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Fantasy मोम की चुदाई देख कर मेरा बुरा हाल हुआ //By : rajusethzee
#1
// मोम की चुदाई देख कर मेरा बुरा हाल हुआ //

आज मै स्कूल  गया  लेकिन  किसी कारन छुट्टी हो गई  और मै वापस  घर  पे  आने  लगा .........और  दोपहर  के  करीब  १२  बज  रहे  थे .....और  मै  सोचा  की  माँ  आराम  कर  रही  होगी  और  मेरे  बैग  में  घर  की  एक  चाभी पड़ी  थी  मै  चुपके  से  घर  में  घुस  गया  और  अपने  रूम  में  चला  गया .............और  माँ  को  नहीं  पता  था  की  मै  घर  पे  हु ..........और  माँ आपको  बता  दू  की  मेरे  घर  के  ऊपर  फ्लोर  पे  एक  अंकल किराये  पे  रहते  है  जिसकी  सीढ़ी  घर  के  अंदर  ही  है  और  मैंने  देखा  की  अंकल  सीढ़ी  से  उतर  के  सीधा  माँ  के  बेड  रूम  की  तरफ  जाने  लगे  तभी  मुझे  कुछ  शक  हुआ  की  अंकल  माँ  के  बेड  रूम  की  तरफ  क्यों  जा  रहे  है  ........और  मै  चुपके  से  माँ  के  बेड  रूम  की  तरफ  देखा  तो मेरा मुँह  खुला  का खुला रह गया मैंने देखा की अंकल माँ के ब्लाउज़ के ऊपर से माँ के बूब्स को दबा रहे है और माँ के चुतर  से अपने लुंड को घिस रहे है मुझे ये सब देख के गुस्सा लगी फिर मुझे लगा की मेरा लण्ड भी पैंट के अंदर टाइट हो रहा है और मै चुप  के देखने लगा..........


माँ:- अरे भाई साहब कोई आजायेगा छोड़िये न आआआअह्हह्ह्ह्ह 
अंकल:- अरे मेरी जानेमन किए छोड़ू  तुमने तो मुझे अपना गुलाम बना लिए है दोपहर को ही तो मौका मिलता है 
माँ:- AAAAAAAAAAAHHHH अरे भाई साहब कोई  धीरे से दबाओ न गुलाम तो तुम्हारे लण्ड ने बनाया है........ ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम 
मै माँ के मुँह से ये सब बातें सुन के हैरान था ..........
माँ:- AAAAAAAAH भाई साहब अभी कल ही दोपहर में इतनी जल्दी बेताबी बढ़ गई 

अंकल:-  अरे मेरी जान मेरा बस चले तो तुम्हारे आस पास ही रहू दिन रत लेकिन ......

माँ:- अच्छा तुम्हारी बीवी मइके से आजाये फिर देखती हु कैसे मेरे पास आते हो .........

अंकल :- तभी तो दिक्कत है वरना तुम्हारी चूत के रस को दिन रत पिता रहू ......आआआहहह 

अब अंकल माँ के ब्लाउज़ के बटन को खोलने लगे ......

माँ:- आआअह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म 

अंकल :- मुझे कैसे शर्म मेरी जान तुम तो ऐसे शर्माती हो जैसे की आज पहली मुलाकात है ......

और तभी मै समझ गया की कई दिनों का चक्कर है माँ और अंकल का .........

और अंकल ने माँ के साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और ब्लाउज़ को भी निकलने लगा और माँ अब ब्रा में थी और मै भी माँ को पहली बार ब्रा में देखा था और मैंने देखा की अंकल माँ के चूची को दबा दबा के चुम रहे है ब्रा में माँ की चूचियां क्या चमक रही थी और दोनों चूची के बीचे का कट क्या मस्त लग रहा था ये सब देख के मेरे लण्ड से तो पानी //

अब अंकल ने माँ के साड़ी की घुटनो के ऊपर उठाने लगा जिससे माँ के नंगे पैर दिखने लगे गोरेगोरे चमक रहे थे मुझे भी माँ के नंगे पैर देखने में अच्छे लग रहे थे और अंकल माँ के नंगे पैरों को चूमने लगे और चूमते चूमते जांघ तक आगये और माँ के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी.......//
माँ:- आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आप कितने बेहतरीन ढंग से सेक्स करते हो......आआआआअह्ह्ह्ह //

अंकल:- अरे मेरी जान तुम हो ही इतनी बेहतरीन तो मई क्या करों तुम्हारे बदन बदन का एक एक अंग स्पेसल है आआआआह तुम्हारे सेक्सी पैर तुम्हारे बूब्स आआअह्ह्ह्हजीसे जितना दबाओ मन ही नहीं भरता आआअह्ह्ह्ह//


अब अंकल फिर से माँ के ब्रा के ऊपर से ही माँ की चूचियां दबाने लगे और माँ के गर्दन में चूमने लगे........ माँ:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम भाई साहब आआआहहहहह आज ऑफिस नहीं जाना क्या.......... //

अंकल:- आआआह्ह्ह्हहमेरी जान आज आधे दिन की छुट्टी लिया हु तुम्हारे लिए क्यों की कल बीवी मइके से आजायेगी आअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म //

माँ:- ऊऊओह्ह्ह्हह तो फिर तो पूरे ४ बजे तक का टाइम है आज लगता है की महीने भर की चुदाई आज ही करोगे...........//


अंकल:- अरे नहीं मेरी जान तुम्हे मै कितना भी छोड़ू लेकिन तुम्हारे बदन की खुशबू मेरे लैंड  को बार बार खड़ा कर देती है आआअह्ह्ह्ह अब अंकल का हाथ सीधा माँ के चुतर पे आगया और दोनों माँ के सेक्सी चुतर दोनों हाथ से दबाने लगे और माँ के होठ से अपने होठ रख के चूमने लगे .. ीिस्स्सस्स्स्सस्शह्ह्हह्ह मैंने देखा की माँ भी अपने चुतर बड़े आराम से दबवा रही है और किश का रिप्लाई भी पूरे तरीके से दे रही है.........मुझे ये //
 
सब देख के अजीब सा जोश आगया माँ के चुतर को दबते देख मुझे भी दबाने का मन करने लगा लेकिन मै कैसे दबा सकता
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#2
अंकल खूब मज़े से माँ के सेक्सी चुतर दबाये जा रहे थे मैंने मन में सोचा की काह्स मै भी माँ के सेक्सी चुतर दबा पाता आआह्ह्ह्हह्ह मुझे देखने में इतना मज़ा आरहा था तो दबाने में कितना मज़ा आएगा उउउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ अब मुझे इंतज़ार था माँ के सेक्स नाँघि चूचियां देखने का जो की मैंने कभी सोचा भी नहीं था खैर मैंने तो ये भी नहीं सोचा था की माँ को इस हालत में भी कभी देखूंगा वो भी अंकल के साथ उउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या मज़ा आरहा था

 
मै तो थैंक्स स्कूल वालो को कहूंगा की जिनकी वजह से मै एक राज़ माँ के सेक्सी बदन के दीदार हुए ........//

अब अंकल ने माँ को अपने गोद में बैठा लिया या यु कहु की अपने लुंड पे माँ के चूत को कपडे के ऊपर रख दिया और माँ के ब्रा के के ऊपर से माँ के आधे चूचियों को चूमने लगे.......... माँ :- आआआअह्हह्ह्ह्हहभाई साहब आपका लण्ड तो पैंट के अंदर से ही चटपटा रहा है आअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म //

अंकल:- आआह्ह्हहमेरी जान उसे तुम्हारी चूत की आहट लग गई है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम//

 
अंकल लगातार माँ के बदन को सहला रहे थे चुम रहे थे और माँ भी अंकल का पूरी तरीके से साथ दे रही थी.......अंकल कभी माँ के ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाते कभी माँ के दोनों सेक्सी चुतर को दबाते कभी नाँघि पीठ को सहलाते और माँ के आधे बूब्स को अपने मुँह से दांत से दबा दबा के धसा रहे थे .........//

माँ:- आआआआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब दांत न धसाइये निशान पद जायेगा सिर्फ चूसिये आआअह्ह्ह .......//

अंकल:- अच्छा जानेमन सॉरी आआआहहहहह........क्या करू तुम्हारे जिस्म की : की खुशबू मुझे बेकाबू कर देती है आआअह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम काश की तुम्हारे साथ पूरी रात मिलती तो मज़ा आजाता ाआआआंमम्मम्म//

माँ:-
 ह्म्मम्म्म्म...लेकिन ये नहीं हो सकता न एक यही दोपहर का टाइम है जिसमे हम दोनों वासनाओ में डूब सकते है रात में संभव नहीं है भाईसाहब ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम//

अब मैंने एक चीज़ नोटिस किआ की जहा से मैं चुप के ये सब नज़ारा देख रहा हु वहाँ अंकल की नज़र बार बार मेरी तरफ ही आ रही है लेकिन मैंने इसे इग्नोर किआ और माँ के रोमांस का नज़ारा देखता रहा मैंने सोचा अंकल ऐसे ही कुछ देख रहे होंगे .........//

अब अंकल ने माँ को बेड पे लिटा दिए और माँ के साड़ी को माँ के सेक्सी जांघो के ऊपर तक कर दिए और माँ के दोनों नंगेपैरों को अपने हाथो से सहलाने लगे और साथ ही माँ के गर्दन को गालों को अपने होठो से चूमने लगे ........//
माँ:- आआआहहहहहहह भाई साहब आज बड़े इत्मीनान से प्यार कर रहे हैं मुझे क्या बात है बड़े फुर्सत में है क्या ............//

अंकल:- अरे मेरी जानेमन आपके लिए तो फुर्सत ही फुर्सत है .......//
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#3
अब अंकल माँ के ऊपर चढ़ गए और इस तरह माँ के चूचियां अंकल के सीने से दबने लगी और माँ की चूत अंकल के लण्ड से दबाव खाने लगी और माँ की साड़ी कमर तक ऊपर आगे थी जिसकी वजह से माँ के कमर के नीचे के हिस्सा मुझे साफ़ दिख रहा था और मेरे लण्ड की तो हालत ख़राब थी ये सब सीन देख के माँ के बदन के ऊपर अंकल का इस तरह से लेटना और माँ को किश करना गले में चूमना चूचियों को चूमना और शायद अंकल का लण्ड माँ के पैंटी से टकरा रहा होगा .......उउउउउफफ्फफ्फ्फ़ मेरी तो हालत ख़राब थी मन तो कर रहा था की माँ के ऊपर मै भी जाके लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था अभी .....मै सिर्फ चुप के से माँ और अंकल का रोमांस देख रहा था जिससे मुझे मज़ा आरहा था .............//



और अब अंकल ने अपनी शर्ट भी निकल दी और फिर से माँ के ऊपर चढ़ गए और किश करने लगे और माँ भी अंकल की नाँघि पीठ को अपने हाथो से सहलाने लगी और अंकल के लण्ड के दबाव को अपने छूट पे महसूस करने लगी लगातार अंकल माँ को किश किये जा रहे थे माँ के जीभ को अपने मुँह में लेके चूसते कभी अपनी जीभ को माँ के मुँह में डालते तो माँ भी अंकल की जीभ चुसती
 
 अब अंकल ने माँ के ऊपर जोश में अपने लण्ड को माँ के चूत से रगड़ना सुरु करदिअ जिसकी वजह से माँ के अंदर भी जोश चढ़ने लगा था तो माँ भी अंकल के सुरताल के साथ अपने चूत को उठाके अंकल के लण्ड से दबाने लगी एक दम जैसे कपडे के ऊपर से ही चुदाई चल रही हो........उउउउउउफफ्फ्फ मेरे लण्ड की हालत क्या होगी इस वक़्त ये आप लोग समझ सकते है...//
 
अब अंकल ने माँ को अपने ऊपर कर लिया और अपने बदन से चिपका के माँ को अपने बाँहों में कस लिया ऊऊफफफफ माँ इस हालत में अंकल के ऊपर लिटी थी और माँ की चूचियां अंकल के सीने से टकरा रही थी और लगातार दोनों एक दूसरे के वासनाओं में डूबे थे //
 
उउउउफ मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था की माँ अंकल के साथ इस हालत में है मैंने तो सोचा भी नहीं था की ऐसी सीन भी मेरे जीवन में आएगी लेकिन जो भी हो मुझे इस वक़्त मज़ा बहुत आ रहा था मैं ये भी सोच रहा था की कितने आराम से दोनों रोमांस कर रहे थे किसी बात का कोई डर ही न हो लेकिन डर किस बात का उन लोगो को ये थोड़ी पता था की मैं माँ और अंकल का रोमांस देख रहा हु .......//


माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्हह भाई साहब जल्दी करिये जो करना है घडी में भी नज़र डालिये २ बज रहे है मेरा बेटा भी ४ बजे तक आजायेगा आआआह्ह्ह्हह्ह //
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#4
माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्हह भाई साहब जल्दी करिये जो करना है घडी में भी नज़र डालिये २ बज रहे है मेरा बेटा भी ४ बजे तक आजायेगा आआआह्ह्ह्हह्ह //


अंकल:- अरे मेरी जान अभी तो पूरे पूरे ंटे है न आराम से करो न मेरी जान जल्दी बजी कैसी अपने जवानी का स्वाद चखने दो न सिर्फ चूत में लण्ड डाल के चुदाई करदु तो क्या मज़ा रहेगा ये काम तो तुम्हारा हब्बी भी करता होगा अरे बदन के एक एक अंग का मज़ा लेने दो तुम भी मज़ा लो न ह्ह्ह्हहम्म्मम्म्म्म //
अब माँ अंकल के ऊपर बेखौफ लेती थी और शायद उन्हें भी अंकल की बात समझ आई होगी और मैंने अब देखा की माँ भी अंकल के लण्ड पे अपने छूट की घिस रही है और अंकल माँ के आधे चूचियों को चुम रहे है दोनों की सासें तेज़ चल रही थी उउउउउउउफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मुझे माँ का जोश देख के यकीन नहीं हो रहा था की माँ के अंदर इतना सारा जोश है ऊऊह्ह्हह्ह //

माँ अंकल को इतने जबरदस्त तरीके से किश कर रही थी की क्या बताऊँ माँ के चुतर लगातार हिल रहे थे अंकल के लण्ड पे घिसने की वजह से माँ के चूचियां भी अंकल के सीने से रगड़ खा रही थी एकदम बेफिक्र होके माँ अंकल की किश किये जा रही थी //

माँ:- आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब सही बात है सिर्फ चुदाई में कुछ नहीं रक्खा है असली मज़ा तो चुदाई के पहले जोश में आता है जो अभी हो रहा है आआआअम्म्मम्म

अंकल :- उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ मेरी जान आपका जोश तो सातवें आसमान पे है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#5
माँ:- आआअह्हह्ह्हम्मम्मम्मम तुम्हारे साथ राहु और मुझे जोश न आये ऐसा कैसे हो सकता है ........


माँ का जोश देख के मेरा भी जोश सातवे आसमान पे था मन तो कर रहा था की मई भी पीछे से जाके माँ के ऊपर लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था शुरुआत में तो मुझे अजीब फील हो रहा था लेकिन अब मुझे दोनों को देखने में मज़ा आने लगा था....मैं  माँ और अंकल को देख के अपने लण्ड को हिला रहा था...........

अब मैंने देखा की अंकल ने माँ की ब्रा में हाथ डालना शुरू किआ जिसे देख के मेरा लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी ........

माँ भी अंकल की बाँहों में थी और अंकल माँ की चूचियां ब्रा के अंदर हाथ डाल के दबा रहे थे और माँ के निप्पल एक दम खड़े थे जो ब्रा के ऊपर से पता चल रहा था मैंने फिर नोटिस किआ की अंकल ने माँ का मुँह मेरी तरफ किआ था जिधर से मैं देख रहा था और अंकल खिड़की की तरफ देखते हुए माँ की चूचियां दबा रहे थे

ब्रा के अंदर हाथ डाल के उउउउउउफफ्फ्फ अब माँ की नाँघि चूचियां अंकल के हाथ में थी जो की मैं देखने के लिए बेताब था लेकिन अंकल माँ की ब्रा को निकल ही नहीं रहे थे सिर्फ चूचियां दबा दबा के किश किये जा रहे थे .........स्स्सस्स्स्शह्ह्हह्ह मुझे बेताबी छाई थी की कब माँ की ब्रा  निकलेगी और मैं कब माँ के प्यारी चूचियां देख पाउँगा ..........अब थोड़ी देर बाद अंकल ने माँ को पेट के बल लिटा
दिए और माँ के नंगी पीठ को चूमने लगे और अपने हाथों से माँ की नंगी पीठ को सहलाने लगे

अब जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था वही होने लगा अंकल ने माँ के ब्रा का हुक खोल दिआ और पीछे से माँ की पीठ एकदम नाँघि चिकनी दिख रही थी जिसे
अंकल अपने होठो से चूमे जा रहे थे उउउउउफफ्फ्फ्फ़ मेरा लैंड ये सब देख के बेकाबू हुआ जा रहा था माँ:- आहहहाआआअह्ह्ह्ह भाई साहब क्या कर रहे है गुदगुदी हो रही है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म ......
अंकल:- अरे मेरी जान तुम्हारे सेक्सी खूबसूरत बदन का मज़ा ले रहा हु और तुम्हे भी मज़ा दे रहा हु ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म क्या सेक्सी पीठ है तुम्हारी कोई भी देख ले तो घायल होजाये उसके लुंड से तो पानी निकल जाये खड़े खड़े ........आआआआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम

माँ:- आआह्ह्ह्हह क्या आप भी कुछ भी बोलते है ाआआआंमम्मम्म उउउउउफफ्फ्फ्फ़ इतने आराम से तो बहुत दिनों बाद कर रहे है आआअह्हह्ह्ह्ह .........

अंकल:- अरे मेरी जान रोज़ मई लंच के बहाने ऑफिस से आता हु उतनी देर में ही सब कुछ करना होता है आज तो हाफ डे लेके आया हु सिर्फ तुम्हारे लिए आअह्ह्ह ताकि तुम्हारे बदन के एक एक सेक्सी अंग का मज़ा ले सकू वार्ना कल तो मेरी बी आजायेगी फिर साल भर की फुर्सत आआआह्ह्ह्हहह्म्ममम्मम्म्म्म
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#6
माँ:- आआअह्हह्ह्हम्मम्मम्मम तुम्हारे साथ राहु और मुझे जोश न आये ऐसा कैसे हो सकता है ........


माँ का जोश देख के मेरा भी जोश सातवे आसमान पे था मन तो कर रहा था की मई भी पीछे से जाके माँ के ऊपर लेट जाऊं लेकिन नहीं कर सकता था शुरुआत में तो मुझे अजीब फील हो रहा था लेकिन अब मुझे दोनों को देखने में मज़ा आने लगा था....मैं  माँ और अंकल को देख के अपने लण्ड को हिला रहा था...........

अब मैंने देखा की अंकल ने माँ की ब्रा में हाथ डालना शुरू किआ जिसे देख के मेरा लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी ........

माँ भी अंकल की बाँहों में थी और अंकल माँ की चूचियां ब्रा के अंदर हाथ डाल के दबा रहे थे और माँ के निप्पल एक दम खड़े थे जो ब्रा के ऊपर से पता चल रहा था मैंने फिर नोटिस किआ की अंकल ने माँ का मुँह मेरी तरफ किआ था जिधर से मैं देख रहा था और अंकल खिड़की की तरफ देखते हुए माँ की चूचियां दबा रहे थे

ब्रा के अंदर हाथ डाल के उउउउउउफफ्फ्फ अब माँ की नाँघि चूचियां अंकल के हाथ में थी जो की मैं देखने के लिए बेताब था लेकिन अंकल माँ की ब्रा को निकल ही नहीं रहे थे सिर्फ चूचियां दबा दबा के किश किये जा रहे थे .........स्स्सस्स्स्शह्ह्हह्ह मुझे बेताबी छाई थी की कब माँ की ब्रा  निकलेगी और मैं कब माँ के प्यारी चूचियां देख पाउँगा ..........अब थोड़ी देर बाद अंकल ने माँ को पेट के बल लिटा
दिए और माँ के नंगी पीठ को चूमने लगे और अपने हाथों से माँ की नंगी पीठ को सहलाने लगे

अब जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था वही होने लगा अंकल ने माँ के ब्रा का हुक खोल दिआ और पीछे से माँ की पीठ एकदम नाँघि चिकनी दिख रही थी जिसे
अंकल अपने होठो से चूमे जा रहे थे उउउउउफफ्फ्फ्फ़ मेरा लैंड ये सब देख के बेकाबू हुआ जा रहा था माँ:- आहहहाआआअह्ह्ह्ह भाई साहब क्या कर रहे है गुदगुदी हो रही है ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्म ......
अंकल:- अरे मेरी जान तुम्हारे सेक्सी खूबसूरत बदन का मज़ा ले रहा हु और तुम्हे भी मज़ा दे रहा हु ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म क्या सेक्सी पीठ है तुम्हारी कोई भी देख ले तो घायल होजाये उसके लुंड से तो पानी निकल जाये खड़े खड़े ........आआआआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम

माँ:- आआह्ह्ह्हह क्या आप भी कुछ भी बोलते है ाआआआंमम्मम्म उउउउउफफ्फ्फ्फ़ इतने आराम से तो बहुत दिनों बाद कर रहे है आआअह्हह्ह्ह्ह .........

अंकल:- अरे मेरी जान रोज़ मई लंच के बहाने ऑफिस से आता हु उतनी देर में ही सब कुछ करना होता है आज तो हाफ डे लेके आया हु सिर्फ तुम्हारे लिए आअह्ह्ह ताकि तुम्हारे बदन के एक एक सेक्सी अंग का मज़ा ले सकू वार्ना कल तो मेरी बी आजायेगी फिर साल भर की फुर्सत आआआह्ह्ह्हहह्म्ममम्मम्म्म्म
// सुनील पंडित // yourock
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बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#7
माँ:- क्यों बीच बीच में जो मौके का फायदा उठाते हो उसका क्या कभी मेरी चूचियों का दबाते हो कभी मेरी पेटीकोट में हाथ डाल देते हो

अंकल:- अरे मेरी जान वो सब तो चलता ही रहता है लेकिन आज के जैसा मज़ा तो नहीं मिल पता न ह्ह्ह्हहम्म्मम्म्म्म जितने आराम से तुम्हारे बदन से खेल पा रहा हु आआअह्ह्ह्हह तुम्हारा ये सेक्सी बदन मुझे तुम्हारा गुलाम बना लिए है आआह्ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम  

माँ और अंकल की सेक्सी बातें सुन के मेरी तो हालत ख़राब होए लगी मेरे लण्ड से प्री क्रीम निकलने लगा उउउउउफफ्फ्फ माँ के मुँह से ऐसी बाते पहले कभी नहीं सुना था न कभी सोचा था उउउउउउफफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरी हालत क्या होगी ये आप लोग समझ रहे होंगे.......आआअह्हह्ह्ह्हह अब अंकल माँ की पीठ चूमते चूमते माँ के सेक्सी चुतरों पे आगये और अपने मुँह से माँ के चुतरों को पेटीकोट के ऊपर दबा दबा के किसी आम की तरह चूसने लगे और मैंने देखा की माँ के पेटीकोट अंकल के थूक की वजह से एकदम गीला होगया था
// सुनील पंडित // yourock
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बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#8
ये सब सीन देख के मेरे लण्ड ने फुंकार लगाना सुरु कर दिआ उउउउउफफ्फफ्फ्फ़  अब मैंने देखा की अंकल ने माँ को सीधा लेटा दिआ और माँ के पेटीकोट को उठा के  पैंटी को चुने लगे.......

अंकल:- आआह्ह्ह्हह मेरी जान तुम्हारी छूट तो पानी छोड़ना सुरु कर दी ऊऊफफफफफफ..........
माँ :- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तुम मुझे इतनी देर से तड़पा रहे तो किसी की पैंटी गीली होजाये आआआहहहहह क्या कर रहे हो आज तुम मेरी तड़प बढ़ती जा रही है आआअह्ह्ह्हममममम
अंकल:- अरे मेरी जान तड़प बढ़ईगी तभी तो मज़ा आएगा तभी तो जोश दुगना होगा आआह्ह्ह्हह क्या खुशबू आरही है तुम्हारी पैंटी से ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म
माँ:- तो उतर के लुंड डालो न आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम

माँ के मुँह से ऐसी बातें सुन के मेरे लुंड में और जोश आने लगा मन तो कर रहा था की माँ को जाके सीधा उनके छूट में लण्ड पेल दू लेकिन मुझे माँ की तड़प देखने में मज़ा आरहा था .........उउउउउउफफ्फक्या बेताबी थी माँ के अंदर छूट में लण्ड लेने की आआआअह्हह्ह्ह्हह मज़ा आ रहा था ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम

अब अंकल माँ के ऊपर फिर चढ़ गए और अपने लण्ड को माँ के पैंटी से से रगड़ते हुए माँ के दोनों चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे अंकल माँ के ऊपर ऐसे हिल रहे थे जैसे उनकी चुदाई कर रहे हो लेकिन अभी तो नहीं अंकल का लुंड निकला था और न ही माँ की पैंटी लेकिन है माँ का पेटीकोट कमर तक था और पैंटी हलकी दिख रही थी
 
साइड से माँ की ब्रा पीछे से हुक खुले होने के वजह से एकदम ढीली थी यु समझ लीजिये की बस माँ को चूचियां ढकी थी ब्रा से और अब अंकल थोड़ा बेकाबू हो गए और माँ की ब्रा थोड़ा थोड़ा चूचियों से हटने लगी और अब वही हुआ जिसका मुझे इतनी देर से इंतज़ार था माँ की चूचियों से ब्रा पूरी तरह हैट गया और मुझे मेरी माँ के सेक्सी गोर गोर चमकती चूचियां दिखने लगी
 
जिसे देख मेरे लण्ड की हालत ख़राब होने लगी उउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ माँ के चूचियों पे खड़े खड़े निप्पल क्या गज़ब लग रहे थे .......
 
अब माँ को थोड़ा शर्म सी आई और माँ ने अपने दोनों हाथो से अपने चूचियों को ढकने का प्रयास किआ अंकल:- क्या हुआ मेरी जान तुम रोज़ की तरह शर्मा गई आज भी और जब चुदाई होती है तुम्हारी तब शर्म कहाँ जाती है माँ:- मुस्कुराते हुए ........ हम्मम्मम्मम्म अब मुझे शर्म आती है तो क्या करू.....आआआहहहहह

अंकल:- अच्छा अब हटाओ हाथ और मुझे खूबसूरत चूचियों से आननद लेने दो ह्ह्ह्हहम्म्म्म और अंकल ने माँ के चूचियों से हाथ हटाया और सीधा अपने होठो को माँ के खड़े निप्पल से लगा दिए आआआह्ह्ह्हह्ह अंकल जिस तरह से माँ के चूचियों को अपने मुँह में लेके पी रहे थे और माँ भी आराम से सब शर्म खो के अपने सेक्सी गोरी चूचियों को पीला रही थी ये सब देख के मेरा लण्ड फुंकार मरने लगा था और उसमे से जोश के कारन रास निकलने लगा था
 
उउउउउफफ्फ्फ्फ़ बड़े आराम से अंकल माँ की चूचियां पिए जा रहे थे अंकल के दोनों हाथ के कब्ज़े में थी माँ की सेक्सी नंगी चूचियां आआह्ह्हह्ह्ह्ह माँ की चूचियां दबा दबा के पीते वक़्त अंकल की नज़र फिर मेरी तरफ पड़ी और माँ के ऊपर चढ़ के माँ के चूत पे अपने लण्ड से दबाव बना के माँ की चूचियां ज़ोर ज़ोर से पी रहे थे ....आआआहहहहह माँ भी बिना किसी दर के बड़े आराम से अंकल को अपने बाँहों में भर के अपने बूब्स को पिला रही थी .... अंकल :- आआअह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी ये हसीं चूचियां पीने से मेरा मन ही नहीं भरता मन तो करता है की दिन रत पीता रहू और तुम्हारी बाँहों में लिपटा रहू आआह्ह्ह्हह्ह

माँ:- आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब सिर्फ दोपहर के १२ से तक ही आह्ह्ह्ह पिला सकती हु इस टाइम के अलावा नहीं पिला सकती हु अह्हह्ह्ह्ह
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#9
अंकल:- है मेरी जान वो तो मुझे पता है काश की तुम मुझे पूरी रात के लिए मिलती तो मज़ा आजाता ह्ह्ह्हम्म्म्म तुम्हारे ये खड़े निप्पल को चूसने का मज़ा ही कुछ और है आआअह्हह्ह्ह्हहम्म्म्म //

 
अंकल माँ की चूचियां पीते पीते फिर मेरी तरफ देखे तब मुझे लगा की कुछ तो गड़बड़ लग रही है फिर भी मई ढीट की तरह दोनों को देखता रहा क्यों की मेरे लण्ड को ये सब नज़ारा देखने में मज़ा आ रहा था आआआह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम //

अंकल माँ के दोनों नन्हे चूचियों को अपने हाथो से दबा दबा के पूरी तरह से मज़ा ले रहे थे और माँ भी अंकल का पूरा साथ दे रही थी अब मई माँ की चूचियां तो देख लिआ लेकिन अब मुझे माँ के चूत को देखने की बेताबी थी जहाँ से डैड ने अपने लण्ड डाल के मुझे पैदा किआ उउउउउउफफ्फ्फ मई तो सोच सोच के छटपटा रहा था की जल्दी से माँ के चूत को देख लू आआह्ह्ह्ह //

 
अब शायद वही होने जा रहा था जिसका मुझे इंतज़ार था मैंने देखा की अंकल माँ के पेटीकोट को कमर के ऊपर तक कर दिए //
 
और अब मुझे माँ की पंतय साफ दिखने लगी माँ ने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी हुई  थी और अंकल माँ के पैंटी के ऊपर से ही चूत को चाट रहे थे //

पैंटी के ऊपर जीभ के लगने से माँ को थोड़ा गुदगुदी सी हुई और हसी आगई....//
 
माँ:- आआआअह्हह्ह्ह्ह भाई  साहब क्या कर रहे हो गुदगुदी हो रही है आआह्ह्ह्हह्ह
 
अब अंकल ने माँ के पेटीकोट को निकलदीआ और माँ अब सिर्फ पैंटी में थी जिसमे माँ की असली चीज़ थी चूऊऊतआआअह्ह्ह्ह और अंकल माँ के बगल में आके माँ से लिपट गए और जोरोसे किश करने लगे ........//
 
 
और माँ को अपने ऊपर कर लिए और माँ के नंगे पीठ को सहलाते हुए अपने हाथ को माँ के चुतर तक ले गए......//
 
और माँ के चुतरों को दबा दबा के किश करे जा रहे थे .......मुझे ये सोच सोच के जलन हो रही थी की माँ जैसी खूबसूरत औरत अंकल के ऊपर नंगी लेती है काश मेरे ऊपर लेट जाती आआआआह्ह्ह्हह्ह तो मै अंकल से ज्यादा मज़ा देता माँ को आआआअह्हह्ह्ह्हह ये सोच सोच के मेरे लण्ड की हालत ख़राब हो रही थी आआआहहहहहहह //
 
अब मैंने देखा की अंकल माँ के चुतरों को जोर जोर से दबा रहे है और माँ के गांड के छेद के पास अपने उंगली को घुमा रहे है और माँ अंकल के लन्ड के ऊपर हिल रही थी ........//
 
माँ:- आआआआह्ह्ह्हह्ह भाई साहब आज कोई नया इरादा तो नहीं है न आआआह्ह्ह्हह्ह//

अंकल:- अरे नहीं नहीं मेरी जान चिंता मत करो मई तुम्हारी गांड में लन्ड नहीं डालूंगा बस मई तो तुम्हारी गांड से खेल रहा हु ये तो कर सकता हु न आआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म //

माँ:- अच्छा  आआआअह्ह्ह्ह फिर ठीक है है आआआआह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल:- आआआआह्ह्ह्हहमेरी जान मई तो तुम्हारे गांड का दीवाना हु तुम्हारे गांड की महक मेरे रूम तक आती है तो मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है आआअह्हह्ह्ह्ह
माँ:- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या आप भी कुछ भी कहते है आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब अंकल ने माँ के पैंटी में हाथ दाल दिए और अब अंकल के हाथ में माँ के दोनों नंगे चुतर थे जिसे अंकल बड़े प्यार से दबा रहे थे आआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह ये सीन देख के मेरी हालत क्या थी मई क्या बताऊँ //
 
आआआआअह्ह्ह्हह्ह्हम्मम्मम्मम
माँ :- आआह्ह्हह्ह्ह्ह भाई साहब थोड़ा टाइम भी देखिये ३:३० से पहले तक मुझे शांत कर दीजियेगा नहीं तो जब मेरा बीटा आजायेगा तो मुझे शांत कोण करेगा मेरी छूट की तड़प बढ़ती जा रही है ........

अंकल:- अरे मेरी जान कौन क्या शांत करेगा .........तुम्हारे बेटे के पास भी तो लन्ड है न आआआआहहहहहहह
माँ:- क्या मतलब तुम्हारा आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#10
अंकल:- अरे मेरी जान मतलब तो तुम अच्छे से जान रही हो आआआहहहहहहह मैंने एक दिन तुम्हारे बेटे के रूम में देखा था की अपने लन्ड को हिला रहा था काफी बड़ा लन्ड है तुम्हारे बेटे का मुझसे भी बड़ा आआआआहहहहह

माँ:- क्या बात कर रहे हो तुमने कब देख लिए मेरे बेटे का लन्ड उउउउउउफफ्फफ्फ्फ़ 
अंकल:- अरे यही कुछ ४-५ दिन पहले क्या गज़ब का लन्ड  है तुम्हारे बेटे का जिसके चूत में जायेगा उसकी चीख निकल जाएगी ......आआअह्हह्ह्ह्ह 
माँ:- अब इस उम्र में ऐसा होता है बच्चे अपने लन्ड के साथ खेलते है आअह्ह्ह्ह  तुम  अपना काम करो जल्दी से करो टाइम होने वाला है आआह्ह्ह्हह 
अब ये सब बातें सुन के मेरी तो हवा निकल गई की अंकल मुझे कब देख लिए और माँ से मेरे लन्ड के बारे में ऐसी बाते सुन  के आआह्ह्ह्हहह्हूऊऊऊफफफफफफ काश की मेरी माँ मेरा लन्ड अपने हाथों में एक बार पकड़ लेती तो आआआअह्हह्ह्ह्ह 
अब वो टाइम आगया जिसका मुझे बेसब्री से इंतज़ार था आआआआअह्ह्ह्हह्हुउउउउउउउफफफफ अंकल ने माँ की पैंटी निकाल दी और माँ अब अंकल के सामने फुल न्यूड थी थी और मुझे माँ की चूत साफ साफ दिखने लगी थी सावली चूत थी माँ की हलके हलके बाल था और मैंने देखा की अंकल बिना टाइम गवाए माँ के छूट को अपने मुँह से लगा के किसी आम की तरह चूसने लगे और ये सब सीन देख के मेरे मुँह में पानी आने लगा आआआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.........
अंकल:-आआआह्ह्ह्हह्ह मेरी जान लगता है आज चूत के बाल साफ की हो आआह्ममममममम तभी तुम्हारी चूत  को साफ साफ देख पा रहा हु क्या रस है तुम्हारे चूत का मेरी जान एकदम नमकीन ससससससरररययीप्पप्प ........
माँ:- हा हा भाई साहब आज ही साफ की हु तुम्हारे लिए ही तुम्हे चूसने में परेशानी होती है न आआआआह्ह्ह्हह्ह्चुसो जोर से आअह्हह्ह्ह्ह

माँ अपने दोनों पैरों को फैला के अंकल के सर को पकड़ के अपने चूत को चुसवा रही थी और अंकल भी माँ के चुतरों  को नीचे से उठा उठा के माँ के चूत का रसपान कर रहे थे
उउउउउउफफ्फ्फ्फ़ ये सीन तो मेरे लन्ड की ताक़त को और बढ़ा रही थी मेरा लन्ड एकदम तना हुआ था और मेरे लन्ड से भी रस गिर रहा था लेकिन उसको चूसने वाला कोई नहीं था आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह मै अपने हाथो से अपने लन्ड को हिला रहा था //
अब मै अपने माँ को पूरा नंगा देख सकता था क्या गज़ब तरीके से अंकल माँ की चूत चूस रहे थे मेरे मुँह में भी पानी आ रहा था // अंकल के सर को सेहला सेहला के अपने चूत को चुस्वाए जा रही थी ........//
अंकल:- आआआअह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी चूत का क्या कहना ह्ह्ह्हम्मम्मम लाजवाब है अह्ह्हम्मम्मम्म आजाओ मेरी जान अपने आशिक़ के मुँह पे अपने चूत को लगा के बैठ जाओ आआआअह्ह्ह

माँ:- जल्दी करो मेरा बेटा आता ही होगा आआआअह्हह्ह्ह्ह

अब माँ अंकल के मुँह के पास अपने चूत को लगा के खड़ी हो गई अपने दोनों नाँघि टाँगे फैला के अपने चूत को अंकल के जीभ से चटवाने लगी और अंकल भी कुत्ते की तरफ माँ की चूत को चाट रहे थे ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम क्या किस्मत है अंकल की माँ की नंगी चूत का रस पीने  को मिल रहा था आआअह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम //
अब माँ अंकल के ऊपर बैठ गई और अपने चूत को लगातार अंकल को पिलाये जा रही थी ....//
माँ:- आआआअह्ह्ह्हहभाई साहब आह्ह्ह्ह बस भी करो क्या सारा रस आज ही पिजओगे क्या आअह्हह्ह्ह्ह कुछ पेट में अपने बीवी की चूत का रस लेने के लिए छोड़ दो आआआह्ह्ह्हह्ह //

अंकल:- अरे मेरी जान जो बात तुम्हारी चूत में है उसकी चूत में नहीं ससससरैय्यपपपपपप पीने दो आज जी भर के आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह //
माँ:- आआआह्ह्ह्हह्ह्पियो लेकिन वो देखो तुम्हारा लण्ड कैसे कैसे खड़ा होक हिल रहा है आआआहहहहहहह  

अंकल:- अरे मेरी जान तो अपने हाथो से पकड़ लो न अपने आशिक़ का लण्ड नहीं तो कही भाग जायेगा हा हा हा हाआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह //

माँ:- अच्छा ऐसी बात है तो पकड़ना पड़ेगा क्यों की भाग जायेगा तो मेरी चूत को शांत कौन करेगा हा हा आआआआह्ह्ह्हह्ह //
 माँ:- आआआह्ह्ह्हह्ह्पियो लेकिन वो देखो तुम्हारा लण्ड कैसे कैसे खड़ा होक हिल रहा है आआआहहहहहहह अंकल:- अरे मेरी जान तो अपने हाथो से पकड़ लो न अपने आशिक़ का लण्ड नहीं तो कही भाग जायेगा हा हा हा हाआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ:- अच्छा ऐसी बात है तो पकड़ना पड़ेगा क्यों की भाग जायेगा तो मेरी चूत को शांत कौन करेगा हा हा आआआआह्ह्ह्हह्ह //
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
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#11
और माँ ने अंकल का लण्ड अपने हाथ में ले लिया और हिलने लगी ये सीन देख के मेरा लण्ड तो जैसे पगला गया लेकिन मैंने भी अपने हाथों से उसे पकड़ लिया और हिलने लगा आअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह क्या सीन चल रही थी बहुत मज़ा आ रहा था उउउउउउफफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ //

माँ अंकल का लण्ड पूरे जोश के साथ हिला रही थी अंकल जितनी तेज़ माँ की चूत चूसते उतनी तेज़ माँ अंकल का लण्ड हिलती .........माँ की गोरी गोरी सेक्सी चूचियां लटक रही थी जो की मुझे साफ दिख रही थी आअह्ह्ह्हह्हह मन तो कर रहा था की जाके अपने माँ के चूचियां पी लू लेकिन नहीं जा सकता था ऊऊफफफफ ये बेताबी आआआहहहहहहह

अंकल :- आआआहहमेरी जान सर हिलती रहोगी की कुछ और भी करोगी ........ आआअह्हह्ह्ह्हह//

माँ:- आआह्ह्ह्हम्रे राजा क्या करना है ...बताओ मेरे आशिक़ //

अंकल:- अब आशिक़ बनाया है तो बात भी माननी पड़ेगी मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेके चुसो न आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह  //

माँ:- अब आशिक़ की बात तो माननी पड़ेगी कभी चूसी नहीं हु तुम्हारा लण्ड आज चूसना पड़ेगा आखिर आशिक़ी का सवाल है आआआह्ह्ह्ह //
अब अंकल के कहने पर माँ ने अपने मुँह में अंकल का लण्ड थोड़ा सा लिया // अंकल:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह   मेरी जान तुम्हारे मुँह में मेरा लण्ड वह आज मेरा सबसे अच्छा दिन है लगता है
माँ:- आआह्ह्ह्हह भाई साहब तुम्हारा लण्ड तो सही में बहोत नमकीन है ह्ह्ह्हह्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह 

अंकल:- आआअह्हह्ह्ह्हह चुसो मेरी जान अपने भाईसाहब का लण्ड और चुसवाओ अपनी चूत आआआअह्हह्ह्ह्ह क्या बात है भाई भी बनाई हो और उसका लण्ड भी चूस रही हो आह्ह्हह्ह्ह्ह मई भी तुमको अपनी बहन बना लू क्या आआअह्हह्ह्ह्हह क्या चूत का स्वाद है मेरी बेहेन का आआआहहहहहहह 

इस बात से माँ को हंसी आ गई ......//

माँ:- क्या बात कर रहे है आप आआअह्हह्ह्ह्ह कोई अपनी बेहेन के साथ ऐसा करता है क्या आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह 
अंकल:- अरे मेरी जान तुम बहुत भोली हो .......बेहेन क्या यहाँ माँ बेटे भी एक दूसरे के साथ करते है आअह्ह्ह्ह 
माँ:- तुम बहुत बदमाश हो ऐसा थोड़ी होता है आअह्ह्ह्हह्हह मममममम 
अंकल :- अच्छा तुमको विस्वास नहीं हो रहा है है तो मई तुम्हे दिखाऊंगा अपने मोबाइल में माँ बेटे का पोर्न आआआअह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्म्ममम्मम्म्म्म

और अंकल की बातें सुन के माँ के अंदर अजीब सी गर्मी चढ़ गई वो अपने चूत को अंकल के मुँह से ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी उउउउउउफफ्फफ्फ्फ़ ये सब बातें सुन के मुझे भी मज़ा आ रहा था उउउउउउउउउफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ क्या गज़ब तरीके से माँ अंकल का लण्ड चूसे जा रही थीअंकल भी माँ के नंगे चिकने चुतर को सहलाते हुए दबाते हुए चूसे जा रहे थे उउउउउउफफ्फ्फ्फ़

माँ:- अच्छा दिखाना बेड  में फुर्सत से आआआहहह पहले मेरी छूट को ठंडा करो ........आआआआह्ह्ह्ह

अब मेरा जो इंतज़ार था वो ख़तम हुआ आखिर माँ के चिकटे सेक्सी चूत में अंकल का लण्ड जाने वाला था उउउउउउउउफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरा लुंड तो एक दम टाइट हो गया ये सोच के की माँ की चुदाई पहली बार देखने जा रहा हु
ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम् अंकल:- अरे हा हा मेरी मेहबूबा आज तुम्हारी चूत को मै अपने लण्ड से दो राउंड चोदूंगा आआआह्ह्ह्हह्ह क्यों की कल के बाद पता नहीं कब मिलेगी तुम्हारी चूत आआअह्हह्ह्ह्ह 

माँ :- अच्छा बाबा ठीक है चोद लो लेकिन पहले लण्ड तो डालो आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह

अब माँ लेट गई और और अंकल माँ के चूत से अपने लण्ड को सत्ता दिए ......
अंकल:- आआह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान कितनी हॉट चूत हो गई है तुम्हारी आआह्ह्ह्ह ऊऊफफफफफ
माँ:- तुम्हारा लण्ड भी ठंडा नहीं है वो भी तो कितना गरम है जब गरम गरम की टक्कर होगी तो क्या होगा उउउउउउउउठ्हाआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह डालो न क्यों ताड प् रहे हो ........

अंकल माँ की चूत पे अपने लण्ड को लगातार घिसे जा रहे थे इससे माँ की बेताबी  और बढ़ रही थी ये सब देख के मेरे लण्ड की हालत एक दम ख़राब हो रही थी माँ इस तरह अंकल के नीचे लेती थी जैसे की एक प्रेमिका एक प्रेमी के नीचे नंगी लेती हो उउउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या गज़ब की सीन थी यारों ..........

अंकल:- आआह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम्हारी तड़प देख के मेरे अंदर और जोश आता है तुम्हे जब कपड़ो में नार्मल देखता हु तो अलग रूप रहता है और जब मेरे सामने नंगी लेट जाती हो अपनी खूबसूरत बदन मुझे चखने देती हो तो अलग रूप में  रहती हो ऊऊफफफ ये तुम्हारी ये गरम चिकनी गीली चूत जिसमे से कीमती रस निकल रहा है क्या बताऊ कितना मज़ा आ रहा है आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.......

माँ को शायद शर्म आ रही थी उन्होंने अपनी आखें बंद की थी और अपने गरम चूत को अंकल के लण्ड के हवाले कर दी थी अंकल को भी माँ के गीली चूत पे अपने लण्ड को रगड़ के माँ की तड़प देखने में मज़ा आ रहा था मैंने भी माँ का जोश पहली बार देखा था एक लुंड को अपने चूत में घुसाने की तड़प देख रहा था माँ के चहरे पे  ...........१० मं तक ऐसे ही चलता रहा कभी माँ के गले में चूमते अंकल कभी माँ के गालो पे किश करते कभी होठो को चूमते

माँ:- आअह्ह्ह्ह भाई साहब दाल दो न अब नहीं बर्दाश होता है आआआह्ह्ह्ह क्यों तड़पा रहे हो ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम .......
// सुनील पंडित // yourock
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#12
अंकल:- आहहहहहहमेरी जान जल्दी क्या है तुम्हारा इस तरह तड़पना मेरे लिए किसी नशे से काम नहीं है आआह्ह्हम्मम्मम

 
अब माँ से नहीं रहा गया तो मैंने देखा की माँ खुद ही अंकल का लण्ड पकड़ी और अपने चूत में डालने लगी
 
ये सीन देख के मुझे यकीन नहीं हुआ की माँ ऐसा भी कर सकती है एक औरत की प्यास क्या होतो है आज मैंने देख लिया और अब अंकल भी माँ के चूत में अपने लण्ड को पूरा डालने लगे और जब माँ के चूत के अंकल का पूरा लण्ड चला गया तो माँ के मुँह से आआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाज़ आने लगी उउउउउफफ्फ मुझे साफ दिख रहा था की माँ की चूत में अंकल का पूरा लण्ड चला गया है
 
माँ अपने दोनों टांगों को को फैला के अपने गीली चूत में अंकल का पूरा लण्ड ले ली और अंकल भी माँ के ऊपर से माँ को किश करने लगे
 
और फिर माँ के चूत की चुदाई सुरु कर दिए माँ के चूत में अपने लण्ड से धक्के लगाने लगे और माँ भी अंकल को पूरे जोश से अपने बाँहों में भर ली और अपने नन्हे बदन से चिपका ली और अंकल के साथ चुदाई का फुल मज़ा लेने लगी उउउउउउफफ्फ्फ्फ़ क्या गज़ब की चुदाई करवा रही थी माँ माँ के चूड़ियों की खनखनाहट और पायल की छनछनाहट अंकल के अंदर और जोश भर रही थी

माँ:- आआअह्हह्ह्ह्ह भाई साहब कुछ तो है आज तुम्हारे अंदर रोज़ से ज्यादा जोश दिख रहा है तुम्हारे लण्ड की शक्ति कुछ बढ़ गई है लगता है ऐसा लग रहा है की रात भर तुमको मुझे छोड़ने को मिले तो बिना रुके छोड़ते ही रहो मुझे आआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह 

अंकल:- अरे मेरी जान रोज़ मई लंच के बहाने ऑफिस से सिर्फ तुम्हारी चुदाई के लिए आता था और आधे घंटे में तुम्हारी चुदाई के साथ साथ खाना भी खाता था तो जल्दीबाज़ी में चुदाई होती थी तुह्मे पूरा नंगा करने का भी टाइम नहीं मिलता था पर आज देखो छुट्टी सिर्फ तुम्हारी चुदाई के लिया हु आज का पूरा दिन तुम्हारे लिए निकला हु और कितने दिनों बाअद मई तुम्हे पूरा नंगा किया हु आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह

 
माँ:- है मुझे यद् है जब पहली बार मुझे चोदे थे तब किये थे लास्ट ईयर जब तुम्हारी बीवी अपने घर गई थी और बीच बीच में जब तुम्हे मौका मिलता था तो मुझे चोदते थे पूरे एक साल बाद मुझे इतने अच्छे से चोद रहे हो आअह्ह्ह्हह्हह
अंकल:- आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी जान तुम सही कह रही हो आज तुम्हारी चुदाई मई दिल खोल के कर रहा हु और दिल खोलने का टाइम भी भरपूर मिल गया
 
हम दोनों को आह्ह्ह्ह काश की पूरी रात मिलती तुमसे प्यार करने के लिए तो मज़ा आ जाता आआह्ह्ह्हह रात भर तुम्हारी चुदाई करता उफ्फ्फफ्फ्फ़ 10 मिन बाद ..........
 
अंकल:- आआआह्ह्ह्हह्ह मेरी जान अब तुम मेरे लण्ड को अपने चूत में घुसा के आराम से अपने आशिक़ के ऊपर बैठ जाओ और अपने नंगे हुस्न के जलवे उछाल उछाल के दिखाओ आह्ह्हह्ह्ह्ह

माँ:- ऊऊऊह्ह्हह्ह्ह्ह लगता है अपने मेहबूबा के चूत को छोड़ते छोड़ते थक गए क्या .......आआआह्ह्ह्हह्ह

अंकल:- अरे नहीं मेरी जान १५ मिन से तुम्हारे ऊपर चढ़ा हु तो तुम भी मेरे ऊपर चढ़ जाओ अब तुम्हारी बारी आआआआह्ह्ह्हह्ह तुम्हारा महकता खूबसूरत बदन मुझे लगातर चोदने को मिले तो मई बिना रुके बस छोड़ता ही राहु मेरी जान आआआआह्ह्ह्हह्ह 

माँ:- हा हा भाई साहब मई जानती हु ....मज़ाक कर रही थी चलो लेटो तभी तो तुम्हारे बढ़ाना के सोफे पे तुम्हारे खड़े लण्ड को अपने चूत में घुसाउंगी आआआहहहहहहह


अब अंकल BED पे लेट गए और माँ अंकल के लण्ड को अपने चूत में घुसाने लगी और अंकल भी माँ के चिकनी कमर को पकड़ के माँ की मदद करने लगे उउउउउउउफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ 
 
मुझे माँ की दोनोंसेक्सी चूचियां साफ दिखाई पद रही थी
 
और अंकल का कमर से हाथ अब माँ के नंगे चिकने चुतरों पे चला गया और मैंने देखा की अंकल के पूरा लण्ड अब माँ के चूत के गहराई में चला गया ऊऊफफफफफफ मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था अब मुझे सच में एक चूत की ज़रूरत पद रही थी मन तो कर रहा था की तुरंत जा के माँ के चूत में लण्ड घुसा दू लेकिन हिम्मत नहीं पड़ी .....
 
अब माँ अंकल के ऊपर उछल उछल के चुदने लगी और अंकल माँ के चुतरों को दबा दबा के मज़े लेने लगी माँ के चुदाई का .........
 
अंकल:-आआआअह्हह्ह्ह्हह मेरी जान तुमको चोद के जो मुझे संतुस्टी मिलती है न वो अपने बीवी को भी चोद के नहीं मिलती उउउउउफफ्फ्फ्फ़ ये तुम्हारा गोरा चिट्टा बदन आअह्हह्ह्ह्ह तुम्हारे ये चिकने चुतर तुम्हारी ये गोल गोल सेक्सी चूचियां मन तो करता है की तुम्हारे बदन से दिनों रात लिपटा राहु और तुम्हारी चुदाई करता राहु आआअह्ह्ह्हह

माँ अंकल के मुँह से अपनी तारीफ़ सुन के और तेज़ी से उछल के चुदने लगी ..........और अंकल ने माँ को अपने बाँहों में चिपका लिया और माँ से पूरी तरह लिपट गए और तेज़ी से चोदने लगे उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़
 
माँ:- आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चोद लो भाई साहब अह्ह्ह्हह अपने मेहबूबा को फिर आज के बाद पता नहीं कब मौका मिलेगा आअह्ह्ह्हह्हह

माँ भी अंकल को अपने बदन से चिपका ली एकदम अपने बाँहों में जकड के चुदने लगी अंकल के लण्ड से आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह अब इस सीन को देख के मेरे लण्ड से अब बरदासश नहीं हो रहा था माँ के मुँह से आआअह्हह्ह्ह्ह की कहर निकल रही थी जो मुझे दीवाना बना रही थी उउउउउउफफ्फ्फ्फ़
 
१० मिन बाद..........

अब अचानक अंकल की रफ़्तार चेंज हो गई आआआअह्हह्ह्ह्ह

माँ:- आआअह्हह्ह्ह्हह भाई साहब लगता है अब आप का आने वाला है लण्ड में से मक्खन आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#13
अंकल :- आहाआआअह्ह्ह्हह्हह मेरी जान एक हुस्न की अप्सरा मुझे अपने बाँहों में कस के जकड लेगी तो मक्खन तो आएगा ही न आआआहहहहह वैसे  आप को पता कैसे चल जाता है की मेरा मक्खन आने वाला है आआअह्ह्ह्ह मेरी जान .......


माँ:- अब इतने दिनों से तुमसे चुद रही हु तो पता तो चलेगा ही न आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
अब अंकल अपना लण्ड माँ के चूत से बहार निकले और झरने लगे
और माँ के चुतरों पे अंकल का सारा मक्खन फ़ैल गया और माँ ने पीछे मुड़ के देखा तो माँ को हंसी आगई......
माँ:- आआआह भाई साहब आपने तो अपना मक्खन मेरे ब्रेड पे फैला दिए हा हा हा हा  आह्ह्ह्ह 

अंकल:- हा मेरी जान अब मुझे अपने ब्रेड मतलब अपने चूत पे लगा मक्खन खिला दो आआआह 

माँ फिर से अंकल के मुँह पे अपने चूत को  लगा दिआ और अंकल माँ की चूत पे लगा छुम चाटने लगे ह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्मम

माँ:- आह्ह्ह्ह भाईसहाब तुम्हारी यही हरकत मुझे समझ नहीं आती की मेरे चूत पे लगा छुम तुम क्यों चाटते हो आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह 

अंकल:- आह्ह्ह्हह मेरी जान तुम्हारी चूत पे कुछ भी लगा हो सब को चाट सकता हु मेरी जान की चूत है रसीली सेक्सी नमकीन आअह्ह्ह्हह्हह क्या टास्ते है आआआह्ह्ह्हह्ह 

माँ:- अच्छा बस करो मुझे अब कपडे पहनने दो बेटे का टाइम हो रहा है आने का आआआहहहहहहह ......

अब माँ फटाफट उठी और अपने कपडे पहनने लगी और अंकल लगातार माँ को कपडे पहनते हुए देख रहे थे ...........

माँ:- ऐसे क्या देख रहे हो अभी दिल नहीं भरा क्या मेरे भाई साहब .......

अंकल:- अरे मेरी जान तुमसे कभी नहीं दिल भरेगा हम्मम्मम्मम्म क्या खूबसूरत लगती हो साड़ी में ........दिल करता है एक राउंड और हो जाये आआआह्ह्म्म्मम्म्म्म

माँ:- नहीं नहीं अब बस मेरे बेटे का टाइम हो रहा है व्वो आता ही होगा अब तुम जाओ अपने रूम में .......

तब तक अंकल ने माँ को फिर से अपने बाँहों में भर लिए और माँ को चूमने लगे ..........
माँ:- आअह्हह्ह्ह्ह  के कर रहे हो अब बस भी करो आआअह्हह्ह्ह्ह तुम भी न आआआह्ह्ह्ह

अंकल:- आअह्ह्ह्ह मेरी जान जब तुम्हारा बेटा आएगा तो मै चला जाऊंगा ह्ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म तब तक तो चूसने दो अपने होठो को आआआह्ह्ह्हह्ह

माँ अंकल के चूमने से फिर से ढीली पड़ने लगी और अंकल का साथ देने लगी मै भी सोचने लगा की एक राउंड और देख लू माँ और अंकल की चुदाई .......
फिर तब तक डोरबेल बजी मै भी घबरा के अपने रूम में चुप गया और फिर अंकल भी अपने रूम में चले गए माँ ने देखा की पोस्टमैन आया है तो माँ ने सामान पिक किया और फिर अंदर आगे .........फिर कुछ देर बाद मै भी चुपके से बहार गया और थोड़ी देर बाद आगया घर पे ......... //

समाप्त
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#14
Very Exciting One. I do Like to Read this type of Sexiting Story. Thanks.
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