03-10-2025, 10:42 PM
द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} भाग-2 ( अंधकार की अनपेक्षित चाहत )
परिचय:==>★
प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र और घटना क्रम काल्पनिक है। इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नही है। यदि कोई संबंध होता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। " द मैजिक मिरर (The Magic Mirror)" ये कहानी एक टीन एज लड़के की है जिसे 24 वीं सदी में किश्मत से एक चमत्कारी आईना मिल जाता है। लेकिन चमत्कारी आईने का एक खास राज भी है ये आईना इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिशें तभी पूरी कर सकता है जब वो व्यक्ति उस आईने के लिए अपनी सबसे खास चीज का त्याग करे। ये आईना काले जादू और तंत्र से करीब 100000 साल पहले रानी नेत्रा ने अपने राज्य के तांत्रिकों से बनवाया था। क्योंकि तांत्रिक राजभक्त थे लेकिन राजभक्त होने के साथ साथ वो लोभी भी थे तो उन्होंने इस आईने में जड़े 5 हीरों मैं अपनी-अपनी आत्माओं को क़ैद कर दिया। उनकी आत्मा इस आईने में कैद होने से अब ये आईना अपनी एक ख़्वाहिश के बदले में इस्तेमाल करने वाले को पूरा एक दिन देता है । इस एक दिन मैं आईने का मालिक जो भी ख़्वाहिश करेगा उसे पूरा करने के लिए ये आईना बाध्य था। आईने का इतिहास और उस आईना का कहानी के हीरो तक पहुंच ने तक का सफ़र आप पहले अध्याय में पढ़ेंगे। दूसरे अध्याय में आप हीरो द्वारा आईने का प्रयोग और आईने के प्रयोग के लिए किया गया त्याग पढ़ेंगे। तीसरे अध्याय में आप कहानी अंत देखेंगे।
प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र और घटना क्रम काल्पनिक है। इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नही है। यदि कोई संबंध होता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। " द मैजिक मिरर (The Magic Mirror)" ये कहानी एक टीन एज लड़के की है जिसे 24 वीं सदी में किश्मत से एक चमत्कारी आईना मिल जाता है। लेकिन चमत्कारी आईने का एक खास राज भी है ये आईना इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिशें तभी पूरी कर सकता है जब वो व्यक्ति उस आईने के लिए अपनी सबसे खास चीज का त्याग करे। ये आईना काले जादू और तंत्र से करीब 100000 साल पहले रानी नेत्रा ने अपने राज्य के तांत्रिकों से बनवाया था। क्योंकि तांत्रिक राजभक्त थे लेकिन राजभक्त होने के साथ साथ वो लोभी भी थे तो उन्होंने इस आईने में जेड 5 हीरों मैं अपनी-अपनी आत्माओं को क़ैद कर दिया। उनकी आत्मा इस आईने में कैद होने से अब ये आईना अपनी एक ख़्वाहिश के बदले में इस्तेमाल करने वाले को पूरा एक दिन देता है । इस एक दिन मैं आईने का मालिक जो भी ख़्वाहिश करेगा उसे पूरा करने के लिए ये आईना बाध्य था। आईने का इतिहास और उस आईना का कहानी के हीरो तक पहुंच ने तक का सफ़र आप पहले अध्याय में पढ़ेंगे। दूसरे अध्याय में आप हीरो द्वारा आईने का प्रयोग और आईने के प्रयोग के लिए किया गया त्याग पढ़ेंगे। तीसरे अध्याय में आप कहानी अंत देखेंगे।
अध्याय-2
अपडेट - 1
राज़ नैना के ऊपर चढ़ा हुआ धक्के लगा रहा था और नैना की आंखों से आंसू निकल रहे थे। जो ना तो बिस्तर पर गिरते है और ना ही उसके गाल से नीचे टपकते है बल्कि आंख से निकल कर गालों तक आते आते गायब हो जाते है। तभी राज़ अपना पानी नैना के भीतर छोड़ देता है। और एक पत्थर जो आईने से राज़ ने पहले ही निकाल लिया था उस से आईने पर चोट करता है। आईने एक दम से हवा में उछलने लगता है घूमने लगता है अचानक से राज़ एक रोशनी की भांति उस आईने में समा जाता है और साथ ही नैना भी...
उधर रानी , कोमल और सोनिया भी वापस उड़ते हुए आईने की तरफ खींची आती है लेकिन कुछ ही देर में आईना बिस्तर पर गिर जाता है..........
करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।
रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है
रानी : दादाजी........?????
कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......
पिछले अंश में आपने देखा की किस प्रकार से राज को तिलिस्मी आईना मिला और कैसे उसके जीवन में परिवर्तन हुआ, उसके परिवार और उसके जीवन की गुत्थी तिलिस्मी आईने के जाल में उलझ गयी थी जिसे सुलझाने के लिए कोमल जो की राज की प्रेमिका है और सोनिया और रानी जो की राज की दोनों बहने है ने ज़िम्मेदारी ली है या फिर कहें नियति ने उन्हे इस काम के लिए चुना है
अब आगे.......
करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।
रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है
रानी : दादाजी........?????
कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......
रानी और सोनिया अपने दादा जी को देख कर एक दम सदमे मे थी रानी अपने दादाजी जो की मर चुके है अचानक से कैसे वापस ज़िंदा हो सकते है? और इतने जवान? अरे ये तो धीरे धीरे जवान हो रहे है मानो जैसे की समय उल्टा चल रहा हो?
रानी के मन में बहुत सारे विचार चल रहे थे लेकिन उन विचारों का अंत होने से पहले ही एक और चमत्कार हुआ...
राज के दादा जी ने अपना हाथ ऊपर उठा कर एक ग्रीक भाषा से मिलता जुलता कोई शब्द पुकारा और वो शब्द बहुत ही गंभीर और तेज आवाज में पुकारे गए थे जिन्हें सुन कर रानी अपने ख्यालों से वापस बाहर आ गयी और एक आईना बिजली की रफ्तार से उड़ता हुआ राज़ के दादा जी के हाथ मे आकर ठहर गया।
![[Image: b75eeaf9d1c4a28af918a33a2e47ebd4.jpg]](https://i.ibb.co/pLL9gyy/b75eeaf9d1c4a28af918a33a2e47ebd4.jpg)
राज के दादा जी :- हा हा हा हा हा हा हा मेरा अपना आईना हा हा हा हा हा हा हा (रानी और सोनिया और कोमल की तरफ देखते हुये) तुम लोग जानते हो इसे पाने के लिए कई जाने गयी है कई और जाने जाएंगी लेकिन इसने मुझे चुना , इसने मुझे चुना अपने मालिक के तौर पर हा हा हा हा हा हा हा। और वो वो जो इसे मुझसे लगभग जीत ही चुका था आज वो इसे के जाल में फंस चुका है हा हा हा हा हा हा हा।
रानी : दादा जी ये आप कैसी बाते कर रहे है? कौन इसे जीतने वाला था? और ये क्या है?
दादा : ये एक तिलिस्मी आईना है जिनहे सप्त ऋषियों के द्वारा बनाया गया था लेकिन ये काली शक्तियों से युक्त है क्यू की वो सप्त ऋषि नही सप्त तंत्र के मालिक ओझा तांत्रिक थे। उन्होने इसे सतो गुण, रजो गुण और तमो गुण का मालिक बना कर रखा था। लेकीन उन तांत्रिकों मे एक तांत्रिक तामसिक प्रव्रती का था तो उसके तामस गुण से ये रज और सत के बीच में समानता नही रही और तामस अपना स्थान और मजबूत करता गया।
जब ये आईना बन कर तैयार हुआ तो इसे राजकुमारी नैना को दिया गया था लेकिन राज कुमारी नैना में तामस नहीं था इसलिए इस आईने ने उनके राज मंत्री और उनके आस पास रहने वाले लोगो से नकारात्मक शक्ति को एकत्रित करना प्रारम्भ कर दिया था लेकिन ये बात कोई नही जानता था सिवा राजकुमारी नैना के......
रानी : ये झूठ है अगर राजकुमारी नैना को ये सब पता होता तो वो कभी भी इस आईने का इस्तेमाल नही करती।
दादा: मेरी बात बीच में मत काट लड़की और सुन राजकुमारी नैना को ये पता चल गया था की ये आईना नकारात्मक शक्तियों का संग्रह करता है लेकिन उन्हे ये पता नही था की ये आईना इसे प्रयोग करने वाले में संग्रह की हुयी शक्तियों का एक अंश डाल देता है। जब इस आईने ने राजकुमारी नैना पर अपना असर दिखाना शुरू किया तो राज कुमारी नैना में वो अवगुण अपना स्थान बनाने लगा जो उनमे आ ही नहीं सकता था।
रानी : कौनसा अवगुण?
दादा: राज कुमारी नैना महल में पाली थी तो उन्हे किसी चीज का लालच नही था, वो राजकुमारी थी तो उन्हे क्रोध दिलाने का किसी में साहस नहीं था। उन्हे अपनी प्रजा से ज्यादा किसी और चीज से मोह नहीं था। ऐसे में आईने द्वारा राजकुमारी में तामस प्रव्रती को बढ़ा दिया जिससे राजकुमारी के गुण ही अवगुण बन गए। तामसी व्यक्ति काम , क्रोध, मद , लोभ, मोह इनमे सिमट कर रेह जाता है। ये सब मानुषी गुण है और यही अवगुण भी है इन गुणों में से कोई भी गुण आवश्यकता से अधिक हो जाये तो अवगुण बन जाता है। राज कुमारी सुंदर थी तो उनमे काम वासना ने स्थान बना लिया जिसके चलते उन्हे क्रोध और लोभ दोनों को स्थान देना पड़ा।
रानी : लेकिन ....
दादा : बस बहुत हुआ इससे ज्यादा तुम्हें जानने की ज़रूरत नही है क्यू की तुम अब वह जाने वाली हो जो मुझसे इस आईने को जीत चुका था।
रानी: राज????
दादा: नैनाSSSSSSSSSS (ज़ोर से चिल्लाता है) अचानक से राज कुमारी नैना किसी परी की तरह वहाँ आ जाती है। नैना जिस काम के लिए तुझे बुलाया है मेंने वो खत्म करो अभी।
राज कुमारी नैना: जी मालिक इतना कहने के साथ ही नैना अपने हाथ ऊपर अंधेरे आकाश की और उठाती है और कुछ अनजानी भाषा में उच्चारण करने लगती है जिसके बोलते ही अचानक से राज के बाग से एक जादुई किताब निकाल कर बाहर आ जाती है ।देखने में वो कोई काले जादू की किताब लग रही थी
![[Image: 60c642933b183e0cf19904a640a7b7ac.jpg]](https://i.ibb.co/hR7y2Gh/60c642933b183e0cf19904a640a7b7ac.jpg)
नैना कुछ बोलती है तो उस किताब के पन्ने अपने आप खुलने लगते है और उन पन्नों पर जो मंत्र लिखे हुये थे वो खुद ब खूब जैसे अग्नि से जल रहे हो ऐसे जलते हुये एक कतार मे हवा में घूमने लगे पहले तो धीरे धीरे और फिर अचानक से इतनी तेज की वो शब्द एक गोलाकार घेरा बना ने लग गए थे
![[Image: fd85dab7f15338b8050cf1fd297a7921.jpg]](https://i.ibb.co/ZYGZmdZ/fd85dab7f15338b8050cf1fd297a7921.jpg)
सोनिया : ये क्या कर रही है?
दादा: ये वो मंत्र है जिनका उचारण नहीं किया जा सकता ये विधुत की भाषा में उच्चरित होते है इसलिए इन मंत्रों को केवल दिव्य मंत्रों से ही बोला जा सकता है।
रानी : हाँ लेकिन ये कर क्या रही है।
कोमल : कुंडलिनी......
रानी चौंक कर कोमल की और देखती है
रानी: क्या ?
कोमल ऊपर आसमान की और इशारा करती है
![[Image: c5c212f3b5cb4fbd69e345ea4ed4d067.jpg]](https://i.ibb.co/t49xZ21/c5c212f3b5cb4fbd69e345ea4ed4d067.jpg)
नैना : जल , अग्नि, वायु, प्रथ्वि, आकाश, और दशों दिशाओं के अंश (अचानक से कमरे मे रखे ग्लास का पानी नीले रंग की भाप बनकर ऊपर उड़ने लगा )
![[Image: bb1b0e802ba71702c4bb102857035ed9.jpg]](https://i.ibb.co/ZzWYR8Z/bb1b0e802ba71702c4bb102857035ed9.jpg)
ऊपर एक लाल रंग का चक्र बन गया था
![[Image: ac638ab16a440bb52358bf43adbe0367.jpg]](https://i.ibb.co/MpBr49h/ac638ab16a440bb52358bf43adbe0367.jpg)
इस चक्र में चार चोर बने हुये थे जिनमे से एक मे जल दूसरे में वायु तीसरे मे आकाश और चौथे में अग्नि का अंश समा जाता है फिर अचानक से मिट्टी बवंडर बन कर इन चारों भूतों को एक साथ एक चक्र में बांधती है
जब इस चक्र को पाँच भूतों से बना कर बांध लिया जाता है तब दशों दिशाओं को निर्देश दिया जाता है की इस चक्कर का अपनी अपनी परिधि में संचालन करे। तो नैना ने अपनी मंत्रों को भाषा में कुछ उच्चारण किया दशों दिशाओं से एक रोशनी तेजी से निकल कर उस चक्र में पड़ने लगी और देखते ही देखते पराव्र्त चक्र तैयार हो गया।
![[Image: 8debd80ef73ac5f14c3c87901ccc02cb.jpg]](https://i.ibb.co/9cQnqd2/8debd80ef73ac5f14c3c87901ccc02cb.jpg)
इस चक्र में एक चक्र के भीतर दस चक्र होते है।
जैसे ही पराव्र्त चक्र तयार होता है नैना अपने गर्भ से राज का बीज (वीर्य) का एक अंश मंत्रों की साधना से चक्र में स्थापित कर देती है और फिर सोनिया , रानी और कोमल का नाम पुकारती है।
दादा ; ये क्या कर रही हो ? नहीSSSSSSSS
नैना अचानक से आईने में समा जाती है और नैना के आईने में जाते ही सोनिया कोमल और रानी तीनों उस आईने में समा जाती है
![[Image: 1dba8d0bb08a7675d58fb1e19d453ba7.jpg]](https://i.ibb.co/brftTws/1dba8d0bb08a7675d58fb1e19d453ba7.jpg)
आईने का दूसरा छोर जंगल में था
![[Image: 5372bf5543eb6eb2c8ce986ae8bed3db.jpg]](https://i.ibb.co/ScZbr2X/5372bf5543eb6eb2c8ce986ae8bed3db.jpg)
जंगल के दूसरे छोर पर तीनों लड़कियां बेहोश थी।
परिचय:==>★
प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र और घटना क्रम काल्पनिक है। इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नही है। यदि कोई संबंध होता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। " द मैजिक मिरर (The Magic Mirror)" ये कहानी एक टीन एज लड़के की है जिसे 24 वीं सदी में किश्मत से एक चमत्कारी आईना मिल जाता है। लेकिन चमत्कारी आईने का एक खास राज भी है ये आईना इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिशें तभी पूरी कर सकता है जब वो व्यक्ति उस आईने के लिए अपनी सबसे खास चीज का त्याग करे। ये आईना काले जादू और तंत्र से करीब 100000 साल पहले रानी नेत्रा ने अपने राज्य के तांत्रिकों से बनवाया था। क्योंकि तांत्रिक राजभक्त थे लेकिन राजभक्त होने के साथ साथ वो लोभी भी थे तो उन्होंने इस आईने में जड़े 5 हीरों मैं अपनी-अपनी आत्माओं को क़ैद कर दिया। उनकी आत्मा इस आईने में कैद होने से अब ये आईना अपनी एक ख़्वाहिश के बदले में इस्तेमाल करने वाले को पूरा एक दिन देता है । इस एक दिन मैं आईने का मालिक जो भी ख़्वाहिश करेगा उसे पूरा करने के लिए ये आईना बाध्य था। आईने का इतिहास और उस आईना का कहानी के हीरो तक पहुंच ने तक का सफ़र आप पहले अध्याय में पढ़ेंगे। दूसरे अध्याय में आप हीरो द्वारा आईने का प्रयोग और आईने के प्रयोग के लिए किया गया त्याग पढ़ेंगे। तीसरे अध्याय में आप कहानी अंत देखेंगे।
प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र और घटना क्रम काल्पनिक है। इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नही है। यदि कोई संबंध होता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। " द मैजिक मिरर (The Magic Mirror)" ये कहानी एक टीन एज लड़के की है जिसे 24 वीं सदी में किश्मत से एक चमत्कारी आईना मिल जाता है। लेकिन चमत्कारी आईने का एक खास राज भी है ये आईना इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिशें तभी पूरी कर सकता है जब वो व्यक्ति उस आईने के लिए अपनी सबसे खास चीज का त्याग करे। ये आईना काले जादू और तंत्र से करीब 100000 साल पहले रानी नेत्रा ने अपने राज्य के तांत्रिकों से बनवाया था। क्योंकि तांत्रिक राजभक्त थे लेकिन राजभक्त होने के साथ साथ वो लोभी भी थे तो उन्होंने इस आईने में जेड 5 हीरों मैं अपनी-अपनी आत्माओं को क़ैद कर दिया। उनकी आत्मा इस आईने में कैद होने से अब ये आईना अपनी एक ख़्वाहिश के बदले में इस्तेमाल करने वाले को पूरा एक दिन देता है । इस एक दिन मैं आईने का मालिक जो भी ख़्वाहिश करेगा उसे पूरा करने के लिए ये आईना बाध्य था। आईने का इतिहास और उस आईना का कहानी के हीरो तक पहुंच ने तक का सफ़र आप पहले अध्याय में पढ़ेंगे। दूसरे अध्याय में आप हीरो द्वारा आईने का प्रयोग और आईने के प्रयोग के लिए किया गया त्याग पढ़ेंगे। तीसरे अध्याय में आप कहानी अंत देखेंगे।
अध्याय-2
अपडेट - 1
राज़ नैना के ऊपर चढ़ा हुआ धक्के लगा रहा था और नैना की आंखों से आंसू निकल रहे थे। जो ना तो बिस्तर पर गिरते है और ना ही उसके गाल से नीचे टपकते है बल्कि आंख से निकल कर गालों तक आते आते गायब हो जाते है। तभी राज़ अपना पानी नैना के भीतर छोड़ देता है। और एक पत्थर जो आईने से राज़ ने पहले ही निकाल लिया था उस से आईने पर चोट करता है। आईने एक दम से हवा में उछलने लगता है घूमने लगता है अचानक से राज़ एक रोशनी की भांति उस आईने में समा जाता है और साथ ही नैना भी...
उधर रानी , कोमल और सोनिया भी वापस उड़ते हुए आईने की तरफ खींची आती है लेकिन कुछ ही देर में आईना बिस्तर पर गिर जाता है..........
करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।
रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है
रानी : दादाजी........?????
कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......
पिछले अंश में आपने देखा की किस प्रकार से राज को तिलिस्मी आईना मिला और कैसे उसके जीवन में परिवर्तन हुआ, उसके परिवार और उसके जीवन की गुत्थी तिलिस्मी आईने के जाल में उलझ गयी थी जिसे सुलझाने के लिए कोमल जो की राज की प्रेमिका है और सोनिया और रानी जो की राज की दोनों बहने है ने ज़िम्मेदारी ली है या फिर कहें नियति ने उन्हे इस काम के लिए चुना है
अब आगे.......
करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।
रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है
रानी : दादाजी........?????
कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......
रानी और सोनिया अपने दादा जी को देख कर एक दम सदमे मे थी रानी अपने दादाजी जो की मर चुके है अचानक से कैसे वापस ज़िंदा हो सकते है? और इतने जवान? अरे ये तो धीरे धीरे जवान हो रहे है मानो जैसे की समय उल्टा चल रहा हो?
रानी के मन में बहुत सारे विचार चल रहे थे लेकिन उन विचारों का अंत होने से पहले ही एक और चमत्कार हुआ...
राज के दादा जी ने अपना हाथ ऊपर उठा कर एक ग्रीक भाषा से मिलता जुलता कोई शब्द पुकारा और वो शब्द बहुत ही गंभीर और तेज आवाज में पुकारे गए थे जिन्हें सुन कर रानी अपने ख्यालों से वापस बाहर आ गयी और एक आईना बिजली की रफ्तार से उड़ता हुआ राज़ के दादा जी के हाथ मे आकर ठहर गया।
![[Image: b75eeaf9d1c4a28af918a33a2e47ebd4.jpg]](https://i.ibb.co/pLL9gyy/b75eeaf9d1c4a28af918a33a2e47ebd4.jpg)
राज के दादा जी :- हा हा हा हा हा हा हा मेरा अपना आईना हा हा हा हा हा हा हा (रानी और सोनिया और कोमल की तरफ देखते हुये) तुम लोग जानते हो इसे पाने के लिए कई जाने गयी है कई और जाने जाएंगी लेकिन इसने मुझे चुना , इसने मुझे चुना अपने मालिक के तौर पर हा हा हा हा हा हा हा। और वो वो जो इसे मुझसे लगभग जीत ही चुका था आज वो इसे के जाल में फंस चुका है हा हा हा हा हा हा हा।
रानी : दादा जी ये आप कैसी बाते कर रहे है? कौन इसे जीतने वाला था? और ये क्या है?
दादा : ये एक तिलिस्मी आईना है जिनहे सप्त ऋषियों के द्वारा बनाया गया था लेकिन ये काली शक्तियों से युक्त है क्यू की वो सप्त ऋषि नही सप्त तंत्र के मालिक ओझा तांत्रिक थे। उन्होने इसे सतो गुण, रजो गुण और तमो गुण का मालिक बना कर रखा था। लेकीन उन तांत्रिकों मे एक तांत्रिक तामसिक प्रव्रती का था तो उसके तामस गुण से ये रज और सत के बीच में समानता नही रही और तामस अपना स्थान और मजबूत करता गया।
जब ये आईना बन कर तैयार हुआ तो इसे राजकुमारी नैना को दिया गया था लेकिन राज कुमारी नैना में तामस नहीं था इसलिए इस आईने ने उनके राज मंत्री और उनके आस पास रहने वाले लोगो से नकारात्मक शक्ति को एकत्रित करना प्रारम्भ कर दिया था लेकिन ये बात कोई नही जानता था सिवा राजकुमारी नैना के......
रानी : ये झूठ है अगर राजकुमारी नैना को ये सब पता होता तो वो कभी भी इस आईने का इस्तेमाल नही करती।
दादा: मेरी बात बीच में मत काट लड़की और सुन राजकुमारी नैना को ये पता चल गया था की ये आईना नकारात्मक शक्तियों का संग्रह करता है लेकिन उन्हे ये पता नही था की ये आईना इसे प्रयोग करने वाले में संग्रह की हुयी शक्तियों का एक अंश डाल देता है। जब इस आईने ने राजकुमारी नैना पर अपना असर दिखाना शुरू किया तो राज कुमारी नैना में वो अवगुण अपना स्थान बनाने लगा जो उनमे आ ही नहीं सकता था।
रानी : कौनसा अवगुण?
दादा: राज कुमारी नैना महल में पाली थी तो उन्हे किसी चीज का लालच नही था, वो राजकुमारी थी तो उन्हे क्रोध दिलाने का किसी में साहस नहीं था। उन्हे अपनी प्रजा से ज्यादा किसी और चीज से मोह नहीं था। ऐसे में आईने द्वारा राजकुमारी में तामस प्रव्रती को बढ़ा दिया जिससे राजकुमारी के गुण ही अवगुण बन गए। तामसी व्यक्ति काम , क्रोध, मद , लोभ, मोह इनमे सिमट कर रेह जाता है। ये सब मानुषी गुण है और यही अवगुण भी है इन गुणों में से कोई भी गुण आवश्यकता से अधिक हो जाये तो अवगुण बन जाता है। राज कुमारी सुंदर थी तो उनमे काम वासना ने स्थान बना लिया जिसके चलते उन्हे क्रोध और लोभ दोनों को स्थान देना पड़ा।
रानी : लेकिन ....
दादा : बस बहुत हुआ इससे ज्यादा तुम्हें जानने की ज़रूरत नही है क्यू की तुम अब वह जाने वाली हो जो मुझसे इस आईने को जीत चुका था।
रानी: राज????
दादा: नैनाSSSSSSSSSS (ज़ोर से चिल्लाता है) अचानक से राज कुमारी नैना किसी परी की तरह वहाँ आ जाती है। नैना जिस काम के लिए तुझे बुलाया है मेंने वो खत्म करो अभी।
राज कुमारी नैना: जी मालिक इतना कहने के साथ ही नैना अपने हाथ ऊपर अंधेरे आकाश की और उठाती है और कुछ अनजानी भाषा में उच्चारण करने लगती है जिसके बोलते ही अचानक से राज के बाग से एक जादुई किताब निकाल कर बाहर आ जाती है ।देखने में वो कोई काले जादू की किताब लग रही थी
![[Image: 60c642933b183e0cf19904a640a7b7ac.jpg]](https://i.ibb.co/hR7y2Gh/60c642933b183e0cf19904a640a7b7ac.jpg)
नैना कुछ बोलती है तो उस किताब के पन्ने अपने आप खुलने लगते है और उन पन्नों पर जो मंत्र लिखे हुये थे वो खुद ब खूब जैसे अग्नि से जल रहे हो ऐसे जलते हुये एक कतार मे हवा में घूमने लगे पहले तो धीरे धीरे और फिर अचानक से इतनी तेज की वो शब्द एक गोलाकार घेरा बना ने लग गए थे
![[Image: fd85dab7f15338b8050cf1fd297a7921.jpg]](https://i.ibb.co/ZYGZmdZ/fd85dab7f15338b8050cf1fd297a7921.jpg)
सोनिया : ये क्या कर रही है?
दादा: ये वो मंत्र है जिनका उचारण नहीं किया जा सकता ये विधुत की भाषा में उच्चरित होते है इसलिए इन मंत्रों को केवल दिव्य मंत्रों से ही बोला जा सकता है।
रानी : हाँ लेकिन ये कर क्या रही है।
कोमल : कुंडलिनी......
रानी चौंक कर कोमल की और देखती है
रानी: क्या ?
कोमल ऊपर आसमान की और इशारा करती है
![[Image: c5c212f3b5cb4fbd69e345ea4ed4d067.jpg]](https://i.ibb.co/t49xZ21/c5c212f3b5cb4fbd69e345ea4ed4d067.jpg)
नैना : जल , अग्नि, वायु, प्रथ्वि, आकाश, और दशों दिशाओं के अंश (अचानक से कमरे मे रखे ग्लास का पानी नीले रंग की भाप बनकर ऊपर उड़ने लगा )
![[Image: bb1b0e802ba71702c4bb102857035ed9.jpg]](https://i.ibb.co/ZzWYR8Z/bb1b0e802ba71702c4bb102857035ed9.jpg)
ऊपर एक लाल रंग का चक्र बन गया था
![[Image: ac638ab16a440bb52358bf43adbe0367.jpg]](https://i.ibb.co/MpBr49h/ac638ab16a440bb52358bf43adbe0367.jpg)
इस चक्र में चार चोर बने हुये थे जिनमे से एक मे जल दूसरे में वायु तीसरे मे आकाश और चौथे में अग्नि का अंश समा जाता है फिर अचानक से मिट्टी बवंडर बन कर इन चारों भूतों को एक साथ एक चक्र में बांधती है
जब इस चक्र को पाँच भूतों से बना कर बांध लिया जाता है तब दशों दिशाओं को निर्देश दिया जाता है की इस चक्कर का अपनी अपनी परिधि में संचालन करे। तो नैना ने अपनी मंत्रों को भाषा में कुछ उच्चारण किया दशों दिशाओं से एक रोशनी तेजी से निकल कर उस चक्र में पड़ने लगी और देखते ही देखते पराव्र्त चक्र तैयार हो गया।
![[Image: 8debd80ef73ac5f14c3c87901ccc02cb.jpg]](https://i.ibb.co/9cQnqd2/8debd80ef73ac5f14c3c87901ccc02cb.jpg)
इस चक्र में एक चक्र के भीतर दस चक्र होते है।
जैसे ही पराव्र्त चक्र तयार होता है नैना अपने गर्भ से राज का बीज (वीर्य) का एक अंश मंत्रों की साधना से चक्र में स्थापित कर देती है और फिर सोनिया , रानी और कोमल का नाम पुकारती है।
दादा ; ये क्या कर रही हो ? नहीSSSSSSSS
नैना अचानक से आईने में समा जाती है और नैना के आईने में जाते ही सोनिया कोमल और रानी तीनों उस आईने में समा जाती है
![[Image: 1dba8d0bb08a7675d58fb1e19d453ba7.jpg]](https://i.ibb.co/brftTws/1dba8d0bb08a7675d58fb1e19d453ba7.jpg)
आईने का दूसरा छोर जंगल में था
![[Image: 5372bf5543eb6eb2c8ce986ae8bed3db.jpg]](https://i.ibb.co/ScZbr2X/5372bf5543eb6eb2c8ce986ae8bed3db.jpg)
जंगल के दूसरे छोर पर तीनों लड़कियां बेहोश थी।
बर्बादी को निमंत्रण
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Hawas ka ghulam
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द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) ( Unexpected Desire of Darkness ) PART-II
https://xossipy.com/thread-70677-post-60...pid6048878
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