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Incest प्यारी बहन की चूत में मोटा लंड
#1
प्यारी बहन की चूत में मोटा लंड












:s :s :s
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में जयपुर का रहने वाला हूँ, में जयपुर सिटी में काम करता हूँ और वहीं मेरी फेमिली के साथ रहता हूँ/ में 25 साल का हूँ, मेरा थोड़ा सा गोरा चेहरा है, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है/ मेरे घर में 3 रूम है और किचन और छोटा सा आंगन है, एक रूम में मेरे पापा मम्मी, दूसरे रूम में दीदी और उनके ही बगल वाला कमरा मेरा है/ मेरी दीदी और मेरे कमरे के बीच में एक खिड़की है, जिससे दोनों कमरे में आसानी से देख सकते है/

हमारी फेमिली में पाँच लोग है/ पापा सोहन, उम्र 49 साल, जो हमेशा काम के सिलसिले से बाहर ही रहते है/ मम्मी मीना, उम्र 46 साल, वो अभी भी बहुत सेक्सी दिखती है, उनका रंग गोरा है, उनका फिगर साईज 32-30-34 है/ दीदी रेखा जो हमारे साथ ही रहती है, क्योंकि उनके पति ने उन्हें झगड़ा होने की वजह से निकाल दिया, वो भी बहुत सेक्सी है, उनका फिगर साईज 36-34-38 है/ में और मेरी पत्नी सविता, वो भी बहुत सेक्सी है, उसका फिगर 34-32-36 है, हम दोनों बहुत सेक्स करते है और हमारी शादी 10 महीने पहले हुई थी/

अब में सीधा कहानी पर आता हूँ/ में हर रोज सुबह 10 बजे काम पर जाता और शाम को 6 बजे घर आ जाता हूँ/ एक दिन की बात है, में और मेरी पत्नी सेक्स कर रहे थे, तभी मुझे अहसास हुआ कि खिड़की पर कोई है, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया और मेरी पत्नी के साथ सेक्स करने लगा/ अब हम दोनों बहुत इन्जॉय कर रहे थे/ फिर आधे घंटे के बाद हम सो गये और फिर सुबह हुई, उस दिन रविवार था तो मेरे काम की छुट्टी थी/ उस दिन मेरी पत्नी के मायके में किसी की मौत हो गयी थी, तो वो वहाँ 20 दिन के लिए चली गयी/ फिर में उसे बस स्टॉप तक छोड़कर आया और वापस घर आने के बाद खाना खा कर मैच खेलने चला गया/ फिर में वापस घर आया और चाय पी, अब में और मेरी दीदी बैठकर बात कर रहे थे, मेरी माँ कहीं बाहर गयी थी/

अब मेरी दीदी मुझसे पूछ रही थी कि अब कैसे दिन निकलेंगे तुम्हारे? तो में कुछ समझा नहीं/ फिर मैंने दीदी से पूछा, तो वो बोली कि कुछ नहीं ऐसे ही मुँह से निकल गया और फिर वो मुस्कुरा कर चली गयी/ फिर रात को हमने खाना खाया और सोने चले गये, अब माँ अपने कमरे में चली गयी और में अपने कमरे में और दीदी उनके कमरे में चली गयी/ अब मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देखने लगा और मुठ मार रहा था तो मैंने खिड़की की तरफ देखा, तो दीदी मुझे देख रही थी/ फिर में उन्हें पटाने के लिए पूरा नंगा हो गया और ऐसे नाटक कर रहा था कि जैसे मैंने उन्हें नहीं देखा है/ फिर थोड़ी देर के बाद में सोने चला गया, लेकिन तब भी मुझे नींद नहीं आ रही थी/

फिर में दीदी के रूम में देखने लगा तो मुझे इतना नज़र नहीं आ रहा था, लेकिन मुझे कुछ कुछ दिखाई दे रहा था/ अब मेरी बहन अपनी चूत में उंगली डाल रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी आ आ उ उ और बीच बीच में मेरा नाम ले रही थी, रवि चोदो, चोदो मुझे, फिर वो सो गई और में भी जाकर अपने बेड पर सो गया/ फिर एक दिन मेरी फेमिली में कुछ प्रोग्राम था, तो माँ वहाँ गयी थी और में और दीदी घर पर ही थे/

उस दिन शनिवार था, तो में काम से जल्दी आ गया था/ अब जब में घर आया तो दीदी बहुत खुश थी, फिर दीदी ने मेरे लिए खाना बनाया और बोली कि खाना खाने के बाद हम शाम को मार्केट जायेंगे, मैंने कहा कि ठीक है/ फिर में और दीदी मेरी बाइक पर बैठकर मार्केट गये, वहाँ पर दीदी ने कुछ कपड़े लिए और सब्जी ली/ फिर जब हम वापस घर आ रहे थे तो बीच में एक थियेटर था, तो दीदी ने कहा कि चलो हम मूवी देखते है/ मैंने कहा कि ठीक है और में और दीदी रोमांटिक मूवी देखने गये, क्योंकि उस दिन थियेटर में वही मूवी लगी थी, वो मूवी शुरुआत में तो नॉर्मल ही थी, लेकिन फिर बाद में उस मूवी में कुछ सेक्सी सीन आने लगे/

फिर मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो बहुत ध्यान से देख रही थी/ उसके बाद हम जब बाहर निकले तो दीदी ने कहा कि उन्हें अंडरगारमेंट्स लेनी है तो वो दुकान पर गयी और मुझे बोली कि तुम भी चलो/ अब में शरमा रहा था और मैंने कहा कि तुम लेकर आओ, लेकिन उन्होंने बहुत ज़िद की तो में उनके साथ चला गया/ फिर दीदी ने पारदर्शी 2 ब्रा और 2 पेंटी, काले और पीले कलर में ली/ फिर दीदी ने मुझसे पूछा कि कैसी है? तो मैंने शरमाते हुए कहा कि अच्छी है/ फिर हम घर पहुँचे, अब दीदी ने रात का खाना बनाया और फिर हमने खाया/ अब खाना खाने के बाद में मम्मी के कमरे गया, क्योंकि वहाँ पर टी/वी लगा हुआ था और अब में टी/वी देख रहा था/
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
फिर थोड़ी देर के बाद मेरी बहन आई और मेरे बगल में बैठ गयी/ अब मेरे मन में अभी तक कुछ भी ग़लत ख्याल नहीं था, अब हम इंग्लिश मूवी देख रहे थे/ मेरी दीदी ने एक नाइटी पहनी थी और मुझसे कहा कि क्या मूवी देख रहे हो? चलो कुछ बातें करते है/ फिर मैंने टी/वी बंद की और में और दीदी उनके कमरे में चले गये और अब हम पहले तो नॉर्मल बातें कर रहे थे/ फिर दीदी ने पूछा कि रवि में ब्रा और पेंटी ट्राई करती हूँ, तुम देखकर बताओ/ अब मे हैरान हो गया और अब में अंदर ही अंदर खुश था कि चलो आज दीदी के बूब्स देखेंगे/

फिर दीदी उठी और अलमारी में से ब्रा और पेंटी का सेट निकाला और बाथरूम में जा कर चेंज करके आई/ पहले तो उन्होंने काले कलर की ब्रा और पेंटी पहनी, उसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी/ अब मुझे उनका पूरा बूब्स आसानी से दिख रहा था और उनकी चूत भी साफ़-साफ़ दिख रही थी, उनकी चूत पर बहुत बाल थे और उनके बूब्स के निप्पल बड़े-बड़े थे/ फिर दीदी ने कहा कि कैसी है? तो मैंने कहा कि सेक्सी, तो फिर दीदी हंसी और कहा कि में दूसरी ट्राई करती हूँ/

उसके बाद दीदी ने कहा कि अब मुझे नींद आ रही है तो वो सोने चली गयी/ उस रात मैंने 3 बार मुठ मारी और फिर सो गया/ फिर सुबह में काम पर नहीं गया और मैंने 2-3 दिन की छुट्टी ले ली कि मुझे थोड़ा बुखार है/ फिर हमने खाना खाया और फिर दीदी अपना काम करने लगी/ अब दीदी बाथरूम में बैठकर अपने कपड़े धो रही थी/ दीदी ने रात वाली ही नाइटी पहनी थी और अब उनकी नाइटी पूरी भीग गयी थी और फिर जब वो अपने कपड़े लेने बाहर आई तो उनकी नाइटी भीगी होने की वजह से मुझे उनके बूब्स का साईज़ साफ़-साफ़ दिख रहा था, शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी/ अब में उनके बूब्स को ही देख रहा था, जो शायद उन्हें पता चल गया था/

फिर दीदी नहाने चली गयी, फिर उसके बाद में नहाने गया तो मैंने बाथरूम में देखा कि उनकी ब्रा और पेंटी वही पड़ी थी, लगता है वो सुखाना भूल गयी थी/ अब में उनकी ब्रा और पेंटी से मुठ मार रहा था और फिर में उनकी ब्रा की कटोरी में झड़ गया/ फिर में बाहर निकला तो देखा कि दीदी ने साड़ी पहनी थी और लो-कट ब्लाउज पहना था/ अब उनमें से उनके आधे बूब्स साफ-साफ़ दिख रहे थे, क्योंकि अंदर ब्रा पारदर्शी वाली थी/ फिर दीदी ने कहा कि बहुत देर लगा दी, तो मैंने कहा कि कुछ नहीं बस ऐसे ही/ अब दोपहर में दीदी और में बैठ थे तो दीदी ने कहा कि गर्मी बहुत है, तो मैंने भी कहा कि हाँ बहुत गर्मी है/

दीदी – रवि तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं/

में – मैंने कहा नहीं में अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता हूँ, फिर मैंने उनसे पूछा कि ये सवाल क्यों?

दीदी – कुछ नहीं बस ऐसे पूछ रही हूँ/

में – फिर मैंने उनसे पूछा कि उस दिन आपने कहा था कि अब दिन कैसे निकलेंगे? तो में कुछ समझा नहीं, क्या आप फिर से बताओगी?

दीदी – मतलब में पूछना चाहती हूँ कि तुम्हारी पत्नी तो मायके गयी है, तो अब कैसा लग रहा है?

में – बहुत बोरिंग/

दीदी – क्यों?

में – ऐसे ही/

अब शाम को में दोस्तों के साथ घूमकर रात को 8 बजे घर पहुँचा, तो तब तक दीदी ने खाना बना लिया था/ फिर हमने खाना खाया और सोने चले गये, फिर दीदी ने कहा कि क्या में तुम्हारे कमरे में सो सकती हूँ? तो मैंने पूछा कि क्यों? तो उन्होंने कहा कि अकेली बोर होती हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है, जब गर्मी के दिन थे तो में हाफ पेंट पहनकर ही सोता था/

फिर मेरी दीदी ने कहा कि चलो आज हम छत पर सोते है/ छत पर पर ज़्यादा उजाला था, क्योंकि चाँदनी रात थी/ अब मैंने जानबूझ कर अंडरवेयर नहीं पहना और सिर्फ़ हाफ पेंट ही पहनी, वो भी ढीली, जिसे आसानी से उतार सके/ फिर मेरी दीदी ने अपनी साड़ी उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में आ गयी/ अब वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, अब रात के 11 बज गये थे/

अब मेरी दीदी सो गयी थी, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी/ फिर मैंने देखा कि दीदी की चूचीयां बहुत अच्छे से दिख रही थी/ अब में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था और अपनी पेंट को उतारकर चादर ऊपर रखकर एक हाथ से मुठ मार रहा था और एक हाथ से उनका बूब्स हल्का सा दबा रहा था कि अचानक से दीदी हिली और में वहाँ से अपना हाथ हटाकर सोने का नाटक करने लगा/

फिर दीदी ने मेरी चादर थोड़ी खींची और वो मेरे ही चादर में आ गयी, अब मुझे डर लगने लगा था कि अब दीदी देख लेगी तो गुस्सा हो जायेगी, लेकिन दीदी सो गयी और में भी अपनी पेंट पहनकर सो गया/ फिर करीब रात के 2 बजे होंगे, मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरी दीदी वहाँ नहीं थी, तो में नीचे गया और मेरे कमरे में देखा तो कमरे की लाईट चालू थी/ फिर जब में अंदर जाने लगा तो में देखकर हैरान हो गया, अब दीदी मेरा कंप्यूटर चालू करके मुठ मार रही थी और में भी खड़े होकर मुठ मारने लगा/

फिर मैंने सोचा कि अब कल दीदी को ज़रूर चोदूंगा और पहले वो ही चालू करेगी/ फिर जब सुबह हुई तो मैंने देखा कि 11 बज गये थे/ अब दीदी उठ चुकी थी और नहाकर नाश्ता बना रही थी/ उस दिन उन्होंने पीले कलर की सलवार कमीज़ पहनी थी और मुझे उनकी गली साफ दिख रही थी/ फिर में उठा और फिर बाथरूम में नहाने गया, अब में जानबूझ कर कपड़े ले जाना भूल गया/ फिर मैंने दीदी से टावल माँगा तो उन्होंने मुझे टावल ला कर दिया/

फिर में नाटक करने लगा कि में बाथरूम में गिर गया और मेरे पैर में चोट लग गयी, तो दीदी ने कहा कि में मालिश कर देती हूँ/ फिर दीदी तेल कि बोतल लेकर आई और अब वो मेरे घुटने तक पैर की मालिश कर रही थी और में सिर्फ टावल में ही था/ दीदी के हाथ बहुत मुलायम थे, जब वो मालिश कर रही थी तो मेरा लंड खड़ा हो गया, अब दीदी उसे देख रही थी/

फिर मैंने कहा कि दीदी थोड़ी सिर की मालिश भी कर दो, तो वो मेरे सिर की मालिश करने लगी/ अब वो मेरे ऊपर बैठकर मालिश करने लगी थी, उसे मैंने ही कहा था/ अब वो ऐसे बैठी थी कि मेरा लंड उनको टच हो रहा था, अब दीदी के बूब्स भी हिल रहे थे/ फिर में उठा तो दीदी ने कहा कि आजा खाना खा ले, तो मैंने कहा कि तुम चलो में कपड़े चेंज करके आता हूँ/ फिर जैसे ही दीदी जाने लगी तो मेरा टावल खुलकर नीचे गिर गया और मेरी दीदी बाहर चली गयी/

फिर में बाहर आया और अब में दीदी से शरमा रहा था/ फिर मेरी पत्नी का फोन आया तो में उससे बात करने लगा, अब दीदी मुझे गुस्से से देख रही थी/ फिर फोन रखने के बाद दीदी ने कहा कि कब आ रही है? तो मैंने कहा कि 4 दिन बाद/ फिर मैंने उनसे पूछा कि दीदी क्या हुआ कुछ टेंशन में हो? तो उन्होंने कहा कि चलो आज गार्डन जाते है, तो में खुश हो गया/ अब हम बाइक पर जा रहे थे, अब दीदी मेरे पीछे से चिपक कर बैठी थी, अब उनके बूब्स मुझे टच हो रहे थे/

फिर हम पार्क पहुँचे तो वहाँ सब लवर्स ही थे, कुछ लोग किस कर रहे तो कुछ लोग घूम रहे थे/ फिर मैंने दीदी से कहा कि चलो दीदी, कहीं और चलते है/ फिर उन्होंने कहा कि नहीं, यहीं सही है/ अब में और दीदी वहाँ बैठकर दूसरो को देखकर मुस्कुरा रहे थे/ फिर दीदी ने कहा कि कितना अच्छा गार्डन है, तो मैंने कहा कि हाँ/ अब रात हो गयी थी तो अब पार्क बंद होने वाला था/ फ़िर हम वहाँ से निकले/

गार्डन से मेरा घर 10 किलोमीटर था और 2 किलोमीटर जाने के बाद वहाँ थोड़ा जंगल था तो दीदी ने कहा कि रुक, तो मैंने कहा कि क्यों? तो दीदी ने कहा कि मुझे पेशाब करना है/ फिर मैंने कहा कि आप करके आओ, तो उन्होंने कहा कि नहीं बहुत अंधेरा है, तो मैंने कहा कि यहीं कर लो, तो दीदी ने कहा कि ओके और वो वही पेशाब करने लगी/
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
फिर हम घर आए, अब दीदी खाना बना रही थी/ फिर दीदी ने आवाज़ लगाई तो मैंने कहा कि क्या हुआ दीदी? तो दीदी ने कहा कि में टेबल से गिर गयी हूँ, तो में दीदी को उठाकर कमरे में लेकर गया/ फिर दीदी ने कहा कि मेरी कमर पर थोड़ी मसाज कर दे, तो मैंने कहा कि ठीक है/ अब वो उल्टी सो गयी थी, उस समय उन्होंने नाइटी पहनी थी/ फिर मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी नाइटी उतार दो, तो उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी, उन्होंने अंदर पीले कलर की पारदर्शी वाली ब्रा और पेंटी पहनी थी/ अब मुझे उनकी गांड पूरी दिख रही थी और अब में उनकी मसाज कर रहा था/

फिर दीदी ने कहा कि थोड़ी कमर के ऊपर भी मसाज कर दे, तो मैंने कहा कि ये ब्रा का हुक बीच में आयेगा/ फिर उन्होंने कहा कि खोल दो तो मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और अब में उनकी पूरी पीठ पर मालिश करने लगा था/

फिर दीदी ने कहा कि थोड़ी कमर के हल्का सा नीचे से भी कर दे/ फिर में मालिश करने लगा/ अब मेरा लंड पूरा टाईट हो गया था और अब में उनकी गांड पर अपने हाथ से टच कर रहा था/ फिर दीदी ने कहा कि तुम मालिश बहुत अच्छी करते हो, ज़रा आगे भी कर दो तो दीदी सीधी लेट गयी/ अब मुझे उनके बूब्स साफ-साफ़ दिख रहे थे और उनके बूब्स बहुत गोरे और मोटे थे/

अब मुझे उनकी चूत भी नज़र आ रही थी/ फिर मैंने कहा कि दीदी तुम बहुत सेक्सी दिखती हो, तो दीदी ने कहा कि अच्छा और दीदी ने कहा कि थैंक्स/ फिर दीदी ने कहा कि मेरे शरीर में से तुम्हें सबसे अच्छा क्या लगता है? तो मैंने कहा कि सब कुछ अच्छा लगता है, तुम्हारी आँखे, बाल और वो, तो दीदी ने कहा और वो क्या? तो मैंने कहा कि तुम्हारा फिगर, तो दीदी शरमा गयी/

फिर दीदी ने कहा कि तुम तो बहुत इन्जॉय करते हो, तो मैंने कहा कि कैसे? फिर दीदी ने कहा कि तुम तो हर रोज सेक्स करते हो, तो में शरमा गया और खड़ा हो गया/ अब दीदी तो मेरे लंड को ही देख रही थी और वो झट से मेरा लंड पकड़कर बोलने लगी कि तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है/ अब में भी यही चाहता था/
फिर में दीदी को किस करने लगा और अपने दोनों हाथों से दीदी के बूब्स दबा रहा था/

अब दीदी भी मेरा साथ दे रही थी, फिर मैंने दीदी के बूब्स को चूसा तो अब दीदी कह रही थी कि चूसो चूसो और ज़ोर से चूसो मेरे भाई, आज तुम मेरी सेक्स की आग मिटा दो/ अब में दीदी के बूब्स को बहुत बुरी तरह चूस रहा था/ फिर मैंने दीदी की पेंटी उतारी तो देखा कि दीदी की चूत के बाल बहुत बड़े थे/ फिर में दीदी को बाथरूम में लेकर गया और उनकी चूत के बाल को साफ़ किया और नहाने लगे/

फिर मैंने उनको पोछा और मेरे कमरे में लाकर बेड पर पटक दिया और उनको चाटने लगा/ अब दीदी उनके हाथ से मेरा मुँह दबा रही थी और मोनिंग कर रही थी आआआहहहाहा ऑम्ग, बहुत अच्छे से चूसो, खा जाओ इस चूत को, इस चूत ने बहुत आग लगाई है और फिर दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गयी, दीदी की चूत का टेस्ट बहुत अच्छा था/

फिर दीदी ने मेरा लंड देखा और सीधा चूसना चालू किया/ अब में उनके मुँह को पकड़कर अंदर बाहर कर रहा था/ फिर 10 मिनट के बाद में उनके मुँह में ही झड़ गया/ फिर दीदी ने कहा कि रवि अब रहा नहीं जा रहा है, अब तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, वरना में मर जाउंगी/ फिर मैंने उनको बेड पर लेटाया और उनकी गांड के नीचे एक तकिया रखा और अपने लंड को उनकी चूत के बाहर रखकर दीदी को तड़पा रहा था/ अब दीदी बहुत गुस्सा हो गयी और मुझे गाली देने लगी मादरचोद, बहनचोद डालना/

मैंने कहा कि रूको, तो दीदी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अंदर डाल दिया, उनकी चूत बहुत टाइट थी, लेकिन वो वर्जिन नहीं थी/ अब में बहुत ज़ोर-ज़ोर से दीदी को झटके मार था, अब दीदी को बहुत दर्द हो रहा था/ फिर थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवा रही थी और कह रही थी कि थैंक्स रवि तूने आज मुझे असली सुख दिया है और इन्जॉय करते-करते चिल्ला रही थी यसयअसस्स्स्स्सस्स आहहा और ज़ोर से आआहहह्ह्ह अहहा यस ऐसे ही चोदो/

अब एक घंटे तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने दीदी से कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, तो दीदी ने कहा कि अंदर ही छोड़ दो, तो मैंने कहा कि क्यों? तो दीदी बोली कि में तुम्हारे लंड से माँ बनना चाहती हूँ/ फिर मैंने उसकी चूत के अंदर ही झाड़ दिया और तब तक वो 4 बार झड़ चुकी थी/ उस रात हमने अलग-अलग पोज़िशन में और अलग-अलग जगह किचन, बाथरूम, छत, सब जगह 4 बार सेक्स किया/ अब रात के 3 बज गये थे तो हम सो गये/ फिर सुबह हुई तो दरवाज़े की घंटी बज रही थी, दीदी अभी तक पूरी नंगी होकर सो रही थी और में भी पूरा नंगा होकर उनसे चिपक कर सो रहा था/

फिर मैंने उन्हें उठाया और कहा कि चादर ओढ़ लो में बाहर देखकर आता हूँ/ फिर में बाहर गया तो दरवाज़े पर मेरी माँ थी/ अब में डर गया था कि अब क्या होगा? अच्छा हुआ मैंने पेंट पहन ली थी/ फिर मम्मी ने कहा कि काम पर नहीं गये, तो मैंने कहा कि आज छुट्टी है/ फिर मैंने मम्मी से कहा कि तुम फ्रेश हो जाओ तब तक मैंने दीदी को उठा दिया और हम दोनों तैयार हो गये/ फिर दीदी ने मुझे फ्रेंच किस किया और कहा कि थैंक्स/ फिर ये सिलसिला अगले दिन 3 दिन तक चला/

फिर मेरी पत्नी आ गयी तो मेरी दीदी नाराज़ हो गयी/ फिर एक महीना बीत जाने के बाद दीदी ने मम्मी से कहा कि चलो कहीं घूमने चलते है, तो मम्मी ने कहा कि तुम लोग जाओ, तो मैंने कहा कि ठीक है और मेरी पत्नी ने कहा कि में नहीं जाउंगी, क्योंकि वो प्रेग्नेंट हो गयी थी और ये सब हमारा ही प्लान था/ फिर दीदी और में कहीं घूमने नहीं गये और हमने एक होटल में जाकर भरपूर सेक्स किया/

~~~ समाप्त ~~~
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
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#6
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#7
Sleepy
(26-04-2019, 12:15 AM)neerathemall Wrote:
प्यारी बहन की चूत में मोटा लंड












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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
(26-04-2019, 12:15 AM)neerathemall Wrote:
प्यारी बहन की चूत में मोटा लंड

आधी रात में दीदी चूत में तेल लगा कर आई












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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
(26-04-2019, 12:54 AM)neerathemall Wrote: .



























































































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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
हूँ.
एक महीने पहले ही मैंने सरकारी नौकरी जॉइन की है, तो मुझे गांव से शहर आना पड़ा. सूरत में और कोई पहचान वाला नहीं था तो मुझे अपने चाचा की लड़की यानि मेरी बहन के घर जाना पड़ा.
मेरी चचेरी बहन का नाम पायल है और वो बहुत खूबसूरत है. पायल की शादी हो चुकी है. उसकी उम्र अठ्ठाइस साल है. मैं उसके घर गया और उधर रहने का इंतजाम करने के लिए बात की.. तो मेरा उनके घर में ही रुकने का तय हो गया.
पायल का फिगर 34-28-34 है. वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी है. शादी के बाद तो उसकी गांड पहले से भी ज्यादा बड़ी हो गई है. उसके पति यानि मेरे जीजाजी, काम के सिलसिले में ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं.
अब मैं पायल के ही घर में था. उधर मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई तो मैं सोफे पर ही सो गया. जब जगा तो शाम के सात बज चुके थे. पायल शायद किचन में थी. उधर से सब्जी काटने की आवाज आ रही थी.
मैंने किचन में देखा तो वह अपना काम कर रही थी. मेरे सामने उसकी बड़ी गांड हिल रही थी. वैसे तो मेरे मन में उसके बारे में कभी गलत विचार नहीं आया था लेकिन आज उसकी गांड देखकर मेरे लंड में हरकत होने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
मैंने उसके पीछे जाकर उसको गुड इवनिंग कहा और उसके पीछे सटकर खड़ा हो गया. मेरा लंड पहले से थोड़ा खड़ा होने लगा था, जो अब गांड का स्पर्श पाते ही पूरा अकड़ गया. लंड दोनों चूतड़ों के बीच में आ गया.
उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.
खाना खाने के बाद हमें एक साथ ही सोना था क्योंकि एक ही बेड था. हम एक साथ लेटे, मगर दोनों के बीच थोड़ा सा अंतर रखकर सोये. पायल थोड़ी देर फोन पर चैट करके बाथरूम गई और सो गई.
रात को अचानक मेरी नींद खुल गई. रूम में अंधेरा था. मैं करवट बदलने के लिए बस थोड़ा सा खिसका कि कोई चीज हाथ से टकरा गई. मैंने धीरे से हाथ से स्पर्श किया तो वह पायल की गांड थी. नींद में उसकी नाइटी ऊपर की ओर खिसक गई थी और नीचे उसने पैंटी पहनी हुई थी.
मैं करवट लेकर पायल से ऐसे सटकर सोया कि मेरा लंड उसकी गांड पर सैट हो जाए. मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरी तरह तन गया. मैंने थोड़ी देर ऐसे ही किया, पर कुछ मज़ा नहीं आया. मैं थोड़ा पीछे खिसका और अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसकी जाँघों के बीच चुत वाले हिस्से पे हाथ से थोड़ा स्पर्श करने पर भी वो नहीं जगी. इसका मतलब ये था कि दीदी इस वक्त बहुत गहरी नींद में सो रही थी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#12
मैंने धीरे से दीदी की पैंटी सरकाने की कोशिश की, तो आसानी से सरक गई और उनकी पेंटी घुटनों तक आ गई. तभी उसने हल्की सी कुनमुनाते हुए हरकत की और फिर सो गई. मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर उसकी गांड पे हाथ रखा तो पैंटी निकली हुई थी. मतलब वो अभी नींद में ही थी.. पर इस बार वो पैर मोड़कर सो गई थी.
अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.
मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.
मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#13
मेरा लंड बुरी तरह अकड़ गया था. मैंने पायल की कमर को पकड़ लिया और दबाव बनाया तो चुत का छेद धीरे धीरे फैलने लगा, पर अब भी उतना नहीं फ़ैल सका था कि लंड का टोपा घुस सके.
मैंने फिर धीरे से धक्का दिया तो थोड़ा लंड का टोपा अन्दर घुस गया. पर थोड़ा टोपा अन्दर जाते ही पायल जग गई और उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. मुझे भी थोड़ी जलन हुई. पायल उठके चली गई, पर मैं बुरी तरह डर गया.
थोड़ी देर बाद वो फिर आई और सो गई. अब मुझमें कुछ भी करने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन अब वो आई तो उसके पास से आयल की खुशबू आ रही थी.
मेरा लंड अभी खड़ा ही था. तभी उसका हाथ मेरे लंड पे पड़ा. मैं समझ गया कि वह पायल का ही हाथ था. उसके हाथ में कुछ चिकनाहट थी. शायद वो मेरी मुठ मारने वाली थी.. पर कुछ देर लंड सहलाने के बाद उसने हाथ हटा लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#14
मैंने अपने लंड को छुआ तो पूरा तेल से सना हुआ था. यानी पायल दीदी ने अपनी चूत चुदाई के लिए मेरे लंड पर तेल लगाया था. मैं थोड़ा सा पायल दीदी की ओर खिसका तो वो फिर से घुटने मोड़ कर लेटी हुई थी. उसकी चुत पे हाथ लगाने पर बहुत चिकनाहट महसूस हुई, शायद वो अपनी चुत में तेल लगाकर आई थी. मतलब साफ था कि वो चुदने का मन बना चुकी थी.
अब मैंने बेहिचक पायल की कमर को कसकर पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के छेद पर सैट कर दिया. एक हल्का धक्का देने पर ही टोपा चुत में चला गया. उसके बाद तो बस मैं दबाव देता गया और आधे से ज्यादा लंड आसानी से चुत में उतर गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#15
मुझे लगा थोड़ा लंड अभी बाहर है. मैंने धक्का दिया, पर अन्दर नहीं गया. पायल के मुँह से हल्की सी आवाज निकली उम्म… अह… और उसने अपनी गांड भी आगे की ओर खिसका ली. शायद उसको चुत में दर्द हुआ था. उसके आगे की ओर गांड खिसकाने से लंड भी बाहर आ गया, बस टोपा भर अन्दर घुसा रहा था. मैंने उसकी कमर को फिर से कसकर पकड़ा और पूरी ताकत लगा कर धक्का मार दिया, जिससे पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत की गहराई में उतर गया.
उसी वक्त उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ शायद दीदी को दर्द हुआ और वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. पर मैं उसको कसके पकड़े हुए था. मैंने समझ लिया था की जीजाजी के ज्यादा न चोद पाने के कारण इसकी चुदास शांत नहीं हो पाती है और इसीलिए ये फेसबुक पर चैट करके अपनी ठरक शांत करने की कोशिश करती है.
पायल की चुत में मेरा मोटा लंड एकदम फंसा हुआ था, जिससे उसको दर्द हो रहा था, दीदी लगातार धीमे धीमे कराह रही थी और साथ ही सिस्कारियां भी भर रही थी, मैंने उसके मस्त मम्मों को मींजना शुरू कर दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ धर कर दीदी को चूमना शुरू कर दिया. वो भी मुझे चूमने लगी. इससे उसको अपनी चुत में कुछ पानी सा महसूस हुआ और उसका दर्द काफी कम हो गया.
तभी उसकी गांड ने मेरे लंड को एक झटका सा मारा, मैं समझ गया कि इसको लंड की चोट चाहिए.
अब मैं पूरी ताकत लगाकर हचक के धक्के मारने लगा. हालांकि मुझे इतनी जल्दी नहीं करना चाहिए था. क्योंकि उसकी चुत अब भी कसी हुई थी जिस कारण उसको दर्द हो रहा था और अब वो रोने लगी थी. पर मैंने चुत चोदना जारी रखा.
थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसके पानी की वजह से इतनी जबरदस्त चिकनाहट हो गई थी कि लंड पूरा बाहर निकल जाता था..लेकिन तभी मैं धक्का मार कर उसकी चुत की गहराई में अपने लंड को उतार देता था.
वो एकदम शिथिल पड़ी, मेरी चोटों को सह रही थी, थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने पानी से अपनी दीदी की चुत को भर दिया. लंड का पानी निकाल कर मैंने समय देखा तो सुबह के पांच बज गए थे. हम दोनों थके होने की वजह से चिपक कर सो गए.
सुबह हुई तो पायल मुझसे शर्मा रही थी, वो मुझे चाय देने आई, तो मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया. उसने मुझे मुस्करा कर सीने से लगा लिया.
बस हम दोनों एक दूसरे से खुल गए
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#16
(26-04-2019, 12:53 AM)neerathemall Wrote: [Image: preview.mp4.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#17
(26-04-2019, 12:53 AM)neerathemall Wrote: [Image: preview.mp4.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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