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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Tongue 
इस रात में बहुत कुछ देखा हमने. साइको की हैवानियत और दरिंदगी की इंतेहा देखी हमने. मगर हमने बेन्तेहा प्यार भी देखा इस चाँदनी रात में. ये ऐसा प्यार था जो कि साइको की दरिंदगी के आगे सीना ताने खड़ा रहा. अगर प्यार ना होता तो शायद सभी पात्र बिखर जाते. प्यार ने उन्हे हिम्मत दी और कुछ करने का जज़्बा दिया. अगर अपर्णा आशुतोष से सच्चा प्यार ना करती तो वो शायद ही तलवार उठाती. जिस तरह से उसने साइको के दोनो हाथ काटे तलवार से उस से यही लगता है कि वो अपने प्यार के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

 
इस चाँदनी रात में इंसाफ़ होते हुए भी देखा हमने. साइको को कुछ उसी तरह की मौत मिली जैसी की वो लोगो को देता आया था.
 
पूरी टास्क फोर्स हॉस्पिटल में मौजूद थी. आशुतोष का ऑपरेशन सक्सेस्फुल रहा था और वो ख़तरे से बाहर था. अंकिता के हाथ में पट्टी बाँधी गयी. उसके पेट में कोई नया जखम नही बना था. हां दर्द हो रहा था, उसके लिए उसे पेनकिलर दे दिया गया था. उसे हॉस्पिटल में स्टे की कोई ज़रूरत नही थी पर वो सभी के कारण रुकी हुई थी

ऋतू के हाथ में भी पट्टी बाँधी गयी. अपने सीनियर की कॉल के कारण उसे तुरंत वहाँ से जाना पड़ा. उसे कोई न्यूज़ कवर करनी थी. गौरव और सौरभ की हालत बॉम्ब ब्लास्ट के कारण नाज़ुक थी. गौरव बेसबॉल की मार के कारण और ज़्यादा घायल था. उसकी पीठ बुरी तरह छिली हुई थी. मगर वो दोनो भी ख़तरे से बाहर थे. मायनर स्टिचस लगे दोनो को. गौरव को पीठ पर थोड़े ज़्यादा लगे. हां काई जगह पट्टी बाँधी गयी. हाथ पाँव पूरी तरह पट्टी से ढक गये.
 

*********************************
 
 
2 दिन बाद सभी हॉस्पिटल में आशुतोष के कमरे में बैठे थे.
 
यार आशुतोष ये तो बता कि एसपी की फोटो तेरे घर में क्या कर रही थी.” सौरभ ने पूछा.
 
अरे ग़लती से गयी थी. एक फंक्षन में मेरी भी कई फोटो खींची थी फोटोग्राफर ने. मैने फोटोग्राफर से अपनी स्नॅप्स के ऑर्डर दिए थे. उसने ग़लती से एक फोटो एसपी की भी दे दी मुझे. मैने घर पर एक बुक में रख दी थी एसपी की फोटो. उसमें कुछ और फोटोस भी थी. वापिस देनी थी मुझे एसपी की फोटो फोटोग्राफर को पर बार-बार भूल जाता था.”
 
वैसे कितना बड़ा कोयिन्सिडेन्स है कि अपर्णा से वो किताब गिर गयी. ना वो किताब गिरती ना हमें पता चलता कि साइको कोन है.” अंकिता ने कहा.
 
श्ह्ह्हधीरे बोलिएदीवारो के भी कान होते हैं.” गौरव ने कहा.
 
हाहहहाहा….” सौरभ हँसने लगा.
 
क्या हुआ भाई मैने कोई चुटकुला बोला क्या?”
 
आशुतोष दीवारो के भी कान होते हैंकुछ याद आयाहिहिहीही…” सौरभ ने कहा.
 
तुम बस मेरी फ़ज़ीहत करने पर लगे रहा करो. आगे कुछ मत बोलना.” आशुतोष ने कहा.
 
अरे यार बात क्या है कोई हमें भी तो बताए.” गौरव ने कहा.
 
अपर्णा से पूछोवो बताएगी…” सौरभ ने कहा.
 
कोई बात नही हैऔर मुझे अब कुछ याद भी नही है.” अपर्णा ने गुस्से में कहा.
 
सॉरी अपर्णा मैं बस मज़ाक कर रहा था.” सौरभ ने कहा.
 
दुबारा ऐसा मज़ाक मत करना…” अपर्णा ने कहा.
 
सभी एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे. दोस्ती में प्यार और तकरार चलता रहता था.
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Heart 
Update 117

 


*********************************
 
साइको को भूलने लगे थे लोग क्योंकि 2 महीने से बिल्कुल शांति थी शहर में. किसी को नही पता था कि साइको मर चुका है. एसपी की तलाश की जा रही थी हर तरफ. यही अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि शायद साइको ने एसपी को किडनॅप कर लिया है और उन्हे मार दिया है. मीडीया में भी यही चर्चा थी. टास्क फोर्स के लिए ये अच्छी बात थी.


 
***

Heart 
 
मगर एक और अच्छी बात होने जा रही थी. शादी हो रही थी पूजा और सौरभ की. सौरभ बिना किसी दहेज के शादी कर रहा था पूजा से. पूजा के बापू बहुत खुश थे. श्रद्धा भी फूली नही समा रही थी.
 
लॅडीस डॅन्स हो रहा था. श्रद्धा खूब झूम-झूम कर नाच रही थी. चारो तरफ लॅडीस ने गोल घेरा बना रखा था. अपर्णा भी श्रद्धा को डॅन्स करते हुए देख रही थी. पिंक कलर का लहंगा-चोली पहन रखा था उसने. अचानक एक गाना चला और श्रद्धा ने अपर्णा को भी खींच लिया.
 
कूदिया दे विच फिरे हस्दी खेददी
 
गुट दी प्रंडी तेरी नाग वांगु महलदी
 
कॉलेज नू जावे नि तू नाग वांगु महलदी
 
आशिकन नू दर्श दिखाया करो जी
 
कड़ी साडी गली भूल के वी आया करो जी
 
कुछ देर तो अपर्णा शरमाई मगर जब उसके पाँव थिरकने लगे तो वो पूरे जोश में गयी. तनु वेड्स मनु का ये गाना उसका फेवोवरिट था इसलिए झूम-झूम कर नाच रही थी. अपर्णा इतना अच्छा थिरक रही थी कि श्रद्धा पीछे हट गयी. बाकी लड़कियाँ भी वहाँ से हट गयी. सिर्फ़ अपर्णा रह गयी वहाँ. उसकी पतली कमर के झटके किसी की भी जान ले सकते थे. एक सुंदर नारी जब नृत्य करती है तो बड़े से बड़े साधु भी घायल हो जाते हैं. बहुत ही कामुक नृत्य था अपर्णा का. अंग-अंग म्यूज़िक के साथ लहराता मालूम हो रहा था.
 
श्रद्धा भाग कर गयी आशुतोष के पास और उसे बोली, “चल जल्दी तेरी अपर्णा नाच रही है.”
 
मज़ाक मत कर. उसे डॅन्स नही आता.” आशुतोष ने कहा.
 
झूठ बोला होगा उसने तुझेचल देख अपनी आँखो से दिल ज़ख़्मी ना हो गया तेरा तो कहना.”
 
आशुतोष वहाँ पहुँचा तो उसे अपनी आँखो पर यकीन ही नही हुआ.
 
.ऍम.जी. अपर्णा इतना अच्छा डॅन्स करती है. मेरा भी मन कर रहा है उसके साथ डॅन्स करने काआशुतोष ने श्रद्धा से कहा.
 
ये लॅडीस महफ़िल है. जाओ अबबस एक झलक दिखानी थी तुम्हे.” श्रद्धा ने कहा.
 
नही मैं अपर्णा का पूरा डॅन्स देख कर जाऊगा. कम से कम इस गाने को तो ख़तम हो जाने दो.”
 
ओके मगर चुपचाप खड़े रहना.” श्रद्धा ने कहा.
 
जब गाना थमा तो अपर्णा भी थम गयी. अचानक उसकी नज़र आशुतोष पर पड़ी तो शरम से पानी-पानी हो गयी. उसका पूरा जिसम पसीने से लटपथ था. कुछ लड़कियों ने उसे घेर लिया बधाई देने के लिए. वो सभी की बधाई लेकर भीड़ से बाहर गयी.
 
ग़ज़ब अपर्णाग़ज़बयार मार डाला तुमने मुझे आज. मैं पहले से ही घायल था तुम्हारे प्यार में. क्या नाचती हो तुम.”
 
मेरे कपड़े गीले हो गये हैं. चेंज करके आती हूँ.” अपर्णा ने बात टालने की कोशिश की.
 
घर जाओगी क्या वापिस?”
 
हां जाना ही पड़ेगा. दूसरे कपड़े तो कार में पड़े हैं पर यहाँ चेंज करने की जगह नही है.”
 
मेरे घर चलते हैंनज़दीक पड़ेगा.”
 
नही वहाँ नही जाऊगी.”
 
क्यों…”
 
तुम मुझे जिस तरह देख रहे होमुझे लगता है तुम्हारे साथ जाना ठीक नही.”
 
ऐसा मत कहो अपर्णा…. प्यार करता हूँ तुमसे. खा नही जाऊगा तुम्हे. चलो…” आशुतोष अपर्णा का हाथ पकड़ कर कार की तरफ चल पड़ा.
 
अपर्णा का दिल धक-धक करने लगा
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Heart 
15 मिनिट में वो आशुतोष के घर पहुँच गये.

 
वैसे इस ड्रेस में शीतम ढा रही हो तुम. उपर से ऐसा डॅन्स दिखा दिया मुझे.” आशुतोष ने अपर्णा को बाहों में भर लिया.
 
मैने तुम्हे नही बुलाया था. तुम क्यों आए वहाँ.”
 
श्रद्धा ले गयी थी मुझे ज़बरदस्ती. मैं वहाँ ना जाता तो मुझे पता ही ना चलता कि मेरी अपर्णा इतना अच्छा नाचती है.”
 
मैं बस यू ही थिरक रही थी गाने के साथमुझे नाचना नही आता.”
 
तुम्हारा अंग-अंग म्यूज़िक के साथ सागर की लहरों की तरह झूम रहा था. ये हर कोई नही कर सकता. तुम्हारे नितंब क्या झटके मार रहे थे. और पतली कमर का तो क्या कहना.”
 
क्या कहा तुमनेनितंब हिहिहीहीसभ्य भासा पर्योग कर रहें हैं आज आप.” अपर्णा ने हंसते हुए कहा.
 
हां गान्ड कहूँगा तो कही तुम भड़क ना जाओ. फिर मुझे कुछ नही मिलेगा. मुझे आज उस दिन का आधुंरा काम पूरा करना है. आज प्लीज़ कोई बुक मत गिराना.”
 
आशुतोष बस एक महीने की बात और है. डाइवोर्स होते ही हम शादी कर लेंगे. देखो 2 महीने रुके रहे तुम. एक महीना और रुक जाओ. मैं तो तुम्हारी हूँतुम्हारी रहूंगी.”
 
वही तो मैं कह रहा हूँ. जब तुम मेरी हो तो ये शादी की फॉरमॅलिटी क्यों. तुम्हे पत्नी मानता हूँ मैं और क्या रह गया. शादी के इंतेज़ार में मेरी जान ना चली जाए.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा ने तुरंत आशुतोष के मूह पर हाथ रख दिया, “ऐसा मत कहो.”
 
तुमने उस दिन फार्म हाउस पर कहा था कि मैं अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होंटो की चुअन महसूस करना चाहती हूँ. आज मेरे होंटो को ये मौका दे दो ना.”
 
मेरा पूरा शरीर पसीने में डूबा हुआ है. मूह कड़वा हो जाएगा तुम्हारा.”
 
अच्छा देखूं तो…” आशुतोष ने अपर्णा की गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया.
 
अपर्णा उसे चाह कर भी रोक नही पाई.
 
तुम तो बहुत टेस्टी लग रही हो. कोई भी कड़वपन नही है. मज़ा आएगा.”
 
उफ्फयू आर टू मचअच्छा मुझे नहा लेने दो पहले. फिर देखते हैं आगे क्या करना है.”
 
नही मैने अपने होंटो के प्रेम रस से नहलाउंगा तुम्हे आज.”
 
तुम पागल हो सच में.”
 
वैसे तुमने आज तक नही बताया की उस दिन कैसा लगा था तुम्हे.”
 
दर्द हुआ था बहुत ज़्यादा. मैने उसी दिन बता दिया था तुम्हे. क्यों पूछते हो बार-बार.”
 
हुआ यू कि हमारे लंड महोदया बस अंदर गये ही थे आपके की आपने वो पुस्तक गिरा दी. हमारे लंड महोदया को आपकी चूत के अंदर प्रेम घर्सन करने का अवसर ही नही मिला. अन्यथा आप इस वक्त दर्द को याद ना करती.”
 
अंदाज़ बड़ा निराला है आपका. ये सब कहाँ से सीखा.”
 
आपके प्रेम ने सभ्य भासा सीखा दी. क्या करें प्यार करते हैं आपसे कोई मज़ाक नही.”
 
हम भी प्यार करते हैं आपसे कोई मज़ाक नही.” अपर्णा ने कहा.
 
आशुतोष ने अपर्णा के होंटो को प्यार से किस किया और बोला, “चलो अपर्णा इस प्यार में आज डूब जायें हम दोनो. जब इतना प्यार करते हैं हम एक दूसरे से तो हक़ बनता है ये हमारा.”
 
अपर्णा कुछ नही बोली. बस आशुतोष की छाती पर सर टीका कर चिपक गयी उसके साथ. बहुत कश कर जाकड़ लिया था उसने आशुतोष को.
 
मेरी महबूबा का स्वीकृति देने का अंदाज़ बड़ा निराला है.” आशुतोष ने अपर्णा के नितंबो को जाकड़ लिया दोनो हाथो में.
 
आशुतोष ने अपर्णा को खुद से अलग किया और उसे गोदी में उठा लिया
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Heart 
अपर्णा ने अपनी आँखे बंद कर ली. आशुतोष ने बड़े प्यार से उसे बिस्तर पर लेटा दिया. अपर्णा आँखे बंद किए पड़ी रही चुपचाप. जब कुछ देर उसे आशुतोष की कोई चुअन महसूस नही हुई तो उसने आँखे खोल कर देखा. आशुतोष पूरे कपड़े उतार चुका था. लंड पूरे तनाव में था. अपर्णा की नज़र जैसे ही आशुतोष के लंड पर पड़ी उसने अपने दोनो हाथो में अपना चेहरा ढक लिया, “.ऍम.जी.…अब पता चला उस दिन इतना दर्द क्यों हुआ था.”

 
उस दिन के दर्द का कारण बता चुके हैं हम आपको. उसका हमारे लंड महोदया की लंबाई-चौड़ाई से कोई लेना देना नही है.”
 
आशुतोष अपर्णा के उपर चढ़ गया और उसके कपड़े उतारने लगा.
 
कपड़े रहने दो प्लीज़. मुझे शरम आएगी.”
 
कपड़े नही उतारोगी तो मैं तुम्हारे अंग-अंग पर अपने होंटो को कैसे रखूँगा. चलो ये चोली उतारते हैं पहले.” आशुतोष ने चोली उतार दी. अपर्णा बिना कुछ कहे सहयोग कर रही थी.
 
वाओब्यूटिफुल. इन उभारों को ब्रा के चंगुल से बाद में आज़ाद करेंगे पहले ये लहंगा उतार लेते हैं.” आशुतोष ने कहा.
 
आशुतोष ने अपर्णा के नितंबो के नीचे हाथ सरकाए और लहँगे को पकड़ कर नीचे खींच लिया.
 
जितना सुंदर चेहराउतना ही सुंदर शरीर. मन भी सुंदर पाया है तुमने. व्हाट रेर कॉंबिनेशन. “ आशुतोष ने लहँगे को अपर्णा के शरीर से अलग करते हुए कहा.
 
तुम नाच रही थी तो तुम्हारे उभार जब उपर नीचे हिल रहे थे तो मेरा दिल भी उपर नीचे उछल रहा था. मन कर रहा था की पकड़ लूँ तुम्हे जा कर और टूट पदू इन उछलते उभारों पर.” आशुतोष ने ब्रा खोलते हुए कहा.
 
कैसी बाते करते हो तुममुझे शरम रही हैप्लीज़ मूह बंद रखो अपना.”
 
क्या करूँ दीवाना हूँ तुम्हारा. तुम्हारी तारीफ़ किए बिना रह ही नही सकता.”
 
आशुतोष ने अपर्णा के बायें उभार के निपल को होंटो में दबा लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया. अपर्णा की सिसकियाँ गूंजने लगी कमरे में.
 
कैसा लग रहा है तुम्हे.” आशुतोष ने पूछा.
 
अपर्णा ने कोई जवाब नही दिया. उसने आशुतोष के सर को थाम लिया और उसके सर पर हल्का सा दबाव बनाया ताकि उसके होठ वापिस निपल्स पर टिक जायें.
 
लगता है तुम्हे मज़ा रहा हैहहेहेहहेवैसे मैं दूसरे निपल पर जा रहा था. तुम कहती हो तो इसे ही चूस्ता रहता हूँ.”
 
अपर्णा शरम से पानी-पानी हो गयी. “नही मेरा वो मतलब नही था. तुम करो जो करना है.”
 
आपकी इन्हीं अदाओं पे तो प्यार आता हैथोड़ा नही बेसुमार आता है. बस एक बार हमें ये बता दो. इन अदाओं का तूफान कहाँ से आता है.”
 
तुम ऐसी बातें करोगे तो कोई भी शर्मा जाएगा.”
 
चलो इसी निपल को सक करता हूँ. लगता है ये ज़्यादा मज़ा दे रहा है तुम्हेहिहिहीही..”
 
आशुतोष फिर से डूब गया अपर्णा के उभारों में. अपर्णा फिर से आहें भरने लगी. बारी-बारी से दोनो उभारों को प्यार कर रहा था आशुतोष. अपर्णा की सिसकियाँ तेज होती जा रही थी.
 
अचानक आशुतोष अपर्णा के निपल्स छोड़ कर हट गया और अपर्णा की पॅंटी को धीरे से नीचे सरका कर अपर्णा के शरीर से अलग कर दिया. अपर्णा की टांगे काँपने लगी और उसकी साँसे बहुत तेज चलने लगी.
 
आशुतोष के लिए एक पल भी रुकना मुश्किल हो रहा था. उसने अपर्णा की टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया और अपर्णा के चेहरे पर हाथ रख कर बोला, “मुझे कभी किसी का प्यार नही मिला अपर्णा. जिंदगी भर प्यार के लिए तरसता रहा. ऐसा नही था की मैने कोशिश नही की. जो भी लड़कियाँ जिंदगी में आईं उन्होने मेरे दिल में झाँक कर देखा ही नही. मैं प्यार ढूंड रहा था हमेशालेकिन जिंदगी पता नही कब बस सेक्स में उलझ गयी. प्यार की तलाश इसलिए भी थी शायद क्योंकि बचपन से अनाथ था. तुम्हे प्यार तो करने लगा था पर डरता था कि दिल टूट ना जाए. लेकिन मैं आज बहुत खुश हूँ क्योंकि मेरा दिल बहुत प्यार से संभाल कर रखा है तुमने. इतना प्यार कभी नही मिला अपर्णा. आइ लव यू सो मच.”
 
आइ लव यू टूआशुतोष. झुत नही बोलूँगी. तुमसे प्यार करना नही चाहती थी. तुमसे दूर ही रहना चाहती थी. पर ना जाने क्या जादू किया तुमने कि मैं तुम्हारे प्यार में फँस गयी.”
 
वैसे दूर क्यों भागती थी मुझसे तुम.”
 
मैने सपना देखा था. जिसमे तुम मेरे साथये सब कर रहे थे.”
 
ये सब मतलबसेक्स.”
 
हां…. हम खुले में थे. किसी खेत का दृश्य था शायद. अचानक मुझे श्रद्धा दिखी चारपाई पर लेटी हुई. मैने तुम्हे रोकने की कोशिश कि ये कह कर की श्रद्धा देख लेगी. पर तुम नही रुके. अचानक साइको गया वहाँ और मेरी आँख खुल गयी. इस सपने ने बहुत डरा दिया था मुझे. इसलिए तुमसे दूर भागती थी.”
 
हाहहहहाहा….अब पता चला सारा चक्कर. तो तुम अपनी चूत बचाने के चक्कर में थी.”
 
शट अप…” अपर्णा गुस्से में बोली.”
 
वैसे सपना सच हुआ है तुम्हारा. उस दिन टेबल पर झुका रखा था तुम्हे तो श्रद्धा की फोटो भी गिरी थी नीचे. उसके उपर एसपी की फोटो थी. क्या सपने में भी पीछे से ठोक रहा था तुम्हे.”
 
मुझे कुछ याद नही है अब….” अपर्णा हंसते हुए बोली.
 
सो स्वीट अपर्णा. हमेशा यू ही हँसती रहना.”
 
तुम मुझे यू ही प्यार करोगे तो मैं यू ही हँसती रहूंगी.”
 
अपर्णा क्या मैं समा जाऊ तुम में.”
 
मना करूँगी तो क्या रुक जाओगे.”
 
बोल कर तो देखो.”
 
रुक जाओ फिर…” 
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Heart 
अपर्णा ने बोलते ही आँखे बंद कर ली. क्योंकि उसे यकीन था कि आशुतोष तुरंत समा जाएगा उसके अंदर. पर ऐसा कुछ नही हुआ. अपर्णा ने एक मिनिट बाद आँख खोली और बोली, “क्या हुआ तुम तो सच में रुक गये. तुम तो ऐसे नही थे.”

 
 “अपर्णा मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी आँखे खुली रखो. ताकि हम एक दूसरे की आँखो में देख सकें और जान सके कि दूसरा क्या महसूस कर रहा है. हमारा मिलन हमारे प्यार के जितना ही पवित्र है. हमें आँखो से आँखे मिला कर उतरना चाहिए इस संभोग में. सिर्फ़ मेरा लंड ही नही जाएगा तुम्हारे अंदर. मेरा प्यार और मेरी आत्मा भी समा जाएगी तुम्हारे अंदर. बस कुछ देर के लिए आँखे खुली रखो फिर तो आँखे वैसे भी खुद--खुद बंद हो जाएँगी क्योंकि हम प्यार में डूब जाएँगे.”
 
अपर्णा ने आशुतोष के चेहरे पर हाथ रखा और बोली, “मुझे यकीन नही था कि कभी इतनी गहरी बातें भी करोगे. पवर ऑफ नाओ की याद दिला दी तुमने मुझे. ठीक है मेरे दीवाने मैं आँखे खुली रखूँगी.”
 
आशुतोष ने एक हाथ से लंड को पकड़ा और अपर्णा के चूत छेद पर टिका दिया. अपर्णा के शरीर में बिजली की लहर दौड़ गयी. उसके होठ काँपने लगे.
 
मेरी कोशिश रहेगी कि आज दर्द ना होथोड़ा बहुत हो तो संभाल लेना.” आशुतोष ने खुद को पुश किया.
 
अपर्णा ने अपने दाँत भींच लिए लेकिन आँखे बंद नही की. दोनो की आँखे लगातार एक दूसरे से जुड़ी हुई थी. बहुत कुछ कह रही थी दोनो की आँखे एक दूसरे से. प्यार का अनमोल इज़हार हो रहा था आँखो के ज़रिए.
 
ना आशुतोष ने मूह से कुछ कहा और ना अपर्णा ने मूह से कुछ कहा. सभी बातें आँखो के ज़रिए हो रही थी. धीरे-धीरे आशुतोष पूरा समा गया अपर्णा के अंदर और आशुतोष ने पलके झपका कर अपर्णा को इशारा किया कि तुम अब आँखे बंद कर सकती हो. दोनो ने आँखे बंद कर ली और उनके होठ खुद--खुद एक दूसरे से जुड़ गये. अपर्णा आशुतोष के प्यार में दर्द पूरी तरह भूल गयी थी.
 
आशुतोष ने अपर्णा की चूत में लंड का घर्षण शुरू कर दिया. मगर दोनो के होठ लगातार एक दूसरे से जुड़े रहे. धीरे-धीरे आशुतोष ने स्पीड बढ़ाई तो अपर्णा की चीख गूंजने लगी कमरे में. ये चीन्खे दर्द की नही बल्कि बल्कि उस आनंद की थी जो अपर्णा को आशुतोष के साथ हो रहे मिलन से मिल रहा था. अपर्णा अपना सर दायें-बायें बहुत तेज़ी से घुमा रही थी. आशुतोष भी पूरी तरह खो गया था अपर्णा में. आँखे बंद थी उसकी भी और वो बार-बार अपर्णा के अंदर और अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. प्यार अंतिम सीमा तक पहुचने की कोशिश करता है. इसलिए आशुतोष हर बार अपर्णा के और अंदर उतर जाना चाहता था.
 
अचानक अपर्णा बहुत ज़ोर से चिल्लाई, “आशुतोष….बसऔर नही….रुक जाओ….” अपर्णा का ऑर्गॅज़म हो चुका था.
 
मगर आशुतोष नही रुका तो उसे अश्चर्य हुआ की वो एक और ऑर्गॅज़म की तरफ बढ़ रही है. ऐसा पहली बार हो रहा था उसके साथ. वो दुबारा चिल्लाई, “आशुतोष बसअब रुक जाओप्लेअएसस्स्स्स्स्सस्स.”
 
आशुतोष बिना कुछ कहे अपर्णा के और ज़्यादा अंदर जाने की कोशिश में लगा रहा. अचानक उसकी स्पीड बहुत तेज हो गयी. इतनी तेज की पूरा बिस्तर हिलने लगा. अपर्णा की तो साँसे अटकने लगी. साँस लेना बहुत मुश्किल हो गया था उसके लिए. तूफान ही कुछ ऐसा मचा दिया था आशुतोष ने.
 
अपर्णा!” बहुत ज़ोर से चिल्लाया आशुतोष और ढेर हो गया अपर्णा के उपर. दोनो की गरम-गरम साँसे आपस में टकरा रही थी.
 
कुछ देर तक यू ही पड़े रहे दोनो. दोनो को नींद की झपकी लग गयी थी. अचानक आशुतोष की आँख खुली, “.ऍम.जी. सौरभ मेरी जान ले लेगा.”
 
अपर्णा ने आशुतोष को कश कर थाम लिया. आशुतोष ने अपर्णा की आँखो में देखा तो पाया कि उसकी आँखे नम हैं.
 
क्या हुआ मेरी महबूबा को.” आशुतोष ने पूछा.
 
मुझे हमेशा यू ही प्यार करना आशु .”
 
मेरा प्यार नही बदलेगा पगलीचाहे ये दुनिया बदल जाए.”
 
हमने कोई प्रोटेक्शन यूज़ नही कियाकुछ ऐसा वैसा हो गया तो.” अपर्णा ने कहा.
 
ओह हांआगे से ध्यान रखेंगे. अभी बच्चो का नही सोचेंगे. पहले खुल कर इस प्यार को एंजाय कर लें फिर सोचेंगे.”
 
चलें अब…” अपर्णा ने हंसते हुए कहा.
 
मेरा तो फिर से मन कर रहा है.”
 
चलो..चलो लेट हो जाएँगे.” अपर्णा ने प्यार से कहा.
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Heart 
Update 118

 
………………………………………………………………
 
अंकिता शादी की भीड़- भाड़ में अकेली परेशान सी घूम रही थी. उसकी नज़र आशुतोष और अपर्णा पर पड़ी तो तुरंत उनके पास आई दौड़ कर.
 
तुम लोगो ने गौरव को देखा कहीं. उसका फोन भी नही मिल रहा.” अंकिता ने पूछा.
 
मेडम हम अभी आए हैं. अपर्णा को ड्रेस चेंज करनी थी. घर गये थे.” आशुतोष ने कहा.
 
गौरव पुणे वापिस जा रहा है ना कल. शायद पॅकिंग में बिज़ी होगा.” अपर्णा ने कहा.
 
वैसे गौरव सर ने रिज़ाइन करके ठीक नही किया. उनका सस्पेंशन तो वापिस हो ही गया था.” आशुतोष ने कहा.
 
ह्म्मअच्छा तुम लोगो को गौरव कहीं दिखे तो उसे बोल देना कि मुझसे मिल ले.” अंकिता ने कहा.
 
तुम्हारी एंगेज्मेंट है ना परसो. मैं तो भूल ही गयी थी.” अपर्णा ने कहा
 
हांप्लीज़ मेरा मेसेज ज़रूर दे देना उसे.”
 
हां दे देंगे आप चिंता मत कीजिए.”
 
कल जबसे गौरव अंकिता के रूम से निकला था गुस्से में तबसे अंकिता की उस से बात नही हुई थी. कल से ही फोन ऑफ था उसका. अंकिता जब घर गयी गौरव के तो वहाँ ताला मिला उसे. यही कारण था कि अंकिता बहुत बेचैन थी गौरव से मिलने के लिए और शादी के समारोह में बस उसे ही ढूंड रही थी. वो शादी में आए हर व्यक्ति को गौर से देख रही थी. दिल बस यही दुआ कर रहा था कि काश गौरव दिख जाए.
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Tongue 
कल का पूरा दिन अंकिता के लिए बहुत अजीब गुजरा था. जब सुबह उसकी आँख खुली थी तो आँखो में आंशू भर आए थे उसकी. सपना ही कुछ ऐसा देखा था उसने.

 
सपने में वो गौरव के साथ थी. दोनो डिन्नर कर रहे थे. डिन्नर की जगह बड़ी अजीब थी. थाने की बिल्डिंग की छत पर थे दोनो. वहाँ एक टेबल लगी थी जिसके दोनो तरफ कुर्सियों पर गौरव और अंकिता बैठे थे.
 
खाते हुए दोनो प्यारी-प्यारी बातें कर रहे थे. अचानक अंकिता ने प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा, “गौरव तुम जान-ना चाहते थे ना मेरे दिल की बात. क्या बोल दूं आज.”
 
हां बोलो ना मैं तो कब से इंतेज़ार कर रहा हूँ. बताओ क्या है तुम्हारे दिल में.”
 
मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ गौरव. मगर इस प्यार में दो कदम भी साथ नही चल सकती तुम्हारे.”
 
प्यार करती हो और दो कदम भी साथ नही चल सकती. एस पी साहिबा इतनी कमजोर निकलेगी सोचा भी नही था मैने. मैं तुमसे कोई बात नही करना चाहता.”
 
गौरव प्लीज़ सुनो तो.”
 
क्या सुनू मैंप्यार का मज़ाक बना रखा है तुमने. प्यार का ऐसा बेहूदा इज़हार आज तक ना देखा ना सुना मैने. आइ हेट यू.”
 
तभी अंकिता की आँख खुल गयी थी और उसकी आँखो में आँसू भर आए थे. गौरव की बात किसी काँटे की तरह चुभ रही थी अंकिता के दिल में.
 
इसीलिए मैने प्यार का इज़हार नही लिया अब तक. प्यार का इज़हार करके इस प्यार को ठुकराना नही चाहती मैं. इसीलिए दिल में दबा कर रखती हूँ इस प्यार को. पर गौरव तुम जानते तो हो ना कि मैं प्यार करती हूँ तुम्हे. मैं कहूँ या ना कहूँ पर तुमसे कुछ छुपा तो नही है ना. काश तुम्हे कह पाती एक बार कि कितना प्यार करती हूँ तुम्हे पर किस्मत मुझे मौका ही नही दे रही. काश घर में तुम्हारे बारे में बात करने से पहले ही तुम्हेआइ लव यूबोल देती तो दिल पर बोझ ना रहता. पता नही पापा क्यों इतना नापसंद करते हैं तुम्हे.” अंकिता चुपचाप बिस्तर पर पड़ी सब सोच रही थी.
 
कुछ देर अंकिता यू ही चुपचाप पड़ी रही. अचानक उसे ख्याल आया, “आज फिर से पापा से बात करके देखती हूँ तुम्हारे बारे में. पूरी कोशिश करूँगी उन्हे मनाने की. अगर वो मान गये तो तुम्हे अपने दिल में छुपा प्यार दिखा दूँगी आज.” अंकिता दिल में एक उम्मीद ले कर बिस्तर से उठ गयी.
 
सुबह के 7 बज रहे थे. अंकिता के डेडी ड्रॉयिंग रूम में बैठे अख़बार पढ़ रहे थे. अंकिता चुपचाप उनके पास आकर बैठ गयी.
 
गुड मॉर्निंग पापा.”
 
गुड मॉर्निंग बेटा. बड़ी जल्दी उठ गयी आज तुम.”
 
एक बात करनी थी आपसे.”
 
हां बोलो क्या बात है.”
 
पापा क्या मेरी पसंद नापसंद कोई मायने नही रखती?”
 
क्या मतलबमैं कुछ समझा नही.”
 
मैं गौरव को पसंद करती हूँ और आप ज़बरदस्ती मेरी शादी कही और करना चाहते हैं. क्या आपको नही लगता कि ये ग़लत है.”
 
कैसे ग़लत है. कहाँ मदन और कहा गौरव. एक आइएएस ऑफीसर है और एक इनस्पेक्टर. कोई कंपॅरिज़न ही नही है.”
 
लेकिन मैं उस इनस्पेक्टर को पसंद करती हूँ. क्या इस बात से कोई फर्क नही पड़ता आपको.”
 
तुम पागल हो गयी हो क्या. इतना अच्छा रिश्ता ढूँढा है तुम्हारे लिए और तुम उस निक्कम्मे इनस्पेक्टर की बातें कर रही हो फिर से. मैने पहले ही क्लियर कर दिया था तुम्हे कि मुझे ये मंजूर नही फिर क्यों दुबारा वही बात कर रही हो.”
 
क्योंकि मैं घुट घुट कर नही जीना चाहती शादी के बाद. आख़िर बुराई क्या है गौरव में.”
 
मदन में क्या बुराई है. तुम दोनो का कॅड्रर भी एक है. एक ऑफीसर, ऑफीसर से ही शादी करे तो अच्छा है वरना बात नही बनेगी.”
 
बात बुराई की नही है पापा. मैं गौरव को पसंद करती हूँ मदन को नही.”
 
शादी हो जाएगी तो पसंद करने लगोगी.”
 
नही करूँगी मैं ये शादी.” अंकिता ने कहा.
 
अंकिता की मम्मी भी गयी दोनो की बहस सुन कर.
 
मत करो. इसी दिन के लिए पाल पोश कर बड़ा किया था हमनें तुम्हे. पहली बार ज़ुबान लड़ा रही हो तुम मुझसे. मैने अपना फ़ैसला बता दिया था फिर भी तुमने आज ये मुद्दा उठाया.”

 

 
पापा मैं ज़बान नही लड़ा रही. बस अपने दिल की बात कह रही हूँ.”
 
दिल की बात करने से जिंदगी नही संवर जाएगी तुम्हारी. दिमाग़ से काम लो. तुम्हारा भला चाहता हूँ मैं. मदन के परिवार वालो को अच्छे से जानता हूँ मैं. उसके पापा मेरे कॉलेज के दोस्त हैं. अपने दिल की बात पर अपने दिमाग़ से गौर करो. जिंदगी भर खुश रहोगी तुम उस घर में.”
 
कॉन जानता है कि खुश रहूंगी या दुखी रहूंगी.”
 
हां हम तो तुम्हारे दुश्मन है जो तुम्हे दुख झेलने के लिए मजबूर कर रहे हैं. अगर ऐसा है तो जाओ कर लो जो करना है. तुम बालिग हो. अपने फ़ैसले खुद करने का क़ानूनी अधिकार है तुम्हे. पोलीस ऑफीसर भी हो. हमारी औकात ही क्या है तुम्हे कुछ कहने की अब. जाओ बेटा कर लो जो करना है.”
 
नही पापा प्लीज़. ऐसा मत बोलिए. आपकी इच्छा के बिना एक कदम भी नही उठा सकती मैं आप ये अच्छे से जानते हैं.” अंकिता भावुक हो गयी.
 
मेरी इच्छा की इतना परवाह है तुम्हे तो क्यों दुबारा गौरव की बात की तुमने. मुझे वो लड़का बिल्कुल पसंद नही है. दुबारा तुमने इस बारे में बात की तो मेरा मरा मूह देखोगी तुम.”
 
अंकिता अपने पापा के कदमो में बैठ गयी और बोली, “पापा प्लीज़ ऐसा मत बोलिए. मैं वही करूँगी जो आप कहेंगे.”
 
मेरी मर्ज़ी तुम जानती हो. दुबारा इस मुद्दे पर बात मत करना मुझसे. बहुत दुख होता है मुझे. तुमने भूल कर भी गौरव का नाम लिया मेरे सामने तो तेरा मेरा रिश्ता हमेशा के लिए खाँ हो जाएगा. भूल जाऊगा मैं कि तुम मेरी बेटी हो.” ये बोल कर अंकिता के पापा वहाँ से चले गये.
 
बहुत उम्मीद ले कर आई थी अंकिता अपने पापा से बात करने.मगर उसकी उम्मीद गहरी निराशा में बदल गयी. बड़ी मुश्किल से थाने जाने के लिए तैयार हुई थी वो. मान इतना उदास था कि बिना नाश्ता किए घर से निकल गयी थी.
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Update 119

 
अंकिता को थाने पहुँचते ही अपने रूम में फॅक्स मिला कि गौरव का सस्पेंशन वापिस हो गया है. अंकिता के दुखी मन को कुछ राहत मिली. बहुत कोशिश की थी उसने गौरव के लिए. वो खुश थी कि उसकी कोशिश कामयाब रही. उसने तुरंत गौरव को फोन मिलाया.
 
हेलो गौरव. क्या इसी वक्त थाने सकते हो.” अंकिता फोन पर कुछ नही बताना चाहती थी.
 
मैं थाने ही रहा हूँ. रास्ते में हूँ. बस 10 मिनिट में पहुँच रहा हूँ मैं.”
 
गौरव जब अंकिता के रूम पहुँचा तो वो चौहान को कुछ डाइरेक्षन्स दे रही थी. गौरव दरवाजे पर ही रुक गया.
 
मिस्टर चौहान यू मे गो नाओ. जैसा कहा है वैसे ही करना.” अंकिता ने चौहान को कहा.
 
चौहान गौरव को घूरता हुआ बाहर चला गया.
 
गौरव आओ ना वही खड़े रहोगे क्या. आओ तुम्हे एक खूसखबरी देनी थी.” अंकिता ने कहा.
 
गौरव चुपचाप बिना कुछ कहे अंकिता के सामने कुर्सी पर आकर बैठ गया.
 
क्या बात है कुछ खोए-खोए से हो.”
 
नही बस यू ही…”
 
गौरव तुम्हारा सस्पेंशन कैंसिल हो गया है. तुम अभी आज से ही जॉइन कर सकते हो.”
 
गौरव हल्का सा मुस्कुराया ये सुन कर और बिना कुछ कहे अंकिता की टेबल पर एक लीफाफा रख दिया.
 
अंकिता गौरव के इस रिक्षन पर हैरान रह गयी.
 
क्या बात है गौरव. तुम्हे कोई ख़ुशी नही हुई इस बात की.”
 
ख़ुशी तो बहुत है. आपने बहुत कोशिश की इसके लिए. आपका बहुत बहुत शुक्रिया
 
ख़ुशी नज़र नही रही तुम्हारे चेहरे पर. इस लीफाफ़े में क्या है?”
 
खोल के देख लीजिए.”
 
अंकिता ने लीफाफ़े में से लेटर निकाला. वो उसे पढ़ कर चोंक गयी.
 
गौरव ये क्या मज़ाक है. रिज़ाइन क्यों कर रहे हो तुम. बड़ी मुश्किल से मैने सस्पेंशन कैंसिल करवाया है और तुम रिज़ाइन कर रहे हो. क्या पूछ सकती हूँ मैं कि ऐसा क्यों कर रहे हो तुम.”
 
परसो पुणे वापिस जा रहा हूँ मैं. पोलीस की नौकरी कभी भी पसंद नही थी मुझे. मेरे डेडी के कारण जॉइन किया था मैने यहाँ.”
 
अंकिता को एक और झटका लगा. “पुणे जा रहे हो?...पर क्यों.”
 
यहाँ नही रह सकता मैं. मेरी कुछ मजबूरी है.”
 
मेरे अंडर काम नही करना चाहते तुम अब है ना. यही मजबूरी है ना तुम्हारी. तुम्हारी मेल ईगो अब तुम्हे मेरे अंडर काम करने की इजाज़त नही देती.”
 
ऐसा कुछ नही है.”
 
फिर बोलो क्या बात है. क्यों जा रहे हो मुझसे इतनी दूर तुम.”
 
आपको मेरे चले जाने से फर्क पड़ेगा क्या कोई.”
 
फर्क नही पड़ता तो क्या मैं परेशान होती इस वक्त. तुम यही रहो गौरव मेरे पास. मुझे अकेला छोड़ कर मत जाओ यहाँ.”
 
आपने आज तक अपने मूह से प्यार का इज़हार तक नही किया. आज मैं जाने की बात कर रहा हूँ तो आपको तकलीफ़ हो रही है.”
 
गौरव एक बात बताओ. क्या तुम्हारा और मेरा रिश्ता बस प्यार का ही हो सकता है? …. क्या हम दोस्त बन कर नही रह सकते.”
 
क्या हम दोस्त थे कभी जो अब दोस्त बन कर रहें. हम प्यार करते हैं एक दूसरे से. इस प्यार को दोस्ती में नही बदल सकता मैं.”
 
क्यों नही बदल सकते. दोस्ती भी तो प्यार का ही एक रूप है.”
 
पहले प्यार तो कबूल कर लेती आप फिर मैं कुछ सोचता भी इस बारे में. बेकार में बहस कर रही हैं आप मेरे साथ इस बारे में.”
 
तुम मुझसे क्या चाहते हो गौरव?”
 
आपसे कोई चाहत तो तब रखता जब आप ये हक़ देती मुझे. क्योंकि मेरा प्यार एक तरफ़ा है शायदइसलिए कुछ नही चाहता आपसे मैं. यहाँ से जा रहा हूँ क्योंकि अपने प्यार को किसी और के साथ शादी करते हुए नही देख सकता. यहाँ रहूँगा तो हर पल घुट-घुट कर जीऊँगा मैं. इसलिए यहाँ से जा रहा हूँ.”
 
तो ये नौकरी और शहर तुम मेरे कारण छोड़ रहे हो.” अंकिता की आवाज़ में अजीब सा दर्द था.
 
ये नौकरी तो मुझे छोड़नी ही थी. मैने कहा ना मुझे पोलीस की नौकरी कभी पसंद नही थी.”
 
हां पर फिलहाल तो तुम मेरे कारण कर रहे हो ना ये सब. क्या इस से बड़ी सज़ा दे सकते हो तुम मुझे.”
 
सज़ा आपको नही दे रहा हूँ बल्कि खुद को दे रहा हूँ. बहुत प्यार करता हूँ आपसे मैं….आपको सज़ा कैसे दे सकता हूँ.”
 
गौरव प्लीज़ ऐसा मत करो मेरे साथ. प्लीज़ ये रेसिग्नेशन वापिस ले लो और यही रहो इसी शहर में.”
 
हां यही रहू और आपको शादी करते देखूंफिर बच्चे पैदा करते देखूं. मुझसे ये नही होगा.”
 
शट अप गौरव.”
 
क्यों चुप रहूं. मेरे प्यार का मज़ाक बना दिया आपने.”
 
मैने तुम्हे नही कहा था प्यार करने के लिए.” अंकिता ने कड़ी आवाज़ में कहा.
 
आप कभी कह भी नही सकती थी. मेरा ही दिमाग़ खराब था जो दिल लगा बैठा आपसे. मुझे क्या पता था कि मेरे प्यार का यू मज़ाक उड़ाया जाएगा.”
 
देखो गौरव मैं इस बारे में कोई बात नही करना चाहती तुमसे. मेरी बस यही रिक्वेस्ट है की जब प्यार मुमकिन नही हमारे बीच तो हम दोस्त बन कर रहें तो ज़्यादा अच्छा है.”
 
ठीक है मंजूर है दोस्ती आपकी मुझे. लेकिन ये दोस्ती निभाने के लिए यहाँ रहना ज़रूरी नही है. फोन पर दोस्ती जारी रख सकते हैं हम.”
 
ये सुनते ही अंकिता भड़क गयी. “जाओ फिर दफ़ा हो जाओ यहाँ से,” अंकिता चिल्लाई.
 
चिल्लाओ मत मेरे उपर. गुस्सा मुझे भी आता है. एक तो प्यार का अपमान करती हो उपर से चिल्लाति हो. एस पी साहिबा हो कर अपनी जिंदगी के फ़ैसले दूसरे लोगो पर छोड़ रखें हैं आपने.”
 
दूसरे लोग नही हैं वोमेरे मा-बाप हैं. उनके बारे में एक शब्द भी मत बोलना.”
 
क्यों ना बोलूं उनके बारे में. मेरे प्यार को मुझसे छीन रहे हैं वो और आप उनका साथ दे रही हैं. अपने फ़ैसले आपको खुद लेने चाहिए. मा-बाप अपनी जगह है. उनके लिए अपनी खुशियो का गला मत घोटो.”
 
शट अप गौरव.”
 
हां मेरी ज़ुबान पर ताले लगा दो. कुछ ग़लत नही कहा मैने. आपके पेरेंट्स आपकी खुशियो का गला घोंट रहें हैं और आप उनका साथ दे रही हो ख़ुशी ख़ुशी. और मुझे कहती हैं आप कि मैं रुक जाऊ यहाँ. ताकि आपकी शादी शुदा जिंदगी को पहलते फूलते देख सकूँ.”
 
गेट आउट फ्रॉम हियर. दुबारा मत आना यहाँ तुम. जाओ जहा जाना है. आइ डॉन केर.” अंकिता गुस्से में बोली.
 
तभी चौहान गया कमरे में और बोला, “मेडम ये फाइल देख लीजिए. इसमें सारी डीटेल है.”
 
गौरव चौहान के अंदर आते ही तुरंत उठ कर बाहर गया.
 
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कुछ देर बाद जब अंकिता का गुस्सा शांत हुआ तो उसने गौरव को फोन मिलाया. मगर फोन स्विच्ड ऑफ था. कुछ देर बाद अंकिता घर गयी गौरव के मगर वहाँ ताला टंगा मिला उसे. अंकिता का पूरा दिन और पूरी रात बेचैनी भरी गुज़री. बार बार फोन ट्राइ किया अंकिता ने गौरव का मगर फोन हर बार स्विच्ड ऑफ ही मिला.

 
अंकिता को उम्मीद थी कि गौरव, सौरभ की शादी में ज़रूर आएगा इसलिए शादी के महोत्सव में बस उसे ही ढूंड रही थी.
 
वर माला हो गयी थी सौरभ और पूजा की और वो दोनो फूलो से सजे स्टेज पर बैठे थे. आशुतोष और अपर्णा दूल्हा दुल्हन को बधाई देने पहुँचे तो सौरभ ने पूछा, “थे कहाँ तुम दोनो. फोन भी नही उठा रहे थे. ये कोई तरीका है क्या. मेरी शादी हो रही है और सभी दोस्त गायब हैं.”
 
सॉरी गुरुहम घर गये थेअपर्णा को कपड़े चेंज करने थे.”
 
तो ये चली जाती तुम साथ क्यों गये थे. यहाँ कोई भी नही है कुछ संभालने वाला. तुम्हारी शादी होगी ना तो मैं भी गायब हो जाऊगा.” सौरभ ने गुस्से में कहा.
 
हां अपर्णा बहुत बुरा लग रहा है मुझे. हमारी शादी हो रही है और कोई हमारे साथ नही है. अंकिता भी नही दिख रही कही. एक बार दिखी थी फिर ना जाने कहाँ गायब हो गयी.” पूजा ने कहा.
 
गौरव का भी कुछ अता पता नही. उसका फोन भी नही मिल रहा. पता नही इतना बिज़ी कैसे हो गया कि शादी में आने का वक्त भी नही है उसके पास.” सौरभ ने कहा.
 
अंकिता को तो पता होगा उसके बारे में?” पूजा ने पूछा.
 
नही उसे भी नही पता कुछवो तो खुद हमसे पूछ रही थी गौरव के बारे में.” अपर्णा ने कहा.
 
अंकिता ने आशुतोष और अपर्णा को स्टेज पर देखा तो उसने सोचा कि वो भी उन्ही के साथ जा कर सगन दे दे. वो भी स्टेज पर चढ़ गयी.
 
मिल गयी फ़ुर्सत आपको हमसे मिलने की?” पूजा ने कहा.
 
अंकिता कुछ नही बोल पाई.
 
अंकिता गौरव कहाँ है. क्या उसके पास मेरी शादी में आने का भी वक्त नही है?” सौरभ ने कहा.
 
अंकिता ने सेगन का लीफाफा पूजा को थमा दिया और बोली, “मुझे नही पता वो कहाँ है.”
 
ये लो शैतान का नाम लिया और शैतान हाज़िर.” सौरभ ने कहा.
 
अंकिता ने तुरंत पीछे मूड कर देखा. गौरव स्टेज की तरफ ही रहा था.
 
गौरव ने अंकिता को छोड़ कर सभी को विश किया. अंकिता प्यासी निगाहों से उसकी तरफ देखती रही पर गौरव ने एक बार भी उसकी तरफ नही देखा.
 
मिल गया वक्त तुम्हे मेरी शादी में आने का. मुझे तो लग रहा था कि तुम आओगे ही नही.” सौरभ ने कहा.
 
सॉरी यार मैं किसी काम में बिज़ी था.”
 
अंकिता बस गौरव को ही देख रही थी. उसका दिल बहुत भारी हो रहा था ये देख कर कि वो उसे इग्नोर कर रहा है. वो सभी से हंस कर बाते कर रहा था मगर अंकिता की तरफ देख भी नही रहा था. बर्दास्त नही कर पाई अंकिता ये तिरस्कार. दिल बहुत भावुक हो गया उसका. जिसके लिए वो कल से परेशान थी वो उसे एक नज़र देख भी नही रहा था. बहुत थामा अंकिता ने खुद को मगर भावनाओ को संभाल नही पाई और जब आँसू बरसने शुरू हुए तो फिर थामे नही. वो अपने आँसू किसी को दिखाना नही चाहती थी इसलिए तुरंत बिना कुछ कहे स्टेज से उतर गयी. बस पूजा ने देखे उसके आँसू बाकी सभी बातों में खोए थे.
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Update 120

 
अरे अंकिता को क्या हुआवो बिना कुछ कहे चली गयी.?” सौरभ ने कहा.
 
जाने दो उसे एस पी साहिबा हैं वो बहुत बिज़ी रहती हैं काम में. गया होगा कोई काम.” गौरव ने कहा.
 
नही वो रोते हुए गयी है यहाँ से.” पूजा तुरंत बोली.
 
रोते हुए पर क्यों?” सौरभ ने कहा.
 
ये तो गौरव ही बता सकता है. बहुत देर से ढूंड रही थी तुम्हे वो गौरव. और मैने नोट किया कि तुमने उसके साथ बात तक नही की.” अपर्णा ने कहा.
 
मुझे ढूंड रही थी. तुम्हे कोई ग़लत फ़हमी हुई होगी.” गौरव ने कहा.
 
सौरभ उठा अपनी सीट से और गौरव का हाथ पकड़ कर एक तरफ ले गया.
 
बात क्या है गौरवक्या मुझे बताओगे.”
 
कुछ नही है यार. कुछ मत पूछ मुझसे. मैं कोई बात नही करना चाहता इस बारे में.” गौरव ने कहा.
 
अच्छा मुझे कुछ जान-ने का हक़ नही है क्या. क्या दोस्ती सिर्फ़ नाम की है ये. बताओ मुझे क्या बात है.”
 
प्यार करती है वो मुझसे और अपने मा-बाप के कारण शादी कहीं और कर रही है. इसीलिए मैं ये शहर और नौकरी छोड़ कर जा रहा हूँ.”
 
देखो हर कोई प्यार में बोल्ड स्टेप नही उठा सकता. मा-बाप को इग्नोर करना इतना आसान नही होता. उसकी सिचुयेशन तुम नही समझ रहे हो.”
 
समझ रहा हूँ पर यार इतना भी कोई मजबूर नही हो सकता कि अपने प्यार का गला घोंट दे.”
 
वो सब ठीक है. अब जब तुम जा ही रहे हो यहाँ से तो क्या नाराज़ हो कर जाना ज़रूरी है. ख़ुशी ख़ुशी उस से मिल कर जाओ.”
 
वही करना चाहता था. कल मेरी उस से बहस हो गयी और उसने मुझे अपने कमरे से दफ़ा हो जाने को कहा. प्यार के दो बोल तो बोले नही आज तकगेट आउटबड़ी जल्दी बोल दिया. खुद को पता नही क्या समझती है. बहुत दुख हुआ मुझे कल. कल मुझे अहसास हुआ कि मैने किस जालिम से प्यार किया है.”
 
वो जालिम होती तो रो कर ना जाती यहाँ से.”
 
पूजा को कोई ग़लत फ़हमी हुई होगी. वो रो ही नही सकती मैं शर्त लगा सकता हूँ इस बात की.”
 
पूजा इधर आना.” सौरभ ने पूजा को आवाज़ दी.
 
पूजा भी उठ कर उनके पास गयी.
 
क्या बात है सौरभ?”
 
तुमने देखा था ना अपनी आँखो से अंकिता को रोते हुए.” सौरभ ने पूछा.
 
हां मैने देखा था.”
 
अरे उसकी आँख में कुछ गिर गया होगाइसलिए नाम हो गयी होंगी आँखे.” गौरव मान-ने को तैयार नही था.
 
उसकी आँखे बरस रही थी गौरव. होंटो तक आँसू गये थे उसके. ऐसा आँखो में कुछ गिरने से नही होता. ऐसा तभी होता है जब किसी के दिल पर चोट लगती है. तुमने उसे इग्नोर क्यों किया गौरव?”
 
पूजा तुम नही समझोगीगौरव ने कहा.
 
गौरव जाओ यार उसके पीछेबात करो उस से. जिसे प्यार करते हो उसे ऐसे दुख देना सही नही है.”
 
दुख तो मुझे मिल रहा है. उसे क्या दुख मिलेगा. मैं किसी के पीछे नही जाने वाला. मैं कल यहाँ से जा रहा हूँ कोई टेन्षन नही चाहता मैं जाते जाते. कोई रोता है तो रोता रहे. खुद को मजबूर उसने बना रखा है मैने नही. अपने आँसुओ के लिए वो खुद ज़िम्मेदार है.”
 
ये आँसू तुमने उसे दिए हैंउसे इग्नोर करके.” पूजा ने कहा.
 
सौरभ ने पूजा का हाथ पकड़ा और बोला, “छोड़ो गौरवतुम शादी एंजाय करोहम क्यों बेकार की बहस कर रहे हैंचलो पूजा बैठते हैं अपनी हॉट सीट पर.”
 
पूजा ने सौरभ को सवालिया नज़रो से देखा. सीट पर बैठ कर सौरभ ने पूजा के कान में कहा, “नाटक कर रहा है ये. अभी देखना कैसे दौड़ के जाएगा उसके पीछे. उसके चेहरे पर हल्की से शिकन भी ये बर्दास्त नही कर सकता आँसू तो बहुत बड़ी चीज़ है.”
 
अच्छाकाश ऐसा प्यार हमें भी करे कोई.” पूजा हंसते हुए बोली.
 
तुम रो कर तो दीखाओमैं तुम्हारे हर आँसू के लिए प्यार की एक दास्तान लिख दूँगा. बहुत प्यार करता हूँ तुम्हे.”
 
पता है मुझे.”
 
हम भी हैं यहाँ गुरु. तुम दोनो हमें इग्नोर करोगे तो मेडम की तरह हम भी रो कर उतर जाएँगे स्टेज से.”
 
उतर जाओ यार जल्दी. डिस्टर्ब मत करो हमें.” सौरभ ने कहा.
 
चलो अपर्णा यहाँ हमारी किसी को ज़रूरत नही है.” आशुतोष ने अपर्णा का हाथ पकड़ कर कहा.
 
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 “अरे रूको सौरभ मज़ाक कर रहा हैपूजा ने आवाज़ दी.

 
जानता हूँ….मगर दूसरे लोग वेट कर रहे हैं. हम ही स्टेज घेरे रहेंगे तो बाकी लोग सगन कैसे देंगे….अरे गौरव सर कहाँ गये.” आशुतोष ने कहा.
 
सौरभ और पूजा ने तुरंत पीछे मूड कर देखा. “देखा गया ना अंकिता के पीछे.” सौरभ ने कहा.
 
क्या पता कही और गया हो?” पूजा ने कहा.
 
हो ही नही सकता. वो उसी के पीछे गया है. तुमने उस रात नही देखा. जब साइको अंकिता को बार्ब वाइयर लिपटे बेसबॉल बॅट से पीटने वाला था तो गौरव अंकिता के उपर लेट गया था. पूरी कमर छिल गयी थी उसकी मगर हटा नही था अंकिता के उपर से.”
 
जब गौरव इतना प्यार करता है अंकिता से तो वो कही और शादी क्यों कर रही है.” पूजा ने पूछा.
 
कुछ तो मजबूरी है उनकी वरना यू ही कोई बेवफा नही होता.” सौरभ ने कहा.
 
ये बात भी है. मुझसे तो देखे ही नही गये उसके आँसू. एक पल को तो मैं हैरान रह गयी. मुझे यकीन ही नही हुआ कि अंकिता ऐसे रो सकती थी.”
 
प्यार इंसान से सब कुछ करवा देता है. वैसे आँसू तुम्हारे भी निकलेंगे थोड़ी देर में.”
 
हां बापू बहुत खुश हैं. दीदी भी बहुत खुश है. मैं सबसे ज़्यादा खुश हूँ. रोने का मन नही है पर रोना जाएगा क्योंकि खुशी ही इतनी ज़्यादा है.” पूजा ने कहा.
 
………………………………………………………………………
 
अंकिता स्टेज से उतर कर सीधी अपनी कार के पास गयी थी. आँसुओ को थाम रही थी वो पर जब भावनाओं का उफान आता था तो उसकी हर कोशिश बेकार जाती थी.
 
मेरी तरफ देखा तक नही तुमने. कितनी बेचैन थी तुमसे मिलने के लिए मैं. पर तुम्हे क्या फर्क पड़ता है. कहने को तुम मुझे प्यार करते हो पर मेरी बिल्कुल परवाह नही तुम्हे. आइ हेट यू…”
 
गौरव जब वहाँ पहुँचा तो अंकिता अपनी कार का दरवाजा खोल रही थी. गौरव ने तुरंत भाग कर उसका हाथ पकड़ लिया.
 
कैसी हो तुम.” गौरव ने पूछा.
 
हाथ छोड़ो मेरा.” अंकिता ने बिना पीछे मुड़े कहा. वो अपने आँसू गौरव को नही दीखाना चाहती थी.
 
गौरव ने अंकिता के हाथ पर पकड़ और मजबूत कर दी. “तुम रो क्यों रही थी.”
 
तुमने कब देखा मुझे रोते हुएतुम तो मुझे देख भी नही रहे थे.” अंकिता की आवाज़ में दर्द था.
 
माफ़ करदो मुझे उस गुस्ताख़ी के लिए. तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ मैं. तुम्हे ना देख कर खुद को ही सज़ा दी मैने.”
 
मुझे कुछ नही सुन-ना तुमसे. छोड़ो मेरा हाथ.” अंकिता ने हाथ को ज़ोर से झटका. गौरव ने हाथ छोड़ दिया.
 
लो छोड़ दिया हाथ तुम्हारा. मुझे कोई शॉंक नही है तुम्हारा हाथ पकड़ने का.”
 
अंकिता ने कार का दरवाजा खोला और अंदर बैठ कर कार स्टार्ट करके वहाँ से निकल गयी. अंकिता बहुत स्पीड से निकली वहाँ से.
 
पागल हो गयी है लगता है. इतनी स्पीड से भागने की क्या ज़रूरत थी.” गौरव भी भाग कर अपनी कार में आया और कार स्टार्ट करके अंकिता के पीछे चल दिया.
 
अंकिता इतने गुस्से में थी कि उसे ध्यान ही नही रहा की वो ग़लत रास्ते से मूड गयी है. उसने कार जंगल के रास्ते पर मोड़ ली थी. उसे पता चल गया था कि गौरव पीछे रहा है इसलिए उसने कार घुमाने की कोशिश नही की. वैसे जंगल पार करके एक सड़क उसके घर तक जाती थी, इसलिए भी उसने गाड़ी नही मोडी.
 
अब क्यों रहे हो तुम मेरे पीछे. कल से तो ना जाने कहाँ गायब हो गये थे. पहली बार इतना रोई मैं जिंदगी में. तुम्हे कभी माफ़ नही करूँगी मैं.”
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अचानक अंकिता की नज़र सड़क के बीचो बीच खड़ी कार पर गयी. अभी वो कार से बहुत दूर थी मगर उसे ये साफ दीखाई दे रहा था की कार सड़क के बीच में खड़ी है.

 
ये सड़क के बीच में किसने पार्क कर रखी है कार.” अंकिता हैरत में पड़ गयी.
 
ना चाहते हुए भी अंकिता को ब्रेक लगाने पड़े. अंकिता ने कार में बैठे बैठे देखा गौर से उस कार को.
 
कोई नज़र नही रहा कार में.”
 
चारो तरफ अंधेरा था. बस अपनी कार की लाइट की रंगे में ही देख पा रही थी अंकिता.
 
अचानक एक चीख सुनाई दी अंकिता को. “हेल्पआहह ओह नो प्लीज़.”
 
अंकिता ने अपने पर्स से गन निकाली और कार से बाहर कर जंगल की तरफ बढ़ी. तब तक गौरव भी पहुँच गया था वहाँ. गौरव तुरंत अपनी कार से बाहर आया अंकिता का हाथ पकड़ लिया, “रूको कहाँ जा रही हो तुम?”
 
श्ह्ह्ह चुप रहो….संबडी नीड्स हेल्प.”
 
हो पर अकल एक धेले की नही है. पहले देख तो लें कि माजरा क्या है.”
 
गौरव सड़क के बीच खड़ी कार के पास आया. उसने झाँक कर देखा कार में. अगली सीट पर ड्राइवर की लाश पड़ी थी. उसके सर से खून बह रहा था.
 
सर में गोली मारी गयी है इसके.”
 
तभी फिर से एक चीख सुनाई दी, “नहियीईई….प्लीज़……”
 
किसी लड़की की आवाज़ है ये.” गौरव ने कहा.
 
तुम जाओ यहाँ से मैं संभाल लूँगी.”
 
अकेली क्या संभालॉगी तुम यहाँ.”
 
पोलीस पार्टी बुला रही हूँ. तुम जाओ अपना काम देखोक्या भूल गये तुम कि तुम रिज़ाइन कर चुके हो. तुम्हे यहाँ रुकने का कोई हक़ नही है.”
 
कैसे बुलाओगी यहाँ जंगल में सिग्नल ही नही आता फोन पर.” गौरव ने कहा.
 
तो मैं खुद देख लूँगी कि क्या करना है. यू गेट दा हेल आउट ऑफ हियर.” अंकिता ने कहा.
 
तभी एक और चीख सुनाई दी उन्हे. इस बार चीख किसी आदमी की थी.
 
अंकिता भाग कर जंगल में घुस गयी. गौरव भाग कर अपनी कार के पास आया.
 
मेरी गन कहा है यार. ये एस पी साहिबा मेरी जान ले लेगी.”
 
गन सीट के नीचे पड़ी थी. 1 मिनिट खराब हुआ गन ढूँडने में. गन मिलते ही गौरव अंकिता के पीछे जंगल में घुस गया.
 
अंधेरा बहुत था जंगल में. गौरव भाग कर आया था जंगल में. अंकिता दीखाई नही दी और टकरा गया उस से. गिरते-गिरते बची वो.
 
ये क्या बदतमीज़ी है.” अंकिता छील्लाई.
 
श्ह्हचुप रहो मेडम जी. ग़लती से टक्कर लग गयी. जान बुझ कर नही मारी मैने.”
 
तभी गोली चलने की आवाज़ आई. गौरव ने अंकिता का हाथ पकड़ा और उसे एक पेड़ के पीछे ले आया.
 
क्या कर रहे हो तुम.”
 
गोली चलीसुना नही क्या तुम्हे. हो सकता है हम पर चलाई गयी हो. पेड़ के पीछे रहना ठीक है.”
 
अंकिता भी गुस्से में थी और गौरव भी गुस्से में था. दोनो एक दूसरे से खफा थे. पेड़ से सत कर खड़े थे दोनो साथ साथ. उनका आधा ध्यान क्राइम को हैंडल करने पर था और आधा ध्यान अपने बीच हो रही कसंकश पर था. कुछ-कुछ कोल्ड वॉर जैसी स्तिथि बनी हुई थी.
 
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Update 121

 
क्यों आए तुम मेरे पीछे.” अंकिता ने कहा.
 
मन तो नही था आने का पर दिल से मजबूर हो कर आना पड़ा.” गौरव ने जवाब दिया.
 
समझते क्या हो तुम खुद कोजब दिल किया मुझसे दूर चले जाओगे और जब दिल किया पास जाओगे. तुम…..”
 
श्ह्ह्हकोई इसी तरफ रहा है.” गौरव ने अंकिता के मूह पर हाथ रख दिया.
 
यही कही होने चाहिए वो लोग.”
 
“2 कार खड़ी हैं सड़क पर. मुझे डर लग रहा है. जग्गू चल उन दोनो का काम तमाम करके जल्दी निकलते हैं यहाँ से.”
 
बब्बल तू संजू के पास वापिस जा. मैं देखता हूँ कि ये कॉन हमारे काम में टाँग अड़ाने गये. और हां लड़की से दूर रहना अभी. पहले मैं लूँगा उसकी. मस्त आइटम है साली.”
 
बब्बल के जाने के बाद जग्गू बंदूक ताने वही आस पास घूमता रहा. जब वो उस पेड़ के पास से गुजरा जिसके पीछे गौरव और अंकिता छुपे थे तो गौरव ने तुरंत पीछे से आकर उसके सर पर बंदूक रख दी.
 
तू सुधरा नही जग्गू हा….ये बंदूक नीचे फेंक दे.” गौरव ने कहा.
 
सर आप…”
 
हां मैंबंदूक नीचे फेंक जल्दी और हाथ उपर कर वरना भेजा उड़ा दूँगा तेरा.”
 
गोली मत चलाना सरये लीजिए फेंक दी बंदूक मैने.”
 
गुड.... अब बताओ क्या चल रहा है यहाँ.” गौरव ने दृढ़ता से पूछा.
 
कुछ नही चल रहा सर.”
 
झूठ मत बोल तेरी खोपड़ी खोल दूँगा मैं.”
 
सुपारी ले रखी है मैने. अपना काम कर रहा था बस.”
 
चल मुझे अपने साथियों के पास ले चल. ज़रा भी चालाकी की तो तेरा भेजा उड़ा दूँगा.”
 
गोली मत चलना सरमैं उनको छोड़ दूँगा.”
 
जग्गू चल दिया जंगल के अंदर की ओर. गौरव उसके पीछे पीछे उसके सर पर बंदूक रखे चल रहा था. अंकिता गौरव के पीछे थी. उसने भी बंदूक तान रखी थी हाथ में.
 
ज़्यादा दूर नही जाना पड़ा उन्हे. जब वो वहाँ पहुँचे तो गौरव ने देखा कि संजू और बब्बल लड़की के कपड़े उतारने की कोशिश कर रहे थे.
 
रुक जाओ वरना दोनो को शूट कर दूँगी मैं.” अंकिता चिल्लाई.
 
संजू और बब्बल तुरंत रुक गये अंकिता की आवाज़ सुन कर.
 
सर आपके साथ कोन हैं?”
 
एस पी साहिबा हैं. अपने साथियों से कहो कि तुरंत दोनो को छोड़ दें.”
 
अचानक संजू ने गौरव के सर की तरफ फाइयर किया. गोली सर के बिल्कुल पास से गुजर गयी. गौरव ने तुरंत उसकी तरफ फाइयर किया. मोके का फायदा उठा कर जग्गू ने गौरव को धक्का दिया और वहाँ से भाग गया. बब्बल और संजू भी वहाँ से भाग खड़े हुए. अंधेरे में वो तुरंत आँखो से ओझल हो गये. गौरव ने 2-3 फाइयर किए पर कोई फायदा नही हुआ.
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Tongue 
अंकिता उस लड़की के पास आई.

 
कोन हो तुम. डरने की ज़रूरत नही है हम पोलीस वाले हैं?” अंकिता ने कहा.
 
मेरा नाम गीता है. ये मेरे पति हैं शेखर. हम मसूरी जा रहे थे.”
 
तुम दोनो को मारने की सुपारी दी गयी थी.” गौरव ने कहा.
 
क्या हमें मारने की सुपारी?” शेखर ने हैरानी में कहा. वो बड़ी मुश्किल से उठा. बहुत बुरी तरह पीटा गया था उसे.
 
हां सुपारीक्या बता सकते हो कि कॉन है ऐसा जो तुम्हे मारना चाहेगा.”
 
हमारी तो किसी से दुश्मनी नही है. पता नही किसने दी ये सुपारी.” शेखर ने कहा.
 
अचानक झाड़ियों में कुछ हलचल हुई और अंकिता गन लेकर उस तरफ चल दी.
 
अरे रूको कहाँ जा रही हो तुम?”
 
गौरव ने अपनी कार की चाबी शेखर के हाथ में रख कर कहा, “जाओ किसी होटेल में रुक जाओ जाकर. तुम मसूरी नही जा सकते अभी जब तक तहकीकात पूरी नही हो जाती. तुम लोगो की कार भी यही रहेगी क्योंकि उसमे लाश पड़ी है.”
 
आप अपनी कार दे रहे हैं हमें. आपको पता कैसे चलेगा कि हम कहाँ हैं और कॉन से होटेल में हैं. मोबायल नंबर दे दीजिए अपना.”
 
मेरी कार मेरे मोबायल से कनेक्टेड है. तुम चिंता मत करो मैं ट्रेस कर लूँगा. जाओ तुम दोनो.”
 
उन दोनो के जाने के बाद गौरव अंकिता के पीछे गया.
 
अंकिता दबे पाँव आगे बढ़ रही थी. गौरव ने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला, “क्या करना चाहती हो तुम. कहाँ जा रही हो.”
 
श्ह्ह्हझाड़ियों में कुछ हलचल हुई थी.”
 
जंगल है... होगा कोई जानवर. चलो चलतें हैं.”
 
मुझे लगता है उन तीनो में से कोई है
 
अरे वो यहाँ क्यों छुपे रहेंगे. इतना बड़ा जंगल हैवो बहुत दूर निकल गये होंगे.” गौरव ने कहा.
 
तुम्हे क्या लेना देना मैं कुछ भी करूँकॉन होते हो तुम मुझे टोकने वाले.” अंकिता चिल्लाई.
 
जान बुझ कर ये सब नाटक कर रही हो ताकि मैं यही तुम्हारे साथ उलझा रहूं और कल सुबह की मेरी ट्रेन मिस हो जाए.”
 
तुम्हे ये नाटक लग रहा है. मैं अपनी ड्यूटी कर रही हूँ और तुम बाधा डाल रहे हो. जाओ यहाँ से…… मुझे अकेला छोड़ दो.”
 
अंकितातुम मुझसे गुस्सा हो जानता हूँ. गुस्से में ये सब करने की ज़रूरत नही है तुम्हे. चलो घर जाओ चुपचाप.”
 
मैं चली जाऊगीतुम जाओ यहाँ से.”
 
गौरव ने अंकिता को दोनो कंधो से कस कर पकड़ लिया और उसे एक पेड़ से सटा दिया.
 
ये क्या पागल पन है. मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नही थी. बिना सोचे समझे कुछ भी किए जा रही होगौरव गुस्से में बोला.
 
मुझे भी तुमसे ऐसी उम्मीद नही थी जैसा तुमने मेरे साथ कियाअंकिता ने कहा
 
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Tongue 
 “डू यू लव मी अंकिता.”

 
अंकिता ने गौरव को ज़ोर से धक्का दिया. धक्का इतनी ज़ोर का था कि गौरव धदाम से नीचे गिरा. उसका सर एक पठार से टकराया. खून तो नही निकला पर दर्द बहुत हुआ. एक मिनिट के लिए सर घूम गया गौरव का.
 
अंकिता दौड़ कर उसके पास आई, “चोट तो नही लगी तुम्हे.”
 
मेरी यही औकात है तुम्हारी जिंदगी में. काफ़ी दफ़ा हो जाने को बोल दो, कभी गेट आउट बोल दो और आज तो हद ही हो गयी. ऐसे धक्का दिया तुमने मुझे जैसे कि मैं रेप अटेंप्ट कर रहा था तुम पर.” गौरव ने उठते हुए कहा.
 
अंकिता ने गौरव के कंधे पर हाथ रखा और बोली, “सॉरी गौरव मैने कुछ जान बुझ कर नही किया.”
 
वाह पहले कतल कर दो और फिर सॉरी बोल दो. अरे मरने वाला तो मर गया ना. तुम्हारे सॉरी बोलने से क्या होगा अब.” गौरव ने कहा.
 
तुम्हे जो समझना है समझोमैं जा रही हूँ.” अंकिता वहाँ से चल पड़ी सड़क की तरफ. सड़क पर आकर अंकिता ने देखा की गौरव की कार वहाँ नही है.
 
गौरव की कार कोन ले गया.” अंकिता ने अंदाज़ा लगाया की गौरव ने ज़रूर अपनी कार गीता और शेखर को दे दी होगी.
 
मुझे क्या लेना देना मैं चलती हूँ यहाँ से.” अंकिता कार में बैठ गयी. एंजिन स्टार्ट कर लिया उसने पर कार को आगे नही बढ़ा पाई. वो बार बार जंगल की तरफ देख रही थी. 10 मिनिट बीत गये पर गौरव नही आया. अंकिता बैठी रही चुपचाप कार में. बार बार एंजिन स्टार्ट करके बंद कर देती थी. दिमाग़ वहाँ से जाने को कह रहा था क्योंकि जंगल का एरिया था पर दिल वहाँ से जाने को तैयार नही था. जब आधा घंटा बीत गया तो अंकिता खुद को रोक नही पाई. वो कार से बाहर आकर उसी जगह वापिस गयी जहा वो गौरव को छोड़ कर गयी थी.
 
गौरव वही बैठा था जहा अंकिता उसे छोड़ कर गयी थी.
 
क्या रात भर यही बैठने का इरादा है तुम्हारा. सादे 12 बज रहे हैं.” अंकिता ने कहा.
 
मेरी कार मैने उन दोनो को दे दी. तुम जाओ…”
 
चलो मैं तुम्हे घर छोड़ दूँगी…”
 
तुम्हारे साथ नही जाऊगा मैंतुम जाओआइ कैन टेक केर मायसेल्फ.”
 
गौरव प्लीज़ उठो. मैं तुम्हे यहाँ छोड़ कर कैसे जा सकती हूँ
 
अंकिता तुम जाओमैं तुम्हारे साथ नही चल सकता.”
 
ज़िद्द मत करो गौरव. उठो.”
 
तुम जाओ नाक्यों अपना वक्त बर्बाद कर रही हो.”
 
आइ केर फॉर यू गौरव.”
 
गौरव ये सुनते ही उठा और अंकिता को फिर से कंधो से पकड़ कर पेड़ से सटा दिया.
 
सच बताओ ये केर है या कुछ और?” गौरव ने पूछा.
 
क्या मतलब... मैं कुछ समझी नही.”
 
समझोगी भी नही क्योंकि तुम समझना ही नही चाहती.”
 
गौरव प्लीज़ फिर से वही बहस शुरू मत करो.” अंकिता गिड़गिडाई.
 
गौरव कुछ देर खामोश रहा फिर गहरी साँस ले कर बोला, “प्लीज़ एक बार बता दो मुझे. क्या तुम मुझे प्यार करती हो. सिर्फ़ हां या ना में जवाब दे दो. आखरी बार पूछ रहा हूँ तुमसे. फिर कभी नही पूछूँगा मैं
 
अंकिता कुछ नही बोली. वो अजीब दुविधा में पड़ गयी थी. हां वो बोलना नही चाहती थी और ना कहने की उसमें हिम्मत नही थी.
 
कुछ तो बोलो प्लीज़मेरी खातिर.” गौरव गिड़गिडया.
 
अंकिता खामोश खड़ी रही.
 
गौरव आगे बढ़ा और अपने चेहरे को अंकिता के चेहरे के बहुत नज़दीक ले आया. दोनो की गरम गरम साँसे आपस में टकरा रही थी. गौरव ने अपने होठ अंकिता के होंटो पर रखने की कोशिश की तो अंकिता ने चेहरा घुमा लिया.
 
गौरव इतना भावुक हो गया कि तुरंत उसकी आँखो में आँसू भर आए. कब उसका माथा अंकिता की छाती पर टिक गया उसे पता भी नही चला. वो बस भावनाओ में बह कर रोए जा रहा था. अंकिता ने सर पर हाथ रख लिया गौरव के और वो भी रो पड़ी. बहुत ही एमोशनल पल था वो दोनो के बीच. दोनो उस पेड़ के नीचे खड़े रोए जा रहे थे उस प्यार के लिए जो उनके बीच था.
 
अंकिता एक बात पूछूँ?” गौरव ने दर्द भरी आवाज़ में कहा.
 
हां पूछो ना.”
 
छोड़ो जाने दो. तुम जवाब तो देती नही हो.”
 
पूछो प्लीज़…” अंकिता सुबक्ते हुए बोली.
 
तुम क्यों रो रही हो. मैं तो इसलिए रो रहा हूँ क्योंकि तुम्हे खो दिया मैने.”
 
मैने कल सुबह फिर से पापा से बात की थी तुम्हारे बारे में. वो मान-ने को तैयार ही नही हैं. मुझे चेतावनी भी दे दी है उन्होने की दुबारा बात की तुम्हारे बारे में तो उनका मरा मूह देखूँगी. तुम्हे सिर्फ़ अपना प्यार दिखता हैमेरा प्यार तुम्हे दिखाई नही देता.”
 
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Update 122

 
 
 “शूकर है तुमने कबूल तो किया कि तुम मुझे प्यार करती हो.” गौरव ने अंकिता की छाती से सर उठा कर कहा.
 
हां करती हूँ प्यार. बहुत ज़्यादा प्यार करती हूँ तुम्हे. प्यार का इज़हार करके अपने कदम वापिस नही खींचना चाहती थी इसलिए खामोश रहती थी.”
 
आज क्यों बोल रही हो फिर.”
 
क्योंकि मैने तैय कर लिया है कि मैं वहाँ शादी नही करूँगी जहा पापा चाहते हैं. अगर उन्हे मेरी पसंद मंजूर नही तो मुझे भी उनकी मंजूर नही. मैने शादी ना करने का फ़ैसला किया है. शादी करूँगी तो तुमसे नही तो नही करूँगी.”
 
कब किया ये फ़ैसला.”
 
अभी जब तुम मेरे सीने से लग कर रो रहे थे. मैं किसी और के साथ नही रह सकती गौरव.”
 
तुम्हे नही पता कि कितनी बड़ी खुशी दी है तुमने मुझे आज ये बात बोल कर. तुम्हारे प्यार के इस इज़हार को हमेशा दिल में छुपा कर रखूँगा मैं.”
 
गौरव
 
हां बोलो.”
 
आइ लव यू.”
 
बस अब जान ले लोगि क्या तुम. कहा तो बोल ही नही रही थीकहाँ अब प्यार की वर्षा कर रही हो मेरे उपर.”
 
बहुत दिन से दबा रखा था ना दिल में ये प्यारआज निकल रहा हैतुम्हारे लिए.”
 
दोनो भावनाओ में बह रहे थे. गौरव अपना चेहरा अंकिता के चेहरे के बहुत करीब ले आया. दोनो की गरम-गरम साँसे आपस में टकरा कर प्यार की गर्मी बढ़ा रही थी. एक पल के लिए वक्त थम गया. दोनो एक दूसरे से कुछ नही बोल रहे थे. बहुत धीरे से गौरव ने अपने होठ अंकिता के होंटो की तरफ बढ़ाए. इस बार अंकिता ने अपना चेहरा नही घुमाया. जब दोनो के होठ आपस में टकराए तो ऐसा लगा जैसे बरसो के मिलन की प्यास पूरी हो गयी. दोनो पूरी तरह डूब गये एक दूसरे में. उन्हे ये अहसास भी नही रहा की वो उस वक्त जंगल में हैं.
 
भावनायें भड़क रही थी दोनो की और ऐसा लग रहा था कि एक दूसरे के लिए जन्मो से प्यासे हैं. गौरव ने किस करते करते एक हाथ से अंकिता के उभार को थाम लिया और उसे ज़ोर से मसल्ने लगा. सब कुछ अपने आप हो रहा था. अंकिता को जब गौरव का हाथ अपने उभार पर महसूस हुआ तो उसने अपने होठ गौरव के होंटो से अलग करने की कोशिश की. पर गौरव ने उसके होंटो को काश कर दबा लिया अपने होंटो में. कुछ देर बाद उसने खुद को अपनी भावनाओं के हवाले कर दिया. प्यार करती थी वो गौरव से. बहुत ज़्यादा प्यार. उसे रोकना नही चाहती थी अब. बह जाना चाहती थी प्यार में वो. अचानक गौरव हट गया और अंकिता को गोदी में उठा लिया.
 
क्या कर रहे हो.”
 
घर चलते हैंयहाँ हम एक दूसरे में खो नही पाएँगे.”
 
अंकिता ने बिना कुछ कहे अपनी आँखे बंद कर ली.
 
कार में बैठ कर वो घर की तरफ चल दिए. जंगल से बाहर निकल कर अंकिता ने चौहान को फोन करके जंगल में सड़क पर कार में पड़ी लाश का पोस्टमार्टम करने को बोल दिया. पूरा रास्ता अंकिता खामोश रही. गौरव ड्राइव कर रहा था. अंकिता उसके कंधे पर सर रख कर बैठी थी. दोनो खामोसी से अपने प्यार का जशन मना रहे थे. कई बार खामोशी का जशन शोर शराबे वाले जशन से ज़्यादा सुंदर होता है.
 
गौरव ने घर के बाहर कार रोक कर कहा, “चलें…”
 
पहली बार तुमसे डर लग रहा है मुझे.”
 
एस पी साहिबा क्यों डर रही हैं?”
 
मैं इस सब के लिए तैयार नही थी. आय ऍम इन शॉक.”
 
मैने भी कहाँ सोचा था. मुझे तो ये लगता था कि हमारी किस मुमकिन ही नही हैं क्योंकि आप डाँट डपट कर मुझे दूर ही रखेंगी.”
 
हहेहेहहे….फिर क्यों किस किया मुझे.”
 
एमोशनल हो गया था. रोक नही पाया खुद को.”
 
सेम हियर. रोक पाती खुद को तो रोक लेती.”
 
जो भी है तुमने बहुत अच्छे से प्यार किया मेरे होंटो को.”
 
अंकिता शर्मा गयी गौरव की इस बात पर.
 
उफ्फ... एस पी साहिबा शरमाती भी हैं. सो क्यूट.”
 
गौरव दुबारा मत बोलना ऐसा नही तो…”
 
सस्पेंड ही करोगी ना….मैं रिज़ाइन कर चुका हूँ मेडम. बहुत सोच समझ कर फ़ैसला लिया था मैने.”
 
रिज़ाइन क्या इसलिए किया था तुमने .”
 
जस्ट किडिंग…. आओ ना मुझे तडपाओ मत. जल्दी आओ.. प्यार में ज़्यादा लंबा ब्रेक नही लेना चाहिए.”
 
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गौरव अंकिता का हाथ पकड़ कर उसे घर के अंदर ले आया.

 
घर के अंदर आते ही अंकिता गौरव से चिपक गयी और बोली, “गौरव वैसे तुम्हे रोकना नही चाहती कुछ करने से. क्योंकि तुम्हारा हक़ है मुझ पर. जिंदगी भर तुम्हारी रहूंगी मैं. मैं भी खो जाना चाहती हूँ तुम्हारे प्यार में जबकि डर भी लग रहा है मुझे. बस एक बात कहना चाहती हूँ.”
 
हां बोलो ना क्या बात है.” गौरव ने अंकिता के सर पर हाथ फिराते हुए कहा.
 
मुझे यकीन है कि एक ना एक दिन घर वाले मान ही जाएँगे. क्योंकि मैं कही और शादी नही करूँगी तो उनके पास भी कोई चारा नही रहेगा. देखना वो राज़ी हो ही जाएँगे. इसलिए चाहती थी कि हम थोड़ा रुक जायें तो अच्छा रहेगा. मैं भी बहक रही हूँ और हर हद पार कर जाना चाहती हूँ आज तुम्हारे साथ. पर दिल के एक कोने में ये अहसास भी है कि हमें इंतेज़ार करना चाहिए.”
 
मैं तुम्हारे साथ हूँ पूरी तरह. मुझे भी कोई जल्दी नही है. वो हम किस करते-करते बहक गये थे नही तो ऐसा सोचते भी नही अभी.”
 
थॅंक्स गौरव…”
 
तुम बैठो मैं चाय लाता हूँ तुम्हारे लिए.” गौरव अंकिता से अलग हो गया.
 
यू नो व्हाटमुझे किचन का कोई काम नही आता. यहाँ तक की गॅस चलानी भी नही आती.”
 
क्या ...गयी भँस पानी में. मुझे ऐसी बीवी चाहिए थी जो खाना अच्छा बनाती हो.”
 
तो प्यार सोच समझ कर करना चाहिए था तुम्हे… ..मुझे किचन में घुसना भी पसंद नही है.”
 
क्या बात है…. एस पी साहिबा की हर अदा निराली है.”
 
ये तारीफ़ है या मज़ाक.”
 
तारीफ़ है जीआपकी हर अदा वाकाई में निराली है.” गौरव ने हंसते हुए कहा.
 
मैं सीख लूँगी गौरव ज़्यादा ताने मत मारो…”
 
अरे बुरा मत मानोजस्ट किडिंगवैसे गुस्से में क्या कमाल लगती हो तुम.”
 
आज अचानक तुमने मुझे आप से तुम कहना शुरू कियाअच्छा लगा मुझे.”
 
तुम्हारे अंडर नही हूँ ना अब. सस्पेंशन का डर नही है. इसलिए आप से तुम पर उतर आया ...”
 
वेरी फन्नीवैसे कल कहाँ गायब हो गये थे. तुम्हारे कारण पूरा दिन और पूरी रात परेशान रही मैं. पता है दिन भर मैने कुछ नही खाया. रात को बस एक सॅंडविच लिया था.”
 
तुमने मुझेगेट आउटबोला तो बहुत बुरा लगा मुझे. यकीन नही हो रहा था कि तुम ऐसा बोल सकती हो मुझे. फोन स्विच्ड ऑफ करके मसूरी चला गया था. वहाँ एक होटेल में पड़ा रहा चुपचाप.”
 
सॉरी गौरव. कल सुबह पापा से हुई बहस के कारण मूड खराब था. सारा गुस्सा तुम पर उतर गया.”
 
कोई बात नहीमेरी बाहों में जाओअब सब समझ रहा हूँ मैं.” गौरव ने अंकिता को बाहों में भर लिया और उसके होंटो पर होठ रख दिए.
 
उनकी ये दूसरी किस पहले से भी ज़्यादा कामुक थी. गौरव ने अंकिता को काश कर भींच रखा था अपनी बाहों में और उनके होठ बड़े कामुक अंदाज़ से एक दूसरे से खेल रहे थे. अचानक गौरव ने अंकिता के नितंबो को पकड़ कर अपनी ओर दबाव बनाया. अंकिता को अपनी चूत के थोड़ा उपर कुछ महसूस हुआ तो वो सिहर उठी. उसकी साँसे तेज चलने लगी. वो फिर से गौरव के साथ बहक रही थी और फिर से खुद को रोकना नही चाहती थी. ऐसा लग रहा था जैसे कि दोनो ही थोड़ी देर पहले किए अपने फ़ैसले को भूल गये थे. बहुत देर तक चूमते रहे दोनो एक दूसरे को.
 
अचानक गौरव, अंकिता के होंटो को छोड़ कर हट गया और उसे गोदी में उठा कर बेडरूम में ले आया.
 
अंकिता ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी. गौरव ने उसे प्यार से बिस्तर पर लिटाया और उसके उपर चढ़ गया. "
 
"हम फिर से बहक गये गौरव...ये ठीक नही है."
 
"अगर प्यार सच्चा है अपना तो ये बातें मायने नही रखती. आइ लव यू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माय हार्ट."
 
"आइ लव यू टू गौरव."
 
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दोनो के होठ एक दूसरे पर बरस पड़े. गौरव के लिए एक पल भी रुकना मुश्किल हो रहा था. गौरव ने अंकिता की सलवार का नाडा खोलने की कोशिश की तो अंकिता ने उसका हाथ पकड़ लिया.अंकिता के हाथ पैर काँपने लगे थे.

 
"रुक जाओ मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है."
 
"अजीब क्यों लग रहा है तुम्हे...ये प्यार ही तो है."
 
अंकिता वर्जिन थी और सेक्स के बारे में कोई अनुभव नही रखती थी. उसका डर स्वाभाविक था.
 
गौरव ने अंकिता के हाथ एक तरफ हटाए और एक झटके में उसका नाडा खोल कर उसकी सलवार नीचे सरका दी. अंकिता ने अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा ढक लिया. वो वाकाई इस सब के लिए मेंटली प्रिपेर नही थी. गौरव को रोकना उसके लिए मुश्किल हो रहा था. अंकिता का एक मन था कि बह जाए भावनाओ में और एक मन था की गौरव को रोक दे वही. मगर वो कोई फ़ैसला नही कर पा रही थी. जब गौरव ने उसकी पॅंटी नीचे सर्काई तो उसने अपनी चूत को अपने दोनो हाथो से ढक लिया. लेकिन शरम से लाल चेहरा अब गौरव के सामने था.
 
"वाह एस पी साहिबा तो शरम से लाल हो गयी...हिहिहीही"
 
"हँसो मत नही तो मारूँगी तुम्हे मैं..."
 
"देखने तो दीजिए क्या छुपा रखा है हाथो के पीछे...हिहीही." गौरव ने अंकिता के हाथ हटाने की कोशिश की. मगर अंकिता ने नही हटाए.
 
"प्लीज़..."
 
"ऐसे नही चलेगा...मुझे हक़ है तुम्हे देखने का." गौरव ने अंकिता के हाथ पकड़ कर उसकी चूत से हटा दिए.
 
"वाओ...ब्यूटिफुल...कैन' वेट टू प्लंडर दिस ब्यूटी."
 
"शट अप."
 
गौरव ने अंकिता की चूत पर हाथ रखा तो पाया कि वो पूरी तरह भीगी हुई है.
 
"ह्म्म...आप तो तैयार हैं प्यार के लिए मेडम...क्या ख्याल है."
 
अंकिता ने दोनो हाथो से अपना चेहरा ढक लिया. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी.
 
गौरव मन ही मन मुस्कुराया अंकिता को शरमाते देख. उसने देर करना उचित नही समझा क्योंकि अंकिता का मूड कभी भी बदल सकता था और वो अपने प्यार को पाना चाहता था.
 
गौरव ने फुर्ती से अपने कपड़े उतारे और अंकिता के उपर गया. अंकिता ने अभी भी अपने चेहरे को हाथो से ढक रखा था.
 
गौरव ने अंकिता की टाँगो को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड को अंकिता की चूत पर लगा दिया. अंकिता अपनी चूत पर लंड को महसूस करते ही काँपने लगी. साँसे और ज़्यादा तेज हो गयी उसकी.
 
गौरव ने ज़ोर से धक्का मारा और उसका आधा लंड अंकिता की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया.
 
नूऊऊऊओ……..गौरव….स्टॉप इट.” अंकिता ने सोचा भी नही था कि इतना दर्द होगा.
 
वेट मिनिटथोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा.” गौरव ने कहा.
 
स्टॉप इट आइ सेआआअहह...इसे बाहर निकालो.” अंकिता दर्द से कराहते हुए बोली.
 
"थोड़ा धैर्य रखो सब ठीक हो जाएगा." गौरव ने हल्का सा धक्का मारा और उसका लंड थोड़ा और अंकिता के अंदर सरक गया.
 
"नूऊऊ....इट्स टू मच..." अंकिता ने गौरव को ज़ोर से धक्का मारा. धक्का इतनी ज़ोर का था कि वो बेड से नीचे जाकर गिरा.
 
क्या हुआ अंकिता?”
 
इतना दर्द हो रहा है..और तुम वेट मिनिट बोल रहे हो. पास मत आना मेरे तुम.” अंकिता चिल्लाई.
 
गौरव ने अपने कपड़े वापिस पहन लिए. अंकिता ने भी अपने कपड़े पहन लिए और बोली, “मैं जा रही हूँ.”
 
नाराज़ हो गयी मुझसे.” गौरव ने अंकिता का हाथ पकड़ लिया.
 
अंकिता गौरव का हाथ झटक कर बाहर गयी. गौरव वही बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठ गया और बोला, “हे भगवान ये किस कयामत से प्यार कर लिया मैने. ये सच में कयामत है.”
 
अंकिता घर से बाहर निकल कर अपनी कार में बैठ कर अपने घर की तरफ चल दी.वो बहुत गुस्से में थी.
 
क्या यही प्यार है? मुझे नही चाहिए ऐसा प्यार.” अंकिता ने मन ही मन सोचा.
 
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Heart 
Update 123

 
 
गौरव थोड़ी देर बाद बेडरूम से बाहर आया तो उसने अंकिता को हर तरफ देखा. उसे नही पता था कि अंकिता जा चुकी है. घर में हर तरफ देखने के बाद उसने बाहर देखा.
 
उसकी कार यहाँ नही है. मतलब की वो चली गयी. बिना कुछ कहेबिना कुछ बोले. दिस ईज़ नोट लव. ये प्यार नही ज़हर है मेरे लिए जो मुझे बर्बाद कर देगा.”
अंकिता घर आते ही अपने बेडरूम में आकर बिस्तर पर गिर गयी और रोने लगी. “गौरव क्यों किया ऐसा तुमने मेरे साथ. क्या ये सब करना ज़रूरी था...मैं रोक रही थी और तुम रुक ही नही रहे थे. क्या यही प्यार है.”
 
बहुत देर तक यू ही पड़ी रही अंकिता और उसकी आँखो से रह-रह कर आँसू टपकते रहे. कब आँख लग गयी उसकी, उसे पता ही नही चला.
 
    ##
 
सुबह अचानक 5 बजे आँख खुल गयी उसकी. उसने घड़ी में टाइम देखा. टाइम देखते ही उसे ख्याल आया, “6 बजे की ट्रेन थी गौरव की. कही वो चला तो नही जाएगा.” अब उसका गुस्सा थोड़ा शांत हो गया था.
 
अंकिता ने तुरंत गौरव को फोन मिलाया. रिंग जाती रही पर फोन नही उठाया गौरव ने.
 
पिक अप दा फोन गौरवप्लीज़…”
 
अंकिता ने काई बार ट्राइ किया फोन पर कोई रेस्पॉन्स नही मिला.
 
"कही वो जा तो नही रहा मुझे छोड़ कर?" ये ख्याल आते ही अंकिता फ़ौरन बिस्तर से उठ गयी. अपनी कार की चाबी उठाई उसने और चुपचाप घर से बाहर गयी. कार में बैठ कर वो गौरव के घर की तरफ चल दी. जब वो गौरव के घर पहुँची तो उसे ताला टंगा मिला.
 
मुझसे बात किए बिना चले गये तुम गौरव. क्या इतने नाराज़ हो गये मुझसे?. क्या सारी ग़लती मेरी ही है...क्या तुम्हारी कोई ग़लती नही थी.” अंकिता ने मन ही मन सोचा.
 
अंकिता ने कार तुरंत रेलवे स्टेशन की तरफ मोड़ ली. रेलवे स्टेशन पहुँच कर उसने एंक्वाइरी से पता किया कि पुणे जाने वाली ट्रेन कों से प्लॅटफॉर्म पर मिलेगी. वो तुरंत प्लॅटफॉर्म नो 3 की तरफ दौड़ी.
 
गौरव उसे प्लॅटफॉर्म पर ही मिल गया. वो एक बेंच पर गुम्सुम बैठा था. सर लटका हुआ था उसका और एक टक ज़मीन की तरफ देख रहा था वो. अंकिता चुपचाप उसके पास आकर बैठ गयी.
 
जा रहे हो मुझे छोड़ कर तुम.” अंकिता बड़े प्यार से बोली.
 
गौरव ने कोई जवाब नही दिया.
 
क्या बात भी नही करोगे मुझसे.” अंकिता ने गौरव के कंधे पर हाथ रख कर कहा.
 
गौरव चुपचाप बैठा रहा.
 
आय ऍम सॉरी गौरवप्लीज़ मुझे यू छोड़ कर मत जाओ.” अंकिता गिड़गिडाई
 
कल कॉन गया था छोड़ कर. तुम ही थी ना. क्या हक़ है तुम्हे मुझे रोकने का.” गौरव ने गुस्से में कहा.
 
गौरव मुझे कोई भी सज़ा दे दो पर मुझे छोड़ कर मत जाओ.”
 
तुम्हारा प्यार ज़हर बन गया है मेरे लिए. दिल करता है मर जाऊ कही जाकर.” गौरव गुस्से में बोला.
 
अंकिता फूट-फूट कर रोने लगी गौरव की बात सुन कर. "प्लीज़ ऐसा मत कहो...जो भी सज़ा देनी है दे दो मुझे पर ऐसे मत जाओ."
 
नाटक मत करो मेरे सामने. दफ़ा हो जाओ यहाँ से....मैं तुमसे कोई बात नही करना चाहतागौरव गुस्से में बोला.
 
कर लेना जो करना है तुम्हे मेरे साथ. नही रोकूंगी तुम्हे...छोटी सी ग़लती की इतनी बड़ी सज़ा मत दो मुझे.”
 
हां जैसे कि मैं तो तुम्हारे शरीर का भूका हूँ. कल भी कुछ ऐसा ही बोल रही थी. तुमने ही गिराया था ना मुझे बेड से नीचे. अभी तक कमर दुख रही है मेरी.”
 
मुझे भी दर्द है अभी तक वहाँ. मुझसे सहा नही जा रहा था. और तुम हट नही रहे थे...मुझे गुस्सा गया था. तुम मेरी जगह होते तो क्या करते?”
 
चलो ठीक है धक्का दिया कोई बात नही. गिरने से मेरी कमर टूट गयी उसकी भी कोई बात नही. तुम तो भाग गयी बिना बताए. मैं घर में ढूढ़ता रहा तुम्हे पागलो की तरह. पर तुम वहाँ होती तो मिलती. तुमसे प्यार करना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हो रही है.”
 
अंकिता गौरव के कदमो में बैठ गयी. “मर जाऊगी मैं अगर तुम गये मुझे छोड़ कर तो...प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.”
 
उठो लोग देख रहे हैं. किसी ने तुम्हे पहचान लिया तो किरकिरी होगी तुम्हारी.” गौरव ने कहा.
 
होने दो….मुझे उसकी चिंता नही है...तुम चले गये तो मैं बिखर जाऊगी.”
 
अजीब हो तुम भी. कल तो मुझे छोड़ कर भाग गयी थी. अब मैं जा रहा हूँ तो मुझे रोक रही हो.”
 
दिल के हाथो मजबूर हूँ नाक्या करूँतुम्हारे बिना नही जी सकती मैं." अंकिता सुबक्ते हुए बोली
 
सोचो मुझ पर क्या बीती होगी जब तुम घर से बिना बताए चली गयी थी.” गौरव ने कहा.
 
मुझे अपनी भूल का अहसास है गौरव. तुम जो सज़ा दोगे मुझे मंजूर होगी.”
 
तुम्हारे साथ सेक्स नही कर पाउन्गा अब मैं. तुम्हे छूने का मन नही करेगा अब.”
 
अगर तुम्हे लगता है कि यही मेरी सज़ा है तो मंजूर है मुझे. वैसे इस से बड़ी सज़ा हो भी नही सकती मेरे लिए कि मेरा प्यार मुझे प्यार ना करे.” अंकिता रोते हुए बोली.
 
मैं मजबूर हूँ. कल की घटना के बाद तुम्हारे पास आने का मन नही करेगा.”
 
ठीक है मेरे करीब मत आना. मेरे साथ तो रहोगे ना.” अंकिता ने कहा.
 
तभी अंकिता का फोन बज उठा. फोन उसके पापा का था.
 
कहाँ हो तुम बेटा...सुबह सुबह कहा चली गयी.?”
 
पापा मैं गौरव के साथ हूँ.मैं घर नही आउन्गि अब. मैं गौरव से शादी कर रही हूँ आज. मुझे माफ़ कर दीजिएगा. अगर आपको मंजूर नही तो मुझे मंदिर में आकर गोली मार दीजिएगा. आज मैने गौरव से शादी नही की तो मैं मर जाऊगी. सॉरी पापापर मैं अपने दिल के हाथो मजबूर हूँ.” अंकिता ने फोन काट दिया.
 
भावनाओ में बह कर अंकिता वो बोल गयी जो होश में कभी भी नही बोल सकती थी.
 
ये क्या बोल रही हो. ये अचानक शादी का प्लान कैसे बन गया.” गौरव ने पूछा.
 
क्या तुम खुश नही हो. क्या मुझसे शादी नही करना चाहते.”
 
करना चाहता हूँपर.” गौरव सोच में पड़ गया.
 
परवर कुछ नही. अपने पापा को बोल चुकी हूँ मैं. हम आज ही शादी करेंगे.” अंकिता सुबक्ते हुए बोली.
 
गौरव गहरी सोच में डूब गया.
 
तुम शादी नही करना चाहते मुझसे है ना. मैने तुम्हारी जिंदगी ज़हर बना दी है इसलिए तुम शादी नही करना चाहते मुझसे. मेरी छ्होटी सी भूल की बहुत बड़ी सज़ा दे रहे हो तुम मुझे." अंकिता की आँखे भर आई.
 
गौरव ने अंकिता को बाहों में भर लिया, “बस..बस चुप हो जाओ. इतना प्यार मत दो मुझे की मैं संभाल भी ना पाउ. मुझे नही पता था कि इतना प्यार करती हो तुम मुझे. मुझे यही लग रहा था कि मेरा ही दिमाग़ खराब है. पर जब तुमने अपने पापा से शादी के बारे में बोल दिया तो मैं हैरान रह गया. मुझे यकीन नही हो रहा था कि तुम ही हो मेरे सामने. मुझे ये सब सपना सा लग रहा है.”
 
ये सपना नही हक़ीक़त है गौरव. बहुत प्यार करती हूँ तुम्हे मैं. अंकिता ने कहा.
 
"क्यों चली गयी थी तुम कल मुझे अकेला छोड़ कर."
 
"कह तो रही हूँ मुझसे भूल हो गयी. आगे से ऐसा नही होगा.”
 
आओ घर चलते हैं. आराम से बैठ कर डिसाइड करते हैं कि शादी कैसे और कहा करनी है. अपर्णा, आशुतोष, सौरभ, पूजा और ऋतू को भी बुला लेंगे. थोड़ी हेल्प हो जाएगी.”
 
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2 घंटे बाद गौरव के घर पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा थी. गौरव और अंकिता की शादी की प्लॅनिंग हो रही थी.

 
यार 2-3 दिन का वक्त तो दो तैयारी के लिए. एक दम से सब कुछ कैसे होगा.” सौरभ ने कहा.
 
देखो भाई अंकिता अपने पापा को बोल चुकी है कि आज ही शादी कर रही है वो मुझसे. इसलिए हम शादी आज ही करेंगे.”
 
फिर तो मंदिर में करलो जाकर. भगवान का घर है….उनका भी आशीर्वाद मिल जाएगा.” सौरभ ने कहा.
 
हां वैसे अंकिता ने मंदिर ही बोला है अपने पापा को.” गौरव ने कहा.
 
ठीक है फिरमंदिर सबसे अच्छी ऑप्शन है इस वक्त.” सौरभ ने कहा.
 
ऋतू प्लीज़ न्यूज़ में मत डालना. पता चले, कल टीवी पर न्यूज़ रही है एस पी साहिबा ने मंदिर में शादी की’.." गौरव ने कहा
 
गौरव पागल हो क्या. मैं भला ऐसा क्यों करूँगी.” ऋतू ने कहा.
 
जस्ट किडिंग ऋतू…” गौरव ने हंसते हुए कहा
 
आशुतोष और सौरभ ने मंदिर में शादी का पूरा इंतज़ाम कर दिया. मंदिर में जाते वक्त अंकिता ने अपने पापा को फोन मिलाया.
 
पापा अगर आप आएँगे तो ख़ुशी होगी मुझे.”
 
बेटा मैं तो नही पाउन्गा. खुश रहो जहाँ भी रहो.” इतना कह कर अंकिता के पापा ने फोन काट दिया.
 
क्या हुआ…”गौरव ने पूछा.
 
वो नही आएँगे.”
 
अंकिता सोच लो. हम शादी फिर कभी कर सकते हैं.” गौरव ने कहा.
 
नही आज ही करेंगे. डेले करेंगे तो पापा फिर से समझाएँगे आकर. फिर वही बाते होंगी. जब तय कर लिया है हमने तो कर ही लेते हैं.” अंकिता ने कहा.
 
ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.” गौरव ने कहा.
 
गौरव और अंकिता को फेरे लेते देख आशुतोष, अपर्णा के कान में बोला, “अब बस हम रह गये.”
 
अगले महीने हम भी कर लेंगे.” अपर्णा ने कहा. दोनो एक दूसरे की तरफ हंस दिए.
 
शादी की सभी रस्मे पूरी होने के बाद सभी ने होटेल में जाकर लंच किया.
 
गौरव और अंकिता को अपने घर वापिस आते-आते शाम हो गयी.
 
सब कुछ कितना जल्दी-जल्दी हो गया. अजीब सी बात हुई. ना मेरे घर से कोई पाया ना तुम्हारे घर से. मेरे मम्मी डेडी मुंबई में थे वरना वो तो शामिल हो ही जाते. पिंकी कॉलेज के टूर पर गयी है. ” गौरव ने कहा.
 
तुम्हारे मम्मी पापा को कोई ऐतराज़ तो नही होगा ना?” अंकिता ने पूछा.
 
शादी से ऐतराज़ नही होगा. मगर जब वो देखेंगे कि तुम्हे घर का कोई काम नही आता तब दिक्कत आएगी.”
 
डराओ मत मुझे. मैं आज से ही सीखना शुरू कर देती हूँ. चलो किचन में मुझे गॅस चलाना सीख़ाओ.” अंकिता ने कहा.
 
" एस पी साहिबा जी...पहले प्यार करना सीख लें. वो ज़्यादा ज़रूरी है.” गौरव ने अंकिता को बाहों में भर लिया.
 
क्या… ….मुझे लगा था तुम मेरे करीब नही आओगे.”
 
बहुत प्यार करता हूँ तुम्हे मैं. चाह कर भी तुमसे दूर नही रह सकताआओ प्यार करते हैं सब कुछ भूल कर.” गौरव अंकिता का हाथ पकड़ कर उसे बेडरूम में ले आया. अंकिता की टांगे काँपने लगी. उसे रह..रह कर कल का वो दर्द याद रहा था
 
"मेडम जी काँप क्यों रही हैं आप."
 
"..कहाँ काँप रही हूँ. तुम्हे यू ही लग रहा है."
 
"डरने की ज़रूरत नही है. प्यार कभी नुकसान नही पहुँचता." गौरव ने अंकिता के माथे को चूम लिया. अंकिता का डर कुछ कम हुआ.
 
दोनो एक दूसरे से चिपक कर लेट गये बिस्तर पर. शुरूवात प्यार में भीगे चुंबन से हुई. दोनो बहकने लगे तो एक-एक करके धीरे धीरे दोनो के कपड़े उतरने लगे. भावनाए भड़क रही थी दोनो की. दोनो तरफ आग बराबर थी. जब दोनो पूरे कपड़े उतार कर एक दूसरे के गले मिले तो उन्हे लगा की कपड़ो की बहुत मोटी दीवार थी उन दोनो के बीच. होंटो से होठ टकराए….छाती से छाती टकराई. कुछ ऐसे चिपके हुए थे दोनो एक दूसरे से की हवा भी नही थी उन दोनो के दरमियाँ.
 
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