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#भाग 1
रूपा ने बनाया अपने पति को अनोखा कुक
इस कहानी का मुख्य पात्र जिम्मी है जो की हरियाणा राज्य के रोहतक शहर का रहने वाला है| पिछले 5 साल से दिल्ली में रह रहा है| जिसकी उम्र 28 साल और हाईट 5 फीट 6 इंच शरीर से नॉर्मल सा दिखने वाला गौरा गेँहुआ रंग का सीदा सा लड़का रहा है| जो कि एक private company में marketing की job करता है| जिसकी शादी को एक साल हो चुका है जिसकी बीबी का नाम रूपा है जिसकी उम्र 35 वर्ष फिगर 36 38 40 रंग साँवला बंगाली शेड वाला और शरीर दूध भरे हुए, कमर हल्की सी पतली व गांड चौंड़ी ठोस ऊपर को उठी हुई, मस्कुलर जांघें भरी हुई, और पैर मजबूत लंबाई 5 फीट 6 इंच स्वभाव से देखने में शर्मीली और संस्कारी पर बेहद शातिर नटखट चंचल चुपचाप बिना किसी की नजर में आये अंजान बन कर हर शरारत का रूह की गहराई से मज़े लेने वाली पर जियादा खुल कर बात करने पर भड़क जाने और बहुत ही उसूलों वाली सी मालूम पड़ती है| जैसे की एक शातिर और बेहद शांत और आकर्षक दिखने वाली भूखी शेरनी जिसकी भूख का अंदाज़ा लगाना नामुमकिन हो| जो बेहद चालाकी से silently निमंत्रण देती हो अपने शिकार को, और फिर शांत बैठ के अपने शिकार की छटपटाहट और बेचैनी को देखकर बहुत ही आनंदित महसूस करती हो और दिल से मज़े लेती हो, जिसे कोई जल्दबाज़ी नहीं किसी चीज की जो नई नई चीजों को experience करने के लिए हमेशा उत्सुक रहती हो, अगर इसके लिए मुझे कोई शब्द चुनना हो तो मैं कहूंगा बेहद laxzy है| यूँ तो हमारी लव मेरिज हुई थी पर हर एक चीज पर silently उसका पूरा नियंत्रण था उसकी लेक्जिनेस कमाल की है शातिर शिकारन जिसपे जाल फेंके वो फिर कभी उसके चंगुल से निकल न पाए|
जिम्मी दिखने में शर्मीला, स्वभाव से बेहद सौम्य और सरल लगता है| अगर जिम्मी और रूपा दोनों में एक बात कॉमन है तो वो यह कि दोनों को ही ज़िंदगी में नये नये experiences करने में बहुत मज़ा आता है, जिम्मी लिए अगर एक perfect शब्द में कहा जाए तो बेहद laxzas मिज़ाज़ का कह सकते हैं|
जबकि रूपा की कमर सांवली साईनिंग करती हुई ऐसे लगती है मानों दुनिया की सारी कशिश किसी ने उसके जिस्म के साँवले रंग के ज़र्रे ज़र्रे में बड़ी बारीकी से सितारों के जैसे जड़ दी हो उसके बाल इतने काले और मोटे और साईनिंग करते हुए हैं जैसे की रेशम के काले काले मोटे तागे जो की उसके मजबूत सुडौल कंधो पर बेहद खूबसूरती के साथ ऐसे लहराते हैं जैसे की जिम्मेदारी से लबरेज़ कोई बेहद जिम्मेदाराना औरत हो, और जब वह हँसती है तो उसकी कमसिन शरारती सी हल्का सा मुँह नीचे करके हँसने वाली हँसी से आँखे बंद हो जाती हैं और एक अजीब सी कशिश के कई बारीक से बल उसकी आँखों के बाहर की तरफ गालों के पास पड़ जाते हैं| जो किसी की भी नजरें उसके laxzy चेहरे पर अनचाहे ही टिकाए रखने को मजबूर कर देने के लिए काफी हैं| बहुत गौरी या जिसे दुनिया कहती है वैसी सुंदर तो नहीं है पर उसके अंग अंग में एक अलग ही तरह की कशिश एक अजीब सा नशा कूट कूट कर भरा है| ऊपर से उसकी silently मर्दों के सामने बिना उन्हें एहसास कराये पूर्णतया समर्पण कर देने वाली अदा जानलेवा है जिसे कोई समझ ही नहीं पाता जो भी मिलता है बस वो खो जाता है एक अंजान सी कशिश में, जब चलती है तो उसके दोनों चौड़े-चौड़े ऊपर को हल्के से उठे हुए और टाईट नितंब एक दुसरे के ऊपर इस तरह से चढ़ने की नाकाम कोशिश करते हैं जैसे चक्की के दो पाट एक दुसरे पे चढ़े होते हैं| उसके होंठ हलके साँवले से हैं जिस पर हल्की मेहरून रंग की लिपस्टिक एक अलग सा नशीला रंग चढ़ा देती है|
जिम्मी और रूपा की पहली बार मुलाकात तब हुई जब जिम्मी ने अपना रूम कश्मीरी गेट से खाली करके हौज ख़ास के एक सागर निवास में शिफ़्ट किया| जिसके सामने वाले प्रोफेसर चाँटें के घर की छत पर बने एक सिंगल रूम में वो पहले से ही रहती थी| जिसकी बालकनी के सामने बड़ी सी जिम्मी के रूम की खिड़की खुलती है, हालांकि खिड़की के पीछे एक पतली सी गली है जिसमें जाने के लिए रास्ता जिम्मी के बगल में रहने वाले एक uncle जो की सिक्युरिटी में हैं और उनकी शर्मीली पत्नी के रूम के पिछले दरवाजे से होकर जाता है| जिम्मी का रूम भी सागर निवास की छत के पहले ही फ्लोर (जिस पर कुल 6 कमरे बने थे जिनमें किरायेदार रहते हैं) पर है| प्रोफेसर चाँटें 55 साल के 5 फीट 7 इंच के हट्टे कट्टे शरीर के एक खड़ूस व्यक्ति हैं| उनकी वाइफ की 2 साल पहले ही डेथ हो चुकी है जो की हू ब हू south की actress हनी रोज के जैसे फिगर वाली लंबी चौङी जाटनी के जैसी दिखती है| उनकी एक बेटी है जिसकी 6 साल पहले शादी हो चुकी है जिसके दो बच्चे हैं और उनका एक बेटा है जो की विदेश में सेटल है| उसका अपना वहीं पर काफी बड़ा bussiness है| प्रोफेसर के बराबर वाले मकान में उनकी पत्नी के कॉलेज के दोस्त डैंडी जिनको सभी डैंडी साहब कहते हैं जो की अपनी पत्नी स्वास्तिनी और अपनी एक divorcee बेटी कामिनी ( कामिनी के बेटे विवान) और अपने एक बेटे करन के साथ रहते हैं| प्रोफेसर चाँटें साहब का खाना पीना उनकी पत्नी के कॉलेज के मित्र डैंडी साहब और उनकी पत्नी स्वास्तिनी के घर से ही आता है| सागर निवास के नाम से फेमस उस गली में बहुत जियादा चहल पहल नहीं रहती सभी लोग सुबह सुबह जॉब पर निकल जाया करते हैं और शाम में जियादातर अपने अपने रूम के अंदर ही रहते हैं इसलिए कब और कैसे जिम्मी रूपा एक दुसरे के इतने नजदीक आ गए किसी को पता ही नहीं चला सिवाय दो चार लोगों के
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# भाग 2
जान पहचान
इस कहानी में मैं ही जिम्मी हूँ
यूँ ही तन्हा जीते जीते जिम्मी एक दिन जब जॉब से लौटकर शाम को 6 बजे रूम पर आता है तो रूम की खिड़की से जो की सामने वाले मकान का पुरा सामने का दृश्य दिखाती थी छत से लेकर नीचे तक का देखता है एक बला की साँवली सी नशीली अदाओं वाली लड़की उस मकान के जीने से बहुत ही फुर्ती में उतर के नीचे आ रही है| चूँकि चाँटे अंकल के घर के मैन गेट का दरवाजा एक 6 फीट की दीवार से लगा हुआ 5 फीट ऊँचा मॉडर्न डिजाईन वाला है जिसके सामने खाली जगह जो की आँगन है फिर राईट वाली साईड से गली जा रही है उनके पड़ोसी डैंडी के घर की दीवार से सट के और उसके विपरीत साईड जीना है जो की चाँटे अंकल के घर की छत पे जाने के लिए है यह जीना रूपा के रूम के सामने वाली बालकनी तक जाता है फिर उस रूम के राईट साईड से छत के बाकी पीछे वाले भाग में जाने के लिए रास्ता है| जिम्मी ने की नज़रें यक ब यक जीने से नीचे आती हुई लड़की के सुडौल भरे हुए सीने पर ठहर जाती है और वह उन दमदारदूधों को वह जीने से उतरने की फुर्ती के साथ बेहद नशीले अंदाज़ में उपर नीचे किसी भारी से हैमर के जैसे उसके छाती पर स्लो मोसन में गिरते उठते देख कर बस देखता रह जाता है| उस पल में वह एक अजीब से एहसास में खो जाता है जब उसकी जब वह जीने से उतरते हुए अंतिम उसके अंतिम पायदान पर पँहुचती है और अपनी सुर्ख काली ज़ुल्फ़ों को झटकती है तो जिम्मी का ध्यान उसके सीने से हटता है और वह उसकी ज़ुल्फ़ों की कशिश देखता रह जाता है और अगले ही पल में उसके चौड़े हल्के से कर्वी शरीर और मजबूत जाँघों जो की टाईट जींस और स्पोर्ट्स टी शर्ट में साफ़ नज़र आ रही थी को देखकर दंग रह जाता है उसके शरीर में एक अजीब सी खुशी की लहर दौड़ जाती है और मन ही मन आनंदित हो उठता है| जैसे ही रूपा तेजी से एक फुर्ती वाली अदा के साथ मैन दरवाजे से निकल कर गली में जाने लगती है जिम्मी उसकी फ़ुर्तीली चाल के साथ किसी बजते हुए तबले की चमड़े की परत के जैसे कंपन से थिरकते हुए उसके चौड़े चौड़े उपर को उठे हुए चूतड़ देखकर सर से लेकर पाँव तक वासना से भर जाता है| अब सिर्फ़ उसे एक ही चाहत होती किसी तरह इस तबले को बजाकर उससे निकलने वाली एक मदमस्त करने वाली धुन सुनने की, ऐसे ही दूर तक उसकी जींस फाड़ के बाहर आने को उतावले होते हुए उसकी मस्त फुर्ती वाली चाल पे थिरकते हुए चुतड़ों को गली के उस छोर तक जहाँ तक खिड़की से देख सकता था देखता रहता है| अनायास ही उसका एक हाथ उसकी पेंट की जिप के ऊपर उठे उभार को सहलाना शुरू कर देता है| और अपने बेकाबू हुए wild सपनों में खो जाता है| जिम्मी यूँ ही ख़यालों में गुम 5 मिनट तक अपने पेंट में उठे ज्वाला मुखी को सहलाने के बाद कपड़े निकालता है और नहाने चला जाता है| नहाते वक़्त रूपा के गोल चौड़े भारी भरकम टाईट चुतड़ों की थिरकन को याद कर अपने नंगे सुडौल मजबूत बदन को छूता है और मदमस्त होकर नहाने लगता है और सोचने लगता है क्या इतनी चौड़ी टाईट उठी हुई परफेक्ट गांड को छूने भर से जैसे लड़को का सच में ज्वालामुखी फूट पड़ता है| या फिर रॉकी ऐसे ही बकबास करता है झूट बोलता है भला छूने भर से भी किसी का ज्वालामुखी फूटता होगा कहीं ये सब सोचते सोचते साबुन लगाते लगाते उसका हाथ जब उसकी गांड पर जाता है तो वो सोचने लगता है लड़कों की गांड कितनी छोटी सी होती है और वो रूपा की गांड को याद करके बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में अपनी गांड पर साबुन लगाने लगता है एक हाथ अपने ज्वालामुखी पर ले जाता है दुसरे हाथ से अपनी गांड के छेद पर बड़े प्यार से रूपा को याद करते हुए साबुन लगाने लगता है फिर गांड से हटा के अपना हाथ अपने सीने पर ले आता है और रूपा की भरी हुई छाती को याद करके सीने पर साबुन लगाने लगता है जिससे उसका पूरा रोम रोम आनंदित हो उठता है| फिर उसे राॅकी की बात याद आती है जिसने कहा था की वीर्य को जितना रोक के रखोगे उतना दिखने में आकर्षक लगोगे जिम्मी तुरं ख़ुद को कंट्रोल करता है और जल्दी से नहाकर बाहर आता है औरखुद के नंगे जिस्म को कमरे का दरवाजा बंद करके शीशे में निहारने लगता है इतनी देर में नीचे से टिफिन वाले की आवाज़ आती है जिस से वह एकदम चौकन्ना होकर अभी आया भाई कहकर कपड़े पहनता है और नीचे टिफिन लेने चला जाता है|
अगले दिन रविवार होता सुबह जिम्मी उठकर थोड़ी फिजिकल excercise करता है पर आज वो खिड़की खोल कर शर्ट लेस होकर लोवर पहन कर excercise करता है और सोचता है काश उसे रूपा ये सब करते हुए देखे उसके बाद कॉलगेट करके नहा धोकर फ्रेश होकर नाश्ता करता है और खिड़की के पास की चेयर पर ऐसे ही शर्ट लेस बैठकर पैर बेड पे रख कर सोचता है काश रूपा के दर्शन हो जाएं तो मज़ा आ जाए और वो बैठे बैठे अपने ज्वालामुखी को हाथ से लोवर के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर देता है फिर अचानक उठता है और खिड़की हल्की सी बंद करके लोवर उतार के अपने ज्वालामुखी पर तेल लगाकर उसकी प्यार से मालिश करता है तभी उसे एहसास होता है की उसके बाल काफी बड़े हो गए हैं फिर वो रूपा के बारे में सोचता है क्या उसकी भी भट्टी पर ऐसे ही बाल होंगे या फिर वो उगते ही साफ करती होगी लेकिन उसकी गांड क्या मस्त पहाड़ के जैसी मजबूत बड़ी है क्या उसकी गहरी घाटी में भी बाल होंगे ये सोचते सोचते उसका हाथ अपनी गांड के छेपर चला जाता है और उसे एहसास होता है की मेरी घाटी तो बालों से भरी हुई है फिर उसकी भी होगी लेकिन वो अपनी इतनी बड़ी पर्वत सी गांड की इतनी गहरी घाटी को कैसे साफ करती होगी फिर वो अचानक रेजर उठाता है और अपने ज्वालामुखी और अपनी छोटी सी गोल साफ गांड के बालों को शीशे में देखकर क्लीन कर लेता है और तेल से अच्छे से मसाज करता है अपने ज्वालामुखी और अपनी गांड की फिर कपड़े पहन कर नीचे जाता है और चाँटे अंकल को नमस्ते करता है जो की सुबह सुबह अपने आँगन में बैठकर अखबार पढ़ रहे हैं|
चाँटे अंकल जिम्मी को देखते ही कहते हैं; आओ जिम्मी बेटा कभी हमारे पास भी बैठ जाया करो बुजुर्गों के पास बैठने से बहुत फायदा होता है ये तुम्हारी जेनरेशन को कौन समझाए अब देखो आजकल तो पूरा अखबार रेप छेड़खानी लूट मारपीट इन्ही सब से भरा रहता है
जिम्मी; थोड़ा सा शर्मीले अंदाज़ में हाँ अंकल कहते हुए उनके पास पड़ी चेयर पर बैठ जाता है
चाँटे अंकल; जिम्मी तुम शरीर का बहुत ध्यान रखते हो अपने एकदम फिट लगते हो ये कहते हुए आहिस्ता से जिम्मी के कन्धे पे हाथ रख देते हैं
जिम्मी; जिम्मी नज़रें नीचे झुकाकर थोड़ा सा अपनी तारीफ सुनके और सभ्य बनने की कोशिश करते हुए हल्की सी इस्मायिल के साथ नीचे मुँह करके कहता है नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं है बस थोड़ा ध्यान रखता हूँ जिम्मी के तन बदन में एक अजीब सी बेचैनी होने लगती है वह मन ही मन सोचने लगता है काश रूपा नीचे आये और उसके मस्त मजबूत कर्वी जिस्म के दर्शन हो जाएँ किसी तरह तो दिन बन जाए
चाँटे अंकल; भाई आजकल ये हो क्या गया है इस जेनरेशन को, जिम्मी को एक न्यूज दिखाते हुए कहते हैं देखो ये साला लौंडा अपना जेंडर चेंज करा के लौंडिया बन गया यह बात सुनकर प्रोफेसर चाँटे की पत्नी के दोस्त पड़ोस में रहने वाले जो की एक प्रोपर्टी डीलर थे जिनको सब डैंडी साहब कहते थे आ जाते है|
डैंडी साहब; मस्ती भरे और रौबदार अंदाज़ में अरे चाँटे क्या दिखा रहा है लड़के को मुझे भी दिखा कौनसी न्यूज आ गई ऐसी जो इतना आग बबूला हुआ जा रह है| चूँकि चाँटे और डैंडी काफी क्लोज फ्रेंड थे तो वो ऐसे ही बात करते थे|
चाँटे अंकल; ये देख न यार आजकल के लौंडे लड़के से लड़की बन रहे हैं आखिर ये हो क्या गया है इन लोग को मैं चुपचाप बैठा उनकी बात-चीत सुन रहा हूँ|
डैंडी; चाँटे ये जेनरेशन बहुत बड़ी गांडू है इन चूतियों को कोई कुछ नहीं समझा सकता और तू मान न मान इसको साला पक्का गांडू होगा जिसने जेंडर बदला है ऐसा गंडूवा अगर मुझे मिल जाए कहीं तो साले की सारी गांड-मस्ती निकाल दूँ एक ही बार में जिंदगी में फिर कभी लौंडिया बनने की न सोचेगा
चाँटे अंकल; डैंडी साहब आपको झेल नहीं पायेगी आज की जेनरेशन आप कहाँ 6 फीट 11 इंच के इतने लंबे चौड़े मजबूत पहलवान ऊपर से आपका 9 इंच का छोटा पहलवान मर जायेगा बेचारा लौंडिया तो तब बनेगा जब जिंदा बचेगा तुमसे मिल के ये कह कर दोनों जोर जोर् से हँसने लगे|
तभी सुबह सुबह स्लिम फिट जिम सूट मैं आती हुई रूपा दिखी सड़क से जो सुबह सुबह पार्क जाया करती थी excercise करने क्या बला की खूबसूरत लग रही थी एकदम कामदेवी मैं तो जैसे देखता ही रह गया तभी चाँटे अंकल ने डैंडी साहब से कहा अब कोई फालतू बात नहीं बिटिया रानी आ गयी है बहुत भली लड़की है और फिर तभी रूपा दोनों अंकल को नमस्ते करते हुए जीने से ऊपर जाने लगती है मैं तो उसकी चौंडी सी उठी हुई टाइट गांड देखकर पागल हुआ जा रहा था और जो उसकी गांड की गहरी दरार में टाईट स्लिम फिट लेगी अंदर बाहर हो रही थी उसके जीना चढ़ते वक्त उसने तो मेरे ज्वालामुखी में हलचल ही मचा दी, तभी डैंडी साहब की डिवोर्सी बेटी चाय लेकर आती है जो की तब्बू हिरोईन के जैसकद काठी फिगर वाली महिला रंग एकदम गौरा तब्बू के जैसे चौड़े कंधे लंबे बाल चाय की केटल और कप रख कर प्रोफेसर चाँटें को रौबदार आवाज़ में हीदायत देकर अंकल पी कभी इतनखो जाओ आप लोग बातों में की चाय ही ठंडी हो जाए
चाँटे; ठीक है कामिनी तेरे हाथ की चाय तो वैसे भी अमृत है तेरे नाम में ही जैसे तेरी बातों में है कोई पागल ही होगा जो तेरी चाय न पियेगा
कामिनी; हाँ हाँ ठीक है पापा से और आप से तो बातें बनबा लो बस सारे दिन बिठा के
डैंडी साहब; सुन अपनी माँ से कहना मेरे कपड़ों पर प्रेस कर दे आज मुझे एक साईट पर जाना है एक क्लाइंट को घर दिखाने जाना है
कामिनी; ठीक है पापा
डैंडी साहब; जिम्मी के कंधे पे हाथ रखकर और जिम्मी बहुत चिकना हो कर घूम रहा है आज तू भी जेंडर चेंज करने के फिराक में है क्या
जिम्मी; नहीं अंकल कैसी बातें कर रहे हैं आप
डैंडी साहब; जिम्मी की कमर पे हाथ फिराते हुए थोड़ा नीचे ले जाते हैं मुझे अजीब सी फीलिंग हुई फिर वो हटा लेते हैं उसके बाद चाँटे अंकल से कहते है ठीक हैं चाँटे मिलते हैं शाम को और चले जाते हैं|
मैं(जिम्मी) भी चाँटें अंकल को यह बोलकर चला आता हूँ की मुझे कपड़े धोने हैं वैसे डैंडी साहब मुझे अक्सर छेड़ते रहते थे लेकिन उनके इरादे मुझे नेक नहीं लगते थे ऊपर से उनको सब अफ्रीकन अफ्रीकन बोलते थे जब की वो गेँहुआ रंग के थे|
दोपहर के वक्त तक सारा काम निपटा के खाना खा के में लेता ही था की गली में शोर शराबा होने लगा मैंने खिड़की खोल कर देखा तो गली में भीड़ लगी थी उस भीड़ में मुझे रूपा भी दिखी तो मैं उतर के नीचे चला गया तो देखा की हमारे ही मकान के नीचे वाले फ्लोर पर रहने वाले एक कपल के बच्चे का साइकिल से गिर कर सर फूट गया मुझे मौका मिला तो मैं चाँटे अंकल के पास गया जो अपने घर के गेट पे खड़े थे मैंने कहा अंकल इसको ये लोग हॉस्पिटल क्यों नहीं ले जा रहे किसका वेट कर रहे हैं तभी चाँटे के बगल में खड़ी रूपा ने मुझसे कहा आप ले जाओ इनके पति हैं नहीं और इन भावी को बाईक चलानी आती नहीं तो कैसे लेके जाएं तो मैंने झट से बाइक निकाली और चीची (चोटिल बच्चा) को बिठाया उसकी मम्मी (करुणा) को पीछे बिठाया लेके हॉस्पिटल गया पट्टी करा के लाया वहाँ करुणा भावी के पास पैसे भी नहीं थे इतने तो मैंने ऑनलाइन कर दिया और कहा भावी जी कोई बात नहीं बाद में दे देना उन्होंने कहा ठीक है भाईया आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने हमारी मदद की|
जैसे ही मैं लौट के आया रूपा रूम से नीचे आई और बच्चे को देखा और कहा भावी जी सब ठीक हो जायेगा परेशान न हो अब इसे कुछ दिन खेलने मत देना
करुणा भावी; हाँ रूपा ये बहुत शैतान है सुनता ही नहीं मेरी दुखी करके फेंक दिया है इसने
रूपा; कोई बात नहीं भावी जी बच्चे होते ही हैं शैतान
मैं; आप क्या यहाँ पर किराये पर रहती हो
रूपा; हाँ वैसे आपका बहुत बहुत थैंक्स आपने भावी जी की इतनी मदद की
मैं; थैंक्स तो मुझे आपको बोलना चाहिए आप ही ने मुझे आयडिया दिया
रूपा; आप अभी अभी शिफ्ट हुए हो यहाँ पहले कभी देखा नहीं आपको
मैं; जी, वैसे आपका नाम क्या है?
रूपा; मेरा नाम रूपा है और आपका?
मैं; मेरा नाम जिम्मी है
रूपा; ठीक है बाय
मैं; ओके बाय
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#भाग 3
मुलाकात
मैं(जिम्मी) भी बाय बोल कर अपने रूम में आ जाता हूँ और फिर शाम का खाना खा कर ये सोच कर गली में टहलने जाता हूँ कहीं रूपा मिल जाए तो किसी बहाने से नंबर फोन नम्बर मांग लूँ जैसे ही मैं गली के अंतिम छोर पर पहुँचता हूँ वैसे ही मार्केट से हाथ में केरी बेग लिए रूपा गली में एंटर होती और मुझे देखकर मुस्कुराती है मैं भपूछ लेता हूँ लगता आप शॉपिंग करके आ रही हैं
रूपा; जी हाँ
मैं; शॉपिंग तो मुझे भी करनी थी पर मुझे नहीं पता कौनसी शॉप बैटर है यहाँ ऊपर से अकेले जाने का मेरा मन भी नहीं होता
रूपा; अरे आप परेशान क्यों होते हैं जब भी आपको जाना हो बता देना मैं हेल्प कर दुँगी आप नंबर दे दीजिये अपना
मैं; अपना नम्बर देकर थैंक्स बोलता हूँ और कहता हूँ आपको भी कोई हेल्प चाहिए तो प्लीज बताना
रूपा; थैंक्स
और इस तरह हम दोनों बात करते करते अपने अपने रूम तक पहुँच जाते हैं मैं भी रूम पे आकर उसके बारे में सोचने लगता हूँ
तभी 1 घण्टे बाद व्हाट्सएप पर उसका मेसेज आता है
रूपा; आप खाना खुद से बनाते हो
मैं; हाँ और न भी
रूपा; मतलब
मैं; बनाता ही हूँ पर अगर कभी मन न हो तो टिफिन भी मँगा लेता हूँ पर आप तो खुद से ही बनाती होगी
रूपा; हाँ
मैं; आप करती क्या हो वैसे
रूपा; मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हूँ और अपनी भी पढ़ायी कर रही हूँ आप क्या करते हैं?
मैं; मैं मार्केटिंग में जॉब करता हूँ
रूपा; अच्छा आपका नाम क्या है
मैं; जिम्मी
रूपा; आपका नेचर अच्छा लगा उस दिन आपने भावी जी की हेल्प की उसके लिए फिर से थैंक्स
मैं; वेलकम रूपा मै भी पहली बार अपनी लाइफ में ऐसी लड़की से मिला हूँ जो इतने अच्छे नेचर की है वरना कौन आजकल दूसरों की हेल्प करने के लिए अपना नम्बर देता है
रूपा; अरे वो तो इसलिए मैंने दे दिया क्योंकि आपको जियादा किसी से बात करते नहीं और आपका नेचर भी अच्छा लगा|
मैं; थोड़ा छेड़ते हुए अच्छा जी तो आपको सिर्फ नेचर ही अच्छा लगा
रूपा; अरे मेरा वो मतलब नहीं था तुम भी अच्छे हो
मैं; लेकिन मैंने तो जब तुम्हें देखा बस देखता रह गया मैं की जादू है एक अलग सा तुम में
रूपा; चलो अब जियादा न देखो सो जाओ जब जाना हो शॉपिंग करने बता देना
मैं; ठीक है
उसके बाद हम दोनों एकदूसरे को बाय बोलते हैं और मैं उसकी मस्त गोल चोड़ी उठी हुई टाईट गांड के बारे में सोचते हुए एक हाथ से अपना ज्वालामुखी पकड़ता हूँ और दूसरा हाथ अपनी गांड पर फिराता हूँ और सो जाता हूँ
ऐसे ही थोड़ी बहुत बातें होते होते कहीं मिल जाने पर अब हँसी मजाक भी होने लगा था और अच्छे दोस्त बन चुके थे और फिर रविवार आ जाता है हम दोनों प्लान करते हैं लंच करके मार्केट जाने का
करीब दोपहर दो बजे रूपा मुझे मेसेज करती है अपने गली के बाहर आओ मैं वहीं पँहुच रही हूँ और फिर मैं वहाँ जाता हूँ हम दोनों मिलते हैं एक दुसरे को देख के स्माईल पास करते हैं और फिर हम दोनों बातें करते हुए मार्केट में चल देते हैं और बातें करते करते मैं उसका हाथ पकड़ लेता हूँ वो कुछ नहीं कहती और अब मैं हाथ दबाने लगता हूँ तो वो कहने लगती है क्या कर रहे हो दर्द हो रहा है हाथ में छोड़ो और हाथ छुड़ा लेती है
उसके बाद हम शॉपिंग शॉप पर पहुँचते हैं शॉपिंग करते वक्त मैं कहता हूँ तुम्हें भी कुछ लेना हो तो ले लो उसके बाद वो भी एक टी शर्ट ले लेती है मैं उससे कहता हूँ मैं पे कर दुंगा लेकिन वो नहीं मानती और कहती है नहीं मेरे पास पैसे हैं तुम अपने दो मैं अपने
फिर हम शॉप से निकर कर एक रेस्टोरेंट जाते हैं कुछ खाते हैं इस बार मैं पे कर देता हूँ और कहता हूँ अब कुछ बोलना मत तुम मेरे साथ शॉपिंग करने आईं इतना तो बनता है वो भी बोलती है ठीक है
फिर मैं बोलता हूँ यार यहाँ कोई पार्क नहीं क्या तो वो बोलती है एक पार्क है चलो चलते हैं हम पार्क जाते हैं और फिर वहाँ मस्ती करते हैं
मस्ती करते करते मैं उसकी मस्त गांड पर प्यार से एक थप्पड़ मार देता हूँ जिससे वो चिढ़ जाती है मैं दूसरा मार देता हूँ वो और चिढ़ जाती है फिर मैं सॉरी सॉरी बोलकर उसका मूड ठीक करता हूँ|
रूपा; यह सब बदतमीजी मुझे पसंद नहीं
मैं; यार तुम्हारी बैक है ही इतनी मस्त मैं क्या करूँ
रूपा; फालतू बकबास नहीं
मैं; अच्छा ठीक है चलो आओ आइसक्रीम खाते हैं
और फिर हम दोनों आइस क्रीम खाते हैं और एक दूसरे का हाथ पकड़ कर गली तक आ जाते हैं उसके बाद पहले वो अपने रूम पर निकल जाती है उसके जाने के 20 मिनट बाद मैं भी पहुँच जाता हूँ अपने रूम पर
ये सिलसिला जनवरी से शुरू होकर यूँ ही फरवरी तक चलता है अब तक हमारी दोस्ती काफी अच्छी हो चुकी थी|
अब हमारी अच्छी दोस्ती के बारे में चाँटे अंकल और उनके पड़ोसी डैंडी साहब और मेरे मकान में रहने वाले एक दो किरायेदार को पता लग चुका था इसलिए अब हम निडर होकर साथ में जाते घूमते और शाम को खाना खाकर टहलते और अब चाँटे अंकल और डैंडी साहब भी चिढ़ाने लगे थे मजे लेने लगे थे
डैंडी साहब की लड़की कामिनी भी कभी कभी छेड़ती थी हम लोगों को
मार्च आ चुका है आज 4 तारीख दिन रविवार है और रूपा का मेसेज आता है चलो मूवी देखने चलते हैं आज
मैं; रूम पर आ जाओ मेरे थोड़ा सा काम निपटा लूँ 20 मिनट लगेंगे फिर चलते हैं
रूपा; रूम पर आती है मैं उसे दरवाजे से हाथ पकड़ कर अंदर बुलाता हूँ और बैठने को कहता हूँ उसने ब्लू कलर की जींस और टॉप पहना होता है
मैं; यार आज तो तुम क़यामत लग रही हो तुम्हें हग करने का मन कर रहा है
रूपा; ये सब फालतू बकबास मत करो जल्दी तैयार हो जाओ चलते हैं
मैं; उसके पास बैजाता हूँ और उससे कहता हूँ प्लीज यार एक बार हग करने दो न प्लीज और कहते हुए उसकी कमर में हाथ डाल देता हूँ जिससे वो खुद को बचाने की नाकाम कोशिश करती है
मैं; उसके साथ छेड़खानी मस्ती करना शुरू कर देता हूँ वो शांत शिकारी शेरनी की तरह चुपचाप हल्का हल्का विरोध करने के साथ साथ कहती है देखो मैं जा रही हूँ अगर तुम्हें यही सब करना है तो
मैं; थोड़ी देर शांत रहता हूँ और फिर से उसकी कमर में हाथ डालके उसकी गर्दन पर किस कर लेता हूँ
रूपा; छोड़ो ये सब क्या कर रहे हो
मैं; उसके पैर ऊपर उठा कर चड्डी के साथ उसकी जींस बिना खोले एक ही झटके से ऊपर की और उसके पंजो की तरफ को खींच देता हूँ
जिससे वो कमर के बल बेड पर गिर जाती है और उसकी टांगें ऊपर हो जाती है उसकी सुलगती चूत और गरम जलती हुई गांड का छेद मेरे सामने आ जाता है जो की एकदम चिकना था
और मैं एक सेकेंड भी देर किये बिना अपना मुँह उसकी गांड के छेपर रख देता हूँ उफ्फ क्या मदमस्त करने वाली खुशबू आती है उसमें अब मैं पागलों के जैसे उसकी गांड चाटने लगता हूँ चाटते चाटते उसकी चूत भी चाटने लगता हूँ कब से मैं ऐसी कयामत गांड के दर्शन करने के लिए तरस रहा था और आज वो सब मैं पागलों के जैसे चाट रहा हूँ फीलिंग बता नहीं सकता फिर वो कहती है छोड़ो मुझे
उसके बाद मैं उसे बेड से अपनी तरफ खींचता हूँ नीचे खड़े होकर उसके पैर पकडके और पलक झपकते ही अपना लोवर नीचे करके अपना जन्मों से भूखा लंड उसकी चूत में पेल देता हूँ
ये सबइतनी जल्दी पलक झपकते ही हुआ की संभलने का मौका ही नहीं मिला किसी को और मैं जल्दी ही झड़ गया और वो जींस ऊपर चढ़ा के खड़ी हो गई शांत चुपचाप ये बोलते हुए यह सही नहीं हुआ ऐसा नहीं होना चाहिए था
इतनी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने उससे कहा प्लीज यार एक बार और करते हैं न देखो न ये शांत ही नहीं हुआ इस पर वो शांत चुपचाप खड़ी रही दीवार से लग के
उसके बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया उसने बिना कुछ बोले पकड़ लिया और शांत चुपचाप खड़ी रही किसी सोच में फिर मैंने उससे कहा हाथ से ही कर दो औउसने थोड़ी देर हाथ से किया बिना कुछ बोले और फिर एकदम से बोली
चलो लेट हो जायेंगे मूवी देखने चलते हैं ये सब नहीं करना मुझे जल्दी कपड़े पहनो
और फिर हम मूवी देखने गए
मूवी देखते हुए मैंने उसके बूब्स दबाये उसने भकुछ नहीं बोला मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और मैं ऐसे ही मस्ती करता रहा उसने मेरा हाथ पकड़ा और मैंने उसका हाथ उठा के अपनी पेंट के ऊपर उभार पर रख दिया वो शांत चुपचाप मजे लेती रही हम दोनों मूवी देखते रहे इसी तरह
और फिर शाम बाहर खाना खा पी के अपने अपने रूम पर आ गए
रात में करीब 10 बजे उसका मेसेज आया क्या कर रहे हो
मैं; कुछ नहीं बस लेटा हूँ
रूपा; आज तुमने सही नहीं किया
मैं; चुप रहो तुम भी मजे ले रही थी समझे बकबास न करो अब जो हुआ अच्छा हुआ मूवी कितनी मस्त थी
रूपा; हाँ मूवी तो मस्त थी
मैंने चैट करते करते कहा वीडियो कॉल करो फिर उसने वीडियो कॉल किया
मेरी आदत थी पूरा नंगा होकर सोने की मैने कैमरा अपनी छाती की तरफ घुमाया फिर लंड की तरफ किया वो कुछ नहीं बोली और हम दोनों बातें करते करते सो गए|
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What is the meaning of laxzy and laxza?
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#भाग 4
नया मोड़
अगले दिन 5 मार्च को रूपा का कोई मेसेज नहीं आया न दिन में उसने मेरा कॉल उठाया ऊपर से दो बार फोन बिजी बताया अब मैं परेशान हो गया बात करने के लिए फिर शाम 7 बजे उसका कॉल आता है की वो 6 मार्च को दिल्ली से लखनऊ जाने को कहती और मुझसे कहती है की मैं उसके साथ स्टेशन तक उसे छोड़ने जाऊँ और इतना कह कर गुड नाईट बोल कर सो जाती है
अगले दिन 6 मार्च को उसका फोन बिजी जाने लगता है सुबह से ही जब मैं उसको मेसेज करता हूँ की अगर तुमको मुझसे कोई संबंध रखना है आगे तो मुझे बेबकूफ मत बनाओ साफ साफ बताओ चल क्या रहा है किस से बात कर रही हो इस पर वह कहती है यार ऐसी बात नहीं है अगर तुम्हें यकीन नहीं होता तो लो तुम भी सुन लो और ये कहकर वो कॉल मर्ज कर देती और मुझसे म्यूट लगाने को बोलती है तो पता चलता है वह अपने मामा से बात कर रही है मैं कॉल काट देता हूँ और मेसेज करतहूँ फ्री होकर बात करना
फिर शाम को 3 बजे उसकी ट्रेन होती है वह 2 बजे मुझे कॉल करके गली के बाहर बुलाती है और साथ चलनको कहती है हम दोनों स्टेशन जाते हैं वहाँ कुछ खाते हैं फिर में पूछता हूँ क्यों जा रही हो तो वह कहती है लखनऊ में मासी के यहाँ जाना है मौसी के बेटे की लगन है मैं उसे ट्रेन में बिठाकर चला आता हूँ
7 मार्च को मैं कॉल करता हूँ कॉल नहीं उठता है मैं पूरे दिन कॉल करता हूँ पर कॉल नहीं उठता है फिर शाम को कॉल उठता है और उधर से एक लड़के की आवाज आती है
लड़का; कौन है बहन के लोडे तू मादरचोद क्यों कॉल कर रहा है बार बार
मैं; रूपा का फोन है ये तुम कौन बोल रहे हो
लड़का; मैं वो बोल रहा हूँ जो तेरी गांड फाड़ेगा अब जल्दी बता मादरचोद तू है कौन और कहाँ से बोल रहा है
मैं; मैं रूपा से प्यार करता हूँ मुझे उससे बात करनी है मैं कुछ समझ नहीं पा रहहूँ ये हो क्या रहा है उसका फोन तुम्हारे पास कैसे और तुम कौन हो
लड़का; बहन के लोडे तू इससे प्यार करता है और इसने तुझे क्या बताया ये अपनी मौसी के घर आई है ले देख और इतना कह कर लड़का वीडियो कॉल करता है जिसमें रूपा नंगी बैठी होती है कॉल देखते ही वह उके खड़ी हो जाती है और वो लड़का एक मोटा सा डंडा उठा के उसकी गांड पे पैरों में कमर पे बजाना शुरू कर देता है मुझे वीडियो कॉल पे दिखाते हुए और मुझसे कहता है तू इससे प्यार करता है ले देख बहन के लोडे रूपा रहम की भीख मांगती है उससे और उसके पैरों में गिर जाती है जिससे वो उसको कुतिया की तरह पुचकार कर घोड़ी बनाता है और उससे गांड ऊपर उठाने को बोलता है वो अपनी मदमस्त करने वाली चौडी उठी हुई गांड ऊपर उठाती है फिर वो लड़का उसकी गांड के छेद में डंडा घुसाने लगता है जब डंडा नहीं घुसता तो गालियाँ देते हुए उसकी गांड पे डंडे बरसाने लगता है और वो जब सीधी होना चाहती है तो बोलता है अगर तू घोड़ी वाली पोजीशन से जरा भी हिली तो तुझे ऐसे ही नँगा करके गली के बाहर ले जाऊंगा मारते हुए और बाहर नँगा हो छोड़ दुंगा पूरी रात साली रंडी जिससे वो उससे गिड़गिड़ा कर रहम की भीख मांगती है और कॉल काटने को बोलती है कहती है जो कहोगे मैं सब करने को तैयार हूँ प्लीज कॉल काटो और फिर वो जमीन पर थूक कर चटवाता है कॉल काटने के बदले जिससे रूपा उसका थूक फर्श से चाट के निगल जाती है फिर वो कॉल काट देता है
मेरे तो दिमाक के जैसे तोते ही उड़ जाते हैं मैं कुछ सोच ही नहीं पा रहा था आखिर ये हुआ क्या मै कुछ देर अचरज में रहा और फिर मुझे बहुत गुस्सा आया रूपा पर फिर उसे चोदने का मन किया बे रहमी से अचानक ही उसके लिए दया भाव आने लगा उसकी हालत देख कर
मेरे मन में सारे भाव एकसाथ उमड़ने लगे एक मन किया इससे अब कोई वास्ता नहीं रखना
मैं ये मन बना लेता हूँ की जब इसने मुझसे इतना बड़ा झूट बोला धोका किया मेरे साथ मुझे स्टेशन ले गई मैं ट्रेन में बैठा के आया मिलने किसी लड़के से गई और फिर अब ये सब
की मैं अब इससे कोई मतलब नहीं रखूँगा
लेकिन दो दिन बाद 9 मार्च को रूपा का सुबह 10 बजे फोन आता है मेरा बिल्कुल मन तो नहीं होता उठाने का और कोई भी बात करने का उससे फिर जब उसको पिटते हुए देखने का वो मंजर याद करता हूँ तो दिल करुणा और दया से भर आता है और उसके तीसरी बार कॉल करने पर मैं उठा लेता हूँ फोन
रूपा; स्टेशन नहीं आओगे क्या मुझे लेने
मैं; इतना सब देखने के बाद और ऊपर से तुमने एक एक बात झूट बोली मुझसे की मैं अपने मौसी के यहाँ जा रही हूँ मैं सिर्फ़ अपने घरवालों की मर्जी से शादी करूँगी मुझसे पाप हो गया तुम्हारे साथ सेक्स करके तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था मेरे घर पता चला तो मुझे मार डालेंगे पर अभी तो तुम किसी के घर में नंगी ऊपर से पीट रहा है उससे रहम की भीख मांगी जा रही है मुझसे बात तक नहीं की जा रही है मैं सुबह से फोन कर रहा हूँ फोन नहीं उठाया जा रहा फिर कोई लड़का उठा रहा है कॉल वो मुझे गालियाँ दे रहा तुम सुन रही उससे कुछ बोल भी नहीं रही हो
रूपा; प्लीज मुझे ग़लत न समझो मैं वैसे ही अपनी लाइफ में बहुत परेशान हूँ सब बताऊंगी तुम्हें वहाँ आकर तुम अभी स्टेशन पर आओ मुझे लेने फिर हम रूम पे चलेंगे तुम्हारे वहाँ बैठ कर आराम से सब सच सच बताऊंगी तुम्हें भले तुम जो सोचना चाहो तो मत करना उसके बाद मुझसे बात
मैं; अब कैसे विश्वास करूँ तुम्हारा
रूपा; प्लीज अभी तुम बस शाम को 4 बजे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नम्बर 3 पर पहुँच जाना मेरे फोन में बेट्री नहीं है चार्ज करने को है नहीं स्विच और मेरे पास समान भी है इतना कह कर फोन कट कर देती है फिर फोन स्विच ऑफ आता है.....
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क्या पकड़ा है कहानी को मज़ा आ गया
सुपर कहानी
यार नंंगा करके रूपा की गांड पे डंडा बजाता हुआ वीडियो कॉल पे एक लड़का जिसके बारे में रूपा का bf जिम्मी जानता नहीं कुछ न रूपा के बारे में जानता है आखिर क्यों नंंगा होकर पिटते हुए रहम की भीख मांग रही
I'm waiting for next part bro