30-12-2019, 11:34 AM
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Adultery मेहमान बेईमान
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30-12-2019, 07:17 PM
मेरी योनि से बहता हुआ पानी धीरे धीरे करके बहता हुआ मेरी झांघो तक आ गया..
आअहह……. साहिब… मार डालोगे क्या.. आराम से करो.. मेम्साब कही जाग ना जाए… अरे वो आराम से सो रही है.. सोने दे उसके चक्कर मे तू अपने मज़े क्यू खराब कर रही है.. और तू ये मुझे साहिब कहना बंद कर दे.. मेरा नाम पीनू है मुझे पीनू कह कर बुला या अमित कह कर कर ये साहिब मत कह.. अब अमित उसके उरोज को छ्चोड़ कर थोड़ा सा नीचे को खिसक गया ओर उसकी दोनो टाँगो के बीच मे आ कर बैठ गया.. वो उसके जिस्म पर खिसकता हुआ नीचे की तरफ गया था जिस कारण मुझे उसका लिंग नही दिखाई दिया.. उसका मुँह खिड़की की तरफ ही था.. मैं इस बात का पूरा ध्यान रख रही थी कि कही वो मुझे देख ना ले.. पर मुझे उसका लिंग देखे का बड़ा मन कर रहा था.. क्यूकी रूपा ने जैसा आवाज़ करते हुए कहा था कि साहिब तुम्हारा तो बोहोत बड़ा है, इस लिए मैं देखना चाहती थी कि उसका लंड कितना बड़ा है.. लंड शब्द मेरे दिमाग़ मे रूपा की बात सुन सुन कर आया था.. पर उन दोनो के मुँह से लंड-चूत सुन-सुन कर मुझे मज़ा आने लगा था.. वो उसकी टाँगो के बीच मे आकर उसकी दोनो टाँगो को उसके घुटनो से मोड़ कर उसके मुँह की तरफ कर दिया.. ओर उसकी योनि को देखने लग गया.. थोड़ी देर देखने के बाद उसने अपने एक हाथ को उसकी योनि के उपर ले कर फिराना शुरू कर दिया.. रूपा अपनी योनि पर अमित का हाथ महसूस करते ही बुरी तरह से मचल उठी.. ऑर ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया मुँह से निकालने लगी.. सस्स्स्स्स्शह…….उूउउम्म्म्म………..आआअहह…………… उसकी निकलने वाली तेज तेज सांसो की आवाज़ मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी.. अंदर का सीन देख कर मेरी खुद की हालत बिगड़ती जा रही थी.. मेरा पूरा गला सूखा जा रहा था.. ऑर दोनो पैर बुरी तरह से कांप-कपा रहे थे.. मुझे अपने दोनो पैरो के बीच बोहोत कमज़ोरी महसूस होने लगी थी.. इतनी उत्तेजित तो मैं आज तक मनीष के साथ सेक्स करते हुए नही हुई थी जितनी अंदर का सीन देख कर हो गयी थी.. इसी उत्तेजना के कारण कब मेरी योनि ने अपना पानी बहा दिया.. पानी छ्चोड़ते हुए मैने अपनी दोनो आँखे बंद कर ली थी ऑर खिड़की के डोर को कस कर पकड़ ल्लिया था, मेरी योनि से निकले पानी के कारण जो मेरी जाँघो पर लगा हुआ था, मुझे बड़ा अजीब सा फील हो रहा था.. मैं पानी छूट जाने से थोड़ा लड़खड़ा गयी जिस कारण खिड़की का दरवाजा बंद हो गया.. खिड़की का दरवाजा बंद होने की आवाज़ से मैने अपने आप को संभाला ऑर फुर्ती के साथ खिड़की से दूर हो गयी.. खिड़की से हट कर कुछ देर बाद जब मैने दोबारा खिड़की के अंदर झाँक कर देखा तो अमित ने उसकी दोनो टांगे हवा मे उठा रखी थी ऑर उसकी योनि पर अपना मुँह लगा रखा था… पिनुउऊुउउ…स्शह…. आआआआआआआअहह…….. ओर ज़ोर सीईईई… ओर ज़ोर सीईईई चतो खा जऊऊ इसेसीईई … ये तुम्हारी है…. चबा दू…. रुकना मात्त्तटटतत्त… अमित बिल्कुल डॉगी स्टाइल मे जैसे डॉगी चाट’ता है…(मैने घर के बाहर एक-दो बार कुत्ते-कुतिया को देखा है.. ) ठीक वैसे ही रूपा की योनि को चाट रहा था.. ओर रूपा भी पूरी मस्ती के साथ अपने दोनो हाथो से उसके सर को पकड़ कर अपनी योनि पर दबाए चले जा रही थी.. अमित को इस तरह देख कर मुझे ज़रा भी नही लगा कि उसने मुझे देख लिया होगा.. क्यूकी जिस तरह से रूपा के साथ लगा हुआ था उसे देख कर तो लग रहा था कि उसने दरवाजे की तरफ ध्यान ही नही दिया.. अमित को रूपा की योनि चाट’ता हुआ देख कर मेरे मन मे आया…. छ्चीईई कितना गंदा आदमी है वाहा भी कोई मुँह लगाने की जगह है ? थोड़ी देर मे मे रूपा की सिसकारिया भरी आवाज़े ऑर भी तेज़ी के साथ आनी शुरू हो गयी, ऑर उसका पूरा बंदन अकड़ना शुरू हो गया.. उसने अमित का सर पकड़ कर अपनी योनि पर कस कर दबा लिया ओर ज़ोर ज़ोर से पिनुउऊुुुुउउ मैंन्न्न् गाययययययययययीीईईई करते हुए शांत हो गयी.. अमित जब उसकी दोनो टाँगो के बीच मे से उठ कर खड़ा हुआ ऑर मेरी नज़र उसके लिंग पर गयी तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.. अमित का लिंग, लिंग नही लंड या लॉडा वर्ड ही एक दम सही है.. करीब 8” के आस-पास का था.. उसका तना हुआ लिंग देख कर मैं हैरत मे पड़ गयी कि क्या सच मे लिंग इतना बड़ा ओर मोटा भी हो सकता है, जैसा इस अमित का है.. उसने अपने दोनो हाथ रूपा के दोनो उरोज पर जमा दिए..
30-12-2019, 07:19 PM
रूपा एक बात कहु निशा भाभी की बस एक बार मिल जाए कसम से मज़ा आ जाए.. कह कर उसने ज़ोर ज़ोर से उसके दोनो मम्मो को मसलना शुरू कर दिया..
साहिब.. धीरे बोलो कही मेम्साब आप की बात ना सुन ले.. रूपा ने लेट कर मस्ती भरे अंदाज मे अमित के बालो मे हाथ फिराते हुए कहा.. अरे सुन लेने दे उन्हे भी तो पता चले कि कोई है जो उनकी चूत के दीदार का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.. कहते हुए उसने बैठे बैठे ही अपने एक हाथ मे अपना लिंग ले लिया ओर लिंग की खाल को जैसे ही पीछे किया उसका रेड कलर का सूपड़ा सामने आ गया.. वो अपने लिंग पर इस तारह से हाथ फिरा रहा था जैसे उसने मुझे देख लिया हो ओर मुझे ही अपना लिंग दिखा रहा हो.. थोड़ी देर ओर उसने के मम्मो को मसला ओर रूपा को बैठा दिया ओर अपने लिंग को उसके मुँह की तरफ ले जाने लगा.. मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा था कि रूपा उसके लिंग को अपने मुँह मे ले रही है.. खिड़की पर खड़े हुए मैं सब देख रही थी मुझे समझ मे नही आ रहा था की ये दोनो इतनी गंदी तरह से सेक्स कैसे कर रहे है.. रूपा की पीठ मेरी आँखो के आगे आ जाने के कारण अब मुझे केवल अमित का फेस ही दिखाई पड़ रहा था.. थोड़ी देर रूपा ने उसके लिंग को अपने मुँह मे लेकर चूसा ऑर फिर वापस सीधे हो कर लेट गयी.. अमित अब दोबारा उसकी टाँगो के बीच मे आ गया ओर उसकी दोनो टाँगो को उसकी छाती से मोड़ कर उसने अपने लिंग को हाथ मे लेकर हिलाया, वो इस तरह से हरकत कर रहा था जैसे की मुझे जानबूझ कर दिखा रहा हो.. अपने लिंग को हिलाते हुए उसने अपने लिंग को रूपा की योनि पर रख दिया.. उसने जैसे ही अपने लिंग को रूपा की योनि पर रखा मेरा दिल फुल स्पीड के साथ धड़कने लग गया.. मेरे दिमाग़ मे यही ख़याल आ रहा था कि क्या रूपा इस लिंग को अपनी योनि के उस छ्होटे से छेद मे ले पाएगी ? क्या ये लिंग सच मे योनि के अंदर जाएगा.. ऑर हर बार मेरा दिमाग़ मुझे ना मे आन्सर देता.. अमित ने अपने लिंग को योनि पर टीकाया ओर सीधे अपनी नज़र सामने खिड़की पर जहा पर मैं खड़ी हुई थी देखने लग गया.. मुझे उसके यूँ इस तरह खिड़की पर देखने की उम्मीद नही थी इस लिए मैं पूरी तरह से खिड़की पर आ कर उनका गंदा खेल देख रही थी.. एक पल के लिए हम दोनो की नज़र एक दूसरे से टकराई ओर उसने मेरी तरफ देख कर वही गंदी सी स्माइल पास कर दी.. अमित को अपनी तरफ देख कर मेरी हालत खराब हो गयी.. मेरा मन बुरी तरह से डर की चपेट मे आ गया.. समझ मे नही आ रहा था कि क्या करू क्या नही.. अभी मैं कुछ ओर सोचती इस से पहली ही रूपा की दर्द भरी आवाज़ ने मेरा ध्यान तोड़ दिया.. आआआआआआआआहह……………. मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र् र्ररर…… गाइिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई…….. बाहर निकालूऊऊऊ….. मैं मर गाइिईईईईईईईईईईईई…. रूपा दर्द से बुरी तरह तड़प रही थी उसने बिस्तर की चादर अपने दोनो हाथो से कस कर पकड़ रखी थी ऑर अपनी आँखे बंद कर ली थी.. मेरी नज़र जब रूपा से हट कर वापिस अमित पर गयी तो वैसे ही मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था.. उसके चेहरे पर वो हँसी देख कर मेरा खून खोल उठा.. मुझे देखते हुए ही वो थोड़ा पीछे की तरफ हुआ ऑर वापस एक धक्का लगा दिया.. रूपा फिर दर्द से कराह उठी.. वो धक्के रूपा की योनि मे लगा रहा था पर एक तक देखे मेरी तरफ जा रहा था.. मुझे भी पता नही उस वक़्त क्या हो गया था जो मैं वाहा से नही हटी थी.. थोड़ी ही देर मे रूपा की चीन्खे कम हो गयी ओर वो मज़े से सिसकारिया निकालने लग गयी.. रूपा के मुँह से चीखे ऑर उसकी सिसकारिया सुन कर मेरी योनि ने ना चाहते हुए भी फिर से रिसना शुरू कर दिया था.. मुझसे अब ओर बर्दाश्त नही हो रहा था मैं वाहा से हट कर अपने कमरे मे आ गयी ऑर अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया
31-12-2019, 09:57 AM
31-12-2019, 10:55 AM
31-12-2019, 03:30 PM
Superb
31-12-2019, 11:58 PM
मस्त कहानी। लगता है मनीष के पहले पिनु का लेने वाली है।
01-01-2020, 09:57 AM
keep rocking
01-01-2020, 10:28 AM
कमरे मे आकर मैने अपने बिस्तर पर चारो खाने चित हो कर लेट गयी ओर अपनी आँखे बंद कर ली.. मेरा दिल बोहोत जोरो से धड़क रहा था..मेरे पूरा माथे पर पसीना आ गया था.. ऑर योनि पूरी तरह से गीली हो कर बराबर रिसाव कर रही थी..
ये मेरी जिंदगी मे पहली बार हुआ था कि मैने किसी को इस तरह से देखा था.. मनीष ने कयि बार ब्लू फिल्म चलाई पर उन फिल्म को देखने का मेरा ज़रा भी मन नही होता था इन्फेक्ट मुझे ब्लू फिल्म या पॉर्न स्टोरी बोहोत गंदी लगती थी.. आज जो कुछ भी मैने अपने घर मे अपनी आँखो के सामने देखा उसे देख कर तो मेरी हालत बोहोत खराब हो गयी थी.. दोनो टाँगो के बीच योनि रस की चिप-चिपाहट अलग मुझे उत्तेजित किए जा रही थी.. थोड़ी ही देर मे मैने अपनी आँखे खोली ओर मेरी नज़र जब सामने लगे ड्रेसिंग टेबल पर लगे मिरर पर गयी तो.. कमरे के अंदर ट्यूब लाइट की सफेद रोशनी पूरी तरह से फैली हुई थी ऑर लाल रंग की साडी मे मेरा रूप अगर कोई मुझे देखता तो ऐसा लगता की जैसे गुलाब का फूल खिला हुआ हो.. मैं अपने बेड से उठ कर मिरर के सामने जा कर खड़ी हो गयी ऑर खुद को शीसे मे निहारने लग गयी.. मैने शीशे के आगे खड़े हो कर अपना हाथ अपने कंधे पे रखा ऑर अपनी साडी का पल्लू सरका दिया.. दूसरे ही पल शीशे मे खुद को देख कर मेरी आँखे अपने आप शर्म से झुक गयी.. आज पहली बार मैने शीशे मे खुद को इस नज़र से देखा था.. क्यूकी उस समय मेरे दिमाग़ मे अमित के कहे शब्द गूँज रहे थे कि निशा भाभी क्या माल है क्या दिखती है वो, यही सब सोच कर मैं शीशे मे खुद को निहारने लग गयी.. इस नज़र से तो मैने अपने आप को तब भी नही देखा था जब मनीष ने मुझे शीशे के आगे तैयार होते हुए कयि बार कहा कि निशा आज तो तुम बोहोत ही क़यामत लग रही हो.. लाल रंग का ब्लाउस ओर उस मे क़ैद मेरे दोनो उरोज ऑर उसके नीचे मेरी गोरे रंग की नाभि, उन्हे देख कर मेरे होंठो पर अपने आप ही मुस्कुराहट आ गयी.. मैने एक बार फिर से शीशे मे अपने दोनो उरोज को देखा.. मेरे दोनो उरोज ऐसे लग रहे थे जैसे दो हिमालय पर्वत गर्व के साथ अपना सर उठाए खड़े हुए हो.. अपने उरोज देखते ही रूपा के दोनो नंगे उरोज मेरी आँखो के आगे आ गये ओर मैं अपने उरोज की तुलना उसके उरोजो से करने लगी, जिसमे मैने खुद को ही विन्नर पाया.. अपने दोनो उरोजो को रूपा से बड़ा ऑर गोलाई लिए शेप देख कर मेरे चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी.. मैने अपना एक हाथ अपने नंगे पेट पर फिराते हुए अपने दाई तरफ के उरोज पे रखा तो मेरी आँखे अपने आप ही बंद होने लग गयी, ओर मेरा दाया हाथ मेरे उरोज पर दबाता चला गया.. उस दिन पहली बार मैने अपने आप को इस अंदाज मे च्छुआ था ऑर उन्हे छुते ही मुझे जैसा महसूस हुआ मेरे अंदर जो रोमांच पैदा हुआ वैसा रोमांच तो मनीष के च्छूनें ऑर दबाने ऑर मुँह मे लेकर चूसने से भी नही आया था.. उस वक़्त ना जाने कों सा नशा मेरे उपर सवार हो गया था.. मेरा दाया हाथ मेरे उरोज पर दवाब धीरे धीरे बढ़ाने लग गया.. वो नशा मुझ पर इस कदर हावी होता चला गया कि मैने अपने ब्लाउस के बेटॅनो को खोलना शुरू कर दिया.. शादी के इतने सालो बाद भी मुझे सेक्स का नशा इतना नही चढ़ा था जितना उस वक़्त चढ़ गया था.. एक एक करके मैने अपने ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए ओर उसे उतार कर बेड पर फेंक दिया.. ब्लॅक कलर की ब्रा के अंदर मेरे दोनो मोटे मोटे उरोज जैसे उस वक़्त खुद मुझ पर ही कहर बरसा रहे थे.. ब्रा मेरी छाती पर एक दम कसा हुआ था जिसकी वजह से आधे मेरे दोनो उरोज आधे से ज़्यादा बाहर निकल कर आ रहे थे.. शीसे मे खुद को देख कर फिर मेरे चेहरे पर गर्वान्वित मुस्कान आई.. रूपा के उरोज मुझसे छ्होटे थे ऑर साँवले भी थे जबकि मेरे उरोज उस से बड़े ऑर दूध की तरह गोरे रखे हुए थे.. मैने अपने दोनो हाथो से अपने दोनो उरोज को एक बार कस कर दबाया ऑर फिर अपने दोनो हाथ पीछे अपनी पीठ पर ले जा कर ब्रा का हुक खोल दिया.. अपने हाथ का स्पर्श अपनी पीठ पर पड़ते ही फिर से मेरे पूरे बदन मे रोमांच की एक लहर सी दौड़ गयी ऑर मेरे दोनो घुटनो मे कंपन होना शुरू हो गया.. ब्रा का हुक खुलते ही मेरे दोनो उरोज खुल कर मेरे सामने आ गये.. अपने उरोजो को देख कर एक तरफ इस तरह से देख कर मुझे शर्म आ रही थी पर दूसरी तरफ मुझे गर्व भी हो रहा था कि मेरे उरोज रूपा से बड़े ऑर सुंदर है.. मैने अपने दोनो उरोजो को अपने हाथो मे भर लिया ओर उन्हे हल्के हल्के दबाने लग गयी.. अपने हाथो से उरोजो को हल्का हल्का दबाते ही मेरे मुँह से एक ठंडी आह निकल गयी.. जिस कारण मेरी टाँगो के बीच मेरी योनि ने ऑर भी तेज़ी के साथ बहना शुरू कर दिया था.. अपनी टाँगो के बीच नमी का अहसास होते ही मेरा ध्यान अपने शरीर के नीचले हिस्से की तरफ गया.. रोमांच के सागर मे गोते लगाने ऑर योनि के लगातार बहने के कारण मेरी दोनो टांगे एक दूसरे से चिपक
01-01-2020, 10:30 AM
रोमांच के सागर मे गोते लगाने ऑर योनि के लगातार बहने के कारण मेरी दोनो टांगे एक दूसरे से चिपक सी गयी थी.. दोनो टाँगो के बीच मे पकड़ ऐसी थी कि मेरी योनि से उठने वाली चाहत को वो अंदर ही बाँध कर रखना चाहती हो.. यही सोच कर मेरे हाथो का दवाब मेरे उरोजो पर भी सख़्त होता चला गया..
मैने अपनी साड़ी को फॉरन अपने शरीर से अलग किया ऑर बेड के उपर फेंक दिया.. सारी को उतारने के बाद मैने धीरे धीरे अपने पेटिकोट को इस तरह से अपने जिस्म से अलग किया जैसे कोई बोहोत मुश्किल काम कर रही हू.. हल्के हाथ से मैने अपना पेटिकोट भी उतार कर बेड की तरफ उच्छाल कर फेंक दिया.. अब मेरे शरीर पर सिर्फ़ एक पिंक कलर की पॅंटी थी.. मैने जब पॅंटी मे शीशे के अंदर खुद को निहारा तो शरम से मेरे दोनो हाथ अपने आप मेरे चेहरे पर आ गये.. पॅंटी ने मेरी योनि को तो धंक लिया था पर उसके आजू बाजू जो हल्के हल्के बाल थे जिन्हे कुछ दिन पहले ही मनीष ने साफ किया था उगे हुए थे.. मुझे बाल सॉफ करने मे बड़ी गुदगुदी होती थी पर मनीष को योनि के उपर बाल ज़रा भी अच्छे नही लगते थे.. कल ही सेक्स करते समय उन्होने कहा था कि “निशा तुम्हारे बाल फिर से बड़े हो गये है कहो तो सॉफ कर दू” पर मैने घर मे अमित के होने का नाम ले कर मना कर दिया था.. जब मैने शीशे मे खुद को देखा तो मेरी आँखे एक दम गुलाबी हो गयी थी जैसी किसी शराबी की नशा करने के बाद हो जाती है, ठीक वैसी ही आँखे हो रही थी मेरी भी.. ऑर उसी नशे मे डूब कर मैने अपने जिस्म से अपनी पॅंटी को भी अलग कर दिया..
01-01-2020, 12:25 PM
bahut khub
01-01-2020, 01:58 PM
01-01-2020, 11:50 PM
jabardast......pighal rahi hai.........choot
02-01-2020, 12:40 AM
जबरदस्त एवं सूंदर योवन का चित्रण।
02-01-2020, 01:44 AM
Super story Bhai
02-01-2020, 10:29 AM
02-01-2020, 02:44 PM
bahut khoob
02-01-2020, 05:23 PM
Shandaar !!
02-01-2020, 06:44 PM
बेड पर लेटे हुए मेरे दिमाग़ मे कयि सारे सवाल चले रहे थे. एक तरफ तो मुझे बोहोत आनंद की प्राप्ति का एहसास हो रहा था ऑर दूसरा मुझे अपने आप पर गुस्सा भी आ रहा था कि मैं ये सब क्या ऑर क्यू कर रही हू. क्या मैं भी उस देहाती अमित के जैसी गंदी हो गयी . ? क्यू मैने ये सब किया.
थोड़ी देर बाद जब मैने आँख खोल कर देखा तो खुद को इस हालत मे देख कर मुझे खुद पर बोहोत गुस्सा आया ऑर साथ ही उस अमित पर भी. मैं मन ही मन उसको कोसने लग गयी. उसकी हिम्मत कैसे हुई कि मेरे घर मे ये सब उल्टी सीधी हरकत करने की. यही सब सोचते हुए मैने जल्दी जल्दी से अपने कपड़े पहने जो मैने नशे की सी हालत मे इस तरह से उतार के फेंक दिए थे जैसे कि ये मेरे शरीर पर बोहोत बड़ा बोझ हो. मेरा गला पूरा सुख गया था ऑर मुझे पानी की प्यास लगी थी मैं अपने कमरे से निकल कर किचन मे पानी पीने के लिए चल दी. किचन मे आ कर मैने पानी पिया. पानी पीने के बाद मेरे दिमाग़ मे पता नही कहाँ से ये ख़याल आ गया कि अमित के कमरे मे एक बार ऑर देखना चाहिए कि वो क्या कर रहा है. फिर मेरे मन ने अपने आप ही जवाब दिया कि नही मुझे उस तरफ नही जाना चाहिए. क्यू नही जाना चाहिए मैं व्यस्क हू शादी शुदा हू. अगर मैने ये सब देख भी लिया तो कोई पाप तो नही कर दिया. मेरे दिमाग़ अपने ही आप सवाल जवाब पैदा होने लग गये. मेरा मन नही मान रहा था ये जाने बिना कि क्या वो अब भी अपने कमरे मे वो कर रहा है या उसने बंद कर दिया. यही सोच कर मैं दबे कदमो के साथ किचन से निकल कर अमित के कमरे की तरफ वापस चल दी. उसके कमरे के नज़दीक आते हुए मेरे जहाँ मे बार बार उसका मोटा लंबा लिंग दिखाई देने लगा. क्या लिंग इतना लंबा भी हो सकता है.? ऑर रूपा ने उसके पूरे लिंग को अपनी योनि के अंदर ले लिया. यही सब मेरे दिमाग़ मे बार बार चल रहा था. छी मैं ये सब क्या बेकार की बात सोच रही हू. ओर चाहे कुछ भी हो जाए मैं अब इस अमित को एक पल के लिए भी . नही रहने दूँगी. थोड़ी ही देर मे मैं वापस उस खिड़की के नज़दीक आ गयी थी. मैं खिड़की से अंदर की तरफ झाँकने ही वाली थी कि मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ सुनाई दी. मेरा पूरा बदन एक अंजाने डर से थरथरा गया. मैं जल्दी से वहाँ से हटी ऑर वापस किचन की तरफ चल दी. मैं जल्दी जल्दी अपने कदम बढ़ाते हुए किचन के अंदर आ गयी. तभी पीछे से वो भी किचन के अंदर आ गया. मैं उस से नज़रे नही मिला पा रही थी. मुझे डर लगने लग गया था कि कही ये कुछ कह ना दे. भाभी जी बोहोत प्यास लगी है एक ग्लास पानी मिलेगा ? उसने मुझे पीछे से आवाज़ देते हुए कहा. मैं किचन की स्लॅब से जैसे ही ग्लास उठाने के लिए आगे की तरफ झुकी मुझे फिर से ऐसा लगा कि उसने मेरे नितंब को हाथ लगा कर दबा दिया है. मेरा मन उसे उसकी इस हरकत पर गाली देने को कर रहा था, क्यूकी मेरे नितंब पर उसके हाथ लगाने से मेरे हाथ से ग्लास छूट कर नीचे गिर गया. मैं बुरी तरह से हड़बड़ा गयी थी ऑर जब उसकी तरफ घूरते हुए देखा तो उसने अपने मुँह पर ठीक उसी तरह से हाथ रख रखा था जिस तरह से खिड़की से मैने उसका लिंग देखने के बाद अपने मुँह पर हाथ रख रखा था. उसकी इस हरकत से तो मेरा खून ऑर भी बुरी तरह से खूल गया. उसने अपने मुँह से हाथ हटाया ओर वही गंदी सी हँसी अपने चेहरे पर ले कर मुस्कुराते हुए मुझे देखने लग गया. मैने उसे वापस ग्लास मे पानी दिया ऑर किचन से बाहर निकलने लगी. वो दरवाजे को आधे से ज़्यादा घेरे हुए खड़ा हुआ था जिस कारण मैने उसकी तरफ देखा ऑर इशारे से उसे रास्ते से हटने को कहा. उसने दरवाजे से हटने की जगह मुझे खाली ग्लास पकड़ा दिया. मैने ग्लास ले कर रख दिया ऑर बाहर निकलने लगी. तभी उसने मुझे पीछे से टोक दिया. भाभी जी आप को मज़ा आया कि नही ? उसने अपने चेहरे पर उसी गंदी हँसी के साथ मेरी तरफ देखते हुए कहा. मैं बिना कुछ बोले उसकी तरफ घूर कर देखा. वैसे भाभी जी आप से एक बात कहु आप हो बोहोत खूबसूरत. मनीष भैया ने सच मे बोहोत पुन्य करे होगे जो उन्हे आप जैसी लड़की मिली. |
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