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Bhai Ki Behan Ki Virgin Chut Par Dost Ka Pehla Haq” part 1
#1
Smile 
“Bhai Ki Behan Ki Virgin Chut Par Dost Ka Pehla Haq”
part 1

गर्मियों की शाम थी। सड़क के दोनों तरफ़ छोटे-छोटे कैफ़े और PG के बोर्ड चमक रहे थे। इसी इलाके में Ankit अपने परिवार के साथ रहता था।

? किरदार

Neha – 19 साल की, कॉलेज की आख़िरी क्लास में पढ़ रही। जिद्दी, लेकिन मासूम। नीली यूनिफ़ॉर्म और लंबें खुले बालों के साथ सबका ध्यान खींच लेती।

Samar – 22 साल का, Ankit का कॉलेज वाला सबसे अच्छा दोस्त। बाहर से थोड़ा रूखा, लेकिन दिल का साफ़। Mansarovar के पास ही PG में रहता और अक्सर Ankit के घर आना-जाना रहता।

Ankit – Neha का भाई और Samar का यार।



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? पहली झलक
उस दिन शाम को Samar पहली बार Ankit के घर आया था। डोरबेल बजते ही दरवाज़ा Neha ने खोला। सफ़ेद शर्ट और नीली स्कर्ट वाली यूनिफ़ॉर्म में, बालों को झटकते हुए उसने आधी मुस्कान दी।

Neha (हल्की हैरानी से):
“आप… Samar भैया के दोस्त?”

Samar (मुस्कुराते हुए, बैग उतारकर):
“हाँ, और तू Neha… है ना? बहुत सुना है तेरे बारे में।”

Neha ने हल्की भौं उठाई और कहा —
“भाई तो सबको मेरे बारे में बता देते हैं। अंदर आइए।”


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☕ शुरुआत
बैठक में Ankit आया और दोनों दोस्त गले मिले। Neha चुपचाप किचन से चाय लाने चली गई, लेकिन Samar की नज़र बार-बार उस पर टिक जाती।

उसने मन ही मन सोचा —
“ये तो तस्वीर से भी ज़्यादा अलग है… Ankit की बहन इतनी प्यारी होगी, अंदाज़ा नहीं था।”


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? यहीं से कहानी की शुरुआत होती है —
एक तरफ़ Samar और Ankit की गहरी दोस्ती, दूसरी तरफ़ Samar और Neha की पहली मुलाकात, जिसमें एक अजीब-सी खिंचाव की शुरुआत हो चुकी थी।
Samar रोज़ की तरह Ankit के साथ कॉलेज जाने आया था। Ankit कमरे में कुछ ढूँढने चला गया और हॉल में सिर्फ़ Samar और Neha रह गए।

Neha कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी। उसने बैग कंधे पर डाला, बालों को रबर से बाँधा और शीशे के सामने खड़ी होकर टाई ठीक करने लगी। Samar की नज़र अनजाने में उस पर अटक गई।

Neha (शीशे में ही उसकी तरफ़ देखते हुए, हल्की मुस्कान के साथ):
“क्या देख रहे हो? टाई सीधी नहीं लग रही क्या?”

Samar थोड़ी झिझककर बोला:
“नहीं… वो तो ठीक है। बस… तुम Ankit जैसी लगती ही नहीं हो। बिल्कुल अलग नेचर है तुम्हारा।”

Neha (भौं उठाकर):
“मतलब? भाई से तुलना मत करना… मैं बस Neha हूँ।”


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? कॉलेज-बस स्टॉप
Neha बाहर निकल रही थी, तभी सड़क के किनारे बस आ गई। Samar और Ankit भी पीछे-पीछे चल रहे थे। बस में चढ़ते वक्त Neha ने पीछे मुड़कर Samar को देखा, उसकी आँखों में हल्की शरारत थी।

Neha (धीरे से, सिर्फ़ Samar को सुनाई दे):
“कल फिर आ रहे हो ना घर? चाय बनाऊँगी तुम्हारे लिए।”

Samar हल्का-सा चौंक गया, लेकिन मुस्कराकर बस स्टॉप पर हाथ हिलाया।


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? शाम को
कॉलेज से लौटकर Ankit और Samar वापस घर पहुँचे। Ankit कमरे में चला गया, और Neha अपनी कॉपियाँ फैलाकर हॉल में बैठी थी। Samar को देखकर बोली:
“एक सवाल में मदद करोगे? मैथ्स का है… भाई तो पागल कर देता है।”

Samar उसके बगल में बैठा। कॉपी में सवाल समझाने लगा। Neha ध्यान से सुन रही थी, लेकिन बीच-बीच में उसकी आँखें Samar के चेहरे पर टिकी रहतीं।

Samar (थोड़ा असहज होकर):
“इतनी देर से देख क्यों रही हो? सवाल समझ आया कि नहीं?”

Neha (हँसकर):
“सवाल भी… और जवाब भी।”


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✨ यहीं से
उनकी छोटी-छोटी मुलाक़ातें, तकरार और एक-दूसरे के साथ बिताए पलों में एक अजीब-सा आकर्षण बनने लगा। Samar के लिए ये दोस्त की बहन थी, मगर दिल धीरे-धीरे उसकी ओर खिंचने लगा।

Ankit अपने दोस्तों के साथ बाहर चला गया। घर में सिर्फ़ Neha और Samar थे।

Neha अपने कमरे से निकलकर हॉल में आई, बाल खुले हुए थे और हाथ में कॉपी थी। उसने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा:
“अरे Samar भैया… आज तो भाई नहीं हैं। अब तुम फँस गए मेरे साथ।”

Samar (हँसते हुए, किताब बंद करते हुए):
“भैया मत बोला करो… अजीब लगता है।”

Neha (मुस्कान दबाते हुए, उसकी तरफ झुककर):
“तो क्या बोलूँ? Samar sir? या बस… Samar?”

Samar उसकी आँखों में झाँकने लगा। माहौल कुछ पल को भारी हो गया।


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? Maths का बहाना
Neha ने कॉपी Samar की तरफ़ बढ़ाई:
“ये सवाल समझा दो ना। जब तुम पढ़ाते हो तो आसान लगते हैं।”

Samar पास खिसककर बैठा। उसने पेन उठाया और सवाल हल करने लगा। Neha ध्यान से देखने के बहाने उसके और करीब आ गई। उसके बाल Samar के हाथ से छू गए।

Samar (धीरे से, पेन रोकते हुए):
“Neha… थोड़ा दूरी रखो। वरना…”

Neha (शरारती मुस्कान के साथ):
“वरना क्या? डरते हो मुझसे?”


---

? पहली बार एहसास
Neha ने उसकी उँगलियों को पकड़कर कॉपी पर रुकवा दिया। दोनों की नज़रें टकराईं। Neha का चेहरा बेहद करीब था।

Neha (फुसफुसाकर):
“भाई के दोस्त हो, इसलिए मैं तुम्हें ज्यादा जानना चाहती हूँ… समझे?”

Samar का दिल तेज़ धड़कने लगा। उसने नज़रें झुका लीं, मगर मुस्कान छुपा नहीं पाया।


---

✨ यहीं से
उनके बीच की मासूमियत और खिंचाव धीरे-धीरे और गहरा होने लगा। Neha मज़ाक करती, Samar उसे टोकता, लेकिन हर बार दोनों की नज़रें वही कहानी कह जातीं जो लफ़्ज़ों में नहीं थी।


---Ankit अपने दोस्तों के साथ नाइट-आउट पर चला गया था। घर की बालकनी में बस Neha और Samar बैठे थे। हल्की ठंडी हवा चल रही थी।

Neha ने हाथ में चाय का कप पकड़ा और आसमान की तरफ़ देखते हुए बोली:
“पता है Samar… कभी-कभी लगता है कि मैं सबको जानती हूँ, लेकिन कोई मुझे सच में समझता नहीं।”

Samar ने उसकी तरफ़ देखा:
“ये कैसा सवाल है? Ankit, आंटी- अंकल… सब तो तुम्हारे अपने हैं।”

Neha (हल्की मुस्कान के साथ, उसकी आँखों में देखते हुए):
“अपना होना और समझना… दोनों अलग चीज़ें हैं। तुम समझते हो मुझे, है ना?”

Samar थोड़ी देर चुप रहा। उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था।


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? Neha का Confession
Neha ने कप नीचे रखा और सीधे उसकी तरफ़ मुड़कर बैठ गई।
“देखो Samar, मैं घुमा-फिराकर बातें नहीं करूँगी। मुझे अच्छा लगता है तुम्हारे साथ रहना। जब तुम पास होते हो तो पढ़ाई आसान लगती है… दिन अच्छा लगता है। मैं… शायद तुम्हें पसंद करने लगी हूँ।”

उसकी आवाज़ काँप रही थी, मगर आँखें बिल्कुल साफ़ थीं।


---

⚡ Samar की उलझन
Samar के लिए ये पल अजीब था। वो मुस्कराया, लेकिन गहरी साँस लेते हुए बोला:
“Neha… तुम Ankit की बहन हो। वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। अगर उसे पता चला तो?”

Neha (उसकी बात काटते हुए, ज़िद भरे स्वर में):
“तो क्या? मैंने Ankit को नहीं चुना… मैंने तुम्हें चुना। दिल पर किसी का हक़ नहीं होता Samar। और अगर तुम भी मुझे थोड़ा-सा महसूस करते हो… तो बोल दो।”


---

? Silent Moment
कुछ सेकंड तक दोनों के बीच खामोशी छाई रही। Neha की आँखें उम्मीद से चमक रही थीं। Samar उसके करीब झुका, फिर धीमी आवाज़ में बोला:
“Neha… मैं भी तुम्हें महसूस करता हूँ। लेकिन ये आसान नहीं होगा।”

Neha ने हल्की मुस्कान दी और उसका हाथ पकड़ लिया।
“मुझे आसान रास्ते नहीं चाहिए Samar… बस तुम चाहिए।”


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✨ यहीं से
उनकी कहानी अब मासूम attraction से निकलकर एक छिपे हुए रिश्ते में कदम रख रही थी — जहाँ हर मुलाक़ात, हर नज़र और भी गहरी होनी थी।

---? Late Night Call – Neha & Samar

Neha (धीरे से, फुसफुसाकर):
“Hello… Samar? सब सो गए हैं घर में। बस मैं हूँ जाग रही…”

Samar (मुस्कुराते हुए):
“अरे वाह, इतनी रात को याद किया मुझे? कहीं मुझे मिस तो नहीं कर रही?”

Neha (शरमाकर):
“मिस…? पता नहीं। बस… नींद नहीं आ रही थी, तो सोचा तुमसे बातें कर लूँ।”

Samar (छेड़ते हुए):
“सच बोलो Neha… नींद क्यों नहीं आ रही? कहीं मेरे बारे में तो नहीं सोच रही थी?”

Neha (धीरे से हँसकर):
“तुम भी ना… मुझे छेड़ना बंद करो।”


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❤️ थोड़ा रोमांटिक

Samar (नरम आवाज़ में):
“Neha, सच बताऊँ? जबसे तुमने उस दिन बालकनी में बात की थी ना… मैं भी तुम्हारे बारे में बहुत सोचने लगा हूँ।”

Neha (धीरे से, घबराई हुई):
“सच में? लेकिन… अगर भैया को पता चला तो?”

Samar:
“भैया को क्यों बताना? ये तो बस हमारा राज़ है… तुम्हारा और मेरा।”


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? Flirty मोड़

Samar:
“अभी तुम कैसी दिख रही हो? वैसे तो मैं देख नहीं सकता, लेकिन सोच रहा हूँ…”

Neha (थोड़ी शर्म से हँसकर):
“अरे, मैं… बस नाइटी पहनकर लेटी हूँ। बाल खुले हुए हैं।”

Samar (आवाज़ धीमी करके):
“काश मैं अभी वहाँ होता। तुम्हारे पास बैठकर वही बाल अपनी उँगलियों में फँसाता…”

Neha (साँस रोककर, धीरे से):
“Samar… प्लीज़… तुम ये सब बोलते हो तो… अजीब सा लगता है।”


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⚡ और Bold तरफ़

Samar (छेड़ते हुए):
“अजीब? या अच्छा? मान लो Neha, तुम्हें भी अच्छा लगता है जब मैं तुम्हें ऐसे imagine करता हूँ।”

Neha (थोड़ा रुककर, काँपती आवाज़ में):
“… अच्छा लगता है। लेकिन… मैं बोल नहीं पाती।”

Samar (धीरे से):
“तो मत बोलो, बस सुनो। मैं बोलता हूँ… कि तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारी आवाज़, तुम्हारा हर अंदाज़… मुझे और करीब खींचता है। और सच कहूँ तो… मैं चाहता हूँ कि तुम हमेशा मेरे पास रहो।”
Neha (धीरे से, काँपती आवाज़ में):
“Samar… एक बात पूछूँ? लेकिन हँसना मत।”

Samar (मुस्कुराते हुए):
“कभी नहीं हँसूंगा। पूछो।”

Neha:
“तुम्हें सच में… मेरी आदत सी लग गई है? जैसे… अगर मैं बात न करूँ तो तुम्हें कमी लगेगी?”

Samar (गंभीर आवाज़ में):
“कमी नहीं, Neha… खालीपन लगेगा। तुम्हारी आवाज़ सुने बिना दिन अधूरा सा लगता है।”

Neha (शरमाकर, तकिए में मुँह छुपाकर):
“तुम्हें बोलना आसान लगता है… मुझे सुनकर धड़कन बढ़ जाती है।”


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❤️ Romantic Silence
कुछ देर दोनों चुप रहे। बस एक-दूसरे की साँसें फोन पर सुनाई दे रही थीं।

Samar (फुसफुसाकर):
“Neha, सच बताओ… क्या तुमने कभी मुझे वैसे सोचा है… जैसे एक लड़का और लड़की एक-दूसरे को सोचते हैं?”

Neha (लाल होते हुए, धीमे स्वर में):
“Samar… तुम ना… बहुत पागल हो। मैं… मैं नहीं बता सकती।”

Samar (धीरे से, teasing):
“मत बताओ। लेकिन तुम्हारी खामोशी सब कह रही है।”


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? Hidden Desire खुलना शुरू

Neha (रुक-रुक कर):
“जब तुम पास होते हो न… तो अच्छा लगता है। पढ़ाई के बहाने भी… मैं तुम्हें और देर तक रोक लेती हूँ। बस… तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है।”

Samar (गहरी साँस लेकर):
“और मुझे तुम्हें छेड़ना… तुम्हारी आँखों में वो हल्की शर्म देखना… सबसे ज़्यादा अच्छा लगता है। सच कहूँ, Neha… मैं भी अब छुपाना नहीं चाहता। मुझे तुम सिर्फ़ पसंद नहीं… तुम मेरे दिल में उतर चुकी हो।”

Neha (धीमे स्वर में, आँखें बंद करके):
“Samar…”
Samar (गहरी आवाज़ में):
“Neha… अभी तुम कैसी लग रही हो? सच्ची बताओ।”

Neha (शरमाकर, धीमे स्वर में):
“बस… नाइट सूट पहना है। बाल खुले हैं। पागल हो तुम… ये क्यों पूछ रहे हो?”

Samar (हँसते हुए, फिर धीमे सुर में):
“क्योंकि मैं सोच रहा हूँ… काश अभी तुम्हारे कमरे में होता। तुम्हें ऐसे ही बिस्तर पर देखता… बाल बिखरे, होंठ काँपते हुए।”

Neha (साँस अटकते हुए):
“Samar… बंद करो… तुम बहुत गंदे हो।”

Samar (और फुसफुसाकर):
“गंदा तो तब होता Neha… जब मैं तुम्हारे होंठ चूमते-चूमते गर्दन तक उतर जाता। तुम्हारी साँसें तेज़ होने लगतीं… और तुम धीरे से कराहतीं।”


---

? Neha का शर्माना और टूटना

Neha (काँपती आवाज़ में):
“बस… प्लीज़ Samar… तुम मुझे पागल कर रहे हो।”

Samar (गरम साँस लेते हुए):
“तो पागल हो जाओ Neha। सोचो… अगर मैं अभी तुम्हारा हाथ पकड़कर बिस्तर पर दबा दूँ… तुम्हारे कान में कहूँ — तू सिर्फ़ मेरी है…”

Neha (कराहकर, दबे स्वर में):
“Samarrr… तुम… तुम ऐसे क्यों बोल रहे हो…”

Samar (हँसते हुए, फिर सीरियस):
“क्योंकि मैं अब और रोक नहीं पा रहा। सच कहूँ Neha, जब भी तुम्हें देखता हूँ, मेरी नज़र तुम्हारे होंठों पर अटक जाती है। सोचता हूँ, अगर वो होंठ मेरे होंठों में दबे हों तो… कैसा लगेगा?”


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? Desire भरी बातें और भी आगे

Neha (धीमे से, almost whisper):
“तुम बहुत बुरे हो Samar… लेकिन… मैं भी अब सोचने लगी हूँ।”

Samar (excited आवाज़ में):
“क्या सोचने लगी हो?”

Neha (शर्माते हुए):
“कि… अगर कभी सच में तुम पास आ गए तो… मैं शायद ना नहीं कर पाऊँगी।”

Samar (गरजते हुए, दबे स्वर में):
“तो फिर मान लो Neha… अब हमारी बातें सिर्फ़ दोस्ती की नहीं रहीं। अब जब भी बात होगी… मैं तुझे वैसे ही सोचूँगा जैसे तू मुझे सोचती है।”
Samar (teasing आवाज़ में):
“Neha… अभी तक तो बस मैं ही गंदी बातें कर रहा हूँ। तू चुप क्यों है?”

Neha (हकला कर, धीमे स्वर में):
“मैं… मैं कैसे बोलूँ? मुझे तो शर्म आती है।”

Samar (फुसफुसाकर):
“शर्म छोड़ दे Neha। मैं तेरा Samar हूँ… सब सुनना चाहता हूँ। बता… अगर मैं तेरे पास होता तो तू क्या करती?”


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? Neha का पहला कदम

Neha (आँखें बंद करके, काँपती आवाज़ में):
“अगर… अगर तुम सच में पास होते… तो शायद मैं तुम्हें रोकती नहीं। तुम जब मुझे छूते… तो मैं खुद आँखें बंद कर लेती।”

Samar (गरम साँस छोड़ते हुए):
“और फिर? बोल Neha… क्या होने देती?”

Neha (अब धीरे-धीरे हिम्मत पाकर):
“मैं… तुम्हें अपने और करीब खींच लेती। तुम्हारे होंठ… अपने होंठों पर महसूस करती। और… शायद गर्दन तक भी।”


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? अब Neha खुद गंदी होने लगी

Samar (excited होकर):
“बस गर्दन तक? नीचे नहीं?”

Neha (तेज़ साँसें लेते हुए):
“नीचे भी… Samar। अगर तुम मेरी कमर पकड़कर मुझे बिस्तर पर दबाते… तो मैं तुम्हें रोकती नहीं। तुम मेरे नाइट सूट के बटन खोलते… और मैं खुद हाथ से तुम्हारी शर्ट उतार देती।”

Samar (गरजते हुए):
“वाह Neha… तू तो पागल कर रही है। और आगे?”

Neha (धीमे स्वर में, शर्म और चाह के बीच):
“आगे… अगर तुम्हारा हाथ मेरे सीने तक आता… तो मैं शायद खुद उसे पकड़कर और दबा देती। तुम्हें रोकने की बजाय… मैं खुद तुम्हें और करीब खींच लेती।”


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? Lust अब पूरी तरह हावी

Samar (भारी आवाज़ में):
“Neha… मैं सोच भी नहीं सकता था कि तू इतनी bold बातें करेगी।”

Neha (कराहकर, धीरे से):
“तुमने ही तो मुझे सिखाया Samar… अब मैं भी चाहती हूँ… तुम्हारी हर गंदी बात, हर छूना… सच बन जाए।”

Samar (teasing आवाज़ में):
“Neha… अभी तक तू आधा बोल रही है। साफ़-साफ़ बता… तुझे सबसे ज़्यादा क्या चाहिए मुझसे?”

Neha (काँपती आवाज़ में):
“Samar… प्लीज़… इतना मत पूछो।”

Samar (गरजते हुए, दबाव डालते हुए):
“नहीं Neha, आज सब निकलवा कर रहूँगा। बता… तुझे मेरे होंठ चाहिए, मेरी छाती चाहिए… या मेरा लंड?”

Neha (साँस अटककर, शर्माते हुए):
“तुम… तुम बहुत गंदे हो…”

Samar (और फुसफुसाकर):
“हाँ, गंदा हूँ… लेकिन सिर्फ़ तेरे लिए। अब बोल Neha… तुझे सबसे ज़्यादा क्या चाहिए?”


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? Neha की हिम्मत टूटी

Neha (आँखें भींचकर, काँपती आवाज़ में):
“मुझे… तुम्हारा लंड चाहिए Samar। मैं झूठ नहीं बोलूँगी… मैं हर बार सोचती हूँ कि अगर वो मेरे अंदर होता तो… मैं कैसे कराहती।”

Samar (साँसें तेज़ करते हुए):
“आह Neha… और बता… तू कैसे चाहती है?”

Neha (अब खुलकर, टूटी साँसों में):
“मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे बिस्तर पर दबाकर मेरी चूत में अपना लंड गाड़ दो। मैं खुद अपनी टाँगें खोल दूँ… और तुम्हें अंदर खींच लूँ।”


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? Dirty talk अब पूरी तरह खुल चुका था

Samar (गरम स्वर में):
“और जब मेरा लंड तुझमें धँसा होगा… तब तू क्या करेगी?”

Neha (कराहकर, बेहिचक):
“तब मैं तुम्हारी कमर पकड़कर और जोर से तुम्हें अंदर खींचूँगी… ताकि हर धक्का मेरे गर्भ तक पहुँचे। मैं चाहती हूँ कि मेरी चीखें पूरे घर में गूँजें… लेकिन मैं सिर्फ़ तुम्हारा नाम लूँ।”

Samar (गरजते हुए):
“बस कर Neha… तू तो फोन पर ही मुझे पागल कर रही है।”

Neha (फुसफुसाकर):
“तो सोचो Samar… जब सच में मैं तेरे नीचे रहूँगी… तो कैसे तुम्हें पागल कर दूँगी।”

Samar (भारी साँसों में):
“Neha… तेरी आवाज़ ने मेरा लंड और सख्त कर दिया है। अभी हाथ में पकड़कर चला रहा हूँ।”

Neha (सकपकाते हुए, शर्म और चाह के बीच):
“तुम बहुत गंदे हो Samar… लेकिन… मैं भी अब रोक नहीं पा रही।”

Samar (फुसफुसाकर):
“तो तू भी कर Neha… अपनी चूत को छू… और मुझे बता कैसी लग रही है।”


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? Neha की पहली बार

Neha (काँपते हुए):
“मैंने… नाइटी के अंदर हाथ डाला है… उफ्फ Samar… मेरी चूत तो भीग चुकी है… लेकिन बहुत टाइट लग रही है।”

Samar (गरजते हुए):
“हाँ बेबी, क्योंकि तू अभी तक चूदी नहीं है… तेरी virgin चूत इतनी टाइट है कि मेरा लंड अंदर जाते ही तुझे फाड़ देगा।”

Neha (कराहकर):
“आह्ह… मैंने धीरे से उँगली लगाई… अन्दर जाते ही दर्द भी हो रहा है, लेकिन मज़ा भी आ रहा है। Samar… अगर मेरी उँगली से ऐसा है तो तुम्हारे लंड से मैं पागल हो जाऊँगी।”


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? अब दोनों की बातें और गंदी

Samar (साँसें तेज़ करके):
“Neha… सोच कि मेरी मोटी लौड़ा तेरी टाइट चूत को पहली बार चीर रहा है… तुझे दर्द भी हो रहा है और तू कराहते हुए मेरे सीने से चिपकी हुई है।”

Neha (हांफते हुए, उँगली और गहराई तक डालते हुए):
“आह्ह Samar… मेरी virgin चूत अभी तंग होकर उँगली भी barely ले रही है… लेकिन मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे फाड़ दो… ताकि मैं हर बार तुम्हारा नाम चिल्लाऊँ।”


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? Mutual Madness

Samar (दाँत भींचकर):
“और मैं अभी अपना लौड़ा जोर-जोर से हिला रहा हूँ… सोचकर कि तेरी टाइट चूत मुझे जकड़कर छोड़ ही नहीं रही।”

Neha (कराहते हुए, पागल होकर):
“आह्ह… मेरी उँगली अंदर-बाहर हो रही है… हर धक्के पर लगता है जैसे तुम्हारा लौड़ा मुझे पहली बार चीर रहा है। Samar… प्लीज़ मुझे सच में चोद लो… मैं और नहीं रोक पाऊँगी।”
Samar (धीरे-धीरे फुसफुसाकर):
“Neha… अब अपनी उँगली चूत के होठों पर रगड़। पहले आराम से… जल्दी मत करना।”

Neha (कराहते हुए):
“म्म्म… Samar… मैंने छुआ है… उफ्फ, कितना गीला है सब… जैसे मेरे अंदर आग लगी हो।”

Samar (साँस रोककर):
“हाँ बेबी… अब उँगली को हल्के से अंदर धकेल… लेकिन धीरे। याद रख, तेरी चूत अभी टाइट है।”


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? Neha का पहला धक्का

Neha (हकला कर):
“आह्ह… मैंने ज़रा सा अंदर किया… बहुत टाइट लग रहा है Samar… हल्का-सा दर्द हो रहा है।”

Samar (प्यार से समझाते हुए):
“बस धीरे कर… जैसे मैं करता तो तुझे संभालता। हर धक्के के साथ दर्द कम होगा और मज़ा बढ़ेगा।”

Neha (धीरे-धीरे):
“हम्म… अब उँगली थोड़ा और अंदर चली गई… आह्ह्ह… Samar, लग रहा है जैसे मेरी virgin चूत सच में फट रही हो।”


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? Samar भी साथ-साथ

Samar (भारी आवाज़ में):
“ओह्ह… मैं भी अपने लंड पर हाथ चला रहा हूँ, धीरे-धीरे… सोचकर कि तेरी टाइट चूत मेरा लौड़ा धीरे-धीरे निगल रही है।”

Neha (हांफते हुए):
“आह्ह Samar… हर बार उँगली अंदर जाती है तो लगता है जैसे तुम सच में मुझे चोद रहे हो… मैं अपनी टाँगें भी खोल रही हूँ ताकि और गहराई तक जा सके।”


---

? अब दोनों एक लय में

Samar:
“हाँ Neha… ऐसे ही। अब अपनी उँगली धीरे-धीरे बाहर निकाल… फिर अंदर डाल… स्लोली, जैसे मैं तुझे पहली बार कर रहा हूँ।”

Neha (कराहते हुए, रुक-रुककर):
“म्म्म… आह्ह्ह… अंदर… बाहर… उफ्फ्फ… Samar… मेरा शरीर काँप रहा है… मेरी virgin चूत अब थोड़ी-थोड़ी मेरी उँगली को अपना रही है।”

Samar (साँसें भारी होकर):
“और मैं भी धीरे-धीरे अपने लंड को सहला रहा हूँ… हर स्ट्रोक में बस तेरा नाम ले रहा हूँ… Neha… Neha…”

Samar (भारी आवाज़ में, हाथ चलाते हुए):
“Neha… अब तो मान ले… तू मुझसे चुदवाएगी ना?”

Neha (तेज़ साँसों में, शर्माकर):
“हाँ… हाँ Samar… तुझसे ही पहली बार चुदवाऊँगी… मेरी virgin चूत सिर्फ़ तेरे लिए है।”

Samar (कराहकर, और गंदा बोलते हुए):
“अगर तेरे भाई Ankit के सामने ही तुझे पकड़कर चोद दूँ तो? वहीं उसके कमरे में तेरा पल्लू खींचकर तेरी tight चूत फाड़ दूँ…”

Neha (हकला कर, घबराकर):
“आह्ह… पागल है तू Samar! मेरे भाई के सामने कैसे… उफ्फ… सोचकर ही मैं काँप रही हूँ… डर भी लग रहा है… लेकिन अंदर से अजीब मज़ा भी।”

Samar (गरजते हुए):
“बस यही तो है… तू मेरी बनेगी, चाहे जहाँ भी हो। जब तक तेरी virgin चूत मेरी लंड को पूरा नहीं निगल लेती, मैं रुकूँगा नहीं।”

Neha (आँखें बंद कर, तकिए को दबाकर):
“म्म्म… Samar… तू मुझे पागल कर रहा है… सच में अब मैं रुकना नहीं चाहती… तेरा लौड़ा अपनी tight चूत में चाहती हूँ…”


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? Decision Point

दोनों कुछ देर तक सिर्फ़ कराहों और भारी साँसों में खोए रहे। फिर Samar ने धीमी आवाज़ में कहा:

Samar:
“Neha… ये सब फोन पर बहुत हो गया। अब मैं तुझे सच में महसूस करना चाहता हूँ। एक काम कर — परसो शाम OYO में मिलते हैं। वहाँ पहली बार तुझे पूरा अपना बना लूँगा।”

Neha (साँसें टूटती हुई, फिर हिम्मत करके):
“हम्म… हाँ Samar… मैं तैयार हूँ। परसो… मैं तेरे साथ OYO आऊँगी… और वहीं अपनी virgin चूत तुझे दूँगी।”

दोनों फोन पर चुप हो गए, बस एक-दूसरे की भारी साँसें गूँज रही थीं। अब उनकी बातों में सिर्फ़ लालसा नहीं थी — बल्कि एक पक्का वादा था।
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