घर आने से पहले हम मंदिर भी गये जो मस्जिद से थोड़ा आगे जाकर है वहाँ से हमारा घर सामने पड़ता है पहले हम इधर से नही बल्की अपने घर से वाले रास्ते से मंदिर चले जाते थे उसके बाद मै एक दो बार और माँ के साथ गया पीपल के पेड़ मे जल डलवाने मै तो बाहर ही बाइक पर बैठा रहता था माँ अकेले ही राशिद अंकल के घर जाती वहाँ से पीपल के पेड़ के पास जाकर जल डालती और राशिद अंकल से बात करते हुए बाहर आती दोनो काफी कम समय मै अच्छा बात करने लगे राशिद माँ की खूबसूरती का खूब तारीफ करता था जिससे माँ भी खूब खुश होती थी फिर राशिद अंकल हमारे दुकान पर भी आने लगे समान लेने के बहाने से उनके पास मे एक बुलेट थी जिससे वह हमारे घर के तरफ से आते और उसी तरफ से जाते क्योकि वह हमारे पीछे ही रहते थे अपने इधर आने का कारण वह पहले ही दिन मुझे बता दिये जब वह हमारे दुकान पर आये तो आते ही बोले अरे अमीत यही तुम्हारा दुकान है काफी अच्छा और बड़ा है मै पहले इधर नही आता था इसलिए पता नही था नही तो मै यही से सारा सामान ले जाता मै जहाँ से पहले सामन लेता था वह एक तो महंगा देता था उपर से खराब भी रहता था इसलिए जब तुमने बताया की तुम्हारा दुकान है किराने का तो मै सोचा चलो देखते है ।
उस दिन राशिद अंकल ने हमारे दुकान से अपने घर के लिए राशन लेकर गये उसके बाद वह दुकान पर हमेशा आने लगे कभी मै रहता तो मुझसे वह जरूरत के समान लेते नही तो दुकान मे जो रहता वह दे देता था राशिद अंकल की पापा से भी थोड़ी बहुत बात होने लगी कुछ समय बाद मुझसे माँ बोली वह अकेले भी मंदिर और पीपल के पेड़ मे जल डालने जा सकती है तब मै कुछ नही बोला तो वह रोज सुबह उठती अच्छे से नहा-धोकर तैयार होती और चली जाती फिर सात बजे तक घर आती । सब कुछ अच्छा चल रहा था मॉनसून आ गया था उस दिन सुबह को माँ घर से जैसे ही निकली बूंदा बादी चालू हो गया माँ छाता नही लेकर गयी थी इसलिए मै सोचा चलो छाता लेकर चलता हूँ नही तो वह बारिश मे भीगते कैसे आएगी तो मै छाता लेकर घर से निकल गया अब बारिश जोड़ से होने लगी मुझे लगा माँ आज भीग ही गयी होगी मै कुछ देर मे मस्जिद के पास पहुचा वहाँ मुझे कोई नही दिखा राशिद के घर का दरवाजा भी बंद था मै इधर उधर देखा माँ नही दिखी तो मै उनको फोन करने लगा 
लेकिन वह फोन नही उठा रही थी तो मै राशिद अंकल के घर का छोटे गेट को बजाया उनके घर के आगे एक छोटा सा गेट लगा है फिर अंदर खाली जगह है जहाँ फूल के पेड़ लगे है वह एक गली जैसा है जो घर के पीछे तक जाती है मै छोटा गेट खोल के अंदर गया और उनके घर का बेल बजाया पर वह गेट नही खोल रहे थे मै देखा मेरी माँ का सैंडल गेट के बाहर था जिसका मतलब था माँ अंदर है मेरा तो दिल धड़कने लगा माँ अंदर है राशिद अंकल भी अंदर है तो गेट क्यो नही खोल रहे है मै आवाज भी दिया पर बारिश तेज हो रही थी और राशिद अंकल का घर चारो तरफ से बंद था मुझे माँ के लिए डर लगने लगा मै कुछ देर दरवाजे पर खड़ा रहा जब नही खुला तो मै घर के दुसरी तरफ गया चारो तरफ बंद था फिर खिड़की को देखने लगा कही पर खुला हुआ है क्या पर कही खुला हुआ खिड़की मुझे नही दिखा पर सब खिड़की पर सीसा लगा हुआ था जिससे अंदर का घर दिख रहा था पर माँ य् राशिद अंकल मुझे कही नही दिख रहे थे मै कभी राशिद अंकल के घर को अंदर से नही देखा था इसलिए मुझे कुछ पता नही था मै बस बेचैन सा इधर उधर देख रहा था 
तभी मुझे एक कमरे मे माँ और राशिद अंकल दिखे और अंदर का नजारा देख के मै अंदर तक हिल गया माँ एक बेड पर पूरी नंगी लेटी हुई थी राशिद अंकल भी पूरे नंगे थे दोनो का कपड़ा नीचे फर्श पर बिखड़ा हुआ था माँ के शरीर पर बस एक पापा के नाम का मंगलसूत्र हाथ मे चूड़ी पैड़ मे पायल था बाकि कपड़ा एक भी नही था राशिद अंकल माँ के पैरो के बीच मे थे माँ की आँख बंद थी वह बस अहहह...अहहह...उउउउ...हहहह....उउउ...हहह...उ उउउ..हहहह.....उउउहहह कर रही थी साथ ही अपनी उगली राशिद अंकल के बालो मे फेड़ रही एक हाथ से अपनी बड़ी चूची को खुद मसल रही थी मै यह देखकर दंग रह गया माँ के बारे मे मैने कभी ऐसा नही सोचा था वो एक धार्मिक पतिव्रत महिला थी पर उनका वह रूप मैने पहली बार देखा था मुझे समझ नही आया क्या करूँ अंदर माँ अंनद के सागर मे गोते लगा रही थी और बाहर मै दुख गुस्सा धोखा और ना जाने कितनी तरह के दर्द से रो रहा था मेरा खून खौलने लगा मेरे आँखे के सामने मेरी माँ एक गैर धर्म के मर्द के साथ रासलीला कर रही थी 
यह मुझसे सहन नही हुआ और मै कस के चिल्लाने लगा राशिद कुत्ते छोड़ मेरी माँ को और छात फेक के इधर उधर कुछ खोजने लगा चारो तरफ सिर्फ फूल वाले गमले थे जिनको मै उठा के खिड़की के तरफ फेकने लगा गमला बड़ा और भारी था कुछ मै उठा पा रहा था और कुछ नही उठता तो वही पटक देता अभी मै एक दो गमला ही उठाया था की राशिद अंकल बाहर आ गये वह भी सिर्फ सिर्फ शॉर्ट्स मे उनको देखते ही मै उनको मारने दौड़ा पर जैसे ही उनके पास पहुंचा वह मेरा हाथ पकड़ लिये और एक जोड़ का थप्पड मेरे गाल से मार के बोले अमीत पागल मत बनो तुमने जो देखा वो तुम्हारे लिए शदमे जैसा होगा मै समझ सकता हूँ पर तुम अपनी माँ के बारे मे भी तो सोचो तुम सिर्फ अपने और अपने पिता के बारे मे सोच रहे हो पर तुम्हारी माँ क्या चाहती है वह तुम नही देख रहे हो मै नीचे फर्श पर लेटा रो रहा था बारिश अब भी हो रही थी बारिश की बूदी मेरे चेहरे पर गिर रही थी राशिद अंकल बोले तुम घर जाओ कुछ देर मै तुम्हारी माँ भी घर चली जाएगी 
लेकिन याद रखना अगर तुमने रिधिमा के साथ कुछ किया या उसको भला बूरा कहाँ तो तुम मुझे नही जानते हो मै अच्छे के लिए अच्छा और कमीनो के लिए कमीना हूँ मै और रिधिमा एक दुसरे से प्यार करते है तुमने हमारे बारे मे अगर अपने बाप को बताया तब वह उसको घर से निकाल दिए तब मै उसको अपने साथ रख लूगा तब तुम लोग सोच लेना की तुम्हारा क्या होगा तुम उसको देखने के लिए भी तरस जाओगे देखो अमीत रिधिमा बहुत अकेली है तुम्हारे पिता उसको वह सुख नही दे पाए जिसकी वह हकदार है वह तुम्हारे पिता से कभी प्यार नही की लेकिन फिर भी इतने सालो तक वह तुम्हारे पिता के साथ रही वह इतने साल तक प्यार की भूखी रही लेकिन अब उसको वह सुख और प्यार मिल रहा है तो तुम क्यो उससे उसकी वंचित कर रहे हो देखो अभी मै जा रहा हूँ वह मेरा इंतजार कर रही होगी तुम घर जाओ और यह सब भूल जाओ बस इतना याद रखो की वह तुम्हारी माँ है ।
यह बोलकर वह चला गया मै कुछ देर वही रोता रहा मुझे समझ नही आ रहा था की क्या करू मै उठा और घर जाने लगा पर फिर मै उसी खिड़की के पास पहुंचा अपनी माँ की चुदायी का विडिओ बनाने मै यह विडिओ इस लिए बना रहा था ताकि अपने सब रिस्तेदारो को विडिओ दिखा के माँ के काले कारनामो को बताऊ तब उन सब को माँ का सच्चाई पता चले मै जब वहाँ पहुंच तो देखा माँ घुटने पर थी उनके आगे राशिद खड़ा था मतलब माँ के मुँह मे राशिद का लण्ड था माँ की पीठ और गांड मेरी तरफ थी एक नंगा मै गुस्से मे विडिओ तो बनाने लगा पर माँ का चिकना बदन देखकर मेरा मन बदलने लगा मै उनके बदन को देखकर उत्तेजित होने लगा तभी मुझे राशिद का लण्ड दिखा जो माँ के मुँह से बाहर आ गया था राशिद अपने लण्ड से माँ के गाल पर मार रहा था और रगड़ रहा था माँ खुश थी वह फिर से लण्ड को मुँह मै लेकर चुसने लगी राशिद माँ का सर पकड़ के मुँह चोदने लगा गचगच गगगगगगगगगगगगगगग मुँह से आवाज आ रही थी मेरा हाथ अपने लण्ड पर चला गया 
अंदर राशिद अंकल माँ के गले तक लण्ड ले जा रहे थे वहाँ पर रोक कर वो धीरे धीरे माँ के गले को चोद रहे थे देखने मै ऐसा लग रहा था जब माँ को सास लेने मे दिक्कत होती वह राशिद अंकल के जांध पर मारने लगते तब वह अपना लण्ड बाहर खिचं लेते फिर सास थोड़ा ठीक होने पर गले तक ले जाते और वही पर चोदते ऐसे कुछ देर गला चोदने के बाद वह मुँह से लण्ड को निकाल के माँ को खड़ा किया और उनसे पूछे कैसा लगा मेरी रानी तब माँ हँसते हुए बोली हर बार की तरह बहुत अच्छा अब तो इसका आदत होने लगी है मुझे कितना अच्छा लगता है गले के पास मै बता नही सकती तब राशिद अंकल बोले अब बूर चुदाई शुरू करे तो माँ बोली हाँ अब मुझे चोद के फार दो तब माँ बेड पर लेट गयी राशिद अंकल माँ के उपर चढ़ गये और अपना लण्ड जो माँ के थूक और लार से गिला था उसे माँ के बूर पर रगड़ने लगे माँ के बूर पर मुझे उनकी झांट नही दिख रही थी मै समझ गया उसको माँ ने हटा दिया है ।
अब राशिद माँ की एक चूची का निप्पल अपने मुँह मे ले लिया और दुसरो को हाथो मै पकड़ के मसलने और चुसने लगा माँ की चूची अच्छे साइज मे थी जो राशिद के बड़े हाथ मे पूरा तो नही आ रही थी पर वह बहुत अच्छे से मसल रहा था माँ बस आहे भर रही थी और राशिद को कह रही थी थोड़ा धीरे दबाओ काटो मत कभी कहती खा जाओ राशिद पूरे मन से उनकी चूची को मसल और चूस रहा था एक को छोड़ के दुसरे निप्पल को मुँह मे ले लेता ऐसे करते हुए वह दोनो चूची को बराबर चूसा और मसलता उनकी चूची लाल हो गयी उत्तेजना मे माँ की निप्पल खड़े थी चूची तनी हुई थी मुझे यह देखकर पता लग रहा था माँ पूरा गर्म हो गई है पर राशिद चूची को अब भी दोनो हाथो मे लेकर मसल रहा और उनकी सपाट मुलायम पेट को चूम रहा था उसको कभी चाटता तो कभी चूमता कभी अपना चेहरा उनके पेट पर रगड़ता जिससे माँ को गुदगुदी होती और वह हँसते हुए बोलती क्या करे है हो राशिद आप मुझे गुदगुदी हो रही है पर राशिद कहाँ सुनने रहा था वह तो अपनी धुन मे लगा हुआ था पेट से खेलने के बाद राशिद माँ की नाभि मे जीभ डाल के चोदने लगा माँ हँसने लगी अहहह राशिद मुझे बहुत मजा आ रहा है ।
राशिद माँ की नाभी से खेलने के बाद उनको पेट के बल लिटा दिया और फिर वो माँ की चिकनी पीठ पर सहलाने चूमने और चाटने लगा अपने लण्ड को पीठ पर रगड़ने लगा उसके बाद वह माँ की गांड को प्यार करने लगा वह पहले गांड को अच्छे से देखने लगा तब माँ को लगा क्या हुआ तो वह थोड़ा उठी और पीछे मुड़ के देखते हुए बोली क्या हुआ तब राशिद बोला रिधिमा क्या माल हो तुम तुम्हारा हर अंग कामूक है मुझे यह गांड बहुत पंसद है यह ना तो बड़ा है ना ही सुखा हुआ यह पूरा रस से भरा हुआ रस भरी है मुझे तो तुम्हारे हर अंग से प्यार है खास कर चूची से पर गांड की बात अलग है फिर वो उनकी गोरी गांड पर टूट पड़ा माँ की गांड गुदेदार थी राशिद खूब मसला दाँत से पकड़ के काटता जिससे गांड पर हर जगह दाँत के निशान उभर गये माँ बस मजे से अहह अहहह अहहह हह हहहह कर रही थी राशिद को माँ के साथ प्यार करते देख के समझ गया माँ जैसी संस्कारी पतिव्रता धार्मिक महिला राशिद जैसे गैर धर्म के मर्द से क्यो इतना प्यार करने लगी 
राशिद जिस तरह से माँ के अंगो के साथ खेल रहा था उनको सुख दे रहा था वैसा सुख किसी भी महिला को उसका पति तो नही दे सकता है ऐसा सुख ज्यादातर महिला को उसका प्रेमी ही देता है इसलिए शादी के बाद मे महिला पति से छुप के अपने प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध बनाती है क्योकि इसमे सो डर होता है वह मजा को बढ़ा देता है जो उस चरसुख कए पास ले जाता है जो कुछ ही महिला को प्राप्त होता है मेरे पापा ने माँ को खुश किया होगा मुझे इसी बात का शक है फिर चर्मसुख की बात ही दूर है पर राशिद माँ को उस चर्मसुख का अनुभव करवा देता है तभी माँ इस तरह से बेशर्म होकर एक गैर धर्म के मर्द के साथ खुलकर सेक्स कर रही हैं आज सेक्स का मतलब बदल गया है पहले सेक्स का मतलब कुछ और था हमारे पूर्वज के लिए सेक्स नये जीवन को उत्पन्न करने का एक माध्यम था जैसे ऋतु काल आते ही जानवर बच्चे पैदा करने के लिए सहवास करते है ।
पहले के समय मे सेक्स का वही महत्व था बच्चा पैदा करना लेकर आज हम सेक्स को मजा के लिए करते है तभी तो लड़का और लड़की मे जैसे ही सेक्स हार्मोन बन जाता है वैसे ही एक दुसरे के तरफ आकर्षित होने लगते है और खाली स्थान मिलते है संभोग क्रिया मे लग जाते है आज तो यह अब खुलेआम होने लगा है शरह का कोई ऐसा पार्क बताओ जो इस तरह के प्रेमी जोड़ो से बचा हुआ हो अब तो कॉलेज जैसे जगह को भी सेक्सशाला बना दिया है कॉलेज के टूटे कमरे खाली पड़े इमारत हर जगह लड़के लड़की चुदाई करते हुए दिख जाते है पर इसमे उनकी गलती नही है जब हमारे माँ बाप ही गलत रास्ते पर जाएगे तो क्या होगा बच्चो को मेरी माँ रिधिमा कैसी देवी जैसी महिला था उनको तो सेक्स ने छोड़ा नही वह एक ऐसे मर्द के चक्कर मे फंस गई है जब उनके परिवार को पता लगेगा तो सब थूकेगे पर वो तब की बात है जब सब को पता चलेगा अभी तो वह सेक्स का पूरा मन से आनंद ले रही थी 
राशिद उनकी गोरी गांड को इतना काटा की गांड लाल हो गया फिर उसने गांड पर भी खूब लण्ड रगड़ा गांड की छेद पर लण्ड रगड़ा माँ राशिद को गांड मे अभी लण्ड नही डालने के लिए बोल रही थी मतलब उनको भी गांड मरवाने का मन था पर कुछ दिन बाद राशिद बात मान गया फिर उसने माँ को सीधा लेटाया और उनके मुँह के पास फिर से गया माँ के मुँह मे लण्ड दिया माँ चुसने लगी फिर राशिद माँ की चूची को सटा के लण्ड डाल के चोदने लगा अहह रिधिमा रंडी कैसा लग रहा है अपने यार का लण्ड माँ हँसते हुए बोलती मेरी पति से लाख गुना ज्यादा अच्छा सच मे मै भगवान से तुम्हारे जैसे पति की कामना करती थी और तुम मिल ही गये अब मेरा यह जीवन सफल हो गया राशिद माँ की दोनो चूची को सटा दिया और चोदने लगा माँ सिर्फ हँस रही थी उसके बाद वह उनकी बूर पर किश किया उसको रगड़ा उसपर अपना थूक लगाया और बोला रिधिमा बोल अह अहह मेरे मु&&&& आशिक अपनी हि₹₹ माल को चोद लिजिए माँ भी वही बोली फिर राशिद ने बिना देर किये माँ के बूर मे लण्ड उतार दिया और मजा लेकर चोदने लगा माँ अहहह अहहहह उउउउउउउ हहहहहहह ऐसेसससस हीईईईईई  उउउउउउउउउ अअअअअअअअअअ अहहहहह अ।अहहहह करने लगी कमरे मे थपथपथ थपथपथपथ की आवाज गुजने लगी बाहर की बारिश थम गयी थी पर अंदर का खेल अब चालू था राशिद खूब दम लगा के माँ को पेल रहा था ।
माँ भी उनका खूब साथ दे रही थी दोनो ताल से ताल मिल के चुदाई का खेला खेल रहे थे माँ अपने हाथ से कभी अपनी चूची मसलती तो कभी वह राशिद के पीठ को सहलाती फिर राशिद माँ के पैर को उपर हवा मे उठा के पकड़ लिया और चोदने लगा माँ बस चुद रही थी राशिद बोलता रिधिमा बेगम कैसा लग रहा है चुदाई तब माँ कहती ऐसा जैसा पहले कभी नही लगा राशिद यह सुनकर हँसता पर चोदना जारी रखता वह माँ को एक लय मे चोद रहा था जब लगता उसका निकलने वाला है वह रूक जाता पर जब वो शांत होता फिर चोदने लगता ऐसे ही उसने आधे घंटे से उपर माँ को चोदा फिर उनके मुँह मे अपना वीर्य निकाल दिया और माँ उसका पूरा वीर्य पीकर वही बेड पर लेटे गये कुछ देर बाद माँ उठी और अपने कपड़े पहनने लगी तब मै वहाँ से जल्दी निकल गया पूरे रास्ते माँ की चुदाई घूम रही थी मै अपनी माँ को चुनते देख के दो बार वीर्य गिरा चुका था घर आया और बेड पर लेटकर फिर रोने लगा 
मेरे आने के कुछ देर बाद माँ आयी कपड़े हल्का भीगे हुए थे माँ को देखकर लग रहा थे चेहरा जैसा खुशी से भरा हुआ है उस समय की चमक अगल थी वह मुझे देखते ही बोली अरे मुझे आज लेट हो गई बारिश के कारण मे आज रास्ते मे ही काफी देर रूकी रही फिर जैसे ही बारिश कम हुआ मै वहाँ पेड के पास गयी पानी डाल के आयी हूँ फिर भी देखो हल्का भीग ही गयी मै माँ की इस एक्टिंग पर मन ही मन हँसी बोला साली चुद के आ रही है और दिखा ऐसे रही की कुछ हुआ ही नही है मेरा तो मन हुआ सारी पोल खोल दूँ पर फिर सोचा जाने दो बेकार मे हमारे हँसता खेलता परिवार टूट जाएगा आज यही सोच के मै कुछ नही बोला तभी मेरे फोन पर राशिद का फोन आया मेरा पास उसका नंबर नही था नही तो मै उठाता ही नही राशिद बोला रिधिमा घर पहुंच गयी मै रूखे स्वर मे बोला हाँ अभी आयी है तब बोला तुमने कुछ बोला तो नही अपने बाप से हमारे बारे मे तो मै बोला अभी नही बोला है तब वह बोला ठीक किया वैसे एक बात बताओ कैसा लगा मेरा और अपनी माँ का चुदाई देखकर मै अंदर ही अंदर शर्म से जमीन मे गरने लगा पर कुछ नही बोला राशिद बोला अब हमारे और रिधिमा के बारे मे किसी को कुछ मत बताना नही तो उसका और हमारा कुछ नही होगा पर तुम्हारे साथ बहुत बूरा हो जाएगा क्योकि तुमने अपनी माँ को मेरे से चुदते हुए देखकर जो किया है वह सब कैमरे मे कैद हो गया है 
यह सुनकर मै डर गया बोला नही तुम झूठ बोल रहे हो तब बोला ठीक है तो विडिओ भेज दूंगा वैसे यह सब राज ही रहेगा और कहोगे तो तुम्हारी माँ और मेरा कुछ और विडिओ है वह सब दे दूंगा तुम देखकर मजा करना आगे से सब जब भी मै तुम्हारी माँ चोदूंगा तुमको बता दूंगा जिससे तुम आकर हमारी चुदाई देखकर अपना गुस्सा और जोश ठंडा कर लेना मै कुछ नही बोला वही सब बोले जा रहे थे फिर जब फोन रखने के लिए राशिद बोले तब मै बोलाअपने मेरी माँ को पहले पटाया कैसे तो राशिद बोला तुम आओ कभी मेरे पास मै बताऊगा भी और दिखाऊंग भी मै फिर कुछ नही बोला तो वह फोन रख दिये अब मै भी मान लिया था जो होना था वह तो हो गया उसे मै बदल तो नही सकता हूँ पर जो हो रहा है उसका मजा लिया जा सकता है मै माँ को देखने लगा मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा मेरा नजरिया माँ के वर्ताव ने बदल दिया था अब मै माँ को मन ही मन खूब गाली देता था और मेरा जब मन होता माँ का नाम लेता अहहह रिधिमा जान क्या माल है तू