27-12-2019, 06:13 PM
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"आ रही हो क्या"
"हां आ तो रही हूँ पर तुम्हारे घर के बाहर जो पोलीस वाले हैं उसका क्या"
"उनकी चिंता मत कर वो मेरी सुरक्षा के लिए हैं ना कि मज़ा खराब करने के लिए"
"कल रात तो मुझे अकेला छोड़ कर चले गये थे अब तुम्हे बेचैनी हो रही है"
"कल जाना ज़रूरी था तू नही समझेगी....तडपा मत जल्दी आजा अब"
"कल कितना अच्छा मोका था.....आज रात मेरे पति देव भी आ जाएँगे...पहली बार पूरी रात थी हमारे पास......तुमने सब गड़बड़ कर दिया"
"रात के 2 बजे पहुँचेगी उसकी ट्रेन...तब तक तो 2-3 बार कर लेंगे"
"अच्छा 2-3 बार नही बस एक बार करके में आ जाउंगी...मुझे मेरे पति की भी तो सेवा करनी है.....2-3 बार में तो थकजाउंगी मैं"
"अब आ भी जाओ मेरी प्यारी मोनिका....वरना बातो बातो में ही 2 बज जाएँगे"
"ठीक है मैं आ रही हूँ....पर ध्यान रखना मेरी इज़्ज़त का सवाल है...पोलीस वाले तो मुझे देखेंगे ही घर में आते हुए"
"तू चिंता मत कर मैं उन्हे संभाल लूँगा"
"ठीक है...मैं 15 मिनट में पहुँच रही हूँ"
"कैसे आओगी?"
"स्कूटी है ना"
"ठीक है जल्दी आओ" ये कह कर सुरिंदर फोन काट देता है.
सुरिंदर बाहर आता है और एक कॉन्स्टेबल से कहता है, "देखो भाई...मुझसे मिलने मेरा कोई गेस्ट आ रहा है"
"कौन आ रहा है?"
"उस से तुम्हे क्या?"
"देखो सब इनस्पेक्टर साहब का हुक्म है कि उनसे पूछे बिना कोई आपसे नही मिलेगा"
"अजीब बात कर रहे हो तुम भी.....मैं तो विटनेस बन के फँस गया....तभी तो कोई पोलीस के पचदे में नही पड़ना चाहता"
"क्यों महेंदर तू क्या कहता है....विजय सर से बात करूँ क्या"
"छोड़ ना रमेश....आने दे इसके गेस्ट को....क्या दिक्कत है"
मुझे क्यों दिक्कत होगी...कहीं विजय सर से ना डाँट पड़े"
"तुम्हारा गेस्ट स्टे तो नही करेगा ना?" महेंदर ने पूछा.
"नही-नही बस हाल चाल पूछ कर चला जाएगा मेरा गेस्ट"
"ह्म्म ठीक है फिर कोई दिक्कत नही" महेंदर ने कहा.
तभी घर के बाहर एक स्कूटी आ कर रुकी.
"क्या यही गेस्ट है तुम्हारी" रमेश ने मोनिका को देख कर कहा.
"हां" सुरिंदर ने जवाब दिया.
"पहले ही बता देते की गेस्ट एक महिला है तो हम इतना कुछ पूछते ही नही" रमेश ने कहा.
सुरिंदर ने रमेश की बात का कोई जवाब नही दिया. "आओ मोनिका...मैं तुम्हारा ही वेट कर रहा था"
मोनिका सुरिंदर के साथ अंदर आ गयी. अंदर आते ही सुरिंदर ने दरवाजा अच्छे से बंद कर लिया.
"उन पोलीस वालो के सामने मेरा नाम लेने की क्या ज़रूरत थी" मोनिका ने थोड़ा गुस्से में कहा.
"अचानक मूह से निकल गया......छोड़ ना ये सब"
"बिस्तर वैसे का वैसा पड़ा है जैसा मैं छोड़ कर गयी थी"
"तुम किस वक्त गयी थी"
"सुबह 6 बजे तक वेट किया तुम्हारा....थक हार कर जाना ही पड़ा"
"चिंता मत करो सारी कसर पूरी कर दूँगा अब" सुरिंदर ने मोनिका को बाहों में भर के कहा.
बाहर रमेश, महेंदर से कहता है, "लगता है गरमा गर्मी का सीन बनेगा अंदर....कुछ आइडिया लगा देखने का, टाइम पास हो जाएगा वैसे भी यहा खड़े खड़े बोर ही होना है"
"मैं खुद यही सोच रहा हूँ पर कोई राउंड पे आ गया तो दिक्कत हो जाएगी"
"देखी जाएगी यार....हम क्या यहा बोर होते रहेंगे"
"ठीक है चल फिर करते हैं कुछ"
घर के अंदर सुरिंदर और मोनिका बाहों में बाहें डाले खड़े थे.
"पोलीस वाले बड़ी गंदी नज़र से देख रहे थे मुझे" मोनिका ने कहा.
"उनकी क्या ग़लती है...तू चीज़ ही ऐसी है"
"अच्छा इसका कोई भी ऐरा ग़ैरा मुझे कैसे भी घुरेगा"
"छोड़ ना पोलीस वालो को...इनकी तो नज़रे ही गंदी होती हैं"
"वैसे तुम्हारी भी नज़रे कम गंदी नही हैं अभी...क्या देख रहे हो"
"तुम्हारे बूब्स पर टिकी हैं निगाहे ये...यू हॅव गॉट वेरी नाइस टिट्स"
"शुक्रिया जनाब....अब जब इनकी इतनी तारीफ़ कर रहे हो तो इनको थोड़ा प्यार दे दो"
"बिल्कुल जी बिल्कुल....अभी सक करता हूँ...निकालो इन्हे बाहर"
मोनिका अपने उपर के सभी कपड़े उतार देती है.
"हाई रे क्या चुचियाँ हैं काश हमे भी मिल जायें ये चूसने को" महेंदर ने रमेश से कहा.
"सच में...इतनी सेक्सी चुचियाँ मैने कभी नही देखी" रमेश ने कहा.
दोनो ने घर में झाँकने का इंतज़ाम कर ही लिया था.
सुरिंदर मोनिका के बूब्स को दोनो हाथो से मसल्ने लगता है
"आअहह....क्या तुम्हे अच्छे लगते हैं बूब्स मेरे"
"अच्छे....ये तो कयामत हैं....पोलीस वालो की कोई ग़लती नही है....इतने बड़े बड़े चुचो को कोई भी घुरेगा" सुरिंदर ने कहा.
महेंदर और रमेश उनकी बाते सुन कर मुस्कुरा रहे थे.