29-04-2019, 10:13 PM
सुनीता दीदी को रिलैक्स किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Incest सुनीता दीदी को रिलैक्स किया
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29-04-2019, 10:13 PM
सुनीता दीदी को रिलैक्स किया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:14 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:17 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:21 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:23 PM
दीदी: चल भाई डांस करते है
मैं: ठीक है दीदी वो बेतहाशा डांस कर रही थी. मैंने दीदी को अपनी ओर खींचा और उनके चिपक कर नाचने लगा. मेरा हाथ दीदी की कमर पर था दीदी: भाई थैंकू तुमने मेरा टेंशन दूर कर दिया मैं: दीदी मैं आपकी पूरी थकान और चिंता दूर कर दूंगा अब मेरा हाथ दीदी की भारी गांड पर था, जिसे मैं हल्का हल्का दबाने लगा. मस्त बड़ी और सॉफ्ट चुत्तड़ थी साली की. दीदी को कोई होश नहीं था.. अब मैंने कमरे की लाइट धीमी कर दी तो मैं दीदी की चूचियों को भी दबा देता… दीदी: आअह्हह्ह्ह्ह भाई ये क्या कर रहा है मैं: कुछ नहीं दीदी मैं आपको पूरा रिलैक्स कर रहा हूँ जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:25 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:26 PM
मैंने दीदी को किश किया और उनकी बड़ी चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा… दीदी की मुंह से आहे निकलने लगी. एक तरफ दारू का नशा और दूसरी तरफ जवानी की आग, दीदी का भी कण्ट्रोल ख़तम हो रहा था…
दीदी: उईईईईई भाई… मत कर ऐसा… मुझे कुछ हो रहा है मैं: दीदी बस आप मजा लो…. आज आपको मैं पूरा रिलैक्स कर दूंगा दीदी: अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह यहाँ मत कर … चल घर चलते है… मैं: ठीक है दीदी जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:30 PM
मैं और दीदी घर के लिए निकल गए. दीदी मुझसे आँख नहीं मिला रही थी. दीदी ने एक केमिस्ट की दुकान पर गाडी रोकने बोली
दीदी: भाई कंडोम ले ले… पता नहीं आज क्या होने वाला है मैं: हाँ दीदी… मैंने कंडोम का बड़ा पैक ले लिया… और मैं गाड़ी चलाने लगा. हमदोनो अपने फ्लैट पहुंचे, दीदी ने दरवाजा खोला. मैं दीदी के पीछे ही खड़ा था. मैंने तुरंत दरवाजा खोला और दीदी को अपनी बांहो में भर लिया. मैं दीदी को किश करने लगा.. दीदी भी मेरे किश का जवाब दे रही थी. अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह भाई….. उउइइइइइइ ……मेरा हाथ दीदी की भारी चुत्तड़ो को दबा रहा था… मस्त सेक्सी गांड थी साली की.. मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी क्या सेक्सी भारी गांड है आपकी…मजा आ रहा है इन्हे दबा कर…आपको मजा आ रहा है ना दीदी: हाँ विक्की बहुत अच्छा लग रहा है… जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:31 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:33 PM
मैंने दीदी को पलट दिया और पीछे से पकड़ लिया. अब मेरा खड़ा लंड दीदी की भारी गांड का मजा ले रहा था और मैं दीदी की आमो को दबा रहा था..
दीदी: आआअह्ह्ह्हह्हह भाई धीरे दबा मैं: अह्हह्ह्ह्ह दीदी इतनी बड़ी बड़ी चूचियां मैंने आज तक नहीं देखि है जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:37 PM
मैं दीदी के शर्ट का बटन खोलने लगा और दीदी की चूचियों को आजाद कर दिया. बड़े बड़े तरबूज के जैसी चूचियां थी. जिसे मैंने खूब दबाया और चूसा..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:39 PM
बिना ब्रा के सुनीता दीदी!!!!!!!!! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
29-04-2019, 10:55 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:22 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:23 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:23 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:25 AM
मैंने दीदी को पलट दिया और पीछे से पकड़ लिया. अब मेरा खड़ा लंड दीदी की भारी गांड का मजा ले रहा था और मैं दीदी की आमो को दबा रहा था.. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:26 AM
SUNITA
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:29 AM
दीदी: आआअह्ह्ह्हह्हह भाई धीरे दबा
मैं: अह्हह्ह्ह्ह दीदी इतनी बड़ी बड़ी चूचियां मैंने आज तक नहीं देखि है जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-04-2019, 12:32 AM
दीदी: उईईईईई भाई अह्हह्ह्ह्ह फिर दबा दबा कर चूस ले
मैं दीदी के शर्ट का बटन खोलने लगा और दीदी की चूचियों को आजाद कर दिया. बड़े बड़े तरबूज के जैसी चूचियां थी. जिसे मैंने खूब दबाया और चूसा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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