15-09-2025, 09:40 AM
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नम्रता, 37 साल की एक सुलगती हुई कामुक औरत, जिसकी भारी, रसीली चूचियां, सख्त निप्पल्स, और गोल, चिकनी गांड किसी का भी लंड पल में खड़ा कर दे, अपने पति प्रवीण के साथ एक आलीशान रिसॉर्ट के निजी स्पा में थी। इस बार, प्रवीण ने एक जोड़ी मालिश सत्र बुक किया था, जिसमें नम्रता को राहुल और प्रवीण को प्रिया, एक दूसरी मालिश करने वाली, मालिश दे रही थी। नम्रता को किसी अनजान मर्द के हाथों मालिश का विचार ही उसकी चूत को इतना गीला कर गया था कि उसकी काली, रेशमी पैंटी पूरी तरह तर हो चुकी थी, उसकी चूत के होंठों का उभार साफ दिख रहा था, और उसका रस उसकी जांघों पर टपक रहा था। कमरा मंद मोमबत्तियों की रोशनी से नहाया था, चमेली और गुलाब के तेल की नशीली सुगंध हवा को मादक बना रही थी, और सितार की कामुक धुन हर सांस को और भारी, और उत्तेजित कर रही थी।
नम्रता और प्रवीण दो अलग-अलग मालिश टेबल पर लेटे थे, उनके बीच बस कुछ फीट की दूरी थी। नम्रता की पैंटी मुश्किल से उसकी गीली, धड़कती चूत और उभरी हुई गांड को ढक रही थी, जबकि प्रवीण केवल एक तौलिया लपेटे हुए था, उसका लंड पहले से ही तनकर उभर रहा था। नम्रता की त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रही थी, और उसके बिखरे काले बाल किसी कामुक रानी की तरह लग रहे थे, जिसकी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी।
राहुल, एक तगड़ा, मर्दाना मालिश करने वाला, जिसके चौड़े कंधे और गहरी, मखमली आवाज़ नम्रता की चूत को और रस से भर रही थी, नम्रता की टेबल के पास आया। दूसरी ओर, प्रिया, एक आकर्षक और कामुक मालिश करने वाली, प्रवीण की टेबल पर थी। “तैयार हो, मैडम?” राहुल ने फुसफुसाते हुए पूछा, उसके मजबूत हाथों में गर्म तेल चमक रहा था, उसकी आँखों में एक भूखी चमक थी। नम्रता ने शर्माते हुए सिर हिलाया, उसकी नज़रें राहुल की मर्दाना देह पर टिकीं, फिर प्रवीण की ओर गईं, जो प्रिया के हाथों को अपने शरीर पर महसूस करते हुए पहले से ही बेचैन था, उसका लंड तौलिया के नीचे साफ उभर रहा था।
राहुल के गर्म, तेल से सने हाथ नम्रता की नंगी पीठ पर फिसले, उसकी रीढ़ की हर गाँठ को जोर से दबाते हुए। उसका स्पर्श इतना गहरा और चूत भड़काने वाला था कि नम्रता की चूत ने और रस छोड़ दिया, जो उसकी जांघों पर बहकर टेबल को गीला कर रहा था। उसकी उंगलियां धीरे-धीरे नीचे सरकीं, उसकी कमर की मुलायम गोलाई को जोर से मसलते हुए, और फिर एक झटके में उसकी गीली पैंटी को फाड़कर उतार दिया। नम्रता की चिकनी, रसीली गांड और गीली, लाल चूत अब पूरी तरह नंगी थी, तेल से चमक रही थी, और उसकी चूत का रस टपक रहा था। उसने एक गहरी, बेकाबू सिसकारी ली, उसकी चूत सिकुड़कर और गर्म हो रही थी। राहुल की उंगलियां उसकी जांघों की भीतरी, संवेदनशील त्वचा पर रुकीं, धीरे-धीरे उसकी चूत के गीले, फूले हुए होंठों को सहलाते हुए, उसके सख्त, धड़कते क्लिट को हल्के से रगड़ते हुए। नम्रता की चीख निकल गई, उसकी चूत आग की तरह जल रही थी, और उसने अपनी टांगें अनायास ही चौड़ी कर दीं, अपनी गीली चूत को राहुल के सामने पूरी तरह खोलते हुए, चुदाई की भूख में पागल होकर।
“आह… राहुल… मेरी चूत को चाट… चोद दे!” नम्रता की आवाज़ एक बेकाबू चीख में डूब गई, उसकी चूत अब उसकी भूख की गुलाम थी। राहुल ने उसे पलटाया, उसकी नंगी, तेल से सराबोर चूचियां और गीली चूत अब उसकी भूखी नज़रों के सामने थी। उसकी भारी चूचियां उत्तेजना से सख्त थीं, निप्पल कड़े और गहरे गुलाबी, उसकी चूत गीली, लाल और रस से लबालब थी। राहुल की उंगलियां उसकी चूचियों को जोर से मसलने लगीं, उसके निप्पलों को चुटकी में लेकर खींचते और चूसते हुए, उन्हें दांतों से हल्के से काटते हुए। नम्रता की चीखें कमरे में गूंज रही थीं, उसकी चूत हर स्पर्श पर सिकुड़ रही थी, रस की बूंदें टपक रही थीं। उसने अपनी टांगें और चौड़ी कीं, अपनी चूत को राहुल के सामने और खोलते हुए, उसका रस टेबल पर बह रहा था।
“तेरी चूत कितनी गर्म और रसीली है,” राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, उसका चेहरा नम्रता की गर्दन के इतना करीब था कि उसकी गर्म सांसें उसकी त्वचा को चूम रही थीं। राहुल के होंठ उसकी गर्दन से नीचे सरके, उसकी चूचियों को चूसते हुए, उसके सख्त निप्पलों को जीभ से चाटते और काटते हुए। उसकी जीभ और नीचे सरकी, नम्रता की गीली चूत के फूले हुए होंठों को चूमते हुए, उसके सख्त क्लिट को चूसते और जीभ से तेज़ी से रगड़ते हुए। नम्रता ने एक ज़ोरदार चीख मारी, उसकी चूत रस से लबालब थी, उसका शरीर आनंद की आग में जल रहा था। राहुल ने अपनी दो मोटी उंगलियां उसकी चूत की गहराई में घुसेड़ दीं, उसे तेज़ी से चोदते हुए, जबकि उसकी जीभ उसके क्लिट को चाट रही थी, उसका रस पी रही थी। उसने तीसरी उंगली नम्रता की टाइट गांड के छेद में घुसाई, उसे हल्के से चोदते हुए, जिससे नम्रता की चीखें और तेज़ हो गईं।
उधर, प्रवीण की टेबल पर प्रिया अपने गर्म, तेल से सने हाथों से उसकी छाती और जांघों को सहला रही थी, उसका तौलिया हटाकर उसका तना हुआ लंड उजागर कर चुकी थी। प्रवीण की सिसकियां भी कमरे में गूंज रही थीं, मगर उसकी नज़रें नम्रता पर टिकी थीं, जो राहुल के स्पर्श में पागल हो रही थी। नम्रता अब पूरी तरह बेकाबू थी। उसने राहुल की पैंट को फाड़ डाला, उसका मोटा, नसों से उभरा हुआ लंड बाहर था, कम से कम नौ इंच लंबा, मोटा और तना हुआ, उसकी चमकती टिप पर रस टपक रहा था। नम्रता की चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ दिया, उसकी जांघें पूरी तरह गीली थीं। उसने अपनी टांगें और चौड़ी कीं, अपनी चूत को राहुल के सामने पूरी तरह खोलते हुए, और उसे अपनी ओर खींच लिया। राहुल ने देर न की। उसने नम्रता की टांगें और ऊपर उठाईं, उसका मोटा लंड नम्रता की गीली, गर्म चूत में एक ही धक्के में गहराई तक घुस गया, उसकी चूत के होंठों को फैलाते हुए। नम्रता की चीख कमरे में गूंजी, उसकी चूत राहुल के लंड को कसकर जकड़ रही थी। राहुल ने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू किया, उसका लंड हर धक्के में नम्रता की चूत की गहराई को चीर रहा था, उसकी चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ। नम्रता की चूचियां हर धक्के के साथ उछल रही थीं, उसकी गांड टेबल पर रगड़ रही थी, और उसकी चूत रस से सराबोर थी। राहुल की उंगलियां उसकी गांड के टाइट छेद में और गहराई तक घुसीं, उसे तेज़ी से चोदते हुए, जिससे नम्रता की चीखें रुदन में बदल गई थीं।
“और जोर से… मेरी चूत और गांड फाड़ दे!” नम्रता चीखी, उसका शरीर आनंद की आग में जल रहा था, उसकी चूत और गांड हर धक्के के साथ सिकुड़ रही थी। राहुल ने अपनी गति और तेज़ की, उसका लंड नम्रता की चूत को चरम की ओर ले जा रहा था, उसकी उंगलियां उसकी गांड को और गहराई तक चोद रही थीं। नम्रता की चूत सिकुड़कर चरम पर पहुंच गई, उसका रस फव्वारे की तरह छूटा, राहुल के लंड और टेबल को भिगोते हुए। राहुल ने भी उसी पल अपनी गर्म, गाढ़ी पिचकारी नम्रता की चूत में छोड़ दी, उसे और भिगो दिया, उसका रस उसकी जांघों पर बह रहा था।
प्रवीण, जो प्रिया के हाथों अपनी चुदाई का मज़ा ले रहा था, अब और बर्दाश्त न कर सका। उसका लंड प्रिया के हाथों में सख्त था, मगर उसकी आँखें नम्रता पर टिकी थीं, जो राहुल के लंड से चुदकर तृप्त हो रही थी। वह टेबल के पास आया, उसकी सांसें भारी थीं, उसकी आँखों में जलन और पशुवत भूख थी। “नम्रता…” उसने कहा, मगर उसकी आवाज़ में एक नई आग थी। उस रात, मालिश टेबल पर, नम्रता ने अपनी चूत और गांड की हर भूख को राहुल के मोटे लंड और उंगलियों से शांत किया, अपनी टांगें चौड़ी करके अपनी चूत को पूरी तरह खोलते हुए, एक ऐसी तीव्र, नशीली यात्रा में खो गई जो उसके शरीर को आग की तरह जला रही थी, और प्रवीण की भूखी नज़रें उस आग को चुपचाप पी रही थीं।
नम्रता का गुप्त और गहन तांत्रिक मालिश सत्र
नम्रता, 37 साल की एक सुलगती हुई कामुक औरत, जिसकी भारी, रसीली चूचियां, सख्त निप्पल्स, और गोल, चिकनी गांड—उसका सबसे आकर्षक हिस्सा—किसी के भी लंड को पल में खड़ा कर दे, अपनी इच्छाओं की आग में जल रही थी। पिछले जोड़ी मालिश सत्र में राहुल के तांत्रिक स्पर्श और मोटे लंड ने उसकी चूत में ऐसी भूख जगा दी थी कि वह उस आनंद को फिर से, इस बार पूरी तरह अकेले, महसूस करना चाहती थी। प्रवीण के गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए, नम्रता ने चुपके से उसी रिसॉर्ट के निजी स्पा में राहुल के साथ एक और सत्र बुक किया। उसका इरादा केवल एक सामान्य मालिश का था, ताकि वह अपने तनाव को दूर कर सके। उसने एक लंबी, रेशमी स्कर्ट और बैंगनी रंग की पैंटी पहनी थी, जो उसकी चिकनी जांघों और उभरी हुई गांड को हल्के से ढक रही थी। कमरा मंद मोमबत्तियों की रोशनी से नहाया था, चमेली और गुलाब के तेल की मादक सुगंध हवा को नशीला बना रही थी, और सितार की कामुक धुन हर सांस को और उत्तेजित कर रही थी।
नम्रता मालिश टेबल पर उल्टी लेटी थी, उसकी रसीली गांड स्कर्ट के नीचे उभरी हुई थी, जो उसकी सबसे मोहक खूबी थी। उसकी बैंगनी पैंटी उसकी चूत और गांड को मुश्किल से ढक रही थी, और उसकी चमकती त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में किसी कामुक देवी की तरह लग रही थी। राहुल, तगड़ा और मर्दाना तांत्रिक मालिश विशेषज्ञ, जिसके लंबे, मजबूत कद, चौड़े कंधे, और गहरी, मखमली आवाज़ नम्रता को पहले से ही बेचैन कर रही थी, कमरे में दाखिल हुआ। उसकी आँखों में एक सम्मानजनक, फिर भी तांत्रिक चमक थी। “तैयार हो, नम्रता जी?” उसने नरम, सम्मान भरे लहजे में पूछा, उसके मजबूत हाथों में गर्म तेल चमक रहा था। नम्रता ने शर्माते हुए सिर हिलाया, उसकी चूत में पहले से ही एक गर्म सनसनी जाग रही थी।
राहुल ने तांत्रिक मालिश शुरू की, पूरी तरह नम्रता की सीमाओं का सम्मान करते हुए। उसने नम्रता को गहरी सांस लेने (प्राणायाम) के लिए प्रेरित किया, ताकि उसकी यौन ऊर्जा और जागरूकता बढ़े। “नम्रता जी, अपनी सांसों को मेरे साथ मिलाओ, अपनी ऊर्जा को मुक्त होने दो,” उसने कहा, उसकी आवाज़ मखमली और नशीली थी। उसके गर्म, तेल से सने हाथ नम्रता की पीठ पर धीरे-धीरे फिसले, तांत्रिक शैली में लंबे, धीमे और गहरे स्पर्श का उपयोग करते हुए, उसकी कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करने के लिए। उसने नम्रता की रीढ़ के आधार (मूलाधार चक्र) पर ध्यान केंद्रित किया, जहाँ उसकी यौन ऊर्जा सुप्त थी, और धीरे-धीरे उसकी उभरी हुई गांड की ओर बढ़ा। “तुम्हारी गांड इतनी रसीली और आकर्षक है, नम्रता… क्या तुम्हें इसका अहसास है?” राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, उसका स्पर्श नम्रता की चूत में बिजली सी दौड़ा रहा था। उसका रस उसकी बैंगनी पैंटी को भिगो रहा था।
“राहुल… तुम्हारा लंबा कद, तुम्हारे मजबूत हाथ… मुझे पागल कर रहे हैं,” नम्रता ने सिसकते हुए कहा, उसकी आवाज़ में उत्तेजना थी। “मैंने पहले कभी किसी के सामने पूरी तरह नंगी होने की हिम्मत नहीं की… लेकिन तुम्हारे सामने… मैं खुद को रोक नहीं पा रही।” राहुल ने मुस्कुराते हुए उसकी स्कर्ट को धीरे से ऊपर उठाया, उसकी चिकनी जांघों और बैंगनी पैंटी को उजागर करते हुए। “मुझे तुम्हारा हर हिस्सा देखना है, नम्रता… क्या मैं तुम्हारी ब्रा उतार सकता हूँ?” उसने पूछा, उसकी आवाज़ में सम्मान और इच्छा का मिश्रण था। नम्रता ने हल्के से सिर हिलाया, उसकी चूत की गर्मी ने उसकी सारी हिचक को पिघला दिया था। उसकी ब्रा फर्श पर गिरी, और राहुल के हाथ उसकी नंगी पीठ और कमर पर फिसले, उसकी चूचियों के किनारों को हल्के से छूते हुए। नम्रता की सांसें भारी हो गईं, उसकी चूत सिकुड़ रही थी।
राहुल ने उसकी स्कर्ट को पूरी तरह हटाया और उसकी बैंगनी पैंटी को धीरे से नीचे सरकाया, उसकी रसीली गांड और गीली चूत को उजागर करते हुए। “तुम्हारी चूत इतनी गीली है, नम्रता… क्या तुम हमेशा इतनी उत्तेजित होती हो?” उसने पूछा, उसकी उंगलियां नम्रता की जांघों की भीतरी त्वचा पर फिसल रही थीं। नम्रता ने अपनी टांगें चौड़ी कर दीं, अपनी चूत को राहुल के सामने पूरी तरह खोलते हुए। “नहीं, राहुल… सिर्फ तुम्हारे लिए… तुम्हारा लंबा, मजबूत शरीर… मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे पूरी तरह ले लो,” उसने सिसकते हुए कहा। राहुल ने तांत्रिक योनि मालिश शुरू की, उसकी उंगलियां नम्रता की चूत के गीले, फूले हुए होंठों को सहलाते हुए, उसके सख्त, धड़कते क्लिट को गोलाकार गति में रगड़ा। नम्रता की चीख निकल गई, उसकी चूत आग की तरह जल रही थी, उसका रस और मूत टपक रहा था। “मुझे तुम्हारा मोटा लंड चाहिए, राहुल… मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चूत को चोदो,” उसने बेकाबू होकर कहा।
राहुल ने तांत्रिक शरीर से शरीर की मालिश शुरू की, अपने नंगे, तेल से चमकते शरीर को नम्रता के ऊपर फिसलाते हुए। उसका सख्त, नौ इंच लंबा लंड नम्रता की गांड की दरार और चूत के होंठों पर रगड़ रहा था। “नम्रता, मेरे हर निर्देश का पालन करो… अपनी सांसों को मेरे साथ मिलाओ,” उसने कहा। नम्रता ने उसकी हर बात मानी, अपनी टांगें और चौड़ी कीं। राहुल ने तांत्रिक गति में उसकी टांगें ऊपर उठाईं, उसका मोटा लंड नम्रता की गीली, गर्म चूत में धीरे-धीरे घुस गया, उसकी चूत के होंठों को फैलाते हुए। नम्रता की चीख कमरे में गूंजी, उसकी चूत राहुल के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, राहुल… और गहरा… मुझे चोदो,” उसने चीखते हुए कहा। राहुल ने तांत्रिक सांस समन्वय का उपयोग किया, धीमे मगर गहरे धक्कों के साथ उसकी चूत को चोदते हुए। नम्रता की चूचियां हर धक्के के साथ उछल रही थीं, उसकी गांड टेबल पर रगड़ रही थी। राहुल की उंगलियां उसकी गांड के टाइट छेद में घुसीं, तांत्रिक शैली में उसे हल्के से चोदते हुए। नम्रता की चूत सिकुड़कर चरम पर पहुंच गई, उसका रस और मूत फव्वारे की तरह छूटा, राहुल के लंड और टेबल को भिगोते हुए। राहुल ने अपनी गति तेज़ की, और नम्रता को दूसरा चरम दिया, उसका शरीर आनंद की आग में कांप रहा था।
पहले सत्र के बाद, नम्रता की भूख और बढ़ गई थी। “राहुल, मुझे और चाहिए… तुम्हारा लंड मेरी चूत और गांड को और चोदे,” उसने बेकाबू होकर कहा। राहुल ने सहमति दी, और इस बार तांत्रिक चक्र ध्यान को शामिल किया। “नम्रता, अपनी स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान दो… अपनी यौन ऊर्जा को महसूस करो,” उसने कहा। नम्रता ने उसकी हर बात मानी, अपनी सांसों को राहुल के साथ मिलाते हुए। राहुल ने उसकी चूचियों को तांत्रिक शैली में मसला, उसके निप्पलों को चूसा और हल्के से काटा, उसकी यौन ऊर्जा को अनाहत चक्र तक ले जाते हुए। “तुम्हारा शरीर मेरे लिए बना है, राहुल… मैंने पहले कभी किसी को इतना चाहा नहीं,” नम्रता ने सिसकते हुए कहा। राहुल की जीभ उसकी चूत के फूले हुए होंठों पर फिसली, उसके क्लिट को तांत्रिक गति में चूसते हुए। नम्रता की चीखें रुदन में बदल गईं। उसने अपनी दो मोटी उंगलियों को नम्रता की चूत में घुसेड़ दिया, उसके जी-स्पॉट को सहलाते हुए, और तीसरी उंगली उसकी गांड में, तांत्रिक शैली में चोदते हुए।
“राहुल… तेरा मोटा लंड… मुझे और चोद… मेरी चूत और गांड तेरे लिए हैं,” नम्रता ने चीखते हुए कहा, उसकी टांगें पूरी तरह चौड़ी थीं। राहुल ने तांत्रिक शैली में उसकी चूत में फिर से प्रवेश किया, इस बार और गहरे धक्कों के साथ, उसकी चूत की दीवारों को रगड़ते हुए। नम्रता की चूत ने तीसरी बार चरम छुआ, उसका रस और मूत फिर से फव्वारे की तरह छूटा, और राहुल ने अपनी गर्म पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी, उसे और भिगो दिया।
उस रात, अकेले मालिश टेबल पर, नम्रता ने राहुल के हर निर्देश का पालन करते हुए, अपनी चूत और गांड की हर भूख को उसके मोटे लंड और तांत्रिक स्पर्श से शांत किया। उसने अपनी इच्छाओं को खुलकर स्वीकारा, राहुल के लंबे कद और मजबूत शरीर की तारीफ करते हुए, दो लंबे सत्रों में कई चरम सुखों का अनुभव किया। वह एक ऐसी तीव्र, नशीली यात्रा में खो गई जो उसके शरीर और आत्मा को आग की तरह जला रही थी, और इस बार केवल वह और राहुल उस आग के साक्षी थे।
नम्रता और प्रवीण दो अलग-अलग मालिश टेबल पर लेटे थे, उनके बीच बस कुछ फीट की दूरी थी। नम्रता की पैंटी मुश्किल से उसकी गीली, धड़कती चूत और उभरी हुई गांड को ढक रही थी, जबकि प्रवीण केवल एक तौलिया लपेटे हुए था, उसका लंड पहले से ही तनकर उभर रहा था। नम्रता की त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में चमक रही थी, और उसके बिखरे काले बाल किसी कामुक रानी की तरह लग रहे थे, जिसकी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी।
राहुल, एक तगड़ा, मर्दाना मालिश करने वाला, जिसके चौड़े कंधे और गहरी, मखमली आवाज़ नम्रता की चूत को और रस से भर रही थी, नम्रता की टेबल के पास आया। दूसरी ओर, प्रिया, एक आकर्षक और कामुक मालिश करने वाली, प्रवीण की टेबल पर थी। “तैयार हो, मैडम?” राहुल ने फुसफुसाते हुए पूछा, उसके मजबूत हाथों में गर्म तेल चमक रहा था, उसकी आँखों में एक भूखी चमक थी। नम्रता ने शर्माते हुए सिर हिलाया, उसकी नज़रें राहुल की मर्दाना देह पर टिकीं, फिर प्रवीण की ओर गईं, जो प्रिया के हाथों को अपने शरीर पर महसूस करते हुए पहले से ही बेचैन था, उसका लंड तौलिया के नीचे साफ उभर रहा था।
राहुल के गर्म, तेल से सने हाथ नम्रता की नंगी पीठ पर फिसले, उसकी रीढ़ की हर गाँठ को जोर से दबाते हुए। उसका स्पर्श इतना गहरा और चूत भड़काने वाला था कि नम्रता की चूत ने और रस छोड़ दिया, जो उसकी जांघों पर बहकर टेबल को गीला कर रहा था। उसकी उंगलियां धीरे-धीरे नीचे सरकीं, उसकी कमर की मुलायम गोलाई को जोर से मसलते हुए, और फिर एक झटके में उसकी गीली पैंटी को फाड़कर उतार दिया। नम्रता की चिकनी, रसीली गांड और गीली, लाल चूत अब पूरी तरह नंगी थी, तेल से चमक रही थी, और उसकी चूत का रस टपक रहा था। उसने एक गहरी, बेकाबू सिसकारी ली, उसकी चूत सिकुड़कर और गर्म हो रही थी। राहुल की उंगलियां उसकी जांघों की भीतरी, संवेदनशील त्वचा पर रुकीं, धीरे-धीरे उसकी चूत के गीले, फूले हुए होंठों को सहलाते हुए, उसके सख्त, धड़कते क्लिट को हल्के से रगड़ते हुए। नम्रता की चीख निकल गई, उसकी चूत आग की तरह जल रही थी, और उसने अपनी टांगें अनायास ही चौड़ी कर दीं, अपनी गीली चूत को राहुल के सामने पूरी तरह खोलते हुए, चुदाई की भूख में पागल होकर।
“आह… राहुल… मेरी चूत को चाट… चोद दे!” नम्रता की आवाज़ एक बेकाबू चीख में डूब गई, उसकी चूत अब उसकी भूख की गुलाम थी। राहुल ने उसे पलटाया, उसकी नंगी, तेल से सराबोर चूचियां और गीली चूत अब उसकी भूखी नज़रों के सामने थी। उसकी भारी चूचियां उत्तेजना से सख्त थीं, निप्पल कड़े और गहरे गुलाबी, उसकी चूत गीली, लाल और रस से लबालब थी। राहुल की उंगलियां उसकी चूचियों को जोर से मसलने लगीं, उसके निप्पलों को चुटकी में लेकर खींचते और चूसते हुए, उन्हें दांतों से हल्के से काटते हुए। नम्रता की चीखें कमरे में गूंज रही थीं, उसकी चूत हर स्पर्श पर सिकुड़ रही थी, रस की बूंदें टपक रही थीं। उसने अपनी टांगें और चौड़ी कीं, अपनी चूत को राहुल के सामने और खोलते हुए, उसका रस टेबल पर बह रहा था।
“तेरी चूत कितनी गर्म और रसीली है,” राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, उसका चेहरा नम्रता की गर्दन के इतना करीब था कि उसकी गर्म सांसें उसकी त्वचा को चूम रही थीं। राहुल के होंठ उसकी गर्दन से नीचे सरके, उसकी चूचियों को चूसते हुए, उसके सख्त निप्पलों को जीभ से चाटते और काटते हुए। उसकी जीभ और नीचे सरकी, नम्रता की गीली चूत के फूले हुए होंठों को चूमते हुए, उसके सख्त क्लिट को चूसते और जीभ से तेज़ी से रगड़ते हुए। नम्रता ने एक ज़ोरदार चीख मारी, उसकी चूत रस से लबालब थी, उसका शरीर आनंद की आग में जल रहा था। राहुल ने अपनी दो मोटी उंगलियां उसकी चूत की गहराई में घुसेड़ दीं, उसे तेज़ी से चोदते हुए, जबकि उसकी जीभ उसके क्लिट को चाट रही थी, उसका रस पी रही थी। उसने तीसरी उंगली नम्रता की टाइट गांड के छेद में घुसाई, उसे हल्के से चोदते हुए, जिससे नम्रता की चीखें और तेज़ हो गईं।
उधर, प्रवीण की टेबल पर प्रिया अपने गर्म, तेल से सने हाथों से उसकी छाती और जांघों को सहला रही थी, उसका तौलिया हटाकर उसका तना हुआ लंड उजागर कर चुकी थी। प्रवीण की सिसकियां भी कमरे में गूंज रही थीं, मगर उसकी नज़रें नम्रता पर टिकी थीं, जो राहुल के स्पर्श में पागल हो रही थी। नम्रता अब पूरी तरह बेकाबू थी। उसने राहुल की पैंट को फाड़ डाला, उसका मोटा, नसों से उभरा हुआ लंड बाहर था, कम से कम नौ इंच लंबा, मोटा और तना हुआ, उसकी चमकती टिप पर रस टपक रहा था। नम्रता की चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ दिया, उसकी जांघें पूरी तरह गीली थीं। उसने अपनी टांगें और चौड़ी कीं, अपनी चूत को राहुल के सामने पूरी तरह खोलते हुए, और उसे अपनी ओर खींच लिया। राहुल ने देर न की। उसने नम्रता की टांगें और ऊपर उठाईं, उसका मोटा लंड नम्रता की गीली, गर्म चूत में एक ही धक्के में गहराई तक घुस गया, उसकी चूत के होंठों को फैलाते हुए। नम्रता की चीख कमरे में गूंजी, उसकी चूत राहुल के लंड को कसकर जकड़ रही थी। राहुल ने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू किया, उसका लंड हर धक्के में नम्रता की चूत की गहराई को चीर रहा था, उसकी चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ। नम्रता की चूचियां हर धक्के के साथ उछल रही थीं, उसकी गांड टेबल पर रगड़ रही थी, और उसकी चूत रस से सराबोर थी। राहुल की उंगलियां उसकी गांड के टाइट छेद में और गहराई तक घुसीं, उसे तेज़ी से चोदते हुए, जिससे नम्रता की चीखें रुदन में बदल गई थीं।
“और जोर से… मेरी चूत और गांड फाड़ दे!” नम्रता चीखी, उसका शरीर आनंद की आग में जल रहा था, उसकी चूत और गांड हर धक्के के साथ सिकुड़ रही थी। राहुल ने अपनी गति और तेज़ की, उसका लंड नम्रता की चूत को चरम की ओर ले जा रहा था, उसकी उंगलियां उसकी गांड को और गहराई तक चोद रही थीं। नम्रता की चूत सिकुड़कर चरम पर पहुंच गई, उसका रस फव्वारे की तरह छूटा, राहुल के लंड और टेबल को भिगोते हुए। राहुल ने भी उसी पल अपनी गर्म, गाढ़ी पिचकारी नम्रता की चूत में छोड़ दी, उसे और भिगो दिया, उसका रस उसकी जांघों पर बह रहा था।
प्रवीण, जो प्रिया के हाथों अपनी चुदाई का मज़ा ले रहा था, अब और बर्दाश्त न कर सका। उसका लंड प्रिया के हाथों में सख्त था, मगर उसकी आँखें नम्रता पर टिकी थीं, जो राहुल के लंड से चुदकर तृप्त हो रही थी। वह टेबल के पास आया, उसकी सांसें भारी थीं, उसकी आँखों में जलन और पशुवत भूख थी। “नम्रता…” उसने कहा, मगर उसकी आवाज़ में एक नई आग थी। उस रात, मालिश टेबल पर, नम्रता ने अपनी चूत और गांड की हर भूख को राहुल के मोटे लंड और उंगलियों से शांत किया, अपनी टांगें चौड़ी करके अपनी चूत को पूरी तरह खोलते हुए, एक ऐसी तीव्र, नशीली यात्रा में खो गई जो उसके शरीर को आग की तरह जला रही थी, और प्रवीण की भूखी नज़रें उस आग को चुपचाप पी रही थीं।
नम्रता का गुप्त और गहन तांत्रिक मालिश सत्र
नम्रता, 37 साल की एक सुलगती हुई कामुक औरत, जिसकी भारी, रसीली चूचियां, सख्त निप्पल्स, और गोल, चिकनी गांड—उसका सबसे आकर्षक हिस्सा—किसी के भी लंड को पल में खड़ा कर दे, अपनी इच्छाओं की आग में जल रही थी। पिछले जोड़ी मालिश सत्र में राहुल के तांत्रिक स्पर्श और मोटे लंड ने उसकी चूत में ऐसी भूख जगा दी थी कि वह उस आनंद को फिर से, इस बार पूरी तरह अकेले, महसूस करना चाहती थी। प्रवीण के गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए, नम्रता ने चुपके से उसी रिसॉर्ट के निजी स्पा में राहुल के साथ एक और सत्र बुक किया। उसका इरादा केवल एक सामान्य मालिश का था, ताकि वह अपने तनाव को दूर कर सके। उसने एक लंबी, रेशमी स्कर्ट और बैंगनी रंग की पैंटी पहनी थी, जो उसकी चिकनी जांघों और उभरी हुई गांड को हल्के से ढक रही थी। कमरा मंद मोमबत्तियों की रोशनी से नहाया था, चमेली और गुलाब के तेल की मादक सुगंध हवा को नशीला बना रही थी, और सितार की कामुक धुन हर सांस को और उत्तेजित कर रही थी।
नम्रता मालिश टेबल पर उल्टी लेटी थी, उसकी रसीली गांड स्कर्ट के नीचे उभरी हुई थी, जो उसकी सबसे मोहक खूबी थी। उसकी बैंगनी पैंटी उसकी चूत और गांड को मुश्किल से ढक रही थी, और उसकी चमकती त्वचा मोमबत्ती की रोशनी में किसी कामुक देवी की तरह लग रही थी। राहुल, तगड़ा और मर्दाना तांत्रिक मालिश विशेषज्ञ, जिसके लंबे, मजबूत कद, चौड़े कंधे, और गहरी, मखमली आवाज़ नम्रता को पहले से ही बेचैन कर रही थी, कमरे में दाखिल हुआ। उसकी आँखों में एक सम्मानजनक, फिर भी तांत्रिक चमक थी। “तैयार हो, नम्रता जी?” उसने नरम, सम्मान भरे लहजे में पूछा, उसके मजबूत हाथों में गर्म तेल चमक रहा था। नम्रता ने शर्माते हुए सिर हिलाया, उसकी चूत में पहले से ही एक गर्म सनसनी जाग रही थी।
राहुल ने तांत्रिक मालिश शुरू की, पूरी तरह नम्रता की सीमाओं का सम्मान करते हुए। उसने नम्रता को गहरी सांस लेने (प्राणायाम) के लिए प्रेरित किया, ताकि उसकी यौन ऊर्जा और जागरूकता बढ़े। “नम्रता जी, अपनी सांसों को मेरे साथ मिलाओ, अपनी ऊर्जा को मुक्त होने दो,” उसने कहा, उसकी आवाज़ मखमली और नशीली थी। उसके गर्म, तेल से सने हाथ नम्रता की पीठ पर धीरे-धीरे फिसले, तांत्रिक शैली में लंबे, धीमे और गहरे स्पर्श का उपयोग करते हुए, उसकी कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करने के लिए। उसने नम्रता की रीढ़ के आधार (मूलाधार चक्र) पर ध्यान केंद्रित किया, जहाँ उसकी यौन ऊर्जा सुप्त थी, और धीरे-धीरे उसकी उभरी हुई गांड की ओर बढ़ा। “तुम्हारी गांड इतनी रसीली और आकर्षक है, नम्रता… क्या तुम्हें इसका अहसास है?” राहुल ने फुसफुसाते हुए कहा, उसका स्पर्श नम्रता की चूत में बिजली सी दौड़ा रहा था। उसका रस उसकी बैंगनी पैंटी को भिगो रहा था।
“राहुल… तुम्हारा लंबा कद, तुम्हारे मजबूत हाथ… मुझे पागल कर रहे हैं,” नम्रता ने सिसकते हुए कहा, उसकी आवाज़ में उत्तेजना थी। “मैंने पहले कभी किसी के सामने पूरी तरह नंगी होने की हिम्मत नहीं की… लेकिन तुम्हारे सामने… मैं खुद को रोक नहीं पा रही।” राहुल ने मुस्कुराते हुए उसकी स्कर्ट को धीरे से ऊपर उठाया, उसकी चिकनी जांघों और बैंगनी पैंटी को उजागर करते हुए। “मुझे तुम्हारा हर हिस्सा देखना है, नम्रता… क्या मैं तुम्हारी ब्रा उतार सकता हूँ?” उसने पूछा, उसकी आवाज़ में सम्मान और इच्छा का मिश्रण था। नम्रता ने हल्के से सिर हिलाया, उसकी चूत की गर्मी ने उसकी सारी हिचक को पिघला दिया था। उसकी ब्रा फर्श पर गिरी, और राहुल के हाथ उसकी नंगी पीठ और कमर पर फिसले, उसकी चूचियों के किनारों को हल्के से छूते हुए। नम्रता की सांसें भारी हो गईं, उसकी चूत सिकुड़ रही थी।
राहुल ने उसकी स्कर्ट को पूरी तरह हटाया और उसकी बैंगनी पैंटी को धीरे से नीचे सरकाया, उसकी रसीली गांड और गीली चूत को उजागर करते हुए। “तुम्हारी चूत इतनी गीली है, नम्रता… क्या तुम हमेशा इतनी उत्तेजित होती हो?” उसने पूछा, उसकी उंगलियां नम्रता की जांघों की भीतरी त्वचा पर फिसल रही थीं। नम्रता ने अपनी टांगें चौड़ी कर दीं, अपनी चूत को राहुल के सामने पूरी तरह खोलते हुए। “नहीं, राहुल… सिर्फ तुम्हारे लिए… तुम्हारा लंबा, मजबूत शरीर… मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे पूरी तरह ले लो,” उसने सिसकते हुए कहा। राहुल ने तांत्रिक योनि मालिश शुरू की, उसकी उंगलियां नम्रता की चूत के गीले, फूले हुए होंठों को सहलाते हुए, उसके सख्त, धड़कते क्लिट को गोलाकार गति में रगड़ा। नम्रता की चीख निकल गई, उसकी चूत आग की तरह जल रही थी, उसका रस और मूत टपक रहा था। “मुझे तुम्हारा मोटा लंड चाहिए, राहुल… मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चूत को चोदो,” उसने बेकाबू होकर कहा।
राहुल ने तांत्रिक शरीर से शरीर की मालिश शुरू की, अपने नंगे, तेल से चमकते शरीर को नम्रता के ऊपर फिसलाते हुए। उसका सख्त, नौ इंच लंबा लंड नम्रता की गांड की दरार और चूत के होंठों पर रगड़ रहा था। “नम्रता, मेरे हर निर्देश का पालन करो… अपनी सांसों को मेरे साथ मिलाओ,” उसने कहा। नम्रता ने उसकी हर बात मानी, अपनी टांगें और चौड़ी कीं। राहुल ने तांत्रिक गति में उसकी टांगें ऊपर उठाईं, उसका मोटा लंड नम्रता की गीली, गर्म चूत में धीरे-धीरे घुस गया, उसकी चूत के होंठों को फैलाते हुए। नम्रता की चीख कमरे में गूंजी, उसकी चूत राहुल के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, राहुल… और गहरा… मुझे चोदो,” उसने चीखते हुए कहा। राहुल ने तांत्रिक सांस समन्वय का उपयोग किया, धीमे मगर गहरे धक्कों के साथ उसकी चूत को चोदते हुए। नम्रता की चूचियां हर धक्के के साथ उछल रही थीं, उसकी गांड टेबल पर रगड़ रही थी। राहुल की उंगलियां उसकी गांड के टाइट छेद में घुसीं, तांत्रिक शैली में उसे हल्के से चोदते हुए। नम्रता की चूत सिकुड़कर चरम पर पहुंच गई, उसका रस और मूत फव्वारे की तरह छूटा, राहुल के लंड और टेबल को भिगोते हुए। राहुल ने अपनी गति तेज़ की, और नम्रता को दूसरा चरम दिया, उसका शरीर आनंद की आग में कांप रहा था।
पहले सत्र के बाद, नम्रता की भूख और बढ़ गई थी। “राहुल, मुझे और चाहिए… तुम्हारा लंड मेरी चूत और गांड को और चोदे,” उसने बेकाबू होकर कहा। राहुल ने सहमति दी, और इस बार तांत्रिक चक्र ध्यान को शामिल किया। “नम्रता, अपनी स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान दो… अपनी यौन ऊर्जा को महसूस करो,” उसने कहा। नम्रता ने उसकी हर बात मानी, अपनी सांसों को राहुल के साथ मिलाते हुए। राहुल ने उसकी चूचियों को तांत्रिक शैली में मसला, उसके निप्पलों को चूसा और हल्के से काटा, उसकी यौन ऊर्जा को अनाहत चक्र तक ले जाते हुए। “तुम्हारा शरीर मेरे लिए बना है, राहुल… मैंने पहले कभी किसी को इतना चाहा नहीं,” नम्रता ने सिसकते हुए कहा। राहुल की जीभ उसकी चूत के फूले हुए होंठों पर फिसली, उसके क्लिट को तांत्रिक गति में चूसते हुए। नम्रता की चीखें रुदन में बदल गईं। उसने अपनी दो मोटी उंगलियों को नम्रता की चूत में घुसेड़ दिया, उसके जी-स्पॉट को सहलाते हुए, और तीसरी उंगली उसकी गांड में, तांत्रिक शैली में चोदते हुए।
“राहुल… तेरा मोटा लंड… मुझे और चोद… मेरी चूत और गांड तेरे लिए हैं,” नम्रता ने चीखते हुए कहा, उसकी टांगें पूरी तरह चौड़ी थीं। राहुल ने तांत्रिक शैली में उसकी चूत में फिर से प्रवेश किया, इस बार और गहरे धक्कों के साथ, उसकी चूत की दीवारों को रगड़ते हुए। नम्रता की चूत ने तीसरी बार चरम छुआ, उसका रस और मूत फिर से फव्वारे की तरह छूटा, और राहुल ने अपनी गर्म पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी, उसे और भिगो दिया।
उस रात, अकेले मालिश टेबल पर, नम्रता ने राहुल के हर निर्देश का पालन करते हुए, अपनी चूत और गांड की हर भूख को उसके मोटे लंड और तांत्रिक स्पर्श से शांत किया। उसने अपनी इच्छाओं को खुलकर स्वीकारा, राहुल के लंबे कद और मजबूत शरीर की तारीफ करते हुए, दो लंबे सत्रों में कई चरम सुखों का अनुभव किया। वह एक ऐसी तीव्र, नशीली यात्रा में खो गई जो उसके शरीर और आत्मा को आग की तरह जला रही थी, और इस बार केवल वह और राहुल उस आग के साक्षी थे।