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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
गौरव चाहता था कि उन्हे घर तक छोड़ कर आए मगर आशुतोष ने मना कर दिया, “सर मैं संभाल लूँगा. आप चिंता मत करो.”

 
साइको ने सबके दिमाग़ हिला कर रखे हुए हैं.” आशुतोष ने कहा.
 
हांउसे समझना बहुत मुश्किल काम है.”
 
अचानक आशुतोष ने एक जगह जीप रोक दी.
 
क्या हुआ?”
 
यहा से मेरा घर काफ़ी नज़दीक हैक्या चलोगि वहाँ?” आशुतोष ने कहा
 
कही भी चलूंगी मैं तुम्हारे साथ पर मेरे साथ शालीनता से पेश आना.”
 
ये पाप ही नही कर सकता मैं बाकी कुछ भी कर सकता हूँ आपके लिए.” आशुतोष ने हंसते हुए कहा.
 
अब क्या करूँचलना तो पड़ेगा ही तुम्हारे साथ. चलो जो होगा देखा जाएगा.”
 
ये हुई ना बात. प्यार में अड्वेंचर का भी अपना ही मज़ा है.” आशुतोष ने जीप अपने घर की तरफ मोड़ दी.
 
कोई 10 मिनिट में ही आशुतोष अपने घर पहुँच गया.
 
घर के नाम पर ये छोटा सा कमरा है मेरे पास. छोटा सा किचन है अंदर ही और एक टॉयलेट है. आपकी तरह महलो में नही रहा कभी.” आशुतोष ने टाला खोलते हुए कहा.
 
बस-बस ताना मत मारो. अकेले व्यक्ति के लिए एक कमरा बहुत होता है.”
 
हां पर आपसे शादी करने के बाद नया घर लेना होगा मुझे.” आशुतोष ने कुण्डी खोलते हुए कहा.
 
आईए अंदर और इस घर को अपनी उपस्थिति से महका दीजिए.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा अंदर आई तो हैरान रह गयी, “.ऍम.जी. ये घर है या कबाड़खाना. सब कुछ बिखरा पड़ा है.”
 
कई दिनो से तो ड्यूटी आपके साथ लगी हुई है. यहा कौन ठीक करेगा आकर सब कुछ. मैं अभी सब ठीक करता हूँ. सारी रात यही बितानी है हमें
 
क्यों क्या अब हम घर नही जाएँगे.”
 
क्या ये आपका घर नही.”
 
नही वो बात नही है पर.”
 
ओह हां ये आपकी हसियत के अनुसार नही हैहैं ना
 
ऐसा नही है आशुतोषमेरा वो मतलब नही है. हम एक साथ इस कमरे में कैसे रहेंगे.”
 
क्यों कल रात हम एक साथ नही सोए थे क्या छोटे से बिस्तर पर. यहा एक साथ रहने में क्या दिक्कत है. मैं जल्दी से सफाई कर देता हूँ आप बैठिए.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा ने कुछ नही कहा मगर मन ही मन सोचा, “तुमसे इतना प्यार करती हूँ कि तुम्हारी कोई भी बात टाली नही जाती. उसी चीज़ का तुम फायदा उठा रहे हो.”
 
कुछ देर अपर्णा आशुतोष को काम करते हुए देखती रही फिर खुद भी उसके साथ लग गयी. कोई 20 मिनिट में दोनो ने कमरे को एक दम चमका दिया.
 
पसीने-पसीने हो गयी मैं तोनहाना पड़ेगा अब.”
 
हां नहा लीजिएयहा पानी की कोई दिक्कत नही है. सारा दिन पानी रहता है.”
 
ठीक है फिर मुझे कोई तोलिया दो मैं नहा कर आती हूँ.”
 
आशुतोष ने एक तोलिया थमा दिया अपर्णा को और बोला, “वैसे नहाना मुझे भी था. अगर आप इजाज़त दें तो मैं भी जाता हूँ आपके साथ. टाइम की बचत हो जाएगी.”
 
क्या करोगे टाइम की बचत करके. सारी रात अब हम यही हैं ना. वेट करो यही चुपचापबदमाश कही के.” अपर्णा तोलिया ले कर बाथरूम में घुस गयी.
 
कोई 20 मिनिट बाद वो नहा कर निकली बाहर तो आशुतोष के होश उड़ गये.
 
ऐसे क्या देख रहे हो.”
 
पानी की बूँदो में भीगे हुए ये काले-काले बाल एक कामुक रस पैदा कर रहे हैं मेरे सीने में.”
 
चुपचाप नहा लो जाकरमुझे बाल सुखाने दो.”
 
आशुतोष दूसरा तोलिया लेकर घुस गया बातरूम में. वो कोई 10 मिनिट में ही नहा कर निकल आया.
 
जब वो बाहर निकला तो अपर्णा की पीठ थी उसकी तरफ और वो अपने बाल सूखा रही थी. आशुतोष उसके सुंदर शरीर को उपर से नीचे तक देखने से खुद को रोक नही पाया. पतली कमर का कटाव देखते ही बनता था. आशुतोष तो बस देखता ही रह गया. उसकी साँसे तेज चलने लगी. जब उसकी नज़र थोड़ा और नीचे गयी तो उसकी सांसो की रफ़्तार और तेज हो गयी. पतली कमर के नीचे थोड़ा बाहर को उभरे हुए नितंब अपर्णा के योवन की सोभा बढ़ा रहे थे.
 
उफ्फ मैं पागल ना हो जाउ तो क्या करूँ.” आशुतोष ने मन ही मन सोचा.
 
आशुतोष धीरे से आगे बढ़ा और दोनो हाथो से अपर्णा के नितंबो को थाम लिया.
 
आअहहअपर्णा उछल कर आगे बढ़ गयी. “क्या कर रहे होतुमने तो डरा दिया मुझे.” अपर्णा गुस्से में बोली.
 
रोक नही पाया खुद को. सॉरी.”
 
कुछ भी कर लो पहले और फिर सॉरी बोल दो. ये बहुत अच्छा तरीका है तुम्हारा.” अपर्णा ने कहा.
 
हां तरीका तो अच्छा है हिहिहीही….”
 
बदमाश हो तुम एक नंबर के.”
 
वो तो हूँआशुतोष ने हंसते हुए कहा.
 
अपर्णा दीवार पर टाँगे छोटे से शीसे के सामने आकर अपने बाल संवारने लगी, “तुम सच में पागल हो.”
 
आशुतोष ने पीछे से आकर अपर्णा को दबोच लिया अपनी बाहों में और अपर्णा के गले पर किस करके बोला, “अपर्णा आइ लव यू.”
 
आइ लव यू टू आशुतोष पर.”
 
पर क्या?”
 
हम दोनो बिल्कुल अलग हैं आशुतोष. तुम जो चाहते हो मुझसे उसमें मैं तुम्हारा साथ नही दे सकती.”
 
क्या चाहता हूँ मैं ज़रा खुल कर बताओ.”
 
तुम्हे सब पता हैनाटक मत करो.”
 
अपर्णा के इतने नज़दीक आकर आशुतोष का लिंग काले नाग की तरह फूँकारे मारने लगा था. वो अपने भारी भरकम रूप में गया था और अपर्णा को अपने नितंबो पर बहुत अच्छे से फील हो रहा था.
 
आशुतोष प्लीज़ हटा लो इसे.”
 
क्या हटा लूँ. कुछ समझ में नही आया.” आशुतोष ने अपर्णा को और ज़ोर से कश लिया अपनी बाहों में और उसकी गर्दन को चूमने लगा.

नितंबो पर लिंग की चुअन से पहले ही अपर्णा के शरीर में अजीब सी तरंगे दौड़ रही थी. गर्दन पर बरस रही किस्सस से उसकी हालत और पतली होती जा रही थी.

 
बोलिए ना क्या हटा लूँ. आप नही बताएँगी तो कैसे मदद करूँगा आपकी.”
 
अपर्णा छटपटाने लगी आशुतोष की बाहों में मगर आशुतोष की पकड़ से निकलना आसान नही था.
 
क्या मेरा लंड आपकी गांद को परेशान कर रहा है?”
 
शट अप! हट जाओ वरना जींदगी भर बात नही करूँगी तुमसे.” अपर्णा चिल्लाई.
 
आशुतोष तुरंत हट गया और बिस्तर पर आकर लेट गया आँखे बंद करके.
 
हां अब नाराज़ हो जाना ताकि मैं तुम्हे मनाने आउ और तुम्हे फिर से मेरे शरीर से खेलने का मोका मिले.आइ हेट यू. मेरे करीब मत आना अब. तुम बहुत गंदे हो. इतनी गंदी बात नही सुनी कभी मैने.” अपर्णा ने कहा.
 
अब आपको कभी कुछ नही कहूँगाना ही आपके शरीर से खेलूँगा. सॉरी फॉर एवेरितिंग.” आशुतोष ने कहा.
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Tongue 
Update 104

 
आशुतोष बिस्तर से उठा और ज़मीन पर एक चटाई बिछा कर उस पर तकिया रख कर लेट गया. अपर्णा समझ गयी कि आशुतोष ने बिस्तर उसके लिए छोड़ दिया है. अपर्णा बिस्तर पर बैठ गयी और घुटनो में सर छुपा कर शूबकने लगी.
 
मेरी भावनाओ की ज़रा भी कदर नही करते तुमप्यार क्या निभाओगे तुम. जब से प्यार हुआ है क्या तुमने कुछ भी जान-ने की कोशिश की मेरे बारे में. क्या पूछा तुमने कभी कि कैसा फील करती हूँ मैं अपने मम्मी पापा के बिना. क्या पूछा तुमने कभी कि क्यों मेरी पहली शादी बिखर गयी. नही तुम्हे मेरे दुख दर्द से कोई लेना देना नही है. बस मेरा शरीर चाहिए तुम्हे और वो भी तुरंत. थोड़ा सा भी वेट नही कर सकते. हवस के पुजारी हो तुमजिसे औरत के शरीर के सिवा कुछ नही दीखता. क्यों मेरे दिल में झाँकने की कोशिश नही करते तुम.क्यों मेरे शरीर पर ही रुक जाते हो तुम. क्या इसी को प्यार कहते हो तुम. क्या तुम्हे पता भी है किस हाल में हूँ मैं एर कैसे एक-एक दिन जी रही हूँ.मम्मी पापा की मौत के बाद पूरी तरह बिखर चुकी हूँ. तुम्हारे प्यार ने जीवन में एक उम्मीद की किरण सी देखाई थी मगर अब सब ख़तम सा होता दीख रहा है. ये प्यार बस शरीर तक ही रह गया है...इस से आगे नही बढ़ पा रहा है.,” अपर्णा सुबक्ते हुए सोच रही थी.
 
आशुतोष अपर्णा के दिल की मनोस्थिति से बेख़बर चुपचाप पड़ा था आँखे बंद किए. “मैं प्यार करता हूँ आपको और आप इसे शरीर से खेलना समझती हैं. पता नही कौन सी दुनिया से हैं आप. ज़रा सी नज़दीकी और छेड़ छाड़ बर्दास्त नही आपको. शादी के बाद भी यही सब चलेगा शायद. ये प्यार मुझे बर्बादी की तरफ ले जा रहा है. आपका योवन मुझे भड़का देता है और मैं आपकी तरफ खींचा चला आता हूँ. बदले में मुझे गालियाँ और तिरस्कार मिलता है आपका. प्यार ये रंग देखायगा सोचा नही था कभी.”
 
अचानक अपर्णा ने अपने आँसू पोंछे. उसने मन ही मन कुछ फ़ैसला किया था. वो बिस्तर से उठी और कमरे की लाइट बंद कर दी. कुछ देर बाद वो झीजकते हुए आशुतोष की चटाई के पास गयी और उसके पास लेट गयी. आशुतोष को पता तो चल गया था कि अपर्णा उसके पास लेट गयी है आकर पर फिर भी चुपचाप आँखे बंद किए पड़ा रहा.
 
आशुतोष नाराज़ रहोगे मुझसे?”
 
आपका रोज का यही नाटक है. पहले मुझे कुत्ते की तरह खुद से दूर भगा देती हो फिर खुद मेरे पास जाती हो.” आशुतोष ने कहा.
 
क्या करूँ तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ. तुमसे दूर नही रह सकती. ना ही तुम्हारी नाराज़गी बर्दास्त कर सकती हूँ.”
 
कल भी यही कहा था आपने ये सब मज़ाक है और कुछ नही.” आशुतोष ने कहा.
 
मज़ाक नही है ये सच है. तुमसे बहुत नाराज़ हूँ फिर भी यहा तुम्हारे पास आई हूँ क्योंकि तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.” अपर्णा सुबक्ते हुए बोली.
 
आशुतोष मन ही मन मुस्कुरा रहा था ये सब सुन कर. बाहों में भर लेना चाहता था अपर्णा को इस मासूम प्यार के लिए पर पता नही क्यों अपर्णा को थोड़ा और सताने का मूड था उसका. “तो क्या कोई अहसान कर रही हो मुझ पर.” आशुतोष ने कहा.
 
नही अहसान तो खुद पर कर रही हूँ..तुमसे दूर रह कर जी नही सकती ना इसलिए अहसान खुद पर कर रही हूँ. तुम पर अहसान क्यों करूँगीतुम तो जींदगी हो मेरी.” अपर्णा ने फिर से सुबक्ते हुए कहा.
 
अब आशुतोष से रहा नही गया और उसने बाहों में भर लिया अपर्णा को. मगर जैसे ही उसने उसे बाहों में लिया वो हैरान रह गया. वो फ़ौरन अपर्णा से अलग हो गया.
 
अपर्णा ये सब क्या है तुम कपड़े उतार कर क्यों आई हो मेरे पास.”
 
पता नही क्यों आई हूँ बस गयी हूँ किसी तरह. आगे तुम संभाल लो.”
 
क्या पागलपन है ये. कहाँ है कपड़े तुम्हारे?”
 
बिस्तर पर पड़े हैं.”
 
आशुतोष अंधेरे में बिस्तर की तरफ बढ़ा और वहाँ से कपड़े उठा कर अपर्णा के उपर फेंक दिए, “पहनो जल्दी वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा. तुमने ऐसा करके अपमान किया है मेरे प्यार का. मैं तुम्हे कभी माफ़ नही करूँगा. तुमने तमाचा मारा है मेरे मुँह पर ये सब करके. यही साबित करना चाहती हो ना कि मैं हवस का पुजारी हूँ और तुम सती सावित्री हो जिसे मैं मजबूर करता हूँ सेक्स के लिए. मान गये आपको. आप तो साइको से भी ज़्यादा ख़तरनाक गेम खेल गयी मेरे साथ. आइ हेट यू. आप ना प्यार के लायक हैं और ना शादी के लायक हैं. अब समझ में आया क्यों आपकी पहली शादी नही चल पाई. आप रिस्ते निभा ही नही सकती.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा ने ये सब सुनते ही फूट-फूट कर रोने लगी. इतनी ज़ोर से रो रही थी वो कि आशुतोष के कान फॅट रहे थे उसका रोना सुन कर.
 
ये क्या तमासा है बंद करो ये नाटक!” आशुतोष ज़ोर से चिल्लाया.
 
अपर्णा सुबक्ते हुए उठी और अपने कपड़े पहन कर वापिस वही लेट गयी चटाई पर. आशुतोष पाँव लटका कर बिस्तर पर बैठ गया.
 
कमरे में एक दम खामोसी छा गयी

अपर्णा पड़ी-पड़ी सूबक रही थी और आशुतोष अपना सर पकड़ कर बैठा था.
 
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Heart 
गौरव हॉस्पिटल पहुँच तो गया मगर अंकिता के कमरे की तरफ जाने से डर रहा था. “पता नही बात करेंगी या नही. एक बार मिल कर अपना पक्ष तो रख दूं फिर जो उनकी इच्छा होगी देख लेंगी.”

 
गौरव दबे पाँव कमरे में दाखिल हुआ. अंकिता आँखे बंद किए पड़ी थी. गौरव ने उन्हे जगाना सही नही समझा और वापिस मूड कर जाने लगा.
 
गौरव!” अंकिता ने आवाज़ दी.
 
गौरव तुरंत मुड़ा और बोला, “क्या आप जाग रही हैं.”
 
तुम मुझे सोने दोगे तब ना सो पाउन्गि. कहा थे सुबह से. फोन भी नही मिल रहा था तुम्हारा.” अंकिता ने कहा.
 
मेडम आपने मुझे सुबह यहाँ से जाने को कहा था. दिल में दर्द और आँखो में आँसू लेकर गया था यहाँ से.”
 
जो बात तुम्हे मुझे बतानी चाहिए थी वो चौहान ने बताई. बहुत बुरा लगा था मुझे.”
 
मेडम रीमा से प्यार नही किया कभी मैने. हां अच्छे दोस्त ज़रूर बन गये थे हम. वो मुझसे शादी करना चाहती है.”
 
क्या?” ये बात चौहान ने नही बताई मुझे.
 
जी हां मेडम. वो मुझे प्यार करती है. मेरे दिल में प्यार नही जाग पाया उसके लिए मगर फिर भी मैं शादी के लिए तैयार था. मगर चौहान को ये सब मंजूर नही. इसलिए वो ज़बरदस्ती रीमा की शादी कही और कर रहा है वो भी इतनी जल्दी.”
 
अगर चौहान राज़ी हो गया तुम्हारी और रीमा की शादी के लिए तो क्या करोगे शादी उस से?”
 
मेडम झूठ नही बोलूँगा. अब नही कर सकता शादी रीमा से.”
 
क्यों नही कर सकते?”
 
आप जानती हैं सब कुछ पूछ क्यों रही हैं.”
 
शायद मुझे पता है और शायद नही भी. खैर छोड़ो. दुख हुआ तुम्हारे सस्पेंशन का सुन कर. मैं ड्यूटी जॉइन करते ही कोशिश करूँगी उसे कैंसिल करवाने की.”
 
सस्पेंशन की आदत हो चुकी है अब.”
 
ह्म्म बी ऑप्टिमिस्टिक गौरव. सब ठीक हो जाएगा.”
 
मेडम मैं कुछ मित्रो के साथ मिल कर साइको की तलाश जारी रख रहा हूँ. अभी हमारे पास सबसे बड़ा क्लू कर्नल का घर है. वही से सारे आशु खुलने की उम्मीद है. हम उसी पर कॉन्सेंट्रेट करेंगे. संजय तो सस्पेक्ट है ही. मगर उसका अभी कुछ आता पता नही है.”
 
वेरी गुड. मेरी कहीं भी ज़रूरत पड़े तो झीजकना मत.मैं हर वक्त तुम्हारे साथ हूँ.”
 
थॅंक यू मेडममैं चलता हूँ अब. शुकून मिला दिल को आपसे बात करके. सुबह तो भारी मन लेकर गया था यहा से. ऐसा लग रहा था जैसे कि दुनिया ही उजड़ गयी मेरी. गुड नाइट.” गौरव कह कर चल दिया.
 
रूको!”
 
जी कहिए.”
 
कुछ कहना चाहती थी पर चलो छोड़ो. फिर कभी…”
 
ऐसा ही होता है अक्सर. हम दिल में छुपाए फिरते हैं वो बात मगर कह नही पाते. और एक दिन ऐसा आता है जब किस्मत कहने का मोका ही नही देती जबकि हम कहने के लिए तैयार रहते हैं. बोल दीजिए मुझे जो बोलना है. हमेशा दिल में छुपा कर रखूँगा आपकी ये बात जो आप कहना चाहती हैं.”
 
मैं क्या कहना चाहती हूँ तुम्हे पता भी है?”
 
जी हां पता है
 
फिर बोलने की क्या ज़रूरत है. यू कैन गो नाओहहेहहे.” अंकिता ने हंसते हुए कहा.
 
एक बार बोल देती तो अच्छा होता. मेरे कान तरस रहे हैं वो सब सुन ने के लिए. प्लीज़.”
 
तुम जाते हो कि नहीमेरे पास कुछ नही है कहने को. इज़ देट क्लियर.”
 
जी हां सब कुछ क्लियर है स्प्राइट की तरह.”
 
हाहहहाहा…..आआहहअंकिता खिलखिला कर हंस पड़ी जिस से पेट के झखम में दर्द होने लगा.
 
क्या हुआ मेडम?”
 
कुछ नही हँसने से पेट का झखम दर्द करने लगा.”
 
मेरे उपर हँसने के चक्कर में दर्द मोल ले लिया आपने. शांति रखिए. वैसे बहुत अच्छा लगा आपको हंसते देख कर. भगवान मेरी सारी ख़ुशीया आपको दे दे ताकि आप हमेशा यू ही मुस्कुराती रहें.”
 
तुम कुछ भी करलो मैं वो बोलने वाली नही हूँ.”
 
यही तो मेरी बदक़िस्मती है. खैर जाने दीजिए. गुड नाइट. सो जाओ आप चुपचाप अब. मुझे अभी से इंक्वाइरी शुरू करनी हैं. अब बिल्कुल फ्रेश माइंड से स्टार्ट करूँगा.”
 
ऑल दा बेस्ट.” अंकिता ने कहा
 
गौरव कमरे से बाहर निकला तो अंकिता का डॉक्टर मिल गया उसे.
 
डॉक्टर कब तक छुट्टी मिलेगी मेडम को.”
 
हम कल दोपहर तक छुट्टी कर देंगे. बाद में बस ड्रेसिंग के लिए आना पड़ेगा. 20 दिन बाद स्टिचस काट देंगे.”
 
एसपी साहिब का भी आपने इलाज किया क्या. उनकी तो बड़ी जल्दी छुट्टी हो गयी
 
नही उनका केस तो ड्र अनिल के पास था. बहुत बढ़िया डॉक्टर हैं वो. एसपी साहिब के ख़ास दोस्त भी हैं. मेडम का केस डिफरेंट था. उस लकड़ी ने बहुत गहरा घाव बना दिया था मेडम के पेट में.”
 
मगर जो भी हो आपके हॉस्पिटल में अच्छी केर होती है. सभी अच्छे डॉक्टर हैं.”
 
जी हां. वी आर प्राउड ऑफ इट.”
 
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Tongue 
अचानक गौरव का फोन बज उठा. फोन अननोन नंबर से था.

 
यार कही ये साइको का तो नही?”
 
गौरव ने फोन उठाया.
 
हेलो.”
 
हेलो ईज़ दिस इनस्पेक्टर गौरव.”
 
जी हां मैं गौरव ही हूँ बोलिए.”
 
दोपहर से आपका फोन ट्राइ कर रहा हूँ. मैं देल्ही से बोल रहा हूँ इनस्पेक्टर गणेश.”
 
हां बोलिए.”
 
देखिए कॉलोनेक की बहन रहती हैं यहाँ. हमने उनसे पूछताछ की है. कर्नल कहाँ है उन्हे भी कुछ नही पता. उनके अनुसार कर्नल का स्वाभाव ऐसा ही हैबिना बताए गायब हो जाता है. देहरादून में जो घर है उसका वो उसने किसी सीसी नाम के आदमी को दिया है शायद.”
 
सीसीपूरा नाम बोलिए ना इस सीसी ने तो परेशान कर रखा है हमें.”
 
देखिए कर्नल की बहन को इतना ही पता था. एक महीना पहले कर्नल ने बातो बातो में बोल दिया था उसे कि वो अपना देहरादून वाला घर अपने एक फ्रेंड सीसी को दे रहा है. ज़्यादा बात नही हुई इस बारे में उनकी. यही पता चला यहा, सोचा आपको बता दूं. मीडीया में छाया हुआ है ये साइको का केस. शायद आपको इस से कुछ मदद मिले. ऑल दा बेस्टगणेश ने फोन काट दिया.
 
यार ये तो गोल चक्कर में घूम रहे हैं हम. फिर बात इस सीसी पर कर अटक गयी. पर इतना तो क्लियर है अब कि कर्नल के घर में रहने वाला ही साइको है. उसी का नाम सीसी है. सीसी ईज़ साइको. वेरी फन्नी. ना साइको मिल रहा है ना सीसी. दोनो एक ही हैं तो ये तो होना ही था. देखता हूँ कब तक बचोगे मिस्टर सीसी उर्फ साइको. कुछ ना कुछ तो तुम्हारे बारे में पता चल ही रहा है.”
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Heart 
Update 105

 
अपर्णा बुरी तरह सूबक रही थी चटाई पर पड़ी हुई. दिल कुछ इस कदर भारी हो रहा था की ज़ोर-ज़ोर से रोना चाहती थी वो पर आशुतोष की फटकार ने उसकी आवाज़ दबा दी थी. वो अंदर ही अंदर घुट रही थी. आँखो से आँसू लगातार बह रहे थे. बहुत कोशिश कर रही थी कि मुँह से कोई आवाज़ ना हो पर रह-रह कर सूबक ही पड़ती थी.
 
आशुतोष बिस्तर पर बैठा चुपचाप सब सुन रहा था.
 
रोती रहो मुझे क्या है. तुम खुद इसके लिए ज़िम्मेदार हो.” आशुतोष ने मन ही मन सोचा और लेट गया बिस्तर पर चुपचाप.
 
प्यार में गुस्सा ज़्यादा देर तक नही टिक सकता. प्यार वो आग है जिसमे की जीवन की हर बुराई जल कर खाक हो जाती है. गुस्सा तो बहुत छ्होटी चीज़ है. जब आप बहुत प्यार करते हैं किसी को तो उसके प्रति मन में गुस्सा ज़्यादा देर तक नही टिक पाता. संभव ही नही है ये बात.
 
आशुतोष का गुस्सा शांत हुआ तो उसे अपर्णा की शिसकियों में मौजूद उस दर्द का अहसास हुआ जो उसने उसे दिया था.“हे भगवान मैने ये क्या किया? क्या कुछ नही कह दिया मैने अपर्णा को.” आशुतोष ने सोचा और तुरंत उठ कर अपर्णा के पास कर बैठ गया.
 
अपर्णा अभी भी सूबक रही थी. आशुतोष ने अपर्णा के सर पर हाथ रखा और बोला, “बस अपर्णा चुप हो जाओ.”
 
अपर्णा की दबी आवाज़ जैसे आज़ाद हो गयी और वो फूट-फूट कर रोने लगी. आशुतोष घबरा गया उस यू रोते देख.
 
अपर्णा प्लीज़ऐसे रोता है क्या कोई….प्लीज़ चुप हो जाओ मेरा दिल बैठा जा रहा है तुम्हे यू रोते देख कर.” आशुतोष ने भावुक आवाज़ में कहा.
 
क्यों आए हो मेरे पास तुम. ना मैं प्यार के लायक हूँ ना शादी के लायक हूँ.”
 
प्लीज़ ऐसा मत कहो तुम तो भगवान की तरह पूजा के लायक हो. मैने वो सब गुस्से में बोल दिया था. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. ”
 
गुस्से में दिल की बात ही तो कही ना तुमने. और सच ही कहा. मैं बिल्कुल लायक नही हूँ तुम्हारे प्यार के. अच्छा हो कि साइको मेरी आर्ट बना दे ताकि धरती से कुछ बोझ कम हो. मैं और नही जीना चाहती.”
 
अपर्णा! खबरदार जो ऐसी बात की तुमने.”
 
तो क्या करूँ मैं अगर ऐसा ना कहूँ तो. तुम मुझे नही समझते. मेरे दर्द और तकलीफ़ का अहसास तक नही तुम्हे. मेरे पास बस एक ही चीज़ के लिए आते हो जबकि बहुत सारी उम्मीदे लगाए रखती हूँ मैं तुमसे. मेरे लिए ये प्यार कुछ और है और तुम्हारे लिए कुछ और. मैं अकेली हूँ बिल्कुल अकेली जिसे कोई नही समझता. मैं धरती पर बोझ हूँ जिसे मर जाना चाहिए.”
 
अगर ऐसा है तो मैं मर जाता हूँ पहले. कहाँ है मेरी बंदूक.” आशुतोष उठ कर कमरे की आल्मिरा की तरफ बढ़ा. बंदूक वही रखी थी उसने घर में घुस कर.
 
ये सुनते ही अपर्णा थर-थर काँपने लगी. इंसान अपनी मौत के बारे में तो बड़ी आसानी से सोच सकता है मगर जिसे वो बहुत प्यार करता है उसकी मौत के ख्याल से भी काँप उठता है. अपर्णा फ़ौरन उठ खड़ी हुई. आशुतोष अंधेरे में कहाँ है उसके कुछ नज़र नही रहा था. उसने भाग कर कमरे की लाइट जलाई. तब तक आशुतोष पिस्टल निकाल चुका था आल्मिरा से और अपनी कनपटी पर रखने वाला था. अपर्णा बिना वक्त गवाए आशुतोष की तरफ भागी और बंदूक आशुतोष के सर से हटा दी. गोली दीवार में जा कर धँस गयी.
 
अपर्णा लिपट गयी आशुतोष से और रोते हुए बोली, “तुम्हे नही खो सकती आशुतोषबहुत कुछ खो चुकी हूँ…. तुम्हे नही खो सकती. मेरा कोई नही है तुम्हारे सिवा.”
 
तो सोचो क्या गुज़री होगी मेरे दिल पर जब तुम मरने की बात कर रही थी. दिल बैठ गया था मेरा. आज के बाद मरने की बात कही तुमने तो तुरंत गोली मार लूँगा खुद को. प्यार करता हूँ मैं तुमसे….कोई मज़ाक नही.”
 
दोनो एक दूसरे से लिपटे खड़े थे. दोनो की ही आँखे टपक रही थी.
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Heart 
आशुतोष मैं जानती हूँ तुम मुझे बहुत प्यार करते हो. पर ये प्यार मेरे शरीर पर ही आकर क्यों रुक गया है. मेरे शरीर में मेरा दिल भी है और मेरी आत्मा भी. मुझे तुम्हारी बहुत ज़रूरत है आशुतोषमैं बहुत अकेला फील करती हूँ. तुम मेरे पास आकर बस मेरे शरीर को प्यार करके हट जाते हो. कभी मेरे अंदर भी झाँक कर देखो आशुतोष. इस सुंदर शरीर के अंदर एक अंधेरा भरा हुआ है जहा सिर्फ़ दर्द और तन्हाई के सिवा कुछ और नही है.”

 
अपर्णा तुम्हारी कसम खा कर कहता हूँ मेरा प्यार सिर्फ़ शारीरिक नही है. मैं तुम्हारा हर दर्द समझता हूँ.”
 
मम्मी-पापा की मौत के बाद घुट-घुट कर जी रही हूँ मैं. बिल्कुल भी मन नही लगता मेरा कही भी. रोज उनकी याद किसी ना किसी बहाने ही जाती है. फिर मैं खुद को गुनहगार मानती हूँ. मेरे कारण उन्हे इतनी बुरी मौत मिली. मेरे गम बाँट लिया करो आशुतोष कभी-कभीसिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद रखती हूँ. तुम भी निराश करोगे तो कहाँ जाउंगी मैं.”
 
तुम्हे मैने पहले भी बताया है कि 7 साल का था जब मेरे पेरेंट्स गुजर गये. खून के आँसू रोया था मैं. मौत का मतलब भी नही जानता था तब. जब मुझे बताया गया उनके बारे में तो यही लगा कि कही घूमने गये हैं. जानता हूँ तुम्हारे गम को और अच्छे से समझता भी हूँ. पर क्या हम इन गामो में ही डूबे रहेंगे. निकलो बाहर अपर्णा.”
 
मैने अपने पेरेंट्स को दुख के सिवा कुछ नही दिया. मेरी शादी बिखर जाने से बहुत दुखी थे वो. पर मेरा यकीन करो आशुतोष मैने कोशिश की थी रिस्ता निभाने की. पर उनकी हर रोज एक नयी डिमांड होती थी. शरम आती थी मुझे रोज-रोज अपने पापा से कुछ माँगते हुए. इतना कुछ लेकर भी उनका पेट नही भरता था. मैं सब कुछ छोड़ कर हमेशा के लिए अपने घर गयी. क्या मैने ये ग़लत किया था आशुतोष. क्या रिस्ते को हर हाल में निभाना चाहिए. पापा बहुत नाराज़ हुए थे मुझसे जब मैं सब कुछ छोड़ कर घर आई थी. काई दिन तक उन्होने बात तक नही की मुझसे. ये सब कुछ तुम्हे बताना चाहती हूँ और भी बहुत कुछ है दिल में जो तुमसे शेर करना चाहती हूँ. अगर तुम नही सुनोगे, मुझे नही समझोगे तो कहाँ जाउंगी मैं. अपने मन मंदिर में तुम्हे बैठा चुकी हूँ और किस से उम्मीद करूँ.”
 
सॉरी अपर्णाआय ऍम रियली सॉरी फॉर दट. मैं सच में बहुत कमीना हूँ. ये बात साबित हो गयी आज.”
 
अपर्णा ने आशुतोष के मुँह पर हाथ रख दिया और बोली, “बस खुद को कुछ मत कहो. तुम्हारे खिलाफ एक शब्द भी नही सुन सकती मैं. हां मैं खुद तुम्हे बहुत कुछ बोल देती हूँ गुस्से में. फिर बाद में बहुत पछताती भी हूँ.”
 
अच्छा ये बताओकपड़े उतार कर क्यों आई थी तुम मेरे पास?”
 
मैने सोचा जब तुम्हे मेरा शरीर ही चाहिए तो समर्पित कर देती हूँ खुद को तुम्हारे आगे. सोच रही थी कि शायद उसके बाद हम प्यार में और आगे बढ़ पाएँगे. ये शरीर तुम्हारा ही तो हैतुम्हे देने में हर्ज़ ही क्या है.”
 
अपर्णा हम एक दूसरे को अभी समझ नही पाए हैं इसलिए ये बातें हो रही हैं. देखना आगे से कोई भी शिकायत का मोका नही दूँगा तुम्हे. तुम्हारे हर दुख में साथ हूँ मैं अपर्णा. तुम अकेली नही हो. तुमने अपने पेरेंट्स को अब खोया हैमैने तो बचपन में ही खो दिया था. ये दर्द मेरे लिए इतना कामन और नॅचुरल है कि तुम्हारे दर्द को कभी समझ ही नही पाया. यही मेरी सबसे बड़ी भूल थी. मुझे माफ़ कर दो अपर्णा. आयेज से ऐसा नही होगा. चलो बिस्तर पर लेट कर आराम से बातें करते हैं.”
 
आशु आइ लव यू सो मच. मुझे उम्मीद थी कि तुम मेरी बात समझोगे. तुम्हारी आँखो में मैने वो इंसान देखा है जो मेरी हर बात समझता है. तुमसे प्यार यू ही नही कर लिया मैने. एक अच्छे इंसान की छवि देखी थी तुम्हारी आँखो में.”
 
मैं जितना भी कमीना सही पर बहुत प्यार करता हूँ तुम्हे. कुछ भी कर सकता हूँ तुम्हारे लिए. जितना खुश मैं अब हूँ इतना खुश जींदगी में कभी नही रहा. मम्मी पापा की मौत के बाद अब मैं जीना सीख रहा हूँ वरना तो खुद को यहाँ वहाँ घसीट रहा था. तुमने मेरी जींदगी को खूबसूरत बना दिया है अपर्णा इतना खूबसूरत कि मैं पागल हो गया हूँ. इस पागल पन में तुम्हारे साथ बहुत कुछ कर बैठायकीन मानो हर बात में मेरा प्यार ही था.”
 
आशुतोष थोड़ा कन्सर्वेटिव हूँ मैं. कही मेरा ये बिहेवियर तुम्हे मुझसे दूर तो नही कर देगा.”
 
पागल हो क्या. तुमसे तो किसी हाल में भी दूर नही जाने वाला. तुम तो मेरी जान होआशुतोष ने अपर्णा को ज़ोर से जाकड़ कर कहा.
 
तो थोड़ा कंट्रोल रखोगे ना अब तुम, आटीस्ट जब तक हमारी शादी नही हो जाती.”
 
यही पाप मुझसे नही होगा अपर्णा बाकी तुम कुछ भी माँग लो. दीवाना बन गया हूँ तुम्हाराचाहूं भी तो भी खुद को रोक नही सकता.”
 
उफ्फ मतलब बात वही की वही रही…”
 
बिल्कुल नहीअब से तुम्हारे दिल की धड़कनो को ध्यान से सुनूँगा. तुम्हारी म्रिग्नय्नि आँखो में ध्यान से देखूँगा. समझने की कोशिश करूँगा अपनी अपर्णा को. चेहरे पर कोई भी शिकन नही आने दूँगा. आँखो में आँसू आएँगे तो मैं उन्हे अमृत समझ कर पी लूँगा. तुम्हारे दुख और तकलीफ़ खुद खुद मेरी आत्मा तक पहुँच जाएँगे. सब कुछ करूँगा पर मेरा हक़ नही छोड़ सकता. आख़िर आशिक़ हूँ तुम्हारा तुम्हारे हुस्न से खेलने का हक़ बनता है मेरा…”
 
बहुत खूब मेरे दीवानेतुम तो प्यार की नयी मिसाल कायम करोगे शायद.”
 
बिल्कुल करूँगा. तुम साथ दोगि तो मिसाल कायम हो ही जाएगी.” आशुतोष ने हंसते हुए कहा.
 
फिर तो जंग रहेगी तुम्हारे मेरे बीच.” अपर्णा ने भी हंसते हुए कहा.
 
जंग तो शुरू से चल रही है हमारे बीच इसमे नया क्या है. लेकिन अब और मज़ा आएगा.”
 
चलो छोड़ो मुझे मैं अपने दुश्मन के गले लग कर क्यों रहूं.”
 
क्योंकि प्यार करती हैं आप मुझसे कोई मज़ाक नहीजंग में कई बार दुश्मन भी गले मिलते हैं.”
 
तुम सच में पागल हो आशुतोष.”
 
हां तुम्हारे प्यार में पागल हहेहहेचलो अब सोते हैं.” आशुतोष अपर्णा को लेकर बिस्तर की तरफ चल दिया.
 
मैं भला अपने दुश्मन के साथ क्यों लेतू.”
 
अभी जंग में विराम चल रहा हैसाथ लेट सकती हो कोई दिक्कत नही है.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान लिए आशुतोष के साथ बिस्तर पर गयी. आशुतोष ने लाइट बंद कर दी और अपर्णा को बाहों में भर लिया.
 
कब करोगी मुझसे शादी
 
मैं तो कल कर लूँगी पर डाइवोर्स नही हुआ अभी. वो होते ही कर लेंगे हम शादी.”
 
वैसे तुमने बहुत बड़ा जोखिम लिया था कपड़े उतार कर मेरे पास आने का.”
 
बहुत भावुक हो गयी थी आशु .. सॉरीदुबारा ऐसा नही होगा. मैं भी कम पागल नही हूँ तुम्हारे लिए. गुस्सा थी तुमसे बहुत ज़्यादा फिर भी तुम्हारे पास गयी थी वो भी कपड़े उतार कर.”
 
मैं भड़क जाता ना तो पछताती तुम बहुत. आज रात ही काम्सुत्र के सारे आसान आज़मा लेता तुम्हारे उपर फिर तुम्हे पता चलता कि मेरे पास कपड़े उतार कर आने का क्या मतलब होता है.”
 
डराओ मत मुझे तुम वरना शादी नही करूँगी तुमसे.”
 
मत करना शादीये प्यार काफ़ी है मेरे लिए तुम पर हक़ जताने के लिए. तुम्हे मन से पत्नी मान चुका हूँ.”
 
अब क्या कहूँ तुम्हेआइ लव यू. लेकिन अपनी जंग जारी रहेगीशादी से पहले कुछ नही हहेहहे.”
 
एक पप्पी तो दे दो फिलहाल उसमें तो कोई जंग नही है हमारे बीच. कोल्गेट तो कर ही रखा होगा तुमने.”
 
हां कोल्गेट तो कर रखा है.” बस इतना ही कहा अपर्णा ने.
 
आशुतोष आगे बढ़ा और अपने होंतों को अपर्णा के होंटो पर टिका दिया. अपर्णा ने आशुतोष के होंटो को अपने होंटो में जकड़ने में ज़रा भी देरी नही की. ये एक ऐसी किस थी जिसमे प्यार के साथ साथ एक अंडरस्टॅंडिंग भी शामिल थी. दोनो एक प्यारी सी जंग के लिए तैयार थे.
 
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Tongue 
अगली सुबह सिकन्दर गौरव की जगह जॉइन करने से पहले सीधा गौरव के घर पहुँच गया. गौरव ने गरम्जोशी से उसका स्वागत किया.

 
सरकार आपसे इस केस में मार्गदर्शन की आशा रखता हूँ. उम्मीद है कि आप मुझे इस केस के हर पहलू से अवगत करवाएँगे.” सिकन्दर ने कहा.
 
बिल्कुल मैं आपकी हर संभव मदद करूँगा. पहले आप ये बतायें कि इतनी दिलचस्पी क्यों थी आपको यहा आने की और इस केस को लेने की.”
 
वो सब छोड़िए सरकार. हर कोई किसी ना किसी काम में दिलचस्पी रखता है. हमें बस साइको को पकड़ने पर ध्यान रखना चाहिए.”
 
गौरव ने साइको के केस की सभी डीटेल्स सिकन्दर को बता दी.
 
सरकार इसका मतलब बात कर्नल के घर पर आकर अटक गयी है. आपको क्या लगता है ये सीसी कौन हो सकता है.” सिकन्दर ने पूछा.
 
कोई भी हो सकता है. आप भी हो सकते हैं.” गौरव ने मज़ाक में कहा.
 
सरकार मुझे तो पैंटिंग के नाम से ही डर लगता है. कॉलेज में एक आपल तक ठीक से नही बना पाता था. आपल बनाते बनाते भींडी की तस्वीर बन जाती थी.” सिकन्दर ने कहा.
 
ऐसा क्यों सरकार भींडी बहुत पसंद थी क्या आपको?” गौरव ने चुस्की ली.
 
छोड़िए सरकार अब क्या रखा है इन बातों में. चलता हूँ मैं और जाकर जॉइन करता हूँ. जब भी कोई शंका होगी आपसे कॉंटॅक्ट करूँगा.”
 
बिल्कुल बेझीजक मुझे कॉल कर लेना.” गौरव ने कहा.
 
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Heart 
Update 106

 
सुबह नींद में अपर्णा मीठी-मीठी आहें भर रही थी. उसे होश ही नही था कि जिसे वो सपना समझ रही है वो हक़ीक़त है. अपर्णा पीठ के बल पड़ी थी और आशुतोष उसकी तरफ करवट लिए उस से चिपक कर पड़ा था. उसका हाथ अपर्णा के उभार पर था और उसे हल्का हल्का मसल रहा था. इसी कारण अपर्णा आहें भर रही थी. आशुतोष अपर्णा की आहें सुन कर मध्यम-मध्यम मुस्कुरा रहा था. उभार को मसल्ते हुए उसने अपर्णा के कान में कहा, “उठ जाओ अपर्णा जंग शुरू हो चुकी है और लगता है तुम हार रही हो.”
 
अपर्णा की तुरंत आँख खुल गयी. उसने आशुतोष के हाथ को अपने उभार से हटाया और उठ कर बैठ गयी. अपर्णा दिल पर हाथ रख कर बोली, “तो ये सपना नही था?”
 
क्या सपना नही था अपर्णा हहेहहे…”
 
और क्या कुछ किया तुमने मेरे साथ नींद मेंअपर्णा ने पूछा.
 
कुछ और नही कर पाया बस अभी-अभी आँख खुली थीआपके सुंदर उभारो से जंग लड़ रहा था.”
 
अपर्णा का चेहरा लाल हो गया शरम से. अचानक उसका ध्यान दीवार घड़ी पर गया.
 
अरे 9 बज गयेहम इतनी देर तक सोते रहे.” अपर्णा ने कहा.
 
बहुत लेट सोए थे हमये तो होना ही था. चलिए आप फ्रेश हो जाओ मैं आपके लिए नाश्ता बनाता हूँ.”
 
तुम नाश्ता बनाओगेमज़ाक मत करो?”
 
जी हां मैं बनाओन्गा और आपसे अच्छा बनाओन्गा
 
नही आशु मेरे होते हुए ये सब करने की कोई ज़रूरत नही है तुम्हे.मैं खुद बनाओन्गिअभी फ्रेश हो कर आती हूँ.”
 
अपर्णा उठ कर वॉशरूम की तरफ चल दी.
 
हे रूको…” आशुतोष ने पीछे से आवाज़ दी.
 
हां बोलो.”
 
सॉरी फॉर एवेरितिंग.”
 
अपर्णा आशुतोष की तरफ मुस्कुरा दी और वॉशरूम में घुस गयी.
 
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Tongue 
Angel Angel

एक महीने से शहर में शांति है. साइको ने कोई नयी वारदात नही की है. गौरव और सौरभ ने इस दौरान कर्नल को तलाशने की खूब कोशिश की. वो दोनो देल्ही और मुंबई भी गये कर्नल के रालटिवेस से मिलने. मगर उन्हे कर्नल के बारे में कुछ पता नही चला. कर्नल के सभी रिलेटिव्स से सीसी के बारे में पूछा गया मगर वो सभी किसी सीसी को नही जानते थे.

 
एक दिन अचानक मोनिका ने आशुतोष को फोन करके बताया कि संजय घर लौट आया है. आशुतोष ने ये बात तुरंत गौरव को बताई. गौरव और सौरभ दोनो संजय से मिलने उसके घर गये. संजय ने बताया कि वो सिमरन की कार लेकर देल्ही चला गया था और कुछ दिन वही रहा.
 
आप अपनी बीवी को यहा अकेला छोड़ कर देल्ही चले गयेवेरी स्ट्रेंज. एक-दो दिन तो चलता है मगर इतने दिन कैसे आप अपनी बीवी को अकेला छोड़ सकते हैं.” सौरभ ने कहा.
 
उस से आपको कोई मतलब नही होना चाहिएये मेरा पर्सनल मामला है. ” संजय ने कहा.
 
गौरव और सौरभ बिना किसी ठोस जानकारी के घर से बाहर गये.
 
मेरा सस्पेंशन नही हुआ होता तो साले के मुँह में बंदूक घुसा कर पूछता कि बता कैसे हुआ ये तेरा पर्सनल मामला.” गौरव ने कहा.
 
कोई बात नही अब ये वापिस गया है तो इस पर हम कड़ी नज़र रखेंगे.” सौरभ ने कहा.
 
यार सौरभ ये सीसी का फुल फॉर्म क्या हो सकता है.”
 
कुत्ते कमिने हो सकता हैकाला कव्वा हो सकता हैहोने को कुछ भी हो सकता है.”
 
यही तो दिक्कत है. साला क्लू मिला भी तो ऐसा कि कुछ समझ में नही आता की क्या करें. ये सीसी सुरिंदर को भी जानता था और कर्नल को भी. तुम्हे क्या लगता है क्या सुरिंदर और कर्नल भी एक दूसरे को जानते थे.” गौरव ने कहा.
 
ऐसा कुछ मिला नही जिस से ये कह सकें कि सुरिंदर और कर्नल एक दूसरे को जानते थे.”
 
साइको कोई शुराग नही छोड़ता अपने बारे में. उसने सुरिंदर को मार दिया था. मोस्ट प्रॉबब्ली उसने कर्नल को भी मार दिया है वरना वो कही तो मिलना चाहिए था. वो ऐसे कैसे गायब हो सकता है.”
 
मुझे भी यही लगता है. साइको ने कर्नल से उसका घर हथिया कर उसे जान से मार दिया होगा. और शायद उसकी लाश को कही गाढ दिया होगा. कोई ऐसे ही बिना मतलब दुनिया से गायब नही हो जाता, कुछ तो कारण ज़रूर रहता है.”
 
सही कह रहे हो. अच्छा सौरभ मुझे तुरंत घर जाना है. तुकझे बताया था ना आज शादी में जाना है.”
 
हां बताया था पर तुझे वहां इन्वाइट नही किया गया है.”
 
यार रीमा के लिए जाना ही पड़ेगा मुझे. प्यार बेसक नही हुआ उस से पर हम अच्छे दोस्त तो बन ही गये थे. सूभकामना देने तो जाना ही चाहिए.”
 
बेसक जाओ गौरव. पर चौहान से बच कर रहना.”
 
शादी के माहौल में वो ज़्यादा पंगा नही करेगा और वैसे भी मैं बस रीमा को एक बार देख कर और उसे विस करके वापिस जाउन्गा.”
 
तुम्हारी मेडम भी होंगी वहां ज़रा ध्यान रखना कही कोई ग़लत फ़हमी हो जाए.”
 
मेडम को पता है सब कुछ.”
 
हां पर खुद अपनी आँखो से देखने से दिल पर चोट लगती है. वैसे शादी डेले क्यों हो गयी रीमा की.” सौरभ ने कहा.
 
लड़के वालो ने थोड़ा वक्त माँगा था शायद. आय ऍम नोट शुवर.” गौरव ने कहा.
 
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 “ह्म्म ठीक है तुम निकलो मैं भी निकलता हूँ. पूजा को कॉलेज से पिक करना है. हमारा आज बाहर डिन्नर का प्रोग्राम है.” सौरभ ने कहा.

 
सौरभ टाइम से पूजा के कॉलेज पहुँच गया. कॉलेज से लड़कियों की भीड़ बाहर रही थी. मगर सौरभ को पूजा कही नज़र नही रही थी.
 
कम ऑन जान कहा रह गयी तुमजल्दी आओहमें खूब एंजाय करना है आज.”
 
मगर कॉलेज के गेट से सभी बाहर गये पर पूजा नही आई. वॉचमेन ने गेट बंद कर दिया. सौरभ ने वॉचमेन से पूछा, “कोई लड़की अंदर तो नही रह गयी.”
 
नही मैं चेक करके आया हूँ. सब जा चुके हैं.”
 
ऐसा कैसे हो गया मैं तो बाहर ही खड़ा था.”
 
सौरभ ने श्रद्धा को फोन मिलाया.
 
हेलो श्रद्धापूजा घर पहुँच गयी क्या?”
 
नही वो तो नही आई अब तकक्यों क्या हुआ सब ठीक तो है.”
 
मैं बाद में बात करता हूँअभी थोड़ा बिज़ी हूँ.”
 
सौरभ को टेन्षन होने लगी कि पूजा कहा गयी.
 
कहाँ गयी होगी मेरी जान. ऐसे तो कभी कही नही जाती. उसे पता भी था कि मैं उसे लेने आउन्गा.”
 
सौरभ सोच में पड़ गया.
 
तभी अचानक उसे ख्याल आया कि कही पूजा को साइको ने तो किडनॅप नही कर लिया. ये ख्याल आते ही उसकी रूह काँप उठी. पूजा से बहुत प्यार करता था सौरभ उसके लिए कोई भी बुरी बात नही सोच सकता था.
 
सौरभ ने गौरव को फोन मिलाया और उसे सारी बात बता दी.
 
अगर पूजा को साइको ने किडनॅप किया है तो वो ज़रूर तुझसे कॉंटॅक्ट करेगा. तू ऐसा कर अपने घर जा. हो सकता है वहाँ उसने कोई मेसेज छोड़ा हो तेरे लिए.”
 
यार मेरे हाथ पाँव काम नही कर रहे. पूजा को कुछ हो गया तो मैं कही का नही रहूँगा.”
 
समझ सकता हूँ सौरभ. तुम ऐसा करो अपने घर पहुँचो. मैं भी वही पहुँचता हूँ.” गौरव ने कहा.
 
सौरभ तुरंत बायक स्टार्ट करके अपने घर की तरफ चल दिया. घर पहुँच कर जैसे ही उसने अपना दरवाजा खोला उसे दरवाजे के पास एक काग़ज़ पड़ा मिला उस पर कुछ लिखा था. सौरभ ने उसे उठाया और पढ़ने लगा.
 
मिस्टर सौरभ, कैसे हो तुम. तुमने मुझे बहुत परेशान किया है. मगर अब मेरी बारी है. कब से तुम्हारे लिए एक प्लान ढूंड रहा था. समझ में नही रहा था कि कैसी मौत दी जाए तुम्हे. तुम पर नज़र रखी तो पता चला कि तुम एक लड़की पर फिदा हो. मेरा काम आसान हो गया.पूजा मेरे कब्ज़े में है. बिल्कुल नंगी पड़ी है मेरे सामने. वैसे मैं अपने विक्टिम से सेक्स नही करता पर तुम्हारी पूजा ने तो खड़ा कर दिया मेरा लंड. बला की खूबसूरत है साली. मन कर रहा है इसकी लेने का. ले लूँ क्या हाहहहाहा. मेरे दूसरे लेटर का इंतेज़ार करना. और हां अपने दोस्त गौरव से बोलना कि रीमा की शादी में ज़रूर जाए. वहां उसके लिए कुछ ख़ास करने वाला हूँ मैं हिहिहीही.”
 
सौरभ की आँखे गुस्से से लाल हो गयी. “तुझे वो मौत दूँगा मैं कि तेरी रूह काँप उठेगी साले कुत्ते कमिने साइको.” सौरभ चिल्लाया.
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Update 107

 
जब गौरव सौरभ के घर पहुँचा वो बेड पर सर पकड़ कर बैठा था. गौरव को देख कर सौरभ ने कहा, “जिसका डर था वही बात हुईकमिने ने मेरी पूजा को उठा लिया.”
 
कैसे पता चला तुम्हे ये?” गौरव ने पूछा.
 
सौरभ ने वो काग़ज़ गौरव की तरफ बढ़ा दिया, “जब मैं घर में घुसा तो दरवाजे के पास पड़ा था ये.”
 
गौरव ने वो काग़ज़ पढ़ा तो उसके चेहरे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई.
 
सौरभ गुजर चुका हूँ इस सब से मैं. लेकिन ऐसे सर पकड़ कर बैठने से फायदा नही होगा. जितना मैं उसे जान पाया हूँ, अभी वो उसको कुछ नही करेगा. सेकेंड लेटर का वेट करते हैं.”
 
मैं मर जाऊगा यार अगर मेरी पूजा को कुछ हुआ तो. मेरी जिंदगी है वो.”
 
कुछ नही होने देंगे हम उसे तुम हॉंसला रखो. अभी वक्त है हमारे पास. उसने मुझे रीमा की शादी में बुलाया है. इसका मतलब वो वहाँ आएगा. बहुत अच्छा मौका है सौरभ उसे पकड़ने का. वो हाथ गया तो पूजा भी मिल जाएगी. चलो वक्त यू मूह लटका कर बैठने का नही है. हमें उसे सबक सिखाना है. वो हर बार अपनी बेहूदा गेम खेल कर नही निकल सकता.
 
तो क्या मैं भी तुम्हारे साथ रीमा की शादी में चलूं.”
 
हां बिल्कुलतेरे बिना बात कैसे बनेगी यारचल उठ.”
 
पर उसने दूसरे लेटर का वेट करने को बोला है. मैं कैसे जा सकता हूँ.”
 
यहाँ किसी और को छोड़ देते हैं. रुक एक मिनिट मैं भोलू को बोलता हूँ कि वो यहाँ रुक जाए. वो लेटर डालने वाले पर नज़र भी रखेगा.” गौरव ने कहा.
 
हां ये ठीक रहेगा?”
 
चल फिर अपनी पिस्टल उठा आज हमें साइको का शिकार करना है.”
 
गौरव ने फोन करके भोलू को सौरभ के घर बुला लिया और उसे वही छोड़ कर रीमा की शादी में शामिल होने के लिए निकल दिए.
 
आशुतोष को भी सतर्क कर दूं इस बारे मेंगौरव ने कहा.
 
हां बिल्कुल
 
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Wink 
गौरव ने आशुतोष को फोन मिलाया. रिंगटोन जाती रही पर आशुतोष ने फोन नही उठाया. फिर उसने अपर्णा का फोन ट्राइ किया. अपर्णा ने भी फोन नही उठाया.

 
बिज़ी होंगे दोनो शायद किसी काम में.” गौरव ने कहा.
 
हां नया नया प्यार हुआ है दोनो को. बिज़ी तो रहेंगे ही.”
 
गौरव के पास अपर्णा के घर पर तैनात एक कॉन्स्टेबल का नंबर था उसने वो ट्राइ किया.
 
आशु से बात कर्वाओ मेरी.”
 
सर वो तो यहाँ नही हैं. कोई 2 घंटे पहले मेडम को लेकर निकले थे अभी तक लौटे नही.”
 
ये लड़का भी नागौरव ने इरिटेशन में कहा.
 
क्या हुआ?”
 
अपर्णा को लेकर गया हुआ है आशुतोष कही. शायद कही घूम रहे होंगे दोनो. इतना बड़ा ख़तरा मोल लेने की क्या ज़रूरत है. क्या थोड़ा वेट नही कर सकते दोनो.”
 
कल दोनो की बहुत लड़ाई हुई थीकिसी बात पर. अपर्णा नाराज़ हो गयी थी आशुतोष से. शायद उसे मना-ने के लिए कही घुमाने ले गया होगा.”
 
वो तो ठीक है घूमते-घूमते साइको मिल गया तो. हर वक्त नज़र रखता है वो हम लोगो पर. पूरी प्लॅनिंग से काम करता है. मैने समझाया भी था उसे पर मेरी कोई सुने तब ना.” गौरव ने कहा.
 
गौरव एक बात सुनो.” सौरभ ने कहा.
 
हां बोलो.”
 
हम भेष बदल कर जायें वहाँ तो ज़्यादा अच्छा है. क्या कहते हो.”
 
हां आइडिया बुरा नही हैलेकिन टाइम कम है हमारे पास.”
 
मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ जो मिंटो में हमारा हुलिया बदल देगा.”
 
चल फिर देर किस बात की है….”
 
गौरव और सौरभ नकली दाढ़ी मूछ लगा कर पहुँचे शादी में.
 
तुम्हे क्या लगता है साइको क्या करने की सोच रहा है यहाँ.” गौरव ने कहा.
 
भाई बुरा मत मान-ना पर मेरा पूरा ध्यान पूजा पर लगा हुआ है. बहुत कोशिश कर रहा हूँ पर….”
 
देख सौरभ हम पूजा के लिए ही आए हैं यहाँ. अगर यू खोए रहोगे तो कुछ भी नही कर पाओगे अपनी पूजा के लिए. अपना पूरा ध्यान यहाँ रखो.”
 
वो तो ठीक है यारमेरी जान किस हाल में होगी सोच कर ही रूह काँप रही है मेरी. वो बहुत डरती है गौरव. बहुत डरती है वो. नही सह पाएगी इतना कुछनही सह पाएगी.” सौरभ बहुत एमोशनल हो रहा था. ये सावभाविक भी था.
 
सब समझ रहा हूँ भाईतू ऐसे करेगा तो मेरी भी हिम्मत जवाब दे जाएगी. संभाल खुद को. वो इंतेज़ार कर रही होगी तेरा कि तू कुछ करेगा.”
 
मुझे पता है तभी तो एमोशनल हो रहा हूँ. अगर कुछ कर नही पाया तो मेरा प्यार उस साइको के आगे हार जाएगा.”
 
ऐसा कुछ नही होगा. उम्मीद का दामन आख़िर तक नही छोड़ना चाहिए. वक्त चाहे कितना भी बुरा जाए हमें उम्मीद रखनी चाहिए. वक्त कब करवट लेगा हम कह नही सकते.”
 
सॉरी यार. बहुत ज़्यादा एमोशनल हूँ पूजा के लिए मैं. इसलिए ऐसी बाते कर रहा हूँ. अब ठीक हूँ. चल देखते हैं क्या करने वाला है ये साइको. इस से पहले की वो अपनी गेम में कामयाब हो हमें उसे पकड़ना होगा.”
 
ये हुई ना बात.”
 
अभी तो यहाँ शांति लग रही है. हमें हर व्यक्ति पर कड़ी नज़र रखनी होगी.”
 
मुझे एक बात समझ में नही आई. यहाँ मेरे लिए क्या ख़ास करेगा वो.”
 
तेरी मेडम रही है ना यहाँ…”
 
बस यार सुभ सुभ बोल. बड़ी मुश्किल से बची थी पिछली बार वो साइको के जाल से.”
 
देखा नही होता ना बर्दास्त. अब पता चला कि क्या बीत रही है मेरे दिल पर.”
 
वो पहले से समझा हुआ हूँ….एक मिनिट.”
 
क्या हुआ?”
 
मेडम से मिल कर आता हूँ.”
 
अरे वो तुम्हे नही पहचानेगी?”
 
देखा जाएगा तू यही रुक.”
 
गौरव अंकिता की तरफ बढ़ा. वो पिंक सारी में थी और एक दूसरी लेडी से बात कर रही थी.
 
अंकिता के पास आकर गौरव ने कहा, “एक्सक्यूस मी मेडम, आपसे ज़रूरी बात करनी है.”
 
डू आइ नो यू?”
 
शायद.” गौरव ने कहा.
 
गेट लॉस्ट फ्रॉम हियर. तुम्हे पता नही मैं कौन हूँ और क्या कर सकती हूँ.” अंकिता को लगा कि उसे छेड़ा जा रहा है.
 
एस पी साहिबा हैं आप और मुझे जैल में डाल सकती हैं. लेकिन फिर भी जोखिम लेने को तैयार हूँ. प्लीज़ थोडा सा इधर आकर मेरी बात सुन लीजिए.” गौरव थोड़ी आवाज़ बदल कर बोल रहा था इसलिए अंकिता उसे पहचान नही पाई. लेकिन वो उसके साथ एक कोने में गयी.
 
हां बोलो क्या बात है.”
 
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Heart 
 “अपने दिल की बात बोल क्यों नही देती आप उसे.”

 
एक्सक्यूस मी….क्या बकवास है ये.”
 
गौरव को बोल देना चाहिए आपको सब कुछ.”
 
आइ हटे हिम. कैसे कहु उसे ये कड़वा सच.”
 
क्या कहा आपको नफ़रत है गौरव से.” गौरव अब अपनी आवाज़ में बोल पड़ा.
 
जी हां बहुत ज़्यादा नफ़रत है. आपको क्यों तकलीफ़ हो रही है इस बात से.”
 
ही हेट्स यू टू.” गौरव कह कर चल दिया.
 
गौरव रूको
 
तो आपने मुझे पहचान लिया.”
 
तुम्हारी आँखो से तुम्हे भीड़ में भी पहचान सकती हूँ.”
 
मेडम साइको यहाँ कोई गेम खेलने वाला है. उसने मुझे यहाँ बुलाया है. मेरे दोस्त सौरभ की गर्ल फ्रेंड को अगवा कर लिया है उसने. वो वापिस गया है और अब लगता है बहुत कुछ करने के मूड में है. आप यहाँ से चली जाओ.”
 
वैसे मैं कुछ ही देर में जाने वाली थी पर अब तो बिल्कुल नही जाऊगी मैं कही.”
 
मेडम आप यहाँ रहेंगी तो मेरा ध्यान आप पर रहेगा.”
 
तुम्हे छोड़ कर नही जाऊगी गौरव. मुझे लाइयबिलिटी मत समझो तुम. एस पी हूँ मैं ऐसे रिस्क लेना मेरी ड्यूटी है.”
 
हां आप एस पी हैं और मैं इनस्पेक्टर जो सस्पेंड हो चुका है. मेरी बात क्यों मानेगी आप.”
 
कैसी बात करते हो गौरव. वो सब अपनी जगह है और तुम्हारा मेरा रिश्ता अपनी जगह है.”
 
मेरा और आपका रिश्ता? बस थोड़ा सा और आगे बढ़िए और बोल दीजिए आज अपने दिल की बात.”
 
चलो-चलो अपना रास्ता देखो.”
 
मेडम प्लीज़ यहाँ से चली जाओमुझे कुछ अजीब होने की आशंका हो रही है. उसने मुझे यहाँ बुलाया है. हो सकता है वो मुझे परेशान करने के लिए आपको टारगेट करे. मुझे डर लग रहा है.”
 
क्यों डरते हो मेरे लिए.”
 
पता है आपको.”
 
तुम मुझे तो कहते रहते हो कि बोल दोबोल दो. खुद तो तुमने अब तक नही कहा कुछ.”
 
मेरी औकात ही क्या है आपके सामने. कही ठुकरा ना दिया जाऊडरता हूँ इस बात से
 
इसमे औकात की बात कहाँ से गयी. जाओ तुम मुझे तुमसे कोई बात नही करनी.”
 
सॉरी मेडम.”
 
सॉरी की कोई ज़रूरत नही है. तुम जाओ यहाँ से.”
 
ठीक है मैं जाता हूँ. आप अपना ख्याल रखना. मुझे साइको को ढूँढना है. इस से पहले की वो कुछ करे मुझे उसे पकड़ना है.”
 
गौरव कह कर चल दिया.

रूको…” अंकिता चल कर उसके पास आई और बोली, “तुम भी अपना ख्याल रखना.”
 
ओके…” गौरव मुस्कुरा कर आगे बढ़ गया.
 
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Update 108

 
गौरव वापिस सौरभ के पास गया.
 
कुछ दीखा ऐसा वैसा कुछ.” गौरव ने कहा
 
इतने सारे लोग हैं यहाँ. सब पर कैसे फोकस करें.” सौरभ ने कहा.
 
मेरे लिए रीमा की शादी में ख़ास क्या हो सकता है?” गौरव सोच में पड़ गया.
 
कही वो रीमा की आर्ट तो नही बना रहा.”
 
तेरी का तो मैने सोचा ही नही. चल देखते हैं कि रीमा कहाँ है.” गौरव ने कहा.
 
दोनो भाग कर पूछते हुए उस जगह पहुँचे जहा रीमा को शादी के लिए तैयार किया जा रहा था.
 
एक्सक्यूस मी रीमा कहा है.” गौरव ने एक लेडी से पूछा.
 
वो ज़रा फ्रेश होने गयी है. जयमाला के लिए अभी टाइम है. आप चिंता ना करें वो टाइम से पहुँच जाएगी.”
 
कौन से कमरे में है वोगौरव ने पूछा.
 
जिसके सामने मैं खड़ी हूँ.”
 
गौरव ने तुरंत दरवाजा पीटना शुरू कर दिया. तब तक चौहान भी वहाँ पहुँच गया था.
 
हे कॉन हो तुम और ये दरवाजा क्यों पीट रहे हो.”
 
सर मैं गौरव हूँ. रीमा की जान को ख़तरा है.”
 
क्या बकवास कर रहे हो. दफ़ा हो जाओ यहाँ से.”
 
मगर गौरव ने चौहान की एक ना सुनी. उसने वो दरवाजे पर इतनी ज़ोर से धक्का मारा कि वो गिर गया. जब गौरव अंदर घुसा तो उसके रोंगटे खड़े हो गये. वो देख नही पाया अंदर का दृश्य.
 
कमरे में खून से लथपथ रीमा की नंगी लाश पड़ी थी. सर से लेकर पाँव तक वो खून के रंग में रंगी थी. कमरे के शीसे पर साइको कुछ लिख गया था. जिसे पढ़ कर किसी की भी रूह काँप जाएगी
 
मेरे हाथो से कोई बच जाता है तो मुझे बर्दास्त नही होता. लेकिन कोई एक बार बच सकता है दूसरी बार नही. दूसरी बार मेरा प्लान और भी ज़्यादा भयानक होता है. मिस्टर गौरव पांडेरीमा को लाल साडी की बजाए लाल खून से रंग दिया है मैने. रीमा की शादी मुबारक हो तुम्हे.”
 
गौरव खुद को थाम नही सका और रो पड़ा. चौहान तो बेहोश हो कर गिर गया वही.
 
सॉरी रीमाकुछ नही कर पाया तुम्हारे लिए. मैने आने में देर कर दी.”
 
सौरभ ने ध्यान दिया की कमरे कि खिड़की खुली पड़ी है.
 
गौरव वो मर्डर करके खिड़की से भागा है.” सौरभ ने कहा.
 
छोड़ेंगे नही साले को….आओ देखते हैंगौरव चिल्लाया.
 
दोनो खिड़की से कूद कर बाहर आते हैं. उन्हे एक साया भागता हुआ नज़र आता है.
 
गौरव और सौरभ दोनो उसके पीछे भागते हैं.
 
हे रुक जाओ वरना गोली मार दूँगा.” गौरव चिल्लाता है.
 
पर वो साया नही रुकता.
 
वो साया भागता हुआ किसी चीज़ से टकरा कर गिर जाता है और गौरव और सौरभ उसे दबोच लेते हैं.
 
अरे छोड़ो मुझे कॉन हो तुम लोग. इनस्पेक्टर सिकन्दर पर हाथ डालने का अंज़ाम बहुत बुरा होगा जान लो.”
 
गौरव ने सिकन्दर के सर पिस्टल रख दी और बोला, “क्या कर रहे थे तुम यहाँ और जब हम रुकने को बोल रहे थे तो रुके क्यों नही. जल्दी बोलो वरना भेजा उड़ा दूँगा. मेरा दिमाग़ घुमा हुआ है अभी.”
 
सिकन्दर का कोई बाल भी बांका नही कर सकता पांडे जी. पीछे हटिए बंदूक मेरे पास भी है.”
 
पहले तुम ये बताओ यहाँ कर क्या रहे थे.”
 
मैने किसी को खिड़की से कूद कर भागते देखा. उसी का पीछा कर रहा था मैं.”
 
झूठ बोल रहे हो तुम. हमने किसी को नही देखा तुम्हारे आगे. तुम अकेले ही भागे जा रहे थे.”
 
सिकन्दर वॉक्स अलोन इन दा डार्क बट आज मैं अंधेरे में किसी का पीछा कर रहा था. मेरा यकीन करो.”
 
गौरव ज़रूर कुछ गड़बड़ है. हमने किसी को भी नही देखा. बस ये अकेला भगा जा रहा था.” सौरभ ने गौरव के कान में कहा.
 
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Heart 
आशुतोष और अपर्णा अपने प्यार की खुमारी में खोए थे. उन्हे ज़रा भी अंदाज़ा नही था कि पूजा को किडनॅप कर लिया है साइको ने और रीमा को मार दिया है. दोनो दुनिया की हर बात से बेख़बर थे. आशुतोष अपर्णा को बाहर डिन्नर करवा कर आज फिर से अपने घर ले आया था.

 
पूरे एक महीने बाद वापिस आए हैं हम इस छोटे से घर में. हमारी जंग अभी भी जारी है.”
 
वो तो जारी रहेगी आशुतोषहार मान-ने वालो में से नही हूँ मैं.”
 
मैने भी जिंदगी में हारना नही सीखा. मैं जीतूँगा ज़रूर एक दिन. हो सकता है आज ही जीत जाऊ.”
 
कुछ भी हो आशुतोष. आइ लव यू फ्रॉम दा बॉटम ऑफ माय हार्ट.”
 
आइ लव यू टू बेबी. अगर ऐसा है तो आज हार मान लो तुमदूरी बर्दस्त नही हो रही तुमसे.”
 
एमोशनल करने की कोशिश कर रहे हो. खूब समझ रही हूँ मैं. कुछ भी कर लो शादी से पहले कुछ नही.”
 
उफ्फकब होगा डाइवोर्स तुम्हारा. मेरी तो जान पर बन आई है. कोई आशिक़ अपनी महबूबा के लिए इतना नही तडपा होगा जितना मैं तड़प्ता हूँ तुम्हारे लिए.”
 
धीरज रखो मेरे दीवाने. डाइवोर्स फाइल कर तो दिया है ना. थोड़ा वक्त तो लगता ही है इन बातों में
 
तड़प तड़प कर मर ना जाए ये दीवाना.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा आशुतोष से लिपट गयी और बोली, “ऐसे मत बोलो….आइ लव यू सो मच.”
 
आशुतोष ने अपर्णा के नितंबो को दोनो हाथो से थाम लिया और उसे ज़ोर से अपनी तरफ खींचा.
 
क्या कर रहे हो.”
 
जंग लड़ रहा हूँ और क्या….मेरा हथियार महसूस नही हो रहा क्या तुम्हे
 
उफ्फ फिर से शुरू हो गयेक्या करूँ तुम्हारा मैं.”
 
अच्छा बस एक बात मान लो मेरी.”
 
क्या?”
 
जैसे हम दोनो चुंबन लेते हैं होंटो से होठ मिला कर. कम से कम एक बार एक चुंबन तो ले लेने दो दोनो को.”
 
अपर्णा की साँसे तेज चलने लगी ये सुन कर.
 
प्लीज़ आशुतोष ऐसी बाते मत करो.”
 
पर सच कह रहा हूँआज बहुत तड़प रहा हूँ मैं. तुम इसे हवस कहो या कुछ औरपर मैं तुम में समा जाना चाहता हूँ आज.”
 
अपर्णा को आशुतोष का लंड ठीक अपनी चूत के उपर महसूस हो रहा था. आशुतोष की बातें और लंड की चुअन कुछ अजीब सा जादू कर रही थी अपर्णा पर. मगर वो फिर भी खुद को संभाले हुए थी.
 
आज कुछ ज़्यादा ही दीवाने लग रहे हो.”
 
सब तुम्हारे कारण है. क्या लग रही हो तुम आज.कसम से तुम्हे कचा चबाने का मन कर रहा है. वैसे एक बात कहूँ.”
 
हां बोलो.”
 
तुम्हारे नितंबो को थामे खड़ा हूँकुछ बोल नही रही आज तुम.”
 
ओह हां भूल गयी. हटाओ हाथ जल्दी.”
 
नही हटाउँगाकर लो जो करना है.”
 
उफ्फ आज तुम ख़तरनाक मूड में हो. मुझे डर लग रहा है तुमसे.”
 
डरना भी चाहिए हहहे.”
 
आशुतोष ने अपने हाथो से अपर्णा के नितंबो को मसनला शुरू कर दिया. अपर्णा की साँसे उखाड़ने लगी.
 
आशुतोष नही……आआअहहअपर्णा ने कहा और आशुतोष को धक्का दे कर उसकी बाहों से आज़ाद हो गयी.
 
क्या हुआ जानेमनइतना करीब तो हम रोज ही रहते हैं.”
 
आज बर्दास्त नही हो रही ये नज़दीकियाँ.”
 
मतलब आप जंग हार रही हैंवेरी गुड
 
हार नही मानूँगी मैं.”
 
ज़बरदस्ती मत करो अपने साथ अपर्णाकभी कभी खुद को आज़ाद छोड़ दिया करो.”
 
वाहवाह क्या शिक्षा दे रहे हो अपनी प्रेमिका को. अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कह सकते हो तुमअपर्णा कह कर वॉश रूम की तरफ चल दी.
 
कहाँ जा रही हो.”
 
नहाने जा रही हूँ
 
ये आग नहाने से नही बुझेगी. इस आग को बुझाने के लिए एक अलग ही पानी बनाया है भगवान ने. वो पानी मेरे पास है. फ्री ऑफ कॉस्ट तुम्हे देने के लिए तैयार हूँ.”
 
मुझे नही चाहिए…”
 
आशुतोष ने भाग कर अपर्णा को पीछे से दबोच लिया और उसकी गर्दन पर किस करके बोला, “एक बार ट्राइ तो करोसारी आग ठंडी हो जाएगी
 
मेरे अंदर कोई आग नही लगी. मैं तो वैसे ही नहाने जा रही थी. छोड़ो मुझे.”
 
आशुतोष के दाई तरफ एक छोटी सी टेबल थी. वो अपर्णा को खींच कर वहाँ ले आया और उसका नाडा खोने लगा.
 
आशुतोष नही प्लीज़…”
 
नही रोक सकता खुद को मैं अब. चाहे कुछ भी सज़ा देना मुझे बाद में परवाह नही मुझे. अब मैं ये जंग जीतने जा रहा हूँ.”
 
नही आशुतोष प्लीज़….”
 
नाडा खोल चुका था आशुतोष और हल्की से सलवार भी नीचे सरका चुका था. अपर्णा ने अपने दोनो हाथो से अपनी सलवार को अपने कुल्हो पर थाम लिया और अपना नाडा वापिस बंद करने की कोशिश करने लगी. आशुतोष ने अपर्णा की परवाह किए बगैर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और बोला, “नही रोक पाओगि इस तूफान को मान लो. खुद को आज़ाद छोड़ तो इन हवाओं मेंप्यार है ये कोई पाप नही.”
 
आशुतोष ने एक झटके में सलवार नीचे सरका दी अपर्णा की.
 
आशुतोष क्या अपनी अपर्णा की बात नही मानोगे तुम. प्लीज़ रुक जाओ.”
 
आशुतोष ने पॅंटी भी नीचे सरका दी और बोला, “प्लीज़ ऐसा मत कहोतुम जानती हो मैं रुक नही सकता.”
 
आशुतोष ने दोनो हाथो से अपर्णा के नग्न नितंबो को थाम लिया.
 
उफ्फ ये मखमली गान्ड….सच में तुम्हारा कोई मुक़ाबला नही अपर्णा. यू आर मोस्ट ब्यूटिफुल वुमन इन दा वर्ल्ड.”
 
अपर्णा कुछ भी बोलने की हालत में नही थी. कुछ अजीब सी मदहोशी छा रही थी उस पर. शायद सब आशुतोष के प्यार का असर था.
 
क्या हुआ अपर्णाकुछ करो यार ये जंग तुम हार रही हो.”
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Heart 
Update 109

 
तुम्हारी जीत में ही मेरी जीत है आशुतोष. आइ लव यू सो मच. तुम्हे तड़प्ता छोड़ कर मैं जीत भी गयी तो क्या मिल जाएगा मुझे. बहुत प्यार करती हूँ तुम्हे. कर लो जो करना है तुम्हे. बस मेरा विश्वास मत तोड़ना कभी. हमेशा साथ रहना मेरे.”
 
ओह अपर्णाआइ लव यू सो मच. नाओ फर्स्ट लेट देम किस. बहुत तरसे हैं दोनो एक दूसरे के लिए.”
 
आआहह आशुतोष तुम चुप नही रह सकते क्या?” आशुतोष की बातें कुछ अजीब सा असर कर रही थी अपर्णा पर.
 
आशुतोष ने अपने लंड को अपर्णा के चूत के दरवाजे पर रख दिया. अपर्णा के शरीर में मानो जैसे बिजली की लहर दौड़ गयी. वो थर थर काँपने लगी.
 
बहुत प्यारा चुंबन ले रहे हैं दोनोक्या तुम्हे फील हो रहा है ये चुंबन अपर्णा. मुझे तो मेरी आत्मा तक महसूस हो रहा है. ये अहसास जिंदगी भर नही भूलूंगा मैं.”
 
आहह आशुतोष तुम जीत गये और मैं हार गयी. लेकिन एक बात याद रखनासिर्फ़ तुम्हारे लिए हारी हूँ मैंखुद को थामना मुझे आता है.”
 
जानता हूँतभी तो इतना प्यार रहा है तुम पर. आइ लव यू बेबी. क्या मैं अब परवेश करूँ.”
 
मना करूँगी तो क्या रुक जाओगे.”
 
तुम बोल कर तो देखो.”
 
ठीक है फिर यही रुक जाओवैसे भी तुम पहले सिर्फ़ चुंबन के लिए बोल रहे थे.” अपर्णा ने हंसते हुए कहा.
 
लेकिन अगले ही पल अपर्णा की चीख गूँज उठी कमरे में. आशुतोष का भारी भरकम लंड 2 इंच अपर्णा की चूत में समा चुका था.
 
आआआअहह आशु शर्मौउउउउउउउउ धोकेबाजमक्कारअपर्णा कराहते हुए बोली.
 
ओह सॉरी पीछे हटने की बजाए आगे को पूस हो गया ग़लती से. आय ऍम रियली सॉरी फॉर दट.
 
अपर्णा अचानक लंड के परवेश के कारण छटपटा रही थी. टेबल पर बुक्स का ढेर था. एक के उपर एक रखी हुई थी. छटपटाहट में कुछ बुक्स ज़मीन पर गिर गयी. एक किताब में से कुछ तस्वीरे बाहर निकल आई. एक तस्वीर को देख कर अपर्णा सोच में पड़ गयी. मगर अगले ही पल वो फिर से चीखने पर मजबूर हो गयी. आशुतोष ने 2 इंच और सरका दिया था अपर्णा के अंदर.
 
ऊऊओह……. आशुतोष मेरी जान ले लोगे आज तुम. तुम्हारा प्यार बहुत दर्दनाक साबित हो रहा है…..आआअहह
 
आइ लव यू स्वीट हार्ट. ये दर्द का दौर जल्द गुजर जाएगाफिर धीरे धीरे मज़ा आएगा.”
 
एक मिनिट रुकोगे तुम.”
 
एनितिंग फॉर माय अपर्णा. बोलो क्या बात है.”
 
थोड़ी देर रूको बताती हूँ.”
 
अपर्णा ने उस तस्वीर को बड़े गौर से देखा. देखते देखते कब उसके चेहरे पर पसीने गये और रोंगटे खड़े हो गये उसे पता ही नही चला.
 
आशुतोष ये तस्वीर किसकी है?” अपर्णा ने ज़मीन पर पड़ी तस्वीर की तरफ इशारा किया.
 
ये तो श्रद्धा है. तुम मिल तो चुकी हो उसे. भूल गयी क्या?”
 
अरे श्रद्धा को कैसे भूल सकती हूँ मैं. उसकी तस्वीर के उपर जो तस्वीर है उसकी बात कर रही हूँ. कौन है ये.” अपर्णा की आवाज़ में डर और ख़ौफ़ साफ दीखाई दे रहा था.
 
बात क्या है अपर्णा. तुम डरी हुई सी क्यों लग रही हो.”
 
यही साइको है आशुतोषयही साइको है.” अपर्णा ने एक साँस में कहा.
 
आशुतोष के तो पैरो के नीचे से ज़मीन निकल गयी ये सुन कर.
 
क्या बोल रही हो होश में तो हो तुम. तुम तो कह रही थी कि याद नही तुम्हे अब उसका चेहरा.”
 
हां भूल गयी थी उसका चेहरा मैं. लेकिन ये तस्वीर देख कर फिर से याद गया. मेरा यकीन करो आशुतोष यही साइको है.”
 
आशुतोष ने एक ज़ोर का झटका मारा और अपने लंड को इस बार पूरा घुसा दिया अपर्णा की चूत में.फिर से दर्दनाक चीख गूँज उठी अपर्णा की कमरे में.
 
आआययईीीईईई….. आआअहह…..क्या कर रहे हो आशुतोषमैने इतनी इम्पोर्टेन्ट बात बताई तुम्हे और तुम बस इसमे खोए हो. आइ हेट यू.” अपर्णा ने गुस्से में कहा.
 
सॉरीपूरा डाल कर ही निकालना चाहता था बाहर.” आशुतोष ने अपने लंड को बाहर खींचते हुए कहा.
 
आआहह…” अपर्णा कराह उठी.
 
ये बात तुरंत गौरव सर को बतानी होगी.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा ने तुरंत अपनी पॅंटी और सलवार उपर खींच ली, “आहह ये प्यार दर्द देने वाला है बहुत.” अपर्णा कराहते हुए बोली.

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Tongue 
आशुतोष ने गौरव को फोन मिलाया. उस वक्त गौरव सिकन्दर पर बंदूक ताने खड़ा था. गौरव ने फोन उठाया.

 
हेलो आशुतोषकहा हो भाईकितने लापरवाह हो गये हो. फोन भी नही उठाते हो. हो कहाँ तुम
 
"सर फोन साइलेंट मोड पर था."
 
"ओके...क्यों फोन किया अब"
 
सर साइको का पता चल गया है.”
 
क्या?”
 
हां, अपर्णा ने उसे पहचान लिया है. उसे सब कुछ याद गया उसकी तस्वीर देख कर.?”
 
जल्दी बोलो कॉन है वो.”
 
आशुतोष ने जब साइको के बारे में बताया तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया. उसे विश्वास ही नही हुआ आशुतोष की बात पर.
 
अपर्णा को फोन देना.” गौरव ने कहा.
 
आशुतोष ने फोन अपर्णा को थमा दिया, “गौरव सर बात करना चाहते हैं.”
 
हां अपर्णा आशुतोष ने जो कहा क्या सही है वो सब.”
 
हां…100 पर्सेंट.”
 
ठीक है तुम दोनो वही रहो. कही जाना मत.” गौरव ने फोन काट दिया.
 
सरकार उठिएयू कैन नाओ वॉक अलोन इन दा डार्कहम चलते हैं.”
 
अजीब बात कर रहे हैं सरकार. वो जो कोई भी था वो तो निकल गया ना हाथ से.”
 
तो अच्छा है नानाओ योउ कैन फ्रीली वॉक अलोन हहहे.”
 
गौरव सिकन्दर को वही छोड़ कर सौरभ को लेकर वहाँ से चल दिया.
 
सौरभ तुम्हारी पूजा को कुछ नही होगा. साइको का पता चल गया है. अपर्णा ने उसे पहचान लिया है.”
 
सच कह रहे हो.”
 
हां एक दम सच. लेकिन हम उसे उसके तरीके से ही मारेंगे. चल साले के लिए एक आर्टिस्टिक मर्डर का प्लान बनाते हैं. पैंटिंग नही आती मुझे मगर मैं उसकी मौत की पैंटिंग ज़रूर बनाओन्गा. उल्टी सीधी जैसी भी बनेबनाओन्गा ज़रूर.”
 
कॉन है वो मुझे बता तो सही.”
 
गौरव ने सौरभ को साइको की पहचान बता दी. सौरभ भी हैरान रह गया सुन कर.
 
गौरव ने अपनी दाढ़ी मूछ निकाल कर एक तरफ फेंक दी. सौरभ मैं मेडम से मिल कर आता हूँ. तुम यही रूको.
 
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Heart 
गौरव को अपनी और आते देख अंकिता एक तरफ को गयी लोगो की भीड़ को छोड़ कर

 
दाढ़ी मूछ क्यों उतार दी.” अंकिता ने पूछा.
 
जिस काम के लिए यहाँ आया था वो हो गया इसलिए उतार दी.”
 
क्या मतलब?”
 
साइको का पता चल गया मेडम.”
 
क्या! कॉन है वो?”
 
अपने एसपी साहिब.”
 
व्हाटतुम होश में तो हो.”
 
जी हां पूरे होश में हूँ.अपर्णा ने पहचान ली उसकी फोटो. अब उनका मायाजाल समझ में आया. खुद को हॉस्पिटल में भरती करवा दिया उसने. ताकि किसी का भी शक ना जाए उस पर. फिर अपर्णा के घर पर हमला हुआ. हम सब हैरान थे की आख़िर साइको सिर्फ़ पैंटिंग रख कर क्यों चला गया. ये सब हमें भटकाने के लिए था. एसपी साहिब को डर था कि कही उस पर किसी का शक ना जाए इसलिए ये मायाजाल बुन कर खुद को शक के दायरे से हटा लेना चाहता था वो. मुझे पूरा यकीन है कि हॉस्पिटल में नकली इलाज हुआ होगा उसका. डॉक्टर उसकी जान पहचान का था. ज़बरदस्ती आइक्यू में रहा वो हमें बेवकूफ़ बनाने के लिए.”
 
विश्वास नही हो रहा मुझे ये सुन कर. पोलीस के इतने बड़े ऑफीसर जिन पर की लोगो की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हैलोगो को मारते फिर रहे हैं.”
 
आपको अभी ये नही पता कि यहाँ क्या किया उसने. जिसकी शादी में आप आई हैं उसे मार दिया हमारे एसपी साहिब ने.”
 
ओह माय गॉड
 
उसे उसी के तरीके से मारेंगे मेडम. वो एक आर्टिस्टिक मर्डर डिज़र्व करता है. हम उसे इस तरह से मारेंगे कि उसे गर्व होगा कि वो हमारे हाथो मारा गया.”
 
मैं तुम्हारे साथ हूँ.”
 
एक बात कहनी थी आपसे.” गौरव ने कहा.
 
हां बोलो.”
 
गौरव ने अंकिता का हाथ पकड़ा और उसे भीड़ से दूर तन्हाई में ले आया.
 
क्या कर रहे होवहाँ नही बोल सकते थे क्या?”
 
गौरव ने अंकिता को दीवार से सटा दिया और उसके बहुत करीब कर बोला, “क्या आप प्यार करती हैं मुझसे.”
 
मुझे नही पता.” अंकिता ने टालने की कोशिश की
 
इतने करीब खड़े थे वो दीवार के सहारे की दोनो की साँसे टकरा रही थी आपस में.
 
लेकिन मुझे पता है कि मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ.” गौरव ने कहा.
 
अंकिता खामोश रही. गौरव ने अंकिता के होंटो पर अपने होठ टीकाने की कोशिश की तो उसने अपना चेहरा घुमा लिया. गौरव ने अंकिता के कंधे पर सर रख दिया और दो आँसू टपक गये उसकी आँखो से.
 
इसलिए झीजक रहा था अपने दिल की बात बोलने से. ठुकरा दिया ना मेरा प्यार…” गौरव ने भावुक आवाज़ में कहा.
 
मेरे पापा ने मेरे लिए लड़का ढूंड लिया है गौरव. उन्हे मना नही कर पा रही हूँ मैं.” अंकिता ने कहा.
 
गौरव अंकिता से दूर हट गया और बोला, “कोई बात नही मेडम. मैं बस साइको के पीछे जाने से पहले अपने दिल की बात कहना चाहता था. क्योंकि जिंदगी का कोई भरोसा नही है. आप ने मेरी बात प्यार से सुन ली वही बहुत है मेरे लिए. गॉड ब्लेस्स यू.”
 
गौरव मुझे साथ नही ले जाओगे.”
 
मुश्किल से आपके घाव भरे हैं. बहुत दीनो बाद आप बिस्तर से उठी हैं. अभी बस 2-3 दिन ही तो हुए हैं. आप घर जाओ और आराम करो.”
 
नही गौरव मैं चलूंगी तुम्हारे साथ. मुझे अपनी ड्यूटी भी तो करनी है.”
 
अभी जॉइन नही किया है आपने. आपको मेरी कसम हैघर जाओ आप. मेरी इतनी सी बात तो मान लो. ख़ुशी होगी मुझे. बाकी आपकी मर्ज़ी है. एस पी साहिबा हैं आप. हम कों होते हैं आपको कुछ कहने वाले.”
 
दो आँसू टपक गये अंकिता की आँखो से.
 
अपना ख्याल रखना गौरव.”

गौरव जाते जाते मुड़ा और बोला, “आपके बहुत नज़दीक पहुँच गया था आज. ये रात कभी नही भूलूंगा मैं. पूर्णिमा का चाँद चमक रहा है उपर. बहुत सुन्दर दीख रहा है आज वो. लेकिन एक चाँद ज़मीन पर भी है. वो भी बहुत सुंदर दीख रहा है आज. उसके बहुत करीब पहुँच गया था मैं. साँसे टकरा रही थी हमारी. चूम लेना चाहता था अपने चाँद को. पर मेरा चाँद मुझसे रूठ गया. मूह फेर लिया उसने. भूला नही पाउन्गा इस चाँदनी रात को. अपने चाँद के नज़दीक आकर बहुत दूर हो गया मैं.जब-जब ऐसी रात आएगीमुझे तेरी याद आएगी. खुश रहें आप हमेशा यही दुवा है. मेरी उमर आपको लग जाए. चलता हूँ अबघर चली जानायहाँ मत रुकना.”

 
गौरव कह कर चल दिया.
 
अंकिता थाम नही पाई खुद को और रो पड़ी, “पता नही क्यों हो रहा है ऐसा मेरे साथ. पापा को बताया भी कि मुझे गौरव पसंद है पर वो सुन-ने को तैयार ही नही. उन्हे तो मुझे आइएएस के घर ही भेजना है. इतना पढ़ लिख कर, इतनी बड़ी ऑफीसर बन कर भी कोई कंट्रोल नही मेरा अपनी जिंदगी पर. सच ही कहा है किसी ने, नारी कुछ भी कर ले मगर अपनी औकात नही बदल सकती समाज में. उसकी किस्मत का फ़ैसला फिर भी दूसरे ही करते हैं.”
 
गौरव दिल में गम लिए चल पड़ा था अंकिता को वहाँ छोड़ कर. आँखे इतनी नम हो गयी थी की कभी भी ज़ोर शोर से बरस सकती थी. अपना गम तो वो जानता था पर उसे ये नही पता था कि वो अंकिता को रोते हुए छोड़ आया है अपने पीछे. प्यार हो तो जाता है दो दिलो को पर कभी कभी हालात ऐसे होते हैं की प्यार को ज़बरदस्ती दबा देना पड़ता है दिल के किसी कोने में. ऐसा ही कुछ गौरव और अंकिता के साथ हो रहा था.
 
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Update 110


 
सौरभ ने जब गौरव को देखा ऐसी हालत में तो बोला, “क्या हुआ भाईसब ठीक तो है.”
 
भाई बस कुछ पूछो मत मुझसे अभीकुछ भी नही बता पाउन्गा मैं.”
 
समझ रहा हूँ कुछ-कुछ
 
छोड़ ये सबअपनी पूरी टीम को इकट्ठा करना होगा हमें.”
 
ऐसा करते हैं आशुतोष के घर चलते हैं. वही बुला लेते हैं सब को.”
 
ठीक है.”
 
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कुछ देर बाद आशुतोष के छोटे से कमरे में पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा होती है.

 
साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नही है. एसपी साहिब के घर पर काफ़ी सुरक्षा इंतज़ाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नही है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज़्यादा वक्त भी नही है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान ख़तरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” गौरव ने कहा.
 
लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” सौरभ ने कहा.
 
गौरव ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.
 
यार गौरव बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहाँ गया तो उसे शक हो जाएगा.”
 
ये काम ऋतू बहुत अच्छे ढंग से कर सकती हैगौरव ने कहा.
 
ये सुनते ही ऋतू चोंक गयी. “ क्या?”
 
हां ऋतू इस वक्त तुम्ही हमारी होप हो
 
यार हम पोलीस को इन्वॉल्व क्यों नही करतेये कोई बच्चो का खेल नही है.”
 
पोलीस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जैल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”
 
मुझसे ये नही होगामैं वहाँ जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इस चक्कर में.” ऋतू ने कहा.
 
तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फ़ौरन हरकत में गये. आशुतोष,गौरव और सौरभ ने अपनी अपनी पिस्टल निकाल ली.
 
कौन हो सकता है?”
 
वैसे मैने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”
 
मैं देखता हूँ सर की कौन है.” आशुतोष ने कहा.
 
आशुतोष….ध्यान से.” अपर्णा ने कहा.
 
शूकर है अपर्णा कुछ तो बोली. आशुतोष तो छा गया.” सौरभ ने चुस्की ली.
 
गुरु…” आशुतोष ने सौरभ की तरफ अपर्णा को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.
 
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