हो जायेगी, फिट फार एडल्टरी… तब तो बड़ी धमाकेदार पार्टी होनी चाहिये। एकदम भेज दूंगी मैं…”
दिया-
“और भाभी एक बात और… शायद थोड़ी देर हो जाये। इसलिये रात में मेरे साथ ही रुक जायेगी। मैं अगले दिन सुबह ही लौटा दूंगी… एकदम अन-डैमेज्ड…” हँसकर वो बोली।
असल में पार्टी के बारे में जाना मैंने देवेश के ही चक्कर में तय किया , मुझे क्या मालूम नहीं था क्या होता है ,दिया की पार्टियों में , ...और दिया के ब्वाय फ्रेंड ,.. कहीं भी , अब उस दिन रोमी ही दिया के साथ पिक्चर हाल में , बस चढ़ नहीं गया उसके ऊपर बाकि सब काम तो हो ही रहा था , और मै और देवेश ठीक बगल में बैठे थे , ... तो दिया ने भाभी के सामने ही बोला , देवेश ने साफ़ बोला है की अनुजा नहीं आएगी तो वो नहीं आएगा , और सिर्फ इस पार्टी में ही नहीं किसी पार्टी में नहीं आएगा। मन ही मन तो बहुत खुश हुयी , देख अनुजा असर तेरा , पर ऊपर से गुस्से से बोली ,
" तो देवेश ने सीधे मुझे क्यों नहीं फोन किया , " मैं मुंह बना के बोली
पर जब दिया ने समझाया तो मुझे लगा की गलती तो मेरी ही थी , उलटा चोर कोतवाल को डांटे , और वही दिया ने बताया , मैंने उसे फोन नंबर अपना बताया नहीं , देवेश ने कित्ता कित्ता कहा लेकिन मैं भी न , तो कैसे फोन करता। खैर देवेश से दिया ने ही बात कराया और वो बेचारा क्या क्या नहीं कहा उसने रिक्वेस्ट में , उसके बाद तो मना करने की होती नहीं थी। एक लिमिट होती है।
असल में देवेश के बारे में मैंने ज्यादा , ... कालेज का सबसे ज्यादा हैंडसम हंक , लड़कियां स्साली सब मरती हैं अगर एक इशारा कर दे तो कालेज की कोई भी लड़की टांगे फ़ैलाने पर तैयार हो जाती , पर देवश , वो बिचारा तो मेरे पीछे , मैं डिबेट कम्पटीशन में तो मुझे चीयर करने , ... और उस दिन पिक्चर के बाद मुझे तगड़ा गिल्ट हुआ , बगल में तो पूरी ब्ल्यू फिल्म चल रही थी , और बेचारे उस लड़के ने सिर्फ मेरे वहां हाथ रख दिया तो मैं उछल पड़ी ,
हाँ ये बात जरूर है इंटरवल के बाद टॉप के ऊपर से , एक दो बार हलके से छूने दिया ,
और जैसे ही उस बदमाश ने छुआ मैं एकदम गिनगीना गया, मन तो कर रहा था जैसे रोमी दिया के साथ कर रहा है , पर मैं भी न
देवेश ने ज़रा सा टॉप के एक दो बटन , हद से हद एक दो ऊँगली ही डालता , ... लेकिन मैंने जोर से झिड़क दिया , उसका हाथ भी हटा दिया ,
मुझे तुरंत लगा बड़ी गलती होगयी , इत्ते प्यार से और कौन से मेरा घट जाता , बगल में दिया की टॉप ब्रा सब खुला हुआ था , दिया खुद रोमी खोल बाहर निकाल के , ये नहीं की दिया सिर्फ जींस के ऊपर से , इतना तो हर लड़की ,
बेचारा देवेश एकदम से , ...
बाद में मुझे लगा की अगर वो थोड़ा जबरदस्त करके टॉप के अंदर हाथ डाल देता तो शायद मैं मना नहीं करती ,
लेकिन वो लड़का इत्ता , मुझे उसके बाद छुआ नहीं
मैं समझ गयी ये गुस्सा हो गया है , और कौन लड़का नहीं गुस्सा होता , रोमी तो दिया के लेकर ' असली प्रोग्राम ' के लिए चल दिया और मैं ऐसी छुई मुई बन रही थी की जरा सा ,
और ऊपर से देवेश , मैंने एक बार कहा और वो मुझे घर ड्राप करने को तैयार हो गया , ... मेरे सॉरी बोलने से पहले वो बोला , फिर मैंने भी , उसके बाद तो कालेज में कैंटीन में कितनी बार हम दोनों , उसकी बाइक पर ,...
और अब मैं भी थोड़ा बहुत उसे लिफ्ट देने लगी थी , दिया इतना तो नहीं लेकिन अब इतना छुई मुई भी नहीं थी
और अब तो मैं रोज देवेश की बाइक पर ही कालेज से ,
सारी की सारी चिढ़ती थीं , मुझे देवेश वाली कहती थीं ,
कहें तो कहें ,
फिर मेरी भाभी भी तो हरदम उकसाती रहती थीं , मेरे बैग में मॉर्निंग आफ्टर वाली पिल भी डाल दी थी , ... इसलिए उनकी ओर से तो कोई प्रॉब्लम ही नहीं थी
मुझे ही ये सब थोड़ा गड़बड़ लगता था , झिझक भी होती थी ,...
पार्टी वाले दिन मैं सोच रही थी की क्या पहनूं? शलवार-सूट या?
तब तक भाभी आ गईं।
और उन्होंने शलवार सूट वापस वार्ड-रोब में रख दिया।
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खुद भैया मेरे लिये दुबई से एक ट्यूब टाप लाये थे, बहुत ही सेक्सी
और एक स्कर्ट निकाल दी कहा-
“लेकिन चल पहले तेरा मेकअप तो कर दूं?”
और ड्रेसिंग टेबल पे घंटे भर… बाल, मस्कारा, आइ ब्रो, पिंक लिपिस्टिक, रूज…
और जब मैं ड्रेस पहनने लगी तो एक और प्राबलम… टाप के नीचे ब्रा कौन सी पहनूं?
मेरे पास तो सारी स्ट्रैप वाली थीं।
इसका हल भाभी के पास भी नहीं था।
टाप तो मुझे भी अच्छा लग रहा था और पार्टी में सब एक से एक ड्रेस पहन के आयेंगी।
“तो मत पहनो…”
भाभी बोलीं, और जब तक मैं सोच पाती भाभी ने खुद मुझे पहना दिया।
स्कर्ट घुटनों से थोड़ी ही ऊपर थी।
मैं बोली
"भाभी , ये थोड़ी छोटी है…”
तो डांट के वो बोलीं-
“आजकल देख लड़कियां बित्ते-बित्ते भर की पहनती हैं और तुझे ये छोटी लग रही है? लेकिन चल इसका भी इलाज मैं करती हूं
और एक सेक्सी फिश-नेट स्टाकिंग निकालकर मुझे पहना दी।
जब मैं पहुँची तो पार्टी शुरू हो चुकी थी, नीचे हाल में थी। डी॰जे॰, बार सब कुछ था।
मैंने दिया से पूछा- “अंकल आंटी…”
दिया-
“अरे, वो लोग तीन-चार दिन के लिये बाहर गये हैं तभी तो रखी। 15-20 लड़के लड़कियां, आधे से ज्यादा तो हमारे कॉलेज के, बाकी बाहर के…”
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पार्टी टाइम - देवेश
तब तक देवेश आ गया।
कई लड़कियां उसे घेरकर खड़ी थीं।
“वाउ…”
जोर से बोलकर उसने मुझे कस के बांहों में भर लिया, और कहा-
“हे, सुन जरा इसको बाकी लोगों से मिला तब तक…”
मैं और दिया नये आये मेहमानों को रिसीव करने में लग गई। दिवेश सबसे-
“आज रात की सबसे सेक्सी लड़की से मिलो…” कहकर मुझे मिलवाता।
“अरे बाकी लड़कियां तुझे कच्चा चबा जायेंगी…”
मैंने उसे चिढ़ाया।
“बाकी का तो पता नहीं लेकिन तू अगर कच्चा चबा जाये तो मैं तैयार हूं…”
वो बोला।
उसका मतलब समझकर मैं शर्मा गई।
तब तक मेरे क्लास की एक लड़की की आवाज आई-
“अरे, अनुजा तो आज पहचान में नहीं आ रही है…”
दूसरी लड़की- “पहचान में नहीं आ रही है या देवेश के साथ हमें पहचान नहीं रही है?”
देवेश से मैं बोली- “एक मिनट…” और उनकी ओर मुड़ी-
“नालायकों मैं नहीं पहचान रही हूं या तुम सब?”
सबके हाथ में ड्रिंक्स थे, लड़के तो सारे के सारे हार्ड ड्रिंक्स। लड़कियां कुछ तो वाइन और कुछ साफ्ट।
हम सब चुहल करने लगीं की तभी एक वेट्रेस ड्रिंक्स ट्रे लेकर गुजरी।
तो इरा ने पूछा-
“हे एक इधर… बोल क्या लेगी?”
“ना ना मैं कुछ नहीं। मेरा गला खराब है…”
“अरे साफ्ट भी है इसके पास…” एक बोली- “ले-ले…”
“ना ना…” मुझे मालूम था ऐसी पाटिर्यों में कई बार कोई शरारत करके,...
“ये सूरत और जवानी और साफ्ट… ना ना यू मस्ट टेक समथिंग हार्ड…”
पीछे से एक लड़के की आवाज आई।
मैंने देखा तो बंटू था, लम्बा, राक प्लेयर, ऐसी पाटियों की जान, एक बड़े अमीर बाप का बेटा।
लड़कियां खुद उसके पीछे पड़ी रहतीं थीं, और थीं भी उसके साथ दो-तीन।
पंक लुक में टैटूज, पियर्सिंगस, बिकिनी टाप और मिनी स्कर्ट और यहां हार्ड की कोई कमी नहीं थी।
उसके साथ का एक और लड़का था, लेदर जैकेट, पोनी-टेल और तगड़ी बाहों पे टैटू।
दिया ने शायद लड़कों के लिये ये कंडीशन रखी थी कि कोई भी 6 फीट से कम नहीं था और सारे के सारे।
तब तक बंटू ने हाथ बढ़ाया- “आइ ऐम…”
“मुझे मालूम है…” उससे हाथ मिलाते हुये मैं बोली- “बंटू, ऐंड आई ऐम अनुजा…”
तब तक देवेश ड्रिंक लेकर आया और कहा- “फार यू…”
एक लम्बे से ग्लास में, क्र्श्ड आइस और कोक।
थैंक्स कहकर मैंने ग्लास ले लिया।
पीछे-पीछे दिया ने कहा-
“ऐन इम्पार्टेंट एनाउंसमेंट… अनुजा लव्स काक आफ देवेश… आई मीन कोक…”
लेकिन उसकी बात का पिछला हिस्सा तालियों और शोर में डूब गया।
बंटू का चमचा बोला-
“विल शी टेक इट?”
और बिकनी टाप में चमची बोली-
“बाई नो मीन्स…”
मेरी सहेली इरा बोली-
“अनुजा एक घूंट में…”
और मैंने ग्लास मुँह से लगा लिया।
अनुजा… अनुजा… सारे लड़के लड़कियां गोल घेरा बनाकर मेरे चारों ओर क्लैप कर रहे थे, चियर्स कर रहे थे-
अनुजा… अनुजा।
एक घूंट, दो घूंट, बहुत बुरा सा स्वाद लग रहा था।
शायद इम्पोर्टेड… मितली सी आ रही थी। लेकिन तीन घूंट… और मैंने ग्लास खाली कर दिया।
हल्का सा सिर घूम रहा था लेकिन चारों ओर चियर्स, शोर और मेरे साथ सबने अपने ग्लास खाली कर दिये।
देवेश ने मेरे कंधे पे हाथ रखकर थाम रखा था।
पीछे से कोई बोला- “स्पाइक…”
लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया। तब तक डी॰जे॰ चालू हो गया था- “कर गई चूल…” और मैं और देवेश चालू हो गये।
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कोमल जी,
क्या खूब लिखा है आपने , जवानी की दहलीज़ पे लड़की की जवानी, जोबन, और कातिलाना ड्रेस सबकी नज़र जवानी और जोबन पर।
फिर पार्टी का माहौल और ड्रिंक्स साथ मैं गबरू जवान लड़के जो आँखों से खा जाना चहते है , अब तो आफ्टर पार्टी की कहानी कमल की होगी।
एक बेसब्री , उतसुकता। .............
आपके जादूभरे शब्दों के। .......
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01-04-2020, 10:28 PM
(This post was last modified: 01-04-2020, 10:30 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(31-03-2020, 09:49 PM)Niharikasaree Wrote: कोमल जी,
क्या खूब लिखा है आपने , जवानी की दहलीज़ पे लड़की की जवानी, जोबन, और कातिलाना ड्रेस सबकी नज़र जवानी और जोबन पर।
फिर पार्टी का माहौल और ड्रिंक्स साथ मैं गबरू जवान लड़के जो आँखों से खा जाना चहते है , अब तो आफ्टर पार्टी की कहानी कमल की होगी।
एक बेसब्री , उतसुकता। .............
आपके जादूभरे शब्दों के। .......
एकदम सही कहा आपने , आती हुयी जवानी और उभरते हुए जोबन का जबरदस्त जोड़
और साथ में कालेज के जवान लड़के ,... क्या होगा इस कच्ची कली का , बस अगली पोस्ट , दो तीन दिन में , और हाँ जोरू का गुलाम में नयी पोस्ट अभी की
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अनुजा की कहानी - अनुजा की जुबानी ,
पार्टी टाइम - देवेश के साथ
मेरी सहेली इरा बोली- “अनुजा एक घूंट में…”
और मैंने ग्लास मुँह से लगा लिया।
अनुजा… अनुजा… सारे लड़के लड़कियां गोल घेरा बनाकर मेरे चारों ओर क्लैप कर रहे थे, चियर्स कर रहे थे- अनुजा… अनुजा।
एक घूंट, दो घूंट, बहुत बुरा सा स्वाद लग रहा था। शायद इम्पोर्टेड… मितली सी आ रही थी। लेकिन तीन घूंट… और मैंने ग्लास खाली कर दिया। हल्का सा सिर घूम रहा था लेकिन चारों ओर चियर्स, शोर और मेरे साथ सबने अपने ग्लास खाली कर दिये।
देवेश ने मेरे कंधे पे हाथ रखकर थाम रखा था।
पीछे से कोई बोला- “स्पाइक…”
लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया।
तब तक डी॰जे॰ चालू हो गया था- “कर गई चूल…”
और मैं और देवेश चालू हो गये।
साथ में कितने ही और लड़के लड़कियां, धक्का मुक्की।
लेकिन देवेश ने मुझे कस के पकड़ रखा था, और डांस के साथ सारे किसिंग, हगिंग।
कई तो ग्रुपिंग कर रहे थे।
और जब देवेश ने मुझे किस किया तो मैंने बुरा नहीं माना, बल्की हल्के से जवाब दिया।
असल में पार्टी वार्टी में इसी लिए में कभी नहीं जाती थी , ...
एकदम खुले आम हगिंग किसिंग , और हगिंग किसिंग तक तो कुछ नहीं , सब लड़कियां खुद अपने ब्वाय फ्रेंड्स के साथ , पार्टनर के साथ , कुछ तो एक साथ , दो दो के साथ , अपने बूब्स पर ,... दबवा रगड़वा रही थी , कोई भी बुरा नहीं मान रही थीं , बल्कि खुद उकसा के छेड़ छेड़ के ,
पर आज पता नहीं क्या था ,
मुझे भी सब अच्छा लग रहा था ,
ये नहीं था , किसी से भी , पर आज मैंने तय कर लिया था , देवेश कुछ भी करेगा मैं मना नहीं करुँगी ,
इतनी तो लड़कियां उसके पीछे पड़ीं थी लेकिन सबको छोड़ कर सीधे मेरे पास , ...
और वो सब की सब ऐसी की हाथ पर ले के टहल रही थीं , देवेश एक बार इशारा करता यहीं पार्टी में सबके सामने अपनी टाँगे फैला देतीं
, मैं देख नहीं रही थी , इरा कैसे चिपकी पड़ रही थी देवेश से , खुद जबरदस्ती देवेश को किस कर रही थी , कैसे चिपकी पड़ रही थी ,
पर उसे हटा के देवेश सीधे मेरे पास आया ,
और कैसे सबसे इंट्रोड्यूस करा रहा था , सेक्सिएस्ट गर्ल्स इन टाउन , ...
स्साली सब की सब जली पड़ रहीं थी , सुलग रही थी सबकी , कहाँ अनुजा ऐसी पार्टी में और पहली पार्टी में , ऐसी धांसू ,
सच में , मुझे उस दिन जब पिक्चर से लौटी तभी से गिल्ट हो रहा था , देवेश का हाथ मैंने अपने टॉप पर से हटा दिया था , कुछ नहीं बस हलके से छू दबा रहा था , और किस लड़के का मन नहीं करता , सबका करता है ,
और जब बगल में रोमी दिया का बाकायदा टॉप खोल के उसेक बूब्स सक कर रहा था , दिया भी उसके कॉक को पहले जींस के ऊपर से फिर मेरे सामने ही जींस से खोल के खुद निकाल के पहले मसलती रही , फिर झुक के किस कर लिया , ...और पिक्चर के बाद कैसे ठसके से बोली ,
अनुजा मैं कुछ प्रोग्राम ,... तू सम्हाल लेना घर पे बोल के आयी हूँ , तेरे साथ रहूंगी , ज्वाइंट स्टडी के लिए ,
साफ़ साफ़ क्यों नहीं बोलती , रोमी से फक करवाने जा रही है , मेरे मन में आया बोल दूँ , ..
.पर दिया मेरी चौथी क्लास से सबसे पक्की वाली सहेली थी , इसलिए और आधी से ज्यादा मेरी क्लास की लड़कियां तो , दिया को ही क्यों , हाँ मुझे अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था ,
देवेश क्या समझेगा मुझे , क्या समझती है अपने आप को हूर की परी ,...
लेकिन ही इज सच ऐ , ...
मैंने घर छोड़ने के लिए बोला तो एक बार भी मना नहीं किया , ... और सॉरी भी खुद पहले बोला , ... उस दिन से
इस लिए उस दिन दिया पार्टी के लिए आयी थी तो जब उसने कहा की देवेश ने कहा है की मैं पार्टी में जरूर आऊं ,...
और जब देवेश से बात कराई ,
सच में देवेश भी न ,...
ये लड़का एकदम पागल है , पक्का पागल है , स्क्रू कोई ख़राब है , बोलने लगा मैं नहीं आउंगी तो वो भी पार्टी में नहीं आएगा , और फिर आज के बाद किसी भी पार्टी में नहीं जाएगा
ये भी कोई बात होती है , उसे मालूम था मैं ऐसी पार्टी में नहीं जाती हूँ पर फिर भी , जिद तो जिद ,
एकदम पागल , ...
फिर मेरे पास कोई रास्ता बचा भी था क्या , ... मैंने भी हाँ बोल दी , ...
और ऊपर से भाभी भी तो एकदम पीछे पड़ी थीं , ...
मैं ये भी सोच रही थी की पार्टी में दिया तो लड़कों के साथ , रोमी , और उसकी पार्टी में कोई लड़की किसी एक लड़के के साथ नहीं तो दिया भी कम से कम चार पांच लड़को के साथ तो ,
और मैं अलग थलग ,
लेकिन फिर मैंने सोचा देवेश तो रहेगा न और सच में एकदम अकेला नहीं लग रहा था , देवेश ने शुरू से ही , ...
और ड्रिंक भी वही ,
असल में ड्रिंक से भी , भाभी ने बहुत समझाया था यार इस उमर में सब चलता है , यही तो इंज्वाय करने की एज है , ...
पर मैं , मुझे लगता था पता नहीं क्या पड़ा हो सॉफ्ट ड्रिंक में भी ,... और लेकिन देवश खुद अपने हाथ से बनवा के ले आया ,
और फिर सब लड़के लड़कियां मेरे पीछे , ... लग रहा था जैसे देवेश एक ओर और बाकी सब एक ओर ,
एकदम बाजी लगी हो ,
और मैं देवेश को लेट डाउन नहीं कर सकती थी , ...
इसलिए पहले तो एक घूँट , ...
पता नहीं कैसे स्वाद लग रहा था , फिर मैंने सोचा यार दिया की पार्टी में सब इम्पोर्टेड होता है , होगा भी ये कुछ ,... बस
देवेश को देख रही थी मैं
देवेश की निगाह सीधे मेरी ओर , ड्रिंक की ओर , उसे बहुत कॉन्फिडेंस था मेरे पर और ,...
और मैं भी ,..पहले तो एकदम कडुआ सा , ... लेकिन नाक बंद कर के मैं , और जहाँ आधा ग्लास गया होगा अंदर ,
एक नया सेन्सशेसन खूब मस्ती , पूरी देह में मन कर रहा था , बस कोई पकड़ के , ...
खुद मेरा मन कर रहा था हग करने को किस करने , ...कुछ भी , डांस की म्यूजिक भी चालू हो गयी थी ,
फिर मैंने बाकी भी , देवेश को देखते हुए , ..
एक दो जल कुकड़ी ने बोला भी स्पाइक्ड , ... लेकिन मैं देख नहीं रही थी , खुद तो व्हिस्की रम , और मैं
मैंने पूरी की पूरी ड्रिंक , ... और देवेश की नजर में चमक मैं देख रही थी , ...
एकदम से मस्ती छा रही थी मेरे ऊपर
डांस करते समय भी ,
आज मैं एकदम चिपक के डांस कर रही थी देवेश से , कनखियों से देख रही थी ,
बाकी लड़कियां अपने बूब्स जान बूझ के अपने पार्टनर से रगड़ रही थीं , .
.मेरे तो उन सबसे २० नहीं २२ थे , और भाभी ने वो ट्यूब टॉप भी ,
मैं भी देवेश को छेड़ छेड़ के उन्ही लड़कियों की तरह
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पार्टी में मस्ती
आज मैं एकदम चिपक के डांस कर रही थी देवेश से , कनखियों से देख रही थी ,
बाकी लड़कियां अपने बूब्स जान बूझ के अपने पार्टनर से रगड़ रही थीं , ..
मेरे तो उन सबसे २० नहीं २२ थे ,
और भाभी ने वो ट्यूब टॉप भी ,
मैं भी देवेश को छेड़ छेड़ के उन्ही लड़कियों की तरह
और देवश ने तो हल्के से किस किया , पर मैंने
मैं जान रही थी मेरा रिस्पांस जरा भी हल्का रहा तो देवेश खुद हटा लेगा , और
वो सब लड़कियां भी तो देख रही थी देखें अनुजा किस करने देती है की नहीं ,
क्यों नहीं देती , मैंने खुद देवश का सर पकड़ के अपने होंठ उसके होंठ ,
और जब उसकी जीभ हलके से मेरे होंठों के बीच घुसी न
बस जान नहीं निकली , इत्ता अच्छा लग रहा था , मन करता है देवेश ऐसे ही मेरे होंठ , ...
अब मुझे लग रहा था क्यों सब लड़कियां इन पार्टियों के लिए मरी पड़ती हैं ,...
लेकिन डांस का म्यूजिक ख़तम हो गया और हम दोनों वैसे ही एक दूसरे को पकडे चिपके बाहर आ गए ,...
बहुत अच्छा लग रहा था, बाडी एकदम लाईट, लेकिन थोड़ी देर में हम दोनों बाहर आ गये। भीड़ वाले इलाके से ज़रा सा हट कर ,
“देवेश ना जाने कैसा-कैसा लग रहा है…”
मैं बोली।
“कुछ नहीं प्यास लग रही होगी। चल कुछ ड्रिंक लेते हैं…”
और हम दोनों बार पे पहुँच गये।
“ह्विस्की डबल फार मी, कोक फार द लेडी…”
उसने बार-मेड से कहा,
देवेश का एक हाथ सीधे मेरी चूचियों पे।
“कोक बट…” बारमेड कुछ फुसफुसाई।
देवेश तुरंत बोला-
“ओह्ह… स्पेशल कोक… फार दिस लेडी व्हाट यू जस्ट…”
देवेश का एक हाथ तो मेरे उभारो से चिपका ही हुआ था , उस पतले से ट्यूब टॉप से वैसे भी , ... पर मुझे जरा भी बुरा नहीं लग रहा था , मेरे निप्स एकदम एक्ससाइटेड , खड़े उस टॉप से साफ़ साफ़ बाहर झांक रहे थे ,
और उस बार गर्ल के सामने ही अपनी ऊँगली से देवेश जोर जोर से उसे फ्लिक कर रहा था ,
उसे जैसे दिखाते हुए कस के के झुक के उसने मुझे किस कर लिया , और बार गर्ल से मुस्करा के बोला
" स्पेशल ड्रिंक फॉर दिस स्पेशल लेडी "
मुझे देखकर वो मुश्कुराई- “ओह्ह… श्योर…”
दिया की पार्टी की हर चीज स्पेशल , ये बार मेड्स भी एकदम हॉट , सब टीन्स और बस दो छोटी पट्टियां ,
मैं कनखियों से देख रही थी , वो बार गर्ल एक लम्बे ग्लास में क्रश्ड आइस , ...
लेकिन तबतक झुक केदेवेश ने मुझे किस कर लिया , और अबकी उसकी जीभ मेरे होंठों के अंदर घुस गयी थी , मैं हलके हलके उसकी जीभ को सक कर रही थी , उसके होंठो पर अपने होंठों को रगड़ रही थी , इत्ता अच्छा लग रहा था मैं बता नहीं सकती ,
देवेश जोर जोर से मेरे होंठों को सक कर रहा था
और अब उसका हाथ मेरे टॉप के ऊपर से खुल के कस कस के रगड़ रहा था , दबा रहा था , मसल रहा था , मेरे निप्स भी
बस मन कर रहा था वो मसल दे रगड़ दे ,
मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था की वो बार गर्ल मुझे देख रही होगी , सभी तो यहाँ ,... और फिर पार्टी होती किसलिए है ,
भाभी सच कहती थीं , जोबन आते ही इस लिए हैं रगड़वाने , दबवाने मिजवाने के लिए ,
और तभी देवेश की एक ऊँगली मेरे निप्स पर , ...
जैसे करेंट लग गया हो मुझे , ... मैं और चिपक गयी उससे पर तभी बार गर्ल हम दोनों के लिए ड्रिंक ले कर आ गयी ,
पहले की तरह लंबे ग्लास में क्र्स्ड आइस और कोक, और देवेश के लिये ह्विस्की।
चियर्स करके हम दोनों सिप करने लगे।
डांस फ्लोर पे जोड़े एकदम चिपके हुये, चुम्मी की आवाज, और जो डांस नहीं कर रहे थे वो तो और…
कई लड़कियां तो सीधे अपने ब्वायफ्रेंड की गोद में बैठी हुई।
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पहले की तरह लंबे ग्लास में क्र्स्ड आइस और कोक, और देवेश के लिये ह्विस्की।
चियर्स करके हम दोनों सिप करने लगे।
डांस फ्लोर पे जोड़े एकदम चिपके हुये, चुम्मी की आवाज, और जो डांस नहीं कर रहे थे वो तो और…
कई लड़कियां तो सीधे अपने ब्वायफ्रेंड की गोद में बैठी हुई।
मैंने सोचा जब रोमी और दिया सिनेमाहाल में इस लिमिट तक जा सकते थे। तो यहां तो सब लड़के लड़कियां ही हैं। दोस्त, यहां क्या पर्दा… और सच में मेरे क्लास की लड़कियां भी अपने-अपने ब्वायफ्रेंड से चिपकी, किसी का हाथ टाप के अंदर,
तो कोई स्कर्ट उठाकर।
और अपनी क्लास की चार पांच लडकियों के तो ,... टॉप पूरे खुल चुके थे
और एक बूब्स पर एक लड़का और एक पर दूसरा ,
सैंडी तो और ,...
क्लास की सबसे हॉट लड़की मानती थी अपने आप को , एक तो मेरे क्लास का ही था , और दूसरा कोई ,... बाहर का , ... जो झुक के उसके निप्स सक कर रहा था , और वो मजे में बैठी सुट्टे मार रही थी , हाँ एक हाथ से जो लड़का उसके बूब्स सक कर रहा था उसके बल्ज को कस कस के दबा रही थी ,
बार के बगल में ही सोफे पे एक लड़के की गोद में तो दो-दो लड़कियां और वो दोनों के उभारों सेऽऽ
सारी लड़कियां लड़कों से लगी पड़ी थीं , अब मामला चुम्मा चुम्मी से बहुत आगे , ... सब अपने में मगन
अच्छा हुआ जो दिया ने उस दिन देवेश से परिचय करवा दिया, वरना तो मैं बोर ही हो जाती।
तब तक देवेश ने मेरा हाथ दबाकर बोला- “हे, चल जरा बाहर चलते हैं…”
वहां शोर भी हो रहा था, और सिगरेट का धुआं भी। ज्यादतर लड़कियां भी स्मोक कर रहीं थीं और वेट्रेसेज ड्रिंक के साथ-साथ सिगरेट भी बांट रही थीं।
“चल…” मैंने भी देवेश का हाथ दबाकर कहा।
बाहर सिर्फ हल्की म्युजिक आ रही थी।
एक दो जोड़े कहीं-कहीं लान में पेड़ों के नीचे, झाड़ियों के पीछे,, साथ में किस की , सिसकियों की , ...
कोई भी समझ सकता था , ' वहां क्या हो रहा है '
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(09-04-2020, 12:04 PM)एक दो जोड़े कहीं-कहीं लान में पेड़ों के नीचे, झाड़ियों के पीछे,, साथ में किस की , सिसकियों की , ... Wrote: कोई भी समझ सकता था , ' वहां क्या हो रहा है ' कोमल जी,
क्या खूब जीवंत चित्रण किया है आपने लड़के - लड़किओं की मस्ती और क्लब की पार्टी का , शराब - शबाब का तो बहुत पुराना नाता रहा है, महफ़िल को रंगीन बनाने का , और रंगीन महफ़िल का अंजाम, सिसकियों मैं ही आता है।
अरमान जगा देती हो आप , हम औरतो के। ...... उम्मीद है सब नहीं तो कुछ महिला पाठक सहमत होंगी ही.
अब वहां क्या - क्या हुआ होगा। ......... बस इंतज़ार और अगला अपडेट ही बता पायेगा , शब्दों की जादूगरनी जी। ..... मेहेरबानी करे। ....
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(09-04-2020, 12:42 PM)Niharikasaree Wrote: कोमल जी,
क्या खूब जीवंत चित्रण किया है आपने लड़के - लड़किओं की मस्ती और क्लब की पार्टी का , शराब - शबाब का तो बहुत पुराना नाता रहा है, महफ़िल को रंगीन बनाने का , और रंगीन महफ़िल का अंजाम, सिसकियों मैं ही आता है।
अरमान जगा देती हो आप , हम औरतो के। ...... उम्मीद है सब नहीं तो कुछ महिला पाठक सहमत होंगी ही.
अब वहां क्या - क्या हुआ होगा। ......... बस इंतज़ार और अगला अपडेट ही बता पायेगा , शब्दों की जादूगरनी जी। ..... मेहेरबानी करे। ....
बस आप आ जाती हैं तो लगता है लिखने की मेहनत सुफल हो गयी ,
मैं जैसे गंवई गंवार हूँ , छोटे कसबे गांव नुमा शहर वाली , तो मेरी कहानियों में वही झलकता है लेकिन ये कहानी थोड़ी अलग , महानगरीय बैक ग्राउंड पर लिखने की कोशिश की है मैंने
हाँ , अब मोहे रंग दे पर आपका इन्तजार कर रही हूँ ,
आपका कमेंट आये तो अगली पोस्ट करूँ
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(09-04-2020, 12:54 PM)komaalrani Wrote: बस आप आ जाती हैं तो लगता है लिखने की मेहनत सुफल हो गयी ,
मैं जैसे गंवई गंवार हूँ , छोटे कसबे गांव नुमा शहर वाली , तो मेरी कहानियों में वही झलकता है लेकिन ये कहानी थोड़ी अलग , महानगरीय बैक ग्राउंड पर लिखने की कोशिश की है मैंने
हाँ , अब मोहे रंग दे पर आपका इन्तजार कर रही हूँ ,
आपका कमेंट आये तो अगली पोस्ट करूँ
कोमल जी,
हम तो आते ही आपके लिए हैं, आपके साथ एक नयी दुनिया मैं मस्ती के सागर मैं गोते लगाने के लिए, एक सुकून मिलता है, आपकी दोनों कहानी , एक देसी - ठेठ अंदाज़, जिसका मुकाबला नहीं, एक शहर की चकाचोंध। ......
अब जिसकी पकड़ लेखनी पर इतनी उम्दा हो, उसके लिए क्या शहर, क्या देसी अंदाज़। सब मस्त है, बस आप अपनी कलम का जादू, बिखेरती जाओ। .........
हाँ , अब मोहे रंग दे पर आपका इन्तजार कर रही हूँ ,
आपका कमेंट आये तो अगली पोस्ट करूँ
उफ़, इन दो लाइन ने तो क्या जादू कर दिया है, जी करता है दौड़ कर आपके पास आ जाऊ और घंटो बतियायूं ,
आपका प्यार ही है जो खिंच लता है यहाँ , कई बार किचन मैं काम करते हुए भी अचानक आपकी और गुड्डी की याद आ ही जाती है, वो क्लब की मस्ती, शराब - शबाब, इंतज़ार, जेठानी - सास, उफ़. इतने मस्ती भरे मादक चित्रण , क्या बात है.
फिर यह सोच कर की काम ख़तम कर लू फिर आराम से अपडेट देख लुंगी।
"आराम" तो जैसे ऊपर वाले ने हम औरतो की शब्दकोष से ही निकाल फेंका है, पर प्यार और इंतज़ार तो हम ही करते हैं आपका। .........
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(09-04-2020, 10:34 PM)Niharikasaree Wrote: कोमल जी,
हम तो आते ही आपके लिए हैं, आपके साथ एक नयी दुनिया मैं मस्ती के सागर मैं गोते लगाने के लिए, एक सुकून मिलता है, आपकी दोनों कहानी , एक देसी - ठेठ अंदाज़, जिसका मुकाबला नहीं, एक शहर की चकाचोंध। ......
अब जिसकी पकड़ लेखनी पर इतनी उम्दा हो, उसके लिए क्या शहर, क्या देसी अंदाज़। सब मस्त है, बस आप अपनी कलम का जादू, बिखेरती जाओ। .........
हाँ , अब मोहे रंग दे पर आपका इन्तजार कर रही हूँ ,
आपका कमेंट आये तो अगली पोस्ट करूँ
उफ़, इन दो लाइन ने तो क्या जादू कर दिया है, जी करता है दौड़ कर आपके पास आ जाऊ और घंटो बतियायूं ,
आपका प्यार ही है जो खिंच लता है यहाँ , कई बार किचन मैं काम करते हुए भी अचानक आपकी और गुड्डी की याद आ ही जाती है, वो क्लब की मस्ती, शराब - शबाब, इंतज़ार, जेठानी - सास, उफ़. इतने मस्ती भरे मादक चित्रण , क्या बात है.
फिर यह सोच कर की काम ख़तम कर लू फिर आराम से अपडेट देख लुंगी।
"आराम" तो जैसे ऊपर वाले ने हम औरतो की शब्दकोष से ही निकाल फेंका है, पर प्यार और इंतज़ार तो हम ही करते हैं आपका। .........
बहुत बहुत धन्यवाद जोरू का गुलाम में भी अपडेट दे दिया है
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10-04-2020, 10:59 PM
(This post was last modified: 10-04-2020, 11:08 PM by Niharikasaree. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(10-04-2020, 09:08 PM)komaalrani Wrote:
बहुत बहुत धन्यवाद जोरू का गुलाम में भी अपडेट दे दिया है
जी ,
कोमल जी ,
अभी - अभी आयी हूँ ,, आपकी शब्दों की जादूगिरी , मैं, देखती हूँ. आज पुरे घर की सफाई करि , थक गई।
कुछ कमाल का ही, होगा, आज, एकदम कतल कर देने वाला ;-)
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(11-04-2020, 12:28 AM)m8cool9 Wrote: Too erotic Komal ji
thanks
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मेरी ये कहानी बाकी कहानियो से अलग है कई मानों में
एक तो प्रस्तुतिकरण , इसमें कई पात्र अपने अपने अंदाज से अपनी बातें रखते हैं जबकि ज्यादातर कहानियों में मैं अपने ढंग से फर्स्ट पर्सन में
दूसरे इसमें कहानी महानगर की है , यंग टीनेजर्स की है जबकि मेरी ज्यादातर कहानियां गाँव या कस्बाई शहरों की होती हैं
तीसरे इसमें टीनेजर्स का रोल ज्यादा है , लड़के लड़कियां इंटर बी ए वाले , ...
ननद भाभी तो हैं ही , पर भाभी का रोल एकदम अलग है
इसलिए कई बार इसकी पोस्ट्स में टाइम लग जाता है ,
बस आप साथ बनाये रखे
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और हाँ जोरू का गुलाम का अपडेट मैंने कल रात दे दिया है
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अनुजा की कहानी अनुजा की जुबानी
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