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शादी की सालगिरह बहन के साथ
#21
''समीर मेरे साथ ही स्खलित होना '' मैं लगभग झड़ने वाली हूँ! "वह परमानंद में चिल्लायी'' l

समीर ने मन ही मन कामना की कि वह इस स्वाभाविक क्रिया को धता बता सके और अपनी बहन के चेहरे पर उठने वाले कामोद्दीपक भावों पर नजर रखते हुए उसने अपनी गति और बढ़ा दी , जिससे वह अपनी बहन के साथ ही स्खलित हो lवह समीर को इस तरह से धक्के मार रही थी कि मानो स्प्रिंग लगी हो ,कामोत्तेजना के अन्तिम क्षणों मे उसकी चीखें इतनी तीव्र थीं कि पड़ोसी भी जाग जाएं ,
वे जल्द ही कामोन्माद्जनित स्वर्गीय आन्नद के शिखर की अनुभुति कर एक दूसरे के शरीर मे नाखून पैबस्त कर दे रहे थे, तभी समीर उस चरम पर पहुँच गया और असिमा की योनि के भीतर ही झड़्ने लगा और उसके गर्भ को अपने वीर्य से सीँच दिया l


उसका सिर दायें से बायें झूमा और इस तरह से नीचे झुका कि उसके लंबे बाल पीछे से आ कर उसकी नग्न छातियों को ढक लें क्षण भर में उनके शरीर संभोग जनित श्रम से श्लथ व शांत हो गये l
उसने धीरे धीरे अपने सिर को उठाया और पूर्णता की अनुभूति कर मुस्करा दी यद्यपि उसके भाई का लण्ड अभी भी उसके भीतर वीर्य छोड़ रहा था जब तक उसके भाई ने वीर्य की अन्तिम बूँद उसके भीतर न छोड़ दी सिसकी लेती हुई बैठी रही और उसके हाथ उसके कन्धे पर विश्राम करते रहे शीघ्र ही वह निढाल होकर उस पर लुढ़्क गई और उसके आगोश में ही थोड़ी देर तक रही इस बीच वे दोनों चुप थे l
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#22
"समीर," वह फुसफुसाई" ”क्या नाश्ता पसन्द आया? ”
समीर उत्तर में उसके होठों को चूम लिया l
" अगर तुम आज काम छोड़ सको तो लंच भी हाजिर हो सकता है l”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#23
Heart Heart Heart




Heart THE END Heart





Heart Heart Heart Heart



[Image: w_57B2EF4F30AFD02425523DB8BE4A25CD.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#24
मस्त कहानी।
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#25
पापा और बुआ की चुदाई
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#26
मेरे पापा की आयु 44 साल है। पापा का कद 5 फीट 10 इंच और रंग साफ है। पापा का डील डौल बहुत अच्छा और चेहरा बहुत आकर्षक है। पापा को क्लीन शेव चेहरे से लाली झलकती है और आंखों एवं बालों का रंग गहरा काला है। पापा का लंड काफी लंबा, मोटा, जानदार और तगड़ा है। पापा की एक छोटी बहन है जो पापा से 5 साल छोटी है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

ये कहानी 7 साल पुरानी है, तब पापा की आयु 35 साल थी। बुआ का नाम किरन है और तब उनकी आयु 30 साल थी। बुआ का रंग बहुत गोरा और कद 5 फीट 5 इंच है। बुआ की फिगर बहुत सेक्सी है उनकी फिगर का नाप 36-28-36 है और ब्रा का कप डी साईज का है। बुआ शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा भी है। एक बच्चे की मां होने के बावजूद उनका बदन कसा हुआ है और उन्होंने ने अपनी फिगर को मेंटेन करके रखा है।

बुआ के बूब्ज़ और गांड उभरे हुए हैं और पेट समतल है। बुआ के बूब्ज़ और चूतड़ काफी बड़े-बड़े और गोल हैं। बुआ का बदन भरा हुआ, टाईट और चिकना है। बुआ की आंखों एवं बालों का रंग भूरा है और गुलाबी होंठ थोडे़ मोटे और शेप में हैं। बुआ की जांघों का क्या कहना वो भरी हुई और चिकनी हैं। बुआ के बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का गुलाबी है। बुआ दिखने में किसी पोर्न स्टार से भी सेक्सी है। उनकी खूबसूरती देखकर मुझे भी कभी-कभी जलन होती है।

बुआ हमेशा सलवार कमीज और बिना हील के जूती पहनती है। ऐसी ड्रेस में भी वो बहुत सेक्सी लगती है। बुआ को देखकर किसी भी मर्द का दिल उसे चोदने को करेगा। बुआ का सेक्सी बदन देखकर किसी ना मर्द के लंड में भी हलचल होने लगती होगी। मैं बुआ और पापा को बहुत शरीफ समझती थी लेकिन उनका वो सेक्सी अवतार देखकर मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#27
सके बाद मैंने पापा पर नज़र रखनी शुरु की और उनका फोन छुपकर सुनने लगी। तब मुझे मालूम हुआ कि मेरे शरीफ पापा बहुत सी चुद्दकड़ औरतों के चोदू यार हैं और बुआ भी बहुत चुद्दकड़ है और अपनी शादी से पहले से ही पापा से चुदती आ रही है।

बुआ का ससुराल हमारे गांव से थोड़ी दूर दूसरे गांव में है। फूफा जी एक अरब देश में काम करते हैं और चार साल बाद एक महीने केलिए आते हैं। मेरी मम्मी जब भी कहीं बाहर जाती है तो बुआ घर संभालते को आ जाती है। मेरी मम्मी कभी मौसी के, कभी मामा के घर तो कभी किसी और रिश्तेदारी में चली जाती। मेरा रूम बिल्कुल पापा के साथ वाला है और बुआ का सामने। मैंने रात में कई बार खिड़की से पापा को बुआ के रूम में या बुआ को पापा के रूम में जाते देखा था।


झे लगा भाई-बहन बैठ कर बातें करते होंगे। लेकिन शक मुझे तब हुआ जब सुबह के चार बजे मुझे पापा के दरवाजे की आवाज़ सुनाई दी और मैंने खिड़की से देखा तो बुआ अपने कपड़े ठीक करते हुए अपने रूम में जा रही थी। उसकी अगली रात मैने छुपकर देखने की कोशिश की लेकिन दरवाजे और खिड़की के पर्दों से कुछ नहीं दिखा सिर्फ पापा और बुआ की कामुक आवाज़ें सुन रही थीं। मैंने लगातार दो रात उनकी चुदाई देखने की कोशिश की लेकिन देख नहीं पाई।

एक दिन बुआ मेरे कॉलेज जाने के टाईम से पहले आ गई और पापा भई गांव में ही काम गए हुए थे। मैं बुआ को कॉलेज जाने का बोलकर निकल गई लेकिन मेन गेट से वापस आ कर छुप गई। बुआ ने मेन गेट को ताला लगा दिया और नहाने चली गई। बुआ बहुत खुश लग रही थी। मैंने पापा और बुआ के रूम के पर्दों को ऐसे सैट कर दिया के मैं बाहर से रूम का नजारा देख सकूं और मैं अपने रूम में छुप गई। थोड़ी देर बाद पापा आ गए।

मैंने अपने रूम से देखा कि अंदर आते ही दोनों बालकनी में लिपट कर एक-दूसरे को चूमने लगे। बुआ ने पापा से कहा आज बालकनी में चुदाई करेंगे और पापा को पांच मिनट रुकने को बोलकर बुआ अपने रूम में चली गई। पापा और बुआ ने मेरा काम आसान कर दिया, अब मैं अपने रूम से उनको देख सकती थी।

कुछ देर बाद बुआ अपने रूम से बाहर निकली और मेरी आंखें खुली की खुली रह गई। बुआ ने मेरी कॉलेज वाली लाल और सफेद चैॅक की स्कर्ट और गुलाबी रंग की शर्ट पहनी हुई थी। बुआ ने पैरों में मम्मी के हाई हील के सैंडिल पहने हुए थे। जब बुआ पापा की तरफ अपनी उभरी हुई मोटी गांड, पतली कमर और बूब्ज़ हिलाते हुए आ रही थी तो आग लग रही थी। मुझे बुआ का ये सेक्सी अवतार देखकर बहुत ज्यादा जलन हुई।

बुआ ऐसे कपड़े पहन कर जब पापा के सामने आई तो पापा उसको ऊपर से नीचे तक निहारते हुए मंत्र मुग्ध से हो गए। पापा की नींद बुआ की आवाज़ से टूटी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#28
बुआ : क्या हुआ भईया, कहां खो गए।

पापा : कुछ नहीं किरन, आज पहली बार तुझे ऐसी ड्रेस में देखा है। तुम बहुत सेक्सी लग रही हो। पहले तुझे सिर्फ सलवार कमीज में ही देखा है।

बुआ : आज घर में कोई नहीं है तो मैंने सोचा ऐसी ड्रेस ट्राई करके देखती हूं। पहले अर्श के घर होने से छुपकर चुदाई करनी पड़ती थी और आज खुल कर मजे लेंगें।

पापा : उफफ अर्श का नाम मत लो किरन, मुझे कुछ-कुछ होने लगता है। साली अपनी मां की तरह बहुत गर्म माल है। जब सामने होती है तो उसकी चाल और अदा में मुझे एक चुद्दकड़ रंडी दिखती है। दिल करता है साली को चोद दूं। मैंने उसे गर्म करने की बहुत बार कोशिश भी की है लेकिन पटी नही। अगर मेरी बेटी न होती तो कब का उसके सेक्सी बदन के मजे ले लेता।

पापा के मुंह से ये बात सुनकर मैं दंग रह गई। मुझे ख्याल आया कि पापा मेरे गुदगुदी करते रहते हैं और मेरे बूब्ज, गांड और मेरी चूत पर भी हाथ फेर देते हैं। मुझे लगता था ऐसे ही हाथ लग जाता होगा लेकिन अब मालूम हुआ कि वो मेरे बदन का मजा लेने केलिए और मुझे गर्म करने केलिए करते थे ताकि मुझे चोद सकें। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

बुआ : बेटी है तो क्या हुआ, मैं भी तुम्हारी बहन हूं। मुझे चोद सकते हो तो वो भी चुद जाएगी।

पापा : तुम्हारी बात अलग है किरन, तुम तो चुदने केलिए तैयार थी और जब हम खेल खेल में एक-दूसरे से चिपक गए थे, तुम तभी गर्म हो गई थी और रात को सील भी तुड़वा ली थी। लेकिन अर्श गर्म होकर भी लाईन नहीं दे रही और मुझे लगता है वो पहले से ही चुदी हुई है।

बुआ : अरे भईया अर्श को बाद में पटा लेना, आज नहीं तो कल आपका लंड उसकी चूत में होगा। आप उसे चोदोगे जरूर। आप जैसे चोदू आदमी से कब तक भागेगी। खुद को शरीफ कहलाने वाली मेरी सहेलियां भी आपके लंबे मोटे लंड के सामने लार टपकाती हुई चुदने लगती थीं। अब उसको भूल जाओ और मजे करते हैं। बहुत साल बाद ऐसे खुल्लमखुल्ला चुदाई करने का मौका नसीब हुआ है।

पापा : हां किरन तुम्हारी शादी से पहले हम खेत वाले रूम में ऐसे खुल्लमखुल्ला चुदाई करते थे। चलो फिर से वही मजा करते हैं।

पापा कुर्सी पर बैठे हुए थे और बुआ ने सामने खड़ी होकर अपनी शर्ट के बटन खोल दिए। बूआ ने लाल रंग की हॉफ़ ब्रा पहनी हुई थी जिस में बुआ के आधे से ज्यादा बूब्ज बाहर झलक रहे थे। बुआ ने अपनी शर्ट उतार कर पापा पर फेंक दी और पापा के सामने बूब्ज और गांड हिलाते हुए सेक्सी डांस करने लगी। पापा उसको सेक्सी नज़रों से निहारते हुए अपनी लोअर से अपना लंड निकाल कर सहलाने लगे।

बुआ पापा के पास आई और पापा के लंड पर चुम्मा लेकर लोअर एवं अंडरवियर निकाल दिया। पापा ने बुआ की जींस का बटन और जिप खोलकर जींस को निकाल कर फेंक दिया। बुआ ने पैंटी नहीं पहनी थी और पापा ने बुआ की शेवड चिकनी चूत पर चुम्मा ले लिया। बुआ ने पापा की टी शर्ट निकाल कर उनकी छाती को सहलाया। पापा नए बुआ के ब्रा की हुक खोलकर ब्रा निकाल कर सूंघते हुए फेंक दिया और बारी बारी से बुआ के दोनों बूब्ज़ को चूमा।
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#29
बुआ और पापा एक-दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे और बुआ पापा के सामने हाई हील के सैंडिल में गांड हिलाकर डांस करने लगी। पापा उनके सेक्सी डांस को देखकर उत्तेजित होकर अपना लंड जोर से मसलने लगे। अचानक पापा खड़े हो गए और बुआ पापा से लिपट गई। बुआ ने कसकर पापा को अपनी बांहों में भर लिया और अपने बड़े-बड़े बूब्ज़ पापा की छाती में दबा दिए।

पापा अपनी छाती से बूब्ज़ रगड़ते हुए बुआ के उभरे हुए बड़े-बड़े गोल चूतड़ दबाने लगे और उनकी भरी हुई जांघों को सहलाने लगे। बुआ और पापा एक-दूसरे के कानों और गालों को चूमने लगे और मुंह में भरकर चूसने एवं काटने लगे। उन दोनों को देखकर मैं भी गर्म होने लगी और अपनी चूत सहलाने लगी।

बुआ ने पापा का चेहरा पीछे खींच कर अपने नर्म होंठ पापा के होंठों पर रख दिए और दोनों एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे। बुआ और पापा एक-दूसरे के होंठों को मुंह में भर कर खींच कर चूसने लगे। धीरे-धीरे दोनों बहुत गर्म हो गए और जंगली हो गए। वो एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे और एक-दूसरे की जीभ को बहुत जोर से चूसते माने जीभ को खा जाएंगे।

अब दोनों और भी ज्यादा गर्म हो रहे थे और एक-दूसरे के होंठों को दांतों से काटने लगे। बुआ अपने हाथ पापा की पीठ पर बहुत जोर से रगड़ते हुए उनकी पीठ में नाखून गढा़ने लगी और पापा बुआ के चूतड़ बहुत बेरहमी से मसलने लगे। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

बुआ ने पापा को कुर्सी पर बैठा दिया और किचन से जैम की बोतल ले आई। बुआ ने पापा के सामने खड़ी होकर अपने बूब्ज़ एवं निप्पलों पर जैम मसल लिया और बूब्ज़ पापा के मुंह के पास कर दिए।

पापा ने पहले बुआ के बूब्ज़ पर जीभ घुमा घुमा कर चाटा और फिर बुआ के निप्पलों को जीभ से चाटते हुए मुंह में भरकर चूसने लगे। बुआ जोर जोर से पापा का सिर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी और पापा उतनी ही जोर से बुआ के बूब्ज़ को चूस रहे थे। जब पापा उनके बूब्ज़ या निप्पलों को दांतों से काटते तो बुआ के मुंह से आहह… निकल जाती और वो अपने नीचे वाले होंठ को दांतों तले दबा लेती।

पापा ने बोतल से और जैम निकाल कर बुआ के नाजुक चिकने पेट पर मसल दी और जीभ से मजे लेकर चाटने लगे और बुआ मस्ती में मचलने लगी। जब पापा बुआ की नाभि में जीभ घुसा कर चूसते तो बुआ मस्ती में छटपटाने लगती और पापा के बालों को भींचने लगती।
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#30
बुआ ने पापा को खड़ा करके उनकी छाती पर जैम लगा दी और जीभ से चाटने लगी। बुआ ने पापा की छाती पर जीभ घुमा घुमा कर सारी जैम साफ कर दी और उनकी छाती के निप्पलों को मुंह में खींच खींच कर चूसने लगी। बुआ ने पापा की छाती को चूसते और दांतों से काटते हुए अपनी एक ऊंगली पर जैम लगाकर पापा के मुंह में दे दी जिसे पापा बुआ के सिर को अपनी छाती पर दबाते हुए चूसने लगे।

अब बुआ कुर्सी पर बैठ गई और पापा की कमर में हाथ डालकर अपने करीब खींच लिया। बुआ ने पापा के पेट पर जैम मसल दी और जीभ से चाटते हुए पापा के पेट पर दांत गढा़ने लगी। पापा बुआ के सिर को अपने पेट पर दबाते हुए मस्त हो रहे थे और बुआ पापा की पीठ सहलाते हुए चुदाई की दुनियां में खो रही थी।

बुआ ने बोतल से और जैम निकाली और पापा के लंबे मोटे लंड और उनके अंडकोष पर लगा दी। बुआ पहले पापा के अंडकोषों को जीभ से चाट कर साफ करने लगी और फिर अंडकोषों को मुंह में लेकर चूसने लगी। पापा के मुंह से आहह… आहह.. की सिसकियां निकलने लगी।

अब बुआ पापा के लंड को चाट चाट कर साफ करने लगी। लंड को साफ करने के बाद बुआ पापा के लंड के लाल लाल टोपे को जीभ से चाटने लगी और पूरा लंड मुंह में ले लिया। बुआ पूरा लंड मुंह में लेकर मस्ती में चूसने लगी और पुचच… पुचच… की आवाज़ें निकालने लगी।

पापा ने बुआ का सिर कस कर पकड़ लिया और बुआ के मुंह में झटके देने लगे। पापा आंखें बंद कर के बुआ का मुंह से गले की गहराई तक लंड घुसा कर बुआ का मुंह चोदने लगे और बुआ एक चुद्दकड़ रंडी की तरह मुंह चुदाई का आनंद ले रही थी। पापा का लंड बुआ के गले के अंदर-बाहर होने से गप्प… गप्प… की आवाज़ें आने लगीं और माहौल एकदम कामुक हो चुका था।

पापा ने बुआ को पास पड़ी चारपाई पर लेटा लिया और खुद 69 अवस्था में बुआ के ऊपर लेट गए। पापा ने बुआ की टांगें खोलकर उनकी चूत पर अपना मुंह रख दिया और अपने लंड को बुआ के होंठों पर लगा दिया। पापा अपनी जीभ से बुआ की चूत चाटने लगे और बुआ ने अपना मुंह खोलकर लंड को अंदर ले लिया। पापा बुआ की चूत में जीभ घुसा कर चाटने लगे और बुआ पापा का लंड चूसने लगी।

कुछ देर बाद पापा अपनी गांड हिलाकर बुआ का मुंह चोदने लगे और बुआ नीचे से गांड उचका उचका कर पापा के चेहरे पर चूत रगड़ने लगी। इस लंड और चूत चुसाई में गप्प… गप्प… और सपड़… सपड़… की आवाज़ें गूंजने लगीं। पूरा माहौल चुदाई की रंगत में रंगा गया और मैं अपनी दो ऊंगलियों से अपनी चूत की खुजली मिटा रही थी।

बुआ और पापा अब असली खेल पर आ गए। पापा ने बुआ को चारपाई पर सीधा लेटा लिया और टांगें खोलकर अपना लंड बुआ की चूत पर टिका दिया।

पापा : तैयार हो मेरी रंडी बहना, अपने भाई का लंड खाने को। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..

बुआ : आपके दमदार लंड की तो मैं दीवानी हूं भईया और इस लंड से चुदने केलिए तो ही यहां आती हूं। आज एक बार में ही पूरा लंड अंदर उतार देना।

पापा : (बुआ की चूत पर जोरदार शाॅट मारकर पूरा लंड अंदर घुसाते हुए) तेरी चूत तो एकदम टाईट है किरन। तेरी चूत आज भी उतनी ही टाईट और गर्म है जितनी 14 साल पहले थी। ऐसा लगता है जैसे एक दो बार ही चुदी हो। तुझे चोद कर मजा आ जाता है।

बुआ : ( पापा का लंड अंदर जाने से चीखने के बाद ) मुझे भी आपके लंबे मोटे लंड से चुदने के बाद ऐसा लगता है जैसे जंनत की सैर कर ली हो। मैं बहुत से मर्दों से चुद चुकी हूं, किसी का लंड लंबा होता है किसी का मोटा। और बहुत का लंड तो जानदार होता है पर चुदाई आप जैसे नहीं करता।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#31
पापा ने कुछ देर लंड को बुआ की चूत में ऐसे ही रखा। अब बुआ नीचे लेटे-लेटे अपनी गांड हिलाने लगी और पापा ने लंड को बाहर खींच कर फिर लंड बुआ की चूत में पेल दिया। पापा ऊपर से बुआ की चूत चोदने लगे और बुआ नीचे से गांड उठा उठाकर लंड को अंदर-बाहर करने लगी।

पापा ऊपर से और बुआ नीचे से जोर जोर से गांड पटक पटक कर जोरदार धक्कों से ताबड़तोड़ चुदाई करने लगे और बुआ के बड़े-बड़े बूब्ज़ ऊपर-नीचे उछलने लगे। पापा ने बूआ के ऊपर लेट कर होंठों पर होंठ रख दिए और बुआ के बूब्ज़ पापा की छाती में गढ़ गए। पापा बुआ के होंठों को मुंह में खींच कर चूसते हुए गांड उठा उठाकर चूत चोदने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#32
पापा ने बुआ को कुर्सी पर एक टांग मोड़कर खड़ी कर दिया और पीछे से चूत में लंड पेल दिया। पापा पीछे से बुआ की चूत में लंड पेलने लगे और बुआ आगे-पीछे होकर चूत चुदाई का मजा लेने लगी। पापा बहुत जोर जोर से बुआ की चूत चोदने लगे और बुआ के बूब्ज़ हवा में लहराने लगे। पापा ने लंड को चूत से निकाला और ऐसे ही पीछे से लंड बुआ की गांड में ठूंस दिया। पापा जोर जोर से बुआ की गांड चोदने लगे और बुआ बडे़ मजे से आंखें बंद किए हुए चुद रही थी।

पापा कुर्सी पर बैठ गए और उनका लंड ऊपर को तना हुआ था। बुआ ने पापा के कंधों पर हाथ रखे और कुर्सी पर घुटने मोड़कर अपनी चूत पापा के लंड पर टिका कर बैठ गई।

बुआ ने अपने बूब्ज़ पापा के मुंह पर लगा दिए और गांड को नीचे धकेल दिया। पापा का लंड बुआ की चूत में समा गया और बूआ के मुंह से मस्ती भरी आहह निकल गई। बुआ अपने बूब्ज़ को पापा के मुंह पर मारती हुई लंड पर उछलने लगी और पापा बुआ की कमर को पकड़ कर ऊपर-नीचे करते हुए बुआ को चोदने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#33
दोनों एक-दूसरे से कस कर लिपट गए और फिर से ताबड़तोड़ धक्कों का दौर चालू हो गया। दोनों एक-दूसरे से ऐसे लिपटे हुए थे कि उनके बीच हवा भी नहीं निकल सकती थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#34
अब पापा ने बुआ को कुर्सी के सहारे झुका कर खड़ी किया और पीछे से बुआ की चूत चोदने लगे। बुआ भी गांड उचका उचका कर चूत चुदवाने लगी। अचानक दोनों के जिस्म अकड़ने लगे और ठंडी आहह के साथ झड़ गए। पापा का लंड बुआ की चूत से बाहर आ गया और पापा का वीर्य बुआ की चूत से नीचे टपकने लगा।

बुआ ने पापा का लंड चाट कर साफ कर दिया और पापा को आई पिल लाने को बोला। तब उनकी बात से मालूम हुआ कि बुआ का बेटा भी पापा की औलाद है। पापा बाईक लेकर आई पिल लेने चले गए और बुआ रूम में जाकर लेट गई। मैं धीरे से घर से निकली और अपने एक यार से चुदवा कर गर्मी निकाली।

मैं छुट्टी के टाईम घर आकर लेट गई और आज की चुदाई के बारे में सोचने लगी। बुआ और पापा की चुदाई के बारे सोचते-सोचते एक दम से याद आया कि मेरी मम्मी भी मेरे मामा के रूम में बहुत देर तक दरवाजा बंद करके मामा के साथ रहती है। मुझे उन पर भी शक हुआ और उन पर भी नज़र रखने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#35
मस्त कहानी।
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#36
nice one
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#37
Bahut garam
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#38
Awesome
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#39
Awesome
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#40
Update story
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