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भूख प्यार की
#1
मेरा नाम अमीत है मै अपने परिवार के साथ बिहार के एक छोटे से जगह मे रहता था घर मे माँ पापा मै और मेरी एक बड़ी बहन रहते थे मेरे पिता का एक किराने का दुकान था जो मुहल्ले के आगे ही था दुकान ठीक ठाक चलता था जिससे हम सब का जीवन भी बहुत सुखी से चल रहा था यह कहानी तब की है जब मै दशवी मे पढ़ता था मेरे पापा ब्रजेश सिंह 40 के थे माँ रिधिमा सिंह 36 की थी मेरी बहन पूजा 19 की थी हम बिहार के एक गाँव के रहने वाले थे पर बहुत समय पहले पापा काम की तलाश मे गाँव से शहर आये यहाँ कुछ दिन इधर उधर छोटा मोटा काम किया पर पैसा कम मिलता था इसलिए उन्होने अपना धंधा खोलने का सोचा और पैसे इकट्ठा करके उन्होने एक छोटा सा किराने का स्टोर खोला जो शुरू मे ज्यादा नही चला पर वह उसी मे लगे रहे तब धीरे धीरे धंधा बड़ा होता गया आज किराना स्टोर बड़ा दुकान का रूप ले लिया है सामान ट्रक से आते है और जाते है दुकान काफी अच्छा चलता है ।

मेरे माँ पापा दोनो गाँव के रहने वाले है पापा ग्रेजुएशन किये हुए है और माँ 12वी तक पढ़ी है क्योकि उसके बाद माँ की शादी पापा से हो गयी माँ एक गरीब घर से है तब नाना ने उनकी शादी कम की उम्र मे ही 22 साल के आदमी से कर दिये थे माँ को पापा शुरू से ही पंसद नही थे क्योकि माँ जैसा लड़का चाहती थी पापा वैसे तो बिल्कुल नही थे पापा एक छोटे कठ काठी के दुबले पतले से दिखने वाले आदमी थे वही माँ एक बेहद खूबसूरत और आकर्षक लड़की थी उस समय देखने मे काफी सेक्सी लगती थी .  उनका शरीर भर गया था चेहरा पान के पत्ते जैसा लम्बा था वो उस समय किसी फिल्म की हिरोइन जैसी ही लगती थी आज भी भोजपुरी फिल्म की हिरोइन अक्षरा सिंह के जैसी लगती है माँ पापा का कोई मेल नही था पर नाना ने पापा के परिवार और उनके जमीन जायदाद को देखते हुए माँ की शादी उनसे करवा दिये ।

पापा माँ से शादी करने के बाद उनको शहर मे लेकर आ गये यहाँ वो पहले छोटा मोटा काम किये जहाँ उनको बहुत कम पैसे मिलते थे फिर कुछ पैसा जोर के एक किराने का दुकान खोले जो पहले तो बहुत कम चला पर बाद मे काफी अच्छा चलने लगा तब वह उसे ही आगे बढ़ाते गये जो अब काफी बड़ा हो गया है जिसे अब मै दखता हूँ माँ को पापा के साथ मे जो भी देखता वह सब पापा को बहुत किस्मत वाला मानते थे बोलते थे लगूर के हाथ मे अंगूर मिल गया है क्योकि माँ रिधिमा बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक थी उतनी ही हॉट एण्ड सेक्सी भी थी पापा को भी पता था माँ उनको किस्मत से ही मिली है नही तो जैसे वो हम माँ जैसी लड़की तो उनको कभी देखती भी नही उनके चेहरे और बदन पर हर कोई मरता था उनको देखकर अच्छे अच्छो की नियत खराब हो जाती थी पापा माँ के हुस्न के गुलाम थे इसलिए माँ पापा को जो कहती पापा उसे बिना कुछ कहे मान लेते थे पापा माँ से अंधा प्यार करते थे 

माँ पापा के शादी के एक साल बाद ही पूजा दीदी को जन्म हुआ वह भी माँ की तरह खूबसूरत है दीदी के जन्म के तीन साल बाद मेरा जन्म हुआ अब तक पापा ने किराने के दुकान के साथ किराने के सामन को थोक मे बिक्री करने लगे अब समान बड़े बड़े ट्रक से आने जाने लगा जिससे घर मे पैसा भी अच्छा आने लगा पापा दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते गये हम सब बड़े हुए पापा की कमायी बढ़ गई तब पापा ने एक बहुत अच्छा फ्लैट लिये जो 3BHK था जिसमे हम सब का अपना एक कमरा था पढने के लिए भी हम अच्छे कॉलेज और कॉलेज मे गये पापा थोड़े रूढ़िवादी थे उनको लड़कीयो को आगे पढ़ना पैसे की बर्बादी लगती थी वह कहते थे आखिर शादी की बाद तो उनको चूल्हा चौका को ही संभालन है तो इतना पढ़ाने की क्या जरूरत है दीदी मेडिकल की पढ़ाई करना चाहती थी पर पापा इसके लिए राजी नही थे पर माँ के जिद्द करने पर पापा मानयी तब दीदी दिल्ली चली गई पढ़ने के लिए 

इस तरह सब अच्छा से चल रहा था माँ दीदी के जाने से थोड़ा उदास रहती थी पर जल्द ही स्मार्ट फोन ने उनकी उदासी दूर कर दी वह दीदी से फोन से जब मन होता बात करती वह भी विडिओ कॉल पर जिससे वह दीदी को देख भी पाती थी लेकिन पापा दीदी से ज्यादा बात नही करते थे पापा वैसे भी अपने बिज़नेस मे ऐसे लगे हुए थे की उनको घर मे क्या हो रहा है क्या नही पता ही नही चलता था पापा अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते थे मै भी जब छुट्टी मिलता उनके काम मे हाथ बटा देता था या दुकाने के गल्ले पर बैठा जाता था पापा काम मे इतना व्यस्त रहने लगे की उनको अपने सेहत का थोड़ा सा ध्यान नही रहता था ना समय पर खाना ना ही कभी एक्सर्साइज करते थे जिसका परिणाम यह हुआ की उनका वजन बढ़ गया मोटा हो गये जिससे वह पहले से भी ज्यादा भद्दे लगने लगे सर के बाल भी आधे उड़ गये वह 45 के उम्र मे ही बुढ़े जैसे लगने लगे माँ तो उनके सामने उनकी बेटी लगती थी 

माँ पापा की बेटी जैसे लगने लगी थी इस कारण से माँ पापा से दूर ही रहती थी वह उनके साथ कही बाहर नही जाती थी पर वह पापा की बहुत इज्ज़त और सम्मान देती थी हमेशा पापा से उनके सेहत का ख्याल रखने के लिए बोलती थी पर पापा मानते ही नही थे तभी एक दिन पापा का दुकान मे ही चक्कर आ गया और वह वही गिर गये तब मै दुकान मे ही था तो उनको जल्दी से डॉक्टर के पास ले गया मैने माँ को फोन करके पापा के बारे मे बताया डॉक्टर ने कुछ चेकअप कराने को बोला तो तब हमने उनका सब चेकअप कराया तो डॉक्टर बोला इनको स्ट्रोक आया था ज्यादा चिंता की बात नही है पर अब अगर सेहत पर ध्यान नही दिये तो यह हॉट अटेक का रूप भी ले सकती है यह सुनकर हम सब डर गये माँ तो रोने लगी पापा जैसे भी थे वह माँ के पति थे जो माँ उनके बिमारी को सुनकर बहुत परेशान हुए वह धार्मिक थी भगवान से प्रर्थन करने लगी की उनके पति की लम्बी आयु हो इसके लिए वह एक बाबा से भी मिलने लगे ।

जहाँ बाबा जी ने माँ को हर सोमवार को पीपल के वृक्ष मे जल डालने और रोज मंदिर मे माता रानी को दिया जलाने के लिए बोले साथ ही उन्होने गरीब लोग को कुछ दान करने के लिए भी बोले तब सब ठीक होगा माँ ने यह बात मुझे बतायी तब मैने उनको बोला ठीक है अगर आप यह करना चाहती है तो करो फिर माँ बोली इधर पास मे कोई पीपल का पेड़ है तो बताओ ताकि वहाँ जाकर जल डाल सकूँ तो मै ठीक है मै पता करता हूँ की हमारे आसपास कोई पीपल का वृक्ष कहाँ है माँ घर से बहुत कम निकलती है दीदी थी तो उनके साथ एक दो बार मंदिर गयी थी उन्ही के साथ मार्केट भी कभी चली जाती थी उनके जाने के बाद वह एक दिन भी घर से बाहर नही गयी थी मै अपने एक दोस्त से पता किया तो बताया हमारे मुहल्ले के पीछे एक बड़ा सा पीपल का पेड़ है उधर से मंदिर का भी रास्ता जाता है तो मैने माँ को बताया ही इधर पीछे ही पेड़ है सोमवार को मै आपके साथ चल के दिखा दूगा ।
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#2
My dear writer

Under age is not allowed here

Pls edit it and let me know
 horseride  Cheeta    
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#3
सोमवार की सुबह पांच बजे माँ मुझे उठाने आयी मैने जब आँखे खोला तो देखा माँ नहा-धोकर रोज की तरह तैयार थी मै भी जल्दी से उठा फ्रेश हुआ और माँ को लेकर बाइक से निकल गया जब अपने दोस्त के बताए हुए जगह पर गया तो देखा पेड़ तो हमारे घर पास मे ही था पर एक मस्जिद के अंदर था यह हमारे लिए परेशानी की बात थी की अब हम मस्जिद मे कैसे जाएगे अंदर हमे जल डालने देगा भी कोई की नही इस बात का डर लग रहा था वहाँ उस समय कोई नही दिख रहा था मस्जिद बंद था मै आसपास देखा तो भी कोई नही दिखा पर तभी एक मौलाना मस्जिद मे दिखा तो मै उसे बुलाया वह आया तो मैने उससे बोला की मेरी माँ का मन्नत है पीपल के पेड़ मे जल डालने का यहाँ आसपास और कोई पीपल का पेड़ नही है तो क्या आप पीपल मे जल डालने देगे तो मौलना भड़क गया और बोला तुम भागो यहाँ से यह हमारे धर्म के खिलाफ है यह बोलकर वह चला गया अब मुझे समझ नही आ रहा था की क्या करे तभी मस्जिद के बगल मे जो एक मात्र घर था उस घर के छत पर एक आदमी वर्कआउट कर रहा था मौलाना की आवाज सुनकर वह छत से ही हमे देखा मस्जिद से सटे हुए ही उसका घर था तो मेरी नजर भी उस पर चली गयी मै उससे कुछ कहता उससे पहले ही वह चला गया पर तुरंत ही नीचे आया वह उस समय एक शॉर्ट्स पहने हुए था उपर से नंगा ही था उसका शरीर गठीला था सिक्स पैक भी दिख रहे थे वह पसीने से भीगा हुआ था जो वर्कआउट करने से निकला था हमारे पास आया और बोला 
आदमी- क्या बात है आप लोग यहाँ क्यो खड़े हो उसने माँ को देखते हुए बोला 
मै- कुछ दिन पहले मेरे पिता की तबीयत बहुत खराब हो गयी थी इसलिए एक बाबा जी ने माँ को बताया है की अगर वह हर सोमवार को पीपल के पेड़ मे जल डालेगी तो उनके पति की आयु लम्बी होगी इसलिए हम यहाँ आए है क्योकि आसपास और कोई पीपल का पेड़ हमे नही दिखा 

मै उसे जब यह सब बात बता रहा था तब उसकी नजर माँ पर थी माँ उस दिन भी रोज की तरह साड़ी मे थी उनकी पेट दिख रही थी जो पूरा फ्लैट नही था हल्का चर्बी थी पर वही उनकी सुंदरता को बढ़ा रहा था माँ ने माथे पर सिन्दूर और छोटी सी लाल बिंदी, कानों में झुमके, नाक में चमकती नथ, गले में मंगलसूत्र, और हाथों में लाल चूड़ियाँ—माँ ऊपर से नीचे तक किसी जन्नत की हूर से कम नहीं लग रही थीं। उनकी लाल लिपस्टिक और पैरों में पायल की छनछन ने जैसे पूरी सुबह को रंगीन कर दिया। “माँ सच मे बिल्कुल किसी अप्सरा जैसी लग रही हैं 

माँ का चेहरा चमक रहा था वह भी चोर नजरो से आदमी को देख रही थी आदमी का शरीर देखने मे सख्त लग रहा था चौड़ा सीना फुले हुए बाजू सिक्स पैक एब्स यह सब उस आदमी के शरीर की मजबूती को दिखा रहा था वह पूरा फिट और तंदुरुस्त था आदमी साँवले रंग का था पर हैंडसम था बॉडी अच्छी थी माँ को ऐसे मर्द पंसद थे दोनो की नजर कुछ ही देर मे कई बार मिले आदमी तो बेशर्मी से माँ को देख रहा था पर माँ नजरे मिलते ही हटा लेती थी ये सब देखकर मुझे डर लगने लगा कही वह मेरी माँ को सेट ना कर ले मैने जब उसको अपनी पूरी बात बतायी तब वह बोला 
 
आदमी- बोला ठीक है परेशान मत होइए मै देखता हूँ 

फिर वो मस्जिद मे गया मौलाना से बात करके वापस आया बोला आप मेरे साथ चलिए फिर वह हमे अपने घर के अंदर ले गया उसके घर के अंदर एक छोटा सा गेट था जो पीपल के पेड़ के पास खुलता था उसने बताया कि मस्जिद का रखरखाव उसका परिवार करता है और पेड़ की देखभाल भी वही करते हैं। “यह पेड़ कई सालों से यहाँ है,” उसने कहा। “कई लोग यहाँ पूजा करने आते है तो मै कभी मना नही करता हूँ मौलाना अभी नये है इसलिए वह नही जानते है ।

माँ पीपल के पेड़ के पास गयी वहाँ पीपल के पेड़ के जड़ पर जल डाली फिर हमने उस आदमी का धन्यावाद किया उसने अपना नाम राशिद बताया फिर वह हमे चाय पीने के लिए बोला पर मै मना करने लगा क्योकि हमारा परिवार शुरू से ही राशिद जी धर्म के थे उनसे ज्यादा हमारा लगाव नही रहा है माँ तो उनके धर्म के किसी आदमी के हाथ का छुआ तक नही खाती थी तो उन्होने चाय पीने से मना कर दिया जिसे वह समझ गये पर कुछ नही बोले पर उन्होने हमे कुछ देर अपने घर बैठा लिया मैने देखा उनके घर मे वह अकेले ही थी तब मैने उनसे पूछा आप यहाँ अकेले रहते है तब वह बोले 

राशिद - हाँ बहुत साल से अकेला रह रहा हूँ 
मै- और आपका परिवार 
राशिद- मेरी पत्नी के गुजरे बहुत साल हो गये है एक बेटा एक बेटी है दोनो की शादी हो गई है बेटा दुबई मे रहता है अपनी पत्नी और बच्चे के साथ मे 
मै- क्या आप पोता पोती वाले है इतने बड़े तो आप नही दिखते है ।
राशिद- हँसते हुए तो कितने साल का दिखता हूँ 
मै- होगे 35 साल के 
राशिद- फिर हँसे और बोला 47 साल का हूँ पर मेरे रोज वर्कआउट करने का कमाल है की मै इतना फिट हूँ 
मै- सही मै एक आप है जो इतने उम्र मे भी इतने फिट और जवान है और मेरे पापा आपसे छोटे पर देखने मे लगेगे जैसे वह आपसे बहुत बड़े है पापा को देखकर तो सब माँ को उनकी बेटी ही समझते है 

तब राशिद माँ को देखते हुए बोला मै तुम्हारे पापा को तो नही देखा हूँ पर मै तुम्हारी माँ को देखकर कह सकता हूँ यह तुम्हारी माँ सही मै नही लगती है ये अगर सलवार सूट या जिंस टीशर्ट पहने तो अभी भी 25 साल की लड़की लगेगी यह सुनकर माँ शर्मा गयी और मुझसे बोली अमीत चलो अब हमे देर हो रही है तुम्हारे पापा को दुकान भी जाना होगा तो मुझे नास्ता बनाना है तो मै भी उठा और बोला हाँ अंकल अब मै चलता हूँ फिर हम वहाँ से घर लौटने लगे रास्ते मे माँ ने बोला राशिद अच्छे आदमी लगे वह नही होते तो आज मै जल नही डाल पाती तुम अपने पापा को भी बोलो उनके जैसा वर्कआउट करे ताकि वह भी राशिद जी जैसे फिट हो सके तो मै बोला आप हक बोल देना तो माँ बोली मेरी सुनते कहाँ है ।
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#4
Amazing update and plot. Waiting for next update
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#5
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Sexy mummy
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#6
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Delhi Jane ke baad pooja didi ke halat
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#7
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Pyar ke chakkar mummy kise ke aage na bichh jaye
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#8
log kya ai se story bana rahe hai kya

aajkal bahut saare logo ko ek dam saaf hindi likhte hue dekh raha hu jo mamuli baat nahi hai
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#9
(13-10-2025, 06:41 AM)momass Wrote: log kya ai se story bana rahe hai kya

aajkal bahut saare logo ko ek dam saaf hindi likhte hue dekh raha hu jo mamuli baat nahi hai

Bhai tum story ke maje lo yaar ...iski panchar wala story.....gajab likha ai nhi h
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#10
(14-10-2025, 05:12 AM)Praveen84 Wrote: Bhai tum story ke maje lo yaar ...iski panchar wala story.....gajab likha ai nhi h

me nahi pad raha bhai


ye writer kamina hai ,kuch dino baad story bechne lag jayega
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#11
घर आने से पहले हम मंदिर भी गये जो मस्जिद से थोड़ा आगे जाकर है वहाँ से हमारा घर सामने पड़ता है पहले हम इधर से नही बल्की अपने घर से वाले रास्ते से मंदिर चले जाते थे उसके बाद मै एक दो बार और माँ के साथ गया पीपल के पेड़ मे जल डलवाने मै तो बाहर ही बाइक पर बैठा रहता था माँ अकेले ही राशिद अंकल के घर जाती वहाँ से पीपल के पेड़ के पास जाकर जल डालती और राशिद अंकल से बात करते हुए बाहर आती दोनो काफी कम समय मै अच्छा बात करने लगे राशिद माँ की खूबसूरती का खूब तारीफ करता था जिससे माँ भी खूब खुश होती थी फिर राशिद अंकल हमारे दुकान पर भी आने लगे समान लेने के बहाने से उनके पास मे एक बुलेट थी जिससे वह हमारे घर के तरफ से आते और उसी तरफ से जाते क्योकि वह हमारे पीछे ही रहते थे अपने इधर आने का कारण वह पहले ही दिन मुझे बता दिये जब वह हमारे दुकान पर आये तो आते ही बोले अरे अमीत यही तुम्हारा दुकान है काफी अच्छा और बड़ा है मै पहले इधर नही आता था इसलिए पता नही था नही तो मै यही से सारा सामान ले जाता मै जहाँ से पहले सामन लेता था वह एक तो महंगा देता था उपर से खराब भी रहता था इसलिए जब तुमने बताया की तुम्हारा दुकान है किराने का तो मै सोचा चलो देखते है ।

उस दिन राशिद अंकल ने हमारे दुकान से अपने घर के लिए राशन लेकर गये उसके बाद वह दुकान पर हमेशा आने लगे कभी मै रहता तो मुझसे वह जरूरत के समान लेते नही तो दुकान मे जो रहता वह दे देता था राशिद अंकल की पापा से भी थोड़ी बहुत बात होने लगी कुछ समय बाद मुझसे माँ बोली वह अकेले भी मंदिर और पीपल के पेड़ मे जल डालने जा सकती है तब मै कुछ नही बोला तो वह रोज सुबह उठती अच्छे से नहा-धोकर तैयार होती और चली जाती फिर सात बजे तक घर आती । सब कुछ अच्छा चल रहा था मॉनसून आ गया था उस दिन सुबह को माँ घर से जैसे ही निकली बूंदा बादी चालू हो गया माँ छाता नही लेकर गयी थी इसलिए मै सोचा चलो छाता लेकर चलता हूँ नही तो वह बारिश मे भीगते कैसे आएगी तो मै छाता लेकर घर से निकल गया अब बारिश जोड़ से होने लगी मुझे लगा माँ आज भीग ही गयी होगी मै कुछ देर मे मस्जिद के पास पहुचा वहाँ मुझे कोई नही दिखा राशिद के घर का दरवाजा भी बंद था मै इधर उधर देखा माँ नही दिखी तो मै उनको फोन करने लगा 

लेकिन वह फोन नही उठा रही थी तो मै राशिद अंकल के घर का छोटे गेट को बजाया उनके घर के आगे एक छोटा सा गेट लगा है फिर अंदर खाली जगह है जहाँ फूल के पेड़ लगे है वह एक गली जैसा है जो घर के पीछे तक जाती है मै छोटा गेट खोल के अंदर गया और उनके घर का बेल बजाया पर वह गेट नही खोल रहे थे मै देखा मेरी माँ का सैंडल गेट के बाहर था जिसका मतलब था माँ अंदर है मेरा तो दिल धड़कने लगा माँ अंदर है राशिद अंकल भी अंदर है तो गेट क्यो नही खोल रहे है मै आवाज भी दिया पर बारिश तेज हो रही थी और राशिद अंकल का घर चारो तरफ से बंद था मुझे माँ के लिए डर लगने लगा मै कुछ देर दरवाजे पर खड़ा रहा जब नही खुला तो मै घर के दुसरी तरफ गया चारो तरफ बंद था फिर खिड़की को देखने लगा कही पर खुला हुआ है क्या पर कही खुला हुआ खिड़की मुझे नही दिखा पर सब खिड़की पर सीसा लगा हुआ था जिससे अंदर का घर दिख रहा था पर माँ य् राशिद अंकल मुझे कही नही दिख रहे थे मै कभी राशिद अंकल के घर को अंदर से नही देखा था इसलिए मुझे कुछ पता नही था मै बस बेचैन सा इधर उधर देख रहा था 

तभी मुझे एक कमरे मे माँ और राशिद अंकल दिखे और अंदर का नजारा देख के मै अंदर तक हिल गया माँ एक बेड पर पूरी नंगी लेटी हुई थी राशिद अंकल भी पूरे नंगे थे दोनो का कपड़ा नीचे फर्श पर बिखड़ा हुआ था माँ के शरीर पर बस एक पापा के नाम का मंगलसूत्र हाथ मे चूड़ी पैड़ मे पायल था बाकि कपड़ा एक भी नही था राशिद अंकल माँ के पैरो के बीच मे थे माँ की आँख बंद थी वह बस अहहह...अहहह...उउउउ...हहहह....उउउ...हहह...उ उउउ..हहहह.....उउउहहह कर रही थी साथ ही अपनी उगली राशिद अंकल के बालो मे फेड़ रही एक हाथ से अपनी बड़ी चूची को खुद मसल रही थी मै यह देखकर दंग रह गया माँ के बारे मे मैने कभी ऐसा नही सोचा था वो एक धार्मिक पतिव्रत महिला थी पर उनका वह रूप मैने पहली बार देखा था मुझे समझ नही आया क्या करूँ अंदर माँ अंनद के सागर मे गोते लगा रही थी और बाहर मै दुख गुस्सा धोखा और ना जाने कितनी तरह के दर्द से रो रहा था मेरा खून खौलने लगा मेरे आँखे के सामने मेरी माँ एक गैर धर्म के मर्द के साथ रासलीला कर रही थी 

यह मुझसे सहन नही हुआ और मै कस के चिल्लाने लगा राशिद कुत्ते छोड़ मेरी माँ को और छात फेक के इधर उधर कुछ खोजने लगा चारो तरफ सिर्फ फूल वाले गमले थे जिनको मै उठा के खिड़की के तरफ फेकने लगा गमला बड़ा और भारी था कुछ मै उठा पा रहा था और कुछ नही उठता तो वही पटक देता अभी मै एक दो गमला ही उठाया था की राशिद अंकल बाहर आ गये वह भी सिर्फ सिर्फ शॉर्ट्स मे उनको देखते ही मै उनको मारने दौड़ा पर जैसे ही उनके पास पहुंचा वह मेरा हाथ पकड़ लिये और एक जोड़ का थप्पड मेरे गाल से मार के बोले अमीत पागल मत बनो तुमने जो देखा वो तुम्हारे लिए शदमे जैसा होगा मै समझ सकता हूँ पर तुम अपनी माँ के बारे मे भी तो सोचो तुम सिर्फ अपने और अपने पिता के बारे मे सोच रहे हो पर तुम्हारी माँ क्या चाहती है वह तुम नही देख रहे हो मै नीचे फर्श पर लेटा रो रहा था बारिश अब भी हो रही थी बारिश की बूदी मेरे चेहरे पर गिर रही थी राशिद अंकल बोले तुम घर जाओ कुछ देर मै तुम्हारी माँ भी घर चली जाएगी 

लेकिन याद रखना अगर तुमने रिधिमा के साथ कुछ किया या उसको भला बूरा कहाँ तो तुम मुझे नही जानते हो मै अच्छे के लिए अच्छा और कमीनो के लिए कमीना हूँ मै और रिधिमा एक दुसरे से प्यार करते है तुमने हमारे बारे मे अगर अपने बाप को बताया तब वह उसको घर से निकाल दिए तब मै उसको अपने साथ रख लूगा तब तुम लोग सोच लेना की तुम्हारा क्या होगा तुम उसको देखने के लिए भी तरस जाओगे देखो अमीत रिधिमा बहुत अकेली है तुम्हारे पिता उसको वह सुख नही दे पाए जिसकी वह हकदार है वह तुम्हारे पिता से कभी प्यार नही की लेकिन फिर भी इतने सालो तक वह तुम्हारे पिता के साथ रही वह इतने साल तक प्यार की भूखी रही लेकिन अब उसको वह सुख और प्यार मिल रहा है तो तुम क्यो उससे उसकी वंचित कर रहे हो देखो अभी मै जा रहा हूँ वह मेरा इंतजार कर रही होगी तुम घर जाओ और यह सब भूल जाओ बस इतना याद रखो की वह तुम्हारी माँ है ।

यह बोलकर वह चला गया मै कुछ देर वही रोता रहा मुझे समझ नही आ रहा था की क्या करू मै उठा और घर जाने लगा पर फिर मै उसी खिड़की के पास पहुंचा अपनी माँ की चुदायी का विडिओ बनाने मै यह विडिओ इस लिए बना रहा था ताकि अपने सब रिस्तेदारो को विडिओ दिखा के माँ के काले कारनामो को बताऊ तब उन सब को माँ का सच्चाई पता चले मै जब वहाँ पहुंच तो देखा माँ घुटने पर थी उनके आगे राशिद खड़ा था मतलब माँ के मुँह मे राशिद का लण्ड था माँ की पीठ और गांड मेरी तरफ थी एक नंगा मै गुस्से मे विडिओ तो बनाने लगा पर माँ का चिकना बदन देखकर मेरा मन बदलने लगा मै उनके बदन को देखकर उत्तेजित होने लगा तभी मुझे राशिद का लण्ड दिखा जो माँ के मुँह से बाहर आ गया था राशिद अपने लण्ड से माँ के गाल पर मार रहा था और रगड़ रहा था माँ खुश थी वह फिर से लण्ड को मुँह मै लेकर चुसने लगी राशिद माँ का सर पकड़ के मुँह चोदने लगा गचगच गगगगगगगगगगगगगगग मुँह से आवाज आ रही थी मेरा हाथ अपने लण्ड पर चला गया 

अंदर राशिद अंकल माँ के गले तक लण्ड ले जा रहे थे वहाँ पर रोक कर वो धीरे धीरे माँ के गले को चोद रहे थे देखने मै ऐसा लग रहा था जब माँ को सास लेने मे दिक्कत होती वह राशिद अंकल के जांध पर मारने लगते तब वह अपना लण्ड बाहर खिचं लेते फिर सास थोड़ा ठीक होने पर गले तक ले जाते और वही पर चोदते ऐसे कुछ देर गला चोदने के बाद वह मुँह से लण्ड को निकाल के माँ को खड़ा किया और उनसे पूछे कैसा लगा मेरी रानी तब माँ हँसते हुए बोली हर बार की तरह बहुत अच्छा अब तो इसका आदत होने लगी है मुझे कितना अच्छा लगता है गले के पास मै बता नही सकती तब राशिद अंकल बोले अब बूर चुदाई शुरू करे तो माँ बोली हाँ अब मुझे चोद के फार दो तब माँ बेड पर लेट गयी राशिद अंकल माँ के उपर चढ़ गये और अपना लण्ड जो माँ के थूक और लार से गिला था उसे माँ के बूर पर रगड़ने लगे माँ के बूर पर मुझे उनकी झांट नही दिख रही थी मै समझ गया उसको माँ ने हटा दिया है ।

अब राशिद माँ की एक चूची का निप्पल अपने मुँह मे ले लिया और दुसरो को हाथो मै पकड़ के मसलने और चुसने लगा माँ की चूची अच्छे साइज मे थी जो राशिद के बड़े हाथ मे पूरा तो नही आ रही थी पर वह बहुत अच्छे से मसल रहा था माँ बस आहे भर रही थी और राशिद को कह रही थी थोड़ा धीरे दबाओ काटो मत कभी कहती खा जाओ राशिद पूरे मन से उनकी चूची को मसल और चूस रहा था एक को छोड़ के दुसरे निप्पल को मुँह मे ले लेता ऐसे करते हुए वह दोनो चूची को बराबर चूसा और मसलता उनकी चूची लाल हो गयी उत्तेजना मे माँ की निप्पल खड़े थी चूची तनी हुई थी मुझे यह देखकर पता लग रहा था माँ पूरा गर्म हो गई है पर राशिद चूची को अब भी दोनो हाथो मे लेकर मसल रहा और उनकी सपाट मुलायम पेट को चूम रहा था उसको कभी चाटता तो कभी चूमता कभी अपना चेहरा उनके पेट पर रगड़ता जिससे माँ को गुदगुदी होती और वह हँसते हुए बोलती क्या करे है हो राशिद आप मुझे गुदगुदी हो रही है पर राशिद कहाँ सुनने रहा था वह तो अपनी धुन मे लगा हुआ था पेट से खेलने के बाद राशिद माँ की नाभि मे जीभ डाल के चोदने लगा माँ हँसने लगी अहहह राशिद मुझे बहुत मजा आ रहा है ।

राशिद माँ की नाभी से खेलने के बाद उनको पेट के बल लिटा दिया और फिर वो माँ की चिकनी पीठ पर सहलाने चूमने और चाटने लगा अपने लण्ड को पीठ पर रगड़ने लगा उसके बाद वह माँ की गांड को प्यार करने लगा वह पहले गांड को अच्छे से देखने लगा तब माँ को लगा क्या हुआ तो वह थोड़ा उठी और पीछे मुड़ के देखते हुए बोली क्या हुआ तब राशिद बोला रिधिमा क्या माल हो तुम तुम्हारा हर अंग कामूक है मुझे यह गांड बहुत पंसद है यह ना तो बड़ा है ना ही सुखा हुआ यह पूरा रस से भरा हुआ रस भरी है मुझे तो तुम्हारे हर अंग से प्यार है खास कर चूची से पर गांड की बात अलग है फिर वो उनकी गोरी गांड पर टूट पड़ा माँ की गांड गुदेदार थी राशिद खूब मसला दाँत से पकड़ के काटता जिससे गांड पर हर जगह दाँत के निशान उभर गये माँ बस मजे से अहह अहहह अहहह हह हहहह कर रही थी राशिद को माँ के साथ प्यार करते देख के समझ गया माँ जैसी संस्कारी पतिव्रता धार्मिक महिला राशिद जैसे गैर धर्म के मर्द से क्यो इतना प्यार करने लगी 

राशिद जिस तरह से माँ के अंगो के साथ खेल रहा था उनको सुख दे रहा था वैसा सुख किसी भी महिला को उसका पति तो नही दे सकता है ऐसा सुख ज्यादातर महिला को उसका प्रेमी ही देता है इसलिए शादी के बाद मे महिला पति से छुप के अपने प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध बनाती है क्योकि इसमे सो डर होता है वह मजा को बढ़ा देता है जो उस चरसुख कए पास ले जाता है जो कुछ ही महिला को प्राप्त होता है मेरे पापा ने माँ को खुश किया होगा मुझे इसी बात का शक है फिर चर्मसुख की बात ही दूर है पर राशिद माँ को उस चर्मसुख का अनुभव करवा देता है तभी माँ इस तरह से बेशर्म होकर एक गैर धर्म के मर्द के साथ खुलकर सेक्स कर रही हैं आज सेक्स का मतलब बदल गया है पहले सेक्स का मतलब कुछ और था हमारे पूर्वज के लिए सेक्स नये जीवन को उत्पन्न करने का एक माध्यम था जैसे ऋतु काल आते ही जानवर बच्चे पैदा करने के लिए सहवास करते है ।

पहले के समय मे सेक्स का वही महत्व था बच्चा पैदा करना लेकर आज हम सेक्स को मजा के लिए करते है तभी तो लड़का और लड़की मे जैसे ही सेक्स हार्मोन बन जाता है वैसे ही एक दुसरे के तरफ आकर्षित होने लगते है और खाली स्थान मिलते है संभोग क्रिया मे लग जाते है आज तो यह अब खुलेआम होने लगा है शरह का कोई ऐसा पार्क बताओ जो इस तरह के प्रेमी जोड़ो से बचा हुआ हो अब तो कॉलेज जैसे जगह को भी सेक्सशाला बना दिया है कॉलेज के टूटे कमरे खाली पड़े इमारत हर जगह लड़के लड़की चुदाई करते हुए दिख जाते है पर इसमे उनकी गलती नही है जब हमारे माँ बाप ही गलत रास्ते पर जाएगे तो क्या होगा बच्चो को मेरी माँ रिधिमा कैसी देवी जैसी महिला था उनको तो सेक्स ने छोड़ा नही वह एक ऐसे मर्द के चक्कर मे फंस गई है जब उनके परिवार को पता लगेगा तो सब थूकेगे पर वो तब की बात है जब सब को पता चलेगा अभी तो वह सेक्स का पूरा मन से आनंद ले रही थी 

राशिद उनकी गोरी गांड को इतना काटा की गांड लाल हो गया फिर उसने गांड पर भी खूब लण्ड रगड़ा गांड की छेद पर लण्ड रगड़ा माँ राशिद को गांड मे अभी लण्ड नही डालने के लिए बोल रही थी मतलब उनको भी गांड मरवाने का मन था पर कुछ दिन बाद राशिद बात मान गया फिर उसने माँ को सीधा लेटाया और उनके मुँह के पास फिर से गया माँ के मुँह मे लण्ड दिया माँ चुसने लगी फिर राशिद माँ की चूची को सटा के लण्ड डाल के चोदने लगा अहह रिधिमा रंडी कैसा लग रहा है अपने यार का लण्ड माँ हँसते हुए बोलती मेरी पति से लाख गुना ज्यादा अच्छा सच मे मै भगवान से तुम्हारे जैसे पति की कामना करती थी और तुम मिल ही गये अब मेरा यह जीवन सफल हो गया राशिद माँ की दोनो चूची को सटा दिया और चोदने लगा माँ सिर्फ हँस रही थी उसके बाद वह उनकी बूर पर किश किया उसको रगड़ा उसपर अपना थूक लगाया और बोला रिधिमा बोल अह अहह मेरे मु&&&& आशिक अपनी हि₹₹ माल को चोद लिजिए माँ भी वही बोली फिर राशिद ने बिना देर किये माँ के बूर मे लण्ड उतार दिया और मजा लेकर चोदने लगा माँ अहहह अहहहह उउउउउउउ हहहहहहह ऐसेसससस हीईईईईई  उउउउउउउउउ अअअअअअअअअअ अहहहहह अ।अहहहह करने लगी कमरे मे थपथपथ थपथपथपथ की आवाज गुजने लगी बाहर की बारिश थम गयी थी पर अंदर का खेल अब चालू था राशिद खूब दम लगा के माँ को पेल रहा था ।

माँ भी उनका खूब साथ दे रही थी दोनो ताल से ताल मिल के चुदाई का खेला खेल रहे थे माँ अपने हाथ से कभी अपनी चूची मसलती तो कभी वह राशिद के पीठ को सहलाती फिर राशिद माँ के पैर को उपर हवा मे उठा के पकड़ लिया और चोदने लगा माँ बस चुद रही थी राशिद बोलता रिधिमा बेगम कैसा लग रहा है चुदाई तब माँ कहती ऐसा जैसा पहले कभी नही लगा राशिद यह सुनकर हँसता पर चोदना जारी रखता वह माँ को एक लय मे चोद रहा था जब लगता उसका निकलने वाला है वह रूक जाता पर जब वो शांत होता फिर चोदने लगता ऐसे ही उसने आधे घंटे से उपर माँ को चोदा फिर उनके मुँह मे अपना वीर्य निकाल दिया और माँ उसका पूरा वीर्य पीकर वही बेड पर लेटे गये कुछ देर बाद माँ उठी और अपने कपड़े पहनने लगी तब मै वहाँ से जल्दी निकल गया पूरे रास्ते माँ की चुदाई घूम रही थी मै अपनी माँ को चुनते देख के दो बार वीर्य गिरा चुका था घर आया और बेड पर लेटकर फिर रोने लगा 

मेरे आने के कुछ देर बाद माँ आयी कपड़े हल्का भीगे हुए थे माँ को देखकर लग रहा थे चेहरा जैसा खुशी से भरा हुआ है उस समय की चमक अगल थी वह मुझे देखते ही बोली अरे मुझे आज लेट हो गई बारिश के कारण मे आज रास्ते मे ही काफी देर रूकी रही फिर जैसे ही बारिश कम हुआ मै वहाँ पेड के पास गयी पानी डाल के आयी हूँ फिर भी देखो हल्का भीग ही गयी मै माँ की इस एक्टिंग पर मन ही मन हँसी बोला साली चुद के आ रही है और दिखा ऐसे रही की कुछ हुआ ही नही है मेरा तो मन हुआ सारी पोल खोल दूँ पर फिर सोचा जाने दो बेकार मे हमारे हँसता खेलता परिवार टूट जाएगा आज यही सोच के मै कुछ नही बोला तभी मेरे फोन पर राशिद का फोन आया मेरा पास उसका नंबर नही था नही तो मै उठाता ही नही राशिद बोला रिधिमा घर पहुंच गयी मै रूखे स्वर मे बोला हाँ अभी आयी है तब बोला तुमने कुछ बोला तो नही अपने बाप से हमारे बारे मे तो मै बोला अभी नही बोला है तब वह बोला ठीक किया वैसे एक बात बताओ कैसा लगा मेरा और अपनी माँ का चुदाई देखकर मै अंदर ही अंदर शर्म से जमीन मे गरने लगा पर कुछ नही बोला राशिद बोला अब हमारे और रिधिमा के बारे मे किसी को कुछ मत बताना नही तो उसका और हमारा कुछ नही होगा पर तुम्हारे साथ बहुत बूरा हो जाएगा क्योकि तुमने अपनी माँ को मेरे से चुदते हुए देखकर जो किया है वह सब कैमरे मे कैद हो गया है 

यह सुनकर मै डर गया बोला नही तुम झूठ बोल रहे हो तब बोला ठीक है तो विडिओ भेज दूंगा वैसे यह सब राज ही रहेगा और कहोगे तो तुम्हारी माँ और मेरा कुछ और विडिओ है वह सब दे दूंगा तुम देखकर मजा करना आगे से सब जब भी मै तुम्हारी माँ चोदूंगा तुमको बता दूंगा जिससे तुम आकर हमारी चुदाई देखकर अपना गुस्सा और जोश ठंडा कर लेना मै कुछ नही बोला वही सब बोले जा रहे थे फिर जब फोन रखने के लिए राशिद बोले तब मै बोलाअपने मेरी माँ को पहले पटाया कैसे तो राशिद बोला तुम आओ कभी मेरे पास मै बताऊगा भी और दिखाऊंग भी मै फिर कुछ नही बोला तो वह फोन रख दिये अब मै भी मान लिया था जो होना था वह तो हो गया उसे मै बदल तो नही सकता हूँ पर जो हो रहा है उसका मजा लिया जा सकता है मै माँ को देखने लगा मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा मेरा नजरिया माँ के वर्ताव ने बदल दिया था अब मै माँ को मन ही मन खूब गाली देता था और मेरा जब मन होता माँ का नाम लेता अहहह रिधिमा जान क्या माल है तू 
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#12
Wonderful story.

Pls update more
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#13
Amazing. Looking for more updates
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#14
मेरी माँ रिधिमा राशिद अंकल से चुद के बहुत खुश थी उनकी खुशी उनके चेहरे से झलक रही थी उनके चेहरे पर एक चमक आ गयी थी जिससे उनका निखार और बढ़ गया था वो और खूबसूरत और आकर्षक हो गई थी वो अब मुझसे और पापा से छीप के राशिद से फोन पर बात करने लगी थी और खुश हँसती खिलखिलाती जो पहले मैने उनको वैसे हँसते खिलखिला कभी नही देखा था माँ पहले हमेशा शांत और चुप रहती थी पर वो अब राशिद से खूब बाते करती थी मै उनकी खुशी देखकर अंदर ही अंदर जल रहा था एक तो मेरी माँ का किसी गैर मर्द के साथ नाजायज संबंध को जानकर मै दुखी था वही मुझे गुस्सा और जलन इस बात का था की कैसे माँ जैसी बेहद खूबसूरत और आकर्षक महिला एक गैर धर्म के मर्द के साथ वह सब कर रही है जो एक पतिव्रता महिला कभी नही करेगी इसलिए मेरा वर्ताव माँ के लिए कुछ बदल गया था अब मै उनसे कुछ रूखा और गुस्से मे बात करने लगा जिसे माँ ने मुझे पूछा भी अमीत क्या हुआ तुम मुझसे ऐसे क्यो बात कर रहे हो पर मै कुछ नही बोला अब मै क्या बोलता की आपका उस राशिद के साथ का चक्कर मुझे पता है जिससे मै गुस्से मे हूँ कैसे आप पापा को धोखा देकर एक गैर मर्द के साथ संबंध बना रही हो वो मुझे पंसद नही है 

मेरे तरह कोई भी बेटा यह नही चाहेगा की उसकी माँ का किसी मर्द के साथ मे नाजायज संबंध हो और यहाँ तो मेरी माँ का संबंध गैर धर्म के मर्द के साथ था तो मुझसे कैसे सहन होता पर मै मजबूर था कुछ नही कर सकता था मेरा विडिओ राशिद अंकल के पास था जिसमे मै अपनी माँ को उनसे चुदते हुए देखकर मूठ मार रहा हूँ उस समय तो मै जोश मे वह कर दिया पर अब जब मै उस बारे मे सोचता हूँ मुझे इतना बुरा लगता है की मन करता है जाकर कही मर जाऊ पर मै वह भी नही कर सकता मेरे मे हिम्मत नही है उतना तो अब जो हो रहा था उसे मानने के सिवाय मेरे पास दुसरा कोई रास्ता नही है राशिद अंकल ने मुझे मिलने के लिए बुलाया था पर मुझे उनके सामने जाने मे डर लग रहा था क्योकि उस दिन उन्होने इतना जोड़ का थप्पड मारा था की उसे याद करता हूँ तो मेरे रोए खड़े हो जाते है राशिद एक हट्टा कट्टा पहलवान जैसा है उसमे बहुत ताकत और स्टेमिना है उसने मुझे जब थप्पड मारा मुझे तो चक्कर जैसे आ गया था अब मै उसके सामने जाकर फिर से पीटना नही चाहता था पर मुझे उनसे मिलना भी था माँ को उन्होने कैसे पटाया था वह जानने के लिए 

इसी तरह से एक सप्ताह सोचते हुए और माँ को देखते हुए निकल गया फिर से सोमवार का दिन आया जिसे दिन माँ को पीपल के वृक्ष मे जल डालने के लिए जाना था उस दिन माँ सुबह जल्दी उठी अच्छे से नहा-धोकर तैयार हुई माँ रोज की तरह साड़ी मे पहने हुए थी पर रोज से ज्यादा सेक्सी ब्लाउज वह पहने हुए थे उन्होने नेट वाली साड़ी के साथ नेट वाली बैकलेस ब्लाउज पहन रखी थी ब्लाउज की बाजू नेट की बनी हुई थी जो फुल बाजू वाली थी पर उसमे से उनकी पूरी नंगी बाह काख (आर्मपीट) तक साफ नजर आ रही थी पीठ नंगी दिख रही थी जिससे पता चल रहा था की माँ ने अंदर ब्रा नही पहनी है आगे से डीप नेक था जिससे उनकी क्लीवेज बाहर को निकली हुई थी जो फुली हुई थी माँ ने सुहागन जैसे गेटप लिया हुआ था बाल खुले हुए थे मांग मे लाल सिंदूर माथे पर छोटी सी लाल बिंदी होठ पर रसीले लिप बाम जिससे होठ चमक रहे थे गले मे एक छोटी सी लौकेट फिर एक सोने की चैन उसके बाद मंगलसूत्र जो उनकी क्लीवेज से नीचे छाति के उभार से नीचे की तरफ लटकी हुई थी 

माँ ने साड़ी आज अपने ढ़ोड़ी (नाभी) से नीचे बांध रखी थी जिससे उनकी सपाट गोरी मुलायम पेट कमर सब एकदम झलक रही थी माँ ने कमर मे एक पतली सी चादी की चैन भी पहने हुए थी जो उनके कमर की सोभा बढ़ा रही थी साड़ी इतनी टाइट पहन रखी थी की उनकी गांड के उभार का कटाव साफ पता चल रही थी माँ की गांड बड़ी नही है पर देखने मे बहुत सेक्सी लगती है नीचे पैर मै पायल पहने हुए थी जो चलने पर छन छन बजती थी छोटी ऊंचाई की हिल पहन के वो किसी सुहागन मॉडल जैसी लग रही थी वह अपने सर पर आंचल रखकर घर से निकल गयी वह मुझसे कुछ बोली भी नही पर मुझे पता था वो उस राशिद से चुदने के लिए ही इतना सज संवर के जा रही है तो मै भी उनके पीछे चल दिया माँ मुझसे आगे चल रही थी और मै छिपते हुए उनके पीछे चल रहा था जब वो मस्जिद के पास पहुंच गई तब इधर उधर देखकर राशिद के घर क बाहर वाले गेट को बजायी 

तब राशिद अंकल बाहर आये और आते ही माँ को देखकर गले लगा लिए माँ भी बिना कोई झिझक के राशिद के गले लग गयी राशिद गले लगते ही माँ की गांड पर हाथ रख के कस के दबा दिया तब माँ के मुँह से अहहह हह निकल गई वो राशिद से बोली क्या करते है कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा तो राशिद बोला जिसे जो सोचना है सोचने दो तुम अंदर चलो और माँ की नंगी पीठ पर हाथ रख दिया और उनको घर मे लेकर चला गया तो मै दोड़ के उसके गेट के पास पहुंचा और बिना किसी आवाज के गेट खोल के अंदर घुस गया मै आज एक हुडी पहन के आया था जिससे मुझे राशिद अपने घर के कमरे से देख के पहचान नही पाए फिर भी अगर पहचान भी लिया तो अब क्या कर लेगा क्योकि उसको तो सब पता ही है मै घर की खिड़की से अंदर देखने की कोशिश करने लगा अभी माँ और राशिद घर के आगे जो गेस्ट रूम था उसी मे थे माँ राशिद के गोद मे बैठी थी राशिद माँ की नंगी पीठ पर बेतहाशा चूम रहा था और अपने हाथ को आगे लेकर जाकर माँ की चूची को उनके ब्लाउज के उपर से हो पकड़ के महल रहा था माँ बस अहह अहहह कर रही थी 

राशिद माँ की पीठ चुमते हुए ब्लाउज खोल दिया तब माँ उसे अपने हाथ से निकाल के एक तरफ फेक दी और खड़े होकर अब वो राशिद के गले लग गई राशिद उस समय एक बनियान और लूंगी मे थे जब माँ उसके गोद से उठी थी तब उसका लण्ड लूंगी मे पूरा खड़ा होकर तम्बू बनाए हुए था माँ वो देखकर मुस्काते हुए राशिद के गोद मे बैठ के उसके गले लग गयी जिससे माँ की बड़ी टाइट चूची राशिद के छाति से लग के दब गया फिर दोनो का किश चालू हुआ माँ राशिद को किश करते हुए उसके बाल मे उगली फेर रही थी वही राशिद कभी माँ की दोनो चूची दबाता तो कभी उनकी नंगी पीठ को सहलाता माँ पूरे जोश मे थी वो अपना जीभ राशिद के मुँह मे डाल के उसके लार को पी रही थी जब दोनो की साँस किश करते हुए चढ़ने लगती तो तब वह किश तोड़ते तब माँ राशिद के चेहरे को पागल कि तरह इधर उधर चुमती वैसे ही राशिद भी माँ के सेब के सेब जैसे लाल गाल को चूमता चुसता और दात से काटता तो कभी नाक को चुमता तो कभी उनकी आँख को तो कभी उनकी गर्दन फिर छाति चूची के क्लीवेज निप्पल सब को मुँह मे लेकर चुसता और कटता जिससे माँ के अंग पर जहाँ तहाँ दांत के चुमने के लाल निशान दिखने लगा था 

राशिद जब माँ की चूची को मुँह मे लेकर बच्चे जैसे पीने लगता तब माँ को बहुत मजा आता और वो राशिद को कहती हाँ मेरे बच्चे पी जाओ मेरे सब दूध माँ उसके सर को अपने चूची पर दबा देती थी माँ और राशिद का जब मन भर के चुमना और चुसना हो गया तब राशिद माँ को पूरा नंगा किया उसी आगे वाले गेस्ट रूम मे ही और माँ को बोला जाओ पीपल के पेड़ मे पानी डाल के आओ तब माँ बोली क्या ऐसे नंगी होकर मै बाहर जाऊ तब राशिद बोला हाँ क्यो पहले भी तो नंगी गयी थी तो माँ बोली उस समय मैने शरीर पर साड़ी लपेट रखा था तब राशिद बोला आज ऐसे ही जाओ और जल्दी करो अभी बाहर हल्का अंधेरा है ज्यादा साफ हो गया तो लोगो का आवा गमन चालू हो जाएगा तब माँ भी बिना कुछ और बोले पानी का जो छोटा सा लोटा होता है उसे उठाई जिसमे पहले से पानी भरा हुआ था और वो घर के अहाते मे आ गयी मै बाहर ही खड़ा था पर उनके आने से पहले मै वहाँ से हट के बगल मे छिप गया माँ एकदम नंगी घर से बाहर आयी 

माँ उस वक्त गजब की खूबसूरत लग रही थी एक दो बच्चो की माँ पतिव्रता धार्मिक महिला पूरे साजो श्रृंगार से सजी संवरी नंगे होकर पीपल के पेड़ मे पानी डालने गयी माँ के चेहरे पर मुस्कान थी कोई डर कोई भय नही दिख रहा था की उनको उस अवस्थ मे नंगा देखकर क्या सोचेगा वो बिना किसी के प्रवाह किये बाहर आयी तनी हुई छाति जो चलने पर हल्का जम्प कर रही थी आगे पीपल के पेड़ के पास जाकर पानी डाली वही खड़ा होकर कुछ देर हाथ जोड़कर मन ही मन प्रार्थन कि फिर पूरे शान से राशिद के घर के अहाते मै आयी गेट बंद की और घर मे घुस गयी उनके चेहरे पर मुस्कान खुशी के अलावा और कुछ नही था ना शर्म ना लाज ना डर ना कोई पछतावा सब कुछ साथ तो राशिद के पास जाने की जल्दी वो घर मे घुसते ही राशिद के गले से लिपट गयी और अपनी दोनो टांग उसके कमर से लपेट ली तब राशिद का हाथ माँ के गांड को नीचे से थाम लिया 

फिर दोनो मे किश होने लगा किश करते हुए ही राशिद माँ को गोद मे वैसे ही उठाए हुए अपने बेडरूम मे ले गया और माँ को बेड पर बैठा के अपने लूंगी और बनियान को खोल दिया जिससे वह भी पूरा नंगा हो गया माँ के सामने लूंगी हटते ही उसका बड़ा मोटा लण्ड माँ के सामने आ गया तब माँ ने बिना देर किये लण्ड को हाथ मे थाम ली और उसे सहलाने और मूठियाने लगी राशिद माँ की चूची को एक हाथ मे पकड़ के मसलते हुए उनकी आँख मे देख रहा था माँ भी बिना पलक झपकाए राशिद की आँखो मे देख रही थी फिर माँ राशिद के लण्ड को मुँह मे लेकर चुसने लगी माँ को लण्ड चुसते देखकर मुझे वह दिन याद आया जब मेरे पिता एक बार माँ के होठ पर किश करना चाह रहे थे तब माँ ने यह कहके बना कर दिया था की उनकी ये सब पंसद नही है उनको घीन्न आती है उल्टी जैसा मन करने लगता है पर यहाँ वो बिना कुछ कहे एक गैर धर्म के मर्द का लण्ड मुँह मे लेकर चुस रही थी वो भी मजे से राशिद का लण्ड काफी बड़ा और अच्छा था 

माँ उसके कटे हुए लण्ड के सुपौरे को खूब चटती उसके उपर आए हुए पानी को चाटती लण्ड को अपने मुँह मे पूरा अंदर तक घुसा के चुसी उसके बाद राशिद ने माँ के खुले बाल को पकड़ के लण्ड माँ के मुँह मे चोदने लगा वो एक बार लण्ड बाहर लाता और फिर अंदर पेल देता कभी कभी तो इतना अंदर तक लण्ड पेल देता कि माँ का चेहरा उसके कमर से पूरा चिपक जाती और लण्ड का उभार गले के नीचे तक पता चलता माँ को मुँह मे लण्ड पेल के बेदम कर दिया तब जाकर उनका मुँह छोड़ के उनके बूर पर टूट पड़ा माँ की बूर का आकार एक पूरा खिले गुलाब के फूल जैसा था पंखुड़ी लगे हुए बीच मे एक छोटा महिन छेद था राशिद अंकल माँ के टांग को अपने कंधे पर रख लिये खुद बेड के नीचे बैठ के बूर मे मुँह घुसा के चुसने लगे माँ की हालत खराब थी वो तेज साँस के साथ अहहह अहहहह अहहहह कर रही थी पूरे कमरे मे बस उनकी तेज सास और अहहह अहहह अहहह की ही आवाज गूज रही थी मै बाहर उनकी मदक कामूक आवाज सुनकर मूठ मारने लगा वही राशिद माँ के बूर मे अब बीच का दो उगली डाल दिया खुद बेड पर बैठ के तेजी से बूर मे उगली हिलाने लगा 

इससे माँ के बूर से पानी जैसा कुछ निकलने लगा तब राशिद फिर खड़ा हो गया और अपने लण्ड को अपने हाथ मे सहलाते हुए मूठ मारने लगा जब वो पूरा खड़ा हो गया तब माँ जो बेड पर लेटी हुई थी उनके पैर को पकड़ के बेड के किनारे खिंच के लाया और अपना खड़ा लण्ड माँ की बूर मे डाल दिया तो माँ के मुँह से अहह की आवाज आयी फिर वह मुस्काते हुए राशिद को देखने लगी तब राशिद भी मुस्काते हुए अपना लण्ड मेरी माँ रिधिमा मे पेलना शुरू किया वह माँ को चोदते हुए बोल रहा था अहह रंडी रिधिमा क्या टाइट बूर है तुम्हारा तुम दो बच्चो की माँ हो तुम्हारा पति अभी जिंदा है फिर भी तुम्हारा बूर इतना टाइट कैसे है मेरी जान तब माँ बोली हाँ मेरा पति जिंदा तो है पर किसी काम का नही है उसका छोटा और पतला सा है जिससे मेरा कुछ नही होता है और बच्चे को हुए काफी साल हो गए है इस लिए मेरी बूर अभी भी टाइट है ।

माँ बोली राशिद जी अपका लण्ड बहुत बड़ा मोटा और काफी गर्म है मेरे अंदर हलचल मचाये हुए है अब मेरे अंदर के आग को आप और आपका लण्ड ही शांत कर सकता है राशिद बोला जरूर मै तुम्हारे अंदर के हर आग को शांत कर दूंगा राशिद माँ को अब घुटने पर होने के लिए बोला जैसे घोड़ी या कुतिया कह सकते है उसके बाद राशिद बेड पर चढ़ गया और दो तीन चाट माँ की गोरी चुतर पर मारा जिससे माँ आउच अहह क्या कर रहे है दर्द हो रहा है करने लगी राशिद अपने लण्ड को माँ के बूर मे फिर से डाल दिया और पूरी ताकत से माँ को चोदने लगा कमरे मे अब थपथपथपथपथ थपथपथ की आवाज गूजने लगी पंलग भी हिलने और मचमच करने लगा माँ जोड़ से अअअअअअअअअअअअअअहहहहहहहह करने लगी राशिद बिना रूके माँ को चोद रहा था दो मिनट बाद ही माँ बेड पर पसर गयी तब राशिद का लण्ड माँ के बूर से बाहर आ गया तब राशिद फिर वैसे ही बूर मे लण्ड डाल के चोदने लगा माँ अब मुँह बेड मे धसा दी जिससे उनकी आवाज बेड मे दब गयी माँ को दर्द हो रहा था 

तब वो थोड़ा आगे भाग रही थी पर राशिद फिर पकड़ के खिंच देता और बूर मे लण्ड डाल के चोदने लगता ऐसे ही कुछ देर चोदा फिर रूक के वह भी सास लेने लगा और बेड पर लेट गया माँ और वो दोनो की साँस तेज थी जिसे वो शांत करने लगी राशिद माँ से पूछा रिधिमा कैसा लग रहा है चुद के तो माँ बोली आज से पहले मैने चुदाई मै ऐसा कभी अनुभव नही किया था बहुत मजा आ रहा है और वो जो हल्का दर्द चोदने से जो मुझे जो हो रहा है वो मजा को दुगना कर दे रहा है राशिद बोला अभी तो शुरूआत है आगे आगे देखो तुमको इतना चोदूगा की तुम मेरे लण्ड को कभी भूल नही पाओगी इसके बाद राशिद माँ को फिर से लण्ड चुसने के लिए बोलता है तब माँ उठ के बैठ जाती है और लण्ड को हाथ मे थाम लेती है और उसे हिलाने लगती है फिर अच्छे से इधर उधर करके देखती है और राशिद से बोलती है आपका लण्ड तो मेरे पति से भी ज्यादा स्मार्ट है यह बोलकर माँ और राशिद दोनो हँसने लगते है फिर माँ बोलती है आपका ये चमरी जो नही है इससे लण्ड को और अच्छा बना रही है 

तब राशिद बोलता है तुमको पंसद है तो माँ बोलती है बहुत और उसकी किश करने लगती है फिर लण्ड के सुपौरे को ध्यान से देखती है जो पूरा खड़ा होने से हिल रही थी माँ लण्ड को देखते गौर से देखते हुए मुस्का रही थी फिर जीभ निकाल के सुपौर के उपर फेरने लगती है जिससे राशिद को मजा आता है और वो अहह रिधिमा क्या गर्म जीभ है तेरा फिर माँ लण्ड को पूरा मुँह मे लेकर ब्लो जॉब देने लगती है फिर जब लण्ड पूरा थूक से गिला हो जाता है तब राशिद माँ को अपने लण्ड पर चढ़ने के लिए बोला तब माँ भी उसकी बात मानते हुए लण्ड पर चढ़ के उपर नीचे होकर चुदने लगी माँ पूरा जोर लगा के आगे पीछे हो रही थी जिससे माँ की चूची और बाल दोनो उपर नीचे हो रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे माँ घोड़े की सवारी कर रही हो माँ को वैसे उपर नीचे होते देखकर राशिद माँ को खिंच लेता है और किश करते हुए नीचे से जोरदार चुदाई करने लगता है 

जिससे कमरे मे फिर से तेज थपथपथपथपथपपथपथपथपथ की आवाज होने लगती है और माँ के मुँह से अहहह अहहह आउच धीरे हेहहे निकलने लगती है अब राशिद का निकलने वाला था तब वो माँ को अपने उपर से बेड पर गिरा के झट से माँ के चेहरे के तरफ आता है और एक वीर्य की तेज धार माँ के चेहरे मुँह चूची बात पर गिरने लगता है पूरे 30 सेकेंड तक वीर्य लण्ड से निकल के माँ के चेहरे और चूची पर गिरता रहा फिर राशिद बेजान सा बेड पर गिर गया माँ भी वैसे ही बेड पर लेट गयी मै भी अब एक बार और मूठ मार के शांत हो गया कुछ देर दोनो वैसे ही लेटे रहे अब तक वीर्य गाढ़े से पानी जैसा हो गया था तब राशिद उठ के माँ को देखने लगा तब देखा की वीर्य चेहरे और चूची से बेड पर बहने लगा तो वो अपने वीर्य को माँ के खूबसूरत चेहरे पर मलने लगा तो माँ बोली ये क्या कर रहे हो 

तब राशिद बोला इससे तुम्हारी खूबसूरती और बढ़ जाएगी यह सुनकर माँ हँसने लगी फिर वह भी अपनी वीर्य को चेहरे पर मलने लगी तब राशिद चूची पर के वीर्य को चूची पर मसल मसल के मलने लगा माँ के चूची का निप्पल फिर से कड़क होने लगा तब राशिद बोला एक राउंड और हो जाए क्या तब माँ बोली नही अब मुझे घर जाना है तब राशिद बोला अब कब दोगी तब माँ बोली जब आप बोलो तब राशिद बोला कल आओ तब माँ बोली नही एक दो दिन बाद का देखते है जब घर मे कोई नही होगा तब मै आपको कॉल कर दूगी आप आ जाना तब हम मजा करेगे यह सुनकर मै वहाँ से हट गया और बाहर जाने लगा पर मै जैसे ही गेट के पास पहुंचा वैसे सी राशिद अंकल भी आ गये वो भी पूरे नंगे और मुझे बोले ये लड़के रूक और उधर ही चला जा जिधर अभी था रिधिमा को यहाँ से निकलने दे तब मै तुमसे बात करूंगा मेरी नजर एक बार उसके लण्ड पर गयी फिर जो नीचे झुकी उपर नही उठी ।
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#15
Nice update and nice story
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#16
Nice story
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