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उसकी इतनी शराफत असह्य थी, मैं कोई खुरदुरा, कठोर व्यवहार चाहती थी, मैं अपने प्रति गुस्से से भरी थी।
कलाकार ने जोर से धक्का दिया और मेरे कौमार्य पटल को फाड़ता जड़ तक घुस गया।
दर्द से मेरी चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
“रुकना मत!” मैंने दाँत पीसते हुए कहा। मेरा प्रेमी सामने खड़ा है।
कलाकार जैसे जागा और जोर जोर धक्के लगाने लगा। मैं दाँत पीसती दर्द से चिल्लाती रही और सुन सुनकर वह और जोर जोर ठोकता रहा।
मैंने चिल्लाकर ब्वायफ्रेंड से पूछा- तुमने मुझे बताया नहीं… क्या तुम मुझे प्यार करते हो?
मैं धक्कों में ऊपर नीचे हो रही थी, और पेड़ू पर थप थप जोर जोर बज रहा था।
कलाकार अब और नहीं थम सका, गुर्राता हुआ मेरे अंदर छूटने लगा- हुम्म… हुम्म… हुम्म…
‘थप थप थप…’ वीर्य की लहरें खून के साथ मिलकर सब तरफ लिथड़ने लगीं।
कुछ छींटे मेरे चेहरे पर आ पड़े।
पूरी ताकत से ठेल ठेलकर उसने अंतिम बूंद तक खाली किया और मेरे गर्भ-कलश को अपने बीज से भरकर बाहर निकल आया।
उसके लिंग पर गाढ़े लाल द्रव की मोटी लकीरें खिंची थीं। मेरे जीवन का पहला पुरुष अंग, मेरा उद्घाटन करने वाला।
मेरा प्रेमी भी उसे देख रहा था।
मेरी क्षत-विक्षत योनि से उड़ेल-उड़ेलकर लाल द्रव निकल रहा था। कुर्सी की सीट गंदी हो गई थी। मैंने रूमाल छेद पर दबा लिया। घाघरे को खींचकर पैरों को ढक लिया।
कलाकार बाथरूम की ओर प्रस्थान कर गया।
ब्वायफ्रेंड जैसे किसी आवेग से दौड़कर मेरे पास आया- ये क्या कर लिया?
“बड़े उतावले थे… कर लो तुम भी!”
“प्लीज, इतना इंसल्ट न करो।”
“अब बोलो ‘आय लव यू’!”
“प्लीज दीपिका!”
“मैंने इतना तुम्हारे लिए किया…!” भावावेग से मेरा गला रुंध गया।
“मुझे मालूम नहीं था कि तुम मेरे कहने का बदला इस तरह लोगी।”
“मैं अपनी जान भी ले लूंगी। मैंने क्या सोचा था, तुमने क्या किया ?
कलाकार बाहर आया, कपड़े पहने, पैंट कसी, उसके गालों पर मेरी योनि के प्रथम स्पर्श के स्वस्तिक कलश बड़े प्यारे लग रहे थे।
उस क्षण कलाकार मुझे बहुत अपना-सा लगा।
मैं उठी और बाथरूम चली गई।
घाघरा भीग गया था। दूसरा घाघरा नहीं था।
बाहर कमरे में गई तो देखा, मेरा ब्वायफ्रेंड कलाकार से कुछ बोल रहा था।
कलाकार ने मुझे देखकर कहा- मैडम, ये मुझे मेरी कलाकारी के पैसे चुकाना चाह रहा है। मैं आपकी इजाजत के बगैर पैसे कैसे ले सकता हूँ।
ब्वायफ्रेंड- प्लीज… मुझे देने दो!
कलाकार- मैंने कहा है कि मैं इस काम के पैसे तभी लूंगा, जब उसे पसंद किया जाएगा।
ब्वायफ्रेंड- मुझे यह कलाकारी बहुत पसंद आई है, और…
मैंने लज्जा से सिर झुका लिया।
पैसे अदा करके ब्वायफ्रेंड मेरी तरफ आया- थोड़ी देर रुकना।
वह जल्दी से नया घाघरा लेकर आया। मैंने आर्टिस्ट के स्वस्तिक-कलश छपे गालों को चूमा और ब्वायफ्रेंड के साथ बाहर निकल गई।
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आगे क्या हुआ वह सपने जैसा है।
उसने उस दिन पता नहीं कैसे… तुरत-फुरत एक बहुत ही खूबसूरत होटल का प्रबंध किया और मुझे वहाँ ले गया। दीपावली की वो रात हमने साथ मनाई, साथ फुलझड़ियाँ छोड़ीं। मेरी योनि का दीपक सचमुच प्यार के तेल से प्रज्वलित हो गया। देर रात जब अभी अमावस का अंधेरा दीपकों की रोशनी से दूर हो रहा था, मेरी योनि में एक नई सुबह का आगमन हो रहा था।मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे सारी रात जमकर भोगा था उसका स्टैमिना वाकई लाजवाब था मैं तो सारी रात हवा में उड़ती रही।अब मुझे पता चला मैं क्या मिस कर रही थी।मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे बहुत प्यार से चोदा था कोई जल्दबाजी नही बड़े आराम से।प्यार क्या होता है मैं आज जान गई थी।मेरे उसे चिट करने पर भी वह शांत रहा था।कलाकार से भी ज्यादा मजा मेरे बॉयफ्रेंड से आया था।
#
सबेरे जब मैं उठी तो बेड पर मैं अकेली थी मेरा बॉयफ्रेंड वहां नही था मुझे लगा वह बाथ रूम में होगा मैंने वहां देखा तो वहाँ भी नही था उसके कपड़े भी नही थे।
अब मैं घबरा गई मैंने उसको कॉल किया उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था सामने टेबल पर लेटर और नोटों की गड्डी रक्खी थी मैंने झट से उठाकर उसे पढ़ना स्टार्ट किया।उसमे लिखा था।
दीपिका
…मैंने अपनी जिंदगी में सिर्फ तुमसे प्यार किया किसी दूसरी लड़की की तरफ देखा भी नही जब की मुझे बहुत सी लड़कियो ने प्रपोज किया था। तुम्हारी कई सहेलियां मेरे साथ सोना चाहती थी।पर मैं अपना पहला सेक्स तुम्हारे साथ करना चाहता था।इसलिये जब तक तुम ना चाहो तुम्हे छुआ भी नही मैं तुम्हारे प्रति पूरा वफादार रहा तुम्हारी हर जिद पूरी की जब कोई, जिसे हम सिर्फ अपना मानते है, वह अगर किसी को अपना निजी अंग दिखा दे, तो किसी का भी असहज होना स्वाभाविक है, वही मैं भी हुआ, पर बाद में सोचने पर मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ, तो मैं पागलो की तरह तुम्हे कॉल करता रहा, पर तुम्हने कोई जवाब नही दिया, फिर तुम्हने मुझे वह सजा दी जिसका मैं हकदार नही था, तुम्हने अपने गुस्से में यह भी नही सोचा, कि मैंने कभी तुम्हारे साथ बुरा व्यवहार नही किया था, पर तुम मेरे सामने, अपने होने वाले पति के सामने, अपना कौमार्य एक अंजान आदमी को सौपा,और तुम्हे उसका कोई अफसोस नही था,तुम उसे सही मान रही हो,
मैं संकीर्ण मनोवृत्तियों वाला इंसान नही हु, पर मैं समझ गया हूं कि तुम कभी भी एक वफादार पत्नी नही बन सकती, जो अपने होने वाले पति के सामने किसी अंजान आदमी से चुद सकती है, वह जरा से गुस्से में किसी के साथ भी सो सकती है, तुम्हने मेरे बारे में एक बार भी नही सोचा, मुझ पर क्या गुजरेगी पर तुम्हे तो गुस्सा था, तुम खूबसूरत हो तुम्हे कोई भी जीवन साथी मिल सकता है, पर मैं नही, हो सके तो मुझे माफ़ करना, दो लाख रुपये छोड़ कर जा रहा हु, तुम्हारा बिल, हा कल जो हुआ उसकी वजह से, मेरी नजर में तुम वही हो, एक रण्डी,मेरी इच्छा थी, कि पहला सेक्स मैं तुमसे ही करूँगा इसलिये तुम्हे होटल लेकर आया और पहली और आखरी बार तुमसे प्यार किया और उसकी कीमत भी देकर जा रहा हु।कल और आज जो भी हुआ है उसका मैंने वीडियो बनाया है,ना.. ना.. ना..गलत ना समझना तुम्हे ब्लैकमेल करने के लिये नही, कल जो मेरे सामने हुआ, वह मेरे प्यार का खून था और आज उसका अंतिम संस्कार था, यह वीडियो देखकर मैं तुम्हारी बेवफाई याद करता रहूंगा,मुझे मिलने की कोशिश मत करना मै यह देश छोड़कर जा रहा हु, मुझे विदेश में अच्छी जॉब का ऑफर आया था, जो मैंने कबूल किया था, शादी करके हम वहा जाकर बसने वाले थे, पर अब अकेला जा रहा हु,बस यही दुँवा करता हु,जो तुमने मेरे साथ किया वह किसी और के साथ मत करना,कभी अपने दिल से पूछना, मुझे जलील करके तुम आखीर तुम साबित क्या करना चाहती थी, फिर भी मेरी यही दुवा है कि तुम हमेशा खुश रहो।
,...तुम्हारा कोई नही
लेटर पढ़ कर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई मैं वही जमीन पर गिर पड़ी यह गुस्से में मैंने क्या कर दिया।आज मैंने अपने प्यार को खुद की बेवकूफी से खो दिया।कितना प्यार करता था वह मुझसे और जरा सी गलती पर मैंने उसे कितना जलील किया। जिसका वह हकदार नही था।आज मैं अपनी ही नजर मैं गिर गई थी। मैंने कल अपने लिये ठीक ही सोचा था हा मैं एक रण्डी ही हु।मेरे प्रेमी ने मुझे एक रण्डी की तरह चोदा और पेमेंट करके चला गया।मैंने अपने हाथों से अपने ही प्यार का खून किया है।
गोदने की इतनी बड़ी सजा।
समाप्त....
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Superb story!!!!!!! It is a Gem....The writer has captured the mood and mentality of both. I love the girl...but moment I look towards her from hero's angle I feel pity for the lovable girl.
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ट्रिपल सेक्स
हेल्लो दोस्तों
ये बात आज से 04 दिन पहले की है जब मैं, शिवानी और मेरा दोस्त अनिल उसकी पत्नी सीमा ने मिलकर वैष्णो देवी माँ के दर जाने का फैसला किया हुआ यु की अनिल की शादी के 2 साल हो गए थे लेकिन अभी तक कोई बच्चा नही हुआ था तो उसकी पत्नी ने ही एडवाइस दिया की माता के दर चलो मुरादे जल्दी पूरी हो जाएगी ।अनिल ने मुझे भी कहा कि हम भी चले इसी बहाने टूर भी हो जाएगा
02 December 2019 की सुबह हमने ट्रैन से कटरा जाने के लिए निकल गए l
ज्यादा बोर नही करूँगा सीधा कहानी पर आता हूँ l हुआ यु की ट्रेन में मैं और सीमा दोनों एक साथ बैठे हुए थे तभी बात चित चल रही थी फिर अनिल सोने चला गया और शिवानी तो है ही सोने में आगे ।
मैं और सीमा दोनों काफी देर तक बात कर रहे थे तभी मैंने पूछा
मैं -- भाभी क्या बात है आपने फिगर बड़ा मेंटेन कर रखा
सीमा -- ओह्ह रियली , थैंक यू राहुल जी
मैं -- सच्ची में , बताइये न क्या खाती है आप?
क्योंकि ज्यादातर लड़की शादी के बाद मोटी हो जाती है शिवानी को ही देख लो भैंस हो गई
सीमा -- अरे ऐसा कुछ नही खाती मैं ।
रही बात शिवानी की वो बहुत सुंदर है ।
मैं -- सुंदर तो आप भी बहुत है एक दम चाँद की तरह ।
सीमा -- धन्यवाद राहुल जी, लेकिन इस चाँद में भी दाग है ।
मैं -- दाग? मुझे तो कही दाग नही दिख रहे ।
सीमा -- राहुल जी , मै माँ नही बन पा रही हूँ 2 साल हो गए शादी को, लेकिन!
मैं -- अरे उदास मत होइए सब ठीक हो जाएगा माता रानी सब ठीक कर देगी ।
सीमा -- आप सही कह रहे है । मैं भी मन्नत लेती हूँ मेरी गोद भर गई तो माता रानी के नाम का भंडारा करुंगी l इसके बाद वो भी सोने लगी l
रात के 12:30 बज रहे थे ट्रैन में लगभग सभी लोग सो रहे थे मैंने मोबाइल में अप्प के जरिये देखा तो पता चला की कटरा आने में 30 मिनट और बाकी है मैंने सोचा सभी को जगा देता हूँ ताकि सामान पिकप करने में जल्दबाजी न हो बाद में मैंने सभी को उठाया और तैयारी करी उतरने की फिर 1 बजे हम सब कटरा पहुच गए और वहाँ उतरने के बाद हमने पास के ही होटल में 2 रूम बुक किया और अपने अपने रूम में चले गए
(अब हुआ क्या ये देखिये)
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एक्चुअली सीमा ने शिवानी का चादर ओढ़ लिया था और शिवानी ने सीमा का l हम सब नींद में इतने थे की ज्यादा ध्यान नही दिया l
मैं सीमा को शिवानी समझ इंस्ट्रक्शन देता गया और वो भी नींद में होने की वजह से हाँ हाँ बोलते बोलते साथ में मेरे रूम में आ गई। मैं सामान रखा और बेड पर जा गिरा और लेट गया सीमा वो भी लेटी हुई थी लाइट सब बन्द करदी थी l
मैं और सीमा दोनों एक ही बेड पर मदहोश नींद में थे रात गहरी थी कटरा का मौसम अचानक ठंडा पड़ गया l मुझे ठंड लगने लगी l
ठंड की वजह से नींद में ही मैं सीमा को अपने आगोश में ले लिया ठण्ड और बढ़ती जा रही थी और कम्बल से मेरा और सीमा (शिवानी समझ) का बुरा हाल हो रहा था समझ नही आ रहा था क्या करूँ एक तरफ नींद दूसरी तरफ ठंड मैं और सीमा दोनों ने एक दूसरे को कास कर बाहों में भर लिया l इसके बाद मुझसे रहा नही गया और मैंने सीमा के पायजामा में हाथ डाला और उसके गांड पर हाथ फेरने लगा l
तभी सीमा भी मुझे अनिल समझ मेरे पेंट के हुक को खोल अंदर हाथ डाल दिया तब उसने मेरे लण्ड को पकड़ सहलाने लगी, ऐसा करने से उसको और मुझे दोनों को गर्माहट मिलने लगी l
तभी सीमा बोली, अनिल जी, माता रानी हमारी झोली भरेगी न?
ये सुनते ही मेरा 17 CM का लण्ड सुख कर 5 CM का हो गया, मैं समझ गया कि गलती से शिवानी की जगह सीमा आ गई फिर इमेजिन करने लगा की अनिल भी ठंड में क्या क्या कर रहा होगा । वैसे भी शिवानी तो बिना कुछ बोले अपनी खोल कर चुदती रहेगी । मैं सोचा की जब अनिल मेरी बीबी चोड़के झूठा कर ही देगा क्यों न सीमा को भी चोद देता हूँ l
फिर मैंने सीमा को अंधेरे में ही घुमा दिया और पायजामा ढीला कर नीचे उतार दिया, लण्ड को उसके गांड के क्लीवेज पर रख सहलाता रहा जो सेक्स में शिवानी के साथ नही कर पाया वो मैं सीमा के साथ करने की सोच रहा था, जब मेरा लण्ड अपने पूरे शबाब पर था तो मैंने धीरे धीरे सीमा के गांड के छेद पर लण्ड रखा, तो सीमा बोली अनिल मैंने आपको बोला हुआ है न कि मुझे इसमे दर्द बहुत होता है मैं बिना कुछ बोले सब छोड़ कर अलग हट गया और नाटक करने लगा की जैसे नराज हूँ l सीमा थोड़ी देर तो रुकी फिर मेरे ऊपर आ गई और बोलने लगी अनिल जी ऐसे करोगे तो माता पिता कैसे बनेगे? इतना बोलने के वो मेरे लण्ड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी जैसे जैसे लण्ड शबाब में आया तो मेरा पूरा लण्ड उसके मुंह को कवर कर लिया, फिर मैंने उसको अपने ऊपर किया और अपने हाथों से उसके चूचियो को दबाने लगा l माँ कसम यार चूचिया ऐसी थी मानो जैसे तरबूजा बड़े बड़े और रुई जैसे सॉफ्ट चेरी जैसे निप्पल मन तो किया कि चूस लू आम के रस को l
फिर ख्याल आया जल्दबाजी नही करना इसका रस धीरे धीरे पिने में मजा आएगा । फिर मैंने उसको थोड़ा उठाया और अपना लण्ड उसके गांड के छेद पर रखा वो फिर मना करने लगी मैंने बिना कुछ बोले उसको अपनी तरफ खिंचा और उसके ऊपर चढ़ गया और सबसे पहले उसके होठो को अपने होठों से चूसने लगा वो समझी के मैं मान गया हूँ, लेकिन मेरा इरादा कुछ अलग था l पहले मैंने उसकी गांड ऊपर उठाई और अपने लण्ड को फिर छेद पर रखा और बिना देर करते हुए एक धक्का मारा मेरा आधा लण्ड उसके गांड में जा चूका था उसकी चीख भी निकली लेकिन मैं अब इसके साथ नरमी नही बरतने वाला था मैंने फिर एक बार लण्ड बाहर निकाला और छेद पर रख दोबारा एक धक्का मार दिया इस बार वो और तेज चीखी मेरा लण्ड भी पूरा अंदर जा चूका था
सीमा -- अनिल जी बस करो, दर्द होता है बहुत
मैं -- प्लीज (दबी आवाज में) करने दो यार मजा आ रहा है ।
सीमा -- आपके आवाज को किया हुआ जी?
मैं -- वो कोल्ड ड्रिंक पिया था न ट्रैन में इसलिए गाला बैठ गया है ।
सीमा -- ओके लेकिन प्लीज मेरी गांड तो मत मारो दर्द होता है बहुत
मैं -- आज भर प्लीज इसके बाद नही ।
सीमा -- ओके , लेकिन सिर्फ आज
मैं तैयार हुआ दोबारा और एक बार फिर एक झटके मारे और झटके मारने की स्पीड तेज करदी पूरा रूम घपा घप की आवाज से गूंज रहा था उसके बाद मैंने लण्ड निकाला और उसकी चूत पर रखा और फिर मैंने एक तेज तरार धक्का मारा और उसके अंदर पेल दिया ।
15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने फील किया किया मैं झड़ने वाला हूँ मैं अपने लण्ड को गहराई तक ले गया चुत के अंदर , फिर मैंने अपना वीर्य छोड़ दिया, वीर्य छोड़ने के बाद मैंने उसके चूचियो को चूसने लगा क्योंकि मैं चाहता था कि आज की चुदाई की निशानी सीमा हमेशा याद रखे, इसलिए जब मैं उसके चूचियो को चूस रहा था तब मैंने उसके निप्पल को एक बच्चे की तरफ चूस रहा था और काट भी रहा था,
चूचियो के मसलने के बाद मेरा इरादा था कि उसके होठो को भी मसलू लेकिन गुलाब के पंखुडियो को मसल कर रखना मैं नही चाहता था इसलिए बस उसके रस को चूसता रहा जब तक चूसता रहा जब तक उसके होठ सूज न गए l
लगातार 2 घंटे हो गए थे मैं समझ गया था कि वो थक गई है इसलिये उसके चुत में लण्ड डाले हुए मैं सो गया
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06-12-2019, 06:20 PM
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06-12-2019, 06:32 PM
जब सुबह हुई तब मेरी नींद खुल गई थी लेकिन सीमा सो रही थी इसलिए मैं भी ज्यादा हिले डुले बिना उसी के ऊपर पड़ा रहा क्योंकि मैं चाहता था कि अनिल मेरे और सीमा के बीच हुए सेक्स को जाने ।
सुबह के 8:30 बज गए थे तभी हमारे रूम को नॉक किया गया l मैं समझ गया कि अनिल/शिवानी में से कोई आया होगा लेकिन मैं उठ कर नही गया क्योंकि मैं चाहता था कि दरवाजा वो खुद खोलकर आए क्योंकि अनिल के पास हमारे रूम की दूसरी की थी, वैसे ही हुआ l अनिल रूम में आया l अनिल के आने का एहसास मुझे हो गया था l
लेकिन मैं उसका रिएक्शन देखना चाहता था तभी उसने मुझे नंगा उसकी बीबी के ऊपर लेटा हुआ था और मेरा लण्ड उसी के बीबी के चुत में डाला हुआ था l
ये सब देखने के बाद वो जोर से चिल्लाया सिमा??????????? सिमा एक दम से उठी और मुझे अपने ऊपर देख चौक गई और धक्का दिया और अलग हो गई l
मैं भी ऐसे करने लगा जैसे मैं अभी ही जगा हूँ l फिर मैं भी सेम सीमा जैसा करने लगा l उसको चौकने वाले आँखों से देखने लगा । सीमा कुछ बोलती उससे पहले मैंने ही सवालो के बाण उसी पर छोड़ दिया
मैं -- अरे सीमा भाभी आप , यहाँ? कैसे? शिवानी कहाँ है??
सीमा -- राहुल जी?? आप थे मेरे साथ??
मैं -- मतलब? शिवानी कहाँ है?
अनिल -- शिवानी भाभी मेरे साथ मेरे रूम में सो रही थी ।
सीमा -- क्या? पर ये सब हुआ कैसे?
अनिल -- पहले ये बताओ सेक्स करने की क्या जल्दबजी थी जिसमे तुमको राहुल और मुझमे फर्क पता नही चला ।
सीमा -- अनिल जी , कल रात ठण्ड बहुत थी राहुल जी मेरे पास सो रहे थे मुझे लगा मै आपके साथ हूँ और आपको ठण्ड लग रही है इसलिए गर्माहट देने के लिए सेक्स किया ।
राहुल -- हाँ अनिल , सीमा सही कह रही है , कल रात यही हुआ था सीमा को मैं भी नही पहचान पाया क्योंकि उन्होंने शिवानी का चादर ओढ़े हुए थी ।
काफी देर ऐसे ही कन्वर्सेशन चलने के बाद ये डिसाइड हुआ की जो भी हुआ उसे भूल जाते है और आज की बात किसी को भी कानो कान खबर नही होनी चाहिए
मैं -- ये सब छोडो पर शिवानी कहाँ है?
अनिल -- शिवानी भाभी मेरे रूम में अभी भी सो ही रही है ।
मैं -- तूने भी कुछ??
अनिल -- अरे भाई मेरे पास ठण्ड से बच्चने का सामान था(बियर) और रही बात भाभी तो पहले से ही मोटे मोटे कपडे पहने हुए थी । सुबह हुई तो तुझे उठाने आया और देखा तो बस???
मैं -- शिवानी को ये बात पता नही लगनी चाहिए क्योंकि वो पागल औरत है कल रात की मज़बूरी और घटना को नही समझ पाएगी ।
अनिल -- चल ठीक है अभी तू मेरे रूम में भाभी के पास चला जा । मैं भी ऐसा ही किया और तुरंत शिवानी के पास पहुच गया ।
##
यात्रा में और भी बहुत कुछ हुआ आगे की कहानी में आने वाली कहानियो में बताता जाऊंगा
वैसे ये कहानी कैसे लगी?
पिछले कहानी में जितना प्यार आप लोगो का मुझे मिला मैं उसके लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया करता हूँ ।
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06-12-2019, 07:03 PM
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06-12-2019, 07:07 PM
गैर मर्द से चुदाई...
दोस्तो, मैं जय फिर से आप सभी के समक्ष एक नई सत्य दास्तान पेश करने जा रहा हूँ। कहानी लिखने से पहले मैं अपने बारे में फिर से आप लोगों को परिचीत करवा देता हूँ।
मेरी उम्र इसी वर्ष 31 वर्ष की हुई है, मेरी लंबाई 5 फुट 10 इंच है तथा वजन 78 किलोग्राम है। मैं देखने में एकदम गोरा तथा समार्ट हूँ। मेरा लंड भी प्रभावशाली है यानि कि 6.25 इंच लंबा है, साथ ही मुझे लगता है कि मुझमें एक खूबी और है कि मेरा सेक्स स्टेमिना सामान्य से ज्यादा है। मैं आज तक कभी भी 30 मिनट से कम चुदाई में नहीं झड़ा हूँ।
मेरी बीवी का नाम संजना है, जिसे मैं प्यार से सन्जू बोलता हूँ। उसकी उम्र 22 वर्ष है, औसत हाईट 5 फीट 6 इंच है। उसका रंग बिल्कुल मिल्की व्हाईट है। हमारी शादी को अब 3 वर्ष हो गये हैं। सन्जू का साईज 34बी-28-36 का है तथा वजन 53 किलो है। वो देखने में पूरी मस्त मस्त लगती है. खासकर जब वो हंसती है तो कयामत ढाती है। सन्जू की गांड उसके शरीर के अपेक्षा काफी बड़ी और उभरी हुई है. यहाँ तक कि मेरी गांड से भी बड़ी है, उसकी गांड पीछे की ओर काफी उठी हुई है, जब वो चलती है तो उसकी गांड जोर-जोर से हिलती है। उसकी जांघें पूरी मिल्की व्हाईट और काफी मांसल हैं। उसकी चूचियां भी एकदम मिल्की व्हाईट हैं। मेरे मजबूत हाथों से चुचियों को मसलने से वो काफी भरी भरी हैं। मेरे काफी देर तक चोदने की क्षमता की वजह से सन्जू भी अब काफी देर तक चुदवाती है।
यह कहानी 1 माह पूर्वकी हीहै। मैं अपने कार्यालय से शाम 6 बजे घर आया। दरवाजा मेरी बीवी संजू ने खोला। यहाँ मैं बता दूँ कि हम लोग किराये पर रहते हैं सिर्फ मैं और मेरी बीवी संजना। दरवाजा खोला तो देखा संजना ने काफी मेकअप किया हुआ था जिससे उसका सुंदरता और भी निखर रही थी। होठों पर चेरी रेड की गहरी लिपस्टिक, गालों पर फेस पाउडर, बाल खुला-खुला और परफ्यूम की मादक खुशबू तथा वो कैपरी-टी शर्ट पहनी हुई थी। मेरा तो उसे देखते ही चोदने का मन करने लगा था।
मैंने अन्दर आकर बाहर का दरवाजा बंद किया और संजू को दबोच लिया और
कहा:- क्या बात है जानू, आज मार डालने का इरादा है क्या?
वो हंसी और बोली:- हाँ, आज बहुत मन कर रहा है।
मैंने जानबूझकर पूछा:- क्या?
वह बोली:- हट आप भी ना ... जानबूझकर गंदी बात बुलवाते हैं।
मैंने कहा:- तो चलो चलते हैं जवानी का खेल खेलने।
वो बोली:- थोड़ा फ्रेश होकर आती हूँ. और वो बाथरुम चली गई।
मैंने झट से उसका स्मार्ट फोन का क्रोम ब्राउजर हिस्ट्री में देखा तो उसमें पाया कि संजना कुछ देर पहले लाइट एरोटीका पढ़ रही थी और उसमें भी इंडियन बीवी की चुदाई वाला श्रेणी में। तब तक बाथरूम का दरवाजा खुलने का आवाज आयी और मैंने झट से मोबाईल हटा दिया। वो आई और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मेरा लंड झट से खड़ा हो गया और मैं भी उसके होठों को चूसने लगा। आज मैं उसे कम और वो मुझे ज्यादा चूम और चूस रही थी। करीब 3-4 मिनट चूमने के बाद वो मेरे ऊपर से हटी और अपना टी-शर्ट, कैपरी और चड्डी खुद से निकाल दी और नंगी होकर मेरे मुंह पर बैठ गई जिससे कि उसकी चूत मेरे मुंह से सट गयी। मैं भी उसकी चूत को चूसने लगा। सन्जू आहें भरने लगी ई.अ.. स.स..स... आह... आह की आवाजें निकालने लगी थी। उसकी चूत से पानी पूरा निकल रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि आज वो कुछ ज्यादा ही कामान्ध है।
करीब 5 मिनट ऐसे ही चूत चुसाई के बाद संजना उठी और उसने अपनी ब्रा भी उतार दी। उसके निप्पल काफी टाईट हो गये थे। इस अवस्था में वो रति के समान दिख रही थी l
वो अब बोली:- सुनियेना ... अब आप कीजिए ना!
मैंने कहा:- क्या?
वो बोली:- हु...म्...अ... आप भी ना, अब बरदाश्त नहीं हो रहा है प्लीज।
मैंने अपने सब कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो गया। मेरा लंड भी पूरा 90 डिग्री में खड़ा फुफ-कार मार रहा था। मैं अपना लंड संजू के मुंह के पास ले जाकर बोला:- इसे चूसो ना!
वो बोली:+ आज नहीं, आज प्लीज जल्दी वहाँ डालिये ना!
मैं फिर जानबूझकर बोला:- कहाँ?
वो गिड़गिड़ाई:- प्लीज अब तो मत तड़पाइये।
मैं बोला:+ तो बोल दो ना?
वो सकुचाती हुई धीमे से बोली:- चू ... त ... में।
यहाँ मैं बता दूँ कि मेरी सन्जू बहुत ही सभ्य ओर इज्जतदार खानदान से आयी है, वो सेक्स के दौरान भी अश्लील शब्द नहीं बोलती। मैंने जैसे उसके मुंह से चूत शब्द सुना, मेरा लंड और ज्यादा कड़क हो गया। मैंने सन्जू को अपने दिवान पर लिटाया और खुद फर्श पर खड़ा होकर उसकी दोनों टांगों को कंधे पे रखा तथा अपना मोटा लंड उसकी चूत में जो कि पहले ही काफी गीली थी, में टिकाया। पहला झटका धीरे से दिया जिससे चप्पप का आवाज के साथ मेरा सुपारा उसके फूली हुई चूत में घुस गया। वो थोड़ा चिंहुकी उम्म्ह... अहह... हय... याह... और बोली:- फिर से बाहर निकाल कर घुसाइये ना। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और फिर से उसकी चूत में घुसा दिया। लभभग आधा लंड अन्दर चला गया। मैं उतने में ही अन्दर बाहर करने लगा, वो ईस... ई.सस... करने लगी। लगभग 10-15 बार अन्दर बाहर करने के बाद मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर पूरे वेग से अपनी बीवी की चूत में घुसा दिया जिससे मेरा लंड जड़ तक सन्जू की चूत में घुस गया। वो थोड़ा चिंहुकी, फिर आंख मूँद ली।
मैं अब अपना वेग ज्यादा बढ़ाने लगा, वो आंखें मूंद कर ही जीभ पे दांत लगाये मजे ले रही थी। उसकी चूत से पानी पूरा निकल रहा था।
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2 मिनट के बाद सन्जू स्वयं बोली:- कुछ इमेजिन करने बोलिए ना! मैं समझ गया कि वो किसी को इमेजिन कर के चुदवाना चाहती है. (यहाँ मैं बता दूँ कि जैसा कि आपने मेरी पूर्व की कहानी में पढ़ा ही होगा कि मैं और सन्जू अक्सर इमेजिन करके चुदाई करते हैं)
मैं बोला:- ठीक है, किसको इमेजिन करोगी?
वो बोली:- जो आप कहो? (मैं जानता था कि उसके मन में कुछ है इसीलिए उसने पहल की है।)
मैं बोला:- नहीं, तुम कहो, मैं तो हमेशा कहता हूँ. और तुम संकोच मत करो, येतो सिर्फ इमेजिनेशन है जिससे मुझे कोई ऐतराज नहीं। वो थोड़ी सकुचा कर धीमी आवाज में बोली:- आज मैंने सेक्स वीडियो में एक महिला को एक कम उम्र के लड़के के साथ सेक्स करते देखा था. तो आप वो छोटा लड़का और मैं तो मैं हूँ ही। मैंने ये कभी ट्राई नहीं किया था इसलिए मुझे भी रोमांच आ गया और हाँ बोल कर रोल प्ले शुरु कर दिया।
वो उसी पोज में चुदवाते हुए बोली:- हाँ बाबू, मुझे जोर से चोदो ना।
मैं बोला:- हाँ भाभी, चोद रहा हूँ!
और सन्जू को चोदने लगा. वो हाँ ... ऐसे ही ... आह ... ईस्सस कर रही थी। 10 मिनट इसी पोज में चोदने के बाद एकाएक मैंने उसकी एक टांग को नीचे कर दी और एक टांग अपने कंधे के ऊपर कर के अपना स्पीड बढ़ाकर चोदने लगा।
सन्जू आह ... आह ... ओह ... ईसअअ करने लगी। स्पीड में चोदने से उसकी चूची पूरी हिल रही थी जिससे मुझे और मजा आ रहा था। सन्जू को देखने से भी ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वो जन्नत के मजे ले रही है। इस पोज में लगभग 05 मिनट चोदवाने के बाद सन्जू बोली:- सुनो ना ऐ लड़का अब डोगी स्टाईल में करो ना। फिर सन्जू अपना पोज बदल कर डोगी स्टाईल में आ गई। इस पोज में सन्जू का गांड का उभार स्पश्ट दिखता है। सन्जू का गांड उसके शरीर के अपेक्षा काफी बड़ा और उभरा हुआ है यहाँ तक कि मेरे गांड से भी बड़ा है और इस पोज में तो और ज्यादा बड़ा दिखता है। उसका मांसल जांघ भी कयामत ढाती है। अब मैं सन्जू को इसी पोज में पूरा वेग से चोदने लगा। वो पूरा उम्ह ... उम्ह ... हुं ... आह ... ओह ... ओह ... कर रही थी।
इस पोज में लगभग 10 मिनट चोदवाने के बाद वो अचानक बोली:+ औ... र अअअ... जो... अअ.. र से क..रो। मैंने अपना पूरा वेग बढ़़ा दिया और सन्जू को चोदने लगा. पूरा कमरा उसके आंह ... उंह ... उई ... ईसस्स ... से तथा मेरे लंड के चूत में अन्दर बाहर करने से फच्च ... फच्चच की आवाज से गूंज रहा था। मेरी बीवी की चूची और उसकी गांड पूरा जोर जोर से हिल रही थी। लग रहा था जैसे अब वो झड़ने वाली थी. और थी भी वही बात...वो बोली:- मेरा होने वाला है। अचानक मेरे घर के मेन गेट की घंटी बजने लगी और बाहर से आवाज आई:- दूध ले लीजिए।
सन्जू पूरा गुस्साई कि अभी ही इसे आना था और बोली:- दूध लेने छोड़िये ना अभी मुझे कीजिए ना,
मैं बोला:- नहीं, वो चिल्लाते रहेगा l और मैंने अपनी बीवी की चूत से लंड निकाला और गमछा लपेट कर दूध लेने जाने लगा। सन्जू मन मसोस कर रह गई।
मैंने दरवाजा खोला तो दूध देने वाला लड़का खड़ा था। एकाएक मेरे दिमाग में एक खुराफात सूझी। मैंने उसे बोला:- बाबू, अभी और कितने घर दूध देने जाना है?
उसका नाम रोहित था, वो बोला:- भैया जी, बस लास्ट आप ही के यहाँ था।
मैं बोला:- ठीक है, थोड़ी देर यहीं रुको, मैं महीने का पैसा जोड़कर देता हूँ। (अब मैं थोड़ा उस दूध वाले के विषय में बता दूँ। उसका नाम रोहित है, ग्वाला है, उम्र कोई 18 साल होगी। काफी दुबला पतला शरीर, वजन मुश्किल से 35-40 किलो होगा, लंबाई लगभग सन्जू के ही जितनी। लेकिन दिखने में काफी गोरा और सुन्दर था।)
मैं अपने बेडरूम में आया तो सन्जू उसी नग्न अवस्था में मेरा इंतजार कर रही थी,
वो बोली:- आइये ना जल्दी से, वो चला गया ना?
मैं बोला:- आता हूँ!
और उसके पास जाकर उसे बोला:- अच्छा बताओ अभी तुम किससे चुदवा रही थी?
वो मुस्कुराती हुई बोली:- आप नहीं जानते क्या?
मैं बोला:- जानता हूँ ... फिर भी तुम्हारे मुख से सुनना चाहता हूँ।
वो धीरे से बोली:+ एक 18 साल के लड़के से।
और वो मुझसे चुदवाने के लिए आतुर हो गई।
मैंने पूछा:- कैसा लग रहा है वो लड़का?
वो बोली:+ बहुत अच्छा।
मैं बोला:- जो लड़का दूध देने आता है, उस जैसा?
वो थोड़ा चुप रही, फिर वो बोली:- हाँ।
इन सब बातों से उसकी कामलालसा और ज्यादा भड़क रही थी, वो बोली:- अब आ भी जाइए ना!
मैं बोला:- अब उसी दूध वाले को ही इमेजिन करना!
वो बोली:- ठीक है।
एकाएक मैंने उसे बोला:- अच्छा, सच में वो लड़का चोदने के लिए मिल जाये तो तुम उससे चुदवाओगी?
वो एकदम से नाराज हो गई और मुझे बुरा भला कहने लगी, बोली:- आप क्या मुझे कोई वेश्या समझते हैं? मैं एक ऊंचे कुल खानदान की बेटी हूँ, आईंदा ऐसे शब्द अपने मुंह से नहीं निकालियेगा।
वो फिर बोली:- इमेजिन करना अलग बात है, वो भी मैं आपके खातिर करती हूँ, सिर्फ आपको खुश करने के लिए, इसका मतलब ये नहीं कि आप मुझे वेश्या बना दें।
मुझे लगा कि ये तो भड़क रही है। मैंने उसे समझाया:- सोचो तुम्हें इमेजिन करनेमें इतना मजा आता है तो सच में कितना मजा आयेगा।
वो बोली:- देखिये, मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और मैं आपके साथ सेक्स से पूरी तरह संतुष्ट हूँ।
मैं बोला:- मैं जानता हूँ. और मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और इससे मेरा प्यार कम नहीं होगा। यह मेरी फेन्टेसी है जो दिलो दिमाग पे छायी हुई हैl प्लीज मेरे खातिर ये कर लो, मैं तुम्हारा एहसानमन्द रहूँगा। मैंने सन्जू के पैऱ पकड़ लिये और गिड़गिड़ाने लगा और बोला:- प्लीज!
वो बोली:- आप क्यों जिदकर रहेहैं? यह गलत है।
मैं बोला:- ये मेरे विश्वास से हो रहा है और मेरा विश्वास और तुम पर बढ़ेगा ही, कम नहीं होगा।
वो चुप रही।
मैंने फिर अंतिम बाण छोड़ते हुए कहा:- तुम्हें मेरी कसम, प्लीज मेरी बात मान लो।
वो बोली:- हद है, आप कैसे मर्द हैं?
फिर बोली:- मैं तो सब कुछ आप ही के लिए करती हूँ, अगर आप नहीं तो मेरे लिए दुनिया में कुछ नहीं।
फिर एक लंबी सांस लेकर बोली:- ठीक है, पर ये संभव कैसे है?
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैं बोला:- वो तुम मुझ पे छोड़ दो।
वो अब बोली:- अब तो आप मुझे खुश कीजिये.
और यह कहकर सन्जू मेरे होंठों को चूसने लगी। सन्जू अभी तक संतुष्ट नहीं हुई थी और वो उसके लिए व्याकुल थी।
एकाएक मैं बोला:- अब रही बात खुश करने की ... तो तुम उसी ग्वाले से भी खुश हो सकती हो।
वो बोली:- वो कैसे संभव है?
मैंने कहा:- वो बाहर खड़ा है!
वो बोली:- आप कितने बदमाश हैं. यानि कि ये सब आपकी प्लानिंग थी।
मैं सिर्फ हंस दिया और बोला' कि तुम इसी अवस्था में रहना।
मैं बाहर गया और रोहित को कहा:- अन्दर आ जाओ, भाभी से पैसा ले लो।
वो बेचारा मासूम जैसे ही मेरे बेडरुम में घुसा, वो संजना को नंगी देखकर उल्टे पैर पीछे भागा.
तभी मैंने पीछे से उसे रोका और पूछा:- क्या हुआ?
वो लगभग डरते हुए बोला:- भैया, मुझे माफ कर दो, मैं नहीं जानता था! और वो गिड़गिड़ाने लगा।
मैंने उसे शांत किया और बोला:- कोई बात नहीं, अन्दर आओ।
वो बोला:- नहीं भैया! (वो अभी डर रहा था।)
मैं उसका हाथ पकड़कर अन्दर ले गया और बोला:- अपनी भाभी को चोदोगे?
वो तो जैसे हक्का बक्का हो गया:- उसे लगा कि मैं उसे टोर्चर कर रहा हूँ और उससे नाराज हूँ। वो फिर माफी मांगने लगा।
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06-12-2019, 07:10 PM
मैं उससे बोला:- मैं सच कह रहा हूँ।
संजना अभी भी उसी नग्न अवस्थामें थी, गदराया बदन, सुडौल शरीर, काफी सुदर चेहरा। रोहित ने एक नजर सन्जू को देखा, सन्जू ने भी रोहित को देखा। तभी मैंने सन्जू को रोहित के सामने बेड पर पटक दिया और अब तक खड़ा हो चुका अपना लंड को उसकी चूत में घुसा दिया l सन्जू की चूत अभी तक गीली ही थी सो फच की आवाज के साथ मेरा लंड अन्दर चला गया और मैं उसे रोहित के सामने ही चोदने लगा। ये सब देखकर रोहित का लंड पैन्ट में हरकत करने लगा और कुछ पैन्ट में उभार भी आ गया। ये सब सन्जू देख रही थी.
मैं बोला:- क्या देख रही हो?
वो बोली:- उसकी पैन्ट में।
आखिर सन्जू की भी लगातार इमेजिन कर कर के कहीं ना कहीं उसके मन में भी पराये लंड से चुदवाने की इच्छा थी। लेकिन स्त्री अपने आप को सीमित कर के रखती है।
मैं सन्जू को और जोर से चोदने लगा, वो जोर जोर से आहें भरने लगी और पूरा कामातुर हो गई, शायद पहली बार किसी गैरके सामने चुदनेसे उसे कुछ ज्यादा मजा आ रहा था। वो इस्स्सस ... आह ... ओह... करते जारही थी। वो अब इस पोजिशन में थी कि उसकी शर्म हया सब खत्म हो गई थी और वो सिर्फ मजे ले रही थी।
करीब पांच ही मिनट के चुदाई के बाद वो बोली:- और जोर से कीजिये ना... मेरा हाने वाला है।
मैं बोला:- रुको, अब रोहित से चुदवाओ।
मैंने अपना लंड निकाल लिया और रोहित जो अब तक मूकदर्शक बन कर ये सब देख रहा था, को पास बुलाया और उसकी पैन्ट नीचे सरका दी। उसने जांघिया नहीं पहना था, उसका लंड एका-एक बाहर आ गया जो पूरा खड़ा था। सन्जू उसे पूरा ध्यान से देख रही थी। रोहित का लंड मुझसे लंबाई में छोटा यानि कि लगभग 5.5 इंच का था, लेकिन मोटाई मेरे ही जितना था। उसका लंड गोरापन लिये हुए था और उसका सुपारा, जो हल्का खुल गया था, पूरा गुलाबी था, जबकि मेरा लंड काला हो गया था।
संजना पहली बार किसी पराये मर्दका लंड अपनी आंखों से देख रही थी, उसका भी जल्दी से इससे चुदवाने का मन हो रहा था। आखिर कितनी भी पतिव्रता है ... आखिर है तो एक जवान औरत ही ना ... वैसे भी वो अपने चरमोत्कर्ष पर थी। मैंने संजना को इशारा किया तो सन्जू बेड से नीचे आई और अपने कोमल हाथों से रोहित के लंड को छुआ, अपने दोनों हाथों से उसे पकड़ा तो रोहित का लंड की पूरी नसें उभर कर सामने आ गई उसने आंख मूँद लिया।
सन्जू मुझसे बोली:- येतो बहुत ही ज्यादा गोरा है।
मैंने उसे इशारा किया कि इन्जोय करो। उसने एक दो बार हाथ को आगे पीछे किया और एकाएक रोहित का लंड की चमड़ी को पीछे कर उसका पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया। इससे रोहित कसमसाया और आँखें खोल कर इस्स... सअअ .अअ... की लंबी सित्कारी निकाली। संजना के चेरी रेड लिपस्टिक वाले होंठों के अन्दर रोहित को गोरा लंड बड़ा ही कामुक लग रहा था।
अभी रोहित का लंड संजना के मुंह में 10 सेकेंड भी नहीं रहा होगा कि रोहित का लंड फड़कता अनुभव हुआ। और ये क्या...संजना उम्म ... अ ... उम्म कर रही थी और इधर रोहित के लंड से पूरा वीर्य संजना के मुख में छुट गया। संजना को उबकायी सी आई, वो उल्टी जैसा ओं ... ओं करने लगी और रोहित का लंड मुंह से निकाल दिया l
उसने थोड़ा सा मुंह खोलातो मैंने देखा कि संजना का पूरा मुंह वीर्य से भरा है, उसका पूरा मुख सफेद तथा अत्यधिक गाढ़ा वीर्य से भरा हुआ था। वीर्य इतना गाढा़ और अधिक था कि संजना के मुख से चिपक गया था। वो इसे थूकना चाह रही थी पर थूक नहीं पा रही थी तो वो उसे धीरे धीरे कर के गटक गई। सन्जू की आंखें पूरी नशीली हो गई थी।
वो मुझसे बोली:- बस यही... ये मुझको खुश करने वाला था? ये तो 10 सेकेंड में ही झड़ गया। तब तक रोहित, जो पसीने से तर-बतर था,
बोला:- भाभी जी, ये मैंने जिदगी में पहली बार किया था तो बरदाश्त नहीं हो पाया।
अब संजना बोली:- आपका ये तो चेला फेल हो गया, अब मेरी संतुष्टि का क्या?
मैं बोला:- मैं हूँ ना जान!
और मैं संजना को डॉगी स्टाईल में करके रोहित के सामनेही उसे पूरी ताकतसे चोदने लगा।संजना को डॉगी स्टाईल में काफी मजा आता है। चुदाई इतनी जबरदस्त थी कि पूरा दिवान हिल रहा था और सन्जू की चूची हिलोरें ले रही थी। लगभग 10 मिनट चुदाई के बाद संजना बोली:- अब मैं झड़ने वाली हूँ। और एकाएक उसका शरीर अकड़ा और वो आह ... अअ ... उम्म्ह... अहह... हय... याह... अ..अ... अ...अ की लंबी सीत्कार के साथ झड़ गई और पेट के बल ही बेड पर पस्त हो गई।
मैं बोला:- मेरा अब तक नहीं हुआ है.
वो बोली;- अब मुझसे बरदाश्त नहीं होगा।
तो मैं बोला;- ठीक है! अपने मुंह से ही कर दो!
और अपना लंड उसके मुख में घुसा दिया तो वो चूसने लगी।
लगभग 2 मिनट चूसने के बाद मेरा झड़ने वाला था। वो जान गई तो बोली:- बाहर निकालिये!
परंतु मैंने उसके मुख में ही वीर्य निकाल दिया।
संजना ने मेरा वीर्य को बाहर थूक दिया।
मैंने सन्जू को कहा:-ये क्या बात हुई? तुम रोहित का सारा वीर्य पी गई और मेरा थूक दिया?
सन्जू ने कहा:- प्लीज बुरा मत मानियेगा, लेकिन इसके वीर्य में जरा सा भी गंध नहीं थी, मुझे बड़ा अच्छा लगा।
मैं बोला:- हाँ समझ सकता हूँ! आखिर इसका जीवन का पहला वीर्य स्त्राव था, ये गंध रहित ही रहता है। ये सब करने के बाद जब हम दोनों ने रोहित को देखा तो 'ये क्या ... रोहित का लंड तो पूर्व की तरह ही फिर से अकड़ कर तैयार हो गया था और फुफकार मार रहा था।'
सन्जू बोली:- अरे इतनी जल्दी फिर से खड़ा हो गया?
रोहित फिर हम लोगों के पास आया और बोला:- भैया, एक बार मुझे भी भाभी को चोदने दो ना?
सन्जू बोली:- बिल्कुल नहीं!
वो मायूस हो गया, बोला:- भाभी प्लीज ... मैंने जिंदगी में कभी भी चुदाई नहीं की है।
मैं सन्जू से बोला:- सन्जू मान जाओ ना, बेचारा कितना मासूम है. और वैसे भी ये 2-4 झटके में ही तो गोल हो जायेगा।
इस बात पर सन्जू बोली;- इसीलिए तो ... ये तो डाल कर ही झड़ जायेगा।
लेकिन फिर काफी मनाने पर वो मान गई और पीठ के बल लेट गई और मेरी आंखों के सामने पहले बार किसी दूसरे का लंड अपने चूत में ले रही थी। रोहित ने अपना लंड, जो कि काफी टाईट था, को सन्जू की चूतमें टिकाया और घुसाने लगा, पर सन्जू की चूत सूख चुकी थी। मैंने उसकी चूत में थोड़ा वेसलीन लगा दिया।
अब रोहित ने दोबारा अपना लंड मेरी बीवी की चूत में घुसाया तो उसका लंड चूत में घप्प के आवाज के साथ प्रवेश कर गया। सन्जू को कुछ ज्यादा भराव महसूस हुआ उसकी टाईटनेस के वजह से। लंड घुसने के साथ ही रोहित शांत हो गया और संजनाके नंगे शरीरपर लेट गया। संजना को अजीब लगा, उसने पूछा:- क्या हुआ?
मुझे लगा जैसे वो झड़ गया. मैं बोला:- क्या रे ... झड़ गया क्या?
तो संजना बोली:- नहीं झड़ा तो नहीं है।
रोहित कुछ नहीं बोला और उसने सन्जू के लाल लाल होंठों पर अपना होंठ सटाना चाहे तो सन्जू ने मना कर दिया और कहा:- ये सिर्फ मेरे पति के लिए हैं।
फिर रोहित, जिसका मुंह सन्जू के सीने पर था, ने सन्जू की बायीं चूची के निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और लगा चूसने! सन्जू को गुदगुदी हुई पर वो कुछ नहीं बोली। अब रोहित उसी स्थिति में सन्जू की कभी इस चूची को तो कभी उस चूची को बेतहाशा चूसे जा रहा था। अब धीरे धीरे फिर संजना को वासना का नशा चढ़ने लगा था, उसने आंखें मूँद ली थी।
लगभग 5 मिनट चूची को चूसने के बाद रोहित बिना लंड निकाले खड़ा हुआ और संजना को धीरे धीरे चोदने लगा। संजना भी अब मजे लेने लगी थी और उम्म्ह... अहह... हय... याह... कर रही थी। औरत में यही गुण है कि वो दूसरी बार अगर मर्द चाहे तो तुरंत तैयार हो जाती है। रोहित लगभग 2-3 मिनट तक चोदे जा रहा था. मुझे आश्चर्य हुआ कि वही लड़का है जो पहली बार 10 सकेंड में खल्लास हो गया था।
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06-12-2019, 07:12 PM
रोहित ने मेरी बीवी सन्जू को इस पोज में लगभग 5 मिनट चोदा और फिर बोला:- भाभी, प्लीज भैया के साथ वाला पोज में आओ ना, संजना को भी मजा आ रहा था, अतः वो भी डॉगी स्टाईल में आ गई। रोहित ने डॉगी पोज में संजना की चूत में लंड जोर से घुसा दिया। संजना थोड़ी चिंहुकी और बोली:- आह ... धीरे से। इस पोज में मेरी बीवी की गांड के पीछे रोहित की गांड ऐसा लग रहा जैसे किसी घोड़ी को मेमना चोद रहा हो। अर्थात कहाँ मेरी सन्जू की विशाल गांड और कहाँ रोहित की पतली सी जांघें और पतली सी गांड। परंतु रोहित में अभी जवानी का जोश था तो वो पूरे वेग से मेरी पत्नी को चोदे जा रहा था। यहाँ तक कि सन्जू के मुंह से आंह ... उॅंह ... इस्स ... अअअ ... ओहो ... ओह ... बाप रे बाप, तक निकलवा दे रहा था।
एकाएक क्या हुआ कि रोहित का स्पीड एकदम से तेज हो गयी और वो बेतहाशा सन्जू को चोदने लगा। सन्जू की पूरी गांड और चूची थर्रा गयी और हिलोरें मार रही थी। सन्जू के मुंह से आह ... उह ... इशस्स ... अअह ... ओहो ... उह ... की आवाजें तेज हो गई। लगभग 10 मिनट के चुदाई के बाद एकाएक सन्जू बोली:- थोड़ा रुको। रोहित रुका तो सन्जू बोली:- इतनी ताकत कहां से आती रे तेरे पास? बाप रे बाप ... तूने तो मेरा पसीना निकाल दिया ... मुझे निचोड़ के रख दिया।
सन्जू बोली:- अब तुम नीचे उतरो l
और फिर सन्जू उसे पीठ के बल लिटा कर उसके लंड के ऊपर बैठ गई और लगी गांड को ऊपर नीचे करने, रोहित सिसकारी भरने लगा और संजना भी अपने चरमोत्कर्ष पर थी. एकाएक संजना ने लंड पर बैठे बैठे रोहित के मुख में अपनी जीभ घुसा दी और उसके होंठों को जैसे खाने लगी और बेतहाशा उसकी गर्दन, छाती, यहाँ तक कि उसकी बगल (कांख) को भी चूसने लगी।
दृश्य ऐसा लग रहा था जैसे किसी मेमने के ऊपर कोई शेरनी बैठी हो। आखिर बेचारा रोहित कब तक बरदाश्त करता, वो इस पोज में लगभग 5 मिनट के बाद झड़ने लगा.
सन्जू बोली:- थोड़ादेर रुको, मैंभी झड़ने वाली हूँ।
पर अब वो रुकने वाला कहाँ था, सन्जू की पूरी चूत वीर्य से भर गयी।
परंतु सन्जू को कुछ एहसास हुआ, वो बोली:- अरे वाह ... तुम्हारा लंड तो वीर्य निकलने के बाद भी नहीं सिकुड़ा है. और संजना फिर से शेरनी की भांति रोहित के लंड पर उठक बैठक करने लगी। चूंकि सन्जू की चूत रोहित के गाढ़े वीर्य से भरी हुई थी तो अब चूत के घर्षण से संजना की चूत की बाहरी सतह पर सफेद सफेद फेन निकलने लगा था जो बढ़ता ही जा रहा था और सन्जू के पेट और रोहित के पेट पर भी चिपचिपा कर रहा था। अभी तक रोहित का लंड खड़ा था। एकाएक सन्जू का शरीर अकड़ा और वो बेतहाशा झड़ने लगी और रोहित के ऊपर लेट गई और रोहित को कस कर अपने बड़ी-बड़ी चूचीसे सटा कर चिपक गई। फिर थोड़े देर बाद दोनों उठे।
सन्जू बहुत तृप्त और खुश नजर आ रही थी, वो मुझसे बोली:- बाप रे बाप ... आज आप दोनों मिलकर मेरा कचूमर निकाल दिया. और रोहित की तरफ देख कर बोली;- रोहित, देखने से तो तू बहुत कमजोर लगता है पर बहुत ताकत है तुझमें भी। अब सन्जू काफी खुल गई थी और मुझसे संकोच भी खत्म हो गया था। मैंने उससे पूछा:- कैसा लगा?
वो बोली:- बहुत मजा आया।
वो मेरे पास आई और मेरे होंठों को हल्का सा किस करते हुए बहुत प्यार से मुझे 'आई लव यू ...' बोली। संजना बोली:- अब मैं फ्रेश होकर आती हूँ.
और वो बाथरुम चली गई।
इधर रोहित मेरे पास आकर हाथ जोड़कर बोला:- भैया, मैं आपका ये उपकार जिंदगी भर नहीं भूल पाऊँगा।
मैं उसे बोला:- कोई बात नहीं ... जाओ कपड़े पहन लो, और वो अपने कपड़े पहनमें लगा। तब तक संजना फ्रेश होकर आ गई, वो अबकी बार एक लाल रंग की नाईटी पहनकर आयीथी जिसमें उसकी चूची और गांड का उभार स्पष्ट दिख रहा था, वो पूरा फ्रेश दीख रही थी।
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वो आई और बोली;- रुकिये, मैं आप लोगों के लिए कुछ खाने को लाती हूँ, और वो किचन में जाने लगी। सन्जू के चलते समय उसके कूल्हे हिल रहे थे जिसे रोहित बड़े ध्यान से देख रहा था। सन्जू किचन से फ्राई काजु ले आई, हम तीनों खाने लगे।
रोहित लगातार सन्जू को देखे जा रहा था, जिसे सन्जू ने भांप लिया और पूछ लिया:- क्या बात है, बड़े ध्यान से देख रहे हो?
रोहित बोला:- भाभी, आप बहुत सेक्सी हैं।
सन्जू हंसी और बोली:- क्यों, अभी भी मन नहीं भरा है क्या? इस बात पर मैं भी हंस दिया और सन्जू के पास जाकर बोला:- हाँ, मेरी बीवी है तो वाकई में बहुत सेक्सी, और उसके होंठों को किस करने लगा और किस करते करते हम एक दूसरे की जीभ भी चूसने लगे.
मैं फिर से गर्म हो गया था और शायद सन्जू भी।
कमाल की औरत थी ... इसके पहले वो दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार तैयार हो गई थी।
किस करते करते मैं सन्जू, जो कि पलंग पर बैठी थी, के पीछे बैठकर नाईटी के ऊपर से उसकी चूची दबाने लगा। ये सब रोहित देख रहा था और वो बोला:- भैया, मुझे भी भाभी की चूची दबाने दो ना प्लीज! आज तक मैंने किसी की चूची नहीं दबायी हैं।
मैं अभी हाँ बोलने ही वाला था कि मुझसे पहले सन्जू ने इशारा से उसे बुला लिया। रोहित आया और सन्जू का कसी एवं गदाराई हुई चूची पर हाथ फेरते हुए उसे जैसे मसलने लगा. और मैं इधर सन्जू को किस करते जा रहा था। एकाएक मैंने सन्जू को नाईटी उतारने को कह कर उसकी नाईटी ऊपर से उतार दी, अब सन्जू की चूची पूरी तरह से नंगी थी और काफी आकर्षक लग रही थी, पूरी गोरी गोरी और टाईट, उसके निप्पल पूरे टाईट हो गये था। रोहित उसे कुछ देर निहारता रहा फिर उसकी एक चूची को अपने मुंह में डाल लिया. सन्जू की चूची का कुछ भाग ही उसके मुंह में आया क्योंकि वो बड़ी-बड़ी थी। अब रोहित चूची को जैसे पीने ही लगा और मैं सन्जू को लगातार किस करते जा रहा था, कभी उसके होंठ, कभी जीभ, कभी गर्दन, कभी कान पर और सन्जू पूरी आहें भर रही थी।
रोहित लगभग 5 मिनट तक सन्जू की दोनों चूची को जीजान से चूसता रहा.
सन्जू बोली:- अब छोड़ भी दो ... खा जाओगे क्या? जब रोहित ने सन्जू के चूची से मुंह निकाली सन्जू की चूची पूरी लाल हो गयी थी। एकाएक रोहित को क्या सूझा कि नीचे उतरा और सन्जू की चूत जो अब काफी गीली हो गयी थी और पानी रिस रहा था, को चूसने और चाटने लगा. सन्जू इससे और ज्यादा गर्म होगई और सिसकारी भरने लगी। पहली बार दो मर्द उसके साथ सेक्स कर रहे थे तो उसकी एक्साईटमेन्ट काफी बढ़ गयी थी। मैं अब सन्जू के पीछे से हट गया और उसे धीरे से दिवान पलंग पर लिटा दिया। सन्जू आंखें मूंदे चेहरे पर खुशी का भाव लेते हुए आह ... उह ... ईस्सस ... अ ... किये जा रही थी।
अब मैंने सन्जू के मुंह पर अपना खड़ा लंड सटा दिया। सन्जू काफी वासनामयी हो रही थी, उसने फट से मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और चुभलाने लगी. उधर नीचे रोहित उसकी चूत को बेतहाशा पागलों की तरह चूम और चूस रहा था l मैं अपना लंड चुसवाते हुए सन्जू की चूत की तरफ झुक गया जिसे रोहित चूसे जा रहा था l मैंने इसी हालत में सन्जू की चूत के दोनों बगल की चमड़ी (अंदरूनी होंठ) को दोनों हाथ लगाकर तितली की भान्ति खोल दिया. अब सन्जू की चूत का अन्दरुनी हिस्सा दिखने लगा था, जो गुलाबी रंग का था।
रोहित ने देखा तो बोला:- भैया, ऐसे ही रखियेगा!
और वो अपनी पूरी जीभ अन्दर घुसा कर उसे पूरा चाटने लगा। संजना पूरी मदमस्त हो गई, उसकी चूत से पानी की धार बह रही थी।
अब रोहित उठा और बोला:- भैया, अब मुझे भाभी को लंड चुसवाना है, आप उठो ना। मैं भी रोहित को ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहता था तो हम लागों ने अपनी पोजीशन बदल ली।
अब रोहित ने मेरे ही पोज में आकर सन्जू के मुंह में लंड डाल दिया, संजना तो स्वर्ग में गोते लगा रही थी ... वो भी दो दो लंड से! वो झट से रोहित का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। मैंने अब नीचे आकर अपना बड़ा सा लंड संजना की चूत में घुसा दिया, लंड फक्क से घुस गया और मैं उसे चोदने लगा। सन्जू का खुशी का ठिकाना ना रहा और मजे लेने लगी। एकाएक मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, मैं जानता था कि सन्जू का सबसे ज्यादा सेंसटिव पोइंट उसकी चूत की क्लीटोरियस है और मैं सन्जू को और ज्यादा सुख देना चाह रहा था तो मैंन रोहित को सन्जू की चूत की तरफ अपना मुंह लाने को बोला। वो उसी पोज में अपना मुंह सन्जू की चूत, जिसमें मेरा लंड घुसा था, की तरफ ले आया। मैंने रोहित को दिखाते हुए समझाया कि अब वो दोनों हाथों से सन्जू की चूत की क्लिट को निकाल कर अपने मुंह में लेकर बिना दांत लगाये चूसे।
रोहित ने बिल्कुल वैसा ही किया, वो सन्जू की चूत की क्लिट को अपने मुंह के अन्दर लेकर चूसने लगा और इधर मैं सजना की चूत में अपना लंड पूरा वेग से चोदे जा रहा था। संजना इस भयंकर, अति वासनामय सुख को बरर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, वो इसी हालत में कसमसाने लगी और रोहित का लंड को मुंह से निकाल कर कामुक आवाज में बोली:- प्लीज आप दोनों कुछ देर मेरी चूत से हटो ना! मैं इतना मजा सह नहीं पा रही हूँ, लग रहा है जैसे मेरा पेशाब निकल जायेगा। रोहित आज्ञाकारी की तरह क्लीट चूसने को छोड़ने ही वाला था कि मैंने इशारे से मना कर दिया, उसने फिर अपनी स्पीड बढ़ा दी।
इधर संजना फिर गिड़गिड़ाई:- प्लीज छाड़िये ना!
मैंने बोला:- बिल्कुल नहीं! और अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी।
एकाएक संजना के मुंह से निकला:- आह ... आह ... ओहो ... ओ..ओ... ई... स्सअअ ... मम्मी रे मम्मी! और उसकी चूत से मूत की धारा निकलने लगी छुर्र ... छुर्र ... छुर्रर्रर्र ... और वो बेतहाशा झड़ने लगी। उसके पेशाब से रोहित का पूरा चेहरा धुल गया और मेरे लंड, पेट, आंड को भी धो दिया। वो जल्द से जल्द अलग होना चाह रही थी पर मैं उसे अलग हाने नहीं दे रहा था और मैंने रोहित को भी इशारा कर दिया था।
संजना अब हम दोनों से अलग होने को छटपटा रही थी और हम लोग उसे छोड़ ही नहीं रहे थे। इससे सन्जू बेतहाशा झड़े जा रही थी, उसका शरीर उसका साथ नहीं दे रहा था। एकाएक ये क्या ... रोहित भी ये मजा बरर्दाश्त नहीं कर पाया और सन्जू की चूची पर ही उसने अपना गाढ़ा माल उगल दिया। रोहित वहाँ से हटा तो देखा उसका वीर्य सन्जू के चूची पर फेवीकोल के जैसा चिपका हुआ है, इतना गाढ़ा था उसका वीर्य। मैंने भी सन्जू की चूत से लंड निकाल लिया था पर मेरा अभी झड़ा नहीं थी।
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06-12-2019, 07:22 PM
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06-12-2019, 07:24 PM
स्वैपिंग...
मेरे दोस्त का नाम है "माही", जो एक व्यस्त व्यापारी हैं जो अपना ऑफिस दिन में बिलकुल नहीं छोड़ सकते और उनकी पत्नी "श्वेता" जो बहुत खूबसूरत हैं और रचनात्मक कलाओं की माहिर है। कहावत है खुदा जब हुस्न देता है, नजाकत आ ही जाती है, बस इसके आगे ये और लिख दें कि वो कुछ भी पहन लें, कायनात में आग लग ही जाती है।
श्वेता को पेंटिंग का शौक है और वो इंटीरियर डेकोरेशन का कोर्स किये हुए हैं इसलिए जब माही और श्वेता के किसी दोस्त को अपनी कोठी में इंटीरियर का काम करना होता है तो वो अपने आर्किटेक्ट की कम श्वेता की ज्यादा मानते हैं। श्वेता ने कई बार माही को कहा कि वो उसे ऑफिस खोल कर काम करने दे, पर माही नहीं चाहता कि श्वेता भी उसी की तरह व्यस्त हो जाए। दोनों को सेक्स खूब पसंद है और वो भी रोमांच वाला। भले ही माही दिन में अपने ऑफिस से उठ नहीं सकता, पर रात को आठ बजे से सुबह 10 बजे तक उन्हें सिर्फ श्वेता चाहिए। यह बात दोनों ने अपनी शादी तय होने से पहले स्पष्ट कर ली थी। श्वेता ने बेबाकी से कह दिया था कि उसका एक अजय नाम के लड़के से बहुत डीप अफेयर था पर कैरिएर के लिए वो आगे पढ़ाई करने विदेश चला गया और यह बात श्वेता को नागवार गुजरी तो उसने अजय से सम्बन्ध तोड़ लिए और अब वो उसकी जिन्दगी में कहीं नहीं है।
माही को साफ़ तरीके कही श्वेता की यह बात बहुत अच्छी लगी और उसने भी उससे स्पष्ट कह दिया कि उसे श्वेता के गत जीवन से कोई मतलब नहीं! माही और उसका परिवार तो श्वेता की सुन्दरता का दीवाना था, अतः माही ने उससे एक ही शर्त रखी कि श्वेता उसकी किसी बात को मना नहीं करेगी और माही भी उसकी जिन्दगी में ज्यादा दखलंदाजी नहीं करेगा। और इसी बात का परिणाम था कि श्वेता की जिन्दगी में कोई टोका टाकी नहीं थी। माही के ऑफिस जाने के बाद और लौटने तक वो अपनी जिन्दगी अपनी मर्जी से जीती थी.. मसलन अपना घर अपनी मर्जी से सजाना, सहेलियों के पास घंटों रूक जाना... मेटिनी शो की मूवी देखना... वो वह सब कुछ पहनती थी जिसे आज नई उम्र की लडकियां पहनना चाहती हैं। उनके एक ही लड़की थी जो श्वेता जैसी ही प्यारी थी और अपनी दादी दादा के पास जबलपुर रह कर पढ़ रही थी।
माही को एक शौक बड़ा अजीब था कि हफ्ते में बिना दो-तीन पोर्न मूवी देखे उसे नींद नहीं आती थी... उन दोनों ने कामसूत्र की सोलह कलाओं के अलावा अपनी छतीस कलाएं और डेवेलप कर रखी थीं। श्वेता को भी इन सबमें खूब मजा आता था और उसके पास नाईट वियर और सेक्स टॉयज की बहुत वैरायटी थी जो उन लोगों ने अपने विदेश के दौरों में खूब इकट्ठे किये थे। हर पंद्रह दिनों में एक मसाजर आती थी और दोनों की न्यूड मसाज करती थी और इस बात को चुप रहने के उसे भरपूर पैसे मिलते थे। एक बार श्वेता की गैरमौजुदगी में तो माही उसको चोद भी चुका था पर पैसे की खनक के आगे उसने कभी कोई एतराज नहीं किया।
अब हम कहानी पर आते हैं।
पोर्न मूवी देखते देखते दोनों इतने सेक्स एडिक्ट हो गए थे कि वो सेक्स में रोमांच की किसी भी सीमा को पार कर जाते थे। पिछले दिनों गोवा घूमने जाने पर कई बार श्वेता बीच पर बिना ब्रा पैंटी के ऐसे कपड़े पहने थी कि उसके निप्पल और उसकी चूत की झलक जवां लड़कों को मिल जाए और उनके लोअर में तम्बू खड़ा हो जाए।
एक बार तो होटल का वेटर बड़ा खूबसूरत कश्मीरी युवक था तो श्वेता ने बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खुला छोड़ के शावर में बाथ लिया जबकि वो जानती थी कि वो वेटर उसे झांक कर देख रहा है। तो ऐसी मस्ती से दोनों को ही ऐतराज नहीं था।
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एक रात तो दोनों ने हद ही कर दी, देर रात दोनों होटल के रूम की बालकनी में ड्रिंक लेते हुए आये और वहीं माही ने श्वेता और अपने पूरे कपड़े उतार कर श्वेता को बालकनी की रेलिंग पर झुककर घोड़ी में चोदना शुरू किया। श्वेता भी बिना शर्म के आवाज निकल रही थी। आवाज सुनकर बराबर के कमरे से एक जोड़ा जो शायद हनीमून पर आया था, वो भी अपनी बालकनी में आ गया। अब कितना भी अँधेरा हो चुदाई की आवाज तो अलग ही मालूम पड़ जाती है। बस वो कपल भी शुरू हो गया। और उसके बाद दोनों जोड़े अपने रूम से आकर एक दूसरे से मिले और माही के प्रस्ताव पर दोनों जोड़ों ने एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम अगली रात के लिए बनाया जिसमें उस हनीमून वाले जोड़े के अलावा उनका एक और मित्र जो हनीमून पर ही आया था, वो भी शामिल हुआ।
रात को डिनर के बाद बजे तीनों कपल माही के रूम में इकट्ठे हुए। हालाँकि माही की शादी को तब 3 साल हो चुके थे पर श्वेता की जवानी और माही का गठीला बदन उन दोनों जोड़ों पर भारी ही पड़ रहा था। उनके नाम "अनिल-सीमा" और 'वैभव-सरोज" थे। अब सब लोग बेड और चेयर्स पर बैठ गए और माही ने टीवी पर पेनड्राइव से पोर्न मूवी लगा दी जिसमें दो जोड़े बीवियों की अदला बदली करके चुदाई कर रहे थे। अनिल और वैभव ने यह पहले ही बोल दिया था कि सब लोग सिर्फ अपनी अपनी बीवियों की चुदाई करेंगे, क्योंकि सीमा और सरोज पार्टनर बदलने के लिए तैयार नहीं थीं। अनिल ने सबके लिए ड्रिंक्स बनाए, सीमा और सरोज ने ड्रिंक्स को मना किया तो श्वेता ने उनके लिए कोल्ड ड्रिंक फ्रिज से निकाल दी, पर सीमा और सरोज की निगाह बचाकर व्हिस्की उसमें मिला दी।
घूँट लेते ही सीमा बोली- टेस्ट कुछ अजीब सा है?
तो श्वेता बोली- तूने अनिल का लंड मुह में लिया होगा इसलिए तेरा टेस्ट खराब है।
सीमा शरमा गई और सरोज ने भी कुछ नहीं कहा और दोनों कोल्ड ड्रिंक पूरी पी गई। अभी जेंट्स की ड्रिंक तो चौथाई भी ख़त्म नहीं हुई थी, सब लोग ध्यान से मूवी देख रहे थे जिसमें अभी लड़कियां लड़कों के लंड चूस रहीं थी। सीमा और सरोज को चढ़नी शुरू हो गई थी और ऐसा भांपकर श्वेता ने उन्हें एक और पहले जैसा गिलास बना कर दे दिया। अब मूवी में लड़के लड़कियों की चूत चूस रहे थे और सबने अपने कपड़े उतार दिए थे।
माही ने श्वेता को अपने पास खींच लिया और उसे होठों से चूमने लगा, उसने श्वेता के मम्मे भी दबाने शुरू किये। ऐसा हॉट सीन देखकर अब अनिल भी सीमा से चिपट गया और वैभव ने तो सरोज का टॉप ऊपर करके उसके मम्मे अपने मुँह में ले लिए थे, सरोज भी उसका लंड अपनी मुट्ठी में पकड़े थी। अब सीमा और सरोज तो नशे के पूरे सुरूर में थी और अनिल और वैभव चुदाई के पूरे मूड में। तीनों जोड़ों ने अपनी अपनी जगह बेड और नीचे बनाई और अब सबके कपड़े उतर चुके थे। तीनों लड़कियों में श्वेता का नंगा बदन अलग ही चमक रहा था। उसके सुडौल मम्मे अनिल और वैभव को ललचा रहे थे। उधर माही भी सोच रहा था कि अगर नई चूत मिल रही है तो हर्ज क्या है, श्वेता कहीं भाग तो नहीं रही है। माही ने लाइट बंद कर दी और अब अंधेरे में सबकी चुदाई जोरों पर थी। तीनों लड़कियाँ शोर कर रहीं थीं।
अचानक माही ने श्वेता को उकसाया तो श्वेता ने बगल में अनिल को पकड़ लिया। उसके छूते ही अनिल सीमा को छोड़ कर श्वेता से लिपट गया और उधर माही ने सीमा की चूत में अपना लंड दे दिया। अब माही और अनिल एक दूसरे की बीवियों की चुदाई कर रहे थे। इस बात का एहसास जैसे ही वैभव और सरोज को हुआ तो वैभव भी माही की ओर खिसका और सरोज को छोड़ कर सीमा के मम्मे चूसने लगा। इस पर सरोज ने माही के होंठों से अपने होंठ मिला दिए और अब माही का लंड सरोज के अंदर था। पता नहीं किसने किसको कितनी बार चोदा और किसने किस की चूत में माल डाला। और चूंकि दोनों हनीमून कपल थे तो पता नहीं नौ महीने बाद किसका रिजल्ट किसके साथ वाला आउट होगा, कुछ होश नहीं था। हाँ इतना जरूर है कि एक रात में इतनी चुदाई इन तीनों लड़कियों की सुहागरात पर नहीं हुई होगी।
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सुबह चार बजे सब लोग अपने अपने कमरों की ओर लपके। लड़कियों से तो चला भी नहीं जा रहा था और अपने साथ जो होटल का हैण्ड टॉवल वो लाई थी, वो वीर्य से बिल्कुल गीला था, जिसे उन्होंने अपनी अपनी चूत में ठोक रखा था।
पिछली रात वाइफ़ स्वैपिंग में तीनों जोड़ों में पता नहीं कौन किससे चुदी, कौन किसे चोद रहा था। अगली दोपहर को तीनों जोड़े एक साथ बीच पर गए और आज तीनों लड़कियों ने टू पीस बिकनी पहनी थी।
बीच पर एक एकांत जगह पर तीनों जोड़े समुद्र में मस्ती करने लगे। अनिल और वैभव तो बार बार श्वेता के मम्मे छूने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें उकसाने के लिए माही ने श्वेता की ब्रा ऊपर कर के मम्मे चूसने शुरू किये। यह देख कर अब तो अनिल वैभव भी सीमा और सरोजके मम्मे चूसने लगे। अनिल ने तो सरोज की पेंटी के अंदर उंगली भी डाल दी। थोड़ी देर में ही सबका मूड चुदाई का बन गया। यहाँ खुले में चुदाई संभव नहीं थी तो सब लोग वापस होटल में आ गए और अपने अपने कमरों में घुस गए।
तो ऐसी मस्ती करते थे माही और श्वेता!
श्वेता के मन में अपना बेड रूम और बाथरूम का इंटीरियर चेंज करने का था। इस सब के लिए उसे माही से पूछना नहीं सिर्फ बताना था। पर वो कुछ लेटेस्ट करना चाहती थी इसलिए उसने भोपाल के एक इंटीरियर डिज़ाइनर रवि से फ़ोन पर संपर्क किया और अपने रूम और बाथरूम का स्केच मेल किया। श्वेता कभी मिली नहीं थी रवि से, पर नाम सुना था और यह भी सुना था कि वो बहुत स्मार्ट है और उसके आईडिया बहुत रोमांटिक होते हैं। रवि को उसने साईट विजिट के लिए इनवाइट किया।
रवि ने अगले दिन दोपहर एक बजे का समय दिया। श्वेता ने माही से भी आने को कहा तो उसने तो मना कर दिया। श्वेता अपनी पसंदीदा ड्रेस लॉन्ग फ्रॉक में तैयार हुई, उसने रेड कलर का नेल पेंट लगाया था, कुल मिलकर उसका गेटअप रवि का खड़ा करने के लिए काफी था। और यही हुआ... रवि जब आया तो हाथ मिलते समय वो सिहर उठा था, शायद इतना कोमल और जवान हाथ उसके हाथ में कम ही आया होगा।
उसने सबसे पहले सुरुचिपूर्ण तरीके से सजाई कोठी की तारीफ की, फिर अपने को ना रोक पाते हुए उसने श्वेता की खूबसूरती की भी तारीफ करी। दोनों ने बेडरूम में ही बैठ कर सारा साईट प्लान डिसकस किया। जाते समय भी रवि की निगाहें श्वेता के चिकनी बदन से हाथ नहीं रही थीं और उसके लंड का उभार श्वेता को हंसी दिला रहा था। सच... मर्दों को सताने में श्वेता को बहुत मजा आता था पर आज तो श्वेता भी चाह रही थी कि रवि एक बार उसे चूम ले या चोद दे। रवि ने उसे बताया कि उसकी शादी पिछले साल ही हुई है और अभी उनके कोई बच्चा नहीं है। आगे डिसकशन के लिए रवि ने श्वेता को अपने ऑफिस जो उसकी कोठी में ही था अगले हफ्ते बुलाया।
रात को बेड पर जब श्वेता ने माही को रवि के बारे में बताया तो माही हंस कर बोला- आज रात रवि अपनी बीवी की चुदाई श्वेता की समझ कर करेगा। अब माही को कौन समझाए कि आज श्वेता ही जो उससे चुद रही है वो यही सोच कर चुद रही है कि रवि उसे चोद रहा है।
पति से बेवफ़ाई
अगले दिन श्वेता बड़ी बैचैन रही, उसे रवि के फोन का इन्तजार था, पर रवि का फोन क्यों आता, कोई काम ही नहीं था उसे... पर जो आग इधर लगी थी उससे ज्यादा बड़ी रवि के लगी थी, वो जब से श्वेता से मिला था उसका मन काम में लग ही नहीं रहा था। हार कर वो गाड़ी लेकर निकला और श्वेता की कोठी के सामने से कई चक्कर लगाये, शायद श्वेता दिख जाए... फिर उसने एक फोन किया श्वेता को...पहली घंटी में ही श्वेता ने फोन अटेंड किया और बहुत प्यार से हाय बोला।
रवि ने बड़ी मासूमियत से झूठ बोला- कल कुछ मेज़रमेंट में गलती थी.. बाथरूम को दोबारा मेजर करना होगा, कब आ जाऊँ?
श्वेता ने अपने को शीशे में देखा और कहा- घर आपका है, कभी आ जाइए, पर आधा घंटे बाद आ जायेंगे तो सुविधा होगी।
श्वेता इस आधा घंटे में अपने को ठीक करने के अलावा ये भी सुनिश्चित करना चाहती थी कि फिर अगले एक घंटे माही के ऑफिस से भी कोई न आये, इसलिए उसने माही को फोन भी किया कि वो मार्किट जा रही है और 6 बजे तक आयेगी। वो फटाफट बाथरूम में घुस गई... पंद्रह मिनट में वो तैयार थी। उसने स्कर्ट और पिंक टॉप पहना... हाई हील पहनी। कुल मिला कर डॉल सी लग रही थी और परफ्यूम तो उसका जानलेवा था। आज तो रवि का बस भगवान् ही मालिक था। श्वेता ने घड़ी देखकर आधा घंटे के बाद कोठी का गेट खोलकर बाहर निकालने को गाड़ी स्टार्ट की। वो गेट तक ही पहुंची थी कि रवि की गाड़ी रुकी।
वो विश करके बोला- आप कहीं जा रहीं हैं तो मैं बाद में आ जाऊँगा।
श्वेता बोली- हाँ, कुछ मार्किट का काम था, पर कोई बात नहीं बाद में चली जाऊँगी।
उसने यह ड्रामा गेट पर लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग के लिए किया ताकि किसी भी शक में यदि माही कैमरा चेक करे तो उसमें ये रिकॉर्ड हो कि वो तो मार्किट जा रही थी, अचानक रवि आ गया। श्वेता रवि से हाथ मिलने को आतुर थी। घर का एंट्री गेट खोलकर उसने रवि की ओर हाथ बढ़ाकर कहा- आइए...
रवि ने उसके कोमल हाथ को हाथ में लेकर छोड़ने की कोई जल्दी नहीं की। रवि बाथोरूम का मेज़रमेंट का ड्रामा करने लगा तो श्वेता ने पूछा- चाय, कॉफ़ी, जूस क्या लेंगे?
रवि ने जूस की हाँ कर दी।
श्वेता किचन में गई, रवि को बाथरूम की ओर ही छोड़ कर, जूस की केन और नमकीन ड्राई फ्रूट्स लेकर ड्राइंगरूम में रखकर रवि को बुलाने गई तो देखा रवि बाथरूम में ही है। उसने बाथरूम में झाँका तो देखकर दंग रह गई कि रवि उसकी उतारी ब्रा और पैंटी को चूम रहा था, मदहोशी में उसकी आँखें बंद थी। श्वेता दबे पाँव बाहर आ गई और ड्राइंगरूम से उसे आवाज दी। रवि तुरंत आ गया और भोलेपन से बोला- पिछला मेज़रमेंट गलत था, अच्छा हुआ आज ले लिया।
सोफे पर बैठ कर जूस पीते समय रवि की निगाहें श्वेता से हट नहीं रही थीं। श्वेता भी जान बूझकर टांग पर टांग रख कर बैठी थी जिससे उसकी चिकनी जांघों की झलक भी रवि को मिल जाए। रवि की पैंट के उठे उभार को देखकर उसे हंसी आ गई।
रवि बोला- क्या हुआ?
श्वेता भी बैचेन थी.. हंस कर बोली- मेज़रमेंट ठीक से ले लिया है या मैं कुछ हेल्प करूँ?
रवि चुप था, जाने के लिए खड़ा हुआ।
श्वेता उसके पास गई और उसके बालों के पीछे दोनों हाथ लगा कर उसकीं आँखों में आँखें डालकर बोली- क्यों... डरते हो? मैंने देखा है कि तुम बाथरूम में क्या मेजर कर रहे थे।
रवि और श्वेता की गर्म साँसें एक दूसरे से टकरा रही थी। श्वेता ने आँख बंद कर ली और अगले ही पल दोनों के जलते होंठ मिल गए। दोनों के बदन की प्यास ने उन्हें चिपका दिया था।
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06-12-2019, 07:28 PM
काफी देर तक एक दूसरे को चूमते और जीभ से एक दूसरे को चूसते हुए दोनों कामाग्नि में जल कर अपने दिल के हाथों इतने मजबूर हो गए थे कि वहीं बिस्तर पर दो बदन एक जान हो गए।
पहले रवि ने श्वेता का टॉप उतरा और फिर तो दोनों के कपड़े मिनटों में उतर गए। रवि श्वेता के नर्म और गोल गोल मम्मों को चूस रहा था और श्वेता की मुट्ठी में उसका मजबूत लंड छटपटा रहा था। श्वेता से भी बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो रवि के ऊपर चढ़ गई और रवि का लंड अपनी चिकनी चूत में कर लिया। ऊपर से श्वेता चुदाई कर रही थी और रवि नीचे से धक्के लगा रहा था, दोनों पागलों की तरह एक दूसरे की चुदाई में लगे थे। श्वेता हांफने लगी थी और रवि का लंड फनफना रहा था। रवि ने श्वेता को नीचे किया और उसकी टांगें चौड़ा कर अपना लंड पूरा अंदर कर दिया।
श्वेता अब चिल्ला रही थी- और जोर से जानू... और अंदर करो.. आज मुझे पूरे मजे दे दो..
रवि कुछ शर्मीला था इसलिए बोल तो नहीं रहा था पर उसकी स्पीड बता रही थी कि आज श्वेता की चूत फाड़ने में कोई कसर नहीं वो छोड़ेगा। एक जोरदार धक्के में उसने सारा माल श्वेता की चूत में डाल दिया। उसका वीर्य श्वेता की चूत से निकल कर बेडशीट पर फ़ैल गया। श्वेता ने पास रखे टॉवल से अपनी चूत और पेट पर फ़ैले रवि के वीर्य को साफ़ किया और टॉवल रवि को दे दिया। दोनों पास पास लेट कर एक दूसरे को देखते रहे और फिर चिपट गए। थोड़ी देर बाद उठकर रवि कपड़े पहन कर श्वेता को किस करके चला गया और श्वेता मुस्कुराती हुई नहाने चली गई।
नहाकर उसने बेड शीट और टॉवल वाशिंग मशीन में डाले और कमरा ठीक किया। उसने सोच लिया था कि माही को बस इतना ही बताना है कि रवि आया था और नाप लेकर चला गया। श्वेता फटाफट बाजार के लिए निकल गई और लौटते में पनीर ले आई। पनीर पकोड़ा के साथ ड्रिंक और फिर पोर्न मूवी... बस इतना ही चाहिए माही को मस्त करने के लिए... आकर उसे वाशरूम फिर जाना पड़ा... रवि के प्यार की निशानी की बूँदें उसकी चूत से अब भी निकल रहीं रहीं थीं। श्वेता ने हैण्ड शावर से चूत को अंदर तक धोया और फिर भी उसने यह सोचा कि आज माही चूत ना चूसे तो अच्छा रहेगा। और अगर माही नहीं माना तो... इसका इलाज़ भी उसने सोच लिया।
पकोड़े उसने कच्चे सेक लिए और एक टू पीस का बहुत ही छोटा नाईट वियर पहन लिया और उसके ऊपर हाउस गाउन डाल लिया। माही का 6 बजे ही फोन आ गया था कि वो 8 बजे तक आएगा। 8.15 तक माही आया और श्वेता को इस अंदाज में देख और उसके बदन से आती मदहोश करने वाली खुशबू को सूंघ वो समझ गया कि श्वेता आज मूड में है। वो फटाफट नहाकर और कुरता लुंगी पहन कर आ गया क्योंकि श्वेता ने कहा था कि बाहर लॉन में ड्रिंक लगा रही हूँ। श्वेता ने अपने लिये जूस और माही के लिए पेग बनाया। पकोड़े बहुत मजेदार बने थे और बैठते ही श्वेता का गाउन एक ओर हो गया तो उसकी चिकनी टांगें देखकर माही का लंड तो सलामी देने लगा।
उनकी कोठी की बाउंड्री इतनी ऊंची थी कि बाहर से या बगल से कुछ नहीं दीखता था तो माही के कहने पर श्वेता ने गाउन उतार दिया। लॉन में बहुत हल्की रोशनी थी और उसमें श्वेता का लगभग नंगा बदन... माही को व्हिस्की पीने से पहले ही नशा चढ़ गया था। माही लॉन में डले झूले पर बैठा और श्वेता को बगल में बिठाकर उसके मम्मों को चूसने लगा। श्वेता ने गिलास उठाया और अपने लबों से लगाकर माही को एक घूँट पिला कर उसे गिलास थमा दिया और पकोड़े खिलाने लगी। आधे घंट बाद माही श्वेता को लेकर अंदर आ गया और आते ही उसने श्वेता को वहीं कुर्सी पर बिठाकर उसकी चूत में अपनी जीभ से उसकी चूत को चुसलाने लगा।
चूत में जीभ लगते ही उसे मीठा मीठा महसूस हुआ... श्वेता ने अपनी चूत में चॉकलेट लगा रखी थी। उसकी यही अदाएँ माही को दीवाना बना देती थीं। माही उसको अभी चोदना चाहता था पर श्वेता ने मना किया कि पहले डिनर कर लो फिर.. डिनर के बाद जो धम्माल मचा तो शायद उसके बेड की भी एक दिन में इतनी शामत कभी नहीं आई होगी।
रवि का कोई जिक्र होने का वक़्त ही नहीं मिला। श्वेता की चूत आज मदमस्त हो गई थी। आज श्वेता थक कर ऐसी सोई कि उसे यह भी होश नहीं रहा की अपना मोबाइल संभाल लेती जिसके व्हाट्सएप में रवि के अनेक मेसेज थे। वो तो वक़्त उसका अच्छा था कि माही ने उसके मोबाइल को देखा ही नहीं। सुबह श्वेता ने उठते ही अपना मोबाइल देखा तो रवि के सारे मेसेज डिलीट किये। माही के ऑफिस जाने के कुछ देर बाद ही रवि का फोन आ गया, वो बोला- पता नहीं कल कैसे मैं अपने पर काबू नहीं रख पाया और अगर आपको बुरा लगा हो तो मैं आज के बाद कभी शक्ल नहीं दिखाऊँगा।
श्वेता हंस पड़ी... सच रवि बहुत भोला था। श्वेता ने रवि को लंच पर अन्नपूर्णा रेस्टोरेंट में दोपहर दो बजे बुलाया। लंच पर दोनों ने आपस में वादा किया कि वो अच्छे दोस्तों की तरह रहेंगे और अपने पर कंट्रोल करेंगे।
अचानक श्वेता ने महसूस किया कि एक व्यक्ति उन दोनों को ध्यान से देख रहा है।
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