Poll: आपको कैसे मुम्मे पसंद है ?
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मोटे मोटे खरबूजे जैसे मुम्मे
7.69%
1 7.69%
पक्के आम जैसे बड़े बड़े मुम्मे
15.38%
2 15.38%
अपनी मम्मी के बड़े बड़े टाइट मुम्मे
23.08%
3 23.08%
अपनी बहिन के मीडियम साइज़ के टाइट मुम्मे
15.38%
2 15.38%
सामने वाली आंटी के मोटे मुम्मे
30.77%
4 30.77%
मस्त गांड वाली के मोटे मोटे मुम्मे
7.69%
1 7.69%
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Adultery ब्रा वाली दुकान // by raviram69
#1
Heart 
हैलो दोस्तो .. आज मैं आपको अपनी एक छोटी सी कहानी सुनाने जा रहा हूं जिसमें मैंने अलग अलग लड़कियों और आन्टियो की चुदाई की। लंबी भूमिका बांधने की बजाय सीधे मुद्दे की बात पर आते हैं। तो दोस्तो मेरा नाम सलमान है। अधिक पढ़ा लिखा तो नहीं मगर किसी लड़की की चूत को कैसे चोदना है यह मैं अच्छी तरह जानता हूँ। मेरी शिक्षा मात्र दसवी पास है। और मेरी उम्र 24 साल है। , 5 फीट 7 इंच लंबा है, अधिक शिक्षा न होने की वजह से कोई काम तो मिला नहीं घर में सबसे बड़ा होने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी मुझ पर आ गई थी। 20 साल की उम्र में मैंने काम शुरू किया। कीर्ति नगर में एक छोटा सा घर है जो पिताजी ने अच्छे समय में अपने जीवन में ही बना लिया था जो अब हमारी एकमात्र संपत्ति था। 20 साल की उम्र में जब पिताजी इस दुनिया से चले गए तो मेरी माँ ने मुझे कोई काम धंधा देखने के लिए कहा क्योंकि घर का खर्च भी चलाना था और सबसे बड़ा होने के नाते यह काम मुझी को करना था। मुझसे छोटा एक भाई और 3 बहनें थीं जिनकी उम्र अभी बहुत कम थी। 


ब्रा खरीदने में क्यों झिझकती हैं महिलाएं! जानिए कारण, महिलाओं को कपडे खरीदने में भी काफी दिक्कत होती हैं ख़ास कर अपने इनरवियर खरीदने में।
यह बात सभी को मालुम हैं की दुनिया की लगभग हर महिला या लड़की ब्रा पहनती हैं। मगर भारत में ब्रा खरीदना किसी टास्क से कम नहीं है।

विदेशो में ब्रा खरीदने के लिए अलग दुकाने होती हैं मगर भारत में कई बार बीच बाज़ार या सड़क के किनारे महिलाओं के अन्त्रवस्त्र बिकते है जहा से ब्रा खरीदने में लडकिया कतराती है। इसके अलावा ज़्यादातर दुकानों में पुरुष इसे बेचते है। महिलाए पुरुषों से ब्रा खरीदना पसंद नहीं करती है।





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#2
काम ढूंढने हेतु में मैं सदर बाजार चला गया जहां थोड़ी सी संघर्ष के बाद मुझे एक व्यक्ति ने एक दुकान का पता बताया जिन्हें एक सेल्स मेन की जरूरत थी जो न केवल ग्राहक से बात कर सके बल्कि हिसाब का भी पक्का हो। मैं उन साहब की बताई हुई दुकान पर पहुंच गया। दोपहर 12 बजे का समय था अब बाजार में ज्यादा हलचल नहीं थी। दुकान में प्रवेश हो गया तो सामने एक दाढ़ी वाले बुजुर्ग वहाँ पर मौजूद थे और उनके सामने कुछ महिलाओं खड़ी थीं, मुझे दुकान पर आता देखकर उन बुजुर्ग ने एक कपड़ा आगे कर दिया जो वह पर्दे के लिए इस्तेमाल करते थे, अब मैं बुजुर्ग को तो देख सकता था मगर महिलाओं और मेरे बीच अब एक पर्दा आ चुका था और मैं मन ही मन सोचने लगा कि आखिर ऐसी भी क्या बात है कि उन्हें पर्दे की जरूरत पड़ गई जबकि वह महिलाएँ पहले से ही बुर्का पहने हुए थीं। खैर मैं दुकान की समीक्षा करने लगा। यह सौंदर्य प्रसाधन और आरटीनिशल ज्वैलरी की दुकान थी। कुछ देर बाद पर्दा हटा और वह महिला वहां से निकल गईं। अब बुजुर्ग मेरी ओर आकर्षित हुए और बोले बोलो बेटा क्या चाहिए ??? 


मैं बुजुर्ग को देखा और कहा सर मुझे जॉब चाहिए। मैंने सुना है कि आपको एक सेल्स मेन की जरूरत है। यह सुनकर बुजुर्ग ने कहा, हां हां मैंने मुनब्बर को कहा था कि कोई अच्छे घराने का बच्चा हो तो बता मुझे सेल्स मेन की बहुत जरूरत है। क्या लगते हो मुनब्बर के तुम ??? 

मैंने कहा कुछ नहीं अंकल, मैं तो विभिन्न दुकानों पर जा जाकर नौकरी का पूछ रहा था तो कुछ पीछे एक दुकानदार ने ही मुझे आपके बारे में बताया कि आपको जरूरत है तो इधर आ गया। इस पर उन्होंने कहा कि बेटा ऐसे तो मैं किसी को नहीं रख सकता, मुझे तो विश्वास वाला लड़का चाहिए। इन बुजुर्ग नाम इकबाल था। मैंने कहा सर आप बेफिक्र रहें मुझसे आपको कभी कोई शिकायत नहीं होगी, मुझे जॉब की बहुत सख्त जरूरत है, मैंने इकबाल साहब को घरका पता और घर की स्थिति सब कुछ बता दिया। इस पर इकबाल साहब के स्वर में पहले से अधिक मिठास और प्यार आ गया, लेकिन वह अभी हिचक रहे थे, तो उन्होंने कहा बेटा महिलाओं और लड़कियों से बात करनी पड़े तो कर लोगे ??? मैंने उन्हें बताया जी अंकल मेरे स्कूल में लड़कियां भी थीं और आपको मेरी वजह से कभी कोई परेशानी नहीं होगी।





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#3
फिर उन्होंने मुझे कहा अच्छा चलो तुम अब जाओ, मैं थोड़ा सोच लूं, कल सुबह 10 बजे आ जाना तुम मगर किसी बड़े को लेकर आना अच्छा है इसी बाजार में कोई परिचित हो तो उसे ले आना।


मैं अंकल से हाथ मिलाया और उनका शुक्रिया अदा करते हुए तुरंत घर चला गया। घर जाकर मैंने अम्मी से इस बारे में बात की तो उन्होंने काफी सोचने के बाद अबू के एक अच्छे दोस्त का पता मुझे बताया कि उनसे जाकर मिलना शायद वह कोई मदद कर सकें इस संबंध में।

उसी समय अबू के दोस्त से मिलने चला गया, कुछ देर बाद उनके घर पहुंचा तो किस्मत से वह घर पर ही मिल गये, वह अपनी पत्नी और 2 बेटियों के साथ कहीं घूमने के लिए जा रहे थे, लेकिन मेरे आने की वजह से वे अपना कार्यक्रम थोड़ी देर के लिए निलंबित कर दिया था।

मैं अपना परिचय तो जाते ही करवा चुका था जिसकी वजह से मुझे अंकल और आंटी ने बड़े प्यार से अपने घर में बिठाया और उनकी एक बेटी जिसकी उम्र मुश्किल से 15 साल होगी मेरे लिए मीठे पानी की एक सुराही और एक सिरप ले आए। में गटा गट 2 गिलास चढ़ा गया था क्योंकि सुबह से फिर फिर कर मुझे काफी प्यास लगी हुई थी।
// सुनील पंडित // yourock
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#4
मैं अंकल को अपनी मुश्किल बताई और उनसे मदद मांगी तो वह कुछ देर सोचने के बाद बोले कि चिंता मत करो तुम्हारा काम हो जाएगा। कल सुबह तुम पहले मेरे घर आ जाना मैं तुम्हें अपने साथ ले चलूँगा और इकबाल साहब को अपनी गारंटी दे दूंगा।
 
कुछ देर अपनी सेवा करवाने के बाद वापस घर आ गया और अगले दिन सुबह अंकल के घर जा धमका। अंकल पहले ही तैयार हो चुके थे, 10 बजने में अभी थोड़ा समय था, अंकल ने अपनी बाइक निकाली और सीधे हुसैन जागरूकता बाजार में प्रवेश करने के बाद इसी दुकान के सामने ले जाकर मैं बाइक रोकने को कहा।
 
अंकल मेरे साथ दुकान में प्रवेश किया और इकबाल साहब को अपना परिचय करवाया और अपना रोजगार कार्ड निकालकर इकबाल साहब को दिखा दिया। मेरे यह अंकल वन विभाग में कार्यरत थे, सरकारी कर्मचारी का कार्ड देखकर साहब को संतोष हो गया और वे बोले कि आप बच्चे की गारंटी देते हैं तो मैं इसे रख लेता हूँ, दैनिक एक समय का भोजन करूंगा और शुरू में 6000 रुपये वेतन होगी अगर उसने मन लगाकर काम किया तो वेतन बढ़ा दी जाएगी। मैंने तुरंत हामी भर ली तो अंकल ने कहा ठीक है इकबाल साहब मैं चलता हूँ, बिन बाप के बच्चे है इसे अपना ही बच्चा समझेगा और एक सामयिक चक्कर लगाता रहूंगा उम्मीद है आपको इससे कोई शिकायत नहीं होगी।
// सुनील पंडित // yourock
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#5
अगले दिन फिर से दुकान पर पहुंच गया तो उस समय दुकान में एक महिला खड़ी थीं, महिला ने अपना चेहरा थोड़े से दुपट्टे से ढक रखा था। अपने कद काठ से वह एक बड़ी औरत लग रही थी, इकबाल साहब को नमस्कार करके अंदर ही चला गया तो इकबाल साहब ने इशारे से मुझे अपने पास ही बुला लिया। मैंने देखा कि इकबाल साहब के हाथ में एक स्किन कलर के बड़े आकार का ब्रा था जो उन्होंने महिला के हाथ में था दिया। महिला ने ब्रा को अपने हाथ में पकड़ कर थोड़ा नीचे और काउन्टर की ओट लेकर उसको खोलकर देखने के बाद वैसे ही वापस दे दिया और बोली इससे बड़ा आकार दिखाएँ।

इकबाल साहब थोड़ा नीचे झुके और वह ब्रा वापस अपनी जगह पर रखने के बाद साथ दूसरा ब्रा निकालकर महिला को पकड़ा दिया, फिर से महिला ने खोल कर देखा और फिर पूछा उसके कितने पैसे? तो इकबाल साहब ने 300 की मांग की। महिला ने अपनी चादर हटा कर अपनी कमीज में हाथ डाला और अपने विशेष लॉकर से एक छोटा सा पर्स निकाला और इकबाल साहब को 300 रुपये निकाल कर दिए और वो ब्रा अपने हाथ में मौजूद शापर में कपड़ों के नीचे छुपा कर त्वरित दुकान से निकल गईं।
// सुनील पंडित // yourock
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#6
Bug 
महिला के जाने के बाद इकबाल साहब ने मुझे फिर से वहां मौजूद चीजों के बारे में जानकारी दी और उनके रेट बताने शुरू कर दिए, साथ में एक सूची दे दी और मुझे कहा उसे याद कर लेना। मैं सारा दिन इस सूची को खाली समय में देखता रहा और चीजों के रेट मन नशीन करता रहा, जबकि ग्राहकों के आने पर में इकबाल साहब के साथ खड़ा होकर उनकी डीलिंग देखता। एक सप्ताह ऐसे ही बीत गया।

 
एक सप्ताह बाद इकबाल साहब ने मुझे कहा कि बेटा अब जो महिलाओं शीर्षक पाउडर लेने आएंगी उन्हें आप डील करना है और जो कोई अपने अंदर के कपड़े लेने आएंगी उन्हें मैं देखूँगा। मैंने कहा ठीक है चाचा, लेकिन अगर मुझे कुछ परेशानी हो तो आप मेरी मदद करना। अंकल ने मेरे सिर पर हाथ फेरा और बोले चिंता नहीं करो यहीं मौजूद हैं। बेफिक्र होकर तुम आज काम शुरू करो। कुछ ही देर के बाद एक अधेड़ उम्र महिला दुकान में आईं जिनके साथ उनकी 2 बेटियां भी थीं।
 
वह महिला इकबाल साहब के सामने जाकर खड़ी हो गईं और हल्की आवाज में बोली, बच्चियों के लिए आंतरिक कपड़े चाहिए। तो इकबाल साहब थोड़ा आगे होकर खड़े हो गए और छोटे आकार का ब्रा निकाल कर दिखाने लगे। उनकी एक छोटी बेटी भी आगे होकर देखना चाही तो आंटी ने उसे घूर कर देखा और पीछे रहने का निर्देश दिया, वह लड़की वापस मेरे सामने आकर खड़ी हो गई, मैंने उसके सीने की तरफ देखा तो मुझे पता चल गया था कि इस पर अभी ताजा ताजा जवानी आई है उसको सबसे छोटे आकार का ब्रा ही फिट आएगा। 
// सुनील पंडित // yourock
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#7
Heart 
जितनी देर में आंटी ने अपनी बच्चियों के ब्रा खरीदे, इतनी देर में उनकी बेटी ने मुझसे कुछ लिपस्टिक दिखाने को कहा, मैं तुरंत एक लाल लिपस्टिक उसे दिखाई तो उसने कहा कोई अच्छा कलर दिखाओ ना। मैं एक और मैरून कलर की लिपस्टिक उसे दिखाई और कहा यह देखना बाजी यह आपके होठों पर बहुत अच्छी लगेगी।

 
मैं अधिक से अधिक दिखाने की कोशिश की तो उस लड़की ने मुझे घूर कर देखा और लिपस्टिक वापस काउन्टर पर रखकर पीछे होकर खड़ी हो गई। मुझे थोड़ी शर्मिंदगी भी हुई और थोड़ा डर भी गया कि कहीं यह अपनी माँ को मेरी शिकायत न लगा दे। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ और कुछ ही देर बाद महिला ने अपनी लड़कियों के ब्रा खरीदे और दुकान से निकल गईं। शुक्र था कि इकबाल साहब ने भी मेरी बात नहीं सुनी थी।
 
संक्षेप में धीरे धीरे यह सीख गया था कि महिलाओं से कैसे बात करनी है, कैसे लड़की से खुलना है और कैसे किसी लड़की से ही काम की ही बात करनी है। मुझे यह काम करते हुए 2 महीने का समय हो गया था इस दौरान इकबाल साहब भी मेरे प्रदर्शन और शालीनता से बहुत खुश थे। वह अक्सर मुझे दुकान पर अकेला छोड़कर दोपहर के समय अपने घर सुस्ताने के लिए चले जाते थे। दोपहर के समय ग्राहक कम होते थे इसलिए मुझे कभी कोई कठिनाई नही आई थी।
// सुनील पंडित // yourock
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#8
अब तक मैं सौंदर्य प्रसाधन और गहने आदि वस्तुओं की साइड पर ही था और ब्रा आदि सेल करने का मुझे कोई अनुभव नहीं था। एक दिन ऐसा हुआ कि इकबाल साहब दोपहर सुस्ताने के लिए अपने घर चले गए, उनके जाते ही एक मॉर्डन महिला ने दुकान में प्रवेश किया। उनकी उम्र कोई 30 के लगभग होगी, साथ एक बच्चा था जिसकी उम्र मुश्किल से 5 वर्ष होगी जो उनकी उंगली पकड़ कर उनके साथ चल रहा था।

 
महिला ने सफेद रंग की बारीक कमीज पहन रखी थी और नीचे से एक मोटी समीज़ पहन रखी थी जो अमूमन औरतें अपनी कमीज के नीचे मगर ब्रा के ऊपर पहनती हैं। महिला के गले में दुपट्टा था जो उनके सीने तक को कवर करने के लिए पर्याप्त था। अंदर आकर महिला ने मेरी ओर देखा फिर इधर-उधर-देखते हुए बोलीं तुम ही होते हो दुकान पर ??? या तुम्हारे साथ कोई और होता है ???
 
मैंने कहा मैं तो कर्मचारी हूँ बेगम साहिबा दुकान के मालिक हैं मगर अब वह आराम करने घर गए हैं।
 
महिला ने कहा अच्छा .... तो तुम सब कुछ सेल करते हो दुकान पर ???




// सुनील पंडित // yourock
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#9
कहां पर हो भाई इधर स्टोरी अटकी पडी है, जल्दीसे अगला अपडेट देदो
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