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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Smile 
 “हू ईज़ तीस.” आशुतोष ने अंदर से आवाज़ लगाई.

 
आशु दरवाजा खोलो
 
ये तो एस पी साहिबा की आवाज़ है.” आशुतोष ने कहा.
 
गौरव ने तुरंत आयेज बढ़ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में अंकिता खड़ी थी.
 
गौरव अपने पीछे दरवाजा बंद करके अंकिता का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.
 
आप यहाँ क्या कर रही हैं.”
 
रोक नही पाई खुद को गौरव. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”
 
मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”
 
आइ केर फॉर यू
 
काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”
 
कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” अंकिता बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर छोड़ो
 
अब आप यहाँ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नही भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नही मानती हैं आप. हां भाई एस पी साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”
 
प्लीज़ गौरव ये ताना देना बंद करोमैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नही बनूँगी तुम पर.”
 
ठीक है आओ अंदर.”
 
अंकिता गौरव के पीछे-पीछे अंदर गयी.
 
हाई एवेरिवनमुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नही करेगी.” अंकिता ने कहा.
 
मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” गौरव ने अंकिता को अपना प्लान बताया.
 
ह्म्म मगर पहले हमें ये पता करना होगा कि साइको घर पर है कि नही.”
 
वो मैने पता कर लिया है. वो घर पर ही है
 
ह्म्म लेकिन उसे घर से बाहर कॉन लाएगा.”
 
ऋतू से रिक्वेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”
 
डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इस जाल में फस्ने वाला नही है.”
 
लेकिन हम क्या करें. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”
 
लेकिन ये सीसी कॉन है. एसपी का नाम तो राहुल महाजन है.” अंकिता ने कहा.
 
इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इस सीसी को लेकर. बस अब और नही. “ गौरव ने कहा.
 
अपर्णा कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” अंकिता ने पूछा
 
अपर्णा की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने आशुतोष की तरफ देखा. आशुतोष मन ही मन हंस दिया अपर्णा की हालत पर. उसे पता था कि अपर्णा दुविधा में है इसलिए अंकिता के प्रश्न का जवाब खुद दे दिया, “अपर्णा कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो एसपी साहिब की भी थी उसमें.”
 
लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. एसपी से तो काफ़ी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी आवाज़ क्यों नही पहचानी कभी.” ऋतू ने पूछा.
 
क्योंकि साइको के रूप में, एसपी बिल्कुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओये काम तुम करोगी कि नही. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” गौरव ने कहा.
 
ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसेकैसे क्या करना है सब बता दो.
 
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.........

 
आअहह….” पूजा कराह रही थी ज़मीन पर पड़ी हुई. आँखे बंद थी अभी भी उसकी. बेहोसी अभी पूरी तरह टूटी नही थी. बेख़बर थी इस बात से वो कि वो साइको के कब्ज़े में है और एक अंजान जगह पर एक अंजान कमरे में पड़ी है. धीरे-धीरे वो होश में रही थी. बेहोसी में हाथ पाँव हिला रही थी वो.
 
धीरे से आँखे खोली उसने. एक पल को उसे लगा कि वो कोई सपना देख रही है. मगर अगले ही पल डर और ख़ौफ़ ने उसके पूरे अस्तित्व को घेर लिया. वो थर-थर काँपने लगी. उसे अहसाह हो गया था कि वो फर्श पर पड़ी है और उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नही है. बड़ी मुश्किल से उठ पाई वो फर्श से क्योंकि हाथ पाँव थर-थर काँप रहे थे. उठ कर चारो तरफ देखा उसने. कमरे में बस एक दरवाजा था. एक छोटी सी टेबल रखी थी कमरे में जिस पर की एक छोटे से पत्थर के नीचे एक पेपर रखा था.
 
हे भगवान मैं यहाँ कैसे पहुँच गयी?” पूजा ने कहा.
 
कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी पूजा. मार्केट जाना था उसे एक ज़रूरी काम के लिए. पॉकेट मनी बचा रखी थी कुछ उसने. खर्च करना चाहती थी उसे आज वो. जिसे वो बहुत प्यार करती थी उसके लिए एक गिफ्ट लेना चाहती थी. एक पेण्ट और शर्ट लेने का प्लान था उसका. सोच रही थी कि शाम को जब सौरभ उसे कॉलेज लेने आएगा डिन्नर के लिए तो उसे सर्प्राइज़ देगी. बहुत ख़ूस्स थी गिफ्ट खरीद कर. दिल में प्यार और उमंग लिए शॉप से निकली थी वो. मगर अचानक उसे पीछे से दबोच लिया साइको ने और कोई नासीली चीज़ सूँघा कर बेहोश कर दिया. आगे क्या हुआ उसे कुछ याद नही.
 
पूजा को ये पूरा दृश्य याद गया था. ये सब याद आने के बाद उसकी हालत और नाज़ुक हो गयी.
 
सौरभ प्लीज़ मुझे बचा लोकहा हो तुमअब तो जीना शुरू किया था मैने तुम्हारे प्यार के कारण. मैं अब मरना नही चाहती. प्लीज़ मुझे बचा लो.” पूजा रो पड़ी.
 
रोते-रोते पूजा की नज़र टेबल पर रखे पेपर पर पड़ी. उसे दूर से ऐसा लग रहा था कि उस पर कुछ लिखा है. वो लड़खड़ाते कदमो से टेबल की तरफ बढ़ी. कांम्पते हाथो से उसने पेपर टेबल से उठाया.
 
वो उस पेपर को पढ़ने लगी तो चेहरे पर ख़ौफ़ और ज़्यादा उभर आया.
 
हाई पूजा,
 
यही नाम है ना तुम्हारा. कैसी हो तुम. तुमसे पूछे बिना तुम्हे यहाँ उठा लाया. सॉरी नही बोलूँगा क्योंकि मैं अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ. तुम यहाँ सौरभ की वजह से हो. सौरभ की प्रेमिका ना होती तुम तो मेरा तुम पर ध्यान ही नही जाता. बहुत सुंदर हो तुम पूजा. मैने तुम्हारी खूबसूरती बड़े करीब से देखी है. तुम्हारे कपड़े मैने ही तो उतारे हैं. तुम्हारे बूब्स पर फिदा हो गया मैं. थे अरे अमेज़िंग पीस ऑफ टिट्स. तुम्हारी चूत के तो क्या कहने. एक दम चिकनी है. लगता है सौरभ के लिए चूत सज़ा कर रखी हुई है तुमने हहहे. तुम्हारी गान्ड भी कम नही है. गान्ड पर खूब चाकू रडगा मैने तुम्हारी. तुम नींद में थी इसलिए जान नही पाई. मेरी आर्ट के लिए तुम पर्फेक्ट हो. एक सुंदर मौत दूँगा तुम्हे मैं. वो भी तुम्हारे आशिक़ के सामने. सौरभ के सामने चूत मारूँगा मैं तुम्हारी. पूरा चाकू घुसा दूँगा तुम्हारी चूत में. घबरा गयी. अरे घबराओ मत ऐसा करने से एक खूबसूरत मौत मिलेगी तुम्हे. एक पर्फेक्ट आर्ट का हिस्सा बन जाओगी तुम. तुम्हे गर्व होगा कि तुम मुझसे चुदी. बस इस चुदाई में मज़े की बजाए दर्द होगा. उतना तो तुम सह ही सकती हो. आख़िर खूबसूरत मौत हर किसी को नही मिलती. ना ही मैं हर किसी को इस काबिल समझता हूँ. लेकिन इस मौत के लिए थोड़ा इंतेज़ार करना होगा तुम्हे. तुम्हारे आशिक़ को भी तो आना है यहाँ. तुम बस चेहरे पर ख़ौफ़ बनाए रखोबाकी सब मुझ पर छोड़ दो. इंतेज़ार इस मौत को और ज़्यादा खूबसूरत बना देगा.”
 
हाथ कुछ इस कदर काँप रहे थे पूजा के की पेपर छूट गया उसके काँपते हाथो से. उसे विश्वास नही हो रहा था कि उसके साथ ये सब हो रहा है. वो दीवार के सहारे घुटने पर सर रख कर बैठ गयी.
 
सौरभक्या हमारे सपने, हमारी उम्मीदें सब बिखर जाएँगे. क्या हमारे प्यार का यही अंज़ाम लिखा है भगवान ने. बहुत डर लग रहा है मुझे. इतनी भयानक मौत भगवान किसी को ना दे. और ना ही किसी के प्यार को इस तरह से जुदा करे.” पूजा सुबक्ते हुए सोच रही थी.
 
42 इंच एलसीडी पर साइको सब कुछ देख रहा था. “बहुत खूब पूजा….बहुत खूब. मुझे तुमसे ऐसे ही ख़ौफ़ की उम्मीद थी.तुम्हारी जितनी तारीफ़ की जाए कम है. अब बस सौरभ को लाना है तुम्हारे पास. तुम चिंता मत करो तुम्हे ज़्यादा इंतेज़ार नही करना पड़ेगा. तुम गयी हो तो वो भी ही जाएगा. मैं बस उसे तडपा रहा हूँ हाहहाहा.”
 
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Update 111

 
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आशुतोष के घर सभी बैठे गौरव का इंतेज़ार कर रहे हैं.
 
कहाँ रह गये गौरव सरइतना टाइम नही है हमारे पास.” आशुतोष ने कहा.
 
गौरव आता ही होगाकीप पेसेंस.” अंकिता ने कहा.
 
तभी कमरे का दरवाजा खड़का. आशुतोष ने फ़ौरन दरवाजा खोला.
 
कहाँ रह गये थे सर आप. हमें चिंता हो रही थी.”
 
हां थोड़ा टाइम लग गया.”
 
कोई 10 मिनिट पूरे प्लान के बारे में कमरे में फिर से डिस्कशन हुई. डिस्कशन के बाद सभी आशुतोष के घर से निकल दिए.
 
गौरव और अंकिता ऋतू के साथ उसकी मीडीया वाली गाड़ी में थे. आशुतोष अपर्णा और सौरभ उनकी कार के पीछे दूसरी कार में थे.
 
गौरव हुलिया चेंज करने में भी एक्सपर्ट बन गये हो तुम.” अंकिता ने कहा.
 
पर क्या फायदा इस एक्सपर्टीस का. आपने तो मुझे पहचान ही लिया था.” गौरव ने कहा.
 
मेरी बात और है. तुमको तुम्हारी आँखो से पहचाना था मैने.”
 
ये चाँदनी रात हमेशा याद रहेगी ना मेडम. पहली बार इतने करीब आए थे हम. जब-जब ऐसी रात आएगी क्या आपको भी मेरी याद आएगी.”
 
अपना ख्याल रखना गौरव. अपना ध्यान बस इस मिशन पर रखो.” अंकिता ने कहा.
 
काश तुम मुझसे एक बार कहोतुमको मुझसे प्यार हो गया
 
वादे वफ़ा इकरार करोतुमको मुझसे प्यार हो गयागौरव ने ये गीत गुनगुना दिया.
 
अरे वाह गौरव तुम तो गाते भी हो. क्या बात है. बहुत प्यारा सॉंग है. पूरा गाओ ना ये गाना. मौत के मूह में जाने से पहले थोड़ा ध्यान डाइवर्ट हो जाएगा.” ऋतू ने कहा.
 
नही पूरा नही गेया पाउन्गा.”
 
क्यों?” ऋतू ने कहा.
 
कोई इतना ही नही सुन पा रहा है. पूरा गाउन्गा तो पता नही क्या होगा.” गौरव ने अंकिता की तरफ देखते हुए कहा. अंकिता की आँखो में आँसू थे.
 
ऋतू के कुछ समझ में नही आया. वो गौरव और अंकिता के अनकहे प्यार को नही जानती थी.
 
हम पहुँचने वाले हैं गौरव. मुझे डर लग रहा है.” ऋतू ने कहा.
 
हिम्मत रखो ऋतूये काम हमें हर हाल में करना है. ” गौरव ने कहा और सौरभ को फोन मिलाया.
 
सौरभ मैं ऋतू के साथ जा रहा हूँ अंदर. तुम पीछे ही रुकना. पूरी नज़र रखना चारो तरफ.” गौरव ने कहा.
 
अंकिता ने गौरव का हाथ थाम कर कहा, “टेक केर गौरव.”
 
आपको अलर्ट रहना होगा हर वक्त. हमें अभी पता नही कि किस आग से खेल रहे हैं हम लोग. हमारे पास वक्त कम था इसलिए जल्दबाज़ी में ये प्लान एक्सेक्यूट कर रहे हैं. वैसे आपके लिए ख़तरा कम है यहाँ क्योंकि सभी पोलीस वाले यहाँ आपको अच्छे से जानते हैं.”
 
सब ठीक होगा गौरव. प्लान अच्छा है तुम्हारा.बस अपना ध्यान रखना.” अंकिता ने कहा.
 
अंकिता को गाड़ी में ही छोड़ कर ऋतू और गौरव स्प के घर के गाते की तरफ बढ़े. ऋतू के हाथ में मायक था और गौरव के हाथ में कॅमरा.
 
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 “हे गाते खोलो हमें एसपी साहिब का इंटरव्यू लेना है.” ऋतू ने गाते पर खड़े सेक्यूरिटी गुआर्द से कहा.

 
एसपी साहिब इंटरव्यू नही देते हैंआपको मालूम होना चाहिए. पहले भी चुकी हैं आप यहाँ.”
 
सरे आम एक लड़की की शादी के दिन हत्या हो गयी और पोलीस सो रही है. हमें एसपी साहिब से जवाब चाहिए नही तो हम न्यूज़ में बताएँगे कि कितने इनसेन्सिटिव हैं एसपी साहिब. उन्हे बताना पड़ेगा की साइको अब तक पकड़ा क्यों नही गया.”
 
तुम रूको यही मैं एसपी साहिब से बात करके आता हूँ.” गार्ड ने कहा.
 
एसपी अपने कमरे में बैठा ल्क्ड टीवी पर पूजा को देख रहा था. अपनी ज़िप खोल कर उसने अपने मुरझाए हुए लंड को बाहर निकाल रखा था और उसे एक हाथ से सहला रहा था. उसके दूसरे हाथ में एक चाकू था. “बहुत मज़ा आएगा ये चाकू तेरी चूत में डालने में पूजा. लंड से ज़्यादा सेक्सी है ये चाकू. हहेहहे.”
 
तभी दरवास्जे पर दस्तक हुई और एसपी हंसता हंसता रुक गया. एसपी ने टीवी बंद किया और चाकू को एक तरफ रख दिया. उसने दरवाजा खोला और चिल्ला कर बोला, “क्या बात है. कितनी बार कहा है मुझे डिस्टर्ब मत किया करो.”
 
सर बाहर मीडीया वाले आए हैं.”
 
पता है मुझे. सी.सी. टीवी कॅमरा मैने शॉंकिया नही लगा रखे. दफ़ा करो उन्हे यहाँ से.”
 
सर वो रिपोर्टर बोल बोल रही है कि अगर आप नही मिलेंगे उनसे तो टीवी पर आपको इनसेन्सिटिव बताया जाएगा. वो साइको के केस के बारे में जानकारी चाहती है.”
 
ठीक है भेजो उसे अंदर और ड्रॉयिंग रूम में बिठाओ. लेकिन उनसे कहना कॅमरा बंद रखें अपना. मेरी वीडियो लेने की कोशिश ना करें.” एसपी ने कहा.
 
ओके सर.”
 
गौरव और ऋतू अंदर गये. ऋतू बहुत घबराई हुई थी. अपने डर को वो अपनी हँसी से छुपाने की कोशिश कर रही थी.
 
कॅमरा बंद रखने को क्यों कहा उसने?” ऋतू ने गौरव को धीरे से कहा.
 
उसे डर हैं ना कि कही अपर्णा उसे टीवी पर देख कर पहचान ना ले.”
 
अब समझ में आया कि ये इंटरव्यू क्यों नही दे रहा था. इसका मतलब डरता बहुत है ये एक्सपोज़ होने से.”
 
हर क्रिमिनल डरता है. ये एक नॅचुरल रिक्षन है.” गौरव ने कहा.
 
कही उसे शक तो नही हो जाएगा हम पर?” ऋतू ने कहा.
 
तुम ऐसा वैसा कुछ मत सोचो बस इंटरव्यू लेने पर ध्यान दो.” गौरव ने कहा.
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कुछ देर बाद एसपी कमरे में दाखिल हुआ.

 
उसके आते ही ऋतू और गौरव सोफे से उठ कर खड़े हो गये. “गुड ईव्निंग सर मैं रात तक न्यूज़ चॅनेल से हूँ.”
 
ह्म्मतभी आप रात को गयी मेरा इंटरव्यू लेने.” एसपी ने हंसते हुए कहा.
 
सर आज तो हद हो गयी. शादी के दिन हत्या कर दी एक लड़की की साइको ने. रीमा नाम था उसका. आप ये बतायें आपकी पोलीस फोर्स कुछ कर क्यों नही पा रही है. सभी शहर वासी ख़ौफ़ के साए में जी रहे हैं. आख़िर कब तक चलता रहेगा ये.”
 
हमसे ग़लती हो गयी थी साइको का केस इनस्पेक्टर गौरव को दे कर. उसने कुछ भी नही किया साइको को पकड़ने के लिए. अब हमने अपनी भूल सुधार दी है. हमने एक नये होनहार इनस्पेक्टर को ये केस दिया है. सिकन्दर नाम है नये इनस्पेक्टर का. मुझे उम्मीद है कि वो जल्द से जल्द कुछ परिणाम देगा हमें.”
 
वो तो अंधेरे में अकेले घूमते रहते हैं सरवो क्या परिणाम देंगे हमें.” गौरव ने कहा.
 
हू आर यू?” एसपी ने गौरव से पूछा.
 
सर ये मेरा कॅमरमन है.” ऋतू ने कहा.
 
ओके...इस से कहो बीच में ना बोले. सिकन्दर इंटेलिजेंट इनस्पेक्टर है. वो ज़रूर कुछ ना कुछ करेगा. बाकी पोलीस वाले भी इसी काम पर लगे हैं.” एसपी ने कहा.
 
सर आपके पीछे जो पैंटिंग तंगी है क्या मैं उसे करीब से देख सकता हूँ. बहुत प्यारी पैंटिंग है ये.” गौरव ने कहा.
 
नही देख सकते करीब सेऔर कुछ. जिस काम के लिए आए हो उस पर ध्यान दो.”
 
सॉरी सरमैं बस वैसे ही…” गौरव ने सॉरी फील किया.
 
सर एक बहुत ही सीक्रेट सी बात है. क्या आपके पास आकर कहु. क्योंकि दीवारों के भी कान होते हैं.”
 
हां आओबेझीजक बताओ बात क्या है.” एसपी ने कहा.
 
ऋतू एसपी के करीब जा कर बैठ गयी.
 
सर मुझे लगता है कि इनस्पेक्टर गौरव ही साइको हैआपको क्या लगता है.” ऋतू ने कहा.
 
वैसे उस पर शक की कोई वजह नही है मगर कुछ भी हो सकता है.” एसपी ने कहा.
 
ऋतू अपना प्लान एक्सेक्यूट करने का मन बना चुकी थी. राइटिंग पॅड के नीचे उसके हाथ में इंजेक्षन था.
 
सर वो तस्वीर किसकी है.” ऋतू ने दीवार पर तंगी तस्वीर की ओर इशारा किया.
 
जैसे ही एसपी ने गर्दन घुमाई ऋतू हरकत में गयी. इंजेक्षन एसपी की गर्दन में गाढ़ने ही वाला था कि एसपी ने उसका हाथ पकड़ लिया.
 
एक आँख मैं हमेशा पीछे रखता हूँएसपी ने कहा.
 
गौरव फ़ौरन हरकत में आया मगर एसपी ने जेब से बंदूक निकाल कर गोली मार दी गौरव को. 3 बार फाइयर किया एसपी ने गौरव की छाती पर. ज़रा भी आवाज़ नही हुई गोली की. साइलेनसर जो लगा रखा था उसने.
 
गौरव!” ऋतू चिल्लाई.
 
गौरवह्म्म अब पूरी बात समझ में आई. तुम्हारा तो मैं वो हाल करूँगा कि रूह काँप उठेगी तुम्हारी.” एसपी ने ऋतू को कहा.
 
ऋतू ने एक ज़ोर दार किक मारी एसपी के पेट पर. वो गिर गया मगर उसने निशाना लगा लिया ऋतू पर, “बस अब कोई और हरकत की तो भेजा उड़ा दूँगा.
 
एसपी उठा फर्श से और बंदूक ताने हुए ऋतू की तरफ बढ़ा. “तुम्हारी पैंटिंग भी बनेगी अब. मुझ पर हाथ उठाने वाले को मैं जींदा नही छोड़ता.”
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अचानक एक इंजेक्षन गढ़ गया एसपी की गर्दन में. उसने मूड कर देखा तो उसके पीछे गौरव खड़ा था.

 
एसपी के हाथ काँपने लगे इंजेक्षन लगते ही. बंदूक छूट गयी उसके हाथ से. “ये क्या लगा दिया तुमने मुझे.”
 
किलर07 इंजेक्षन है ये. तुम्हारे ऑर्गन्स को अंदर से डेस्ट्राय करेगा. शुरूवात हो चुकी है. 30 मिनिट बाद तुम तड़प तड़प कर मर जाओगे.”
 
यू बस्टर्डमैं तुम्हे छोड़ूँगा नही.”
 
अपनी चिंता कर साले…10 मिनिट में तुझे आंटिडोट नही मिली इसकी तो तड़प-तड़प कर मरेगा. उसके बाद हर 15 मिनिट बाद तुझे एक आंटिडोट की ज़रूरत पड़ेगी. 10 आंटिडोट लेनी होगी तुझे तब जाकर तेरी जान बचेगी. और ये किलर07 इंजेक्षन इंपोर्टेड है. यहाँ इंडिया में ना ये इंजेक्षन मिलेगा और ना ही इसका आंटिडोट. इंजेक्षन भी मेरे पास है और आंटिडोट भी.”
 
एसपी के मूह से खून निकलने लगा. उसके चेहरे पर ख़ौफ़ साफ दीखाई दे रहा था.
 
क्या बात है. बहुत सुंदर ख़ौफ़ है आपके चेहरे पर. पूजा कहा है जल्दी बताओ वरना कोई आंटिडोट नही मिलेगी तुम्हे.”
 
पहले मुझे पहली आंटिडोट दो फिर बताउन्गा.”
 
नही मिलेगी. जल्दी बताओ वरना तुम्हे कोई भी आंटिडोट नही मिलेगी.”
 
ठीक है बताता हूँ आहह.” एसपी कराहते हुए बोला.
 
एसपी ने उस जगह का पता बता दिया जहा उसने पूजा को च्छूपा रखा था.
 
वेरी गुड. अब 10 मिनिट में जंगल पहुँचो. पहली आंटिडोट तुम्हे वही मिलेगी. ये पेन अपनी जेब में रखना. कॅमरा लगा है इसमे. कोई भी ऐसी वैसी हरकत की तो मेरा मूड खराब हो जाएगा और मैं सारी आंटिडोट्स डेस्ट्राय कर दूँगा.” गौरव ने कहा
 
“10 मिनिट में मैं जंगल नही पहुँच सकता.” एसपी गिड़गिदाया.
 
वो मेरी प्रॉब्लम नही है. चलो ऋतू चलते हैं.”
 
मुझे पहली आंटिडोट तो दे दो आहह.” एसपी दर्द से कराहते हुए बोला.
 
जंगल पहुँचने से पहले कोई आंटिडोट नही मिलेगी तुम्हे. तुम्हारा खेल ख़तम हुआ मिस्टर साइको अब हमारी बारी है.”
 
जैसे ही एसपी की जेब में पेन रखा था गौरव ने गाड़ी में बैठी अंकिता को लॅपटॉप पर लाइव पिक्चर मिलने लगी थी.
 
ग्रेट गौरवप्लान कामयाब रहा. देखते हैं अब एसपी साहिब चुपचाप जंगल आते हैं कि नही. मुझे उम्मीद है कि पूजा का पता तो तुमने लगा ही लिया होगा.” अंकिता ने कहा
 
गौरव और ऋतू एसपी के कमरे से निकल कर चुपचाप गेट की तरफ बढ़ रहे थे.
 
शूकर है बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी थी नही तो आज गया था काम से.” गौरव ने धीमी आवाज़ में कहा.
 
तुम्हे क्या लगता है क्या वो आएगा जंगल में.” ऋतू ने पूछा.
 
उसे आना पड़ेगा. हमने अपना काम कर दिया है. जस्ट वेट एन्ड वाच कि आगे क्या होता है. और अगर वो नही भी आया जंगल तो भी मौत तो उसकी निस्चित है ही. उसे कोई नही बचा सकता. किलर07 से कोई नही बचा आज तक. ये इंजेक्षन ज़्यादातर इंटरनॅशनल स्पाइस यूज़ करते हैं. मोस्ट सीक्रेट वेपन है और उतना ही लेथल भी.” गौरव ने कहा.
 
तुम्हे कैसे पता इतना कुछ. और ये इंजेक्षन तुम्हे मिला कैसे.”
 
मेरा एक बहुत ख़ास दोस्त Cईआ एजेंट है. पीछे साल वो इंडिया आया हुआ था एक ख़ास मिशन पर. उसी ने मुझे दिया था ये. मैने सोचा भी नही था तब कि कभी इसका यूज़ भी करूँगा. मगर मैने इसे संभाल कर रख लिया था. देखो आज काम गया.”
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Update 112

 
 
बाते करते-करते गौरव और ऋतू गेट से बाहर गये. वो गाड़ी में घुसे ही थे कि अंकिता ने कहा, “तुमने कॅमरा ठीक से लगाया था ना
 
हां क्यों क्या हुआ?”
 
कोई वीडियो नही रही है. मुश्किल से एक मिनिट वीडियो आई फिर अचानक बंद हो गयी.” अंकिता ने कहा.
 
क्या! ऐसा कैसे हो सकता है.” गौरव हैरान रह गया.
 
एसपी ने ज़रूर कुछ गड़बड़ कर दी होगी कॅमरा मेंऋतू ने कहा.
 
मुझे भी यही लगता है. ” अंकिता ने कहा.
 
अब क्या होगा गौरव. हम ये नही जान पाएँगे कि वो क्या कर रहा है.” ऋतू ने कहा.
 
तुम लोग चिंता मत करो उसकी जिंदगी हमारी मुट्ठी में है. हम……” गौरव बोलता बोलता रुक गया क्योंकि अंकिता बीच में बोल पड़ी,”.ऍम.जी. क्या ये पूजा है!”
 
गौरव ने तुरंत लॅपटॉप स्क्रीन पर देखा, “शायदमैं पूजा से कभी नही मिला. वही होगी.”
 
क्या हालत बना दी है उसने उसकी. ओह गॉड एक भी कपड़ा नही है उसके शरीर पर. मुझसे नही देखा जाता ये.” ऋतू ने कहा.
 
आख़िर ये चाहता क्या है. क्या उसे अपनी जान प्यारी नही है.” अंकिता ने कहा.
 
साइको है वो. कब क्या करेगा कुछ भरोसा नही. लेकिन जो भी हो किलर07 से वो नही बचेगा.”
 
मगर पूजा का क्या होगा?” अंकिता ने सवाल किया.
 
हम उसे कुछ नही….” गौरव बोलते बोलते रुक गया क्योंकि तभी उसका फोन बजने लगा था.
 
हेलो
 
आअहहमिस्टर गौरव पांडे कमाल कर दिया तुमने. बहुत सुना था किलर07 के बारे में. तुमने ये मुझपे यूज़ किया. बहुत बढ़िया गेम खेली तुमने मेरे साथ.”
 
अच्छी लगी ना गेम. अभी तो शुरूवात है बेटा आगे देख क्या क्या होता है तेरे साथ.” गौरव ने कहा.
 
आगे जो भी होगा मेरी मर्ज़ी से होगा. ये गेम अब मेरे तरीके से आगे बढ़ेगी. तुम्हे पूजा की लाइव वीडियो रही होगी. बहुत बेचैन नज़र रही है बेचारी मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने के लिए. 10 मिनिट में मैं पहुँच रहा हूँ उसके पास उसकी आर्ट बनाने के लिए. अगर उसे जींदा देखना चाहते हो तो आंटिडोट की सारी डोस मुझे दे दो चुपचाप. मैं वादा करता हूँ कि उसे कुछ नही करूँगा. अड्रेस तुम्हे बता ही दिया है मैने. वही पहुँच जाओ आंटिडोट ले कर. नही आए तो नतीजा बहुत बुरा होगा. मैं तो मारूँगा पर तुम्हारे लिए और तुम्हारे दोस्त सौरभ के लिए ऐसी आर्ट छोड़ जाऊगा पूजा क़ी, जिसे तुम जिंदगी भर नही भूल पाओगे. चाय्स तुम्हारी है…” साइको ने फोन काट दिया.
 
क्या हुआ गौरवक्या ये एसपी का फोन था.” अंकिता ने पूछा.
 
हांवो ये गेम अपने तरीके से खेलना चाहता है. आंटिडोट चाहता है वो. इसके बदले पूजा को छोड़ने के लिए तैयार है. मुझे आंटिडोट लेकर उसी जगह बुलाया है जहा पूजा को क़ैद कर रखा है उसने.”
 
कहाँ है पूजा?” अंकिता ने पूछा.
 
मसूरी की तरफ जो रास्ता जाता है उसी पर एक फार्म हाउस पर छुपा रखा है उसने उसे. लोकेशन पता है मुझे.”
 
तो क्या इरादा है तुम्हारा?” अंकिता ने कहा.
 
देखो इस वक्त पूजा सबसे बड़ी प्राइयारिटी है. एसपी साइको है कुछ भी कर सकता है. फिलहाल तो वो भी यही है और हम भी यही हैं. हमें उस से पहले पहुँचना होगा फार्म हाउस. चलो जल्दीऋतू तुम हटो मैं ड्राइव करता हूँ.” गौरव ने कहा. गाड़ी स्टार्ट करते ही गौरव ने सौरभ को फोन मिलाया और सारी सिचुयेशन उसे बता दी.
 
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 “गौरव हम सब को वहाँ नही जाना चाहिए. पता नही क्या गेम है उसकी. हम दोनो चलते हैं वहाँ.” सौरभ ने कहा.

 
आशुतोष सब कुछ सुन रहा था, “ऐसा क्यों बोल रहे हो गुरु. मुझे एक दम से पराया कर दिया. मैं भी साथ चलूँगा.”
 
आशुतोष सिचुयेशन हमारे कंट्रोल में नही है. पता नही क्या गेम है उसकी. और अपर्णा के साथ भी तो किसी का होना ज़रूरी है.”
 
अपर्णा को उसके घर ड्रॉप कर देते हैं. सेक्यूरिटी तो है ही वहाँ.” आशुतोष ने कहा.
 
नही मैं भी साथ ही रहूंगी. घर में मुझे ज़्यादा दर लगेगा. और ये टीम क्या मज़ाक में बनाई थी तुम लोगो ने. मैं कही नही जाऊगी सुन लो तुम दोनो. और जो ज़ख़्म साइको ने मुझे दिया है वो तभी भरेगा जब मैं उसे अपनी आँखो से मारते हुए देखूँगी.” अपर्णा ने कहा.
 
सोच लो अपर्णा वहाँ बहुत ख़तरा है. वो ज़रूर कोई ख़तरनाक खेल खेलने के चक्कर में है.” सौरभ ने कहा.
 
कुछ भी हो मुझे आशुतोष के साथ रहना है. मैने सपना देखा था….”
 
छोड़ो भी उस सपने को अपर्णा. मेरा वो बाल भी बांका नही कर सकता.” आशुतोष ने कहा.
 
सच में यार तुम दोनो तो पागल हो गये हो एक दूसरे के प्यार में.” सौरभ ने कहा.
 
क्या तुम पागल नही हो पूजा के लिए गुरु जो हमें बोल रहे हो.” आशुतोष ने कहा.
 
हूँ तो सही. यार उसे कुछ हो गया तो मैं मर जाऊगा.” सौरभ ने कहा.
 
उसे कुछ नही होने देंगे हम. चिंता मत करो.” आशुतोष ने सौरभ के कंधे पर हाथ रख कर कहा.
 
गौरव फोन पर सब सुन रहा था, “यार मेरे से भी बात कर लो कोई.”
 
ओह सॉरी मैं भूल गया था कि तुम फोन पर हो. मैं आशुतोष और अपर्णा के साथ बातों में लग गया था.”
 
हां मैने सुनी तुम लोगो की बातें. मैं भी यही चाहता हूँ कि हम सब वहाँ ना जायें. हम दोनो चलते हैं. बाकी लोग सुरक्षित जगह पर रुक जायें.” गौरव ने कहा.
 
बहुत बढ़िया. मैं कही नही जा रही हूँ. भूल गये तुमने मुझे कहा था कि आप खुद गोली मारेंगी साइको को. आज वो मौका आया है तो मुझे साथ नही रखना चाहते.” अंकिता ने कहा.
 
मेडम पर अप 100% फिट नही हैं. और आप साथ होंगी तो ध्यान आप पर ही रहेगा मेरा.” गौरव ने कहा.
 
मेडम पर ध्यान क्यों रहेगा… ..” ऋतू कन्फ्यूज़ हो गयी.
 
अरे बॉस हैं मेरीइन पर ध्यान नही रखूँगा तो सस्पेंड कर देंगीसमझा करो.” गौरव ने बात घूमने की कोशिश की.
 
लेकिन मेडम ठीक कह रही हैं. हम सभी चलेंगे वहाँ. मेरे लिए ये स्टोरी बहुत इम्पोर्टेन्ट है. मीडीया में मेरा करियर सुरक्षित हो जाएगा इस स्टोरी के बाद.”
 
गौरव अब क्या करें कोई भी रुकने को तैयार नही है. वहाँ बहुत ख़तरा हैकोई समझने को तैयार ही नही है.” सौरभ ने कहा.
 
हमारे पास किसी को कही ड्रॉप करने का वक्त है भी नही. हमे तुरंत पहुँचना होगा उस फार्म हाउस पर. फुल स्पीड से चलें तब भी हमें 20 मिनिट से ज़्यादा टाइम लगेगा. चलते हैं सभीजो होगा देखा जाएगा.” गौरव ने कहा.
 
ऐसा करते हैं फिर की सभी एक ही कार में हो जाते हैं. अलग अलग रहने से दिक्कत सकती है. तुम अपनी कार रोको हम उसी में जाते हैं. उसमे स्पेस भी काफ़ी है.” सौरभ ने कहा.
 
ह्म्म ठीक है मैं कार रोकता हूँ.” गौरव ने ब्रेक लगा दिए.
 
सौरभ ने कार सड़क किनारे पार्क कर दी. तीनो भाग कर ऋतू की कार में घुस गये.
 
कार में घुसते ही सौरभ की नज़र लॅपटॉप स्क्रीन पर पड़ी. पूजा डरी सहमी एक कोने में बैठी थी. पूजा को देख कर सौरभ चिल्लाया, “पूजा.ऍम.जी. ये क्या हाल बना दिया उसने मेरी पूजा का. गौरव तुमने बताया नही कि लाइव वीडियो रही है लॅपटॉप पर पूजा की.” सौरभ की आँखे नम हो गयी बोलते हुए.
 
कैसे बताता यार. हमसे ही नही देखा गया ये सब. तुम्हे कैसे बताते.” गौरव ने कहा.
 
तो किलर07 कुछ काम नही आया. हम उसके साथ गेम खेलने चले थे मगर अब खुद उसकी गेम में फँसते नज़र रहे हैं.” सौरभ पूजा को देख कर डिप्रेस्ड हो गया था.
 
ऐसा नही है. वो नेगोशियेशन कर रहा है उसके कारण.” गौरव ने कहा.
 
हां पर हमारे कंट्रोल में कुछ नही है. ये गेम हमने शुरू की थी पर कंट्रोल वो कर रहा है.” सौरभ ने कहा.
 
हां क्योंकि हमें पूजा की चिंता है. अगर पूजा उसके कब्ज़े में ना होती तो उसे गेम खेलना सीखा देते आज हम.” गौरव ने कहा.
 
जान ख़तरे में है उसकीफिर भी गेम खेलना चाहता है. एक नंबर का कमीना है.” आशुतोष ने कहा.
 
साइको है ना. अपनी आदत से मजबूर है.” गौरव ने कहा.
 
अरे स्क्रीन से वीडियो गायब हो गयी..” सौरभ ने कहा.
 
ये साइको साला कुछ ना कुछ करता रहता है. चैन से नही बैठता एक मिनिट भी.” गौरव ने कहा.
 
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 “उसने वीडियो क्योब बंद कर दी?” अंकिता ने पूछा.

 
ये तो वही बता सकता है मेडम. वहाँ जाकर देखते हैं कि क्या माजरा है.”
 
वो जगह बहुत सुनसान है गौरव. चारो तरफ खेत हैं. मसूरी की पहाड़ियाँ भी नज़दीक ही हैं. हमें बहुत ज़्यादा सतर्क रहना होगा.” सौरभ ने कहा.
 
15 मिनिट में वो लोग उस फार्म हाउस के नज़दीक पहुँच गये. गौरव ने अचानक गाड़ी को राइट टर्न दिया और गाड़ी झाड़ियों में घुसा दी.
 
क्या कर रहे हो गौरवअंकिता ने तुरंत उसे टोका.
 
गौरव ने झाड़ियों के बीच गाड़ी रोक दी और बोला, “यहाँ से पैदल ही जाऊगा मैं. यहाँ से 10 मिनिट पैदल का रास्ता है. फार्म हाउस के ज़्यादा नज़दीक जाना ठीक नही होगा. तुम सब लोग अपने मोबायल चेक करो, सिग्नल है कि नही. सौरभ तुम झाड़ियों के रास्ते वहाँ पहुँचना और नज़र रखना चारो तरफ.”
 
क्या! तुम वहाँ अकेले जाओगे?” अंकिता ने कहा.
 
हां उसने मुझे ही बुलाया है आंटिडोट लेकर.मैं सामने के रास्ते से जाऊगा और सौरभ झाड़ियों के रास्ते से.तुम सभी पिस्टल थाम लो हाथो में. हमारा सामना किस चीज़ से होने वाला है हमें कुछ नही पता. हर वक्त सतर्क रहना. मैं चलता हूँ.” गौरव ने आंटिडोट निकाल ली बेग से और गाड़ी का दरवाजा खोलने लगा.
 
गौरव!” अंकिता ने आवाज़ दी.
 
हां मेडम?”
 
टेक केर
 
ऑफ कोर्स.” गौरव गाड़ी से बाहर गया. आंटिडोट्स उसने अपनी पॉकेट में डाल ली और झाड़ियों से बाहर आकर फार्म हाउस की तरफ चल दिया.
 
चाँदनी रात थी इसलिए सड़क पर काफ़ी रोशनी थी. मगर हर तरफ खौफनाक सन्नाटा था. वहाँ के सन्नाटे को देख कर किसी की भी रूह काँप सकती थी. दूर-दूर तक कोई भी दीखाई नही दे रहा था. सड़क पूरी तरह सुनसान थी.
 
सौरभ झाड़ियों के रास्ते दबे पाँव फार्म हाउस की तरफ बढ़ रहा था. हाथ में पिस्टल थी उसके. उसकी आँखो में हर वक्त बस पूजा का चेहरा घूम रहा था. “मैं तुम्हे कुछ नही होने दूँगा पूजा. कुछ नही होने दूँगा.”
 
गौरव 10 मिनिट में तेज कदमो से फार्म हाउस के बाहर पहुँच गया. फार्म हाउस काफ़ी बड़ा था और चारो तरफ चार दीवारी थी उसके. “क्या यही वो फार्म हाउस है जहा उसने पूजा को च्छूपा रखा है. यहाँ तो बस एक छोटा सा कमरा दिख रहा है. कही हम ग़लत जगह तो नही गये,” गौरव ने सोचा.
 
जब सौरभ झाड़ियों से होता हुआ चार दीवारी के नज़दीक पहुँचा तो उसने भी कुछ ऐसा हो सोचा जैसा कि गौरव सोच रहा था. “ये फार्म हाउस तो नही लगता. सिर्फ़ एक छ्होटा सा कमरा है.” सौरभ ने सोचा.
 
सौरभ दीवार फाँद कर अंदर गया और झाड़ियों में चूपते छुपाते उस छोटे से कमरे की तरफ बढ़ने लगा. गौरव भी पूरी सतर्कता से चारो तरफ देखता हुआ उसी कमरे की तरफ बढ़ रहा था. दोनो ने एक दूसरे को देख लिया था.
 
दोनो एक साथ कमरे के नज़दीक पहुँचे. सौरभ उस कमरे के बाईं तरफ था और गौरव डायन तरफ. दोनो दबे पाँव कमरे की दीवार से आकर सॅट गये.
 
तुम्हे क्या लगता है, क्या हम सही जगह पर हैं.” सौरभ ने कहा.
 
जगह तो यही होनी चाहिए. वैसे बहुत अजीब बिहेव कर रहा है ये साइको. ढूंडना तो उसे हमें चाहिए आंटिडोट लेने के लिए.” गौरव ने कहा.
 
उसे मिल गयी होगी आंटिडोट तभी वो ऐसे बिहेव कर रहा है.” सौरभ ने कहा.
 
नही ऐसा नही हो सकता. मानता हूँ कि इंडिया में ये किसी ना किसी के पास मिल सकती है पर वक्त तो लगेगा ना ढूँडने में.”
 
हां पर इस संभावना से इनकार तो नही किया जा सकता ना.” सौरभ ने कहा.
 
हां पॉसिबिलिटी तो हैइसमे कोई शक की बात नही है.”
 
इस कमरे पर ताला लगा है, इसे खोल कर देंखे. अगर यही वो फार्म हाउस है तो पूजा को यही होना चाहिएसौरभ ने कहा.
 
हां तुम ताला तोडो मैं तुम्हे कवर करता हूँ.”
 
भाई मैं तोड़ने को नही बोल रहा हूँ. इसे मैं खोलने जा रहा हूँ.” सौरभ ने धीरे से कहा.
 
ज़्यादा वक्त नही लगाया सौरभ ने ताला खोलने में.
 
सौरभ और गौरव दरवाजा खुलते ही बंदूक तान कर अंदर घुस गये.
 
"यहाँ तो कोई भी नही है." सौरभ ने कहा.
 
"एक मिनिट लेकिन ये वही कमरा है जिसमे कि उसने पूजा को रख रखा था."
 
"ओह हां वो देखो दीवार पर कॅमरा लगे हैं"
 
"आख़िर क्या चाहता है ये हरामी. क्या उसे आंटिडोट नही चाहिए." गौरव ने कहा.
 
"मेरी बात मान उसे आंटिडोट मिल चुकी है. नही तो वो हमसे पहले मौजूद होता यहाँ"
 
"हमसे पहले तो वो आया ही था और कुछ करके गया है यहाँ. क्या करके गया है यही सोचने की बात है" बोलते बोलते गौरव की नज़र कमरे के एक कोने में रखे डस्टबिन पर गयी. ".ऍम.जी. सौरभ निकलो यहाँ से उसने बॉम्ब रखा है शायद यहाँ," गौरव चिल्लाया.
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Update 113

 
 
उन दोनो ने कमरे से कदम बाहर रखे ही थे की धदाम की आवाज़ के साथ पूरी धरती हिल गयी. ब्लास्ट बहुत भयानक था.
 
"ये कैसी आवाज़ थी?" अपर्णा ने कहा.
 
"ऐसा लगता है जैसे की बॉम्ब ब्लास्ट हुआ है" अंकिता ने तुरंत जवाब दिया.
 
"हां मेडम मुझे भी ऐसा ही लगता है. मैं जा कर देखता हूँ" आशुतोष उठने लगा तो अपर्णा ने उसे रोक दिया. "नही अकेले वहाँ जाना ठीक नही है. गौरव को फोन मिलाओ और पूछो कि क्या बात है"
 
अपर्णा के बोलने से पहले ही अंकिता गौरव के नंबर पर कॉल कर चुकी थी. "रिंग जा रही है पर वो उठा नही रहा."
 
पूरी रिंग जाने के बाद भी गौरव का कोई रेस्पॉन्स नही आया तो अंकिता ने दुबारा ट्राइ किया.
 
"फोन क्यों नही उठा रहे हो गौरव. कम ऑन पिक अप दा डॅम फोन." अंकिता ने कहा.
 
"मैं सौरभ का फोन ट्राइ करता हूँ" आशुतोष ने सौरभ का नंबर डाइयल किया.
 
"गुरु भी फोन नही उठा रहा. ज़रूर कुछ गड़बड़ है. अपर्णा मुझे जाना होगा वो ज़रूर किसी मुसीबत में हैं" आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा असमंजस में पड़ गयी. "मैं भी साथ चलूंगी फिर"
 
"अरे यार तुम्हारे प्यार ने तो बेड़ियाँ डाल दी मेरे पैरों में. तुम साथ क्यों चलोगि भला. वहाँ कोई पिक्निक मनाने नही जा रहा हूँ. यही रूको तुम मैं फोन करके बताउन्गा तुम्हे कि क्या सिचुयेशन है." आशुतोष ने धीरे से कहा ताकि सिर्फ़ अपर्णा को सुने.
 
"आशुतोष तुम यहाँ सतर्क रहना मैं जा रही हूँ वहाँ." अंकिता ने कहा.
 
"नही मेडम आप रहने दीजिए मैं जाकर देखता हूँ कि आख़िर बात क्या है." आशुतोष ने कहा.
 
"नही तुम यही रूको. मैं जा रही हूँ." अंकिता ने ऑर्डर दिया.
 
"मेडम मैं आपके साथ चलती हूँ." ऋतू ने कहा.
 
"क्या तुम्हे बंदूक चलानी आती है?" अंकिता ने पूछा.
 
"हां बंदूक भी चलानी आती है और हाथ भी चलाने आते हैं." ऋतू ने जवाब दिया.
 
"ह्म्म ठीक है फिर चलो." अंकिता ने कहा.
 
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फार्म हाउस पर बहुत ही भयानक मंज़र था. खून से लथपथ पड़े थे गौरव और सौरभ ज़मीन पर. कमरे से बाहर कदम तो रख लिया था दोनो ने मगर फिर भी ब्लास्ट की चपेट में ही गये थे. दोनो के ही हाथो से बंदूक छूट चुकी थी और उन्हे ये होश भी नही था कि वो इस वक्त कहाँ पड़े हैं.

 
सौरभ ने आँख खोल कर देखी तो उसे कुछ ऐसा दीखा जिसे देख कर उसकी रूह काँप उठी. “गौरव! वो रहा है. तुम्हारी गन है ना तुम्हारे पास मेरी तो ना जाने कहाँ गयी.”
 
आअहह…. सौरभ मेरी गन भी पता नही कहा है. मुझसे तो उठा भी नही जा रहा है.” गौरव ने कहा.
 
उठना होगा गौरव अपने दाई तरफ देखो वो हमारी तरफ रहा है.” सौरभ ने कहा.
 
गौरव ने दाई तरफ गर्दन घुमा कर देखा,“ओह गॉडतुम सही कह रहे थे. इसे आंटिडोट मिल गया है. ये सिर्फ़ नाटक कर रहा था हमें यहाँ बुलाने के लिए.”
 
साइको उनकी तरफ बढ़ रहा था. उसके हाथ में एक बेसबॉल बॅट था.
 
कैसा लग रहा है आप दोनो को. उम्मीद करता हूँ कि आप यहाँ कंफर्टबल महसूस कर रहे होंगे. बॉम्ब ब्लास्ट का हिस्सा बन-ना भी किस्मत वालो को ही नसीब होता हैहिहिहिहीही.” साइको ने कहा.
 
तो तू खुद क्यों नही हिस्सा बना इस ब्लास्ट का साले. कभी खुद को भी मौका दिया कर.” गौरव चिल्लाया.
 
ह्म्मरस्सी जल गयी पर बल नही गये. कोई बात नहीअभी बल निकाल देता हूँ सारे.” साइको ने बेसबॉल बॅट बरसाना शुरू कर दिया गौरव के उपर.
 
सबसे ज़्यादा उसे टाँगो पर वार किया ताकि वो उठ ना पाए. पेट में भी काई वार किए उसने. गौरव के मूह से खून बहने लगा पेट पर बेसबॉल के वार के कारण. सौरभ पड़ा पड़ा चुपचाप सब देख रहा था. बहुत कोशिश की उसने उठने की पर उठ नही पाया. जब साइको का ध्यान सौरभ पर गया तो वो गौरव को छोड़ कर उस पर टूट पड़ा. उसकी भी टाँगो पर बेसुमार वार किए उसने बेसबॉल बॅट के. पेट में भी अनगिनत बार मारा बॅट उसने. सौरभ की हालत भी गौरव जैसी हो गयी. बॉम्ब ब्लास्ट के बाद साइको की ये मार एक तरह से डबल जेपर्डी थी उन दोनो के लिए.
 
कहा से मिला आंटिडोट तुझेआअहह..” गौरव ने पूछा
 
बहुत बढ़िया गेम खेली थी तूने मेरे साथ. मैं तो ऑलमोस्ट फँस ही गया था. मगर मैने होश से काम लिया. तुम्हारा पेन हटाया सबसे पहले अपनी जेब से. फिर अपने दोस्त डॉक्टर अनिल को फोन मिलाया. वैसे किलर07, सीक्रेट वेपन है पर इसका तोड़ उसे पता था. मेरे घर के नज़दीक ही घर है उसका. उसने तुरंत कर मुझे मास्टर डोस दे दी. उसी से बात बन गयीक्यों कैसी रहीहहेहहे.”
 
बहुत बढ़िया रही सर. लेकिन जो भी है सर आज आपने साबित कर दिया कि आप सच में नपुंश्क हैं. धोके से बॉम्ब से उड़ा दिया हमेंऔर अब कायर की तरह हमारे शरीर का कचूमर बना दियाआअहह.” गौरव ने कहा.
 
चुप कर ज़्यादा बकवास मत कर तुझे नही पता कि मुझे नपुंश्क कहने पर क्या हाल किया था मैने अपनी बीवी का.”
 
तुम्हारी बीवी भी थीकिस बेवकूफ़ ने शादी की तुमसे...हाहहाहा,” गौरव ने कहा.
 
हां थी. मेरी पीठ पीछे मेरे ही छ्होटे भाई से गान्ड मरवाती थी. मैने रंगे हाथो पकड़ लिया तो उसने नपुंश्क कहा मुझे. बस कुल्हाड़ी ले कर काट दिया मैने उसे और अपने छोटे भाई को. बहुत मज़ा आया था मुझे पहला खून करते वक्त. बहुत देर तक उन दोनो के खून से खेलता रहा था मैं. आज भी वो दिन याद करता हूँ तो दिल झूम उठता है. वो मेरा अब तक का बेस्ट मर्डर था.” साइको बड़ी करूरता से सब कुछ बता रहा था.
 
तो मेरा शक सही निकला तू सच में नपुंश्क है. बल्कि नपुंश्क से बढ़कर बुजदिल और कायर भी है.” गौरव ने कहा.
 
तेरी ज़ुबान तुझे बहुत भयानक मौत दिलवाएगी आज.” साइको ने बात गौरव के सर पर वार करने के लिए उपर आकाश की ऑर उठा लिया. मगर तभी कुछ सोच कर वो रुक गया, “नही तडपा-तडपा कर मारूँगा तुझे मैं. क्यों ना एक गेम हो जाए. पूजा को लेकर आता हूँ. तुम लोग उसे कमरे में ढूंड रहे थे और वो पेड़ के पीछे छुपी थी. एक नंबर की कमिनि है साली. अभी लेकर आता हूँ रंडी को. गेम का मुख्य हिस्सा उसे ही बनाएँगे. लेकिन पहले ये बंदूकें हटा लूँ यहाँ से. गेम का मज़ा खराब कर सकती हैं येहहेहहे. तुम्हारे पास मोबायल भी होंगे वो भी मुझे दे दो जहन्नुम में मोबायल का क्या कामहिहिहीही. ” साइको गन्स और मोब्लेस ले कर वहाँ से चला गया.
 
सौरभतू ठीक तो है नागौरव ने कहा.
 
यार हाथ पाँव काम नही कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आँखो के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नही कर पाउन्गा.” सौरभ ने कहा.
 
ऐसा मत सोचो सौरभ. जब हम सोचते हैं कि हम कुछ नही कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”
 
मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, उपर से उसने मार-मार कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्ज़ी से हाथ की उंगलियाँ भी नही हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पाउन्गा.”
 
मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबायल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उठुंगा ज़रूर तू देखना. साइको के हाथो मौत मुझे मंजूर नही. मुझे यकीन है कि कुछ तो बचा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जिसके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” गौरव ने उठने की पूरी कोशिश की पर उठ नही पाया.
 
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साइको पूजा को वहाँ ले आया. एक हाथ से उसने पूजा को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी थाम रखी थी उसने. गौरव को उठने की कोशिश करते देख साइको ने कहा, “बहुत खूब मिस्टर पांडे. अभी भी बहुत जान बाकी है तुम में. मेरा बॉम्ब ज़्यादा कामयाब नही रहा लगता है. चलो कोई बात नही. दूसरा बॉम्ब हाज़िर है. मुझे यकीन है कि पूजा नाम का ये आइटम बॉम्ब ज़रूर काम करेगा. क्यों पूजा डेरलंड सही कहा ना मैने. चल जा पहले अपने यार से मिल जाकर, देख तो ले वो जींदा है या मर गया. बिल्कुल परवाह नही करती तुम अपने आशिक़ की. मेरे कहने से पहले ही सौरभ से चिपक जाना चाहिए था तुम्हे.” साइको ने पूजा को सौरभ के उपर धकैल दिया.

 
सौरभतुम ठीक तो होपूजा ने रोते हुए पूछा.
 
कुछ मत पूछोकॉलेज से कैसे उठा लिया इसने तुम्हे पूजा.”
 
कॉलेज से नही उठाया इसने मुझे. मैं कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी.”
 
क्यों
 
तुम्हारे लिए कुछ खरीदना था. एक पेण्ट शर्ट गिफ्ट देना चाहती थी तुम्हे. शॉपिंग करके कॉलेज वापिस ही रही थी कि इसने मुझे किडनॅप कर लिया.” पूजा ने सुबक्ते हुए कहा.
 
बस मुलाक़ात का वक्त समाप्त हुआ. अब गेम खेलने का वक्त गया है. गेम बहुत ही ज़्यादा सिंपल है तुम दोनो प्रेमियों के लिए. आओ पूजा ये कुल्हाड़ी लो और इस कामीने गौरव पांडे की गर्दन काट दो इस कुल्हाड़ी से. सिर्फ़ 5 मिनिट का वक्त है तुम्हारे पास ये काम करने का. ये काम नही किया तो ये बंदूक देख रही हो….तुम्हारे आशिक़ का भेजा उड़ा दूँगा मैंहहेहेहहेलेट्स स्टार्ट.” साइको ने कहा.
 
नही प्लीज़ मैं ये नही कर सकती.” पूजा गिड़गिडाई.
 
ठीक है फिर मैं इस कुल्हाड़ी से सौरभ की गर्दन काट देता हूँ. देखा सौरभ कितनी दगाबाज़ निकली ये लड़की. इस लड़की के ज़रूर गौरव के साथ नज़ायज़ संबंध हैं नही तो ये ऐसा कभी ना कहती. ये साली गौरव से चूत मरवाती है तेरी पीठ पीछे और प्यार का नाटक तेरे साथ करती है.” साइको ने कहा.
 
बकवास बंद कर साले.” सौरभ चिल्लाया.
 
चल पूजा दूसरी गेम खेलते हैं. गौरव की ज़िप खोल कर इसका लंड निकाल बाहर और उसे अपने मूह में लेकर प्यारी सी ब्लो जॉब दे. दर्द से राहत मिलेगी बेचारे को. सौरभ को पता चलना चाहिए कि तू कितनी स्किल्लफूल्ल है लंड चूसने में. लंड को खूब चिकना करके बाद में चूत में लेकर भी दीखाना अपने आशिक़ को. सौरभ के सामने ही चूत मरवा अपनी आज तूकब तक छुपाती रहेगी ये आशु हहेहेहहे.”
 
शट अप योउ बस्टर्ड. तुम इंसान नही हैवान हो.” पूजा चिल्लाई.
 
ओह रियली.” साइको ने बाल पकड़ कर पूजा को सौरभ से अलग किया और बोला, “अब तेरी आँखो के सामने तेरे आशिक़ के टुकड़े-टुकड़े करूँगा मैं. कितनी बेशरम है तू अपने आशिक़ के लिए ये छ्होटा सा काम भी नही कर सकती. धिक्कार है ऐसे प्यार पर. छी…”
 
साइको ने पूजा को एक तरफ धकैल दिया और सौरभ की गर्दन पर कुल्हाड़ी रख दी, “मिस्टर सौरभ कैसा लग रहा है तुम्हे. देखा धोका दे दिया तुम्हारी प्रेमिका ने तुम्हे. ये औरत जात बड़ी धोकेबाज होती है. इन पर विश्वास करना ठीक नही. अगले जनम में ये बात याद रखना. वैसे इतनी भयानक मौत दूँगा तुम्हे मैं की तुम शायद ही अगले जनम की कामना करो हहेहेहहे. गुड बाय मिस्टर सौरभ…..” साइको ने कुल्हाड़ी वार करने के लिए उपर उठा ली.
 
रूको…” पूजा चिल्लाई.
 
क्यों रुकुहिहिहीही. गेम खेलोगी तो ही रुकुंगा.”
 
हां मैं खेलूँगी.” पूजा ने सुबक्ते हुए कहा.
 
कोन सी गेम खेलोगी जान से मारने वाली या चूत मारने वाली हिहिहीही.”
 
मुझे थोड़ा वक्त दो सोचने के लिए….”
 
एक सेकेंड है तुम्हारे पास डिसाइड करने के लिए. जल्दी बोलो वरना गर्दन धड़ से अलग हो जाएगी.”
 
पूजा भाग जाओ यहाँ से. रन.” सौरभ चिल्लाया.
 
तुझे बीच में बोलने को किसने कहा. गेम के बीच में डिस्टर्बेन्स पसंद नही मुझे. और ये नंगी कहा भागेगी बेचारी. लोग सड़क पर घेर कर गान्ड मार लेंगे इस कुतिया की.” साइको ने सौरभ के मूह पर लात मार कर कहा.
 
उसे मत मारो प्लीज़…” पूजा गिड़गिडाई.
 
दॅन डिसाइड फास्ट यू बिच.”
 
ओके आइ गो फॉर सेकेंड वन.” पूजा ने कहा.
 
पता था मुझे तू वही चुनेगी. जो काम छुप छुप कर करती हो वो खुले आम करने में क्या दिक्कत है. तू सच में रंडी है. चल अब शुरू हो जा. वरना मेरा दिमाग़ घूम गया तो एक मिनिट में 100 टुकड़े कर दूँगा तेरे आशिक़ के.”
 
पूजा झीजकते हुए गौरव की तरफ बढ़ी और उसके पास बैठ गयी.
 
पूजा मुझे मार देती तो ज़्यादा अच्छा था. ये तो मौत से भी ज़्यादा भयानक सज़ा हो जाएगी मेरे लिए. तुमसे कभी मिला नही पर सौरभ अक्सर तुम्हारे बारे में बताता रहता था. तुम्हे छोटी बहन की तरह मानता हूँ मैं. प्लीज़ ऐसा अनर्थ मत करना.” गौरव ने कहा.
 
वाह क्या नाटक है. पूजा जल्दी खेल शुरू करो क्योंकि मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो पच्ताओगि तुम.” साइको चिल्लाया.
 
पूजा उठी और सौरभ के उपर लेट गयी. “मुझे नही खेलना कुछ भी. डू वॉटेवर यू कैन.” पूजा ने कहा.
 
ये हुई ना बात. मुझे यकीन था कि मेरी पूजा इतनी कमजोर नही हो सकती. चल बे नपुंश्क कर जो करना है तुझे.” सौरभ ने कहा.
 
साइको का चेहरा गुस्से से लाल हो गया ये सुन कर. उसने पूजा के बाल पकड़ कर सौरभ के उपर से खींचा और ज़मीन पर पटक दिया. फिर उसके पेट में इतनी लात मारी उसने की बेहोश हो गयी पूजा.
 
साली रंडीमेरी गेम खराब कर दी हराम्जादि ने.”
 
छोड़ दे उसे कामीने.” सौरभ चिल्लाया.
 
बस अब कोई गेम नही होगी. तुरंत तुम लोगो के टुकड़े टुकड़े करके तुम्हे जहन्नुम पहुँचा दूँगा. मिस्टर गौरव पांडे से शुरू करता हूँ.” साइको ने गौरव की गर्दन काटने के लिए कुल्हाड़ी उपर उठा ली.
 
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Update 114

 
 “जहाँ हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” अंकिता साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ ऋतू भी बंदूक ताने खड़ी थी.
 
ओह एस पी साहिबा. आप भी हैं यहाँ. बहुत खूब. अब और मज़ा आएगा.” साइको ने कहा.
 
ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ उपर करो अपने.” अंकिता ने कहा.
 
साइको ने कुल्हाड़ी ज़मीन पर गिरा दी लेकिन बहुत फुर्ती से उसने अपनी जेब से पिस्टल निकाली और अंकिता की तरफ फाइयर किया. अंकिता के हाथ से बंदूक गिर गयी क्योंकि गोली अंकिता के उसी हाथ में लगी थी जिसमे बंदूक थी. ऋतू ने तुरंत फाइयर किया साइको पर. गोली छाती पर लगी उसके पर वो मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ता रहा.
 
सर में गोली मारो ऋतूआहहअंकिता ने दर्द से कराहते हुए कहा. उसके हाथ से खून बह रहा था.
 
अपनी बंदूक नीचे फेंक दो वरना एस पी साहिबा की खोपड़ी मेरे निशाने पर है.”
 
मेरी चिंता मत करो….शूट दा बस्टर्ड.” अंकिता ने कहा.
 
मगर अगले ही पल ऋतू के हाथ से भी बंदूक गिर गयी. उसके हाथ से भी खून बहने लगा.
 
मेरा निशाना कभी नही चुकता. तुम्हारा भेजा भी उड़ा सकता था. मगर जब तुम दोनो हिम्मत करके यहाँ तक आए हो तो तुम्हारी मौत कुछ ख़ास होनी चाहिए.
 
एसपी अंकिता के पास आया और उसने उसके उपर लात बरसानी शुरू कर दी. “साली बड़ी बेशरम है तू. खाई से गिरकर भी बच गयी.”
 
कुत्ते दूर हट जा उनसे नही तो.” गौरव चिल्लाया.
 
अरे मार इस कुतिया को रहा हूँ और चिल्ला ये कुत्ता रहा है. कुछ कनेक्षन लगता है. इंट्रेस्टिंग सिचुयेशन. कुतिया जल्दी बता क्यों चिल्ला रहा है ये तेरे लिए. तुम लोग ड्यूटी करते थे या इस्क़ फरमाते थे. तभी कहूँ मुझे पकड़ क्यों नही पाए हिहिहीही. खूब समझता था तुझे कुछ करोकुछ करो. पर तू तो शायद गौरव का लंड लेकर पड़ी रहती होगी बिस्तर पर. मुझे पकड़ने का टाइम ही नही होगा तुम्हारे पास.”
 
ऐसी बेहूदा बाते मत कर कमिने. आअहह…” गौरव बोलते बोलते दर्द से कराह उठा.
 
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अपर्णा बहुत देर हो गयी है मेडम को गये. उन्होने भी कोई फोन नही किया.

 
तो फोन करो ना उन्हे. पूछो कि क्या बात है.” अपर्णा ने कहा.
 
हां मैं डर रहा था कि कही डाँट ना पड़ जाए.” आशुतोष ने कहा.
 
लाओ फिर मैं बात करती हूँ.” अपर्णा ने फोन ले लिया आशुतोष से.
 
क्या हुआ….उठाया क्या उन्होने फोन.”
 
नही बस रिंग जा रही है.”
 
अपर्णा अब तो मुझे जाना ही होगा. लगता है सब लोग मुसीबत में हैं.” आशुतोष ने कहा.
 
हां जाना भी चाहिए. मगर तुम्हे अकेले नही जाने दूँगी मैं.”
 
अपर्णा वहाँ ख़तरा हैतुम्हे कुछ हो गया तो मैं मर जाऊगा.” आशुतोष ने अपर्णा के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
 
मेरी भी तो यही क्न्सर्न है. तुम्हे कुछ हो गया तो मैं भी नही जी पाउन्गि. मुझे खुद से दूर मत करो. हमे हर चीज़ का सामना एक साथ करना चाहिए.”
 
ओह अपर्णातुम्हारे लिए बहुत पोज़ेसिव हूँ ना इसलिए डरता हूँ इतना. पता नही क्या हो रहा है वहाँ. लेकिन मुझे ना जाने क्यों किसी अनहोनी का अंदेसा हो रहा है.”
 
मुझे भी यही अंदेसा है. वरना कोई तो फोन करता हमें. हमें देर नही करनी चाहिए आशुतोष चलो जल्दी.”
 
हां चलो. थाम लो बंदूक हाथ में. और घबराना मत बिल्कुल भी.”
 
अपनी चिंता नही है मुझे. बस तुम्हारी चिंता है. जबसे तुमसे प्यार हुआ है अपनी चिंता छोड़ दी मैने.”
 
सो क्यूटलेकिन जब बिस्तर पर होगी ना मेरे साथ तो अपनी चिंता करनी पड़ेगी तुम्हे. किसी भी हद तक जा सकता हूँ मैं…..हिहिहीही.”
 
उफ्फ….चलें अब
 
मेरे ख्याल से झाड़ियों के रास्ते जाना ही ठीक रहेगा.” आशुतोष ने कहा.
 
हां यही ठीक रहेगा.” अपर्णा ने सहमति जताई.
 
साइको बड़ी बहरहमी से पीठ रहा था अंकिता को. बीच बीच में एक-दो लात ऋतू को भी मार रहा था. साइको अचानक मारता-मारता रुक गया.
 
वो दर्द दूँगा तुझे मैं आज कि दुबारा जानम नही लेगी इस धरती पर. मुझे बिल्कुल बर्दास्त नही कि मेरी आर्ट का कोई हिस्सा जींदा घूमता फिरे. खाई से जींदा बच गयी तू साली लेकिन आज नही बचेगीसाइको बोल कर वहाँ से चला गया. उसने अंकिता और ऋतू की बंदूक और मोबायल भी अपने कब्ज़े में ले लिए.
 
एक मिनिट बाद वो वापिस आया तो उसके हाथ में एक बेसबॉल बॅट था जिसके उपर बार्ब वाइयर लिपटी हुई थी.
 
गौरव ने साइको के हाथ में बेसबॉल बॅट देखा तो रूह काँप उठी उसकी. “ओह नो. कुछ करना होगा मुझे. मैं मेडम को कुछ नही होने दूँगा.”
 
गौरव के हाथ पाँव ब्लास्ट की वजह से और उसके बाद की साइको की मार की वजह से बुरी तरह ज़ख्मी थे. खड़ा होना मुश्किल था उसके लिए. उसने बड़ी मुश्किल से दाई तरफ करवट ली और पेट के बल लेट कर खुद को ज़मीन पर घसीट-ता हुआ अंकिता के पास गया.
 
इसलिए मना कर रहा था आपको. लेकिन आप मेरी बात सुनती ही कहाँ हैं. आपके शरीर पर जो चोट लगेगी उसका दर्द भी मुझे ही होगा. बल्कि ये दर्द ज़्यादा दुखदायी होगा मेरे लिए. काश आप मेरा प्यार समझ पाती.” गौरव ने भावुक आवाज़ में कहा.
 
गौरव कैसे हुआ ये सब.” अंकिता की आवाज़ में बहुत दर्द था.
 
बॉम्ब लगा रखा था कमिने ने कमरे में. मैं और सौरभ ब्लास्ट की चपेट में गये. हाथ पाँव बुरी तरह घायल हैं.”
 
हे भगवान. पूरा प्लान फैल हो गया मतलब.”
 
हां इसे आंटिडोट पहले ही मिल गयी थी. ये बस हमें फँसाने के लिए नाटक कर रहा था.”
 
वाह क्या बात है. बहुत गरमा गरम चक्कर लगता है तुम दोनो का. प्यारी प्यारी बाते हो रही हैं शायद. काम के वक्त बाते बिल्कुल पसंद नही मुझे. मिस्टर पांडे अच्छा हुआ जो कि तुम यहाँ गये. अब नज़दीक से देखना कि कैसे खाल उधेड़ता हूँ मैं एस पी साहिबा की.” साइको ने बेसबॉल बॅट हवा में उपर उठाया वार करने के लिए.
 
रूको…” गौरव चिल्लाया और कराहते हुए अपने शरीर को घसीट-ते हुए अंकिता के उपर गया.
 
वाह क्या बात है. ये प्यार बड़ी कुत्ति चीज़ है. पांडे जी एस पी साहिबा की सज़ा खुद भुगतना चाहते हैं. ग्रेट. मुझे कोई दिक्कत नही है. देखता हूँ कब तक रहोगे इस बात और अंकिता के बीच हहेहहे.”
 
गौरव ये क्या कर रहे होहट जाओ तुम.” अंकिता ने गौरव को धक्का देने की कोशिश की.
 
प्लीज़ मेरा हक़ मुझसे मत छिनो. बहुत प्यार करता हूँ मैं आपसे. मेरे जीते जी आपको कुछ हो गया तो मेरा जीना बेकार है. आअहह.” अगले ही पल चीख गूँज गयी गौरव की चारो तरफ.
 
बार्ब वाइयर से लिपटा बेसबॉल बात गौरव की पीठ पर बहुत ज़ोर से मारा था साइको ने.
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गौरव प्लीज़ हट जाओ तुम मेरे उपर से. तुम ऑलरेडी बहुत ज़ख्मी हो.” अंकिता ने कहा.

 
नही ये दर्द मैं तो सह लूँगा पर आपको मिला तो मर जाऊगा. और तो कुछ बस में नही है मेरे इस वक्त. इतना तो कर ही सकता हूँ अपने प्यार के लिए.” गौरव ने कहा.
 
इतना प्यार क्यों करते हो मुझे तुम.” अंकिता ने पूछा.
 
तभी एक और वार हुआ गौरव की पीठ पर. “आआअहहप्यार बस हो गया आपसे…. क्यों करता हूँ नही जानता.”
 
फार्म हाउस की दीवार से आशुतोष और अपर्णा ने जब अंदर झाँक कर देखा तो उनकी रूह काँप उठी.
 
आशुतोष शूट हिम.” अपर्णा ने धीरे से कहा
 
श्ह्ह चुप रहोऐसे बिना सोचे समझे कुछ नही करना है. देखो अगर मेरा निशाना चूक गया तो वो बोखलाहट में सभी को गोलियों से भुन सकता है. उसका निशाना बहुत तेज है. इतनी दूर से मैं फाइयर तो कर सकता हूँ पर ये श्योर्ठी नही दे सकता कि गोली उसे ही लगेगी. और ज़रा सी चूक सबकी जान जोखिम में डाल सकती है. अभी वो टॉर्चर कर रहा है सभी को. और उसे गोली लग भी गयी तो हमारा मकसद अधूरा रह जाएगा. इसे तडपा-तडपा कर मारना है अपर्णा.” आशुतोष ने कहा.
 
हां इसी चक्कर में ये सब उसके चंगुल में फँस गये हैं. तुम समझते क्यों नही. शूट हिम इन दा हेड एन्ड फीनिस हिम फॉर गुड.”
 
हां वो सब तो ठीक है पर मैं ये कह रहा हूँ कि अगर निशाना चूक गया तो क्या होगा. सीने पर गोली मारने का भी कोई फायदा नही क्योंकि बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी होगी इसने.”
 
तो क्या हम चुपचाप यहाँ खड़े तमासा देखते रहें.”
 
तभी उन्हे साइको के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, “मिस्टर गौरव अब अगला वार तुम्हारे सर पर होगा. मुझे यकीन है कि तुम्हारी खोपड़ी फॅट जाएगी इस वार से और तुम तुरंत जहन्नुम चले जाओगे. बचना चाहते हो तो हट जाओ इस कुतिया के उपर से.”
 
कर जो करना है. मैं हटने वाला नही हूँ यू बस्टर्ड.” गौरव चिल्लाया.
 
गौरव प्लीज़ तुम हट जाओ. सर पर वार तुम्हारी जान ले लेगा. नही देख पाउन्गि मैं ये. प्लीज़. लेट मी फेस इट.” अंकिता ने बहुत कोशिश की पर गौरव नही हटा उसके उपर से.
 
गुड बाय मिस्टर पांडेगो टू हेल.” साइको चिल्लाया.
 
आशुतोष ने अब रुकना ठीक नही समझा. उसने साइको के सर पर निशाना लगाया और तुरंत फाइयर कर दिया. गोली साइको के कान को छू कर निकल गयी.
 
गोली चला कर आशुतोष और अपर्णा तुरंत नीचे बैठ गये. “ओह गॉड वो बच गया…” आशुतोष ने कहा.
 
आअहहकॉन है मादरचोड़ वहाँ. सामने आओ जल्दी वरना इन दोनो को गोलियों से भुन दूँगा.” साइको चिल्लाया. उसके कान से खून बह रहा था.
 
जिस बात का डर था वही हुआ. अब क्या करें.” आशुतोष ने कहा.
 
मैं जाती हूँ दीवार कूद कर. तुम तब तक कुछ सोचो.” अपर्णा ने कहा.
 
नही तुम कही नही जाओगी.” आशुतोष ने अपर्णा का हाथ थाम लिया.
 
आशुतोष वो गोली मार देगा उनको. हमें कुछ तो करना होगा ना.”
 
तुम यही रूको मैं जा रहा हूँ. तुम वहाँ गयी तो मैं कुछ नही कर पाउन्गा.”
 
नही तुम यहाँ रुकोगे तो कुछ उम्मीद रहेगी. मैं यहाँ रुक कर क्या करूँगी.”
 
तुम्हे मेरे सर की कसम. प्लीज़ मुझे जाने दो. और अपनी बंदूक मुझे दे दो. एक बंदूक हाथ में रखूँगा और एक छुपा कर रखूँगा.”
 
ये ग़लत बात है. कसम देना चीटिंग माना जाता है.” अपर्णा ने कहा
 
मैं 10 तक गिनूंगा जल्दी सामने आओ वरना सभी को गोली मार दूँगा मैं.” साइको चिल्लाया.
 
अपर्णा एक किस दे दो जाते-जाते. पता नही बाद में मौका लगे या ना लगे.” आशुतोष ने अपर्णा के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
 
शट अपऐसा मत बोलो. मुझे अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होंटो की चुअन महसूस करनी हैतुम्हे बस एक किस की पड़ी है. तुम्हे कुछ नही होगा…..जाओअपर्णा ने कहा.
 
सोच लो. मैं जानवर बन सकता हूँ तुम्हारे साथ.”
 
देखा जाएगा.”
 
आइ लव यू अपर्णातुम यही रुकना. चाहे कुछ हो जाएयहाँ से हिलना मत.” आशुतोष ने कहा.
 
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 “5…6….7…8….9…” साइको गिनती गिन रहा था.
 
अबे रहा हूँ क्यों चूतिया की तरह गिनती गिन रहे हो. कॉलेज में नही सीखी थी क्या ये गिनती. पता नही कैसे-कैसे चूतिया हैं दुनिया में.” आशुतोष ने दीवार फाँदते हुए कहा.
 
वैसे तो चाँदनी रात एक खूबसूरत रात होती है और ऐसी चाँदनी रात में बहुत सुन्दर फसाने बने हुए हैं. लेकिन ये चाँदनी रात बहुत भयानक रूप ले रही थी. फार्म हाउस पर जो कुछ भी हो रहा था उसके कारण ये चाँदनी रात अमावस्या की रात में बदल गयी थी.
 
जब आशुतोष फार्म हाउस की दीवार कूद रहा था तब अपर्णा यही दुवा कर रही थी कि उसकी उमर आशुतोष को लग जाए और उस पर आने वाली अनहोनी उस पर जाए. प्यार में इंसान खुद को भूल कर सिर्फ़ उसे याद रखता है जिसे वो बहुत प्यार करता है. गौरव अपनी परवाह किए बिना अंकिता के उपर पड़ा था क्योंकि उसे मार खाते नही देख सकता था. खुद को भुला देना आसान नही होता. बड़े-बड़े साधु महात्मा भी नही कर पाते हैं ये काम. लेकिन प्यार में डूबे प्रेमी बड़ी आसानी से कर लेते हैं. तभी शायद प्यार सबसे बड़ी साधना है और परमात्मा को पाने का सबसे सच्चा और पवित्र रास्ता है. प्रेम-साधना में, साधना ने भी कुछ ऐसा ही रास्ता दिखाया था हमें.

 

मैं अपने प्यार को कुछ नही होने दूँगी चाहे मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े. लेकिन मैं क्या करूँ भगवान कुछ समझ नही रहा. क्या मैं यही बैठी रहूं. कुछ तो करना होगा मुझे.मुझे रास्ता दीखाओ भगवानरास्ता दीखाओ मुझे.” अपर्णा ने आँखे बंद करके प्रेयर की.
 
मुश्किल वक्त में इंसान सबसे पहले भगवान को याद करता है. अपर्णा भी वही कर रही थी. कुछ सोच कर अपर्णा उठी और दीवार के साथ झुक कर उस जगह से आगे बढ़ गयी. उसने कुछ करने की ठान ली थी.
 
आशुतोष फार्म हाउस में कूद कर दीवार के साथ ही खड़ा रहा.
 
क्या कहा तुमने मुझेचूतियाहाये बंदूक वही गिरा कर चुपचाप यहाँ आजा. मैं तुझे बताता हूँ क़ि चूतिया किसे कहते हैं.” साइको कठोर शब्दो में कहा.
 
ओके फाइनये लो गिरा दी बंदूक मैने. और मुझे पता है चूतिया किसे कहते हैं. तुझसे बड़ा चूतिया मिलेगा क्या कही. बिना मतलब लोगो को मारता फिरता है. तुझे मिलता क्या है ये सब करके?”
 
एक आर्टिस्ट को जो मिलता हैवही मुझे मिलता है. मैं लोगो को ख़ास तरीके से मारता हूँ. एक खूबसूरत मौत देता हूँ उन्हे. आज मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है. आज एक साथ इतने लोगो को मारने का मौका मिल रहा है. तुम नही समझ सकते कि क्या मज़ा है इस आर्ट में. ये सिर्फ़ मैं ही जानता हूँ. चुपचाप यहाँ आओ तुम्हारी खातिरदारी करता हूँ. तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिलेगा तुम्हेहिहिहीही.”
 
आशुतोष बिना कुछ कहे चुपचाप साइको के करीब गया.
 
बहुत दिन से मैने किसी की खोपड़ी नही उड़ाई अपनी बंदूक से. सोचता हूँ आज ये कमी पूरी कर दी जाए. मेरे सर पर निशाना लगाया था तूने हा. मेरे कान को ज़ख्मी कर दिया तूने. तुम्हारा निशाना तो चूक गया पर मेरा नही चूकेगा. उड़ती चिड़िया को गिरा सकता हूँ मैं ज़मीन पर गोली मार कर. तो सोचो तुम्हारी खोपड़ी कैसे बचेगीहिहिहिहीही.”
 
ये सुन कर एक पल को आशुतोष के होश उड़ गये. “इस से पहले ये मेरी खोपड़ी उड़ाए मुझे इसकी उड़ा देनी चाहिए.” आशुतोष ने फुर्ती से गन निकाली पीठ के पीछे से. लेकिन फाइयर नही कर पाया क्योंकि बंदूक उसके हाथ से छूट चुकी थी.
 
हाहहहाहाअब बताओ कॉन है चूतिया. मेरे सामने कोई बंदूक लेकर खड़ा नही हो सकता. कोई डाउट हो तो अपनी एस पी साहिबा से पूछ लो. या फिर इस रिपोर्टर से पूछ लो. कोई और बंदूक हो तो वो भी निकाल कर ट्राइ कर लो.”
 
होती तो ट्राइ ज़रूर करताआशुतोष ने कहा.
 
साइको ने आशुतोष के हाथ से छुट्टी बंदूक उठा ली और उसमें से गोलिया निकाल कर उसे दूर फेंक दिया.

 
बहुत खूबतुम्हारे साथ गेम खेलने में मज़ा आएगा. तुम्हारी खोपड़ी उड़ाने के लिए तड़प रहा हूँ मैं. तुरंत तुम्हे गोली मारने का मन कर रहा है. लेकिन तुम एक काम करोगे तो मैं ये तड़प भूल जाऊगा और तुम्हे यहाँ से जाने दूँगा. ये देखो तुम्हारे सामने एस पी साहिबा पड़ी हैं. इनके उपर मिस्टर गौरव पांडे पड़ें हैं. हद है ना बेशर्मी की. इन दोनो की इन्ही हर्कतो की वजह से शहर में क्राइम बढ़ रहा है. ये तो मैने मिस्टर पांडे को किसी लायक छोड़ा नही है वरना तो ये अभी हमारे सामने ही चूत मार रहा होता एस पी साहिबा की.” साइको ने कहा.
 
शट अप यू बस्टर्ड. शरम आनी चाहिए तुम्हे ऐसा बोलते हुए.” बहुत ज़्यादा दर्द था अंकिता की आवाज़ में. इतना दर्द की आशुतोष की आँखे भी नम हो गयी उसकी आवाज़ सुन कर.
 
अगर तुम जींदा रहना चाहते हो तो तुम्हे इन दोनो बेशार्मो को मारना होगा. ये बेसबॉल बॅट लो और मार डालो इन दोनो को. जितना ज़्यादा खून बहेगा उतना अच्छा रहेगा. मुझे यकीन है अपनी खोपड़ी बचाने के लिए तुम इतना तो कर ही सकते हो. बहुत मज़ा आएगा चलो शुरू हो जाओ.”
 
साइको ने बेसबॉल बॅट आशुतोष की तरफ फेंका और बोला, "उठाओ इसे और जल्दी शुरू हो जाओ. सिर्फ़ 10 मिनिट का टाइम है तुम्हारे पास इन दोनो को मारने का. नही मार पाए इन दोनो को तो तुम्हारी खोपड़ी में अपनी बंदूक की सारी की सारी गोलिया उतार दूँगा.और हां अब कोई चालाकी मत करना...हर वक्त तुम्हारी खोपड़ी मेरे निशाने पर है हिहिहिहीही."
 
आशुतोष अजीब असमंजस में पड़ गया. उसे मरना मंजूर नही था. ना ही वो अंकिता और गौरव को मार सकता था. वो बात उठाने के लिए नीचे झुका.
 
"क्या हुआ बुजदिल.... कायर...खुद क्यों नही मारते हमे. तू नपुन्शक है और नपुन्शक ही रहेगा." गौरव ने कहा
 
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Update 115

 
साइको गुस्से से तिलमिला उठा ये सुन कर. उसने तुरंत गौरव के सर को निशाना बनाया. आशुतोष ने जब देखा कि साइको का ध्यान चूक गया है, उसने बड़ी फुर्ती से साइको की तरफ बढ़ कर बेसबॉल बॅट से उसके उसी हाथ पर वार किया जिसमें उसने गन पकड़ रखी थी. वार इतनी ज़ोर का था कि बंदूक ना जाने कहाँ गिरी जाकर और साइको का हाथ खून से लथपथ हो गया.
 
"अब इस बेसबॉल बॅट से पीट-पीट कर मैं तुझे जहन्नुम पहुँचा दूँगा. चल कुत्ते की तरह पिटने के लिए तैयार हो जा. पागल कुत्तो को ऐसे बेसबॉल बॅट की मार की ही ज़रूरत होती है." आशुतोष ने कहा.
 
हाहहहाहा….तू मुझे मारेगा. अपनी औकात से कुछ ज़्यादा ही सोच लिया तूने. अब देख मैं तेरा क्या हाल करता हूँ.” साइको ने अपनी जेब से एक बड़ा से चाकू निकाल लिया.
 
अपर्णा इस सब से अंजान दीवार के सहारे चलते-चलते काफ़ी दूर गयी वहाँ से. वो चुपचाप बिना आवाज़ किए दीवार पर चढ़ कर अंदर कूद गयी. वो उस कमरे के पीछे पहुँच गयी थी जिसके आगे साइको का घिनोना खेल चल रहा था.
 
साइको ने चाकू बायें हाथ में लेकर बहुत ज़ोर से आशुतोष की तरफ फेंका. चाकू सीधा उसके पेट में लगा जाकर. आशुतोष दर्द से कराह उठा.
 
क्यों कैसी रहीमुझे मारने चले थे हा….”
 
साइको आशुतोष की तरफ आगे बढ़ा. आशुतोष ने दर्द की परवाह किए बिना उसके सर को निशाना बना कर बॅट घुमाया पर साइको झुक गया और झुक कर उसने आशुतोष के पेट में लात से वार किया. वार इतनी ज़ोर का था कि आशुतोष संभाल नही पाया और वो हाथ में बॅट लिए गौरव और अंकिता के उपर गिर गया पीठ के बल. साइको ने तुरंत आगे बढ़ कर चाकू आशुतोष के पेट से निकाल कर उसके पेट में दूसरी तरफ गाढ दिया पूरा का पूरा. आशुतोष की चीख गूँज गयी चारो तरफ.
 
"गौरव...गौरव...हमें आशु की मदद करनी चाहिए." अंकिता ने कहा.
 
मगर गौरव की कोई आवाज़ नही आई. वो बेहोश हो चुका था. अंकिता भी इस हालत में नही थी कि उठ कर कुछ कर सके. बहुत बेरहमी से पीटा गया था उसे.
 
अपर्णा उस वक्त जस्ट पहुँची ही थी वहाँ. उसने पेड़ के पीछे से आशुतोष को गिरते हुए देखा और फिर साइको को उसे चाकू मारते हुए देखा. ना चाहते हुए भी अपर्णा की चीख निकल गयी, “नहियीईईईईई.” चीख के साथ ही उसकी आँखे भी बरस पड़ी. उसे लगा की आशुतोष मर गया है.
 
अपर्णा उसी जगह खड़ी थी जहाँ साइको ने पूजा को छुपा रखा था. वही उसने बहुत सारे हथियार भी रख रखे थे. अपर्णा की नज़र एक तलवार पर पड़ी. उसने अपने आँसू पोंछे और तलवार उठा ली, “नही छोड़ूँगी मैं तुम्हे. तुमने मेरा सब कुछ छीन लिया.”
 
साइको चीख सुन कर चोंक गया और उसने चारो तरफ नज़र दौड़ाई. मगर उसे कोई नही दीखा.
 
अब कों है जो मेरे हाथो मरना चाहता है. आज तो जॅकपॉट लग गया मेरा. आवाज़ तो किसी लड़की की लगती है. अगर ऐसा है तो मज़ा ही जाएगा.” साइको ने सोचा. उसने अपनी बंदूक की तलाश शुरू कर दी.
 
गौरव…” अंकिता ने गौरव के सर पर हाथ रख कर कहा.
 
अंकिता के हाथो की चुअन को गौरव ने अपने सर पर महसूस किया तो तुरंत उसकी आँख खुल गयी, “आपने कुछ कहामेरे उपर कॉन पड़ा है ये.?”
 
आशु है. साइको ने उसे चाकू मार दिया.”
 
ओह गॉड ये क्या हो रहा है.”
 
गौरव हम हार नही सकतेकुछ करना होगा हमें.” अंकिता ने कहा.
 
मेरा शरीर साथ नही दे रहा हैनही तो मैं कुछ भी कर जाता.” गौरव ने कहा.
 
खाई में गिरे थे हम तब भी कुछ ऐसी ही हालत थी हमारी. तुम मुझे बचाने के लिए उठ गये थे. क्या याद है तुम्हे वो सब?”
 
वो कैसे भूल सकता हूँ मैं.”
 
हमें उठना होगा गौरव. वो बंदूक ढूंड रहा है. इस से पहले बंदूक उसके हाथ आए हमें उठना होगा.” अंकिता ने कहा.
 
आशुतोष…” गौरव ने आशुतोष को आवाज़ दी.
 
हां सर….आअहहआशुतोष ने कहा.
 
तुम्हारे पास कोई हथियार है क्या?”
 
मेरे हाथ में बेसबॉल बॅट है…”
 
गुडअब मेरे उपर से तोड़ा सा हट जाओमैं उठने की कोशिश करता हूँ. एस पी साहिबा का ऑर्डर है..उठना तो पड़ेगा ही.” गौरव ने कहा.
 
आशुतोष का पेट बुरी तरह से ज़ख्मी था. वो धीरे से गौरव के उपर से सरक गया.
 
आशु हम अभी हारे नही है. वी विल डू सम्तिंग.” अंकिता ने कहा.
 
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अपर्णा ने तलवार तो उठा ली थी पर बहुत ज़्यादा सदमें में थी. बार-बार आशुतोष का चेहरा उसकी आँखो में घूम रहा था. उसने किसी तरह अपने एमोशन्स को काबू में किया और तलवार को दोनो हाथो से मजबूती से थाम कर साइको की तरफ चल पड़ी. तब तक साइको को अपनी बंदूक मिल गयी थी. जब अपर्णा उसके नज़दीक पहुँची तो उसने उसे पहचान लिया.

 
अरे मैं खवाब तो नही देख रहा. .ऍम.जी.… नही ये तो हक़ीक़त है. आओ अपर्णा आओ. स्वागत है तुम्हारा यहाँ.
 
मैं तुम्हे जींदा नही छोड़ूँगीतुमने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी.” अपर्णा चिल्लाई.
 
हाहहहाहा….अति सुंदर. एक हसीना के मूह से ये सुन-ना कितना अच्छा लग रहा है. तुमने आज साबित कर दिया कि तुम मेरी बेस्ट आर्ट का हिस्सा बन-ने के लायक हो. ये तलवार किसी काम नही आएगी तुम्हारे क्योंकि मेरे पास बंदूक है. इसलिए ये गिरा कर मेरे पास जाओ चुपचाप.”
 
अपर्णा क्यों आई तुम यहाँतुम्हे वही रुकने को कहा था ना मैने.” आशुतोष दर्द भरी आवाज़ में बोला.
 
आशुतोष की आवाज़ सुनते ही अपर्णा की जान में जान आई.
 
आशुतोष तुम ठीक हो ना?” अपर्णा ने पूछा.
 
बस कुछ पल का महमान है बेचारा. वैसे तुम्हे इतनी चिंता क्यों है उसकी. तेरा यार है क्या ये.” साइको ने कहा.
 
हां मेरा यार भी है और मेरा प्यार भी हैमेरा सब कुछ है. मेरे प्यार को ज़ख़्मी करने की सज़ा मैं दूँगी तुम्हे.”
 
हाहहहाहाक्या बात है. अपर्णा मान गये. जब पहली बार मिली थी तो गान्ड फॅट रही थी तुम्हारी. आज बिना ख़ौफ़ के मेरे सामने खड़ी हो. ऐसे मज़ा नही आएगा बात का. कुछ ख़ौफ़ पैदा करो अपने अंदर. रूको एक गोली मारता हूँ तुम्हेजब तुम्हे दर्द मिलेगा तो खूबसूरत ख़ौफ़ अपने आप पैदा हो जाएगा….हिहिहिहीही.”
 
अचानक साइको की चीख गूँज उठी और वो लड़खड़ा कर नीचे गिर गया. गौरव ने उसकी टाँगों पर घुटनो के नीचे बेसबॉल बॅट से वार किया था. साइको के गिरते ही गौरव भी गिर गया. बड़ी मुश्किल से उठा था वो और अपनी पूरी ताक़त उसने साइको की टाँग पर बॅट मारने में लगा दी थी.
 
जैसे ही साइको नीचे गिरा अपर्णा ने बिना वक्त गवायें उसके दायें हाथ पर तलवार से वार किया. हाथ बंदूक सहित साइको की कलाई से अलग हो गया. साइको की चीख गूँज उठी चारो तरफ.
 
सालीकुतियारंडीआआहहमेरा हाथ….नही छोड़ूँगा तुझे मैं.” साइको दर्द से कराहता हुआ उठ खड़ा हुआ और अपनी जेब से एक और चाकू निकाला उसने बायें हाथ से.
 
तेरे आशिक़ की तरह तुझे भी टपका दूँगा मैं.”
 
तभी साइको फिर से नीचे गिर गया. इस बार अंकिता ने वार किया था बात से साइको के टाँग पर घुटनो के ठीक नीचे.
 
अपर्णा ने तुरंत बिना मौका गवायें पहली बार की तरह साइको के बायें हाथ पर वार किया और साइको का बायाँ हाथ चाकू सहित उसकी कलाई से अलग हो गया. फिर से दर्दनाक चीख गूँज उठी वहाँ साइको की.
 
जो ख़ौफ़ तुमने लोगो को दिया वही ख़ौफ़ आज तुम्हारी आँखो में दिख रहा है. बहुत सुंदर ख़ौफ़ है ये. मैं तुम्हे एक मिनिट के लिए भी जींदा नही देखना चाहती.” अपर्णा ने तलवार साइको के पेट में गाढ़ने के लिए उपर उठाई.
 
नही अपर्णारुक जाओ. इतनी जल्दी मौत नही देनी है इसे.” गौरव चिल्लाया.
 
अपर्णा ने तलवार एक तरफ फेंक दी और दौड़ कर आशुतोष के पास गयी. “आशुतोष तुम ठीक हो ना.”
 
जिसके पास तुम्हारे जैसी प्रेमिका हो उसे क्या हो सकता है.”
 
मैने उसके दोनो हाथ काट दिए. उन्ही हाथो से उसने तुम्हे मारा था ना. उन्ही हाथो से मेरे मम्मी-पापा को बेरहमी से मारा था. उन्ही हाथो से सभी को इतना दर्द दिया उसने आज. मैने काट दिए उसके हाथ आशुतोषअब वो हमें कोई नुकसान नही पहुँचा सकता.”
 
ठीक किया तुमने. मुझे नही पता था कि मेरी अपर्णा ऐसा भी कर सकती है.”
 
सब कुछ तुम्हारे लिए किया. तुम पर वार किया इसने तो बर्दास्त नही कर पाई. प्यार करती हूँ तुमसे कोई मज़ाक नही.”
 
जानता हूँ मैं…”
 
गौरव बड़ी मुश्किल से उठा दुबारा और बोला, “सभी थोड़ी सी हिम्मत करो और यहाँ जाओ. हमने बहुत कुछ सहा है आज. पर अब वो वक्त गया है जिसके लिए हम सब एक साथ जुड़े थे. सौरभ जाओ भाईअब एक गेम हो जाए इस पागल कुत्ते के साथ.”
 
अंकिता ने तलवार उठा ली और साइको के पास खड़ी हो गयी ताकि वो भागने की कोशिश ना करे. “ज़रा भी हिलने की कोशिश की तो काट डालूंगी तुम्हे मैं.” अंकिता ने कहा.
 
गौरव अपर्णा के पास आया और बोला, “अपर्णा तुमने बहुत बहादुरी से काम लिया आज. ये तलवार कहाँ से मिली तुम्हे.”
 
वहाँ उस पेड़ के पीछे पड़ी थी. और हथियार भी पड़े हैं वहाँ.” अपर्णा ने हाथ के इशारे से बताया.
 
क्या वहाँ कुल्हाड़ी भी है.”
 
हां शायद है.”
 
आशुतोष बस थोड़ी देर और फिर हम हॉस्पिटल चलेंगे. हॅंग ऑन.” गौरव ने कहा.
 
मेरी चिंता मत करोइसे ऐसी मौत देना की दुबारा किसी जनम में ऐसी हरकत करने की सोचे भी नही.” आशुतोष ने कहा.

गौरव ने ऋतू को भी उठाया. “ठीक हो ना तुम.”

 
कम्बख़त ने सर में ऐसी लात मारी कि सर घूम रहा है. पेट में भी बहुत दर्द है.” ऋतू ने कहा.
 
मेरे शरीर का बुरा हाल है पर किसी तरह से उठ ही गया हूँ. आओ साइको के साथ एक गेम हो जाए.” गौरव ने कहा.
 
ऋतू को उठाने के बाद गौरव, सौरभ के पास गया और उसे बोला, “उठो दोस्त. गेम तुम्हारे बिना अधूरी रहेगी.”
 
सौरभ उठा बड़ी मुश्किल से . उसने अपनी शर्ट उतार कर पूजा को दे दी. “ये पहन लो फिलहाल. ये शर्ट तुम्हारे शरीर को घुटने तक ढक लेगी.”
 
गौरव सौरभ के पास से सीधा उस पेड़ की तरफ बढ़ा जिसकी तरफ अपर्णा ने इशारा किया था. वहाँ से उसने कुल्हाड़ी उठा ली और लड़खदाता हुआ वापिस साइको के पास गया. सभी वहाँ साइको को घेर कर खड़े थे. साइको ज़मीन पर पड़ा था. आशुतोष खड़ा नही हो सकता था. अपर्णा नीचे बैठ गयी थी और उसके घुटने पर आशुतोष सर टिकाए पड़ा था.
 
कैसा लग रहा है आपको सर….ओह मैं भूल गया आपको तो अच्छा ही लग रहा होगा. बल्कि आप तो ये सोच कर खुश हो रहे होंगे कि आपके दोनो हाथ एक लड़की ने तलवार से काट दिए. आप खुद को किस्मत वाले समझ रहे होंगे. अब आप ये बतायें कि क्या सज़ा दी जाए आपको.” गौरव ने कहा.
 
गौरव मैं अपना गुनाह कबूल करता हूँ. मुझे क़ानून के हवाले कर दो. मुझे गिरफ्तार कर लो. जैल में डाल दो मुझे. मुझे अपने सभी गुनाह काबुल हैं.” साइको गिड़गिदाया.
 
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Update 116

 
सॉरी टू से एसपी साहिब. मगर मैं तो अंडर सस्पेंशन हूँआपको गिरफ्तार नही कर सकता. एस पी साहिबा ने अभी जॉइन ही नही किया है वापिस क्योंकि आपके दिए घाव अभी भरे ही नही थे ठीक से. यहाँ कोई नही है ऐसा जो गिरफ्तार कर सके आपको. कोई और रास्ता बतायें इंसाफ़ का.” गौरव ने कहा.
 
दूसरे पोलीस वालो को बुला लो. सिकन्दर को बुला लो….या फिर चौहान को बुला लो.”
 
बुला लेंगे पहले एक गेम हो जाए. आपने बहुत गेम खेली हमारे साथ अब हमें भी थोड़ा सा मौका दीजिए.” गौरव ने कहा.
 
गेम कैसी गेम…” साइको के चेहरे का रंग उड़ गया.
 
मैं कुछ सवाल करूँगा तुम जवाब देते जाना. अगर एक मिनिट में जवाब नही दिया तो ये कुल्हाड़ी चल जाएगी और तुम्हारे शरीर से कुछ कट कर अलग हो जाएगा.” गौरव ने कहा.
 
मैं किसी सवाल का जवाब नही दूँगा. मेरे हाथ काट गये हैं. आइ नीड मेडिकल अटेन्षन फर्स्ट. जैल में पूछ लेना जो पूछना है.” साइको चिल्लाया.
 
सीसीकोन है?” गौरव ने सवाल किया.
 
मुझे नही पता.”
 
बस एक मिनिट है तुम्हारे पास. दुबारा नही पूछूँगा मैं. जवाब नही दिया तुमने एक मिनिट में तो तुम्हारा बायाँ पाँव काट दूँगा इस कुल्हाड़ी से.” गौरव ने कहा.
 
एक मिनिट बीत गया पर साइको ने कोई जवाब नही दिया.”
 
गौरव ने कुल्हाड़ी उठाई पाँव काटने के लिए तो साइको तुरंत बोला, “मैं ही सीसी हूँ.”
 
वो कैसेतुम्हारा नाम तो राहुल महाजन है ना.” गौरव ने आश्चर्य में कहा.
 
हां मेरे कुछ दोस्त मुझे कॉलेज टाइम से सीसी बोलते हैं.”
 
तो क्या सुरिंदर और कर्नल देवेंदर सिंग तुम्हारे कॉलेज के दोस्त थे.”
 
हां….”
 
तो क्या तुमने ही सुरिंदर को कहा था अपर्णा के खिलाफ गवाही देने के लिए. और वो राज़ी क्यों हुआ.” सौरभ ने पूछा.
 
मैने उसे कन्विन्स किया कि अपर्णा ही साइको हैतुम गवाही दे दो क्योंकि मैं एसपी होने के नाते गवाही देता अच्छा नही लगूंगा. दोस्त था मेरा मेरी बात मान गया.”
 
अपने ही दोस्त को फिर तुमने मार दिया.” गौरव ने कहा.
 
मारना ज़रूरी था उसे नही तो मेरा आशु खुल सकता था कभी भी.” साइको ने कहा.
 
देवेंदर सिंग के घर पर तुम ही रह रहे थेहै ना.” सौरभ ने पूछा.
 
हांदेवेंदर ज़्यादातर शहर से बाहर ही रहता था. इसलिए उसका घर किराए पर ले लिया.”
 
कर्नल है कहाँ?”
 
उसने एक दिन पैंटिंग देख ली थी मेरी. इसलिए मारना पड़ा उसे भी. मार कर जंगल में गाढ दिया उसे.”
 
क्या सब इनस्पेक्टर विजय से तुम्हारा कोई रिश्ता था?” गौरव ने पूछा.
 
रागिनी को जंगल के ठिकाने पर ले जा रहा था मैं तो विजय ने देख लिया था मुझे. वो जंगल में एक लड़की के साथ रंगरलिया मना रहा था. मैं उसे और उसके साथ जो लड़की थी दोनो को मार देना चाहता था पर विजय मेरे पैरो में गिर गया. बोला मुझे अपने साथ मिला लो. मैने उसे उसके साथ जो लड़की थी उसे मारने को कहा. उसने तुरंत उसका गला काट दिया. मैने रागिनी के मर्डर की वीडियो उसे दी थी ताकि वो आर्टिस्टिक मर्डर सीख पाए.”
 
हां देखी है मैने वो सीडीलेकिन वो अधूरी ही थी.” गौरव ने कहा.
 
“2 सीडी दी थी मैने उसे.” साइको ने कहा.
 
ब्लॅक स्कॉर्पियो किसकी यूज़ करते थे. तुम्हारे नाम तो कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही थी.”
 
अपने नाम की गाड़ी यूज़ क्यों करता भला. मैं कर्नल की गाड़ी यूज़ कर रहा था.”
 
बहुत खूबकॉलेज के दोस्त की गाड़ी भी हथिया ली और घर भी हथिया लिया.” गौरव ने कहा.
 
और फिर बेचारे को मार कर जंगल में गाढ दिया.” ऋतू ने कहा.
 
तुम पर कोई हमला नही हुआ था है ना. तुम ज़बरदस्ती नाटक करके हमें गुमराह करने के लिए हॉस्पिटल में रहे ताकि तुम पर शक ना जाए. डॉक्टर अनिल तुम्हारे दोस्त हैं, इसलिए ज़्यादा दिक्कत नही हुई तुम्हे. आइक्यू में पड़े रहे बिना मतलब. अपर्णा के घर पर हमला तुमने ही किया था ना. और जब सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल में था तब तुम भाग क्यों गये थे वहाँ से.” गौरव ने पूछा.
 
हां मैं ही गया था डॉक्टर अनिल को बोल कर कि सीक्रेट ऑपरेशन पर जा रहा हूँ. मगर जब अपर्णा के घर सब अंडर कंट्रोल था तभी डॉक्टर अनिल का फोन आया और उसने मुझे बताया कि जल्दी वापिस जाओ तुम्हारा कोई जूनियर तुम्हे ढूंड रहा है यहाँ. बाद में पता चला कि चौहान आया था मुझसे मिलने. खैर मुझे सब कुछ छोड़ कर बीच में ही जाना पड़ा. काश उस दिन इस रंडी को उठा लाता तो ये नौबत ना आती.”
 
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 “ऋतू ये बेसबॉल बॅट देना मुझेगौरव ने ऋतू से कहा. ऋतू बॅट थामे खड़ी थी.

 
गौरव ने बात से साइको के घुटने पर ज़ोर दार वार किया. उसकी चीख गूँज उठी चारो तरफ. “दुबारा किसी को भी गाली दी तो अंजाम बुरा होगा. समझ लो तुम.”
 
जंगल में एस पी साहिबा पर गोली किसने चलाई थीतुमने या विजय ने.” गौरव ने पूछा.
 
विजय ने चलाई थी. डिपार्टमेंट की गोलिया यूज़ की थी साले नेजंगल का मेरा ठिकाना ख़तरे में गया था उसके कारण. तुम लोगो को उसी घटना के बाद जंगल पर शक हुआ. खैर मेरे पास ठिकानो की कमी नही थी पर जंगल का कोई मुक़ाबला नही था.” साइको ने कहा.
 
वैसे तो मेरा मन तुम्हारे 1000 टुकड़े करने का है पर कुछ कारण से खुद को रोक रहा हूँ. एक तो मैं तुम्हारे जितना गिरना नही चाहता और हमारे एक साथी को तुरंत हॉस्पिटल पहुँचना होगा. वैसे तो हम सभी को ज़रूरत है मेडिकल अटेन्षन की पर आशुतोष को सबसे ज़्यादा है. ये गेम खेलने के लिए शुक्रिया एसपी साहिब. नाओ गेम ओवर….जिसे याद करना है कर लो मैं कुल्हाड़ी से तुम्हारी गर्दन काटने जा रहा हूँ.”
 
मैने सभी सवालो के जवाब दिए हैं. प्लीज़ मुझे क़ानून के हवाले कर दो.” एसपी गिड़गिदाया.
 
क़ानून तो आपका है एसपी साहिब. मैं खूब समझ रहा हूँ आपकी बात. मगर मुझे न्याय में देरी बिल्कुल बर्दास्त नही है. यहाँ जो लोग भी मौजूद हैं वो ज्यूरी का हिस्सा हैं. तो मैं सभी से पूछता हूँ कि ज्यूरी का क्या फ़ैसला है.”
 
इसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी जाए….” सौरभ ने कहा.
 
बाकी सब ने भी सौरभ का साथ दिया, “हां इसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी जाए.”
 
सॉरी एसपी साहिब ज्यूरी का फ़ैसला टाला नही जा सकता. गो टू हेल…………………” गौरव ने कुल्हाड़ी उपर की तो एसपी ने उठने की कोशिश की. सौरभ ने तुरंत बॅट उठाया और एक ज़ोर दार वार किया उसके माथे पर. बार्ब वाइयर के कारण एसपी का माथा छिल गया और पूरा चेहरा खून से सन गया.
 
एसपी वापिस ज़मीन पर गिर गया.
 
अब दुबारा उठने की कोशिश मत करना मिस्टर साइको…. आक्सेप्ट दा फॅक्ट दट योर गेम ईज़ ओवर….नाओ इट्स टाइम टू गो टू हेल…..बाय….” गौरव ने एक झटके में साइको की गर्दन धड़ से अलग कर दी.
 
ऋतू कल सुबह ये न्यूज़ आनी चाहिए कि साइको ने एक और मर्डर कर दिया. एसपी पर साइको पहले भी हमला कर चुका है. इस बार उसने एसपी को जान से मार दिया.” गौरव ने कहा.
 
ठीक है काम हो जाएगा.” ऋतू ने कहा.
 
पर इस नये इनस्पेक्टर सिकन्दर का क्या करेंगे. उसे कही शक ना हो जाए हम लोगो पर. हमें यहाँ कोई निशान नही छोड़ना चाहिए अपनी मौजूदगी का.” सौरभ ने कहा.
 
सौरभ ठीक कह रहा है. साइको को ज़मीन में गाढ दो और यहाँ पर मौजूद हर निशान मिटा दो. कोई नही समझेगा कि हमने ऐसा क्यों किया.” अंकिता ने कहा.
 
ठीक है मैं और सौरभ ये काम करते हैं तुम लोग तुरंत हॉस्पिटल पहुँचो.” गौरव ने कहा
 
पर मेडिकल अटेन्षन की तुम्हे भी तो ज़रूरत है.” अंकिता ने कहा.
 
मुझे आपकी अटेन्षन मिल गयी….बस वही काफ़ी हैसब घाव भर जाएँगे.” गौरव ने हंसते हुए कहा.
 
मज़ाक मत करो.”
 
अरे हम भी जाएँगे हॉस्पिटल आप लोग चलिए. यहाँ का काम निपटाना ज़रूरी है. ऋतू न्यूज़ वाला प्लान कैंसिल. एसपी साहिब को गायब हो जाने दो.”
 
ओके एज यू विश.” ऋतू ने कहा.
 
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