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Adultery सेक्सी टीचर को घोड़ी बना दिया ट्रेन के टॉयलेट में \\
#1
Bug 
\\ सेक्सी टीचर को घोड़ी बना दिया ट्रेन के टॉयलेट में \\

हमारे ऑफिस में एक दिन सब लोग आपस में बात करने लगे की कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं परन्तु हमारे सामने समस्या यह थी कि हमारे पास सिर्फ दो ही दिन थे। हम लोगों कि शनिवार और रविवार की ही छुट्टी हुआ करती थी हम लोगोंने सोचा कि कहां हम लोग घूम कर आ सकते हैं तो हम लोगों ने जयपुर का प्लान बना लिया। अहमदाबाद से जयपुर ही नजदीक था तो हम लोग शुक्रवार की रात को जयपुर के लिए निकल पड़े हमारे साथ हमारे ऑफिस के लगभग 10 12 लोग थे

और हम लोग उस टूर को बहुत एंजॉय करने वाले थे।

हालांकि हमारे पास समय कम था लेकिन उसके बावजूद भी हम लोग खुश थे और हम लोग
जैसे ही जयपुर स्टेशन पर पहुंचे तो वहां से हम लोगों ने गाड़ी की और उसके बाद हम लोग वहां से जयपुर के लिए निकल पड़े।

हम लोग जयपुर पहुंच चुके थे मैंने अपने बैग से चार्जर निकाला मेरे मोबाइल में चार्जिंग काफी कम हो चुकी थी मैंने सबसे पहले अपने मोबाइल को चार्जिंग पर लगा दिया। करीब एक घंटे बाद सब लोग तैयार होकर रिसेप्शन पर मिले और हम लोग वहां से पैदल चलते चलते झील के पास पहुंच गए और वहीं पर हम लोग बैठ गए। मेरे दोस्त ने कहा क्या तुम कुछ लोगे मैंने उसे कहा नहीं, हम लोग वहीं बैठे हुए थे और आपस में एक दूसरे से बात कर रहे थे वहां आसपास काफी लोग थे और काफी भीड़ भी थी लेकिन जब हमारे बिल्कुल आगे से कुछ बच्चे आ रहे थे तो मेरे

दोस्त कहने लगे लगता है बच्चे भी घूमने के लिए आए हुए हैं।
मैंने अपने दोस्त से कहा बच्चे भी घूमने के लिए आए हुए हैं और उनके साथ में कुछ टीचर भी थे तभी मेरी नजर एक टीचर पर पड़ी वही सारे बच्चों को गाइड कर रही थी। मैं सिर्फ उसे ही देखता रहा तभी मेरा दोस्त मुझे कहने लगा तुम कहां खो गए मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद हम लोग वहां से थोड़ा और आगे पैदल चलने लगे हम जब दोबारा होटल गए तो हम लोगों ने होटल में मैनेजर से बात की। हम लोगों ने उनसे कहा कि हमे यहां पर घूमना है तो वह कहने लगे सर हम आपके लिए गाड़ी करवा देते हैं मैंने उसे रेट पूछा तो उन्होंने मुझे उसका रेट बता दिया।


हम लोग करीब 10 12 लोग थे तो हम लोगों ने दो गाड़ियां की और उसके एक घंटे बाद वहां पर गाड़ी आ चुकी थी। हम सब लोग गाड़ी में बैठ गए और हम लोग वहां से आगे निकल पड़े एक जगह गाड़ी रुकी हुई थी तभी मुझे वहां पर वही कॉलेजी बच्चे दिखे मैं अपनी नजर घूमने लगा तो मेरी नजर उसी पर पड़ी जिसे मैंने एक दिन पहले देखा था। मैं उससे बात करना चाहता था मैं उसकी तरफ आगे बढ़ रहा था तो तभी मेरे दोस्त ने आवाज मारी और कहा आकाश चलो हम लोगों को निकलना होगा लेकिन मैं उस लड़की से बात करना ही चाहता था। जब पार्थ ने आवाज दी तो शायद उस लड़की ने भी पलट कर देखा फिर मुझे वहां से जाना पड़ा मैं वहां से तो चला गया परंतु मेरी उससे बात करने की इच्छा हुई थी।
मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह मुझे दोबारा मिलेगी लेकिन इत्तेफाक से वह मुझे दोबारा एक रेस्टोरेंट में मिली वहां पर उसके साथ एक दो लोग और थे मेरे साथ पार्थ था मैंने पार्थ से कहा पार्थ मुझे उस लड़की से बात करनी है। वह कहने लगा यार तुम ऐसे ही किसी से कैसे बात कर सकते हो मैंने उसे कहा लेकिन मुझे तो उससे बात करनी ही है। वह बिल्कुल मेरे आगे बैठी हुई थी मैं बार-बार उसे देखे जा रहा था उसकी नजरें भी शायद मेरी तरफ़ ही थी लेकिन हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं कर पा रहे थे मैंने सोचा मैं उससे बात कर लूं लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई।

जब मैं बिल कटाने के लिए काउंटर पर पहुंचा तो वहां पर उसने मुझसे बात की मैंने उससे पूछा आप लोग कहां से आए हुए हैं तो वह कहने लगी हम लोग अहमदाबाद से आए हुए हैं मैंने उसे कहा मैं भी तो अहमदाबाद में ही रहता हूं। वह यह सब सुनकर जैसे खुश हो गई और मुझे कहने लगी अच्छा तो आप भी अहमदाबाद में ही रहते हैं मैंने उससे हाथ मिलाया और कहा मेरा नाम आकाश है उसने मुझे कहा मेरा नाम सोनल है।
मैंने उसे पार्थ से मिलवाया और उसने भी मुझे अपने साथ के टीचरों से मिलाया मैंने सोनल से कहा आप तो बच्चों का ग्रुप लेकर आए हैं वह कहने लगी हां हमारे साथ हमारे कॉलेज के बच्चे आए हुए हैं और हम लोग कल वापस लौट जाएंगे। वह मुझसे पूछने लगी तो आप कब तक यहां रहने वाले हैं मैंने उसे कहा हम लोग भी कल ही वापस जा रहे हैं। उस वक्त मेरी सिर्फ सोनल से इतनी ही बात हो पाई मैं और पार्थ वहां से चले गए। अगले दिन हम लोग रेलवे स्टेशन पर दोबारा से मिले और इत्तेफाक से हम लोगों की एक ही ट्रेन थी और एक ही बोगी में हम लोग बैठे हुए थे। हम लोग ट्रेन का इंतजार कर रहे थे लेकिन ट्रेन दो घंटे लेट चल रही थी हम लोग वहीं स्टेशन पर बैठे हुए थे सोनल भी मुझसे थोड़ा सा आगे

सीट पर बैठी हुई थी।
उस वक्त मेरी उससे ज्यादा बात नहीं हो पाई क्योंकि उसके साथ उसके अन्य साथी टीचर भी थे और बच्चे भी थे इसलिए मैंने सोनल से ज्यादा बात नहीं की और हम लोग ट्रेन का इंतजार करते रहे। गर्मी काफी हो रही थी तो मैंने सोचा पानी की बोतल ले लेता हूं मैंने पार्थ से कहा मैं अभी आता हूं। मैं वहां से आगे चल पड़ा तो मैंने पानी की बोतल ले ली और मैं वहां से पानी की बोतल लेकर वापस आया तभी सामने से ट्रेन का होरन बजा, मैंने पार्थ से पूछा क्या ट्रेन आ गई तो वह कहने लगा हां ट्रेन आ चुकी है। स्टेशन पर ट्रेन सिर्फ 5 मिनट ही रुकने वाली थी इसलिए हम लोगों ने अपना सामान अपने हाथों में ले लिया। जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो हम लोगों ने जल्दी से सामान को अंदर रख दिया मैंने काफी

जल्दी से सामान को ट्रेन के अंदर रखा।
सब लोग ट्रेन में चढ़ चुके थे सोनल और उसके साथ में जितने भी बच्चे थे वह लोग भी ट्रेन में आ चुके थे। हम लोगों ने अपना सामान अच्छे से रख दिया और सीट पर बैठ गए सोनल मुझसे तीन चार सीट छोड़ कर बैठी हुई थी। कुछ देर मैं पार्थ और अपने ऑफिस के दोस्तो के साथ बैठा रहा। बच्चे काफी शोर कर रहे थे लेकिन तभी किसी ने बच्चों को शांत रहने के लिए कहा और बच्चे शांत हो गए मुझे अब नींद आने लगी थी मैं कुछ देर के लिए आराम करने लगा। मैं करीब आधा घंटा सोया और जब मेरी आंख खुली तो मैं बाथरूम जा रहा था तभी मुझे सोनल दिखी वह

अकेली बैठी हुई थी मैंने सोचा पहले मैं बाथरूम से आता हूं।
मैं बाथरूम से आया तो मैं सोनल के बगल में बैठ गया मैंने सोनल से कहा तुम यहां अकेली बैठी हुई हो वह कहने लगी हां मैं यहां पर अकेली बैठी हूं। मैं सोनल के साथ बैठ गया और हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे मैंने सोनल को अपने बारे में काफी कुछ चीजें बताइ और सोनल भी मुझे अपने बारे में बहुत कुछ चीजें बता रही थी। मैंने सोनल से कहा तुम्हारे बारे में जानकर मुझे अच्छा लगा। जहां हम रहते हैं वहां पर सोनल की नानी का भी घर है तो इस वजह से सोनल भी बचपन में वहां काफी आया करती थी और हम दोनों की बातें एक दूसरे से चल रही थी। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तभी मेरा हाथ सोनल की जांघ पर पड़ा उसने अपनी प्यासी नजरों से मुझे देखना शुरू किया। मैं उसके स्तनों

को देखता जब ट्रेन चल रही थी उसके स्तन भी हिल रहे थे वह मुझसे कहने लगी मुझे बड़ी गर्मी महसूस हो रही है।
मैंने उसे कहा मुझे भी काफी गर्मी लग रही है हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार थे सोनल ने मुझे कहा क्या हम लोग बाथरूम में चले उसने मुझे धीरे से कहा था। वह मेरे साथ बाथरूम में चली आई जब हम दोनों वहां पर गए तो मैंने सोनल के रसीले होठों को चूसना शुरू किया उसके होठों का रसपान मैंने काफी देर तक किया। मैंने जब उसके बड़े स्तनों को अपने हाथों में लिया तो मुझे उन्हें चूसने में बड़ा

मजा आता मैं उसके स्तनो को काफी देर चूसता रहा मुझे उसके स्तनों का रसपान करने में बड़ा मजा आया।
जब मैंने सोनल को घोड़ी बनाकर उसकी चूत को मैंने काफी देर तक चाटा और उसकी योनि से गिला पदार्थ निकलने लगा था। उसने भी मेरे लंड को बहुत अच्छे से अपने मुंह में लिया वह मेरे लंड को अपने गले तक ले रही थी और उसे सकिंग कर रही थी उसे बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत आनंद आता। जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी आपका लंड तो बड़ा ही

मोटा है मैंने उसकी चूतड़ों को पकड़ा और बड़ी तेजी से सोनल की चूत मारने लगा।
मैंने उसे घोड़ी बना दिया था और घोडी बनाते ही उसे चोदना शुरु किया था, मैंने उसके साथ काफी देर तक मजे लिए। मैंने उसकी चूतडो का रंग भी लाल कर दिया था और मैं उसे बड़ी तेजी से धक्कके मारता, काफी देर तक मैंने उसके साथ संभोग का आनंद लिया। वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी हम दोनो के अंदर इतनी ज्यादा गर्मी बढने लगी थी की उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पाए। जब वह झड़ने वाली थी

तो उसने अपनी योनि को टाइट कर लिया मैं उसे धक्के देता जाता। “Sexy Teacher Ko Ghodi”
मेरा वीर्य जैसे ही सोनल की चूत में गिरा तो मुझे बड़ा मजा आया। मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी कि सोनल के साथ में इतनी जल्दी सेक्स कर पाऊंगा लेकिन उसके साथ सेक्स करने में मुझे बड़ा मजा आया मेरे लिए एक अलग ही आनंद की अनुभूति थी। हम लोग उसके बाद भी एक दूसरे से फोन पर संपर्क में रहते हैं लेकिन मैं अपने काम की व्यस्तता के चलते उसे बहुत कम मिल पाता हूं परंतु जब भी हम लोग एक दूसरे को मिलता है तो हमेशा सेक्स का मजा लिया करते हैं।





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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