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Adultery रीमा की दबी वासना
mast update.
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kya update hai bhai, mast.
waiting for next
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One of the Hottest stories of this forum, kudos to you
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BEST STORY ON XOSSIPY- HINDI - 2019
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Update please
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(16-11-2019, 04:18 PM)Silverstone93 Wrote: BEST STORY ON XOSSIPY- HINDI - 2019

Big Grin Big Grin  I don't think so.

 when  i look back to my post i find many flaws. when i started to wrote this story, i didn't think too much about plot, i just followed title.
some where in writing i thought it would have been much better if i had road map from starting. i just flow with reema obsession with lust ,  now thinks are clear. i hope i would finish story at that level where it justify itself.

Thanks for your support and encouragements.  welcome welcome

and very exciting updates are in pipeline but not coming soon.
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(15-11-2019, 08:23 AM)komaalrani Wrote: One of the Hottest stories of this forum, kudos to you

Thanks a lot. you are a awesome writer and very unique style of narration. kudos to your writing   yourock yourock
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Update pls
[+] 1 user Likes rajpoot412's post
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Super hot story
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waiting for the best story of the forum to move ahead
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बहुत काम कहानियाँ ऐसी होती है जिनके हर एक किरदार बहुत ही सोच समझ कर लिखें गये है. हर एक किरदार का अपना ख़ुद का वजूद है. जब कहानी को साँस लेने का वक़्त मिलता है तो कहानी बहुत ही खुल कर सामने आती है जिससे हर एक किरदार समझने और उसको जीने का वक़्त मिलता है | आपके लिखने का तरीका बहुत ही शानदार है और यहाँ बहुत ही कम ऐसे लेखक है जो इस तरह से लिख सकते है. बहुत ही सुन्दर
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Picture and story both are ' made for each other '
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(21-11-2019, 10:05 AM)Jyoti Singh Wrote: बहुत काम कहानियाँ ऐसी होती है जिनके हर एक किरदार बहुत ही सोच समझ कर लिखें गये है. हर एक किरदार का अपना ख़ुद का वजूद है. जब कहानी को साँस लेने का वक़्त मिलता है तो कहानी बहुत ही खुल कर सामने आती है जिससे हर एक किरदार समझने और उसको जीने का वक़्त मिलता है | आपके लिखने का तरीका बहुत ही शानदार है और यहाँ बहुत ही कम ऐसे लेखक है जो इस तरह से लिख सकते है. बहुत ही सुन्दर

100% sahi
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(21-11-2019, 10:05 AM)Jyoti Singh Wrote: बहुत काम कहानियाँ ऐसी होती है जिनके हर एक किरदार बहुत ही सोच समझ कर लिखें गये है. हर एक किरदार का अपना ख़ुद का वजूद है. जब कहानी को साँस लेने का वक़्त मिलता है तो कहानी बहुत ही खुल कर सामने आती है जिससे हर एक किरदार समझने और उसको जीने का वक़्त मिलता है | आपके लिखने का तरीका बहुत ही शानदार है और यहाँ बहुत ही कम ऐसे लेखक है जो इस तरह से लिख सकते है. बहुत ही सुन्दर

बहुत बहुत आभार आपका  Namaskar Namaskar Namaskar Namaskar
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अगला अपडेट जल्दी ही ......................................
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(16-11-2019, 04:18 PM)Silverstone93 Wrote: BEST STORY ON XOSSIPY- HINDI - 2019

Namaskar Namaskar Namaskar Namaskar
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waiting,
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रीमा ने जितेश के सीने पर अपना सर रख दिया और जितेश ने भी अपना हाथ रीमा की पीठ पर रख दिया | दोनों एक दूसरे के से चिपक कर अपनी अपनी  सांसे काबू करने लगे | दोनों तेजी से हाफ रहे थे उनके शरीर पसीने से लथपथ थे | वह दोनों  खुद को काबू करने की कोशिश करने लगे और अपनी लंबी लंबी तेज सांसों को नियंत्रित करने लगे | जितेश ने अपनी आंखें बंद कर ली थी उसे जो सुख प्राप्त हुआ था वह जिस आनंद के सागर में गोते लगाकर अभी अभी निकला था उसकी कल्पना भी उसने कभी नहीं की थी |  वह आंखें बंद करके बस उसी पल को हमेशा के लिए अपने दिलो-दिमाग में सजा लेना चाहता था | रीमा भी खुद को काबू कर रही थी | रीमा जितेश जितेश के सीने पर हाथ रखकर उसे हल्के हल्के सहलाने लगी जितेश का हाथ रीमा के चूतड़ों पर चला गया और वह उसके चूतड़ों को सहलाने लगा था | दोनों छत की तरफ देख रहे थे इस लंड चूसाई से रीमा को प्रियम की याद आ गई जब उसने पहली बार प्रियंम का लंड चूसा था इसलिए  रीमा अपने पुराने अतीत में चली गई | प्रियम  का ख्याल आते ही उसे अपने घर का ख्याल आने लगा | उसे प्रियम रीमा अनिल रोहिणी सब याद आ गए | आखिर वह कैसे होंगे ? कहां होंगे ?  मेरे बिना वह किस हालत में जी रहे होंगे पता नहीं उन्होंने खाना खाया होगा नहीं खाया होगा कितने परेशान हो रहे होंगे मेरे लिए ? यही सब सोच सोच कर रीमा की जान निकली जा रही थी कुछ पल पहले वह खुशी  और आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और अब उसके मन में अवसाद और दुख भरा हुआ था वह समझ नहीं पा रही थी आखिर उन पर क्या बीत रही होगी, वह बस यही सोच सोच कर परेशान हो रही थी पता नहीं किस हालत में वो लोग होंगे और कहां-कहां हाथ-पांव मार रहे होंगे मुझे ढूंढने के लिए मैं यहां से कब निकलेगी मुझे लगता है जितेश से मुझे बात करनी चाहिए मुझे मेरे घर पहुंचा दे | न पंहुचा दे तो कम से कम एक फ़ोन कर दे | या मेरी फ़ोन पर बात करा दे | वो हैरान थी आखिर जितेश इस ज़माने में बिना फ़ोन के रहता कैसे है | यहाँ से निकलने में खतरा  तो रहेगा लेकिन कम से कम में जितेश से बात तो कर ही सकती हूं जब भी जितेश को सही लगेगा मुझे यहां से निकाल कर बाहर घर पहुंचा देगा | सूर्य देव के आदमी चारो तरफ घूम रहे होगे |  पर क्या करूं खतरा तो है ही है खतरे से डरकर कब तक इस कमरे में बंद रहूंगी | 




उधर जब रीमा अनिल और रोहित को नहीं मिली | तो दोनों बेचारे पुरे सिक्युरिटी दल के साथ वापस अपने शहर आ गए हैं | हालांकि पोलिस ने अपना पूरा जाल बिछा दिया था | छोटे बड़े हर गुंडे के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी | इधर रोहित ने भी अपने निजी जासूस को रीमा का पता लगाने में लगा रखा था लेकिन समस्या ये थी ये क़स्बा पूरी तरह से सूर्यदेव के कब्जे में था इसलिए इतनी जल्दी यहाँ रोहित के जासूसों के लिए घुसपैठ करना आसान नहीं था | रोहित उनसे बार-बार लगातार संपर्क कर रहा था लेकिन रीमा का कोई अता-पता नहीं था | रोहित कुछ भी कमी बाकि नहीं रखना चाहता था उसने रिटायर हो चुके एक जान पहचान के इंटेलिजेंस के ऑफिसर को रीमा की खोज के लिए लगाया, जिसकी खुद की अपनी जासूसी की एजेंसी थी | उसने रीमा के इस तरह गायब होने की वजह जानने की कोशिश करी, लेकिन इसका जवाब न तो रोहित के पास था न पोलिस के पास | ऊपर से विलास के बेटे की मौत का मामला भी टॉप सीक्रेट हो गया था इसलिए कड़ियाँ जोड़ना तो छोड़ो पकड़ना मुश्किल हो रहा था | विलास अपनी मौत के शोक में आग बबूला बैठा था | अपने घर के क्रिया कर्म करते ही वो कहर बनकर सब पर टूटेगा ये, उसे जानने वाले सबको पता था | सूर्यदेव को भी ये बात पता थी इसलिए उसके पास ज्यादा दिन नहीं थे | उसे भी हर हाल में रीमा को ढूंढकर विलास के सामने करना था नहीं तो वो कुत्ते की मौत मारा जाता | सिक्युरिटी अपने स्तर  हाथ-पांव मार रही थी लेकिन अब सिक्युरिटी कड़ियां जोड़ने पर और जिन लोगों पर शक था उनको उठा उठा कर पकड़ कर पूछताछ कर रही थी और यह काम लंबा था और इसलिए रातो रात रिजल्ट मिल पाना नामुमकिन था | यही सब  समझते हुए अनिल और रोहित दोनों ही वापस अपने घर की तरफ लौट आए  थे | रोहित के घर पर रोहिणी प्रियम अनिल और उनके दोनों बेटे और बेटी कमरे में बैठे हुए थे टीवी पर रीमा के गायब हो जाने की खबर चल रही थी और पूरे शहर को पता चल गया था कि रीमा गायब हो गई है | प्रियम को भी पता चल गया था रोहिणी को भी पता चल गया था और भी पूरे शहर को भी पता चल गया था | घर में सभी इस तरह से दुख में मायुस सा चेहरा बनाये थे  जैसे घर में मातम मनाया जा रहा हो |  सभी के मन में एक ही बात थी आखिरी रीमा ने किसी का क्या बिगाड़ा था वह तो इतनी सीधी और सरल थी | कभी किसी से तेज आवाज में बात तक नहीं करती थी | सभी शोक में डूबे हुए थे रोहित और अनिल ने दूसरे को देखा और रोहिणी की तरफ देख कर बोले - बच्चो इस तरह से परेशान होने की जरुरत नहीं है | पोलिस ने बोला है अगले 24 घन्टे में रीमा मिल जाएगी |

रोहित - मुझे लगता है दीदी बच्चों को खाना खिला कर सुला देना चाहिए | 
रोहिणी  ने भी हामी भरी | 
वह प्रियम के साथ-साथ अपने दोनों बच्चों को ले करके खाना खिलाने के लिए ले जाने लगी | 
इधर अनिल और रोहित दोनों आगे क्काया किया जाये इस बारे में सोचने लगे | काफी  देर तक इसी बात की चर्चा करते रहे कि आखिर और कौन-कौन से तरीके हैं जिसे रीमा को जल्दी खोजा जा सके | तभी रोहित का फ़ोन बजा | वो शहर की ही एक बड़े सिक्युरिटी  अधिकारी का फ़ोन था | 
रोहित के साथ उसकी हाय हल्लो हुई फिर वो पोलिस क्या कर रही है ये अपडेट देने लगा | रोहित ने अपना फ़ोन स्पीकर पर कर दिया |
अधिकारी - रोहित तुम परेशान मत हो | हम रीमा को जल्दी ही खोज लेगें | अब तक मेरा जो अस्सेमेंट है रीमा वही उसी कस्बे में है | कस्बे के बाहर हमने नाकाबंदी कर रखी, वहां से निकलने वाले हर गाड़ी की जाँच की जा रही है | सूर्यदेव नाम के गुंडा वहां तस्करी और दुसरे काले धंधे करके खुद को उस कस्बे का माफिया घोषित कर रखा है | उसके हर आदमी और मूवमेंट पर हमारी नजर है | वहां की पोलिस भी बहुत सहयोग कर रही है | मैंने रीमा के कॉल डिटेल्स निकाल लिए है | उस पर ग्रोसरी स्टोर पर हुए हमले से भी इसका कोई न कोई लिंक हो सकता है | हम हर पहलू से जाँच कर रहे है | कल सुबह तक रीमा की पहचान बताने वाले को हम ढाई लाख का इनाम भी घोषित करवा देगें | इसके अलावा सारे ऑटो और रिक्शा वाले भी हमारे राडार पर है | सूर्यदेव पर हमारी नजर है जरुरत पड़ी तो सूर्यदेव को हिरासत में ले लेगे | असल में वो विलास और मंत्री जी खास आदमी है इसलिए अभी उस पर हाथ डालने का मतलब खुद के हाथ जलाना है | थोड़ा सा धैर्य रखो, अगर हमें एक भी सुराग मिला तो तुरत सूर्यदेव को धर दबोचे | 
रोहित - यार मिलन्द ये सूर्यदेव है कौन, इतने सालो से यहाँ हम रह रहे है | आसपास के आठ दस जिलो की तो सारी कुंडली हमें पता है | इसका नाम कभी नहीं सुना | 
मिलिंद - हाँ सरप्राइज तो हमारे लिए भी है, सुना है विलास से इसकी कुछ खटपट भी हुई है हालिया बिज़नस को लेकर | फिलहाल इसका नाम तीन साल पहले ही हमारे राडार पर आय है जब हमने १० किलो कोकीन जब्त की थी | चूँकि हमारा जिला नहीं लगता इसलिए फिर ज्यादा कोशिश नहीं की गयी | ऊपर से बॉस का भी आदेश था मामले की जाँच बंद कर दो | लेकिन मै उस जिले से इसके सारे काले कारनामो का किस्सा निकलवा रहा हूँ | 
रोहित -अच्छा एक बात बता मिलिंद ये विलास वही न जिसका रिवर लाउन्ज में मंत्री जी के साथ पार्टनर शिप है | 
मिलिंद - हाँ वही, तू जानता है उन्हें | 
रोहित - हाँ पैराडाइज का सेटअप तो मैंने ही किया था | तभी मुलाकात हुई थी |
मिलिंद - कभी उसके दर्शन हमें भी करा दे |
रोहित - उसमे क्या है कभी भी चला जा |
मिलिंद - हम सरकारी नौकर है, पैसो का पेड़ नहीं लगा है | इतना महंगा है, एक विजिट में दो महीने की सैलरी निपट जाएगी | 
रोहित - भाई मजे लेगा तो जेब तो ढीली ही होगी | अच्छा ये सब छोड़ ये बता विलास के साथ कुछ त्रासदी हुई है क्या | शहर की हाई सोसाइटी सर्किल में घूम रहा है कुछ भयानक हो गया है विलास के साथ | उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली है |
मिलिंद - टॉप सीक्रेट है बताना मत किसी को, उसके बेटे को किसी ने गोली मारी है वो भी जंगल के बीचो बीच में | उसकी लाश पूरी तरह से नंगी मिली है | किसी लड़की का चक्कर होगा पक्का बता रहा हूँ | आगे जाँच करने का आदेश नहीं वरना सब पता चल जाता | किसी उलटा खोपड़ी के आदमी की बेटी को चोदने की कोशिश की होगी या चुदाई के बीचो बीच पकड लिया होगा | तुरंत ही पेल दिया | ये मै इसलिए कह रहा हूँ वहाँ से एक साड़ी या दुप्पटे का कपड़े के धागे मिले है | मतलब वहां कोई लड़की आई या लायी गयी |
रोहित - ये कब की बात है |
मिलिंद - ये तो रीमा भाभी गायब हुई है | ओह शिट ........................बुत जग्गू और रीमा के बीच कोई कनेक्शन नहीं है |
रोहित - ओह शिट शिट शिट ये मेरे दिमाग में अब तक क्यों नहीं आया | 
मिलिंद - क्या नहीं आया ?
रोहित - रिवर लाउन्ज में बवाल हो गया था | जग्गू ने किसी लड़की के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करी थी और तुम्हे तो पता है रीमा कितनी आदर्शवादी है | उसने वहां हंगामा खड़ा कर दिया था | हालाँकि वो लड़की थी तो साली रंडी ही लेकिन रीमा को सब अपने जैसे लगते है | सच्चे आदर्शवादी ...................विलास को माफ़ी मांगनी पड़ी थी | लेकिन मुझे डाउट है विलास उस बात को लेकर आगे गया होगा | 
मिलिंद - लेकिन वो नशेड़ी उसकी औलाद |
रोहित - लेकिन रीमा के खिलाफ जग्गू .....................वो तो मेरे बेटे प्रियम का भी अच्छा दोस्त था, लेकिन सच ये भी है रीमा की वजह से उसका कॉलेज छुट गया था |
मिलिंद - अब आगे क्या करना है, विलास पर सीधे सीधे हाथ डालने का मतलब है नौकरी गयी | 
रोहित - मुझे लगता है कुछ न कुछ तो जग्गू और रीमा के बीच कनेक्शन है | मुझे कुछ पता चलता है तो तुझे बताता हूँ | 
इतना कहकर फ़ोन काट गया |
  थोड़ी देर बाद बच्चे जब खाना खाकर अपने अपने कमरों में चले गए तो रोहिणी भी वहां आ गई और वह भी जानकारियां लेने लगी थी | उसके बाद रोहिणी ने सबके लिए खाना लगा दिया | उसके बाद में बेमन से थोड़ा-थोड़ा खाना रोहित अनिल और रोहिणी ने खाया |  अपने अपने कमरे में चले गए थे सबके दिमाग में इसमें बस एक ही बात घूम रही थी आखिर रीमा इस तरह से कैसे गायब हो गई क्या हुआ कैसे हुआ अभी उनको सारी बात नहीं पता चली थी इसीलिए वह इन सब रहस्यों से अनजान थे | सब कुछ बस अनुमानों पर टिका था, रोहित आखिर कैसे पता लगाये की जग्गू और रीमा की बीच क्या कुछ हुआ था | प्रियम से पूछता हूँ शायद कुछ पता चले | लेकिन जब वो प्रियम के कमरे की तरफ गया | तो बाहर की आहट सुनते ही प्रियम सोने का नाटक करने लगा | रोहित उसको सोता देख वापस आ गया और सुबह उससे बात करने की सोचने लगा |



काफी देर तक सभी लोग अपने-अपने कमरे में बिस्तर पर इधर उधर लुढ़कते  रहे न रोहिणी की आंखों में नींद थी ना ही रोहित की आंखों में नींद थी ना ही अनिल की आंखों में नींदे और ना ही प्रियम की आंखों में नींद थी | प्रियम को  लग रहा कही न कही उसकी वजह से तो चाची मुसीबत में नहीं फंस गयी | आखिर थी तो उसकी चाची ही | चाची से जो भी लड़ाई झगड़ा मारपीट गुस्सा मान मनोबल चलता था वो सब तो रिश्ते का हिस्सा था |  उसकी चाची ने ही उसे वह जिंदगी के राज बताएं थे जो शायद उसको अपनी जवानी की दहलीज के आगे निकल जाने के बाद पता चलते | उन्होंने उसे वह सारे राज कच्ची जवानी में बता दिए थे | रीमा चाची की वजह से उसने उतना सब कुछ इस कच्ची उम्र देख लिया था जो शायद उसे अभी देखने की उम्र नहीं थी | चाची ने उसका लंड चूसा था, अपने खूबसूरत से गुलाबी जिस्म का कोना कोना दिखाया था |  इसीलिए वह अपनी चाची के जवान गोरे जिस्म  का दीवाना था | उसके दिलो-दिमाग मेरी रीमां चाची ही छाई रहती थी | उसे सही गलत न केवल समझती थी बल्कि जवानी के रहस्य भी बताती थी, उन्हें कर कर दिखाती थी | उसका लंड जब जब रीमा चाची के लिए खड़ा हुआ हर बार उसकी प्यास को उन्होंने चूस कर बुझाया था |  अफसोस चाची अचानक से  गायब हो गयी उनका कोई पता नहीं लग रहा | अपना गोरा बदन दिखाया, अपने दूध दिखाए न केवल दिखाये बल्कि पीने को भी दिया | अपनी गोरी गुलाबी चूत दिखाई और चुदने को भी दिया | नाराज होती थी तो प्यार भी करती थी | आखिर कौन अपने जिस्म का कोना कोना दिखाकर जवानी के गुर अब उसे समझाएगा | जो गलत होता था उसकी सजा देती थी डांटती थी | लेकिन अपने सीने से भी चिपका लेती थी | कौन करेगा इतना प्यार उसे | उसे चाची को दुःख नहीं पंहुचना चाहिए था | माँ की तो कभी शक्ल तक देखने की नहीं मिली अब चाची भी चली गयी | 
 अब क्या करेगा  चाची के बिना यही सब सोच सोच का उसकी आंखों में आसूं आ गए | आखिर कहाँ चली गयी तुम रीमा चाची | 
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अगला अपडेट कल .............................................
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रोहित की भी आंखों में नींद नहीं आ रही थी वह बार-बार इधर-उधर बिस्तर पर करवट बदल रहा था और रीमा के बारे में सोचा था | आखिरी में इस तरह से कैसे गायब हो गई कि उसका कुछ भी सुराग नहीं मिल पा रहा है | सिक्युरिटी भी अपने हाथ-पांव मार रही है | उसके अपने खुद के आदमी भी रीमा को खोजने में लगे हुए हैं | कुछ तो क्लू मिले,  कुछ तो सुराग मिले | रीमा की किसी से दुश्मनी भी नहीं थी आखिर अचानक से क्या हो गया | अगर जग्गू से कुछ प्रॉब्लम  होती तो रीमा जरुर बताती | पता नहीं वो जिन्दा भी ई या किसी ने ...............नहीं नहीं ये मै क्या उल्टा सीधा सोच रहा हूँ | लेकिन अगर किसी ने सच में उसे मार दिया हो तो  | अगर ऐसा होता तो अब तक कहीं न कहीं लाश सिक्युरिटी को मिल गई होती | यही सोचकर ही रोहित के रोंगटे खड़े हो गए | उसके बाद में उसने खुद को समझाया और फिर से रीमा के बारे में सोचने लगा | 


कितनी खूबसूरत थी कितनी प्यारी सी थी और कितनी सुशील थी जब तक कि उनके बीच की शर्म और लिहाज से पर्दा नहीं हटा | रीमा  अपनी मर्यादा में ही रही और वो उसे देख कर  बस अपने अरमानो की आहें भरता रहा था | जब एक बार उसके रीमा के बीच की रिश्तो की शर्म का पर्दा हटा , फिर तो गजब हो गया | उसके बाद जिस भी रूप में रीमा को  रोहित ने देखा था वह हर बार पहले कि रीमा से बहुत ही अलग थी लेकिन जैसी भी थी कयामत थी कहर ढाती थी  |  रोहित को वह चरम सुख दिया  जो शायद ही कोई औरत दे सकती थी | रोहित के लिए वह बहुत स्पेशल थी भले ही उसके स्वर्गीय  भाई की पत्नी हो लेकिन क्या हुआ | रोहित भी रीमा के लिए बहुत खास था और रोहित के लिए रीमा  बहुत खास थी |  जो सुख उसे रीमा दे सकती थी या दिया था वो  शायद ही उसकी आसपास मडराती औरतों के झुंड में से ,  जो उसके जिंदगी में आई शायद ही कोई कर सकता हो | रीमा से जो उसे सुख मिला जो अपनापन मिला, उसे बाहर की वन नाइट स्टैंड वाली लड़कियां कहां दे सकती थी | कभी-कभी सज धज के ऐसे तैयार होकर निकलती थी तो जब मन करता था बस उसे ही देखता रहा हूं सारा कामकाज भूल जाऊं | रोहित तो उसके चेहरे को काफी देर तक निहारता रहता था | इतनी खूबसूरत इतनी कोमल रीमा कहां होगी,  कितनी मुसीबत में होगी,  कैसे जी रही होगी पता नहीं | गुंडे बदमाश कौन उठाकर ले गया है पता नहीं | उसके साथ क्या-क्या करेगा ? रीमा को सुरक्षा की चिंता भी रोहित को खाए जा रही थी | 


अनिल भी इसी सोच में डूबे हुए अपने बिस्तर पर इधर-उधर लुढ़क रहे थे और उसके दूसरी तरफ करवट करके लेती रोहिणी भी रीमा के बारे में सोच रही थी | आखिर रीमा के साथ क्या हुआ,  कुछ किसी को नहीं पता था | दोनों ही  अपने अपने खयालो में रीमा के बारे में ही सोच रहे थे | रोहिणी तो जैसे रीमा की दीवानी हो गई थी | इतनी प्यारी और खूबसूरत औरत का कौन दुश्मन हो सकता है | जो थोड़ी सी देर बात करने के बाद अपना पूरा दिल खोल के सामने रख देती थी इतनी भोली सुंदर सुशील दिल की साफ़  लड़की से किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है | रोहिणी अपनी भावनाओं के सागर में डूबी हुई यही सब सोच रही थी | इधर अनिल भी रीमा के बारे में ही सोच रहे थे और  उनके रात में आने वाले  रीमा के सपनों को सोच समझकर लग रहा था कि अब शायद रीमा  उनके लिए बस सपना बनकर ही रह जाएगी | आखिर इस तरह से कैसे गायब हो सकती है 3 दिन से ज्यादा होने को आए थे और रीमा का अभी कुछ पता नहीं चल पा रहा था | वो रीमा के हुस्धीन के जाल में अभी भी फंसे हुए थे | धीरे-धीरे अनिल का हाथ खिसकता हुआ उनकी पैंट के अंदर चला गया | वह रीमा की खूबसूरती, अदा और उसकी लटके-झटके आंख बंद करके इमेजिन करने लगे और अपने लंड को सहलाने लगे | रीमा उनकी फेंटेसी थी उनकी सपनों की सौदागर थी | उनके सपनों की अप्सरा थी | उनके ख्वाबों की मलिका थी | 


[Image: 13.jpg]

आखिर रीमा आज किसी मुसीबत में है तो अनिल को कैसे चैन हो सकता है लेकिन अपनी उस ख्वाबों की मलिका सपनों की अप्सरा को बारे में सोच समझकर ही अनिल के पेंट में तनाव आने लगता था और अभी भी वही हो रहा था | पड़ोस में दूसरी तरफ मुहँ किए हुए करवट से रोहिणी लेटी हुई थी लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था उनका हाथ अपने लंड पर चलने लगा था और वह रीमा के उस खूबसूरती के स्वप्न में आंखें बंद करके डूबने लगे थे | रोहिणी को भी रीमा याद आ रही थी कैसे दोनों ने पूरी रात हंसी ठिठोली करें और एक दूसरे को ना केवल नंगा किया न केवल एक दुसरे के जिस्म को छुआ बल्कि मन की गहराइयों को भी छुआ था | जिस्म का स्पर्श जब मन की गहराइयो को छु लेता है तो वो दिलो दिमाग में हमेशा के लिए अंकित हो जाता है |   उसने रीमा को एक नई चीज सिखाई | वह दोनों ने एक दूसरे के नाजुक से नाजुक प्राइवेट अंगों को छुआ, चुम्मा चाटी और एक दूसरे को वह सुख दिया जो शायद ही एक औरत ही दूसरे औरत को दे सकती है | रीमा कितनी भोली है जैसा रोहणी बताती गई थी रीमा वैसा करती  गई |  एक दूसरे के स्पर्श ने  पनी जवानी के उस सुख को महसूस किया जो शायद ही किसी मर्द के साथ एक औरत को मिल सकता था|  औरत का अनुभव ही  अलग होता है औरतों का स्पर्श हल्का होता है औरतों का स्पर्श  मादक होता है औरतों का स्पर्श  सहज होता है औरत का स्पर्श कीमल होता है उस कोमलता के एहसास को याद करके  रीमा के जिस्म की उस नरमी को और बदन की गर्मी को याद करके भी रोहिणी मदहोश हुई जा रही थी | आखिरी रीमा चीज ही ऐसी थी | उसके दिमाग पर भी रीमा का नशा पूरी तरह से चढ़ा हुआ था | उसका गुलाबी चिकना दमकता बदन और चिकनी चूत घाटी अभी तक रोहिणी भूली नहीं है | जब पहली बार रीमा को नंगा किया था तो अपलक उसकी खूबसूरती देखती रह गयी थी | आज भी उसकी वो सूरत उसके दिलो दिमाग में बसी है | 


[Image: Olivia%2BPaige.jpg]


रोहिणी का  हाथ भी अपने उरोजो को मसलते मसलते अपनी पैंटी के अंदर घुस गया |  वह अपने चूत दाने  को उंगली से मसलने लगी थी | आखिर रीमा चीज ही ऐसी थी किसी को भी अपनी वासना के सागर में डूबा कर मदहोश कर दें और रोहिणी को रीमा के साथ बिताया हुआ हर वह पल जब वह दोनों एक-दूसरे के शरीर से चिपके हुए थे और उनके बीच में कपड़ों का कोई पर्दा नहीं था एक दूसरे को स्पर्श करते हुए एक दूसरे को टच करते हुए एक-दूसरे के शरीर से शरीर को जोड़ते हुए एक दूसरे की गहराइयों की नाप लेते हुए दूसरे के होंठों को चूमते हुए एक दूसरे में खोई जा रही थी उस पल को याद कर करके और अपने अंदर की दबी हुई लालसा को अपने चूत दाने को मसल मसल करके  दिमाग में जी रही थी


अनिल का मूड पूरी तरह से बन चुका था अब क्या करें रोहिणी को चोदे  या फिर क्या करें लेकिन हालात ऐसे नहीं थी जो वो रोहिणी से  कहें कि उन्हें उसे चोदना है | उन्हें पता था रोहिणी  भी दुख से भरी हुई थी | अनिल भी अंदर से उदास थे लेकिन क्या करें हैं | रीमा के मादक जिस्म ने  उनके  दिलो-दिमाग में जो आग लगा दी थी | उन्उहें कुछ तो करना ही था |  अपना लंड को हिला हिला कर के ही अंदर की हवस को बुझाने अनिल जी वहां  से उठे और स्टडी रूम में जाकर लेट गए | रोहिणी अपने में खोयी हुई थी इसलिए उसका ध्रूयान उस तरफ गया हि नहि |   स्टडी रूम में आकर के लाइट और कमरे के सारे परदे  बंद कर दिए | इसके बाद में सोफा लेटकर  अपने हाथ से लंड हिलाने लगे | उनके दिलो-दिमाग पर रीमा ही छाई हुई थी | रीमा उनके सपने में अक्सर आती रहती थी और वह सपने ऐसे होते थे कि अनिल को अपनी पिचकारी छोड़नी ही पड़ जाती थी | आज तो हो खुली आंखों से सपना देख रहे थे अपनी रीमां का जो उनकी सपनों की मल्लिका थी लेकिन आज पता नहीं इस अनहोनी के कारण उनसे दूर थी | उन्हें  पता भी नहीं था वह कहां है लेकिन उसके नाम की मुठ तेजी से मारने लगे थे और अपने लंड पर हाथ को फिसलने लगे थे | रीमा को चोदने की ख्वाहिश उनके अंदर हमेशा से थी और जब उन्होंने पहली बार रीमा की गुलाबी गरम कसी हुई चूत के दर्शन किए थे तब से तो जैसे उनके ऊपर नशा सा चढ़ गया था | उस कसी हुई गुलाबी चूत  को पाने की लालसा में तिल तिल कर  घुट रहे थे | ना किसी से कह सकते थे ना किसी को बता सकते थे | बस उसकी गुलाबी चूत की ललक में पागल हुए जा रहे थे | रीमा का वो गोरा दमकता बदन और उसके बड़े बड़े चुताड़ो के बीच में वो गुलाबी चीरा और उसकी दो फांके, उन्ही दो फांको के छेद ने तो उन्हें पागल कर रखा था | 


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 बस एक ही चारा था अपने लंड पर वह सारे अरमानों का गुस्सा उतार देते थे और अभी भी वही हो रहा था उनका हाथ उनके अपने लंड पर बहुत तेजी से फिसल रहा था अब उन्होंने पेंट खोल दी लंड पूरी तरह से तन गया था | कमरे में घनघोर अँधेरा और उस पर भी उनका काला मोटा मुसल लंड लार की चमक से चमक रहा था | 

 इधर रोहिणी भी अपनी प्यारी सी हंसती खिलखिलाती गुदगुदाती अठखेलियाँ करती  रीमा को सोच समझकर के मदहोश हुई जा रही थी आखिरी में कहां होगी..... किस हाल में होगी उसने कुछ खाया होगा नहीं खाया होगा पता नहीं किन जालिमों के हाथ में वह होगी | उसे हमारी याद आ रही होगी या नहीं आ रही होगी | हम उसके लिए कितने परेशान हैं या वह किन मुसीबतों में पड़ी होगी इसका कोई भी अंदाजा नहीं था | यही सब सोच सोच कर रोहिणी  परेशान हो रही थी और उसकी पैंटी में उसकी चल रही उंगली थम गई | आखिर वह क्या करें इतनी असहाय कभी नहीं थी वह जान चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी | आखिर रीमा का पता कैसे लगाया जाए | रीमा की कल्पनाओं में खोई हुई रीमा को लेकर परेशान रोहिणी ने भी फिर से अपना हाथ अपनी  पैंटी में घुसा दिया | उसने अपनी गर्दन घुमाकर देखी  अनिल वहां नहीं थे | वह समझ गई अनिल भी रीमा के नशे में चूर हो गए हैं | अब रोहिणी के सामने खुला मैदान था वह कुछ भी कर सकती थी | उसने अपना नाईट गाउन उतार फेंका | फिर धीरे से पैंटी भी खिसका दी | अब बस उसके जिस्म पर ब्रा रह गयी थी | उन्होंने  तेजी से अपनी चूत दाने को रगड़ना शुरु किया | अपनी आंखें बंद कर वह बस रीमा के बारे में सोचने लगी जैसे रीमा अभी उसके पास ही हो | वो बिस्तर पर लेती हो और रीमा उसके ऊपर छाई हो | उसे चूम रही हो सहला रही हो उसके बड़ी-बड़ी उठी हुई छतिया उसकी छातियों से टकराकर के एक दूसरे में  चूर हो रही हो | उसके बदन की नरम गर्माहट से रोहिणी की वासना का ज्वार भी बढ़ने लगा हो |  दोनों के आपस में रगड़ते बदन एक ऐसी गर्मी पैदा कर रहे हो  जो शायद उन दोनों को जलाकर के रख कर देगी | रोहिणी की चूत दाने पर तेज फिसलती उंगली  की रगड़न से उसके पूरे शरीर में वासना की तरंगों बहने लगी | रोहिणी ने एक हाथ की उंगलियाँ अपनी चूत घुसा दी दुसरे से वो चूत दाने को मसल रही थी | उसकी कल्पना में ऐसा उसने सोच रखा था जैसे रीमा उसके ऊपर छाई हुई हो उसे चूम रही हो चाट रही हो और उसकी चूत में उंगली कर रही हो, उसके चूत दाने को मसल रही हो |  जबकि एक हाथ से वह अपनी चूत दाने को रगड़ रही थी और दूसरे हाथ की उंगलियों से अपनी चूत को चोद रही थी | 
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रोहिणी कल्पना कर रही थी कि यह सब कुछ रीमा कर रही है आखिर रोहिणी  की वासना का पारा पूरी तरह से चढ़ा हुआ था वह भी पूरी तरह से रीमा के हुस्न के  जाल में मदहोश हुई पड़ी हुई थी आखिर क्यों हो रीमा ऐसी चीज ही थी | रोहिणी को मदहोश होना बनता था | रीमा की वासना के जाल में जाकर रोहिणी खुद को चोद कर रगड़ कर अपनी प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थी ताकि उसके परेशान मन को थोड़ी सी शांति मिले | 


उधर अनिल का भी यही हाल था उनका लंड पूरी तरह से अब कपड़ों के जाल से मुक्त था और पूरी तरह से सीधा ऊपर की तरफ तो ना हुआ था अंधेरे में भी अगर कोई नजदीक जाकर देखें तो ऐसा लग रहा था जैसे फुट भर का कोई डंडा उनके शरीर से निकलकर के छत की तरफ को सीधा तना हुआ है और उस पर तेजी से उनका हाथ फिसल रहा था | वह रीमा की कल्पना करके खुद का मुट्ठ मार रहे थे और सोच रहे थे जैसे वह रीमा की गुलाबी चूत को चोद रहे हो  | रीमा के गुलाबी जिस्म को अपने सख्केत हाथो से थामे उसकी उन्नत नुकीली पहाड़ियों को मसलते हुए अपना मुसल लंड उसकी गुलाबी कसी चूत में पेल रहे हो | उसके  गुलाबी जिस्म के उठे हुए उन्नत नुकीली पहाड़ियों का रस पी रहे हो | उसके मीठे रसीले गुलाबी नर्म होठों का रस चख रहे हो और उसके जिस्म को भोग रहे हो लेकिन असल में वह सिर्फ मुट्ठ मार रहे थे | रीमा को पाने की लालसा ने जो अनिल को पूरी तरह से अपनी काबू में ले रखा था उन्हें रीमा के अलावा कुछ नहीं सूझ नहीं रहा था |  रीमा के किडनैप होने के बाद से जो जैसे वह बस दिन-रात रीमा के बारे में ही सोचते रहते थे और चिंता से घुले हुए गले जा रहे थे और वहीं उनकी चिंता कब उनकी वासना में बदल गई उन्हें खुद नहीं पता चला | रीमा की चिंता अब रीमा की वासना में बदलकर के उनके उनके दिलो-दिमाग में भर गई थी और उसी को बुझाने के लिए वह स्टडी रूम में तेजी से अपने लंड को मुठिया रहे थे
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