20-01-2019, 04:10 PM
Give update plzzzzzzzzzzzzz
Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
|
20-01-2019, 04:10 PM
Give update plzzzzzzzzzzzzz
21-01-2019, 03:48 PM
21-01-2019, 03:48 PM
21-01-2019, 03:49 PM
21-01-2019, 04:49 PM
waiting for next update please
21-01-2019, 05:02 PM
अपने कमरे मे जाते ही केशव ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके..और अगल-बगल डियो लगा लिया...और फिर सिर्फ़ एक निक्कर और टी शर्ट पहन कर अपने बेड पर लेट गया..वो और उसका लंड बड़ी ही बेसब्री से काजल का इंतजार करने लगे...रात के 12 बजने वाले थे...उसकी आँखो मे नींद भरी हुई थी..पर वो सोना नही चाहता था...बस अपनी आँखो को बंद करके वो काजल के आने के बाद क्या-2 करेगा यही सोचने लगा...और ये सोचते -2 कब उसकी आँख लग गयी, उसे भी पता नही चला.
''केशव.....केशव....सो गये क्या....'' दूर से आती आवाज़ सुनकर केशव की नींद खुल गयी....वो तो सपनों की दुनिया मे था...ठंडी बर्फ मे...पूरा नंगा...और काजल के पीछे भाग रहा था...उसके बचे खुचे कपड़े उतारने के लिए...और वो भागे जा रही थी...भागे जा रही थी... ''केशव....उठो.....मैं आ गयी...'' काजल की आवाज़ सुनते ही वो एकदम से अपने सपने की दुनिया से बाहर निकला...वो उसकी बगल मे ही बैठी थी...और उसका हाथ केशव के माथे पर आए पसीने को पोंछ रहा था. काजल : "क्या हुआ....कोई सपना देख रहे थे क्या......बोलो ...'' केशव ने हाँ में सिर हिलाया. काजल : "बताओ....क्या देख रहे थे...'' वो शायद जानती थी की वो उसके बारे मे ही सोच रहा था सपने मे...पर फिर भी उसके मुँह से सुनना चाहती थी. केशव : "वो मैने बता दिया तो आप शरमा जाएँगी...बहुत कुछ हो रहा था सपने में तो...'' और केशव की ये बात सुनकर वो सच मे शरमा गयी.. केशव की नज़रें उसके चेरहरे से होती हुई नीचे तक आई....उसकी क्लिवेज उफन कर बाहर आ रही थी...इतना गहरा गला तो उसने आज तक नही देखा था अपनी बहन का...ऐसा लग रहा था जैसे उसने जान बूझकर अपने मुम्मे बाहर की तरफ निकाले हैं, ताकि केशव उन्हे देख सके. काजल ने उसकी नज़रों का पीछा किया और बोली : "एक नंबर के बदमाश हो तुम....मैने तो पहले सोचा भी नही था की तुम ऐसे होगे...पर पिछले 2-3 दिनों से जो भी तुम्हारे बारे मे पता चल रहा है,उसके हिसाब से तो तुम बड़ी पहुँची हुई चीज़ हो...'' केशव ने अपना हाथ आगे करते हुए काजल की कमर को लपेटा और उसे अपनी तरफ करते हुए खींच लिया... वो आगे की तरफ होती हुई उसकी छाती पर गिर गयी...और अब काजल का चेहरा सिर्फ़ 2-3 इंच की दूरी पर ही था...दोनों की साँसे टकरा रही थी आपस मे..काजल के दोनो मुम्मे उसके उपर गिरकर पिचक चुके थे...और काजल की पीठ पीछे केशव का लंड अपना पूरा रूप ले चुका था. केशव के हाथ धीरे-2 काजल की टी शर्ट के अंदर घुसने लगे..उसकी कमर के कटाव से होकर जैसे ही केशव का हाथ अंदर दाखिल हुआ...काजल एकदम से बोली : "ये....क्या कर रहे हो केशव....मुझे शर्म आ रही है...'' उसकी आँखो मे गुलाबी लकीरें उतर आई...हल्का पानी भी आने लगा... केशव : "दीदी...आपने ही तो कहा था की मूंगफलियां खिलाएँगी...अब हमने इतनी गेम्स जीती हैं...उनके बदले सिर्फ़ यही एक चीज़ तो माँग रहा हू...'' काजल ने सिसक कर उसकी आँखों मे देखा...जैसे कहना चाहती हो की 'यही से तो शुरुवात होगी बाकी के खेल की...इसके बाद तो रुक नही पाऊँगी ..' पर वो कुछ बोल ना सकी... और केशव के हाथ धीरे-2 सरकते हुए अंदर जाने लगे...और जैसे ही उसकी बीच वाली उंगली ने काजल के स्तन का निचला भाग छुआ, दोनो के शरीर सिहर उठे...काजल ने अपने होंठ अपने दांतो तले दबा लिए.. ताकि उसकी सिसकी ना निकल जाए...और केशव के मुँह से जो साँसे निकल रही थी उससे काजल के बाल पीछे की तरफ उड़ते चले जा रहे थे.. केशव ने अपनी उंगलियों को काजल के पर्वतों के उपर चढ़ाना शुरू कर दिया...टी शर्ट काफ़ी ढीली थी..इसलिए उसके हाथ आराम से उसके मुममे की चिकनी दीवारों से होते हुए मैन पॉइंट तक पहुँच गये...और केशव ने धड़कते दिल से अपने अंगूठे और बीच वाली उंगली के बीच उसकी मूँगफली को लेकर ज़ोर से दबा दिया.. ''अहह ....... केशव ................... धीरेएsssssssssssssssssss ...............'' उसके बाद तो केशव से सब्र ही नही हुआ...उसने काजल के मुम्मे को अपनी पूरी हथेली मे भरा और ज़ोर-2 से दबाने लगा...ऐसा नर्म एहसास तो उसने आज तक नही लिया था...और उसके निप्पल्स यानी मूँगफलियाँ तो सच मे बड़ी ही करारी थी...उन्हे वो जितना ज़ोर से दबाता वो और भी ज़्यादा उभरकर बाहर निकल आती...और निप्पल के चारों तरफ के घेरे मे छोटे-2 दाने जो थे..उन्हे भी केशव अपनी उंगलियों से रगड़ रहा था.. केशव ने काजल को पीछे की तरफ करते हुए फिर से सीधा बिठा दिया...और अब उसकी निकली हुई छातियों को वो टी शर्ट के उपर से ही दबाने लगा... दोनो हाथों से दोनो बॉल्स को मसल रहा था वो...काजल तो पागल सी हुई जा रही थी...किसी मर्द का पहला स्पर्श जो था उसके जिस्म पर इस तरह से...उसने जो भी आज तक सोचा हुआ था, वो सब महसूस कर रही थी अपने शरीर पर... केशव ने अपनी उंगलियाँ सीधा लेजाकर उसके निप्पल्स पर रख दी...
21-01-2019, 05:04 PM
21-01-2019, 07:42 PM
काजल ने एक गहरी साँस ली...और उसकी दोनो छातियाँ थोड़ी और बाहर निकल आई.
केशव ने आदेश सा दिया : "उतारो अपनी टी शर्ट..'' काजल का सीना उपर नीचे होने लगा ये सुनकर...पर ना जाने क्या जादू था केशव की आवाज़ में ...उसके दोनो हाथों ने टी शर्ट के निचले हिस्से को पकड़ा और धीरे-2 उपर सरकाना शुरू कर दिया.. ज़ीरो वॉट का हल्का बल्ब जल रहा था ठीक केशव के सिर के पीछे...और हल्की मिल्की रोशनी काजल के शरीर पर पड़ रही थी...जो धीरे-2 नंगा हो रहा था. उसका सपाट पेट जैसे ही ख़त्म हुआ, उसके उभारों ने उजागर होना शुरू कर दिया...और धीरे-2 करते हुए एक के बाद एक दोनो पक्क की आवाज़ करते हुए उछलकर बाहर निकल आए...और काजल ने उस टी शर्ट को सिर से घुमा कर बाहर निकाल दिया.और अब वो बैठी थी अपने छोटे भाई केशव के सामने टॉपलेस होकर... अपनी गोल-मटोल छातियाँ लेकर...केशव ने अपने हाथ ऊपर किये और उन्हें दबाने लगा केशव उसकी सुंदरता को बड़ी देर तक निहारता रहा ...और फिर उसने एक और आदेश दिया अपनी बड़ी बहन को.. ''खिलाओ...मुझे अब ये मूँगफलियाँ...'' उसका इशारा लाल रंग के निप्पल्स तरफ था, जो भुनी हुई मूंगफली जैसा लग रहा था काजल धीरे से आगे खिसकी...अपनी एक ब्रेस्ट को अपने हाथों मे पकड़ा और केशव के चेहरे के उपर झुक कर अपने निप्पल से उसके होंठों पर दस्तक दी... पर वो अपना मुँह बंद किए लेटा रहा... काजल ने अपने पैने निप्पल से उसके होंठों को रगड़ना शुरू कर दिया...पर वो तो जैसे भाव खा रहा था...मज़ा भी उसको लेना था और भाव भी खुद ही खाने लगा.. पर इतना कुछ होने के बाद अब काजल पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी...अब कोई फ़र्क नही पड़ता था की वो पहल करे या केशव...बस दोनो किसी भी तरह से पूरा मज़ा लेना चाहते थे... केशव ने जब अपना मुँह नही खोला तो काजल ने दूसरी ब्रेस्ट को पकड़ा और उसके निप्पल से केशव के होंठों को रगड़ा...और इस बार उसने थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसका खड़ा हुआ निप्पल उसके होंठों की दीवार भेदता हुआ अंदर दाखिल हो गया...पर उसने अपने दाँत आपस मे भींच रखे थे काजल ने सिसक कर कहा : "खोलो अब....वरना ये मूँगफलियाँ सील जाएँगी...इनका करारापन चला जाएगा...'' केशव अपनी बहन की बात एक ही बार मे मान गया...और जैसे ही उसने अपना मुँह खोला, काजल ने पूरा भार उसके उपर डालते हुए अपना पूरा का पूरा मुम्मा उसके मुँह में ठूस दिया....मूँगफली के साथ-2 प्लेट भी अंदर घुसेड दी...केशव का मुँह काफ़ी बड़ा था...उसने बड़ी ही कुशलता से उसके पूरे मुम्मे को अपने मुँह मे एडजस्ट किया और उसे ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया..जैसे कोई दूध पीता है और अपने भाई के दूध निकालने की इस कला से वो निहाल सी होकर सिसकारियाँ मारने लगी.. ''आआययययययययययययययीीईईईईईईईईईई .,........ उम्म्म्ममममममम....... काटो भी इन्हे...... दर्द सा होता है इनमें .......'' काजल ने डॉक्टर केशव को अपनी परेशानी बताई, और वो उसका इलाज करने में जुट गया केशव उन्हे अपने दांतो से चुभलाने भी लगा...जीभ से उसे सहलाता और दाँत से काटकर निशान बना देता...एक-2 करके उसने दोनो मुम्मो को बुरी तरह से चूस्कर लाल कर दिया... जगह -2 उसके दांतो के निशान चमकने लगे...काजल ने कुछ देर के लिए उन्हे केशव के हमले से बचाया और बाहर निकाल लिया...और फिर अपने गीले होंठों के साथ केशव पर हमला कर दिया.. जैसे ही केशव ने काजल के होंठों को टच किया...उसका मीठापन किसी शरबत की तरह केशव के गले से नीचे उतरता चला गया...और दोनो भूखे जानवरों की तरह एक दूसरे को ज़ोर-2 से स्मूच करने लगे.. केशव तो अक्सर ये सब कर ही लिया करता था...पर आज काजल का पहला अवसर था...अपने स्तन और होंठ चुसवाने का....इसलिए वो खुद ही लालायित सी होकर ये काम करवा रही थी और मज़े भी ले रही थी...वो जानती तो थी की इस काम मे मज़ा आता होगा..पर इतना आता है, ये आज उसे अपने मुम्मे और होंठ चुसवाने के बाद ही पता चला...एक अलग ही दुनिया मे पहुँच गयी थी वो...दुनिया की कोई भी फीलिंग इनसे बढ़कर नही हो सकती थी...ऐसा एहसास मिल रहा था उसे आज अपने शरीर से...असली मज़ा तो अब मिला उसको...अपने जवान शरीर का...काश ये सब उसने पहले ही कर लिया होता... स्मूच करते-2 काजल का हाथ केशव के लंड की तरफ बढ़ने लगा...उसने पहले भी अपने भाई के लंड को उपर-2 से महसूस किया था किचन में .पर अब उसको नंगा करके पकड़ना चाहती थी...उसने केशव की निक्कर के उपर से ही उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ मे पकड़कर ज़ोर से दबा लिया.. केशव का मुँह खुल सा गया...और दोनो की किस्स भी टूट गयी.. काजल तो अब खूंखार सी हो उठी थी...वो केशव की आँखो मे देखते-2 नीचे की तरफ खिसकने लगी...और ठीक उसके लंड के उपर जाकर उसने अपना चेहरा रोक लिया. काजल : "बहुत खा ली तुमने मेरी मूँगफलियाँ....अब मेरी बारी है...तुम्हारा केला खाने की...'' और फिर काजल ने उसकी निक्कर को दोनो तरफ से पकड़कर नीचे खींच दिया..और केशव का लंड एक ही झटके में लहराकर उसकी आँखो के सामने नाचने लगा. उसने जब केशव और सारिका को दो दिन पहले वो सब करते देखा था, तब तो काफ़ी दूर थी वो..पर अब इतने करीब से वो उसके लंड को देखकर घबरा रही थी..की अगर इसे अपनी चूत में लेना पड़ गया तो कैसे लेगी...कहाँ उसकी चूत का 2 इंच का छेद और कहाँ ये आठ इंच लंबा लौड़ा... काजल को ऐसे घहबराई हुई नज़रों से अपने लंड को निहारते देखकर केशव समझ गया की वो क्या सोच रही होगी....उसने अपने लंड को पकड़कर उसके होंठों पर लगाया और बोला : "अब ज़्यादा मत सोचो दीदी....लो...चूसो इसको...आइस्क्रीम की तरह...शाबाश..'' काजल ने अपनी आँखे बंद कर ली और एक हि झटके में उसके लंड को अपने मुँह मे डाल लिया...और धीरे-2 अपने मुँह को उपर नीचे करने लगी.. केशव : "शाबाश दीदी..........ऐसे ही ......अहहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...... उम्म्म्ममममममम ..... कितना मज़ा आ रहा है ..................आहह ........ चूसो इसको ................. उम्म्म्मममममममममम ....ज़ोर से ......................'' थोड़ी ही देर मे काजल उसके लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे बरसों से यही काम करती आ रही हो वो... वैसे कुछ लड़कियों में ये गुण शुरू से ही होता है...और ऐसी लड़कियाँ ही अपने पार्टनर को खुश रख पाती है.. केशव के लॅंड को काजल पूरा का पूरा चूस रही थी....कभी उसको बाहर निकाल कर कुल्फी की तरह सिर्फ़ जीभ से चूसती ...और कभी उसकी बॉल्स को भी मुँह मे भरकर निगल जाती...और उसका रस रसगुल्ले की तरह निकालती...उसने तो सोचा भी नही था की लंड चूसने में इतना मज़ा मिलता है...केशव ने लाख कोशिश की पर वो उसके लंड को छोड़ने का नाम ही नही ले रही थी...आख़िर उसके मुँह ताज़ा-2 खून जो लगा था... और फिर वही हुआ, जिसका केशव को डर था...उसके लंड से भरभराकर रस की पिचकारियाँ बाहर निकलने लगी... और गाड़े रस ने काजल के मुँह, होंठ और चेहरे को पूरी तरह से अपने रंग में रंगकर भिगो दिया...
22-01-2019, 12:14 AM
मस्त!
22-01-2019, 09:44 AM
22-01-2019, 11:04 AM
NICE update ....bahi bahan ka pyar ..
VIsit my story
Main ek sex doll bani..https://xossipy.com/thread-2030.html uncle ne banai meri movie(bdsm).. https://xossipy.com/thread-40694.html
22-01-2019, 02:03 PM
Super erotic update
23-01-2019, 11:29 AM
23-01-2019, 11:30 AM
23-01-2019, 11:30 AM
23-01-2019, 02:05 PM
Nice story...
23-01-2019, 09:15 PM
23-01-2019, 09:24 PM
और अपने मुँह में जैसे ही काजल को थोड़ा बहुत स्वाद का एहसास हुआ, उसने अजीब सा मुँह बनाया...और फिर अगले ही पल बिल्ली की तरह अपनी जीभ से सारा का सारा रस चाटने लगी...लंड के आस पास गिरा रस ...और फिर केशव के लंड से अपने चेहरे को रगड़ा और उसपर लगे रस को फिर से लंड चूस्कर निगल गयी..
काजल : "वाव .......सब कुछ कितना टेस्टी है यहाँ का.....मैं तो फैन हो गयी रे तेरे इस केले की और इसके जूस की. ...... म्*म्म्मममम '' अब केशव अपने बेड से उठ खड़ा हुआ... और उसने खड़े होकर सबसे पहले तो अपने कपड़े उतार कर नीचे फेंके..और पूरा नंगा हो गया...और फिर उसने बड़े ही प्यार से काजल का पायजामा भी नीचे खिसकाया..और उसे भी अपनी तरह नंगा कर दिया.. काजल की आँखे बंद थी...आख़िर पहली बार पूरी तरह से नंगी हो रही थी वो किसी के सामने... काजल की चूत बिल्कुल चिकनी थी...शायद वो पहले से ही तैयार होकर आई थी...चिकनी चूत से हल्का पानी निकल कर बाहर रिस रहा था... केशव ने नीचे बैठे-2 ही उसकी एक टाँग को अपने कंधे पर रखा और अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर लगा दिया... काजल ने उसके बाल पकड़े और ज़ोर से चीख उठी .... ''अहहsssssssssssssssss...... ओह माय गॉड ....ओह माय गॉड ....ओह माय गॉड'' उसने तो सोचा भी नही था की नर्म चूत पर गर्म होंठ का संगम ऐसा एहसास देगा उसे..... वो अपने आप को संभाल नही पाई और वो बेड की तरफ झुकती चली गयी और उसपर गिरकर चादर की तरह बिछ गयी... केशव ने उसके दोनो पैरों को फेलाया और अपना मुँह अंदर डाल कर ज़ोर-2 से उसकी चूत को चूसने लगा... काजल की तो आँखे चढ़ गयी....ऐसा सुखद एहसास तो उसे फिंगरिंग करने के बाद भी नही मिलता था... वो पहले से ही उत्तेजित थी...इसलिए ज़्यादा टाइम नही लगा उसे झड़ने मे....और वो हिचकियाँ लेती हुई केशव के मुँह के अंदर ही झड़ने लगी... ''अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। ................... उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म क्या मजा है अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , चूस इसको , यहाँ से , अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आई एम कमिंगsssssssssssss '' और केशव तो पुराना खिलाड़ी था इस खेल का...उसने एक भी बूँद बाहर नही निकालने दी...अपना मुँह उसकी चूत से तब तक नही हटाया जब तक वो पूरी तरह से शांत नही हो गयी.. उसके बाद केशव भी उसकी बगल मे आकर लेट गया...और दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस्कर अपना-2 रस खुद ही चखने लगे.. 2 बज चुके थे ये सब करते-2 ....केशव का लंड अपनी आख़िरी लड़ाई के लिए तैयार हो चुका था... उसने धीरे-2 अपने शरीर को काजल से रगड़ना शुरू कर दिया.... काजल भी समझ गयी की अब वो क्या चाहता है....पर उसके अंदर हिम्मत नही बची थी कुछ भी करने की अभी...और वो डर भी था की इतना बड़ा कैसे अंदर जायेगा एक तो काफ़ी रात हो चुकी थी...दूसरा उसे सुबह ऑफीस भी जाना था...छोटी दीवाली पर ऑफीस मे सभी को गिफ्ट लेने के लिए बुलाया गया था... काजल : "केशव.....आज के लिए इतना ही...बाकी कल करेंगे....ऑफीस भी जाना है...'' केशव ने भी कोई ज़बरदस्ती नही की....काजल ने उसको एक किस्स किया और अपने कपड़े पहन कर वो माँ के पास सोने के लिए चली गयी.. और केशव ऐसे ही नंगा सो गया...अगले दिन होने वाले जुए के बारे मे सोचते हुए और उसके बाद होने वाली चुदाई के बारे मे सोचते हुए... अगले दिन काजल की नींद खुल ही नही रही थी...उसने अलार्म ना लगाया होता तो उसे पता ही नही चलता की सुबह के 7 बज चुके हैं..मन तो नहीं था,पर ऑफीस जाना भी ज़रूरी था...वो जल्दी से उठी..नहा धोकर तैयार हो गयी और अपने लिए चाय रख दी.. उसकी माँ अभी तक सो रही थी.. चाय का कप हाथ मे लेकर वो केशव के कमरे में गयी...और वहाँ का हाल देखकर उसे एहसास हुआ की रात को उन दोनो ने वहाँ क्या धमाल मचाया था.. केशव के बेड की चादर निकल कर नीचे गिरी हुई थी..उसके कपड़े चारों तरफ बिखरे पड़े थे...पिल्लो भी गिरे पड़े थे इधर उधर...और वो अपने पैर फेला कर गहरी नींद में सो रहा था...वो पूरा नंगा था..और उसके मैन पार्ट के उपर तकिया पड़ा था...शायद वो रात को उसको अपनी टाँगो के बीच दबोच कर ही सोया था.. काजल धीरे-2 आगे आई और उसने पिल्लो को उठा कर साइड में कर दिया...और अब केशव उसकी नज़रों के सामने पूरा नंगा था...भले ही इस वक़्त उसका सिपाही सोया हुआ था पर फिर भी वो बड़ा ही टेम्पटिंग सा लग रहा था..इतना टेम्पटिंग की काजल के मुँह में पानी आ गया..उसने घड़ी देखी, अभी दस मिनट थे उसके पास...उसने सोचा की चाय तो रोज पीते हैं, आज फ्रेश जूस पीया जाए..और उसने चाय का कप टेबल पर रख दिया और दरवाजा बंद करके उसके बेड के पास आ गयी.. शेर चाहे सो रहा हो पर होता वो भी ख़तरनाक है..इसलिए काजल को उसे हाथ लगाने मे डर भी लग रहा था...पर जैसे ही उसके ठंडे हाथ गर्म लंड को छुए , उसके नर्म एहसास हो महसूस करके काजल रोमांच से भर उठी...पिछले 2-3 दिनों से जो भी वो देख और कर रही थी, सबमे उसे मज़ा मिला था...और अब ये सुबह की रोशनी मे नहाया हुआ केशव का लंड , वो तो सबसे अलग ही था...वो धीरे से उसके उपर झुकी और पहले अपनी गर्म सांसो से और फिर गर्म जीभ से उसे गुड मॉर्निंग कहा. केशव को अभी तक मालूम नही था की उसके साथ हो क्या रहा है...वो रात को 4 बजे तक जागता रहा था..काजल के बारे मे सोच सोचकर..अब जब तक उसके साथ कुछ ज़ोर ज़बरदस्ती ना हो, तब तक उसकी नींद नही खुलने वाली थी..
23-01-2019, 09:30 PM
कल रात को तो उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था, पर इस वक़्त काजल के टच से वो नींद से जागने लगा..तभी कहते हैं, लंड का अपना अलग दिमाग़ होता है...उसका मालिक भले ही सो रहा था पर केशव का लंड अपने आप को मिल रहे स्पेशल ट्रीटमेंट से काफ़ी खुश था.और कुछ ही देर में वो खेत की सरसों की तरह लहराने लगा..
काजल ने अपने लिप्स पर पिंक ग्लॉस लगाया हुआ था...जिसे उसने धीरे-2 केशव के लंड पर मल दिया...वो तेज़ी से उसके लंड को चूस रही थी..कल रात के जायके को वो भूली नही थी अभी तक...इसलिए उसके जूस निकलने का बेसब्री से वेट कर रही थी... और उसने जिस तरह से तेज झटके मारकर केशव के लंड को झटके दिए, उसे नींद से जागने के लिए उतने झटके काफ़ी थे... और वैसे भी , नींद में ही सही, उसे ये एहसास हो रहा था की उसका बस निकलने ही वाला है...और जैसे ही वो घड़ी आई...उसके लंड की टंकी और उसकी आँखे एक साथ खुल गयी.. लंड की टंकी से भरभराकर गाड़ा पानी काजल के मुँह में जाने लगा..और वो अपनी अधखुली आँखो से अपनी टाँगो के बीच लेटी हुई काजल को देखकर हैरान और परेशान हुए जा रहा था.. पर जब तक वो कुछ बोल पाता वो बिल्ली उसकी सारी मलाई चट कर चुकी थी...और फिर बड़े ही सेक्सी तरीके से उसकी आँखो मे देखते हुए उसने अपने होंठों पर जमे रस को चाटते हुए कहा : "गुड मॉर्निंग भाई ...'' और केशव उसको पकड़कर कुछ और कर पाता , वो खिलखिलाती हुई सी कमरे से बाहर निकल गयी...उसके ऑफीस का टाइम हो गया था. फिर 5 मिनट के बाद वो अपना बेग वगेरह लेकर घर से बाहर निकल गयी.. केशव अभी तक अपने बेड पर नंगा लेटा हुआ सुबह के इस हसीन एनकाउंटर के बारे मे सोच सोचकर मुस्कुरा रहा था. वो फिर से सो गया...करीब 10 बजे के आस पास उसकी नींद खुली, उसका मोबाइल बज रहा था...वो सारिका का फोन था. केशव (बुदबुदाते हुए) 'इसकी चूत में भी सुबह-2 खुजली शुरू हो जाती है' फिर फोन उठा कर बड़े ही प्यार से बोला : "हेलो डार्लिंग...कैसी हो..'' सारिका : "तुम्हे क्या पड़ी है मेरी फ़िक्र करने की...दो दिन से देख रही हू तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो..उस दिन जब काजल ने पकड़ लिया था, उसने कुछ बोला क्या...बोलो...'' केशव : "अरे नही बेबी...वो तो . काफ़ी खुश थी..और तुम्हारी तारीफ भी कर रही थी...बोल रही थी की तुम दोनो में कुछ ग़लतफ़हमियाँ हो गयी है, वरना वो अभी भी तुम्हे बहुत लाइक करती है...और मेरे और तुम्हारे ऐसे रीलेशन से भी दीदी को कोई प्राब्लम नही है..'' सारिका (हैरानी से) : "क्या सच में ....तुम झूठ तो नही बोल रहे ना...'' केशव : "डार्लिंग...मैं भला क्यो झूठ बोलूँगा...सच मे, वो अभी भी तुम्हे अपना दोस्त मानती है...'' सारिका : "ग़लती मेरी ही थी पहले भी....और अब भी...इतनी अच्छी सहेली के साथ मैने ऐसा बर्ताव किया...'' केशव : "चलो, अब परेशान मत हो, अगर तुम दीदी के साथ फिर से दोस्ती करना चाहती हो तो वो मुझपर छोड़ दो...अब ये बताओ, इतनी सुबह कैसे फोन किया...'' सारिका (थोड़े नाराज़गी भरे स्वर मे) : "तुम्हे तो कुछ होता नही है...पर मेरी हालत बड़ी खराब है...बड़ा मन कर रहा है तुमसे मिलने का (चुदवाने का)'' उसकी सेक्सी आवाज़ ने तो केशव के सोए हुए शेर को फिर से जगा दिया ...अभी 10 बज रहे थे...उसको नहाना भी था और नाश्ता भी करना था...माँ को भी नाश्ता करवाना था...इंजेक्शन लगवाना था... केशव : "तुम ऐसा करो, 3 बजे आ जाओ...माँ तब तक खाना खाकर सो जाएँगी...फिर बस तू और मैं ...'' सारिका : "ओक ....मैं आती हू, 3 बजे...'' फिर केशव आराम से उठा और नहाया ..अपनी किस्मत पर उसको आज बड़ा ही नाज़ हो रहा था... काजल और सारिका की दोस्ती वो इसलिए करवाना चाहता था की उसके मन में कही ना कही एक साथ 2 के मज़े लेने की बात थी....पर उसे क्या मालूम था की उसकी ये इच्छा इतनी जल्दी सच हो जाएगी.. क्योंकि काजल के ऑफीस में दिवाली का गिफ्ट मिलने के बाद 2 बजे छुट्टी हो गयी...और वो घर की तरफ निकल पड़ी...ये सोचते हुए की एक घंटे मे घर पहुँचकर वो खुलकर मज़े लेगी केशव के साथ... |
« Next Oldest | Next Newest »
|