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Adultery मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल
#81
फिर अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की टॉप निकाल के ज़मीन पर गिरा दी.

मुझे आज भी याद है, मेरी मम्मी ने उस समय गुलाबी ही ब्रा पहन रखी थी.

उनकी ब्रा पारदर्शी थी और उनके निप्पल, लगभग 4 5 मीटर दूर से भी बिल्कुल खड़े दिख रहे थे.

मेरी मम्मी की ब्रा, बहुत टाइट थी.
[Image: 3509556_2_o.jpg]

अंकल ने हाथ पीछे करके, सबसे पहली मेरी मम्मी की ब्रा निकाल के उन्हें ऊपर से नंगा कर दिया.

अंकल ने तुरंत मेरी मम्मी को अपने सीने से चिपका लिया और और उनके माथे पर चूमा.

उसके बाद, कमर पर हाथ देके मेरी मम्मी को उठा के दीवार के पास ले गये और मम्मी के दोनों हाथ ऊपर करके पकड़ लिए और मेरी मम्मी के पहले होंठ पर चूमा.

फिर उनकी छाती के उभार चाटने लगे और मम्मी के निप्पल मुंह मे ले के चूसने लगे.

फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ कमरे मे आने लगीं और साथ मे मेरी मम्मी की आ आहह आ आ अहह आ आहह आ अहह… की आवाज़ आने लगी.

मम्मी को अंकल से चुदे हुए, 3 4 दिन हो चुके थे शायद वो इसी लिए बेताब हो रही थीं और इस वासना मे अंकल का पूरा साथ रही थीं.

अंकल बारी बारी से, मेरी मम्मी के चुचे के दोनों निप्पल चूस रहे थे.

अंकल ने अब अपना मुंह ऊपर कर लिया और मेरी मम्मी के होंठ चूसते हुए कहा – महक, तुझे देख के मैं पागल हो जाता हूँ… अब मत तडपा और कुछ बोल ना, उस दिन की तरह…

मम्मी ने कहा – नहीं, अभी नहीं… तब तो बड़ा अपनी पत्नी से प्यार दिखा रहे थे, आप… उसी के पास जाइए ना…

अंकल ने कहा – मैं समझा नहीं… तू क्या कह रही है…

मम्मी ने कहा – मैंने देखा, आज जो प्यार आप अपनी बीवी से करते हैं…

अंकल तुरंत हट गये और उन्होंने कहा – देख, अब ये शुरू मत कर…

मम्मी ने कहा – क्या हुआ… ?? कुछ ग़लत कहा क्या, मैंने… ??

अंकल ने कहा – मैंने भी तुझसे कहा था ना, अपने बेटे से बता दे… तुमने बताया… ??

मम्मी ने कहा – नहीं…

अब अंकल ने कहा – क्यूँ… ?? मैं बताता हूँ क्यूंकि तुम भी नहीं चाहती, मैं और तुम अलग हो… तुम्हें डर है की तुम्हारा बेटा, कहीं तुम्हारे लीचड़ पति से ना बोल दे और हमारा ये खेल ख़तम हो जाए… फिर, तुझे साल मे कभी कभी, वो बोरियत भरी चुदाई करने का मौका ही मिले… है ना… ?? क्या तुम्हें कभी ऐसा लगा है की मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूँ… ??

मम्मी ने कहा – मैंने ऐसा नहीं कहा है… जो आप, ये सब बातें कर रहे हैं…

अंकल बोले – तुमने ही मूड खराब कर दिया… मैंने तो जाने, क्या क्या सोचा था…

मेरी मम्मी, उनके सीने से जा के चिपक गई और कहा – अरे बाबा, आइ एम सॉरी… मेरा, वो मतलब नहीं था… मैं बस मज़ाक कर रही थी… चलिए, मैं आप को बताती हूँ… किस किस से और कैसे कैसे चुदी…

अंकल ने कहा – चल, ठीक है… छोड़ सब…

फिर कुछ देर वो अपने सीने से मम्मी को चिपकाए हुए, उन्हें प्यार करते रहे.

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी का स्कर्ट के बटन खोल दिया.

मेरी मम्मी की स्कर्ट नीचे गिर गई और मेरी मम्मी अब सिर्फ़ पैंटी मे थीं.

अंकल ने मेरी मम्मी को पीछे घुमा दिया और पीछे से पकड़ के उठा के दीवार के पास ले गये और और मेरी मम्मी की पैंटी जांघें तक खिसखा दी और गाण्ड पर हाथ रख के सहलाया और पीछे से उनके फुददी में अपनी उंगली घुसा दी और रगड़ने लगे.

मम्मी के मुंह से – आ आहह आ आहह आ आहह आ आहह… निकलने लगा.

अब अंकल ने पूछा – हाँ, मेरी जानू… अब बता, तेरी इस चुड़दकड़ चूत ने कितने बड़े, मोटे, लंबे लंड खाए हैं…

मम्मी सिसकारी भरती हुईं बोलीं – उनमह… 4…

ना जाने अंकल को क्या हुआ, उन्होंने बाल पकड़ के मम्मी को सीधा किया और खींच के एक तमाचा दिया.

मम्मी गिरते गिरते बची और हैरानी से, अंकल को देखने लगीं.

इससे पहले, मम्मी कुछ बोलती अंकल ने कहा – मुझे अपना लीचड़ पति, समझने की ग़लती मत करना छीनाल… बहन की लौड़ी, कभी कहती है 4 कभी 8 कभी 16… साली कुतिया, अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने खोल के रख दिया, मैंने… ये भी बता दिया की अपनी ही माँ को चोद के मैंने अपनी नथ उतारी और तू साली, मुझे चूतिया समझती है… तेरा लोडू पति नहीं हूँ मैं समझी, माँ की लौड़ी… अगर सच बोलता हूँ तो सच ही सुनना पसंद करता हूँ…

मम्मी रोने लगी और बोलीं – ऐसा नहीं है… सच तो ये है की मैंने इनके और आपके सिवा, किसी से नहीं किया… वो तो आप एंजाय करें इसलिए मैं कुछ भी बोल रही थी…

अंकल ने खींच के एक और तमाचा दिया और मम्मी के बैग से उनका मोबाइल निकाल लिया.
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#82
फिर बोले – बहन की लौड़ी… ये सावित्री वाला नाटक तो करना मत… बड़ी भोली है तू, जो सिर्फ़ मेरे मज़े के लिए ये सब बोल रही थी… लगाऊँ अभी फोन, तेरे भाई को… (कुछ देर रुक के) चल उठ… चल अभी चल, डॉक्टर के पास… तेरे सारे टेस्ट करवाता हूँ… बस एक बात याद रखना, अगर तेरी बात झूठ हुई की तूने मेरे और अपने पति से सिवा किसी के साथ नहीं किया और सिर्फ़ मेरे एंजाय के लिए ये किया तो माँ चोद के रख दूँगा, तेरी… अगर, मैं तेरे प्यार में जान दे सकता हूँ तो तेरी जान ले भी सकता हूँ… चल उठ, अभी के अभी…

अंकल मम्मी का हाथ खींच के उन्हें उठाने लगे.

अब मम्मी, थोड़ी घबराई सी लगीं और रोते रोते बोलने लगीं – नहीं मुझे माफ़ कर दीजिए… ग़लती हो गई… आइ एम सॉरी…

अंकल ने उन्हें छोड़ दिया और थोड़ी देर, दूसरी तरफ मुँह करके खड़े हो गये.

फिर कुछ देर बाद, अंकल बोले – महक, मुझे माफ़ कर दे… पर क्या करूँ, मैंने अपनी जिंदगी को खुली किताब की तरह तेरे सामने रख दिया… तू ही सोच कोई बताएगा की उसने अपनी माँ को ही चोदा है… फिर तू क्यूँ मुझसे झूठ बोलती है… मुझे धोखा देती है…

अंकल ने मम्मी के आँसू पोछे और उन्हें गले से लगाया.

फिर कुछ देर बाद, वो बोले – चल, तू मुँह हाथ धो ले… मैं अपनी वाइफ को और लड़कों को देख के आता हूँ… क्या कर रहे हैं…

इधर मैं फ़ौरन दौड़ के गया और आंटी के रूम में घुस गया.

किस्मत से दरवाज़ा खुला हुआ था.

अरुण मम्मी के बगल में ही सो गया था तभी अंकल अंदर घुसे.

मुझे खड़ा देख और अरुण और आंटी को सोता देख वो बोले – तुम भी कुछ देर आराम कर लो, प्रणव… सो जाओ… फ्रेश हो जाओगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा…

मैंने कहा – जी अंकल… मैं भी यही सोच रहा था…

अंकल – चलो, तुम लोग आराम करो… मैं थोड़े काम ख़तम करके आता हूँ…

और, वो चले गये.

जैसे ही, अंकल निकले मैं भी चुपके से निकल लिया.

जब मैं पहुँचा तो सब सामान्य हो चुका था.

अंकल और मम्मी (नंगी बैठ कर) बातें कर रहे थे.

मम्मी ने पूछा – प्रोटेक्शन है ना…

तो अंकल ने कहा – नहीं…

मम्मी ने कहा – साथ क्यों नहीं रखा…

अंकल ने कहा – तू कोई रंडी है क्या… ?? मेरी ही है ना… फिर क्यों रखू… और, फिर से मेरी मम्मी की फुददी रगड़ने लगे.

मम्मी – आ आहह आ आहह आ आहह… करने लगीं.
[Image: 3561718_4_o.jpg]

थोड़ी देर में ही, मेरी मम्मी की फुददी ने पानी छोड़ दिया.

अंकल की हथेली, मेरी मम्मी के पानी से गीली हो गई थी.

मुझे लगा, अभी कुछ देर पहले ही मम्मी अंकल से पीटी थीं और अब उनकी चूत ने, अंकल के लिए पानी छोड़ दिया था.

क्या मर्द का कभी कभी मर्दानगी दिखाना भी ज़रूरी है क्यूंकी मैंने कभी पापा को मम्मी के ऊपर हाथ उठाते नहीं देखा.

सच कहूँ तो मम्मी, पापा की लड़ाई भी बहुत कम ही देखी थी.

क्या पापा थोड़े आक्रामक होते तो भी मम्मी छीनाल होती.

खैर, इन सब बातों का अब क्या मतलब.

पापा तो अब जा ही चुके हैं.

यूँ ही एक बार, मेरे दिल में ख़याल आया की काश मेरे पापा और आंटी मतलब अरुण की मम्मी की शादी हुई होती तो कितना मस्त होता.

आंटी सही में, कितनी अच्छी थी.

मुझे याद पापा के बीमार होने के बाद, आंटी हर दो चार दिन में हमारे घर आती थीं.

वैसे ये थोड़ा अजीब है पर वो, मम्मी पापा को एक सिद्ध महाराज के पास भी ले गई थीं.

मैं और अरुण भी साथ गये थे.

अंकल का उन दिनों मम्मी से रिश्ता लगभग ख़त्म हो चुका था और मैं इस ग़लतफहमी में था की पापा की बीमारी ने, मम्मी को बदल दिया है.

आप को बताना चाहता हूँ ये बात तो थी की सिद्ध महाराज ने मम्मी की सारी पोल पट्टी खोल दी थी.

आप तो जानते ही हैं, मैं हमेशा एक कोना ढूँढ ही लेता हूँ बातें सुनने का.

जो कुछ महाराज ने कहा वो था तो थोड़ा अजीब पर आख़िर में निकला, बिल्कुल सच.

वो मम्मी से बोले थे – देवी, (जी हाँ, उन्होंने मम्मी को देवी ही कहा था) सिर्फ़ दो उपाय हैं, जिससे आपके पति को जीवन भर किसी गुप्त रोग से कोई नुकसान नहीं हो सकता… सबसे पहले तो आपको ध्यान रखना होगा की आपने अपने पति के सिवा जिससे भी आज तक अनैतिक संबंध बनाए हैं, उसकी परछाई तक आप पर अब कभी ना पड़े… किसी भी परिस्थिति में ऐसा पुरुष जिससे आपके पहले अनैतिक संबंध रहे हैं, आपको भविष्य में स्पर्श तक ना कर पाए और भविष्य में कोई भी पुरुष आपके पति के सिवा आपके किसी भी “स्त्री अंग” को स्पर्श ना करे… यदि ऐसा होता है तो आपके पति, 27 दिन के अंतराल में ही मर जाएँगें… दूसरा ये की आपने आज तक जो भी अशिष्ट आचरण किया है, उसके विषय में विस्तार से अपने पति को बता दें… दूसरा उपाय ये है की आप खुद अपने पति को आपकी तरह अशिष्ट होने पर मजबूर करें… लेकिन, ऐसा आपको खुद ही करना होगा और आपको भी उस क्रीड़ा में शामिल होना होगा…

आधी बातें, उस वक़्त मुझे उनकी बाउंसर लगी थीं.

समझ ही नहीं पाया था, वो कहना क्या चाह रहे हैं.

पर मम्मी ने तब भी पूछा – पर महाराज, यदि ये किसी और लड़की के साथ कुछ करेगें तो ऐसे ही, इनकी मृत्यु हो जाएगी…
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#83
Very nice update
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#84
Bahut slow ho bhai
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#85
Update
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